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Pahalgam Attack: बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान, Visa पर भी रोक; भारत के 5 बड़े फैसले
जयप्रकाश रंजन/नीलू रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकवादियों के कायराना हमले के बाद भारत ने बुधवार को पांच बड़े फैसले किये जिसे सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा सकती है।
बुधवार शाम पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई जिसमें भारत ने पाकिस्तान के साथ वर्ष 1960 में किये गये सिंधु जल समझौते को रोकने का फैसला किया।
पाकिस्तान की इकोनमी हो सकती है बदहालपाकिस्तान जब तक सीमा पार आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक यह समझौता रुका रहेगा। इस फैसले की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि पूर्व में दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति में भी भारत ने सिंधु जल समझौते को रद्द नहीं किया था।
इस समझौत के तहत दोनों देशों के बीच साझा छह नदियों के जल के बंटवारे का प्रबंधन है। समझौता का रद होना पहले से ही खस्ताहाल पाकिस्तान की इकोनमी को और बदहाल कर सकता है। सीसीएस के फैसलों के बारे में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी।
सीसीएस का दूसरा अहम फैसला है पंजाब प्रांत की सीमा पर स्थित अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करना। जिन पाकिस्तानी नागरिकों ने अटारी सीमा से भारत में प्रवेश किया है उन्हें एक मई, 2025 तक लौट जाने को कहा गया है।
तीसरा, फैसला यह है कि पाकिस्तान के ऐसे नागरिक जिन्हें सार्क वीजा एक्जेंपशन स्कीम (एसवीईएस) के तहत भारत आने की छूट खत्म कर दी गई है। पूर्व में इसके तहत जिन पाकिस्तानी नागरिकों को यह वीजा दिया गया है उसे रद्द कर दिया गया है।
वर्ष 1992 से यह स्कीम लागू थी जिसके तहत पाकिस्तान के विशिष्ठ नागरिकों (पत्रकारों, उद्योगपतियों, कलाकारों, राजनेताओं आदि) को विशेष सुविधा के तहत भारत आने की छूट होती है। भारत ने कहा है कि अगर कोई पाकिस्तान नागरिक उक्त वीजा स्कीम के तहत भारत में है तो उसे 48 घंटे के तहत भारत छोड़ना होगा।
सीसीएस का चौथा फैसला यह है कि भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग में सैन्य, नौ सेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित (पर्सन नान ग्राटा) घोषित कर दिया है। इन सलाहकारों को एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
साथ ही भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने दूतावास से भी इन पदों पर तैनात अधिकारियों को वापस बुला लिया है। दोनों उच्चायोगों से पाच सहायक कर्मचारियों को भी बुलाने का फैसला किया गया है।
सीएस का पांचवां व अंतिम फैसला यह है कि पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या 55 से घटा कर 30 कर दिया गया है। भारत ने एक तरह से पाकिस्तान के राजकीय स्तर को और घटा दिया है। वर्ष 2019 में जब भारत ने कश्मीर से धारा 370 समाप्त किया था, उसके बाद पाकिस्तान ने अपने उच्चायोग को वापस बुला लिया था। भारत ने भी ऐसा ही किया था।
ढाई घंटे तक चली मीटिंग में क्या-क्या हुआ?तकरीबन ढ़ाई घंटे चली सीसीएस की बैठक के बारे में विदेश सचिव मिसरी ने यह बताया कि, “सीसीएस ने पूरी स्थिति की समीक्षा की और सभी सैन्य बलों को उच्चस्तरीय सतर्कता बरतने का आदेश दिया। यह संकल्प लिया गया कि पहलगाम हमले के दोषियों को दंडित किया जाएगा और उनके आकाओं को भी दोषी ठहराया जाएगा। हाल ही में जैसे भारत ने तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण किया है वैसे ही भारत इन आतंकी वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई में भारत कोई कसर नहीं छोड़ेगा।''
मिसरी ने यह संकेत दिया कि पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से भारत को वैश्विक समर्थन मिला है और इस घटना की निंदा हुई है, उससे पाकिस्तान के खिलाफ बेहद सख्त कदम उठाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि. “कई सरकारों ने हमें काफी मजबूत समर्थन दिया है और सभी ने इस घटना की निंदा की है। हम इन समर्थन की प्रशंसा करते हैं और यह बताता है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस की नीति होनी चाहिए।''
मीटिंग में इन नेताओं ने की शिरकतबैठक में पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, पीएम के विशेष सचिव डॉ. शक्तिकांत दास, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और रा प्रमुख रवि सिन्हा उपस्थित थे।
पीएम मोदी बुधवार सुबह ही सऊदी अरब की यात्रा से लौटे हैं। दिन भर उन्होंने पहलगाम हमले से जुड़े तथ्यों पर अलग-अलग बैठकें की। कई चरणों में विमर्श के बाद सीसीएस की बैठक में उक्त फैसलों पर मुहर लग सकी। मिसरी ने बताया कि, सीसीएस के समक्ष यह बात रखी गई कि हाल ही में जम्मू व कश्मीर राज्य में हुए सफल चुनाव व वहां हो रही चौतरफा विकास की गति को रोकने के लिए इस आतंकी हमले को अंजाम दिया गया है।
तीनों सेना के प्रमुखों के साथ तीन घंटे तक बैठक कर चुके रक्षा मंत्री सिंह ने भी सीसीएस को सैन्य तैयारियों की जानकारी दी। पूरी बैठक के दौरान पीएम मोदी की मुद्रा गंभीर थी। उनका स्पष्ट रुख था कि भारत आतंकियों और उनका पोषण करने वालों को करारा जवाब देने से बिल्कुल नहीं हिचकेगा।
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Pahalgam Attack: पहलगाम हमले को लेकर आज सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, कांग्रेस भी करेगी इमरजेंसी मीटिंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ये दावा किया है। इसके पहले सीसीएस की बैठक में सिंधु जल समझौता रद करने और अटारी बॉर्डर को बंद करने जैसे कई अहम फैसले किए गए।
वहीं कांग्रेस ने भी गुरूवार को पार्टी कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में पहलगाम में पर्यटकों पर क्रूर आतंकी हमले को पूरी सख्ती से निपटने की देश की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पार्टी इस घटना के गुनहगारों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मुखर आवाज उठाएगी।
केसी वेणुगोपाल ने दी जानकारीकांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार को श्रीनगर पीसीआर अस्पताल जाकर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के बाद एक्स पर पोस्ट में कहा कि पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के मद्देनजर गुरुवार को सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की आपातकालीन बैठक होगी।
दिल्ली से श्रीनगर के पीसीआर अस्पताल में मारे गए पर्यटकों के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद वेणुगोपाल ने एक्स पोस्ट पर मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पूरे वातावरण में दुख का माहौल था, परिवार बिखर गए, मासूम जिंदगियां खत्म हो गईं। सपने खिलने से पहले ही बुझ गए। वहां खड़े होकर दर्द और खामोशी के बीच कोई भी व्यक्ति आतंक की क्रूरता और मानवता पर उसके असहनीय बोझ को महसूस किए बिना नहीं रह सकता।
सोनिया गांधी भी होंगी शामिल- कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हमें न केवल शोक में बल्कि हिंसा और आतंक के खिलाफ अपने अडिग संकल्प में भी एकजुट होना चाहिए। भारत कभी नहीं भूलेगा। कांग्रेस कार्यसमिति की इस आपात बैठक में निर्दोष नागरिकों की आतंकियों द्वारा की गई निर्मम हत्या की कठोर निंदा करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाएगी और शोक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
- इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रहेंगी। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के भी कार्यसमिति की बैठक से पहले अमेरिका यात्रा से लौटने की संभावनाएं जताई जा रही है।
