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Bihar Panchayat Chunav Rules: ऐसे लोग नहीं लड़ सकेंगे त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि का चुनाव, हो गया क्लियर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में छह माह से अधिक कारावास की सजा पाने वाला व्यक्ति मुखिया सहित पंचायत प्रतिनिधि का चुनाव नहीं लड़ सकेगा। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने गुरुवार को जहानाबाद के जिलाधिकारी को पत्र भेजा है।
जहानाबाद के डीएम ने न्यायालय द्वारा सजायाफ्ता व्यक्ति के वार्ड सचिव का चुनाव लड़ने के संबंध में पंचायती राज विभाग से मार्गदर्शन मांगा था।
अपर मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि पंचायती राज विभाग की राय है कि छह माह से अधिक के कारावास से दंडित कोई व्यक्ति चाहे वह पंचायत प्रतिनिधि का चुनाव लड़ना चाहता हो या ग्राम पंचायत के तहत स्थित किसी वार्ड के वार्ड सचिव का चुनाव, लोक जीवन में शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से ऐसे व्यक्ति को ताउम्र पंचायत के तहत कोई चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
चूंकि वार्ड सचिव निर्वाचित वार्ड सदस्य के साथ और उसके अधीन काम करता है और वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति का पदेन सचिव होने के नाते राशि की निकासी में वार्ड सदस्य के साथ संयुक्त हस्ताक्षर भी होता है। इसलिए सजायाफ्ता व्यक्ति को वार्ड सचिव के रूप में चुनाव लड़ने की योग्यता प्राप्त नहीं है।
पत्र में महाधिवक्ता के विधिक परामर्श का भी हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि धारा 136 (1) से स्पष्ट है कि एक व्यक्ति को चुनाव के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा यदि ऐसे व्यक्ति को आपराधिक अदालत द्वारा राजनीतिक अपराध के अलावा किसी अन्य अपराध के लिए एक अवधि के लिए कारावास की सजय सुनाई गई हो। 6 माह से अधिक या आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 109 या धारा 110 के तहत अच्छे व्यवहार के लिए सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया गया है, तो उनहें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा।
पंचायत प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित किसी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा 6 माह से अधिक की सजा होती है तो उनकी सदस्यता खत्म हो जाएगी।
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Bihar News: हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा पटना साहिब स्टेशन, जल्द लगाए जाएंगे एक्सीलेटर और लिफ्ट
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। पटना साहिब स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को सामान लेकर सीढ़ियां चढ़ते हुए एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने में उत्पन्न होने वाली असुविधा से जल्द मुक्ति मिलेगी। जल्द ही एक्सीलेटर व लिफ्ट लगाया जाएगा। यह बातें गुरुवार को दानापुर रेल मंडल के रेल प्रबंधक (डीआरएम) जयंत कुमार चौधरी ने कहीं।
अधिकारियों के साथ पटना साहिब स्टेशन का निरीक्षण कर उन्होंने यात्री सुविधाओं एवं व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि रेलवे के भूखंड का इस्तेमाल यात्री सुविधाओं के लिए करने को लेकर योजना बनाई जाएगी।
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने यात्री सुविधाओं का विस्तार करने, यात्रियों के लिए एक्सीलेटर व लिफ्ट लगाने, स्टेशन के दक्षिण में रेल लाइन से जुड़े प्लेटफॉर्म संख्या दो व तीन का विस्तार करने समेत अन्य बिंदुओं पर अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया।
डीआरएम ने कहा कि पटना साहिब स्टेशन पर मानक अनुकूल यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्टेशन पर देश के विभिन्न राज्यों से यात्रियों के आवाजाही को देखते हुए मॉडल स्टेशन के तौर पर अन्य सुविधाएं देने का कार्य कराया जायेगा।
एक्सीलेटर व लिफ्ट लगाने के लिए जगह चिह्नितनिरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रस्तावित एक्सीलेटर व लिफ्ट लगाने के लिए चिह्नित स्थलों को देखा। इसके बाद डीआरएम दक्षिण ओर रेल लाइन के विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए प्लेटफार्म संख्या दो व तीन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्लेटफार्म से आगे बोगी नहीं जानी चाहिए।
इस दौरान डीआरएम ने साफ-सफाई को देखा। उन्होंने कमियों को दूर करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान एडीआरएम ऑपरेशन आधार राज, मंडल के सीनियर डीइएन, सीनियर डीइएन गतिशक्ति समेत अन्य पदाधिकारी थे।
यात्री सुविधाएं बढ़ाने का आग्रहस्टेशन प्रबंधक उपेंद्र कुमार सिंह ने अधिकारियों को संसाधन और व्यवस्था से अवगत कराया। वहीं दैनिक यात्री संघ के डॉ. विनोद कुमार अवस्थी ने पटना साहिब स्टेशन पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने का आग्रह किया।
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बिहार DGP को फर्जी कॉल करने के मामले में IPS आदित्य कुमार के खिलाफ आरोप तय, जानें क्या है पूरा मामला
जागरण संवाददाता, पटना। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर बिहार के डीजीपी को फर्जी कॉल कर पैरवी करवाने के मामले में आरोपित गया जिले के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ गुरुवार को आर्थिक अपराध मामलों की विशेष अदालत की न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत ने आरोप तय कर दिया।
अदालत ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को पढ़कर सुनाया। आरोपों को सुनने के बाद आरोपित ने अपने ऊपर लगाये गये आरोपों से इनकार किया। आरोपित को जेल से लाकर अदालत में पेश किया गया था।
इसके बाद अदालत ने मामले में अभियोजन पक्ष को साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत ने पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर आईपीएस कुमार को जमानत पर मुक्त किए जाने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?गया जिले के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमे और विभागीय कार्रवाई को रफा-दफा करने के लिए पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनकर मामले के एक अन्य आरोपित द्वारा बिहार के डीजीपी को फर्जी कॉल किया गया था।
इसे लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने केस दर्ज किया था। मामला आईपीसी की धारा 353 ,387, 419 ,420 ,467, 468, 120b और 66 तथा 66 डी आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया था।
मामले में फर्जी कॉल करने वाले अभिषेक जायसवाल उर्फ अभिषेक भोपाली और आईपीएस आदित्य कुमार सहित पांच लोगों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है।
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Patna High Court ने नीतीश सरकार को लगाई फटकार, कहा- उनकी आंखें तब खुलती हैं जब...
