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Bihar Politics: 'तेजस्वी यादव ना तो सीरियस नेता हैं और ना ही...', मछली और नारंगी का नाम ले क्यों भड़की भाजपा
राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने शनिवार को जारी बयान में कहा है कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर खुश फहमी पाल रहे हैं। इसे कहते हैं दिन में सपना देखना। उन्हें इस बात का एहसास है कि उनका इस चुनाव में खाता तक नहीं खुलने वाला है।
मनोज शर्मा ने कहा कि अपने आसपास के चमचा परस्ती करने वाले लोगों की बात पर यह बातें कह रहे हैं। यह चुनाव तो तेजस्वी यादव के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि उन्हें एहसास होना चाहिए कि उन्होंने क्या-क्या गलती की है। यदि वह इस बार नहीं चेते तो आने वाले भविष्य में कभी उनका पॉलिटिकल सर्वाइवल नहीं होगा।
चुनाव नहीं लड़ रहे तेजस्वी यादवभाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वो इलेक्शन टूर कर रहे हैं। कभी नवरात्र में मछली खा रहे हैं तो कभी दिखावा के लिए नारंगी खा रहे हैं। ये ना तो सीरियस नेता हैं और ना ही ये सीरियस राजनीति करते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि ये और इनके गठबंधन के नेता चुनाव को लेकर सीरियस होते तो सभी सीटों पर उम्मीदवार तय हो जाता लेकिन, चुनाव अपने चरम पर है और महागठबंधन की तरफ से सभी सीटों पर उम्मीदवार तय ही नहीं हुआ है।
तेजस्वी यादव क्या बोलेंगे...मनोज शर्मा ने कहा कि तेजस्वी यादव क्या बोलेंगे, उनके गठबंधन कोई एकजुटता है क्या। राहुल गांधी प्रचार के लिए तो भागलपुर आये, लेकिन लगा जैसे अभी जगे हों। वहीं, तेजस्वी यादव अपने दो दिन पहले गठबंधन करने वाले नेता को लेकर ऐसे घूम रहे है जैसे वही उनके कर्ताधरता हो। कुल मिलाकर इंडी गठबंधन पूरी तरह से बिखर चुका है और 2024 में इनको विपक्षी दल की मान्यता भी नही मिलेगी।
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Lok Sabha Election 2024 बिहार में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यहां के वोटर्स रहे अव्वल, इतने प्रतिशत मतदाताओं ने डाले वोट
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को औरंगाबाद, गया, नवादा एवं जमुई चार संसदीय सीटों पर मतदान संपन्न हुआ था। मतदाताओं के रुझान के अनुसार औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 51.56 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटिंग की। पहले चरण में कुल 24 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कराया गया था।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र (Voting percentage in Aurangabad) के औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में 49.03 प्रतिशत, गुरुआ में 60.40 प्रतिशत, इमामगंज में 51.19 प्रतिशत, कुटुम्बा में 51.85 प्रतिशत, रफीगंज में 49.39 प्रतिशत एवं टिकारी विधानसभा क्षेत्र में 48.46 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
गया लोकसभा सीट पर 49.51 प्रतिशत मतदानइसी प्रकार गया लोकसभा क्षेत्र (Voting percentage in Gaya) में कुल 49.51 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया है जबकि इस लोकसभा के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र में 51.50 प्रतिशत मतदाताओं ने, बेलागंज में 51.00 प्रतिशत, बोधगया में 52.94 प्रतिशत, गया टाउन में 44.00 प्रतिशत, शेरघाटी में 54.73 प्रतिशत मतदाताओं ने जबकि वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र में 43.00 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जमुई सीट पर कितने प्रतिशत वोटरों ने डाले वोटजमुई लोकसभा क्षेत्र (Voting percentage in Jamui) में कुल 51.02 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि इस लोकसभा के चकाई विधानसभा में 56.11 प्रतिशत, जमुई में 48.56 प्रतिशत, झाझा में 56.36 प्रतिशत, शेखपुरा में 47.18 प्रतिशत, सिकंदरा में 48.91 प्रतिशत और तारापुर विधानसभा क्षेत्र में 48.00 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
नवादा लोकसभा सीट पर कितने प्रतिशत हुआ मतदानइसी प्रकार से नवादा लोकसभा क्षेत्र (Voting percentage in Nawada) में कुल 43.79 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि इस लोकसभा के बरबीघा विधानसभा में 44.17 प्रतिशत, गोविंदपुर में 40.80 प्रतिशत, हिसुआ में 47.30 प्रतिशत, नवादा में 41.38 प्रतिशत, रजौली में 45.53 प्रतिशत और वारसलिगंज विधानसभा में 43.26 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
Lok Sabha Election 2024: नवादा में सेंधमारी की चर्चा पर लगा मतदान के दिन विराम, लोगों ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया
भुवनेश्वर वात्स्यायन, नवादा। नवादा में मतदान के पहले के दिनों में इसकी खूब चर्चा थी कि इस लोकसभा क्षेत्र में वोट की सेंधमारी हो रही। पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के लिए यह चर्चा थी, पर मतदान के दिन शुक्रवार को यह चर्चा विराम पा गई।
मुख्य मुकाबला भाजपा के विवेक ठाकुर और राजद के श्रवण कुशवाहा के बीच दिखा। मतदाताओं ने जो तय कर रखा था उसी अनुसार अपना निर्णय सुनाया। कई जगहों पर समवेत स्वर में लोगों ने कहा कि वे ऊपर देखकर वोट कर रहे।
नवादा की स्थितिमुस्लिम बहुल पार नवादा के पास परिवहन विभाग के दफ्तर के समीप एक बूथ पर पवन कुमार ने कहा कि हम तो भाई राष्ट्रहित में अपना वोट कर रहे। परिवार के साथ सेल्फी भी ले रहे थे। वहीं पर नसीम और दानिश से जब वोट पर बात शुरू हुई तो दोनों ने कहा कि हमलोगों का तो सब को पता ही है।
यानी नवादा की जंग में जिनका जो आसमां है उसमें किसी भी तरह किसी की सेंधमारी बड़े स्तर पर नहीं दिखी। वैसे यह बात नोटिस लिए जाने लायक थी कि तपती दोपहरी में बूथों पर वोटरों की संख्या वहां तैनात पुलिसकर्मियों से भी कम थी। आमीपुर से हम समाय के रास्ते में थे। समाय भूमिहार बहुल गांव है।
जनार्दन प्रसाद सिंह से हुई मुलाकातवहां इंटर स्तरीय विद्यालय और एक मंदिर का परिसर है। वहां जनार्दन प्रसाद सिंह से मुलाकात हुई। उनसे चुनावी गणित पर बात हुई तो बिंदास अंदाज में शुरू हो गए।
कहा- पहले 13 सीट थी और अब तीन लोग ही समाज से हैं। कटिहार, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर गिना दिया। अब नवादा भी खो देंगे क्या? इंटर स्तरीय विद्यालय समाय में कुछ महिलाओं से बात हुई तो उन्होंने समवेत स्वर में कहा कि ऊपर की ओर देखकर वोट कर रहे। समाय के रास्ते कादिरगंज जाएंगे तो यादवों के कई टोले हैं।
गुरुमा के सीताराम यादव ने ये कहागुरुमा में सीताराम यादव कहते हैं कि लालू जी थोड़ा अल्टर कर दिए, नहीं तो...। कादिरगंज जाने के रास्ते में कुशवाहा समाज के लोगों के भी कई घर हैं। उनका कहना है कि सब जाति पर ही है, ऐसा नहीं।
पुराने मददगार को भी हम देख रहे। कादिरगंज बाजार में ही राजद प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा का घर है। काफी लोग वहां जुटे थे। रुपौ और गोविंदपुर में लीड का दावा कर रहे थे। पछियाडीह में एक महिला से बात हुई तो उन्होंने कहा-जो हमारी चिंता करेगा उसी को वोट देंगे न।
हिसुआ के लोगों का बयानहिसुआ में नरहट से आगे अल्पसंख्यकों का एक गांव है छोटका शेखपुरा। जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में वहां जुटे लोगों से जब बात की तो उसी अंदाज में जवाब मिला कि हम लोगों का तो जानते ही हैं। कोई भी इधर से उधर नहीं। आगे चलने पर श्रीबाबू की जन्मस्थली खनवा है। वहां भी वोट को लेकर तय ट्रेंड है।
