Dainik Jagran
Bihar News: बिहार के 7 जिलों से होकर गुजरेगी पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे, यात्रा करने में होगी आसानी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बिहार के सात जिलों से होकर गुजरेगा। छह लेन के इस एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे का एलायनमेंट तय कर एनएचएआई ने इसे एलायनमेंट कमेटी के पास भेजा है। जल्द ही इस पर सहमति बनने की उम्मीद है। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे पटना के आउटर रिंग राेड के रूप में काम करेगा। यह पटना के शेरपुर से दिघवारा के बीच गंगा नदी पर बन रहे छह लेन पुल से आरंभ होगा।
इन 7 जिलों से गुजरेगी एक्सप्रेस वेशेरपुर में बन रहे गोलंबर से आगे बढ़ते हुए यह सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा होते हुए पूर्णिया जाएगी। यानी इस सड़क से पटना को सात जिलों की नयी कनेक्टिवटी भी उपलब्ध होगी।
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे से भी जुड़ेगा कनेक्शनपटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे को एक जगह आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे से भी संपर्कता मिलेगी। आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे गया होते हुए कच्ची दरगाह बिदुपुर पुल के रास्ते दरभंगा पहुंच रही। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे वैशाली में आमस-दरभंगा सड़क से मिल जाएगी।
इसका फायदा यह होगा कि दक्षिण के कई जिलों में जाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। पटना को दो जगहों पर इस रोड का एक्सेस उपलब्ध होगा। पूर्णिया जिले से इसे किशनगंज जा रही एनएच की संपर्कता भी मिलेगी।
एलायनमेंट कमेटी जल्द ही एलायनमेंट पर अपनी सहमति देगीएनएचएआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनएचएआई के स्तर पर पटना से नए एलायनमेंट पर विचार चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही एलायनमेंट कमेटी जल्द ही इस पर सहमति देगी।
282 किमी लंबे इस एक्सप्रेस वे का निर्माण कई पैकेज- पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की लंबाई 282 किमी होगी।
- इसका निर्माण इस वजह से कई पैकेज में किया जाएगा।
- पूर्णिया डगरूआ मे यह सड़क खत्म हो रही है।
- एलायनमेंट के तहत 17 पुल तथा 11 आरओबी का भी निर्माण होगा।
एनएचएआई की देखरेख में फिलहाल पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (Patna-Purnia Greenfield Expressway) व बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे (Buxar-Bhagalpur Expressway) के लिए सर्वे का काम शुरू किया गया है। पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए दो एलायनमेंट को केंद्र में रख सर्वे का काम हो रहा।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राजगीर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण कार्यो का जायजा लेने जल्द ही बीसीसीआइ की टीम राजगीर आएगी। यही नहीं स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पिच निर्माण के लिए क्यूरेटर से भी संपर्क किया जाएगा। स्टेडियम में भविष्य में होने वाले मैचों का लाइव प्रसारण हो सके इस पर भी बीसीसीआइ सहयोग देगा।
भवन निर्माण के सचिव कुमार रवि ने शुक्रवार को राजगीर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय स्पोट्र्स अकादमी सह क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण कार्यो को लेकर बीसीसीआइ की टीम के साथ समीक्षा बैठक की। बीसीसीआइ की टीम इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस से जुड़ी रही।
स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय स्तर बनाने पर जोरBihar News: स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों का हो सरकार ने बैठक के दौरान इसपर विशेष जोर दिया। निर्माण कार्यो से जुड़े इंजीनियरों को निर्देश दिए गए कि स्टेडियम की गुणवत्ता से कोई समझौता न किया और ध्यान रखा जाए कि निर्माण के लिए निर्धारित हर मानक का पालन किया जाए।
उन्होंने इंजीनियरों से कहा कि वे तकनीकी सलाह के लिए निरंतर बीसीसीआइ की टीम से समन्वय करते रहें। कुमार रवि ने इस दौरान जानकारी दी कि जल्द ही बीसीसीआइ की टीम निर्माण कार्यो का जायजा लेने के लिए राजगीर जाएगी और मानकों के अनुरूप स्टेडियम निर्माण में मदद करेगी।
क्रिकेट के लाइव प्रसारण पर जोरबैठक में मैचों के लाइव प्रसारण के साथ ही क्रिकेट पिच तैयार करने के लिए क्यूरेटर से संपर्क करने पर भी सहमति बनी। बैठक में सचिव ने कहा कि निर्माण कार्यो की साप्ताहिक समीक्षा हो और मुख्यालय को भी इसकी जानकारी दी जाए।
बता दें कि इस स्टेडियम का निर्माण 72,843 वर्गमीटर भूखंड पर किया जा रहा है। इस स्टेडियम में 40,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। बैठक में बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी, भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव आशुतोष द्विवेदी साथ ही विभाग के अभियंता उपस्थित रहे।
बता दें कि राजगीर क्रिकेट स्टेडियम बिहार के नालंदा जिले में स्थित एक क्रिकेट स्टेडियम है। यह स्टेडियम राजगीर शहर में स्थित है, जो प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास स्थित है।
- क्षमता: स्टेडियम में लगभग 20,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है।
- पिच: स्टेडियम में एक अच्छी गुणवत्ता वाली पिच है, जो क्रिकेट मैचों के लिए उपयुक्त है।
- आवासीय सुविधाएं: स्टेडियम में खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- प्रशिक्षण सुविधाएं: स्टेडियम में क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं।
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BPSC 70वीं प्रीलिम्स एग्जाम का पेपर लीक हो गया? जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ने दिया जवाब
जागरण संवाददाता, पटना। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बापू परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र लीक का कोई मामला नहीं है। बापू परीक्षा परिसर कुम्हरार में बीपीएससी की परीक्षा के दरम्यान कुछ छात्रों द्वारा गलतफहमीवश परीक्षा का बहिष्कार किया गया। संपूर्ण मामले में बीपीएससी को उचित निर्णय लेगा। रिपोर्ट भेज दी गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को बापू परीक्षा परिसर कुम्हरार में बीपीएससी की परीक्षा हो रही थी। 12,000 परीक्षार्थियों की व्यवस्था थी। एक ह\ल में 273 अभ्यर्थियों के परीक्षा देने का प्रबंध किया गया था। प्रश्न पत्र वितरण के दरम्यान 192 प्रश्न पत्रों का बाक्स खोला गया, जबकि हॉल में 273 परीक्षार्थी थे।
केंद्राधीक्षक द्वारा दूसरे हॉल से प्रश्न पत्र का सील्ड पैकेट मंगवाया गया तथा शेष बच्चों के बीच वितरित किया गया। इसी बीच कुछ परीक्षार्थियों द्वारा आपत्ति व्यक्त की। लगभग 300-400 बच्चों ने परीक्षा का बहिष्कार किया।
आश्वासन के बाद भी 273 प्रश्न पत्रों का नहीं मिला पैकेट, जांच का विषयजिलाधिकारी ने बताया कि 11 दिसंबर को समाहरणालय में आयोजित ब्रीफिंग में आयोग के प्रतिनिधि ने भी आश्वस्त किया था कि 273 प्रश्न-पत्रों के पैकेट का बॉक्स भेजा जाएगा, फिर किस स्थिति में 192 प्रश्न पत्रों के पैकेट का बाक्स भेजा गया यह जांच का विषय है। संपूर्ण मामले में बीपीएससी को उचित निर्णय हेतु सारगर्भित रिपोर्ट भेजा जा रहा है।
बहिष्कार की सूचना मिलते ही डीएम-एसएसपी पहुंचेबापू परीक्षा केंद्र में बीपीएसएसी परीक्षा के बहिष्कार की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक परीक्षा केंद्र स्थल पर पहुंचकर परीक्षार्थियों को वस्तु-स्थिति से अवगत कराया। शेष सभी बच्चों ने शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा दिए। परीक्षा हॉल के बाहर परीक्षार्थी रोड जाम कर रहे थे। पुलिस हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित की।
भगदड़ से घबरायी एक परीक्षार्थी की तबियत बिगड़ी, इमरजेंसी में भर्तीबापू परीक्षा परिसर स्थित केंद्र पर बीपीएससी पीटी की परीक्षा देने के दौरान अचानक भगदड़ और हंगामा होने से एक परीक्षार्थी की तबियत बिगड़ गयी। अकमकुआं थाना के दो पुलिस कर्मी उसे इलाज के लिए टेंपो से लेकर नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे। यहां इमरजेंसी में भर्ती कर उसका इलाज किया गया। चिकित्सक ने कहा कि परीक्षार्थी की हालत ठीक है। इमरजेंसी में भर्ती नालंदा निवासी परीक्षार्थी ने अपना नाम सुष्मिता कुमारी बताया।
उसने कहा कि चौथी मंजिल पर कमरा संख्या तीन में परीक्षा दे रही थी। प्रश्न पत्र समय से नहीं मिलने पर हंगामा होने लगे। कुछ लड़के बाहर निकल गए। मुझे भी प्रश्न पत्र नहीं मिला था। कमरे में कुछ परीक्षार्थी को मिल गया था।
अस्पताल में मौजूद सुष्मिता के भाई कुंदन कुमार ने बताया कि वो पटना में कार्यरत हैं। बहन की तबियत खराब होने की खबर मिलते ही अस्पताल आए हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ और हंगामा से बहन घबरा जाती है। इलाज करने के उपरांत डाक्टर ने पहले से ठीक होने की बात कही है।
BPSC की परीक्षा देने आए छात्र को पटना DM ने जड़ा थप्पड़, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
जागरण टीम, पटना सिटी। राजधानी पटना में शुक्रवार को बीपीएससी की 70वीं परीक्षा (BPSC 70th Exam) के दौरान जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हैं। एक वीडियो पटना के जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह (Patna DM Slap Video Viral) का भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उनको एक अभ्यर्थी को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। वह वीडियो में काफी गुस्से में नजर भी आ रहे हैं।
बता दें कि अगमकुआं थाना अन्तर्गत कुम्हरार में देश के सबसे बड़े परीक्षा केंद्र बापू परीक्षा परिसर में शुक्रवार को आयोजित बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में जमकर हंगामा हुआ। प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट विलंब से मिलने की बात कहते हुए कुछ परीक्षार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया।
VIDEO | Patna DM Dr Chandrashekhar Singh slaps a #BPSC aspirant protesting outside an examination centre in the city.
