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Banshidhar Brajwasi: कभी केके पाठक के एक्शन का हुए थे शिकार, आज PK के अलावा नीतीश-लालू के कैंडिडेट को भी चटाई धूल
डिजिटल डेस्क, पटना। तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी विजयी। जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम को 11 हजार से अधिक वोटों से हराया।
22 वर्षों बाद तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से नया चेहरा एमएलसी बना है। राजद उम्मीदवार तीसरे और जदयू चौथे नंबर पर रहे। जदयू ने यह सीट गंवा दी।
सोमवार को शुरू हुई वोटों की गिनती कुछ देर पहले खत्म हुई। अंतिम राउंड में जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम एलिमिनेट हुए। ब्रजवासी को 27774 वोट मिले। डॉ. गौतम को 16829 वोट मिले।
निर्देशों का उल्लंघन करने का था आरोपबता दें कि ब्रजवासी पहले सरकारी शिक्षक रह चुके हैं। उनपर शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कड़ा एक्शन लिया था। बताया जाता है कि उनपर केके पाठक के निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।
वंशीधर पर इस साल मार्च में एक्शन लिया गया था। दरअसल, वह परिवर्तनकारी शिक्षक संघ से जुड़े थे। उनके साथ अन्य 19 शिक्षकों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
यह कार्रवाई संगठन की आड़ में लाठी और गुलदस्ता लेकर धरना प्रदर्शन करने के मामले में की गई थी। पहले तत्काल प्रभाव से वंशीधर का वेतन बंद कर दिया गया था। इसके अलावा, उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया था।
शिक्षा विभाग का यह था फरमान- शिक्षा विभाग का कहना था कि शिक्षकों के किसी भी संगठन के बैनर तले या व्यक्तिगत रूप से सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन पर पूर्व में ही रोक लगा रखी है।
- इसके बावजूद परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर शिक्षकों के बीच लाठी बांटने का कार्य किया, जो शिक्षकीय चरित्र, दायित्व एवं आचरण के पूर्णतया प्रतिकूल है।
- इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर वंशीधर पर एक्शन हुआ था। हालांकि, बाद में उन्होंने विभागीय प्रक्रिया से सेवा मुक्ति ले ली थी।
बता दें कि मतगणना के दौरान काउंटिंग हॉल पर मौजूद निर्दलीय वंशीधर बज्रवासी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें जो भी वोट मिल रहे हैं। वह शिक्षकों की संवेदना से जुड़ी है। यह मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह सत्ता के विरुद्ध और शिक्षकों के हित की लड़ाई है।
वहीं, जनसुराज से डॉ. विनायक गौतम ने कहा कि किसी उम्मीदवार से प्रतिद्वंदिता नहीं है। यह सत्ता के खिलाफ लड़ाई है। मतदाताओं ने उनमें भरोसा दिखाया है।
वहीं जदयू से अभिषेक झा ने कहा कि अभी तो शुरुआती दौड़ है। कई राउंड और वरीयता क्रमांक के आधार पर काउंटिंग होती है। इसलिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
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राज्य ब्यूराे, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की महिला संवाद यात्रा पर अभद्र टिप्पणी की। लालू के कमेंट पर जदयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लालू प्रसाद काे निशाने पर लेते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने कहा कि लालू प्रसाद जोकरी और मसखरेपन के लिए विख्यात रहे हैं। पंद्रह वर्षों के शासनकाल में वह यही सब करते रहे हैं, इसलिए उन्हें यह लगता है कि यही सब काम होता है।
ललन सिंह ने कहा, पति-पत्नी (लालू-राबड़ी) दोनों मिलकर 15 वर्षों तक शासन में रहे पर किया कुछ नहीं। बिहार को ले जाकर जिस चौराहे पर खड़ा कर दिया वहां बिहारी कहलाना अपमान का विषय था। अब लालू प्रसाद के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है नीतीश कुमार को। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद में कोई तुलना नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि लालू प्रसाद जिस काम के लिए विख्यात हैं वही काम करते रहे हैं और वही अभी भी कर रहे रहे हैं। कई तरह के परिणाम भुगत चुके हैं। पंद्रह साल रह के जब चारा खा रहे थे तब उनको समझ में नहीं आ रहा था। अब जब नीतीश कुमार ने बिहार को बना दिया तो वह बोल रहे हैं। नीतीश कुमार ने पटना में जेपी गंगा पथ बना दिया तो लालू प्रसाद रोज वहीं जाकर आइसक्रीम खाते हैं। उन्हें लाज भी नहीं लगता। जब लाज-शर्म है ही नहीं तो वह व्यक्ति जोकरी ही न करेगा।
'महिलाएं आंख सेंकने की वस्तु नहीं'खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि महिलाएं आंख सेंकने की वस्तु नहीं हैं। लालू प्रसाद ने हमेशा महिलाओं को अपमानित व लज्जित किया है। लालू यादव का महिलाओं को अपमानित करने का संस्कार पुराना है। उनके बयान से राजद का महिला विरोधी असली चेहरा उजागर हुआ है। राजद तो हमेशा महिला विरोधी कार्यों में संलिप्त रहा है। लालू प्रसाद को आज इस बात का दर्द हो रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आधी आबादी सशक्त हो रही है।
'राजद का असली चरित्र उजागर हुआ'अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि लालू प्रसाद के बयान से राजद का असली चरित्र उजागर हो गया है। पूरे प्रदेश में उनके निम्नस्तरीय बयान की घोर निंदा हो रही है। नीतीश कुमार के बारे में अमर्यादि्त बयान देने वालों को बिहार की जनता जवाब देगी।
'लालू का मानसिक संतुलन बिगड़ गया'जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्तान राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि लगातार पराजय से उपजी हताशाऔर बौखलाहट से लालू प्रसाद का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए उन्होंने जिस तरह से मर्यादा की धज्जियां उड़ायी है उससे शर्म शब्द को भी शर्मिंदगी महसूस हो रही होगी।
जदयू की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा, भारती मेहता और अनुप्रिया ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि भाषा की मर्यादा खो चुके लालू प्रसाद का बयान उनके मानसिक दिवालिएपन का परिचायक है। राजनीति में हाशिए पर पहुंच चुके लालू प्रसाद के बयान से यह लगता है कि वह दिमागी तौर पर भी बीमार हैं।
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Bihar Vanshavali: वंशावली में दर्ज करना होगा बहन-बेटियों का नाम, मांगने पर देनी पड़ेगी जमीन; पढ़ें नए नियम
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के स्वामित्व को लेकर होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। इसमें स्वामित्व कायम करने के कई विकल्प दिए गए हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मंगलवार को दिशा निर्देश जारी किया। अधिसूचना भी जारी हो गई है।
महिलाएं अगर अपने पिता की जमीन में स्वामित्व का त्याग शपथ पत्र के माध्यम से नहीं करती हैं तो उनका अधिकार कायम रहेगा। रैयतों को वंशावली की घोषणा में बहन-बेटियों का नाम दर्ज करना ही होगा। किसी रैयत का जमीन पर शांतिपूर्ण दखल-कब्जा है। स्वामित्व के नाम पर सिर्फ लगान रसीद है।
ऐसे मामलों के बारे में कहा गया है कि भूमि सर्वेक्षण में ऐसे भूखंडों के चौहद्दीदारों के बयान पर एक निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। चौहद्दी की किसी जमीन में उस खेसरा के स्वामी के रूप में रैयत का नाम हो तो उनके नाम से खाता खुल सकता है। रैयत के नाम पर खेसरा पर दखल कब्जा है। न जमाबंदी कायम है और न रसीद कट रही है। ऐसी जमीन के मामले में कहा गया है कि इसका खाता अनाबाद बिहार सरकार के नाम से खुलेगा। अभियुक्ति कालम में अवैध दखलकार का नाम दर्ज होगा।
कुछ ऐसी भी जमीन है, जो सर्वे-खतियान में अनाबाद बिहार सरकार के खाते में दर्ज है। उस पर मकान बना हुआ है। अभियुक्ति के कालम में दखलकार का नाम दर्ज है। इन मामलों में दखल के उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रैयती खाता खोला जाएगा। खतियान में दखलकार दर्ज होने अथवा न होने दोनों मामले में क्रमश: उनके वंशज अथवा वर्तमान दखलकार क्रेता के दखल के आधार पर उनके नाम से खाता खोला जाएगा। वंशावली को लेकर दिशा निर्देश में फिर कहा गया है कि रैयत स्वयं इसे समर्पित करेंगे।
आपसी बंटवारा मान्यआपसी सहमति के आधारित सभी पक्षों के बीच हुआ हस्ताक्षरित बंटवारा मान्य है। इस आधार पर सभी पक्षों का खाता खुलेगा। हिस्सेदारों में असहमति होने पर संयुक्त खाता खुलेगा। अगर बंटवारा निबंधित और सक्षम न्यायालय द्वारा किया गया है तो उसके आधार पर भी हिस्सेदारों का अलग-अलग खाता खुलेगा।
