Bihar News
फोर लेन पर दर्दनाक हादसा, सड़क पर खड़ी हाईवा से टकराई कार, बेगुसराय में तैनात लिपिक की हुई मौत
संवाद सहयोगी, बाढ़। बाढ़ थाना क्षेत्र के सलालपुर गांव के निकट शनिवार की देर रात्रि एक भीषण सड़क हादसा हुआ है। सड़क हादसे की इस घटना मे बेगुसराय जिले में डीडीसी कार्यालय में तैनात लिपिक की मौत हो गयी।
घटना के बाद कार की परखच्चे उड़ गए। हालांकि, घटना कितने बजे हुई है, यह किसी ने नहीं देखा। इधर अहले सुबह आसपास के ग्रामीण जब सड़क के किनारे घूमने टहलने निकले, तब देखा की एक कार के परखच्चे उड़े थे।
इसके बाद जब कार के अंदर देखा गया, तब लहूलुहान हालत मे एक युवक मृत पड़ा था। इसके बाद घटना की सूचना स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को दी गयी। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम करा परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
पुलिस ने बताया की मृतक की पहचान 33 वर्षीय अभिनंदन प्रकाश के रूप में की गयी है। मृतक मुख्य रूप से पटना जिले के गोविंदपुर गांव का रहने वाला था। वहीं, घटना की सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंची दो युवतियों ने बताया की मृतक से रात्रि के करीब दो बजे तक बातचीत हुई थी।
इसके बाद कुछ पता नहीं था। वह पटना के अनिशाबाद में रहता था। बताया जाता है की मृतक बेगुसराय से पटना के लिए चला था। वहीं, बाढ़ के सलालपुर गांव के निकट फोर लेन पर खराब पड़ा ओवरलोड हाईवा लगा हुआ था।
बताया जाता है की कार स्पीड में थी और खड़े हाईवा में जोरदार ठोकर मार दिया, जिससे कार के परखच्चे उड़ गए। वहीं, घटनास्थल पर ही प्रधान लिपिक ने दम तोड़ दिया।
आसपास बस्ती नहीं होने के कारण सुबह तक कार में ही लहूलुहान हालत में प्रधान लिपिक पड़ा रहा। सुबह जब ग्रामीण घूमने निकले, तब ग्रामीणों की नजर कार पर पड़ी और देखा तब युवक की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है ।
एक दिन पहले भी हादसे मे एक की इसी सड़क पर हुई थी मौतबताते है की शनिवार की सुबह मे ही बख्तियारपुर मोकामा फोर लेन सड़क पर तीन वाहनों की टक्कर में एक महिला की मौत हो गयी थी। जबकि आधा दर्जन लोग जख्मी हो गए थे।
जिनका उपचार पटना में चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि फोर लेन सड़क बनने के बाद इस सड़क पर बख्तियारपुर से मोकामा के बीच कई सड़क हादसे हुए हैं। जिसमे दर्जनों लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
सड़क पर लाईट नहीं होने और ओवर स्पीड तथा जहां-तहां वाहनों के कतार लगे होने के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं।
RCP Singh ने क्यों थामा प्रशांत किशोर का हाथ? जदयू नेता ने बताई वजह; नए बयान से बिहार में तेज हुई सियासत
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर तंज करते हुए कहा कि सियासी वजूद को पुनर्जीवित करने जनसुराज की शरण में पहुंचे हैं आरसीपी सिंह। जनसुराज के दरवाजे पर दस्तक देना आरसीपी के समाप्त हो चुके सियासी अस्तित्व का जीता जागता उदाहरण है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि निजी स्वार्थ और विश्वासघात की राजनीति करने वालों का अंजाम ऐसा ही होता है। जो व्यक्ति कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश में जुटा था आज वह अपने राजनीतिक पुनर्जीवन की तलाश में भटक रहा है।
यह स्थिति उस कहावत को चरितार्थ करता है कि जैसी करनी, वैसी भरनी। आरसीपी और पीके की जोड़ी वैसी ही है जैसे बिन डाेर की पतंग। ऐसे पतंग को न ऊंचाई मिलती है और न ही उड़ान।
दोनों अपनी साख बचाने की जुगत में हैं, लेकिन यह प्रयास बेनतीजा ही साबित होगा। बिहार की जनता इन दोनों के चाल, चरित्र और चेहरे को भली-भांति पहचानती है।
संजय झा के नेतृत्व में आतंकवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करेगा भारत : जदयूजदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने शनिवार को कहा कि जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य संजय झा के नेतृत्व में आतंकवाद के विरुद्ध भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से आवाज बुलंद करेगा।
केंद्र सरकार द्वारा गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संजय झा को देना समस्त प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतिनिधिमंडल नहीं बल्कि भारत की ओर से विश्व को दिया गया संदेश है कि आतंकवाद के अंधकार में भारत उम्मीद की एक दृढ़, सक्षम और नेतृत्वकारी रौशनी बनकर खड़ा है।
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Bihar: 'नए अफसर बने हो इत्मीनान से रहो...', CM नीतीश के गांव में घुसने से रोका तो PK की SDM से हुई तीखी बहस
डिजिटल डेस्क, पटना। जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर काफी एक्टिव हैं। चुनाव को लेकर उनकी 'हस्ताक्षर अभियान' चला रही है।
इस अभियान के दौरान प्रशांत किशोर रविवार को अपने तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ नालंदा जिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह गांव कल्याण बिगहा में प्रवेश कर रहे थे, लेकिन उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया गया।
सीएम नीतीश के गांव में उनको रोके जाने पर एसडीएम के साथ प्रशांत किशोर की तीखी बहस हुई। पीके ने एसडीएम को जमकर सुनाया।
प्रशांत किशोर ने अफसर से कहा कि क्या आप मुझे गांव में घुसने से रोकेंगे? क्या मुझे गांव में जाने के लिए आपकी अनुमति की जरूरत है?
क्या आप लोगों को इकट्ठा करके मुझे धमका रहे हैं- प्रशांतपीके ने कहा कि जब मैं दूसरे गांवों में गया था तो क्या वहां कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं थी? मैं चाहता हूं कि आप लिखकर दें, फिर मैं वापस आ चला जाऊंगा। क्या आप लोगों को इकट्ठा करके मुझे धमका रहे हैं? आप नेता बनना चाहते हैं?
प्रशांत किशोर ने एसडीएम से कहा कि आपसे ज्यादा पढ़े-लिखे हमारे साथ हैं। हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं।
बहस के दौरान प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि नए अफसर बने हो इत्मीनान से रहो। रोकने का कारण लिखकर दोगे तो नौकरी चली जाएगी।
#WATCH | Jan Suraaj Party founder Prashant Kishor was stopped from entering Kalyan Bigha - CM Nitish Kumar's home village in Nalanda district during his party's 'signature campaign'.
