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Punjab Cabinet approves new excise policy

Business News - February 27, 2025 - 7:25pm
Categories: Business News

नीतीश के पास 2 नहीं 3 डिप्टी CM की चर्चा, विभागों के बंटवारे में 'खेला', विजय सिन्हा का 'डिमोशन'!

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 7:09pm

राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet Ministers Portfolio) में भाजपा कोटे के नए मंत्रियों के बीच गुरुवार को विभागों का बंटवारा हो गया। इसके साथ ही चार मंत्रियों को झटका लगा। ऐसे मंत्रियों में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, प्रेम कुमार, नीतीश मिश्रा के अतिरिक्त नितिन नवीन हैं।

पार्टी ने चार मंत्रियों का एक-एक विभाग कम किया, तो उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का सबसे अहम विभाग छीनकर दूरगामी संदेश दिया है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख संतोष सुमन का कद भी मंत्रिमंडल विस्तार के भेंट चढ़ गया।

संतोष सुमन से छीना आपदा प्रबंधन एवं IT विभाग

संतोष से सरकार ने सबसे अहम विभाग आपदा प्रबंधन एवं सूचना प्रौद्योगिकी छीन लिया है। अब संतोष सुमन के पास एक मात्र विभाग लघु जल संसाधन रह गया है।

विजय सिन्हा को भी लगा जोर का झटका

वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का सबसे अहम विभाग पथ निर्माण वापस लेकर पार्टी ने दूरगामी संदेश दिया है, जबकि विस्तार के बाद विभागों के फेर-बदल में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को कृषि की जगह विधि विभाग देकर पार्टी ने पांडेय का कद दोनों उपमुख्यमंत्री के समक्ष कर दिया है।

BJP कोटे के 2 मंत्रियों के पास दो-दो विभाग

अब भाजपा कोटे के तीन मंत्रियों के पास दो-दो विभाग का दायित्व रह गया है। इसमें सम्राट चौधरी के वित्त एवं वाणिज्यकर विभाग, विजय सिन्हा के पास कृषि के साथ खान एवं भूतत्व विभाग देकर पर कतर दिया।

विधानसभा चुनाव से पहले सिन्हा का राजनीतिक कद घटने एवं मंगल पांडेय को विधि विभाग का दायित्व देकर दो विभाग का मंत्री बनाए रखने की चर्चा भाजपा के अंदर जोरों पर है।

संजय सरावगी राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री, जीवेश को नगर विकास

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में बुधवार को शामिल भाजपा कोटे के सात मंत्रियों को विभाग दे दिया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल के त्याग पत्र से रिक्त राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का पद संजय सरावगी को दिया गया है। इस फेरबदल में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा कोटे के मंत्री संतोष कुमार सुमन का दो विभाग चला गया।

उनका आपदा प्रबंधन विभाग भाजपा के विजय कुमार मंडल के हिस्से चला गया। दूसरा विभाग, सूचना एवं प्रावैधिकी कृष्ण कुमार मंटू को दे दिया गया। नए मंत्रियों को दिए गए सात में से पांच विभाग वही हैं, जो मंत्रिमंडल के पिछले विस्तार में भाजपा को दिए गए थे। जीवेश कुमार राज्य के नए नगर विकास मंत्री बनाए गए हैं। यह विभाग पहले नीतिन नवीन के जिम्मे था।

कला संस्कृति मंत्री मोतीलाल प्रसाद को बनाया गया है। यह उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के हवाले था। राजू कुमार सिंह को पर्यटन मंत्री बनाया गया है। यह नीतीश मिश्र से जिम्मे था। डॉ. सुनील कुमार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हैं। इससे पहले प्रेम कुमार इस विभाग के मंत्री थे।

इस बदलाव में जदयू कोटे के किसी मंत्री का विभाग नहीं बदला है। निर्दलीय सुमित कुमार सिंह के विभाग में भी कोई कटौती नहीं हुई है।

बदलाव के बाद इनके पास रह गए ये विभाग नाम विभाग विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री कृषि, खान एवं भूतत्व डॉ. प्रेम कुमार सहकारिता मंगल पांडेय स्वास्थ्य एवं विधि नीतीश मिश्रा उद्योग नीतीन नवीन पथ निर्माण संतोष सुमन लघु जल संसाधन नए मंत्रियों का विभाग नाम विभाग जिवेश कुमार नगर विकास एवं आवास संजय कुमार सरावगी राजस्व एवं भूमि सुधार डॉ. सुनील कुमार पर्यावरण राजू कुमार सिंह पर्यटन मोती लाल प्रसाद कला संस्कृति एवं युवा विजय कुमार मंडल आपदा प्रबंधन कृष्ण कुमार मंटू सूचना एवं प्रावैधिकी

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Patna Metro: पटना मेट्रो रेल डिपो भूमि अधिग्रहण मामले में नीतीश सरकार को राहत, जमीन मालिकों को झटका

Dainik Jagran - February 27, 2025 - 6:39pm

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो डिपो (Patna Metro Depot) से जुड़े कानूनी विवाद पर अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।

न्यायालय ने रानीपुर और पहाड़ी मौजे के भू-स्वामियों की ओर से दायर की गई दर्जनों अपीलों को खारिज कर दिया, जिससे अब मेट्रो परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट कि पटना मेट्रो डिपो और टर्मिनल का निर्माण अपनी निर्धारित जगह पर ही होगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार अब अधिग्रहित भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होगी।

खंडपीठ ने एकलपीठ के उस पूर्व आदेश को संशोधित कर दिया, जिसमें सरकार को अधिग्रहित जमीन के बदले भू-स्वामियों को 2014 में तय न्यूनतम सर्किल रेट को अद्यतन कर बढ़ी हुई मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया गया था।

क्या है पूरा मामला?

पटना के बैरिया स्थित मेट्रो रेल टर्मिनल और डिपो निर्माण के लिए चिह्नित भूखंडों को लेकर विवाद उत्पन्न विवाद में स्थानीय भू-स्वामियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि इस भूमि पर घनी बस्ती है और सरकार ने नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत पुनर्वास की कोई योजना नहीं बनाई है।

दिसंबर 2023 में न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने भू-स्वामियों की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि व्यापक जनहित में मेट्रो यार्ड के स्थान को बदलना संभव नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को मुआवजा बढ़ाने का निर्देश दिया था।

इस निर्णय के विरुद्ध रंजीत कुमार, ललिता देवी समेत कई भू-स्वामियों ने दो जजों की खंडपीठ में अपील दायर कर अधिग्रहित भूमि को वापस करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि इतने बड़े पैमाने पर सौ से अधिक परिवारों का पुनर्वास पटना शहर में संभव नहीं है।

पीके. शाही और अखिल सिब्बल ने रखी दलीलें

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके. शाही और अधिवक्ता किंकर कुमार ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया था कि निर्माण कार्य काफी आगे बढ़ चुका है और जिस डिपो के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, उसके निर्माण में 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। भू-स्वामियों का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अखिल सिब्बल (कपिल सिब्बल के पुत्र) ने रखा।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें भूमि अधिग्रहण पर आपत्ति दर्ज कराने का मौका ही नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि एक जून 2021 को प्रकाशित अखबारी नोटिस के आधार पर मात्र दो दिन में, यानी तीन जून 2021 तक, सभी आपत्तियां निपटा दी गईं, जो पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में लाता है।

इस निर्णय से पटना मेट्रो परियोजना को गति मिलने की आशा है, जबकि प्रभावित भू-स्वामियों को अब पहले दिए गए मुआवजे से ही संतोष करना होगा।

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