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मौसम ने मारी पलटी… दिल्ली में तेज बारिश और यूपी में गिरे ओले; पहाड़ों पर बर्फबारी; IMD ने जारी किया अपडेट

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 7:08am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में करीब नौ बजे तेज बारिश ने मौसम बदल दिया और ठंड बढ़ गई, अभी भी दिल्ली के कई इलाकों में बारिश हो रही है। इसके साथ ही यूपी के अलीगढ़ और आगरा समेत कई जिलों में तेज बारिश के साथ ओले गिरे जिसकी वजह से ठंड बढ़ गई है।

पहाड़ों पर बर्फ का गिरना जारी

उत्‍तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण कर्फ्यू जैसी स्थित हो गई है। बर्फबारी के चलते कई मार्ग बंद हो गए हैं। सड़कों पर कई किमी तक बर्फ ही बर्फ पसरी हुई है। जिससे जन-जीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है। शनिवार को भी मौसम विभाग ने पूरे दिन भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।

मार्च से मई तक देश के बड़े हिस्से में प्रचंड गर्मी पड़ेगी

प्रशांत महासागर में ला-नीना की सक्रियता का असर दिखने लगा है। इस बार मौसम बहुत अव्यवस्थित है। आगे भी रह सकता है। सामान्य ठंड के बाद अब असामान्य गर्मी के लिए तैयार रहना होगा। मार्च से मई तक देश के बड़े हिस्से में प्रचंड गर्मी पड़ सकती है।

आइएमडी ने जारी किया अगले तीन महीने का मौसम पूर्वानुमान

भारत मौसम विभाग (आइएमडी) ने शुक्रवार को अगले तीन महीने का अनुमान जारी करते हुए कहा है कि गर्मी के मौसम में इस बार सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दिन के समय हीट वेव (लू) भी चल सकती है।

साथ ही लू चलने के दिन पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक रह सकते हैं। तापमान में तीव्रता मार्च के दूसरे सप्ताह से शुरू हो सकती है। ऐसी स्थिति में रबी एवं गर्मा फसलों को नुकसान हो सकता है।

#WATCH | Delhi: Rain lashes several parts of the National Capital.

(Visuals from Central Secretariat) pic.twitter.com/8MajN4O8tD

— ANI (@ANI) March 1, 2025

आइएमडी ने मौसम में इस व्यापक बदलाव को ला-नीना का असर बताया है, जो प्रशांत महासागर के सतही जल के सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाने के चलते बनता है और भारतीय महाद्वीप के मौसम को गहरे रूप से प्रभावित करता है। ला-नीना के चलते ही इस बार दिसंबर-जनवरी में ठंड भी ज्यादा नहीं पड़ी। फरवरी के पहले हफ्ते से ही मौसम ने करवट ले ली है और अप्रत्याशित रूप से तापमान बढ़ना शुरू हो गया।

मौसम विज्ञानियों ने वर्ष 2024 को सबसे ज्यादा गर्म बताया है

मौसम विज्ञानियों ने वर्ष 2024 को सबसे ज्यादा गर्म बताया है। पिछले तीन-चार महीने के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव के साथ वृद्धि बता रही है कि इस वर्ष भी स्थिति कुछ अलग नहीं रह सकती है। सिर्फ उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों, दक्षिण के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर के क्षेत्र में सामान्य तापमान रहने का अनुमान है, क्योंकि इन हिस्सों में कभी-कभी बारिश होते रहने के कारण तापमान नियंत्रित रह सकता है।

आइएमडी ने जिन क्षेत्रों में तापमान अधिक रहने की आशंका जताई है, उनमें एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और तेलंगाना शामिल हैं। हालांकि मौसम विज्ञानियों का मानना है कि मार्च के पहले हफ्ते में एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते तापमान नियंत्रित रह सकता है, लेकिन दूसरे हफ्ते से ही न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान का ग्राफ बढ़ना शुरू हो जाएगा।

