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Aadhaar Card News: अब हर बच्चे का होगा आधार कार्ड, स्कूल में एडमिशन के लिए हुआ अनिवार्य

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 6:35pm

जागरण संवाददाता, पटना। जिले के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं के बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों में नामांकित बच्चों का आधार कार्ड बनाने का काम शुरू है।

जिला शिक्षा कार्यालय के रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक माह में जिले के 16 हजार 134 बच्चों का आधार कार्ड बनाया गया। केवल बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए जिले में 46 केंद्र का चयनित किए गए हैं। इनमें से 27 केंद्रों पर आधार कार्ड बनाने एवं सुधार का काम जारी है जिले के प्रत्येक प्रखंड में दो आधार केंद्र निर्धारित करने का लक्ष्य है।

जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार बाकी बचे 19 आधार केंद्र पर अप्रैल के अंत तक आधार बनाने का काम शुरू हो जाएगा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए भी आधार कार्ड को बैंक अकाउंट से लिंक करवाना अनिवार्य है।

नया आधार कार्ड निशुल्क और अपडेट के लिए 50 से 100 रुपये शुल्क निर्धारित

जिन बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है उनका आधार कार्ड निशुल्क बनाया जा रहा है। जिनके पास आधार कार्ड है उसमें कुछ गलती रह गई तो उसमें सुधार के लिए 50 से 100 रुपये अभिभावकों को खर्च करना होगा।

जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि आधार कार्ड बनाने के लिए आपरेटर द्वारा अभिभावकों से पैसे लेने की शिकायतें आ रही है। संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि वे अपनी निगरानी में बच्चों का आधार बनवाएं और पैसे की मांग की जाती है तो इसके शिकायत करें।

एक केंद्र पर दो मशीन लगे

जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से निर्धारित आधार कार्ड केंद्र पर दो-दो मशीन लगाए गए हैं, ताकि बच्चों व अभिभावकों को असुविधा न हो। उक्त केंद्र पर निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं में पढ़ने वाले बच्चे केंद्र पर जाकर आधार कार्ड बनवा सकते हैं। आधार कार्ड किस केंद्र पर बनाया जा रहा है इसकी जानकारी प्रधानाध्यापक या प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त की जा सकती है।

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पटना में बाप-बेटी का रिश्ता हुआ शर्मसार, हैवान पिता ने नाबालिग बेटी के साथ की हैवानियत की कोशिश

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 6:31pm

संवाद सूत्र, नौबतपुर (पटना)। बिहार की राजधानी पटना के एक गांव में पिता-पुत्री के रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक कलयुगी पिता की अपनी ही नाबालिग बेटी पर नियत बिगड़ गई।

रात के समय नींद में सो रही बेटी के साथ पिता ने छेड़छाड़ शुरू की और उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। नाबालिग ने विरोध किया तो पिता जबरदस्ती करने लगा। इस पर नाबालिग जोर से चिल्लाई।

बेटी की आवाज सुनकर उसकी मां और छोटी बहन उसे बचाने आए, जिसके बाद बहसी पिता ने मार-पीटकर अपनी पत्नी को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया।

घटना की सूचना जख्मी महिला ने अपने मायके वालों को दी। जिसके बाद सभी नौबतपुर पहुंचे और आरोपित पिता को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। इस बाबत जख्मी महिला ने पति को नामजद करते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया है।

बताया जाता है की आरोपी पिता नशे का आदी है और पिछले छह महीने से वह अपनी 14 वर्षीय बड़ी पुत्री के साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहा है। मंगलवार की रात जब घर के सारा सदस्य सोया हुआ था तो वह बड़ी पुत्री के साथ छेड़छाड़ कर रहा था।

जब बच्ची ने शोर मचाया तो उसकी मां की नींद खुल गई। जिसके बाद पत्नी और बेटी ने उसकी करतूत का विरोध किया तो आरोपी पिता ने लाठी डंडा से मारपीट कर पत्नी और बेटी को जख्मी कर दिया।

स्थानीय थानाध्यक्ष ने बताया की आवेदन के आलोक में मामला दर्ज कर कारवाई की जा रही है। आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार को उसे न्यायालय में भेजा जाएगा।

विदित हो की अभी हाल में एक अन्य किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। जिसमें लापरवाही बरतने को लेकर थानाध्यक्ष समेत चार लोगों को एसएसपी ने निलंबित कर दिया था।

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लोकसभा चुनावों में जमानत तक नहीं बचा सके बिहार के 7,737 प्रत्याशी, 1996 में 1325 उम्मीदवारों का हुआ था बुरा हाल

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 4:36pm

व्यास चंद्र, पटना। खेल हो या राजनीति का मैदान, हार-जीत एक सामान्य प्रक्रिया है। सम्मानजनक तरीके से हारने पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन चुनाव में जमानत जब्त होना टीस देने वाला होता है। ऐसे लोगों को उपहास का पात्र बनाने का प्रयास किया जाता है।

ऐसे प्रत्याशियों को जमानत के पैसे जाने का उतना गम नहीं होता, जितनी मायूसी जमानत जब्त होने की घोषणा दे जाती है। आंकड़े प्रमाण हैं कि 1951 से 2019 तक के लोकसभा चुनावों में बिहार के 7,737 प्रत्याशियों को इस असहज स्थिति का सामना करना पड़ा है। इनमें निर्दलियों साथ-साथ राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी तक शामिल हैं।

1996 में सबसे ज्यादा प्रत्याशियों की जब्त हुई जमानत

देश के पहले चुनाव में संयुक्त बिहार के 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी। इनमें राष्ट्रीय एवं निर्दलीय लगभग बराबर संख्या में थे। राष्ट्रीय पार्टियों के 32 तो निर्दलीय 33 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे।

जैसे-जैसे लोकतंत्र मजबूत होता गया, लोगों को वोट का महत्व समझ आने लगा, जमानत नहीं बचा पाने वालों की संख्या भी बढ़ती चली गई।

1996 के चुनाव में रिकार्ड 1325 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। यह संख्या अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा थी। इनमें सबसे ज्यादा निर्दलीय 1,101 प्रत्याशी थे।

इसके बाद जमानत गंवाने वाले उम्मीदवारों की संख्या पांच सौ के आसपास रहती रही है। 1996 के चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों की कुल संख्या 1,448 थी।

कब जब्त होती है जमानत?

जब कोई उम्मीदवार चुनाव में खड़ा होता है, तो उसे चुनाव आयोग के पास तय राशि जमा करनी होती है। इसे ही जमानत राशि कहते हैं। हर चुनाव के लिए यह राशि अलग होती है।

लोकसभा चुनाव की बात करें तो 1951 में जमानत की राशि सामान्य वर्ग के लिए पांच सौ, अजा-अजजा के लिए ढाई सौ रुपये थी।

वह 2019 के चुनाव में क्रमश: 25 हजार एवं 12,500 रुपये हो गई। जब चुनाव में कुल पड़े वोट का 1/6 प्रतिशत उम्मीदवार को नहीं मिलता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। यह राशि राजकोष में जमा कर दी जाती है।

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Bihar Politics: वोटिंग से पहले लालू यादव ने खेला बड़ा दांव, इस नेता को बना दिया 4 हॉट सीटों का चुनाव प्रभारी

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बिहार की वो हॉट सीट जहां ओवैसी की पार्टी ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, क्या राहुल की रैली दिखा पाएगी कोई करिश्मा?

