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Bihar Politics: पटना साहिब ने बताया, बिहार में फिल्मी चमक पर राजनीतिक कद भारी; पढ़ लीजिए पिछला रिकॉर्ड
व्यास चंद्र, पटना। Bihar Political News Today: गंगा किनारे बसे पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र का इतिहास बहुत पुराना नहीं, पर रोचक है। यहां की संसदीय राजनीति में फिल्मी पृष्ठभूमि से प्रत्याशी उतारे जाते रहे। इन सबके बीच जातीय और दलीय समीकरण का प्रभाव जीत-हार की कहानी लिखता रहा। तब यह सीट बालीवुड स्टार शत्रुघ्न सिन्हा के कारण चर्चा में आ गई थी, जिन्हें प्रशंसक बिहारी बाबू के नाम से बुलाते हैं।
इस समय वे आसनसोल से तृणमूल के प्रत्याशी हैं और इसी पार्टी से वहां के वर्तमान सांसद भी। राजनीति में फिल्मी प्रभाव कोई नई बात नहीं, पर बिहार में किस्सा थोड़ा अलग है। यहां विशुद्ध राजनीतिक कद मतदाताओं को कहीं अधिक प्रभावित करता रहा है।
शत्रुघ्न सिन्हा की पृष्ठभूमि भले ही फिल्मी रही हो, पर वे इस आवरण से निकलकर राजनेता के रूप में पहचान बनाते हुए स्वयं को स्थापित कर चुके थे। 1989 में गांधी मैदान में अटल बिहारी वाजपेयी की सभा थी। मैदान खचाखच भरा था। जब अटल बिहारी भाषण के लिए आए तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा-मुझे पता है यह भीड़ बिहारी बाबू के लिए आई है...।
केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री भी बनाया गया। जब संसदीय क्षेत्र का नया परिसीमन किया गया तो भाजपा ने 2009 में बिहारी बाबू को पटना साहिब से मैदान में उतारा। उनके विरुद्ध कांग्रेस ने चर्चित टीवी स्टार और पटना के ही निवासी शेखर सुमन पर दांव लगाया। मुख्य मुकाबला 'बड़े' और 'छोटे' पर्दे के बीच होने का अनुमान था, पर परिणाम आया तो शेखर सुमन मुकाबले में टिके ही नहीं।
उनसे अधिक मत राजद के विजय कुमार बटोर ले गए। शत्रुघ्न सिन्हा ने करीब 1.67 लाख मतों के बड़े अंतर से इस सीट पर कब्जा जमाया। उन्हें 57.30 प्रतिशत मत हासिल हुए। 27.11 प्रतिशत मतों के साथ राजद के विजय कुमार दूसरे तो कांग्रेस के शेखर सुमन 11.10 प्रतिशत मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे।
बिहार के चुनावी परिदृश्य में एक तरह से यह इस बात की पुष्टि ही थी कि यहां भाव राजनीतिक कद को ही मिलता है। 2014 का चुनाव हुआ तो राजनीतिक समीकरण बदल चुके थे। भाजपा और जदयू के रास्ते अलग हो चुके थे। कांग्रेस भी ताल ठोंक रही थी। ताजा-ताजा मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी भी थी।
भाजपा ने एक बार फिर शत्रुघ्न सिन्हा पर भरोसा जताया। कांग्रेस ने इस बार बिहार की खांटी भाषा भोजपुरी में बनने वाली फिल्मों के स्टार कुणाल सिंह को उतारा, पर यह दांव भी काम नहीं आया। फिल्मी क्रेज को जनता ने नकार दिया। जदयू ने पटना के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. गोपाल प्रसाद सिन्हा तो आम आदमी पार्टी ने पूर्व मुख्य सचिव की पत्नी परवीन अमानुल्लाह को प्रत्याशी बनाया था। बिहारी बाबू ने फिर सबको खामोश कर दिया, लेकिन 2019 के चुनाव में उनका सितारा बुलंद नहीं रह सका।
भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थामते ही उनकी मुश्किलें बढ़ गईं। इस बार भाजपा से रविशंकर प्रसाद मैदान में थे, जिन्होंने पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता से यहां तक की यात्रा की है। शत्रुघ्न सिन्हा मात खा गए। पटना साहिब के जातीय समीकरण में दोनों भले ही एक कुनबे से आते हों, पर दलीय समीकरण बिहारी बाबू पर बहुत भारी पड़ गया।
अब इस बार के चुनाव में भाजपा से फिर पुराने चेहरे के रूप में रविशंकर प्रसाद हैं तो कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे डा. अंशुल अविजित को प्रत्याशी घोषित किया है। अभी पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में आने वाले बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, फतुहा और पटना साहिब विधानसभा में चार सीटों पर भाजपा, तो दो पर राजद के विधायक हैं। जातीय समीकरण के साथ पार्टी और व्यक्तिगत छवि का प्रभाव यहां हमेशा निर्णायक भूमिका में रहा है। चुनाव में अभी समय है, पर क्षेत्र में कार्यकर्ता घूमने लगे हैं।
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Tejashwi Yadav: दर्द से कराह रहे तेजस्वी ने दिया भावुक संदेश, हेल्थ पर दी ताजा जानकारी; क्या आज करेंगे रैली?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने हेल्थ को लेकर ताजा जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि आखिर किस वजह से यह समस्या सामने आई है। उन्होंने बिहार के लोगों के लिए भावुक संदेश भी दिया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बीते काफी समय से कमर दर्द से परेशान हैं। शुक्रवार को भी उन्हें काफी दर्द था। सुरक्षा कर्मियों की मदद से उन्हें उस चुनावी मंच से उतरते देखा भी गया था, जिसका वीडियो भी काफी प्रचारित हुआ था।
इसी दर्द के बीच तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को एक पोस्ट डाली। जिसमें उन्होंने कहा कि महीनों से अलट-पलट वाली अथक सामाजिक राजनीतिक यात्रा रही है। आराम के अभाव एवं निरंतर यात्रा के कारण दो हफ़्ते से कमर में हल्का दर्द था, दो दिन से अचानक बढ़ गया।
मेरा दर्द बेरोजगार भाइयों के दर्द के आगे कुछ भी नहींतेजस्वी यादव ने अपनी पोस्ट में कहा कि लेकिन मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ के आगे कुछ भी नहीं है जो नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं। जिनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है।
मैं अपने दर्द को भूल जाता हूं जब देखता हूं कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है। किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूं तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता।
छात्र और बुजुर्गों को लेकर दिया भावुक संदेशछात्र को पीड़ा हैं क्योंकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही। बिहार के मेरे बुजुर्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही, थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है। हर वर्ग को पीड़ा है क्योंकि उनके अधिकार, उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है। मैं इन सबों की तकलीफ़ में अपने आप को सांझीदार मानता हूँ।
बिहार में राजग सरकार से जनता त्रस्त है।
यदि मेरे कदम रुक गए तो...ऐसे में यदि मैंने अपनीं पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएगीं तथा महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा। इसलिए मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो, भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है, झुकना नहीं है और थकना नहीं है। लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है, बढ़ते जाना है, जीतते जाना है जीताते जाना है। लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है।
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Bihar Weather Today: बिहार के 12 जिलों में बारिश-वज्रपात की चेतावनी, तेज रफ्तार से चलेगी हवा; पढ़ें मौसम का हाल
