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अमेरिका दौरे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्टैनफोर्ड में देंगी भाषण, IMF-World Bank बैठकों में लेंगी हिस्सा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार (स्थानीय समयानुसार) को अपने पांच दिवसीय अमेरिका दौरे के लिए सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं। यह दौरा 20 अप्रैल से 25 अप्रैल तक निर्धारित है। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत भारत के अमेरिका में राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और सैन फ्रांसिस्को में भारत के कॉन्सल जनरल श्रीकर रेड्डी कोप्पुला ने किया।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में देंगी भाषण, सीईओज़ से होगी मुलाकातवित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचने पर केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण का स्वागत अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा, सैन फ्रांसिस्को में भारत के कॉन्सल जनरल डॉ. श्रीकर रेड्डी कोप्पुला और वित्त सचिव अजय सेठ ने सैन फ्रांसिस्को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर किया।”
20 अप्रैल से शुरू हो रही दो दिवसीय सैन फ्रांसिस्को यात्रा के दौरान निर्मला सीतारमण स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में ‘विकसित भारत 2047 की बुनियाद’ विषय पर मुख्य भाषण देंगी, इसके बाद एक फ़ायरसाइड चैट सेशन होगा।
उद्योगपतियों और प्रवासी भारतीयों से भी होंगी मुलाक़ातेंइसके अलावा वह शीर्ष फंड मैनेजमेंट कंपनियों के सीईओज़ के साथ राउंडटेबल मीटिंग में शिरकत करेंगी और सैन फ्रांसिस्को की नामचीन आईटी कंपनियों के प्रमुखों से भी द्विपक्षीय मुलाक़ात करेंगी। वित्त मंत्री वहां बसे भारतीय प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगी।
वॉशिंगटन डीसी में अंतरराष्ट्रीय बैठकों में लेंगी हिस्सा22 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच वॉशिंगटन डीसी में सीतारमण आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की स्प्रिंग मीटिंग्स में भाग लेंगी। इसके तहत वह दूसरी G20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (FMCBG) की बैठक, डेवलपमेंट कमिटी प्लेनरी, आईएमएफसी प्लेनरी और ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल (GSDR) मीटिंग में भी शरीक होंगी।
कई देशों के वित्त मंत्रियों से होंगी मुलाकातेंइन बैठकों के इतर सीतारमण अर्जेंटीना, बहरीन, जर्मनी, फ्रांस, लक्ज़मबर्ग, सऊदी अरब, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी। इसके साथ ही वह यूरोपीय संघ के वित्तीय सेवा आयुक्त, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के अध्यक्ष, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रतिनिधि (UNSGSA), और आईएमएफ के पहले डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर से भी मुलाकात करेंगी। अमेरिका दौरे के बाद वित्त मंत्री सीतारमण 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अपनी पहली पेरू यात्रा पर रवाना होंगी।
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प्रधानमंत्री मोदी आज सिविल सेवकों को करेंगे संबोधित, देंगे उत्कृष्टता पुरस्कार
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर सोमवार को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में लोकसेवकों को संबोधित करेंगे। इस मौके पर वह लोक प्रशासन उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री ने सदैव देश भर के लोक सेवकों को नागरिकों के हित में समर्पित होने, जन सेवा के लिए प्रतिबद्ध होने और अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
पुरस्कार देंगे पीएम मोदीइस वर्ष प्रधानमंत्री लोक सेवकों को जिलों के समग्र विकास, आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम और नवाचार की श्रेणियों में 16 पुरस्कार प्रदान करेंगे। उनको इसके माध्यम से आम नागरिकों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा। जीएम मोदी समग्र विकास और नवाचारों पर ई-पुस्तकें जारी करेंगे, जिनमें चिन्हित प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचारों के कार्यान्वयन की सफलता की कहानियां शामिल होंगी।
पुरस्कार वितरण से पहले पुरस्कार विजेता पहलों पर एक फिल्म भी दिखाई जाएगी। सिविल सेवा दिवस देशभर के सिविल सेवकों के लिए नागरिकों के हित के लिए खुद को फिर से समर्पित करने और अपने काम में सार्वजनिक सेवा और उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का अवसर है।
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US Vice President JD Vance Visit: परिवार संग भारत आ रहे जेडी वेंस, पीएम मोदी के साथ डिनर टेबल पर होगी अहम बातचीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ आज यानी सोमवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचेंगे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में भारत-अमेरिका के बीच जारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा की संभावना है।
हालांकि दौरे का मुख्य फोकस सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन स्थलों की यात्रा पर रहेगा। वेंस की पत्नी उषा की जड़ें भारत से जुड़ी हैं और यह यात्रा उनके तीन बच्चों इवान, विवेक और मिराबेल को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने का एक अवसर भी मानी जा रही है।
मोदी से मुलाकात और आधिकारिक रात्रिभोजवेंस के कार्यक्रम में फिलहाल एकमात्र बड़ा आधिकारिक कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और उनके आधिकारिक आवास पर होने वाला रात्रिभोज है। सूत्रों के अनुसार, इस रात्रिभोज में विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे।
वेंस के दिल्ली आगमन में कुछ घंटों की देरी के चलते कई अन्य नेताओं से संभावित मुलाकातें रद्द कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इस सप्ताह काफी व्यस्त रहेंगे, क्योंकि वे 22-23 अप्रैल को सऊदी अरब यात्रा पर जाएंगे।
नई दिल्ली पहुंचने पर वेंस को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। कुछ घंटे विश्राम के बाद वे और उनका परिवार दिल्ली के एक हैंडीक्राफ्ट और टेक्सटाइल शोरूम में खरीदारी करेंगे।
