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Telangana: तेलंगाना सुरंग हादसे में बचाव अभियान जारी, रोबोट की मदद लेने का निर्देश; सुरंग के अंदर पानी-मिट्टी
पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने अधिकारियों को आंशिक रूप से ढही श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के अंदर बचाव कार्य में रोबोट की मदद लेने का निर्देश दिया। हादसे के बाद बचाव अभियान जारी है।
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री बचाव अभियान की समीक्षा करने पहुंचेक्षतिग्रस्त टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के टुकड़े बचाव कर्मियों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इसी को देखते हुए सिंचाई मंत्री ने ये निर्देश दिए। सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 22 फरवरी से आठ लोग इसमें फंसे हुए हैं। मंत्री ने सुरंग स्थल का दौरा कर जारी बचाव अभियान की समीक्षा की।
रोबोट की मदद लेने का निर्देशउन्होंने कहा कि सरकार हैदराबाद स्थित एक निजी कंपनी के रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग कर बचाव कार्य में चार करोड़ रुपये खर्च करेगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि चूंकि विशाल टीबीएम के टुकड़े सुरंग के अंदर पानी, मिट्टी और पत्थरों में मिल गए हैं, इसलिए वे बचाव दल के लिए खतरा बन गए हैं।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने दो मार्च को सुरंग का दौरा किया था। उन्होंने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया था कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए ताकि बचाव कर्मियों को कोई खतरा नहीं हो।
सरकार बचाव अभियान जारी रखने के लिए कृत संकल्पसिंचाई मंत्री ने सुरंग ढहने की घटना को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कहा कि सरकार बचाव अभियान जारी रखने के लिए कृत संकल्प है। सुरंग के अंदर टीबीएम क्षतिग्रस्त हो गई थी। बचाव दल फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए उसके हिस्सों को काट रहे हैं।
22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंसेमंत्री ने कहा कि सरकार बचाव कार्य में शामिल श्रमिकों और अधिकारियों के साथ पूरी तरह खड़ी रहेगी। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना तथा अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
श्वान दस्तों ने की लोगों के फंसे होने के दो स्थानों की पहचानएसएलबीसी सुरंग के अंदर श्वान दस्तों ने ऐसे दो स्थानों की पहचान की है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना हैं। कुत्तों द्वारा पहचाने गए स्थानों से बचाव कर्मी गाद हटाने का कार्य कर रहे हैं। केरल पुलिस का श्वान दस्ता शुक्रवार सुबह इस अभियान में शामिल हुआ। ऐसे कुत्तों को लापता लोगों और शवों को खोजने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
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Weather: आज से बदलेगा मौसम का मिजाज, उत्तराखंड-हिमाचल में हिमपात; दिल्ली में गर्मी का अलर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अब ठंड बस कुछ दिन की और बची है। मौसम विभाग के मुताबिक, होली के बाद तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा और फिर लू भी चलने लगेगी। मौसम विभाग ने होली के दिन 14 मार्च को दिल्ली के कई इलाकों में हल्की वर्षा की फुहार की संभावना जताई है। पहाड़ों पर भी मौसम बदलेगा और बर्फबारी होगी। जम्मू-कश्मीर के साथ उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की संभावना है।
