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Updated: 34 min 46 sec ago

BPSC Paper Leak Case : शिक्षक भर्ती पेपर लीक के आरोपितों से दो दिन होगी पूछताछ, 25 अप्रैल तक रिमांड

April 24, 2024 - 7:27am

राज्य ब्यूरो, पटना। BPSC Paper Leak Case बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के प्रश्न-पत्र (पेपर) लीक मामले में उज्जैन (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार आरोपितों से जल्द पूछताछ होगी। पांच मुख्य आरोपितों को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू ) दो दिन की रिमांड पर लेगी।

इनकी रिमांड अवधि 24 अप्रैल से शुरू होगी जो 25 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। इसके बाद इन्हें फिर से जेल भेज दिया जाएगा। पूछताछ में इन आरोपितों के बिहार, यूपी व अन्य राज्यों में किए गए पेपर लीक से जुड़े तथ्यों की पु​ष्टि की जाएगी। इसके साथ ही गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की भी जानकारी ली जाएगी।

यूपी-बंगाल के पेपर लीक से भी जुड़ रहे तार

ईओयू की विशेष टीम पकड़े गए पांचों आरोपितों की कुंडली खंगाल रही है। अब तक की जांच में इन आरोपितों का जुड़ाव बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, प​श्चिम बंगाल जैसे राज्यों की प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक से भी जुड़ता दिख रहा है।

ईओयू अ​धिकारियों के अनुसार, इसी साल उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक कांड से भी इस गिरोह के तार जुड़े पाए गए हैं। इनकी भूमिका की विस्तृत जांच की रही है। ईओयू के अनुसार, यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है, जिसके सदस्य अलग-अलग राज्यों में हैं।

इन लोगों की रही मुख्य भूमिका

अब तक गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ, आसूचना संकलन के साथ तकनीकी एवं वैज्ञानिक विश्लेषण में पाया गया कि ​नालंदा के नगरनौसा का रहने वाले ​शिव कुमार उर्फ डॉ. ​शिव की शिक्षक भर्ती पेपर लीक कांड में महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसके अलावा पटना के खगौल का रहने वाला शुभम मंडल उर्फ ​शिवम भी कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक और गड़बड़ी में शामिल रहा है।

मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़े गए पांचों अ​भियुक्त ​शिव कुमार, बल्ली उर्फ संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, तेज प्रकाश और सौम्या कुमारी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल भेज में हैं।

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Bihar Weather Today: बिहार के 11 शहरों में भीषण 'लू' की चेतावनी, शेखपुरा ने तोड़ा तापमान का रिकॉर्ड; अलर्ट जारी

April 24, 2024 - 7:26am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News Hindi: प्रदेश में सोमवार को बादल छाए रहने के कारण लोगों को गर्मी से राहत मिली थी। मंगलवार को मौसम का मिजाज बदला नजर आया। पटना के आसपास के इलाकों में गर्म हवा के साथ मौसम शुष्क बना रहा।

शाम होते ही कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, नवादा में बादल छाए रहने के साथ तेज हवा चली। वर्षा की हल्की फुहारों के साथ औरंगाबाद व आसपास इलाकों में मेघ गर्जन के साथ ओले गिरे। मौसम में आए बदलाव से लोगों को गर्मी से राहत मिली। 

लू को लेकर येलो अलर्ट जारी

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार बुधवार से शनिवार तक प्रदेश के दक्षिणी व उत्तर-पश्चिमी भागों के अलग-अलग स्थानों पर गर्म हवा चलने के साथ लू (हीट वेव) को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इस दौरान सतही हवा की गति 20-30 किमी प्रतिघंटा व झोंके के साथ 40 किमी प्रतिघंटा रहने का पूर्वानुमान है। बुधवार को पटना व आसपास इलाकों में गर्म दिन रहने की संभावना है।

इन 11 शहरों के लिए लू की चेतावनी

प्रदेश के 11 शहरों के बांका, नवादा, शेखपुरा, कैमूर, बक्सर, भागलपुर, सहरसा, सिवान, पूर्वी चंपारण, मधुबनी एवं भोजपुर के एक या दो स्थानों पर लू की चेतावनी है।

मौसम के प्रभाव को देखते हुए लोगों को सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक घरों में रहने की सलाह दी गई है। मंगलवार को पटना के अधिकतम तापमान में सामान्य से 3.3 डिग्री वृद्धि के साथ 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