In a verbal exchange with the SDM, Prashant Kishor can be heard saying, "...Will you stop me… pic.twitter.com/J84Fs10QZ8
— ANI (@ANI) May 18, 2025 एसडीएम ने क्या कहा?उधर, प्रशांत किशोर के सवालों का जवाब देते हुए एसडीएम ने कहा कि आपको गांव में घुसने से पहले अनुमति लेने की आवश्यकता है क्योंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।
एसडीएम ने आगे कहा कि लोगों ने कानून व्यवस्था को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। अगर मेरा इरादा आपको रोकने का होता तो मैं आपको बिहारशरीफ में ही रोक लेता।
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Bihar News: बिजली की कटौती के बीच उपभोक्ताओं को मिली बड़ी खुशखबरी, मिनटों में मिलेगा शिकायत का समाधान
राज्य ब्यूरो, पटना। बारिश और आंधी-तूफान का असर बिजली पर भी देखने को मिलता है। तेज हवाओं की वजह से बिजली के खंभे टूट जाते हैं, जिसकी वजह से घंटों तक बिजली आपूर्ति बाधित रहती हैं। इन स्थितियों से निपटने के लिए ऊर्जा सचिव पंकज पाल ने बिजली बाधित होने की शिकायत का समाधान 30 मिनट के अंदर करने का निर्देश पेसू के इंजीनियरों को दिया है।
ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर बैठक का हुआ आयोजनपेसू द्वारा पटना और इसके आसपास के इलाके में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था देखी जाती है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के निर्देश पर शनिवार को इस बारे में ऊर्जा सचिव ने बैठक की। बैठक में एसबीपीडीसीएल के एमडी महेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
फ्यूज कॉल सेंटर होंगे सशक्तऊर्जा सचिव ने कहा कि उपभोक्ता सेवा की गुणवत्ता में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक है। इसके लिए फ्यूज कॉल सेंटर को तकनीकी दृष्टिकोण से और अधिक सशक्त बनाया जाए ताकि उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निवारण किया जा सके।
फ्यूज कॉल सेंटर की संख्या भी बढ़ाई जाएगीउन्होंने यह निर्देश दिया कि वर्तमान में काम कर रहे फ्यूज कॉल सेंटर की संख्या को बढ़ाया जाए। कॉल सेंटरों की कार्यक्षमता का पुनर्मूल्यांकन कर नए केंद्र स्थापित किए जाएं। आपात स्थिति में बिजली व्यवस्था को ठीक करने के लिए गाड़ियों की संख्या को बढ़ाया जाए।
बैठक के दौरान पेसू के अधिकारियों ने अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने की बात कही। ऊर्जा सचिव ने इस बारे में यथाशीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया। समयबद्ध तरीके से इस काम को पूरा किए जाने का निर्देश दिया।
ऊर्जा सचिव ने यह निर्देश दिया कि शिकायतों की मॉनीटरिंग के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली को विकसित किया जाए। इससे वरिष्ठ अधिकारियों को रियल टाइम फीडबैक उपलब्ध हो सकेगा।
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Bihar Election 2025: चुनावी तैयारियों में जुटी कांग्रेस, कुमार गौरव को दी ये बड़ी जिम्मेदारी
राज्य ब्यूरो, पटना। चुनावी तैयारियों को तेजी से आगे बढ़ाती प्रदेश कांग्रेस ने अब चुनावी वार रूम का गठन कर दिया है। वार रूम में नए अध्यक्ष की नियुक्ति भी कर दी गई है।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से तकनीकी वार रूम गठन के बाद इस वार रूम के संचालन के लिए अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को सौंपा था।
जिस पर विचार करने के बाद पार्टी ने कुमार गौरव को वार रूम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आदेश जारी कर दिए हैं।
कांग्रेस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने फिलहाल तकनीकी वार रूम का गठन किया है। जिसमें अधिकांश केंद्रीय स्तर के पार्टी नेता शामिल हैं। पार्टी ने दावा किया है कि चुनावी घोषणा के बाद पार्टी के स्थानीय स्तर के नेताओं को शामिल करते हुए अलग से एक वार रूम गठित किया जाएगा।
जो पार्टी के लिए प्रचार, बूथ प्रबंधन, नेताओं की चुनावी सभाओं का प्रबंधन देखेगा। फिलहाल वार रूम का कार्य पार्टी द्वारा जारी किए गए क्यूआर कोड के जरिये प्राप्त हो रहे टिकट अभ्यर्थियों के आवेदन की स्क्रीनिंग है।
बता दें कि पार्टी ने इस चुनाव टिकट वितरण को लेकर लगने वाले आरोपों से बचने के लिए क्यूआर कोड से आवेदन की प्रक्रिया बहाल की है। टिकट की उम्मीद करने वाले नेताओं ने इस कोड के जरिये आवेदन करने शुरू कर दिए हैं।
Bihar News: बिहार के 9 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में बड़े बदलाव की तैयारी, बनेगी भाषा की प्रयोगशाला
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के सभी 9463 सरकारी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भाषा की भी प्रयोगशाला होगी, जिसमें विद्यार्थी अपने भाषायी ज्ञान के विविध आयामों को सृजनात्मक रूप देंगे। भाषा की प्रयोगशाला में पुस्तकालय एवं कंप्यूटर की भी व्यवस्था होगी।
रचनात्मक लेखन कौशल का होगा विकासउसमें सृजनात्मक कार्य के तहत विद्यार्थी कविता लिखेंगे, अनुभव लिखेंगे। कहानियों पर केंद्रित चित्र बनाएंगे। दैनिक जीवन के अनुभवों को लिखेंगे। साक्षात्कार लेंगे। कार्टून बनाएंगे। लघु नाटक लिखेंगे। ऐसे ही दूसरे सृजनात्मक कार्य भी विद्यार्थियों द्वारा विकसित किए जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा के स्तर के विद्यालयों में भाषा प्रयोगशाला की आवश्यकता बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2025 में महसूस की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि विद्यालयों में भाषा प्रयोगशाला का अभाव रहा है। इसके कारण विद्यार्थी भाषायी दक्षता सही ढंग से विकसित नहीं कर पाते हैं।
2025 तक रूपरेखा तैयार करने का लक्ष्यबिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2025 तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने कहा है कि विद्यालयों में प्रारंभिक स्तर से ही भाषा कौशल के विकास के लिए भाषा प्रयोगशाला की व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे बच्चे विविध श्रव्य-दृश्य सामग्री इत्यादि का उपयोग कर अपनी भाषायी दक्षता का पर्याप्त विकास कर सकते हैं।
भाषा शिक्षण को रूचिकर बनाने की आवश्यकता जताते हुए स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध बाल साहित्य को लिपिबद्ध करने एवं साहित्य सृजन की जरूरत है। बाल साहित्य की भाषा सरल एवं सहज रखने की भी आवश्यकत्ता है। दक्षता आधारित भाषा शिक्षण की व्यवस्था की जरूरत है।
यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि विद्यालयों में शिक्षकों का जोर भाषाओं की पाठ्यपुस्तकों की सामग्री को पूरा करने पर ज्यादा रहता है। इससे दक्षता आधारित प्रतिफल की प्राय उपेक्षा होती है। इस बात की भी जरूरत है कि पुस्तकालयों में बच्चों के लिए पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2025 में कहा गया है कि भाषा शिक्षण को रूचिकर बनाने के लिए प्रभावी शैक्षणिक रणनीति विकसित करने की जरूरत है। बच्चों को संप्रेषण कला में दक्ष बनाने के लिए सुनने-सुनाने अर्थात सार्थक संवाद का पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए।