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather : बिहार में बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त हवा का प्रवेश होने जा रहा है जिससे मौसम बदलने की पूरी संभावना बनी हुई है। 5 मई की शाम से कई जिलों में नमी युक्त हवा का प्रवाह होने के साथ बादल छाए रहेंगे। इसके प्रभाव से नमी की मात्रा में वृद्धि होने के साथ अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी। छह मई से नौ मई के दौरान पटना समेत प्रदेश के मौसम में बदलाव की संभावना है।
इन 12 जिलों में बारिश के आसारमौसम विभाग के मुताबिक 6 से 9 मई के दौरान उत्तर पूर्व बिहार की राजधानी पटना, सहरसा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार के कुछ हिस्सों में बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर व खगड़िया में भी छिटपुट बारिश के आसार जताए गए हैं। इनके प्रभाव से पटना सहित दक्षिणी भागों के मौसम में बदलाव आने के साथ तापमान में आंशिक गिरावट के आसार है।
तेज रफ्तार हवा चलने के आसारBihar News:इस दौरान 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है जिसके चलते नाविकों और किसानों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। वहीं राहत की बात यह है कि पटना के अधिकतम तापमान में 3 डिग्री गिरावट के साथ शुक्रवार को 39.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 41.8 डिग्री सेल्सियस के साथ बक्सर प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा। छपरा, मधुबनी, फारबिसगंज, पूर्णिया व अररिया को छोड़ पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई।
शेखपुरा और मधुबनी में भीषण लू की चेतावनीमौसम विज्ञान केंद्र पटना ने शनिवार को शेखपुरा व मधुबनी में लू चलने को लेकर चेतावनी जारी की है। वहीं, पटना समेत शेष जिलों में गर्म दिन रहने की संभावना जताई है। बीते दो दिनों से मौसम में आए बदलाव को लेकर मौसम विज्ञानी बताते हैं कि असम व उप हिमालय पश्चिम बंगाल के आसपास चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बने होने के कारण मौसम में बदलाव आया है। इसके कारण मौसम के तेवर में थोड़ी नरमी आई है।
शहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 39.7 23.7
गया 40.0 20.0
भागलपुर 39.3 20.2
मुजफ्फरपुर 36.8 22.7
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)
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Patna Metro : राजधानी पटना के लिए गुड न्यूज! इसी महीने पूरी हो जाएगी पीयू तक दोहरी मेट्रो सुरंग
राज्य ब्यूरो, पटना। राजधानी पटना के मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक खोदी जा रही दोहरी मेट्रो सुरंग की खोदाई का काम इसी माह पूरा हो जाएगा।
पटना मेट्रो के कोरिडोर-दो के तहत मेट्रो रेल के आने-जाने के लिए दो अलग-अलग सुरंगें बनाई जा रही हैं। इसके लिए पिछले साल मार्च-अप्रैल माह में स्टेडियम से टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के जरिए खोदाई का काम शुरू हुआ था।
इस साल मार्च में स्टेडियम से विश्वविद्यालय तक करीब डेढ़ किमी लंबी पहली सुरंग की खोदाई का काम पूरा कर लिया गया, जबकि दूसरी सुरंग की खोदाई जारी है। अब दूसरी सुरंग भी अगले एक पखवारे में बनकर तैयार हो जाएगी, जिसके बाद दूसरी टीबीएम भी सुरंग से बाहर आ जाएगी।
मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, अगले चरण में अब पटना विश्वविद्यालय से पीएमसीएच होते गांधी मैदान तक करीब ढाई किमी लंबी सुरंग की खोदाई का काम शुरू होगा। जून में यह प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। इसके लिए विश्वविद्यालय से बाहर निकलने वाले टीबीएम को फिर से री-लांच किया जाएगा।
गांधी मैदान के आगे आकाशवाणी तक मेट्रो सुरंग का काम जारी है। लगभग 1.5 किमी की भूमिगत खोदाई का काम दिसंबर 2023 में ही शुरू हो चुका है। यह रूट आगे जाकर पटना जंक्शन तक जाएगा।
बेली रोड में सुरंग खोदाई का इंतजार जारीपटना मेट्रो के कोरिडोर-1 और कोरिडोर-2, दोनों ही रूटों पर काम जारी है, मगर पटना जंक्शन से चिडि़याघर तक बेली रोड पर सुरंग खोदाई का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
कोरिडोर-एक के इस रूट पर दानापुर से आरपीएस मोड़ तक एलिवेटेड रूट पर काम तेजी से चल रहा है, लेकिन भूमिगत रूट का काम शुरू होने का इंतजार है।
मेट्रो सूत्रों के अनुसार, इसके लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। यह काम जाइका के फंड से होना है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर एजेंसी को वर्क अवार्ड होने पर ही इस खंड पर टीबीएम से सुरंग की खोदाई शुरू होगी।
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Bihar Politics: '...वोट मांगने नहीं आऊंगा', सम्राट चौधरी वादे पर RJD का पलटवार, कहा- पहले पुराना हिसाब दो
राज्य ब्यूरो, पटना। चुनाव के मौसम में नौकरियों को लेकर पक्ष-विपक्ष में तकरार जारी है। भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने 10 लाख नौकरी देने की घोषणा की तो राजद ने कहा पहले पूर्व घोषित नौकरी का हिसाब दें, तब नई की घोषणा करें।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने सम्राट चौधरी का बयान आने के बाद कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था।
राजद प्रवक्ता ने आगे कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय भी मंत्री निर्मला सीतारमण ने पटना आकर एनडीए की सरकार बनने पर 19 लाख नौकरियां देने का वादा किया था।? बिहार में एनडीए की सरकार भी बनी परंतु एक भी नौकरी नहीं दी गई।
तेजस्वी पर सवाल उठाने वाले बताएं...उन्होंने कहा तेजस्वी यादव 17 महीने उप मुख्यमंत्री रहे उस दौरान पांच लाख लोगों को नौकरी रोजगार दिए गए। अन्य रिक्त पदों की वे अनुशंसा करके आए हैं। उन्होंने कहा सवाल उठाने वाले अब बताएं कि 10 लाख नौकरी देने के लिए पैसा कहां से और कैसे लाएंगे।
सम्राट ने क्या कहा था?सम्राट चौधरी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और हम लोगों ने बिहार के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का प्लान तैयार कर लिया है। सम्राट ने एलान किया कि अगर 10 लाख युवाओं को नौकरी नहीं दे पाया तो मैं अगले विधानसभा चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा।
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डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को दूध से धोना अफसोस जनक : चिरागहाजीपुर में संविधान निर्माता बाबा साहेब डा.बीआर अंबेडकर की प्रतिमा को दूध से धोने के वाकये पर लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि यह मानसिकता राष्ट्रीय जनता दल और उसके सहयोगी की हो सकती है, जो बेहद अफसोस जनक है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा कि चिराग पासवान द्वारा हाजीपुर लोकसभा सीटसे नामांकन के दौरान उक्त प्रतिमा पर पुष्पाजंलि की गयी थी उसके बाद महागठबंधन के नेताओं द्वारा प्रतिमा को दूध से धोने की घटना को चिराग ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