भारत दौरे से पहले इटली पहुंचे थे वेंसभारत, वेंस के एक सप्ताह के दो-देशीय दौरे का दूसरा चरण है, जो 18 अप्रैल को इटली से शुरू हुआ था। यह वेंस की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और वेंस की मुलाकात फरवरी में पेरिस में AI एक्शन समिट के दौरान हुई थी।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिशोधात्मक टैरिफ, जो फिलहाल जुलाई तक स्थगित हैं, वेंस के आधिकारिक संवाद का अहम हिस्सा रहेंगे।
रणनीतिक साझेदारी पर होगी चर्चाविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बीते सप्ताह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है और वेंस के दौरे के दौरान “सभी प्रासंगिक मुद्दों” पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, “हमारे संबंध इतने व्यापक हैं कि जो भी मानवीय प्रयास से जुड़ा है, वह चर्चा में शामिल होता है।हमें पूरा विश्वास है कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा।”
यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच 13 फरवरी को जारी संयुक्त वक्तव्य में लिए गए फैसलों की प्रगति की समीक्षा का भी अवसर होगी। इसके अलावा दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
जयपुर और आगरा में भी रहेंगे वेंस और परिवारप्रधानमंत्री मोदी के साथ रात्रिभोज के बाद, वेंस और उनका परिवार सोमवार रात को जयपुर के लिए रवाना होंगे। 22 अप्रैल को वेंस को राजस्थान के राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा औपचारिक स्वागत दिया जाएगा। इसके बाद वे आमेर किला, जंतर मंतर, सिटी पैलेस और हवा महल जैसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे।
दोपहर में वेंस राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक भाषण देंगे और फिर राजनीतिक और कारोबारी नेताओं से मुलाकात करेंगे। 23 अप्रैल को वेंस और उनका परिवार ताजमहल देखने आगरा जाएंगे।
इससे पहले तुलसी गबार्ड आई थीं भारतउल्लेखनीय है कि वेंस से पहले अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड मार्च में भारत आई थीं। वे ट्रंप सरकार की ओर से भारत आने वाली पहली कैबिनेट मंत्री थीं और उन्होंने सिक्योरिटी कॉन्क्लेव और रायसीना डायलॉग में हिस्सा लिया था।
यह उपराष्ट्रपति वेंस की तीसरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा है। फरवरी में वे पेरिस और म्यूनिख गए थे, जहां उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रक्षा खर्च पर यूरोपीय देशों की आलोचना की थी। मार्च में उन्होंने अपनी पत्नी और प्रतिनिधि वॉल्ट्ज के साथ ग्रीनलैंड की यात्रा की थी, लेकिन वहां ट्रंप प्रशासन की उस भूभाग पर नियंत्रण की इच्छा के कारण उन्हें ठंडी प्रतिक्रिया मिली थी।
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पिता करुणानिधि की राह पर 50 साल बाद सीएम स्टालिन, तमिलनाडु की स्वायत्तता के लिए 1974 में पेश किया था प्रस्ताव
पीटीआई, चेन्नई। राज्यों के लिए स्वायत्तता को मजबूती देने के उपाय सुझाने के लिए पिछले दिनों तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा की थी।
इसी स्वायत्तता के लिए उनके पिता एम. करुणानिधि ने भी 50 से अधिक वर्ष पहले संघर्ष किया था, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे।करुणानिधि ने राज्य की स्वायत्तता की पैरवी करते हुए 16 अप्रैल, 1974 को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था और जिसे पारित कर दिया गया था।
सीएन अन्नादुरई भी रहे राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थकइस मुद्दे पर द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरई (1909-1969) उनके प्रेरणास्त्रोत थे जो 1967 से 1969 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे और राज्य की स्वायत्तता के प्रबल समर्थक थे। प्रस्ताव पेश करते हुए करुणानिधि ने कई बार अन्नादुरई को उद्धत किया था। करुणानिधि ने इस बात की भी याद दिलाई थी कि उन्होंने 19 अगस्त, 1969 को पीवी राजामन्नार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की थी जिसमें एएल मुदालियर और पी. चंद्रा रेड्डी सदस्य थे।
22 सितंबर, 1969 को राज्यों की स्वायत्तता के आधार पर केंद्र व राज्यों के बीच रिश्तों के सवाल की पड़ताल के लिए समिति गठित कर दी गई थी। 1971 के चुनावी घोषणापत्र में भी द्रमुक ने अधिकतम स्वायत्तता के लिए संवैधानिक संशोधन की मांग की थी।
27 मई, 1971 को प्रदेश सरकार को राजामन्नार समिति की रिपोर्ट मिल गई थी और इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भेज दिया गया था। उन्होंने 22 जून, 1971 को इसके मिलने की पुष्टि की थी। इंदिरा गांधी का कहना था कि प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी इस सवाल पर विचार किया था और उसकी रिपोर्ट केंद्र के विचाराधीन है।
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Kia मोटर्स प्लांट से 900 इंजन चोरी, पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार; बड़ा गिरोह था शामिल
पीटीआई, पेणुकोंडा। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले में दक्षिणी कोरियाई कंपनी किआ मोटर्स के पेणुकोंडा प्लांट से लगभग 900 कार इंजन चोरी होने के मामले में पुलिस ने नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने रविवार को बताया कि पेणुकोंडा की एक अदालत ने आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कार इंजन की चोरी मामले में पुलिस की जांच पड़ताल जारी है। अभी तक केवल 10 प्रतिशत जांच पूरी हुई है। पता लगाया जा रहा है कि इसमें कौन-कौन शामिल है।
पांच साल से हो रही थी इंजनों की चोरीपुलिस ने बताया है कि पांच वर्षों से कार के इंजन की चोरी हो रही थी। चुराए गए इंजनों की तस्करी की जाती थी और उन्हें भारत के कई राज्यों में बेचा जाता था। इससे बड़े अवैध नेटवर्क संचालित होने का संकेत मिलता है। पिछले महीने आंतरिक ऑडिट के दौरान किआ के अधिकारियों ने देखा कि कारों के इंजन गायब थे।
19 मार्च को कंपनी ने दर्ज कराई थी शिकायतकंपनी ने 19 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्री सत्य साई जिले के पेणुकोंडा में किआ कंपनी का कार निर्माण संयंत्र है। इससे पहले पुलिस अधिकारी वेंकटेश्वरलू ने बताया था, 2020 से इंजनों की चोरी हो रही थी। इंजन या तो संयंत्र के अंदर से या वहां पहुंचने के रास्ते में चुराए गए होंगे, क्योंकि एक छोटा पुर्जा भी कंपनी की अनुमति के बिना बाहर नहीं जा सकता।
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हैदराबाद स्टेडियम में स्टैंड्स से हटेगा मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान को लेकर क्या है विवाद?