यदि कोई खेसरा कैडेस्ट्रल सर्वे में रैयती है और रिवीजनल सर्वे में अनाबाद बिहार सरकार या अनाबाद सर्व साधारण दर्ज है और सिविल सूट में रैयत के पक्ष में निर्णय हुआ है तो खेसरा रैयती माना जाएगा। अगर क्रेता का जमीन पर शांतिपूर्ण दखल है तो केवालाका निबंधन कार्यालय से सत्यापन करा कर क्रेता के नाम से खाता खोला जाएगा।
बंटवारे से असहमतिविशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त की किसी प्रक्रिया में कोई हिस्सेदार पूर्व में किए गए बंटवारे पर असहमत होते हैं तो वापस संयुक्त खाता खोला जाएगा। दिशा निर्देश में कहा गया है कि रैयत अगर जमाबंदी अथवा लगान रसीद अद्यतन नहीं करा पाए हैं तो खतियान में स्वामित्व की स्थिति प्रभावित नहीं होगी।
पूर्व में गैरमजरूआ जमीन की बंदोबस्ती के आलोक में रैयतों के पास अगर कागजात उपलब्ध नहीं है तो भूमिहीन श्रेणी के इन रैयतों को अंचलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर स्वामित्व बना रहेगा।
महिलाओं को अधिकारनए बन रहे खतियान में महिला द्वारा संपत्ति का परित्याग करने अथवा पिता द्वारा स्व अर्जित भूमि की वसीयत में पुत्री का नाम दर्ज न करने अथवा न्यायालय से हुए बंटवारे में पुत्री-बहन का नाम नहीं रहने की स्थिति में ही महिलाओं को अपने अंश की प्राप्ति नहीं होगी। अन्य सभी दशाओं में प्रत्येक महिला को अपने पिता की संपत्ति में अपने हिस्से की प्राप्ति होगी। वंशावली में बहन-बेटियों का नाम दर्ज करना अनिवार्य है। अगर कोई महिला शपथ पत्र के माध्यम से संपत्ति का परित्याग करती हैं तो खाता में उनका नाम दर्ज नहीं होगा।
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Bihar MLC Election: तिरहुत में चला निर्दलीय का सिक्का, जन सुराज को मिली 'जमीन'; रिजल्ट की INSIDE STORY
अरुण अशेष, पटना। यूं तो विधान परिषद के स्नातक, शिक्षक या स्थानीय क्षेत्र प्राधिकार के परिणाम (Tirhut MLC Bypoll Result) से सरकार के स्वास्थ्य पर सीधा असर नहीं पड़ता है, फिर भी यह बहुत हद तक राजनीतिक समीकरण के प्रति विशेष वर्ग के रुझान को बताता है। तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सत्तारूढ़ और विपक्ष-दोनों गठबंधन के उम्मीदवार थे, लेकिन जीत निर्दलीय की हुई।
खास बात यह है कि सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार दूसरे नम्बर पर भी नहीं रह पाए। उन्हें तीसरा और चौथा स्थान मिला। विधान परिषद की तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र पर बीते चार चुनावों से जदयू का कब्जा था। पिछली बार जीते देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के कारण उपचुनाव हुआ। ताज्जुब की बात यह है कि जदयू उम्मीदवार अभिषेक झा चौथे नम्बर पर चले गए।
उन्होंने उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा से पहले चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। देवेश चंद्र ठाकुर के एनडीए के सभी बड़े, मझोले और छोटे नेताओं ने अभिषेक के पक्ष में अपील की। परिणाम पढ़े-लिखे वोटरों का रुझान है। उनके सामने सत्ता और विपक्ष-दोनों विकल्प था। तीसरे को चुना। उसे उप चुनाव का परिणाम कहकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
जीत का प्रमाणपत्र लेते वंशीधर ब्रजवासी। जागरण फोटो
जाति काम न आईराज्य में चुनाव कोई भी हो, जीत की कामना जाति के वोट को आधार बनाकर की जाति है। कभी यह अगड़ा-पिछड़ा भी हो जाता है। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते वंशीधर ब्रजवासी के मामले में जाति के जोर पर जीत की धारणा खत्म हुई। वह सहनी यानी जाति से मल्लाह हैं। प्रथम वरीयता के वोटों को देखें तो यही कहा जा सकता है कि इन्हें कम या अधिक सभी जातियों का वोट मिला।
उन्हें सहानुभूति का लाभ मिला।वह शिक्षकों के लिए संघर्ष करने के दौरान सेवा से बर्खास्त हुए थे। अब वे उच्च सदन में उस व्यवस्था से आंख मिलाकर बात करेंगे, जिसके कारण उन्हें नौकरी गंवानी पड़ी थी। उन्होंने इस चुनाव में धनबल के प्रवाह को भी पराजित किया। उनके चुनावी खर्च वोटरों ने उठाए।
तीसरा-चौथा स्थानमुख्य विपक्षी दल राजद के गोपी किशन को तीसरा और जदयू के अभिषेक झा को चौथा स्थान मिला।राजद को अपने माय समीकरण के अलावा उम्मीदवार की जाति के नाम पर वैश्य वोटरों का भरोसा था।
उधर, अभिषेक को सत्तारूढ़ दल और खास कर एनडीए के आधार वोटरों से उम्मीद थी। दोनों को निराशा ही हाथ लगी। पहले चुनाव में ही बड़ा धक्का लग गया।
जन सुराज की इज्जत बचीइस चुनाव में जन सुराज का कुछ भी दांव पर नहीं लगा था। अव्वल तो जन सुराज ने विधायकों-सांसदों के खानदान से उम्मीदवार न बनाने के अपने संकल्प को तिरहुत के उप चुनाव में तोड़ा। उसके उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम के पिता रामकुमार सिंह विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं।
उनके नाना स्व. रघुनाथ पांडेय कांग्रेस के विधायक और मंत्री थे। एक डॉक्टर के नाते उनकी अपनी भी पहचान और प्रतिष्ठा है। वह दूसरे स्थान पर रहे। हां, जन सुराज के लिए संतोष की बात यह है कि उसके उम्मीदवार को राजद और जदयू से अधिक वोट मिला।
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ACS सिद्धार्थ में दिखा KK Pathak वाला रूप! अधिकारियों और शिक्षकों में मचा हड़कंप; दे दी चेतावनी
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार की सख्ती के बावजूद राज्य के सरकारी विद्यालयों में अब भी छात्र-छात्राओं के फर्जी नामांकन और फर्जी उपस्थिति दर्ज हो रही है। इस मामले में प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की मिलीभगत सामने आई है। जबकि हर माह सभी सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण में जिला और मुख्यालय के पदाधिकारियों की ड्यूटी लगायी जा रही है। जाहिर है, इतने बड़े फर्जीवाड़े काे निरीक्षण में नहीं पकड़ पाने वाले लापरवाह पदाधिकारी भी जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने मंगलवार को सभी शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि अगर स्थिति में फैारी सुधार नहीं हुआ तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी।
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने पत्र में कहा है कि कुछ व्यक्तियों को गांवों के विद्यालयों के निरीक्षण हेतु भेजा गया था। इन व्यक्तियों ने विभिन्न गांवों में एक महीने रहकर विद्यालयों के संचालन के संबंध में लिखित जानकारी दी है जिसमें बड़ी संख्या में जहां एक ओर कुछ समर्पित शिक्षकों के प्रयत्न से विद्यालयों में सुधार आने की जानकारी दी है, वहीं दूसरी ओर कुछ लापरवाह शिक्षकों द्वारा विद्यालयों के सुचारू संचालन में धोखाधड़ी किए जाने की भी सूचना मिली है। बच्चों की उपस्थिति की फर्जी संख्या रहे हैं। इसमें प्रधानाध्यापकों की भी मिलीभगत है। यह निरीक्षण रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारियों ने बनायी है। इतना ही नहीं, विद्यालय के पास रहने वाले शिक्षक शिक्षण कार्य में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव ने निरीक्षी पदाधिकारियों को भी आगाह करते हुए कहा है कि निरीक्षण से संबंधित स्पष्ट निर्देश के बावजूद निरीक्षण व्यवस्था में इतनी त्रुटि गंभीर मामला है। निरीक्षी पदाधिकारी किसी भी विद्यालय में त्रुटि पाते हैं तो इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे जो इस पर कार्रवाई करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। यह माना जाता है कि इस लापरवाही में निरीक्षी पदाधिकारियों की भी मिलिभगत है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आगाह किया जाता है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आपको जवाबदेह मानते हुए आपके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई होगी।
जांच रिपोर्ट के महत्वपूर्ण बिंदु-- कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं की फर्जी उपस्थिति अभी भी लगायी जा रही है। यह दिखाया जा रहा है कि 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उनके विद्यालय में उपस्थित हैं, जबकि वास्तव में देखा जाए तो 50 प्रतिशत से भी कम विद्यार्थी उपस्थित हैं।
- ऐसे विद्यालयों में काफी अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं, जबकि नियमित दिनों में छात्रों की उपस्थिति अत्यंत ही कम होती है। इससे स्पष्ट है कि विद्यालय में बच्चे नियमित रूप से नहीं आ रहे हैं एवं अन्यत्र निजी विद्यालयों एवं कोचिंग संस्थानों में नामांकित हैं। ये बच्चे केवल विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा के दिन उपस्थित हैं।