हीट वेब करेगी परेशान

लू की स्थिति के बारे में मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न पैमाना होता है। मैदानी क्षेत्रों का अधिकतम तापमान अगर 44-45 डिग्री या उससे अधिक हो जाए या उस क्षेत्र के सामान्य तापमान से लगभग पांच-छह डिग्री से ज्यादा ऊपर चला जाए और तीन दिनों तक लगातार ऐसी स्थिति बनी रहे तो उसे हीट वेव माना जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों का पैमाना अलग होता है, वहां 30 डिग्री से अधिक तापमान के ही दो-तीन तक स्थिर रहने पर हीट वेव मान लिया जाता है।

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India-EU: इसी वर्ष मुक्त व्यापार समझौता करेंगे भारत-ईयू, PM मोदी और यूरोपीय आयोग की प्रेसिडेंट के बीच बनी सहमति

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 7:00am

 जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग की प्रेसिडेंट उर्सला वोन लेयेन ने दोनों पक्षों के बीच कारोबार एवं आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) को लेकर जारी किंतु-परंतु को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। दोनों नेताओं ने इस बारे में प्रतिबद्धता जताते हुए अपने संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दिया कि दोनों पक्षों के हितों के मुताबिक भारत-ईयू व्यापार समझौते पर इस वर्ष के अंत तक मुहर लगाई जाए।

भारत ने ब्रिटेन के साथ एफटीए पर वार्ता की नए सिरे से शुरुआत की

सोमवार को ही भारत ने ब्रिटेन के साथ एफटीए पर वार्ता की नए सिरे से शुरुआत की है, जिसे 2025 में ही अंतिम रूप देने का लक्ष्य है। साफ है कि जब कई देश अपनी इकोनमी बंद करने में जुटे हैं और दूसरे देशों पर आयात शुल्क लगाकर वैश्वीकरण की राह में अड़ंगे डाल रहे हैं, तब भारत एफटीए को लेकर मुखर है। संभवत: यही कारण है कि प्रेसिडेंट उर्सला ने भारत को मौजूदा वैश्विक अस्थिरता में निश्चतता का स्तंभ करार दिया है।

प्रेसिडेंट उर्सला के साथ यूरोपीय संघ (ईयू) के 27 देशों में से 22 देशों के आयुक्त भारत दौरे पर आए हैं। पहली बार ईयू का इतना बड़ा दल किसी दूसरे देश की यात्रा पर आया है। उर्सला की तरफ से यूरोपीय आयोग की सत्ता दोबारा संभालने के बाद पहली बार वह विदेश दौरे पर अपनी टीम के साथ निकली हैं।

यूरोपीय संघ व भारत के बीच अभी 120 अरब यूरो का द्विपक्षीय कारोबार

उन्होंने और प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों के उदाहरण के तौर पर पेश किया। मोदी ने एक पारस्परिक लाभकारी एफटीए व निवेश सुरक्षा समझौते को संपन्न किए जाने को प्राथमिकता बताया, जबकि प्रेसिडेंट उर्सला ने इस समझौते को मौजूदा भूराजनीतिक माहौल को इस निर्णायक फैसले के पीछे का कारण बताया।

यूरोपीय संघ व भारत के बीच अभी 120 अरब यूरो का द्विपक्षीय कारोबार होता है जो एफटीए के बाद कई गुना बढ़ सकता है। यह पहली बार है कि एफटीए करने का सीधा निर्देश दोनों पक्षों के शीर्ष नेताओं ने दिया है।

जापान एवं द. कोरिया जैसे रक्षा संबंध चाहता है ईयू

भारत और ईयू के बीच बैठक में पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद और चीन की तरफ से दूसरे देशों की संप्रभुता का उल्लंघन का मुद्दा भी उठा। वैसे उक्त दोनों देशों का नाम नहीं लिया गया। प्रेसिडेंट उर्सला ने कहा, 'हम भारत के साथ रक्षा व सुरक्षा सहयोग को प्रगाढ़ करना चाहते हैं। मौजूदा अस्थिर विश्व में भारत निश्चतता का स्तंभ है।

हमें मालूम है कि अधिनायकवादी शक्तियां मजबूत हो रही हैं, सीमाओं का उल्लंघन कर रही हैं और समुद्र में शांति के लिए खतरा बन गई हैं। ऐसे में हमें जमीन, समुद्र व अंतरिक्ष में सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की जरूरत है।' उन्होंने भारत के साथ वैसे ही रक्षा संबंध बनाने की बात कही, जैसे यूरोपीय देशों के जापान व दक्षिण कोरिया से हैं।