शेखपुरा सबसे गर्म जिला

42.3 डिग्री सेल्सियस के साथ शेखपुरा प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा। शेखपुरा आए दिन तापमान का रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है। वहीं पटना सहित 20 शहरों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर दर्ज किया गया।

मंगलवार को पटना सहित 21 शहरों में गर्म दिन बना रहा। प्रदेश के सभी जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।

मौसम बदलते ही गर्मी से मिली राहत 

प्रदेश के कई इलाकों में गर्म तेज पछुआ हवा से लोग परेशान रहे। वहीं दूसरी ओर कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, नवादा में शाम होते ही बादल छाए रहने के साथ हल्की बूंदाबांदी से लोगों को गर्मी से राहत मिली।

औरंगाबाद व इसके आसपास इलाकों में हल्की वर्षा के साथ ओले गिरे। इन जगहों पर हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटा रही। मौसम में आए बदलाव से लोगों को राहत मिली।  

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प्रमुख शहरों का तापमान 

शहर            अधिकतम                    न्यूनतम

पटना                40.7                         27.8

गया                  41.2                         24.4

भागलपुर           40.2                          25.8

मुजफ्फरपुर       39.0                          26.2

अगले तीन दिनों का मौसम का पूर्वानुमान  

25 अप्रैल : बांका, नवादा, शेखपुरा, कैमूर, बक्सर, भागलपुर, सहरसा, सिवान, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, भोजपुर, पटना व दक्षिण पश्चिम जिलों के एक या दो स्थानों पर लू की संभावना है। प्रदेश के अधिसंख्य भागों में गर्म दिन रहने के आसार हैं।

26 अप्रैल : प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम एवं दक्षिण-पूर्व जिलों के कुछ स्थानों पर लू को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के अधिसंख्य भागों में गर्म दिन रहने की संभावना है।

27 अप्रैल : पटना सहित दक्षिण-मध्य, दक्षिण-पश्चिम जिलों के कुछ स्थानों पर लू को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर-पश्चिम एवं दक्षिण-पूर्व जिलों के एक या दाे स्थानों पर लू को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।


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Bihar Politics: 'देश लड़ रहा स्वतंत्रता का दूसरा संघर्ष', बिहार Congress के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

April 24, 2024 - 12:18am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: जिनको इतिहास की समझ है और देश की पराधीनता के कारणों के बारे में पता है उनको यह समझाने की जरूरत नहीं है कि देश आर्थिक पराधीनता से जूझ रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व में स्वतंत्रता का दूसरा संघर्ष जारी है।

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी का वर्तमान रूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य मुनाफाखोरी है। ये बातें बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने 1857 के क्रांति के नायक वीर कुंवर सिंह के 167वें विजयोत्सव समारोह में कही। मंगलवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय (सदाकत आश्रम) में समारोह का आयोजन हुआ था।

वीर कुंवर सिंह का किया जिक्र

समारोह की अध्यक्षता करते हुए अखिलेश ने कहा कि आज वीर कुंवर सिंह सबसे प्रासंगिक हैं। उनकी याद आ रही, क्योंकि अगर हम नहीं संभले और सरकार को उखाड़ फेंकने में विफल रहे तो भारत फिर उस स्थिति में पहुंच जाएगा, जिससे निकलने के लिए वीर कुंवर सिंह को स्वतंत्रता का पहला संघर्ष करना पड़ा था।

केंद्र सरकार पर मुनाफा खोरी के लगाए आरोप

उन्होंने कहा कि कुछ हाथों में देश की संपत्ति गिरवी रखी जा रही, क्योंकि केंद्र सरकार मुनाफाखोर हो गई है। मुनाफा कमाने के लिए बुनियादी जरूरतों की चीजें भी बेची जा रही हैं। एयरपोर्ट, इंश्योरेंस कंपनी, रेलवे एवं खाना पकाने वाले गैस से लेकर रेलवे स्टेशन तक बेचे जा रहे।

अडाणी और अंबानी ईस्ट इंडिया कंपनी का वर्तमान स्वरूप हैं और मीर जाफर सामने खड़ा है। भारत एक बार फिर आर्थिक पराधीनता की ओर बढ़ रहा है। डा. समीर कुमार सिंह, अंबुज किशोर झा, राजेश राठौड़, लाल बाबू लाल, डा. विनोद शर्मा, राज छविराज आदि समारोह में उपस्थित रहे।