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश से राज्य सरकार एवं भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा न्यायिक आदेशों के प्रति उदासीन रवैये पर फटकार लगाते हुए कहा है कि "संवैधानिक कोर्ट में मुकदमा जीतने के बावजूद भी याचिकाकर्ता के लिए यह निश्चित नहीं हो पाता है कि उसके पक्ष में पारित न्याय आदेश का लाभ मिलेगा भी या नहीं! क्योंकि राज्य सरकार या विश्वविद्यालय अपने विरुद्ध पारित आदेश के विरुद्ध न तो वर्षों तक कोई अपील दायर करते हैं और न अदालती आदेश आदेश का समय पर अनुपालन। उनकी आंखें तब खुलती हैं जब कोर्ट से अवमानना का नोटिस मिलता है।"
यह पटना हाई कोर्ट में अब नियम हो चला है कि अमूमन हर दूसरे मामले में आदेश का अनुपालन करने के लिए कोर्ट में अवमानना याचिका दायर हो रही है। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने मीरा सिंह एवं अन्य की अवमाना याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।
क्या है मामलामामला 2016 में पारित हाई कोर्ट आदेश का शिक्षा विभाग और भागलपुर विश्वविद्यालय द्वारा अनुपालन नहीं किए जाने से संबंधित है, जिसमें खंडपीठ ने तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक के लिए रोक भी लगाई है।
नौ वर्ष पहले हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के लंबित भुगतान को देने का निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया था, लेकिन आज तक कोर्ट आदेश का पालन नहीं हो सका। हाई कोर्ट ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि कुछ सुस्त अफसरों के कारण न्यायपालिका की मर्यादा को सुरक्षित रखने हेतु हाई कोर्ट को मिली अवमानना आदेश की पावन शक्ति अब महज न्याय आदेश को फलीभूत कराने का जरिया बन गई है।
हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई में शिक्षा विभाग के उन अफसरों का नाम तलब किया है, जिनके आदेश पर भागलपुर विश्वविद्यालय का बैंक खाता को फ्रिज कर दिया गया।
कोर्ट ने माना कि सरकार की ऐसी करतूत यदि हाई कोर्ट के किसी आदेश के अनुपालन को रोकती है तो यह भी अवमानना का मामला बनेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
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Bihar Politics: 'पैसा लेकर डील करना RJD की पहचान', मंगल पांडेय ने Tejashwi Yadav को दिखाया आईना, दे डाली ऐसी नसीहत
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछा है कि आपको अपने परिवार और पार्टी का भ्रष्टाचार क्यों नहीं दिखता है। आपकी पार्टी राजद एवं आपके स्वजनों ने अनगिनत घोटाले किए हैं। राजद ने ही गरीबों को सबसे ज्यादा लूटा है।
मंगल पांडेय ने आरोप लगाया कि लालू यादव नौकरी के बदले गरीबों की जमीन लिखवाई है। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले में तेजस्वी, लालू यादव और राबड़ी देवी बेल पर बाहर हैं।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि पैसा लेकर कोई भी डील करना राजद की पहचान रही है। राजद हमेशा गरीब जनता की कमाई को लूटती रही है। बालू माफिया से लेकर जमीन माफिया सभी को ये प्रश्रय देते हैं।
निजी संपत्ति के सर्वे की बात घोषणापत्र से वापस ले कांग्रेस: शाहनवाजभाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव बुरी तरह हार रही है, लेकिन हार से पहले कांग्रेस और आइएनडीआइए वाले देशवासियों को डराना चाहता है। कांग्रेस की नजर देश वासियों की संपत्ति पर है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र से संपत्ति के सर्वे की बात तुरंत वापस ले। सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस का असली चेहरा बेनकाब हो गया है।
गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में शाहनवाज ने कहा कि कांग्रेस एवं आईएनडीआईए की विचारधारा अर्बन नक्सल के कब्जे में है, जो लोगों की निजी संपत्ति को लूटकर बांट देना चाहता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा है कि देश की संपत्ति पर देशवासियों का हक है। देश के लोगों की निजी संपत्ति, देशवासियों के पास मौजूद सोना कोई लूट नहीं सकता।
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JEE Advanced Cutoff 2024: जेईई एडवांस के लिए सभी कैटेगरी में बढ़ा कटऑफ, ये है आवेदन की अंतिम तिथि
जागरण संवाददाता, पटना। JEE Advanced Cutoff 2024 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से जेईई मेन 2024 जनवरी व अप्रैल माह में आयोजित की गई। परीक्षा के टॉप ढाई लाख विद्यार्थी जेईई एडवांस में शामिल होंगे।
जेईई मेन के आधार पर एडवांस पात्रता कटऑफ क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स वेबसाइट पर एडवांस के लिए 27 अप्रैल से सात मई तक आवेदन कर सकते हैं।
इस वर्ष परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ने के कारण ही एडवांस की पात्रता का कटऑफ भी बढ़ गया है।
जेईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल शाम पांच बजे से होगा आवेदनजेईई मेन के परिणामों के बाद अब चयनित शीर्ष 2.5 लाख विद्यार्थियों को जेईई एडवांस की परीक्षा के लिए पात्र घोषित किया गया है। जेईई एडवांस के आवेदन 27 अप्रैल शाम पांच बजे से प्रारंभ होंगे। आवेदन की अंतिम तिथि सात मई निर्धारित की गई है।