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं।
अजहरुद्दीन ने नियमों का किया दुरुपयोगन्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी ईश्वरैया ने एचसीए की सदस्य इकाइयों में से एक लार्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि अजहरुद्दीन ने मनमाने फैसले लेकर तत्कालीन एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। न्यायमूर्ति ईश्वरैया एचसीए के आचरण अधिकारी भी हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेलने वाले अजहर ने दिसंबर 2019 में उत्तरी स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखने के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए पूर्व एचसीए अध्यक्ष के रूप में शीर्ष परिषद की बैठक में बैठकर नियमों का उल्लंघन किया। एचसीए संविधान के अनुसार किसी प्रस्ताव को आम सभा (एजीएम) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
पूर्व कप्तान ने क्या कहा?अजहरुद्दीन ने कहा,"मैं निश्चित रूप से कानूनी सहारा लूंगा और इस आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। यह शर्म की बात है कि एक भारतीय कप्तान का नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है।"
पूर्व भारतीय कप्तान ने लोकपाल के आदेश की वैधता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है।
जनेऊ के कारण एग्जाम नहीं दे पाया छात्र, अब कर्नाटक के मंत्री ने दिया फ्री सीट का ऑफर; कई मामले आए सामने
एजेंसी, बेंगलुरु। कर्नाटक में इंजीनियरिंग और अन्य संकायों के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के दौरान छात्र का जनेऊ उतरवाने के मामले में सियासत गरमाई हुई है। कर्नाटक के मंत्री ने बीदर जिले के भीमन्ना खंड्रे प्रौद्योगिकी संस्थान (बीकेआईटी), भालकी में सुचिव्रत कुलकर्णी नामक छात्र को फ्री इंजीनियरिंग सीट की पेशकश की।
सुचिव्रत कुलकर्णी को सीईटी की परीक्षा में जनेऊ पहनने के कारण परीक्षा हॉल में एंट्री नहीं करने दी गई थी। मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे ने कहा कि मैंने छात्र को हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज में फ्री सीट देने की पेशकश की है। साथी ही शिक्षा मंत्री के साथ अलग परीक्षा कराने पर भी बात चल रही है।
जनेऊ काटने के लिए किया मजबूरइस बीच शिमोगा में दो छात्रों के जनेऊ उतरवाने की घटना के बीच गडग और धारवाड़ में दो और छात्रों का जनेऊ काटने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। दो ब्राह्मण छात्रों ने आरोप लगाया है कि परीक्षा से पहले उन्हें जनेऊ काटने के लिए मजबूर किया गया।
बीदर में छात्र को जनेऊ पहनने के कारण परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं देने के मामले में साईं दीप एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने साईं स्पूर्ति पीयू कालेज के प्रधानाचार्य और द्वितीय श्रेणी के सहायक को बर्खास्त कर दिया। छात्र की शिकायत और बीदर जिले के उपायुक्त द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के बाद यह कार्रवाई की गई।
इस बीच, गडग और धारवाड़ जिले में भी परीक्षा अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर छात्रों का जनेऊ काटकर कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है। एक छात्र ने धारवाड़ में संवाददाताओं से कहा, इस घटना के बाद मैं इतना परेशान हो गया था कि परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका।
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कर्नाटक के पूर्व DGP की हत्या, घर में खून से लथपथ मिली लाश; पत्नी-बेटी से पूछताछ शुरू
पीटीआई, नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश का खून से लथपथ शव संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार को उनके बेंगलुरु स्थित आवास पर मिला है। पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश के शव पर चाकुओं के कई घाव हैं। पुलिस के अनुसार बिहार के चंपारण के रहने वाले 68 वर्षीय आइपीएस अफसर का शव बेंगलुरु स्थित पाश इलाके एचएसआर में स्थित तीन मंजिले मकान के भूतल पर मिला।
पत्नी पर हत्या का शकफर्श पर हर तरफ खून फैला था और हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिया गया है। इस बात की जानकारी उनकी पत्नी पल्लवी ने दी थी। लेकिन पुलिस को शक है कि इस हत्या को अंजाम भी पत्नी ने ही दिया हो सकता है। फिलहाल शक के दायरे में परिवार के सदस्य ही हैं। पुलिस ने प्रकाश की पत्नी पल्लवी और बेटी से पूछताछ शुरू कर दी है। अभी तक हत्या के मूल कारण का पता नहीं चला है।
पुलिस इस मामले में और जानकारियां जुटा रही है।ऐसी रिपोर्ट है कि सेवानिवृत्त हो चुके डीजीपी ओम प्रकाश ने अपने किसी करीबी से ही उनके जीवन को खतरा होने की आशंका जताई थी।
अटाप्सी के लिए भेज गिया गया शवओम प्रकाश के शव को अटाप्सी के लिए भेज गिया गया है और आगे की जांच भी जारी है। 1981 बैच के आइपीएस अफसर ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले हैं। वह भूगर्भ-शास्त्र में परास्नातक थे। प्रकाश को एक मार्च, 2015 को डीजीपी नियुक्त किया गया था।
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1 मई से FASTag नहीं करेगा काम, लागू होगी GPS आधारित टोलिंग? यहां जानिए सरकार का जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि आने वाले 1 मई 2025 से फास्टैग सिस्टम को बंद कर दिया जाएगा। इसके जगह पर एक सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया जाएगा।
इस खबर के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद लोगों के मन में कई सारे सवाल आ गए। सबसे अधिक हलचल उनके लिए रही जो प्रतिदिन किसी हाईवे या एक्प्रेसवे से यात्रा करते हैं। हालांकि, क्या ऐसा होने वाला है या इसको लेकर सरकार का प्लान क्या है इसपर सड़क परिवहन ने स्पष्ट जवाब दे दिया है।
परिवहन मंत्रालय ने दिया ये जवाबसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने प्रचारित हो रही सभी इस प्रकार की खबरों को सिरे से खारिज किया है। मंत्रालय ने ऐसी खबरों को गलत एवं भ्रामक बताया है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 1 मई 2025 से देश भर में FASTag व्यवस्था को हटाकर सैटेलाइट टोलिंग प्रणाली लागू करने का कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। मंत्रालय ने इस प्रकार की खबरों को भ्रामक करार दिया है। जिसका सीधा मतलब है फास्टैग व्यवस्था लागू रहेगी।
कैसे वायरल हुई ये खबर?दरअसल, सरकार आने वाले दिनों में एक नई टेक्नोलॉजी लाने पर विचार कर रही है। जिससे टोल पर रुकने वाला समय बचाया जा सके। सरकार एक नई टेक्नोलॉजी टेस्टिंग पर काम कर रही है। इस नई तकनीक का नाम ANPR-FASTag बेस्ड बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम है।
बता दें कि ANPR का पूरा नाम Automatic Number Plate Recognition यानी एक ऐसी तकनीक है, जो गाड़ी के नंबर प्लेट को पहचान सकता है। यह सिस्टम वर्तमान फास्टैग के साथ जोड़ा जाएगा। इसके जुड़ जाने के बाद गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा।
कहां लगाया जाएगा ये नया सिस्टम?जानकारी दें कि सरकार ने फिलहाल इस सिस्टम को कुछ चुनिंदा टोल प्लाजा पर लगाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है। इसके सफल तरीके से काम करने और लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि इसको देश भर में लागू किया जाए या नहीं। माना जा रहा है कि अगर वाहन चालक इस सिस्टम में सहयोग नहीं करता है और टोल पेमेंट में गड़बड़ी करता है तो उसको ई-नोटिस भेजा जाएगा। इसके अलावा फास्टटैग भी ब्लॉक हो सकता है।
इस सिस्टम के लगने से क्या होंगे फायदे?- इस सिस्टम के आने से निर्बाध टोल संग्रहण हो सकेगा और यात्रा समय में कमी होगी।
- यातायात प्रवाह में सुधार और भीड़भाड़ में कमी होगी।
- न्यूनतम रुकावटों के साथ वाहन चालक एक सुखद अनुभव प्राप्त कर पाएंगे।
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निशिकांत दुबे पर भड़कीं शमा मोहम्मद, CJI से की एक्शन की मांग; बीजेपी से कहा- बाहर निकालो...
