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'शिक्षकों को सबसे ज्यादा नीतीश सरकार ने...'; खिन्न भाव से ये क्या बोल गए प्रशांत किशोर, फिर उपचुनाव पर दिया ज्ञान

Dainik Jagran - November 29, 2024 - 8:46pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) (Prashant Kishor) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर आक्षेप लगाया है।

विधान परिषद उप चुनाव के क्रम में प्रचार-प्रसार पर निकले पीके ने मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur News) में कहा कि पिछले दस वर्षों में शिक्षकों (Bihar Teacher) को किसी ने सबसे अधिक सताया है तो वह नीतीश कुमार की सरकार है।

ऐसा शिक्षक ही बता रहे हैं, लेकिन जाति-धर्म के झांसे में आकर वोट भी दे रहे हैं। खिन्न भाव से प्रशांत किशोर ने कहा कि शिक्षक ही जब अपनी स्थिति में सुधार नहीं चाहते तो उनका दूसरा क्या मददगार होगा!

तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव

देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद चुन लिए जाने के कारण विधान परिषद की तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव हो रहा।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का प्रत्याशी है और महागठबंधन से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का।

जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने विनायक गौतम पर दांव लगा रखा है। उनकी जीत के लिए प्रचार के क्रम में प्रशांत किशोर (पीके) ने कहा कि मैं दो वर्षों से पदयात्रा कर रहा हूं।

इस दौरान जितने भी शिक्षक मिले, सभी ने यही पीड़ा जताई कि पिछले 10 वर्षों में अगर किसी ने सताया है तो वह नीतीश कुमार की सरकार है।

उसका कौन भला कर सकता है : प्रशांत किशोर
  • फिर भी चुनाव में शिक्षक भूल जाएंगे कि वे नियोजित हैं या प्रायोजित। डाकबंगला पर उन पर लाठियां चटकाई गई थीं। यह भूलकर वे जाति-धर्म के बहकावे में आ जाएंगे।
  • नीतीश कुमार को वोट दे देंगे। फिर चुनाव के अगले दिन मिलने पर मुझसे बोलेंगे कि 'हमारे लिए आवाज उठाइए'। जो आदमी स्वयं अपना जीवन नहीं सुधारना चाहता है, उसका कौन भला कर सकता है।
शिक्षकों को वापस मिलेगा कटा वेतन : मंत्री
  • इधर, शुक्रवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान परिषद में प्रदेश के शिक्षकों से जुड़ी अहम जानकारी साझा की है।
  • उन्होंने कहा है कि देर से स्कूल आने वाले या फिर आंदोलन में शामिल रहे जिन शिक्षकों का वेतना काटा गया है, उसे जल्द वापस दिया जाएगा।
  • उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार मामले की समीक्षा करेगी और दिसंबर तक इस संबंध में आदेश भी जारी किया जाएगा। बता दें कि शिक्षकों की समस्या को लेकर कुमार नागेंद्र ने विधान परिषद में सवाल उठाया था।
दस हजार शिक्षकों का वेतन कटने का दावा

बता दें कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सदस्य संजीव कुमार सिंह ने भी करीब दस हजार शिक्षकों का वेतन काटे जाने का दावा किया है।

उनका कहना था कि कई ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनका 15-15 दिन का वेतन कटा है, जबकि ये शिक्षक अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हुए थे।

इस पर शिक्षा मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ऐसे मामलों की जिलेवार समीक्षा कर रही है। कई जिलों में ऐसे शिक्षकों को वेतन राशि जारी भी की गई है। जो शेष रह गए हैं, उनके संबंध में दिसंबर तक आदेश जारी किया जाएगा।

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Bihar Politics: 'नीतीश को देखा है और देख लेंगे...', EVM पर क्या बोल गए लालू; अचानक दिल्ली क्यों पहुंचे राजद अध्यक्ष

Dainik Jagran - November 29, 2024 - 7:27pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा की चार सीटों के उप चुनाव में करारी पराजय के बाद भी राजद का हौसला पस्त नहीं हुआ है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बयान से यह स्पष्ट होता है। शुक्रवार को रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली रवाना होते समय उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में राजद की विजय होगी। महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलेगा। इसी के साथ उन्होंने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर से मतदान की पैरोकारी भी की।

2025 में होगा विधानसभा चुनाव
  • बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025) होना है।
  • चुनाव की तैयारियों के लिए जदयू ने मिशन 225 की शुरुआत भी कर दी है।
  • प्रदेश की 243 विधानसभा सीटों में जदयू ने 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
  • साल 2020 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई राजद की ओर से भी जीत का दावा किया जा रहा है।
  • साल 2020 में बिहार में 3 चरणों में वोटिंग हुई थी।
  • पहले चरण में 28 अक्टूबर 2020 को 71 सीटों के लिए, दूसरे चरण में 3 नवंबर 2020 को 94 सीटों के लिए और तीसरे चरण में 7 नवंबर 2020 को 78 सीटों पर वोटिंग हुई।
  • 10 नवंबर 2020 को चुनाव के नतीजे जारी हुए।
EVM की जगह बैलेट पेपर से हो चुनाव

राजद सुप्रीमों से जब कहा गया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। तब उन्होंने कंधे उचकाते हुए कहा कि हमारी पार्टी जीतेगी, उन्हें (नीतीश) हमने देखा है और देखेंगे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी दल एक बार फिर ईवीएम पर आशंका प्रकट कर रहे हैं।

लालू से पहले 26 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के उपयोग की मांग की थी। आरोप लगाया था कि 'ईवीएम के कारण एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब समुदायों के वोट बर्बाद हो रहे हैं।' हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ईवीएम को दरकिनार करने से संबंधित याचिका को निरस्त करते हुए कह चुका है कि चुनाव हारने पर ईवीएम बुरा लगता है और जीत जाने पर नेता चुप्पी साध लेते हैं।

एक बार फिर सिंगापुर जाने की चर्चा

लालू रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली गए हैं। सोमवार दो दिसंबर को वे पटना लौटेंगे। इससे पहले अगस्त में वे हेल्थ चेकअप के लिए सिंगापुर गए थे। उनके एक बार फिर सिंगापुर जाने की चर्चा है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही। सिंगापुर में उनकी पुत्री रोहिणी आचार्य रहती हैं, जिन्होंने लालू को अपनी किडनी दी हुई है।

पांच दिसंबर, 2022 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। उसके बाद लालू 11 फरवरी, 2023 को देश लौट आए थे। लगभग दो महीने तक दिल्ली में रहने के बाद वे पटना लौटे। लोकसभा चुनाव में अपनी पुत्रियों (मीसा भारती और रोहिणी आचार्य) के लिए क्रमश: पाटलिपुत्र और सारण में सक्रिय रहे। मीसा तो लोकसभा पहुंच गईं, लेकिन रोहिणी पराजित हो गई थीं।

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Bihar: आखिरी दिन भी हंगामेदार रहा विधानसभा का सत्र, सदन के अंदर स्मार्ट प्रीपेड मीटर तो बाहर रोजगार पर छिड़ी बहस

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Bihar: आखिरी दिन भी हंगामेदार रहा विधानसभा का सत्र, सदन के अंदर स्मार्ट प्रीपेड मीटर तो बाहर रोजगार पर छिड़ी बहस

Dainik Jagran - November 29, 2024 - 3:35pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन के अंदर और बाहर सरकार की नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के सवाल पर विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ख्रूब हंगामा हुआ। वहीं सदन के बाहर राजद ने युवाओं को नौकरी देने में तेजस्वी को अव्वल बताया और कहा कि नौकरी मतलब तेजस्वी यादव, तेजस्वी यादव मतलब नौकरी। वहीं वाम दलों के नेताओं ने जमीन सर्वे का विरोध किया और सर्वे रोक भूमिहीनों को जमीन देने की मांग उठाई।