भारत-ईयू स्वाभाविक रणनीतिक साझीदार : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज विश्व अभूतपूर्व बदलाव के दौर से गु•जर रहा है। भू-आर्थिकी एवं राजनीतिक परिस्थितियों में तेज गति से बदलाव आ रहे हैं। पुराने समीकरण टूट रहे हैं। हमारी साझेदारी का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। लोकतांत्रिक मूल्यों, रणनीतिक स्वायत्ता व कानून आधारित वैश्विक व्यवस्था में साझा विश्वास भारत व ईयू को जोड़ता है। एक तरह से हम स्वाभाविक रणनीतिक साझेदार हैं।'

आठ महत्वपूर्ण कदम उठाने पर सहमति

ईयू के आयुक्तों के साथ पिछले दो दिनों में मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रियों की अलग-अलग कई स्तरों पर बात हुई है। शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद एक लीडर्स स्टेटमेंट जारी किया गया जो एक तरह से भारत-ईयू के भावी संबंधों का रोडमैप है। इसमें आठ महत्वपूर्ण कदम उठाने पर सहमति बनी है।

एफटीए को सबसे ऊपर रखा गया है। भारत से मध्य पूर्व होते हुए यूरोपीय देशों तक ढांचागत नेटवर्क बनाने की परियोजना (आइएमईसी) पर सभी साझीदारों से बात करना भी शामिल है। दोनों पक्ष एशिया प्रशांत और अफ्रीकी देशों में मिलकर सहयोग करेंगे। स्वच्छ ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग भी इसमें शामिल है।

हाइड्रोजन बस से ले जाए गए ईयू के आयुक्त

यूरोपीय आयोग के आयुक्त शुक्रवार को हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी से संचालित एक बस में सवार होकर दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस पहुंचे। हैदराबाद हाउस में ही प्रधानमंत्री मोदी और प्रेसिडेंट उर्सला के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बैठक हुई।

भारत-ईयू में बढ़ता रक्षा सहयोग पारस्परिक विश्वास का प्रतीक : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''हमने 2025 से आगे की अवधि के लिए भारत-ईयू साझेदारी के लिए एक साहसिक और महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाने का फैसला किया है। इसे अगले भारत-ईयू शिखर सम्मेलन के दौरान लांच किया जाएगा।''

भारत इस वर्ष के अंत में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है। प्रधानमंत्री ने रक्षा और सुरक्षा पर बढ़ते भारत-ईयू सहयोग को पारस्परिक विश्वास का प्रतीक बताया और कहा कि दोनों पक्ष साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में सहयोग बढ़ाएंगे। कनेक्टिविटी के बारे में मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आइएमईईसी) को आगे बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

मोदी ने ईयू के फैसले का स्वागत किया

उन्होंने विश्वास जताया कि आइएमईईसी वैश्विक वाणिज्य, सतत विकास और समृद्धि को आगे बढ़ाने का इंजन साबित होगा। मोदी ने भारत समर्थित 'इंडो पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव' में शामिल होने के ईयू के फैसले का स्वागत किया। वहीं, उर्सला ने हिंद महासागर को वैश्विक व्यापार के लिए जीवन रेखा बताया और कहा कि इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।

पश्चिम एशिया व यूक्रेन पर भी चर्चा

मोदी और उर्सला ने पश्चिम एशिया की स्थिति और यूक्रेन युद्ध पर भी विचार-विमर्श किया। बैठक के बाद बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता के सम्मान के आधार पर यूक्रेन में न्यायपूर्ण व स्थायी शांति के लिए समर्थन व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप मान्यता प्राप्त सीमाओं में शांति व सुरक्षा के साथ इजरायल एवं फलस्तीन के साथ रहने और द्वि-राष्ट्र समाधान के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई।

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Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज के लिए नई गाइडलाइन जारी, DCLR के पास पहुंचा लेटर; DM करेंगे निगरानी

Dainik Jagran - March 1, 2025 - 6:00am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिना ठोस कारण के अस्वीकृत किए गए दाखिल-खारिज (Bihar Jamin Dakhil Kharij) के मामलों के निष्पादन के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नया निर्देश जारी किया है। इसके लिए विभाग ने एक पत्र भूमि सुधार उप समाहर्ताओं (डीसीएलआर) को दिया है। जिलाधिकारियों को कहा गया है वे इस पर निगरानी रखें।