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/dDE0l8BX8t
— Press Trust of India (@PTI_News) December 13, 2024 केंद्र पर मच गई अफरा-तफरीप्रश्न पत्र लेकर अभ्यर्थी कमरे तथा केंद्र से बाहर निकल आए। केंद्र पर इसकी खबर फैलते ही अफरा-तफरी मच गयी। इस सबसे बड़े केंद्र पर एक साथ 12 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे थे। बीपीएससी पीटी परीक्षा (BPSC PT Exam) के परीक्षार्थियों का हंगामा परीक्षा शुरू होने के पंद्रह से बीस मिनट बाद ही शुरू हो गया था। हंगामा करते हुए बाहर निकले परीक्षार्थियों ने प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट फाड़ दिए।
पुलिस और रैफ जवानों ने संभाला मोर्चाप्रश्न पत्र लेकर सड़क पर आए परीक्षार्थियों ने जमकर हंगामा करते हुए मुख्य सड़क कुम्हरार-कंकड़बाग रोड को केंद्र के समीप जाम कर दिया। सूचना पाकर राजधानी के लगभग सभी थानों की पुलिस और रैफ के जवान मौके पर पहुंच गए। परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार संख्या एक और दो को बंद कर कुछ कमरों में परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों को बाहर निकलने से रोका गया।
परीक्षा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई परीक्षा दोपहर दो बजे समाप्त होने के समय से पहले ही दोनों गेट को खोल कर परीक्षार्थियों को बाहर निकाला गया। परीक्षा शुरू होने तक केंद्र पर सब कुछ सामान्य एवं शांतिपूर्ण था। निर्धारित 11 बजे तक सभी परीक्षार्थियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रवेश दे दिया गया था।
मौके पर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर, एसएसपी राजीव मिश्रा, जिला विधि व्यवस्था पदाधिकारी राजेश रौशन समेत पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारी समझाते रहे।
परीक्षा के दौरान केंद्र पर निरीक्षक प्रोफेसर की मौतबापू परीक्षा परिसर में बीपीएससी की शुक्रवार को आरंभ हुई पीटी परीक्षा के दौरान एक परीक्षा निरीक्षक की अचानक तबियत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।
थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान गोदानी कालेज अरवल के 58 वर्षीय प्रोफेसर डॉ. राम इकबाल सिंह के रूप में हुई है। चिकित्सक की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगा। शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
मृतक पुत्र सन्नी कुमार ने बताया कि वो निजी बैंक में कार्यरत है। कर्पित थाना के एसएचओ से सूचना मिली की बापू परीक्षा केंद्र पर चल रही बीपीएससी परीक्षा के दौरान पिताजी की हृदय गति रुकने से मौत हो गयी। हंगामा होने की खबर पाकर पहुंचे डीएस व एसएसपी ने मृतक के पुत्र से बातचीत कर हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।
पिता के शव की तलाश में भटकता रहा पुत्रडीएम व एसएसपी से बातचीत करने के बाद मृतक प्रोफेसर का पुत्र पिता की तलाश में दौड़ते भागते अकेले नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचा। पुत्र सन्नी कुमार ने यहां की इमरजेंसी में डाक्टर व नर्स से पिता का पता पूछा। रजिस्टर देखने के बाद सभी ने बताया कि इस नाम के कोई व्यक्ति यहां नहीं पहुंचे हैं। परेशान पुत्र पिता के शव के तलाश में इधर-उधर भटकने लगा।
उसने बताया कि पुलिस और प्रशासन की ओर से पिता तक पहुंचाने में उसे कोई मदद नहीं मिली। कोई यह नहीं बता रहा है कि पिताजी कहां हैं। पुत्र अपने पिता के शव की तलाश के लिए नालंदा मेडिकल कालेज स्थित पोस्टमार्टम कक्ष के लिए निकल गया। पुत्र ने जाते जाते बताया कि पिता हृदय रोग से पीड़ित थे। पूर्व में एक बार अटैक आ चुका था।
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Cyber Crime: रिटायर डॉक्टर; होटल और 74 लाख की ठगी: डिजिटल अरेस्ट का चौंकाने वाला केस, पटना से दुबई तक जुड़े तार
जागरण संवाददाता, पटना। शेयर ट्रेडिंग और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का नेटवर्क दुबई तक फैला है। डिजिटल अरेस्ट के बाद पीड़ित की रकम सेल कंपनियों, इंटरप्राइज या व्यक्तियों के खाते में भेजने के बाद बायनेंस (एक्सचेंज) के माध्यम से ठग क्रिप्टो करंसी खरीदकर दुबई में कैश करवा रहे हैं।
फिलहाल, पुलिस इस पर कुछ भी बोलने से बच रही है। हाल ही में पटना में सेवानिवृत्त डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 74 लाख की ठगी मामले में भी दुबई कनेक्शन जुड़ने लगा है।
अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराए रुपयेसेवानिवृत्त डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने के दौरान ठगों ने उनसे बेंगलुरु, ऋषिकेश सहित तीन जगहों पर तीन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कराए थे। यहां से कुछ रकम का दुबई के एक बैंक के एटीएम से भी ट्रांजेक्शन किया गया था। साथ ही गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, एर्नाकुलम से भी रुपयों की निकासी की गई थी। ठगों ने रुपये कई स्तर पर ट्रांसफर किया था।
अब पुलिस पहले जिस खाते में रुपये ट्रांसफर कराया गया था, उसका ब्योरा जुटाने के साथ ही यह भी पता कर रही है कि ठगी की रकम दूसरे देश के बैंक तक किस चेन के जरिए पहुंच गई।
साइबर थाना पटना डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर और चिकित्सक से ठगी मामले का अनुसंधान किया जा रहा है। कुछ लोगों का नाम सामने आया है, उसका सत्यापन कराया जा रहा है।
पैसा आते ही दूसरे खातों में ट्रांसफरचिकित्सक को होटल में डिजिटल अरेस्ट किया गया था। ठग जैसे-जैसे उनसे रुपये ट्रांसफर कराते गए, उसके कुछ देर बाद ही निकासी भी करते गए। वहीं, सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर से 3.7 करोड़ की ठगी मामले में दूसरे देश में रुपये भेजने का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।
इसमें तीन लोगों की पहचान की गई है, जो अलग-अलग राज्यों के हैं। उनके ठिकानों की भी सूचना मिली हैं, जिसका स्थानीय पुलिस के माध्यम से सत्यापन किया जा रहा है।
साइबर ठगी के 3 चर्चित मामलेसाइबर थाने में डिजिटल अरेस्ट के तीन चर्चित मामले सामने आ चुके हैं। कई अन्य मामले भी हैं, लेकिन उसमें ठगी की रकम कम है। पीड़ित द्वारा यह पता कर लिया जा रहा है कि पहले किस बैंक खाते में रकम ट्रांसफर कराई गई और कितने स्तर पर पैसे बंटते गए।
डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों के बीच इन सवालों का जवाब खोज रही पुलिस- डार्करूम कहां बनाए गए हैं?
- इसका सरगना कौन है?
- वह गिरोह को कहां से आपरेट कर रहे हैं?
- गिरोह के तार किस राज्य या किन देशों से जुड़े हैं?
- ठगों का नेटवर्क कैसे काम कर रहा है?
- ठगी की रकम कैसे दूसरे देश में पहुंच रही है?
- फिर यहां सक्रिय गिरोह के सदस्यों तक कैसे पहुंच रही है?