- कुछ शिक्षकों की रूचि कक्षा के सुचारू संचालन में नहीं है। उनका मूल उद्देश्य यह नहीं है कि बच्चे पढ़ें, बल्कि उनका उद्देश्य केवल यह रहता है कि उनकी उपस्थिति समय पर लग जाए यानी कक्षाएं संचालित करने की अपेक्षा उपस्थिति बनाए रखने पर अधिक जोर है।
- कुछ शिक्षक सुबह नौ बजे से अपराह्न चार बजे के बीच अनुपस्थित रहते हैं। ये शिक्षक विद्यालय आते हैं तथा कुछ कक्षाएं लगाने के बाद निजी कामों से चले जाते हैं तथा मात्र अपनी उपस्थिति दर्ज करने हेतु वापस विद्यालय आते हैं, जो धोखाधड़ी है।
- कुछ शिक्षक जो अपने घरों के पास पदस्थापित हैं। वे शिक्षण कार्य हेतु काफी कम समय देते हैं और मात्र उपस्थिति दर्ज करने के उद्देश्य से विद्यालय आते हैं। उन्हें पठन-पाठन कार्य से कोई लेना-देना नहीं है।
Bihar MLC Bypoll Result: तिरहुत स्नातक विधान परिषद उपचुनाव में बड़ा उलटफेर, निर्दलीय उम्मीदवार की हुई जीत
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी विजयी। जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम को लगभग 11 हजार से अधिक वोटों से हराया।
22 वर्षों बाद तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से नया चेहरा बना एमएलसी। राजद उम्मीदवार तीसरे और जदयू चौथे नंबर पर रहे। जदयू ने यह सीट गंवा दी। हालांकि, अभी औपचारिक घोषणा बाकी है।
सोमवार को शुरू हुई वोटों की गिनती कुछ देर पहले खत्म हुई। अंतिम राउंड में जन सुराज के उम्मीदवार डा. विनायक गौतम एलिमिनेट हुए। ब्रजवासी को 27774 वोट मिले। डा. गौतम को 16829 वोट मिले।
पहले दस हजार वोटों की गिनती हुई। मतगणना को लेकर एमआइटी के बाहर गहमागहमी रही। उम्मीदवार के समर्थक ठंड के बावजूद जमे रहे। लक्ष्मी चौक से लेकर एमआइटी का इलाका उम्मीदवारों के समर्थक से भरा रहा।
दूसरी या तीसरी वरीयता के वोटों की गिनती से आएगा परिणामइस बार मुकाबला रोमांचक बना रहा। इस सीट पर 18 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। दूसरी या तीसरी वरीयता के वोटों की गिनती के बाद ही परिणाम आया। ऐसे में मंगलवार दोपहर बाद ही अंतिम परिणाम आने की उम्मीद थी।
पहले चरण में उम्मीदवारों के प्रथम वरीयता के आधार पर मतों की गिनती हुई। कुल वैध मतों के आधा से एक मत अधिक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है।
अगर किसी भी प्रत्याशी को पहली वरीयता में इतना मत प्राप्त नहीं होता है तो सबसे कम प्रत्याशी के मतों को हटाकर दूसरी वरीयता को शामिल किया जाएगा। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी, जब तक कि किसी उम्मीदवार को कोटा का मत प्राप्त नहीं हो जाता है।
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी पद के निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी। जागरण फोटो
प्रथम चक्र में प्रथम वरीयता के मतों की गणना के उपरांत उम्मीदवारों की स्थिति-- वंशीधर ब्रजवासी, 3133 (निर्दलीय)
- डॉ विनायक गौतम, 1610 (जन सुराज पार्टी)
- गोपी किशन, 1234 (राजद)
- अभिषेक झा, 1184 (जदयू)
- राकेश रौशन, 867
- संजय कुमार, 814
- अरविंद कुमार विभात, 43
- अरुण कुमार जैन, 18
- ऋषि कुमार अग्रवाल, 06
- एहतेशामुल हसन रहमानी, 26
- प्रणय कुमार, 19
- भूषण महतो, 03
- मनोज कुमार वत्स, 64
- राजेश कुमार रौशन, 14
- रिंकु कुमारी, 09
- संजना भारती, 03
- संजीव भूषण, 13
कुल वैध मत - 9067
इनवैलिड मत - 931
कुल मतों की संख्या - 9998
दूसरे राउंड में प्रथम वरीयता के आधार पर:- अभिषेक झा, 1371 (जदयू)
- गोपी किशन, 1451 (राजद)
- विनायक गौतम, 1645 (जन सुराज पार्टी)
- वंशीधर ब्रजवासी, 3047 (निर्दलीय)
- अरविंद कुमार विभात, 47
- अरुण जैन, 18
- राकेश रौशन, 264
- संजय झा, 873
- ऋषि अग्रवाल, 32
- प्रणय कुमार, 22
- मनोज वत्स, 40
- राजेश कुमार रौशन, 26
- रिंकू कुमारी, 201
-वंशीधर ब्रजवासी, निर्दलीय 9322
-डॉ विनायक गौतम, जन सुराज 4942
-गोपी किशन, राजद 3939
-अभिषेक झा, जदयू 3925
शेष निर्दलीय उम्मीदवार
-राकेश रौशन 1877
-संजय कुमार 2278
-अरविंद कुमार विभात 125
-अरुण कुमार जैन 50
-ऋषि कुमार अग्रवाल 50
-एहतेशामुल हसन रहमानी 146
-प्रणय कुमार 58
-भूषण महतो 12
-मनोज कुमार वत्स 141
-राजेश कुमार रौशन71
-रिंकु कुमारी 243
-संजना भारती 16
-संजीव भूषण 87
-संजीव कुमार 34
कुल वैध मत 27316
इनवैलिड मत 2680
कुल मतों की संख्या 29996
वंशीधर ब्रजवासी 4380 वोटों से आगे
चौथे चक्र की गणना के उपरांत मतों की अद्यतन स्थिति
-वंशीधर ब्रजवासी, निर्दलीय 12427
-डॉ विनायक गौतम, जन सुराज 6647
-गोपी किशन, राजद 5458
-अभिषेक झा, जदयू 5097
शेष निर्दलीय उम्मीदवार
राकेश रौशन 2450
-संजय कुमार झा 2894
-अरविंद कुमार विभात 162
-अरुण कुमार जैन 60
-ऋषि कुमार अग्रवाल 66
-एहतेशामुल हसन रहमानी 206
-प्रणय कुमार 88
-भूषण महतो 17
-मनोज कुमार वत्स 226
-राजेश कुमार रौशन 88
-रिंकु कुमारी 275
-संजना भारती 27
-संजीव भूषण 114
-संजीव कुमार 43
कुल वैध मत 36345
इनवैलिड मत 3652
कुल मतों की संख्या 3997
वंशीधर ब्रजवासी 5780 वोटों से आगे
कुल वैध, 9144
इनवेलिड, 856
कुल मत, 10000
नोट- खबर को अपडेट किया जा रहा है।
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Lalu Yadav: लालू यादव के बयान से बिहार में उठा सियासी बवाल, BJP-JDU ने भी RJD अध्यक्ष पर छोड़ दिए 'शब्दबाण'
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की प्रस्तावित महिला संवाद यात्रा पर राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) के विवादित टिप्पणी से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।
इसके साथ ही बिहार की राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर चरम पर है।
क्या है पूरा मामलापहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इसे फिजूलखर्ची बताया था। मंगलवार की सुबह विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी (Rabri Devi) के सरकारी आवास से फार्म हाउस एवं गोशाला के लिए निकले लालू यादव ने मीडिया के प्रश्न पर चुटकी लेते हुए संवाद यात्रा को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी।
दरअसल, सरकार ने घोषणा की है कि नीतीश यात्रा के माध्यम से महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करना चाहते हैं। महिलाओं की समस्याएं और सुझाव सुनेंगे।
इससे सरकार की योजनाओं को और बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। यात्रा आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विपक्ष यात्रा को मान रहा दिखावा- हालांकि, विपक्ष का मानना है कि यह यात्रा सिर्फ दिखावा है। तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का कहना है कि सरकार को जनता के पैसों का सही उपयोग करना चाहिए।
- उन्होंने इस यात्रा को चुनावी स्टंट बताया था। उनका तर्क है कि सरकार को जनता की असली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि दिखावटी यात्राओं पर पैसा बर्बाद करना चाहिए।
- उधर, लालू के कटाक्ष पर सत्ता पक्ष की ओर से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) एवं विजय सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने पलटवार किया है। सम्राट ने कहा है कि लालू मानिसक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं।
- विजय सिन्हा ने कहा कि लालू लगातार बिहार को शर्मसार कर रहे हैं। उन्होंने बिहार को समय-समय बदनाम करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रस्तावित महिला संवाद यात्रा पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) द्वारा दिए गए विवादित टिप्पणी पर जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा (Sanjay Jha) ने कहा कि इस बयान की जितनी निंदा की जाए वह कम है।
आईएनडीआईए गठबंधन (I.N.D.I.A Bloc) नेता का बयान शर्मनाक है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि हमें गर्व है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐतिहासिक फैसलों के कारण बिहार महिला सशक्तीकरण की मिसाल पेश कर रहा है।
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Bihar Police News: बिहार पुलिस में महिलाओं ने बनाया रिकॉर्ड, नीतीश सरकार के कामों की हो रही चर्चा
राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। Bihar Police News: बिहार में महिलाएं अब सुरक्षा मांगने के लिए नहीं, सुरक्षा देने के लिए जानी जा रही हैं। देश में सर्वाधिक 29 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी बिहार में हैं। वर्तमान में बिहार में करीब 29 हजार महिला पुलिसकर्मी और पदाधिकारी हैं। अभी नई बहाली के बाद यह संख्या और बढ़ेगी। महिलाएं सिपाही से लेकर डीजी (पुलिस महानिदेशक) तक के पद पर हैं।
महिलाएं थानों की कमान संभाल रहीं तो डायल-112 की गाडि़यां भी चला रही हैं। बिहार में पहली बार महिला बटालियन का भी गठन हुआ है। सभी 40 पुलिस जिलों में एवं 4 रेल पुलिस जिलों में एक-एक महिला थाना की स्थापना भी की गई है, इसके लिए विभिन्न कोटि के 647 पदों का सृजन किया गया है। अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए स्वाभिमान बटालियन का गठन भी हुआ है।
बिहार पुलिस में एक जनवरी 2005 को महज 893 महिला पुलिसकर्मी और पदाधिकारी थीं। इस दिशा में क्रांतिकारी बदलाव वर्ष 2013 में आया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस बल में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की।
इसके बाद बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ। नतीजा, आज राज्य में महिला पुलिस की संख्या 29 हजार तक पहुंच गई है। पुलिस की बहाली में महिलाओं के आने से सामाजिक बदलाव भी आया है। समाज में महिलाओं को बराबरी का हक मिला है। अब पीड़ित महिलाएं बिना झिझक के थाने आकर महिला पुलिसकर्मियों को अपनी शिकायत दर्ज करा रहीं हैं।
अगर राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो भी महिला सशक्तीकरण की दिशा में बिहार की उपलिब्ध स्पष्ट दिखती है। अभी देशभर के पुलिस बल में महिलाओं का राष्ट्रीय औसत 16.05 प्रतिशत है। वहीं महाराष्ट्र में 12.52 प्रतिशत और तमिलनाडु में 18.50 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं। बिहार के बाद हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक 19.15 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस बल की कुल क्षमता 82 हजार, 195 है जिसमें महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 10 हजार 110 है जो कुल क्षमता का 12.30 प्रतिशत है। हालांकि संख्या के मामले में सर्वाधिक महिला पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश में हैं। उत्तर प्रदेश में कुल पुलिस बल की क्षमता तीन लाख तीन हजार 450 है जिसमें 29 हजार, 112 महिला पुलिसकर्मी हैं। यह कुल संख्या का 9.59 प्रतिशत है। इसके अलावे महाराष्ट्र संख्या बल के हिसाब से दूसरे स्थान पर है।
65 हजार पुलिसबलों की और होगी बहालीराज्य में पुलिसवालों की कुल संख्या एक लाख 20 हजार है। अभी 65 हजार और पुलिसकर्मियों की बहाली होने वाली है, जिसके बाद यह संख्या बढ़कर एक लाख 85 हजार हो जाएगी इससे पुलिस-पब्लिक अनुपात भी सुधरेगा। वर्तमान में पुलिस-पब्लिक अनुपात 1000 की आबादी पर एक पुलिस बल है। पुलिसवालों की संख्या बढ़ने से यह अनुपात घटकर 649 व्यक्ति पर एक पुलिस बल का हो जाएगा।
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Bihar Bijli Chori: बिजली चोरों की खैर नहीं, पूरे बिहार में एक्शन शुरू; अब सीधा F.I.R दर्ज होगी
जागरण संवाददाता, पटना। बिजली चोरी (Bihar Bijli News) करने वाले सावधान हो जाएं। बिहार स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिजली चोरी रोकने की रणनीति बनाकर कार्य करना शुरू कर दिया है। बिजली कंपनी ने औद्योगिक उपभोक्ता, तीन माह से रीचार्ज नहीं कराने वाले स्मार्ट प्री-पेड उपभोक्ता, बिजली कनेक्शन कटने के बाद आपूर्ति बहाल नहीं कराने वाले, विवाह मंडल हॉल और चावल मिल वाले उपभोक्ताओं को निशाने पर लिया है।
बिजली कंपनी को सूचना मिली है कि चोरी की बिजली से बड़े पैमाने पर चावल कुटाई करने वाले मिल चलाए जा रहे हैं। साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अंचल स्तर पर गठित एसटीएफ टीम को नियमित रूप से बिजली चोरी रोकने के लिए छापेमारी करने और परिसरों की जांच करने का निर्देश जारी कर दिया है।
राज्यभर में शुरू हुई छापेमारीराज्यभर के अंचलों में एसटीएफ ने छापेमारी अभियान की शुरुआत कर दी है। शुरुआती दौर में प्लास्टिक फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी मिल रही है। गांव-गांव में धान कुटाई का कार्य चल रहा है। अभियंता गांव में भ्रमण कर देखेंगे कि बिजली कनेक्शन है या नहीं। कनेक्शन है तो उचित लोड लिया है कि नहीं। बिजली कंपनी राइस मिल पर विशेष नजर रखने जा रही है।
जुर्माने के साथ दर्ज होगी प्राथमिकीएसटीएफ के मुख्य कार्यों में औद्योगिक बिजली कनेक्शन वाले परिसरों की जांच करना है। बिजली चोरी मिलने पर जुर्माने के साथ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। तीन माह से स्मार्ट प्री-पेड मीटर रीचार्ज नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं के परिसर की जांच करने के निर्देश भी एसटीएफ टीम को मिले हैं। टीम रिपोर्ट देगी कि बिजली क्यों बंद हैं। बिजली बंद है तो उपभाोक्ता चोरी तो नहीं कर रहा है।
बिजली चोरी के खिलाफ अभियान शुरूबिजली कंपनी के अनुसार, फतुहा में प्लास्टिक फैक्ट्री में बिजली चोरी मिली। बिहटा, फतुहा, बाढ़ सहित राज्य के सभी हिस्सों में छापेमारी की जा रही है। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के महाप्रबंधक श्रीराम सिंह ने बताया कि पेसू क्षेत्र में भी बिजली चोरी के विरुद्ध छापेमारी अभियान शुरू हो गया है। अंचल स्तर पर दो एसाटीएफ की टीम है। इसके साथ आपूर्ति प्रमंडल स्तर पर भी छापेमारी हो रही है।
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Suman Kumar Cricketer: कौन है बिहार का क्रिकेटर सुमन? 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड किया अपने नाम; ऐसा रहा है संघर्ष
अक्षय पांडेय, पटना। Bihar Cricket News: स्पिनर सुमन कुमार के हाथ से गेंद छूटती, बल्लेबाज पवेलियन लौटते। 30 नवंबर को बीसीसीआइ की कूच बिहार अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता के दौरान उनकी फिरकी का यह कौशल था कि बाहर जाती दिख रही गेंद अंगुलियों के करिश्मे से अंदर आने लगीं तो, बल्लेबाज असमंजस में पड़कर विकेट गंवाते चले गए। बिहार के समस्तीपुर के 18 वर्षीय क्रिकेटर ने राजस्थान के विरुद्ध एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर कीर्तिमान गढ़ दिया।
दर्शक भी सहसा कह उठे कि गेंद सुमन के मन की सुनती है, बल्लेबाज फिरकी में फंस ही जा रहे हैं। समस्तीपुर की क्रिकेट अकादमी आफ समस्तीपुर में ब्रजेश कुमार झा से क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले सुमन को बेहतर प्रशिक्षण के लिए कोविड के दौरान दो वर्ष झारखंड के जमशेदपुर और रांची में भी रहना पड़ा।
वे भारतीय टीम के सदस्य रवींद्र जडेजा और न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर डेनियल विटोरी को आदर्श मानते हैं। विकेट लेने पर ताली बजाकर खुद का उत्साह बढ़ाने वाले सुमन प्रतिदिन छह से सात घंटे अभ्यास कर रहे हैं, लक्ष्य विराट कोहली, रोहित शर्मा, शुभमन गिल जैसे भारतीय टीम के सदस्यों को आउट करने का है।
उन्हीं के शहर एवं अकादमी से भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य व आइपीएल में राजस्थान रायल टीम के लिए चयनित 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी और झारखंड के लिए रणजी व कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आइपीएल खेलने वाले अनुकूल राय हैं।
10 वर्ष की उम्र में ही क्रिकेट में रम गएइस वर्ष बिहार बोर्ड की 12वीं परीक्षा की तैयारी कर रहे सुमन पढ़ाई में स्वयं को औसत मानते हैं। कहते हैं, पांचवीं कक्षा में अध्ययन के दौरान क्रिकेट में मन रमने लगा। समस्तीपुर के सरकारी विद्यालय में शिक्षिका मां माया कुमारी और रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग में कार्यरत पिता प्रदीप कुमार ने खेल के लिए पूरा सहयोग दिया।
वे तीन भाई और एक बहन में दूसरे नंबर की संतान हैं। कहते हैं कि मां आज भी हर मैच से पहले सुबह में फोन कर बेहतर प्रदर्शन के लिए आशीर्वाद देती हैं। पिता कहते हैं कि जमीन से जुड़े रहो। क्रिकेट में अभी लंबा सफर तय करना है। क्रिकेटर के बड़े भाई सोनू कुमार बीटेक, तो छोटा अमन 10वीं में है। बहन खुशबू कुमारी नीट की तैयारी कर रही हैं।
