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Bihar News: फतुहा में घर में लगी आग, युवक को बचाने में 8 लोग झुलसे; घर से आ रही थी केरोसिन की गंध

Dainik Jagran - February 28, 2025 - 11:45pm

संवाद सूत्र, फतुहा। नदी थाना अंतर्गत सबलपुर फतेहजामपुर गांव के एक घर में आग लगने से महिला समेत आठ लोग झुलसकर घायल हो गए। मौके पर पहुंची नदी थाने की पुलिस ने घायलों को पीएमसीएच भेज दिया, जहां चार लोगों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।

घायलों में चार लोग एक ही परिवार के हैं। बताया जा रहा है कि रसोई गैस के सिलेंडर विस्फोट से आग लगी। घायल आठ मरीजों को पीएमसीएच में शुक्रवार की दोपहर इमरजेंसी स्थित बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया।

इनमें सात लोगों की हालत गंभीर है, जबकि एक को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। घायलों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है।

कोई 100 तो कोई 85 प्रतिशत तक जला 

घायलों में दो 100, दो 98, दो 95, एक 85 फीसदी जला है। घायलों में दो महिला और छह पुरुष हैं। घायल भर्ती मरीजों में गुड़िया देवी, मुकेश चौधरी, प्रमोद ठाकुर, जे कुमार, अर्जुन चौधरी, शांति देवी, राकेश कुमार, राजेश कुमार शामिल हैं।

घायल महिलाओं की स्थिति गंभीर बनी हुई है। गुड़िया 98 तो शांति देवी 100 फीसदी जल गई हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अधिक जल जाने से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। उपचार चल रहा है। 

आसपास के लोगों ने बताया कि अर्जुन चौधरी के पुत्र ने शोर मचाया। युवक के चिल्लाने की आवाज सुनकर घर के साथ-साथ आसपास के लोग पहुंचे तो देखा कि राकेश चौधरी चारों तरफ आग की लपेट से घिरा हुआ है। 

उसे बचाने के लिए उसके पिता अर्जुन चौधरी, मां शांति देवी, भाई मिथलेश चौधरी तथा पास के राजेश चौधरी, प्रमोद ठाकुर, गुड़िया देवी, तन्नू कुमारी सभी आग की चपेट में आ गये और झुलसकर घायल हो गए। ग्रामीणों ने तत्काल आगलगी की सूचना फायर बिग्रेड को दी।

आग पर पा लिया गया काबू

सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया। फतुहा डीएसपी निखिल कुमार ने बताया कि फतेहजामपुर गांव में एक घर में आग लगी है, जिसमें सात से आठ लोग झुलस गये हैं। सभी घायलों को पीएमसीएच भेजा गया।

आग घर में कैसे लगी, इसकी जांच की जा रही है। इस आगलगी से घर का हजारों का सामान भी जलकर नष्ट हो गया। घर से केरोसिन की दुर्गंध निकल रही थी। जांच के लिए एफएसएल की टीम को बुलाया गया है। घटना की जांच की जा रही है।

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केरल कांग्रेस में पड़ गई दरार? नये विवाद में फंसे शशि थरूर, पार्टी बोली- लाइन क्रॉस करेंगे तो...

Dainik Jagran - National - February 28, 2025 - 11:27pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर अब एक नये विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हाल ही में एक लेख में केरल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार की तारीफ कर दी थी।

इसके बाद से ही वह पार्टी के कुछ नेताओं की रडार पर आ गए थे। तब कयान लगने लगे थे कि केरल कांग्रेस में दरार पड़ गई है। हालांकि अब पार्टी ने इससे इंकार कर दिया है। राज्य इकाई ने कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है।

कांग्रेस आलाकमान ने ली बैठक

कांग्रेस के आलाकमान ने अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य इकाई के नेताओं के साथ एक लंबी बैठक की। इसके बाद कांग्रेस की केरल इंचार्ज दीपा दसमुंशी ने कहा कि शशि थरूर ने जो स्पष्ट किया है, वह बहुत सीधे तरीके से किया गया है और उस पर कोई भ्रम नहीं है।

(फोटो: एएनआई)

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि आप सभी हमेशा शशि थरूर का नाम क्यों लेते हैं। यह आम तौर पर सभी को बताया गया है कि पार्टी लाइन क्रॉस करने और पार्टी के खिलाफ कुछ कहने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'

राहुल और प्रियंका भी हुए शामिल
  • बता दें कि केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी क्रम में पार्टी आलाकमान में बैठक बुलाई थी। यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी शामिल हुईं।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे में बैठक की तस्वीरें शेयर कर आगामी चुनाव में जीत का दावा किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि हर कोई एकजुट होगा और केरल के लोगों के लिए लड़ेगा, क्योंकि राज्य सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है।
थरूर ने जताई थी नाराजगी