विद्यार्थियों को जेईई मेन के आवेदन क्रमांक एवं आवेदन के दौरान बनाए गए पासवर्ड से लॉगइन कर आवेदन करना होगा। जेईई एडवांस परीक्षा 26 मई को दो पालियों में होगी, जिसमें पेपर-1 सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक जबकि पेपर दो दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
सभी परीक्षार्थी को दोनों ही पेपर में शामिल होना अनिवार्य है। परीक्षा का रिजल्ट नौ जून को जारी कर दिया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कैंडिडेट जेईई एडवांस की ऑफिशियल वेबसाइट jeeadv.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करेंगे।
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JDU अपना रही नया फंडा, Nitish Kumar की 'लोकल' पर नजर; आधी आबादी निभा रही अहम भूमिका
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जदयू ने पार्टी के महिला प्रकोष्ठ से जुड़ी महिलाओं की तीन टीम बनाकर उन्हें गांव-गांव भेज चुनाव के बारे में फीडबैक लेना और फिर वोट के लिए प्रेरित करने का आरंभ किया है। जिन महिलाओं के नेतृत्व में गांव-गांव यह टीम पहुंच रही है, उनमें एक-दो को छोड़ कोई भी जदयू के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं है।
वहां पहुंच रहीं, जहां तुरंत होने वाला है चुनावजदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती मेहता बताती हैं। तीन टीमों के अतिरिक्त एक टीम ऐसी है, जो विशेष रूप से अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं के बीच जाकर बात कर रही हैं।
श्वेता विश्वास, मधु और अफरोजा खातून के नेतृत्व में यह टीम लगातार घूम रही है। सिस्टम यह है कि टीम उन क्षेत्रों में घूमती है, जहां अगले दस दिन के भीतर मतदान होना है।
इस तरह से काम कर रहा यह सिस्टमपटना से निकलने के बाद महिलाओं की टीम जब किसी जिले में पहुंचती है, तो सबसे पहले वह संबंधित जिले के जिलाध्यक्ष व लोकसभा प्रभारी से मिलती है। उनके परामर्श से यह तय होता है कि महिलाओं की टीम को किस इलाके में जाना है। संबंधित इलाके में पार्टी से जुड़ी कुछ महिलाओं को भी साथ ले लिया जाता है।
घर-घर जाकर महिलाओं से मिलने के साथ छोटी-छोटी सभाएं भीजदयू की महिला टीम घर-घर जाकर महिलाओं से बात करती है। उनसे नीतीश कुमार की सरकार में महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं पर विशेष रूप से बात होती है।
जीविका दीदियों को बुलाकर सौ-पचास की संख्या के साथ छोटी-छोटी सभाएं भी हो जाती हैं। यह चर्चा होती है कि नीतीश कुमार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए किस तरह से काम किए हैं।
सभी वर्ग की महिलाओं को इसका कितना लाभ मिला है। अगर बुजुर्ग महिलाएं पहुंचती हैं तो वृद्धजन पेंशन के बारे मे भी उनसे बात की जाती है। नौकरियों में महिलाओं के आरक्षण पर भी महिला टीम चर्चा करती है।
अगर अल्पसंख्यक महिलाओं का जुटान अधिक है तो उनके बीच हुनर और परित्यक्ता महिलाओं की आर्थिक सहायता के लिए जो योजनाएं नीतीश कुमार के शासन काल में शुरू हुईं, उन पर बातें होती हैं।
अब भी साइकिल योजना पर महिलाएं कर रहीं बातजदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती मेहता कहती हैं घर-घर घूमने के क्रम में यह अनुभव हुआ है कि महिलाएं इस बात को लेकर पूरी तरह से जागरूक हैं कि हाल के दशक में उनके लिए क्या काम हुआ है।
एक महिला ने साइकिल योजना की चर्चा करते हुए कहा कि उसकी बेटी को साइकिल मिली थी। अब वह टीचर हो गई है। प्रसव कराने का काम करने वाली महिलाओं को ममता और आशा कार्यकर्ता बनाया गया। इससे जुड़े फीडबैक भी मिल रहे।
Lalan Singh ने रखी ये मांग, तो झटपट मान गए Nitish Kumar; अब PM Modi की रैली में...
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को मुंगेर में होने वाली चुनावी सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। वहीं, अररिया में प्रधानमंत्री की सभा में नीतीश कुमार नहीं रहेंगे।
मुंगेर की सीट से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मैदान में हैं। नामांकन के दिन जदयू ने वहां बड़ा रोड शो किया था। जदयू के कई बड़े नेता व उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी चुनावी सभा में मौजूद रहेंगे।
एनडीए ने लिया था ये फैसलाहाल ही में एनडीए ने तय किया था कि प्रधानमंत्री की सभा में मुख्यमंत्री या एनडीए के कोई दूसरे बड़े नेता मौजूद नहीं रहेंगे। सभी अलग-अलग कार्यक्रम करेंगे। इससें सभाओं की संख्या बढ़ेगी।
ललन सिंह ने की विनती... मान गए नीतीश कुमारइस नीति के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में हुई दो सभाओं में मौजूद नहीं थे। मगर ललन सिंह के आग्रह पर मुख्यमंत्री मुंगेर में होने वाली प्रधानमंत्री की जनसभा में शामिल हो रहे हैं।
इसके पूर्व जब प्रधानमंत्री ने बिहार में जमुई से अपनी चुनावी सभा का आरंभ किया था तब उक्त सभा में मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री नवादा में भी प्रधानमंत्री की चुनावी सभा में शामिल हुए थे।
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'तेजस्वी यादव को अपने बाबूजी से...', JDU ने छोड़े सियासी 'बाण'; कहा- गोद में बैठने से कुछ नहीं होगा
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस की गोद में बैठकर प्रवचन देने से तेजस्वी यादव को कुछ लाभ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि केवल लफ्फाजी से कब तक काम चलाएंगे?