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'घुटने पर बैठो सुशील, कलमा पढ़ो...', पत्नी और बच्चों के सामने मार दी गोली; LIC में करता था काम
जागरण टीम, नई दिल्ली। पहलगाम में आतंकियों की बर्बरता की सारी हदें पार कर दी। उन्होंने हिंसा का नंगा नाच खेला। परिवार के साथ खुशियां मनाने पहुंचे पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी हत्या की। महिलाओं और बच्चों से ज्यादा परिवार के पुरुष सदस्यों को निशाना बनाया।
कानपुर के शुभम द्विवेदी और करनाल के नेवी अधिकारी विनय नरवाल की तरह रायपुर के दिनेश मिरानिया से भी दहशतगर्दों ने धर्म पूछा और हिंदू सुनते ही उन्हें गोली मार दी। रायपुर के समता कॉलोनी निवासी दिनेश मिरानिया की हत्या से उनका पूरा परिवार स्तब्ध है।
हिंदू कहने पर मार दी गोलीचचेरे भाई मनीष सिंघानिया ने बताया कि दिनेश शादी की सालगिरह पर कश्मीर गए थे। उनसे मंगलवार दोपहर फोन पर बात हुई थी, तब तक सब ठीक था। शाम को आतंकी हमले की सूचना मिली तो फोन करने पर संपर्क नहीं हो पा रहा था। बाद में उनके बच्चों ने फोन पर बताया कि आतंकियों ने दिनेश से उनका धर्म पूछा। हिंदू कहने पर गोली मार दी।
जयपुर के मालवीय नगर के माडल टाउन निवासी और यूएई में चार्टर्ड एकाउंटेंट नीरज उधवानी पत्नी आयुषी के साथ शादी समारोह में शामिल होने शिमला आए थे। वहां से कश्मीर घूमने चले गए। दोनों की दो वर्ष पहले शादी हुई थी।
गुरुवार सुबह नीरज का अंतिम संस्कार होगा। मां ज्योति का रोते-रोते बुरा हाल है। राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल और राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी नीरज के स्वजन को सांत्वना देने पहुंचे।
ईसाई बताने पर भी मार डाला- इंदौर के ईसाई सुशील नथानियल पत्नी जेनिफर, बेटी आकांक्षा और बेटा ऑस्टिन (गोल्डी) के साथ बैसरन में थे। स्वजन के मुताबिक, आतंकियों ने पहले सुशील को घुटनों के बल बैठाया, फिर कलमा पढ़ने को कहा। वह कलमा नहीं पढ़ पाए और खुद को ईसाई बताया तो गोली मार दी। बेटी आकांक्षा को पैर में गोली लगी है।
- जेनिफर भागने के दौरान घायल हुई हैं। ऑस्टिन सुरक्षित है। 58 वर्षीय सुशील नथानियल एलआईसी की आलीराजपुर शाखा में पदस्थ थे। शुक्रवार को गुड फ्राइडे के बाद वह परिवार सहित शनिवार को कश्मीर रवाना हुए थे। जेनिफर और आस्टिन सुशील से दूर थे, इसलिए आतंकियों की गोली से बच गए। पास होने के कारण आकांक्षा के पैर में गोली लगी। उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
- आईबी अधिकारी मनीष रंजन ने सभी को वहीं वैष्णव देवी दर्शन के लिए बुलाया था। मंगलवार को मनीष के माता-पिता भी ट्रेन से वैष्णो देवी जा रहे थे। इसी बीच सूचना मिली तो झारखंड के डालटनगंज रेलवे स्टेशन से उन्हें वापस झालदा लाया गया। मनीष पहले रांची में कार्यरत थे। बाद में हैदराबाद स्थानांतरित हुए थे। उनका पार्थिव शरीर विमान से रांची व वहां से झालदा लाया जाएगा। साथ में उनकी पत्नी जया, पुत्र रुद्रांश व पुत्री गिशु भी हैं।
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कश्मीर में हड़ताल, पाकिस्तान के झंडे जले... Pahalgam आतंकी हमले के खिलाफ एकजुट हुए देशवासी
टीम जागरण, नई दिल्ली। पहलगाम के बैसरन में आतंकियों द्वारा किए नरसंहार के विरुद्ध देश भर में गुस्सा देखने को मिला। बुधवार को हमले के विरोध में पूरा जम्मू-कश्मीर बंद रहा। इसके अलावा देश भर में जगह जगह विरोध प्रदर्शनों के साथ मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई कैंडिल मार्च भी निकाले गए। खास बात यह है कि कश्मीर में 35 वर्षों में पहली बार पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के खिलाफ पूर्ण बंद और आक्रोश दिखा है।
कश्मीर में कुछ समय पहले तक आतंकियों के समर्थन में हड़ताल हो जाया करती थी, लेकिन आज आतंक के खिलाफ जम्मू से लेकर पूरी कश्मीर घाटी में सब एकजुट दिखे। लोगों ने वहां पाकिस्तान के झंडे जलाए सभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया।
देश के कई राज्यों में लोगों ने दी श्रद्धांजलिराजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़ में भी नरसंहार में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
साथ ही गुनहगारों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। जम्मू-कश्मीर में दुकानें, स्कूल, उद्योग सब बंद रहा जम्मू-कश्मीर में इस हमले के विरोध में अलगावादी हुर्रियत कान्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने खुद बंद की अपील की। हमले के विरोध में जम्मू संभाग ही नहीं, कश्मीर में शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे। दुकानें भी नहीं खोली गईं।
हाई कोर्ट समेत प्रदेश के सभी अदालतों में वकीलों ने कामकाज ठप रहा। सार्वजनिक और व्यावसायिक वाहन भी नहीं चले। राज्य के विभिन्न औद्योगिक व पर्यटन से जुड़े संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ अलग-अलग विरोध मार्च निकाले। राष्ट्रीय बजरंग दल समेत अन्य हिंदू संगठनों ने सड़कों पर टायर और पाकिस्तान के झंडे जलाए तथा नारेबाजी की।
अजमेर दरगाह में दी गई श्रद्धांजलिपहलगाम नरसंहार के मारे गए लोगों को अजमेर शरीफ दरगाह में बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई, साथ ही जो घायल हैं, उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआ की गई। इस मौके पर सैयद अफशान चिश्ती खादिम गद्दीनशीन ने कहा कि पूरी दुनिया से आतंकवाद का खात्मा हो, ऐसी कामना करते हैं। वहीं हिमाचल में शिमला समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए, वहीं शाम को कैंडल मार्च निकाला।
विश्व हिंदू परिषद, भाजपा, कांग्रेस, लोगों व अन्य सभी की एक ही मांग थी, आतंकियों को करारा जवाब दिया जाए। शिमला में विश्व हिंदू परिषद ने प्रदर्शन किया। आल हिमाचल मुस्लिम संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नजाकत अली हाशमी ने आतंकी घटना को कायराना और शर्मनाक बताया है। भाजपा ने धर्मशाला में जान गंवाने वाले लोगों को कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी आतंकी घटना को कायरतापूर्ण व अमानवीय बताया।
पहाड़ से लेकर मैदान तक गम और गुस्सा उत्तराखंड में पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में गम और गुस्सा देखने को मिला। राज्य में सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, व्यापारी, अधिवक्ता संगठनों ने प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर श्री गंगा सभा ने मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और दीप दान किया। देहरादून में मुस्लिम सेवा संगठन ने पहलगाम की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।
पौड़ी व ऊधम सिंह नगर पहुंचे मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी ने आतंकी घटना पर दुख जताते हुए कहा कि यह कायराना है। उधर बंगाल के सिलीगुड़ी में भी इस कायरतापूर्ण घटना के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखा गया।
शहरवासियों ने हिंदू संगठनों, सामाजिक समूहों और राजनीतिक दलों के नेतृत्व में रैलियां, मशाल जुलूस, पुतला दहन और श्रद्धांजलि सभाओं के माध्यम से अपना विरोध दर्ज किया। छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर, बिलासपुर समेत सभी शहरों में लोगों ने कैंडल मार्च निकाले, पाकिस्तानी सेना का पुतला फूंका गया।
चीन और रूस कर रहे बड़ी परियोजना पर काम, चंद्रमा पर परमाणु संयंत्र स्थापित करने पर कर रहे चर्चा