होली के दिन हो सकती है हल्की वर्षामौसम विभाग के अनुसार रविवार को पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इस वजह से आसमान में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। सुबह में धुंध हो सकती है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। अगले सप्ताह मंगलवार और बुधवार को 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से 2.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम है। रिज एरिया में अधिकतम तापमान सबसे अधिक 32.3 डिग्री सेल्सियस और पीतमपुरा में 32.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बन रहे हल्की वर्षा व हिमपात के आसारउत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है और दिनभर तेज धूप खिल रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल भी मंडरा रहे हैं। ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे कम बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रह सकता है। खासकर मैदानी क्षेत्रों में चटख धूप खिलने का अनुमान है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाए रह सकते हैं।
हल्की वर्षा व हिमपात के आसार बन रहेसोमवार से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की वर्षा व हिमपात के आसार बन रहे हैं। जिससे पारे में मामूली गिरावट आ सकती है। दून में शनिवार को सुबह से धूप खिली रही। दिनभर आसमान साफ रहने से तापमान में भी मामूली वृद्धि हुई। दून का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक पहुंच गया है। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जा रहा है। जिससे सुबह-शाम ठंड बरकरार है।
यूपी में भी बदलेगा मौसम, जानें बिहार का हालउत्तर प्रदेश के कई जिलों में सोमवार के बाद बारिश की संभावना जताई है। वहीं आज आसमान में बादल छाए रहेंगे। यूपी में इन दिनों तेज हवा भी चल रही है। वहीं, सुबह और शाम की ठंड अभी भी बरकरार है। उत्तर प्रदेश में मौसम अब पलटी मारेगा और तापमान बढ़ेगा। हालांकि, उत्तर पश्चिम जिलों में 13 और 14 मार्च को बारिश हो सकती है। वहीं, बिहार-झारखंड में दिन का भी तापमान बढ़ेगा।
हिमाचल प्रदेश में होगी बर्फबारीहिमाचल प्रदेश में नौ मार्च से 5 दिनों तक बारिश और बर्फबारी की संभावना है, क्योंकि राज्य में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। वहीं, ऊपरी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और बारिश हो सकती है।
Traffic Police: बदल जाएगा बिहार का ट्रैफिक सिस्टम, होने जा रहा ये बड़ा काम; 58 करोड़ रुपये होंगे खर्च
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी जिलों में ट्रैफिक पुलिस को नए संसाधन और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। यातायात व्यवस्था को सृदृढ़ करने के लिए बड़ी संख्या में बॉडी वार्न कैमरे, रोड बैरिकेड्स, डायवर्जन साइन बोर्ड आदि की खरीद होगी।
इतना ही नहीं, ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को हेलमेट, एलईडी बैटन, रेनकोट आदि दिए जाएंगे। इन उपकरणों पर करीब 58 करोड़ 62 लाख की राशि खर्च की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को गृह विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इनमें 35 करोड़ की राशि राज्य स्कीम मद से खर्च होगी, जबकि शेष 23 करोड़ 62 लाख की राशि का व्यय बिहार सड़क सुरक्षा निधि से किया जाएगा।
7216 बॉडी वार्न कैमरों की होगी खरीदविभागीय जानकारी के अनुसार, सर्वाधिक 26 करोड़ 69 लाख की राशि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले बॉडी वार्न कैमरे पर खर्च की जाएगी। इससे 7216 बॉडी वार्न कैमरों की खरीद होगी।
यह बॉडी वार्न कैमरे सभी जिलों के ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान वर्दी के ऊपर लगाना अनिवार्य होगा, ताकि ई-चालान समेत अन्य गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जा सके। इससे ई-चालान की व्यवस्था में पारदर्शिता भी आएगी।
