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Bihar News: वैशाली के लोगों के लिए खुशखबरी, 2026 में बनकर तैयार होगी ये सड़क; ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
राज्य ब्यूरो, पटना। वैशाली जिले की जढ़ुआ से बिदुपुर होते हुए बछवाड़ा तक जाने वाली सड़क दो साल के भीतर चौड़ी और सरपट बना दी जाएगी। यह राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है, जो अभी जीर्ण-शीर्ण है। इसके निर्माण और चौड़ीकरण का 10 प्रतिशत काम हो चुका है। शेष काम 28 फरवरी, 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सवाल का दिया जवाब- बुधवार को विधानसभा में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इसकी जानकारी दी। वे इस सड़क से संबंधित नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
- तेजस्वी का कहना था कि अभी निर्माण सामग्री तक नहीं गिराई गई। स्वयं मंत्री महोदय मौका-मुआयना कर लें, जबकि पिछले वर्ष 27 फरवरी को इसके निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है।
जढ़ुआ से बिदुपुर होते हुए बछवाड़ा तक जाने वाली सड़क का निर्माण दो फेज में किया जाना है। पहले फेज में जढ़ुआ से महनार तक और दूसरे फेज में महनार से बछवाड़ा तक निर्माण होना है।
मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को निर्धारित समय-सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर लेने का आश्वासन दिया।
तरैया विधायक ने सदन में एसएच 104 सड़क के चौड़ीकरण की रखी मांगबिहार विधानसभा के उपमुख्य सचेतक सह तरैया विधायक जनक सिंह ने एसएच 104 के चौड़ीकरण का मुद्दा सदन में रखा। विधायक लगातार पांच वर्षों से इस सड़क की चौड़ीकरण की मांग बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से करते आ रहे है।
लंबे समय से कर रहे सड़क के चौड़ीकरण की मांगदिघवारा-भेल्दी, अमनौर -तरैया होते हुए सिमरी बांध तक 54 किमी एसएच 104 सड़क में 12 किमी सड़क की चौड़ीकरण की मांग सरकार से वर्षो से करते आ रहे है।
उक्त एसएच 104 सड़क तरैया प्रखंड के पोखरेड़ा 42 किमी से डुमरसन गोलंबर 54 किमी तक यानी 12 किमी सिंगल सड़क की परत (3.75 मीटर ) को चौड़ीकरण करके उसकी चौड़ाई की परत (7.00 मीटर ) करने की मांग कर रहे है।
लोगों को जाम से मिलेगी राहतइस संबंध में विधायक ने कहा कि पोखरेड़ा से डुमरसन गोलंबर तक 12 किमी सिंगल लेन पथ है। उसके कारण पटना से गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण समेत यूपी जानेवाले लोगों को हमेशा जाम की समस्या से जूझना पड़ता है।
राज्य स्तरीय पथ में अवशेष 12 किमी की चौड़ीकरण हो जाने से आमजनों व आने-जाने वालों को जाम की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
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Bihar Bhumi Survey: दाखिल-खारिज में लापरवाही पड़ी भारी, रडार पर 3 CO; पटना एडिशनल कलेक्टर हेक्वार्टर तलब
राज्य ब्यूरो, पटना। दाखिल-खारिज और जमाबंदी से जुड़े मामले में बिहटा-संपतचक के अंचल अधिकारी (सीओ) से स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं पुनपुन के सीओ के साथ एडिशनल कलेक्टर को पटना मुख्यालय में तलब किया गया है। बिहार विधानपरिषद में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने यह जानकारी दी। उन्होंने दो टूक कहा कि गड़बड़ी करने वाले कोई भी हो, उनके बख्शा नहीं जाएगा।
बिहटा और संपचतक के अंचल अधिकारी से मांगा गया स्पष्टीकरणप्रो. संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि बिहटा और संपचतक के अंचल अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
एक सप्ताह में पटना के समाहर्ता को अपने मंतव्य के साथ कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस मामले में क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी इसी सत्र में देने की मांग मंत्री से की गई, जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
पुनपुन के सीओ तलब- वहीं अजय कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न के उत्तर में मंत्री संजय सरावगती ने बताया कि पुनपुन के सीओ से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
- इसके साथ ही 25 मार्च को विभागीय अपर मुख्य सचिव के चैंबर में पुनपुन के अंचलाधिकारी के साथ एडिशनल कलेक्ट्रेट को बुलाया गया है।
कुमार नागेंद्र के अलसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि गया के डोभी में कोरिडोर निर्माण को लेकर 90 प्रतिशत से अधिक रैयतों को भुगतान कर दिया गया है। शेष की जांच कर भुगतान कर दिया जाएगा।
बक्सर में दाखिल खारिज के 46, डुमरांव में 42 मामले लंबितबक्सर में अभियान बसेरा-टू के तहत सर्वेक्षित परिवारों को नॉट फिट फॉर अलॉटमेंट दर्शाए जाने पर अपर समाहर्ता ने दोबारा से उसकी जांच कराने का निर्देश दिया है, ताकि कोई उचित व्यक्ति उससे वंचित न हो जाए। 75 दिनों से ज्यादा लंबित मामलों को एक सप्ताह के अंदर निष्पादित करने का भी निर्देश जारी किया गया है।
अपर समाहर्ता ने बताया कि अभियान बसेरा-टू के अंतर्गत भौतिक सत्यापन में परिवारों को छांटा गया है। इसके तहत नावानगर में 336, डुमरांव में 218, सिमरी में 392, बक्सर में 343 एवं इटाढ़ी में 358 भूमिहीन सर्वेक्षित परिवारों को नॉट फिट फॉर अलॉटमेंट दर्शाया गया है।
अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्तावअपर समाहर्ता ने भूमि सुधार उप समाहर्ता बक्सर एवं डुमरांव को अपने अपने क्षेत्र अन्तर्गत संबंधित अंचल में भौतिक रूप से जांच कर एक सप्ताह के अन्दर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा है कि यदि जांच के क्रम में पाया जाता है कि जान-बुझकर भूमिहीन सर्वेक्षित परिवारों को नॉट फिट फॉर अलॉटमेंट दर्शाया गया है तो अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव समर्पित करेंगे।
एक सप्ताह में होगा 75 दिनों से ज्यादा लंबित मामलों का निराकरणदाखिल-खारिज के 75 दिनों से ज्यादा वाले लंबित सभी मामलों का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अपर समाहर्ता ने भूमि सुधार उप समाहर्ता बक्सर एवं डुमरांव को अगले माह की पांच तारीख तक 75 दिनों से ज्यादा वाले लंबित सभी मामलों की समीक्षा करते हुए उनका निष्पादन कराने का निर्देश दिया है।
बक्सर सहित इन जगहों में लंबित हैं मामलेइसके तहत बक्सर में 46, डुमरांव में 42, ब्रह्मपुर में 27, चौसा में 26, इटाढ़ी में 15, सिमरी में 13, नावानगर में 10 एवं चौगाई में आठ मामले 75 दिनों से अधिक के अभी भी लंबित है।
बैठक में जमाबंदी सत्यापन की समीक्षा में पाया गया कि कुल 210637 जमाबंदी में से 203585 को अंचल अधिकारियों द्वारा अप्रूव किया गया है।
अभी राजस्व कर्मचारी के यहां 4705, राजस्व अधिकारी के यहां 517 एवं अंचल अधिकारी के यहां 1906 मामले लंबित हैं। सभी अंचल अधिकारी को इसमें प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। मिसिंग लगान की समीक्षा में जिले में कुल 54393 मिसिंग लगान पाए गए। इसके लिए भी सभी अंचलाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समहर्ताा बक्सर एवं डुमरांव को निर्देश दिया गया।
बैठक में सीडब्ल्यूजेसी एवं एमजेसी तथा अन्य न्यायालय वादों में राजस्व से संबंधित 61 मामले लंबित पाए गए। संबंधित अंचल अधिकारी को मार्च 2025 तक सभी लंबित मामलों का निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।
इसके आलवा सीआरडब्ल्यूजेसी वादों के कुल आठ मामलों को संबंधित थाना प्रभारी के माध्यम से निष्पादित कराने के लिए प्रभारी पदाधिकारी, विधि शाखा को निर्देश दिया गया।
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Bihar Weather Today: बिहार में बदलेगा मौसम का मिजाज, इन 7 जिलों में आंधी-तूफान के साथ होगी बारिश; ओले भी गिरेंगे