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Bihar News: बिहार के इन दो जिलों के लोगों के लिए खुशखबरी, मिलेगा शुद्ध पानी; 250 करोड़ रुपये से अधिक होंगे खर्च
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के दो जिलों को जल्द केंद्र प्रायोजित अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत 2.0) से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी। जिन जिलों का चयन योजना के लिए किया गया है उनमें दरभंगा और औरंगाबाद शामिल हैं। इस पूरी योजना पर दो जिलों को मिलाकर ढ़ाई सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होगी। प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है।
72.44 करोड़ रुपये से अधिक की राशि होगी खर्चनगर विकास एवं आवास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार औरंगाबाद जलापूर्ति योजना के तहत 135.100 किमी जल वितरण नेटवर्क विकसित किया जाएगा, जिसके तहत 14225 लोगों को पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
सरकार का प्रयास है कि औरंगाबाद के शहरी क्षेत्रों में रहने वाली संपूर्ण आबादी को शुद्ध पीने का पानी मिल सके। इस परियोजना के लिए 72.44 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।
186.15 करोड़ से अधिक की लागत से सुनिश्चित होगी पेयजल की आपूर्तिदूसरी ओर दरभंगा शहर के 211 किमी क्षेत्र में लोगों को पेय जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम होगा। योजना के तहत 24183 घरों को पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य है।
घरों तक आसानी से पानी पहुंचे इसके लिए 16 ट्यूबवेल, इतने ही क्लोरीनेटर प्रणाली के साथ पंप हाउस, छह जल मीनार, छह जल मीनार कैंपस, 20.30 किमी राइजिंग मेन विकसित किए जाएंग। इस परियोजना पर करीब 186.15 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी।
बक्सर में सीवरेज नेटवर्क होगा तैयार, खर्च होंगे 255 करोड़दो शहरों में पेय जलापूर्ति के साथ ही सरकार बक्सर में सीवरेज नेटवर्क भी तैयार किया जाएगा। इस परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है। परियोजना पर 255.88 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बक्सर सीवरेज नेटवर्क योजना के तहत जिले के 28 वार्डों के 14750 घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। यह नेटवर्क करीब 112 किमी का होगा। नेटवर्क के लिए दो मध्यम वर्ग के पंपिंग स्टेशन और 1075 राइजिंग मेन का काम किया जाएगा।
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Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले बढ़ी PK की ताकत, जसुपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह
पीटीआई, पटना। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने की सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जन सुराज पार्टी (जसुपा) का दामन थाम लिया है। आरसीपी सिंह के जसुपा में शामिल होने के साथ ही उनकी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का भी जसुपा में विलय हो जाएगा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे RCP सिंहपूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह राजनीति में आने से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे चुके हैं। वे 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी थे। उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और फिर IAS में चयनित हुए।
पीके के विचारों से प्रभावित होकर जसुपा में शामिल हुएपूर्व केंद्रीय मंत्री RCP सिंह जन सुराज पार्टी के विचारों से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ ही उनके कई समर्थक भी जसुपा में शामिल हो गए। RCP सिंह के राजनीतिक अनुभव से पीके की पार्टी को आगामी चुनाव में मजबूती मिलेगी।
सात महीने पहले किया पार्टी का गठनआरसीपी सिंह ने सात माह पहले आप सबकी आवाज (आसा) का गठन किया था। इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि बिहार कि 140 विधानसभा सीटों पर उनके मजबूत प्रत्याशी हैं। उनकी पार्टी इन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी के गठन के महज 7 महीने बाद ही अब आरसीपी सिंह ने जसुपा का दामन थाम लिया है।
Bihar News: शराब तस्करी का हॉटस्पॉट बने छोटे स्टेशन, रात के अंधेरे में उतरती है खेप
जागरण संवाददाता, पटना। बड़े रेलवे स्टेशनों पर सतर्कता और चेकिंग बढ़ने से शराब तस्कर अब छोटे रेलवे स्टेशन का रुख कर रहे हैं। ट्रेनों में लावारिस हालत में बैग में शराब रखने वाले तस्कर ऐसे स्टेशनों के करीब आते ही तय ठिकाने पर चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दे रहे। जहां मौजूद गिरोह के अन्य सदस्य शराब भरे बैग को उतारकर तय ठिकाने पर पहुंचा रहे।
विरोध करने पर ट्रेन में पथरावइस दौरान अगर कोई यात्री इसका विरोध कर रहा तो तस्कर उनके साथ झड़प से लेकर ट्रेनों पर पथराव करने से भी नहीं चूक रहे। गिरोह चेन पुलिंग भी ऐसी जगह कर रहा है, जहां पुलिस न हो या फिर स्टेशन दूर है। हाल के दिनों में पटना में इस तरह की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसमें पथराव से लेकर झड़प की शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
बैग को लावारिस हालत में छोड़कर दूर से रखते नजरपिट्ठू बैग, ट्राली बैग और झोले में शराब पैक कर उसे ट्रेन के शौचालय के आसपास या सीट के नीचे कही रख देते है और दूर से नजर रखते हैं। रास्ते में कहीं चेकिंग हुई तो रेल पुलिस शराब तो बरामद करती है, लेकिन तस्कर पकड़ में नहीं आते हैं। अक्सर यह खेल रात में होता है।
स्टेशन से पहले तस्कर उतार लेते हैं बैगछोटे रेलवे स्टेशन के पहले तय स्थान या आउटर पर पहुंचते ही चेन पुलिंग कर शराब से भरे बैग को उतार लिया जाता है। तस्करी में महिलाओं का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
शुक्रवार को दानापुर रेलवे स्टेशन पर गोड्डा सुपरफास्ट से बैग में शराब के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही उसी गाड़ी की अगल-अलग बोगियों से बैग, ट्राली बैग और पिट्ठू बैग को लावारिस हालत में बरामद किया गया था, जिसमें से कुल 98 लीटर शराब बरामद की गई।
केस-1सिपारा रेलवे गुमटी के पास पुलिस पर पथराव
आठ अप्रैल को परसा रेलवे स्टेशन के सिपारा रेलवे गुमटी के पास तस्करों ने बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस चेन की पुलिंग कर ट्रेन रोक दी। दर्जन भर से अधिक तस्कर शराब की खेप उतारने लगे। ट्रेन में मौजूद एस्कार्ट पार्टी ने जब उन्हें पकड़ने का प्रयास किया तो अपराधी पथराव करते हुए फरार हो गए।
केस-2राजेंद्र नगर-गुलजारबाग स्टेशन के बीच पथराव
11 मई को राजेंद्रनगर-गुलजारबाग स्टेशन के बीच गुरुमुखी एक्सप्रेस की चेन पुलिंग कर तस्करों ने शराब की खेप उतारी। जब इसका यात्रियों ने विरोध किया तो तस्करों ने ट्रेन पर ही पथराव शुरू कर दिया। इससे कारण ट्रेन की एसी बोगी की खिड़की के कई शीशे टूट गए थे।
केस-3बिहटा स्टेशन के पहले ट्रेन में यात्रियों से मारपीट