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 4:15pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। किशनगंज में कांग्रेस के मार्ग में एकमात्र अवरोध वोटों का भटकाव-बहकाव है। एआइएमआइएम की उपस्थिति से इसकी आशंका बढ़ गई है। राहुल गांधी का प्रयास इन आशंकाओं को निर्मूल करते हुए वहां कांग्रेस को लगातार चौथी जीत दिलाने का होगा।

यही कारण है कि उनकी जनसभा मतदान के कुछ ही दिन पहले होगी, ताकि मतदाताओं के कानों में उनका संवाद आखिरी क्षण तक गूंजता रहे।

अगर किशनगंज का दायित्व पूर्णतया राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप राहुल भागलपुर का रुख करते हैं, तो भी जनसभा के लिए मतदान के निकट की तिथि ही प्राथमिकता में होगी।

किशनगंज ने ही रखी थी महागठबंधन की लाज

पिछली बार बिहार में एकमात्र किशनगंज ने ही महागठबंधन की लाज रखी थी। यही कारण है कि लालू प्रसाद ने बिना हीला-हुज्जत के यह सीट कांग्रेस के हवाले कर दी, अन्यथा उसकी परंपरागत दूसरी सीटों पर राजद ने अपनी दबंगई खूब दिखाई।

औरंगाबाद में निखिल कुमार तो मन मसोस कर रह गए, लेकिन पूर्णिया में पप्पू यादव नहीं माने। ऐसे में पूर्णिया में राहुल की जनसभा सहज नहीं होती। वहां जदयू छोड़ राजद में आई बीमा भारती त्रिकोणीय संघर्ष में बुरी तरह फंसी हैं।

अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल पूर्णिया में जनसभा कर भी चुके हैं, जिसमें महागठबंधन के दूसरे नेता भी मंचस्थ थे। पिछली बार बिहार में राहुल की चुनावी जनसभाओं की शुरुआत पूर्णिया से ही हुई थी।

रंगभूमि मैदान में 23 मार्च, 2019 को उन्होंने चुनावी सभा की थी। तब उदय सिंह वहां कांग्रेस के प्रत्याशी थे, जिन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था।

कुछ वैसी ही जुटान न्याय यात्रा के क्रम में 30 जनवरी 2024 की जनसभा में भी हुई थी। ईडी के बुलावे के कारण लालू-तेजस्वी मंच पर नहीं आ सके, लिहाजा राजद के प्रतिनिधि के तौर पर अशफाक करीम पहुंचे थे।

इस बार कटिहार में लालू उन्हें निर्दलीय मैदान में उतरने के लिए उकसा रहे थे, जैसा कि अशफाक सार्वजनिक रूप से बता चुके हैं। कटिहार में कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर प्रत्याशी हैं।

अनुसूचित जाति से आने वाले खरगे बिरादरी विशेष के वोटों को बांधने का प्रयास करेंगे। परंपरागत रूप से सवर्णों के साथ अनुसूचित जाति व मुस्लिम वर्ग में कांग्रेस का जनाधार रहा है। इस बार उसे ही साधने का जतन है। इसी लिहाज से भागलपुर के मैदान में अजीत शर्मा को उतारा गया है।

किशनगंज के साथ कटिहार और भागलपुर में भी दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को मतदान होना है। कांग्रेस को मिली नौ में से तीन सीटों पर इसी चरण में निर्णय हो जाएगा।

शेष छह सीटों के अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। इन प्रत्याशियों के बारे में अंतिम निर्णय हो जाने के बाद किशनगंज में राहुल की जनसभा की तिथि घोषित होगी। वह तिथि 22 अप्रैल के निकट हो सकती है।

यह भी संभव है कि किशनगंज के साथ राहुल अपनी दूसरी जनसभा भागलपुर में करें। मंच साझा करने के लिए तेजस्वी यादव सहित महागठबंधन के दूसरे नेता आमंत्रित किए जा सकते हैं।

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Bihar Politics: मिथिलांचल में किसे मिलेगा 'पचपनिया' का साथ? 40 प्रतिशत वोट के लिए NDA और महागठबंधन में सीधी टक्कर

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 3:26pm

दीनानाथ साहनी, पटना। मिथिलांचल में चौथे और पांचवें चरण में चुनाव है। इस बार भी पचपनिया को बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। मिथिलांचल में छोटी जातियों के समूह पचपनिया (पचपन जातियों का समूह) कहा जाता है। पिछले चुनाव में राजग की जीत में इस समूह की निर्णायक भूमिका रही थी।

इस बार भी राजग मिथिलांचल में अपने परंपरागत समर्थकों के साथ पचपनिया को साधने में जुटा है। 40 प्रतिशत से अधिक इन जातियों के मतदाता आम तौर पर चुनाव के दौरान मौन साधकर रहते हैं, जबकि दबंग कही जाने वाली यहां की बड़ी जातियां अलग-अलग नेताओं एवं राजनीतिक दलों के समर्थन में खुल्लमखुल्ला रहती है। ऐसे में चुनाव के समय पचपनिया का महत्व बहुत अधिक हो जाता है

एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा सीधा मुकाबला

मिथिलांचल में सात लोकसभा सीटें हैं। इनमें दरभंगा, झंझारपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, उजियारपुर, सुपौल और मधेपुरा शामिल हैं। दिलचस्प यह है कि इन सीटों पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को जीत मिली थी। इस जीत में पचपनिया फैक्टर ने बड़ी भूमिका निभायी थी।

जाहिर है, मिथिलांचल की सभी सात सीटों पर इस बार भी जीत पक्की करने के लिए एनडीए जोर लगाये है। जबकि महागठबंधन मिथिलांचल की सीटों पर एनडीए की बढ़त रोकने का पूरा प्रयास में जुटा है।

इस बार मिथिलांचल में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखना दिलचस्प रहेगा। इससे मिथिलांचल में सियासी हलचल तेज हो गई है।

खासकर, छोटी-छोटी जातियों के मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए एनडीए विशेष मुहिम छेड़े हुए है। वहीं महागठबंधन भी उन जातियों के बीच सक्रिय है, क्योंकि हर चुनाव में अगड़ी जातियों, यादव व मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं का रुख स्पष्ट रहता है।

माना जाता है कि छोटी-छोटी जातियों के समूह पचपनिया ही मौन साधे होते हैं। इसलिए इस समूह पर अपना दावा मजबूत करने के लिए उनकी बिरादरी के नेताओं को दोनों गठबंधन द्वारा तरजीह दी जा रही है।

2014 में चार सीटें जदयू और तीन सीटें भाजपा ने जीती थी

मिथिलांचल में पचपनिया के बूते जदयू ने चार और भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। सीतामढ़ी सीट पर जदयू के सुनील कुमार पिंटू ने जीत दर्ज की थी। यहां से राजद के अर्जुन राय दूसरे स्थान पर थे।

सुपौल सीट पर जदयू के दिलेश्वर कामत जीते थे, जबकि दूसरे स्थान पर रंजीत रंजन रही थीं। मधेपुरा सीट से जदयू के दिनेश चंद्र यादव विजयी रहे थे। यहां पर राजद से शरद यादव दूसरे पर थे।

झंझारपुर में जदयू के रामप्रीत मंडल ने जीत दर्ज की थी। राजद के गुलाब यादव दूसरे स्थान रहे थे। भाजपा के गोपाल जी ठाकुर ने दरभंगा

सीट पर जीते थे, जबकि राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी दूसरे स्थान पर रहे थे। मधुबनी सीट पर भाजपा के अशोक कुमार यादव ने जीत दर्ज की थी। यहां विकासशील इंसान पार्टी के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्वे दूसरे स्थान पर रहे थे। उजियारपुर सीट पर भाजपा के नित्यानंद राय ने जीत दर्ज की थी। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेन्द्र कुशवाहा दूसरे स्थान पर रहे थे।

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Bihar Politics: 'नीतीश कुमार ने इसलिए छुए PM Modi के पैर...', लालू की बेटी मीसा भारती का बड़ा आरोप

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 2:52pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Misa Bharti On Nitish Kumar राजद नेता और लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। दरअसल, नीतीश कुमार अब प्रधानमंत्री की किसी भी जनसभा में मंच पर नजर नहीं आएंगे। एनडीए ने हिस्से अपनी रणनीति बताया है। वहीं, विपक्ष इसको लेकर नीतीश कुमार पर हमलावर है।

पाटलिपुत्र से महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहीं मीसा भारती ने बताया कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी नीतीश कुमार के साथ रैली क्यों नहीं कर रहे?

'नीतीश को पीएम से माफी मांगनी पड़ी...'