सदन के बाहर प्रदर्शन

बिहार विधान मंडल के अंतिम दिन सदन में नियमित दिनों की तरह गतिविधियां संचालित होनी थी, लेकिन इसके पूर्व अन्य दिनों की भांति ही आज भी विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहा। सदन में विधायी कार्य शुरू होने के पूर्व राजद समेत अन्य दलों ने सरकार के खिलाफ सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। राजद सदस्य सुबह से ही विधानसभा पोर्टिकों में इकट्ठा हो गए और बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सभी को समान अवसर देने की मांग उठाई। वहीं राजद नेताओं ने नारे बुलंद किये तेजस्वी है तो नौकरी है। इन नेताओं ने दावा किया कि तेजस्वी के सरकार में रहने के दौरान सर्वाधिक नौकरियां दी गई।

भूमि सर्वे का विरोध

नेताओं ने कहा कि बिहार के युवा नौकरी रोजगार के लिए तेजस्वी यादव की ओर देख रहा है। वहीं दूसरी ओर वाम दल के नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे हैं भूमि सर्वे का विरोध किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। नेताओं के हाथों में सर्वे का विरोध करती तख्तियां भी थी। इन नेताओं की मांग है कि राज्य के भूमिहीन परिवारों को सरकार अविलंब जमीन उपलब्ध कराए। नेताओं ने कहा कि जो जहां बसे उसे वहीं जमीन मुहैया कराई जाए।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर हंगामा

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के सवाल पर विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ख्रूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने (वेल) पहुंचकर खूब नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बीच में ही सदन की कार्रवाई को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया। इस वजह से प्रश्नकाल तो अधूरा रहा ही, साथ में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं भी पढ़ी नहीं जा सकी।

भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने इस विषय को उठाया था। उन्होंने कहा कि नवंबर 2023, मई 2024 और अक्टूबर 2024 में प्रीपेड मीटर का सर्वर फेल हो गया। इस कारण उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत का पता नहीं चला। परिणाम यह हुआ कि उपभोक्ताओं को एकमुश्त भारी भरकम राशि बिजली मद में चुकानी पड़ी। सभी मीटर टेस्टेड नहीं रहते हैं। सैंपल टेस्ट के आधार पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाता है। इस कारण सर्वर से कनेक्शन फेल होने की समस्या आ रही है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जब इधर थे (सरकार में) तो स्मार्ट मीटर खराब नहीं था और जब उधर (विपक्ष में) चले गए हैं तो ज्ञान आ रहा है। उन्होंने कहा कि लिखकर दीजिए कि कौन से मीटर में खराबी है। हम उसकी जांच करा लेंगे। इस पर कई सदस्यों ने स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी पर बोलने की इजाजत चाही और फिर वेल में जाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

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Bihar Politics: चेतन आनंद ने अपने पुराने फैसले को बदला, अब विधानसभा के नियमों का करेंगे पालन

Dainik Jagran - November 29, 2024 - 2:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News: विधानसभा में आज आनंद मोहने के बेटे चेतन आनंद को झुकना ही पड़ा और अपने पुराने फैसले को बदलना पड़ा। उन्हें अब विधानसभा द्वारा आवंटित सीट पर बैठा देखा गया। पहले वह मंत्रियों की सीट के पीछे  बैठ जाते थे।

गुरुवार को आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने जमकर बवाल काटा था

गुरुवार को राजद ने इस मसले को लेकर काफी हंगामा किया था कि जिन सदस्यों को जो सीट आवंटित है उस पर वे नहीं बैठ रहे। हंगामा इतना अधिक बढ़ा था कि राजद के भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की सीट पर बैठने का प्रयास करने लगे थे। मार्शलों की मदद से उन्हें हटाया गया था।

विधानसभा अध्यक्ष ने तब सदन को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया था। राजद का निशाना चेतन आनंद व संगीता कुमारी पर था। चेतन आनंद राजद से एमएलए बने थे पर बाद में नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए एनडीए में चले गए थे। शुक्रवार को जब विधानसभा में प्रश्नकाल आरंभ हुआ तो चेतन आनंद अपनी आवंटित सीट पर नजर आए।

चेतन आनंद पहले नियमों की कर रहे थे अनदेखी

चेतन आनंद विधानसभा में पहले मंत्रियों के लिए आवंटित दो-तीन बेंच के पीछे बैठ जाते थे। दो दिन पूर्व वह हम की विधायक ज्योति देवी के बगल में बैठे नजर आए। शुक्रवार को उनका एक प्रश्न था। वह अपनी आवंटित सीट पर थे और वहीं से सवाल किया। कई लोग घूमकर देखने लगे कि चेतन आनंद कहां बैठे हैं?

चेतन आनंद का सवाल शिवहर जिला मुख्यालय में आठ करोड़ रुपए की लागत से बने अस्पताल भवन से संबंधित था। उन्होंने यह कहा कि अस्पताल में एनेस्थेसिया के चिकित्सक नहीं रहने से आईसीयू चालू नहीं है। इसी तरह मेडेसिन चिकित्सक एवं स्टाफ की कमी के कारण काम बाधित है।

बिहार विधानसभा की कुछ बड़ी बातें इस प्रकार हैं:
  •  बिहार विधानसभा की स्थापना 1937 में हुई थी और इसका पहला अधिवेशन 22 जुलाई 1937 को हुआ था।
  •  बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष नंद किशोर यादव हैं और उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी हैं ।
  •  बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें से 38 अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
  •  बिहार विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
  • बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा बन गई है।
  • साल 1977 में, बिहार विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या 318 से बढ़ाते हुए 325 तक कर दी गई।

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Bihar Civil Judge Result: बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में बेटियों का कमाल, टॉप-10 में 9 लड़कियों ने मारी बाजी

Dainik Jagran - November 29, 2024 - 12:12pm

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar News: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने गुरुवार को असैनिक न्यायाधीश (कनीय कोटि) के पदों पर नियुक्ति के लिए 32वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। पहले छह स्थानों पर महिला अभ्यर्थी सफल हुईं हैं। हालांकि, टॉप 10 में 9 लड़कियों को सफलता मिली है। लड़कों ने इस बार निराश किया है। टॉप 20 में भी केवल 4 ही लड़के आ पाए।

टॉप 10 में 9 लड़कियों ने मारी बाजी, केवल 1 लड़के  को मिली जगह
  • टॉप 10 में 9 लड़कियों ने बाजी मारी
  • टॉप-20 में केवल चार पुरुष अभ्यर्थी सफल
  • पहला स्थान हर्षिता सिंह ने प्राप्त किया है  
  • दूसरे पर हथुआ मार्केट, पटना की सुकृति अग्रवाल
  • तीसरे पर सुप्रिया गुप्ता तो चौथे पर गोरखपुर की शांभवी सांस्कृत्यान
  • पांचवें स्थान पर शिल्पा रानी हैं। 
  • छठी रैंक प्राप्त करने वाली शिवानी श्रीवास्तव अयोध्या की है।
  • आठवां स्थान प्राप्त करने वाली बबली राज आरा की रहने वाली है।
  • बाढ़ की अंकिता चौधरी ने नौवां स्थान प्राप्त की है।
  • 10वीं रैंक प्राप्त करने वाली राशि धनबाद की हैं।
  • टाप-10 में शामिल इकलौते पुरुष अभ्यर्थी सुरेंद्र कुमार अलीगढ़ के रहने वाले हैं।

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि मुख्य लिखित परीक्षा में 463 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे। इनके लिए साक्षात्कार का आयोजन 13 से 23 नवंबर तक हुआ। चार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए। साक्षात्कार में शामिल एक अभ्यर्थी का परीक्षाफल रद कर दिया गया है। मुख्य लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंक के आधार पर 153 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। संयुक्त मेधा सूची में दो या अधिक अभ्यर्थियों के समान अंक होने पर मुख्य परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वालों को प्राथमिकता दी गई है। 