चार मई को रक्सौल कर्मभूमि एक्सप्रेस दिल्ली से पटना आ रही थी। बिहटा स्टेशन के पास चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी गई। यात्रियों से मारपीट की गई। गाड़ी खुलने पर फिर से चेन पुलिंग की गई और इस बार 15 से 20 कार्टन शराब उतारी गई। एक की गिरफ्तारी हुई है।
शराब तस्करी के विरुद्ध रेल पुलिस का ऑपरेशन रेडरेल पुलिस का दावा है कि अवैध शराब एवं शराब तस्करी के विरुद्ध आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ट्रेनों में ऑपरेशन रेड चला रही है। इसके तहत पुलिस ट्रेन की सभी बोगियों में चेकिंग कर रही है।
शुक्रवार को दानापुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की चेकिंग क्रम में एक महिला को ट्राली बैग एवं पिट्ठू बैग साथ उतरते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। बैग से 22 लीटर शराब बरामद की गई।
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Bihar Weather Today: बिहार में फिर दिखेगा मौसम का रौद्र रूप, 5 जिलों में आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश की चेतावनी
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: प्रदेश के मौसम में बदलाव के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार राजधानी समेत प्रदेश के आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मेघ गर्जन, वज्रपात के साथ तेज हवा चलने की संभावना है। दक्षिण-मध्य, दक्षिण-पूर्व भागों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात और 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है।
इन 5 जिलों में भारी बारिश की चेतावनीसुपौल, दरभंगा, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जिले के एक या दो स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी है। उत्तर-पूर्व भागों में आंधी-पानी को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार की राजधानी पटना समेत अपने जिले के मौसम का हाल जानने के लिए यहां क्लिक करें।
24 घंटे के बाद अगले दो से तीन दिनों के दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 26 जिलों मे वर्षा, आकाशीय बिजली की आशंका जताई है। 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि 14 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
4 दिनों तक आंधी-बारिश के आसारशनिवार को पटना व आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। वहीं, औरंगाबाद में दोपहर डेढ़ बजे के बाद अचानक मौसम में बदलाव आने के साथ तेज वर्षा हुई। अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई हिस्से में आंधी-पानी और ठनका गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
शनिवार को पटना का अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 41.9 डिग्री सेल्सियस के साथ गया सबसे गर्म शहर रहा। शनिवार को पटना सहित जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
किशनगंज के चरघरिया में हुई 70.2 मिमी बारिशबीते 24 घंटों के दौरान किशनगंज, पूर्णिया, अररिया,सुपौल, मधुबनी के अलग-अलग भागों में वर्षा दर्ज की गई। किशनगंज के चरघरिया में 70.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि पूर्णिया के बैसा में 54.2 मिमी, अररिया में 48.2 मिमी, नरपतगंज में 21 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 35.5 26.3 गया 41.9 27.0 भागलपुर 32.9 24.5 मुजफ्फरपुर 32.0 24.7ये भी पढ़ें
बीएन कालेज पहुंचे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, बम लगने से छात्र की मौत के लिए जिम्मेदार पर चुप्पी
जागरण संवाददाता, पटना। राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां बम से घायल छात्र सुजीत कुमार पांडेय की मौत से जुड़ी घटना की विस्तृत जानकारी के लिए शनिवार को अचानक बीएन कालेज पहुंचे। एक घंटा 10 मिनट तक परिसर में रहकर घटना से जुड़ी हर जानकारी विश्वविद्यालय, जिला व पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों से प्राप्त की।
छात्रों की हत्या किसी सूरत में मान्य नहींकुलाधिपति ने कहा कि एक साल में विश्वविद्यालय में दो छात्रों की हत्या किसी भी सूरत में मान्य नहीं है। इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं? कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह और डीएसडब्ल्यू प्रो. अनिल कुमार ने कहा कि माहौल खराब करने में बाहरी असामाजिक तत्व भी शामिल हैं।
25-30 बाहरी तत्व खराब कर रहे हैं माहौलपटना ला कालेज में हर्ष राज की हत्या में आरोपित छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है। 25-30 बाहरी तत्व माहौल को खराब कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि उनका नाम बताएं। इस पर डीएसडब्ल्यू ने कहा कि यह संभव नहीं है। सिटी एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अज्ञात पर प्राथमिकी के लिए आवेदन देता है। काफी पूछताछ के बाद मामले में शामिल छात्रों का नाम बताया जाता है।
हत्या कोई सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकताराज्यपाल ने कहा कि विद्या के मंदिर में छात्र की हत्या कोई सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता है। इसके दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को देखने और समझने के बाद एक बात पक्की है कि ऐसा वातावरण बन गया है, जिनके ऊपर अनुशासन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी है, वह भी आपराधिक तत्वों से भय का अनुभव कर रहे हैं।
छात्रावास में अवैध कब्जा करके कमरों में आपराधिक प्रवृत्ति वाले भी बैठे हुए हैं। इसका प्रभाव वैध छात्रों पर भी पड़ता है। माहौल खराब करने वालों को विश्वविद्यालय प्रशासन चिह्नित करेंगे और राजभवन उनके ऊपर कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा।
माता-पिता और गुरु के प्रति सम्मान जरूरीबीएन कालेज हास्टल में राज्यपाल ने कहा कि माता-पिता और गुरु के प्रति सम्मान नहीं है तो वह भारतीय नहीं है। छात्रों को अपने पुत्र की नजर से शिक्षक देखें। छात्र का प्रथम स्वभाव ही अनुशासन और शिक्षकों का सम्मान है।
खाली कमरे सील करें, तोड़ने पर राजभवन को सूचित करेंराज्यपाल हास्टल पहुंचे तो अवैध रूप से रह रहे लोगों के कपड़े रस्सी पर फैले दिखे। उन्होंने कहा कि कुछ कमरे में ताला है और कुछ ऐसे ही हैं। जब अलाटमेंट नहीं है तो विश्वविद्यालय प्रशासन भी एक-एक कमरे में अपना ताला लगाकर सील बंद करें।
यदि कोई इसे तोड़ता है तो प्रशासन के साथ तत्काल इसकी जानकारी राजभवन को दें। पुलिस प्रशासन से पूछा कि अवैध रहने वालों पर कार्रवाई कब-कब की गई। गांधी मैदान थानेदार ने बताया कि सुबह ही छोपमारी हुई है। पुलिस देखकर बाउंड्री फांदकर लोग भाग गए।
छात्रों को पढ़ाया अनुशासन का पाठकुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह, कुलसचिव प्रो. शालिनी, डीएसडब्ल्यू प्रो. अनिल कुमार, प्राक्टर प्रो. मनोज सिन्हा ने एक स्वर में कहा कि छात्र विश्वविद्यालय के पदाधिकारी और शिक्षकों से दुर्व्यवहार करते हैं। इस पर कुलाधपति ने छात्रसंघ अध्यक्ष मौथिली मृणाली और छात्र प्रतिनिधियों से कहा कि यह किसी भी सूरत में मान्य नहीं होगा। छात्रों को अनुशासन में रहना होगा।