अभी कुछ दिन पहले भी शशि थरूर अपने एक बयान को लेकर चर्चा में थे। उन्होंने एक अंग्रेजी समाचार पत्र से बातचीत में कहा था कि अगर पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है, तो उनके पास अन्य विकल्प भी हैं। इस पर कयास लगने लगे थे कि थरूर दूसरी पार्टी में जा सकते हैं।

हालांकि बाद में थरूर मीडिया की हेडलाइन पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि समय बिताने से उनका तात्पर्य साहित्यिक गतिविधियों में समय बिताने से था। थरूर ने कहा कि मीडिया ने ऐसी हेडलाइन बना दी और इससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।

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Supreme Court: 'रोहिंग्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में मिल सकेगा प्रवेश', सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम निर्देश

Dainik Jagran - National - February 28, 2025 - 11:12pm

पीटीआई, नई दिल्ली। देश के शीर्ष न्यायालय ने शुक्रवार को एक बड़ी टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि रोहिंग्या बच्चे प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों से संपर्क कर सकते हैं और इनकार किए जाने की स्थिति में वे उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।

दरअसल, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों को यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त) कार्ड रखने वाले रोहिंग्या बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश देने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका का निपटारा किया।

कोर्ट ने क्या कहा?

जानकारी दें कि इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने एनजीओ 'रोहिंग्या मानवाधिकार पहल' की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस से कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चे पहले सरकारी स्कूलों का रुख करें। अगर उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो वे उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।

पीठ ने यह भी कहा कि हाल में कोर्ट ने इसी राहत की मांग करने वाली एक अन्य जनहित याचिका में भी इसी तरह का आदेश पारित किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने इस दौरान कोर्ट से कहा कि अदालत अपने निर्देश को आदेश में दर्ज कर सकती है, जिससे 500 छात्रों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। गोंजाल्विस ने कहा कि मैं 2018 से इस मुद्दे के लिए लड़ रहा हूं और एक सीधे आदेश से अदालत 500 छात्रों को प्रवेश देगी।

बच्चों के साथ कोई भेदभाव नहीं

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि वह वही आदेश पारित कर रही है, जो उसने रोहिंग्या बच्चों के मामले में एक जनहित याचिका पर पारित किया था। पीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चे ही आगे आएं। 12 फरवरी को शीर्ष अदालत ने कहा था कि शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।

जनहित याचिका में क्या की गई मांग

बता दें कि इस याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे शहर में रोहिंग्या शरणार्थियों को सरकारी स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच प्रदान करें। शीर्ष अदालत ने पहले यह जानना चाहा था कि ये शरणार्थी किस क्षेत्र में रह रहे हैं और उनका विवरण भी मांगा था।

कोर्ट ने मांगी थी ये जानकारी
  • 31 जनवरी को सर्वोच्च न्यायलय ने एनजीओ से कहा कि वह अदालत को बताए कि रोहिंग्या शरणार्थी शहर में कहां बसे हैं और उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं। कोर्ट ने एनजीओ के वकील गोंसाल्वेस से भी हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें दिल्ली में उनके बसने के स्थानों का उल्लेख हो।
  • इस दौरान एनजीओ की ओर से पेश वकील गोंसाल्वेस ने कहा था कि एनजीओ ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए सरकारी स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच की मांग की थी, क्योंकि आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें इससे वंचित कर दिया गया था।
  • उन्होंने कहा था कि वे शरणार्थी हैं जिनके पास यूएनएचसीआर कार्ड हैं और इसलिए उनके पास आधार कार्ड नहीं हो सकते। लेकिन आधार के अभाव में उन्हें सरकारी स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंच नहीं दी जा रही है।
दिल्ली में कहां रहते हैं रोहिंग्या शरणार्थी?

एनजीओ 'रोहिंग्या मानवाधिकार पहल' की ओर से पेश वकील ने पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि रोहिंग्या शरणार्थी दिल्ली के शाहीन बाग, कालिंदी कुंज और खजूरी खास इलाकों में रहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि शाहीन बाग और कालिंदी कुंज में वे झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं, जबकि खजूरी खास में वे किराए के मकान में रहते हैं।

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Manipur Violence: मणिपुर में फिर शुरू हुई हिंसा, कुकी उग्रवादियों ने मैतेई मंदिर में लगाई आग