पुरुष व महिला अभ्यर्थियों का समान रहा कटऑफ

आयोग ने श्रेणीवार कटआफ अंक जारी किया है। सभी श्रेणी में पुरुष व महिला अभ्यर्थियों का कटआफ समान रहा है। सामान्य श्रेणी का कटआफ अंक 538, ईडब्ल्यूएस का 511, एससी का 455, एसटी का 479, ईबीसी का 481 तथा पिछड़ा वर्ग का 502 रहा है। मुख्य परीक्षा में ईडब्ल्यूएस छोड़कर अन्य श्रेणी में महिला व पुरुष अभ्यर्थियों का कटआफ समान रहा है। ईडब्ल्यूएस पुरुष का 418 और महिला का 413 अंक है। मुख्य परीक्षा में सामान्य श्रेणी का कटआफ अंक 442, एससी का 349, एसटी का 371, ईबीसी का 377 तथा बीसी का 408 अंक था।

पटना की बेटी ने किया कमाल

पटना के अथमलगोलाप्रखंड के सबनिमा निवासी अंकिता चौधरी ने पहले प्रयास में बिहार न्यायिक सेवा में नौंवा स्थान प्राप्त किया है। अंकिता तीन भाई बहन में सबसे बड़ी हैं। अंकिता की छोटी बहन गया मेडिकल कालेज में पढ़ती है जबकि भाई मैट्रिक का छात्र हैं। अंकिता के पिता रविकांत चौधरी झारखंड सरकार में कार्यरत हैं वहीं मां सुनीता चौधरी गृहिणी हैं। अंकिता पूरे परिवार के साथ रांची में रहती है।

अंकिता के दादा सीताराम चौधरी भी मजिस्ट्रेट थे, जो स्वर्गवास हो चुके हैं। अंकिता प्लस टू जवाहर विद्या मंदिर श्यामली रांची से की है जबकि लॉ राजीव गांधी नेशनल लॉ विश्विद्यालय पाटियाला पंजाब से 2021 में पास आउट हुई हैं। अंकिता अपने दादा प्रेरणा लेकर आज मुकाम हासिल की है, पहली प्रयास में अंकिता ने बिहार न्यायिक सेवा में 9 वां स्थान लाकर सबनिमा गांव समेत अथमलगोला प्रखंड एवं पटना जिला का नाम रोशन किया है। अंकिता ने इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता एवं दादा को दिया है।

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Tejashwi Yadav: भारतीय टीम को पाकिस्तान जाना चाहिए या नहीं? तेजस्वी ने दिया ऐसा जवाब; PM Modi का भी लिया नाम

Dainik Jagran - November 29, 2024 - 8:46am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: भारतीय क्रिक्रेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) और पाकिस्तानी क्रिेकेट बोर्ड के विवाद के कारण चैंपियंस ट्राफी का शिड्यूल अब तक तय नहीं हो पाया है। दरअसल, भारत सरकार ने तय किया है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान नहीं भेजेगी।

भारतीय खिलाड़ियों को जज्बे के साथ पाकिस्तान जाना चाहिए

सरकार के इस रुख को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सही नहीं मानते। उनका स्पष्ट कहना है कि खेल में राजनीति को नहीं घसीटना चाहिए। जीत के जज्बे के साथ भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने सरकार पर कटाक्ष भी किया है। कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरयानी खाने के लिए पाकिस्तान जा सकते हैं, तो भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान क्यों नहीं जा सकती।

उल्लेखनीय है कि 2015 नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। तेजस्वी उसे ही बिरयानी से जोड़कर कटाक्ष कर रहे। राजनीति में आने से पहले तेजस्वी क्रिकेटर हुआ करते थे। गुरुवार को झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पटना लौटने के बाद वे मीडिया के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि भारतीय क्रिकेट टीम के खेलने के लिए पाकिस्तान जाने पर आपत्ति क्यों है? उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के लिए भारतीय क्रिकेटरों का पाकिस्तान जाना बिल्कुल ठीक है।

खेल में राजनीति को मिलाना सही नहीं: तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। खेलों में राजनीति को मिलाना सही नहीं है। यह अच्छा होगा कि भारतीय टीम वहां जाएं। दूसरी टीमों को भारत आना चाहिए। सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि क्या हर कोई ओलिंपिक में भाग नहीं लेता? स्मरण रहे कि उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि बीसीसीआइ भारतीय टीम के विदेशी दौरों के लिए पूरी तरह भारत सरकार के निर्णय को मान्यता देगी। सरकार ने सहमति नहीं दी है।

पाकिस्तान में होने जा रहा चैंपियंस ट्रॉफी

बता दें कि चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट 19 फरवरी 2025 को पाकिस्तान में शुरू होने जा रहा है। पहला मैच पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच कराची में होगा।। हालांकि, भारतीय टीम के जाने पर अभी भी संशय बना हुआ है। इस बात की पूरी संभावना लगाई जा रही है कि भारत अपने मैच दुबई या शारजाह में खेल सकता है।

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CM नीतीश की कुर्सी पर सदन में जोरा-जोरी, भाई वीरेंद्र के उठते ही मार्शलों की भी चढ़ी त्योरी; विस अध्यक्ष बोले हमें बर्दाश्त नहीं

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 7:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा में राजद ने गुरुवार को जबरदस्त हंगामा किया। हंगामे के दौरान RJD विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की सीट पर जा पहुंचे और वहां बैठने का प्रयास करने लगे। हंगामे के बीच राजद के कई विधायक सत्ता पक्ष के लिए आवंटित सीट की तरफ बैठने के लिए बढ़ने लगे। सत्ता पक्ष के साथ टकराव की स्थिति उत्पन्न होते देख मार्शल बुलाए गए, जिन्होंने वीरेंद्र व राजद के अन्य विधायकों को अपने कब्जे में लेकर हटाया।

सदन में हो रहे हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सदन की कार्यवाही को भोजनवकाश तक यानी दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इस हंगामे की वजह से विधानसभा में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण नहीं हो सका।

मुख्यमंत्री की कुर्सी के समीप पहुंचे वीरेंद्र

दरअसल, शून्यकाल आरंभ ही होने को था कि राजद के आलोक कुमार मेहता अपनी सीट पर खड़े हो गए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मुखातिब होते हुए कहा कि वह यह सूचना दे रहे हैं कि सत्ता पक्ष के कई लोग अपनी सीट की जगह दूसरी सीट पर बैठे हैं। यह नियम के प्रतिकूल है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह कोई बात नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष की इस टिप्पणी के बाद राजद के विधायक अपनी सीट से उठकर अध्यक्ष के आसन के सामने (वेल में) आकर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान राजद विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की सीट के समीप पहुंच गए। जैसे ही वह बैठते कि मार्शलों ने उन्हें वहां से खींच लिया।

विधानसभा अध्यक्ष ने घटना पर जताया आक्रोश

विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे घटनाक्रम से आक्रोशित होकर कहा कि इस तरह के आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके गंभीर परिणाम होंगे। इसके बाद भी मामला शांत नहीं होता देख उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। घटना के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद नहीं थे।

शीतकालीन सत्र के दौरान हुए हंगामे के बाद राजद विधायक मुकेश रौशन ने शेयर की तस्वीर

चेतन आनंद और संगीता कुमारी का नाम

आलोक मेहता ने सदन में किसी विधायक का नाम नहीं लिया था पर बाहर उन्होंने चेतन आनंद व संगीता कुमारी का नाम लिया। दोनों महागठबंधन छोड़कर नीतीश कुमार के साथ गए हैं।

श्रवण कुमार ने RJD पर साधा निशाना

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राजद का यह गुस्सा इस वजह से है कि उनके विधायक व विधान पार्षद लगातार हम लोगों के साथ आ रहे हैं। बुधवार को उनके एक विधान पार्षद हम लोगों के साथ आ गए। आठ अन्य लोग भी कतार में हैं।

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Patna News: राजगीर जाना होगा आसान, दिसंबर में पूरा होगा 265 करोड़ की लागत से बन रहा मार्ग

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 5:36pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजगीर जाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। नालंदा जिले में बन रहे सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा पुल का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक ने पुल की समीक्षा की। इसके साथ ही जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए। शीर्षत कपिल राज्य में बन रहे कई अन्य पुलों और सड़कों के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की।