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: ओडिशा के मध्य भाग से दक्षिण विदर्भ तक दक्षिण छत्तीसगढ़ से होते हुए एक द्रोणिका बनी हुई है। वहीं, पूर्वोत्तर असम व इसके आसपास ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण बनने के कारण प्रदेश के मौसम में बदलाव की संभावना है। इसके साथ ही 7 शहरों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने जारी किया यलो अलर्टमौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार गुरुवार को प्रदेश के सात शहरों भभुआ, रोहतास , औरंगाबाद, गया ,नवादा, जमुई एवं बांका जिले के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात व हल्की वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, पटना सहित आसपास इलाकों में बादल छाए रहने के साथ गरज-तड़क के साथ हल्की वर्षा का पूर्वानुमान है।
ओला गिरने की संभावनागुरुवार से लेकर रविवार तक प्रदेश के मौसम का मिजाज बदला रहेगा। शुक्रवार को उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-मध्य व दक्षिण-पूर्व जिलों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात की संभावना है। औरंगाबाद , गया व नवादा जिले के अलग-अलग स्थानों पर आंधी पानी के साथ ओला गिरने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
तापमान में गिरावट के आसारमौसम में हुए बदलाव के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। इसके दो दिनों बाद अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की गिरावट की संभावना है। इस हफ्ते लोगों को गर्मी का सितम परेशान नहीं करेगा।
खगड़िया में 36 डिग्री के पार पहुंचा पाराबीते 24 घंटों के दौरान छपरा, अगवानपुर, पूर्णिया, कटिहार व किशनगंज को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
पटना का अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस जबकि 36.3 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
सीतामढ़ी के पुपरी में दर्ज हुआ सबसे कम तापमानभोजपुर, वाल्मीकि नगर व मधेपुरा को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना के न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट के साथ 18.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
13.0 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी (पुपरी) में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। पटना व आसपास का मौसम आंशिक बादल छाए रहने के कारण सामान्य बना रहा।
प्रमुख शहरों के तापमान में वृद्धिअरवल के अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री की वृद्धि, औरंगाबाद में 1.7 डिग्री, डेहरी में 1.6 डिग्री, सासाराम में 0.9 डिग्री, बक्सर में 2.7 डिग्री, भोजपुर में 1.1 डिग्री, गोपालगंज में 1.6 डिग्री।
मोतिहारी में चार डिग्री, राजगीर में 1.9 डिग्री, बांका में 1.5 डिग्री, मुंगेर में 2.3 डिग्री, भागलपुर में 0.3 डिग्री, सुपौल में 0.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि अधिकतम तापमान में दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान शहरअधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 33.2 18.0 गया 34.2 15.3 भागलपुर 33.4 17.6 मुजफ्फरपुर 32.2 17.6
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Bihar Bijli: बिहार में खत्म होगी बिजली की टेंशन! 262 नए पावर सब-स्टेशन और 10 ग्रिड का होगा निर्माण
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में बड़े सुधार के लिए नीतीश सरकार ने मिशन मोड में काम करने का फैसला लिया है। बुधवार को ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा में विभागीय बजट पर हुई चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए राज्य में 262 नए पावर सब-स्टेशन का निर्माण की घोषणा की।
उन्होंने सदन में कहा कि बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में व्यापक सुधार लाने को विशेष कार्य योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। मिशन मोड के तहत 41 नए पावर सब-स्टेशन का काम जल्द ही पूरा करा लिया जाएगा, जबकि राज्य में 117 नए पावर सब-स्टेशन का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। 104 नए पावर सब-स्टेशन का निर्माण हेतु स्वीकृति प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान 10 ग्रिड निर्माण की घोषणा की है। ये ग्रिड का निर्माण भी जल्द शुरू कराया जाएगा। इसके निर्माण होने से आने वाले समय में बिहार में ग्रिड की कुल संख्या 195 हो जाएगी।
सरकार के उत्तर के पश्चात विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सदन में ऊर्जा विभाग के 13,484 करोड़ 35 लाख 17 हजार रुपये का बजट पारित किया।
राजधानी पटना में बेहतर बिजली देने को 296 करोड़ होंगे खर्चऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार के लिए आरडीएसएस (पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना) के तहत 7305 करोड़ खर्च किए जाएंगे। केवल राजधानी पटना में बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए 296 करोड़ खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। अब तक 5.81 लाख किसानों को कनेक्शन दिया जा चुका है।
सितंबर 2026 तक 8.40 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। आमलोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार 15 हजार 343 करोड़ अनुदान देकर सस्ती बिजली दे रही है। बिजली कंपनी के मुनाफा में आने के कारण 15 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती की गई। सर्वोच्च न्यायालय की स्वीकृति मिलने पर ही बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग रहा है। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है।
11,383 सरकारी भवनों से 100 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादनऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की दिशा में भी तेजी से काम हो रहे हैं। देश का सबसे बड़ा बैट्री भंडारण सोलर परियोजना लखीसराय के कजरा में निर्माण हो रहा है। राज्य में 11,383 सरकारी भवनों से 100 मेगावाट सोलर बिजली उत्पादित हो रही है। दरभंगा, सुपौल के बाद फुलवरिया में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाया जा रहा है। नहरों के किनारे सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।
राज्य में 62 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेऊर्जा मंत्री ने कहा कि अब तक राज्य में 62 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं, जो देश में सबसे अधिक है। राज्य के किसानों को 92 प्रतिशत का अनुदान देकर मात्र 55 पैसे यूनिट बिजली आपूर्ति की जा रही है। 2274 कृषि फीडर बन चुके हैं। इससे किसान 10 गुना कम खर्च कर बिजली से खेती कर सकेंगे। कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट प्रणाली लाई जा रही है। इस प्रणाली में उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत करते ही वह संबंधित अधिकारी को प्राप्त हो जाएगा।
इंजीनियर मुख्यमंत्री होने के कारण बिजली क्षेत्र में हुई प्रगतिप्रदेश में बिजली के क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति के लिए मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इंजीनियर सीएम होने के कारण ही प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है। बिहार में विकास के काम हुए हैं, उस पर हमें गर्व है।
बरौनी, कांटी, बाढ़ और नवीनगर से बिजली उत्पादन हो रहा है। तत्कालीन राज्य सरकार की ओर से जमीन नहीं दिए जाने के कारण बाढ़ बिजली घर बनाने में देरी हुई। अब इसकी अंतिम इकाई से भी बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। नवीनगर में नई इकाई बनाने के लिए करार हुआ है। पीरपैंती में 800 मेगावाट की तीन इकाई बनाने के लिए अब तक का सबसे अधिक निजी निवेश होगा।