Dainik Jagran - National - February 28, 2025 - 10:55pm

डि़जिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने मैतई कोंगबा मारू मंदिर में आग लगा दी है। ये हमला तब किया गया है कि जब एक रोज पहले राज्य के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सभी समुदायों के लोगों को लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को जमा करने के लिए एक सप्ताह की समय सीमा 6 मार्च तक बढ़ा दी थी।

यह वारदात सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुई। भारी सुरक्षा घेरे में श्रद्धालुओं का समूह प्रार्थना करने के लिए मैतेयी के पवित्र स्थल कोंगबा मारू में पहुंचा था। आसपास की पहाड़ियों से कुल सात राउंड गोलियां चलाई गईं, लेकिन इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ।

घटना के तुरंत बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों सहित सुरक्षा बल इलाकों में पहुंचे और गोलीबारी के सिलसिले में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान कांगपोकपी जिले के निवासी लुंगौसेम किपगेन, लेटमिनलाल किपगेन, सतमिनलुन तुबोईऔर थांगगौलुन किलोंग के रूप में की गई। इस बीच गोलीबारी के विरोध में आसपास के गांवों के गुस्साए स्थानीय लोगों ने वाहनों का आवागमन अवरुद्ध कर दिया।

हथियारों को सरेंडर करने की समय सीमा बढ़ाई

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को सरेंडर करने की समय सीमा छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है। बयान में कहा गया है, हथियारों के स्वैच्छिक समर्पण के लिए सात दिन की समयसीमा समाप्त होने पर घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों से इस अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। इन अनुरोधों पर विचार कर समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है।

कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी

इस अवधि में हथियार सरेंडर करने वालों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इससे पहले राज्यपाल ने 20 फरवरी को अल्टीमेटम दिया था कि लोग सात दिनों के भीतर लूटे हुए और अवैध हथियारों को स्वेच्छा से सौंप दें तो हथियार सौंपने वालों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन सात दिनों की अवधि बीतने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह समयसीमा गुरुवार को समाप्त हो गई। सात दिनों की अवधि में लोगों ने 300 से अधिक हथियार सरेंडर किए। इस बीच मणिपुर के कांगपोकपी जिले के एसपी ने पुलिसकर्मियों को अवैध संगठनों की मांगों के आगे न झुकने का निर्देश दिया है।

कांगपोकपी के एसपी मनोज प्रभाकर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, पता चला है कि कुछ अवैध संगठन कांगपोकपी में पुलिसकर्मियों से पैसे की मांग कर रहे हैं। कांगपोकपी जिला पुलिस के सभी कर्मियों को निर्देश दिया जाता है कि वे मांग पूरी न करें। पीडि़त कर्मियों को किसी भी आपात स्थिति में एसपी कांगपोकपी के कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।

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चेन्नई एयरपोर्ट पर भी खुला उड़ान यात्री कैफे; जल्द अन्य हवाई अड्डों पर भी सस्ते दामों में मिलेगा पानी, चाय और स्नैक्स

Dainik Jagran - National - February 28, 2025 - 10:21pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा उठाने के बाद सरकार ने कोलकाता के बाद अब चेन्नई में भी उड़ान यात्री कैफे शुरू करने का फैसला लिया था। इसकी पहली शुरुआत कोलकाता एयरपोर्ट से हुई थी, और अब चेन्नई एयरपोर्ट भी इस पहल में शामिल हो गया है। इससे यात्रियों को सस्ती दरों पर पानी, चाय और स्नैक्स मिलने लगे हैं, जिससे उन्हें राहत मिलेगी।

सांसद राघव चड्ढा ने इस उपलब्धि पर खुशी जताई है और इस मुहिम के लिए आम जनता के समर्थन पर धन्यवाद व्यक्त किया है। सांसद राघव चड्ढा ने अपने X (ट्विटर) सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, "एक छोटी सी चिंगारी भी अंधकार को रोशन कर सकती है… पहले कोलकाता, अब चेन्नई! खुशी है कि एयरपोर्ट्स पर सस्ती कैंटीन शुरू की जा रही हैं। इस मांग को समर्थन देने वाले सभी लोगों का आभार। हर छोटी कोशिश एक बड़ा बदलाव लाती है।"

A small spark can light up the darkest skies…

First Kolkata, now Chennai!