2020 में सीएम नीतीश कुमार ने किया शिलान्यास

नालंदा जिले में निर्माणाधीन-नरसंडा-तेलमार-करौटा सड़क करौटा के समीप एनएच-30 के 224 किमी पथांश पर जुड़ेगा। इसपर 265 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंतबर 2020 में इसका शिलान्यास किया था। पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष शीर्षत अशोक कपिल ने बुधवार को इस सड़क का भ्रमण किया।

इस सड़क राज्य उच्च पथ सं-78 के जंक्शन सालेपुर से शुरू होकर करौटा तक जाती है। वहां यह राष्ट्रीय उच्च पथ सं-31 के 224 वें किमी पथांश पर जुड़ती है। यह वृहद जिला सड़क घोषित है। इसकी चौड़ाई 10.0 मी है। इसकी विशेषता यह है कि इसका निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पटना से राजगीर जाने के लिए एक और मार्ग तैयार हो जाएगा। राष्ट्रीय उच्च पथ-31 के समीप करौटा (जगदम्बा स्थान) से सिलाव और राजगीर एनएच-120 पर जाने का मार्ग सुगम हो जाएगा।

पर्यटन को भी मिलेगी बढ़ावा

विभाग द्वारा इस बात का भी दावा किया गया है कि इस सड़क का निर्माण होने के बाद क्षेत्र में पर्यटन तथा आर्थिक गतिविधियां बढे़ंगी। नरसंडा के पास एनएच-30ए के ऊपर एक फ्लाई ओवर का भी निर्माण किया जा रहा है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान शीर्षत कपिल अशोक ने निर्माण की समीक्षा की और पुल के शेष बचे कार्यों को दिसंबर तक पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने इस सड़क को चार लेन किये जाने के संबंध में अभियंताओं से विस्तृत चर्चा की तथा इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव एवं प्राक्कलन समर्पित करने का भी निर्देश दिया।

सालेपुर से राजगीर के चौड़ीकरण का शिलान्यास

शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सालेपुर से राजगीर के लिए जो दो लेन को चार लेन में चौड़ीकरण किया जाना है, उसका शिलान्यास जल्द ही किया जाएगा। अध्यक्ष ने बिहारशरीफ से रांची जाने वाले पुराने एनएच पर निर्माणाधीन फ्लाई ओवर क्षेत्र का भी भ्रमण किया। इस पुल की लम्बाई 1435 मी है। इसका निर्माण कार्य 84.6 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।

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Bettiah Raj Jamin: बेतिया राज के जमीन मालिक को बड़ी राहत, अब सरकार ने दी इतने दिनों की मोहलत

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 1:29pm

 जागरण संवाददाता, पटना। बिहार विधान परिषद् में बेतिया राज की संपत्तियों को निहित करने वाले विधेयक, 2024 को प्रस्तुत करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने सदन को बताया कि यह कानून किसी के पक्ष या विरोध में नहीं है। कानून नोटिफाई हो जाने के बाद सरकार बेतिया राज की जमीन की सूची सार्वजनिक करेगी। जिसमें संबंधित भूमि का खाता और खेसरा नंबर दिया जाएगा।

दावा-अपत्ति के लिए संबंधित जिलों में विशेष पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। नोटिकेशन के 60 दिनों के अंदर विशेष पदाधिकारी दावा-आपत्ति स्वीकार करेंगे। दावा-आपत्ति दर्ज होने के 90 दिनों के अंदर मामले का निष्पादन कर दिया जाएगा। सरकार की मंशा किसी को बेघर करने की नहीं है। बल्कि, अतिक्रमित जमीन का उपयोग सर्वहित में विकास को गति देने की है। राज्य के पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, सारण, सिवान, गोपालगंज और पटना जिले में बेतिया राज की 15 हजार 215 एकड़ जमीन है।

इसे अतिक्रमण मुक्त कर अस्पताल, मेडिकल कालेज, स्टेडियम, विश्वविद्यालय सहित सामुदायिक परियोजनाओं का निर्माण कराया जाएगा। कानून पास होने से जिला प्रशासन को अतिक्रमण से संबंधित विवाद के निष्पादन में काफी सहूलियत होगी। विधान परिषद् में ध्वनिमत से विधेयक को पास कर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में मौजूद थे।

क्या है बेतिया राज की जमीन
  • भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल के मुताबिक ब्रिटिश शासन के दौरान बेतिया राज की जमीन कोर्ट ऑफ वार्ड्स को सौंप दी गई थी
  • बेतिया राजघराने के अंतिम महाराजा की कोई संतान नहीं थी, इसलिए आजादी के पश्चात उनकी जमीन बिहार सरकार के अधीन आ गई
  • लेकिन इस पर कोई कानून नहीं था, जिसके कारण कई लोगों ने जमीन पर अतिक्रमण कर लिया और भू-माफियाओं की भी इस पर नजर थी
कांग्रेस नेता बोले- वह विधेयक के विरोध में नहीं

कांग्रेस के डा. समीर कुमार सिंह ने कहा कि वह विधेयक के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसकी आड़ में किसी दबे-कुचले को बेघर भी नहीं किया जाए। राजद के सौरभ कुमार ने बेतिया राज की संपत्ति से होने वाली आय को चंपारण के विकास में खर्च करने के लिए चंपारण विकास प्राधिकरण गठित करने की मांग की।

उपसभापित प्रो. रामवचन राय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लोहिया के सपने को पूरा किया जा रहा है। इससे पूर्व सदन ने ध्वनि मत से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा पेश बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित कर दिया। बिहार विधान सभा से दोनों विधेयक पहले ही पास हो चुका है।

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Bihar Politics: क्या बिहार में फिर खेला होने वाला है? तेजस्वी यादव के बयान से सियासी अटकलें तेज

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 12:04pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Nitish Kumar Tejashwi Yadav: बिहार विधानसभा में बुधवार को सदन की जारी कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच इशारों, इशारों में कुछ बातें हुई। हालांकि, उनके बीच इशारों में क्या बात हुई यह कोई समझ नहीं पाया। बाद में तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर मीडिया से कहा 'बूझे वाला बुझता'।

इशारों- इशारों में हुई बातें

बुधवार को प्रश्नोत्तर काल के दौरान नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को इशारा करते हुए उनसे कुछ पूछा। सदन में उस वक्त गोरेयाकोठी के भाजपा विधायक देवेश कांत के सवाल का जवाब ग्रामीण कार्य मंत्री डा. अशोक चौधरी दे रहे थे। इस बीच नीतीश कुमार तेजस्वी की ओर देखने लगे और उनसे इशारों में कुछ पूछा। जिसका जवाब तेजस्वी ने भी इशारों में दिया।

कुछ देर बाद सदन के बाहर निकले तेजस्वी यादव ने जब मीडिया ने इशारों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा वे व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री का सम्मान करते हैं। परंतु राजनीतिक तौर पर उनकी न कोई विचारधारा है न ही कोई नीति। इशारों के बारे में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा इशारों में कुछ कहते हैं। जिसका जवाब हम भी देते रहते हैं। उन्होंने भोजपुरी में कहा कि बूझे वाला बुझता।

विपक्ष के हंगामे की भेट चढ़ा बिहार विधानसभा का शून्यकाल

बिहार विधानसभा की पहली पाली में बुधवार को शून्यकाल विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। दरअसल, विपक्ष ने 85 प्रतिशत आरक्षण पर चर्चा कराने और वक्फ बोर्ड संबंधी केंद्र सरकार के बिल को वापस लेने समेत कई मुद्दों को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था, जिसे अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने यह कहते हुए नामंजूर कर दियाकि सदन में सरकार के महत्वपूर्ण विधायी कार्य कराने का समय तय है।

इससे नाराज विपक्ष ने शून्यकाल में वेल में आकर जमकर हंगामा किया। इसके चलते शून्यकाल नहीं हो पाया और अध्यक्ष ने दोपहर बारह बजकर दस मिनट पर सदन की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी।

यह हंगामा सात मिनट तक रहा था। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आसन से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार द्वारा भारत का संविधान को संस्कृत और मैथिली भाषा में भी उपलब्ध कराया गया।