पत्नी को सीएम बनाने के लिए घुटने टेकेकिसी का नाम लिए बगैर राजद पर हमला करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लाश पर बंटवारा होने की बात की जाती थी। लेकिन, जब पत्नी को सीएम बनाने की बारी आई तो कांग्रेस से हाथ मिला लिया और बिहार का बंटवारा किया। घुटने टेक दिए। यह इतिहास है और इसे हर कोई जानता-समझता है।
महत्वपूर्ण जानकारी- वर्ष 2005 में 17 लाख बिजली उपभोक्ता
- वर्ष 2025 में 2.12 करोड़ उपभोक्ता
- 2005 में 368 पावर सब-स्टेशन
- 2025 में 1263 पावर सब-स्टेशन
- 2005 में 45 ग्रिड
- 2025 में 170 ग्रिड
- 2005 में प्रति व्यक्ति खपत 70 यूनिट खपत
- 2025 में प्रति व्यक्ति 363 यूनिट खपत
- 2005 में 700 मेगावाट उत्पादन
- 2025 में 8850 मेगावाट उत्पादन
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार (Bihar Government) का सर्वाधिक ध्यान फिलहाल सरकारी विभागों में नियुक्यिों पर है। इसी कड़ी में अब सरकार ने वाणिज्य-कर विभाग में 460 पद सृजित करने की स्वीकृति दी है। विधान मंडल के जारी सत्र के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
बुधवार को आयोजित हुई बैठक में 39 प्रस्ताव पेश हुए, जिसमें 38 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। मंत्रिमंडल की बैठक (Bihar Cabinet Meeting) के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वाणिज्य-कर विभाग में नए 460 पदों पर नियुक्ति होने से व्यापारियों को कारोबार में आसानी होगी।
सृजित नए पदों के लिए कार्यालयवार वर्गीकरण एवं विभागीय पदाधिकारियों के क्षेत्राधिकार के निर्धारण भी का निर्णय लिया गया है। राज्य का लगभग 75 प्रतिशत राजस्व वाणिज्य-कर विभाग द्वारा संग्रहित किया जाता है।
सम्राट चौधरी ने सरकार के फैसले की सराहनाप्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह वित्त वाणिज्यकर मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने फैसले की सराहना की।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में नई कर-प्रणाली के रूप में माल एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) के आने से विभाग में अतिरिक्त पद सृजन एवं पुनर्गठन की आवश्यकता थी। जिसे देखते यह संबंधित पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। सरकार का यह निर्णय सराहनीय है।
राजगीर में होगा पुरुष हॉकी का आयोजनसूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने महिला हॉकी की तर्ज पर राजगीर में पुरुष हॉकी आयोजित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। साथ ही आयोजन सफलतापूर्वक हो, इसके लिए 24 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। पुरुष हॉकी के साथ ही राजगीर में ही रग्बी खेल प्रतियोगिता आयोजित करने की स्वीकृति भी दी गई।
रग्बी के आयोजन पर चार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा पटना निफ्ट में प्रेक्षागृह निर्माण का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। प्रेक्षागृह निर्माण पर 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राशि भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत कर दी है।
जहानाबाद और भागलपुर के लिए बड़ी घोषणामंत्रिमंडल ने जहानाबाद और भागलपुर में पेय जलापूर्ति योजना के लिए भी राशि आवंटन की स्वीकृति दी है। इसके अलावा जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (डिजाइन एवं मॉनिटरिंग) संजय ओझा का सेवा विस्तार देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा, विधि विभाग के प्रस्ताव पर दो जजों को बर्खास्त करने की भी स्वीकृति मंत्रिमंडल से मिली है।
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BPSC 70th Exam Row: 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा रद करने की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को रद करने से जुड़ी याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुबह 10:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक लगातार छह मामलों की सुनवाई की। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता पी.के. शाही ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं और परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई थी। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान आयोग द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया गया था।
छात्रों ने किया हंगामा- महाधिवक्ता ने बताया कि परीक्षा केंद्रों के बाहर निजी कोचिंग संस्थानों के लोग और परीक्षार्थियों के स्वजन मौजूद थे, जिन्हें दूर रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था।
- परीक्षा केंद्रों पर जैमर भी सुचारू रूप से काम कर रहे थे। महाधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि पटना के बापू सभागार में आयोजित परीक्षा के दौरान कुछ छात्रों ने हंगामा किया, जिससे परीक्षा बाधित हुई।
- इस घटना के बाद अगमकुआं थाना में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं, कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया, और कई छात्रों पर तीन साल के लिए परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
सरकार की ओर से बताया गया कि परीक्षा के विवादित प्रश्नों पर परीक्षार्थियों से आपत्तियां मांगी गई थीं। इन आपत्तियों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई, जिसने विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया, और उसी आधार पर पीटी परीक्षा का परिणाम जारी किया गया।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों को गलत बताते हुए कोर्ट को तथ्यों से अवगत कराया। आयोग ने तर्क दिया कि परीक्षा की प्रक्रिया निष्पक्ष थी और सभी मानकों का पालन किया गया। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में नामांकन के लिए 15 तक आवेदनइंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइआइएसइआर) में नामांकन के लिए अब अलग से प्रवेश परीक्षा होगी। इसमें नामांकन के लिए एप्टिट्यूड टेस्ट (आइएटी) में शामिल होना होगा।
सभी सात इंस्टीट्यूशन के सभी कोर्सों में नामांकन के लिए 25 मई को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए 15 अप्रैल तक आवेदक वेबसाइट iiseradmission.in पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। 15 मई को प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा।
अबतक आइआइएसइआर में नामांकन जेईई एडवांस की रैंक के आधार पर होता था। पांच साल के बीएस-एमएस (डुअल प्रोग्राम), चार साल के बीटेक और बीएस डिग्री प्रोग्राम के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा।
12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलाजी या मैथ में से तीन में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
इंडियन इंस्टिट्यूट आफ साइंस (आइआइएससी, बेंगलुरु) अपने बीएससी रिसर्च प्रोग्राम और आइआइटी मद्रास बीएस-मेडिकल साइंसेज और इंजीनियरिंग प्रोग्राम के लिए भी इसी प्रवेश परीक्षा की रैंक का उपयोग करेगा।
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Bihar One Portal: बिहार वन पोर्टल पर होगी हर बिहारी की कुंडली, नाम-पता और जाति की मिलेगी डिटेल
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार (Bihar Government) बिहार वन पोर्टल (Bihar One Portal) का निर्माण करा रही है। इस पोर्टल पर बिहार के हर व्यक्ति से जुड़ा विस्तृत ब्योरा होगा। इसमें हर व्यक्ति की उम्र, पता, आय, जाति जैसी सभी जानकारियां एक पोर्टल पर दर्ज होगी।
जिस तरह पोर्टल पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालने पर गाड़ी के रंग से लेकर उसकी उम्र और प्रमाण-पत्रों की अपडेट जानकारी मिल जाती है, वैसे ही सुविधा बिहार पोर्टल से लोगों के संबंध में मिल सकेगी।
मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने दी जानकारीबिहार विधान परिषद में सूचना प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने यह नीरज कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