उन्होंने कहा कि बाहरी प्रत्याशी की बात करते हैं तो करते रहिए। जिनको नहीं मिला, वही यह कह रहे। हमारे लिए ऐसी कोई बात ही नहीं। बरबीघा में भी मामला एकजुटता का है। नवादा के पूरे परिदृश्य में यह साफ-साफ है कि टक्कर का कोई अलग कोण नहीं। फाइट सीधे-सीधे है। कहीं से वोट की सेंधमारी नहीं। वोटों को लेकर सभी अलर्ट थे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि पहले चरण के मतदान में ही भाजपा का पैर उखड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। चार सौ पार का नारा लगाने वालों के लिए दो सौ भी पार कर पाना हिमालय लांघने के बराबर दिखाई दे रहा है।
उन्होंने शनिवार को कहा कि पिछले दस वर्षों में भाजपा चुनाव लड़ने के लिए मोदी जी के नाम पर ही निर्भर हो गई है। पंचायत का चुनाव हो या लोकसभा का, प्रत्येक चुनाव में मोदी जी का ही नारा सुनाई देता है। दरअसल मोदी जी के चरम व्यक्तिवाद ने पूरी पार्टी को अपने उपर आश्रित बना दिया है।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि मोदी जी पिछले दस वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं। लेकिन उनकी सरकार ने देश के ग़रीबों के लिए, किसानों और बेरोज़गारों के लिए क्या किया है, यह नहीं बताते हैं। इस चुनाव में भी मोदी की गारंटी और मोदी है तो मुमकिन है जैसे नारे पर भाजपा चुनाव लड़ रही है।
राजद प्रवक्ता ने आगे कहा कि भगवान राम, आस्था, राम नवमी में मछली खाना, मुग़लिया दिमाग़, सनातन का अपमान आदि सांप्रदायिकता की ध्वनि मोदी जी के हर भाषण में सुनाई देती है। इन बातों का आम आदमी से कोई रिश्ता नहीं है। लोकसभा चुनाव के माध्यम से जनता मोदी जी की विदाई की तैयारी कर रही है।
पूरी तरह बिखर चुका है विपक्षी कुनबा: राजीव रंजनजदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने शनिवार को कहा कि विपक्ष का कुनबा पूरी तरह से बिखरा हुआ है। वहीं एनडीए पूरी तरह से एकजुट है। मुंगेर लोकसभा सीट से जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के नामांकान से लौटने के बाद उन्होंने यह बात कही।
राजीव रंजन ने कहा कि विपक्ष के लोगों के बयानों को देखें तो उनकी हताशा साफ नजर आती है। वास्तव में विपक्ष चुनाव लड़ने की रस्म अदायगी भर कर रहा।
राजीव रंजन ने कहा कि मुंगेर के लोग भूले नहीं हैं कि लालू-राबड़ी राज में उनके क्षेत्र में भय का कैसा माहौल था। राजद के कुशासन में मुंगेर अपराधियों का अड्डा बन गया था। नीतीश कुमार की सरकार ने मुंगेर की सांस्कृतिक व अध्यात्मिक पहचान को फिर से बहाल किया है।
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Lok Sabha Elections: बिहार में दूसरे चरण के लिए भरे गए 42 नामाकंन हुए रद्द, अब इतने प्रत्याशी आजमाएंगे अपना भाग्य
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए भरे गए नामांकन पत्रों की शनिवार को जांच हुई। इस दौरान 42 नामांकन पत्र जांच में रद्द हो गए। वहीं, 54 नामांकन पत्र जांच में सही पाए गए हैं। कुल 96 अभ्यर्थियों ने पर्चा भरा था। अब नाम वापसी की अंतिम तिथि 22 अप्रैल है। सर्वाधिक 29 नामांकन अररिया लोकसभा क्षेत्र में हुआ है। इसमें 20 नामांकन रद्द हो गए।
तीसरे चरण की पांच लोकसभा क्षेत्रों में झंझारपुर में कुल 17 में सात पर्चे रद्द हुए अब 10 मैदान में हैं। सुपौल में 20 ने नामांकन किया था। इसमें पांच रद्द हुए अब 15 मैदान में हैं। मधेपुरा में 15 ने नामांकन किया था। इसमें सात रद्द हो गए। अब आठ मैदान में हैं।
अररिया में 29 ने पर्चा भरा था। इसमें सबसे ज्यादा पर्चे जांच के दौरान रद्द हुए हैं। अब नौ बचे हैं। खगड़िया में 15 ने नामांकन किया था। इसमें तीन के पर्चे रद्द हो गए। अब 12 बचे हैं।
सात मई को है मतदानपांचों लोकसभा क्षेत्र में चुनाव सात मई को है। इस चरण में सभी सीट पर वर्तमान में राजग के सांसद हैं। अररिया सीट भाजपा के पास है। जबकि खगड़िया लोजपा के खाते में है। वहीं, तीन सीट झंझारपुर, सुपौल एवं मधेपुरा में जदयू के सांसद हैं।
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Rahul Gandhi: 'संविधान बचाने के लिए है यह लोकसभा चुनाव' बिहार में भाजपा पर बरसे राहुल गांधी
नवनीत मिश्र, भागलपुर। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) ने देश को बेरोजगारी का सेंटर बना दिया है। बेरोजगारी की वजह से युवा फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लगे रहते हैं। जो रोजगार देते थे, उन्हें पांच तरह की जीएसटी और नोटबंदी से तबाह कर दिया। यह भी दावा कि भाजपा को 150 से अधिक ज्यादा सीट नहीं मिलने जा रही है।
राहुल शनिवार को बिहार में अपनी पहली चुनावी सभा भागलपुर में संबोधित कर रहे थे। यहां भी राहुल ने दोहराया कि आइएनडीआइए की सरकार आई तो हर युवा को पहली नौकरी का अधिकार मिलेगा।
राहुल ने कहा कि सभी ग्रेजुएट और डिप्लोमाधारी को अप्रेंटिस का अधिकार मिलेगा। इस दौरान हर माह 8500 रुपये मिलेंगे। एक साल अप्रेंटिस करने के बाद योग्यता के आधार पर निजी या सरकारी क्षेत्र में स्थायी नौकरी दी जाएगी। हमारी सरकार आई तो अग्निपथ योजना को हम उखाड़ कर फेंक देंगे।
बिहार में दूसरे चरण की पांच लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में राहुल ने आइएनडीआइए के सभी प्रत्याशियों भागलपुर से अजीत शर्मा, बांका से जयप्रकाश नारायण यादव, कटिहार से तारिक अनवर, पूर्णिया से बीमा भारती और किशनगंज से डॉ. जावेद को जिताने की अपील की।
उनके साथ मंच साझा किया। सभा को राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व वीआइपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी संबोधित किया।
संविधान बचाने लिए है यह लोकसभा चुनावराहुल ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव संविधान बचाने के लिए है। एक तरफ एनडीए है तो दूसरी तरफ कांग्रेस, राजद व आइएनडीआइए है। एनडीए की ओर से भाजपा, आरएसएस और तीन-चार अरबपति चुनाव लड़ रहे हैं।
राहुल ने कहा कि जो संविधान व लोकतंत्र को खत्म करना चाह रहे हैं। आइएनडीआइए संविधान को बचाने का काम कर रहा है। संविधान बदलने की वजह से गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों को जो लाभ मिल रहा था, वह बंद हो जाएगा।
अंबानी-अदाणी पर सरकार को घेराराहुल ने कहा है कि अंबानी-अदाणी सहित 22 उद्योगपतियों के पास जितनी संपत्ति है, उतनी संपत्ति 70 करोड़ हिंदुस्तानियों के पास नहीं है। मोदी केवल अंबानी-अदाणी को पूरा धन दे रहे हैं। एयरपोर्ट, पोत, बिजली, सोलर प्लांट, डिफेंस अदाणी को पकड़ा दिया गया है। 22 से 25 उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ कर्जा माफ कर दिया। हमारी सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया था।
राहुल गांधी ने दावा किया कि जितना कर्ज उद्योगपतियों का माफ हुआ है, उतने से 25 बार किसानों का कर्ज माफ हो जाता। जितना पैसा उद्योगपतियों को दिया गया है, हम उतना पैसा गरीबों को देंगे। किसानों को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाएंगे। मनरेगा आंगनबाड़ी में काम करने वालों की आमदनी दोगुनी करेंगे।
देश में 'भ्रष्टाचार का स्कूल' चला रहे नरेंद्र मोदी : राहुलकांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर कांग्रेस के एक नए विज्ञापन का वीडियो साझा कर चुनावी बॉन्ड मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा। राहुल ने पोस्ट किया, नरेन्द्र मोदी देश में 'भ्रष्टाचार का स्कूल' चला रहे हैं! जहां 'करप्शन साइंस' विषय के तहत 'चंदे का धंधा' समेत हर चैप्टर वह खुद डिटेल में पढ़ा रहे हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री इस बारे में पढ़ा रहे हैं कि छापेमारी के जरिये चंदे की वसूली कैसे होती है? चंदा लेकर ठेका कैसे बांटा जाता है? भ्रष्टाचारियों को धुलने वाली वा¨शग मशीन कैसे काम करती है? एजेंसियों को वसूली एजेंट बनाकर 'बेल और जेल' का खेल कैसे होता है?