यदि शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं सुने तो राजभवन आकर मिलें। शिक्षक से कोई दुर्व्यवहार कैसे कर सकता है। छात्रसंघ अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारी समस्याएं लेकर जाने पर मिलते नहीं हैं। इस कारण कभी-कभी कुछ छात्र आक्रोशित हो जाते हैं। छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि 13 मई को घटना घटी, लेकिन दो-ढाई किलोमीटर की दूरी होने के बाद भी कुलपति, डीएसडब्ल्यू, रजिस्ट्रार और प्राक्टर कुलाधपित के आने की सूचना पर शनिवार को पहुंचे हैं। इससे घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की संजीदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
घायल छात्र पीएमसीएच में था लावारिस13 मई को स्नातक के छात्र सुजीत कुमार पांडेय बम से जहां घायल हुआ था, वहां राज्यपाल लगभग 45 मिनट तक रहे। घटना की विस्तृत जानकारी प्राचार्य प्रो. राजकिशोर प्रसाद और सिटी एसपी स्वीटी सहरावत ने दी। पुसु अध्यक्ष ने कहा कि घालय छात्र को पीएमसीएच में लावारिस के रूप में भर्ती कराया गया था। इस पर प्राचार्य ने कहा कि आक्रोशित छात्रों ने उन्हें कक्ष में बंद कर दिया था। जिस कारण वह घायल छात्र के साथ पीएमसीएच नहीं जा सके। पुलिस की मदद से वह कुछ देर बाद पीछे वाले गेट से पीएमसीएच पहुंचे थे।
पटना में पुलिस भी सुरक्षित नहीं, वर्दी वाली से छीन लिया मोबाइल; कई महिलाओं के पर्स उड़ाए
जासं, पटना। ड्यूटी कर रेल पुलिस केंद्र लौट रही महिला पुलिसकर्मी का उचक्के ने मोबाइल झपट लिया और फरार हो गया। वारदात फ्रेजर रोड में सम्राट होटल के पास हुई। पीड़ित सपना कुमारी की लिखित शिकायत पर कोतवाली थाने में प्राथमिकी की गई है। थानेदार राजन कुमार ने बताया कि आरोपित की पहचान के लिए सीसी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
रेल पुलिस में परिचारी के पद पर हैंबताया जाता है कि सपना कुमारी रेल पुलिस में परिचारी के पद पर हैं। गुरुवार को भोर में सवा चार बजे वह पटना जंक्शन से ड्यूटी कर छज्जुबाग स्थित रेल पुलिस केंद्र लौट रही थीं। तभी पीछे से बाइक सवार दो युवक आए और हाथ से मोबाइल झपट लिया।
इसके बाद आरोपित तारामंडल की तरफ भाग निकले। बाइक के पीछे बैठे युवक ने काले रंग की टी-र्शट और जींस पहन रखी थी। आपाधापी के बीच वह बाइक का नंबर नहीं देख पाई।
पांच महिला यात्रियों का उड़ा दिया पर्सइधर, उचक्कों ने पटना जंक्शन और पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली ट्रेनों से पांच महिला यात्रियों का पर्स और बैग गायब कर दिया। पटना जंक्शन के फुटओवर ब्रिज से एक बच्चे के गले से सोने का लाकेट काट लिया। सभी मामलों में पाटलिपुत्र और पटना जंक्शन रेल थाना पुलिस केस दर्ज कर छानबीन में जुट गई है।
पाटलिपुत्र स्टेशन के आसपास कई के साथ वारदातभागलपुर के नवगछिया निवासी दीपक कुमार पत्नी और बेटे के साथ नवगछिया स्टेशन से सीमांचल एक्सप्रेस में सवार हुए और आनंद विहार स्टेशन जा रहे थे। पाटलिपुत्र स्टेशन के आसपास महिला का पर्स गायब हो गया। उसमें करीब 4 लाख रुपये की ज्वेलरी और 40 हजार नकद था।
पायल, दो मोबाइल, 5 हजार नकद किए पारवैशाली निवासी शंभू साह परिवार के साथ एलटीटी रक्सौल से हाजीपुर के लिए सफर कर रहे थे। पाटलिपुत्र स्टेशन से ट्रेन खुलने पर देखा कि पर्स गायब है। उसमें पायल, दो मोबाइल, 5 हजार नकद थे। पूर्णिया निवासी कुमार सौरभ पत्नी और पुत्री के साथ जनहित एक्सप्रेस में सवार होकर पूर्णिया से पाटलिपुत्र तक की यात्रा कर रहे थे। यात्रा के क्रम में पर्स चाेरी हो गया।
उसमें दो मोबाइल, स्मार्ट वाच और 25 सौ रुपये थे। झारखंड के कोडरमा निवासी श्रुति कुमारी बक्सर टाटा एक्सप्रेस में सवार थी। पटना जंक्शन पहुंचने पर देखा कि उनका बैग गायब है। उसमें करीब 35 हजार के सामान थे। वहीं पटना जंक्शन पर आरा निवासी अरबेंद्र कुमार बैग गुम हो गया।
बच्चे के गले से चुराया सोने का लॉकेटबैग में पांच अंगूठी, पायल, चेन, कान की बाली सहित अन्य गहने थे। रामकृष्णा नगर निवासी कुंदन कुमार पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर चार के फुटओवर ब्रिज से बाहर निकल रहे थे। एक बदमाश उनके बच्चे के गले से सोने का लॉकेट चुरा लिया।
बिहार के एक हजार थानों में भेजी एक लड़की की तस्वीर, पुलिस के लिए सवाल यह भी कि कहां गए उसके कपड़े
जागरण संवाददाता, पटना। पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर युवती का शव पाइप में डालने के मामले की जांच में पटना पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। आठवें दिन भी युवती की पहचान नहीं हो सकी, जबकि राज्य भर के एक हजार से अधिक थानों में उसकी तस्वीर पहुंच गई है।
30 को होना है नए टर्मिनल भवन का उद्घाटननए टर्मिनल भवन का 30 मई को उद्घाटन होगा। मजदूरों ने भले ही पहले की तरह काम करना शुरू कर दिया है, मगर महिला कर्मियों के बीच अब भी भय का माहौल है। घटनास्थल के पास अकेले जाने से कर्मी सहम रहे हैं। एक महिलाकर्मी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि महिलाओं में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो गई है।
वारदात को अंजाम देने वाले थे अंदर!माना जा रहा है कि मृत युवती बाहरी थी, लेकिन वारदात को अंजाम देने वाले अंदर के ही थे। ऐसे में महिलाएं झुंड बनाकर काम कर रही हैं। वे शौचालय भी अकेले आती-जाती नहीं हैं। यह सोच कर कि हत्यारों की अगला शिकार वह न बन जाए। इधर, सचिवालय एसडीपीओ-1 डा. अनु कुमारी ने बताया कि युवती की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस सभी बिंदुओं पर सूक्ष्मता से जांच कर रही है।
कहां गए महिला के कपड़े?घटनास्थल से पुलिस को युवती का शव और उसकी फटी पेटीकोट के अलावा कुछ नहीं मिला। अब तक उसकी साड़ी, ब्लाउज समेत अन्य कपड़े भी नहीं मिले। क्या हत्यारे ने उन कपड़ों को सड़क की तरफ फेंक दिया था या साथ लेकर गए थे? इसका भी पता नहीं चल पाया है।
सूक्ष्म जांच में दुकान की छाप भी नहींयुवती के गले से मिली सोने की चेन और नथुनी भी पुलिस को उस दुकान तक नहीं पहुंचा सकी, जहां से वे खरीदे गए थे। अमूमन, जेवरात पर आभूषण दुकानदार अपनी दुकान की छाप छोड़ते हैं। यह इसलिए कि ग्राहक से बिल गुम हो जाए तो दुकान का पता चल सके। हालांकि, पुलिस की सूक्ष्म जांच में दुकान की छाप भी नहीं दिख रही।
10 मई की शाम में मिला था शवपटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल से 10 मई की शाम में पुलिस ने पाइप में फंसी युवती का शव बरामद किया था। पुलिस ने पाइप काटकर शव को बाहर निकाला गया था। उसकी आयु लगभग 30 वर्ष बताई गई थी। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे।
एडमिन विभाग में कार्यरत कर्मी ने की शिकायतपुलिस की छानबीन में मालूम हुआ था कि यहां तीन एजेंसियों सेवा दे रही हैं, जिनके माध्यम से महिलाएं काम करती हैं। पुलिस ने उपस्थिति पंजी देखकर सभी महिलाओं से संपर्क किया, लेकिन कोई गायब नहीं मिलीं। पटना एयरपोर्ट के एडमिन विभाग में कार्यरत एम अवेथराम की लिखित शिकायत पर हत्या की प्राथमिकी की गई थी।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने खोज लिए प्रतिभाशाली गेंदबाज, 20 लड़के और पांच लड़कियों में दिखी धार