300 से अधिक योजनाओं को मिलेगा लाभउन्होंने बताया कि यह राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके जरिए राज्य सरकार की 300 से अधिक सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक जगह मिल सकेगा। इस पोर्टल के अगले साल तक तैयार होने की संभावना है, मगर प्रयास है कि इसे समय से पहले तैयार कर लिया जाए।
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Bihar News: MLA-MLC को पटना में घर बनाने के लिए मिलेगी जमीन! नीतीश के मंत्री ने दी नई जानकारी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics राज्य के विधायकों और विधानपार्षदों को राजधानी पटना में घर बनाने के लिए जमीन दी जाएगी। राज्य सरकार इस पर विचार करेगी।
विधानपरिषद में बुधवार को पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की मांग पर सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने सदन को यह आश्वासन दिया।
सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी विधायकों-विधानपार्षदों के लिए पटना में एक अदद घर होना जरूरी बताते हुए सरकार से इस दिशा में गंभीरता से विचार करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि यह नियमन नहीं है, आग्रह है। इसकी समय-समय पर सदन के स्तर से मानीटरिंग भी होनी चाहिए।
सभी सदस्यों ने किया समर्थनविधानपरिषद में सौरभ कुमार समेत 20 से अधिक सदस्यों ने ध्यानाकर्षण के जरिए विधानमंडल सदस्यों के पटना में आवास का मुद्दा उठाया था।
यह मामला आते ही भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, निर्दलीय समेत पक्ष-विपक्ष के लगभग सभी सदस्यों ने खड़े होकर आवास देने की बात का समर्थन किया।
सभापति ने कहा- यह सही सवाल हैसभापति ने कहा कि यह उचित सवाल है। आपलोग शिष्टमंडल लेकर संबंधित मंत्री से मिलिए। सभापति ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि माननीय सदस्यों का इतना दुष्प्रचार है कि कोई किराये पर भी कमरा नहीं देता है।
बेटा-बेटी भी कहते हैं कि इतने दिनों बाद भी पटना में एक घर नहीं दे पाए। इस दौरान सभापति ने सदन में मौजूद मंत्री विजय कुमार चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा कि विजय बाबू को इसके लिए अधिकृत कर देना चाहिए।
इसके बाद मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह जिस विभाग से जुड़ा मामला है, सभी लोग मिलकर संबंधित मंत्री को इससे अवगत कराएं। सरकार इसकी संभावना की छानबीन करेगी।
इसके बाद सभापति ने ध्यान दिलाया कि यह सहकारिता का मामला है और संयोग से सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार भी सदन में हैं।
विजय चौधरी ने भी सदन में ले ली चुटकी- विजय कुमार चौधरी ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि कल विधानसभा में मंत्री जी (प्रेम कुमार) ने बहुत प्रेम बरसाया है।
- इसके बाद सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि वह सदस्यों की राय से सहमत हैं। मुख्यमंत्री से सहमति के बाद सरकार इसपर विचार करेगी और जमीन देखेगी।
- उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि वह पक्ष-विपक्ष के पांच विधायकों का शिष्टमंडल बना दें। जल्द ही वह अधिकारियों के साथ इसकी संभावना को लेकर बैठक करेंगे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। सरकार बिहटा में लगने वाले जाम का स्थायी समाधान निकाल रही है। इसके लिए दो स्तरों पर प्रयास हो रहा। पहला, तात्कालिक समाधान और दूसरा, दीर्घकालीन उपाय। इन उपायों में सड़कों का चौड़ीकरण, फ्लाईओवर साथ डायवर्जन और सर्विस लेन आदि का निर्माण है।
बुधवार को विधानसभा में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने यह जानकारी दी। वे आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
विधायक अमरेंद्र प्रताप बोले- जाम में घंटों लग रहेअमरेंद्र का कहना था कि बालू लदे ट्रक और वाहनों के ओवरटेक के कारण प्राय: 10 किलोमीटर तक जाम लग जाता है। पटना के साथ आरा और अरवल के लिए आने-जाने में घंटों लग जा रहे। लोडेड वाहनों के घंटों खड़ा रहने के कारण कोईलवर पुल के भी क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। सारण की ओर बने पुल पर जाम लगने से समस्या और बढ़ जाती है।
मनेर जाने वाली सड़क को चौड़ा करने का दिया सुझावइसका कारण उन्होंने प्रशासन और पुलिस के बीच तालमेल का अभाव बताया। आरोप यह कि वसूली के लिए जाम लगा दिया जा रहा। वे चाहते थे कि सुचारू ट्रैफिक की जिम्मेदारी संबंधित थाना प्रभारियों को दी जाए और जाम लगने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई हो। उन्होंने मनेर की ओर जाने वाले बांध वाली सड़क को चौड़ा कर वैकल्पिक मार्ग बनाने का सुझाव भी दिया।
मंत्री ने क्या जवाब दिया?मंत्री ने कहा कि सकारात्मक ढंग से मॉनिटरिंग हो रही है। विभागीय अपर मुख्य सचिव और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ चर्चा हुई है। जाम का स्थायी समाधान निकाला जा रहा है। बिहटा चौराहा को चौड़ा कर दिए जाने के बाद कुछ राहत है। विशुनपुरा बाइपास का निर्माण हो रहा है। 30 मार्च तक इसके दाएं और बाएं ओर कैरेज-वे यानी भारवाहक परिचालन मार्ग का निर्माण हो जाएगा।
बिहटा चौराहा से परेव तक फोर-लेन का काम प्रगति पर है। इस सड़क पर जगह-जगह सर्विस लेन बनाया जा रहा है। दीर्घकालिक उपायों के अंतर्गत मनभावन चौक पर फ्लाईओवर का निर्माण होना है। इसके डीपीआर के लिए कंसल्टेंट का चयन हो रहा है।
दानापुर-बिहटा एलिवेटेड पथ के अंतर्गत बिहटा चौके पर एलिवेटेड पथ और तीन ओर वैकल्पिक मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। इसके अलावा, वैकल्पिक मार्ग के लिए भी तकनीकी अध्ययन चल रहा है। नगहर (एनएच-139) से केनाल बैंक होते हुए बिहटा चौक के पास एनएच-922 को जोड़ने वाली सड़क वैकल्पिक मार्ग हो सकती है।
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Bettiah Raj Property: सरकारी हो चुकी बेतिया राज की जमीन को लेकर लिया गया एक और बड़ा फैसला, ये है नया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। बेतिया राज की सरकारी हो चुकी जमीन की एक बार फिर समीक्षा की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि बेतिया राज की जमीन कहीं और तो नहीं।
अभी सरकार के पास बेतिया राज की कुल सर्वेक्षित 24 हजार 477 एकड़ 14 डिसमिल भूमि होने की जानकारी है। विधानपरिषद में बुधवार को महेश्वर सिंह समेत अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण के उत्तर में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने यह जानकारी दी।
सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी मंत्री को इस मामले को अपने स्तर से देखने और आवश्यकता पड़ने पर समिति बनाने की बात कही।
महेश्वर सिंह ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से यह मुद्दा उठाया था कि बेतिया राज की जमीन के सरकारी संपत्ति घोषित होने के बाद एक लाख एकड़ जमीन जिसपर किसानों का कब्जा है, उसका दाखिल खारिज तथा मालगुजारी वसूली बंद कर दिया गया है। इससे किसान परेशान हैं और तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
मंत्री ने दिया यह जवाब- इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि एक लाख एकड़ जमीन पर किसानों के कब्जा और मालगुजारी आदि बंद किए जाने की किसी तरह की सूचना विभाग के पास नहीं है।
- छोटे और सीमांत किसानों को उजाड़े जाने या अन्य तथ्य पूरी तरह गलत हैं। फिर भी इसको अपने स्तर से एक बार फिर दिखवा लिया जाएगा।
बिहार सरकार के राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक को लाल बाजार निवासी स्व. सुशील कुमार पोद्दार की पत्नी मंजू देवी पोद्दार ने आवेदन सौंपा है।
आवेदन में मंजू देवी पोद्दार ने बताया कि बेतिया राज से एकरारनामे से प्राप्त मकानमय भूमि को कुछ दबंगों ने जबरन कब्जा कर लिया है।