जडेजा की गेंदबाजी देख क्रिकेट में दिखा भविष्यसुमन अपनी सफलता में प्रारंभिक प्रशिक्षक ब्रजेश कुमार झा का बड़ा योगदान मानते हैं। घूमती हुई गेंदों से बल्लेबाजों को चकमा देने का श्रेय सुमन पूर्व रणजी खिलाड़ी कुंदन गुप्ता और निशांत कुमार को देते हैं। साफगोई से कहते हैं, मैंने रवींद्र जडेजा को गेंदबाजी करते देख स्वयं का भविष्य क्रिकेट में देखा। एक बार जडेजा से मुलाकात भी हुई।
सुमन मैदान पर पसीना बहाने के साथ इंटरनेट मीडिया पर जडेजा, डेनियल विटोरी आदि बाएं हाथ के स्पिनरों के वीडियो देख गेंदबाजी के गुर सीखते हैं। प्रशिक्षक ब्रजेश कुमार झा कहते हैं कि सुमन वरिष्ठ खिलाड़ियों की बातें ध्यान से सुनता है। लक्ष्य बनाकर कार्य करता है। उसके अंदर सीखने की ललक अन्य खिलाड़ियों की अपेक्षा अधिक है।
योजना पांच विकेट की थी, गेंद ने दिलाए 10 विकेटकूच बिहार ट्राफी में सभी बल्लेबाजों को आउट करने वाले सुमन कहते हैं कि वो दिन शायद मेरा था। मैं मोइनुल हक स्टेडियम में पांच विकेट लेने की योजना बनाकर उतरा था। राजस्थान के बल्लेबाज सोच रहे थे कि मेरी गेंदें बाहर निकलेंगी, पर हुआ उल्टा।
अंदर आती गेंदों ने पूरी टीम को पवेलियन भेज दिया। बताया कि इसके लिए कड़ा अभ्यास किया था। राजस्थान से पहले असम के विरुद्ध पांच और केरल के विरुद्ध मिले छह विकेट झटकने से आत्मविश्वास बढ़ा था। कूच बिहार प्रतियोगिता के बीते सत्र में सुमन के नाम 18 विकेट थे। इस वर्ष वह 23 बल्लेबाजों को पवेलियन भेज चुके हैं। छह दिसंबर को महाराष्ट्र के साथ बिहार का अंतिम मुकाबला होगा।
गाने सुनने और यात्रा के भी हैं शौकीनखाली समय में गाने सुनने और यात्रा के शौकीन सुमन कहते हैं कि 10 विकटों ने मेरी पहचान बना दी है। भारतीय अंडर-19 टीम के कैंप में चयन की उम्मीद है। हो सकता है कि आइपीएल में भी अवसर मिले। सुमन कहते हैं, बिहार के पास क्रिकेट में प्रतिभा की कमी नहीं है। वैभव सूर्यवंशी और अनुकूल राय मेरे ही शहर से निकलकर देश में छाए हैं। क्रिकेटरों के लिए राज्य में थोड़ी और सुविधा की जरूरत है। जैसा कार्य हो रहा है, भविष्य बिहार का ही है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए कई दूरगामी व प्रभावशाली कदम उठाए हैं।
इन प्रयासों से न केवल अल्पसंख्यक समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद की है, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास और सामाजिक समरसता को भी मजबूत किया है।ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्रों में प्रभावशाली कार्य किए हैं।
शिक्षा के क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत मैट्रिक पास करने वाले दो लाख छात्रों को दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। स्नातक व परास्नातक स्तर के 1.5 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में 500 से अधिक स्कूलों का उन्नयन किया गया है।
ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि रोजगार और कौशल विकास के लिए सरकार ने 30 नए आइटीआइ स्थापित किए हैं। इसके माध्यम से 50 हजार से अधिक युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण मिला।
मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के तहत 2023-24 में 200 करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किए गए। वहीं 50 हजार महिलाओं को स्वरोजगार व प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी गई।
कांग्रेस ने बोला हमलादूसरी ओर, बिहार कांग्रेस ने कहा है कि जदयू नेता जो दावा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के हितों में काम किया है वह दावा सरासर झूठा है।
कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट और पूर्व विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि मंत्री अशोक चौधरी, संजय झा पहले यह बताएं कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कौन कौन से काम भाजपा-जदयू सरकार ने किए।
कांग्रेस ने पूछा सवाल- उन्होंने पूछा कि क्या यह सच नहीं कि किशनगंज में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ब्रांच खोलने का निर्णय लिया, लेकिन 11 साल गुजरने के बावजूद अभी तक सरकार की शिथिलता के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
- उन्होंने अशोक चौधरी और पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष संजय झा के अल्पसंख्यकों के कल्याण संबंधी दावों को निराधार बताया और कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण का बजट घटा कर मात्र 700 करोड़ कर दिया है, जबकि इसकी तुलना में कांग्रेस शासित छोटे राज्य तेलंगाना का इस मद में 4200 करोड़ का बजट है।
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बिहार में 60 हजार से अधिक शिक्षकों को चाहिए ट्रांसफर, शिक्षा विभाग तक पहुंचा आवेदन; सामने आई बड़ी वजह
राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष समस्या के कारण स्थानातंरण के लिए इच्छुक 60,205 शिक्षकों ने दस दिनों में आवेदन किया है। इनमें सर्वाधिक 50,293 ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने घर से दूरी होने के कारण स्थानातंरण हेतु आवेदन किया है।
5,500 शिक्षकों ने पति या पत्नी के पदस्थापन को आधार बनाकर आवेदन दिया है ताकि दंपत्ति शिक्षकों की नई पोस्टिंग समीप में हो सके।
शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी विद्यालयों (प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक) में कार्यरत ऐसे शिक्षक/शिक्षिका, जो विशेष समस्या के कारण स्थानांतरण के लिए इच्छुक हैं, उनके ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 15 दिसंबर मांगा है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक दस दिसंबर तक गंभीर बीमारी से ग्रसित 290 शिक्षक, कैंसर से ग्रसित 271 शिक्षक, दिव्यांगता, आटिज्म और मानसिक बीमारी 481 शिक्षक, 416 विधवा और परित्यक्ता शिक्षक के आवेदन स्थानातंरण के लिए प्राप्त हुए हैं।
बीपीएससी प्रधान शिक्षकों के लिए प्रमाण पत्रों की हुई जांच- समस्तीपुर में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रधान शिक्षक परीक्षा में सफल शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया सोमवार से राम निरीक्षण आत्मा राम महाविद्यालय में शुरू हो गई।
- काउंसिलिंग सुबह 9 बजे से शुरू हुई। महाविद्यालय में सुबह 8 बजे से ही शिक्षकों के पहुंचने का सिलसिला जारी हो गया।
- महाविद्यालय के हाल में पांच काउंटर बनाए गए थे। इस पर शिक्षकों को लाइन में लगाकर काउंसलिंग कराई गई। पहले दिन 350 में 326 शिक्षकों की काउंसिलिंग हुई। जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता स्वयं मानिटरिंग कर रहे थे।
- काउंसिलिंग कार्य के सफल संचालन के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में तैनात जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) कुमार सत्यम मुस्तैद रहे। डीईओ ने बताया कि सोमवार से काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू हुई।
- काउंटर पर पहुंचने से पहले बायोमिट्रिक के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति बनाई गई। शिक्षकों को निर्धारित स्लाट के आधार पर काउंटर पर भेजा जा रहा था।
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियुक्ति में सफल हुए अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग के लिए प्रमाण पत्रों की जांच की गई।
इससे पहले शिक्षकों की थंब इंप्रेशन हुई। शिक्षकों की पहचान उनके आधार कार्ड, थंब इंप्रेशन और फोटो से की गई। इसके बाद स्लाट के अनुसार काउंटर पर आनलाइन उपस्थिति ली गई। प्रमाण पत्र की जांच के उपरांत मोबाइल पर ओटीपी भेजा गया। इससे अभ्यर्थी की पहचान कर काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हुई।
सुबह से मौजूद रहे अधिकारी, दोपहर बाद दिखी अव्यवस्थाकाउंसिलिंग स्थल पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन कराने पहुंचे शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिक्षा विभाग के अधिकारी सुबह से ही काउंसिलिंग प्रक्रिया में मौजूद रहे। नाम नहीं छापने की शर्त पर महिला शिक्षिका ने बताया कि आधार वेरीफिकेशन में काफी समय लगाया गया। ऑपरेटर बार-बार जगह बदल रहा था। इसको लेकर काफी देर तक लाइन में लगे रहना पड़ा।
काउंसलिंग में इन प्रमाण पत्रों की हुई जांचअभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान बीपीएससी की प्रधान शिक्षक नियुक्ति परीक्षा 2024 के एडमिट कार्ड की ओरिजनल और सेल्फ अटेस्टेड कापी, आधार कार्ड की ओरिजनल और कापी, सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों और आयोग के वेबसाइट पर अपलोड प्रमाण पत्रों की कापी होना आवश्यक है।