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से चले रहे गेंदबाजों की खोज अभियान का समापन शनिवार को मोईन-उल-हक स्टेडियम में हुआ। इस अभियान में अंतिम रूप से 25 गेंदबाजों का चयन किया गया।
चार हजार से अधिक ने लिया था हिस्साचयनित गेंदबाजों में पुरुष वर्ग में 20 और महिला वर्ग में पांच खिलाड़ियों का चयन हुआ है। इस राज्यव्यापी चयन प्रक्रिया में बिहार के विभिन्न जिलों से कुल चार हजार से अधिक आवेदकों ने हिस्सा लिया। जिनमें से पुरुष वर्ग में शीर्ष 20 और महिला वर्ग में शीर्ष पांच गेंदबाजों का चयन किया गया।
सलिल अंकोला एवं कार्सन घावरी ने किया चयनइस चयन प्रक्रिया में भारतीय क्रिकेट के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सलिल अंकोला एवं कार्सन घावरी ने बीसीए के चयनकर्ताओं एवं कोचों के साथ मिलकर निर्णायक भूमिका निभाई।
चयनित खिलाड़ियों को दिए गए क्रिकेट शूज एवं बैगइन वरिष्ठ विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों के कौशल का मूल्यांकन कर उत्कृष्ट प्रतिभाओं का चयन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयंत कांत डीआईजी, सीआईडी, बिहार का स्वागत बीसीए के सचिव जिआउल अर्फीन ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया। इस मौके पर चयनित पुरुष वर्ग के शीर्ष 10 गेंदबाजों को जयंत कांत द्वारा क्रिकेट शूज, तथा अन्य चयनित खिलाड़ियों को बैग प्रदान कर सम्मानित किया गया।
बीसीए के पदाधिकारी रहे मौजूदमहिला वर्ग में दो खिलाड़ियों को शूज तथा शेष तीन खिलाड़ियों को बैग दिए गए। इस कार्यक्रम में बीसीए के सचिव जिआउल अर्फिन, वरिष्ठ पदाधिकारीगण जीएम एंटी करप्शन अजीत पांडे, निदेशक क्रिकेट विकास एवं संचालन आनंद यालविगी, प्लेयर रिप्रेजेंटेटिव (पुरुष वर्ग) पवन, क्रिकेट आपरेशन्स एके चंदन, स्पांसर प्रतिनिधि योगेश एवं विजय आदि उपस्थित रहे।
दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षणचयन करने के बाद इन खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुरुष वर्ग में 20 और महिला वर्ग में पांच खिलाड़ियों को कुशल प्रशिक्षक खेल के गुर सिखाएंगे। इन खिलाड़ियों का चयन इनकी प्रतिभा के आधार पर किया गया है।
चयनित गेंदबाजों की सूचीफिरकी गेंदबाज (पुरुष वर्ग) :
अमित कुणाल (लेग स्पिन)
अनमोल कुमार (लेग स्पिन)
शुभम कुमार पाण्डेय (चाइना मैन )
शिवम कुमार पाण्डेय (चाइना मैन )
अमित राज (लेफ्ट आर्म स्पिन )
ऋषु राज (लेग स्पिन )
सागर सक्सेना (आफ स्पिन)
मनीष कुमार (लेग स्पिन )
आरव झा (आफ स्पिन )
आदित्य सिंह (आफ स्पिन )
बादल कुमार (लेग स्पिन )
तेज गेंदबाज (पुरुष वर्ग)
1. रिंकल तिवारी
2. अंकित चौधरी
3. अनु राज
4. अमन आनंद
5. रंजीत कुमार
6. अनुनय नारायण सिंह
7. राहुल कुमार
8. आदित्य कुमार
9. हनी कुमार सिंह
महिला वर्गतेजस्वी सिन्हा
शिल्पी कुमारी
ऋषिका किंजल
प्रीति कुमारी
नूतन सिंह
Rahul Gandhi Bihar Visit: इस महीने के अंत में फिर बिहार आ सकते हैं राहुल गांधी, अब ये है अगली रणनीति
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस महीने के अंत में एक बार फिर बिहार आ सकते हैं।
राहुल गांधी की इस वर्ष यह पांचवी बिहार यात्रा होगी। इसके पहले राहुल गांधी जनवरी, फरवरी, अप्रैल और चौथी बार में इस महीने गुरुवार को दरभंगा और पटना आए थे।
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी का प्रदेश नेतृत्व नालंदा में अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन की तैयारी कर रहा है।
हालांकि यह चर्चा भी है कि राहुल गांधी सीमांचल भी जा सकते हैं। अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन की तिथि को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार आयोजन की कार्ययोजना बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है। प्रदेश नेतृत्व ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि प्रदेश कांग्रेस सम्मेलन करना चाहती है। स्थान और तिथि का अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व करे ताकि आयोजन की सफलता के लिए इंतजाम किए जा सकें।
राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी पर भड़की कांग्रेसलोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के बिहार आगमन के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकी कराए जाने के बाद कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि लोकतंत्र में किसी भी व्यक्ति को किसी से मिलने का स्वतंत्र अधिकार है। बिहार सरकार जबरन संवैधानिक व्यवस्था को तार-तार करने में लगी है।
इस संबंध में विज्ञप्ति जारी करते पार्टी के निलंबित जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि इस तरह के झूठे मुकदमों से न तो राहुल गांधी डरने वाले हैं और न कोई कार्यकर्ता। संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता कृत संकल्पित है।
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प्रशांत किशोर को मिलेगी बड़ी राजनीतिक कामयाबी, पीके का हाथ थामेंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रशांत किशोर (पीके) की उपस्थिति में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह रविवार को जन सुराज पार्टी (जसुपा) का झंडा उठा लेंगे। इसी के साथ उनकी पार्टी आप सबकी आवाज (आसा) का जसुपा में विलय भी हो जाएगा।
सात माह पहले किया था आरसीपी ने आसा का गठनजनता दल यूनाइटेड (जदयू) से अलग होने के बाद लगभग सात माह पहले आरसीपी ने आसा का गठन किया था। तब उन्होंने औरों से अलग व बूथ स्तर तक मजबूत संगठन का दावा करते हुए कहा था कि अभी ही उनके पास 140 सीटों पर मजबूत प्रत्याशी हैं। वे दावे अब राजनीतिक इतिहास हो जाएंगे।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के रहे अधिकारीभारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे आरसीपी को राजनीतिक पहचान नीतीश कुमार की बदौलत मिली, लेकिन समय के साथ मतभेद ऐसा बढ़ा कि उन्हें जदयू से बाहर होना पड़ा। आरसीपी सिंह पूर्व राज्यसभा सांसद तथा राज्यसभा में जनता दल (यूनाइटेड) के संसदीय दल के नेता थे।
जदयू में रहते आरएसएस की तरह संगठन मजबूत करने की बातबता दें कि बीते दिनों जदयू की राजनीतिक सलाहकार समिति की बैठक में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की भी चर्चा हुई थी। दरअसल, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहते आरसीपी सिंह ने भी आरएसएस की तर्ज पर संगठन को मजबूत बनाने की चर्चा की थी। 2021 में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक लाख 11 हजार 111 रुपया चंदा भी दिया था। आरसीपी जदयू से हटे। भाजपा में गए। अब उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली है।
अतरराष्ट्रीय संबंधों में हासिल की मास्टरआरसीपी सिंह ने 1979 में पटना कॉलेज से इतिहास में कला स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की और 1982 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से अतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल की।