मीसा भारती ने कहा कि थोड़े दिनों पहले नीतीश कुमार ने 400 पार के नारे को 4000 पार बता दिया था, इसके बाद नीतीश कुमार को मोदी के पैर छूकर माफी मांगनी पड़ी थी। शायद यही कारण रहा होगा साथ में रैली ना करने का।

'प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए...'

हालांकि, मीसा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी व जदयू के नेताओं को यह बात बतानी चाहिए कि वह नीतीश कुमार के साथ रैली क्यों नहीं कर रहे। उन्होंने यह भी कहा कि ये उनका अंदरूनी मामला है।

मीसा भारती ने आगे कहा कि आज देश से पूछ रहा है कि मोदी जी ने 2014 और 2019 में जो वादा किया उसे क्यों नहीं पूरा किया। मोदी जी ने यहां आकर सिर्फ हमारे परिवार पर निशाना साधा, लेकिन रोजगार की बात नहीं की।

'मोबाइल चार्ज करने से रोजगार मिलेगा?'

प्रधानमंत्री मोदी ने गया में रैली के दौरान कहा कि राजद के लोग बिहार को लालटेन युग में ले जाना चाहते हैं। लालटेन से मोबाइल चार्ज नहीं होता है। आज तो जमाना एलईडी का है। इस पर मीसा भारती ने पलटवार किया। मीसा ने कहा कि लोगों को मोबाइल क्यों चार्ज करना है, इससे क्या रोजगार मिलेगा?

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6 सीट पर 25 साल से एक ट्रेंड : हर चुनाव में नए दल को मौका, ललन सिंह और पप्पू यादव की पत्नी का एक जैसा रहा हाल

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 2:38pm

कुमार रजत, पटना। समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ने कहा था कि लोकतंत्र में सत्ता की रोटी पलटती रहनी चाहिए। बिहार में लोकसभा की आधा दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां जनता यह काम बखूबी कर रही है।

मुंगेर, सीतामढ़ी, सुपौल, जहानाबाद, झंझारपुर और बांका की लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पिछले 25 या उससे भी अधिक सालों से हर चुनाव में नए दल को विजयश्री मिल रही है।

एक बार जिस दल को मौका दे दिया, उसे अगले चुनाव में दोबारा मौका नहीं मिलता। अगर लगातार दूसरी बार जनता ने किसी सांसद को मौका दिया भी तो पार्टी बदल गई।

मुंगेर से 1989 से लगातार विजयी दल बदल रहे हैं। जनता दल के टिकट पर धनराज सिंह ने 89 में कांग्रेस से यह सीट छीनी। अगले चुनाव 1991 में भाकपा के ब्रह्मानंद मंडल जीते, अगले चुनाव में उन्हें दोबारा मौका मिला मगर समता पार्टी से। इसके बाद तो सांसद और दल दोनों बदलते रहे।

1998 में राजद के विजय कुमार यादव, 99 में जदयू से ब्रह्मानंद मंडल, 2004 में जयप्रकाश नारायण यादव, 2009 में जदयू से ललन सिंह, 2014 में लोजपा से वीणा देवी और 2019 में वापस जदयू से ललन सिंह सांसद बने। लगातार दूसरी बार मौका किसी दल को नहीं मिला।

झंझारपुर सीट पर 98 में राजद से सुरेंद्र प्रसाद यादव जीते

झंझारपुर सीट पर 98 में राजद से सुरेंद्र प्रसाद यादव, 99 में जदयू और 2004 में राजद से देवेंद्र प्रसाद यादव, 2009 में जदयू से मंगनी लाल मंडल, 2014 में भाजपा से बीरेंद्र कुमार चौधरी और 2019 में रामप्रीत मंडल जीतकर सांसद बने। इस बीच देवेंद्र प्रसाद को लगातार दो बार मौका तो मिला मगर अलग-अलग दलों से।

बांका सीट पर 1998 और 1999 में दिग्विजय सिंह सांसद रहे, मगर पहले समता पार्टी तो दूसरी बार जदयू से। इसके बाद 2004 में राजद के गिरधारी यादव को जीत मिली।

2009 में पहले दिग्विजय सिंह और बाद में उनके निधन वा पत्नी पुतुल कुमारी ने निर्दलीय चुनाव जीता। वहीं 2014 में राजद के जयप्रकाश नारायण यादव तो 2019 में जदयू के गिरधारी यादव को जीत मिली।

जहानाबाद सीट पर छह लोकसभा चुनावों से पार्टी और सांसद का चेहरा दोनों बदल रहा है। 98 में राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव, 99 में जदयू से अरुण कुमार, 2004 में राजद से गणेश प्रसाद सिंह, 2009 में जदयू से जगदीश शर्मा, 2014 में रालोसपा से अरुण कुमार और 2019 में जदयू से चंदेश्वर प्रसाद सांसद चुने गए।

सीतामढ़ी में जदयू-राजद को ही मौका 

सीतामढ़ी सीट पर पिछले छह लोकसभा चुनावों से बदल-बदल कर राजद और जदयू उम्मीदवारों को मौका मिला रहा है। 98 में राजद से सीताराम यादव, 99 में जदयू से नवकिशोर राय, 2004 में राजद से सीताराम यादव, 2009 में जदयू से अर्जुन राय, 2014 में रालोसपा से रामकुमार शर्मा और 2019 में जदयू से सुनील कुमार पिंटू को सांसद चुना गया।

सुपौल में पिछली तीन बार से तीन दलों को मौका मिला है। वर्ष 2009 में जदयू के विश्वमोहन कुमार, 2014 में कांग्रेस की रंजीत रंजन और 2019 में जदयू के दिलेश्वर कामत यहां से सांसद चुने गए।

इसके पहले यह सीट सहरसा के नाम से थी। इस दौरान 84 से 96 तक जनता दल का कब्जा रहा। 98 में राजद के अनूप लाल यादव, 99 में जदयू के दिनेश चंद्र यादव और 2004 में लोजपा के टिकट पर रंजीत रंजन सासंद रहीं।

छह सीटों पर जदयू सांसद, इस बार जीते तो टूटेगा ट्रेंड

यह संयोग है कि इस ट्रेंड की सभी छह सीटें जदयू के खाते में हैं। इस बार जदयू ने पांच सीटों से विजयी सांसदों को ही दोबारा मौका दिया है। सिर्फ सीतामढ़ी में चेहरा बदला है।

यहां सुनील कुमार पिंटू की जगह देवेश चंद्र ठाकुर को टिकट दिया गया है। अगर जदयू छह सीटों पर इस बार भी जीत दर्ज करती है, तो पार्टी बदलने का ट्रेंड टूट जाएगा।

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Dainik Jagran - April 17, 2024 - 2:09pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।

पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को लिखे पत्र में यादव ने कहा कि राजद की नीति से वे सहमत नहीं रह गए हैं। राजद में केवल राज के लिए नीति चल रही है। जबकि राज और नीति में सामंजस्य जरूरी है। सिद्धांत के बिना राजनीति का मतलब आत्मा के बिना शरीर है।

उनकी बड़ी नाराजगी झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधान पार्षद सुमन महासेठ को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाने को लेकर है।

'झंझारपुर से यदि किसी...'