साइबर थाने में बीते 40 दिनों में 345 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें केस दर्ज कर पुलिस अनुसंधान में जुटी है। इसमें सबसे अधिक बिजली काटने, क्रेडिट कार्ड अपडेट, शेयर ट्रेडिंग के नाम पर जालसाजी, डिजिटल अरेस्ट, फोन कर फर्जी मैसेज भेज पैसा वापस मांगना सहित अन्य तरीकों से ठगी के हैं।
ठगी की रकम की बात करें तो सबसे अधिक शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा का झांसा और डिजिटल अरेस्ट कर पैसे ट्रांसफर कराया गया। हाल ही में सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर, चिकित्सक और शिक्षक से करीब चार करोड़ की ठगी हो चुकी है।
साइबर थाने में हर दिन दस से 12 मामले आ रहे हैं, इसमें कुछ ऐसे भी केस होते हैं, जो जालसाजी के होते है। वहीं, साइबर थाने में जून 2023 से नवंबर 2024 में 28 सौ केस दर्ज हो चुके हैं। इन मामलों में पुलिस ठगी की गई रकम बरामद करने व अपराधियों का पता लगाने में जुटी है।
600 की कुर्ती के लिए 30 हजार गंवाएसाइबर ठग के झांसे में आकर एक युवती छह सौ की कुर्ती के लिए तीस हजार रुपये गंवा बैठी। ठग ने झांसे में लेकर युवती से कई किश्तों में रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पीड़िता की शिकायत पर साइबर थाने की पुलिस केस दर्ज कर अनुसंधान में जुटी है।
एसके पुरी थाना क्षेत्र की निवासी युवती ने इंस्टाग्राम पर कपड़े के ऑनलाइन सेल से संबंधित फोटो देखी। 599 की कुर्ती पसंद आ गई। बुकिंग से पहले वाट्सएप पर प्रोडेक्ट के बारे में मैसेज के जरिए जानकारी दी गई।
वाट्सएप पर ही कुर्ती का ऑर्डर दिया गया और भुगतान के लिए क्यूआर कोड भेजा गया। क्यूआर कोड के माध्यम से पीड़िता ने 599 का भुगतान कर दिया। ठगों ने यकीन दिलाने के लिए अपना आधार और पैन कार्ड की तस्वीर भी भेजी।
उसके दो दिनों बाद युवती के पास फिर फोन आया। बोला गया कि आपने जो भुगतान किया वह निर्धारित समय के भीतर नहीं आया। इसलिए आपको तत्काल 22 सौ और देना होगा, जिसमें से दस रुपये काटकर बाकी रकम लौट दी जाएगी। इसके साथ दूसरे के नाम से क्यूआर कोड भेजा गया।
युवती ने विश्वास में आकर 22 सौ रुपये भेज दिए। बोला गया कि पैसे नहीं आए हैं, उन्होंने फिर से क्यूआर कोड पर 22 सौ ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद उनसे कई बार में अलग-अलग क्यूआर कोड पर 30 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिया गया। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और थाने में प्राथमिकी कराई।
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Darbhanga News: दरभंगा वालों की बल्ले-बल्ले, दिल्ली के लिए मिली एक और फ्लाइट; अब टिकट मिलना होगा आसान
राज्य ब्यूरो, पटना। Darbhanga News: जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य संजय झा ने गुरुवार को दिल्ली से दरभंगा के बीच इंडिगो की दैनिक उड़ान का आरंभ किया। नयी दिल्ली एयरपोर्ट पर इस मौके को ले विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इंडिगो के पहले यात्री को बोर्डिंग पास भी सौंपासंजय झा ने नई दिल्ली से दरभंगा के लिए इंडिगो के पहले यात्री को बोर्डिंग पास भी सौंपा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली से दरभंगा के बीच इंडिगो की दैनिक उड़ान दरभंगा एयरपोर्ट के विकास की राह में एक और मील का पत्थर साबित होगा। इससे दरभंगा एयरपोर्ट से आवागमन के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ेगा।
मौके पर इंडिगो के स्पेशल डायरेक्टर आरके सिंह भी मौजूद रहेइस मौके पर इंडिगो के स्पेशल डायरेक्टर आरके सिंह सहित कई पदाधिकारी और विमान के चालक दल के सदस्य मौजूद थे। वहीं सांसद संजय झा ने कहा, दिल्ली से दरभंगा के लिए इंडिगो की उड़ान का शुभारंभ करते हुए मुझे खुशी है।
उड़ान स्कीम में बहुत से एयरपोर्ट शुरू हुए, लेकिन समय के साथ उनमें से कुछ बंद भी हो गये। दरभंगा एयरपोर्ट उड़ान स्कीम का संभवत: सबसे सफल एयरपोर्ट है।
दरभंगा एयरपोर्ट से पूरे उत्तर बिहार के साथ-साथ नेपाल के तराई क्षेत्र तक के लोगों को हवाई संपर्कता मिली है। दरभंगा एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए पहले एक अन्य कंपनी की जो उड़ानें थीं, वे अक्सर लेट या रद हो जाती थीं। इससे दरभंगा एयरपोर्ट पर लोगों का भरोसा कम हो रहा था।
लोगों को पटना जाना पड़ रहा था: संजय झासंजय झा ने कहा कि मुझे कुछ लोग ऐसे मिले, जिन्होंने कहा कि अब वे पटना से सफर करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। तब मैंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मिल कर पूरी स्थिति की जानकारी दी और इंडिगो की उड़ान शुरू कराने का अनुरोध किया। फिर इंडिगो के स्पेशल डायरेक्टर आरके सिंह से मेरी मुलाकात हुई।
उन्होंने बताया कि इंडिगो के पास जहाज की कमी है, फिर भी वे दरभंगा एयरपोर्ट से मुंबई और दिल्ली के लिए उड़ान शुरू करेंगे। इंडिगो ने पहले दरभंगा से मुंबई के बीच सप्ताह में चार दिन उड़ान शुरू की। मैं अनुरोध करूंगा कि इंडिगो मुंबई की उड़ान को प्रतिदिन कर दे।
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Bihar Balu Ghat: जो बालू घाट संचालित नहीं वहां से हुआ अवैध खनन तो नपेंगे प्रभारी, सरकार का सख्त एक्शन
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बड़ी संख्या में बालू घाटों की नीलामी (Bihar Balu Ghat Nilami) की प्रक्रिया लगातार जारी है। परंतु दर्जनों घाट ऐसे हैं, जहां से अब तक बालू का सरकारी स्तर पर खनन प्रारंभ नहीं हो पाया है। जिन बालू घाटों से अब तक संचालित नहीं हो पाए हैं वहां से अवैध खनन की आशंका रहती है।
इसी आशंका को देखते हुए नीतीश सरकार ने ऐसे किसी भी अवैध खनन से निपटने के निर्देश जारी किए हैं। जिला प्रभारियों को स्पष्ट कहा गया है कि यदि अवैध खनन पाया जाएगा तो उनकी जवाबदेही सुनिश्चत की जाएगी। खान एवं भू-तत्व विभाग की बालू के अवैध कारोबार पर अंकुश प्राथमिकता है। जिससे निपटने के लिए विभाग कई स्तर पर कार्य हो रहे हैं।
तय की गई अधिकारियों की जवाबदेहीइसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब जिलों में तैनात विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक के स्तर पर हाल ही में हुई बैठक में असंचालित बालू घाटों पर चर्चा की गई। जिसमें यह जानकारी दी गई कि कई जिलों में बालू घाटों का आकार बड़ा होने की वजह से उनकी नीलामी नहीं हो पाई है। कहीं पर्यावरण स्वीकृति की वजह से घाट अनीलामित और असंचालित हैं।
अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाई जाएविभाग ने माना है कि ऐसे अंसचालित घाटों से अवैध खनन और परिवहन का खतरा बना रहता है। लिहाजा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में जितने भी असंचालित बालू घाट हैं उन घाटों का सघन निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए, ताकि अवैध खनन न होने पाए। यदि अवैध रूप से खनन हो रहा है तो तत्काल उस पर रोक लगाई जाए।
जिलों के प्रभारियों को दिए गए निर्देशजिलों के प्रभारियों को कहा गया है कि इस कार्य को मुश्तैदी से करें यदि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही होती है और अवैध बालू खनन पाया जाता है तो उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। विभाग के अधिकारियों को सहूलियत दी गई है यदि इस कार्य में कोई समस्या आती है तो मुख्यालय से सीधे मदद के लिए कह सकते हैं। विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है।
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BPSC Exam News: प्रश्नपत्र को लेकर BPSC परीक्षार्थियों ने काटा बवाल, परीक्षा केंद्र के बाहर जोरदार हंगामा
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। पटना के अगम कुआं थाना क्षेत्र के बापू परीक्षा भवन में शुक्रवार को शुरू हुई BPSC की परीक्षा के कुछ ही देर बाद केंद्र पर हंगामा शुरू हो गया। परीक्षार्थी प्रश्नपत्र लेकर केंद्र से बाहर निकल आए और जमकर बवाल काटा।
किसी को पहले तो किसी को बाद में प्रश्नपत्र देने का आरोपइनका कहना है कि कुछ कमरे में प्रश्न पत्र दे दिया गया और कुछ कमरे में 20 मिनट बाद प्रश्न पत्र दिया गया है।परीक्षरथियों का कहना था की बिहार लोक सेवा आयोग जहां एक मिनट लेट होने पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने देता है वहां लेट से प्रश्न पत्र दिया जा रहा है। कई परीक्षार्थी परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद प्रश्नपत्र लेकर बाहर टहलते नजर आए।
912 केंद्रों पर हो रही परीक्षाबता दें कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से आज एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा हो रही है। इसके लिए राज्य के लगभग सभी जिलों में 912 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर परीक्षा के लिए चार लाख 83 हजार अभ्यर्थियों ने आनलाइन आवेदन किए हैं।
प्रदेश में हो रही परीक्षा को लेकर साइबर सेल व आर्थिक अपराध यूनिट को भी सक्रिय किया गया है। सरकार के स्तर पर भी परीक्षा की मानिटिरिंग की जा रही है। इसके लिए ईओयू भी सभी पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर चुकी है। बता दें कि बीपीएससी ने साफ कर दिया था कि परीक्षा केंद्र पर 11 बजे तक ही प्रवेश मिलेगा इसके बाद प्रवेश नहीं दी जाएगी। वहीं प्रश्नपत्र लीक को लेकर भी बीपीएससी और बिहार सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए थे।
शेखपुरा में बीपीएससी परीक्षा को लेकर चली छापामारीशेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र में संचालित होटल में गुरुवार की देर रात्रि में छापामारी की गई । छापामारी का नेतृत्व आदर्श थाना के थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने किया। विभिन्न होटलों में ठहरे हुए लोगों के बारे में होटल संचालक से जानकारी ली। छापेमारी आज होने वाले बीपीएससी की परीक्षा को लेकर की गई।