राहुल ने आरोप लगाया कि 'भ्रष्टाचारियों का अड्डा' बन चुकी भाजपा ने अपने नेताओं के लिए इस 'क्रैश कोर्स' को अनिवार्य कर दिया है, जिसकी कीमत देश चुका रहा है। उन्होंने कहा कि आइएनडीआइए की सरकार भ्रष्टाचार के इस स्कूल पर ताला लगा कर इस कोर्स को हमेशा के लिए बंद कर देगी।
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Bihar Politics: मैं भगवान से यही प्रार्थना करूंगा..., नीतीश के 'बच्चा पैदा करने' वाले बयान पर भड़के तेजस्वी यादव
एएनआई, पटना। Bihar Political News In Hindi । कटिहार की जनसभा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा लालू यादव (Lalu Yadav) पर दिए विवादित बयान पर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव ने कहा कि वह हमसे कुछ भी कह सकते हैं। वह जो कुछ भी कहते हैं मेरे लिए आशीर्वाद की तरह है। लेकिन क्या ऐसी व्यक्तिगत टिप्पणियों से बिहार के लोगों को फायदा होगा।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि यह लोकसभा का चुनाव है, लेकिन वह जिस तरह भाषण का बोल रहे हैं, वह समझ के बाहर है। तेजस्वी ने कहा कि यह लोकसभा का चुनाव है। उन्हें बेरोजगारी, शिक्षा स्वास्थ्य और पलायन रोकने पर बात करनी चाहिए।
तेजस्वी ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि वह मेरे परिवार के बारे ऐसा बोल रहे हैं, वह 2020 में भी मेरे परिवार के बारे भद्दी बातें बोली थीं। लेकिन मैं भगवान से यही प्रार्थना करूंगा कि वह स्वस्थ रहें और सुखी रहें।
#WATCH | Patna: On Bihar CM Nitish Kumar's remarks, Former Deputy CM of Bihar RJD leader Tejashwi Yadav says, "He can say anything to us. Whatever he says is like a blessing for me... But the thing is, will such personal remarks benefit the people of Bihar... In elections, issues… pic.twitter.com/i4RYvYlLjk
— ANI (@ANI) April 20, 2024 नीतीश कुमार ने लालू यादव पर क्या कहा था?बिहार के कटिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव पर विवादित बयान दे दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने बहुत बच्चे पैदा कर दिए, इतना नहीं करना चाहिए। इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए था।
बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाने का लगाया था आरोपनीतीश कुमार ने कहा था कि लालू यादव ने पहले अपने दो बेटों को राजनीति में आगे बढ़ाने का काम किया और अब दोनों बेटियों को राजनीति में आगे लाने का काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि पति-पत्नी की सरकार ने 15 साल में बिहार को गर्त में धकेला दिया था।
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Bihar Politics: 'कह रही थी हमको मंत्री बनाइये...' अब बीमा भारती को लेकर क्या बोल गए नीतीश कुमार
बिहार की अनोखी लोकसभा सीटें... जहां लाखों मतों से EVM हुई गुलजार, वहीं कुछ सीटों पर हजार वोट के लिए तरसे उम्मीदवार
जागरण संवाददाता, पटना। चुनाव में किस्मत आजमाने भले कई सारे उम्मीदवार खड़े हो जाएं लेकिन यह बात अमूमन सबको पता होती है कि मुकाबले में कौन रहेगा और कौन बस नाम के लिए मैदान में है। इसका असर होता है कि ऐसे उम्मीदवारों को ज्यादा वोट भी नहीं मिलता।
पिछले चार लोकसभा चुनावों की बात करें तो पटना जिले के उम्मीदवारों का नाम ही सबसे कम मत पाने वालों की सूची में है। चुनावों के परिणामों पर गौर करें तो कम वोट पाने वाले भी औसतन एक से तीन हजार तक ले आए।विजेता और दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों को लाखों वोट पड़े तो अन्य कई उम्मीदवार हजार वोट के लिए भी तरस गए।
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के एक प्रत्याशी को राज्य में सबसे कम मत2019 के चुनाव की बात करें तो राज्यभर में सबसे कम मत पाटलिपुत्रा लोकसभा सीट के एक प्रत्याशी को गया। इस सीट से 25 उम्मीदवार मैदान में थे। उनमें सबसे कम 770 एक उम्मीदवार को मिला यह कुल मत का केवल 0.07 प्रतिशत था।
एक हजार से कम मत पाने वाले एक उम्मीदवार के हिस्से में 951 मत ही आए। पटना साहिब के एक उम्मीदवार को मत एक हजार से कुछ ज्यादा पड़े, यह कुल वोट का 0.1 प्रतिशत था।
पटना साहिब के दो प्रत्याशियों की झोली में एक हजार मत भी नहीं2014 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब के एक उम्मीदवार को कुल पड़े 9,21,761 में से 1243 मत प्राप्त हुए। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा के दो प्रत्याशियों को एक हजार से कम मत मिले। एक को 728 तो दूसरे को 830 वोट ही प्राप्त हुए।
इसी तरह पटना साहिब के दो उम्मीदवारों के पक्ष में क्रमश: 773 व 893 मत पड़े। इसी चुनाव में जहानाबाद के तीन प्रत्याशियों को एक हजार से भी कम वोट मिले, इनकी संख्या क्रमश: 753, 719 और 994 रही।
2004 में पटना के पांच प्रत्याशियों की शर्मनाक हारइससे एक चुनाव पहले 2004 में देखा जाए इस बार भी पटना लोकसभा सीट के उम्मीदवार ही सबसे कम वोट पाने वाले की सूची में शामिल रहे। कुल पांच उम्मीदवार को एक हजार से भी कम मत प्राप्त हुए। यह एक तरह से रिकॉर्ड ही था। चुनाव में नौ लाख से ज्यादा मत पड़े।
सबसे कम 351 रहा जो यहां के एक प्रत्याशी को मिला। इनके अलावा 454, 462, 535 और 912 मत चार प्रत्याशियों के जिम्मे आए। बिक्रमगंज, नालंदा के एक, जहानाबाद व नवादा के तीन-तीन प्रत्याशियों के पक्ष में एक हजार से कम मत आए।
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राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जमुई की सभा में राजद समर्थकों द्वारा मां को अपशब्द कहे जाने के मामले में तेजस्वी यादव और मीसा भारती पर जुबानी हमला किया है।
तेजस्वी को लिखी चिट्ठी का हवाला देते हुए चिराग ने कहा कि राजद समर्थकों द्वारा की गई इस हरकत से लालू-राबड़ी शासन के जंगलराज की यादें ताजा हो गई हैं।
चिराग ने कहा कि इस घटना के बाद एक पुत्र होने के नाते मेरे लिए अपनी मां के बारे में ऐसा शब्द सुनना कितना पीड़ादायक है, इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। चिराग ने शनिवार को राजधानी पटना में पत्रकारों से यह बात कही।
चिराग ने तेजस्वी-मीसा को घेरते हुए कहा कि मेरी मां को अपशब्द कहे जाने पर न भाई (तेजस्वी) ने कार्रवाई की, न ही दीदी (मीसा) ने विरोध किया, जिसका मुझे दुख रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर मेरी लिखी चिट्ठी का तेजस्वी यादव ने कोई जवाब नहीं दिया। मीसा भारती से उम्मीद थी कि वो इस घटना का विरोध करेंगी, लेकिन उन्होने भी ऐसे तत्वों को प्रोत्साहित किया है।
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मतदाताओं से पहले पहर में ही मतदान की अपील करेगा जदयूजदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा का कहना है कि मतदान के प्रतिशत का कम होना निश्चित रूप से चिंताजनक है। अत्यधिक तपिश की वजह से यह हो रहा है। जदयू अब वोटरों से अपील करेगा कि पहले पहर में ही अधिक से अधिक मतदान कर लें। इसके बाद दोपहर बाद आ जाएं।
वहीं वह जिला निर्वाचन अधिकारी से यह भी कहेंगे कि बूथ पर टेंट व पंखे आदि की भी व्यवस्था हो, ताकि मतदाताओं को सहूलियत हो। इसके अतिरिक्त पीने के पानी की व्यवस्था भी जरूरी है। अपने कार्यकर्ताओं को भी वह पीने के पानी की व्यवस्था के लिए कह रहे।
Bihar News: 4638 सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश, जानें अदालत ने क्या-क्या कहा?