पीके से जुड़े थे तीन बार के विधायक जीएस रामचंद्रदो दिन पहले जन सुराज पार्टी के विचारों से प्रभावित होकर पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके जीएस रामचंद्र दास जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। जीएस रामचंद्र दास दो बार बाराचट्टी और एक बार बोधगया विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
व्यवस्था परिवर्तन से थे प्रसन्नमूल रूप से गया जिले के रहने वाले हैं। उनके साथ उनके कई समर्थक भी जन सुराज के विचार से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए। इस अवसर पर पूर्व मंत्री ने कहा कि वे प्रशांत किशोर के बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के विचारों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं और अब वे अपने पूरे राजनीतिक अनुभव के साथ बिहार में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे।
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बिहार के कोचिंग संचालकों के लिए महत्वपूर्ण आदेश, शिक्षा विभाग ने कहा, लापरवाही पर कटेगा बच्चों का भी नाम
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई के दौरान अगर बच्चे कोचिंग संस्थान में पाए गए तो उसके संचालकों पर सख्त कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग ने ऐसे कोचिंग संचालकों को सख्त चेतावनी दी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा.एस. सिद्धार्थ ने कहा कि अगर विद्यालय अवधि में कोई कोचिंग संस्थान खुला है और उसमें सरकारी विद्यालय के बच्चे पढ़ाई करते पाए जाते हैं, उस पर कार्रवाई होगी और उसे बंद करेंगे। इस संबंध में स्पष्ट रूप से सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश है।
बच्चों को विद्यालयों में शिक्षा दिलाएंउन्होंने सभी अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों को विद्यालयों में शिक्षा दिलाएं। अगर उन्हें अपने बच्चों को कोचिंग भेजना है तो स्कूल अवधि के बाद ही भेजें। विद्यालय नहीं आने पर ऐसे बच्चों को नोटिस देकर नाम काट दिया जाएगा। शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को इस तरह की सख्ती बरतनी होगी।
कोचिंग सेंटर में अच्छी पढ़ाई होती हैउन्होंने कहा कि यह वहम है कि कोचिंग सेंटर में अच्छी पढ़ाई होती है। सरकारी शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा पास कर आए हैं। कोचिंग में केवल मशीनी पढ़ाई होती है। शिक्षा केवल स्कूलों में ही मिलती है। खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने आइआइटी, आइआइएम या आइएएस के लिए कोचिंग नहीं की।
पैरेंट्स मीटिंग के लिए भी कहाउन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई बच्चा ट्यूशन के बहाने विद्यालय से लापता रहता है तो प्रधानाध्यापक नोटिस देकर संबंधित अभिभावक को बताएंगे कि बच्चे को विद्यालय भेंजे, नहीं तो उसका नाम विद्यालय से काट दिया जाएगा। इसी तरह पैरेंट मीटिंग में अभिभावक विद्यालय में नहीं आते हैं तो उन्हें भी चेतावनी दें।
छोटे बच्चों के लिए रंगीन बेंच-डेस्कअपर मुख्य सचिव ने कहा कि जूनियर क्लास में बच्चों के लिए रंगीन बेंच-डेस्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह छोटा भी होगा। इसी साल से इस योजना पर अमल हो जाएगा। एक से पांच तक बच्चों को किताब से पढ़ाया जाएगा। छठे क्लास से स्मार्ट स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ाई की सुविधा इसी साल से उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे ग्रिवांस पोर्टल पर शिकायत करें। व्यक्तिगत मोबाइल नंबर पर कोई समस्या भेजने के बजाए शिक्षक पोर्टल पर अपनी बात कहें।
शिक्षकों को अवकाश को गाइडलाइन तैयारअपर मुख्य सचिव डा.एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों के अवकाश स्वीकृति को लेकर तैयार गाइडलाइन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन जल्द ही जारी की जाएगी। इसके मुताबिक किस संवर्ग के शिक्षक के लिए कितनी छुट्टियां स्वीकृत होंगी, इसका प्रविधान गाइडलाइन में किया गया है।
वैसे शिक्षकों को अवकाश लेने हेतु आनलाइन आवेदन करना है। यह जिला शिक्षा अधिकारी की जवाबदेही होगी कि शिक्षकों के प्राप्त आनलाइन आवेदन पर अवकाश की स्वीकृति सात दिनों के अंदर दें। अगर आवेदन पर सात दिनों में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो अवकाश स्वीकृत माना जाएगा।
टीचरों की छुट्टी को लेकर नई गाइडलाइन तैयार, ACS S Siddharth बोले- कोचिंग में पढ़ते मिले सरकारी स्कूल के बच्चे तो...
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के तकरीबन 81 हजार सरकारी विद्यालयों की जमीन संबंधी भू-राजस्व रिकॉर्ड (दस्तावेज) तैयार होगा। इसमें हर विद्यालय के पास कितनी जमीन है, उसका ब्योरा दर्ज होगा।
अगर किसी विद्यालय की जमीन अतिक्रमित है, तो उसे भी रिकार्ड में शामिल किया जाएगा और उसे अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई की जाएगी।
सभी विद्यालयों की जमीन और उसके संपत्तियों के रखरखाव, सुरक्षा और निगरानी के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही एक अलग इंफ्रास्ट्रक्चर विंग तैयार किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। वे शिक्षा की बात : हर शनिवार कार्यक्रम में लाइव थे।
उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विंग में भू-संपदा अधिकारी और सहायक भू-संपदा अधिकारी की नियुक्ति जल्द की जाएगी।
इन पदाधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि राज्य के सभी विद्यालयों की जमीन और अतिक्रमित जमीन के बारे में पूरा रिकार्ड तैयार करना और जिलेवार व प्रखंडवार उसका रजिस्टर बनाना।
जिन विद्यालयों की जमीन अतिक्रमित है, उसके विरुद्ध स्थानीय पुलिस-प्रशासन की मदद से कार्रवाई कर मुक्त कराया जाएगा।
विद्यालयों की जमीन व अन्य संपदा का रखरखाव, प्रबंधन और निगरानी की कमान भू-संपदा पदाधिकारियों के जिम्मे होगी।
अगर सरकारी विद्यालय के बच्चे कोचिंग में पढ़ते पाए गए तो उसे बंद किया जाएगाशिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि वैसे सरकार का पहले से यह आदेश है कि विद्यालय अवधि में कोई भी कोचिंग संस्थान नहीं संचालित हाेंगे।
अगर विद्यालय अवधि में कोई कोचिंग संस्थान खुला है और उसमें सरकारी विद्यालय के बच्चे पढ़ाई करते पाए जाते हैं उस पर कार्रवाई होगी और उसे बंद करेंगे। इस संबंध में स्पष्ट रूप से सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई बच्चा ट्यूशन के बहाने विद्यालय से लापता रहत है तो प्रधानाध्यापक एक बार लिखित में नोटिस देकर संबंधित अभिभावक को बताएंगे कि बच्चे को विद्यालय भेंजे, नहीं तो उसका नाम विद्यालय से काट दिया जाएगा।
इसी तरह पैरेंट मीटिंग में अभिभावक विद्यालय में नहीं आते हैं तो उन्हें भी चेतावनी दें। अभिभावकों से भी अपील है कि बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेंजे ताकि शिक्षक उन्हें पढ़ा सकें।
अगर सरकारी विद्यालय में केवल बच्चे का नामांकन कराते हैं और कोचिंग में पढ़ाते हैं तो उस नामांकन से क्या फायदा होगा?