उन्होंने बताया कि वे नजरबाग पार्क समीप दुर्गा मंदिर के कम्पाउंड स्थित बेतिया राज के क्वार्टर में किराएदार है। जबकि, उनके पति सुशील कुमार पोद्दार को 25 डिसमिल जमीन मासिक किराए 1000 रुपये पर आवंटित हुआ था।
जिसमें उनका पूरा परिवार रहता था, लेकिन 28 सितंबर 2016 को नजायज तरीके से कुछ दबंगों ने क्वार्टर से बेदखल कर दिया है। जबकि, उनके द्वारा समय पर बेतिया राज को किराए की राशि जमा कराई जाती रही है।
वहीं बेतिया राज के द्वारा उनसे बकाये किराए के एवज में 25 से 30 लाख रुपया जमा कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
जबकि, विपक्षी अवैध कब्जा खाली नहीं कर रहे है। आवेदन में दबंगों से मकान खाली कराने एवं दखल-कब्जा दिलाने की मांग की है।
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PPF-TDS से लेकर Fastag तक... 31 मार्च से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, नहीं तो हो सकता है नुकसान
जागरण संवाददाता, पटना। वित्तीय वर्ष 2024-25 अब अंतिम पड़ाव में है। 31 मार्च को वित्तीय वर्ष पूरा होने से पहले अपनी वित्तीय निवेश व तैयारी को पूरी कर लें। अब अगले सप्ताह बैंकों में हड़ताल प्रस्तावित है। इससे कई छुट्टियां भी हो जाएंगी। ऐसे में सतर्कता से अपने कार्यों को निपटा लें।
सुकन्या समृद्धि खाता, पीपीएफ की मीनिमम राशि को पूरा करना, फास्टैग की केवाईसी, अपडेटेड आईटीआर फाइलिंग, टीडीएस फाइलिंग, टैक्स सेविंग के लिए निवेश करने की अंतिम तिथि निर्धारित है। इसके तहत, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीएसटी करदाता कंपोजिशन स्कीम के लिए 31 मार्च तक आवेदन करना है।
सीए आशीष रोहतगी एवं सीए रश्मि गुप्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष के अनुपालन के लिए 31 मार्च अंतिम तिथि होता है। ऐसे में सभी आवश्यक तथ्यों पर ध्यान देना जरूरी है।
सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ, एनपीएस में राशि करें जमा- वित्तीय वर्ष के समाप्ति से पूर्व 31 मार्च से पहले अपने निवेश को पूरा करें। इसमें सुकन्या समृद्धि योजना, एनपीएस व पीपीएफ खाते में हर वर्ष निश्चित रूप से राशि डालना है।
- सरकार की ओर से इनमें ब्याज दर अन्य खातों से अधिक देय होती है। ऐसे में सुकन्या समृद्धि खाते में यदि राशि जमा नहीं कराई जाती है तो खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं।
- न्यूनतम राशि के तहत पीपीएफ में सालाना 500 रुपये व सुकन्या समृद्धि योजना में 250 रुपये जमा कराना होगा।
वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक का टैक्स रिटर्न फाइल यदि अब तक नहीं किया है तो अब भी मौका है। पुराने टैक्स रिटर्न फाइल में भी कोई गलती पाई गई हो तो आपको अपडेट करने का ऑप्शन मिलता है। आपको 31 मार्च 2025 से पहले तक फॉर्म आईटीआर यू का उपयोग करना होगा।
एमएसएमई को भी कर दें भुगतानफाइनेंस एक्ट 2023 के तहत माइक्रो और छोटे उद्यम से किए गए कारोबार को लेकर भुगतान ससमय कर दें। सरकार के नियमानुसार 15 दिन (लिखित एग्रीमेंट न होने पर) या 45 दिन (लिखित एग्रीमेंट होने पर) में भुगतान करना जरूरी है।
आयकर बचत व नुकसान को करें सामंजस्यअगर आपको वित्तीय वर्ष 2024-25 में बेहतर आय हुई हो तो आप कुछ ऐसे शेयर या म्यूचुअल फंड की बिक्री कर सकते हैं जिनपर आपको नुकसान हो रहा हो। इससे आप अपनी देनदारी में सामंजस्य बैठा सकते हैं।
आयकर विशेषज्ञ की मदद से आप शॉर्ट टर्म व लॉन्ग टर्म के कैपिटल गेन व लॉस को भी कवर कर आयकर में बचत कर सकते हैं।
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Bihar Jobs: पुलिस विभाग में 21 हजार पदों पर होगी भर्ती, चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने दे दी एक और खुशखबरी
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में 21 हजार 391 सिपाहियों की जल्द नियुक्ति होगी। इनके चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा चालक सिपाही के उपलब्ध 4361 पदों पर नियुक्ति की अधियाचना संबंधित प्राधिकार को भेजा जा रहा है।
बुधवार को विधानसभा में पेश गृह विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन के अनुसार सरकार अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पुलिस और उसके संबद्ध सभी विभागों के रिक्त पदों को भरा जा रहा है।
पटना शहरी क्षेत्र के लिए आरक्षी उपाधीक्षक और पुलिस निरीक्षक के तीन-तीन पदों के अलावा पुलिस अवर निरीक्षक के नौ, सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के 18 और सिपाही के 120 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
भारत सरकार के राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा विकसित नए साफ्टवेयर से राज्य के पुलिस कर्मियों को अवगत कराने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
नए कानूनों की जानकारी के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण- नए कानूनों की जानकारी के लिए भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साइबर अपराध के गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के लिए सात हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। प्रतिवेदन में बताया गया है कि कारा प्रशासन को समृद्ध बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
- अधीक्षक के तीन, प्रोवेशन अधिकारी के 35, सहायक अधीक्षक के 23, निम्नवर्गीय लिपिक 171, प्रोवेशन कार्यालयों में लिपिक के 127 सहित अन्य रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें कक्षपाल एवं चालकों के रिक्त पद भी शामिल हैं।
प्रदेश के राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के विभिन्न ब्रांचों में व्याख्याता पद पर नियुक्ति के लिए अंतिम अवसर में भी अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों की अनुशंसा रद करी दी गई है।
शैक्षणिक प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र से लेकर अन्य दस्तावेज की जांच के लिए अभ्यर्थी निर्धारित अवधि में फिर से उपस्थित नहीं हुए। इसी आधार पर उनकी अनुशंसा को विभाग के स्तर से रद कर दी गई है।
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से विज्ञान, प्रावौधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन पॉलीटेक्निक संस्थानों में व्याख्याता पद पर अनुशंसित अनुपस्थित उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया गया था लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए।
विभाग के स्तर से कहा गया है कि अंतिम अवसर में उम्मीदवारों की अनुपस्थिति को यह माना गया है कि वे नियुक्ति के लिए इच्छुक नहीं हैं।
इसमें मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स, गणित, अंग्रेजी और रसायनशास्त्र विषय में अभ्यर्थियों की नियुक्ति होनी थी।
पांच ब्रांच और तीन विषयों में अनुशंसित किए गए 30 से अधिक अभ्यर्थियों की अनुशंसा रद की गई है। उन्हें जनवरी महीने में ही मुख्यालय में दस्तावेज की जांच के लिए उपस्थित होना था।
राजकीय पालीटेक्निक में विभिन्न ब्रांचों में नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी। इसी क्रम में पिछले वर्ष कई ब्रांच में नए व्याख्याताओं की नियुक्ति हुई है।
अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के कई संस्थानों में नए कोर्स का संचालन होना है। ऐसे में उससे पहले शिक्षकों की कमी दूर होने से पठन-पाठन को गति मिलेगी।
दूसरी ओर तकनीकी संस्थानों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर करने के साथ-साथ ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट के लिए भी विभाग के स्तर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को इंडस्ट्रियल विजिट भी कराया जा रहा है।
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Bihar: कांग्रेस ने बदला रुख, RJD से अब बराबरी की हैसियत में होगी बात; लालू-तेजस्वी की बढ़ेगी टेंशन!