अभी पटना समेत कुछ प्रमुख शहरों में ही ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को बॉडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा पुलिसकर्मियों के लिए सात हजार से अधिक ट्रैफिक हेलमेट, 7749-7749 रिफ्लेक्टिव जैकेट और रेनकोट की भी खरीद की जाएगी। करीब 5954 एलईडी बैटन भी खरीदा जाएगा।
सड़कों पर लगेंगे ब्लिंकर्स-बैरिकेड्ससड़क सुरक्षा के अंतर्गत सड़कों पर जगह-जगह साइनबोर्ड भी लगाए जाएंगे। इसके लिए दो हजार डायवर्जन साइन बोर्ड खरीदे जाएंगे। जनता को माइकिंग के जरिए जागरूक करने के लिए सौ वाट के 130 पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी खरीद की जाएगी।
आवश्यकतानुसार सड़कों या लेन को घेरने और बंद करने के लिए 5200 रोड बैरिकेड की भी खरीद होगी। इसके साथ ही स्टील के 2600 फोल्डेबल बैरिकेड भी खरीदे जाएंगे।
सड़कों पर रात के समय चमकने वाले 15 हजार 600 ब्लिंकर्स की खरीद पर भी करीब 3 करोड़ 74 लाख की राशि खर्च की जाएगी। कार के डैशबोर्ड पर लगाए जाने वाले 130 कैमरों की खरीद की भी स्वीकृति दी गई है।
इनकी होगी खरीद- 7216 - बाडी वार्न कैमरा
- 7749 - रेन कोट
- 7749 - रिफ्लेक्टिव जैकेट
- 7392 - ट्रैफिक हेलमेट
- 5954 - एलईडी बैटन
- 5200 - रोड बैरिकेड्स
- 2600 - फोल्डेबल बैरिकेड्स
- 2000 - डायवर्जन साइन बोर्ड
- 15,600 - ब्लिंकर्स
- 2000 - प्लास्टिक सुरक्षा कोण
- 130 - कार डैशबोर्ड कैमरा
- 130 - पब्लिक एड्रेस सिस्टम
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साल की पहली लोक अदालत में निपटाए गए डेढ़ करोड़ से अधिक मामले, खिल उठे लोगों के चेहरे
एएनआइ, नई दिल्ली। इस साल की पहली लोक अदालत में शनिवार को डेढ़ करोड़ मामले निपटाए गए। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) ने शनिवार को 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के तालुकों, जिलों और विभिन्न हाई कोर्ट में 2025 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
शाम छह बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक मामलों का निपटारासाल के इस पहले लोक अदालत में निस्तारित किए गए मामलों में यातायात चालान, बैंक वसूली मामले, मोटर दुर्घटना दावे, चेक मामले, श्रम विवाद, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण मामले शामिल थे। शाम छह बजे तक 1.57 करोड़ से अधिक मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
यह उल्लेखनीय उपलब्धि न्यायपालिका के कार्यभार को कम करने तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने में वैकल्पिक विवाद समाधान की दक्षता को उजागर करती है। यह पहल नालसा के संरक्षक प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस आरएस गवई द्वारा संचालित वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के माध्यम से न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देती है।
महाराष्ट्र में लोक अदालत 22 मार्च को निर्धारितमहाराष्ट्र, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में लोक अदालत 22 मार्च को निर्धारित है। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए किया गया है।
पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में बनेंगे 42 बूथ, रहेगी कड़ी सुरक्षा; चुने जाएंगे 22 काउंसिल सदस्य
जागरण संवाददाता, पटना। पटना विश्वविद्यालय की ओर से 29 मार्च को आयोजित होने वाले छात्रसंघ चुनाव के लिए 14 क्षेत्र बांटकर पांच सेंट्रल पैनल सहित 22 काउंसिल सदस्यों का चुनाव होगा।
कॉलेज काउंसिल मेंबर के लिए एक हजार विद्यार्थी पर एक काउंसिल सदस्य होंगे। जिन कॉलेजों और फैकल्टी में 1,501 से अधिक मतादाता होंगे, वहां दो काउंसिल सदस्य होंगे। इसी आधार पर विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार काउंसिल सदस्य चुने जाएंगे।