नई दिल्ली, एएनआई। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। खुद बीजेपी ने इस बयान से किनारा कर लिया है, तो वहीं विपक्ष उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। इसी कड़ी कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद का बयान भी सामने आया है। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से निशिकांत दुबे पर एक्शन लेने की बात कही है।
शमा मोहम्मद का कहना है कि अगर निशिकांत दुबे पर कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में भी न्यायपालिका पर ऐसे हमले होते रहेंगे। साथ ही उन्होंने निशिकांत दुबे को बीजेपी से बाहर करने की मांग की है।
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शमा मोहम्मद ने उठाए सवाल
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान शमा ने कहा कि निशिकांत दुबे का मानना है कि देश में जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं। न्यायपालिका धर्मिक मुद्दों को हवा दे रही है। आज मैं संजीव खन्ना जी से पूछना चाहूंगी कि न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court) के लिए वो निशिकांत दुब के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे?
CJI से की एक्शन की मांग
शमा मोहम्मद ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी अक्सर कह चुके हैं कि संविधान खतरे में है। निशिकांत के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। अगर आज आपने एक्शन नहीं लिया तो कल अन्य लोग भी न्यायपालिका पर सवाल खड़े करने लगेंगे। बीजेपी को भी चाहिए कि निशिकांत दुबे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।
Urging the Hon’ble Supreme Court to initiate contempt proceedings against BJP MP Nishikant Dubey for his outrageous remarks against the CJI and the judiciary.
How dare he speak like this? Imagine the uproar if even a Congress worker had made such a comment even by mistake. pic.twitter.com/banlXZrVRL
— Dr. Shama Mohamed (@drshamamohd) April 19, 2025क्या है पूरा मामला?
बता दें कि निशिकांत दुबे ने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए मुख्य न्यायाधीश को कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है तो संसद का क्या काम है। संसद को बंद कर देना चाहिए। निशिकांत दुबे का यह बयान विवादों में घिर गया है।
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आधार से बायोमेट्रिक जांच करेगा SSC, अगले महीने से होगा लागू; परीक्षा से पहले जान ले पूरा नियम
पीटीआई, नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने अपनी आगामी परीक्षाओं में आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि यह नया उपाय अगले महीने से आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं के लिए लागू होगा।
भर्ती निकाय द्वारा हाल ही में जारी एक पब्लिक नोटिस में कहा गया है, "अभ्यर्थी मई 2025 से ऑनलाइन पंजीकरण के समय, परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र भरते समय और आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बैठने के लिए परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होते समय आधार का उपयोग करके खुद को प्रमाणित कर सकेंगे।"
कैसे होगी आधार से पहचान?
एसएससी ने कहा कि इस तरह का आधार प्रमाणीकरण स्वैच्छिक है और इसका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को और सरल बनाना है। आधार एक 12 अंकों की संख्या है जो भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा सभी पात्र नागरिकों को बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा के आधार पर जारी की जाती है।
अधिकारियों ने कहा कि आधार-आधारित प्रमाणीकरण से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार अपनी पहचान को गलत न बताएं या आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में बैठने के लिए अन्य धोखाधड़ी वाले साधनों का उपयोग न करें।
पिछले साल जारी हुई थी अधिसूचना
पिछले साल 12 सितंबर को जारी एक अधिसूचना में, केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने कहा था कि एसएससी को स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति है।
बता दें, कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल 28 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आधार-आधारित प्रमाणीकरण को मंजूरी देने के लिए एक समान अधिसूचना जारी की थी, जो किसी भी भर्ती एजेंसी के लिए पहली बार थी। एसएससी और यूपीएससी द्वारा देश भर में आयोजित सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं।
UPSC कितनी परीक्षाएं कराता है आयोजित?
यूपीएससी ने पिछले साल भी अपने विभिन्न परीक्षणों में धोखाधड़ी और प्रतिरूपण को रोकने के लिए चेहरे की पहचान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का उपयोग करने का फैसला किया था।
यूपीएससी सालाना 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा शामिल है। इसके अलावा केंद्र सरकार के ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार भी होते हैं।
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर खड़े प्लेन से टकराई मिनी बस, हादसे से स्टाफ में मची खलबली; तस्वीरें आई सामने
बेंगलुरु, पीटीआई। बेंगलुरु एयरपोर्ट एक प्लेन और मिनी बस की टक्कर हो गई है। यह प्लेन इंडिगो एयरलाइंस का था, जो रनवे पर खड़ा था। तभी एक मिनी बस ने प्लेन को टक्कर मार दी और बस का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह से डैमेज हो गया। इस हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
टल गया बड़ा हादसा
यह हादसा बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का है। रविवार की सुबह मिनी बस इंडिगो के विमान में जाकर भिड़ गई। बस ने विमान के अगले हिस्से को टक्कर मारी। हालांकि विमान ऑपरेशनल नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई है और न ही किसी के घायल होने की खबर है।
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कैसे हुआ हादसा?