राजीव रंजन ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष लोकतंत्र व संविधान के खतरे में होने की बात करते रहते हैं। कभी कांग्रेस के आपातकाल की मार झेल चुके अपने बाबूजी से उन्हें यह पूछना चाहिए कि लोकतंत्र और संविधान जब खतरे में आता है तो सरकार का कहर आम जनों पर कैसे टूटता है।
राजीव रंजन ने कहा कि एनडीए की सरकार ने बिहार को जितना दिया है उतना कांग्रेस को देने का साहस नहीं।
अपराध पर लगाम से बिहार में विकास को नयी गति मिली- उमेशजदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि अपराध पर लगाम लगने से बिहार के आर्थिक विकास को नयी गति प्रदान हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माफिया राज को नेस्तनाबूद कर बिहार में सुशासन को स्थापित किया।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के हाथ में जब बिहार की बागडोर आयी तो सबसे पहले उन्होंने अपराधियों पर नकेल कसने का काम किया। बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलायी। इसके बाद प्रदेश की जनता को खुलकर जीने की आजादी मिली।
उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी शासन में यह स्थिति थी कि अपराधियों के भय सें बच्चियां स्कूल तक नहीं जातीं थीं। व्यापारी वर्ग का परिवार दहशत के माहौल में रहता था। नीतीश कुमार के राज में लोगों के बीच असुरक्षा और भय का माहौल खत्म हो चुका है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के वरिष्ठ नेता व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को कहा कि जाति जनगणना पर राहुल गांधी का यह बयान कि जाति जनगणना उनका मिशन है, कांग्रेस व उनका पाखंड है। उनमें अगर ईमानदारी व हिम्मत होती तो पहले इसकी मिसाल पेश करने वाले व देश को रास्ता दिखाने वाले नीतीश कुमार के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते।
जदयू प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि देश भर के लोगों को यह पता है कि आईएनडीआईए के आरंभिक दिनों में ही नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना को प्रमुख मुद्दा बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे राहुल गांधी ने ममता बनर्जी के इशारे पर खारिज कर दिया था।
'जब बिहार में यह काम हो चुका है...'उन्होंने कहा कि अब जब बिहार में यह काम हो चुका है और जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के आधार पर अतिपिछड़ों, पिछड़ों व अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ायी गयी है। साथ में सामान्य जातियों के गरीब परिवारों की पहचान कर उनकी आर्थिक उन्मति के काम आरंभ हुए हैं तौ राहुल गांधी को पश्चाताप हो रहा है।
राजद-कांग्रेस पर विजय चौधरी का निशानाविजय चौधरी ने कहा कि राजद और कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उसे पूरा करने के लिए उनके पास कोई नीति व कार्यक्रम नहीं है। एक करोड़ नौकरी की बात कर रहे हैं। बिहार और देश की जनता को इनसे सतर्क रहना चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, विधान पार्ष संजय कुमार सिंह, ललन सर्राफ, रवींद्र प्रसाद सिंह व डा. नवीन आर्या भी मौजूद थे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। दूसरे चरण का चुनाव आते-आते पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप और तीखे होने लगे हैं। दोनों पक्ष एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका चूकना नहीं चाहते। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने इसी कड़ी में गुरुवार को कहा कि भाजपा की कोर टीम बार-बार बिहार तो आ रही है, लेकिन मुद्दों की बात नहीं कर रही।
उन्होंने कहा कि मोदी, शाह और नड्डा के पास कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है। रोजगार और संविधान की रक्षा के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इन पर कोई बात नहीं हो रही। झा राजद कार्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे।
'नागपुरिया विधान से...'उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव संविधान की रक्षा का चुनाव है। बाबा साहब ने संविधान में जो अधिकार दिए उसे नागपुरिया विधान से कमजोर करने की साजिश चल रही है। प्रधानमंत्री बार-बार सफाई से संविधान नहीं बदलने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन वो महिलाओं के सम्मान, युवाओं के रोजगार, गरीबों के अधिकार और शोषितों, वंचितों को मान-सम्मान की कोई बात नहीं कर रहे।
उन्होंने कहा कि जो रोजगार, नौकरी, किसानों, पेंशन तथा बेहतर की शिक्षा की बात कर रहे हैं, उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है। न कहीं देश के लोगों को खासकर वोट डालने वालों में डर पैदा कर रही है।
'इस बार का चुनाव...'झा ने कहा कि इस बार का चुनाव दो धारा का चुनाव है। संविधान बचाने वाली धारा और दूसरी ओर संविधान को खत्म करने वाली साजिशों में लगी हुई धारा। लोगों को चिंता इस बात की है कि संविधान बचेगा की नहीं, क्योंकि अधिनायकवाद के खिलाफ संघर्षों को हर स्तर पर कमजोर किया जा रहा है।
मौके पर मुख्य प्रवक्ता सिंह यादव, चित्तरंजन गगन, एजाज अहमद,आरजू खान वे दूसरे नेता उपस्थित रहे।
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Lok Sabha Election: चौथे चरण के नामांकन में सामने आए अजब-गजब नाम वाले दल, क्या टिक पाएंगे मैदान में?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में 18वीं लोकसभा के चुनाव का चक्र जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे- वैसे नेताओं के बीच नई पार्टी बनाकर महासमर में उतरने का क्रम जोर पकड़ रहा है। इस बीच चौथे चरण के पांच संसदीय क्षेत्रों में अजब-गजब नाम वाले दलों के बैनर तले प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है।