राज्य ब्यूरो, पटना। Patna High Court On Assistant Professors: पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले से यह तय किया है कि राज्य में विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों के लिए बहाल होने वाले 4638 सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रत्येक विश्वविद्यालय का उसके विषयवार रिक्तियों के अनुसार आरक्षण रोस्टर अलग-अलग तय किया जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील याचिकाओं पर आंशिक मजूरी देते हुए यह फैसला सुनाया।
कोर्ट ने ये अपने आदेश में ये कहाखंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले के उस हिस्से को निरस्त कर दिया, जिसमें राज्य के तमाम विश्वविद्यालय की रिक्तियों को एक साथ जोड़कर उस पर आरक्षण रोस्टर निर्धारण करने का निर्देश था।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हमें नहीं लगता कि विज्ञापन में अलग से कोई बैकलॉग रिक्तियां निर्दिष्ट की गई हैं। राज्य के जवाबी हलफनामे के अनुसार भी त्रुटिपूर्ण गणना की गई थी।
बैकलॉग को मौजूदा रिक्तियों से निर्धारित करने का दिया आदेशयदि बैकलॉग को मौजूदा रिक्तियों से निर्धारित किया जाना है, तो कम से कम पिछले तीन भर्ती वर्षों के लिए आरक्षण के आवेदन पर गौर करना होगा, ताकि पता लगाया जा सके कि कार्यरत संख्या में शामिल आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई थी या आरक्षित उम्मीदवार के रूप में।
अदालत ने जताई नाराजगीअदालत ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि विज्ञापन को चुनौती दिए जाने के कारण 4,000 से अधिक रिक्तियों को भरने का काम लगभग चार वर्षों से रुका हुआ है। अदालत ने अपने आदेश मे कहा कि चुनौती विभिन्न आवेदकों द्वारा दी गई है, जो केवल एक विशिष्ट विषय, पद के लिए विचार किए जाने के हकदार हैं।
आरक्षण रोस्टर विश्वविद्यालय-वॉर और विषय-वॉर तैयार किया जाता है और उस परिस्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा किसी विषय के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश करने पर उस विशेष विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालयों में केवल उस विषय के संबंध में विज्ञापन को चुनौती दी जानी चाहिए। इस मामले में महाअधिवक्ता पीके शाही ने सरकार का पक्ष रखा था।
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Patna Crime News: BJP की महिला विधायक के आवास से किशोरी लापता, परिजनों ने पुलिस से लगाई गुहार
Bihar News: शिक्षा विभाग और राज्यपाल आर्लेकर के बीच ठनी रार! कहीं फिर न लड़खड़ा जाए विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र
राज्य ब्यूरो, पटना। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने अगस्त के पहले हफ्ते तक विश्वविद्यालयों में नये सत्र की शुरुआत करने की एडवाइजरी जारी की है। लेकिन, बिहार के विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र फिर लडख़ड़ाएगा, क्योंकि यहां के विश्वविद्यालयों में पहले से ही परीक्षाएं विलंबित चल रही हैं। ऊपर से शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है।
इससे विश्वविद्यालयों में वित्तीय कामकाज ठप है। परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। अप्रैल-मई में होने वाली स्नातक व स्नातकोत्तर संकाय की परीक्षाएं अगले आदेश तक स्थगित होने लगी हैं। इस मामले में राजभवन सचिवालय भी गंभीर है।
महीनेभर ज्यादा समय से विवि में वित्तीय कामकाज ठप्पराज्य के विश्वविद्यालयों में 37 दिनों से वित्तीय कामकाज ठप है। इस मामले में सरकार ने भी संज्ञान नहीं लिया है। जबकि राजभवन सचिवालय द्वारा राज्य के मुख्य सचिव को राज्य के विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट से अवगत कराया जा चुका है।
खुद राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को राजभवन में बुलाकर शिक्षा विभाग द्वारा 15 मार्च को विश्वविद्यालयों के बैंक खातों को फ्रीज कर राशि निकासी पर रोक लगाने संबंधी गंभीर मामलों से अवगत कराया चुका है।
आर्लेकर द्वारा इस संकट का समाधान कराने को कहा गया है, लेकिन राज्य सरकार भी अब तक विश्वविद्यालयों में व्याप्त वित्तीय संकट का समाधान नहीं निकाल सकी है।
यूजीसी की एडवाइजरी का भी असर नहींदो दिन पहले यूजीसी द्वारा अगस्त के पहले हफ्ते तक विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू कराने की एडवाइजरी जारी की है।
यूजीसी ने इसके साथ ही नियमों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालयों से जल्द ही अपना एकेडेमिक कैलेंडर भी जारी करने को कहा है। ताकि समय से संस्थान और उससे संबद्ध कालेजों की शैक्षणिक गतिविधियां संचालित हो सके।
सत्र को पटरी पर लाने की पहल के तहत ही आयोग ने पिछली स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं की परीक्षा के परिणाम भी जून अंत तक जारी करने का सुझाव दिया है।
वहीं स्नातक द्वितीय और आगे के वर्षों की कक्षाएं भी जुलाई के पहले में सप्ताह तक शुरू करने का सुझाव दिया है। लेकिन, शिक्षा विभाग ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया है।
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Patna Crime News: BJP की महिला विधायक के आवास से किशोरी लापता, परिजनों ने पुलिस से लगाई गुहार
जागरण संवाददाता, पटना। भाजपा की महिला विधायक डॉ. निक्की हेम्ब्रम के आवास से 16 वर्षीय किशोरी रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई।
इस बाबत किशोरी के मामा अनिल मरांडी ने सचिवालय थाने में प्राथमिकी कराई है। थानेदार विनोद राम ने बताया कि अपहरण की प्राथमिकी कर किशोरी की खोज की जा रही है।
विधायक के आवास पर रहती थी किशोरीविधायक डॉ. निक्की हेम्ब्रम के आवास आर ब्लॉक स्थित न्यू फैमिली टाइप नंबर चार में है। देवघर (झारखंड) के जसीडीह थानांतर्गत बदलाडीह निवासी देना हास्दा की 16 वर्षीय पुत्री सुषमा हास्दा विधायक के आवास पर रहती थी।
15 अप्रैल को यहां गई थी किशोरीउसके मामा अनिल मरांडी बांका जिले के जयपुर चरकापाधर के रहने वाले हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि विधायक के आवास पर उनका आना-जाना रहता है। 15 अप्रैल को विधायक हनुमान नगर स्थित बैंक की शाखा में गई थीं।
दोपहर में वहां से लौट कर आईं तो सुषमा आवास पर नहीं मिली। उन्होंने देखा कि आवास का पिछला दरवाजा खुला है। अनिल ने पुलिस से सुषमा की सकुशल बरामदगी की गुहार लगाई है।
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Patna Paperless Hospital: अगले हफ्ते से अस्पतालों में पेपरलेस होगा इलाज, मरीजों की सारी डिटेल्स ऑनलाइन होगी दर्ज
जागरण संवाददाता, पटना। Patna Hospitals News: राजधानी पटना के गुरु गोविंद सिंह समेत सिविल सर्जन के अधीन आने वाले सभी अस्पताल सात दिन में पेपरलेस हो जाएंगे।
शुक्रवार को एलएनजेपी हड्डी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में जिले के डॉक्टरों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम ने यह जानकारी दी। पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट व नर्सों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
सभी अस्पतालों के लिए उपलब्ध कराई धनराशीराज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी अस्पतालों को लैपटॉप-कंप्यूटर खरीदने के लिए इन अस्पतालों को धनराशि उपलब्ध करा दी है। हालांकि, एलएनजेपी हड्डी हॉस्पिटल, न्यू गार्डिनर इंडोक्राइन सुपरस्पेशियलिटी व राजेंद्र नगर नेत्र विशिष्ट अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने में अभी समय लगेगा।
शुक्रवार को समाप्त हुआ कार्यक्रमप्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख सह एलएनजेपी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. एनएन राय, डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉ. शाश्वत कुमार, डॉ. श्याम किशोर समेत अन्य अस्पतालों के उपाधीक्षक, चिकित्सा प्रभारी व स्वास्थ्य प्रबंधक मौजूद थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 18 मार्च से चल रहा था जो शुक्रवार को समाप्त हो गया।
डॉ. एनएन राय ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी सुगमता व सहजता से मरीजों की सेवा कर सकें इसलिए स्वास्थ्य विभाग को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। मरीजों को चाहिए कि वे भव्या पोर्टल और आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड यानी आभा कार्ड, दोनों के तहत पंजीयन जरूर करा लें।
इससे उनका मेडिकल रिकॉर्ड दोनों जगह संरक्षित होता रहेगा और जरूरत पड़ने पर मरीज की सहमति से देश को कोई भी डॉक्टर कहीं भी इसे देख सकेगा।
भव्या पोर्टल में पंजीयन के फायदेरोगियों के भव्या पोर्टल पर पंजीयन कराने पर डॉक्टर जो भी दवाएं व जांच लिखेंगे, वह ऑनलाइन संरक्षित हो जाएगी।
पैथोलाजी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट व अस्पताल से कितनी दवाएं मिलीं, किस डॉक्टर ने देखा सब इसमें दर्ज होगा। रोगियों को बार-बार पंजीयन कराने पर सिर्फ नंबर बताना होगा और पुराने पर्चे लेकर नहीं आना होगा।
आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड यानी आभा कार्ड से भव्या नंबर को लिंक कराने पर पूरा मेडिकल इतिहास उसमें भी दर्ज होता रहेगा। इससे देश के किसी भी अस्पताल का डॉक्टर आपसे नंबर व ओटीपी लेकर आपको कब किस अस्पताल में किस डॉक्टर ने देखा, जांच रिपोर्ट में क्या था, कौन सी दवा खाई थी आदि की जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
क्या है भव्या पोर्टलमुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत अस्पतालों को पेपरलेस करने व रोगी का पूरा चिकित्सकीय इतिहास ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए भव्या(बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल) सॉफ्टवेयर एप तैयार किया गया है।
भव्या में निबंधन के लिए रोगियों को सिर्फ अपना आधार नंबर व इससे जुड़ा मोबाइल नंबर बताया होगा। पंजीयनकर्मी जैसे ही सभी जानकारी अपलोड करेगा, रोगी के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा और उसे डालते हुए 14 अंक का भव्या वेब पोर्टल का नंबर मरीज को मिल जाएगा।
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Pappu Yadav: 'मेरे नाम में यादव होने से लालू...', पूर्णिया सीट छिनने पर क्या बोले पप्पू? पढ़ें Exclusive Interview
शंकर दयाल मिश्रा, भागलपुर। पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव देश भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। कुछ ही दिनों पूर्व उन्होंने अपनी पार्टी (जनाधिकार पार्टी) का विलय कांग्रेस में किया। उन्हें उम्मीद थी कि महागठबंधन के खाते से पूर्णिया सीट कांग्रेस को मिलेगी और हाथ का दामन थामकर वह अब भविष्य की राजनीति करेंगे। बिहार में ओबीसी चेहरे का पर्याय बनेंगे। लेकिन, उनकी उम्मीदों को झटका लगा है।
सीट बंटवारे में राजद ने एक दशक बाद पूर्णिया कांग्रेस से छीनकर अपने पाले में ले लिया और यहां से अपना उम्मीदवार दे दिया। शीर्ष स्तर से कांग्रेस ने पप्पू के लिए प्रयास किया, लेकिन अंदरखाने चर्चा है कि लालू यादव अड़ गए। अंतत: पप्पू यादव ने निर्दलीय नामांकन किया।
पप्पू यादव के नामांकन में जैसी भीड़ उमड़ी उससे स्पष्ट हो गया है कि पूर्णिया की धरती पर सियासी महासंग्राम तय है। जदयू सांसद संतोष कुशवाहा, पप्पू यादव और जदयू का ही दामन छोड़कर राजद प्रत्याशी बनने वालीं विधायक बीमा भारती में कौन भारी पड़ेगा यह तो वक्त बताएगा, लेकिन वर्तमान में हमने पप्पू यादव के संदर्भ में उठ रहे कई सवालों के जवाब उनसे जाने।
भागलपुर के समाचार संपादक संदीप कुमार और वरिष्ठ उप संपादक शंकर दयाल मिश्रा ने पूर्णिया और बिहार की राजनीति से जुड़े कई सवाल पप्पू यादव से किए। यह भी पूछा कि पप्पू से किसने दगा किया, कहां चूक हो गई? लालू और प्रदेश कांग्रेस से जुड़े सवालों के जवाब बेलाग पप्पू यादव ने कभी खुलकर तो कभी इशारों में दिए। प्रस्तुत है इस विस्तृत साक्षात्कार के मुख्य अंशः
आप पूर्णिया से निर्दलीय नामांकन कर चुके हैं। एक तरह से यह इंडी गठबंधन को चुनौती है, कांग्रेस को भी?