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह की विदाई और राजेश कुमार की नियुक्ति का सीधा संदेश यह जा रहा है कि पार्टी अब राजद के साथ बराबरी की हैसियत में बात करेगी। नए प्रभारी अल्लावरु ने दो मार्च को पटना में घोषणा की थी कि कांग्रेस किसी की 'बी टीम' नहीं है। पार्टी जनता की 'ए टीम' बनकर चुनाव लड़ेगी।
अल्लावरु के इस दावे के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने दो बड़े निर्णय किए। पहले कन्हैया कुमार को बेरोजगारी के मुद्दे पर अलख जगाने के लिए जनता के बीच भेज दिया। दूसरा-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदल दिया।
केंद्रीय नेतृत्व के ये निर्णय उन कांग्रेसियों को उत्साहित कर रहे हैं, जो यह मानकर शिथिल हो गए थे कि राजद कृपा से ही उनका भला हो सकता है।
अजीत शर्मा ने 5 मार्च को ही दे दिया था बड़ा संकेतवैसे, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अजीत शर्मा ने पांच मार्च को ही संकेत दे दिया था कि पार्टी राजद की हर हां में हां नहीं मिलाने जा रही है। शर्मा ने कहा था- महागठबंधन के विधायक ही मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। यह राजद की उस घोषणा के विरूद्ध है, जिसमें कहा जाता है कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे।
कृष्णा अल्लावरु कांग्रेस के पहले ऐसे प्रभारी हैं, जिन्होंने अब तक बिहार यात्रा में लालू प्रसाद से मिलना जरूरी नहीं समझा। टेलीफोन पर भी दोनों की बातचीत नहीं हुई है।
एआईसीसी के पूर्व सदस्य किशोर कुमार झा कहते हैं कि बराबरी से बातचीत करने का तात्पर्य यह है कि कांग्रेस लालू प्रसाद को बताएगी हम एक दूसरे पर कृपा नहीं कर रहे हैं। सम्मान के साथ सहयोग की भावना ही दोनों के लिए लाभकारी है। वैसे आम कांग्रेसियों को नेतृत्व की मंशा की भनक पहले लग गई थी।
अल्लावरु को प्रभारी बनाने के बाद कन्हैया कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेवारी देकर नेतृत्व ने यह भी संकेत था कि कांग्रेस लालू प्रसाद की सुविधाओं का ध्यान रख कर नहीं चलेगी। कन्हैया और तेजस्वी यादव ने कभी मंच साझा नहीं किया। कन्हैया को बिहार से लोकसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इसे भी लालू प्रसाद की इच्छा का सम्मान बताया गया था।
कांग्रेस इस राज्य में अपने पुराने जनाधार-अनुसूचित जाति, सवर्ण और मुस्लिम को फिर से जोड़ने का प्रयास कर रही है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान हैं। विधान परिषद में पार्टी का नेतृत्व मदन मोहन झा कर रहे हैं।
अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के विधायक को दिया गया है, लेकिन कांग्रेस की सफलता इस बात पर आश्रित है कि नए प्रदेश अध्यक्ष को आम कांग्रेसियों का कितना समर्थन मिल पाता है। डॉ. अखिलेश सिंह या कोई दूसरे अध्यक्ष, हर कोई इस मलाल के साथ विदा होता है कि उन्हें अपने ही लोगों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला।
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अब QR कोड से खुलेगी मुर्गियों की कुंडली, उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया ये खास मोबाइल ऐप
पिंटू कुमार, पटना। चिकेन के दुकानों पर बिकने वाली मुर्गियों की कुंडली अब बड़ी ही आसानी से खुल जाएगी। अगर आप भी चिकेन की दुकान से मुर्गी खरीदने जा रहे हैं और उस मुर्गी के बारे में जानना चाहते हैं कि यह मुर्गी किस पोल्ट्री फार्म की है, इसका ब्रीड कौन सा है, इसे खिलाने के लिए किस तरह के दाने का इस्तेमाल किया गया है, इस मुर्गी को पहले कोई बीमारी थी या नहीं।
इसे किसी तरह का कोई केमिकल देकर तो बड़ा नहीं किया गया है, जैसे तमाम राज अब बस एक क्यूआर कोड के स्कैन करते ही सामने आ जाएंगे।
दरअसल, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और आहार सेतु प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त प्रयास से ‘आहार सेतु’ और आहार फ्रेश ऐप विकसित की गई है। आहार सेतु ऐप पोल्ट्री फार्म संचालक और आहार फ्रेश ऐप उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया है। आहार सेतु ऐप के माध्यम से पोल्ट्री फार्म संचालक मुर्गी के गले में टंगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सारी जानकारी हासिल कर सकेंगे। ऐप का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने किया।
यह ऐप पोल्ट्री सेक्टर से जुड़ा है जो फार्म से उपभोक्ता तक की प्रक्रिया को जोड़ने वाला एक आधुनिक ट्रेसेबिलिटी ऐप है। जो उत्पादन से उपभोग तक के सभी चरणों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराता है।
कौन-कौन मौजूद रहा?इस मौके पर बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन सह निदेशक अनुसंधान डॉ. जे.के. प्रसाद, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव कुमार, छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ. ए.के. शर्मा, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान के डीन डॉ. उमेश सिंह, डॉ. सहदेव डे, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. निर्भय कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. अजीत कुमार आदि मौजूद रहे।
‘आहार सेतु’ ऐप के फाउंडर अमित प्रकाश और को-फाउंडर मोहम्मद अजहरूद्दीन ने ऐप की विशेषताओं और इसके लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।
ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारितयह ऐप ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जिससे खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी गतिविधियों, जांच, रखरखाव और परिवहन से जुड़ी सूचनाएं उपभोक्ताओं तक पारदर्शी रूप से पहुंचेंगी। वर्तमान समय में अधिकांश बीमारियां पशुओं से मानव में फैल रही हैं। ऐसे में इस ऐप के माध्यम से शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
'आहार सेतु' ऐप का मुख्य उद्देश्य पोल्ट्री सेक्टर में उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक के बीच पारदर्शिता बनाए रखना है। ऐप के माध्यम से मुर्गी पालक, उत्पाद की गुणवत्ता, बाजार की स्थिति, बिचौलियों से बचाव, परिवहन और लाजिस्टिक्स की स्थिति का डाटा जनरेट करेगा। इसके विश्लेषण से किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा और उपभोक्ता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध होगा।
ऐप में जियो लोकेशन टैगिंगऐप में जियो लोकेशन टैगिंग की सुविधा भी दी गई है। जिससे उत्पाद को स्कैन करने पर यह जानकारी मिलेगी कि किसने इसे कब बेचा, उपभोक्ता तक कब पहुंचा और इस दौरान यह किन चरणों से होकर गुजरा।
कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा, आज के दौर में खाद्य उत्पाद की ट्रेसेबिलिटी बेहद जरूरी हो गई है। इस ऐप से उपभोक्ताओं को भरोसा मिलेगा कि वे जो उत्पाद खा रहे हैं, वह स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त है। पोल्ट्री सेक्टर को इससे बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि यह क्षेत्र अक्सर अफवाहों और गलत सूचनाओं से प्रभावित होता है।