संदिग्ध लोगों के छानबीन की गई। बता दें कि कदाचार रहित परीक्षा को लेकर प्रशासन की सख्ती देखी जा रही है। इसी के तहत होटल में छापेमारी कर यहां ठहरे हुए लोगों की जानकारी ली गई। होटल के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर भी पुलिस ने छापेमारी की।
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Tirhut MLC Election Result: इन 3 गलतियों की वजह से MLC उपचुनाव हारे अभिषेक झा! CM नीतीश के हैं खासमखास
रमण शुक्ला, पटना। Tirhut MLC Upchunav Result 2024: विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र के उपचुनाव के विपरीत परिणाम से यह साफ हो गया है कि डबल इंजन की सरकार को अब विधानसभा चुनाव के लिए नया समीकरण गढ़ना होगा।
सत्तापक्ष के उम्मीदवार के चौथे पायदान पर पहुंचाने की पटकथा नियोजित शिक्षकों एवं स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग कर्मियों ने लिखी। दोनों श्रेणी के सरकारी कर्मियों की गोलबंदी के साथ ही राजग के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा भी जदयू प्रत्याशी अभिषेक झा को महंगी पड़ी।
अभिषेक ने 5 सांसदों से संपर्क नहीं कियाअभिषेक ने राजग के छह सांसदों में पांच से व्यक्तिग रूप से संपर्क ही नहीं किया। इस स्नातक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राजग के विधायकों से भी व्यक्ति संपर्क साधने की जरूरत नहीं समझी। शिवहर सांसद लवली आनंद, वैशाली की लोजपा सांसद वीणा देवी के अंतिरिक्त तीन सांसद एवं केंद्रीय मंत्री से समन्वय साधने में जदयू प्रत्याशी विफल रहे।
मुजफ्फरपुर के सांसद राजभूषण चौधरी, हाजीपुर सांसद चिराग पासवान एवं उजियारपुर सांसद नित्यानंद राय का क्षेत्र तिरहुत स्नातक क्षेत्र में पड़ता है। सिर्फ एक सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के भरोसे चुनावी बाजी जीतने की गलत फहमी जदयू प्रत्याशी की नाव डुबो दी। साहेबगंज विधायक राजू कुमार सिंह के अतिरिक्त राजग के कई अन्य विधायकों से भी उन्होंने संपर्क नहीं किया।
वरिष्ठ नेताओं का सहयोग भी नहीं लिया गयावरिष्ठ नेताओं का सहयोग भी नहीं लिया गया। 28 विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र में राजग के 16 विधायक हैं। मुजफ्फरपुर स्थानीय प्राधिकार से जदयू के विधान पार्षद दिनेश सिंह से राजग प्रत्याशी की मुलाकात तक नहीं हुई। ऐसी ही शिकायत जदयू प्रत्याशी के प्रति अन्य विधायकों एवं विधान पार्षदों की है।
नियोजित शिक्षक एवं एएनएम आक्रोशित2006 से कार्यरत नियोजित शिक्षक एवं एएनएम (आक्सिलरी नर्स मिडवाइफरी) की 18 वर्षों से उपेक्षा भी बड़ा मुद्दा रहा। दोनों ही वर्ग के संविदा कर्मियों में सत्ता पक्ष के प्रति अंदर-अंदर आक्रोश है।
शिक्षकों का आरोप है कि सरकार लगातार डेढ़ दशक उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रही है। सक्षमता परीक्षा के बावजूद उन्हें प्रोन्नति देने का शासनादेश जारी नहीं किया। अब तबादले को उलझा रखा गया है।
यही नहीं, बीपीएससी शिक्षकों के सामने वरिष्ठता का भी ध्यान नहीं रखा गया। और तो और लगातार सरकार अपनी ही नियमावली और शासनादेश को समय-समय पलट रही है।
लागू करने और शिक्षकों को लाभ देन के बजाए कालबद्ध प्रोन्नति, सेवा निरंतरता, वरीयता का निर्धारण, राज्यकर्मी बनाने, उपादान का लाभ देने, भविष्य निधि आदि को आज तक कुछ स्पष्ट नहीं किया। ऐसी तमाम विसंगितयां राजग प्रत्याशी के विरुद्ध गया।
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Mahakumbh 2025: लालू-नीतीश और गवर्नर जनवरी में जाएंगे यूपी? CM योगी के मंत्री दे गए न्योता
जागरण संवाददाता, पटना। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान और परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने गुरुवार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राज्यवासियों को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के लिए आमंत्रण दिया।
इसके पहले एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री राकेश सचान ने कहा कि इस बार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित महाकुंभ पिछले कुंभ से और अधिक दिव्य एवं भव्य होगा।
प्रयागराज में लगने वाले मेले में 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधु, संतों, कल्पवासियों एवं पर्यटकों के आने की संभावना है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने समयबद्ध ढंग से समुचित प्रबंध कर लिया है।
स्वास्थ्य देखभाल के इंतजामराकेश ने कहा कि यह स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित एवं डिजिटल महाकुंभ है। तीर्थयात्रियों, साधु, संतों और पर्यटकों के स्वास्थ्य की देखभाल की भी व्यवस्था की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों को बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। गंगा किनारे के परेड मैदान पर 100 बेड का अस्पताल बनाया गया है। 20 बेड के दो और आठ बेड के छोटे अस्पताल भी तैयार किए गए हैं।
डिजिटल होगा प्रयागराज का महाकुंभ- मंत्री राकेश सचान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुंभ के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में एआइ चौट बाट, वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, स्वच्छता एवं टेंटों की आइसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए साफ्टवेयर, स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन आधारित निगरानी एवं आपदा प्रबंधन की व्यवस्था रहेगी।
- पर्यटकों को पार्किंग की समस्या से न जूझना पड़े इसके लिए दृष्टिगत 101 स्मार्ट पार्किंग बनाई गई है, जिनमें प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क किए जा सकेंगे। इन पार्किंग स्थल की निगरानी इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर के माध्यम से की जाएगी।
- मंत्री राकेश सचान ने बताया कि महाकुंभ नगरी में श्रद्धालुओं के लिए 35 पुराने और नौ नए पक्के घाट बनाए गए हैं।
- 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी।
- मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर गंगा किनारे लगभग 15.25 किलोमीटर क्षेत्र में संगम से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप से महावीर पुरी तक रिवर फ्रंट का निर्माण कराया गया है। सीसीटीवी कैमरों को देखने के लिए 52 सीटर चार व्यूइंग सेंटर स्थापित किए गए हैं।
- दया शंकर सिंह ने बताया कि तकनीकी विधियों से हर व्यक्ति की गिनती की जाएगी। पहली विधि एट्रिब्यूट आधारित खोज है। इसके अंतर्गत पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों के आधार पर ट्रैकिंग की जाएगी।
- दूसरी विधि आरएफआइडी रिस्ट बैंड है, इसके तहत तीर्थयात्रियों को रिस्ट बैंड प्रदान किए जाएंगे। आरएफआइडी रीडर, रिस्ट बैंड के माध्यम से अंदर और बाहर जाने का समय की ट्रैकिंग की जाएगी।
- तीसरी विधि मोबाइल ऐप द्वारा ट्रैकिंग है। इसके माध्यम से तीर्थयात्रियों की सहमति पर मोबाइल ऐप के जीपीएस लोकेशन के माध्यम से लोकेशन ट्रैकिंग की जाएगी।
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BPSC 70th Exam: वॉट्सएप-फेसबुक पर अफवाह फैलाने वाले सावधान, BPSC परीक्षा के पहले EOU अलर्ट; होगी डिजिटल पेट्रोलिंग
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा शुक्रवार को आयोजित होने वाली 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) भी अलर्ट है। ईओयू का सोशल मीडिया पेट्रोलिंग एवं मॉनिटरिंग यूनिट को विशेष निगरानी बरतने का टास्क दिया गया है।
EOU कर रही डिजिटल पेट्रोलिंगइसको लेकर फेसबुक, वाट्सएप, एक्स जैसे प्लेटफार्म की डिजिटल पेट्रोलिंग भी की जा रही है, ताकि परीक्षा से जुड़ी किसी भी अफवाह या भ्रामक खबर से तत्काल निपटा जा सके। इससे साथ ही EOU ने अभ्यर्थियों को भी इनसे बचने की सलाह दी है।
इसके अलावा आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) परीक्षा में असामाजिक तत्वों और साइबर ठगों के सक्रिय होने की आशंका जताते हुए सभी जिलों को भी अलर्ट किया है। ईओयू के स्तर से जारी एडवाइजारी पर जिलों में काम भी शुरू हो गया है। कई जिलों में परीक्षा अवधि में एहतियातन फोटो कॉपी की दुकानें भी स्थानीय प्रशासन के स्तर से बंद कराई गईं हैं।
912 परीक्षा केंद्रों में होगी परीक्षाबिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के लिए प्रदेश के सभी जिलों में 912 केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा के लिए चार लाख 80 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है।
परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने से ढाई घंटा पहले सुबह साढ़े नौ बजे बुलाया गया है। 12 बजे से परीक्षा होगी। 11 बजे के बाद किसी भी अभ्यर्थी को प्रवेश नहीं मिलेगा।
गड़बड़ी की सूचना 8544428404 पर दें- ईओयू ने एडवाइजरी कर कहा है कि बीपीएससी परीक्षा का प्रश्न-पत्र या उत्तर उपलब्ध कराने का कॉल या संदेश आए तो सतर्क हो जाएं और इसकी सूचना तुरंत नजदीकी थाने या साइबर थाने में दें।
- ऐसे भ्रामक संदेश दूसरे लोगों के ग्रुप में फारवर्ड न करें। ईओयू ने सूचना देने के लिए सोशल मीडिया पेट्रोलिंग एवं मानीटरिंग यूनिट का वाट्सएप नंबर 8544428404 भी जारी किया है।
- इसके साथ ही ई-मेल आइडी एसपीसाइबर-बीआइएच@जीओवी.इन पर भी सूचना देने का आग्रह किया गया है।
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा एक दिसंबर को 4500 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की बहाली के लिए आयोजित की गई परीक्षा में हुई धांधली मामले में ईओयू की छापेमारी जारी है।
इस मामले में फरार अभियुक्तों की तलाश में ईओयू की अलग-अलग टीमें पटना, दानापुर, नालंदा समेत आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही है।