कांग्रेस मेरे साथ है। कांग्रेस का आशीर्वाद मुझे प्राप्त है। मेरा जीना-मरना सब कांग्रेस के लिए है। मुझे इस बात की समझ है कि मुझे पूर्णिया सीट दिलाने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बहुत प्रयास किया है। अंत समय तक।
आपने देखा होगा कि कटिहार सीट से तारिक अनवर का नामांकन एक दिन टल गया। बात सोनिया मैडम तक पहुंच गई थी। वहां पर उन्हें लालू या पप्पू को चुनने का विकल्प दिया गया तो स्वभाविक तौर पर लालू की चली। अब मैं इस सीट को जीतकर इंडी गठबंधन की झोली में डाल दूंगा।
आपने कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय क्या सोचकर किया, क्या उद्देश्य पूरा हुआ?
कांग्रेस को लेकर मेरा नजरिया साफ रहा है। अभी के दौर में जहां अधिकतर पार्टियां नीति-सिद्धांत को लेकर दिशाहीन हो चुकी हैं और उनमें व्यक्तिपूजक व्यवस्था हावी है। वहीं कांग्रेस अपने अंदर लोकतंत्र को बचाए है। कह सकते हैं कि कांग्रेस लोकतांत्रिक मूल्यों से समझौता नहीं करती।
मेरी पत्नी (सांसद रंजीत रंजन) कांग्रेस में शुरू से हैं। इस कारण मैं खुद को कांग्रेस परिवार का ही हिस्सा मानता रहा। हालांकि, मेरी राजनीति का अपना रास्ता और अपनी पार्टी थी। इस कारण मेरी कोशिश थी कि अपनी जनाधिकार पार्टी को इंडी गठबंधन का हिस्सा बनाऊं।
मैं पूर्णिया में काम कर रहा था। यहां पर 'प्रणाम पूर्णिया, सलाम पूर्णिया' अभियान चला रहा था। इसी क्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने का संदेश आया। मैं 19 मार्च को पटना में उनसे मिला। तेजस्वी यादव भी साथ थे। लालू जी ने ऑफर दिया कि मैं अपनी पार्टी का राजद में विलय कर दूं। इसके लिए वे मुझे मधेपुरा और सुपौल सीट देने को तैयार थे।
मैंने उनसे कहा भी कि मुझे पूर्णिया से चुनाव लड़ना है। इसको लेकर स्पष्ट हूं। बाकी लालू जी के दोबारा कहने पर मैंने कहा कि अपने परिवार और कांग्रेस परिवार से पूछकर निर्णय लूंगा। 20 अप्रैल को मैं दिल्ली गया।
हवाई अड्डा पर था तो प्रियंका गांधी का मोबाइल पर कॉल आया। उनसे और राहुल जी से बात हुई और परिस्थिति ऐसी बनती गई कि कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर दिया।
क्या आपने स्वत: सोच लिया कि महागठबंधन में पूर्णिया सीट तो कांग्रेस के ही हिस्से में आती रही है इसलिए कांग्रेस से ही बार्गेनिंग करते हैं?
इसमें कोई शक नहीं कि पूर्णिया परंपरागत रूप से कांग्रेस की ही सीट रही है। इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे कि राजद ने इससे पहले 1998 के चुनाव में अपना प्रत्याशी दिया था, जो करीब 57 हजार वोट ही पा सका।
राजद ने इसके पहले माकपा को समर्थन दिया था, तब उसके प्रत्याशी 35-40 हजार के अंदर ही सिमट गए थे। यहां पर राजद का अपना कोई मजबूत आधार नहीं रहा है।
यहां पर पप्पू यादव का अपना आधार है और कांग्रेस का भी। इसके बावजूद राजद ने यह सीट ले ली। बार्गेनिंग जैसी कोई बात नहीं।
राहुल या प्रियंका ने मुझे पूर्णिया से टिकट देने का आश्वासन नहीं दिया था। हां, कांग्रेस के एक महासचिव स्तर के अधिकारी से बात हुई थी।
स्वभाविक है कि कांग्रेस में विलय की जो सोच थी वह तो पूरी होती नहीं दिख रही। किसने ठगा आपको?
इसका जवाब जनता देगी। जनता इसे समझ रही है कि मुझसे पूर्णिया सीट छीनने की साजिश रची गई। सुपौल सीट भी परंपरागत रूप से कांग्रेस के हिस्से में आती रही है।
वहां से हमारी मैडम (रंजीत रंजन, राज्यसभा सदस्य) दो बार जीती हैं। 2014 में वे सुपौल से चुनकर लोकसभा गईं। 2019 में वे हार गईं।
इस सीट को भी राजद ने कांग्रेस से ले लिया। पूर्णिया की सीट भी ले ली। पूर्णिया अपने बेटे की रक्षा करेगा। मैं अभिमन्यु नहीं जो चक्रव्यूह में फंस जाऊंगा, मैं अर्जुन हूं। जीतकर ही रहूंगा।
आपका इशारा है कि लालू परिवार नहीं चाहता कि आप संसद पहुंचें। आखिर लालू या तेजस्वी को आपसे क्या परेशानी/प्रतिस्पर्धा है? क्या आपसे उन्हें खतरा है?
मुझसे तो उन्हें कोई खतरा नहीं है, लेकिन वे शायद ऐसा समझते हैं। हो सकता है कि मेरे नाम में भी यादव उपनाम होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है।
लालू यादव आज भी मेरे लिए पिता समान हैं। उनका पहला बेटा तो मैं ही हूं। वे भी मुझसे प्यार करते हैं, तभी तो राजद में मेरी जनाधिकार पार्टी को शामिल करने का उन्होंने ऑफर भी दिया था।
लगता है कि मेरे कांग्रेस में शामिल होना उन्हें रास नहीं आया, इस कारण मुझसे जुड़ी उन सभी सीटों को कांग्रेस से छीन लिया जो परंपरागत रूप से कांग्रेस की थीं।
कांग्रेस में कोई ओबीसी चेहरा मजबूत होगा तो सहयोगी पार्टियों पर इसका राजनीतिक असर स्वभाविक है। सहयोगी क्षेत्रीय पार्टियां इस कारण चाहेंगी कि उनकी पार्टी में कोई मजबूत ओबीसी चेहरा आए न कि कांग्रेस में।
इंडी गठबंधन में सीट बंटवारे पर क्या कहेंगे? क्या लालू यादव ने किसी रणनीति के तहत टिकट बांटा है?
जिस हिसाब से सीटों का बंटवारा हुआ है और इंडी गठबंधन में बड़े घटक दल की जो भूमिका दिख रही है उससे कई सवाल उठ रहे।
गठबंधन ने जैसे प्रत्याशी उतारे हैं उससे तो लग रहा है कि लड़ाई 2024 की है ही नहीं, जेहन में बस 2025 का विधानसभा चुनाव है।
इसी पूर्णिया की बात करें तो सुरक्षित जीत की जगह जिस प्रत्याशी को राजद ने चुनाव में उतारा है उनका चुनाव कौन लड़ेगा? बीमा भारती के पति अवधेश मंडल जेल में हैं। बिना अवधेश के रुपौली विधानसभा में भी वहां की विधायक बीमा बहुत प्रभावी नहीं होंगी।
जहानाबाद आदि कई सीटों को ऐसे उदाहरण हैं। इससे तो यही लगता है कि राजग खासकर भाजपा को सेफ पैसेज दिया गया है। राजनीतिक गलियारे में लोग दबी जुबान से बोल रहे हैं कि इंडी गठबंधन पर बिहार में ईडी का प्रभाव दिख रहा है।
तेजस्वी बीमा के नामांकन में आए, मतलब यहां जोरदार लड़ाई की तैयारी में है राजद?