उन्होंने कहा कि झंझारपुर से यदि किसी समाजवादी विचारधारा वाले कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया जाता तो आसान जीत मिल सकती थी। सिर्फ झंझारपुर ही नहीं, छह-सात अन्य लोकसभा सीटों पर भी उम्मीदवारों का आयात किया गया। इन सभी सीटों पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया जाता तो उन्हें कोई शिकायत नहीं थी।

यादव ने कहा कि अपने कार्यकर्ताओं के बदले सांप्रदायिक सोच वाले किसी व्यक्ति को झंझारपुर से उम्मीदवार बनाने की घटना से वह बुरी तरह आहत हुए हैं। मेरी अंतरात्मा कह रही है कि राजद में एक क्षण भी नहीं रहना चाहिए।

पांच बार सांसद रह चुके देवेंद्र यादव

देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि झंझारपुर समाजवादियों की धरती है। इस धरती की सांप्रदायिक ताकतों के हाथों नीलामी वह बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने लिखा- मैं अपनी राजनीति कर्म व जन्म भूमि तथा झंझारपुर की समाजवादी धरती के साथ छल नहीं कर सकता।

मालूम हो कि देवेंद्र प्रसाद यादव 1989, 1991 एवं 1996 में एकीकृत जनता दल, 1999 में जदयू ओर 2004 में राजद टिकट पर झंझारपुर से सांसद रह चुके हैं। वे एचडी देवेगौड़ा की सरकार मे केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे। बीच में उन्होंने समाजादी जनता दल डेमोक्रेटिक का गठन किया था, जिसका राजद में विलय हो गया था।

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Election in Patna: पटना में होगा जीरो वेस्ट इलेक्शन, बिहार में पहली बार दिखेगा यह नजारा; लगी अंतिम मुहर

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 1:57pm

मृत्युंजय मानी, पटना। Patna News: पटना नगर निगम जीरो वेस्ट इलेक्शन कराएगा। लोकसभा चुनाव में निगम क्षेत्र के 75 वार्डों में पड़ने वाले 659 भवनों में 1621 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर निगम कर्मी तैनात रहेंगे। यहां सूखे और गीले कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन होगा। सफाई एक्सप्रेस सभी केंद्रों के लिए चलाई जाएंगी। मतदान केंद्रों के आसपास साफ सफाई रखी जाएगी।

पटना में एक जून को होना है मतदान

पटना नगर निगम क्षेत्र में एक जून को मतदान होना है। कई मतदान केंद्रों के पास चकाचक पटना, चकाचक चुनाव लिखा सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। नगर निगम जीरो वेस्ट मेला का आयोजन करा चुका है। सरस मेला, बिहार दिवस, गुरू गोविंद सिंह जयंती समारोह का आयोजन सफलतापूर्वक कर चुका है। अब जीरो वेस्ट इलेक्शन लोकसभा चुनाव कराने जा रहा है। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में जीरो वेस्ट इलेक्शन कराने की रणनीति पर अंतिम मुहर लग चुकी है।

अब तक बिहार में किसी निगम  ने ऐसा चुनाव नहीं कराया

मतगणना केंद्र एएन कालेज में बनाया गया है। यहां पटना साहिब और पाटलिपुत्र यानी दो लोकसभा क्षेत्र का मतगणना होगा। यहां पर कचरा प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी। यहां उत्पन्न होने वाले कचरे की प्रोसिंग की व्यवस्था रहेगी। सभी कर्मियों को इस कार्य को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर का कहना है कि जीरो वेस्ट इलेक्शन देश में पहली बार पटना नगर निगम निगम कराने जा रहा है। अब तक कोई भी निगम ऐसा चुनाव नहीं कराया है।

इसका मुख्य उदेश्य है कि लोग कचरा अलग-अलग संग्रह की आदत डालें। मतदान केंद्रों के आसपास स्वच्छ वातावरण कायम रहेगा। आसपास में किसी प्रकार का कचरा नहीं दिखाई देगा। चुनाव को नगर निगम गणतंत्र महोत्सव के रूप में मनाने जा रहा है। पटना नगर निगम का कार्य है शहर को चकारचक रखना। एक जून को पटना शहर चकाचक पटना के बीच लोकतंत्र का महापर्व मनाएगा।

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करोड़पति पत्‍नी की हत्‍या के लिए पति ने दी सुपारी, घर में घुसकर अपराधियों ने दाग दी सात गोलियां; एक गिरफ्तार

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 1:46pm

संवाद सूत्र, फुलवारीशरीफ (पटना)। परसा बाजार थाना के महुली में मंगलवार को बाइक सवार चार अपराधियों ने एक महिला की हत्या के इरादे से एक घर में घुसकर जमकर फायरिंग की। खतरा भांप महिला ने स्वयं को एक कमरे में बंद कर लिया, जिससे उसकी जान बच सकी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने भाग रहे अपराधियों में से एक को पीछा कर पकड़ लिया।

पति ने दी थी पत्‍नी की हत्‍या की सुपारी

पूछताछ में उसने बताया कि महिला की हत्या की सुपारी उसके पति ने ही दी थी। पुलिस तीन अन्य अपराधियों के साथ साजिश कर्ता पति की तलाश कर रही है। बताया गया कि पति को शक है कि उसकी पत्नी का किसी अन्य से प्रेम संबंध है।

वहीं पत्नी का आरोप है कि उसके पति का किसी दूसरी लड़की से चक्कर है। इसी आरोप-प्रत्यारोप को लेकर दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। दोनों के तीन बच्चे हैं। पत्नी के नाम करोड़ों की संपत्ति है। इस कारण पति उसकी हत्या कर संपत्ति पर अपना अधिकार जमाना चाहता है।

अपराधियों ने चलाई सात गोलियां

महिला पिंकी देवी का मायका पटना सिटी है। जबकि पति पटना का राजेन्द्र नगर निवासी शंकर प्रसाद है। पिंकी इन दिनों परसा बाजार थाना के महुली गांव में किराए का घर लेकर रहती है, जबकि तीनों बच्चे नानी के पास पटना सिटी में रहते हैं। परसा बाजार थाना अध्यक्ष मेनका रानी ने बताया कि शंकर ने पटना सिटी के चौक थाना के अपराधियों को पत्नी की हत्या की सुपारी दी थी। चार अपराधी पिंकी की हत्या के लिए महुली पहुंचे थे।

अपराधियों ने सात गोलियां चलाईं और दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया, परंतु दरवाजा नहीं टूटा। पुलिस ने एक अपराधी सूरज को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने सारी जानकारी दी। थाना अध्यक्ष ने बताया कि पिंकी के पति और फरार तीन अपराधियों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने मौके से सात खोखा और एक कारतूस बरामद किया है।

पति की हत्या के लिए पत्‍नी ने दी सुपारी

इधर रानीतालाब थाना के पतुत में सीमेंट व्यवसायी ओंकार सिंह की हत्या मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर लिया है। इस मामले में शार्प शूटर शुभम कुमार सहित कारोबारी की पत्नी रानी देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान ओंकार सिंह की पत्नी रानी देवी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

रानी देवी ने हत्या में शामिल शूटर का नाम शुभम बताया। गौरतलब है कि शुभम खड़ागपुरा का रहने वाला है। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ओंकार सिंह के परिवार वालों के अनुसार रानी देवी का कुछ लोगों के साथ गलत संबंध था, जिसको लेकर वह उस पर निगरानी रखते थे।

इस संबंध में रानीतालाब थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार गहलोत ने बताया कि रानी से पूछताछ के बाद पता चला कि वह अपने पति के व्यवहार से नाराज चल रही थी। उसे रास्ते से हटाने के लिए एक लाख में शुभम को सुपारी दी थी।

शुभम ने ओंकार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार किया है।थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में फरार अभियुक्त भतीजा अंकित कुमार भी कोर्ट में सिलेंडर कर दिया है।

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Bihar Politics: आरक्षण को लेकर BJP को ये क्या बोल गए मनोज झा? याद दिलाया मोहन भागवत का पुराना बयान

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 1:22pm

 राज्य ब्यूरो, जागरण पटना। Bihar Politics News Hindi: राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि भाजपा देश का संविधान बदलना चाहती है। भाजपा की यह साजिश आज से नहीं पिछले 9 वर्षों हो रही है। 2015 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संविधान की समीक्षा तथा आरक्षण व्यवस्था में बदलाव की बात कही थी। भाजपा पर यह आरोप राजद प्रवक्ता मनोज झा ने लगाए। वे बुधवार को राजद कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे।

मनोज झा ने लालू के पुराने बयान का किया जिक्र

मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि संविधान को लेकर मोहन भागवत का बयान आने के बाद राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बंच आफ थॉट किताब में लिखी बातों का जिक्र किया और जो बातें उसमें वर्णित थी उन बातों को लोगों तक पहुंचाया।