वेबसाइट से अपलोड प्रमाण पत्र जिसमें बीपीएससी का वाटरमार्क लगा हो यह भी लाना जरूरी है। दूसरी तरफ, जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से जारी आठ सालों का शिक्षण अनुभव का प्रमाण पत्र, परीक्षा के समय दी गई तस्वीर की तीन पासपोर्ट साइज कापी, पैन कार्ड की सेल्फ अटेस्टेड कापी लेकर आना है।
बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए तैनात रहे कर्मीप्रधान शिक्षक पद की काउंसलिंग हेतु उपस्थिति दर्ज करने के लिए डाटा इंट्री आपरेटर शिव कुमार, सत्यापन कार्य हेतु प्रखंड साधनसेवी (मध्याह्न भोजन योजना) सरायरंजन गांधी राय एवं नोडल पर्यवेक्षक के रूप में उजियारपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नागेंद्र कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है।
बायोमेट्रिक और आधार सत्यापन के लिए सरायरंजन डाटा इंट्री आपरेटर आदित्य कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना कार्यक्रम सहायक मो. शफीक और नोडल पर्यवेक्षक जिला परियोजना प्रबंधक नीलमणि कुमार को तैनात किया गया है।
प्रत्येक काउंटर के स्लाट में 14 शिक्षक थे आवंटित- काउंसिलिंग स्थल पर पांच काउंटर बनाया गया था।
- प्रत्येक काउंटर पर पांच टाइम स्लाट निर्धारित किया गया था।
- इसमें प्रत्येक स्लाट में 14 शिक्षक की उपस्थिति के लिए सूची जारी की गई थी।
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BPSC 70th Exam: किस सेट से होगी 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा? आयोग ने निकाली गजब की स्कीम
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (BPSC 70th Exam) 13 दिसंबर को होगी। इसके लिए लगभग सभी जिलों में 912 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर परीक्षा के लिए चार लाख 80 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं। चार सेट में प्रश्न पत्र प्रकाशित किए गए हैं। यह प्रश्न पत्र भी अलग-अलग राज्यों से प्रिंट होकर आते हैं। ऐसे में किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश भी नहीं है। इसमें किस सेट से परीक्षा आयोजित होंगे।
यह परीक्षा आरंभ होने के तीन घंटे पूर्व आयोग में लॉटरी कर सभी डीएम को बताया जाएगा। ये बातें सोमवार को बीपीएससी चेयरमैन परमार रवि मनुभाई ने कहीं। वह संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।
सुरक्षा दृष्टिकोणउन्होंने कहा कि आयोग सुरक्षा दृष्टिकोण से यह फॉर्मूला बीते कई परीक्षाओं से उपयोग कर रहा है। हर परीक्षा में कई प्रश्न पत्र सेट का उपयोग होता रहा है। इसमें एक सेट अंतिम समय में तीन घंटे पूर्व बताया जाता है। ढाई घंटे पूर्व से अभ्यर्थियों का प्रवेश भी परीक्षा केंद्रों में होने लगती है।
उन्होंने बताया कि कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर तीन स्तर की जांच व्यवस्था जारी रहेगी। इसके तहत 25 हजार सीसीटीवी का उपयोग किया जा रहा है। सभी केंद्रों पर जैमर लगे रहेंगे। इसके अतिरिक्त सभी अभ्यर्थियों के बायोमीट्रिक व आइरिस की भी जांच होगी। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थी अपना फोटोयुक्त पहचान पत्र लेकर भी आएंगे। इससे भी उनकी जांच होगी।
अफवाह फैलाने वाले इंटरनेट मीडिया की हुई पहचानआयोग के चेयरमैन (BPSC Chairman) ने बताया कि बीते कुछ दिनों में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से परीक्षा के संदर्भ में कुछ अफवाह फैलाने की कोशिश हुई। इन सभी की पहचान कर आयोग आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि अफवाह के कारण काफी अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है, इसे आयोग ने गंभीरता से लिया है।
आज से विभिन्न चरणों में आएंगे शिक्षक परिणामचेयरमैन ने बताया कि मंगलवार से विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम आने है। इसमें मंगलवार को कृषि विभाग के परिणाम आने के साथ शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के परिणाम संभावित है। यह परिणाम कई चरण में आएंगे। इसकी शुरुआत मंगलवार से होगी।
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Nitish Government: जिन ईंट-भट्ठों के पास सीटीई-सीटीओ नहीं वे होंगे बंद, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की सीमा में संचालित ईंट-भट्ठों की अनियमितता को देखते हुए सरकार सख्त हो गई है। समीक्षा बैठक में सरकार के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि सैकड़ों ईंट-भट्ठे ऐसे हैं जो समय पर टैक्स नहीं देते। अनेक ऐसे भी हैं, जिनके पास इन्हें स्थापित करने और संचालित करने की अनुमति भी नहीं।
बावजूद प्रदेश की सीमा में चल रहे हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने भट्ठों को चिह्नित करते हुए उन्हें बंद करने के निर्देश दिए हैं।
समीक्षा बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चाखान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में पिछले दिनों विभाग की समीक्षा बैठक में ईंट भट्ठों की समीक्षा के क्रम में नीलाम वाद से लेकर, भट्ठों पर बकाया राशि, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से जारी होने वाले सीटीई (कंसेंट टू स्टैब्लिस्ट) और सीटीओ (कंसेंट टू आपरेट) समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई।
जिसके बाद खनिज विकास पदाधिकारियों को नियमित ईंट-भट्ठों के निरीक्षण के साथ ही बकाया राशि का आकलन और वसूली, राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए गए।
ऐसे ईंट-भट्टों को किया जाएगा बंदइसी क्रम में यह निर्देश भी दिए गए हैं कि जिन ईंट-भट्ठों के पास सीटीई (कंसेंट टू स्टैब्लिस्ट) और सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) अनुमति नहीं वैसे भट्ठों को चिह्नित करते हुए उन्हें बंद किया जाए और इसकी रिपोर्ट मासिक रूप से सरकार को मुहैया कराई जाए। बता दें कि प्रदेश में साढ़े छह हजार से अधिक भट्ठे संचालित हैं। जिनमें से सैकड़ों पर अनियमितता कर संचालित करने के आरोप हैं।
खान एवं भू-तत्व विभाग का पटना अंचल राजस्व संग्रह में अग्रणीखान एवं भू-तत्व विभाग ने नवंबर के लिए वित्त विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 175 करोड़ के विरूद्ध 134.85 करोड़ का अधिक राजस्व संग्रह करते हुए कुल 309.85 करोड़ का राजस्व संग्रह किया है। इस मामले में पटना अंचल टाप पर रहा। पटना अंचल ने इस अवधि में 186.74 करोड़ का राजस्व संग्रह किया। भवन निर्माण विभाग ने सोमवार को राजस्व संग्रह की मासिक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार पटना अंचल के बाद दूसरे नंबर पर मगध अंचल रहा। मगध से 64.07 करोड़, मुंगेर से 15.30 करोड़, तिरहुत अंचल से 14.63 करोड़, दरभंगा से 7.74 करोड़, पूर्णिया से 7.53 करोड़, सारण से 5.42 करोड़ और जबकि कोसी से 4.28 करोड़ और भागलपुर अंचल से 4.11 करोड़ का राजस्व संग्रह प्राप्त किया गया।
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बिहार में महाजाम: 10 KM आने में लगे 24 घंटे, पुलिस-प्रशासन बीते 48 घंटे से नहीं दिला पाया राहत, तस्वीरें दे रहीं गवाही
संवाद सूत्र, बिहटा (पटना)। बिहटा-शाहाबाद से लेकर उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली लाइफलाइन बिहटा इन दिनों जाम के लिए काफी चर्चित हो गई है।
असल में हाल ऐसा है कि बीते 48 घंटे से लग रहे इस महाजाम से राहत दिलाने में खुद पुलिस-प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है।
कहां और कब लगा महाजाममहाजाम कोईलवर-बिहटा मार्ग पर लगा है। सोमवार को दोपहर 12 बजे कोईलवर व बिहटा थाना की पुलिस के सहयोग से छोटे वाहनों को लेखनटोला, मोदही के रास्ते बिहटा भेजा गया। जबकि ट्रक, देर शाम तक जहां थे, वहीं रुके रहे।
बिहटा में लगातार हो रहे जाम के कारण नित्यदिन आमजन परेशान हो रहे हैं। मार्ग से गुजरने वालों के अनुसार, पटना की दूरी तय करने में दस मिनट लगते हैं।
परंतु महाजाम के कारण दो घंटे से अधिक समय लग रहा है। स्कूल वैन, एम्बुलेंस और शव वाहन भी जाम में फंसे नजर आ रहे हैं। कई बरातियों और दूल्हे की गाड़ी भी घंटों फंसी रहीं।
क्यों लग रहा जामबताते चलें कि सुबह होते ही पटना, भोजपुर और अरवल समेत विभिन्न इलाकों से गाड़ियां बिहटा में आना शुरू हो जाती हैं। जहां दिन की शुरुआत से लेकर देर शाम होते-होते बिहटा के मुख्य सड़क हो या लिंक रोड के साथ सभी सड़कें जाम से कराहने लगती हैं।