चिराग ने इस घटना पर कहा कि ऐसी ओछी मानसिकता के खिलाफ हम लगातार लड़ रहें हैं और बाबा साहेब भी लड़ते रहे हैं। वोट की राजनीतिक के लिए इतनी गिरावट निदंनीय है।
KK Pathak को HC का झटका, 8 विवि के बैंक खाते फ्रीज करने के आदेश पर लगाई रोक, कहा- पहले मीटिंग करो
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश से बिहार के विश्वविद्यालयों के बैंक खाते फ्रीज करने के शिक्षा विभाग के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अगले आदेश तक सभी विश्वविद्यालयों और उनके अधिकारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण की एकलपीठ ने मगध विश्वविद्यालय समेत आठ अन्य विश्वविद्यालयों की रीट याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सोमवार 6 मई को सभी विश्वविद्यालयों के आला अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।
पटना के एक होटल में होगी मीटिंगयह बैठक पटना के होटल मौर्या में सुबह 11 बजे होगी। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि बैठक की अध्यक्षता कोई नहीं करेगा।
वीडियोग्राफी कराने का दिया आदेशहालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यदि बिहार के मुख्य सचिव उस दिन फुर्सत में रहते हैं तो, उक्त बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। यदि उन्हें समय नहीं मिल पाता है तो बैठक होगी और सभी मुद्दों पर समुचित तरीके से चर्चा की जाएगी। बैठक की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
राज्य सरकार वहन करेगी बैठक का खर्चकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बैठक का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हाई कोर्ट ने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की उम्मीद जताई है।
सभी विश्वविद्यालयों के वकीलों ने बैंक खाते फ्रीज होने के कारण पैदा हुए गतिरोध को तोड़ने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। विश्वविद्यालयों का कहना था कि खाते फ्रीज किए जाने से इससे रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं।
कोर्ट को मीटिंग से सकारात्मक उम्मीदकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय अब सभी सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान करेंगे, कार्यरत कर्मचारियों को वेतन जारी करेंगे और परीक्षा कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। ताकि शैक्षणिक सत्र को बनाए रखा जा सके और नियमित किया जा सके। बड़े पैमाने पर छात्रों के हितों को नुकसान न पहुंचे।
इस मामले में याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता राणा विक्रम सिंह ,सिद्धार्थ प्रसाद, विंध्याचल राय समेत अन्य अधिवक्ताओं ने रखा। वही सरकार का पक्ष महाधिवक्ता पीके शाही ने रखा । इस मामले की फिर से 17 मई को सुनवाई होगी।
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'देख रहा है विनोद...', वोटिंग बढ़ाने के लिए एक्शन में Bihar Police, सोशल मीडिया पर साझा किए ऐसे रोचक पोस्ट
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Police Social Media Post : लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए बिहार पुलिस फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और एक्स के जरिए रोचक वीडियो और पोस्ट जारी कर लोगों से मतदान करने की अपील कर रही है। इसके लिए रोचक और मनोरंजक पोस्ट का सहारा लिया जा रहा है।
मतदाताओं के लिए क्विज भी आयोजित किया जा रहा है। लोगों से चुनाव की तारीख और चरणों को लेकर अलग-अलग सवाल किए जा रहे हैं।
बिहार पुलिस के फेसबुक पेज पर मतदाताओं को सुबह-सुबह मतदान करने की अपील करते हुए पोस्ट किया गया है- '' देख रहा है विनोद, बिना नाश्ता किए ही कैसे भोरे-भोरे वोट देने जा रहा है सब... हम तो देकर भी आ गए, और आप?'' इसी तरह ''आलस नहीं दिखाएंगे, हम वोट करने जाएंगे,'' ''चुनाव के लिए हैं तैयार हम,'' ''मतदान हमारी पहचान'' जैसे जागरूक और प्रेरित करने वाले पोस्ट भी बिहार पुलिस इंटरनेट मीडिया पर कर रही है।
चुनाव की तैयारी और सुरक्षा की भी जानकारीलोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था और अन्य इंतजामों की जानकारी भी बिहार पुलिस इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पहुंचा रही। दुर्लभ व दियारा इलाकों में नाव और अश्वारोही दस्ते से की जा रही गश्ती की तस्वीर और वीडिया शेयर किए जा रहे ताकि लोग सुरक्षित महसूस करते हुए मतदान करें। इसके अलावा फ्लैग मार्च और चेकपोस्ट पर लगातार वाहन चेकिंग से जुड़ी तस्वीरें व वीडियो भी पोस्ट किए जा रहे हैं।
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राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार भाजपा उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. भीम सिंह ने शुक्रवार को जारी बयान में राजद पर कटाक्ष किया है।
उन्होंने कहा कि राजद के थीम सॉन्ग और नारे '17 साल बनाम 17 महीने ' से स्पष्ट हो गया है कि तेजस्वी भी मानते हैं कि उनके माता-पिता यानी लालू-राबड़ी का 15 वर्षीय शासनकाल बिहार का अंधकार काल था। 15 वर्ष के राजद शासन की उपलब्धि शून्य है।
डॉ. सिंह ने कहा कि अगर तेजस्वी ऐसा नहीं मानते तो उनका नारा होता '17 साल बनाम 15 साल ' और वे अपने माता-पिता के 15 वर्षों की भी उपलब्धियां गिना रहे होते।
डॉ. भीम सिंह ने कहा कि 2005 के बाद राजद तीन बार में कुल 55 महीने नीतीश की सरकारों में शामिल रहा है। पहली बार 18 महीने बाहर से और 2 बार तेजस्वी के नेतृत्व में सरकार में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होकर, लेकिन तेजस्वी सिर्फ 17 महीनों की बात कर रहे हैं।
डॉ. सिंह ने कह कि तेजस्वी न 15 वर्षों की बात कर रहे हैं, न 55 महीनों की और अपने उप मुख्यमंत्रित्व के कुल 37 महीनो की। वे चर्चा कर रहे हैं तो मात्र 17 महीने की। इसका सीधा अर्थ यह है कि वे स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने अपने प्रथम उप मुख्यमंत्रित्व के 20 महीनों में कोई काम नहीं किया था।
कांग्रेस-राजद के साथ मिलकर बिहार को बर्बाद किया : रणबीर नंदनपूर्व विधान पार्षद रणबीर नंदन ने शुक्रवार को कांग्रेस एवं राजद को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने भारत का भविष्य अंधेरे में डुबोया है। जबकि बिहार में राजद और कांग्रेस ने मिलकर बिहारियों को डेढ़ दशक पीछे धकेल दिया।
नंदन ने भाजपा के मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आज कांग्रेस का दावा है कि एम्स की स्थापना पंडित नेहरु ने की। सही बात है। लेकिन आजादी के बाद पंडित नेहरु को एम्स के लिए सोचने में 9 साल का वक्त लगा।
इसके बाद कांग्रेस की सरकारें बनती रहीं, लेकिन एम्स की स्थापना पूरे देश में हो सकती है, यह किसी कांग्रेस सरकार की समझ में नहीं आया। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया संयोजक दानिश इकबाल एवं सुनील सेवक उपस्थित थे।
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Bihar News: बिहार के 458 मदरसों की जांच कराएगा शिक्षा विभाग, जानें क्या है पूरा मामला?