भाजपा के नेता संविदान बदलने की बात कर रहे: मनोज झा

मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि आज पुनः वैसी ही स्थिति बनाई जा रही है और भाजपा के नेता संविधान बदलने की बात कर रहे हैं। ‌भारत का संविधान दिखाते हुए झा ने केंद्र सरकार पर हमला बोला उन्होने कहा की वो संविधान बदलने की बात करते है जबकि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर का ये संविधान सबको हक और अधिकार की गारंटी लेता है जिसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और हर स्तर पर सम्मान सहित सभी मुद्दो की गारंटी देती है।

जबकि मोदी के लोग इसको बदलने की बात करते है। संविधान में संशोधन हो सकता है आप इसे बदल नही सकते हैं। ये लोग आरक्षण खत्म करने वाले लोग है और गरीबों, शोषितों ,वंचितों,पिछड़ों, अतिपिछड़ों, आदिवासीयों और अल्प संख्यकों के अधिकार को समाप्त करने वाली बातें करते हैं। देश की जनता इसका ख्याल रखें। क्योंकि नीयत साफ नहीं। ये देश में नागपुर का संविधान लाना चाहते हैं।

आज देश की जनता को संविधान बचाना है: मनोज झा

मनोज झा ने कहा कि आज देश की जनता को संविधान बचाना है। हमारा संकल्प नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सब कुछ संविधान से लिया गया है। संविधान बदलने वालों पर प्रधानमंत्री जी क्यूं नही बोलते है। अपने लोगो से क्यों नही कहते इसपर कोई कुछ नही बोलेगा, और जो इस तरह से बोल रहे हैं ,उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं। उन्हें चुनाव लड़ने से रोकते क्यों नहीं हैं।

इन्होंने सभी से संविधान बचाने के लिए इंडिया गठबंधन के साथ खड़े होने और वैसे लोगों को जवाब देने की अपील की। प्रेस कांफ्रेंस में एजाज अहमद ,मृत्युंजय तिवारी ,अरुण कुमार यादव ,प्रमोद कुमार सिन्हा उपेंद्र चंद्रवंशी भी उपस्थित थे।

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हनुमान जी की पूंछ से रिसता रहा खून... पटना में श्री काले हनुमान के बालरूप की 300 वर्षों से हो रही पूजा, दिलचस्‍प है इतिहास

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 12:43pm

जागरण संवाददाता, पटना सिटी। देश के चार स्थानों पर श्री हनुमान जी महाराज के बाल स्वरूप स्थापित हैं। उनमें एक स्वरूप मच्छरहट्टा गली में स्थापित है। श्री काले हनुमान जी महाराज के विग्रह की आभा व मुख मंडल से भक्तों को ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि वह स्वयं भक्तों का इंतजार कर रहे हों।

सपने में दिखे थे हनुमान जी

श्री काले हनुमान जी महाराज की प्रतिमा के निकट ही श्रीराम दरबार, शिवलिंग व भगवती की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर परिसर के अग्र भाग में प्राचीन पीपल का पेड़ है।

मंदिर के इतिहास के संबंध में पुजारी राजेश मिश्र ने मंगलवार को बताया कि लगभग 300 वर्ष से पहले यहां के निवासी नुन्नु गुरु की मां को रात में स्वप्न आया कि पीपल के वृक्ष के सटे कुआं में हनुमान जी का विग्रह है। सपना के बाद जब कुआं की खुदाई हुई तो श्री काले हनुमान की प्रतिमा निकली।

पूंछ से कई दिनों तक रिसता रहा खून

पुजारी ने बताया कि कुआं खुदाई के क्रम में उनकी पूंछ में फावड़ा लग जाने के कारण कई दिनों तक खून रिसता रहा। उसके बाद नुन्नू गुरु की मां को फिर सपना आया कि कटे हुए स्थान पर दूब व हल्दी का लेप करने पर सब ठीक हो जाएगा। भक्तों द्वारा कटे हुए स्थान पर दूब व हल्दी का लेप लगाने के बाद खून रिसना बंद हो गया।

भक्‍तों की सुनते हैं हनुमान जी

पुजारी राजेश मिश्र बताते हैं कि लगभग 300 वर्ष से यहां बाल स्वरूप श्री काले हनुमान जी महाराज की पूजा विधि-विधान पूर्वक होती आ रही है। जो भी भक्त श्री काले हनुमान जी महाराज के समक्ष सच्चे दिल से अर्जी लगाता है उसकी तुरंत सुनवाई होती है। मंगलवार को लड्डू व पेड़ा तथा शनिवार को चना व गुड़ के साथ पूजा की जाती है।

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Lok Sabha Election 2024 : आज शाम से थम जाएगा चुनाव प्रचार, रोड-शो को लेकर आ गई चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 12:34pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों के तहत बिहार में मतदान होना है। इसी क्रम में पहले चरण की चार संसदीय क्षेत्रों में 19 अप्रैल को वोटिंग कराई जाएगी। ये संसदीय क्षेत्र जमुई, गया, औरंगाबाद एवं नवादा हैं।

उन चारों सीटों पर आईएनडीआईए से राजद के प्रत्याशी हैं, जबकि राजग में भाजपा से दो और लोजपा एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से एक-एक प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। चार सीटों पर चुनाव प्रचार का अभियान बुधवार शाम समाप्त हो जाएगा।

सभी नेता अब बहा चुके हैं पसीना

इस क्रम में यह जानकारी आवश्यक है कि एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) के तहत चुनाव प्रचार के दौरान यदि प्रत्याशी स्टार प्रचारक के साथ प्रचार में भाग लेते हैं तो उसका 50 प्रतिशत खर्च प्रत्याशी को वहन करना पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि प्रत्याशी 18 अप्रैल को घर-घर जाकर मतदाताओं को साधने-मनाने का जतन करेंगे।

इससे पहले दोनों ही गठबंधन के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहले दौर के मैदान को मारने के लिए प्रचार में पसीना बहा चुके हैं।

मैदान में चार सीटों पर 50 प्रत्याशी

बिहार में जिन चार संसदीय सीटों पर चुनाव हो रहा है, उनमें तीन जमुई, गया और औरंगाबाद को जानकार हॉट सीट मान रहे हैं। नवादा में त्रिकोणीय स्थिति बनी हुई है। जमुई में लोजपा के अरुण भारती और राजद के अर्चना रविदास मैदान में हैं।

गया में हम के जीतनराम मांझी और राजद से कुमार सर्वजीत मैदान में हैं, जबकि औरंगाबाद में भाजपा के सुशील सिंह और राजद के अभय कुशवाहा किस्मत आजमा रहे हैं।

नवादा में भाजपा के विवेक ठाकुर, राजद के श्रवण कुशवाहा के बीच राजद के बागी बिनोद यादव त्रिकोण बना रहे हैं।

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Manish Kashyap: 'कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की को मैं...', मनीष कश्यप ने सुनाई लव स्टोरी; कहा- फेल भी हुआ था

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 12:09pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप इन दिनों पश्चिमी चंपारण से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रहे हैं। वह नामांकन से पहले छोटी-छोटी सभा कर लोगों से खुद को मतदान करने की अपील कर रहे हैं। वह बिल्कुल पुराने और ठेठ अंदाज में लोगों के सामने नजर आ रहे हैं। हालांकि, मनीष कश्यप को सिम्बॉल अभी तक नहीं मिला है।

मनीष कश्यप ने सुनाई अधूरी लव स्टोरी

इन सब के बीच मनीष कश्यप (Manish Kashyap) का एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कॉलेज की पुरानी बातें सुनाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए अपनी अधूरी लव स्टोरी बताई। मनीष कश्यप ने कहा कि मैं भी कॉलेज की सबसे खूबसूरत लड़की को प्यार करता था लेकिन जेब में पैसे नहीं होने की वजह से आगे नहीं बढ़ पाया।

मैं फेल भी हुआ था: मनीष कश्यप

मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने कहा कि बहुत बार मैं इंजीनियरिंग में फेल भी हुआ। मैं एम 1, एम 2 में फेल हुआ। मेरा पेपर भी बैक हुआ लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। शिक्षक ने कहा कि तुम्हारा प्लेसमेंट नहीं होगा मनीष। इसपर मैंने सीना ठोक कर कहा कि सर मेरा प्लेसमेंट होगा और मैं फाइनल सेमेस्टक फर्स्ट डिवीजन से पास हुआ।

कौन हैं मनीष कश्यप

बता दें कि मनीष कश्यप बिहार के यूट्यूबर हैं, जो कि आए दिन अपने बयानों से चर्चा में रहते हैं। मनीष कश्यप उन दिनों चर्चा में आ गए थे, जब तमिलनाडु सरकार ने उनपर NSA लगा दिया था। मनीष कश्यप के ऊपर मदजूरों का फर्जी वीडियो शेयर करने का आरोप लगा था।

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KK Pathak के शिक्षा विभाग ने दे दिया नया ऑर्डर, अब 48 घंटे के भीतर अधिकारियों को करना होगा ये काम; नहीं तो...