शिक्षकों को अवकाश के लिए गाइडलाइन तैयारअपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों के अवकाश स्वीकृति को लेकर तैयार गाइडलाइन के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गाइडलाइन जल्द ही जारी किया जाएगा।
इसके मुताबिक किस संवर्ग के शिक्षक के लिए कितनी छुट्टियां स्वीकृत होंगी, इसका प्रविधान गाइडलाइन में किया गया है। वैसे शिक्षकों को अवकाश लेने हेतु ऑनलाइन आवेदन करना है।
यह जिला शिक्षा अधिकारी की जवाबदेही होगी कि शिक्षकों के प्राप्त आनलाइन आवेदन पर अवकाश की स्वीकृति सात दिनों के अंदर दें। अगर आवेदन पर सात दिनों में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो अवकाश स्वीकृत माना जाएगा।
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कमजोरी-बेहोशी से परेशान थी महिला, पटना में ऑपरेशन के बाद बोले डॉक्टर, 10 लाख में चार को ये बीमारी
जागरण संवाददाता, पटना। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में दुर्लभ “इंसुलिनोमा” ट्यूमर का सफल लैप्रोस्कोपिक ऑपरेशन कर एक मरीज को नया जीवन मिला। मुजफ्फरपुर निवासी 27 वर्षीय निशा कुमारी पिछले एक साल से कमजोरी और बार-बार बेहोशी की समस्या से जूझ रही थीं।
आजीआइएमएस किया गया था रेफरबेहतर इलाज के लिए उन्हें आजीआइएमएस रेफर किया गया, जहां एंडोक्राइन रोग विशेषज्ञ डा. आनंद कुमार की देखरेख में जांच के बाद उनके अग्नाशय (पैंक्रियास) में दो सेंटीमीटर का इंसुलिनोमा ट्यूमर पाया गया। इसकी पहचान सीटी स्कैन, एमआरआई एवं एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड के माध्यम से की गई।
इंसुलिनोमा एक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमरडा. आनंद कुमार ने बताया कि इंसुलिनोमा एक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर होता है जो अत्यधिक मात्रा में इंसुलिन स्रावित करता है। इससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा खतरनाक रूप से घट जाती है, जिससे मरीज को कमजोरी, पसीना और बेहोशी की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
मरीज चलने-फिरने और खाने-पीने में सक्षमट्यूमर की पुष्टि के बाद गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. साकेत कुमार ने लैप्रोस्कोपिक तकनीक से महज चार छोटे छिद्रों के माध्यम से ट्यूमर का सफल आपरेशन किया। चीराफाड़ न होने के कारण मरीज आपरेशन के दो दिन बाद ही सामान्य रूप से चलने-फिरने और खाने-पीने में सक्षम हो गईं। अगले एक-दो दिनों में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
10 लाख में एक से चार लोगों को होती है परेशानीइंसुलिनोमा के लक्षणों की जानकारी देते हुए डा. साकेत कुमार ने बताया कि इस बीमारी में शरीर में इंसुलिन की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। इससे ग्लूकोज का स्तर 50 एमएल से भी नीचे चला जाता है। यह स्थिति मरीज़ के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।
पांच वर्षों में तीन केस मिलेइसका एकमात्र स्थायी इलाज आपरेशन के द्वारा ट्यूमर को निकालना है। उन्होंने बताया बीते पांच वर्षों में तीन केस ही मिले हैं, देश के आंकड़ों के अनुसार 10 लाख में एक से चार केस मिलता है। उन्होंने बताया कि इसमें मरीजों को इतना अधिक इंसुलिन का स्त्राव होता है कि शुगर कम हो जाता है। धड़कन, सरदर्द, चक्कर आना, मिर्गी आने जैसे लक्षण आने लगते है।
गंभीर बीमारी का यहीं होगा इलाजचिकित्सा अधीक्षक सह गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. मनीष मंडल ने बताया कि राज्य के लोगों को अब गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। संस्थान में सभी आधुनिक तकनीकों को समय-समय पर जोड़ा जा रहा है। मरीज के सफल इलाज पर संस्थान के निदेशक डा. बिंदे कुमार ने चिकित्सा टीम को बधाई दी है।
प्रभावी सिंचाई और बाढ़ जोखिम प्रबंधन से बदलेगी बिहार की तस्वीर, विश्व बैंक के साथ 4415 करोड़ की परियोजना को मंजूरी
डिजिटल डेस्क, पटना। बाढ़ की समस्या और सिंचाई के आधुनिक प्रबंधन के लिए बिहार सरकार ने बड़ी पहल की है। इसमें अंतर्गत विश्व बैंक के साथ कुल 4 हजार 415 करोड़ रुपये की परियोजना को राज्य मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद बिहार जल सुरक्षा एवं सिंचाई आधुनिकीकरण को एक नई गति मिलेगी।
प्रस्तावित परियोजना का मुख्य उद्देश्य संस्थागत क्षमता निर्माण के स्तर से प्रभावी सिंचाई प्रबंधन एवं कुशल सिंचाई प्रणाली का निर्माण करना है। इस परियोजना से राज्य में प्रभावी बाढ़ जोखिम प्रबंधन के स्तर से आपदा एवं आपातकालीन स्थिति में की जाने वाली तैयारियों और प्रक्रिया की क्षमता में वृद्धि होगी।
इसके अलावा इस परियोजना से परिणामी आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए हितधारकों के बीच समन्वय को अधिक बढ़ावा मिल सकेगा। यह एक व्यापक पहल है, जिसमें आवश्यक संस्थागत सुदृढीकरण, हितधारकों की क्षमता का निर्माण, कुशल सिंचाई व्यवस्था, बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण एवं सूखा निवारण आदि शामिल हैं। उक्त परियोजना से बिहार के विभिन्न जिले लाभान्वित होंगे।
जिससे बाढ़, जलजमाव और सूखे से प्रभावित जिलों पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जा सकेगा। बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए प्रमुख नदियों के अतिरिक्त जलप्रवाह को नियंत्रित करने, जलप्रवाह की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। इससे बांधों की सुरक्षा के लिए अद्यतन तकनीक का प्रयोग कर उसे और अधिक सुदृढ़ बनाने और सुखाग्रस्त जिलों के लिए सिंचाई स्रोत से ह्रासित सिंचाई क्षमता को पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।
प्रस्तावित परियोजना एक वाह्य संपोषित परियोजना है, जिसकी कुल प्राक्कलित राशि 4415 करोड़ रुपये है। इसका 30 प्रतिशत अर्थात् 1324 करोड़ 50 लाख रुपये बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा एवं शेष 70 प्रतिशत अर्थात् 3090 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि विश्व बैंक (आईबीआरडी) से ऋण के रूप में ली जाएगी। इस परियोजना के मुख्य चार अवयव हैं। जिसके अन्तर्गत निम्नलिखित राशि का प्रावधान किया गया है।
इसमें जलवायु के अनुकुल सिंचाई के लिए 2487 करोड़ रुपये, बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण के लिए 1525 करोड रुपये, जल शासन के लिए 243 करोड़ रुपये और परियोजना प्रबंधन के लिए 160 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं। परियोजना के विभिन्न अवयवों के अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों का क्रियान्वयन जल संसाधन विभाग (नोडल विभाग) के अतिरिक्त ग्रामीण विकास विभाग एवं कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा किया जाएगा। परियोजना के कार्यान्वयन की समय-सीमा वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रारंभ कर अगले सात वर्षों में इसे पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सिंचाई प्रणालियों का होगा उन्नयन एवं आधुनिकीकरण
इस परियोजना के तहत चिन्हित सिंचाई प्रणालियों का उन्नयन एवं आधुनिकीकरण प्रस्तावित है। ताकि राज्य में सिंचाई व्यवस्था वर्षा पर निर्भर न रहे और प्रतिकूल स्थितियों में भी सिंचाई की सुविधा कृषकों को उपलब्ध करायी जा सके। इसके अंतर्गत प्रमुख योजनाओं में सोन, गंडक एवं कोसी बैराजों का पुनर्स्थापन, सोन पश्चिमी मुख्य नहर का आधुनिकीकरण, पश्चिमी कोसी सिंचाई योजनाओं का पुनर्स्थापन एवं आधुनिकीकरण, झंझारपुर शाखा नहर का पुनर्स्थापन एवं आधुनिकीकरण, सारण मुख्य नहर (17 से 35 किमी तक) का नवीकरण एवं लाईनिंग शामिल हैं।
परियोजना के तहत बाढ़ जोखिम को किया जाएगा न्यूनतम
परियोजना के तहत बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण के लिए चिन्हित तटबंधो व स्परों का पुनर्स्थापन एवं सुदृढ़ीकरण प्रस्तावित है। पुनर्स्थापन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु विश्व बैंक के सम्बन्धित परामर्शियों के सहयोग से अद्यतन रूपांकण तकनीक का उपयोग किया गया है। इसके अंतर्गत प्रमुख योजनाओं में बागमती के बाएं तटबंध की उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और पक्कीकरण, कुरसेला ब्लॉक जिला कटिहार में गांव पत्थरटोला से कमलाकनी तक कटाव रोधी कार्य, विस्तारित सिकरहट्टा मंझारी बांध का सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण के साथ इसके 11 स्पर का जीर्णोद्धार और पूर्वी कोसी तटबंध के 25 स्परों का जीर्णोद्धार शामिल हैं।
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