पटना वीमेंस कॉलेज से चुने जाएंगे चार काउंसिल सदस्यपटना विश्वविद्यालय में सबसे अधिक चार काउंसिल सदस्य पटना वीमेंस कॉलेज में चुने जाएंगे। वहीं, पटना साइंस कॉलेज में दो, पटना कॉलेज में दो, बीएन कॉलेज में दो, मगध महिला कॉलेज में दो और फैकल्टी ऑफ सोशल साइंस में दो काउंसिल सदस्य चुने जाएंगे।
इसके अलावा पटना लॉ कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय, पटना ट्रेनिंग कॉलेज, वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज, कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट, फैकल्टी ऑफ कॉमर्स, एजुकेशन एंड लॉ, फैकल्टी ऑफ साइंस और फैकल्टी ऑफ ह्यूमैनिटीज में एक-एक काउंसिल सदस्य होंगे।
छात्र संघ चुनाव के लिये तैयार किए जाने वाले कुल 42 बूथों पर होने वाले खर्च का वहन कॉलेज की ओर से किया जाएगा।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुआ कैतुका नंदन पैक्स का चुनाववहीं, दूसरी ओर सारण प्रखंड के कैतुका नंदन पैक्स का चुनाव शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हो गया। मतदान के लिए मध्य विद्यालय कैतुका नंदन मे चार मतदान केंद्र बनाए गए थे। जहां सुबह सात बजे से शाम के 4:30 बजे तक 59 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मतदान के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी रंजीत कुमार के साथ मकेर थाना में पदास्थापित अपर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार, एसआई रामनिवास कुमार, चंदा कुमारी एवं कामेश्वर सिंह के अलावा जवान मौजूद थे।
मालूम हो की मकेर के आठ पैक्स में से सात पैक्स का चुनाव नवंबर मे पूरा हो गया। कैतुका नंदन पैक्स के चुनाव का मामला प्राधिकार में चले जाने के कारण स्थगित कर दिया गया था।
चुनाव प्राधिकार से आदेश निर्गत होते ही शनिवार को मतदान कराया गया। जिसमें मुख्य मुकाबला निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष सुमित रंजन एवं रामजन्म शर्मा के बीच है।
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Bihar News: कैंसर मरीजों को नीतीश सरकार ने दे दी एक और बड़ी खुशखबरी, इलाज को लेकर आया नया अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को प्रदेश के सभी 38 जिलों के लगभग 45 हजार गांवों की 8387 पंचायतों के लिए निशुल्क ग्रामीण कैंसर जांच कार्यक्रम का लोकार्पण किया।
डॉ. प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर से ग्रामीण कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम के लिए समर्पित नए एप और बिहार के पहले स्लीप इंस्टीट्यूट के साथ ओंको-मीट 2025 का भी उद्घाटन किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कैंसर के खिलाफ अभियान की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और सुदूर इलाकों में कैंसर को लेकर जागरुक करने की बहुत जरूरत है।
निशुल्क चलेगा अभियानडॉ. प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. प्रभात रंजन ने इस अभियान को निशुल्क चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यदि शुरुआत में कैंसर का पता चल जाए तो इलाज संभव है।
निशुल्क ग्रामीण कैंसर जांच कार्यक्रम का उद्घाटन करते स्वास्थ्य मंत्री।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कैंसर समेत अन्य गंभीर बीमारियों की रोकथाम की समुचित व्यवस्था की गई है। 2005 के बाद स्वास्थ्य सेवा में काफी काफी सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत की सोच को पूरा करने में स्वास्थ्य सेवाओं का अहम योगदान है। मौके पर मेयर सीता साहू, पद्मश्री डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, डॉ. दिवाकर तेजस्वी, डॉ. रूपम, आइएएस गंगा कुमार आदि उपस्थित थे।
स्वामी सहजानंद के विचारों को आम जन तक पहुंचा रहे पीएम मोदी: मंगल पांडेयपटना के बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में आज स्वामी सहजानंद सरस्वती पखवारा पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। संवाद कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अतिरिक्त कई गणमान्य लोग मौजूद रहें।
