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Bihar Politics: क्या तेजस्वी के नेतृत्व को नकार रहा महागठबंधन? कांग्रेस नेताओं के बयान से बढ़ी RJD की टेंशन

Dainik Jagran - March 8, 2025 - 8:05am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी कुछ देर हो, लेकिन राजद-कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर तनातनी जारी है। हाल ही में पूर्व मंत्री आलोक मेहता के आवास पर हुई राजद, कांग्रेस सहित तीनों वामदलों (भाकपा, माकपा व भाकपा-माले) के विधायक-विधान पार्षदों की बैठक में नेताओं ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है।

वहीं, अब कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर के बयान के बाद एक बार फिर महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर विवाद छिड़ता दिख रहा है।

ज्यादा विधायक वाली पार्टी का होगा मुख्यमंत्री

कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल निश्चित रूप से महागठबंधन में सबसे बड़ा दल है और उसकी जिम्मेदारी भी ज्यादा है, लेकिन व्यवस्था यही रही है कि जिसके ज्यादा विधायक होंगे मुख्यमंत्री भी उसी पार्टी का होगा।

सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं

तारिक अनवर शुक्रवार को कटिहार में थे, जहां उन्होंने मीडिया को यह बयान दिया। तारिक अनवर ने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। सीटों के संबंध में जब बातें होंगी तो उसे मीडिया को भी साझा किया जाएगा।

अजीत शर्मा ने भी सीएम फेस को लेकर दिया बयान
  • तारिक अनवर पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर ऐसा बयान दिया है। इससे पहले कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री फेस को लेकर अपना बयान दिया था।
  • अजीत शर्मा ने बुधवार को यह कहकर नया विवाद शुरू कर दिया था कि चुनाव परिणाम के बाद विधायक तय करेंगे कि महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
शीर्ष नेतृत्व लेगा अंतिम निर्णय

हालांकि, शर्मा ने यह भी कहा था कि इस बात का अंतिम निर्णय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्तर पर लिया जाएगा। राजद-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर लगातार ऐसे बयान सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बिहार में महागठबंधन के नेताओं के बीच आपस में तनातनी का माहौल है।

एकजुटता के संदेश के बाद शुरू हुई बयानबाजी

गुरुवार को ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से महागठबंधन दल के नेताओं की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई थी। राजद नेता आलोक मेहता के आवास पर हुई इस बैठक में तेजस्वी ने सभी दलों से एकजुटता प्रदर्शित करने की अपील की थी।

इसके अगले ही दिन कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से ये स्पष्ट होता है कि आने वाले दिनों में बिहार में महागठबंधन की राह आसान नहीं रहने वाली है।

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जन विश्वास 2.0 में 1000 से अधिक कारोबारी नियमों में हो सकते हैं बदलाव, आम लोगों को होगा फायदा

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 7:43am

राजीव कुमार, नई दिल्ली। कारोबार को बिल्कुल आसान बनाने के लिए सरकार नियम-कानून में बड़े बदलाव लाने पर मंथन कर रही है। औद्योगिक संगठन, एसोसिएशन, राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से विचार-विमर्श शुरू हो गया है। श्रम कानून से लेकर भवन निर्माण, पानी-बिजली कनेक्शन, लॉजिस्टिक एवं पर्यावरण संबंधी नियमों में मुख्य रूप से बदलाव किए जाएंगे।

1000 से अधिक नियम-कानून बदले जा सकते हैं

मामूली नियमों के पालन में चूक पर जेल और जुर्माने का प्रविधान समाप्त किया जाएगा। हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद जन विश्वास बिल 2.0 संसद में पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस बार 1000 से अधिक नियम-कानून बदले जा सकते हैं। वर्ष 2023 में नियमों में ढील के लिए जन विश्वास बिल 1.0 लाया गया था।

जन विश्वास बिल 1.0 के तहत अब तक 283 नियमों में बदलाव

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के अनुसार, जन विश्वास बिल 1.0 के तहत अब तक 283 नियमों में बदलाव और सैकड़ों प्रविधान को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। इस बार भी वैसी ही तैयारी है।

आर्थिक सर्वेक्षण से लेकर बजट तक में कारोबारी नियमों में बड़े बदलाव की जरूरत बताई गई थी क्योंकि इनके पालन की वजह से हमारी लागत वियतनाम, जापान, इंडोनेशिया जैसे देशों से अधिक हो जाती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दो दिन पहले मैन्यूफैक्चरिंग, निर्यात में बढ़ोतरी व एमएसएमई को ग्रोथ इंजन बनाने पर नियमों के गैर अपराधीकरण और बड़े बदलाव का संकेत दे चुके हैं। जन विश्वास बिल 2.0 को तैयार करने के लिए राज्यों पर खास फोकस है। कई नियमों में बदलाव के लिए राज्य को केंद्र की इजाजत लेनी होगी।