आप ही बताइए, बीमा भारती के नामांकन में तेजस्वी यादव हेलीकाप्टर से पहुंचे। अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के नामांकन में तो वह नहीं गए। तो क्या यह नहीं समझा जाए कि पूरी ताकत पप्पू को हराने में ही लगा देनी है उनको।
मैं तो उनको हमेशा छोटा भाई मानता रहा हूं, आगे भी मानूंगा। लेकिन लालू यादव और तेजस्वी को मुझसे क्या तकलीफ है, यह समझ में नहीं आ रहा।
लालू यादव ने तेजस्वी के लिए मेरा रास्ता रोकने का ही प्रयास नहीं किया बल्कि भविष्य में जो भी बिहार की राजनीित का चेहरा हो सकते हैं, उसे चुनाव में लड़ने से रोका।
बेगूसराय में कन्हैया कुमार भी इसका उदाहरण हैं। यहां से कन्हैया कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते थे, लेकिन यह सीट उन्होंने वामदल को दे दी।
ऐसे में तो इंडी गठबंधन को ज्यादा सीटें नहीं आएंगी?
आज के परिदृश्य में इंडी गठबंधन को सात से 10 सीटें मिल सकती हैं। टिकट का बंटवारा या सीटों का चयन बेहतर होता तो नतीजा कुछ और होता।
बिहार कांग्रेस के अधिकारियों ने भी आपका पत्ता काटने में भूमिका निभाई?
बिहार या अन्य राज्यों में जैसे ही कांग्रेस मजबूत होने लगेगी वैसे ही क्षेत्रीय पार्टियों का आधार कमजोर पड़ेगा। यह सर्वविदित सत्य है। बिहार कांग्रेस को उभारने के लिए मेरे जैसे जुझारू किस्म के नेताओं की जरूरत है।
अगर कांग्रेस में कोई मजबूत जुझारू चेहरा उभरेगा तो पार्टी को कमजोर बनाए रखकर मठाधीशी कर रहे नेताओं की पोल खुल जाएगी।
आपकी छवि रॉबिनहुड और बाहुबली की रही है। ऐसे में लोग आपको वोट देंगे?
मेरी छवि रॉबिनहुड और बाहुबली वाली रही है, पर मेरा कर्म लोगों की मदद करना है। यह मेरा जन्मजात स्वभाव है। मैं अगर लोगों की मदद नहीं कर पाया तो मर जाऊंगा।
कोरोना काल को याद करें या पटना के बाढ़ की। जब लोग डर से घरों में कैद थे तो मैं अपनी जान पर खेलकर लोगों की मदद कर रहा था।
जब बिहार में बिजली एक-दो घंटे मिलती थी, तब पूर्णिया में 22-23 घंटे बिजली लोगों को मिलती थी। अस्पताल में इलाज मिलता था। डॉक्टरों की फीस तय थी। गरीबों को कोई लूट नहीं सकता था। छवि जो भी रही हो, मैंने कभी किसी से कुछ लिया नहीं, दिया ही है।
मैं रोज जरूरतमंदों को तन-मन-धन से मदद करता हूं। कभी कोई जरूरतमंद मेरे पास से खाली नहीं लौटा है। मैं जात-पात की राजनीति नहीं करता। मेरा घर ही सेवाश्रम है। दिल्ली-पटना-पूर्णिया कहीं भी मरीजों के इलाज से लेकर खाने-रहने की व्यवस्था इसमें की गई है। यह सभी जानते हैं।
आप लाखों रुपये जरूरतमंदों में बांट देते हैं। इतना पैसा आप लाते कहां से हैं?
मैं जमींदार परिवार से हूं। मेरे पास नौ हजार एकड़ जमीन थी, अब सौ एकड़ बची है। कोरोना काल में सात करोड़ रुपये में इंजेक्शन (रेमडेसिविर) खरीदकर मंगाई, बाढ़ में लोगों की मदद की। इसके लिए पूर्णिया में मेरे घर के पीछे की 90 कट्ठा और पास की पांच बीघा बेशकीमती जमीन बेच दी।
लोग अपने बच्चों के लिए संपत्ति अर्जित करते हैं और आप लोगों की मदद अपनी पैतृक संपत्ति बेचकर कर रहे हैं। आपके स्वजन और बच्चे कुछ नहीं कहते?
मेरे स्वजन ने मेरे स्वभाव को स्वीकार कर लिया है। रही बात बच्चों के लिए संपत्ति अर्जित करने की तो मैं उस कहावत को मानता हूं- जो सपूत तो का धन संचय, जो कपूत तो का धन संचय।
मेरा बेटा दिल्ली विश्वविद्यालय से अपने कॉलेज का टापर है और वहीं से रणजी क्रिकेट खेलता है। बेटी दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज की टॉपर है और बास्केटबाल की अच्छी खिलाड़ी है।
वे सक्षम हैं अपने दम पर अच्छी जिंदगी जीने को। मैडम टोकती हैं, लेकिन वह भी जानती हैं कि जरूरतमंदों की मदद किए बिना मैं रुकूंगा नहीं।
आप लोगों की इतनी मदद करते हैं, पर वही लोग आपको वोट नहीं देते?
मैंने लोगों की मदद यह सोचकर कभी नहीं की कि वे मुझे वोट दें। मैंने मदद करते वक्त क्षेत्र या जाति को आधार नहीं बनाया। अपने इलाके के लोगों के दुख-सुख में खड़ा रहना मेरा स्वभाव है। वैसे यह भी पूरा सच नहीं कि जिसे मैं मदद करता हूं वे भी मुझे वोट नहीं देते।
पूर्णिया की जनता ने तीन बार मुझे निर्दलीय ही चुनाव में जीत देकर संसद भेजा है। इस बार भी मैं कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हूं।
आप 2004 में मधेपुरा के सांसद थे। 2014 में भी वहीं से जीते। 2019 का चुनाव भी वहीं लड़े। आपका घर मधेपुरा लोकसभा में ही है। फिर पूर्णिया क्यों?
मधेपुरा यादव बहुल इलाका है। यादवों के साथ दिक्कत यह है कि यह समाज लालू यादव को भी प्यार करता है और पप्पू यादव को भी। लोकसभा चुनाव में मधेपुरा के लोगों की पसंद लालू यादव हो जाते हैं।
राजद से इतर मेरे चुनाव मैदान में आने के बाद वे द्वंद्व में फंस जाते हैं। ऐसे में राजद का उम्मीदवार भी हार जाता है और मैं भी।
इतना काम करने और लोगों के लिए एक पैर पर खड़ा रहने के बाद वहां से दो बार हारा। 2019 में मधेपुरा से हारने के बाद ही मैंने तय कर लिया था कि आगे की तैयारी पूर्णिया से करूंगा।
पूर्णिया के लोगों ने ही मुझे पहली, दूसरी और तीसरी बार संसद भेजा था, वह भी एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में। मेरे जेल में होने के दौरान जब मेरी मां ने चुनाव लड़ा था तो वे बहुत कम मतों से हारी थीं।
कहने का आशय यह कि पूर्णिया की जनता भरोसा और प्यार मुझे वापस खींच रहा था, इसलिए यहां आ गया। वैसे भी मेरा जन्म पूर्णिया में ही हुआ है, अब तो मरने तक इस जमीन का साथ नहीं छोडूंगा।
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Bihar First Phase Voting: बिहार में कम वोटिंग ने बढ़ाई प्रत्याशियों की धड़कन, पढ़ें अपने इलाके का हाल
जागरण टीम, नवादा/पटना। Bihar First Phase Voting Percentage बिहार के दक्षिणी हिस्से में झारखंड से सटे नवादा में लोकसभा चुनाव शुक्रवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। नक्सल व जातीय संघर्षों के लिए चर्चित रहा नवादा में इस बार के चुनाव की खास बात यही रही कि कहीं से भी किसी बड़े अप्रिय वारदात की सूचना नहीं मिली। हालांकि, यह बात प्रिय नहीं लगी कि वोट प्रतिशत अपेक्षा से काफी कम रहा।
आधे से अधिक मतदाता लोकतंत्र के महापर्व से विमुख रहे। तल्ख धूप व प्रचंड गर्मी भी इसकी एक वजह रही। सुबह में सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के 2044 मतदान केंद्रों पर बड़े उत्साह से मतदाता कतार में लगे दिखे। सुबह के दस बजे तक सभी जगहों पर मतदान की स्थिति ठीक रही, लेकिन 11 बजे तक 42 डिग्री तापमान, प्रचंड धूप और 11 किमी. गति की गर्म पछुआ हवा ने मतदाताओं के हौसले पस्त कर दिए।
जिला नियंत्रण कक्ष से हर दो घंटे पर जारी मतदान प्रतिशत के अनुसार, सुबह 11 बजे तक 17.66 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं दोपहर एक बजे मतदान का प्रतिशत 27.24 तक ही पहुंच सका। दोपहर तीन बजे तक आंकड़ा 37.77 प्रतिशत रहा। इसके बाद संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों नवादा, वारिसलीगंज, हिसुआ और बरबीघा के ग्रामीण समेत शहरी मतदाताओं के पास वोट करने के लिए तीन घंटे का वक्त था, लेकिन उत्साह उस अनुरूप नहीं दिखा।
मतदान समाप्ति तक पूरे संसदीय क्षेत्र में 42 प्रतिशत ही मतदान होने की सूचना डीएम ने दी। हालांकि, उन्होंने जोड़ा कि मतदान प्रतिशत कुछ बढ़ सकता है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं ने अधिक मतदान किया। युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी ने मतदान किया। शहरी क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं ने बढ़- चढ़ कर वोट किया। जिले के नक्सल प्रभावित रजौली, गोविंदपुर, मेसकौर में भी मतदान ठीक ठाक हुआ।