रॉयटर, शंघाई। रूस के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (आइएलआरएस) को लेकर कार्य कर रहा चीन इसे ऊर्जा प्रदान करने के लिए चंद्रमा पर एक परमाणु संयंत्र बनाने पर विचार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बुधवार को दी गई प्रस्तुति में यह बात कही गई है।
चीन का लक्ष्य 2030 तक एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बननाचीन का लक्ष्य 2030 तक एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनना और अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना है। 2028 के लिए नियोजित चांग-ई-8 मिशन एक स्थायी मानवयुक्त चंद्र बेस के निर्माण के लिए आधार तैयार करेगा।
शंघाई में एक प्रेजेंटेशन के दौरान 2028 मिशन के मुख्य इंजीनियर पेई झाओयू ने दिखाया कि चंद्र बेस की ऊर्जा आपूर्ति बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा प्रणालियों, और चंद्रमा की सतह पर उत्पन्न की गई हीटिंग और बिजली के लिए पाइपलाइनों और केबलों पर भी निर्भर होगी।
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कही थी ये बातरूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने पिछले साल कहा था कि वह चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के साथ मिलकर 2035 तक चंद्रमा की सतह पर आइएलआरएस को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक परमाणु रिएक्टर बनाने की योजना बना रही है।
चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर वू वेइरेन ने सम्मेलन के दौरान बताया कि आइएलआरएस के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न विद्युत आपूर्ति का है। जब परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की बात आती है तो इसमें रूस को स्वाभाविक लाभ है।
ED: सहारा मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 1500 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियां कुर्क
पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 1,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नई संपत्तियां कुर्क की हैं।
16 शहरों में कुल 1,023 एकड़ भूमि कुर्क का आदेश जारीईडी ने पीएमएलए के तहत सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की 16 शहरों में कुल 1,023 एकड़ भूमि कुर्क करने के लिए एक आदेश जारी किया था। इन भूखंडों का कुल मूल्य 2016 सर्किल रेट के अनुसार, 1,538 करोड़ रुपये है।
भूखंड इन राज्यों में
एजेंसी ने कहा कि इन भूखंडों को बेनामी लेन-देन के माध्यम से खरीदा गया था, जिसमें सहारा संस्थाओं से धन भेजा गया था। ये भूखंड उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और जम्मू और कश्मीर में स्थित हैं।
लोनावाला में एंबी वैली में 707 एकड़ जमीन जब्त की थीपिछले सप्ताह ईडी ने महाराष्ट्र के लोनावाला में स्थित एंबी वैली में 707 एकड़ जमीन जब्त की थी, जिसकी कीमत 1,460 करोड़ रुपये है। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला विभिन्न राज्य पुलिस विभागों द्वारा दर्ज 500 से अधिक एफआइआर से उपजा है।
500 से अधिक शिकायतों पर ईडी ने की कार्रवाईओडिशा, बिहार और राजस्थान में पुलिस द्वारा हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और अन्य के खिलाफ दर्ज तीन एफआइआर के अलावा, सहारा समूह की संस्थाओं और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज 500 से अधिक ऐसी शिकायतों का ईडी द्वारा विश्लेषण किया गया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि सहारा समूह विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से पोंजी योजना चला रहा था। इसमें एचआईसीसीएसएल, सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एससीसीएसएल), सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज कोआपरेटिव सोसाइटी (एसयूएमसीएस), स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एसएमसीएसएल), सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआइसीसीएल), सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआइआरईसीएल), सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) और अन्य समूह संस्थाएं शामिल है।
ईडी ने कही बेहद गंभीर बातईडी ने कहा कि समूह ने जमाकर्ताओं और एजेंटों को क्रमश: उच्च रिटर्न और कमीशन का लालच देकर धोखा दिया है और जमाकर्ताओं की किसी भी जानकारी या नियंत्रण के बिना एकत्रित धन का उपयोग किया है।
'शिवराज चौहान और विवेक तन्खा बातचीत से मामला सुलझाएं', जानें किस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा से कहा कि वे मानहानि मामले को आपसी बातचीत से निपटा लें।
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने लगाए थे शिवराज सिंह पर आरोपकांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश में साल 2021 के पंचायत चुनावों में शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने उनके खिलाफ संगठित, दुर्भावनापूर्ण, झूठा और मानहानिकारक अभियान चलाया था। इसके खिलाफ तन्खा ने भाजपा नेताओं पर 10 करोड़ रुपये मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने चौहान और तन्खा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और कपिल सिब्बल से कहा, कृपया हमें यह मामला सुनने के लिए मजबूर न करें। हम इसे बंद करना चाहते हैं। आप दोनों साथ बैठकर इसे सुलझाएं।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जारी किया था आदेशपिछले साल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मानहानि मामले को रद करने से इन्कार कर दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
बुधवार को सुनवाई के दौरान विवेक तन्खा के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर वह (चौहान) खेद व्यक्त करते हैं, तो मैं मानहानि के मामले को सुलझाने के लिए तैयार हूं।
पीठ ने मामले की सुनवाई 21 मई तक टाल दीइस पर सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह चौहान का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने जवाब दिया कि अगर कोई गलती ही नहीं हुई है तो मंत्री को खेद क्यों होना चाहिए? उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें सिब्बल के साथ बैठकर मामले पर चर्चा करने में कोई समस्या नहीं है। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 21 मई तक टाल दी।
पहलगाम हमले पर फूटा धर्मगुरुओं का गुस्सा, श्री श्री रविशंकर और बाबा रामदेव ने कड़ी कार्रवाई की मांग की
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि दुख और गुस्से की इस घड़ी में पूरी दुनिया को एकजुट होकर आतंकियों को उनकी जगह दिखानी चाहिए।
केवल निंदा करना ही काफी नहीं, कार्रवाई की आवश्यकता : श्री श्री रविशंकरसाथ ही कहा कि हर समझदार व्यक्ति इसकी निंदा करेगा, लेकिन अब सिर्फ निंदा करना ही काफी नहीं है, कार्रवाई की जरूरत है। दुनिया में जहां भी इस तरह की मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसे जड़ से खत्म किया जाना चाहिए।
बाबा रामदेव बोले भारत भी इजरायल-अमेरिका की तरह अपने शत्रुओं को कड़ा जबाव देजागरण संवाददाता के अनुसार, योग गुरु बाबा रामदेव ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को राष्ट्र पर सीधा प्रहार बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गुलाम कश्मीर को भारत में मिलाने के साथ ही वहां संचालित आतंकी शिविरों को लक्ष्य बनाकर नष्ट करने के लिए कड़े कदम उठाए। अब समय आ गया है कि भारत भी इजरायल और अमेरिका की तरह अपने शत्रुओं को सटीक एवं कड़ा जबाव दे।
हरिद्वार स्थित योगग्राम में आयोजित पत्रकार वार्ता में रामदेव ने कहा कि इस्लाम और कट्टर इस्लाम में अंतर स्पष्ट है। जो लोग नफरत फैला रहे हैं, वे संपूर्ण समुदाय को कलंकित कर रहे हैं। पहलगाम में हिंदुओं की पहचान पूछकर उन्हें चुन-चुनकर मारा गया। उन्हें कलमा पढ़ने के लिए बाध्य किया गया।