Glad to see affordable food canteens being set up at Airports. Grateful to everyone who supported my demand for affordable food and drinks at airports. Congratulations to each one of you - every drop… pic.twitter.com/EN8L1ESYnL

— Raghav Chadha (@raghav_chadha) February 28, 2025

पानी की बोतल 100 रुपये में, चाय 200-250 रुपये में

पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र में राघव चड्ढा ने एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया था कि एयरपोर्ट्स पर एक पानी की बोतल 100 रुपये में, चाय 200-250 रुपये में और अन्य स्नैक्स बेहद महंगे दामों पर बेचे जाते हैं, जिससे आम यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की थी कि एयरपोर्ट्स पर किफायती कैंटीन शुरू की जाएं, ताकि हर वर्ग के लोग हवाई यात्रा के दौरान उचित दामों पर भोजन और चाय-काफी पी सकें।

सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और "उड़ान यात्री कैफे" की शुरुआत की। पहले यह कोलकाता एयरपोर्ट पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुआ, जहां अब सस्ते दामों पर पानी, चाय, कॉफी और स्नैक्स उपलब्ध हैं। वहीं, अब चेन्नई एयरपोर्ट भी इस पहल में शामिल हो गया है।

सांसद राघव चड्ढा ने संसद में कहा था, "सरकार ने वादा किया था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज से यात्रा कर सकेगा, लेकिन हकीकत यह है कि बाटा के जूते पहनने वाला भी हवाई किराए और एयरपोर्ट्स के महंगे खानपान का खर्च वहन नहीं कर सकता।" उन्होंने संसद में इस बात पर ज़ोर दिया था कि हवाई यात्रा को सस्ता करने की बजाय, सरकार एयरपोर्ट्स पर महंगाई को बढ़ावा दे रही है।

यात्रियों की जीत – अब सस्ते में मिलेगा खाना

इस पहल के बाद यात्रियों को अब चाय-काफी के लिए ज्यादा रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे। उड़ान यात्री कैफे" में अब पानी की बोतल, चाय, कॉफी और स्नैक्स आम कीमतों पर उपलब्ध होंगे। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि इसे अन्य एयरपोर्ट्स पर भी लागू किया जाएगा, जिससे देशभर के यात्रियों को फायदा होगा।

संसद में छाया था राघव चड्ढा का भाषण

राघव चड्ढा के इस मुद्दे को उठाने के बाद सोशल मीडिया पर भी उनकी जमकर सराहना हुई थी। कई लोगों ने इसे यात्रियों के हक की लड़ाई बताया। लद्दाख से चुशुल के काउंसलर कोंचोक स्टेनजिन ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा था, "लद्दाख के लोग सर्दियों में महंगे हवाई टिकटों से पहले ही परेशान हैं, अब एयरपोर्ट पर महंगे खाने ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। राघव चड्ढा का यह प्रयास सराहनीय है।"

राघव चड्ढा ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन यह भी कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने मांग की कि उड़ान यात्री कैफे को जल्द से जल्द दिल्ली समेत देश सभी बड़े और छोटे एयरपोर्ट्स पर लागू किया जाए, ताकि हर यात्री को इस सुविधा का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा, मैं जनता की आवाज को संसद में उठाता रहूंगा। आपकी राय और सुझाव मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं। हम सब मिलकर बदलाव ला सकते हैं।"

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बिहार का सबसे अमीर और सबसे गरीब जिला कौन-सा है? सामने आई नीतीश सरकार की चौंकाने वाली रिपोर्ट

Dainik Jagran - February 28, 2025 - 10:06pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पूरे बिहार में अर्थव्यवस्था की गति एक समान नहीं है। ऐसा होता भी नहीं है। बिहार तो वैसे भी उपभोक्ता प्रदेश है। ऐसे में उपभोग की कमोबेश मात्रा गरीबी-अमीरी के अंतर को और बढ़ा देती है।

इसी कारण कुछ जिले विकास की राह पर तेज दौड़ रहे तो कुछ पिछड़ जा रहे हैं। जैसे कि पटना और शिवहर। पटना बिहार का सबसे अमीर जिला है, लेकिन शिवहर को यह सौभाग्य नहीं। शिवहर सबसे गरीब जिला है।

राज्य के भीतर आर्थिक विकास में क्षेत्रीय विषमता का आकलन सकल जिला घरेलू उत्पाद व निवल जिला घरेलू उत्पाद के आधार पर होता है। इस आंकड़े में आगे रहने वाले जिले संपन्न माने जाते हैं और पिछड़ जाने वाले विपन्न।संपन्नता का यह पैमाना पेट्रोल-डीजल-एलपीजी की खपत और लघु बचत से निर्धारित होता है।

अमीर और गरीब जिले

इन सारे सूचकांकों के आधार पर पटना सबसे समृद्ध जिला है। अमीरी में बेगूसराय और मुंगेर जिला क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। गरीबी के संदर्भ में क्रमश: यही क्रमांक सीतामढ़ी और अररिया का है।

