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पुणे रेप केस के आरोपी पर एक लाख का इनाम, फोटो जारी, तलाश में लगी 13 टीमें... पढ़ें अब तक क्या-क्या हुआ

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 12:25pm

एजेंसी, पुणे। Pune Bus rape case पुणे के स्वर्गेट डिपो में एक बस के अंदर 26 वर्षीय महिला के साथ रेप का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्ष के हमले के बाद अब फडणवीस सरकार भी एक्शन मोड में है। 

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने पुणे के स्वर्गेट बस डिपो के सहायक परिवहन अधीक्षक और बस डिपो प्रबंधक के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

फोटो जारी, एक लाख का इनाम भी...

पुणे पुलिस ने आरोपी की पहचान जारी कर दी है। आरोपी का नाम दत्तात्रेय रामदास गाडे है, जिसकी गिरफ्तारी में मदद करने वाले व्यक्ति को 1 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है। पुलिस ने आरोपी की फोटो भी जारी की है। आरोपी ने बीते दिन बस में 26 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार किया था। 

मंत्री सरनाईक ने दिए ये निर्देश
  • मंत्री सरनाईक ने जांच में दोषी पाए जाने पर दोनों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मंत्री ने इसी के साथ महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) को स्वर्गेट बस डिपो में सभी मौजूदा सुरक्षा कर्मियों को बदलने का निर्देश दिया है।
  • इससे बेहतर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही गई है।
ये है मामला

बता दें कि घटना मंगलवार की सुबह हुई जब बलात्कार पीड़िता, फलटण में अपने घर लौटने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। कथित तौर पर आरोपी ने उससे दीदी कहकर संपर्क किया और झूठा दावा किया कि उसके गंतव्य तक जाने वाली बस कहीं और खड़ी है। 

वह उसे डिपो में खड़ी महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम शिवसाही बस में ले गया और उसका पीछा करते हुए उसमें घुस गया, जहां उसने कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया।

कथित अपराध के बाद महिला ने पुलिस से संपर्क किया और उसी दिन मंगलवार को पुलिस में मामला दर्ज किया गया।

अब तक क्या-क्या हुआ?
  • पुलिस के अनुसार, फरार आरोपी की तलाश का दायरा बढ़ा दिया गया है और उसे पकड़ने के लिए कुल 13 टीमें जमीन पर हैं।
  • पुणे सिटी पुलिस ने कहा कि क्राइम ब्रांच यूनिट की आठ टीमें और स्वारगेट पुलिस स्टेशन की पांच टीमें आरोपी की तलाश कर रही हैं। टीमों को जिले से बाहर भी भेजा गया है।
  • राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकनकर ने कहा कि स्वर्गेट डिपो में हुई घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़िता ने स्वार्गेट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। 
  • स्वारगेट पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी के अनुसार, आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे (36) हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ पुणे और आसपास के अहिल्यानगर जिले में चोरी, डकैती और चेन स्नैचिंग के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं।
  • पुलिस अधिकारी ने बताया कि गाडे 2019 से एक अपराध में जमानत पर बाहर था।
विपक्ष ने मांगा फडणवीस से इस्तीफा

घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि स्वारगेट बस स्टैंड के सामने ही पुलिस चौकी है। यदि पुलिसकर्मी वहां गश्त करते होते तो वहां ऐसी घटना न होती। उन्होंने आरोपित को जल्द गिरफ्तार कर उसका मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की है।

उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस ने सीएम देवेंद्र फणडवीस से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस ने कहा कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। 

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मुंबई के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है। एनसीडब्ल्यू ने कहा है कि वह मामले की बारीकी से निगरानी करेगी और आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई करेगी।

सोर्स- समाचार एजेंसी पीटीआई और एएनआई के इनपुट के अनुसार।

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Patna News: दानापुर में महिला की चाकू से गोदकर हत्या, स्कूल से सटे खेत से मिला शव; इलाके में मचा हड़कंप

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 12:09pm

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना जिले के दानापुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय के निकट खेत में एक महिला का शव गुरुवार की सुबह पुलिस ने बरामद किया है। महिला की चाकू से गोद कर हत्या की गई है। मृतका की पहचान ज्योति उर्फ गुड़िया (35) पति धर्मेन्‍द्र कुमार के रूप में की गई है।

बताया जाता है कि ज्योति घरों में चौका बर्तन का काम करती थी। घटना की सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस हत्या के कारणों का पता लगा रही है।

डॉग स्क्वायर्ड व एफएसएल की टीम को घटना स्थल पर बुलाया गया है। पुलिस स्वजन से प्राथमिकी के लिए आवेदन का इंतजार कर रही है।

इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।

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'रांची में कोई IIT नहीं है', सैम पित्रोदा के हैकिंग वाले दावे पर शिक्षा मंत्रालय का जवाब; कहा- कानूनी परिणाम भुगतने होंगे

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 11:29am

एएनआई, पीटीआई। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने दावा किया कि आईआईटी रांची के छात्रों को वर्चुअली संबोधित करते समय किसी ने कार्यक्रम को हैक कर लिया। इसके बाद आपत्तिजनक सामग्री चला दी।

अब शिक्षा मंत्रालय ने सैम पित्रोदा के दावों का खंडन किया और कहा कि रांची में कोई आईआईटी नहीं है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अगर आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई तो कानूनी परिणाम भी भुगतने होंगे।

पित्रोदा ने क्या किया था दावा?

शिक्षा मंत्रालय ने एक्स पोस्ट में लिखा कि यह संज्ञान में आया है कि सैम पित्रोदा ने 22 फरवरी 2025 को अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया था। उन्होंने वीडियो में कहा कि वह आईआईटी रांची में सैकड़ों छात्रों को संबोधित कर रहे थे और किसी ने उसे हैक कर लिया। कुछ आपत्तिजनक सामग्री चलानी शुरू कर दी। इससे कार्यक्रम बाधित हो गया।

शिक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि रांची में कोई आईआईटी नहीं है। इसलिए वीडियो में कही गई बात न केवल निराधार है बल्कि अज्ञानता से भी भरी है। रांची में एक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) है। मगर आईआईआईटी रांची ने इस बात की पुष्टि की है कि संस्थान ने सैम पित्रोदा को किसी भी सम्मेलन/सेमिनार में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित नहीं किया था।

आईआईटी से निकले कई प्रतिभाशाली लोग

मंत्रालय ने कहा कि इस तरह का लापरवाही भरा बयान देश के एक अत्यंत प्रतिष्ठित संस्थान यानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की छवि को खराब करने की कोशिश लगती है। यह संस्थान समय की कसौटी पर खरा उतरा है। यहां से देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली लोग निकले हैं।

आईआईटी की प्रतिष्ठा छात्रों, शिक्षकों और शिक्षाविदों की योग्यता, कड़ी मेहनत और उपलब्धि पर टिकी है। शिक्षा मंत्रालय ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान की निंदा की और कहा कि इस प्रमुख संस्थान की छवि को खराब करने के ऐसे किसी भी प्रयास के लिए कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

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Clarification on the recent remarks made by Shri Sam Pitroda in his webcast

It has come to the notice that Shri Sam Pitroda shared a video on his “X” handle on 22nd Feb 2025. He made a statement in that video that he was speaking at the IIT Ranchi to several hundred students,…

— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) February 26, 2025

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'कई शताब्दियों की नींव रख गया कुंभ, एकता का महायज्ञ संपन्न'; महाकुंभ के समापन पर पीएम मोदी का ब्लॉग

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 11:12am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ आज संपन्न हो गया। 45 दिनों तक चले इस महाआयोजन में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया। वहीं अब पीएम मोदी ने महाकुंभ संपन्न होने के बाद एक ब्लॉग में अपने विचार शेयर किए हैं।

उन्होंने सबसे पहले कहा, महाकुंभ संपन्न हुआ एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है।

'महाकुंभ एकता का महाकुंभ था'

पीएम ने कहा है, 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मैंने देवभक्ति से देशभक्ति की बात कही थी। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी-देवता जुटे, संत-महात्मा जुटे, बाल-वृद्ध जुटे, महिलाएं-युवा जुटे, और हमने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया। ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ था, जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ गई थी।

तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, समरसता और प्रेम का पवित्र क्षेत्र श्रृंगवेरपुर भी है, जहां प्रभु श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था। उनके मिलन का वो प्रसंग भी हमारे इतिहास में भक्ति और सद्भाव के संगम की तरह ही है। प्रयागराज का ये तीर्थ आज भी हमें एकता और समरसता की वो प्रेरणा देता है।

बीते 45 दिन, प्रतिदिन, मैंने देखा, कैसे देश के कोने-कोने से लाखों-लाख लोग संगम तट की ओर बढ़े जा रहे हैं। संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार, लगातार बढ़ता ही रहा। हर श्रद्धालु बस एक ही धुन में था- संगम में स्नान। मां गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी हर श्रद्धालु को उमंग, ऊर्जा और विश्वास के भाव से भर रही थी।

'इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं'