पहलगाम हमला सबसे वीभत्स घटनाओं में से एकबाबा ने कहा कि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में हिंदुओं को लक्ष्य बनाकर की गई सबसे वीभत्स घटनाओं में से एक है। आज प्रत्येक देशवासी को स्वयं को राष्ट्र की सेना का प्रतिनिधि समझते हुए सजग और सतर्क रहना होगा।
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल को गति देने में जुटे पूर्व छात्र नेता, अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाने की तैयारी
पीटीआई, नई दिल्ली। देश भर के पूर्व छात्र नेता बुधवार को ''एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए छात्र'' नामक एक नए मंच को लांच करने के लिए एक साथ आए। यह राष्ट्रीय मंच 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' सुधार से संबंधित अभियानों को जमीनी स्तर तक ले जाएगा। इससे व्यापक स्तर पर लोगों का जुड़ाव होगा और युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।
एक एआइ संचालित चैटबॉट का भी अनावरण किया गयाविभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,000 से अधिक छात्र नेताओं ने इस विषय पर एक दिन की चर्चा में भाग लिया। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लागू करने के लाभों को रेखांकित करने वाली एक पुस्तक का विमोचन किया गया।
साथ ही, एक एआइ संचालित चैटबॉट का भी अनावरण किया गया जो इस पहल के बारे में लोगों के सवालों का रियल टाइम सटीक जवाब प्रदान करेगा।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही ये बातकेंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''यह सिर्फ सरकारी खर्च बचाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि हमारी प्रशासनिक मशीनरी चुनावों के निरंतर चक्र में फंसने के बजाय शासन और विकास पर ध्यान केंद्रित करे। मैं आप सभी से अपील करता हूं - लोगों की आवाज बनें और हर नेता को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर रुख अपनाने के लिए मजबूर करें।''
छात्र नेताओं ने कॉलेज में वाद-विवाद, सामुदायिक चर्चा, डिजिटल स्टोरीटेलिंग, घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने और सांस्कृतिक पहल जैसी आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से अभियान को आगे बढ़ाने के तरीके पर अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, ताकि सभी क्षेत्रों के लोगों से जुड़ा जा सके।
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कही ये बातकेंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' केवल नीतिगत बदलाव नहीं है, बल्कि ''दूरदर्शी सुधार'' है। यह केवल नीतिगत बदलाव नहीं है, यह विकसित भारत का मार्ग है। छात्र नेताओं को इस मिशन को जमीनी स्तर पर ले जाना चाहिए, ताकि यह एक वास्तविक जन आंदोलन बन सके।''
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी उनके विचारों को दोहराया और राजनीति से परे इस सुधार के राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया।
Pahalgam Terror Attack: आसमान छू रहा श्रीनगर से वापसी का टिकट, टूरिस्ट सर्विस प्रोवाइडर और हाटलों के लिए जारी हुई एडवाइजरी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विमानन कंपनियों को चेतावनी दी है कि वह मौजूदा हालात में श्रीनगर से बाहर जाने वाली उड़ानों के किराये पर लगाम लगा कर रखें। हालांकि, बुधवार देर शाम तक हवाई टिकट बिक्री की तमाम वेबसाइटों पर श्रीनगर से दिल्ली, मुंबई या दूसरे शहरों की टिकट की स्थिति बताती है कि चेतावनी काम नहीं कर रही है।
गुरुवार को श्रीनगर-नई दिल्ली का किराया 29 हजार रुपये पार कर गया है, जो आम तौर पर अधिकतम 10-12 हजार रुपये रहता है। सभी एयरलाइनों ने कश्मीर से बाहर जाने वाले पर्यटकों को बगैर किसी अतिरिक्त शुल्क के हवाई यात्रा फिर से निर्धारित करने या टिकट रद करने की सुविधा दी है। एयरलाइनों का कहना है कि किराया मांग के आधार पर बढ़ता-घटता रहता है।
अलग-अलग साइटों पर इन टिकटों के दाम में कुछ अंतरदैनिक जागरण ने बुधवार शाम साढ़े सात बजे तब हवाई टिकट बिक्री की तमाम साइटों को चेक किया, तो यह बात सामने आई कि गुरुवार (24 अप्रैल) को श्रीनगर-नई दिल्ली की टिकट स्पाइस जेट पर न्यूनतम 16,416 रुपये, एयर इंडिया एक्सप्रेस पर न्यूनतम 15,948 रुपये पर उपलब्ध है। स्पाइस जेट की देर शाम की फ्लाइट 29,758 रुपये की है। अलग-अलग साइटों पर इन टिकटों के दाम में कुछ अंतर है।
यह पहला मौका नहीं है जब विमानन कंपनियों ने आपदा में अवसर तलाशने की कोशिश की है। पूर्व में भी कई बार राष्ट्रीय आपदा आने या त्योहारों के समय विमानन कंपनियां कुछ खास रूट पर इसी तरह से बेहिसाब किराया बढ़ा देती हैं।
इससे पहले दोपहर में नागरिक विमानन मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि श्रीनगर से पर्यटकों को बाहर निकालने के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू की जाएंगी। विमानन कंपनियों से कहा गया है कि वह किराये को नियंत्रण में रखें ताकि लोगों पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े।
नागरिक विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि विमानन कंपनियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि वह ज्यादा किराया न लें। नायडू ने यह भी कहा है कि वह व्यक्तिगत तौर पर नजर रख रहे हैं और इस बारे में लगातार गृह मंत्रालय व एयरलाइनों के साथ संपर्क में हैं।
हवाई किराये पर नजर रखने की बात भी उन्होंने कही है ताकि इसमें अनावश्यक तेजी ना हो पर जमीनी तौर पर ऐसा होता नहीं दिख रहा। हालांकि इंडिगो ने कहा है कि वह किराये को उचित रखने की कोशिश कर रही है।यह भी बताया गया कि बुधवार को सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक 20 उड़ानों से 3,337 यात्रियों ने कश्मीर से बाहर के लिए उड़ान भरी है।
कश्मीर से दूसरे शहरों के लिए मुख्य तौर पर एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइस जेट अपनी सेवाएं देती हैं।
पर्यटकों को हर संभव सहूलियतें मिलें: केंद्रजम्मू-कश्मीर में फंसे या वहां जाने वाले पर्यटकों की मदद के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय आगे आया है। मंत्रालय ने देशभर के टूरिस्ट सर्विस प्रोवाइडरों व होटल संचालकों के लिए बुधवार को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बु¨कग रद कराने पर ली जाने वाली कैंसिलेशन फीस माफ करने सहित सहूलियत के लिए सभी जरूरी उपाय करने की सलाह दी गई है।
मंत्रालय ने यह निर्देश ऐसे समय दिया है, जब घटना के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक बुकिंग रद करा रहे हैं।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी घटना के बाद वहां फंसे या जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा व सुविधा के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव व पर्यटन सचिव के साथ वह खुद और मंत्रालय लगातार संपर्क में है। उनकी कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को लगे झटके को कैसे कम किया जाए।
ओजोन का बढ़ता प्रदूषण पैदा कर सकता है खाद्यान्न संकट, फसलों को पहुंचाता है भारी नुकसान
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में हवा में ओजोन का प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है। ओजोन का ये बढ़ता प्रदूषण आने वाले समय में खाद्यान्न संकट की स्थिति पैदा कर सकता है। आईआईटी खड़गपुर से जुड़े शोधकर्ताओं की ओर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ओजोन के प्रदूषण के चलते भारत में गेहूं, धान और मक्का की पैदावार में गिरावट देखी जा सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर ओजोन के प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो 2050 तक गेहूं की पैदावार में 20 फीसदी और धान और मक्के की फसल में सात फीसदी तक की कमी दर्ज की जा सकती है।
आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने जलवायु मॉडल (सीएमआइपी6) से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल कर ये अध्ययन किया है। साथ ही इस अध्ययन में उन्होंने ये जानने का प्रयास किया है कि अगर ओजोन का प्रदूषण बढ़ता है तो इसका भारत में प्रमुख खाद्यान फसलों पर कितना असर पड़ेगा। वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के वैज्ञानिका विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि ओजोन एक ऑक्सीडेंट है। ये पौधों की पत्तियों और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। इसके प्रभाव के चलते हरे पत्ते पीले पड़ जाते हैं। पौधे की पत्तियों को दो चरणों में नुकसान पहुंचता है पहला चरण है क्लोरोसिस जिसमें पत्ते पीले पड़ जाते हैं। वहीं दूसरा चरण है मैक्रोसिस जिसमें पत्तों की सेल डैमेज हो जाती है। वहीं पत्ते की निचली सहत जिसे स्टोमेटा कहते हैं और पत्ते जिसके जरिए गैसों का आदान प्रदान करते हैं उसको भी ओजोन नुकसान पहुंचाता है। गर्मियों के मौसम में गाड़ियों और पावर प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण धुआं जिसमें नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड रहता है ये सूरज की गर्मी की वजह से क्रिया कर ऑक्सीजन बनाता है।
गौरतलब है कि ओजोन बेहद घातक प्रदूषक गैस है। ये एक ग्रीनहाउस गैस भी है जो क्लाइमेट चेंज को बढ़ावा देती है। ओजोन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें गाड़ियों और पावर प्लांट से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगानी होगी। इसके साथ ही पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल डालते समय हवा में उड़ने वाले पेट्रोल के वाष्प को रोकने के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। भारत ही नहीं आज दुनिया के कई देशों में ओजोन का प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन रहा है।
ओजोन के प्रदूषण से फसलों के उत्पादन पर कितना असर होगा इसके कई अध्ययन चल रहे हैं। भारत सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल फॅार एग्रीकल्चर रिसर्च के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेश कुमार कहते हैं कि हवा में ओजोन का स्तर 40ppb से ज्यादा होने पर पौधों को नुकसान पहुंचता है। ओजोन पौधे की फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया को बाधित कर देता है। इससे पौधा कमजोर होता है और उत्पादन पर असर पड़ता है। खेतों में डाली जाने वाली यूरिया और अन्य खाद भी तेज गर्मी में ओजोन बनने का कारण होती हैं। लेकिन ओजोन से फसल को कितना नुकसान होता है इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ओजोन के अलावा जलवायु परिवर्तन सहित कई अन्य कारण भी हैं जिनसे पौधों की सेहत और उत्पादकता पर असर पड़ता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के कई शहरों में ओजोन के प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक तौर पर वृद्धि हुई है। सीएसई में वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे डॉक्टर विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि हमने अपने अध्ययन में पाया कि पहले जहां ओजोन के प्रदूषण की समस सिर्फ गर्मियों में होती थी वहीं अब ये पूरे साल की समस्या बन गई है। खास तौर पर दक्षिण और पश्चिमी तटीय महानगरीय इलाकों में ये समस्या काफी बढ़ चुकी है। सामान्य तौर पर जब सूरज की रौशनी हो, गर्मी ज्यादा हो और गाड़ियों के धुएं का प्रदूषण हवा में मौजूद हो तो ही ओजोन के प्रदूषण में वृद्धि देखी जाती है। लेकिन हमने अध्ययन में पाया कि महानगरों में सूर्यास्त के बाद भी हवा में ओजोन का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। ओजोन के प्रदूषण की खास बात ये है कि ये गैस के रूप में होती है। ऐसे में दिल्ली का ओजोन प्रदूषण हवा के साथ आसपास के ऐसे इलाके में पहुंच सकता है जहां प्रदूषण का कोई स्रोत न हो। ऐसे में इसके प्रदूषण की चपेट में काफी बड़े इलाके के लोग आ जाते हैं।
हमारी सांसों को जहरीला बना रहा ओजोन
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हवा में ओजोन के स्तर का बढ़ना काफी खतरनाक है। ये सीधे हमारे फेफड़ों पर असर डालता है। हवा में ओजोन बढ़ने से सांस लेते समय छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन और सांस की नली में सूजन जैसी दिक्कत हो सकती है। फेफड़ों के काम करने में कमी आ सकती है। ओजोन ब्रोंकाइटिस, अस्थमा इत्यादि को और खराब कर सकता है। ओजोन के कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारी हो सकती है जो कि दिल को प्रभावित कर सकती है। बहुत लम्बे समय तक ओजोन के सांस के जरिए शरीर में जाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है।
ओजोन बढ़ने से मक्के के उत्पादन पर असर
ओजोन की परत को को नुकसान पहुंचने से दुनिया में मक्के के उत्पादन में कमी आ रही है। ये खुलासा यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की रिसर्च यूनिट USDA ARS Global Change and Photosynthesis Research Unit की ओर से किए गए अध्ययन में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन के निचले स्तर को नुकसान पहुंचने मक्के की फसल के उत्पादन में कमी आई है। ओजोन की निचली परत को नुकसान पहुंचने से सूरज की ऐसी किरणें नीचे आ रही हैं जो मक्के की पत्तियों में कैमिकल संतुलन को बिगाड़ रही हैं। शिकागो स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता 20 सालों से फसलों पर ओजोन प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन एक खास तरह के फॉर्म पर कर रहे हैं जहां ओजोन के अलग अलग स्तर का फसलों पर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने मक्के की तीन प्रजातियों पर अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि ओजोन के प्रभाव के कारण हाइब्रिड फसलों की उपज में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। वहीं पारंपरिक प्रजातियों के उत्पादन पर कुछ खास असर नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड मक्के के पौधे ओजोन के प्रभाव के चलते जल्दी बूढे होने लगे।
पूर्व मुख्य तकनीकी सलाहकार एवं परियोजना प्रबंधक, विश्व खाद्य संगठन, (संयुक्त राष्ट्र संघ) डा. राम चेत चौधरी कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के साथ ही ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने का सीधा असर फसलों पर पड़ता है। ओजोन के प्रभाव के चलते पौधे की पत्तियों में बनने वाली बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। साथ ही पत्तों में टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ ही आने वाले समय के लिए ज्यादा रजिस्टेंस वाली प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है।
क्या है समाधान
सीएसई ने ओजोन प्रदूषण पर किए गए अपने अध्ययन में कुछ सुझाव दिए हैं। इसके तहत कहा गया है कि, ओजोन की जटिल रासायनिक संरचना के कारण इसे ट्रैक और नियंत्रित करना मुश्किल है। इसे ट्रैक और नियंत्रित करने के लिए एक व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है।
वैश्विक अनुभवों के मुताबिक जैसे जैसे हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों का स्तर गिरता है नाइट्रोजन ऑक्साइड और ग्राउंड लेवल ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में ओजोन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों, वाहनों, घरों और खुले में जलने से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए सख्त नियम होने चाहिए।