इस ऐतिहासिक कार्य के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को यह सदन को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए। इस अनुरोध को अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने स्वीकार करते हुए सदन में मौजूद सभी सदस्यों से कहा कि भारत का संविधान को संस्कृत और मैथिली भाषा में भी उपलब्ध कराने के लिए हमलोग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दे सकते हैं।

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Bihar Politics: जगदानंद सिंह को लेकर अटकलें तेज, छोड़ सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष का पद; ये वजह आ रही सामने

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 11:03am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Hindi: राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर यह चर्चा तेज है कि जगदानंद सिंह ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त किए जाने की इच्छा जताई है। सुप्रीमो लालू प्रसाद को उन्होंने त्यागपत्र की पेशकश की है। हालांकि, राजद द्वारा आधिकारिक रूप से इस संदर्भ मेंं कोई टीका-टिप्पणी नहीं की।

लग रही कई अटकलें

पद के प्रति जगदानंद की अनिच्छा का कारण ढलती हुई उम्र और गिरता हुआ स्वास्थ्य बताया जा रहा। इसी कारण वे कुछ दिनों से कार्यालय भी नहीं आ रहे। हालांकि, अंदरखाने यह भी चर्चा है कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में अपने पुत्र की पराजय से वे खिन्न हैं। उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पहले भी जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिया था। लालू ने जब मान-मनव्वल किया तो वे कार्यालय लौटे।

विधानसभा के पिछले चुनाव में राजद के बेहतरीन प्रदर्शन मेंं जगदानंद का सांगठनिक योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उनकी छवि ईमानदारी और कर्मठता नेता की रही है। राजद जैसे दल को भी उन्होंने अनुशासन में रखने का भरसक प्रयत्न किया है। वे बक्सर से सांसद व रामगढ़ से विधायक रहे हैं।

पुत्र अजीत का चुनाव में नहीं रहा अच्छा प्रदर्शन

अब बक्सर से उनके पुत्र सुधाकर सिंह सांसद हैं, जो 2020 में रामगढ़ से विधायक चुने गए थे। इस क्षेत्र में जगदानंद की अच्छी पैठ है, इसके बावजूद विधानसभा उप चुनाव में उनके पुत्र अजीत रामगढ़ में न सिर्फ मात खाए, बल्कि तीसरे पायदान पर चले गए। इसका कारण उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती उस क्षेत्र में बसपा और अंबिका यादव के परिवार की पकड़ है। उप चुनाव मेंं बसपा दूसरे स्थान पर रही।

जगदानंद इससे आहत बताए जा रहे। पार्टी में उनके अनुशासन से अकुताए नेता रामगढ़ का हवाला देकर नेतृत्व को कोंचने भी लगे हैं। हालांकि, सुप्रीमो के प्रति जगदानंद की निष्ठा अटूट है और उनके संदर्भ में लालू किसी भी बतकही पर शायद ही कान दें।

लगभग पांच वर्ष पहले पार्टी मेंं तमाम विरोधों को दरकिनार कर लालू ने जगदानंद को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा था। लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप से अनबन के बीच जगदानंद ने जुलाई, 2021 में प्रदेश अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र सौंप दिया था। कई नेताओं के आग्रह के बावजूद वे कार्यालय नहीं लौट रहे थे। अंतत: लालू ने उन्हें मनाया।

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Bihar IPS Transfer: बिहार में तीन डीआईजी का तबादला, दो आईपीएस की बदली जिम्मेदारी; अधिसूचना जारी

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 9:17am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: गृह विभाग ने पांच आईपीएस (IPS) अफसरों की जिम्मेदारी बदली है। इनमें तीन डीआईजी (DIG) का तबादला किया गया है। यातायात के अपर पुलिस महानिदेशक सुधांशु कुमार को असैनिक सुरक्षा के अपर आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। डीआईजी अनसूइया रणसिंह साहू को आइजी में प्रोन्नति के बाद नागरिक सुरक्षा के आइजी की जिम्मेदारी दी गई है। गृह विभाग ने बुधवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।

इसके अलावा पटना के विधि-व्यवस्था एसपी विवेक कुमार को प्रोन्नति के बाद सीआईडी का डीआईजी बनाया गया है। एसडीआरएफ के समादेष्टा मो. फरोगुद्दीन को प्रोन्नति के बाद गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएं की डीआइजी की जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निमशन सेवाएं के डीआइजी मृत्युंजय कुमार चौधरी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का नया डीआइजी बनाया गया है। इसके अलावा बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारी राजेश कुमार को सीआईडी के अपर पुलिस अधीक्षक की जगह एसडीआरएफ का समादेष्टा बनाया गया है।

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Chirag Paswan: आनंद मोहन के चौके पर चिराग पासवान ने मारा छक्का, कह दी ऐसी बात कि मचेगा सियासी बवाल

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 9:03am

राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। Bihar Political News Today: लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आनंद मोहन और उनके विधायक पुत्र चेतन आनंद के बयान पर जोरदार हमला बोला है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि राजद से विधायक का चुनाव जीते चेतन के बयान से स्पष्ट है कि उनकी प्राथमिकता एनडीए को मजबूत करने के बजाय उसमें दरार डालने की है।

ऐसा प्रतीत होता है कि वो अभी भी अपने पुराने राजनीतिक गुरुजनों की विरासत को सहेज कर महागठबंधन की विचारधारा को परोक्ष रूप से समर्थन दे रहे हैं। चेतन आनंद पहले यह बताएं कि वह एनडीए के सदस्य के रूप में पूछ रहे हैं या महागठबंधन के प्रवक्ता के रूप में?

नीतीश कुमार की कृपा से आनंद मोहन जेल से बाहर आए हैं: चिराग पासवान

वहीं चिराग पासवान ने आनंद मोहन (Anand Mohan) के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से आनंद मोहन जेल से बाहर आए हैं और मुख्यमंत्री की वजह से उनके परिवार के सदस्य राजनीति में हैं। चिराग ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।

पत्रकारों ने चिराग से पूछा था कि आनंद मोहन ने कहा है कि विधानसभा उपचुनाव में गया की इमामगंज सीट पर राजग प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी के लिए चिराग प्रचार करने नहीं गए। जबकि इस सीट पर जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को 37 हजार वोट मिले। यह चिराग पासवान के ऊपर सवालिया निशान हैं।

आनंद मोहन संगीन आरोपों की वजह से जेल में थे: चिराग पासवान

इस पर पलटवार करते हुए चिराग ने कहा कि आनंद मोहन सक्रिय राजनीति से नहीं जुड़े हुए हैं। उनकी बात पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं है। मुख्यमंत्री की कृपा पर वे जेल से बाहर आए हैं। संगीन आरोपों की वजह से वे जेल में थे। अब उसी समाज (दलित) के लोगों पर फिर से वे उंगली उठा रहे हैं। 

लोजपा-रामविलास को आवंटित कार्यालय में गृह प्रवेश पूजा का आयोजन

वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास को आवंटित कार्यालय में बुधवार को गृह प्रवेश पूजा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सपरिवार शामिल हुए। इस अवसर पर सांसद अरुण भारती, प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, प्रधान महासचिव संजय पासवान, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय, मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट उपस्थित थे।

कौन हैं आनंद मोहन

  • आनंद मोहन बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव से आते हैं।
  • उनके दादा राम बहादुर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे।
  • आनंद मोहन की राजनीति में एंट्री 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति के दौरान हुई थी।
  • आनंद मोहन राजनीति में महज 17 साल की उम्र में आ गये थे। जिसके बाद उन्होने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी।
  • इमरजेंसी के दौरान पहली बार 2 साल जेल में रहे।
  • आनंद मोहन की बिहार की राजनीति में 1990 के दशक में तूती बोला करती थी।

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Bihar Weather Today: पछुआ से लुढ़का पटना समेत 24 जिलों का तापमान, मौसम बिगड़ने का अलर्ट जारी