प्रयागराज में हुआ महाकुंभ का ये आयोजन, आधुनिक युग के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए, प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए, नए सिरे से अध्ययन का विषय बना है। आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण भी नहीं है।

पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक नदी तट पर, त्रिवेणी संगम पर इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों की संख्या में लोग जुटे। इन करोड़ों लोगों को ना औपचारिक निमंत्रण था, ना ही किस समय पहुंचना है, उसकी कोई पूर्व सूचना थी। बस, लोग महाकुंभ चल पड़े...और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए।

मैं वो तस्वीरें भूल नहीं सकता...स्नान के बाद असीम आनंद और संतोष से भरे वो चेहरे नहीं भूल सकता। महिलाएं हों, बुजुर्ग हों, हमारे दिव्यांग जन हों, जिससे जो बन पड़ा, वो साधन करके संगम तक पहुंचा।

युवाओं का महाकुंभ में आगे आना, बड़ा संदेश-पीएम मोदी

पीएम ने कहा, मेरे लिए ये देखना बहुत ही सुखद रहा कि बहुत बड़ी संख्या में भारत की आज की युवा पीढ़ी प्रयागराज पहुंची। भारत के युवाओं का इस तरह महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए आगे आना, एक बहुत बड़ा संदेश है। इससे ये विश्वास दृढ़ होता है कि भारत की युवा पीढ़ी हमारे संस्कार और संस्कृति की वाहक है और इसे आगे ले जाने का दायित्व समझती है और इसे लेकर संकल्पित भी है, समर्पित भी है।

बीते कुछ दशकों में पहले कभी नहीं हुआ-पीएम

इस महाकुंभ में प्रयागराज पहुंचने वालों की संख्या ने निश्चित तौर पर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। लेकिन इस महाकुंभ में हमने ये भी देखा कि जो प्रयाग नहीं पहुंच पाए, वो भी इस आयोजन से भाव-विभोर होकर जुड़े। कुंभ से लौटते हुए जो लोग त्रिवेणी तीर्थ अपने साथ लेकर गए, उस जल की कुछ बूंदों ने भी करोड़ों भक्तों को कुंभ स्नान जैसा ही पुण्य दिया। कितने ही लोगों का कुंभ से वापसी के बाद गांव-गांव में जो सत्कार हुआ, जिस तरह पूरे समाज ने उनके प्रति श्रद्धा से सिर झुकाया, वो अविस्मरणीय है।

कुछ ऐसा हुआ है, जो बीते कुछ दशकों में पहले कभी नहीं हुआ। ये कुछ ऐसा हुआ है, जो आने वाली कई-कई शताब्दियों की एक नींव रख गया है।

प्रयागराज में जितनी कल्पना की गई थी, उससे कहीं अधिक संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंचे। इसकी एक वजह ये भी थी कि प्रशासन ने भी पुराने कुंभ के अनुभवों को देखते हुए ही अंदाजा लगाया था। लेकिन अमेरिका की आबादी के करीब दोगुने लोगों ने एकता के महाकुंभ में हिस्सा लिया, डुबकी लगाई।

'युग परिवर्तन की आहट'

आध्यात्मिक क्षेत्र में रिसर्च करने वाले लोग करोड़ों भारतवासियों के इस उत्साह पर अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि अपनी विरासत पर गौरव करने वाला भारत अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं मानता हूं, ये युग परिवर्तन की वो आहट है, जो भारत का नया भविष्य लिखने जा रही है।

महाकुंभ की इस परंपरा से, हजारों वर्षों से भारत की राष्ट्रीय चेतना को बल मिलता रहा है। हर पूर्णकुंभ में समाज की उस समय की परिस्थितियों पर ऋषियों-मुनियों, विद्वत् जनों द्वारा 45 दिनों तक मंथन होता था। इस मंथन में देश को, समाज को नए दिशा-निर्देश मिलते थे।

अर्धकुंभ में परिस्थितियों और दिशा-निर्देशों की समीक्षा होती

इसके बाद हर 6 वर्ष में अर्धकुंभ में परिस्थितियों और दिशा-निर्देशों की समीक्षा होती थी। 12 पूर्णकुंभ होते-होते, यानि 144 साल के अंतराल पर जो दिशा-निर्देश, जो परंपराएं पुरानी पड़ चुकी होती थीं, उन्हें त्याग दिया जाता था, आधुनिकता को स्वीकार किया जाता था और युगानुकूल परिवर्तन करके नए सिरे से नई परंपराओं को गढ़ा जाता था।