ओजोन शहरों से दूर दूर तक फैल कर प्रदूषण में इजाफा करता है। इसके लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी की जरूरत है।
Rajnath Singh: 'पर्दे के पीछे छिपे मास्टरमाइंड को नहीं छोड़ेंगे' पहलगाम अटैक पर बोले रक्षा मंत्री- ऐसा जवाब मिलेगा कि दुनिया देखेगी
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दो विदेशी नागरिक सहित 26 लोगों की जान चली गई। श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक, हाईलेवल मीटिंग चल रही है।
इसी बीच राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, "कल पहलगाम में एक धर्म विशेष को निशाना बनाकर आतंकवादियों ने कायराना हरकत की, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई।"
आतंकियों को मिलेगा करारा जवाब: राजनाथ सिंहराजनाथ सिंह ने आगे कहा,"मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। हम न सिर्फ इस कृत्य के दोषियों तक पहुंचेंगे बल्कि पर्दे के पीछे के किरदारों तक भी पहुंचेंगे। आरोपियों को जल्द ही जोरदार और स्पष्ट जवाब मिलेगा, यह मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं।"
#WATCH | #PahalgamTerrorAttack | Delhi: Raksha Mantri Rajnath Singh says, "Yesterday, in Pahalgam, targeting a particular religion, terrorists executed a cowardly act, in which we lost many innocent lives... I want to assure the countrymen that the government will take every… pic.twitter.com/VhNHD0kO2E
— ANI (@ANI) April 23, 2025 तीनों सेना प्रमुख के साथ दिल्ली में रक्षा मंत्री की हाईलेवल मीटिंगबता दें कि देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री को पहलगाम और पूरे जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान जारी है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: अमित शाहवहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,"भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकवादी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने क्या कहा?आतंकी हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था," इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने आगे कहा था कि "मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।'
तीन आतंकियों की हुई पहचानबता दें कि इस वीभत्स हत्याकांड में शामिल 3 आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए हैं। इस वीभत्स आतंकवादी हमले में आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के शामिल होने का संदेह है।
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Pahalgam Attack: 'भारत बेहतर तरीके से जवाब देना जानता है', बदला लेने के लिए इजरायल ने किया खुले समर्थन का एलान
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले की दुनिया भर में निंदा के बीच भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि ऐसे अपराधी हमेशा दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। एएनआई से बात करते हुए अजार ने कहा कि भारत जवाबी कार्रवाई करने के लिए और अधिक दृढ़ संकल्पित होगा।
उन्होंने कहा, 'अपराधी हमें डराने के लिए हमेशा नए तरीके खोजने की कोशिश करते हैं। हमें निश्चित रूप से इस पर ध्यान देना होगा। हमें यह देखना होगा कि वे कैसे सोचते हैं, कैसे काम करते हैं और मुझे यकीन है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे। लेकिन मुझे यह भी यकीन है कि हम और अधिक दृढ़ संकल्पित होंगे और जवाबी कार्रवाई करेंगे।'
भारत के समर्थन का एलानअजार ने कहा, 'यह पूरी तरह से भारतीय सरकार पर निर्भर है। मुझे यकीन है कि उन्हें पता है कि कैसे काम करना है। हमने देखा है कि सरकार के प्रयासों की बदौलत अतीत में स्थिति कैसे स्थिर हुई है।'
उन्होंने कहा कि हम व्यापक आधार पर एक साथ सहयोग करने का प्रयास करते हैं ताकि यह देखा जा सके कि आम तौर पर खतरों से कैसे निपटा जाए, आतंकवाद से लड़ने के साधनों को कैसे बेहतर बनाया जाए, चाहे वह खुफिया जानकारी के लिहाज से हो, तकनीक के लिहाज से हो या फिर कार्यप्रणाली के लिहाज से हो।
सीमा पार की स्थिति पर दिया बयान- उन्होंने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा, इजरायल किसी भी मामले पर देशों यह नहीं बताएगा कि क्या करना चाहिए। मुझे यकीन है कि भारतीय सरकार और यहां के अधिकारियों के पास सीमा पार क्षेत्र की स्थिति और इस मुद्दे से निपटने के तरीके के बारे में कहीं बेहतर जानकारी है।'
- उन्होंने कहा, 'हम सामान्य रूप से कार्यप्रणाली, तकनीक और खुफिया जानकारी के मामले में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है जिसे हम जारी रखेंगे।'
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Pahalgam Attack: लश्कर का मुखौटा और ISI की ढाल... कौन है आतंकी संगठन TRF, कहां छिपा है इसका सरगना?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Attack) से करीब 6 किलोमीटर दूर बैसरन की घाटी मंगलवार दोपहर लहूलहान हो गई। करीब 6 पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली।
सभी आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में, मास्क लगाए घाटी में दाखिल हुए थे। इनका निशाना सिर्फ पुरुष थे, खासकर हिंदू। आतंकियों ने लोगों को कलमा पढ़ने पर मजबूर किया, और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंसवफ्रंट' (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है।
पाकिस्तान में बैठा है TRF का सरगनाTRF का सरगना शेख सज्जाद गुल पाकिस्तान में बैठकर संगठन को ऑपरेट करता है। इसकी शुरुआत 2019 के पुलवामा हमले के आसपास हुई। अनुच्छेद 370 हटने के बाद TRF ने घाटी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। इस संगठन से जुड़े लोग कश्मीर में ड्रग्स, हथियारों की तस्करी भी करते हैं।
वहीं, पाकिस्तान में बैठे इस आतंकी संगठन का सरगना, कश्मीर के युवाओं को अपने नाकाम मंसूबों को अंजाम देने के लिए उकसाता है।
शेख सज्जाद गुल को 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UPA) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। यह अधिनियम सरकार को अदालत में जाए बिना किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने की अनुमति देता है।
TRF को फंडिंग करती है पाकिस्तान सरकारटीआरएफ ने जम्मू-कश्मीर में नागरिकों, सुरक्षा बलों के सदस्यों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कई हमले किए हैं। ऐसा माना जाता है कि इस आतंकवादी संगठन को पाकिस्तान सरकार, खास तौर पर आईएसआई (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) द्वारा पोषित किया जाता है।
क्यों पाक सेना से जुड़ रहा आतंकी हमले का कनेक्शन?दुनिया जानती है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। लेकिन इसकी अगुवाई कौन कर रहा है? पाकिस्तान आर्मी के जनरल आसीम मुनीर।"
कुछ दिन पहले उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगला था। उनके शब्द थे,"'हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म, हमारी सोच, सब अलग है। कश्मीर को कोई ताकत पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकती।"
2019 में पुलवामा हमले के समय जनरल मुनीर ISI के प्रमुख थे। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद उन्हें हटा दिया गया था। हालांकि अब, सेनाध्यक्ष के रूप में, उनके पुराने मंसूबे फिर सामने हैं।