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 11:34am

जागरण संवाददाता, पटना। KK Pathak पटना जिले के सरकारी स्कूलों के निरीक्षण कार्य में रुचि नहीं लेने की वजह से मंगलवार को सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने की।

इस दौरान उन्होंने सभी निरीक्षण पदाधिकारियों को अपने पोषण क्षेत्र में रहकर ही प्रतिदिन 10 स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। दरअसल इसके पीछे का कारण बताया गया कि प्रखंड में पदस्थापित अधिकतर पदाधिकारी और कर्मी जिला मुख्यालय में आवास लेकर रहते हैं। जिस वजह से तय सीमा के अंदर निरीक्षण नहीं कर पा रहे हैं।

प्रखंड में पदस्थापित पदाधिकारी एवं कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने प्रखंड या अनुमंडल मुख्यालय में 48 घंटे के अंदर आवास लेकर रहना सुनिश्चित करेंगे। आवासन की पूरी व्यवस्था की सूचना डीईओ कार्यालय को मेल के माध्यम से देनी होगी।

फोटो व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का निर्देश

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इस पर आपत्ति जताते हुए सभी 329 निरीक्षणकर्ताओं को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से निरीक्षण कर फोटो व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का निर्देश दिया है।

डीईओ की मानें तो 15 अप्रैल को प्रमुख सचिव शिक्षा विभाग द्वारा सभी निरीक्षण कर्ताओं को प्रत्येक कार्य दिवस में 10 स्कूलों का निरीक्षण कर कैमरे से फोटो लेकर व्हाट्सएप ग्रुप में भेजने का निर्देश दिया है।

कमजोर बच्चों को प्रतिदिन दो घंटे पढ़ा दक्ष बनाएंगे शिक्षक

राज्य में जारी शिक्षा सुधार अभियान के तहत आए दिन नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ के जहां सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं, वहीं कुछ शिक्षकों व छात्रों के लिए परेशानी का सबब भी बन रहे हैं। विभाग का नया प्रयोग स्कूलों में ग्रीष्मावकाश पर हुआ है।

आमतौर पर सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश मई के अंतिम सप्ताह से जून के पहले पखवारे में शुरू होता था। काफी लंबे समय से यही परिपाटी चली आ रही थी, लेकिन इस वर्ष से शिक्षा विभाग ने इस परिपाटी को बदल दिया है। पहली बार सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश 15 अप्रैल से 15 मई तक किया गया है।

इसमें कमजोर बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आना है। शिक्षकों को भी ग्रीष्मावकाश में भी नियमित विद्यालय आना है। सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश शुरू होने के साथ ही दक्ष कक्षाएं भी लगनी शुरू हो गई हैं।

विभाग ने सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश अवधि में पठन-पाठन में कमजोर बच्चों के लिए दो घंटे की विशेष दक्ष कक्षाएं संचालित करने का निर्देश जारी किया है। जिसके तहत सोमवार से जिले के स्कूलों में सुबह आठ से 10 बजे तक दक्ष कक्षाएं लगनी शुरू हो गई हैं।

अनुपस्थित रहे छात्रों को भी विशेष दक्ष कक्षा में शामिल होना होगा

प्रारंभिक विद्यालयों में तीसरी से आठवीं कक्षा तक के वैसे छात्र जो पठन-पाठन में कमजोर हैं, वैसे छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश में प्रतिदिन दो घंटे की दक्ष कक्षाएं संचालित की जा रही है। वहीं पांच व आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण या अनुपस्थित रहे छात्रों को भी विशेष दक्ष कक्षा में शामिल होना है।

एक महीने की विशेष दक्ष कक्षा के बाद इन छात्रों की परीक्षा ली जाएगी। फिर इन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। दक्ष कक्षा के बाद इन छात्रों को विद्यालय में मध्यान्ह भोजन भी कराया जाएगा फिर इन्हें छुट्टी दी जाएगी।

हाई और प्लस टू स्कूलों में विशेष कक्षाओं का संचालन समय सुबह आठ से 10 बजे तक निर्धारित विशेष दक्ष कक्षाएं केवल प्रारंभिक विद्यालयों में ही संचालित नहीं होंगी, बल्कि हाई व प्लस टू स्कूलों में भी संचालित की जाएंगी।

हाई व प्लस टू स्कूलों में ग्रीष्मावकाश अवधि में संचालित कक्षाओं को विशेष कक्षा का नाम दिया गया है। इसमें नौंवी व 11 वीं की वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण या गैरहाजिर रहे छात्रों को शामिल किया गया है। ऐसे छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश अवधि में प्रतिदिन दो घंटे की विशेष कक्षाएं संचालित की जा रही है।

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Ram Navami 2024: पटना में 54 स्थानों से निकलेगी शोभा यात्रा; ये दिग्गज नेता होंगे शामिल; भारी संख्यों में पुलिस तैनात

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 11:13am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: बिहार की  राजधानी राममय हो गई है। रामनवमी के अवसर पर शहर के 54 स्थानों से धूमधाम के साथ शोभा यात्रा निकलेगी, उसमें स्थानीय कलाकारों के साथ झारखंड, ओडीसा, छत्तीसगढ़ तथा बंगाल के कलाकार शामिल होंगे।

सभी यात्रा का डाकबंगला चौराहे पर भव्य स्वागत किया जाएगा

सभी यात्रा का डाकबंगला चौराहे पर भव्य रूप से स्वागत किया जाएगा। यह जानकारी श्री श्री रामनवमी शोभा यात्रा अभिनंदन समिति के संयोजक सह नगर विकास एवं आवास मंत्री नीतिन नवीन और समिति के अध्यक्ष जगजीवन सिंह बबलू ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर दी।

वहीं नितिन नवीन ने कहा कि पटना के सभी सड़कों पर हजारों की संख्या में श्रीराम ध्वज लगाए गए है। आकर्षक तोरण द्वार तथा मनमोहक प्रकाश की व्यवस्था एवं एलइडी स्क्रीन डाकबंगला के आसपास लगायी गयी है। मंच के पास अयोध्या के श्रीरामलला के भव्य मंदिर की विशाल प्रतिकृति भी पटना वासियों के आकर्षण का केंद्र होगी।

अयोध्या में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत होनेवाली इस वर्ष की रामनवमी कई मायनों में विशेष है। लोगो में अपने आराध्य प्रभु श्री राम के प्रति आस्था और गहरी हुई है।

मुख्य कार्यरक्रम में ये दिग्गज नेता होंगे शामिल

डाकबंगला पर मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव, प्रदेश अध्यक्ष सह उपमुखमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी समेत प्रदेश भाजपा के कई नेता एवं विशिष्ट तथा गणमान्य अतिथि उपस्थित रहेंगे।

अभिनंदन समिति के अध्यक्ष सरदार जगजीवन सिंह बबलू ने कहा कि पूरे पटना में रामनवमी पर माहौल भक्तिमय रहेगा तथा लाखों की संख्या में रामभक्त अपने घरों से निकल कर जहां एक ओर महावीर मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे तो वही दूसरी ओर मनमोहक झांकियों तथा शोभायात्राओं का भी आनंद लें सकेंगे।

इस प्रेस वार्ता में श्री श्री रामनवमी शोभायात्रा अभिनंदन समिति के राजेश जैन, संतलाल राय, गोपाल कृष्ण, सुजॉय सौरभ, नितिन अभिषेक,मुकेश जैन आदि सदस्य भी उपस्थित थे।

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Tejashwi Yadav: तेजस्वी ने मांझी के क्षेत्र में BJP को याद दिलाई पुरानी बात, चिराग को भी घेरा; कहा- सरकार बनी तो...