पत्र में कहा गया है कि अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के जिन मामलों को मेरिट के आधार पर निरस्त नहीं किया गया है, वैसे मामले की अपील में सुनवाई के दौरान भूमि सुधार उप समाहर्ता पहली ही तारीख को अंचल अधिकारी को पुनः सुनवाई का आदेश दें।

आवेदन पत्र के साथ सुसंगत दस्तावेज नहीं लगाने, संलग्न दस्तावेजों के अपठनीय होने, आवेदन भरने के समय गणितीय या लिपिकीय भूल हो जाने, ऑनलाइन जमाबंदी जहां से रकबा घटाया जाना है, उसमें त्रुटि होने जैसे कारणों से बड़ी संख्या में आवेदन अस्वीकृत होते हैं। ऐसे मामलों में 30 दिनों के भीतर डीसीएलआर के न्यायालय में अपील का प्रविधान है।

बिना मेरिट के पेंडिंग हैं मामले

विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा ऐसे मामले में बिना मेरिट पर विचार किए अधिक समय तक लंबित रखा जाता है। इससे रैयतों को अनावश्यक परेशानी होती है। विभाग की बदनामी भी होती है। ऐसे सभी मामलों की सुनवाई कर मार्च, 2025 तक निष्पादन करने का आदेश पत्र में दिया गया है।

पदभार ग्रहण करने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने अंचल अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज वाद को अस्वीकृत करने और भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा उन्हें स्वीकृत करने के मामले पर चिंता जताई।

उन्होंने अधिकारियों को कहा कि इस प्रकार के मामलों की विभाग जांच कराए और इस प्रवृति पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाए। पदभार ग्रहण करने के बाद विभाग के सचिव जय सिंह ने मंत्री को विभाग की विभिन्न सेवाओं के बारे में संक्षेप में जानकारी दी।

मिशन मोड में काम करें अधिकारी-कर्मचारी: संजय सरावगी

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा है कि वे इस विभाग की कार्य प्रणाली को पूर्ण पादर्शी बनाएंगे।शुक्रवार को पदभार ग्रहण करने के बाद अधिकारियाें से बातचीत में उन्होंने कहा कि विभाग की सेवाओं का समय-सीमा के भीतर निष्पादन हो, क्योंकि यह विभाग आम लोगों से जुड़ा है। हर वर्ग के लोग इस विभाग की गतिविधियों से प्रभावित होते हैं।

सरावगी ने मंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं केंद्रीय नेतृत्व सहित सहित प्रदेश नेतृत्व के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मंत्री पद मेरे जैसे पार्टी के कार्यकर्ता के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी, चुनौती और सम्मान है। पार्टी ने मुझपर जितना भरोसा करके यह जिम्मेदारी सौंपी है, मेरा पूर्ण प्रयास होगा कि मैं अपनी पूरी क्षमता और अनुभव से अपने विभाग को माध्यम बनाकर बिहार की जनता की सेवा कर सकूं।

ऐसा करने में मैं प्रधानमंत्री की नीतियों, विजन और मार्गदर्शन का अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सेवा के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा। राज्य में चल रहे भूमि सुधारों के साथ साथ विभाग के काम में पारदर्शिता लाने का प्रयास करूंगा, ताकि जनता का जीवन सरल सुगम और सुलभ बन सके।

उन्होंने कहा कि वे पार्टी के विश्वास और जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। विभाग के सभी पदाधिकारी और कर्मियों को मिशन मोड में पूरी ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ काम करना होगा।

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SC: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के सिख नेता को बरी किए जाने पर लगी रोक हटाई, पीठ ने कहा खारिज किया पुराना फैसला

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 5:54am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2021 में नेशनल कांफ्रेंस के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के आरोपित जम्मू-कश्मीर के राजनेता सुदर्शन सिंह वजीर को बरी किए जाने पर लगी रोक हटा दी है।

पीठ ने कही ये बात

जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा बरी किए जाने पर लगी रोक बहुत कठोर है और यह आरोपित को दी गई स्वतंत्रता को कम या खत्म करने जैसी है।