किसानों की दशा और दिशा विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में मंगल पांडेय ने स्वामी सहजानंद सरस्वती की विचारधारा और सामाजिक दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए कहा कि सहजानंद सरस्वती ने हमेशा भारतीय किसानों को जागरूक किया, ताकि उन्हें अपने श्रम का महत्व मिले, उन्हें ताकत मिले एवं उनका आर्थिक लाभ बढ़े।
अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहजानंद की नीतियों को आगे बढ़ा रहे हैं। जिसका उदाहरण राज्य में मखाना बोर्ड स्थापित करना एवं बजट में किसानों को दिया जाने वाला लाभ है। हमें स्वामी सहजानंद सरस्वती के सपनों को परिश्रम के माध्यम से साकार करना है। तभी जाकर हमारा देश और हमारा बिहार विकसित होगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, राज्यसभा सदस्य भीम सिंह ने भी इस दौरान लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एजुकेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्थान के अध्यक्ष विनोद शर्मा ने की।
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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अमेरिकी नीति से प्रभावित नहीं होगा भारत, दुनिया के रुख पर केंद्र सरकार की नजर
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसी के वैश्विक उद्यमियों से मुलाकात की और अपनी बात दोहराई कि वह अमेरिका को क्रिप्टो दुनिया का सरताज देश बनाएंगे। क्रिप्टोकरेंसी में अमेरिका ने अपनी विदेशी मुद्रा रिजर्व भी बनाने की संभावनाएं तलाशने की बात कही है। इससे भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी करने वाले उद्यमी काफी उत्साहित हैं। लेकिन आरबीआई का विचार क्रिप्टो को लेकर बिल्कुल भी नहीं बदला है।
भारत का केंद्रीय बैंक अभी भी मानता है कि वित्त मंत्रालय भी क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मान्यता देने के लेकर कोई कदम जल्दबाजी में उठाने नहीं जा रही है। इस बारे में कोई भी कदम आरबीआई की तरफ से गठित कार्यसमूह की रिपोर्ट का विस्तार से आकलन के बाद ही किया जाएगा। इस कार्य समूह की रिपोर्ट जल्द ही आने की संभावना है।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार चिंतितक्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की नीतियों की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार की या आरबीआइ की इस करेंसी को लेकर जो चिंताएं हैं वह तथावत हैं। जिस आधार पर हम क्रिप्टोकरेंसी को भारत में लागू करने का विरोध कर रहे हैं उसमें कोई बदलाव नहीं आया है। हमारा विरोध है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी तरह की करेंसी हैं ही हीं क्योंकि इसको जारी करने वाला कोई नहीं होता और ना ही इसका उत्तरदायित्व लेने वाला कोई होता है। इसलिए इसे ना तो करेंसी माना जा सकता या ना ही वित्तीय परिसंपत्तियां।
क्रिप्टोकरेंसी पूरी इकोनमी को चला सकती है?शेयर, बांड्स, केंद्रीय बैंकों की तरफ से जारी होने वाले नोट को वित्तीय परिसंपत्तियां या करेंसी इसलिए माना जाता है कि, इसका उत्तरदायित्व किसी न किसी के पास होता है। मसलन, कागत की करेंसी भी केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी होती है।
दूसरा, अभी तक कोई ऐसी शोध रिपोर्ट नहीं है जो यह साबित करे कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी इकोनमी को चला सकती है। तीसरा, क्या निजी करेंसी के तौर पर इसका इस्तेमाल हो सकता है? हमारे इस विचार में तभी बदलाव होगा जब कोई यह साबित कर दे कि ये पूरी तरह से गलत हैं। वैसे भी दुनिया काफी तेजी से बदल रही है। दरअसल, यह आरबीआइ का यह रूख काफी पुराना है।