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने 458 मदरसों की जांच करने का आदेश अफसरों को दिया है। शिक्षा विभाग ने एक सप्ताह के अंदर संबंहधत मदरसों की जांच रिपोर्ट भी मांगी है।
जांच में संबंधित मदरसों के आधारभूत संरचना, शिक्षकों व कर्मचारियों की संख्या, उनकी योग्यता, बच्चों की संख्या और आंतरिक अंकेक्षण को देखा जाएगा।
जांच रिपोर्ट आने के बाद विभागीय स्तर पर उसकी समीक्षा होगी। इसके बाद संबंधित मदरसों की मान्यता खत्म करने को लेकर फैसला होगा।
जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए निर्देशशिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के माध्यम से संबंधित मदरसों की जांच कराने को कहा गया है। इस संंबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है। मदरसा बोर्ड ने अपने पदाधिकारियों को जांच में सहयोग करने हेतु जिम्मेवारी दी है।
किस पदाधिकारी को मिली कहां की जिम्मेदारीदिलशाद मुस्तकीम को पूर्वी चंपारण, गोपालगंज एवं सीवान, रेयाजुद्दीन को मधुबनी, मसरूर आलम को दरभंगा, वसीम अकरम को भागलपुर, बांका एवं खगड़िया, शाहबाज अहमद को अररिया, सुपौल, मधेपुरा एवं सहरसा, मो.खुर्शीद आलम को गया एवं नालंदा, मेराज आलम को भोजपुर, बक्सर एवं कैमूर, परवेज आलम को कटिहार एवं किशनगंज तथा वीरू कुमार को सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले की जिम्मेवारी दी गयी है।
क्या है उच्च न्यायालय का आदेश?यहा बता दें कि अलाउद्दीन बिस्मिल बनाम बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड एवं अन्य संबंधी याचिका पर सुनवाई के बाद पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग ने नौ फरवरी, 2023 को बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड से संबद्ध गैरअनुदानित 2459 कोटि के 1646 मदरसों की जांच कराने को कहा था।
इसके आलोक में 458 मदरसों की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। इसके मद्देनजर संबंधित मदरसों की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर मांगी गई है।
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Bihar Politics : NDA के सामने तीसरे चरण में ये है बड़ी चुनौती, यह रिकॉर्ड नहीं रहा कायम तो महागठबंधन कर देगा 'खेला'
रमण शुक्ला, पटना। Bihar Political News Hindi NDA BJP JDU LJP : अबकी बार 18वीं लोकसभा में पहुंचने के लिए तीसरे चरण में पांच सीटों पर राजग के तीन दल फिर मैदान में हैं। इसमें तीन सीट पर जदयू जबकि एक-एक सीट पर भाजपा एवं लोजपा लड़ रही है। लेकिन तीसरे चरण में भाग्य आजमा रहे राजग प्रत्याशियों के सामने जीत के साथ ही मत प्रतिशत का रिकॉर्ड बचाने की भी चुनौती है।
यदि रिकॉर्ड कायम नहीं रहता है तो महागठबंधन 'खेला' कर सकता है। बता दें कि 2019 के चुनाव में झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा एवं खगड़िया संसदीय सीट पर राजग के सभी प्रत्याशी कुल हुए मतदान में 50 प्रतिशत से अधिक मतों से विजयी रहे थे। लेकिन इस बार मौसम की मार का असर कहें या फिर मतदाताओं में विभिन्न कारणों से मतदान के प्रति कम हो रहे उत्साह या फिर कोई वजह।
दो चरण में संपन्न हुए मतदान में इसका असर दिखा है। गिरते मतदान प्रतिशत के आंकड़े को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां अपने हिसाब से मतों का समीकरण बिठाने के साथ मतदाताओं जागरूक करने गुना-भाग में लगी हुई हैं।
पिछले दो चुनावों के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो यह बात निकलकर सामने आती है कि 50 प्रतिशत से अधिक मत पाने वाले प्रत्याशियों की संख्या में वृद्धि है। लोकसभा चुनाव 2014 में 50 प्रतिशत से अधिक मत पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या कम थी, जबकि 2019 में इसमें जबरदस्त वृद्धि हुई थी।
बिहार में 2014 में महज तीन उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले थे, जबकि 2019 इनकी संख्या बढ़कर 24 हो गई थी, यानी इसमें सात सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
भाजपा-जदयू अलग-अलग भी लड़े थेबिहार में, भाजपा और जदयू 2014 में अलग-अलग चुनाव लड़ीं थीं। इसमें भाजपा के 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के साथ दो और लोजपा ने एक सीट जीतीं थी। जबकि, जदयू इतने बड़े अंतर से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। हालांकि, 2019 में दोनों पार्टियों एक साथ आई तो काफी लाभ हुआ।
2019 के चुनाव में भाजपा के 14 सांसद एवं जदयू के 10 सांसद एक-दूसरे के वोट बैंक के साथ आए तो 24 उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करने में सफल रहे थे। इसके अतिरिक्त, उनकी सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने ऐसी छह सीटें हासिल की थीं। 2019 में बिहार में सात उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे।
50 प्रतिशत अधिक मत प्राप्त करने वाले सांसदबिहार में 2019 में जिन लोकसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे, उसमें नालंदा, पटना साहिब, आरा, बाल्मीकि नगर, पश्चिम चंपारण, सासाराम, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, नवादा, झंझारपुर, जमुई, सुपौल, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गोपालगंज, महाराजगंज, सारण, हाजीपुर, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर एवं मुंगेर संसदीय क्षेत्र सम्मिलित है।
भाजपा की सीटपटना साहिब, आरा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, सासाराम, उजियारपुर एवं बेगूसराय संसदीय सीट है।
जदयू की सीटनालंदा, बाल्मीकि नगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, जमुई, सुपौल, कटिहार, मधेपुरा, गोपालगंज, भागलपुर एवं मुंगेर संसदीय क्षेत्र सम्मिलित है।
लोजपा की सीटनवादा, जमुई, वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर एवं खगड़िया लोकसभा क्षेत्र है।