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BPSC 70th Exam: परीक्षा में नकल करते पकड़े गए तो खैर नहीं, आपको बीपीएससी कर देगा लाइफ टाइम के लिए बैन
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की ओर से शुक्रवार को एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा होगी। इसके लिए राज्य के लगभग सभी जिलों में 912 केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा के लिए चार लाख 83 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं। इस बार अगर कोई परीक्षा में कदाचार करता पकड़ा जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आजीवन किसी भी परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
सुबह साढ़े नौ बजे से मिलेगा प्रवेशपरीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों को परीक्षा आरंभ होने से ढाई घंटे पूर्व यानी सुबह साढ़े नौ बजे से प्रवेश मिलने लगेगा। सुबह 11 बजे के बाद प्रवेश नहीं मिलेगा। परीक्षा 12 बजे से होगी। राज्य भर में 912 केंद्रों पर 4.83 लाख विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे।
कदाचार करते पकड़े जाने पर आजीवन प्रतिबंधआयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने बताया कि इस बार परीक्षा में कदाचार करते पकड़े गए अभ्यर्थी पर आजीवन किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। साथ ही प्राथमिकी कर उचित कानूनी कार्रवाई भी कराई जाएगी।
रवि मनुभाई ने बताया कि परीक्षा के लिए चार सेट में प्रश्नपत्र तैयार किए गए हैं। इसमें किस सेट से परीक्षा ली जाएगी, यह परीक्षा आरंभ होने के तीन घंटे पूर्व आयोग में लॉटरी कर सभी डीएम को बताया जाएगा।
कड़ी सुरक्षा के बीच होगी परीक्षा- कदाचारमुक्त परीक्षा को लेकर तीन स्तर पर जांच व्यवस्था है।
- इसके तहत 25 हजार सीसीटीवी का उपयोग किया जा रहा है।
- सभी केंद्रों पर जैमर लगे रहेंगे।
- इसके अतिरिक्त सभी अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक व आइरिस की भी जांच होगी।
- अभ्यर्थी को फोटोयुक्त पहचान पत्र लेकर आना होगा, इससे भी उनकी जांच होगी।
साइबर और आर्थिक अपराध यूनिट भी सक्रिय प्रदेश में हो रही परीक्षा को लेकर साइबर सेल व आर्थिक अपराध यूनिट को भी सक्रिय किया गया है।
सरकार के स्तर पर भी परीक्षा की मानीटिरिंग की जा रही है।इसके लिए ईओयू भी सभी पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर चुकी है।
हाजीपुर के 21 केंद्रों पर होगी परीक्षाहाजीपुर के 21 केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कुल 6776 अभ्यर्थी शामिल होंगे। जिला प्रशासन ने स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण परीक्षा के संचालन को लेकर परीक्षा केंद्रों के पासपास धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाने का आदेश जारी किया है।
परीक्षा केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट और जोनल दंडाधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारियों और सुरक्षा बलों की तैनाती प्रशासन के स्तर पर की गई है।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद मुस्तैद रहकर परीक्षा का संचालन कराएंगे। परीक्षा केंद्रों पर प्रतिनियुक्त जोनल मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्राधीक्षक और पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए अपने कर्तव्य पर मुस्तैद रहने का सख्त निर्देश दिया गया है।
वैशाली के प्रभारी जिलाधिकारी सह अपर समाहर्ता विनोद कुमार सिंह एवं पुलिस कप्तान हर किशोर राय ने कहा है कि जिला प्रशासन स्वच्छ, कदाचारमुक्त और शांतिपूर्ण परीक्षा संचालन के लिए कृतसंकल्पित है।
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Bihar Weather: ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार, दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली हुई बिहार की हवा
जागरण संवाददाता, पटना। पश्चिमोत्तर से आने वाली हवाओं की गति बढ़ने के साथ प्रदेश में ठंड बढ़ने लगी है। गुरुवार को राज्य में डिहरी में सबसे कम तामपान दर्ज किया गया। यहां न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं राजधानी में न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं जीरादेई प्रदेश में सबसे गर्म रहा, यहां का अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। प्रदेश में ठंड के साथ ही कोहरे का प्रभाव भी बढ़ गया है। आने वाले दिनों में भी स्थिति ऐसी ही बनी रहने का अनुमान है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि हिमालय से जुड़े विभिन्न प्रांतों में आजकल बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा पश्चिमोत्तर से बर्फीली हवाएं आनी शुरू हैं। इसका सीधा प्रभाव राज्य के मैदान भाग में पड़ रहा है।
ठंडी हवाओं के कारण ही प्रदेश का तापमान लगातार गिर रहा है। गुरुवार इस मौसम का सर्वाधिक ठंडा रहा। इस मौसम में पहली बार राज्य में न्यूनतम तापमान 5.6 पर आया है।
आने वाले दिनों में आगे भी इसी तरह की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आजकल शाम को तापमान में तेजी से गिरावट आ रही है। सूर्यास्त शाम पांच बजे हो रहा है।
प्रदेश के प्रमुख शहरों के मौसम का हाल- पटना- राजधानी पटना में आज अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रहने की संभावना है।
- भागलपुर - भागलपुर में आज अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रहने की संभावना है।
- मुजफ्फरपुर- मुजफ्फरपुर में आज अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रहने की संभावना है।
राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। वातावरण में जैसे-जैसे नमी की मात्रा बढ़ रही स्थिति गंभीर होती जा रही है। गुरुवार को गांधी मैदान में ऐसी ही स्थिति रही।
गांधी मैदान के आसपास गुरुवार को AQI 400 के करीब पहुंच गया। गांधी मैदान का AQI 378 रिकॉर्ड किया गया। किसी भी इलाके में 300 से अधिक AQI मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक भी माना जाता है।
रविवार को मार्निंग वॉक करने वाले निकालेंगे विरोध मार्चगांधी मैदान और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इसे लेकर मार्निंग वाकर संघ की गुरुवार को दरियापुर गोला में बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता संघ के संयोजक अजय गुप्ता ने की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि रविवार को मार्निंग वाकर गांधी मैदान में पैदल मार्च निकालेंगे।
इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव सहित मार्निंग वाकर भाग लेंगे। बैठक गांधी मैदान एवं उसके आसपास में दिल्ली से ज्यादा वायु प्रदूषण खराब रहने पर चिंता प्रकट किया गया।
कहा गया कि शरीर को दुरूस्त रखने के उदेश्य से मार्निंग वॉक करने वाले लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। प्रदूषण की वजह से कई लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
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CUET UG 2025: सीयूईटी यूजी में 12वीं NCERT के Syllabus पर आधारित होंगे प्रश्न, 1 घंटे में देना होगा जवाब
जागरण संवाददाता, पटना। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) यूजी 2025 के आयोजन में कई बदलाव किए जाएंगे। हर विषय के पत्र में 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे, इनका जबाव एक घंटे में देना होगा। प्रश्नों का स्तर एनसीईआरटी के 12वीं के सिलेबस पर आधारित होगा। जनरल टेस्ट को अब जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट में री-डिजाइन किया गया है।
2025 में 20 भाषा और 26 विषयों का विकल्प नहीं होगा। इसमें नामांकन के लिए जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट का स्कोर मान्य होगा। यूजीसी अधिकारियों के अनुसार, अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय रहते विस्तृत जानकारी सूचना बुलेटिन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
2025 के लिए एंटरप्रन्योरशिप, टीचिंग एप्टीट्यूट, फैशन स्टडीज, टूरिज्म, लीगल स्टडीज, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स सहित 26 में जनरल एप्टीट्यूट टेस्ट के स्कोर से नामांकन होगा।
इसमें जनरल नालेज, करंट अफेयर्स, जनरल मेंटल एबिलिटी, न्यूमैरिकल एबिलिटी, क्वांटिटेटिव रीजनिंग (सिंपल एप्लीकेशन ऑफ बेसिक मैथमैटिकल कॉन्सेप्ट अर्थमैटिक्स, अलजेबरा, जियोमेट्री) और लॉजिकल और एनालिटिकल रीजनिंग को शामिल किया गया है। इसमें भी 50 प्रश्न होंगे, एक घंटे में जवाब देना होगा। सभी प्रश्नों का जवाब देना अनिवार्य होगा।
एनसीईआरटी से ही पूछे जाएंगे सवाल:यूजीसी अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार के अनुसार सभी विषयों के प्रश्न एनसीईआरटी के 12वीं के सिलेबस पर आधारित होंगे। सीयूईटी में एकरूपता के लिए इसे प्रभावी किया गया है। अब सभी 37 पेपरों में एमसीक्यू ही होंगे। सिलेबस में बदलाव नहीं किया गया है। सफलता के लिए 12वीं का सिलेबस अहम है। एप्लीकेशन बेस्ड प्रश्न अधिक होने की संभावन है।
सीयूईटी 2024 में छह विषय चुनने का विकल्प था। 2025 में पांच विषय का ही विकल्प होगा। यूजीसी के अनुसार 2024 में औसतन 4.3 विषय अभ्यर्थियों ने चयन किया था। अंग्रेजी में सबसे ज्यादा आवेदन आते हैं। दूसरा नंबर जनरल टेस्ट का है। इसके बाद केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स- अप्लाइड मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, इकोनॉमिक्स, हिंदी, बिजनेस स्टडीज आदि विषयों का आता है।
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नीतीश सरकार का कर्मचारियों पर एक्शन- देर से ऑफिस आए तो बनेंगे दंड के भागी, छुट्टियां नहीं बची हैं तो...