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Bihar Weather Today: बिहार के 4 जिलों के लोग रहें सावधान, आंधी-तूफान और ओले के साथ तेज बारिश का अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: बिहार के मौसम में बदलाव की संभावना है। पछुआ के कारण देश के अन्य हिस्सों में एक हफ्ते तक जहां लू की चेतावनी है वहीं, बिहार में बेहतर मौसम के संकेत मिल रहा है।
बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे चक्रवातीय परिसंचरण के कारण बिहार में अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री गिरावट देखने को मिल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार 20 मार्च को बिहार के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश की संभावना है।
20 मार्च को इन 12 जिलों में बारिश की संभावना20 मार्च को रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई जिले के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा की भी संभावना है।
इन 4 जिलों में ओले के साथ तेज आंधी-बारिश का अलर्टरोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा में तेज आंधी और बारिश के साथ ओला गिरने का पूर्वानुमान जताया गया है। 20-30 किमी प्रतिघंटा हवा की गति रहेगी। इस दौरान किसानों को सावधान रहने की जरूरत है।
बिहार दिवस के मौके पर पटना सहित अधिसंख्य भागों में गरज-तड़क के साथ 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से पछुआ हवा चलेगी। इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
Bihar: पीके बोले, लालू से सीखे कोई बच्चों की चिंता करना; मांझी ने कहा- तेजस्वी का परिवार कैंसर प्रोडक्ट
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि बच्चों की चिंता करना कोई लालू प्रसाद से सीखे। बेटा (तेजस्वी यादव) नौवीं पास भी नहीं है, फिर भी लालू को चिंता है कि वह बिहार का राजा बन जाए।
उन्होंने आगे कहा, दूसरी तरफ बिहार के आम लोग हैं, जिनके बीए-एमए पास बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही। हैरानी की बात यह कि आम लोगों को इसकी चिंता नहीं। अब भी बिहार के लोग जाति और धर्म में उलझे हुए हैं। बयान के बाद शाम में पीके एक इफ्तार पार्टी में सम्मिलित हुए।
जसुपा के विधान पार्षद आफाक अहमद और पूर्व विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी ने इसका आयोजन किया था। वहां मीडिया से बातचीत में पीके ने कहा कि अगर संसद से वक्फ संशोधन कानून पास होता है तो इसके लिए भाजपा के साथ नीतीश कुमार भी जिम्मेदार होंगे।
पीके ने कहा कि जदयू के पास इस कानून को पास होने से रोकने के लिए पर्याप्त संख्या है। जसुपा इस कानून के विरुद्ध है।
मांझी ने भी लालू परिवार को घेराहम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के बयान की निंदा करते हुए उन्हें और उनके परिवार को राजनीति से संन्यास लेने को कहा है।
मांझी ने मंगलवार को एक्स पर लिखा- जिस चुनाव आयोग के द्वारा आयोजित मतदान की प्रक्रिया से तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लोग विधायक, सांसद बनें हैं अब उसी चुनाव आयोग को तेजस्वी यादव के द्वारा कैंसर बताना शर्मनाक है। यदि तेजस्वी जी की नजर में चुनाव आयोग कैंसर है तो तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लोगों को कैंसर प्रोडक्ट माना जाएगा और ऐसे कैंसर प्रोडक्ट को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए।
एनसीआरबी के नाम पर अपराध का फर्जी आंकड़ा परोस रहे तेजस्वी: नीरजदूसरी ओर, जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की ओर से जारी अपराध के आंकड़े को चुनौती दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने 2025 के लिए अपराध का आंकड़ा जारी ही नहीं किया है। तेजस्वी किस आधार पर पिछले 20 साल के अपराध का आंकड़ा जारी कर रहे हैं। उसे एनसीआरबी का आंकड़ा बता रहे हैं।
मालूम हो कि सोमवार को तेजस्वी ने दावा किया था कि पिछले 20 वर्षों में 60 हजार लोगों की हत्या हुई है। वे इसे नेशलन क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का आंकड़ा बता रहे थे। नीरज ने कहा कि एनसीआरबी की 2023 की रिपोर्ट में 2022 तक का ही आंकड़ा उपलब्ध है।
उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़े के आधार पर कहा कि राज्य में 2006 से 2022 के बीच हत्या की 52, 249 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 1990 से 2005 के बीच 67, 249 लोगों की हत्या हुई। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में हत्या की वारदातें कम हुईं।
नीरज ने केंद्र ओर राज्य सरकार के अपराध रिकार्ड के हवाले से कहा कि 1990-2005 के बीच राज्य में पुलिसकर्मियों पर 5330 हमले हुए। इस क्रम में 1901 पुलिसकर्मी बलिदान हुए। 321 पुलिस थाने पर हमले हुए। नक्सली हमले की संख्या 2448 थी। 2006-2022 के बीच 1245 पुलिसकर्मियों पर हमले हुए।
317 पुलिसकर्मियों को जान गंवानी पड़ी। पुलिस थानों पर 210 हमले हुए। नक्सली हमलों की संख्या 753 रही। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जनता को गुमराह कर रहे हैं। एनसीआरबी के नाम पर फर्जी आंकड़ा परोस रहे हैं।
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Bihar Politics: चुनाव से ठीक पहले बदले गए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष, राजेश कुमार को मिली बड़ी जिम्मेदारी
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में हलचल तेज हो गई है। बिहार में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है।
विधायक राजेश कुमार को अब नई जिम्मेदारी मिली है। कांग्रेस ने इसके साथ अखिलेश प्रसाद सिंह कार्यकाल को भी सराहा है। राजेश को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
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Bihar Election: अमित शाह ने संभाला बिहार चुनाव का मोर्चा, इस तारीख को हो सकती है प्रदेश में एंट्री
जागरण टीम, नई दिल्ली/पटना। अमित शाह ने इस साल अक्टूबर, नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की कमान संभाल ली है। चुनाव की तैयारियों और मुद्दों को धार देने के लिए अमिल शाह इस महीने के अंत में 29 और 30 मार्च को बिहार जा सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में ऐतिहासिक जीत की हैट्रिक में अहम भूमिका निभाने वाले शाह बिहार में राजग में एकजुटता का भी संदेश देंगे।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अमित शाह के बिहार दौरे के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बिहार में अमित शाह ने भाजपा के साथ-साथ राजग के वरिष्ठ नेताओं से बैठक कर राजनीतिक हालात की समीक्षा कर सकते हैं।
शाह दे सकते हैं यह संदेश- इसके साथ ही शाह राजग के एकजुट होकर चुनाव लड़ने और एक-दूसरे के लिए चुनाव प्रचार करने का संदेश दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार से लेकर आंध्रप्रदेश तक राजग ने एकजुट होकर चुनाव प्रचार किया था।
- दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी उम्मीदवार नहीं होने के बावजूद राजग के घटक दलों ने भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने मैदान में उतरे थे।
- बिहार विधानसभा चुनाव में भी शाह राजग के सभी घटक दलों ने इसी एकजुटता का परिचय देने पर जोर दें।
जदयू के जिला प्रवक्ताओं व जिला मीडिया सेल के अध्यक्षों की बैठक मंगलवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय मे आयोजित की गयी।