कम मतदान ने बढ़ाई प्रत्याशियों की धड़कनप्रथम चरण के मतदान में जिस प्रकार वोटों का प्रतिशत गिरा है, उसने हर प्रत्याशी की धड़कन बढ़ा दी है। शुक्रवार की सुबह जब मतदान शुरू हुआ तो सुबह केंद्रों पर वह उत्साह नहीं दिख रहा था, जैसा पिछले चुनावों में रहा है। दिन चढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत बढ़ा जरूर, पर पिछले चुनाव के आंकड़े से लगभग दूर रहा। हालांकि, अभी अंतिम रूप से मत प्रतिशत घोषित करने के बाद थोड़ी-बहुत वृद्धि की आशा बनी हुई है।
गया में 52 प्रतिशत पर मतदान संपन्न हो गया तो औरंगाबाद में 50.02 पर। नवादा में यह 42 प्रतिशत ही रहा। राजनीतिक रूप से बहुत ही जागरूक समझे जाने वाले बिहार में मतदाताओं की उदासीनता एक बड़ी चुनौती है। जो हर मुद्दे पर मुखर होकर बात करते हों, वहां वोट के दिन की चुप्पी का कारण आखिर क्या है। बेशक धूप कड़ी थी, गर्मी भी थी, पर पहले भी इसी मौसम में चुनाव हुए हैं।
कुछ जगहों पर उत्साह चरम को छूता हुआ और कुछ जगहों पर सन्नाटा ही प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ा रहा है। अब राजनीतिक प्रेक्षक कुनबे के हिसाब से जोड़-घटाव के समीकरण को हल करने में जुटे हैं।
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Patna News: पटना में ओवरलोट ऑटो पर चला कानून का डंडा, ट्रैफिक पुलिस ने महज एक दिन में वसूल डाले 1.80 लाख रुपये
आशीष शुक्ल, पटना। दैनिक जागरण इस पर लगातार ध्यान आकृष्ट करता रहा है कि सड़कों पर चले रहे बेलगाम ऑटो के कारण लोग कब दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं, कहा नहीं जा सकता। पटना प्रशासन ने शुक्रवार को कार्रवाई की तो यह सच भी सामने आ गया कि किस तरह यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
ऐसे 268 ओवरलोड ऑटो और ई-रिक्शा से 1.80 लाख का जुर्माना वसूला गया है। ऐसों की संख्या कहीं ज्यादा है, पर थोक में जितने पकड़े गए, उससे स्पष्ट है कि स्थिति किस हद तक पहुंच चुकी है।
शहर के बाहरी क्षेत्रों में तो कोई रोक-टोक भी नहीं है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। और तो और, बच्चों तक को ठूंस-ठूंस कर ऑटो में ले जाया जाता है।
न्यू बाइपास पर जब कार्रवाई शुरू हुई तो ऐसे ऑटो चालक पकड़ में आ गए। हालांकि, अभी भी ओवरलोड ऑटो चल रहे हैं। ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार ने बताया कि स्टेशन, बस अड्डा समेत कई स्थानों पर अभियान चलाया गया है। इसे जारी रखा जाएगा। हालांकि, पहले दिन केवल शहरी क्षेत्र में कार्रवाई की गई है।
इस अभियान को और विस्तार दिया जाएगा। आसपास के इलाकों में भी अभियान चलाने की तैयारी है। गुरुवार को ही कार्रवाई का निर्णय लिया गया था, पर हैंड हेल्ड मशीनों के सर्वर डाउन हो गए थे। इस कारण एक दिन बाद अभियान चलाकर कार्रवाई शुरू की गई है।
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इधर, जब कानून का डंडा ढंग से चला तो ऐसे चालकों की मनमानी में कमी का असर भी कई जगहों पर दिखने लगा है। हालांकि, अभी भी आगे की सीट पर यात्री बिठाए जा रहे हैं, पर पहले की तरह ठूंस-ठूंसकर तीन-चार नहीं। इस पर अभी पूरी तरह नकेल नहीं कसी जा सकी है।
ऑटो और ई-रिक्शा चलाने वालों में कई नाबालिग भी हैं। बगैर लाइसेंस और नो-पार्किंग खड़े 86 ऑटो व ई-रिक्शा को भी जब्त किया गया है।
एनएच पर हाइ-वे पेट्रोलिंग के लिए गश्ती दलकुछ माह पूर्व राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिहार पुलिस ने विशेष गश्ती दल के गठन का प्रस्ताव तैयार किया। इस गश्ती दल में करीब डेढ़ हजार ट्रैफिक पुलिसकर्मी शामिल होंगे, जो ओवर स्पीड, अनियंत्रित ढंग से ड्राइविंग आदि पर नजर रखेंगे, ताकि दुर्घटनाओं में कमी आ सके।
इसके लिए प्रत्येक 50 किमी पर इंटरसेप्टर वाहनों के साथ चार पुलिसकर्मी की तैनाती की बात कही गई थी। इसके लिए 114 इंटरसेप्टर गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। ये गाड़ियां डायल-112 से जुड़ी होंगी, ताकि आपातकाल या दुर्घटना के समय मदद के लिए पहुंच सकें।
हादसों के बाद भी ऑटो चालकों की मनमानी पर नहीं लग रहा प्रतिबंधदुर्घटनाग्रस्त ऑटो का चालक पकड़ से बाहर कंकड़बाग थाना क्षेत्र में जिस ऑटो दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई, उसका चालक चार दिनों बाद भी पकड़ में नहीं आ सका है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी का दावा कर रही है। दुर्घटना के कारणों की जांच भी की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में बताया गया था कि ऑटो ओवरलोड था और उसकी गति बहुत तेज थी। इसी वजह से अनियंत्रित होकर पटलते हुए क्रेन से टकरा गया था। हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि और क्या कारण रहा।
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UPSC 2023 Toppers Marks: यूपीएससी टॉपर आदित्य को मिले इतने मार्क्स, देखें टॉप 20 में शामिल अभ्यर्थियों के नंबर
जागरण संवाददाता, पटना। UPSC 2023 Toppers Marks यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 के अभ्यर्थियों की मार्कशीट शुक्रवार को जारी कर दी है। अभ्यर्थी upsconline.nic.in पर जाकर इसे देख सकते हैं। इसके अलावा यूपीएससी ने सफल घोषित किए गए 1016 अभ्यर्थियों के मेंस, साक्षात्कार व कुल अंक भी जारी किए हैं।
सूची के मुताबिक, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के टॉपर आदित्य श्रीवास्तव के मेंस में 899 और साक्षात्कार में 200 अंक रहे। उनके कुल अंक 1099 रहे। इसके बाद दूसरे स्थान पर 1067 अंकों (मेंस में 892 और साक्षात्कार में 175) अंकों के साथ अनिमेष प्रधान रहे।
इस बार प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले के बीच का अंतर 32 अंकों का है। तीसरे स्थान पर रहीं डोनुरू अनन्या रेड्डी को कुल 1065 अंक मिले। डोनुरू अनन्या रेड्डी को मेंस में 875 और साक्षात्कार में 190 अंक मिले। यूपीएससी में 1750 अंकों की लिखित व 275 अंकों का इंटरव्यू होता है। दोनों मिला कर फाइनल अंक जारी कर रिजल्ट जारी किया जाता है।
12 सालों में प्रीलिम्स की कटऑफ इस बार सबसे कमयूपीएससी रिजल्ट के बाद तीनों चरणों की कटऑफ जारी कर दिया है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के सफल और असफल अभ्यर्थी upsc.gov.in पर जाकर प्रीलिम्स, मेंस और फाइनल सेलेक्शन की कटऑफ चेक कर सकते हैं। यूपीएससी सीएसई 2023 की कटऑफ के मुताबिक प्रीलिम्स में जनरल कटेगरी की कटऑफ 75.41, इडब्ल्यूएस की 68.02, ओबीसी की 74.75, एससी की 59.25 और एसटी की 47.82 रही।
मेंस में जनरल कैटेगरी की कटऑफ 741, ईडब्ल्यूएस की 706, ओबीसी की 712, एससी की 694 और एसटी की 692 रही। सिविल सर्विसेज फाइनल कटऑफ की बात करें तो जनरल कटेगरी की कटऑफ 953, ईडब्ल्यूएस की 923, ओबीसी की 919, एससी की 890 और एसटी की 891 रही।
इस वर्ष फाइनल सेलेक्शन में एससी से अधिक कटऑफ एसटी कटेगरी की रही। वहीं प्रीलिम्स की कटऑफ की बात करें तो ओबीसी वर्ग की कटऑफ ईडब्ल्यूएस वर्ग से कहीं ज्यादा रही। ---
किसे कितना अंक हुआ प्राप्तनाम : मेंस में अंक इंटरव्यू में अंक कुल अंक
1: आदित्य श्रीवास्तव: 899 200 1099
2: अनिमेष प्रधान : 892 175 1067
3: डोनुरु अनन्या रेड्डी : 875 190 1065
4: पीके सिद्धार्थ रामकुमार 874 18
5: 10595: रूहानी: 856 193 1049
6: सृष्टि डबास: 862: 186 1048
7:अनमोल राठौड़: 839: 206 1045
8: आशीष कुमार: 866 179 1045
9: नौशीन: 863: 182 1045
10: ऐश्वर्यम प्रजापति: 890 154 1044
11: कुश मोटवानी : 838 204 1042
12: अनिकेत शांडिल्य: 826 215 1041
13: मेधा आनंद: 875: 165 1040
14: शौर्य अरोड़ा: 839 195 1034
15: कुणाल रस्तोगी: 840 193 1033
16: अयान जैन: 872 160 1032
17: स्वाति शर्मा : 844 187 1031
18: वरदा खान: 832 198 1030
19: शिवम कुमार : 842 187 1029
20: आकाश वर्मा: 843 185 1028