क्रिप्टोकरेंसी को भारत के लिए खतरनाक- पूर्व आरबीआइ गवर्नरपूर्व आरबीआइ गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने कई मौकों पर क्रिप्टोकरेंसी को भारत के लिए खतरनाक बताया। अक्टूबर, 2024 में पीटरसन इंस्टटीयूट फॉर इंटरनेशनल इकोनोमिक्स में एक व्याख्यान में कहा था कि, “मेरा विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को कभी भी वित्तीय व्यवस्था में प्रभुत्व नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि इसके साथ बहुत ही ज्यादा वित्तीय जोखिम है। इसका मौद्रिक जोखिम काफी ज्यादा है। यह बैं¨कंग व्यवस्था के लिए भी खतरा है। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है कि केंद्रीय बैंक का मुद्रा आपूर्ति पर नियंत्रण समाप्त हो सकता है।''
दरअसल, आरबीआइ के कड़े विरोध के कारण ही केंद्र सरकार को भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपने विचार बदलने पड़े थे। इसके पहले केंद्र सरकार की तरफ से पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता में गठित एक अंतर-मंत्रालीय समिति ने भी वर्ष 2019 में क्रिप्टोकरेंसी जैसे वर्चुअल मुद्राओं को प्रतिबंधित करने के लिए कानून बनाने का सुझाव दिया था।
अमेरिका सरकार की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने पर बातदैनिक जागरण सरकार के कुछ प्रतिनिधियों से अमेरिका सरकार की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने पर बात की है। सभी यह मान रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों से नहीं सरकार आरबीआइ के सुझाव पर कदम बढ़ाएगी। अब देखना होगा कि अगर आरबीआइ की समिति वर्चुअल करेंसी को लेकर कोई बीच का रास्ता अपनाने का सुझाव देती है या कोई और रास्ता अपनाने का सुझाव देती है।
यह भी देखना होगा कि अमेरिका जैसी बड़ी इकोनमी किस तरह से बिटक्वायन या दूसरे वर्चुअल करेंसी को अपने देश में प्रचलन में लाने का रास्ता निकालती है। अमेरिका ने अपने रिजर्व को भी क्रिप्टोकरेंसी में संरक्षित रखने की बात कही है। इस बारे में उक्त प्रतिनिधियों का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की प्रकृति को देखते हुए इसे किसी देश के विदेशी मुद्रा रिजर्व में कैसे समायोजित किया जा सकता है, यह समझ से परे है।
क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल मुद्राक्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल या डिजिटल मुद्रा है। यह डिजिटल रूप में ही होता है। इस पर किसी सरकार या केंद्रीय बैंक या किसी देश की नियामक एजेंसी का कोई जोर नहीं होता। इसे जिस प्रक्रिया से संचालित किया जाता है उसे तकनीकी भाषा में माइनिंग कहा जाता है जो विशेष तौर पर निर्मित सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर पर आधारित होते हैं।
भारत में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहींबिटक्वायन, डोजक्वायन, इथेरियम इसके उदाहरण हैं। चूंकि इस पर किसी सरकार या नियामक एजेंसी की निगरानी नहीं है, इसलिए इसमें निवेश का जोखिम पूरी तरह से निवेशकों के उपर होता है। भारत में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है। केंद्र सरकार ने आय कर अधिनियम के तहत इसकी खरीद-बिक्री से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसद का टैक्स लगा रखा है।
'स्वावलंबी और सशक्त नारी के बल पर होगा विकसित भारत का निर्माण', अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यह दिवस मनाने की परंपरा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस कालखंड में नारी समुदाय ने अभूतपूर्व प्रगति की है। मैं अपनी जीवन यात्रा को भी इसी प्रगति की कड़ी मानती हूं।