अब देखना यह है कि वे मैदान में टिकते हैं या नहीं। अभी तक, जागरूक जनता पार्टी, साथी और आपका फैसला पार्टी, देश जनहित पार्टी, वाजिब अधिकार पार्टी, साक्षी और आपका फैसला पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी जैसे रोचक नाम एवं चुनाव निशान वाले दलों से पर्चा भरा हैं।
इसके अलावा कर्पूरी जनता दल, हिंदुस्तान पीपुल्स पार्टी (डेमोक्रेटिक), जनतंत्र आवाज पार्टी सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (कम्युनिस्ट), जनता राज विकास पार्टी, शोषित समाज दल, ओपन पीपुल्स पार्टी, अखिल भारतीय परिवार पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं।
भागीदारी पार्टी, वीरों के वीर इंडियन पार्टी...वहीं, तीसरे चरण में भारत निर्माण पार्टी, भागीदारी पार्टी (बीपी), वीरों के वीर इंडियन पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, सर्व समाज जनता पार्टी एवं गणतांत्रिक जनहित पार्टी जैसे अलंकृत नाम वाले दल के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
बता दें कि इसके अलावा छह राष्ट्रीय दलों (आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भाजपा, सीपीआइ (मार्कसिस्ट), कांग्रेस एवं नेशनल पिपुल्स पार्टी) के अलावा छह क्षेत्रीय पार्टियां भी मैदान में हैं। क्षेत्रीय दलों में जदयू, लोजपा-आर, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, राजद, रालोसपा एवं सीपीआइ (मार्कसिस्ट-लेनिनिस्ट लिबरेशन) हैं।
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भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। इस बार पहले चरण के चुनाव में बिहार के जिन चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ वहां वोटिंग के प्रतिशत में गिरावट पर खूब चर्चा हो रही है। मतदान कम होने के मूल कारण में बढ़ती तपिश, पलायन और मतदाताओं के बीच प्रत्याशियों को लेकर उदासीनता को माना जा रहा है।
वहीं, दूसरे चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है वहां वोटिंग को लेकर मतदाताओं के बीच बड़े स्तर पर जागरूकता रही है। भागलपुर, बांका, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को मतदान है।
पूर्णिया में विगत दो चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक पड़े हैं वोटपूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो विगत दो चुनावों में वहां 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। वर्ष 2019 में पूर्णिया में 65.37 प्रतिशत वोट पड़े थे। यह 2014 के लोकसभा चुनाव के 64.31 प्रतिशत से अधिक था।
कटिहार में भी वोटिंग का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है बेहतरकटिहार लोकसभा क्षेत्र में भी विगत दो लोकसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर खूब उत्साह रहा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कटिहार में 67.64 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मामला कुछ इसी तरह का था। तब यहां 67.60 प्रतिशत मतदान हुआ था।
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में भी मतदान 60 प्रतिशत से अधिककिशनगंज लोकसभा क्षेत्र भी उस श्रेणी के लोकसभा क्षेत्रों में शुमार है, जहां विगत दो लोकसभा चुनाव में मतदान 60 प्रतिशत से अधिक हुआ है। वर्ष 2019 में किशनगंज में 66.38 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2014 में यहां मतदान का प्रतिशत 64.52 प्रतिशत था।
बांका में विगत दो लोकसभा चुनाव से 58 प्रतिशत वोटिंगबांका लोकसभा क्षेत्र की स्थिति यह है कि विगत दो लोकसभा चुनावों में वहां 58 प्रतिशत वोट डाले गए। बांका में 2019 में वोटिंग का प्रतिशत 58.60 था, जो 2014 के 58.04 प्रतिशत से थोड़ा बढ़ा था।
भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में विगत दो चुनावों में 57 प्रतिशत मतदानभागलपुर लोकसभा क्षेत्र में विगत दो आम चुनाव के दौरान मतदान का प्रतिशत लगभग समान रहा है। वर्ष 2019 के आम चुनाव में वहां 57.20 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट का प्रतिशत 57.80 था।
नोटा को लेकर भी इन लोगों में बहुत कम रुचिजिन पांच लोकसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण का मतदान होना है वहां के लोग अपने वोट के महत्व को समझते हैं। यही वजह है कि इन क्षेत्रों के वोटर नोटा पर अपना बटन दबाने से परहेज रखते हैं। पूर्णिया में 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल 1.61 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कमोबेश यही ट्रेंड था।
तब 1.18 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का बटन दबाया था। भागलपुर में 2014 में 1.22 प्रतिशत लोगों ने नोटा का बटन दबाया, जबकि 2019 में यह थोड़ा बढ़ा। वहां 3.03 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया।
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में 2019 में नोटा का प्रतिशत 1.79 था जो 2014 में 1.85 प्रतिशत दर्ज किया गया था। कटिहार में 2019 में 1.84 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया था।
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Tejashwi Yadav : क्रिकेट की पिच पर दहाड़ते दिखे तेजस्वी, BJP से मांगने लगे हिसाब-किताब; पीएम मोदी का भी लिया नाम
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi लोकसभा चुनाव के बीच पक्ष-विपक्ष में जुबानी जंग लगातार जोर पकड़ रही है। पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर जमकर तीर चला रहे हैं। मां-बहनों के मंगलसूत्र से लेकर रोजगार, संविधान में छेड़छाड़ और रोजगार व महंगाई के मुद्दे लगातार जोर पकड़ रहे हैं।
इसी कड़ी में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपने सवालों के जरिये जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने गुरुवार को चुनाव प्रचार पर निकलने के पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से पूछा कि वे बताएं कि संविधान और लोकतंत्र क्यों समाप्त करना चाहते हैं?