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JEE Advanced 2024 Registration: जेईई एडवांस 2024 के रजिस्ट्रेशन पर बड़ा अपडेट, 26 मई को होना है एग्जाम

April 23, 2024 - 11:45pm

जागरण संवाददाता, पटना। JEE Advanced 2024 Exam Date आईआईटी मद्रास की ओर से जेईई एडवांस 2024 की पंजीयन प्रक्रिया 27 अप्रैल को शुरू होगी। आवेदन करने की अंतिम तिथि सात मई तक है। फीस पेमेंट की अंतिम तिथि 10 मई तक है।

प्रवेश पत्र 17 से 26 मई तक डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा 26 मई को दो शिफ्ट में आयोजित होगी। जिसमें पेपर-1 सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक जबकि पेपर दो दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा।

9 जून को आएगा रिजल्ट

दोनों ही पेपर में शामिल होना अनिवार्य है। परीक्षा का रिजल्ट नौ जून को जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले जेईई एडवांस के लिए पंजीयन प्रक्रिया 21 अप्रैल को शुरू होने वाली थी, जिसे स्थगित कर दिया गया था।

आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कैंडिडेट जेईई एडवांस की ऑफिशियल वेबसाइट jeeadv.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जेईई मेन के टॉप 2.50 लाख अभ्यर्थी जेईई एडवांस में शामिल होंगे।

सफल स्टूडेंट्स को मिलेगा आईआईटी में एडमिशन

जेईई एडवांस में सफल स्टूडेंट्स आईआईटी में एडमिशन लेंगे। इसके बाद एनआईटी, ट्रिपल आईटी व अन्य तकनीकी संस्थानों में जेईई मेन के स्कोर पर एडमिशन होगा। जेईई मेन अप्रैल सेशन का रिजल्ट जल्द जारी कर देगा।

उम्मीदवार जेईई मेन 2024 के दूसरे सत्र में सम्मिलित हुए थे, जल्द ही अपना रिजल्ट देख सकेंगे। इसके लिए छात्रों को इस परीक्षा के पोर्टल, jeemain.nta.ac.in पर विजिट करना होगा।

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Lalu Yadav Kids: 'जिन दिनों लालू जी बच्चा पैदा करने में जुटे थे...', ये क्या बोल गए BJP सांसद

April 23, 2024 - 10:30pm

राज्य ब्यूरो, पटना। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य डॉ. भीम सिंह ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तीखी आलोचना की है। दरअसल, तेजस्वी ने अपने अधिक भाई-बहन होने का बचाव डॉ. अंबेडकर तथा सुभाष चंद्र बोस के भी अधिक भाई-बहन होने से की थी।

अब भीम सिंह ने कहा कि इस वक्तव्य से स्पष्ट है कि तेजस्वी ने अपनी तुलना डॉ. अंबेडकर तथा सुभाष चंद्र बोस और अपने पिता लालू प्रसाद की तुलना डॉ. अंबेडकर और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के पिता से की है।

'तेजस्वी ने अपनी अज्ञानता का परिचय दिया...'

डॉ. सिंह ने कहा कि तेजस्वी ने अपने वक्तव्य से महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ अपनी अज्ञानता का भी परिचय दिया है, क्योंकि इस तुलना में काल-दोष है।

उन्होंने कहा कि अगर बाबा साहेब और नेताजी के भाई-बहनों की संख्या अधिक थी तो उनके जन्म की घटना 19वीं सदी में हुई थी पर लालू यादव ने 20वीं सदी के अंतिम वर्षों (1975-1990) में बच्चे पैदा किए और आज जब तेजस्वी इसका बचाव कर रहे हैं तो 21वीं सदी चल रही है।

'जिन दिनों लालू जी...'

उन्होंने कहा कि 20वीं सदी से पहले जनसंख्या नियंत्रण की परिकल्पना थी ही नहीं, पर जिन दिनों लालू जी प्रति डेढ़ वर्ष पर एक बच्चा पैदा करने के काम में जुटे थे तब न सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण करने की नीति बन चुकी थी बल्कि इंदिरा गांधी-संजय गांधी की परिवार नियोजन कार्यक्रम कुख्याति की हद तक पहुंच चुका था।

उन्होंने कहा कि आज 21वीं सदी में तो 2 से ज्यादा बच्चे होने पर कतिपय नागरिक अधिकारों में कटौती का सामना भी करना पड़ता है।