आज यानी 18 अप्रैल 2025 की दोपहर तकरीबन 12:15 बजे का है। रिपोर्ट्स के अनुसार मिनी बस किसी थर्ड पार्टी एजेंसी की थी। इंडिगो का एयरक्राफ्ट पार्किंग में खड़ा था और मिनी बस वहीं से गुजर रही थी। अचानक मिनी का संतुलन बिगड़ा और बस ने प्लेन के अंडरकैरेज (निचले हिस्से) को टक्कर मार दी।
Bengaluru, Karnataka | On April 18, 2025, at approximately 12:15 PM, a vehicle operated by a third-party ground handling agency made contact with the undercarriage of a non-operational Aircraft on-ground at Kempegowda International Airport, Bengaluru. There were no injuries… https://t.co/m2U3hfHjT4
— ANI (@ANI) April 20, 2025एयरपोर्ट प्रशासन ने क्या कहा?
बेंगलुरु एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि हादसे की जानकारी मिलते ही सभी अलर्ट हो गए। सभी जरूरी प्रोटोकॉल फॉलो किए जा रहे हैं। यात्रियों, एयरलाइंस स्टाफ और कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
इंडिगो एयरलाइंस ने तोड़ी चुप्पी
इंडिगो एयरलाइंस ने हादसे पर बात करते हुए कहा कि हमने इस पर नजर बना रखी है। बेंगलुरु एयरपोर्ट की पार्किंग में खड़े इंडिगो एयरक्राफ्ट को एक थर्ड पार्टी वाहन ने टक्कर मार दी। मामले की जांच की जा रही है। इस पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
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मणिपुर में पुलिस ने 9 लोगों को किया गिरफ्तार, प्रतिबंधित संगठनों से ताल्लुक; 48 घंटे में कसा शिकंजा
इंफाल, पीटीआई। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हुए हैं। बीते 48 घंटे में इंफाल घाटी से 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी लोग प्रतिबंधित संगठनों के सदस्य हैं, जिनकी गिरफ्तारी मणिपुर के अलग-अलग जिलों से हुई है।
शनिवार को इंफाल पूर्व जिले के नोंगडम गांव से यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF-पंबेई) के 2 सदस्यों को हिरासत में लिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार यह दोनों आरोपी जबरन वसूली में शामिल थे।
शुक्रवार से शुरू हुई गिरफ्तारी
इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने विष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग वार्ड नंबर 13 से भी एक शख्स को गिरफ्तार किया था। इसका संबंध कांगलीपक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी-तैबंगानबा)से बताया जा रहा है।
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इंफाल घाटी में पकड़े गए आरोपी
इसके बाद शुक्रवार को ही इंफाल पश्चिम जिले के सलाम ममंग लाइकाई इलाके से भी केसीपी (एमएफएल) के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। यह दोनों आरोपी भी जबरन वसूली के मामले में शामिल थे। वहीं, इंफाल पूर्व के क्याम्गेई से प्रोपक (पीआरओ) संगठन का एक सदस्य भी गिरफ्तार किया गया है।
सक्रिय सदस्य गिरफ्तार
रिपोर्ट्स के अनुसार इंफाल पूर्व जिले से केवाईकेएल संगठन औक यूपीकके संगठन के एक-एक सदस्यों को भी पकड़ा गया है। वहीं, संजेनबम शांगशाबी गांव से प्रोपक संगठन का एक और सक्रिय सदस्य गिरफ्तार हुआ है।
फरवरी में लगा था राष्ट्रपति शासन
बता दें कि मई 2023 से मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी। मैतई और कूकी समुदाय के बीच चल रही हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। मणिपुर में बिगड़ते हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
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'ममता से नहीं संभल रहा बंगाल...', मिथुन के बाद दिलीप घोष ने उठाई राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
कोलकाता, आईएएनएस। पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद से ममता सरकार लगातार सवालों के कठघरे में है। बीजेपी नेता दिलीप घोष ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में ममता बनर्जी सबसे खराब सीएम हैं। ममता के नेतृत्व में राज्य को कई मुसीबतें उठानी पड़ी हैं। साथ ही उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के बयान का भी समर्थन किया है।
दिलीप घोष का कहना है कि वो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने वाली मिथुन चक्रवर्ती की बात से पूरी तरह सहमत हैं। राज्य में कानून व्यवस्था बदतर हो चुकी है। ऐसे में जनता की सुरक्षा के लिए सेना तैनात करने की सख्त जरूरत है।
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ममता पर बोला हमला
सामाचर एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान दिलीप घोष ने कहा कि "अगर पश्चिम बंगाल में ऐसे ही हिंसा होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए कई लोग यह महसूस कर रहे हैं कि ममता बंगाल को संभालने में विफल हो गई हैं।"
राष्ट्रपति शासन पर तोड़ी चुप्पी
दिलीप घोष के अनुसार "राष्ट्रपति शासन के बिना न सिर्फ लोगों की जमीन खतरे में है बल्कि उनकी जान का संकट भी बढ़ता जा रहा है। ममता के राज में बंगाल में कुछ नहीं बदलेगा। ममता बनर्जी अपने गुंडों और हथियारों के दम पर चुनाव जीतना चाहती हैं। उनका यह रवैया भविष्य में बेहद खतरनाक साबित होगा।"
Kharagpur, West Bengal: On West Bengal CM Mamata Banerjee, BJP leader Dilip Ghosh said, "She does no work, cannot handle anything, and blames others when things go wrong. Now people have realized that she lacks the ability to speak the truth. The most incompetent Chief Minister,… pic.twitter.com/trod2LPfsi
— IANS (@ians_india) April 20, 2025ममता पर साधा निशाना
दिलीप घोष ने कहा कि "ममता बनर्जी किसी भी घटना की जिम्मेदारी नहीं लेती हैं बल्कि इनके लिए दूसरों को दोषी ठहरा देती हैं। उन्होंने कहा कि वो कोई काम नहीं करती हैं। उनसे कुछ संभलता नहीं है। जब परिस्थितियां बिगड़ने लगती हैं तो वो दूसरों को दोष देना शुरू कर देती हैं। वो अब तक की सबसे अयोग्य मुख्यमंत्री हैं। उनके कार्यकाल में राज्य ने काफी कुछ झेला है।"
बंगाल सरकार पर उठाए सवाल
दिलीप घोष का कहना है कि आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। बेघर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कुछ नहीं किया। प्रभावित क्षेत्रों में मीडिया को जाने की अनुमति नहीं है। आखिर क्यों? पुलिस दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? जहां भी हिंसा होती है, पुलिस वहां क्यों नजर नहीं आती है? पुलिस राज्य सरकार के अंतर्गत काम कर रही है।
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Karnataka: जनेऊ नहीं हटाने पर छात्र को परीक्षा देने से रोका, अब साईं कॉलेज के प्रिंसिपल और स्टाफ पर गिरी गाज
एएनआई। कर्नाटक में एक छात्र को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले उसे जनेऊ (पवित्र धागा) उतारने के लिए कहा गया था। छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी ने आरोप लगाया था कि वह बीदर के साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज में 17 अप्रैल को कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) की परीक्षा देने गया था, तभी उससे जनाऊ हटाने की मांग की गई थी।
हुई बड़ी कार्रवाई
छात्र ने बताया कि, परीक्षा केंद्र में मौजूद स्टाफ ने कहा कि अगर वो जनेऊ नहीं हटाता है, तो उसे परीक्षा देने नहीं दिया जाएगा। छात्र ने धार्मिक प्रतीक बताते हुए जनेऊ हटाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसे परीक्षा देने से रोक दिया गया था। इस इस मामले पर बड़ी कार्रवाई हुई है।
Bidar, Karnataka | Principal of Sai Spoorti PU College, Dr Chandra Shekar Biradar, and staff, Satish Pawar have now been suspended with immediate effect.