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भारत के एक्शन के डर से टेंशन में पाकिस्तान, रातभर जागे रहे सेना के अधिकारी; बॉर्डर और आसमान पर रही नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद से पूरा देश आक्रोशित है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इसके हमले को अंजाम देने वाले किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा। उधर पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सेना में दहशत फैल गई है।
पाकिस्तान को डर सता रहा है कि भारत हमले का बदला लेने के लिए एयरस्ट्राइक कर सकता है। पाकिस्तानी सेना में सीमा पार अलर्ट जारी किया हुआ है और पाक सेना के अधिकारी इसी आशंका के चलते रात भर जगे रहे।
पाकिस्तानी सेना में बढ़ी हलचलफ्लाइट डाटा दिखा रहा है कि भारत से डरकर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के पास स्थित अपने बेस पर मिलिट्री विमानों को डिप्लॉय कर रहा है। डेटा के मुताबिक, पाकिस्तानी एयरफोर्स का हरकुलिस एयरक्राफ्ट PAF189 कराची एयरकमांड से लाहौर लाया गया है।
(फोटो: स्क्रीनग्रैब)
वहीं पाकिस्तान में वीआईपी ट्रांसपोर्ट या इंटेलीजेंस ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एम्ब्रेयर फेनोम 100 PAF101 कराची बेस से रावलपिंडी बेस पर भेजा गया है। इसके अलावा लॉकहीड C-130E हरकुलिस एयरक्राफ्ट PAF177 भी रावलपिंडी एयरबेस पर भेजा गया है।
दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग- पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दौरा छोड़कर स्वदेश लौट आए हैं। गृह मंत्री अमित शाह घटना के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पहुंच गए थे। बुधवार की सुबह दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग भी हुई है।
- भारत ने इसके पहले पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक की थी। अब पाकिस्तान को डर है कि भारत फिर ऐसा कर सकता है। दावा ये भी किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने सऊदी अरब से लौटते वक्त पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं किया।
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'देश में मुस्लिमों के प्रति बढ़ रहा भेदभाव', पहलगाम आतंकी हमले पर ये क्या बोल गए रॉबर्ट वाड्रा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में हिन्दू-मुस्लिम हो रहा है और मुसलमान असहज महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि आतंकियों ने आईडी देखकर हत्याएं की हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। किसी भी मुद्दे को उठाने का यह तरीका नहीं हो सकता कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाए।"
'धर्म और राजनीति को रखना चाहिए अलग'
वाड्रा ने कहा कि धर्म और सियासत को अलग-अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "आतंकियों ने आईडी देखकर लोगों की जान ली, क्योंकि उन्हें लगता था मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह तरीका बिल्कुल गलत है। मैं इसका पूरी तरह से विरोध करता हूं।"
VIDEO | Pahalgam terror attack: Businessman Robert Vadra (@irobertvadra) says, "I am deeply saddened by what has happened, Any group can not highlight their causes by killing innocent people. Terrorism knows no religion, it targets humanity. There’s division, communal issues, and… pic.twitter.com/YDKk03N2Xk
— Press Trust of India (@PTI_News) April 23, 2025रॉबर्ट वाड्रा ने एकजुटता पर दिया बल
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि जब तक हम एकजुट और धर्मनिरपेक्ष नहीं होंगे, तब तक हमारी कमजोरियां और अंदरूनी समस्याएं हमारे दुश्मनों को साफ नजर आएगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मकसद देश को तोड़ना है और इससे लड़ने के लिए समाज का एकजुट होना जरूरी है।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "कोई भी संगठन अपने मुद्दे निर्दोषों की हत्या करके नहीं उठा सकता है। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है, यह सीधा इंसानियत पर हमला है।" साथ ही उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि देश में अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव बढ़ रहा है और यह हालात देश को अंदर से कमजोर कर सकते हैं।
अल्पसंख्यकों की स्थिति और बेरोजगारी पर जताई चिंता
वाड्रा ने कहा, अल्पसंख्यकों को दरकिनार किया जा रहा है और यहां तक की उन्हें अपने घरों की छत पर नमाज पढ़ने की भी इजाजत नहीं मिलती है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद घाटी में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आएगी, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाएं जल्द लागू करे।
पहलगाम हमले का हिसाब होगा, राजनाथ सिंह की दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग; तीनों सेनाओं के चीफ रहे मौजूद
तीनों सेना प्रमुख के साथ दिल्ली में रक्षा मंत्री की हाईलेवल मीटिंग, सीधा संदेश- 'पहलगाम हमले का हिसाब होगा'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की।
सेना प्रमुखों ने दी सुरक्षा स्थिति की जानकारी
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री को पहलगाम और पूरे जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान जारी है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली है CCS की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहलगाम हमले को लेकर कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भाग लेंगे। यह समिति देश की सुरक्षा से जुड़े फैसले लेने वाली सर्वोच्च समिति है। बता दें, पहलगाम हमला 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
हमले में 26 लोगों की हुई मौत
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुल 26 लोगो मारे गए, जिनमें एक नवविवाहित नौसेना अधिकारी, कई पर्यटक और स्थानीय नागरिक शामिल हैं। तीन आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिनमें से दो विदेश बताए जा रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने किया घटनास्थल का दौरा
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार सुबह हमले की जगह बैसरन वैली का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारों से मुलाक़ात की। उन्होंने कहा, "जो लोग मारे गए हैं, उन्हें इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा और दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी।"
पहलगाम हमले का पाकिस्तानी लिंक! पाक आर्मी चीफ का ये भड़काऊ भाषण और एक सप्ताह बाद हो गया अटैक; जानें पूरा मामला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश सन्न है और हर कोई सरकार से आतंकियों को करारा जवाब देने की मांग कर रहा है। आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन घूमने आए पर्यटकों को उनका नाम और धर्म पूछकर निशाना बनाया। इस हमले के बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। इस बीच पाक आर्मी चीफ का एक बयान काफी ज्यादा सुर्खियों में आ गया है, जिसमें उसने हिन्दुओं को अलग बताया था।
पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर ने कुछ दिनों पहले एक बयान दिया था, जिसमें उसने कश्मीर को इस्लामाबाद के 'गले की नस' बताया था। अब पहलगाम हमले के बाद लगातार ये सवाल उठ रहा है कि असीम मुनीर ने आतंकियों को हिन्दुओं के खिलाफ भड़काने का काम किया था।
Pakistan Army Chief General Asim Munir spews hate against #Hindus and propagates the #TwoNationTheory, which failed in 1971 when Bangladesh got independence from Pakistan. He asserts that children must be taught such "falsehoods" since it's easier to brainwash youth. Shameful! pic.twitter.com/vaVZhEK4v8