राज्यों व वहां के स्थानीय निकायों के अलग-अलग नियम हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है। तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों ने नियमों को काफी आसान बनाया है। उनके माडल से भी चीजें अपनाई जा सकती हैं। मामूली गलती के लिए सजा या जुर्माने वाले सभी प्रविधान खत्म किए जा सकते हैं।

अभी 11,500 नियमों का पालन जरूरी

जानकारों के अनुसार, अगर कोई उद्यमी देश के विभिन्न राज्यों में फैक्ट्री चलाता है तो कार्यस्थल की सुरक्षा, श्रम, टैक्स जैसे विभिन्न नियमों के तहत उसे राज्यों, स्थानीय निकायों व केंद्र सरकार के 11,500 नियमों का पालन करना पड़ता है। इनमें से 7,600 नियमों के पालन में चूक होने पर जुर्माना या कैद का प्रविधान है।

वसूली की भी वजह बने ये नियम

विशेषज्ञों के मुताबिक छोटे-छोटे नियमों के पालन में चूक पर कैद और भारी जुर्माने का डर दिखाकर इंस्पेक्टर उद्यमियों से वसूली करते हैं। उदाहरण के लिए फैक्ट्री के रखरखाव के रिकार्ड को ठीक से नहीं रखने और सुरक्षा संबंधी नियमों में जरा सी अनदेखी पर जुर्माने के साथ कैद तक का प्रविधान है। श्रम कानून के अधिकतर प्रविधान में कैद शामिल है। कैद व जुर्माने की वजह से एक सीमा के बाद श्रमिकों से ओवरटाइम नहीं कराया जा सकता है और जरूरत के बावजूद उनसे अधिक काम नहीं लिया जा सकता है।

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Rupee hosts biggest party in two years on dollar decline

Business News - March 8, 2025 - 7:30am
Mumbai: The rupee, buffeted by the seemingly unrelenting sales of Indian stocks by foreign funds since September, logged its best week in two years to close at 86.87/$1 Friday after the dollar index retreated 3.5% in the past five sessions on data that points to signs of weakness in the US economy, traders said.The dollar index, which maps the strength of the dollar relative to a basket of currencies, slid to 103.6. It was just shy of the 110 mark as recently as late January, with safe-haven demand roiling equities across the Emerging Markets, and prompting the most protracted slide in India's benchmark stock gauges in nearly three decades.The rupee had closed at 87.12/$1 on Thursday, and at 87.37/$1 at the start of the week, LSEG data showed. The currency was stronger by 0.7% in the week ended March 7-its best weekly performance against the US dollar since February 2023. Dollar sales by local banks and corporates also helped, traders said. The markets expect the rupee to gain a little more-toward the 86.50/$1 level. No Selling by Exporters "There was dollar selling today, because at 103.6 levels, the dollar index is at a four-and-a-half-month low. There were also dollar sales from Reliance for about $1 billion, helping in the rupee's appreciation," said Anil Bhansali, head of treasury, Finrex Treasury Advisors. "Exporters also haven't sold overall, which was a positive for the currency."Likely Limited GainsAlthough there is some possibility of further appreciation of the rupee, tariff risks and trade disruption possibilities still persist, limiting the scope of significant appreciation for the local monetary unit, currency market participants said.There was no intervention from the Reserve Bank of India (RBI) Friday on either side. The RBI may intervene and absorb dollars if the rupee appreciates toward the 86.50/$1 level, traders said.The dollar index has weakened to 103.6, from 107.4 at the start of the week, LSEG data showed. The dollar index is following rate cut expectations from the US Federal Reserve, as markets have started pricing in three rate cuts, instead of the previously expected two, traders said. The dollar index was at a high of 109.3 in January."There has been a reversal of positions as markets were heavily long on the dollar," said Anindya Banerjee, head of currency research at Kotak Securities. "I think the rupee still has some catching up to do and the currency may appreciate to 86.50/$1 in the coming week, but the window towards appreciation would be small."The markets would now be keenly tracking the non-farm payroll (NFP) data expected on Friday after India market hours, and this data set would help gauge the trajectory for interest rates in the US and the dollar index. A number approximately beyond 100,000 in the NFP data could boost the dollar index yet again, traders said."For now, I am advising importers to buy at any dip, especially if the rupee goes toward 86.60/$1 to 86.50/$1 levels. I am also asking exporters to sell (dollars) if the currency goes beyond 87.10/$1 to 87.20/$1 levels, and hedge their positions especially for March," Bhansali said.
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Bihar Weather: बिहार वाले हो जाएं सावधान! आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने की संभावना; IMD ने जारी की चेतावनी