A student, Suchivrat Kulkarni, claims he was made to remove the sacred thread (Janeu) at the Karnataka CET exam centre on… pic.twitter.com/J5VRmtjg9a
छात्रा को परीक्षा देने से रोकने के मामले में साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. चंद्र शेखर बिरादर और स्टाफ सतीश पवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
छात्र की मां ने भी जताई थी नाराजगी
बता दें, छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी की मां नीता कुलकर्णी ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई थी और उन्होंने कहा था कि मेरे बेटे ने कहा था कि वह जनाऊ नहीं हटा सकता है क्योंकि यह धार्मिक मान्यता से जुड़ा हुआ है। फिर भी उसे परीक्षा से बाहर कर दिया गया था। ये बहुत गलत था।
छात्र की मां ने सरकार से मांग की थी कि या तो उनके बेटे के लिए दोबारा परीक्षा कराई जाए या फिर उसे किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला दिलाया जाए और उसकी फीस सरकार या संबंधित कॉलेज द्वारा दी जाए।
मुस्लिम युवक के उत्पीड़न से त्रस्त छात्रा ने दी जान, कर्नाटक के हावेरी में सनसनीखेज घटना
मतदाता सूची में अब नहीं होगी गड़बड़ी! चुनाव आयोग ने शुरू की नई पहल, सुधार के लिए बनाया ये प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव से जुड़ी छोटी- छोटी त्रुटियों को लेकर चुनाव आयोग अक्सर राजनीतिक दलों के निशाने पर रहता है। हालांकि अब चुनाव आयोग ने इन कमियों को खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।
क्या हैं समस्याएं?चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान अक्सर होने वाली इन त्रुटियों का पहचान की, जिसमें अधिकांश बूथ लेवल पर गठित होने वाली हैं। यह चाहे मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया हो या फिर मतदान के दौरान ईवीएम के रखरखाव, उनके लाने -ले जाने या फिर मॉक पोल, मतदान प्रतिशत आदि से जुड़ी हुई समस्याएं हो सकती हैं। यही वजह है कि आयोग ने इस अभियान की शुरूआत भी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) के प्रशिक्षण से शुरू की है।
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चुनाव आयोग ने क्या कहा?चुनाव आयोग की मानें तो चुनाव से जुड़ी प्रत्येक प्रक्रियाओं को लेकर एक तय नियम हैं। चुनाव में दौरान इनमें तभी कोई गड़बड़ी होती है जब इनमें से किसी स्टेप का ठीक तरीके से पालन नहीं किया जाता है। आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक चुनाव के दौरान होने वाले अधिकांश ऐसी छोटी-छोटी त्रुटियां हैं, जिन्हें कोई भी जानबूझ कर नहीं करता था बल्कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
50 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा प्रशिक्षणहाल ही में बीएलओ व बीएलए के शुरु हुए प्रशिक्षण में इन कमजोरियों को नजदीक से देखा भी गया। आयोग के मुताबिक बूथ लेवल पर काम करने वाले अमले और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनावी नियम-प्रक्रियाओं को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस साल के अंत तक बूथ लेवल पर काम करने लाले 50 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
मतदाता सूची पर होगा फोकसचुनाव आयोग का इस दौरान सबसे ज्यादा फोकस मतदाता सूची से जुड़ी त्रुटियों को खत्म करने पर है। यही वजह है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान प्रत्येक बूथ पर राजनीतिक दलों से जुड़े प्रतिनिधियों की उपस्थिति को आयोग सुनिश्चित करने में जुटा है। इसके साथ ही मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन से पहले उस पर राजनीतिक दलों की आपत्तियों को आमंत्रित करने की पहल की है। यह पहल बूथ, जिला, राज्य व केंद्र स्तर पर होगी। इसके बाद ही उनकी सभी आपत्तियों के निराकरण के बाद ही उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
89 शिकायतें मिलीगौरतलब है कि हाल ही में मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा काफी गरमाया हुआ था, लेकिन मतदाता सूची तैयार करने के दौरान देश भर से सिर्फ 89 शिकायतें ही मिली थी। वे सभी महाराष्ट्र से थी। चुनाव आयोग ने अब इन शिकायतों पर काम करने का फैसला किया है।
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Weather: यूपी में आंधी-तूफान का अलर्ट, राजस्थान में झुलसाएगी गर्म हवा; पढ़िए दिल्ली-एनसीआर का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी के मौसम में बदलाव हुआ है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आंधी के साथ हल्की बारिश हुई है जिसके कारण गर्मी से राहत मिली है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में अभी छह दिनों तक लू से राहत रहने की संभावना है। वहीं, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में लू चल रही है जो लगातार जारी रहेगी।
यूपी में आज आंधी-तूफान का अलर्ट जारीमौसम विभाग ने यूपी में आज आंधी-तूफान का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने 20 अप्रैल तक ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्टमौसम विभाग के मुताबिक 20 अप्रैल को बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्ज़ापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, आज़मगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन, जालौन समेत पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आंधी और हल्की बारिश की संभावना है। हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर।
दिल्ली में अभी छह दिनों तक लू से राहत रहने की संभावनावहीं, दिल्ली में आज पूरे दिन बादल छाए रहेंगे, जिस वजह से गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। शनिवार सुबह दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की वर्षा हुई और पूरे दिन आकाश में आंशिक बादल छाए रहे। इसके अलावा मध्यम गति से हवा भी चली। इससे पिछले दिन के मुकाबले गर्मी से थोड़ी राहत थोड़ी राहत रही। फिर भी अधिकतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विभाग के अनुसार अभी छह दिनों तक लू से राहत रहने की संभावना है।