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कई राज्यों के Paper Leak में शामिल रहे 5 आरोपित उज्जैन से दबोचे, बिहार के इस शख्स की रही महत्वपूर्ण भूमिका

April 23, 2024 - 9:44pm

राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) सिपाही भर्ती के तीसरे चरण की परीक्षा के पेपर लीक मामले में उज्जैन से पकड़े गए पांचों आरोपितों की कुंडली खंगाल रही है।

अब तक की जांच में इन आरोपितों का जुड़ाव बिहार के अलावा उत्तरप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक से भी जुड़ता दिख रहा है।

अलग-अलग राज्यों में हैं गिरोह के सदस्य

ईओयू अधिकारियों के अनुसार, इसी साल उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक कांड से भी इस गिरोह के तार जुड़े पाए गए हैं। इनकी भूमिका की विस्तृत जांच की जा रही है। ईओयू के अनुसार, यह एक अंतरराज्यीय गिरोह है, जिसके सदस्य अलग-अलग राज्यों में हैं।

अब तक गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ, आसूचना संकलन के साथ तकनीकी एवं वैज्ञानिक विश्लेषण में पाया गया कि नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला शिव कुमार उर्फ डा. शिव की बिहार पुलिस के सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके अलावा पटना के खगौल के रहने वाले शुभम मंडल उर्फ शिवम भी कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थाओं की प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक और गड़बड़ी में शामिल रहा है।

आरोपितों को रिमांड पर लेने की तैयारी

मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़े गए पांचों अभियुक्त शिव कुमार, बल्ली उर्फ संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, तेज प्रकाश और सौम्या कुमारी फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए गए हैं। इन आरोपितों को रिमांड पर लेने की तैयारी है।

अगले एक से दो दिनों में रिमांड मिलने की संभावना है, इसके लिए ईओयू के स्तर से आवेदन तैयार किया जा रह है। पूछताछ में इन आरोपितों के बिहार, यूपी व अन्य राज्यों में किए गए पेपर लीक से जुड़े तथ्यों की पुष्टि की जाएगी। इसके साथ ही गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की भी जानकारी ली जाएगी।

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Mukesh Sahani: 'मछली हम लोग खाते हैं और कांटा...', VIP चीफ मुकेश सहनी का PM मोदी पर निशाना

April 23, 2024 - 9:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह दिन में पांच कपड़ा बदलते है वैसे ही जाति और धर्म के लोगों को देखने के लिए चश्मा बदलते हैं।

उन्होंने कहा कि हर जाति के लिए उनके पास अलग ही चश्मा है। मछली हम लोग खाते हैं और कांटा उनके गले में अटक जाता है।

'प्रधानमंत्री देश में नफरत की राजनीति कर रहे'

मुकेश सहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश में नफरत की राजनीति कर रहे हैं। धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़वाते हैं। जबकि एक सरकार का काम लड़ाई खत्म करवाना है।

उन्होंने कहा विकास की बजाय मोदी जी को 10 साल बाद भी मंदिर और मस्जिद के नाम पर वोट मांगना पड़ रहा है।

'मोदी को अपना एक भी वादा याद नहीं'

पीएम पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगात हुए उन्होंने कहा कि उन्हें दस वर्ष पहले किया अपना एक भी वादा याद नहीं। उन्होंने अपील की कि हम दो गलतियां कर चुके हैं। तीसरी बार गलती से बचे और महागठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करें।

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April 23, 2024 - 8:17pm

राज्य ब्यूरो, पटना। समस्तीपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने खानपुर के प्रखंड प्रमुख सन्नी हजारी को टिकट दिया है। सन्नी हजारी राज्य सरकार में मंत्री महेश्वरी हजारी के पुत्र हैं। नीतीश मंत्रिमंडल के दूसरे मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी से उनका मुकाबला हो रहा है।

शांभवी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में लोजपा की प्रत्याशी हैं। चर्चित आइपीएस अधिकारी रहे किशोर कुणाल उनके श्वसुर हैं। अपने अधीनस्थ दो मंत्रियों की संतानों को आमने-सामने पाकर संभवत: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए वहां चुनाव प्रचार में धर्मसंकट की स्थिति हो।

हालांकि, महेश्वर हजारी ने समस्तीपुर के मैदान से दूर रहने की घोषणा कर रखी है। 2009 में वे इस सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।