पीठ ने कहा, ''इसलिए 21 अक्टूबर 2023 और 4 नवंबर 2024 को जारी विवादित आदेश को खारिज कर अलग रखा जाता है। हाई कोर्ट अब इस आदेश से प्रभावित हुए बिना पुनरीक्षण आवेदन पर निर्णय लेगा। पुनरीक्षण अदालत केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही बरी किए जाने के आदेश पर रोक लगा सकती है, जहां ऐसे आदेश प्रथम दृष्टया गलत हों।''

वजीर को  दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था

वजीर को फरवरी 2023 में नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व एमएलसी की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने कहा कि बरी किए जाने पर रोक ने सत्र न्यायालय को आरोपित के खिलाफ आरोप तय करने और मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।

ट्रायल कोर्ट द्वारा अक्टूबर 2023 को वजीर को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी और 21 अक्टूबर को एकपक्षीय आदेश में इस राहत पर रोक लगा दी गई। दिल्ली हाई कोर्ट ने वजीर को ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद जमानत के लिए आवेदन को कहा था।

अभी न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ''आरोपित को पहले सुनवाई का मौका दिए जाने के बाद ही बरी करने के आदेश पर रोक लगाई जा सकती है। हम आरोपित को चार सप्ताह के भीतर सत्र न्यायालय में उपस्थित होने और अदालत द्वारा तय किए गए नियमों पर पुनरीक्षण आवेदन के निपटारे तक प्रभावी जमानत देने का निर्देश देते हैं।'' अगर अपीलकर्ता ऐसा नहीं करता है तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा और पुनरीक्षण आवेदन के निपटारे तक न्यायिक हिरासत में रखा जाएगा।

'रोहिंग्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिल सकेगा प्रवेश', सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम निर्देश

देश के शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को एक बड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि रोहिंग्या बच्चे प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों से संपर्क कर सकते हैं और इनकार किए जाने की स्थिति में वे उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।

दरअसल, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त) कार्ड रखने वाले रोहिंग्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश देने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका का निपटारा किया।

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इस साल 20 हजार करोड़ रुपये तक जा सकती है साइबर धोखाधड़ी, डिजिटल इकोनमी के लिए बनी गंभीर खतरा

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 2:00am

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। देश की डिजिटल इकोनमी के लिए गंभीर खतरा बन चुकी साइबर धोखाधड़ी के कारण इस साल 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। आम लोगों पर तो इसका खतरा है ही, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए भी जोखिम कम नहीं है। यह राशि पिछले साल के सरकारी आंकड़ों के मुकाबले लगभग दो गुनी है।

साइबर खतरों के प्रति आगाह करने वाली एआइ कंपनी क्लाउडसेक ने पिछले साल के आंकड़ों और भावी रुझानों का अध्ययन करने के बाद अनुमान लगाया है कि इस साल नौ हजार करोड़ रुपये केवल ब्रांड एब्यूज यानी नामी-गिरामी ब्रांड से मिलते-जुलते नामों के जरिये होने वाली धोखाधड़ी के भेंट चढ़ सकते हैं।

साइबर अपराध के सभी मामलों में ब्रांड एब्यूज की हिस्सेदारी एक तिहाई

रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराध के सभी मामलों में ब्रांड एब्यूज की हिस्सेदारी एक तिहाई है। इसका सीधा मतलब है कि लोग जागरूकता और सतर्कता के अभाव में ब्रांड को लेकर धोखा खा जाते हैं। धोखाधड़ी करने वाले लोग मामली और हल्के हेर-फेर के साथ डोमेन बना लेते हैं और लोग उनके जाल में फंस जाते हैं, क्योंकि उन्हें बड़े ब्रांड पर भरोसा होता है। बड़ी धनराशि वाली धोखाधड़ी में 70 प्रतिशत का संबंध इसी ब्रांड एब्यूज से है।