अभी और तमतमाएगा सूरजअप्रैल माह में गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। सूरज के तेवर तल्ख है। धूप जहां तपाने आमादा है वहीं गर्म हवा भी झुलसाने लगी है। मध्य प्रदेश में आगामी दिनों में और भी गर्मी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस सप्ताह दिन का अधिकतम तापमान 43 डिग्री तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह गर्मी लोगों को पस्त करेगी।
राजस्थान से आ रही गर्म हवा करेंगी परेशानमौसम विभाग के राजस्थान की तरफ से आ रही गर्म हवा से वातावरण में गर्माहट बढ़ रही है। आने वाले दिनों में तापमान एक से दो डिग्री तक बढ़ सकता है। इस दौरान तेज धूप और गर्म हवा से बचने की एडवायजरी भी जारी की गई है।
बेहतर यही होगा कि दोपहर में तेज धूप में निकलने से बचे और ज्यादा से ज्यादा शीतल पेय पदार्थों का सेवन करें। सिर व चेहरे को ढंककर निकले। मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल और मई के महीने में तेज गर्मी पड़ती है। फिलहाल शादियों का सीजन और गर्मी भी तेज हो गई है ऐसे में गर्मी से बचाव के उपाय जरूरी है।
खरगे का आरोप- केंद्र ने जानबूझकर उठाया 'वक्फ बाय यूजर' का मुद्दा, बोले- लोगों को गुमराह कर रही भाजपा
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए बिंदुओं को महत्व दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने ऐसी संपत्तियों पर विवाद पैदा करने के लिए जानबूझकर 'वक्फ बाय यूजर' का मुद्दा उठाया है।
हमारी लड़ाई कमजोर नहीं हुई खरगेउन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अपने नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से नहीं घबराएगी और वह इस अधिनियम पर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ाई जीतेगी। लोकसभा चुनाव से पहले हमारे खाते बंद कर दिए गए थे, फिर भी जनता ने संसद में हमारी ताकत दोगुनी कर दी। हमारी लड़ाई कमजोर नहीं हुई और अभी खत्म भी नहीं हुई है।
बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी ''संविधान बचाओ'' अभियान शुरू करने की घोषणाकांग्रेस ने शनिवार को ''संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने'' के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी ''संविधान बचाओ'' अभियान शुरू करने की घोषणा की। यह अभियान चार चरणों में चलाया जाएगा - 25 से 30 अप्रैल तक राज्य स्तरीय रैलियां, तीन से 10 मई तक जिला स्तरीय लामबंदी, 11 से 17 मई तक विधानसभा क्षेत्र स्तर पर अभियान, तथा 20 से 30 मई तक घर-घर जाकर जागरूकता अभियान, ताकि संवैधानिक मुद्दों पर नागरिकों से सीधे संपर्क किया जा सके।
बहरहाल, यहां महासचिव और प्रभारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि पार्टी के पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम ईडी के आरोपपत्र में है और दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ''प्रतिशोध की भावना'' से जब्त किया गया है।
खरगे ने वक्फ के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगायावक्फ (संशोधन) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ''इस समय सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि हम यह लड़ाई भी जीतेंगे। मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए ¨बदुओं को महत्व दिया है।'' उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर वक्फ के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
ईडी की कार्रवाई से कांग्रेस नहीं डरेगी कांग्रेसखरगे ने आरोप लगाया, ''खासकर 'वक्फ बाय यूजर' का मुद्दा सरकार ने जानबूझकर उठाया है, ताकि वक्फ संपत्तियों को विवाद में डाला जा सके।'' उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई से कांग्रेस नहीं डरेगी।
एक बड़ी साजिश रचीउन्होंने कहा, ''आपने देखा होगा कि कैसे एक बड़ी साजिश के तहत कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपपत्र में डाला गया है। वे चाहे जिसका भी नाम डालें, हम डरने वाले नहीं हैं। अभी दो या तीन दिन पहले ही दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में नेशनल हेराल्ड की संपत्तियां जब्त की गई थीं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सब बदले की भावना से किया जा रहा है।''
खरगे ने 'यंग इंडियन' को 'नाट फार प्रोफिट' कंपनी बताते हुए कहा कि इसका मतलब यह है कि कोई भी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के शेयर, संपत्ति या लाभ को न तो ले सकता है और न ही हस्तांतरित कर सकता है।
भाजपा के लोग झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं- खरगेउन्होंने कहा, 'भाजपा के लोग झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। हमें जनता को सच बताना होगा।' ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ यहां एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें उन पर 988 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया गया है।
सोनिया और राहुल गांधी पर लगे आरोपआरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने अपनी सार्वजनिक कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति 'हड़पने' के लिए 'आपराधिक साजिश' की। इसमें 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी निजी कंपनी यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिए गए जिसमें सोनिया और राहुल गांधी सर्वाधिक शेयरधारक हैं।
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बस चार चीजों को फॉलो कर अमित शाह ने दवाओं से पाई मुक्ति, वेट लॉस की जर्नी भी शेयर की
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिवर को शरीर को स्वस्थ रखने का गेटवे बताते हुए खान-पान पर विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया। युवाओं से अपील की कि शरीर को फिट रखने के लिए दो घंटा व्यायाम करें। छह घंटे की भरपूर नींद लें।
उन्होंने डायबिटीज की बीमारी नियंत्रित होने का अपना उदाहरण दिया। बताया कि मई 2020 से दिनचर्या और खानपान का ध्यान रख रहे हैं। साफ पानी, संतुलित आहार, छह घंटे की नींद लेते हैं। रोजाना दो घंटे व्यायाम करना नहीं भूलते। इसका परिणाम रहा कि साढ़े चार साल में एलोपैथ की सभी दवाएं और इंसुलिन अब बंद हो चुकी हैं। इससे न केवल काम करने बल्कि सोचने, निर्णय लेने और समाज में योगदान की क्षमता भी बढ़ी है।