बीते रविवार से ही बिहटा-कनपा, बिहटा-बिक्रम, बिहटा-दानापुर, बिहटा-मनेर, बिहटा-सरमेरा रोड में करीब 20 किलोमीटर ऊपर तक बालू लदे ट्रक, हाइवा, ट्रैक्टर के अलावा चार और तीन पहिया वाहन खड़े रहे।
कई वाहन चालकों ने बताया कि छपरा जाने वाली सड़क पर परिचालन नहीं हो रहा है, इस वजह से जाम से फंसे हैं।
कनपा के जनपरा बालू घाट से आ रहे ट्रक चालकों ने बताया कि रविवार सुबह पांच बजे से चले हैं, 10 किलोमीटर आने में 24 घंटे लग गया।
स्कूल के बच्चों को परेशानीवहीं, एक स्कूल के वाहन चालक ने बताया कि बच्चों को लेकर जैसे ही सड़क पर पहुंचे, घंटाभर बीतने के बाद बच्चों को लेकर वापस आ गये। कोईलवर-आरा और बबुरा का ट्रैफिक जाम बढ़ते-बढ़ते सोमवार की सुबह होते ही परेव से लेकर शिवाला मोड़ तक पहुंच गया।
वहीं, पतूत रोड, बिक्रम रोड, मनेर रोड समेत बिहटा के तमाम लिंक रोड पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी। इसके बाद बिहटा थाना के सभी पुलिसकर्मी सड़क पर उतरकर घंटों जाम में फंसे वाहनों की दिशा परिवर्तित कराने के बाद भी महाजाम से निजात नहीं दिला पाए हैं।
क्या है महाजाम का ताजा हालमहाजाम की कई तस्वीरें सामने आई हैं। इनको देखकर जाम के हालात के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। कोईलवर पुल पर एक के पीछे एक खड़े ट्रकों की लंबी कतार को दूर से देखा जा सकता है।
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Bihar Politics: ' नीतीश आंख सेंकने जा रहे हैं...', महिला संवाद यात्रा पर बोले लालू यादव, BJP-JDU हुई हमलावर
एएनआई, पटना। Bihar Political News Hindi: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वहां आंख सेंकने जा रहे हैं। वे वहां सिर्फ आंख सेकेंगे, जाने दीजिए उनको।
जब पत्रकारों ने लालू से पूछा कि नीतीश कुमार 2025 के विधानसभा चुनाव में 225 सीटें लाने का दावा कर रहे हैं तो इसपर उन्होंने कहा कि पहले उनको आंख सेंकने बोलिए फिर सरकार बनाने के बारे में सोचेंगे। वहीं लालू के इस बयान पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। जेडीयू और बीजेपी हमलावर हो गई है।
लालू की 7 बेटियां फिर भी...: अशोक चौधरीवहीं इस मामले पर बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लालू यादव जैसे व्यक्ति द्वारा ऐसी भाषा का इस्तेमाल बिहार की गरिमा पर हमला है। इससे पता चलता है कि उनमें कितनी ईर्ष्या भरी पड़ी है। लालू यादव की खुद 7 बेटियां हैं, राजद में इतनी महिला नेता हैं, क्या उन्हें ऐसी मानसिकता शोभा देती है?
आधी आबादी के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना राजनीतिक दिवालियापन का संकेत है। उन्हें देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर बोला हमलावहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी लालू यादव पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पहले तो लगता था कि लालू जी शारीरिक रूप से ही सिर्फ बीमार हैं, लेकिन अब वो मानसिक रूप से भी बीमार हो गए हैं। उन्हें कोइलवर में इलाज की आवश्यकता है। नीतीश कुमार जी के खिलाफ उनका बयान अत्यंत ही घृणित और शर्मनाक है।
बीजेपी नेता प्रभाकर मिश्रा ने नाराजगी जताईबीजेपी नेता प्रभाकर मिश्रा ने भी लालू के इस बयान पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने ओछी टिप्पणी की है। उनके पार्टी के लोग आंख सेंकने कहां-कहां जाते थे? अगर राज खुल जाए तो बहुत लोग नंगे हो जाएंगे। महिलाओं के साथ भद्दा मजाक किया है लालू ने। अपने उम्र का ख्याल रखें लालू यादव।
नीतीश कुमार निकाल रहे महिला संवाद यात्राबता दें कि सीएम नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा पर 226 करोड़ रुपये खर्च होने जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के लिए किए गए काम को गिनवाना है। सीएम नीतीश कुमार राज्यभर की महिलाओं से संवाद करेंगे। बता दें कि नीतीश कुमार की महिला वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है।
Lalu Yadav: 'कांग्रेस के बोलने का कोई मतलब नहीं है', लालू ने I.N.D.I.A के नेता के लिए ममता का किया समर्थन
एएनआई, पटना। Bihar Political News Today: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आईएनडीआईए के नेतृत्व के लिए ममता बनर्जी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। हम ममता बनर्जी का समर्थन करेंगे। ममता बनर्जी को (आईएनडीआईए ब्लॉक) का नेतृत्व दिया जाना चाहिए। हम 2025 में फिर से सरकार बनाएंगे।
नीतीश आंख सेंकने जा रहे हैं: लालू यादवलालू यादव से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर जा रहे हैं तो इसपर जवाब देते हुए लालू यादव ने कहा कि वह यात्रा पर नहीं जा रहे हैं। वह आंक सेकने जा रहे हैं। वहीं लालू यादव ने 2025 में चुनाव जीतने का दावा भी कर दिया।
#WATCH | Patna: Former Bihar CM and RJD chief Lalu Yadav says, "... Congress's objection means nothing. We will support Mamata... Mamata Banerjee should be given the leadership (of the INDIA Bloc)... We will form the government again in 2025..." pic.twitter.com/lFjXGkKrPm
— ANI (@ANI) December 10, 2024शरद पवार ने भी किया था ममता बनर्जी का समर्थनबता दें कि शरद पवार ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि हां, निश्चित रूप से (वह गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं), वह इस देश की एक प्रमुख नेता हैं। उनमें वह क्षमता है। संसद में उनके द्वारा चुने गए नेता जिम्मेदार, कर्तव्यनिष्ठ और जागरूक लोग हैं। इसलिए उन्हें ऐसा कहने का अधिकार है।
ममता ने आईएनडीआईए गठबंधन के प्रबंधन पर जताई थी आपत्तिशुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने गठबंधन के नेतृत्व और समन्वय को लेकर निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसका प्रबंधन करना उन लोगों पर निर्भर है जो इसका नेतृत्व कर रहे हैं। अगर वे इसे नहीं चला सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस यही कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
आईएनडीआईए गठबंधन की प्रमुख बातें- आईएनडीआईए गठबंधन का गठन लोकसभा चुनाव से पहले किया गया था
- आईएनडीआईए गठबंधन का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बनाय गया था
- इस गठबंधन को बनाने के लिए बिहार से बैठक शुरू हुई थी
- इसका सुझाव तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दिया था
- इस गठबंधन की रूप रेखा तय करने के लिए चार बैठकें की गई थी
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Bihar News: बिहार के 10 शहरों में एयरपोर्ट को लेकर नया अपडेट आया सामने, नागर विमानन मंत्रालय ने बताया प्लान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राज्यसभा सदस्य डा. भीम सिंह के प्रश्न पर नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि राज्य के दस शहरों में उड़ान 5.2 योजना के तहत हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव है। बिहार के वीरपुर, महरमा, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबनी एवं छपरा में हवाई अड्डों पर छोटे विमान प्रचालन का प्रस्ताव है।
इन शहरों के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं। डा. सिंह के सोमवार को राज्यसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में विभागीय मंत्री ने बताया कि इन हवाई अड्डों पर 20 से कम सीटों वाले विमानों के बोलियां प्राप्त हुई हैं। बिहार सरकार से इन हवाईअड्डों के विकास के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में सहमति और पुष्टि प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया है कि 'उड़े देश का आम नागरिक योजना' के तहत बोली प्रक्रिया के दूसरे चरण में दरभंगा हवाई अड्डे के विकास के लिए पहचान की गई थी। ''उड़ान'' योजना के तहत आठ नवंबर 2020 को हवाईअड्डे को प्रचालनरत कर दिया गया है।
पैसेंजर टर्मिनल भवन समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी- बिहार में 10 एयरपोर्ट निर्माण का खाका तैयार कर लिया गया है। इसके तहत पैसेंजर टर्मिनल भवन समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- इसे लेकर पूर्व में नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मुख्य सचिव, बिहार सरकार को पत्र भेजकर अवगत कराया गया था।
- मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने हवाई अड्डा के भूमि से संबंधित अपडेट रिपोर्ट देने का अनुरोध किया था, ताकि छोटे-छोटे विमानों की उड़ान (टूबी और थ्री सी कैटेगरी) को लेकर हवाई अड्डे को विकसित किया जा सके।