2025 में साइबर क्राइम की शिकायतें 25 लाख से अधिक

क्लाउडसेक के शोधकर्ता पवन कार्तिक एम. का कहना है कि यह पूरे देश के लिए आंखें खोल देने वाला खतरा है। इसके प्रति सभी को सतर्क हो जाना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार 2025 में साइबर क्राइम की शिकायतें 25 लाख से अधिक हो सकती हैँ। इनमें से पांच लाख खास तौर पर ब्रांड के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से संबंधित होंगी। फ्राड करने वाली वेबसाइटें, फिशिंग का बढ़ता दायरा और संदिग्ध एप्लीकेशनों के कारण खतरा हर दिन गहराता जा रहा है।

17 लाख शिकायतें दर्ज होने का आंकड़ा

क्लाउडसेक ने यह निष्कर्ष इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) के पिछले साल के डाटा के साथ ही 200 से अधिक कंपनियों और पांच हजार से अधिक डोमेन तथा लगभग 16 हजार ब्रांड एब्यूज के मामलों का विश्लेषण करने के बाद निकाला है। आइ4सी ने अधिकृत रूप से 2024 में 11,333 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी और 17 लाख शिकायतें दर्ज होने का आंकड़ा दिया था।

5800 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है

क्लाउडसेक ने बैंकिंग और फाइनेंसियल सर्विसेज पर साइबर धोखाधड़ी की सबसे अधिक (8200 करोड़) मार पड़ने की आशंका व्यक्त की है। इसके बाद रिटेल और ई-कॉमर्स का नंबर आता है। इन्हें 5800 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इसी तरह सरकारी सेवाओं के नाम पर की जाने वाली धोखाधड़ी 3400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। फ्रॉड वाले डोमेनों में पिछले साल के मुकाबले 65 प्रतिशत और ऐसे एप में 83 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशंका है।

सतर्कता ही समाधान

साइबर फ्राड को रोकने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने आइ4सी के नोडल अफसरों को फर्जी और संदिग्ध डोमेनों को हटाने की शक्ति दी है। कार्रवाई में देरी को भी घटाने की कोशिश हो रही है। बैंकों और वित्तीय सेवाओं को अपने डोमेन दुरुस्त करने के साथ ही खुद भी निगरानी करने के लिए कहा गया है। लेकिन इस सबके साथ ही सबसे अधिक सतर्कता खुद लोगों को दिखानी होगी।

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'बंगाल के नवाब की संपत्तियां भागीरथी नदी में समा रही', कलकत्ता HC ने हेरिटेज कमीशन को लगाई फटकार

Dainik Jagran - National - March 1, 2025 - 12:00am

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में बंगाल के अंतिम नवाब सिराजुद्दौला की स्मृतियों के संरक्षण को लेकर कोई पहल नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने सिराजुद्दौला की स्मृतियों के संरक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि मुर्शिदाबाद में बंगाल के नवाब की संपत्तियां भागीरथी नदी में समा रही हैं।

उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक विरासत हैं। इनका संरक्षण जरूरी है। राज्य को एक सप्ताह के भीतर इस मामले में अपनी स्थिति से कोर्ट को अवगत कराना होगा। इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भी इस मामले में शामिल करने का आदेश दिया गया है।

हेरिटेज कमीशन को फटकार

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सिराजुद्दौला की स्मृतियों के संरक्षण को लेकर राज्य के हेरिटेज कमीशन ने भी कोई पहल नहीं की है। इस संदर्भ में उन्होंने महाबलीपुरम और कन्याकुमारी में विवेकानंद स्मारक शिला के संरक्षण की याद दिलाई। पुराने इतिहास को संरक्षित करने के बजाय उसे नष्ट किया जा रहा है।

सरकारी वकील सुमिता बंद्योपाध्याय ने दावा किया कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1758 में बंगाल के अंतिम नवाब सिराजुद्दौला की स्मृतियों को नष्ट कर दिया था। केवल नौ बीघा जमीन थी। वह भी भागीरथी के कटाव में बह रही है। इसके लिए थोड़े और समय की जरूरत है।

अगले सप्ताह मामले पर पुन: सुनवाई होगी। मालूम हो कि सिराजुद्दौला स्मृति सुरक्षा ट्रस्ट की प्रमुख समर्पिता दत्ता की ओर दायर याचिका में मुर्शिदाबाद में भागीरथी के पश्चिमी तट पर सिराजुद्दौला की संपत्तियों के जीर्णोद्धार, नवीनीकरण और संरक्षण की मांग की गई है।

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