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Nitish Kumar : नीतीश कुमार ने छोड़ दी ये आदत, चुनाव प्रचार में जाने पर हेलीकॉप्टर में ही खाते हैं दलपूड़ी और चोखा
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Nitish Kumar Daily Routine : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनावी सभाओं को लेकर इन दिनों व्यस्तता कुछ इस तरह की है कि वह एक दिन में तीन-तीन चुनावी सभाएं और फिर रोड शो कर रहे हैं।
इस व्यस्तता के बीच भी उन्होंने अपनी दिनचर्या को पूर्व की तरह रखा हुआ है। आमतौर पर लंच वह दूसरी से तीसरी सभा के बीच हेलीकॉप्टर में ही ले रहे हैं। उनके साथ लंच के लिए दलपूड़ी और आलू का चोखा जाता है। साथ में हरी मिर्च भी।
शहर के बाहर रहने पर भी सुबह की सैर को नहीं है छोड़ामुख्यमंत्री नीतीश की दिनचर्या (Nitish Kumar Daily Routine) में बरसों से सुबह की सैर शामिल है। पटना में रहने पर वह मुख्यमंत्री आवास स्थित लॉन में टहलते हैं। विगत दो चरणों के मतदान के लिए मुख्यमंत्री ने अपने चुनावी कैंपेन को मधेपुरा में रहकर संचालित किया।
मधेपुरा में भी उन्होंने अपनी दिनचर्या को नहीं छोड़ा। जिस आवास में वह रह रहे थे, वहां से पास में स्थित विद्यालय के मैदान में सुबह की सैर के लिए निकलते और लगभग 40-45 मिनट टहलकर वापस लौटते हैं। इसके बाद वह योग करना भी नहीं भूलते।
अखबार से लेकर अन्य अपडेट लेने के बाद लोगों से बातचीतनौ बजे तक तैयार होकर मुख्यमंत्री अखबार की खबरों के साथ-साथ अन्य अपडेट लेते हैं। इसके बाद उन क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बात-चीत होती है, जहां उन्हें जाना होता है।
संबंधित क्षेत्र की विशेष जानकारी भी उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। सुबह दस बजे तक वह सुबह का नाश्ता कर चुनावी सभा के लिए निकल जाते हैं।
आमतौर पर एक-एक घंटे की तीन चुनावी सभाएं कर रहेमुख्यमंत्री आमतौर पर एक-एक घंटे की तीन चुनावी सभाएं कर रहे हैं। जिस दिन उनकी दो चुनावी सभाएं होती हैं, उस दिन तीसरी जनसभा के रूप में उनका रोड शो हो जाता है।
मतलब चुनावी अभियान के लिए वह किसी युवा से कम सक्रिय नहीं। धूप में पांच-पांच घंटे लोगों के बीच रह रहे हैं।
चाय की आदत को विश्राम दिया हुआ हैपूर्व में जब मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) हेलीकॉप्टर से चुनावी सभाओं के लिए निकलते थे तो उनकी यह आदत थी कि संबोधन के बाद मंच पर ही चाय पीते थे, पर इस बार उन्होंने इसे विश्राम दिया हुआ है। गर्मी की वजह से वह मंच पर चाय से परहेज कर रहे हैं।
लौटने के बाद दो से तीन बैठक प्रत्याशियों और अन्य के साथफुलप्रूफ तैयारी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी सभाओं (Lok Sabha Election) के बाद भी दो-तीन बैठक वहां करते हैं, जहां वह चुनावी अभियान से वापस लौटते हैं। इस बैठक में संबंधित क्षेत्र के प्रत्याशी भी रहते हैं, जहां मुख्यमंत्री को अगले दिन जाना है।
इस क्रम में वह फीडबैक पर अधिक जोर देते हैं। बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ अलग से मीटिंग होती है। यह कई घंटे तक चलती है।
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Patna News: पटना एयरपोर्ट एरिया में तुरंत होगी पानी की निकासी, बिहार सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, ये है प्लान
जागरण संवाददाता, पटना। पटना एयरपोर्ट एवं आसपास के क्षेत्रों का पानी निकालने के लिए नालों का विकास किया जाएगा। साथ ही इको पार्क में स्थाई पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा ताकि एयरपोर्ट एरिया का पानी इको पार्क नाला होते हुए सरपेंटाइन नाला तक जा सके।
इस संबंध में बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना निगम (बुडको) के प्रबंध निदेशक योगेश कुमार सागर ने इको पार्क का दौरा कर जलनिकासी में आ रही समस्याओं को देखा। प्रबंध निदेशक ने बताया कि वर्तमान में इको पार्क में पंपिंग स्टेशन है, परंतु उसकी क्षमता अत्यंत कम है। इसलिए बुडको ने उच्च क्षमता का पंपिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है।
मालूम हो कि वर्तमान में फुलवारी रेलवे गुमटी से इको पार्क तक कच्चा नाला है। उसमें जल प्रवाह क्षमता काफी कम है। जल क्षमता बढ़ाने के मद्देनजर प्रोजेक्ट बनाने के लिए अभियंताओं की टीम बनाई गई है। बुडको के अभियंताओं का कहना है एयरपोर्ट एरिया में जल निकासी की स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है।
ऐसे में जल्द समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो भविष्य में विकट स्थिति पैदा हो सकती है। इस वर्ष जल निकासी के मद्देनजर इको पार्क में डीजल जनरेटर सेट लगाने की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी भी स्थिति में पानी निकाला जा सके।
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Bihar Politics: तेजस्वी ने तीसरे चरण तक कर डाली 90 चुनावी सभा, फिर भी क्यों नहीं दिखा कांग्रेस का कोई कद्दावर नेता
सुनील राज, पटना। महागठबंधन के अधिकांश सहयोगी दल अपने-अपने हिसाब से चुनाव मैदान में जुटे हैं। वामदल अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए अपने तरीके से अलग-थलग होकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो गठबंधन की अन्य सहयोगी कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए प्रचार में जुटी है।
प्रचार में सर्वाधिक ताकत राजद ने झोंक रखी है। लेकिन गौर करने वाली बात है की इक्का-दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो संयुक्त रूप से महागठबंधन के सभी सहयोगी दल एकजुट होकर प्रचार करते नहीं दिख रहे है। जिसे देखते हुए यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि ये दल तो हैं लेकिन कहीं न कहीं इनके बीच दूरी भी है।