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 7:23am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: पछुआ के प्रवाह से पटना सहित प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा। पटना सहित अधिसंख्य भागों में सुबह के समय धुंध का प्रभाव जबकि तराई वाले इलाकों में मध्यम दर्जे के कोहरे का प्रभाव बना रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता कम होने के कारण प्रदेश में कड़ाके की ठंड का प्रभाव कम है।

हालांकि, पछुआ के कारण मौसम शुष्क होने के साथ सुबह शाम हल्की ठंड का प्रभाव बना हुआ है। तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। बुधवार को पटना सहित 24 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। जबकि पटना समेत 13 जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। 17.0 डिग्री सेल्सियस पटना का न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। जबकि 11.5 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। बुधवार को पटना, पूर्णिया एवं भागलपुर में सुबह के समय हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा छाए रहा।  

शहर अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान पटना 27 डिग्री सेल्सियस 16 डिग्री सेल्सियस बेगूसराय 27 डिग्री सेल्सियस 16 डिग्री सेल्सियस भागलपुर 27 डिग्री सेल्सियस 16 डिग्री सेल्सियस दरभंगा 28 डिग्री सेल्सियस 16 डिग्री सेल्सियस मुजफ्फरपुर 28 डिग्री सेल्सियस 16 डिग्री सेल्सियस गया 26 डिग्री सेल्सियस 12 डिग्री सेल्सियस गोपालगंज में कोहरे से जनजीवन प्रभावित

बुधवार की सुबह मौसम के बदले मिजाज के बाद छाए घने कोहरे और धुंध से जनजीवन प्रभावित रहा। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई। सुबह विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी घने कोहरे के चलते परेशानी उठानी पड़ी। घने कोहरे और धुंध के साथ तापमान में आई गिरावट के चलते लोगों को घरों से निकलने के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ी। नवंबर महीने की तीसरे सप्ताह में ही जिले में मौसम ने रंग बदलना शुरू कर दिया था।

हालांकि दो-तीन दिनों तक कोहरे और धुंध के बाद मौसम सामान्य हो गया। चौथा सप्ताह शुरू होने के साथ ही मौसम ने एक बार फिर करवट ली। बुधवार की सुबह तो लगभग 11 बजे तक घना कोहरा और धुंध छाए रहा। इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर वाहनों का आवागमन प्रभावित रहा।

सड़क पर वाहनों की संख्या बेहद कम रही। कुछ वाहन हेडलाइट का प्रयोग कर सड़क पर धीरे-धीरे रेंगते नजर आए। विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को भी धुंध और कोहरे के चलते परेशानी उठानी पड़ी। विशेष कर छोटे बच्चों को विद्यालय पहुंचने में काफी दिक्कत रही। सरकारी कार्यालय में समय से कार्यालय पहुंचने के लिए कर्मियों और पदाधिकारी को मशक्कत करनी पड़ी।

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नशे के विरुद्ध एक दिसंबर को पटना मैराथन, मिलेगा 50 लाख का नकद इनाम; यहां जानें किस रूट पर रहेगी नो-एंट्री

Dainik Jagran - November 28, 2024 - 6:07am

राज्य ब्यूरो, पटना। नशामुक्ति के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए एक दिसंबर (रविवार) को राजधानी में पटना मैराथन का आयोजन किया जाएगा।

बुधवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में विभागीय सचिव विनोद सिंह गुंजियाल, उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह, ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान और प्रायोजक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने आयोजन की विस्तृत जानकारी दी। 

धावकों की हौसला अफजाई के लिए अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी मौजूद रहेंगी। सचिव ने बताया कि पटना मैराथन में चार प्रकार की दौड़ होगी जिसमें 42 किमी की फुल मैराथन, 21 किमी की हाफ मैराथन के साथ दस किमी और पांच किमी की दौड़ होगी।

मैराथन चार श्रेणियों में होगी जिसमें सामान्य श्रेणी, अधिकारी श्रेणी, एसबीआइ श्रेणी, इलिट श्रेणी (अंतरराष्ट्रीय धावक), उम्र आधारित श्रेणी और बिहार फास्टेस्ट श्रेणी शामिल हैं। फुल मैराथन, हाफ मैराथन और दस किमी की दौड़ के विजेताओं के लिए अलग-अलग श्रेणियों में कुल 50 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।

फुल मैराथन का नेशनल रिकार्ड बनाने पर तीन लाख और हाफ मैराथन में नेशनल रिकार्ड पर दो लाख रुपये का इनाम मिलेगा।

इस दफे पहली बार बिहार फास्टेट श्रेणी भी जोड़ी गई है, जिसमें बिहार के सबसे तेज फुल मैराथन धावक को एक लाख, हाफ मैराथन धावक को 50 हजार जबकि दस किमी के धावक को 30 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार मिलेगा।

सभी श्रेणियों में प्रथम तीन स्थान पर आने वाले धावकों को 20 हजार से लेकर अधिकतम तीन लाख तक का इनाम दिया जाएगा। विभाग के द्वारा वर्ष 2022 से ही लगातार मैराथन का आयोजन किया जा रहा है।

अभी तक आठ हजार प्रतिभागियों ने कराया निबंधन

मैराथन के लिए विभिन्न श्रेणियों में करीब आठ हजार प्रतिभागियों ने निबंधन कराया है। इसमें 14 आइएएस-आइपीएस समेत 314 अधिकारी, 918 एसबीआइ कर्मी और 35 अंतरराष्ट्रीय धावक शामिल हैं।

मैराथन में आमलोग भी भाग ले सकते हैं। इसके लिए इच्छुक धावकों को बिहार मैराथन डाट काम पर 29 नवंबर तक आनलाइन निबंधन कराना होगा। पांच किमी की दौड़ के लिए 30 नवंबर तक आफलाइन निबंधन होगा।

अटल पथ और जेपी पथ की एक लेन रहेगी बंद

ट्रैफिक एसपी ने बताया कि मैराथन का रूट गांधी मैदान से गोलघर, जेपी गंगा पथ होते हुए अटल पथ के शिवपुरी फुटओवर ब्रिज तक होगा। यहां की दूरी 10.5 किमी है। इसके बाद हाफ मैराथन और फुल मैराथन के लिए धावक यू-टर्न लेंगे। धावकों के पास इलेक्ट्र्रानिक डिवाइस लगा होगा।

पटना मैराथन को लेकर 30 नवंबर की रात 11 बजे से एक दिसंबर की सुबह दस बजे तक अटल पथ और जेपी गंगा पथ का क्रमश: पूर्वी और दक्षिणी लेन बंद रहेगा।

पांच किमी के लिए निबंधन शुल्क 400 रुपये, दस किमी के लिए निबंधन शुल्क 500 रुपये, 21 किमी के लिए 800 रुपये और 42 किमी के लिए निबंधन शुल्क 1300 रुपये निर्धारित है।

चार प्रकार की दौड़दाैड़ : प्रारंभिक समय
  • 42 किमी (फुल मैराथन) : सुबह पांच बजे
  • 21 किमी (हाफ मैराथन) : सुबह 5:30 बजे
  • 10 किमी : सुबह 6:30 बजे
  • 05 किमी : सुबह 7:30 बजे
छह श्रेणियों में होगा निबंधन
  • सामान्य श्रेणी
  • अधिकारी श्रेणी
  • एसबीआइ श्रेणी
  • इलिट श्रेणी (अंतरराष्ट्रीय धावक)
  • उम्र आधारित श्रेणी
  • बिहार फास्टेस्ट श्रेणी
मैराथन रूट

गांधी मैदान गेट संख्या एक से शुरू होकर गोलघर होते हुए जेपी गंगा पथ से अटल पथ में शिवपुरी फुटओवर ब्रिज तक और फिर वहां से यू-टर्न होकर वापस गांधी मैदान तक।

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Success Story: कभी झोपड़ी में पली-बढ़ी; अब 5 स्टार होटल में करेगी काम, मधु कुमारी ने ऐसे लिखी बदलाव की कहानी