इस दौरान उन्हें यह टास्क दिया गया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों को अंतिम पायदान तक पहुंचाएं।
इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन भागलपुर, सारण और दरभंगा प्रमंडलों से जुड़े जिला प्रवक्ता और मीडिया सेल के जिलाध्यक्षों को टिप्स दिया गया।
उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चली कल्याणकारी योजनाओं व इंटरनेट मीडिया के बेहतर उपयोग के बारे में उन्हें बताया गया। यह भी बताया गया कि विपक्ष की झूठी राजनीति का तथ्यों के साथ कैसे जवाब देना है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने बैठक में कहा कि नीतीश कुमार की सोच और दूरदर्शी नीतियों की बदौलत बिहार विकास की नयी ऊंचाईयों को छू रहा है।
विगत 19 वर्षों के कार्यकाल में बिहार ने सुशासन और विकास का नया आयाम स्थापित किया है। इस मौके पर विधान परिषद में जदयू के उप नेता ललन कुमार सर्राफ, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, विधान पार्षद व पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह व पार्टी के कई प्रदेश प्रवक्ता मौजूद थे।
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Patna News: पटना में कनपटी पर पिस्टल लगा 1 करोड़ कैश की लूट, जमीन का बयाना देने आए थे 2 प्रॉपर्टी डीलर
जागरण संवाददाता, पटना। कंकड़बाग थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर 14 में दिनदहाड़े दो प्रॉपर्टी डीलर की कनपटी पर पिस्टल भिड़ा कर अपराधियों ने एक करोड़ नकद लूट लिए।
वारदात के बाद आरोपित मौके से फरार हो गए। पीड़ित अभिषेक कुमार और राजू कुमार ने डकैती के बाद पुलिस को सूचना दी। दोनों रूपसपुर के रहने वाले हैं।
सिटी एसपी, पूर्वी डॉ. के रामदास ने बताया कि एक निजी कार्यालय में दोनों पीड़ित रुपये गिन रहे थे। वे एक जमीन को लेकर बयाना देने आए थे। तभी डकैतों ने धावा बोल दिया और पिस्टल भिड़ा कर रुपये लूट लिए। तकनीकी जांच से आरोपितों की पहचान की जा रही है।
बिचौलिये और जमीन विक्रेता की भूमिका भी संदिग्धपुलिस बिचौलिये और जमीन विक्रेता की भूमिका भी संदिग्ध मान रही है। दाेनों के बुलावे पर ही अभिषेक और राजू रुपये लेकर आए थे। बताया जाता है कि जगनपुरा इलाके के दो कट्ठा भूखंड का सौदा हुआ था। करीब एक महीने से सौदेबाजी चल रही थी। इसके बाद डेढ़ करोड़ रुपये कट्ठा पर दोनों पक्ष राजी हुए।
एक करोड़ रुपये बयाना लेकर बिचौलिये ने अशोक नगर रोड नंबर 14 में रतन कॉम्प्लेक्स स्थित एक निजी कार्यालय में बुलाया था। दिन के करीब साढ़े 12 बजे जब राजू और अभिषेक कार्यालय में पहुंचे तो वहां पहले से एक-दो लोग मौजूद थे।
उनकी मौजूदगी में दोनों पीड़ित रुपये गिनने लगे। गिनती खत्म होती ही पांच-छह बदमाश हथियार के साथ अंदर घुस गए और पिस्टल भिड़ा कर रुपयों से भरा बैग छीन लिए। इसके बाद पहले से रहे दोनों लोग और बाद में आए बदमाश फरार हो गए।
इसी मकान में चल रहे निजी कार्यालय में हुई थी लूट। जागरण
खंगाले जा रहे सीसी कैमरों के फुटेजसूत्रों की मानें तो अपराधी बाइक से आए थे। उन्होंने बाइक दूसरी गली में खड़ी की थी। फिर, एक-एक कर रतन कांप्लेक्स में घुसे थे।
दोनों पीड़ितों को पुलिस साथ लेकर आईसीसीसी (एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र) में लेकर गई। वहां से अपराधियों के भागने की दिशा में लगे कैमरों को खंगाला गया।
आखिरी बार वे जगनपुरा मोड़ स्थित एक कैमरे में कैद हुए हैं। उनकी बाइक के नंबर से मालिक की पहचान की जा रही है। संभव है कि बाइक पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हो।
बिचौलिये और जमीन विक्रेता के मोबाइल नंबरों के कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। सीसी कैमरे के फुटेज से समय का मिलान कर डंप डाटा निकाला जा रहा है।
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Expressway: पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे को लेकर आ गई खुशखबरी! छह जिलों के लिए जारी हुआ नया नोटिफिकेशन
राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी है। अब इस प्रोजेक्ट के लिए छह जिलों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ होगी।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने मंगलवार को इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को ससमय पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे के लिए छह जिलों के 29 प्रखंडों में 250 से अधिक गांवों में जमीन का अधिग्रहण होना है।
यहां होना है जमीन अधिग्रहण- इनमें वैशाली के छह, समस्तीपुर के आठ, दरभंगा के दो, सहरसा के पांच, मधेपुरा के दो तथा पूर्णिया के छह प्रखंडों में जमीन का अधिग्रहण होना है।
- इस प्रोजेक्ट के तहत 21 वृहद पुल, 140 लघु पुल, 11 रेल ओवरब्रिज, 21 इंटरचेंज, का निर्माण कराया जाएगा। छह लेन चौड़े इस एक्सप्रेस वे की अनुमानित लागत 18,042.14 करोड़ रुपए है।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 281.95 किमी है। यह एनएच-22 के मीरनगर (वैशाली) से आरंभ होकर समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा एवं मधेपुरा होते हुए एनएच-25 के चंद भट्टी (पूर्णिया) तक जाएगा।
इसका निर्माण ग्रीन फील्ड एलायनमेंट के तहत होना है। नए एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा हो जाने से पटना-पूर्णिया की दूरी केवल तीन घंटे की रह जाएगी। वर्तमान में पटना से पूर्णिया पहुंचने में सात घंटे का समय लगता है।
15 अप्रैल से रामजानकी पथ निर्माण कार्य हो जाएगा प्रारंभ : डीएमसिवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने राम जानकी पथ निर्माण हेतु अधिगृहित किए गए जमीन के एवज में मुआवजा भुगतान की स्थिति की समीक्षा की।
इस दौरान जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि सिवान-मशरख खंड में लगभग 80 प्रतिशत. रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान कर दिया गया है।
इसके पश्चात परिसंपत्तियों के एवज में भी भुगतान किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी रैयत अधिगृहित भूमि के लिए मुआवजा राशि का भुगतान प्राप्त कर लिए हैं। वे परिसंपत्ति (मकान/दुकान) के मुआवजे हेतु यथाशीघ्र अपना आवेदन जिला भू-अर्जन कार्यालय में जमा करें।
वहीं सिवान-गुठनी खंड के कार्यों की समीक्षा के क्रम में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि रैयतों को मुआवजा भुगतान की कार्रवाई की जा रही है।
इसपर डीएम ने मुआवजा राशि के भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल से सिवान-गुठनी खंड में रामजानकी पथ के निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
एक सप्ताह के भीतर सरकारी भवनों के लिए उचित भूमि का चयन करने का आदेशरामजानकी पथ के दोनों खंडों में पड़ने वाले सरकारी भवनों यथा विद्यालय, अस्पताल, मंदिर आदि के लिए एक सप्ताह के अंदर सरकारी भूमि चयन करने से संबंधित निर्देश संबंधित अंचलाधिकारियों को दिया गया।
वहीं छपरा-मांझी-दरौली पथ हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए रघुनाथपुर तथा सिसवन अंचल में रैयतों से वार्ता कर सतत लीज पर भूमि अधिग्रहण करने का भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अंचलाधिकारी को दिया गया।
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