विकसित भारत का संकल्प हम सब का संकल्प है- राष्ट्रपतिमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ''''नारी नेतृत्व से विकसित भारत'''' विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय में उन्होंने कहा कि स्वावलंबी, स्वाभिमानी, स्वतंत्र और सशक्त नारी के बल पर ही विकसित भारत का निर्माण हो सकता है। विकसित भारत का संकल्प हम सब का संकल्प है, जिसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश की नारी-शक्ति राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बने और विकसित भारत के हमारे संकल्प को नेतृत्व प्रदान करे, इसके लिए भारत सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। ''''नारी शक्ति वंदन अधिनियम'''' के द्वारा लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रविधान उनके राजनीतिक सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
हमारी बेटियों के लिए अच्छा वातावरण होना चाहिए- राष्ट्रपतिसरकार की महिला केंद्रित योजाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी प्रयास विभिन्न स्तरों पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर रहे हैं और उन्हें जीवन में नई ऊंचाइयां छूने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हमारी बेटियां विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना पूरा योगदान दे सकें, इसके लिए जरूरी है कि समाज उन्हें आगे बढ़ने के लिए और भी अच्छा वातावरण प्रदान करे। उन्हें एक ऐसा वातावरण मिलना चाहिए, जिसमें वे बिना किसी दबाव या भय के अपने जीवन के बारे में स्वतंत्र निर्णय ले सकें।
भयमुक्त सामाजिक वातावरण का निर्माण करेगाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आव्हान किया कि हमें एक ऐसे आदर्श समाज का निर्माण करना है, जहां कोई भी बेटी या बहन किसी भी समय, कहीं भी अकेले जाने में और कहीं भी रहने में डरे नहीं। महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव ही भयमुक्त सामाजिक वातावरण का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि यह भी एक कटु-सत्य है कि कुछ सामाजिक पूर्वाग्रह, रीति-रिवाज और प्रथाएं महिलाओं की प्रगति में बाधक रही हैं। इसमें महिला को कम करके आंकने वाली मानसिकता का दोष है।
भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर- राष्ट्रपतिसंविधान सभा की सदस्य रहीं महिलाओं को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, तब देश के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़नी चाहिए। इसके लिए उन्हें शिक्षा और नौकरी में समान अवसर प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूदइस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और केंद्रीय कानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे। सम्मेलन में अलग-अलग तकनीकी सत्रों में पंचायत से पार्लियामेंट तक महिला नेतृत्व सहित अलग-अलग विषयों पर तकनीकी सत्र भी हुए।
Digantara ने लॉन्च किया पहला कॉमर्शियल अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह, पांच सेंमी की चीज भी ट्रैक करने में सक्षम
पीटीआई, नई दिल्ली। देश की बेंगलुरु स्थित सैटेलाइट कंपनी दिगंतारा ने दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह लॉन्च किया। जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे पांच सेंटीमीटर तक के छोटे ऑब्जेक्ट को ट्रैक करने में सक्षम है, इसको शनिवार को लॉन्च किया गया। सैटेलाइट ने शनिवार को परिचालन शुरू किया।
अंतरिक्ष में छिपने की जगहें खत्म हो गई हैं- दिगंतारादिगंतारा ने 14 जनवरी को स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-12 रॉकेट पर अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह एससीओटी (ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग के लिए स्पेस कैमरा) लॉन्च किया था। सैटेलाइट ने शनिवार को परिचालन शुरू किया। स्टार्ट-अप ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अंतरिक्ष में छिपने की जगहें खत्म हो गई हैं।