नेता प्रतिपक्ष ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि प्रधानमंत्री जी आप वंचितों और गरीबों का आरक्षण और नौकरी क्यों छीनना चाहते हैं? आप गरीब को और अधिक गरीब और अमीर को और अधिक अमीर क्यों बनाना चाहते हैं?
आ गए मैदान में, जनता खड़ी है साथ
है भरोसा खुद पर, गरीबी बेरोजगारी को देंगे मात...
जनता के हक के लिए अड़ेगें,लड़ेंगे,भिड़ेंगे
सामने हो दुश्मन हजार, हम जीत हासिल करेंगे#TejashwiYadav #india #Bihar pic.twitter.com/wRsJN0RKjt
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 25, 2024 आप बिहार आकर काम की बातें क्यों नहीं करते हैं?- तेजस्वी यादवउन्होंने कहा कि बिहार ने आपको 40 में 39 सांसद दिए। आपने अपने 10 वर्षो के शासन में बिहार को क्या दिया। आप बिहार आकर काम की बातें क्यों नहीं करते हैं? तेजस्वी यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने एक्स मीडिया पर क्रिकेट खेलते हुए एक पोस्ट भी डाली है।
इसमें नेता प्रतिपक्ष शॉर्ट मारते हुए दिख रहे हैं और उन्होंने इस पोस्ट पर लिखा है कि आ गए मैदान में जनता खड़ी है साथ। भरोसा खुद गरीबी बेरोजगारी को देंगे मात। जनता के हक के लिए अड़ेंगे, लड़ेंगे, भिड़ेंगे, सामने हो दुश्मन हजार हम जीत हासिल करेंगे।
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Patna School Timing : पटना में फिर बदला स्कूलों का टाइम-टेबल, DM ने जारी किया नया आदेश
Patna School Timing : पटना में फिर बदला स्कूलों का टाइम-टेबल, DM ने जारी किया नया आदेश
डिजिटल डेस्क, पटना। Patna School Timing : राजधानी पटना में सभी स्कूलों में 10.30 बजे तक होगी पढ़ाई। 11वीं और 12वीं की कक्षा 11.30 बजे तक ही चलेंगी। भीषण गर्मी के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी सह डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने दंड प्रक्रिया संहिता के तहत नया आदेश जारी कर दिया है।
जिलाधिकारी ने अपने नए आदेश में साफ कहा है कि भीषण गर्मी को देखते हुए पटना के सभी स्कूलों को सुबह 10.30 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक बंद रखा जाएगा।
क्या है पटना डीएम का आदेशपटना डीएम (Patna DM) के नए आदेश के अनुसार, वर्ग 1 से 9वीं तक की कक्षाएं स्कूल खुलने के समय से सुबह 10.30 बजे तक ही लगाई जा सकेंगी। इसके बाद शाम 4 बजे तक इन वर्गों की कोई कक्षा नहीं लगेगी।
इसी तरह 10वीं, 11वीं और 12वीं वर्ग तक की कक्षाएं स्कूल खुलने के समय से सुबह 11.30 बजे तक ही लगाई जा सकेंगी। इसके बाद शाम 4 बजे तक इन वर्गों की कोई कक्षा नहीं लगेगी।
बता दें कि जिलाधिकारी ने अपने आदेश में साफ कहा है कि स्कूल प्रबंधन अपने अनुसार सुबह स्कूल खुलने का समय तय करेंगे। परंतु, स्कूल के बंद होने का समय जिलाधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है।
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Manish Kashyap : भाजपा में शामिल हुए मनीष कश्यप, BJP में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी; क्या अब लड़ेंगे चुनाव?