144 वर्षों के बाद होने वाले महाकुंभ में ऋषियों-मुनियों द्वारा, उस समय-काल और परिस्थितियों को देखते हुए नए संदेश भी दिए जाते थे। अब इस बार 144 वर्षों के बाद पड़े इस तरह के पूर्ण महाकुंभ ने भी हमें भारत की विकासयात्रा के नए अध्याय का संदेश दिया है। ये संदेश है- विकसित भारत का।

विकसित भारत के महायज्ञ के लिए जुटना-पीएम

जिस तरह एकता के महाकुंभ में हर श्रद्धालु, चाहे वो गरीब हों या संपन्न हों, बाल हो या वृद्ध हो, देश से आया हो या विदेश से आया हो, गांव का हो या शहर का हो, पूर्व से हो या पश्चिम से हो, उत्तर से हो दक्षिण से हो, किसी भी जाति का हो, किसी भी विचारधारा का हो, सब एक महायज्ञ के लिए एकता के महाकुंभ में एक हो गए। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का ये चिर स्मरणीय दृश्य, करोड़ों देशवासियों में आत्मविश्वास के साक्षात्कार का महापर्व बन गया। अब इसी तरह हमें एक होकर विकसित भारत के महायज्ञ के लिए जुट जाना है।

वेद से विवेकानंद तक और उपनिषद से उपग्रह तक, भारत की महान परंपराओं ने इस राष्ट्र को गढ़ा है। मेरी कामना है, एक नागरिक के नाते, अनन्य भक्ति भाव से, अपने पूर्वजों का, हमारे ऋषियों-मुनियों का पुण्य स्मरण करते हुए, एकता के महाकुंभ से हम नई प्रेरणा लेते हुए, नए संकल्पों को साथ लेकर चलें। हम एकता के महामंत्र को जीवन मंत्र बनाएं, देश सेवा में ही देव सेवा, जीव सेवा में ही शिव सेवा के भाव से स्वयं को समर्पित करें।

'हम अपनी नदियों को निरंतर स्वच्छ रखें'

जब मैं काशी चुनाव के लिए गया था, तो मेरे अंतरमन के भाव शब्दों में प्रकट हुए थे, और मैंने कहा था- मां गंगा ने मुझे बुलाया है। इसमें एक दायित्व बोध भी था, हमारी मां स्वरूपा नदियों की पवित्रता को लेकर, स्वच्छता को लेकर। प्रयागराज में भी गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम पर मेरा ये संकल्प और दृढ़ हुआ है। गंगा जी, यमुना जी, हमारी नदियों की स्वच्छता हमारी जीवन यात्रा से जुड़ी है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि नदी चाहे छोटी हो या बड़ी, हर नदी को जीवनदायिनी मां का प्रतिरूप मानते हुए हम अपने यहां सुविधा के अनुसार, नदी उत्सव जरूर मनाएं। ये एकता का महाकुंभ हमें इस बात की प्रेरणा देकर गया है कि हम अपनी नदियों को निरंतर स्वच्छ रखें, इस अभियान को निरंतर मजबूत करते रहें।

मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से...मां यमुना से...मां सरस्वती से...हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा...। जनता जनार्दन, जो मेरे लिए ईश्वर का ही स्वरूप है, श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमाप्रार्थी हूं।

'यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था'

श्रद्धा से भरे जो करोड़ों लोग प्रयाग पहुंचकर इस एकता के महाकुंभ का हिस्सा बने, उनकी सेवा का दायित्व भी श्रद्धा के सामर्थ्य से ही पूरा हुआ है। यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर, इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य हो, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था।

हमारे सफाईकर्मी, हमारे पुलिसकर्मी, नाविक साथी, वाहन चालक, भोजन बनाने वाले, सभी ने पूरी श्रद्धा और सेवा भाव से निरंतर काम करके इस महाकुंभ को सफल बनाया। विशेषकर, प्रयागराज के निवासियों ने इन 45 दिनों में तमाम परेशानियों को उठाकर भी जिस तरह श्रद्धालुओं की सेवा की है, वह अतुलनीय है। मैं प्रयागराज के सभी निवासियों का, यूपी की जनता का आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता हूं।

'एकता की धारा निरंतर बहती रहेगी'

महाकुंभ के दृश्यों को देखकर, बहुत प्रारंभ से ही मेरे मन में जो भाव जगे, जो पिछले 45 दिनों में और अधिक पुष्ट हुए हैं, राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य को लेकर मेरी आस्था, अनेक गुना मजबूत हुई है। 140 करोड़ देशवासियों ने जिस तरह प्रयागराज में एकता के महाकुंभ को आज के विश्व की एक महान पहचान बना दिया, वो अद्भुत है।