राज्य ब्यूरो, पटना। सचिवालय के सभी विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में राज्य कर्मी समय पर नहीं आ रहे हैं। बायोमेट्रिक हाजिरी में भी लापरवाही हो रही है। जिसे देखते हुए अब सरकार सख्त हो गई है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस लापरवाही और गैर जिम्मेदार रवैये को गंभीरता से लेते हुए ऐसे कर्मचारियों से कड़ाई से निपटने के निर्देश जारी किए हैं। नए आदेश के आते ही कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
मुख्य सचिव ने कर्मचारियों की लापरवाही की जानकारी मिलने के बाद गुरुवार को सभी विभागों के विभाध्यक्षों के साथ ही पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा है। जिसमें 2007 से बहाल पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली का हवाला देकर कहा गया है कि पूर्व से यह व्यवस्था बनाई गई है कि कर्मचारी समय पर कार्यालय आएंगे और आधार से लिंक बायो मीट्रिक पर उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इस व्यवस्था से एक-एक कर्मचारी अवगत भी हैं। बावजूद इस कार्य में लापरवाही की जानकारी मिल रही है।
बायोमेट्रिक का कड़ाई से पालन होना चाहिएपत्र में कहा है कि कर्मचारियों के लिए कार्यालय के लिए निर्धारित समय पर आने और आधार लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति की व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित किया जाए। समय-समय पर विभाग के पदाधिकारी कार्यालयों में निरीक्षण करें कि कर्मचारी समय पर आ रहे हैं अथवा नहीं और बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं या नहीं।
लेट आने वाले कर्मचारियों की लगेगी छुट्टीजो कर्मचारी विलंब से आते हैं उन्हें हिदायत दी जाए यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता है तो उसके अवकाश से कटौती की जाए। यदि अवकाश शेष नहीं बचे हैं तो उक्त दिन की राशि की कटौती वेतन मद से की जाए। विशेष परिस्थिति में आवश्यक छूट विभागाध्यक्ष दे सकते हैं।
इसी प्रकार जो कर्मचारी पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं या किसी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है तो पूर्व में किए गए प्रविधान के तहत उपस्थिति पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की जाए। पांच दिनों का कार्य सप्ताह निर्धारित करने का मकसद यही था कि कर्मचारी समय पर आएं। इसलिए इस नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
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सावधान! धड़ल्ले से बिक रही तीन बच्चियों की जान लेने वाली चमकीली हल्दी, रातभर भिगोने पर भी नहीं खत्म होता जहर
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: खाने को आकर्षक रंग देने के साथ सर्दी-जुकाम, चोट के दर्द में राहत समेत तमाम औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी को हमारी नासमझी ने जहर बना दिया है। चमकदार गाढ़े पीले रंग की हल्दी की हमारी चाहत इतनी बढ़ी कि दुकानदारों ने सेहत की चिंता किए बिना इसमें खतरनाक जहरीला रसायन लेड क्रोमेट मिलाना शुरू कर दिया।
पिसी के साथ खड़ी हल्दी ले उसे पिसाकर इस्तेमाल करने वाले भी इससे अछूते नहीं है। खड़ी हल्दी को भी चमकदार गाढ़े पीले रंग से आकर्षक दिखाने के लिए लेड क्रोमेट का प्रयोग किया जा रहा है। यह बात खाद्य संरक्षा विभाग द्वारा कराई गई जांच में साबित हो चुकी है। भोजपुर के तीन नमूनों व राजधानी पटना के एक नमूने में लेड क्रोमेट की मिलावट की पुष्टि हुई है।
प्रदेश भर को मसाले-मेवे की आपूर्ति करने वाली मारूफगंज थोक मंडी पटना में होने के बावजूद सिर्फ एक नमूने में मिलावट का कारण यहां अधिकारियों के पहुंचते ही दुकानें बंद होने से नमूना नहीं ले पाना है। ये नमूने राजधानी के शास्त्री नगर थानान्तर्गत आवास गृह की तीन बच्चियों की गत 7 व 8 नवंबर को मौत के बाद लिए गए थे।
इन बच्चियों ने बैंगन की सब्जी व रोटी खाई थी, उसमें जो हल्दी प्रयोग की गई थी, उसमें लेड क्रोमेट की पुष्टि हुई थी। वहीं धनिया में फंगस मिलने पर उसे भी अमानक पाया गया था। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने खाद्य सामग्रियों में लेड क्रोमेट की मिलावट को अस्वास्थ्यकर व गैरकानूनी घोषित किया हुआ है।
रातभर भिगोने पर भी नहीं खत्म होता जहरपटना व भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि लेड क्रोमेट इतना खतरनाक जहर होता है कि यदि आप बाजार से गाढ़े चमकदार पीले रंग वाली खड़ी हल्दी लेकर आते हैं और रातभर पानी में फुलोकर, सुखाने के बाद पिसाते हैं तब भी इसका दुष्प्रभाव पूरी तरह खत्म नहीं होता है। इससे केवल लेड क्रोमेट की विषाक्तता थोड़ी कम हो जाती है।
खेत से आने वाली मटमैली हल्दी जांच कर करें खरीदारीअजय कुमार ने बताया कि पिसी के साथ अब खड़ी हल्दी को भी व्यापारी सुंदर व चमकदार पीला दिखाने के लिए लेड क्रोमेट से रंग रहे हैं। ग्राहकों को चाहिए कि या तो वे बाजार से कच्ची हल्दी खरीद कर उसे धूप या ओवन में अच्छे से सुखाकर रख लें व पिसवा कर प्रयोग करें। अन्यथा बाजार में खेतों से आने वाली मटमैले रंग की हल्दी को खरीद कर पिसवा कर प्रयोग करें। विश्वसनीय दुकानों व प्रतिष्ठित ब्रांडों की हल्दी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
दो जहरीले तत्वों से बने लेड क्रोमेट की अधिक मात्रा जानलेवालेड क्रोमेट, दो जहरीले व भारी रासायनिक तत्वों लेड व क्रोमियम-6 जैसे जहरीले तत्वों से औद्योगिक इस्तेमाल को बनाया गया खतरनाक यौगिक है।
चमकदार पीले रंग के इस यौगिक का इस्तेमाल पेंट, डाई व प्लास्टिक के औद्योगिक निर्माण में किया जाता है। आमजन में चमकीली पीली हल्दी को चाहत देखते हुए व्यापारी इससे हल्दी को रंगने लगे।
लेड व प्राकृतिक रूप में मिलने वाले क्रोमियम-6 को मिलाकर बने लेड क्रोमेट की विषाक्तता इतनी बढ़ जाती है कि यह एक साथ विभिन्न अंगों पर हमलाकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती है।
यह इतना खतरनाक है कि सरकार ने पेंट-रंग उद्योग में इसका इस्तेमाल सीमित करने के साथ काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के मास्क व अन्य पुख्ता इंतजाम के साथ नियमित स्वास्थ्य परीक्षण का निर्देश दिया हुआ है। पर्यावरण खासकर जल व मिट्टी में इसकी अधिकता को रोकने के लिए भी कार्य किया जा रहा है।
लेड क्रोमेट के स्वास्थ्य पर होते घातक दुष्प्रभाव :- लेड क्रोमेट के कारण न्यूरोलाजिकल समस्याएं जैसे सिरदर्द, चक्कर, ध्यान की कमी व याददाश्त कमजोर हो सकती है।
- इसका क्रोमियम-6 पेट एवं फेफड़ों के कैंसर की आशंका को बढ़ा देता है।
- लेड क्रोमेट की शरीर में अधिकता से लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान होता है।
- तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क से लेकर महिला-पुरुष की प्रजनन क्षमता तक को कम कर देता है।
- गर्भस्थ शिशु को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं।
- बच्चों को शारीरिक व मानसिक विकास बाधित करने के साथ उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।
हल्दी में लेड क्रोमेट की मिलावट स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। आमजन को यदि हल्दी रंगी होने की आशंका हो तो शिकायत कर विभाग का सहयोग करें। पुष्टि होने पर 10 वर्ष तक की जेल एवं पांच लाख तक के जुर्माने का प्रविधान है। बेहतर होगा एफएसएसएआइ प्रमाणित ब्रांडों की पिसी हल्दी खरीदें या उससे भी बेहतर है, खेत से आने वाली बिना रंगी हल्दी खरीद कर रात भर पानी में फुला व सुखा कर प्रयोग करें। अजय कुमार खाद्य संरक्षा पदाधिकारी पटना व भोजपुर
लेड तत्व का दुष्प्रभाव