पटना की प्रति व्यक्ति आय 121396 रुपये हैं। बेगूसराय और मुंगेर की क्रमश: 49064 और 46795 रुपये। शिवहर के संदर्भ में यह 19561 रुपये है। सीतामढ़ी की प्रति व्यक्ति आय 21931 रुपये है तो अररिया की 22204 रुपये।

  • अमीर जिले : पटना, बेगूसराय, मुंगेर क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर
  • गरीब जिले : शिवहर, सीतामढ़ी, अररिया क्रमश: पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर
  • पेट्रोल की खपत : पटना, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया आगे, लखीसराय, बांका, जहानाबाद पीछे
  • डीजल की खपत : पटना, शेखपुरा, औरंगाबाद आगे, शिवहर, सिवान, गोपालगंज पीछे
  • एलपीजी की खपत : पटना, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज आगे, अररिया, बांका, किशनगंज पीछे
आर्थिक समीक्षा की मुख्य रिपोर्ट : एक दशक में 3.5 गुना बढ़ी बिहार की अर्थव्यवस्था

कई तरह के उतार-चढ़ाव को झेलते हुए भी बिहार की विकास दर लगातार दोहरे अंक में बनी हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट ऐसा बता रही। बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को विधान मंडल में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसके उपरांत प्रेस-वार्ता में उन्होंने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था 2011-12 के 2.47 लाख करोड़ से साढ़े तीन गुना बढ़कर 2023-24 में 8.54 लाख करोड़ हो गई है। राष्ट्रीय वृद्धि दर की तुलना में बिहार के विकास की दर अधिक रही है।

दूसरी बार आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले सम्राट के पास वित्त विभाग का दायित्व भी है। विकास दर में वृद्धि को उन्होंने केंद्रीय सहायता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व का प्रतिफल बताया। दावा किया कि बिहार विकास दर के मामले में देश में तेलंगाना के बाद दूसरे स्थान पर है। वह भी 0.3 प्रतिशत के मामूली अंतर से। 2023-24 के लिए वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 854429 करोड़ रुपये अनुमानित है।

पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह वृद्धि 14.5 प्रतिशत की होती है। इसी अवधि में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ प्रति व्यक्ति आय 66828 रुपये अनुमानित है। यह अनुमान वर्तमान मूल्य पर है। स्थिर मूल्य पर यह राशि 7.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 36333 रुपये बनती है।

तृतीयक क्षेत्र का योगदान अधिक, दारोमदार कृषि पर:

अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र यानी व्यापार और सेवा क्षेत्र का योगदान 59 प्रतिशत के लगभग होगा, लेकिन आज भी सर्वाधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। कोरोना-काल में विकास दर में आई गिरावट के बीच इसी क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को संभाला था। अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है।

धान-गेहूं के साथ मक्का का उत्पादन लगातार बढ़ रहा और आम-लीची के बागानों का रकबा भी। कृषि क्षेत्र को सरकार का प्रश्रय है। इसका प्रमाण बिजली है। कुल खपत में कृषि में बिजली की खपत 2023-24 में 17.6 प्रतिशत रही, जो 2019-20 में 4.3 प्रतिशत थी।

सामाजिक सेवाओं पर खूब खर्च कर रही सरकार:

सम्राट ने बताया कि राजकोषीय संसाधनों के विवेकपूर्ण प्रबंधन से कई विकासमूलक लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही। इसके साथ ही सरकार के राजस्व व पूंजीगत लेखों में भी बढ़ोतरी हो रही है। यानी कि इन मदों पर व्यय बढ़ रहा है। यह बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए सुखद संकेत है। वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच पूंजीगत व्यय मेंं तिगुना बढ़ोतरी हुई है।

इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार संसाधनों के निर्माण पर अधिक खर्च कर रही। भविष्य में रिटर्न इन्हीं संसाधनों के बूते मिलता है। बहरहाल बजट का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवाओं पर खर्च हो रहा, जो सरकार की जन-कल्याणकारी अवधारणा को स्पष्ट करता है। 2023-24 में यह खर्च बढ़कर 83225 करोड़ हो गया है, जो 2019-20 में 57816 करोड़ रुपये था।

एसजीडीपी (रुपये में) वित्तीय वर्ष वर्तमान मूल्य स्थिर मूल्य 2011-12 247144 247144 2012-13 282368 256851 2013-14 317101 269650 2014-15 343951 279482 2015-16 371602 296488 2016-17 421051 318797 2017-18 468746 344028 2018-19 527976 381383 2019-20 581855 398329 2020-21 567814 368970 2021-22 647394 387256 2022-23 746417 425384 2023-24 854429 464540

(नोट : 2022-23 का अनंतिम अनुमान है और 2023-24 का त्वरित अनुमान)

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