यहां से नीतीश ने ही कांग्रेस को किया था बेदखल, अब अंशुल से आस

पटना साहिब में अंशुल का मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से होना है। वे भाजपा से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। पिछली बार रविशंकर प्रसाद कांग्रेस प्रत्याशी रहे शत्रुघ्न सिन्हा को पराजित कर संसद पहुंचे थे। 2014 में शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा के प्रत्याशी थे और उनके मुकाबले में कांग्रेस ने कुणाल सिंह को उतारा था। वे भी खेत रहे।

2009 में भी शत्रुघ्न ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में यहां बाजी मारी थी। तब अभिनेता से अभिनेता को भिड़ाने के बावजूद कांग्रेस चुनाव हार गई थी। कांग्रेस के प्रत्याशी शेखर सुमन थे, जो बिहारी बाबू की तरह पटना के ही मूल निवासी हैं। 2009 से ही पटना साहिब का संसदीय इतिहास शुरू होता है। उससे पहले थोड़ा-बहुत भौगोलिक परिवर्तन के साथ यह बाढ़ संसदीय क्षेत्र हुआ करता था।

कांग्रेस को यहां आखिरी जीत 1984 में प्रकाश चंद्र ने दिलाई थी। हालांकि, तब जीत का अंतर काफी अधिक रहा था। प्रकाश चंद्र को 63.74 प्रतिशत वोट मिले थे। उसके अगले चुनाव यानी 1989 में रामलखन सिंह यादव को पराजित कर नीतीश कुमार ने कांग्रेस को इस सीट से बेदखल-सा कर दिया। नीतीश बाढ़ से लगातार पांच बार सांसद रहे। 2004 में राजद के विजय कृष्ण ने उन्हें यहां मात दी थी।

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Bihar Politics: हो गया कंफर्म! पटना साहिब से कांग्रेस ने मीरा कुमार के बेटे को दिया टिकट, दिलचस्प हुआ चुनाव

April 23, 2024 - 7:55pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Anshul Avijit Patna Sahib कांग्रेस ने पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से डॉ. अंशुल अविजीत को उम्मीदवार बनाया है। वे लोकसभा की अध्यक्ष रही मीरा कुमार के पुत्र हैं। मीरा कुमार दो बार सासाराम से सांसद भी रही हैं। इस बार उन्होंने स्वेच्छया चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पहले ही कर दी थी।

सुरक्षित सीट होने के कारण सासाराम में अंशुल उम्मीदवार नहीं हो सकते थे, क्योंकि वे पिछड़ा वर्ग से आते हैं। सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता रहे उनके पिता मंजुल कुमार कुशवाहा समाज से हैं। कई दावेदारों और उनके बड़े-बड़े पैरवीकारों के कारण पटना साहिब के उम्मीदवार का नाम सार्वजनिक नहीं हो रहा था। अंतत: मंगलवार को अंशुल के नाम की घोषणा हुई।

कांग्रेस ने सभी 9 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

हालांकि, केंद्रीय चुनाव समिति ने रविवार को हुई बैठक में ही उनका नाम तय कर दिया था। सोमवार को पांच संसदीय क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हुई थी, लेकिन पटना साहिब को उससे परे कर दिया गया था। अब अंशुल के नाम की घोषणा के साथ बिहार में कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी नौ सीटों के प्रत्याशियों का नाम सार्वजनिक कर दिया है।

कौन हैं अंशुल अविजीत?

पटना साहिब में सबसे अंतिम यानी सातवें चरण में चुनाव होना है। अपेक्षाकृत कम चर्चित, लेकिन सौम्य व्यवहार वाले अंशुल अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। किसी मुद्दे पर भी उनकी प्रतिक्रिया तथ्यपूर्ण व राजनीतिक शुचिता वाली होती है। इतिहास व राजनीति शास्त्र पर वे अच्छी पकड़ रखते हैं और वे कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एमफिल व पीएचडी कर चुके हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है।

सासाराम से मृत्युपर्यंत आठ बार सांसद रहे जगजीवन राम उनके नाना थे, जो उप प्रधानमंत्री तक रहे। उनकी दादी सुमित्रा देवी के नाम बिहार सरकार में पहली महिला कैबिनेट मंत्री होने का रिकॉर्ड दर्ज है।

मां मीरा कुमार पांच बार सांसद चुनी जाने वाली बिहार की एकमात्र महिला हैं। सासाराम से पहले मीरा कुमार दो बार दिल्ली में करोलबाग और एक बार उत्तर प्रदेश में बिजनौर से सांसद रह चुकी हैं।

कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची

पटना साहिब के अलावा किशनगंज में सांसद मो. जावेद, कटिहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर, भागलपुर में नगर विधायक अजीत शर्मा, पश्चिम चंपारण में पूर्व विधायक मदन मोहन तिवारी, मुजफ्फरपुर में भाजपा छोड़ आए सांसद अजय निषाद, समस्तीपुर में सन्नी हजारी, महाराजगंज में आकाश प्रसाद सिंह और सासाराम में मनोज कुमार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

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'NDA को चुन लो या फिर...', इस बयान पर Tejashwi Yadav ने दी सफाई; 24 घंटे में ही बदली स्टेटमेंट

April 23, 2024 - 7:36pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्णिया में आइएनडीआइए नहीं तो एनडीए गठबंधन को वोट देने की अपील कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विरोधियों के निशाने पर हैं। भाजपा ने यहां तक कह दिया है कि लड़ाई के पहले ही तेजस्वी ने हार स्वीकार कर ली है।

अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष सफाई देते नजर आ रहे हैं। पूर्णिया में मंच से बयान देने के एक दिन बाद तेजस्वी ने सफाई वाले अंदाज में कहा कि इस देश में दो गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ आइएनडीआइए है तो दूसरी तरफ एनडीए।

'...वे जाहिर तौर पर एनडीए के साथ हैं'

उन्होंने कहा कि एक की विचारधारा संविधान बचाने की है तो दूसरे की संविधान बदलने वाली। जो लोग आइएनडीआइए के साथ नहीं हैं वे जाहिर तौर पर एनडीए के साथ हैं। चाहे वह कोई व्यक्ति हो या फिर राजनीतिक दल। वे यदि आइएनडीआइए गठबंधन को मदद नहीं कर रहे हैं तो वे इसका मतलब वे एनडीए को मदद कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री पर तेजस्वी का निशाना

इसी क्रम में तेजस्वी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि इस धरती पर कुछ चीजें असंभव है। सूरज पश्चिम में नहीं उग सकता। रेगिस्तान में मछली नहीं पकड़ी जा सकती और आसमान में पेड़ नहीं लगाए जा सकते।

उन्होंने कहा कि ये चीजें शायद एक बार को संभव भी हो जाएं, लेकिन प्रधानमंत्री के मुंह से नौकरी, रोजगार, प्रेम अमन व भाईचारे की बात सुनना असंभव है। उन्होंने कहा, हम लोग पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा की हवा टाइट है। इस बार चुनाव में बिहार से इनका सफाया होना तय है।

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बिहार के इन स्टेशनों से नई दिल्ली, पुणे और रतलाम के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन, जानिए रूट और टाइमिंग

April 23, 2024 - 7:13pm

जागरण संवाददाता, पटना। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे की ओर से कई स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। इन ट्रेनों के परिचालन से प्रतीक्षा सूची (वेटिंग लिस्ट) में भारी कमी आने की उम्मीद है।

गाड़ी संख्या 04035 पटना-नई दिल्ली अनारक्षित स्पेशल बुधवार को पटना से 21.30 बजे खुलकर डीडीयू, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल के रास्ते अगले दिन 15.00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 04051 दरभंगा-नई दिल्ली अनारक्षित स्पेशल बुधवार को दरभंगा से 20.30 बजे खुलकर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, गोरखपुर के रास्ते अगले दिन 20.00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 04037 सहरसा-नई दिल्ली अनारक्षित स्पेशल गुरुवार को सहरसा से 07.00 बजे खुलकर बरौनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, गोरखपुर के रास्ते अगले दिन 07.00 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 04033 मुजफ्फरपुर-आनंद विहार अनारक्षित स्पेशल बुधवार को मुजफ्फरपुर से 17.00 बजे खुलकर बापूधाम मोतीहारी, बेतिया, नरकटियागंज के रास्ते अगले दिन 13.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 09016 भागलपुर-पालधी अनारक्षित स्पेशल गुरुवार को भागलपुर से 08.00 बजे खुलकर 16.30 बजे पटना जं. रूकते हुए डीडीयू-प्रयागराज छिवकी-जबलपुर-भुसावल के रास्ते शुक्रवार को 23.50 बजे पालधी पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 09062 भागलपुर-रतलाम अनारक्षित स्पेशल बुधवार को भागलपुर से 12.00 बजे खुलकर 17.20 बजे पटना जं. रुकते हुए डीडीयू-प्रयागराज-कानपुर-बीना-उज्जैन के रास्ते गुरुवार को 21.00 बजे रतलाम पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 09128 आसनसोल-वलसाड स्पेशल