बैटरी निर्माण, एक्स-रे व गामा किरणों से बचाव के लिए दरवाजे व शीट, पाइप-छत निर्माण, गोलियों में वजन के लिए व रंग-पेंट निर्माण में लेड का प्रयोग होता है। यह इतना जहरीला होता है कि अब सरकार ने रंग-पेंट निर्माण में इसका इस्तेमाल सीमित कर दिया है। मानव संपर्क में आने पर इससे बच्चों का मानसिक-शारीरिक विकास बाधित होता है तो अधिक मात्रा सेवन से पेट दर्द, कमजोरी व थकान हो सकती है।
क्रोमियम-6 स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
क्रोमियम एक जंगरोधी रासायनिक तत्व है जो वातावरण में आक्सीजन से क्रिया कर अपने छठे स्तर पर पाया जाता है। क्रोमियत-3 हमारे शरीर में ग्लूकोज, प्रोटीन व वसा पाचन में सहायक होता है। वहीं क्रोमियम-6 लोहे में मिलाकर स्टील बनाने, क्रोम प्लेटिंग उपकरणों को चमकदार बनाने के लिए, चमकीला हरा व पीला रंग बनाने, उच्च तापमान सहने वाले उत्पाद बनाने के काम आता है।
क्रोमियम-6 अत्यधिक विषाक्त व कैंसरजन्य होने के साथ त्वचा, श्वसन तंत्र, प्रजनन तंत्र व यकृत के लिए नुकसानदायक होता है। लंबे समय तक संपर्क से रहने से त्वचा में जलन, फेफड़ों व पाचन तंत्र के कैंसर जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। यह भी जल व मिट्टी को विषाक्त बनाता है।
हल्दी में लेड क्रोमेट तो नहीं,ऐसे करें पहचान- असली हल्दी का रंग हल्का पीला या नारंगी होता है। लेड क्रोमेट मिलाई हल्दी गहरे व चमकीले पीले रंग की।
- हल्दी की बाहरी सतह अक्सर हल्की मटमैली या भूरे रंग की होती है, क्योंकि सुखाने के बाद इसका बाहरी भाग हल्का भूरा हो जाता है।
- हल्दी को काटने या तोड़ने पर इसका अंदरूनी भाग गहरा पीला या नारंगी दिखाई देता है। यह इसका असली और प्राकृतिक रंग है।
- ताजा खेत की हल्दी में मिट्टी व हल्दी की प्राकृतिक गंध होती है, जो इसे विशिष्ट बनाती है। रंग सुखाने व पीसने के बाद समान रहता है।
- लेड क्रोमेट मिली हल्दी पानी में घोलने पर तेजी से गाढ़ा पीला रंग छोड़ेगी व तली में चमकदार कण दिखेंगे। शुद्ध हल्दी धीरे-धीरे तली पर बैठेगी और पानी का रंग एकसमान रहेगा।
- शुद्ध हल्दी का स्वाद थोड़ा कड़वा व तीखा व सुगंध प्राकृतिक मिट्टी जैसी गंध होती है जबकि मिलावटी की हल्की स्वादहीन या कृत्रिम सुगंधयुक्त हो सकती है।
- अलीपी हल्दी हल्के पीले रंग,सलेम हल्दी गहरे नारंगी रंग, लकडों हल्दी पीले से नारंगी रंग का होता है।
- एक टुकड़ा खड़ी हल्दी पानी में डालें, धीरे-धीरे रंग छोड़े पर पूरी तरह से नहीं घुले तो असली, लेड क्रोमेट होगा तो तुरंत गाढ़ा एवं चमकीला रंग हो जाएगा।
- खड़ी हल्दी को नुकीली चीज से खुरचने पर अंदर उसी रंग की होगी जबकि लेड क्रोमेट वाली का रंग अंदर दूसरा होगा।
- शुद्ध हल्दी का टुकड़ा थोड़ा भारी व ठोस महसूस होता है जबकि मिलावटी का हल्का या असामान्य रूप से चमकदार होता है।
- हल्दी के टुकड़े को चूने के पानी में डालें, शुद्ध हल्दी का रंग लाल-भूरा हो जाएगा जबकि रंग नहीं बदले तो मिलावटी हो सकती है।
- हीरोट हल्दी-----165 रुपये प्रति किलो
- सेलम हल्दी------ 153 रुपये प्रति किलो
- मिनी सेलम हल्दी-152 रुपये प्रति किलो
- बाम्बो बोल्ड हल्दी- 153 रुपये प्रति किलो
गठ्ठा हल्दी- 143 रुपये प्रति किलो
टूटा दाना हल्दी- 136 रुपये प्रति किलो
कच्चा हल्दी- 60 रुपये प्रति किलो
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Bihar News: केके पाठक ने भेजी एक चिट्ठी, बिहार के अधिकारियों को मिल गई खुशखबरी, ये है पूरा प्लान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार सरकार अपने अधिकारियों के कौशल विकास के लिए उन्हें अमूमन अनेक गतिविधियों में शामिल करती रही है। इसी कड़ी में सरकार ने अब भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा के साथ ही वन सेवा और इंजीनियरिंग सेवा के अधिकारियों को पर्वतारोहण, स्पोट्र्स क्लाइंंबिंग, टैकिंग का प्रशिक्षण देने की तैयारी है। अधिकारियों का यह प्रशिक्षण बाधा ट्रेनिंग के रूप में होगा।
केके पाठक ने लिखी चिट्ठीअधिकारियों के लिए यह प्रशिक्षण बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) ने आयोजित किया है। बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक ने सरकार की इस पहल के संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव के साथ साथ ही सचिव व प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों को एक पत्र भेजा है।
जिसमें यह जानकारी दी गई है कि विभाग और जिलों में कार्यरत अधिकारियों के लिए सरकार ने टै्रकिंग एक्सपीडिशन का आयोजन किया है। इस प्रकार के प्रशिक्षण आयोजन से अधिकारियों का कौशल विकास होता है।
केके पाठक ने लिखा पत्रबिपार्ड महानिदेशक केके पाठक ने अपने पत्र में कहा है कि भारतीय प्रशासनिक, पुलिस सेवा के साथ ही अन्य सेवाओं के जो पदाधिकारी इस प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं वे अपने आवेदन यथाशीघ्र मुहैया करा दें ताकि अलग-अलग बैच बनाकर उन्हें हिमालयन पर्वतारोहध संस्थान, दार्जिलिंग के पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल कराया जा सके। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि प्रशिक्षण के लिए विभागीय प्रमुख की अनुमति अनिवार्य होगी।
बता दें कि पर्वतारोहण एक रोमांचक और चुनौतीपूर्ण गतिविधि है, जिसमें लोग पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं। यह गतिविधि शारीरिक और मानसिक रूप से कठिन होती है, लेकिन यह एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।
पर्वतारोहण के प्रकार- पहाड़ी चढ़ाई: यह पर्वतारोहण का सबसे आम प्रकार है, जिसमें लोग पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं।
- आइस क्लाइम्बिंग: यह पर्वतारोहण का एक विशेष प्रकार है, जिसमें लोग बर्फ और बर्फीले पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं।
- रॉक क्लाइम्बिंग: यह पर्वतारोहण का एक अन्य प्रकार है, जिसमें लोग चट्टानों और पहाड़ों पर चढ़ाई करते हैं।
- क्लाइम्बिंग शूज: पर्वतारोहण के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए जूते होते हैं।
- क्लाइम्बिंग हेलमेट: यह सिर की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है।
- क्लाइम्बिंग रोप: यह पर्वतारोहण के दौरान सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है।
- क्लाइम्बिंग हार्नेस: यह पर्वतारोहण के दौरान सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है।
- शारीरिक स्थिति: पर्वतारोहण के लिए अच्छी शारीरिक स्थिति आवश्यक है।
- मानसिक स्थिति: पर्वतारोहण के लिए अच्छी मानसिक स्थिति आवश्यक है।
- क्लाइम्बिंग तकनीक: पर्वतारोहण के लिए विशेष तकनीकों का ज्ञान आवश्यक है।
- सुरक्षा उपाय: पर्वतारोहण के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन आवश्यक है।
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Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य के 14 मानकों में 10 के प्रदर्शन में गिरावट, केवल 4 में बेहतर
पवन कुमार मिश्र, पटना। निशुल्क उपचार, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के साथ परिवार नियोजन को बढ़ावा देना स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार के सबसे प्रमुख कार्यक्रम हैं। सबसे अधिक धनराशि का आवंटन भी इसी मद में होता है। बावजूद इसके इन तीन क्षेत्रों के 14 स्वास्थ्य मानकों में राजधानी पटना के प्रदर्शन में गिरावट आई है।
अप्रैल से अक्टूबर तक के आंकड़ों को देखें तो ओपीडी में अनुमानित लक्ष्य के 76 प्रतिशत रोगियों का ही उपचार किया गया। मध्यरात्रि तक भर्ती कर उपचार कराने वाले रोगियों की संख्या अनुमानित लक्ष्य का महज 23 प्रतिशत ही रहा।