देशवासियों के इस परिश्रम से, उनके प्रयास से, उनके संकल्प से अभीभूत मैं जल्द ही द्वादश ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग, श्री सोमनाथ के दर्शन करने जाऊंगा और श्रद्धा रूपी संकल्प पुष्प को समर्पित करते हुए हर भारतीय के लिए प्रार्थना करूंगा।

महाकुंभ का स्थूल स्वरूप महाशिवरात्रि को पूर्णता प्राप्त कर गया है। लेकिन मुझे विश्वास है, मां गंगा की अविरल धारा की तरह, महाकुंभ की आध्यात्मिक चेतना की धारा और एकता की धारा निरंतर बहती रहेगी।

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'भारत में मेरे पास कोई जमीन और घर नहीं, बिना वेतन के किया काम', भाजपा के आरोप पर बोले सैम पित्रोदा

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 10:55am

पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा नेता ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा पर बेंगलुरू में 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हड़पने का आरोप लगाया। अब सैम पित्रोदा ने बुधवार को इन आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में उनके पास जमीन, घर और कोई स्टॉक नहीं है।

सैम पित्रोदा ने एक्स पर लिखा कि भारत में टेलीविजन और प्रिंट मीडिया में हाल में आई रिपोर्टों के मद्देनजर मैं स्पष्ट रूप से यह कहना चाहता हूं कि भारत में मेरे पास कोई जमीन, घर या शेयर नहीं है।

सरकार में काम किया... मगर वेतन नहीं लिया

पित्रोदा ने आगे कहा कि 1980 के दशक के मध्य में प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करने के दौरान मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। पित्रोदा ने आगे कहा कि मैंने अपने 83 साल के जीवन में भारत में या किसी अन्य देश में कभी रिश्वत न दी है और न स्वीकार की है। यह पूर्ण और अकाट्य सत्य है।

ईडी और लोकायुक्त से शिकायत

भाजपा नेता एनआर रमेश ने आरोप लगाया था कि सैम पित्रोदा ने वन विभाग के अधिकारियों समेत 5 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की मदद से बेंगलुरु के येलहंका में 12.35 एकड़ सरकारी जमीन अवैध रूप से हासिल की। इस जमीन की कीमत 150 करोड़ रुपये है। रमेश बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पूर्व पार्षद हैं। उन्होंने पित्रौदा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) और कर्नाटक लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है।

आरोप- औषधीय पौधों के संरक्षण के नाम पर मिली जमीन

ईडी को दी शिकायत में भाजपा नेता रमेश ने कहा कि पित्रोदा ने 23 अक्टूबर 1993 को महाराष्ट्र के मुंबई में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालय में फाउंडेशन फॉर रिवाइटलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (एफआरएलएचटी) नामक एक संगठन पंजीकृत कराया था। रमेश के मुताबिक पित्रोदा ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय पौधों के संरक्षण और अनुसंधान के लिए एक आरक्षित वन क्षेत्र को पट्टे पर आवंटित करने का अनुरोध किया।

10 साल के लिए बढ़ाया गया पट्टा

रमेश का दावा है कि पित्रोदा के अनुरोध पर विभाग ने 1996 में बेंगलुरू में जराकबांडे कवल के 'बी' ब्लॉक में पांच हेक्टेयर (12.35 एकड़) आरक्षित वन भूमि पांच साल के पट्टे पर आवंटित की थी। रमेश ने दावा किया है कि एफआरएलएचटी को दिया गया प्रारंभिक 5 वर्षीय पट्टा 2001 में समाप्त हो गया था। इसके बाद कर्नाटक वन विभाग ने इसे अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया।

2011 में समाप्त हुआ पट्टा

भाजपा नेता ने कहा कि पित्रोदा के एफआरएलएचटी को दिया गया पट्टा 2 दिसंबर 2011 को समाप्त हो चुका है। इसके बाद वन विभाग को यह बहुमूल्य सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेनी चाहिए थी। मगर वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में जमीन वापस लेने की कोई कोशिश नहीं की। भाजपा नेता ने ईडी से कथित जमीन हड़पने में शामिल लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अपील की।

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दिल्ली-यूपी से लेकर राजस्थान तक आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट, पहाड़ों पर बर्फबारी; पढ़ें अन्य राज्यों का हाल

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 8:07am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर भारत में एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। वहीं आज देशभर के कई राज्यों में मौसम में तब्दीली देखने को मिल सकती है। पहाड़ी राज्यों में अगले 3 दिन तक बदलते मौसम का असर देखने को मिलेगा। साथ ही दक्षिण और पश्चिम भारत में गर्मी बढ़ने की संभावना है।

यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा-पंजाब, दिल्ली-एनसीआर में दिन में बादलों की आवाजाही के साथ बारिश का पूर्वानुमान है। दिल्ली NCR समेत देश के कई राज्यों में बारिश के साथ आंधी-तूफान के आसार जताए गए हैं।

दिल्ली NCR में कैसा रहेगा मौसम?

दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ दिखाई दे रहा है। आसमान पर बादल छाए हुए हैं और अधिकतम पारे में भी गिरावट दर्ज की गई है। आईएमडी ने हल्की बूंदाबांदी होने तथा बादल छाए रहने का अनुमान जताया है और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई है।

यूपी में बरसेंगे बादल

वहीं अगर यूपी की बात करें तो आईएमडी के मुताबिक, कानपुर, फतेहपुर, लखनऊ, समेत पश्चिमी और पूर्वी यूपी में भी बदलते मौसम का असर देखने को मिलेगा। दिन में बादलों की आवाजाही रहेगी।

28 फरवरी और 1 मार्च को पूर्वी उत्तर प्रदेश में गरज और चमक के साथ बारिश होने के आसार हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोहरे के छाए रहने की संभावना है। बिहार में पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण के एक्टिव होने से बादलों के छाए रहने के साथ कुछ इलाकों में हल्की बारिश का अलर्ट है।

राजस्थान में बारिश का अलर्ट

राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से बारिश का अलर्ट जारी है, राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जैसलमेर और उदयपुर सहित कई जिलों में आज बादल छाए रहेंगे। महाराष्ट्र के कई जिलों में तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पालघर और रत्नागिरी जिलों में बढ़ते तापमान के कारण सीजन की शुरुआत में ही भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। 

पहाड़ी इलाकों पर बर्फबारी

पहाड़ी इलाकों की अगर बात करें तो जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा/बर्फबारी हो रही है और ये आज रात के समय भी जारी रहेगी। रात के समय दक्षिणी तमिलनाडु, दक्षिणी केरल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

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Telangana: सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में अब ली जाएगी खोजी कुत्ते की मदद, 5 दिन से नहीं मिली अच्छी खबर

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 7:02am

पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना के नगरकुरनूल जिलान्तर्गत श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में बचाव दल को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पांच दिन बाद भी अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पाई है। फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए अब खोजी कुत्ते की मदद ली जाएगी।

संपर्क करने के लिए कुत्ते की मदद

नगरकुरनूल जिला कलेक्टर बी. संतोष ने कहा, ''सुरंग में कीचड़ जमने लगा है। इसलिए अब हम फंसे हुए लोगों से संपर्क करने के लिए स्निफर डाग (खोजी कुत्ता) की भी मदद लेने पर विचार कर रहे हैं। हम भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) और राष्ट्रीय भौगोलिक अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ) के विशेषज्ञों की भी सलाह ले रहे हैं ताकि आगे की कार्य योजना तैयार की जा सके।''

अभी फंसे हुए लोग काफी दूर

संतोष ने यह भी कहा कि बचाव दल थर्मल फिशिंग बोट का उपयोग करके सुरंग के अंदर दुर्घटना स्थल तक पहुंचने में सक्षम हो गए हैं। शुरू में फंसे हुए लोगों और बचाव दल के बीच 40 या 50 मीटर का फासला था। वहां कीचड़ था। लेकिन, अब वह अधिकतम सीमा तक जम गया है। इसलिए बचाव दल दुर्घटना स्थल तक पहुंच सका है। हमारे पास एक खोजी कुत्ता है। हम उसे ले जाएंगे। इसलिए कुत्ते की मदद से हम उनका पता लगाने की कोशिश करेंगे जो हमारी प्राथमिकता है।

फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं

नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया, ''एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रैट माइनर्स की 20 सदस्यीय टीम सुरंग के दुर्घटना स्थल तक पहुंचने में सफल रही। लेकिन वहां बहुत सारा मलबा था। वे अब इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे आगे बढ़ा जाए।'' कृषि मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, हालांकि सुरंग में लगातार आक्सीजन पहुंचाई जा रही है।

कठिन कार्यों के दौरान दुर्घटनाएं हो सकती हैं : जयप्रकाश गौर

इस परियोजना की ठेकेदार कंपनी जेपी समूह के संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश गौर ने बुधवार को कहा कि कठिन कार्यों के दौरान दुर्घटनाएं हो सकती हैं। जेपी समूह की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को एसएलबीसी की सुरंग खोदने का ठेका दिया गया था। उन्होंने कहा कि बचाव दल यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि फंसे हुए लोग सुरक्षित बाहर आ सकें।