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 11:03am

जागरण टीम, औरंगाबाद/गया/शेखपुरा/नवादा। Bihar Politics Hindi Today राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा लालू-राबड़ी (Lalu-Rabri) के 15 वर्ष के शासनकाल का हिसाब मांगने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने रेल मंत्रित्व काल में रेलवे को 90 हजार करोड़ का मुनाफा दिया था। कुली भाइयों को स्थाई किया, गरीब रथ चलाया, चार कारखाने खोले।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रत्येक साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा पूरा नहीं किया। सबसे बड़ा घोटाला मोदी ने इलेक्टोरल बांड में किया। बीजेपी का मतलब बड़का झूठा पार्टी होता है। बीजेपी (BJP) जुमला के साथ महंगाई, बेरोजगारी व गरीबी लेकर आई है, वादा किया था, इनको हटाने का। मोदी जी बिहार में आकर कई वादे करते हैं, बाद में भूल जाते हैं।

आइएनडीआइए की सरकार बनेगी तो 15 अगस्त को एक करोड़ लोगों को नौकरी देकर बेरोजगारी से आजादी दिलाएंगे। दस फसल का एमएसपी तय किया जाएगा। रक्षाबंधन पर गरीब बहनों को एक लाख की सहायता दी जाएगी। पांच सौ में रसोई गैस व दो सौ यूनिट बिजली मुफ्त देंगे। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।

सबसे अधिक परिवारवाद भाजपा और राजग में- तेजस्वी यादव

तेजस्वी ने कहा कि अग्निपथ योजना को बंद कर पूर्व की तरह सेना में बहाली की जाएगी। तेजस्वी ने पीएम मोदी के परिवारवाद के आरोप पर कहा कि सबसे अधिक परिवारवाद भाजपा और राजग (NDA) में हैं। जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) में परिवारवाद नहीं दिख रहा है, समधन व बेटे के साथ बैठे हैं। चिराग पासवान (Chirag Paswan) जमुई से जीजा को चुनाव लड़ा रहे हैं।

नवादा से भाजपा प्रत्याशी भी राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं। साथ रहे वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि जो दस साल में कुछ नहीं कर सके, वे आगे क्या करेंगे। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। तेजस्वी ने एक दिन में प्रथम चरण के चारों लोकसभा क्षेत्र में धुआंधार चुनावी सभाओं को संबोधित किया।

इन जगहों पर तेजस्वी ने की जनसभा

वह मंगलवार को औरंगाबाद सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय बसडीहा कला खेल मैदान, गया (डोभी) के कंजियार मैदान, शेखपुरा के इस्लामिया स्कूल मैदान एवं नवादा (सिरदला) स्थित जर्रा बाबा के मैदान में राजद प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने राजद प्रत्याशी औरंगाबाद से अभय कुमार सिन्हा, गया से सर्वजीत कुमार, जमुई से अर्चना रविदास एवं नवादा से श्रवण कुशवाहा को विजयी बनाने की अपील की।

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PM Modi Gaya Speech: 5 साल पहले पर्यटन और अब बिहार को गुजरात से जोड़ गए मोदी, भीड़ लगाती रही नारे

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 10:40am

जागरण टीम, अश्विनी। Bihar Politics News Hindi: पटना शोर वही, जैसा पांच वर्ष पहले था। वह तिथि थी दो अप्रैल 2019 की। पांच वर्ष 13 दिनों बाद 16 अप्रैल को फिर वही दृश्य। वह सभा भी लोकसभा चुनाव की थी, मंच फिर उसी के लिए सजा था। गया का गांधी मैदान।

तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे ही संबोधन को खड़े हुए थे, मोदी, मोदी....। इस शोर को वे स्वयं भी नहीं रोक पाए थे। पांच वर्ष बाद भी कुछ नहीं बदला था। सो, इस बार उन्होंने शांत रहने का आग्रह नहीं किया, चुप्पी साध ली। परिवर्तन बस यही था। वे जैसे ही भाषण के लिए खड़े हुए मोदी-मोदी के नारे लगने लगे।

वे चुप हो गए, भीड़ नारे लगाती रही। कुछ पल बाद हंसते हुए कहा-’इजाजत हो तो आगे बोलना शुरू करूं...।’ भीड़ यंत्रवत शांत। ठेठ मगही में गयाजी को प्रणाम कहते ही भीड़ अभिवादन में दोनों हाथ उठाती हुई।

संबोधन में स्थानीयता का पुट डाल स्वयं को जनमानस से सीधे जोड़ते हुए बात मुद्दों तक। पांच वर्ष पहले इसी मंच से पर्यटन स्थलों के आर्थिक परिवेश को समझाया था। बोधगया की चर्चा की थी।

पीएम मोदी ने अपने वादे स्वयं याद दिलाए (PM Modi Gaya Speech)

इस बार बताया कि किस तरह गया जंक्शन का कायाकल्प किया जा रहा है। अपने वादे स्वयं ही याद दिलाए और कार्यान्वयन का लेखा-जोखा भी दिया। उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना में कार्य शुरू करने के बारे में बताया। पिछली बार भी पर्यटन से रोजगार पर जोर था, पांच वर्ष बाद भी।

भौगोलिक और भावनात्मक रिश्तों के तार बांधने में माहिर मोदी ने यहां एक नई बात जोड़ते हुए उसे विकास की राह देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, यहां पितृ गया है। गुजरात में भी एक जगह है। पाटन जिले के सिद्धपुर में मातृ गया। गयाजी मतलब पितृ गया। जिस तरह पितरों के मोक्ष के लिए प्रसिद्ध है, उसी तरह सिद्धपुर मातृ मोक्ष के लिए।

ऐसी मान्यता है कि यहीं पर कपिल मुनि ने माता के मोक्ष के लिए अनुष्ठान किया था, जिसका वे उल्लेख कर रहे थे। केवल इतना कहकर एक सांस्कृतिक रिश्ता गढ़ने का प्रयास। गया के रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण को पर्यटन क्षेत्र में विकास के पहलू से जोड़ते हुए।

लालू प्रसाद पर राजनीतिक कटाक्ष में जंगलराज तब भी था, इस बार भी। युवाओं से विशेष रूप से संवाद करने का प्रयास। इस बार नई एक और बात रही। भाषण समाप्त करते हुए कहा कि मेरा एक काम कर देंगे? भीड़ से आवाज आई-बोलिए। बस, घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचा दीजिएगा, हमने प्रणाम भेजा है। भीड़ का उत्साह प्रणाम की स्वीकारोक्ति की गवाही दे रहा था।

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Bihar News: बिहार के UPSC Rank 1 लाने वाले 9 IAS अधिकारी कौन हैं? पढ़ें पूरी लिस्ट यहां

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Bihar News: बिहार के UPSC Rank 1 लाने वाले 9 IAS अधिकारी कौन हैं? पढ़ें पूरी लिस्ट यहां

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 9:07am

संजीव कुमार, पटना। बिहार में UPSC की तैयारी के लिए छात्र-छात्राएं अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं। सफलता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करने के लिए तैयार रहते हैं। यूपीएससी का परिणाम सामने आने के बाद यह देखने को मिलता है कि बिहार से कई छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी हैं । हर जिले और कस्बे में बधाई का तांता लगा रहता है। कई अभ्यर्थी तो ऐसे होते हैं जो कि आर्थिक संकट को मात देते हुए यूपीएससी परीक्षा में विजय पताका फहरा देते हैं।

तो चलिए इसी क्रम में आज हम आपलोगों को बताएंगे कि बिहार के वे नौ अधिकारी कौन हैं जिन्होंने UPSC Rank 1 लाकर परचम लहराया है। हम आपलोगों को यह भी बताएंगे कि ये अधिकारी किस बैच के हैं...