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Patna Power Cut Today: पटना के हाई प्रोफाइल मोहल्लों में आज कटेगी बिजली, पढ़िए कहां किस समय नहीं रहेगी लाइट
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News Today: भीषण गर्मी के इस मौसम में बिजली कट जाना काफी कष्टदायक होता है। शनिवार को भी राजधानी के दो दर्जन मोहल्लों में बिजली कटेगी। ग्रिड के रखरखाव, केबल चार्जिंग, कनेक्शन शिफ्टिंग आदि कार्यों के लिए शटडाउन लिया जाएगा।
पटना के हाई प्रोफाइल मोहल्ले में कटी रहेगी बिजलीहालांकि, यह लंबी अवधि का नहीं होगा। मीठापुर ग्रिड से सुबह सात से 7.30 बजे तक कंकड़बाग मेन रोड, पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, अशोकनगर, मलाही पकड़ी, आइओसीएल, पीसी कालोनी, योगीपुर, बेऊर, जगनपुरा, बहादुरपुर, 90 फीट रोड, जयप्रकाश नगर, सिपारा, मीठापुर गया रोड, जगनपुरा, खेमनीचक, मंगल चौक, सुभाष नगर, शाहपुर, ब्रहमपुर, सोरंगपुर, त्रिदेव मंदिर आदि इलाके के लोगों को बिजली के बिना रहना पड़ेगा।
मालसलामी पावर सब स्टेशन से सुबह आठ से 10 बजे तक मारूफगंज, कैमाशिकोह, भीतरी बेगमपुर, मोर्चा रोड, धवलपुरा, चमडोइया, बक्शी मैदान में बिजली आपूर्ति बंद रहेगी। वहीं एबी स्वीच लगाने के कार्य के कारण एसकेपुरी फीडर के संस्तुति लेन, सहदेव मार्ग, श्रीकृष्णपुरी में सुबह सात से नौ बजे तक लोगों को बिना बिजली समय गुजारना होगा। न्यू स्काडा फीडर में सुबह 8.30 से 11.30 बजे तक शटडाउन लिया जाएगा, इस कारण भट्टाचार्या रोड व पटेल नगर पश्चिमी में बिजली आपूर्ति नहीं होगी।
अशोक राजपथ फीडर में कटेगी बिजलीPatna News: अशोक राजपथ फीडर में सुबह आठ से 10 बजे तक शटडाउन के कारण बजाजा गली, सब्जीबाग, अशोक राजपथ, बाकरगंज, जामुन गली, अंजुमन इस्लामिया आदि मोहल्ले में बिजली गुल रहेगी। दक्षिणी एसकेपुरी फीडर से जुड़े महावीर मंदिर, आनंदपुरी फीडर के बीपी मंडल (गांधीनगर), पीजी एक के गोरियाटोली, जक्कनपुर के सरिस्ताबाद, वेस्ट फीडर के शिवम हास्पिटल, शिवपुरी पार्क फीडर के उड़ान टोला, न्यू बाइपास के मोहाली टोला, बेउर के करोड़ीचक में सुबह नौ से 11.30 बजे तक बिजली बंद रहेगी।
विजयनगर फीडर के विजय नगर, समनपुरा के श्यामल हास्पिटल व कृषिनगर, राजाबाजार के आकाशवाणी रोड, बिरला कालोनी फीडर के बिरला कालोनी पुलिस चौकी, ठाकुर चौक रेडिएंट टाउन के मुशहरी टोला व आशो पुर गांव तथा ग्रामीण फीडर के लखनी बिगहा मेन रोड में भी इसी अवधि में बिजली आपूर्ति नहीं होगी।
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Bihar Weather Today: बिहार के 13 शहरों में 'लू' की चेतावनी, पटना के तापमान ने तोड़ा रिकॉर्ड; अलर्ट जारी
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News Hindi: राजधानी समेत प्रदेश में बीते तीन दिनों से पछुआ के तेज प्रवाह ने मौसम के मिजाज को पूरी तरह बदल दिया है। तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि, आर्द्रता में कमी व बादल नहीं बनने से पूरा प्रदेश भीषण गर्मी व लू की चपेट में है।
शुक्रवार को पटना सहित 12 जिलों में गर्म दिन रहा। पटना के अधिकतम तापमान में सामान्य से 3.4 डिग्री वृद्धि के साथ 41.2 डिग्री सेल्सियस के साथ इस माह का सबसे गर्म दिन रहा।
इन 13 शहरों के लिए लू की चेतावनीमौसम विज्ञान ने शनिवार को मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया है कि प्रदेश के दक्षिण व पश्विम भागों में गर्म दिन रहने की संभावना है। वहीं, प्रदेश के 13 शहरों के बेगूसराय, गोपालगंज, सिवान, बक्सर, कैमूर, शेखपुरा, नवादा, औरंगाबाद, खगड़िया, रोहतास, गया, लखीसराय और जमुई जिले में लू को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
पटना का अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियसमौसम विज्ञान से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीते वर्ष के बाद शुक्रवार को पटना का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। 19 अप्रैल 2023 को पटना का अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। शुक्रवार को पटना सहित 18 शहरों के अधिकतम तापमान में सामान्य से अधिक वृद्धि दर्ज की गई। 43.0 डिग्री सेल्सियस के साथ शेखपुरा तीसरे दिन भी सबसे गर्म शहर रहा।
23 अप्रैल तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लू चलने के साथ गर्म दिन रहने की संभावना है। पटना सहित 11 शहरों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया।
प्रमुख शहरों का अधिकतम तापमान-20 अप्रैल ( डिग्री सेल्सियस में)शहर तापमान
पटना 41.2
भोजपुर 42.3
शेखपुरा 43.0
औरंगाबाद 42.2
जमुई 41.8
नवादा 42.0
गया 42.1
डेहरी 41.6
नालंदा 41.3
बांका 41.3
जीरादेई 41.6
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Bihar Crime News: प्रतिबंधित 676 तोतों के साथ तस्कर समेत तीन गिरफ्तार... एक फरार, तीनो के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जागरण टीम, गोरखपुर/पटना। उत्तरप्रदेश वन विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने बुधवार की रात तिनकोनिया रेंज के नंदानगर अंडरपास से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके पास से प्रतिबंधित 676 तोते (रोज-रिंग पैराकीट) बरामद किए गए।
तस्करों की पहचान गोरखपुर के राजघाट थाना क्षेत्र के छोटे काजीपुर निवासी रईस अहमद एवं रायगंज निवासी मो. इम्तियाज और पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र मिस्का टोला निवासी मंसूर आलम के रूप में हुई। इनका एक साथी शमसाद मौके से फरार हो गया। तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
रईस पहले भी जा चुका है जेलतस्करों में रईस अहमद सरगना है, जो अपने गिरोह के माध्यम से बहराइच समेत अन्य जगहों से तोते पकड़ उन्हें पिंजरे में रखकर पटना में बेचता था। एक जोड़ी तोते के बदले इसे 600 रुपये मिलते थे।
रईस पहले भी तस्करी में कई बार जेल जा चुका है। प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव को वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली से सूचना मिली थी कि गोरखपुर वन प्रभाग क्षेत्र से तोतों की तस्करी की जा रही है।
पुलिस ने पकड़ी बोलेरोतस्कर बिहार से खाली पिंजरे लेकर पहुंच रहे हैं। इसके बाद प्राइवेट गाड़ी से उन्हें लेकर बिहार जा रहे हैं। सूचना के आधार पर उप वनाधिकारी हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में तिनकोनिया रेंजर लव सिंह व एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ल की टीम ने संयुक्त रूप से घेराबंदी की और नंदानगर अंडरपास के पास जा रही एक बोलेरो पकड़ी।
टीम ने बोलेरो में रखे आठ पिंजरों में बंद 676 तोतों के साथ तीन तस्करों को दबोचा। इनके पास दो मोबाइल फोन, एक की-पैड और 13 हजार 300 रुपये नकद बरामद हुए।
तस्करों ने पूछताछ में ये बतायावहीं, पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र के मिस्का टोला निवासी शमशाद फरार हो गया। उप वनाधिकारी हरेंद्र सिंह ने बताया कि तस्करों ने पूछताछ में बताया है कि वह सात-आठ वर्षों से सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर व मध्य प्रदेश से प्रतिबंधित तोतों को पकड़ते थे।
गोरखपुर स्थित रईस के घर में तोतों की पिंजरे में पैकिंग कर निजी गाड़ी से दूसरे राज्यों में ले जाकर बेच देते थे। डिप्टी रेंजर ने बताया कि एक वर्ष पहले भी रईस को बोलेरो और तोतों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन ढाई लाख जुर्माने पर न्यायालय से उसे जमानत मिल गई थी।
कुछ दिन पहले रईस को सीतापुर वन प्रभाग की टीम ने भी गिरफ्तार किया था, लेकिन 15 दिन में जमानत पर बाहर आ गया था।
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