Dainik Jagran - March 8, 2025 - 7:30am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: पछुआ के कारण प्रदेश मौसम शुष्क बना रहेगा। प्रदेश के छह शहरों किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका एवं जमुई जिले के एक या दो स्थानों पर तेज हवा के साथ बादल गरजने और बिजली गिरने की संभावना है, जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।

उत्तरी भाग में दिखेगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर

मौसम विभाग के अनुसार, पटना सहित अन्य जिलों का मौसम शुष्क बना रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) का प्रभाव पश्चिमी हिमालय वाले क्षेत्रों में पड़ने के कारण प्रदेश के उत्तरी भागों के मौसम में विशेष रूप से बदलाव की संभावना है। तापमान में गिरावट आने के कारण सुबह-शाम हल्की ठंड का प्रभाव अभी बना रहेगा।

पुपरी के अलावा सभी जगह बढ़ा पारा

बीते 24 घंटों के दौरान सीतामढ़ी के पुपरी को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

पटना का अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 30.2 डिग्री सेल्सियस के साथ बक्सर सबसे गर्म रहा। पटना समेत 18 शहरों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

बांका में दर्ज हुआ सबसे कम न्यूनतम तापमान

पटना का न्यूनतम तापमान 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 8.9 डिग्री सेल्सियस के साथ बांका में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

शुक्रवार को पटना सहित आसपास इलाकों में पछुआ से मौसम सामान्य होने के साथ ठंडी हवा के कारण मौसम सामान्य बना रहा।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर
अधिकतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में) पटना  27.1 15.3 गया 29.0 12.0 भागलपुर 27.8 12.7 मुजफ्फरपुर 26.6 15.0 आरा: बदलते मौसम से बढ़ा बीमारियों का खतरा

गर्मी के मौसम के शुरुआत से पहले तापमान में जारी उतार-चढ़ाव बीमारियों के बढ़ने का संकेत दे रहा है। सप्ताह भर से दोपहर में बढ़े तापमान की तल्खी के कारण, जहां धूप में बाहर निकलना मुश्किल साबित हो रहा है। वहीं अब देर रात के बाद सुबह होने तक सिहरन पैदा करने वाली गुनगुनी ठंड महसूस हो रही है।

हाल ही में धो-सुखाकर बक्से में रखे गए गर्म कपड़ों की जरूरत भी महसूस होने लगी है। न्यूनतम तापमान अभी भी 14 डिग्री सेल्सियस पर टिका हुआ है।

शुक्रवार की सुबह 6.09 बजे सूर्यादय के समय तक न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस पर बरकरार था। वहीं शाम 5.56 बजे सूर्यास्त होने के बाद आर्द्रता बढ़ते बढ़ते रात्रि में 81 प्रतिशत तक पहुंच चुकी थी।

दोपहर में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस था। मौसम मे तेजी से जारी यह उतार-चढ़ाव बच्चों और बुजर्गों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है।

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Finally, a week of relief: D-Street takes biggest leap of the year