अंतरिक्ष यान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिक्ष की बाहरी निगरानी महत्वपूर्ण है क्योंकि पृथ्वी के चारों ओर की कक्षाएं कृत्रिम उपग्रहों के साथ-साथ अंतरिक्ष मलबे से भरी हैं। ‘पिक्सल’ के तीन ‘फायरफ्लाई’ उपग्रह 30 मीटर मानक से छह गुना अधिक दक्ष हैं। ‘फायरफ्लाई’ इस समय दुनिया का सर्वाधिक रिजॉल्यूशन वाला व्यावसायिक स्तर का हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह समूह है।
दिगंतारा के सीईओ अनिरुद्ध शर्मा ने कहा कि यह हमारी टीम की मेहनत और आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी की कक्षाओं की सुरक्षा के लिए अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। एससीओटी की पहली छवि एक तकनीकी मील का पत्थर से अधिक है।
मोबाइल कर रहा आपके दिमाग को बीमार, रिसर्च में सामने आए हैरान कर देने वाले नतीजे; पढ़ें पूरी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर कोई आपसे पूछे कि क्या आपको फोन का एडिक्शन है? तो शायद आप एक झटके में इसे नकार देंगे। लेकिन अगर आप रात को सोने से पहले अपना फोन चेक न करें, तो शायद आपको नींद भी नहीं आएगी।
दरअसल सच्चाई ये है कि आज की तारीख में हर दूसरा शख्स फोन का एडिक्ट हो गया है। आप चाहें दोस्तों-यारों के बीच बैठे हों या कहीं शॉपिंग करने गए हों। नजर उठाकर देखेंगे, तो हर कोई फोन में घुसा नजर आएगा। अब एक रिसर्च में भी फोन एडिक्शन पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
नोटिफिकेशन के प्रति सेंसिटिव दिमागये स्टडी अमेजन किंडल ने ऑस्ट्रेलिया में की है। इस रिसर्च के नतीजों से पता चलता है कि हमारा दिमाग फोन के नोटिफिकेशन को लेकर कितना सेंसिटिव हो चुका है। कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि फोन में बिना कोई नोटिफिकेशन आए भी हमें उसकी आवाज सुनाई देती है और हम फोन चेक करने लगते हैं।
(फोटो: मेटा एआई)
इसकी तुलना इवान पावलोव के डॉग्स पर किए एक एक्सपेरिमेंट से की जा रही है। दरअसल पावलोव ने डॉग्स को इस तरह ट्रेंड कर दिया था कि घंटी की आवाज सुनते ही वह समझ जाते थे कि अब खाना मिलने की बारी है। इंसानों के लिए भी फोन कुछ इसी तरह का हो गया है।
रिसर्च में क्या पता चला?- रिसर्च में हिस्सा लेने वाले 78 फीसदी लोगों ने माना है कि वह हर घंटे एक बार अपना फोन जरूर चेक करते हैं।
- इसमें से कई लोग ऐसे भी है, जो कम से कम 50 बार अपना स्क्रीन अनलॉक करते हैं।
- 86 फीसदी लोगों ने माना है कि फोन चेक करने की आदत की वजह से वह शाम होने तक तनाव महसूस करने लगते हैं।
- 69 फीसदी लोगों ने माना कि हर रात फोन चेक करने के कारण अपने निर्धारित समय से लेट सोते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि फोन चेक करने की आदत हमारे अंदर इतना बस चुकी है कि कोई वाइब्रेशन, पिंग या फोन की लाइट ऑन होते ही हम उसे तुरंत चेक करने लगते हैं। इससे किसी भी एक चीज पर ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है।
(फोटो: मेटा एआई)
इससे न सिर्फ हमारी नींद पर असर पड़ता है, बल्कि मेंटल हेल्थ भी बुरी होती चली जाती है। समय के साथ इससे प्रोडक्टिविटी कम होती है, बेचैनी बढ़ती है और फिर स्थिति बिगड़ती चली जाती है।
कैसे बनाएं फोन से दूरी?यूं तो आज के डिजिटल दौर में फोन से दूर रह पाना आसान नहीं है, क्योंकि सुबह दूध की दुकान में पेमेंट करने से लेकर रात में न्यूज पढ़ने तक सब कुछ फोन से ही हो रहा है। लेकिन फिर भी कुछ आदतों में बदलाव करके इसे एडिक्शन को कम किया जा सकता है।
नियम बना लें कि सुबह उठने के एक घंटे बाद और सोने के एक घंटे पहले फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे और इसका कड़ाई से पालन करें। सप्ताह में किसी एक दिन बिना फोन के रहने की आदत डालें। सोशल मीडिया एप्स के नोटिफिकेशन को बंद कर दें। अगर आस-पास कहीं जा रहे हों, तो फोन को घर पर ही छोड़ दें।
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