अबतक 9 सीटों पर हो चुके हैं चुनावबिहार में अब तक दो चरणों में नौ सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। जिन सीटों पर अब तक मतदान हो चुके हैं। वे हैं गया, औरंगाबाद, नवादा, जमुई, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
तीसरे चरण के लिए पांच सीटों झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगडिय़ा में सात मई को वोट डाले जाएंगे। इसके बाद भी चार चरणों के चुनाव शेष रह जाएंगे।
सहयोगियों के साथ अबतक 5 जनसभाएं कर चुके हैं पीएम मोदीपक्ष-विपक्ष के दोनों गठबंधन अपनी पूरी ताकत से इन सीटों पर जीत का जोर लगा रहे हैं। स्वयं प्रधानमंत्री बिहार में लगभग पांच चुनावी सभाएं कर चुके हैं। पीएम के मंच पर तमाम सहयोगी दल के नेताओं की उपस्थिति रही है।
पीएम मोदी के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी चुनावी सभाएं कर रहे हैं।
इन नेताओं के मंच पर भी सहयोगी दल के नेताओं की उपस्थिति भी सहज ही देखी जा सकती है। लेकिन दूसरी ओर, महागठबंधन के नेताओं की चुनावी सभा में ऐसी एकजुटता नहीं दिखती।
सिर्फ भागलपुर में एक साथ दिखे महागठबंधन नेतामहागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के उम्मीदवार के प्रचार के लिए राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बिहार आ चुके हैं। लेकिन खरगे के मंच पर स्थानीय राजद नेताओं के अलावा राज्य स्तर का कोई नेता नहीं दिखा। भागलपुर में राहुल गांधी की सभा में तेजस्वी और मुकेश सहनी मंच पर जरूर नजर आए थे।
अबतक 90 जनसभा कर चुके हैं तेजस्वी यादवदूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी सर्वाधिक चुनावी सभाएं करने वाले बिहार के नेता बनते जा रहे हैं। तीसरे चरण का चुनाव आते-आते तेजस्वी की करीब 90 चुनावी सभाएं हो चुकी हैं।
लेकिन तेजस्वी के मंच पर बिहार कांग्रेस का कोई नेता मंच साझा करता नहीं दिख रहा। हालांकि राजद-कांग्रेस दोनों दल दावा करते हैं कि स्थानीय स्तर पर दोनों दलों के नेता एक-दूसरे के साथ मंच साझा करते हैं।
लेकिन, सच्चाई यह है कि अमूमन तेजस्वी की सभाओं में एकमात्र विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ही सक्रिय रूप से साथ-साथ दिख रहे हैं।
क्या कहते हैं महागठबंधन के प्रवक्ता?राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं, अभी तो पांच चरणों का चुनाव बाकी है। जैसे-जैसे आगे की सीटों पर मतदान की तिथियां नजदीक आएंगी सहयोगी दल के नेता एक-दूसरे के साथ जरूर नजर आएंगे।
वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ कहते हैं कि बिहार में 40 सीटों पर चुनाव है। देश में 543 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। सभी नेता एक मंच पर होंगे तो लड़ाई प्रभावित होगी।
राठौड़ ने कहा कि वैसे भी दिल्ली हो या मुंबई हर जगह मंच पर महागठबंधन के नेता एक साथ नजर आए हैं। वे राजद-कांग्रेस में किसी भी तरह की दूरी से इनकार करते हैं।
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Patna Golghar Fire : पटना के गोलघर के पास लगी भयंकर आग; 6 गैस सिलेंडर में विस्फोट से दहशत, देखें Photos
जागरणर संवाददाता, पटना। Patna Golghar Fire Bihar News : बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को एक बार फिर भीषण अगलगी की घटना सामने आई है। राजधानी के मध्य क्षेत्र में स्थित गोलघर के पास झुग्गियों में शुक्रवार दोपहर को भयंकर आग लग गई। गनीमत रही कि इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।
जानकारी के अनुसार, यहां कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कर्मचारी आग बुझाने में जुट गए।
हालांकि, अब ताजा जानकारी सामने आई है कि मौके पर करीब 6 गैस सिलेंडर फटे हैं। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने अब आग पर लगभग काबू पा लिया है। आग लगने की इस घटना में किसी के हताहत होने की अभी तक कोई सूचना नहीं है।
पछुआ हवा ने लपटों को विकराल बनायाइससे पहले बताया गया कि पछुआ हवा के कारण आग की लपटों ने विकराल रूप धारण कर लिया था। ऐसे में आग बुझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी।
जानकारी यह भी मिली कि बीच-बीच में गैस सिलेंडरों के विस्फोट होने की आवाज सुनाई दी। बाद में बताया गया कि करीब 6 गैस सिलेंडर में विस्फोट हुआ है। धमाकों की वजह से इलाके में दहशत का माहौल रहा।
आग लगने के बाद सामने वाली सड़क पर लोगों की भीड़ जुटी रही। वहीं, फायर ब्रिगेड के कर्मचारी आग पर काबू पाने में जुटे रहे।
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Bihar Jamin Mapi: बिहार में जमीन की ई मापी कराना होगा आसान, पढ़ें नया नियम; राजस्व कर्मचारी का पावर किया गया कम
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News Today: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ई मापी में राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। विभाग के अपर सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है।
जिलाधिकारियों को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि मापी के लिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की आवश्यकता नहीं है। पत्र के साथ ई मापी आवेदन का एक प्रारूप भी शामिल किया गया है। यह शपथ पत्र है, जिसे ई मापी कराने को इच्छुक रैयत जमा कराएंगे।
पढ़ लें नया नियमदो बिंदुओं पर रैयत शपथ पूर्वक कहेंगे कि जिस जमीन की मापी के लिए वे आवेदन कर रहे हैं, उस पर उनका स्वामित्व है। जमीन से जुड़ा कोई विवाद किसी न्यायालय में लंबित नहीं है। अगर मामले लंबित हैं और न्यायालय ने मापी का आदेश दिया है तो रैयत आदेश की प्रति आवेदन के साथ संलग्न करेंगे।
शपथ पत्र में रैयत को यह भी लिखना है कि अगर भविष्य में उनके दावे गलत पाए गए तो वह कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। पत्र के अनुसार पिछले दिनों ई मापी की समीक्षा में पाया गया कि राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन में देरी के कारण ढेर सारे मामले लंबित हैं। इसलिए राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन के बदले रैयत के शपथ पत्र के आधार पर जमीन की मापी कराने का निर्णय विभाग ने लिया है।