- इसे लेकर नि:शुल्क भूमि की उपलब्धता से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई थी। कहा गया था कि हवाई अड्डों के उन्नयन और विकास को लेकर सभी तरह के बोझ से मुक्त हो, जिसमें सुरक्षा, अग्निशमन सेवाएं, मेट्रोलॉजिकल सेवाएं और संचालन एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी शामिल है।
- गया एयरपोर्ट: यह बिहार का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो गया शहर में स्थित है। यह एयरपोर्ट विश्व धरोहर स्थल बोधगया के निकट है ।
- जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: यह पटना में स्थित है और बिहार का एक प्रमुख घरेलू एयरपोर्ट है।
- दरभंगा एयरपोर्ट: यह दरभंगा में स्थित है और एक घरेलू एयरपोर्ट है । यहां से मिथिलांचल के लोगों को सुविधा मिलती है।
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Bihar Weather Today: बिहार में इस तारीख से बदलेगा मौसम का मिजाज, IMD का अलर्ट जारी; सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: प्रदेश का मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। राजधानी पटना में सोमवार को दिनभर बादल छाए रहे। गया, गोपालगंज में हल्की फूहारें भी पड़ीं। गया में 2.2, गोपालगंज के कुचायकोट में 1.6, सिवान के हुसैनगंज में एक मिलीमीटर वर्षा हुई। राज्य के शेष भाग में कोहरे का प्रभाव रहा।
11 दिसंबर में बदलेगा मौसम का मिजाज11 दिसंबर से राज्य में मौसम में फिर बदलाव के संकेत हैं। न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है। बक्सर एवं जीरादेई राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। वहां पर अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं, सहरसा के अगवानपुर राज्य का सबसे ठंडा स्थान रिकार्ड किया गया, वहां पर न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
वहीं, राजधानी में अधिकतम तापमान 25.8 एवं न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बादल छाने के कारण ही न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। आकाश साफ होने के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की उम्मीद की जा रही है। राजधानी की हवा में 71 प्रतिशत आर्द्रता रिकार्ड किया गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि राजधानी के मौसम में उतार-चढ़ाव अभी जारी रहेगा।
गया में मौसम का मिजाज- सोमवार की सुबह गया में आसमान बादल से ढका था। तेज हवा चलने से जिले में ठंड बढ़ गई है। पटना स्थित मौसम विभाग के पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार पटेल ने कहा कि पश्चिम विक्षोभ के कारण जिले में हल्की वर्षा हुई है।
- लेकिन दस बजे के बाद बादल से ढके आसमान साफ हो गया। उसके बाद सूर्यदेव का दर्शन हुआ। धूप निकलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि वर्षा होने से न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी। इससे जिले में ठंड बढ़ेगी।
- रोहतास में सुबह में तेज पछुआ हवा बहने के कारण जिले में ठंड का प्रभाव बढ़ गया है। अगले एक सप्ताह तक तापमान में लगातार गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।
- इस दौरान आसमान में बादल छाए रहने व हल्की बारिश होने की भी संभावना है। सोमवार को जिले का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस आंका गया, लेकिन मंगलवार से तापमान में लगातार कमी आने की बात बताई जा रही है।
- नवादा में मौसम के मिजाज बिगड़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सोमवार को सुबह से ही घने कोहरे आसमान में छाए रहे। ऐसे में राह चलने में परेशानी हुई। सड़कों पर वाहन की रफ्तार धीमी रही।
- सुबह के आठ बजने के बाद धीरे धीरे कोहरे ने अपनी चादरें को सिमटना शुरू कर दिया,लेकिन भगवान भास्कर भी लुकाछिपी का खेल जारी रखें। ऐसे में तापमान में नमी बनी रही।
BPSC Counselling: प्रधानाध्यापक काउंसलिंग की तारीख बदली, विभाग ने जारी किया संशोधित शेड्यूल
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से उत्तीर्ण एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु अनुशंसित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की तिथि बदल गई है। अब इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 20-21 दिसंबर को होगी। काउंसलिंग के लिए सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक समय निर्धारित की गई है। पहले इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 12-13 दिसंबर को निर्धारित थी। इससे संबंधित संशोधित शिड्यूल शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी किया गया।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेन्द्र सिंह के आदेश के मुताबिक, बीपीएससी द्वारा प्रधानाध्यापक पद हेतु अनुशंसित राज्य के अन्दर के विद्यालयों में कार्यरत अभ्यर्थियों की काउंसलिंग यानी प्रमाण पत्रों का सत्यापन के लिए अपने वर्तमान पदस्थापन वाले जिले के प्रमंडलीय मुख्यालय के डीआरसीसी अथवा क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक/जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा चयनित स्थल पर किया जाएगा।
राज्य के बाहर सीबीएसई/आइसीएसई बोर्ड से संबद्धता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सत्यापन के लिए पटना प्रमंडल के मुख्यालय जिला पटना के डीआरसीसी अथवा क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक पटना/जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा चयनित स्थल पर किया जाएगा। सत्यापन के लिए तिथि एवं समय का निर्धारण मुख्यालय स्तर पर किया जाएगा।
पांच स्लॉट में होगी काउंसलिंगअभ्यर्थियों की सुविधा के लिए प्रत्येक दिन समयावधि को पांच स्लॉट में रखा गया है। पहला स्लॉट सुबह नौ बजे से 10:30 बजे तक, दूसरा स्लॉट 10:30 बजे से 12 बजे तक, तीसरा स्लॉट 12 बजे से 1:30 बजे तक, चौथा स्लॉट दो बजे से 3:30 बजे तक और पांचवां स्लॉट 3:30 बजे से पांच बजे तक का है।
किस अभ्यर्थी को किस स्लॉट/तिथि को सत्यापन हेतु उपस्थित होना है, इसका निर्धारण मुख्यालय स्तर से किया जाएगा तथा यह शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। साथ ही, इसकी सूचना संबंधित अभ्यर्थी को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। काउंसलिंग की तिथि का अनुशंसित अभ्यर्थियों की वरीयता से कोई संबंध नहीं है।
मोबाइल पर मिलेगी टाइम स्लॉट की सूचनासंबंधित अभ्यर्थी सत्यापन स्थल पर निर्धारित समय अनुसार पहुंच कर सत्यापन कराएंगे। सत्यापन के समय वही अभ्यर्थी उपस्थित होंगे, जिनका स्लॉट निर्धारित है। समय स्लॉट के अनुसार, काउंटर पर अभ्यर्थी का नाम खुलेगा। अभ्यर्थी अपने आधार कार्ड एवं इसके साथ रजिस्टर्ड मोबाइल के साथ आएंगे। जिस पर एसएमएस के माध्यम से टाइम स्लॉट की सूचना दी जाएगी। सत्यापन स्थल में प्रवेश का आधार यही होगा।
शिक्षक अभ्यर्थी एक दिन के लिए ऑफिशियल ड्यूटी पर माने जाएंगे। निर्धारित तिथि एवं समय के स्लॉट में स्थानीय स्तर पर कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
ये कागजात साथ लाना आवश्यक- बीपीएससी की प्रधानाध्यापक नियुक्ति परीक्षा, 2024 का मूल प्रवेश-पत्र एवं उसकी एक स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति-मूल आधार प्रमाण पत्र एवं उसकी स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति।
- सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की मूल एवं बीपीएससी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए प्रमाण पत्रों की डाऊनलोड प्रति, जिसमें बीपीएससी के वाटरमार्क परिलक्षित हो, की एक-एक स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति।
- दक्षता उत्तीर्णता प्रमाण-पत्र मूल एवं बीपीएससी से डाउनलोड वाटरमार्क प्रति की स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति।
- न्यूनतम शिक्षण अनुभव प्रमाण-पत्र जो बीपीएससी की वेबसाइट से डाऊनलोड वाटरमार्क प्रति की स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति के साथ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से प्रतिहस्ताक्षरित मल अनुभव प्रमाण पत्र साथ लाएंगे।
- अनुमंडल पदाधिकारी/कार्यपालक दण्डाधिकारी द्वारा निर्गत प्रपत्र में इस आशय का शपथ पत्र कि सभी प्रमाण पत्र सही है तथा आपके विरूद्ध थाना में अथवा न्यायालय में कोई केस दर्ज नहीं है एवं आपका आचरण प्रतिकूल नहीं है।