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Weather News: उत्तर भारत में मौसम ने ली करवट, हिमपात से कश्मीर-हिमाचल की सड़कें बंद; पंजाब में ओलावृष्टि का अलर्ट

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 7:01am

जागरण टीम, नई दिल्ली। उत्तर भारत के उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम ने करवट बदली और चोटियों पर हिमपात व निचले इलाकों में रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ का असर दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा।

श्रीनगर में वर्षा का सिलसिला जारी

कश्मीर में हिमपात व बारिश से तापमान में गिरावट आई है। हिमपात से पवाड़ा-करनाह तथा बांडीपुर-गुरेज मार्ग को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। मंगलवार तड़के से श्रीनगर समेत अधिकतर इलाकों में शुरू वर्षा का सिलसिला जारी है।

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतर इलाकों में बर्फबारी व बारिश का सिलसिला बना रहेगा। उत्तराखंड में बुधवार को ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ और इसी के साथ उच्च हिमालय पर हिमपात का सिलसिला भी शुरू हो गया। निचले इलाकों में भी हल्की वर्षा हो रही है।

उत्तराखंड में भारी वर्षा-बर्फबारी की चेतावनी

मौसम विभाग ने गुरुवार को दून समेत समूचे प्रदेश में भारी वर्षा-बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। शुक्रवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा-बर्फबारी को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उधर, हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले स्थानों रोहतांग सहित सभी दर्रों पर बुधवार को तीन फीट से अधिक हिमपात हुआ।

लाहुल स्पीति में भारी हिमपात के कारण परिवहन सेवा बाधित हो गई है। किन्नौर के ऊपरी क्षेत्रों में चार से पांच इंच तक हिमपात हुआ है। पांगी घाटी में एक से दो फीट तक हिमपात हुआ, जिस कारण घाटी का संपर्क कट गया है। मनाली में भी बर्फ के फाहे गिरे हैं, जबकि प्रदेश के निचले क्षेत्रों में वर्षा हुई।

पंजाब में आंधी, वर्षा व ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने गुरुवार तक शीतलहर, अगले तीन दिन तक कांगड़ा, चंबा व कुल्लू जिलों के अधिकतर स्थानों पर भारी वर्षा व हिमपात का आरेंज अलर्ट जारी किया है। पंजाब में पिछले दो दिनों से बूंदाबादी व हल्की वर्षा हो रही है। बुधवार को होशियारपुर, गुरदासपुर, पटियाला, पठानकोट, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा व फरीदकोट में बूंदाबांदी व हल्की वर्षा हुई।

मौसम विभाग ने गुरुवार व शुक्रवार को पंजाब के कई जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है। कुछ जगहों पर हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर भी रह सकती है। कुछ जगहों पर सामान्य से मध्यम वर्षा तो कुछ जगहों पर भारी वर्षा व ओलावृष्टि हो सकती है।

राजस्थान में हल्की बारिश होने की संभावना

उधर, मौसम विभाग के अनुसार नए पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर-पश्चिमी व उत्तरी राजस्थान के कुछ भागों में 27 फरवरी से एक मार्च के दौरान कहीं-कहीं मेघगर्जन के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। शेष अधिकतर भागों में मौसम शुष्क बना रहेगा।

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Earthquake in Assam: असम में भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, आधी रात दहशत में घरों से बाहर निकले लोग

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 7:00am

 एएनआई, मोरीगांव। असम के मोरीगांव जिले में गुरुवार तड़के रिक्टर पैमाने पर 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने दी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) कहा कि भूकंप गुरुवार की रात 2:25 बजे आया और उसका केंद्र 16 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे पहले मंगलवार तड़के बंगाल की खाड़ी में रिक्टर पैमाने पर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया था।

An earthquake with a magnitude of 5.0 on the Richter Scale hit Morigaon, Assam at 2.25 am today

(Source - National Center for Seismology) pic.twitter.com/iowhZjOJHk

— ANI (@ANI) February 26, 2025

गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में महसूस किए गए झटके

भूकंप के झटके गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में महसूस किए गए। 5.0 तीव्रता वाले भूकंप को मध्यम माना जाता है, जिसमें घर के अंदर की वस्तुओं के हिलने, खड़खड़ाहट की आवाज और मामूली क्षति होने की संभावना होती है। असम में भूकंप काफी आम हैं क्योंकि यह राज्य भारत के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक है।