Business News - March 8, 2025 - 7:23am
Mumbai: India's equity indices clocked their highest weekly gains in 2025 as investors toned down some of their pessimism in an oversold market, hoping that the US might not announce fresh trade tariffs immediately. The undertone remains cautious, reflected in the market swings on Friday, amid uncertainty over Donald Trump's inconsistent trade tariff policy.The NSE Nifty ended 0.03% or 7.8 points higher to close at 22,552.50. The BSE Sensex declined 0.01% or 7.51 points to close at 74,332.58. Both indices rose 1.9% this week, the first advance after three weeks.Trump on Thursday suspended the 25% tariff he had imposed on imports from Canada and Mexico. The US President's on-and-off tariff policy is expected to keep markets on the edge in the days ahead."The markets are responding to the US tariffs as of now and the reciprocal tariffs are already discounted by the street," said Shrikant Chouhan, head of research, Kotak Securities. "There is a possibility of the Nifty moving towards 23,000 levels in the near term."Chouhan said that if higher tariffs are announced, there could be corrections, but the levy imposed is not likely to go up.118796823US futures rose in early trade on Friday after data showed the economy created 151,000 jobs in February, above January's revised reading of 125,000. Elsewhere in Asia, China fell 0.25% while Hong Kong and Taiwan shed around 0.6%. South Korea ended 0.49% lower while Indonesia advanced 0.27%.At home, the Mid-cap 150 index declined 0.3% while the Small-cap 250 index ended 0.7% higher on Friday. Out of the 4,114 shares traded on the BSE, 2,478 advanced, while 1,516 declined. In the past week, the mid-cap and small-cap indices gained 3% and 5.5%, respectively."At the current levels, most of the negatives like lower earnings this quarter, the tariff concerns and the valuation froth in the market are already priced in," said Dharmesh Kant, head of research, Cholamandalam Securities. Buying Action in Largecap Space Renewed buying interest and short covering can push the Nifty to 23,000 to 23,500 levels in the near term, he said.Kant said that except for some pockets in the smallcap and microcap segment, the market is fairly valued. "The valuations have come off significantly and when the markets are expected to bounce back, the buying action is expected to come back to large cap names," Chouhan said.The imposition of tariffs can also push the dollar index and US 10-year bond yields lower, which could lead to a slowdown in the sell-off by foreign investors and also prompt them to cover their bearish bets, he said.Foreign portfolio investors (FPIs) sold shares worth a net Rs 2,035 crore on Friday. Their domestic counterparts bought shares worth Rs 2,320 crore. So far in March, overseas investors have sold shares worth over Rs 12,600 crore."Banking and financial services are the safest best in the current market, but the lack of movement in the stock is due to asset quality issues which are likely to worsen in Q4," said Kant. "However, in light of the liquidity measures by the RBI and any additional rate cuts, these stocks can gain momentum."Kant said that defence stocks are reasonably priced post the corrections and metal stocks stand to benefit from US tariffs. IT and autos are likely to be trading bets and are not a structural buy.
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भीड़ से बचने के लिए देश के 60 रेलवे स्टेशनों पर नई व्यवस्था, कंफर्म टिकट पर ही मिलेगा प्रवेश

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 7:17am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड़ और भगदड़ को रोकने के लिए रेलवे ने कुछ सख्त नियम बनाए हैं। महाकुंभ के दौरान तात्कालिक तौर पर देश भर के 60 प्रमुख स्टेशनों पर बनाए गए प्रतीक्षालय क्षेत्र को स्थायी किया जा रहा है।

सभी अनधिकृत प्रवेश प्वाइंट को सील कर दिया जाएगा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के बारे में विमर्श किया गया और कई बड़े निर्णय लिए गए। देश के 60 प्रमुख स्टेशनों के सभी अनधिकृत प्रवेश प्वाइंट को सील कर दिया जाएगा। प्लेटफार्मों पर सिर्फ कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही जाने की अनुमति मिलेगी।

इन रेलवे स्टेशनों पर लागू होगी व्यवस्था

पायलट प्रोजेक्ट के तहत नई दिल्ली, आनंद विहार, सूरत, वाराणसी, अयोध्या एवं पटना स्टेशनों पर यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से शुरू की जा रही है। टिकटों की बिक्री ट्रेनों की क्षमता के अनुसार की जाएगी। स्टेशनों पर रेलवे स्टाफ के लिए ड्रेस कोड भी लागू किया गया है। रेलवे द्वारा यह बदलाव महाकुंभ के दौरान दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ से सबक लेते हुए किया जा रहा है, ताकि त्योहारों के दौरान यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं हो।

महाकुंभ के दौरान 60 स्टेशनों के बाहर प्रतीक्षालय बनाए गए थे, जिससे सूरत, पटना और नई दिल्ली में भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिली। यात्रियों को तभी प्लेटफार्म पर जाने की अनुमति दी जाने लगी, जब ट्रेन पहुंच जाती थी। अब इसे स्थायी किए जाने से प्लेटफार्म पर अचानक आने वाली भीड़ को प्रतीक्षालय में रोका जा सकेगा।

बिना टिकट यात्रियों को वेटिंग एरिया में ही रोक दिया जाएगा

बिना टिकट या प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को वेटिंग एरिया में ही रोक दिया जाएगा। स्टेशनों पर एक प्लेटफार्म से दूसरे पर जाने के लिए चौड़े फुट-ओवर ब्रिज का भी निर्माण होगा। इसकी लंबाई 12 मीटर और चौड़ाई छह मीटर होगी। मानक ब्रिज के दो नए डिजाइन तैयार किए गए हैं।