Dainik Jagran - November 27, 2024 - 11:27pm

सैयद नकी इमाम, फुलवारी शरीफ। एक ओर झोपड़पट्टी, दूसरी ओर सितारों के मानक से जड़े होटल। दोनों के बीच एक बहुत बड़ी दूरी, पर झोपड़पट्टी की एक लड़की के सपनों ने जैसे उसे पाट दिया हो। यह कहानी है मधु की। एक चेहरा, दो तस्वीर।

एक वह, जहां मलिन चेहरा झोपड़पट्टी का प्रमाण देता हुआ। दूसरा वह जिसमें चेहरे की कांति बदले हुए व्यक्तित्व की गवाही स्वयं दे रही हो।

मधु उस परिवेश से हैं, जिसे मुसहर समाज कहते हैं। मांझी, भुइयां सभी इसी समाज के हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी इसी से आते हैं।

बदलाव की बड़ी कहानी

यह समाज आज भी हाशिए पर है, जहां साक्षरता दर मुश्किल से नौ प्रतिशत के करीब। महिला साक्षरता का यह हाल कि स्नातक तो बहुत दूर, मैट्रिक उत्तीर्ण लड़कियां भी ढूंढे़ ही मिलेंगी। उसी समाज की मधु ने स्टार होटल तक की यात्रा में बदलाव की एक बड़ी कहानी लिख डाली।

पीढ़ियां बदल रही हैं। यहां सपने हैं, उत्साह है, संघर्ष और लक्ष्य को छू लेने का हौसला। घर का पता पटना जिले के परसा थाना की गंजपर झोपड़पट्टी। वैसे, पैतृक घर अलाउद्दीन चक, पुनपुन है, पर सभी भाई-बहनों का जन्म पटश्ना की झोपड़पट्टी में ही हुआ।

मधु कुमारी।

10 भाई-बहनों में एक मधु
  • दस भाई-बहनें हैं, जिनमें मधु नौवें नंबर पर। पिता मुंशी मांझी का तब देहांत हो गया, जब मधु दस वर्ष की थीं।
  • मां आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका हैं। परिवार का भोजन-पानी बड़ी मुश्किल से चल पा रहा था, पर मां शिक्षा के महत्व को समझती है।
  • खेतों में कटाई हो या दिहाड़ी मजदूरी, यह सब कर अतिरिक्त पैसे की व्यवस्था करती रहीं, ताकि वे पढ़ सकें।
  • मधु ने मुश्किलों के बीच स्थानीय पलंगा हाईस्कूल से 10वीं और 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की। उनकी इच्छा कारपोरेट सेक्टर में जाने की थी।
  • होटल मैनेजमेंट का सपना देखा। नोएडा स्थित कालेज से होटल प्रबंधन में स्नातक किया। उनके भाई शेट्ठी मांझी बताते हैं कि मजदूरी करते हैं। मां और भाई ने पैसे इकट्ठे किए, मधु ने भी काम किया और पढ़ती गई।
होटल हयात में ले रही प्रशिक्षण

जयपुर में इंटर्नशिप मिली, इसके बाद अभी बोधगया स्थित होटल हयात में आन जाब प्रशिक्षण पर हैं। झोपड़पट्टी से निकल कारपोरेट संस्कृति में ढल चुकीं मधु अपने जैसों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं। उनकी पांच बहनों ने भी मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई की है।

यह एक परिवार की एक पीढ़ी के बदलाव की कहानी है, जो वंचित समाज में आता है। मधु कहती हैं, बड़े होटलों को देखती थी। मन में एक सपना पला कि मैं यहां काम कर सकूं। परिवार की स्थिति पता थी, पर पूरा सहयोग मिला।

एक-एक पैसे की कीमत पता थी, इसलिए सोते-जागते लक्ष्य तक पहुंचने का उत्साह था। इसी ने यहां तक पहुंचाया। आर्थिक परिवेश महत्वपूर्ण तो है, पर ऐसा भी नहीं कि गरीबी बाधा ही बन जाए।

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खराब होकर फट गए हैं जमीन के कागजात तो ना हों परेशान, सरकार ने निकाल लिया हल; भूमि सर्वे को लेकर आया नया अपडेट

Dainik Jagran - November 27, 2024 - 6:53pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बुधवार को कहा कि जमीन सर्वे में आ रही परेशानियाें को देखते हुए नया मसौदा तैयार किया गया है। अगर किसी के जमीन का कागजात फट गया है या खराब हो गया है तो 15 तरह के कागजात इसकी जगह दिखाए जा सकते हैं।

इसकी सूची उपलब्ध करा दी जाएगी। मैं यह सुनिश्चित कराता हूं कि जब तक कागजात नहीं होंगे, तब तक किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। वह विधानपरिषद में प्रो. संजय कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

मंत्री ने कहा कि जमीन सर्वे कराना चुनौती वाला काम है, मगर ये हो गया तो ऐतिहासिक होगा। बंगाल और ओडिशा जैसे राज्याें में भी जमीन सर्वे हो चुका है। आज थाना-कोर्ट का 30-35 प्रतिशत समय जमीन विवाद में जा रहा है।

जमीन सर्वे में भ्रष्टाचार की शिकायत

उन्होंने जानकारी दी कि करीब 47 लाख लोगों ने जमीन की स्वघोषणा (सेल्फ डिक्लेरेशन) की है, जिसे जल्द प्रकाशित किया जाएगा। जमीन सर्वे में भ्रष्टाचार की शिकायत पर मंत्री ने कहा कि ऐसी जानकारी मिलते ही इसकी जांच कराई जाएगी और 72 घंटे के अंदर दोषी पर कार्रवाई होगी।

वहीं, मंत्री ने तारांकित प्रश्नाें का जवाब देते हुए बताया कि मधुबनी के कपिलेश्वर नाथ महादेव स्थान के मेला प्रांगण में व्याप्त अतिक्रमण को एक माह के अंदर हटा दिया जाएगा। इसके लिए नोटिस जारी की जा चुकी है।

इसके अलावा बगहा के प्रखंड संसाधन केंद्र के अतिक्रमण को हटाने के लिए भी नोटिस जारी करने की जानकारी मंत्री ने दी। वह घनश्याम ठाकुर और डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

अतिक्रमण वाली भूमि को खाली कराने का दिया नोटिस

उधर, कटिहार के बलिया बेलौन में थाने को जमीन मुहिया करने को लेकर कई वर्षों से पदाधिकारीयों द्वारा काफी मशक्कत की जा रही है। लेकिन अब तक जमीन नहीं मिल पाई है।

काफी प्रयास के बाद बलिया बेलौन प्रांगण की जमीन नए थाना भवन के लिए चिह्नित की गई है। अब अंचल अमीन के द्वारा मापी के बाद अतिक्रमण किये गए लोगों को 14 दिनों में जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया है।

यहां एक एकड़ से भी अधिक जमीन है, लेकिन लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। जिसमें कोचिंग संस्था भी चल रहा है। सभी को खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया है। 

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Bihar News: सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति पर कब्जा अब नहीं होगा आसान; सदन में संशोधन विधेयक पारित

Dainik Jagran - November 27, 2024 - 6:39pm

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार की जमीन, मकान या किसी भी अन्य संपत्ति पर कब्जा करना या लीज पर लेने के बाद समय पर भुगतान न करने की स्थिति में संबंधित लोगों से कड़ाई से निपटा जा सकेगा।

अब तक सरकारी संपत्ति के आवंटी या लीजधारी से आवंटन, किराया, वसूली या बेदखली का कोई कठोर कानून नहीं था। अब इसे नियमों में बांधने के लिए बुधवार को विधानसभा में बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक पारित किया गया।

भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने पेश किया बिल

विधानसभा की दूसरी पाली प्रारंभ होते ही विपक्ष के सदस्य वक्फ संशोधन बिल वापसी की मांग को लेकर आसन के निकट आ गए और प्रदर्शन करने लगे। विपक्ष के इसी प्रदर्शन के बीच भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने सदन में सरकारी जमीन, मकान और संपत्ति से संबंधित संशोधन विधेयक पेश किया।

मंत्री ने सदन में क्या कहा?