30 दिन के भीतर निबटारे का आदेशविभाग ने जमीन मापी के किसी आवेदन का अधिकतम 30 दिनों में निबटारे का आदेश पहले ही जारी कर दिया है। अंचलाधिकारियों को कहा गया है कि वह रैयत के शपथ पत्र के आधार पर मापी का निर्णय लें। आवेदन को स्वीकृत करने के बाद अंचलाधिकारी संबंधित रैयत को मापी शुल्क जमा करने के लिए कहेंगे।
उसके बाद मापी की तिथि निर्धारित कर इसे पूरा करेंगे। अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ई मापी की पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। अगर कोई रैयत आफलाइन आवेदन करते भी हैं तो उसका निबटारा आनलाइन ही होगा।
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जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: जंक्शन गोलंबर के पास पाल और अमृत होटल में झुलसने से आठ लोगों की मौत मामले में आठ दिनों बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। कोतवाली थाने में दोनों होटलों के मालिक सहित अज्ञात के खिलाफ गैर जमानती धारा में केस दर्ज है।
केस दर्ज होने के बाद से दोनों होटल मालिकों का नंबर बंद है। दोनों घर पुलिस दो बार छापेमारी कर चुकी है, लेकिन वह नहीं मिले। तकनीकी अनुसंधान कर उनके लोकेशन के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। डीएसपी विधि व्यवस्था कृष्ण मुरारी ने बताया कि दोनों नामजद आरोपितों की तलाश की जा रही है। उनके घर पर दबिश भी दी गई, लेकिन वह नहीं मिले। अग्निशमन विभाग का रिपोर्ट नहीं मिला है।
25 अप्रैल को पाल होटल में सिलेंडर ब्लास्ट कर गया थाPatna Pal Hotel Fire: 25 अप्रैल को जंक्शन गोलंबर के पास पाल होटल के रेस्टोरेंट के किचन में सिलेंडर ब्लास्ट से आग लग गई थी। पाल होटल के साथ अमृत होटल भी आग की चपेट में आ गया। रेस्टोरेंट में खाना खाने वाले और होटल में ठहरने वाले 40 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया था।
कुल 8 लोगों की जिंदा जलकर हुई थी मौतइसमें एक दर्जन लाेग झुलस गए थे। जबकि घटना के बाद देर बाद छह लोगों को मृत घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उपचार के क्रम में दो अन्य लोगों की मौत हो गई। घटना के दिन केस दर्ज करने के दौरान पहले जमानती धारा लगाया गया था, बाद में दोनों होटल मालिक और अन्य अज्ञात के खिलाफ गैर जमानती जोड़ा गया।
इसके बाद पुलिस ने दावा कि कि जल्द ही आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आठ लाेगों की मौत होने के आठ दिनों बाद भी पुलिस केस दर्ज करने के अलावा आगे किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर सकी।
कहीं बचने का मौका तो नहीं दे रही पुलिसपुलिस अभी अग्निशमन विभाग के जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुपरविजन रिपोर्ट जल्द ही निकालने की बात कर रही है। सूत्रों की मानें आरोपित मोबाइल बंद घर और आसपास के रिश्तेदारों से दूरी बनाए हुए है। इस बीच वह अग्रिम जमानत के फिराक में है। पुलिस की सुस्त जांच और कार्रवाई कहीं आरोपितों को बचने का मौका तो नहीं रही है। फिलहाल पुलिस बस यहीं दावा कर रही है कि केस दर्ज करने के बाद से टीम उनकी तलाश में जटी है।
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डिजिटल डेस्क, पटना। Rahul Gandhi Candidature From Raebareli Lok Sabha Seat : बिहार भाजपा को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला कुछ खास नहीं ठीक नहीं लगा है। भाजपा के दो नेताओं ने इसे लेकर कांग्रेस को आईना दिखाया है। उनका कहना है कि यह फैसला डर की वजह से लिया गया है अथवा थोपा गया है।
पूरा खानदान भाग गया : सम्राट चौधरीराहुल गांधी के रायबरेली (Raebareli Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ने के सवाल पर भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये डर है। यही तो डर है। पहले डर था तो मंदिर तक पहुंच गए। मंदिर में पूजा करनी पड़ रही है।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gnadhi) अपनी परंपरागत सीट, जिस पर उनकी दादी उनके दादा, परदादा लड़ते रहे, अब उसको भी छोड़कर पूरा खानदान भाग गया।
उप मुख्यमंत्री ने नीतीश के वादे को दोहरायासम्राट ने कहा कि लिखकर रख लीजिए 2025 का जो चुनाव होगा, 10 लाख नौकरी देने का जो वादा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है, उसे पूरा करेंगे। यह गारंटी है। ये लालू यादव का राज नहीं है।
लगता है दबाव में ही गए वहां : रविशंकर प्रसादइधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने राहुल गांधी के रायबरेली से लड़ने के सवाल पर कहा कि वो लड़ना नहीं चाहते होंगे। थोपा गया होगा।
प्रसाद ने कहा कि पहले वह अमेठी की हार के बाद वायनाड चले गए। क्योंकि वहां मुस्लिम और क्रिश्चियन अधिक थे। अब लग रहा है वहां से भी हारने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि अमेठी जहां से उनके (राहुल गांधी के) पिताजी (स्व. राजीव गांधी) लड़े, उनके चाचा संजय गांधी लड़े। खुद भी चार-पांच बार लड़े तो क्यों छोड़ दिया। रायबरेली भी लगता है दबाव में ही गए हैं।
हार की हिचक : प्रसादप्रसाद ने कहा कि उनकी पार्टी उन्हें कहां से चुनाव लड़ाती है, ये उनका विषय है। हार की हिचक, हार का डर उनके सामने है।
इसलिए डर था उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जो व्यक्ति प्रधानमंत्री को रोज चुनौती दे रहा है, ऐसी भाषा में जो शर्मनाक भाषा है। वो अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने में डरते हैं। देश क्या चलाएंगे?
Bihar Politics: लालू ने पीएम मोदी को पढ़ाया हिंदी का पाठ, कहा- सात चरण जाते-जाते प्रधानमंत्री की लिस्ट में...