सभी स्टेशनों और आसपास के क्षेत्रों में निगरानी के लिए बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे। बड़े स्टेशनों पर वार रूम बनाने की भी तैयारी है। भीड़ की स्थिति में वार रूम में काम किया जा सकेगा। आधुनिक डिजाइन वाले डिजिटल संचार उपकरण जैसे वाकी-टाकी आदि लगाए जाएंगे।

कर्मियों के लिए ड्रेस कोड भी तय कर दिया है

रेल मंत्रालय ने स्टेशनों पर काम करने वाले रेलवे स्टाफ एवं सेवा कर्मियों के लिए ड्रेस कोड भी तय कर दिया है। उन्हें नए डिजाइन का परिचय पत्र एवं यूनिफार्म दिया जाएगा, ताकि प्लेटफार्म पर सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों का ही प्रवेश हो सके।

आपात स्थिति में यूनिफार्म के जरिये रेलवे स्टाफ को पहचान सकने में सुविधा होगी। स्टेशनों पर व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन निदेशक बनाया जाएगा, जिसे सभी अन्य विभागों के प्रमुख रिपोर्ट करेंगे।

क्षमता से ज्यादा टिकट की बिक्री नहीं होगी

निदेशक को वित्तीय अधिकार भी दिया जाएगा, ताकि व्यवस्था में सुधार के लिए तत्काल निर्णय लिया जा सके। निदेशक के पास स्टेशन की क्षमता एवं उपलब्ध ट्रेनों के अनुसार टिकट बिक्री को भी नियंत्रित करने का अधिकार होगा। क्षमता से ज्यादा टिकट की बिक्री नहीं होगी।

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Ranya Rao: रान्या ने 17 सोने की छड़ें रखने की बात स्वीकारी, डीआरआई की पूछताछ में हो सकते हैं बड़े खुलासे

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 7:07am

 पीटीआई, बेंगलुरु। सोना तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव ने अपने पास 17 सोने की छड़ें होने की बात स्वीकार की है। इस बीच शुक्रवार को आर्थिक अपराधों की विशेष अदालत ने रान्या को डीआरआइ की तीन दिन की हिरासत में भेज दिया।

रान्या ने छह महीनों में 27 बार दुबई की यात्रा की

जांचकर्ताओं ने बताया कि रान्या का पासपोर्ट हर्षवर्दिनी रान्या के नाम से बना है। उसने पिछले छह महीनों में 27 बार दुबई की यात्रा की थी। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) के सूत्रों ने बताया कि रान्या यूरोप, अमेरिका और सऊदी अरब सहित पश्चिम एशिया की यात्रा भी कर चुकी है।

रान्या को डीआरआइ अधिकारियों ने बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 14.8 किलोग्राम सोने की तस्करी करते हुए उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह सोमवार रात दुबई से बेंगलुरु पहुंची थी। उसके पास से जब्त सोने की छड़ों की कीमत 12.56 करोड़ रुपये है।

अब तक 17.29 करोड़ रुपये की जब्ती हुई

रान्या की गिरफ्तारी के बाद की गई छापेमारी में रान्या के बेंगलुरु के फ्लैट से 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई। मामले में अब तक 17.29 करोड़ रुपये की जब्ती की गई है।

रामचंद्र राव की सौतेली बेटी है रान्या

रान्या कर्नाटक के डीजीपी रैंक के अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी है। रामचंद्र इस समय कर्नाटक राज्य पुलिस आवास और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।

रियल एस्टेट करोबारी केएस हेगड़ेश की बेटी रान्या

अधिकारियों के अनुसार, रान्या ने बताया कि वह यूरोप, अमेरिका और दुबई तथा सऊदी अरब सहित पश्चिम एशिया की यात्रा कर चुकी है। वह रियल एस्टेट करोबारी केएस हेगड़ेश की बेटी है। रान्या ने यह भी बताया कि उसने 12वीं तक पढ़ाई की है और और वन्यजीव फोटोग्राफर के रूप में भी काम किया है। रान्या ने बताया कि वह अपने पति जतिन हुक्केरी (जो कि आर्किटेक्ट हैं) के साथ बेंगलुरु में रहती है।

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तेलंगाना: खोजी कुत्तों ने सुरंग में इंसानी मौजूदगी वाले दो स्थान पहचाने, बचावकर्मियों ने मलबा निकालना किया शुरू