वहीं, गर्भधारण के 12 सप्ताह यानी तीन माह पर एंटीनेटल जांच के लिए 110 प्रतिशत गर्भवती ने अस्पतालों में पंजीयन कराया। इसके बाद 180 दिन आयरन-फोलिक एसिड व 360 दिन तक कैल्शियम की खुराक देने में क्रमश: 96 व 97 प्रतिशत प्रदर्शन रहा। यह रिपोर्ट 18 नवंबर को जिलाधिकारी की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन समीक्षा बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों पर आधारित है।
स्वास्थ्य के 14 मानकों में 10 के प्रदर्शन में गिरावट- 42 लाख 7 हजार 82 रोगियों के उपचार का अनुमान था। अप्रैल से अक्टूबर तक, 31 लाख 93 हजार 115 मरीज ही ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे।
- 7 लाख 50 हजार 757 रोगियों को भर्ती करने का लक्ष्य था। अप्रैल से अक्टूबर तक, एक लाख 71 हजार 127 रोगी ही भर्ती हुए।
- 357 पुरुषों की अप्रैल से अक्टूबर तक परिवार नियोजन सर्जरी करना थी, लेकिन सिर्फ 55 की हो पाई। इसमें प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
कायाकल्प भारत सरकार के स्वास्थ्य व कल्याण विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता व संक्रमण नियंत्रण संबंधी मानकों को मजबूती प्रदान करना है।
इसी कड़ी में सारण जिले के एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का राज्य स्तरीय दो सदस्यीय टीम ने कायाकल्प प्रमाणीकरण को लेकर असेसमेंट किया। इस टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति पटना से भावना कुमार, यूनिसेफ से राजकमल शामिल थे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमा का मूल्यांकन करने पहुंची टीम
टीम ने अस्पताल की साफ-सफाई व स्वच्छता संबंधी इंतजाम, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपाय व चिकित्सकीय उपकरणों के रख-रखाव संबंधी इंतजाम का बारिकी से मुआयना किया।
टीम के सदस्यों ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता व संक्रमण नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई है।
विभिन्न स्तरों पर अनुश्रवण व मूल्यांकन के बाद संबंधित संस्थान को कायाकल्प प्रमाणीकरण प्राप्त होता है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को विभिन्न श्रेणियों के तहत प्रोत्साहन व प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाता है।
कायाकल्प योजना के तहत पहले इंटरनल एसेसमेंट, दूसरे चरण में पियर एसेसमेंट व तीसरे चरण में राज्य स्तरीय विशेष टीम द्वारा संस्थान का एसेसमेंट किया जाता है।
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Bihar Jamin Survey: बेटियों को पिता की खरीदी हुई जमीन में कैसे हिस्सा मिलेगा? पढ़ लीजिए नियम
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Land Survey: विशेष भूमि सर्वेक्षण में बहन-बेटियों का नाम तो वंशावली में दर्ज होगा, लेकिन उन्हें पिता की स्वअर्जित संपत्ति में कोई अधिकार नहीं मिलेगा। इस तरह की संपत्ति के मामले में पिता वसीयत लिखेगा। वसीयत में अगर बेटी का नाम है तो उसे संपत्ति में हिस्सा मिलेगा।
अगर नहीं है तो बेटियां उस संपत्ति पर अपना दावा नहीं कर सकती हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से हाल में जारी दिशा निर्देश में संपत्ति, खासकर जमीन में बहन-बेटियों के हिस्से के बारे में स्पष्ट कर दिया गया है। वंशावली में भी बेटियों का नाम देने न देने के बारे जानकारी दी गई है।
वसीयत में पिता अगर बेटी का नाम नहीं देते तो नहीं मिलेगी जमीनमहिला अगर शपथ पत्र के जरिए संपत्ति का परित्याग करती हैं तब भी वंशावली में उनका नाम दर्ज नहीं होगा। लेकिन, खतियान में नाम दर्ज नहीं होगा। अगर जमीन पिता की है और वे अपनी वसीयत में सिर्फ पुत्रों को उसमें हिस्सा देते हैं, बेटियों का नाम नहीं है तो उस जमीन में बेटियों की हिस्सेदारी नहीं होगी। इस किस्म की जमीन के खतियान में सिर्फ पुत्रों का नाम होगा।
तीन दिशानिर्देशों में बेटियों के हिस्से को लेकर दी गई जानकारीदिशा निर्देश में तीन ऐसे प्रविधान किए गए हैं, जिनमें बेटियों का जमीन में हिस्सा नहीं होगा। एक-अगर बेटियां लिखित रूप में पिता की संपत्ति में हिस्सा लेने से इंकार करती हैं। दो-पिता स्वअर्जित संपत्ति के उत्तराधिकारी तय करने के लिए किए गए वसीयत में सिर्फ बेटों का नाम देते हैं।
तीन-सक्षम न्यायालय से किए गए जमीन के बंटवारे में बेटी का नाम नहीं है। इनके अलावा अन्य सभी स्थितियों में बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा लेने का अधिकार है।
बहन के हिस्से को लेकर हो रहा पारिवारिक विवादबहन द्वारा हिस्सा मांगने के चलते पारिवारिक विवाद भी सामने आ रहा है। भाई-बहन के रिश्ते भी खराब हो रहे हैं। कई जगह से मारपीट और अनबन की खबर भी सामने आ रही है। जिससे पिता के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। पिता को काफी सोच समझकर फैसला लेना पड़ रहा है। हालांकि, पुश्तैनी जमीन के लिए भी बहनों को कोर्ट तक का सहारा लेना पड़ रहा है।
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Bihar Survey: 36 जिलों के 18 हजार से अधिक गांवों में होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Survey News सरकार किसानों को फसल विशेष योजनाओं का लाभ समय से सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे कराएगी। रबी की खेती के लिए 36 जिलों के 18 हजार से अधिक गांवों को चिह्नित किया गया है। कृषि विभाग की ओर बुधवार को आयोजित कार्यशाला में यह घोषणा की गई।
बामेती सभागार में एग्री स्टैक परियोजना के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे एवं फार्मर रजिस्ट्री विषय पर आयोजित एक दिवसीय कर्मशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने किया।
'बहुत जरूरी है डिजिटल क्रॉप सर्वे'अपर मुख्य सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराना बहुत जरूरी है। डिजिटल क्रॉप सर्वे हो जाने से किसानों की जमीन के बारे में साईंटिफिक डाटा उपलब्ध हो जाएगा और जरूरतमंद किसानों को योजनाओं का उचित लाभ मिल पाएगा। उन्होंने 31 जनवरी तक जियो रेफरेंस मैप तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कृषि विभाग से अपील किया कि कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हीं किसानों को दें, जिनका भू-अभिलेख आधार से लिंक हो। साथ ही, उन्होंने किसानों से अपना भू-अभिलेख ठीक कराने का भी आह्वान किया।
डिजिटल क्रॉप सर्वे को बताया बड़ी क्रांतिकृषि विभाग के संजय अग्रवाल ने कहा कि बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे की बहुत बड़ी क्रांति के रूप में शुरुआत की जा रही है। वर्तमान में किस जिले में, किस फसल की, कितने क्षेत्र में खेती की गई है, इस विषय पर विभिन्न स्रोतों के अलग-अलग आंकड़े हैं।
डिजिटल क्राप सर्वे योजना में फसलों के रियल टाइम में बोई गई फसलों का आच्छादन क्षेत्र का सही आकलन किया जा सकेगा, जिससे फसलों के विपणन तथा नीति-निर्धारण में सहुलियत होगी।
1.18 लाख प्लॉट का सर्वे 31 जनवरी तक होगाअग्रवाल ने कहा कि पांच जिले के 10 गांव में 1.18 लाख प्लॉट का डिजिटल क्रॉप सर्वे 31 जनवरी तक करना होगा। डिजिटल क्राप सर्वे करने वाले कर्मी को पांच रुपये प्रति प्लाट की दर से प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त पावर बैंक की सुविधा के साथ-साथ नेट के लिए अलग से राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यह कार्य अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में कराया जाएगा।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को डिजिटल क्रॉप सर्वे का प्रशासनिक प्राधिकार नामित किया जाएगा। प्रत्येक अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को नमूना के रूप में एक-एक गांव का डिजिटल क्रॉप सर्वे स्वयं अगले एक महीने में करना होगा, ताकि वे डिजिटल क्रॉप सर्वे के मास्टर ट्रेनर के रूप में काम सके।
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