1.जगन्नाथन मुरली (1960)

1960 में जगन्नाथन मुरली (jagannathan Murali ias) ने upsc rank 1 लाकर बिहार का नाम रोशन किया था। वह बिहार के पहले यूपीएससी टॉपर थे। उनके पिता भी ब्रिटिश काल में आइसीएस थे। आजादी के बाद आईसीएस ही आईएएस में बदल गया।

2. आभास चटर्जी (1966)

छह साल बाद 1966 में पूर्णिया के आभास चटर्जी (Abhas Chatterjee IAS) टापर बने। आभास चटर्जी ने upsc rank 1 लाकर बिहार का नाम रोशन किया था। लालू यादव के शासन के दौरान उन्होंने प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप और अधिकारियों को धमकाने का कड़ा विरोध किया था। यहां तक कि उन्होंने इस विरोध में प्रमोशन लेने तक से इनकार कर दिया था।

3. आमिर सुबहानी (Amir subhani IAS)

आमिर सुबहानी 1987 बैच के बिहार कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं । आमिर सुबहानी 1987 बैच की यूपीएससी -सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के टॉपर रह चुके हैं। आमिर सुबहानी 1987 में UPSC में Rank-1 प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी थे।

आमिर सुबहानी 1993 में पहली बार भोजपुर जिले में डीएम बनकर गए थे फिर वह 1994 में पटना में जिला कलेक्टर के रूप में नियुक्त किए गए थे। वर्तमान में वह बिहार के मुख्य सचिव हैं।

4. प्रशांत कुमार (1988)

प्रशांत कुमार (Prashant Kumar IAS) साल 1988 Batch के West Bengal Cadre के ias Officer हैं। वे बिहार के रहने वाले अधिकारी हैं। उन्हें 1990 में बंगाल के दिनाजपुर में पहली बार डीएम बनाया गया था। लेकिन बाद में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए।

5.सुनील कुमार बर्णवाल (1996)

सुनील कुमार बर्णवाल (Sunil Kumar Barnwal IAS) बिहार राज्य के भागलपुर के रहने वाले हैं। सुनील कुमार बर्णवाल IIT Dhanbad से Petroleum Engineering में स्नातक किया है। उन्होंने वर्ष 1996 के सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान (UPSC Rank 1) हासिल किया था।

6. देवेश कुमार (1997)

देवेश कुमार (Devesh Kumar IAS) हिमाचल-कैडर 1997 बैच के आईएएस टॉपर थे। देवेश कुमार भी मूल रूप से बिहार के ही रहने वाले हैं। उन्होंने साल 1997 में UPSC परीक्षा में Rank 1 प्राप्त किया था। उन्होंने आई.आई.टी कानपुर से बी.टेक (केमिकल इंजीनियरिंग) में स्नातक (1991-1995) किया। उन्होंने सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी, मैक्सवेल स्कूल (2014-2015) से लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री भी हासिल की थी। 1997 सिविल सेवा में व्यक्तित्व परीक्षण के बाद मुख्य परीक्षा में देवेश ने प्रथम रैंक हासिल करते हुए 1462 अंक प्राप्त किए। उन्होंने वैकल्पिक विषयों के रूप में रसायन विज्ञान और भूगोल को चुना था।

7.आलोक रंजन झा (2001)

आलोक रंजन झा आईएएस (Alok Ranjan Jha IAS) जिन्होंने वर्ष 2001 में UPSC Rank 1 प्राप्त की थी। आईएएस परीक्षा में यह उनका तीसरा प्रयास था और उन्होंने सफलतापूर्वक रैंक 1 हासिल की। ​​उन्होंने 28 साल की उम्र में परीक्षा पास की।

आईएएस आलोक रंजन झा का जन्म 10 अगस्त 1972 को भारत के बिहार में पूर्वी चंपारण में हुआ था। आलोक रंजन आईएएस का गृहनगर बिहार स्थित पूर्वी चंपारण में है। वह अब 50 साल के हैं. उनके शौक साहित्य और यात्रा हैं। वह अंग्रेजी, हिंदी के साथ फ्रेंच भी बोलते हैं।

8.शुभम कुमार (2020)

शुभम कुमार (Shubham Kumar IAS) जिन्होंने 19 साल बाद साल 2020 में बिहार के सूखे को खत्म किया। यानी यूपीएससी में रैंक 1 लाने का लक्ष्य पूरा किया। देश भर में UPSC Rank 1 लाने वाले शुभम कुमार कटिहार जिले के कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव के रहने वाले हैं। 2018 में उन्होंने आईआईटी मुंबई में सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक का पढ़ाई पूरी की। उन्होंने वर्ष 2019 में भी यूपीएससी में 290 रैंक लाया था। उनके पिता देवानंद सिंह पूर्णिया में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में मैनेजर हैं और मां पूनम देवी घर का कामकाज संभालती हैं।

9.इशिता किशोर (Ishita Kiore) 2022

इशिता किशोर (Ishita Kishore IAS) चुकी हैं। उन्होंने पूरे देश में UPSC Rank 1 प्राप्त किया था। 27 साल की इशिता को यह सफलता तीसरी बार में मिली। प्रेरणा लेने लायक बात यह है कि उन्होंने इससे पहले दो प्रयास दिए जिनमें वह एक में भी प्रिलिम्स परीक्षा भी क्वालिफाई नहीं कर सकी थीं।

10. 2023 की परीक्षा में बिहार में टॉप 100 में 5 को मिली सफलता ( UPSC Result 2024 AIR 19 Rank Bihar)

बिहार में टॉप 100 में 5 अभ्यर्थी को सफलता मिली है। इसमें 19वें नंबर पर समस्तीपुर के शिवम कुमार, 23वें स्थान पर गोपालगंज के सौरव शर्मा हैं, औरंगाबाद के विरुपाक्ष विक्रम सिंह को 49 रैंक, पटना के फुलवारीशरीफ स्थित कुरकुरी निवासी प्रिया रानी को 69वां रैंक मिला है। पटना के ही अन्नपूर्णा सिंह को 99वां रैंक प्राप्त हुआ है।

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Bihar Weather Today : 18 अप्रैल से बदल जाएगा मौसम, चुनाव के दिन तपेगा बिहार; इन दो जिलों को छोड़कर सभी जगह चढ़ा पारा

Dainik Jagran - April 17, 2024 - 7:36am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News In Hindi गर्म पछुआ हवा ने राजधानी समेत प्रदेश के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। पटना समेत आसपास इलाकों में तेज गर्म पछुआ हवा के कारण लोग पूरे दिन परेशान रहे। राजधानी समेत 13 शहरों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर दर्ज किया गया।

खगड़िया, किशनगंज को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। राजधानी के अधिकतम तापमान में सामान्य से दो डिग्री बढ़ने के साथ 40.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 42.0 डिग्री सेल्सियस के साथ शेखपुरा प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा।

दो से तीन डिग्री वृद्धि गर्मी के प्रभाव को बढ़ाएगा

शेखपुरा व मोतिहारी में हीट वेव (उष्ण लहर) की स्थिति बनी रही। मोतिहारी का अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना सहित मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र पूर्वी बिहार तक बना हुआ है।

इनके प्रभाव से आर्द्रता में वृद्धि होने के साथ मौसम शुष्क बना रहेगा। 18 अप्रैल से मौसम में बदलाव आने के साथ गर्म हवा का प्रसार होगा। तापमान में दो से तीन डिग्री वृद्धि गर्मी के प्रभाव को बढ़ाएगा। दोपहर के समय बच्चे, बुजुर्गों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।

प्रमुख शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि 

शहर वृद्धि तापमान

पटना- 0.7 40.0

गया- 0.4 40.4

औरंगाबाद- 0.1 41.3

डेहरी- 0.4 40.6

भोजपुर- 0.2 40.9

नवादा- 0.2 40.9

शेखपुरा- 0.2 42.0

मोतिहारी- 1.2 41.2

वाल्मीकि नगर- 1.2 40.6

मधुबनी- 1.0 40.9

(अधिकतम तापमान डिग्री सेल्सियस में)

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