मंत्री जयंत राज ने सदन को बताया कि सरकारी परिसरों का उपयोग करने वाले व्यक्तियों से किराया वसूल करने, आवंटन निरस्त करने या फिर उक्त सरकारी संपत्ति से संबंधित व्यक्ति को बेदखल करने के लिए 1956 का अधिनियम प्रभावी था।

समय के साथ कई नए आयाम और मुद्दे उत्पन्न हुए हैं। जो वर्तमान अधिनियम में शामिल नहीं। जिस वजह से लीज पर आवंटित सरकारी भूमि को खाली कराने, लीज किराये का पुनर्निर्धारण करने तथा बकाया लीज वसूली में कठिनाई होती थी।

उन्होंने सदन में पेश बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक 2024 का हवाला देकर कहा कि इस विधेयक में सारे प्रविधान किए गए हैं। नए प्रविधान प्रभावी होने से सरकारी परिसर पर कब्जे की आशंका को कम किया जा सकेगा।

आवश्यकता के आधार पर सरकार नियम अवधि के लिए सरकारी परिसर को सरकारी, अद्र्ध सरकारी, वैधानिक संस्थाओं को आवंटित कर सकेगी। बाद में विपक्ष की गैर मौजूदगी में विधेयक को ध्वनि मत से पारित किय गया।

छाड़ी नदी की सफाई कर गंगा नदी से जोड़ने की सदन में उठी मांग

दूसरी ओर, गोपालगंज शहर के बीचोंबीच होकर गुजरने वाली छाड़ी नदी की सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है। ऐसे में इस कार्य को जल्द पूरा कर छाड़ी नदी को गंगा नदी से जोड़ने की मांग विधानसभा में सदर विधायक कुसुम देवी ने उठाई।

उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री सुबाष सिंह की तरफ से इस योजना को पास कराने कार्य जल संसाधन विभाग से कराया गया था। इस पर कई महीनों से सफाई कार्य चल रहा है। सफाई का कार्य कुछ ही जगहों पर शेष बच गया है। इसे जल संसाधन विभाग की तरफ से पूरा नहीं किया गया।

वहीं, जल संसाधन विभाग की तरफ से इस योजना को जल्द से जल्द पूरा कराने का भरोसा दिया गया। सदर विधायक कुसुम देवी ने बताया कि छाड़ी नदी गंदगी का शिकार हो चुकी है।

ऐसे में इसकी सफाई के साथ हीरापाकड़ में बने रहे स्लुइस गेट को चालू कराने का कार्य भी होना चाहिए, ताकि लोगों को इससे राहत मिल सके। साथ ही सारण बांध पर सड़क बनाने की मांग भी सदर विधायक की तरफ से विधानसभा के माध्यम से जल संसाधन विभाग से की गई।

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Dainik Jagran - November 27, 2024 - 6:23pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव भले ही अगले साल हों, मगर क्षेत्रीय स्तर पर वोटों को साधने की जुगत शुरू हो गई है। मिथिलांचल में अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए राजद ने अब नया शिगूफा छोड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधानपरिषद के अंदर और बाहर दोनों जगह अलग मिथिला राज्य बनाने की इच्छा जाहिर की है।

दरअसल, संविधान दिवस पर केंद्र सरकार ने संविधान की प्रति का मैथिली भाषा में अनुवाद किया है, जिससे बिहार भाजपा के नेता गदगद हैं। बुधवार को विधानपरिषद में भाजपा नेता मिथिला की विशेष टोपी पाग पहनकर सदन पहुंचे।

सदन के अंदर मंत्री हरि सहनी के साथ घनश्याम ठाकुर, संजय मयूख समेत अन्य भाजपा सदस्यों ने संविधान का मैथिली भाषा में अनुवाद करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया।

मंत्री हरि सहनी ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो मैथिली भाषा को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल किया गया अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान का अनुवाद मैथिली भाषा में कराकर इसे सम्मान दिया है।

राज्य सरकार ने मैथिली को शास्त्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने की अनुशंसा भी की है। अभी भाजपा नेता यह सब कह ही रहे थे कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अचानक से खड़ी हो गईं।

मैथिली भाषा को सम्मान मिलने से हम भी खुश हैं- राबड़ी

उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा को सम्मान मिलने से हम भी खुश हैं मगर मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग करनी चाहिए। जब सदन के बाहर पत्रकारों ने राबड़ी देवी से पूछा कि आपने अलग मिथिलांचल की मांग की है, तो उन्होंने कहा कि हां, कहा है।

राबड़ी ने कहा कि मोदी जी ने मैथिली भाषा को सम्मान दिया, ठीक है मगर मिथिला को अलग राज्य बनाना चाहिए।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राबड़ी देवी के मिथिलांचल वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हाथी के दांत खाने के और होते हैं, दिखाने के और। राबड़ी देवी का बयान सिर्फ दिखावे के लिए है।

जरूरी बात
  • मालूम हो कि मिथिलांचल का इलाका एनडीए का गढ़ रहा है।
  • हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भी हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, उजियारपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत अधिसंख्य सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार विजयी रहे हैं।
  • राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि राबड़ी देवी का मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग भविष्य की राजनीति का संकेत है। राजद इसी बहाने एनडीए के गढ़ में सेंधमारी का रास्ता बनाना चाह रहा है।

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Dainik Jagran - November 27, 2024 - 2:50pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में गरीब परिवारों के लिए स्वीकृत और अधूरे पड़े एक लाख एक हजार 704 आवासों का निर्माण कार्य जल्द पूरा करा लिया जाएगा। इस चालू वित्तीय वर्ष में ही इन आवासों का निर्माण कराने का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है।

बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बिहार विधानसभा की पहली पाली में प्रश्नोत्तर काल में दी। सदन में विधायक जिवेश कुमार ने प्रश्न पूछा था।

मंत्री श्रवण कुमार ने सदन को क्या बताया?

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सदन को बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 की अवधि में राज्य में इंदिरा आवास योजना के तहत कुल 18 लाख तीन हजार 871 लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में राशि दी गई, जिन्हें पूर्ण कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित था।

अबतक 17 लाख दो हजार 167 आवासों का निर्माण पूरा कराया जा चुका है। वर्तमान में एक लाख एक हजार 704 आवास का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इनमें से कुछ लाभुकों की मृत्यु हो चुकी हैं तो कुछ लाभुक राज्य से अन्य राज्यों में पलायन कर गए हैं।

इन सबकी समीक्षा कराकर लाभुकों को आवास निर्माण पूरा कराकर सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन लाभुकों को प्रथम किस्त का भुगतान किया गया है, उनकी ही आवास का अग्रेतर किस्त का भुगतान करते हुए निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा।

हर हाल में 15 दिसंबर तक पूर्ण कर लें आवास
  • बगहा में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रदीप कुमार ने आवास सहायक और पर्यवेक्षक के साथ बैठक की।
  • बैठक में प्रधान सचिव लोकेश कुमार के आदेश के आलोक में हर हाल में 15 दिसंबर तक सभी आवाज को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया।
  • बीडीओ ने बताया कि 755 आवास 2024 25 में आवास उपलब्ध है।
  • प्रथम किस्त में 696 राशि लाभुकों, दूसरी किस में 334 लाभों के खाते व तीसरी किस में मात्र 53 लाभुकों के खाते में राशि भेजी गई है।
  • अब तक मात्र 39 आवास पूरा हुए हैं। ऐसे में आप लोग लाभुकों से संपर्क करते हुए डोर टू डोर जाकर जनप्रतिनिधियों के सहयोग से लाभुकों को आवास पूरा करने के लिए जागरूक करें।
  • प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सभी को चेतावनी दी है कि किसी भी लाभुक से अगर अवैध वसूली की गई, ऐसे कर्मियों पर प्राथमिक की दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाएगी।
  • पूर्व में आवास योजना की राशि 1 लाख 30 हजार थी। अब दस हजार राशि कम कर दी गई है।
  • महंगाई को देखते हुए लाभुकों को भवन बनाने में बड़ी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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