असम में तेज भूकंप की खतरा

यह भूकंपीय क्षेत्र V के अंतर्गत आता है, जिसका अर्थ है कि यहां तेज झटकों का खतरा अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में कुछ बड़े भूकंप देखे गए हैं, जैसे 1950 का असम-तिब्बत भूकंप (8.6 तीव्रता) और 1897 शिलांग भूकंप (8.1 तीव्रता) - दोनों इतिहास में सबसे मजबूत भूकंपों में से एक हैं।

यह बंगाल की खाड़ी में आए 5.1 तीव्रता के भूकंप के कुछ दिनों बाद आया है, जिसके झटके कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में महसूस किए गए। एनसीएस ने बताया कि भूकंप 25 फरवरी को सुबह 6:10 बजे आया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि भूकंप ओडिशा में पुरी के पास दर्ज किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि भूकंप बंगाल की खाड़ी में 91 किमी की गहराई पर आया। हालांकि भूकंप के झटकों से कोलकाता के निवासियों में क्षणिक दहशत फैल गई, लेकिन क्षति या हताहत की तत्काल कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

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'एक-दूसरे का समर्थन करते हैं आतंकी संगठन', इजरायली राजदूत ने हमास लड़ाकों के गुलाम कश्मीर के दौरे पर जताई चिंता

Dainik Jagran - National - February 27, 2025 - 6:22am

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने बुधवार को उन खबरों पर चिंता जताई, जिनमें इस महीने की शुरुआत में फलस्तीनी संगठन हमास के लड़ाकों के गुलाम जम्मू-कश्मीर दौरे और जैश-ए-मोहम्मद तथा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ बैठक करने की बात कही गई थी।

आतंकवादी संगठन एक नेटवर्क में काम करते हैं

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आतंकवादी संगठन एक नेटवर्क मेंकाम करते हैं और कई बार वे एक-दूसरे का समर्थन करने के तरीके ढूंढ लेते हैं। यह न केवल हमारे क्षेत्र के लिए, बल्कि कई देशों के लिए हानिकारक होता है।

ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं- अजार

अजार ने आइएएनएस को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि आतंकियों के साथ हमास लड़ाकों की बैठक बताती है कि किस तरह ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं। जाहिर है वे अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। यह ऐसी चीज है जिस पर हमें ध्यान देना होगा।

अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 का जिक्र भी किया

अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-35 का जिक्र करते हुए अजार ने कहा कि इसने मध्य-पूर्व के आसमान पर इजरायल का वर्चस्व स्थापित करने में अपनी उपयोगिता साबित की है। यदि भारत भी यह विमान हासिल करता है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि इसे भी उसी प्रकार की बढ़त मिलेगी।

बताते चलें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को एफ-35 विमान देने का प्रस्ताव दिया था। पीएम मोदी के बारे में अजार ने कहा कि इजरायल उनके नेतृत्व में भारत की उपलब्धियों को प्रशंसा की दृष्टि से देखता है और उनकी मित्रता हमारे लिए बहुत प्रिय है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में एक शक्ति के तौर पर उभर रहा है।

इजरायली राजदूत ने भारत समेत उन देशों के नेताओं और राजनीतिक दलों से सवाल किया जो केवल फलस्तीनी अधिकारों के लिए लड़ना चाहते हैं, लेकिन हमास जैसे संगठनों की क्रूरता और इजरायल के लोगों द्वारा किए जा रहे बलिदान के खिलाफ आवाज नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि जो फलस्तीनी हमारे साथ शांति से रहना चाहते हैं, हम उनके आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देंगे।

हमास चार इजरायली बंधकों के शव देने को तैयार

हमास बचे हुए चार बंधकों के शव इजरायल को देने के लिए तैयार हो गया है। फलस्तीनी संगठन ये शव बुधवार-गुरुवार की रात मर्यादित तरीके से गाजा में रेडक्रास अधिकारियों को सौंपेगा। पहले हमास ने समझौते के अनुसार 620 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बाद ही शव देने का एलान किया था। इन शवों के देने के साथ ही हमास युद्धविराम के प्रथम चरण में दिए जाने वाले 33 बंधकों की संख्या पूरी कर देगा।

33 में 25 जीवित और आठ बंधकों के शव

इन 33 में 25 जीवित और आठ बंधकों के शव हैं। इनके बदले में इजरायल को दो हजार फलस्तीनी कैदी छोड़ने हैं। इस बीच बुधवार को इजरायल में शीरी बिबास और उनके दोनों बच्चों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हजारों लोगों ने इन तीनों को अंतिम विदाई दी और परिवार को साथ होने का भरोसा दिया।

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