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 7:07am

 पीटीआई, नगरकुरनूल। आंशिक रूप से ढही एसएलबीसी सुरंग के अंदर शुक्रवार को शवों के खोजी कुत्तों ने इंसानी मौजूदगी के दो संभावित स्थानों की पहचान की। इसके बाद बचावकर्मियों ने वहां का मलबा निकालना शुरू कर दिया है। 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद से अब तक आठ लोग सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं।

टीमें इन स्थानों से मलबा हटा रही हैं

बचाव कार्य में केरल पुलिस के शवों को खोजने वाले कुत्ते शामिल होने के बाद शुक्रवार सुबह उन्हें सुरंग के अंदर ले जाया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुत्ते उन संभावित स्थानों का पता लगा रहे हैं, जहां श्रमिक फंसे हो सकते हैं। उन्होंने दो संभावित स्थान पहचाने हैं और टीमें इन स्थानों से मलबा हटा रही हैं।

मानव शवों को खोजने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं कुत्ते

उन्होंने बताया कि ये कुत्ते लापता इंसानों और मानव शवों को खोजने के लिए विशेषरूप से प्रशिक्षित किए गए होते हैं। केरल पुलिस के ये खोजी कुत्ते बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के हैं और 15 फीट गहराई की भी गंध का पता लगा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की मेडिकल टीम को भी मानक संचालन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सुरंग में भेजा गया है, ताकि उनका पता चलने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।

रोबोटिक्स टीम अपने काम पर लगी हुई है

दिन में खनन कंपनी और रैट माइन्स की टीम भी चुने गए स्थानों पर काम करने अंदर पहुंची। जबकि एक टीम रोबोट के इस्तेमाल की संभावना तलाशने के लिए शुक्रवार सुबह सुरंग में गई और बताया कि चट्टानों की मौजूदगी देखते हुए नेविगेट करने के लिए उसे एक खास तरीके की जरूरत है। रोबोटिक्स टीम अपने काम पर लगी हुई है।

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तीन महीने में दुरुस्त होगी ‘EPIC’ नंबरों की गड़बड़ियां, जारी होंगे यूनिक ईपिक नंबर

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 2:30am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपिक) नंबरों में पिछले 25 सालों से चली आ रही गडबड़ी अगले तीन महीने में दुरुस्त हो जाएगी। जल्द ही इसे लेकर संबंधित राज्यों में अभियान शुरू होगा। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इसे लेकर अहम घोषणा की है।

चुनाव आयोग ने कही ये बात

चुनाव आयोग ने कहा कि राज्यों में एक जैसे ईपिक नंबरों का यह आवंटन वर्ष 2000 में किया गया था। हालांकि इससे न तो किसी भी मतदाता की भौगोलिक पहचान प्रभावित होती है और न ही इसका मतलब यह है कि ये सभी फर्जी मतदाता हैं।

ईपिक नंबर के बावजूद मतदाता केवल उसी मतदान केंद्र पर वोट दे सकता है जिस मतदान केंद्र की मतदाता सूची में उसका नाम है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से हाल ही में इस मुद्दे को उठाए के बाद चुनाव आयोग ने तुरंत ही इसे लेकर सारी स्थिति साफ की थी। बताया था कि यह सिर्फ राज्यों की चूक है, जिन्होंने एक दूसरे मिलते-जुलते नंबरों की सीरीज आवंटित कर दी।

ईपिक नंबर के आवंटन की कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं

आयोग के मुताबिक अब तक यह मुद्दा इसलिए सामने नहीं आया, क्योंकि ईपिक नंबर के आवंटन की कोई केंद्रीकृत व्यवस्था नहीं थी। हाल ही में जैसे ही ईपिक नंबरों को एक केंद्रीकृत प्लेटफार्म से जोड़ा गया, तो यह मामला सामने आया।

आयोग ने शुक्रवार को राज्यों को दिए गए निर्देश में कहा है कि वे जल्द ही एक समान ईपिक वाले नंबरों को जांच कर सामने लाएं। ऐसे नंबरों को जगह जल्द ही विशिष्ट ईपिक नंबर आवंटित किए जाएंगे। गौरतलब है कि बंगाल, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान के कुछ जिलों में एक जैसे ईपिक नंबर की गड़बड़ी है।

नई प्रणाली भविष्य के मतदाताओं के लिए भी लागू होगी

चुनाव आयोग ने तकनीकी टीमों और संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद अगले तीन महीनों में इस मुद्दे को सुलझाने का फैसला किया है। नई प्रणाली भविष्य के मतदाताओं के लिए भी लागू होगी।

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