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) April 16, 2025अपने बयान में मुनीर ने बंटवारे का जिक्र करते हुए हिन्दुओं को मुस्लिमों से अलग बताया था और कहा था कि हम साथ नहीं रह सकते हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि मुनीर के इसी बयान ने आतंकियों को हिन्दुओं पर हमला करने के लिए प्रेरित किया, खासकर तब जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं।
पाक आर्मी चीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों के साथ एक बैठक में भारत और हिन्दुओं के खिलाफ जहर उगलने वाला बयान दिया था। मुनीर ने जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान के दावे को दोहराया था और टू-नेशन थ्योरी का बचाव किया था, जिसके कारण 1947 में भारत का बंटवारा हुआ था और पाकिस्तान बना था।
'कश्मीर हमारी गले की नस'
बैठक को संबोधित करते हुए असीम मुनीर ने वहां मौजूद भीड़ से कहा था, "हमारा रुख एकदम साफ है, यह हमारी गर्दन की नस थी और यह हमारी गर्दन की नस रहेगी। हम इसे नहीं भूलेंगे और हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।"
मुनीर ने कहा, "हिन्दुओं और मुसलमानों के बीत बहुत अंतर है और पाकिस्तान के मुसलमान हर तरह से हिन्दुओं से अलग हैं। हमारे विचार और हमारी महत्वकांक्षाएं अलग-अलग हैं। यहीं से टू-नेशन थ्योरी की बुनियाद रखी गई और हम एक नहीं दो राष्ट्र हैं।"
मुनीर के बयान पर भारत का जवाब
भारत ने मुनीर के इस बयान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के साथ एकमात्र संबंध उस देश की ओर से अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "कोई विदेश चीज कैसे हमारे गले में अटक सकती है? यह भारत का एक केंद्र शासिद प्रदेश है।"
उन्होंने कहा, "मुनीर का बयान पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति की भयावह स्थिति से ध्यान हटाने की एक कोशिश थी। पाकिस्तान में यह भावना बढ़ रही है कि सेना और सत्ताधारी शक्तियों ने लोगों को निराश किया है।"
हमले का पाकिस्तानी कनेक्शन
बता दें, पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी आतंकिों समेत चाक टेररिस्ट के शामिल होने की बात सामने आई है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं और सर्च ऑपरेशन चलाकर उनकी तलाश की जा रही है।
हमला करने वाले दो आतंकी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे, जिससे साफ होता है कि वो पाकिस्तानी नागरिक हैं। दो स्थानीय आतंकियों की भी पहचान हुई है, इनके नाम आदिल अहमद और आशिफ शेख बताए गए हैं।
इंटरनेशनल कोर्ट में चलेगा पहलगाम के आतंकियों पर केस? सिब्बल ने कर दी अमित शाह से ये बड़ी मांग
इंटरनेशनल कोर्ट में चलेगा पहलगाम के आतंकियों पर केस? सिब्बल ने कर दी अमित शाह से ये बड़ी मांग
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश है। इस हमले पर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मासूम लोगों को मारा गया।
कपिल सिब्बल ने कहा, "इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मुकदमा चलना चाहिए। मैं गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि वे पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करें और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में जाएं। मुझे यकीन है कि विपक्ष इस पर साथ देगा।"
#WATCH | Delhi | On Pahalgam terrorist attack, Senior advocate Kapil Sibal says, "Those responsible for this should be prosecuted in the international court. I urge the Home Minister to proscribe Pakistan as a terrorist state and move the International Criminal Court. I am sure… pic.twitter.com/eYHdRnUHRy
— ANI (@ANI) April 23, 2025क्या था मुनीर का बयान?
पाकिस्तान के सेन प्रमुख असीम मुनीर की 'गले की नस' वाली टिप्पणी का हवाला देते हुए कपिल सिब्बल ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमला बताया। असीम मुनीर ने कुछ दिनों पहले बयान दिया था, "यह हमारी गले की नस होगी, हम इसे नहीं भूलेंगे और हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके ऐतिहासिक संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।"
मुनीर के इसी बयान का हवाला देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि यह हमला राज्य प्रायोजित है। उन्होंने कहा, "अभी एक सप्ताह पहले ही ऐसा कहा गया था। यह एक बहुत सोची-समझी और सुनियोजित आतंकवादी हमला है। क्योंकि घाटी पहलगाम से सिर्फ आधे घंटे की दूरी पर है और यह एक उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है क्योंकि वहां अमरनाथ तीर्थस्थल है।"
सिब्बल ने हमले में बताया पाकिस्तान का हाथ
सिब्बल ने कहा, "जिन लोगों ने हमला किया वो जानते थे कि आप टट्टुओं के अलावा घाटी तक नहीं पहुंच सकते हैं। यह आरोप लगाया गया कि वे किश्तवाड़ से कोकरनाग होते हुए आए और फिर यहां आए। लेकिन निश्चित रूप से यह पाकिस्तान को इससे जोड़ता है।"
गृह मंत्री से की मांग
वरिष्ठ वकील ने कहा, "मैं गृह मंत्री से आग्रह करता हूं कि वे पाकिस्तान को आतंकवादी संगठन के रूप में शामिल करें। हमें अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में अभियोग दायर करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान का बहिष्कार करने का आग्रह करना चाहिए।"
'श्रीनगर के लिए विमानों का किराया न बढ़े', केंद्र सरकार ने एयरलाइंस को दिए निर्देश; कैंसिलेशन चार्ज भी माफ
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नागर विमानन मंत्रालय ने सभी एयरलाइनों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि श्रीनगर रूट पर विमानों के किराए में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं होनी चाहिए।
एयर इंडिया और इंडिगो चलाएंगी अतिरिक्त फ्लाइट्स
एयर इंडिया और इंडिगो ने कहा है कि बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए अतिरिक्त फ्लाइट्स चलाई जाएगी। साथ ही टिकट रद करने और यात्रा की तारीख बदलने पर भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
नागर विमानन मंत्री ने एयरलाइनों के साथ की आपात बैठक
नागर विमानन मंत्री के.राममोहन नायडू ने सभी एयरलाइन कंपनियों के साथ आपात बैठक की और श्रीनगर रूट पर अचानक किराया बढ़ाने के खिलाफ कड़े एडवायजरी जारी किए हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी एयरलाइंस आम किराया स्तर बनाए रखें।
केंद्रीय मंत्री ने एयरलाइनों को निर्देश दिए हैं कि वे मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने में राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पूरा सहयगो करें।
फ्लाइट शेड्यूल और सुविधाओं की जानकारी
- एयर इंडिया- श्रीनगर से दिल्ली के लिए सुबह 11:30 बजे और मुंबई के लिए दोपहर 12:00 बजे उड़ानें संचालित की जाएंगी। एयर इंडिया ने 30 अप्रैल तक बुकिंग्स पर मुफ्त कैंसलेशन और रीसिड्यूलिंग की सुविधा दी है।
- इंडिगो- 23 अप्रैल को दिल्ली और मुंबई से श्रीनगर के लिए दो विशेष उड़ानें चलाई जाएंगी। इंडिगो श्रीनगर को प्रतिदिन 20 उड़ानों से जोड़ता है और 22 अप्रैल तक बुकिंग की गई यात्राओं के लिए 30 अप्रैल तक मुफ्त बदलाव और रद्दीकरण की सुविधा दे रहा है।
- आकासा एयर- 23 से 29 अप्रैल तक श्रीनगर जाने-आने वाली सभी फ्लाइट्स के लिए यात्रियों को मुफ्त कैंसलेशन और पहला शेड्यूल चेंज मुफ्त दिया जाएगा।
- एयर इंडिया एक्सप्रेस- श्रीनगर से बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद, जम्मू और कोलकाता के लिए 80 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करता है। 30 अप्रैल तक यात्रियों को मुफ्त रदीकरण और तारीख बदलने की सुविधा दी जा रही है।
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