'देश के नागरिकों का स्वस्थ रहना काफी जरूरी'गृह मंत्री शाह शनिवार को विश्व लिवर दिवस पर आईएलबीएस में आयोजित 'स्वस्थ लिवर-स्वस्थ भारत' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जो हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो और हर क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करता हो। मगर विकसित भारत की संकल्पना बीमारों की फौज के साथ नहीं की जा सकती। इसके लिए बहुत जरूरी है हर नागरिक का स्वस्थ रहना। वेदों में कहा गया है कि आहार ही औषधि है। आज इस थीम को स्वीकार कर पूरा विश्व आगे बढ़ रहा है।
युवाओं के शरीर के साथ लिवर का रखना होगा ध्यान: शाहउन्होंने कहा कि कहा कि युवा राष्ट्र निर्माण में बेहतर योगदान दे सकें, इसके लिए उन्हें शरीर के साथ ही लिवर के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। अपने शरीर के लिए छह घंटे की नींद और दो घंटे के व्यायाम का समय रिजर्व कर लें। गृह मंत्री ने कहा कि हर नागरिक स्वस्थ रहे, इसके लिए पूरी समग्रता के साथ काम करने की जरूरत थी। इस पर पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी गंभीरता के साथ काम किया।
उन्होंने कहा कि गांवों की रसोई तक गैस सिलिंडर पहुंचाए तो इसके पीछे महिलाओं के फेफड़े और आंखों को स्वस्थ रखने की मंशा थी। घर-घर शौचालय बनवाए, ताकि लोग बीमार कम पड़ें। मिशन इंद्रधनुश के तहत जन्म से 13 वर्ष तक टीकाकरण की व्यवस्था दी। वहीं, 1.32 करोड़ महिलाओं को टीके लगवाए, ताकि ये स्वस्थ रहें। घरों तक नल से फ्लोराइड विहीन साफ पानी पहुंचाया। खेलो इंडिया और फिट इंडिया मुहिम शुरू की। विश्व योग दिवस लेकर आए, जिसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से सीधा संबंध है।
बीमारी गरीब के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं: शाहउन्होंने कहा कि लोग बीमार ही न हों, ऐसी जीवन पद्धति आज आयुष दे रहा है। बड़े-बड़े एलोपैथिक अस्पताल भी अपने यहां आयुष का विंग खोलकर इसे मान्यता दे रहे हैं। इन सब के बाद भी यदि कोई बीमार पड़ जाए तो अमीर व्यक्ति तो रास्ता खोज लेता है। पर 70 करोड़ गरीबों के लिए बीमारी केवल शरीर के लिए नहीं, उनके बच्चों के भविष्य के लिए भी अभिशाप होता है। वो ये खर्चा कर ही नहीं पाते। आज देश के 70 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक के इलाज में 'कानी पाई' भी खर्च करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने देश के कॉरपोरेट जगत से अपने सीएसआर पहल में स्वस्थ लिवर के प्रचार को महत्व देने व इस दिशा में काम करने वाली संस्थाओं को सहायता देने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में गृह मंत्री ने आइएलबीएस में इंटीग्रेटेड लिवर रिहैबलिटेशन सेंटर का उद्घाटन किया। साथ ही 'हील्ड' योजना का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य 'लिवर' को स्वस्थ रखने के प्रति देशभर में जागरूकता फैलाना है। इस दौरान लिवर जागरूकता पर कार्टून पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। लिवर स्वास्थ्य के क्षेत्र जागरूकता के लिए सुजीत कुमार, डॉ. अशोक चौहान व केएल जैन को 'लिवर चैंपियन' पुरस्कार से सम्मानित किया।
मुस्लिम युवक के उत्पीड़न से त्रस्त छात्रा ने दी जान, कर्नाटक के हावेरी में सनसनीखेज घटना
आईएएनएस, हावेरी। कर्नाटक के हावेरी जिले में एक मुस्लिम युवक के उत्पीड़न से त्रस्त होकर दलित छात्रा ने शनिवार को आत्महत्या कर ली। पीड़िता की पहचान चिक्कमल्लूर निवासी शिल्पा के रूप में हुई है, जबकि आरोपित की पहचान रमजान नदाफ के रूप में हुई है।
एक अधिकारी ने बताया कि बेलगावी में बीसीए की पढ़ाई करने वाली शिल्पा का नवीन नाम के व्यक्ति के साथ प्रेम संबंध था, जो आरोपित रमजान की फर्नीचर की दुकान पर काम करता था। रमजान ने नवीन के मोबाइल से शिल्पा का फोन नंबर हासिल कर पीड़िता को लगातार फोन कर ब्लैकमेल करने लगा। इससे परेशान होकर शिल्पा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तारपुलिस ने बताया कि हाल ही में रमजान ने नवीन पर दुकान में चोरी का आरोप लगाकर उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया। इस मोबाइल में उसने शिल्पा के साथ उसके मैसेजों को देखा और उसका नंबर हासिल कर लिया। नवीन के बयान के अनुसार रमजान ने शिल्पा को बार-बार फोन किया और दावा किया कि नवीन ने दुकान से पैसे चुराकर उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हैं। रमजान ने उसे ब्लैकमेल किया, उनके रिश्ते को उजागर करने और दूसरों को पैसे के बारे में बताने की धमकी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया गया है।
मामले को दबा सकती है पुलिसकर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एक्स पर पोस्ट किया, यह अत्यंत दुखद है कि छात्रा को दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा उत्पीड़न के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। शिल्पा की आत्महत्या के पीछे का सच देर से सामने आया है। बोम्मई ने आशंका जताई कि पुलिस इस मामले को दबा सकती है। उन्होंने आरोपित की तुरंत गिरफ्तार कर उसे कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य सरकार उस छात्रा के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दे।
आरोपित को तुरंत गिरफ्तार किया जाए: प्रमोद मुतालिकश्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने आरोपित की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। मुतालिक ने कहा कि नवीन गरीब परिवार से है। उसे अपनी बीमार मां के लिए दवा खरीदनी थी। आरोपित ने नवीन को उसका वेतन नहीं दिया था, जिसके कारण नवीन ने दवा खरीदने के लिए दुकान से कुछ सामान लिया था। रमजान ने कथित तौर पर नवीन पर हमला किया और उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई।
रमजान ने नवीन का मोबाइल फोन जब्त कर लिया और उससे शिल्पा का संपर्क नंबर हासिल करने के बाद उसे परेशान करना शुरू कर दिया। शिल्पा यातनाएं सहन नहीं कर सकी और आत्महत्या कर ली। रमजान को तुरंत गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए।
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