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Politics News Hindi: बिहार में चुनावों की सरगर्मी के बीच लालू प्रसाद भी लगातार सक्रिय हैं और अपनी बेटी रोहिणी आचार्य के लिए प्रचार में जुटे हैं। शुक्रवार को लालू प्रसाद ने अपने एक्स मीडिया के जरिये प्रधानमंत्री को हिंदी का पाठ पढ़ाने के प्रयास किए।
लालू यादव (Lalu Yadav) ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि हिंदी भाषा में आज लगभग 1.5 लाख शब्द बताये जाते हैं तथा अध्ययन की सभी शाखाओं में तकनीकी शब्दों को मिलाकर लगभग 6.5 लाख शब्द हैं।
पीएम मोदी की लिस्ट में पाकिस्तान, श्मशान से लेकर कई शब्दलेकिन प्रधानमंत्री जी का पसंदीदा शब्द पाकिस्तान, श्मशान, कब्रिस्तान, हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, मछली-मुगल, मंगलसूत्र और गाय-भैंस हैं। उन्होंने कहा कि ऊपर की लिस्ट पहले दो चरणों के चुनाव होने तक की है। सातवें चरण तक इस लिस्ट में कुछ दो चार नाम और बढ़ सकते हैं।
पीएम मोदी कई शब्द भूल गए: लालू यादवलालू यादव (Lalu Yadav) ने चुटकी लेते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नौकरी-रोजगार, गरीबी-किसानी, महंगाई-बेरोजगारी, विकास-निवेश, छात्र-विज्ञान-नौजवान इत्यादि शब्द भूल गए है। यह पहला मौका नहीं है जब लालू प्रसाद ने सीधे-सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर अपने तेवर दिखाए हैं। इसके पहले भी वे अलग-अलग मौकों पर उनके प्रति अपनी नाराजगी उनकी नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही लालू प्रसाद ने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा था कि इसी महान ग्रंथ संविधान को भाजपा और मोदी मिल कर नष्ट करना चाहती हैं। संविधान खत्म कर ये भाजपाई देश के दलितों और वंचितों को गुलाम बनाना चाहते हैं।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की पांच लोकसभा क्षेत्रों में मतदान कराने की तैयारियां अंतिम चरण में है। 18वीं लोकसभा के लिए तीसरे चरण में कुल 9848 बूथों पर मतदान कराया जाएगा।
तीसरे चरण में कुल 54 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है जिसमें 51 पुरुष एवं तीन महिला प्रत्याशी सम्मिलित हैं। सबसे अधिक 15 प्रत्याशी सुपौल लोकसभा क्षेत्र में हैं, तो सबसे कम आठ प्रत्याशी मधेपुरा संसदीय सीट पर हैं।
इसके अलावा खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में 12 प्रत्याशी, झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में 10 प्रत्याशी एवं अररिया लोकसभा क्षेत्र में नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
मतदाताओं की कुल संख्यातीसरे चरण में झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा एवं खगड़िया लोकसभा क्षेत्रों में कुल 98 लाख 60 हजार 397 मतदाताओं के मतदान की व्यवस्था की गई है।
इसमें 51 लाख 29 हजार 473 पुरुष मतदाता, 47 लाख 30 हजार 602 महिला मतदाता एवं 322 थर्ड जेंडर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। तीसरे चरण में 100 वर्ष से अधिक आयु के 2716 मतदाता हैं जबकि पहली बार मत डालने वाले मतदाताओं की संख्या एक लाख 45 हजार 482 है।
5039 बूथों की होगी लाइव वेबकास्टिंगतीसरे चरण के मतदान में 11818 बैलेट यूनिट, 11818 कंट्रोल यूनिट एवं 12861 वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा। इस चरण में प्रति बूथ 1001 मतदाताओं के मतदान की व्यवस्था की गई है।
तीसरे चरण में 32 बूथों का प्रबंधन महिलाएं करेंगी। वहीं, 45 मॉडल बूथ बनाए गए हैं। तीसरे चरण में कुल 5039 बूथों से लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी।
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राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने खगडिया परिवार न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश राज कुमार एवं उनकी पत्नी के खिलाफ अपने ही होम गार्ड की कथित हत्या मामले में दर्ज हुई प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार कर दिया है।
न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज प्राथमिकी, केस डायरी, मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट एवं अन्य दस्तावेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि अभियुक्त दंपत्ति के खिलाफ प्रथम दृष्टया का अपराधिक मामला बनता है।
होम गार्ड के खिलाफ प्राथमिकी दर्जन्यायाधीश ने कहा कि सबूतों की सच्चाई और आरोपियों की अपराध में संलिप्तता मुकदमे के ट्रायल होने से ही निर्धारण हो सकता है। इसलिए ऐसी परिस्थिति में प्राथमिकी को निरस्त नहीं किया जा सकता है।
इस घटना में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज हुई थी। आारोपी न्यायिक पदाधिकारी द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज कर अपने ही होम गार्ड वीरेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एसपी को दी गई जानकारीइसमें कहा गया कि पहली फरवरी की सुबह जब वे सुबह सैर कर अपने आवासीय क्वॉर्टर लौटे तो देखा की उनके घर का गेट खुला है। इस पर उनकी गार्ड से कहा-सुनी हो गई।
होम गार्ड ने अपनी बंदूक न्यायिक अफसर पर तान दी। तब होम गार्ड से बंदूक छीन कर न्यायिक अफसर ने खगडिया एसपी इसकी जानकारी दी।
पटना हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद खगडिया थाने में किया बयान दर्जदूसरी प्राथमिकी में होमगार्ड की संदिध हालात से हुई मौत के सिलसिले में उनके बेटे गौतम द्वारा की गई। पटना हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद 23 फरवरी 2022 को खगडिया थाना में वीरेंद्र सिंह के बेटे द्वारा बयान दर्ज किया गया।
पिटाई के बाद पीड़ित को हुई थी खून की उल्टीबयान में कहा गया सुबह झाडू-पोछा नहीं लगाने की वजह से होमगार्ड को आरोपी न्यायिक अफसर और उनकी पत्नी ने बुरी तरह से मारा, जिसके बाद पीड़ित होम गार्ड जवान को खून की उल्टी हुई।
अस्पताल ले जाने के बाद उसे पटना स्थित पीएमसीएच रेफर किया गया जहां वीरेंद्र के इलाजरत रहते हुए 14 फरवरी 2022 को मौत हो गई।
खोपड़ी में मिले चोट के निशानप्राथमिकी को दर्ज करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के न्याय निर्देश के आलोक में खगड़िया पुलिस ने तत्कालीन जिला न्यायाधीश से संपर्क करते हुए पटना हाई कोर्ट प्रशासन से आरोपी न्यायिक अफसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति भी ली गई थी।
वीरेंद्र की मौत के तीन महीने बाद खगडिया थाना कांड संख्या 157/2022 में हत्या कांड की सजा ( दफा 302) भी पुलिस ने जोड़ा क्योंकि चिकित्सकों की राय में वीरेंद्र की सीटी स्कैन में उसके खोपड़ी में चोट के निशान मिले थे।
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