एएनआई, पटना/नई दिल्ली। Bihar Politics News Hindi: बिहार में चल रही सियासी अटकलों के बीच यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने भाजपा ज्वॉइन कर ली है। वह अपनी मां के साथ दिल्ली पहुंचे थे जहां उन्होंने भाजपा कार्यालय में मनोज तिवारी और संजय मयूख के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद क्या बोले मनीष कश्यपबीजेपी ज्वॉइन करने के बाद मनीष कश्यप ने कहा कि इन लोगों की वजह से ही मैं जेल से निकल पाया और मेरे जीवन के बुरे दिन खत्म हो पाए इसलिए मैं भाजपा में शामिल हुआ। बिहार को मजबूत करना है। भाजपा के साथ मिलकर अब मैं बिहार को मजबूत करूंगा।
मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप की तारीफ कीयूट्यूबर मनीष कश्यप के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप जैसा व्यक्ति जो जनता के सरोकार को उठाता है, वो भाजपा के साथ है। मैं मनीष को जानता हूं, वे गरीबों का भला चाहते हैं और गरीबों का भला करने के लिए वे पीएम मोदी के साथ जुड़े हैं। हम उनका बहुत ख्याल रखेंगे और सम्मान करेंगे।
बुधवार से ही चल रही थीं सियासी अटकलेंबता दें कि मनीष कश्यप को लेकर बुधवार शाम से ही सियासी अटकलें तेज हो गई थीं। इन अटकलों को तब बल मिल गया जब मनीष कश्यप ने सुबह में मां के साथ एक भावुक पोस्ट डाली थी।
इस पोस्ट में मनीष कश्यप ने लिखा था कि बहुत दिनों बाद मां के चेहरे पर खुशी नजर आई। मां खुश हैं तो सब कुछ एकदम सही हो जाएगा।
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'लागा झुलनिया के धाका...', तेजस्वी यादव पर चढ़ा लालू के देसी अंदाज का रंग, इस किस्से के साथ पढ़ें चुनावी विश्लेषण
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi यह 1990-91 का दौर था। वैशाली जिला के लालगंज में डंकल प्रस्ताव के विरोध में सभा हो रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह बोल रहे थे। जीन कंपेन की सुमन सहाय बोल रही थीं। वे दोनों डंकल प्रस्ताव के नुकसान के बारे में तकनीकी ज्ञान दे रहे थे। भीड़ कोई प्रतिक्रियाहीन थी।
उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद (Lalu Yadav) उठे। उन्होंने समझाया-ये जो डंकल प्रस्ताव है न, वह पास हो गया तो तुम्हारा कोहड़ा बहुत बड़ा हो जाएगा। उसको काटोगे तो क्या निकलेगा? भीड़ से जवाब नहीं मिला।
जवाब लालू ने ही दिया-कोहड़ा से गोबर निकलेगा, गोबर। भीड़ डंकल प्रस्ताव समझ गई थी।नारा लगा-डंकल प्रस्ताव मुर्दाबाद। लालू मुस्कुराए। वीपी सिंह के चेहरे पर भी चमक आ गई। जनता के बीच संवाद चला गया था।
तीन दिन पहले भी दिखा था लालू का अंदाजतीन दिन पहले तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने भी अपने भाषण में गोबर का उपयोग किया। पूर्णिया की सभा में उन्होंने कहा-मोदी जी इतना झूठ बोलते हैं कि गाेबर को भी हलुआ बना देते हैं। भीड़ की प्रतिक्रिया लालगंज जैसी ही थी। लालू अपने भाषण में रे भाई, अरे भाई का खूब प्रयोग करते थे। तेजस्वी भी कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने एकबार कह दिया था कि पूर्णिया में एयरपोर्ट बन गया है। तेजस्वी ने भीड़ से पूछा-जहाज का टिकट कहां मिलेगा रे भाई। बीमा (बीमा भारती, राजद उम्मीदवार।)जीत गई तो पूरे पूर्णिया का बीमा हो जाएगा रे भाई। मंच पर लालू गाते थे-लागा झुलनिया के धाका(धक्का), बलम कलकता पहुंच गए....।
पहले तेजस्वी फिल्मी गाने नहीं गाते थेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तेजस्वी गाते हैं-तुम तो धोखेबाज हो, वादा करके भूल जाते हैं। इसके साथ ही वह बड़ी गंभीरता से प्रश्न करते हैं कि भाजपा (BJP) ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जो वादा किया था, वह पूरा हुआ कि नहीं। इस क्रम में कालाधन वाला 15 लाख रुपया, हर साल दो करोड़ नौकरी, किसानों की आय दूनी और 2022 तक सबको पक्का मकान देने के वादे का उल्लेख करते हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी फिल्मी गाने नहीं गाते थे। उन्होंने उस चुनाव में एक गंभीर घोषणा की थी-हमारी सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का निर्णय होगा। यह भाषण प्रभावशाली साबित हुआ। विधानसभा चुनाव में राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभरा।
तेजस्वी के इस दावे को नीतीश भी नजरअंदाज नहीं कर पाएमुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी तेजस्वी के इस दावे को नजरअंदाज नहीं कर पाए। उन्होंने अपने भाषण में तेजस्वी से प्रश्न किया था-पैसा कहां से लाओगे। क्या उसी पैसा से वेतन दोगे, जिसके कारण जेल गए थे। असल में नीतीश चारा घोटाला और उसमें लालू प्रसाद की गिरफ्तारी की ओर इशारा कर रहे थे।
हालांकि, बाद में नीतीश ने भी 10 लाख लोगों को नौकरी देने की घोषणा कर दी। चार लाख से अधिक लोगों को नौकरी देने के बाद अब यह विषय नीतीश की प्राथमिकता सूची में ऊपर है।
2020 के विधानसभा चुनाव के उलट लोकसभा चुनाव में तेजस्वी अपने भाषण में भोजपुरी और मगही का भी उपयोग करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि लालू शैली में भाषण देकर तेजस्वी भीड़ से कारगर संवाद कर लेते हैं। लेकिन, इस अंदाज में उनकी अपनी शैली पीछे छूट रही है, जो 2020 के विधानसभा चुनाव में बनी थी।
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Patna Fire News : पटना के फेमस होटल में भीषण आग, दो लोगों की मौत की खबर व कई झुलसे; देखें VIDEO
जागरण संवाददाता, पटना। पटना के फ्रेजर रोड स्थित होटल और दो दुकानों में भीषण आग लग गई है। इससे इलाके में अफरा-तफरी मची हुई है। मौके पर कोतवाली थाने की पुलिस पहुंची हुई है। बिल्डिंग में होटल के साथ दुकानें भी है।
Patna Fire pic.twitter.com/hP4qNfyCJ5
— Arijita Sen (@ArijitaSen2) April 25, 2024मौके पर दमकल कर्मी पहुंचे हुए हैं और आग पर काबू पाने का काम जारी है।
होटल से बचाव कर्मियों ने दस लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। कई लोग झुलसे हैं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी है। बचाव राहत कार्य जारी है। झुलसे लोगों को अस्पताल भेजा जा रहा है। चार महिलाओं की हालत गंभीर है। दो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म और दमकल की 20 गाड़िया मौके पर मौजूद है।
इनके अलावा, फायर विभाग के अधिकारी, दमकल और कई थाने की पुलिस मौके पर है। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है। पीएमसीएच के बर्न विभाग में दो मरीज आए हैं दोनों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस भयावह दुर्घटना में पाल होटल और उसके बगल का होटल पूरी तरह जल चुका है।
अब दमकलकर्मी होटल के अंदर दाखिल होने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ फायर मैन हाइड्रोलिक प्लेटफार्म से ऊपरी मंजिल तक पहुंच रहे हैं। कुल तीन मकानों में अगलगी की घटना हुई है।
अभी तक 25 से 30 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। अभी रेस्क्यू जारी है। डीआईजी अग्निशमन मृत्युंजय चौधरी ने बताया कि अब तक 25 से 30 लोगों को निकाल जा चुका है। रेस्क्यू जारी है।
हादसा इतना भयावह था कि होटल के नीचे खड़ीं दर्जन भर गाड़ियां भी जल चुकी हैं। मौके पर 6 एम्बुलेंस और मंगाया गया है।दो और लोगों को होटल से बाहर निकाला गया। उन्हें एम्बुलेंस से पीएमसीएच भेजा जा रहा है। चार की स्थिति गंभीर है।
— Arijita Sen (@ArijitaSen2) April 25, 2024संबंधित खबर अपडेट की जा रही है...
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Patna News: पटना में सब्जी खरीदने वाले ध्यान दें... इस इलाके में प्रशासन ने उठाया कठोर कदम; जानिए पूरा माजरा
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: जनहित में सुगम यातायात और सड़क सुरक्षा के लिए मुख्य सड़कों और फुटपाथ पर वेंडरों को सामान बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्हें जन सुरक्षा के मानकों का अनुपालन करना ही होगा। प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि ने स्पष्ट शब्दों में यह कहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि सुगम यातायात के लिए केवल राजाबाजार क्षेत्र में सुबह नौ से शाम सात बजे तक सब्जी-फल बाजार लगाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है।
शहर के अन्य क्षेत्र में समय सीमा बाध्यकारी नहींशहर के अन्य क्षेत्रों में इस समय सीमा को बाध्यकारी नहीं किया गया है। प्रमंडलीय आयुक्त के अनुसार नेहरू पथ के दोनों तरफ शेखपुरा मोड़ से जगदेव पथ, रूपसपुर पुल ड्रग प्वाइंट तक दिन भर सब्जी-फल की दुकानें नहीं लगेंगी। उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वेंडर नगर निगम से चिह्नित वेंडिंग क्षेत्रों में ही अपनी दुकान लगाएं, यह सुनिश्चित करें।
उन्होंने पटना नगर निगम के क्षेत्रों में मुख्य सड़कों तथा फुटपाथ को वेंडरों और अतिक्रमण से मुक्त रखने का निर्देश दिया है।
गोला रोड में फुटपाथ पर कब्जा, चल रही दुकानेंगोला रोड में अतिक्रमण हटाओ अभियान बेअसर साबित हुआ। नेहरू मार्ग से गोला रोड मोड़ से मंजू वाटिका तक करीब 300 मीटर में सड़क के फ्लैंक और पार्किंग को दबंगों ने कब्जा कर फल, सब्जी और स्ट्रीट फुड स्टाल से राह चलना मुश्किल कर दिया है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने थानाध्यक्षों को दोबारा अतिक्रमण नहीं हो इसकी निगरानी का दायित्व दिया लेकिन कोई असर नहीं पड़ रहा है।
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Manish Kashyap: 'बहुत दिनों बाद मां के चेहरे पर खुशी...', अटकलों के बीच मनीष कश्यप ने दिया बड़ा संकेत; सियासत तेज
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics News Hindi: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को लेकर बड़ी सियासी अटकलें सामने आ रही हैं। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि मनीष कश्यप आज शाम तक बीजेपी ज्वॉइन कर सकते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि मनीष कश्यप को मनोज तिवारी अपने साथ दिल्ली ले गए हैं जहां उनकी बात बिहार के बड़े नेताओं से करवाई जा सकती है।
यह भी बताया जा रहा है कि मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को बीजेपी राज्य के स्तर पर कोई बड़ा पद दे सकती है। वहीं इन गहमागहमी के बीच खुद मनीष कश्यप ने एक भावुक पोस्ट कर दी है। मनीष कश्यप ने अपने एक्स हैंडल पर अपनी मां के साथ एक पोस्ट डाला है और लिखा है कि बहुत दिनों बाद माँ के चेहरे पे खुशी। मां खुश हैं तो सब कुछ सही हो जाएगा।
मनीष कश्यप ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का कर दिया था एलानबता दें कि मनीष कश्यप ने पश्चिमी चंपारण से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है। वह लगातार क्षेत्र में घूम घूमकर लोगों से वोट मांग रहे हैं। मनीष कश्यप लोगों को भोजपुरी भाषा में ही समझाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, मनीष कश्यप चुनावी मैदान में नए नहीं हैं।
2020 में चनपटिया से विधानसभा चुनाव लड़ा था2020 में वह बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके थे। हालांकि, उन्हें यहां हार मिली थी।
आखिर मनीष कश्यप को जेल क्यों जाना पड़ाबता दें कि मनीष कश्यप फर्जी वीडियो जारी करने के मामले में जेल चले गए थे। दरअसल, पटना पुलिस की विशेष आर्थिक अपराध इकाई ने उनके खिलाफ तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ जारी हिंसा का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उनके खिलाफ NSA भी लगा दिया गया था।
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