गाड़ी संख्या 09128 आसनसोल-वलसाड स्पेशल गुरुवार को आसनसोल से 08.00 बजे खुलकर 15.25 बजे पटना जं. रूकते हुए डीडीयू-प्रयागराज-कानपुर-बीना-भोपाल- इटारसी-भुसवाल के रास्ते शनिवार को 04.15 बजे वलसाड पहुंचेगी।

गाड़ी संख्या 01482 दानापुर-पुणे स्पेशल बुधवार को दानापुर से 13.30 बजे खुलकर गुरुवार को 19.45 बजे पुणे पहुंचेगी।

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Bihar Politics : 'लालू-राबड़ी काल से पीछा छुड़ाना चाहते तेजस्वी यादव...', JDU ने बोला हमला, कहा- माला जपते रहते

April 23, 2024 - 7:07pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics : जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन (JDU National Spokesperson Rajeev Ranjan) ने सोमवार को कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) अपने भाषण में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाले अपने 17 महीने की माला जपते रहते हैं, पर उनके मुंह से यह नहीं निकलता कि लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में किस तरह का कुशासन था।

दरअसल, तेजस्वी यादव लालू- राबड़ी शासन काल (Lalu Yadav) (Rabri Devi) से अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं। राजीव रंजन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी दिल से यह मानते हैं कि उनके माता-पिता का राज जंगलराज के समान था।

उनके काल में सिर्फ उनके परिवार की संपत्ति और दुर्दांत अपराधियों का विकास हुआ। उन्हें यह पता है कि राजद राज की उपलब्धियों में सिर्फ घोटाला करना रहा है।

राजद (RJD) का राज अपहरण और रंगदारी को उद्योग सरीखा बनाने के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। युवाओं को बरगला कर उनसे गलत काम करवाने की होड़ मची रही।

चुनावी रैलियों से माहौल भुनाने की कोशिश

बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि चुनावी माहौल में राजद के पक्ष में माहौल बनाने के लिए तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ रैलियां की हैं। बताया जा रहा है कि बीते 19 दिन में पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 55 से ज्यादा चुनावी सभाएं की हैं।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो उसकी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जदयू से नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाला हुआ है। सियासी गलियारों में इसे चुनावी रैलियों से माहौल को भुनने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

परिवारवाद को लेकर सियासी रस्साकाशी तेज

बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की लालू यादव (Lalu Yadav) के अधिक संतान पैदा करने की टिप्पणी को लेकर सियासी बवाल मच गया था।

इसका तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने जवाब भी दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से लेकर संविधान लिखने वाले बाबा साहब अंबेडकर तक का उदाहरण देकर अपनी बात कही।

उन्होंने देश के महापुरुषों, नेताओं आदि की कई संतानों, कई भाई-बहनों के होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) खुद पांच भाई-बहन हैं और वह लालू यादव (Lalu Yadav) पर उंगली उठा रहे हैं।

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KK Pathak News: शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला! इतने नियोजित शिक्षकों की जाएगी नौकरी, किया था 'बड़ा झोल'

April 23, 2024 - 6:58pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 370 नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त होगी। इससे संबंधित आदेश जल्द जारी होंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से फैसला लिया गया है। ये सब वो शिक्षक हैं जिनके राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के प्रमाण पत्र जाली पाए गए हैं।

शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों को मूल प्रमाण पत्रों के साथ जांच कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश दो बार दिया था, लेकिन संबंधित शिक्षक जांच कमेटी के सामने नहीं हाजिर हुए।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली गयी थी। उसमें बैठने वाले नियोजित शिक्षकों में से 1,151 शिक्षक के सीटीईटी, एसटीईटी व बीटीईटी, के प्रमाण पत्रों के रोल नंबर को डुप्लिकेट के रूप में चिह्नित किया गया था।

उसके बाद शिक्षा विभाग ने ऐसे नियोजित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन कराने का फैसला किया। इसके लिए जांच कमेटी बनायी गयी। शेड्यूल के हिसाब से संबंधित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन का कार्य विगत 7 से 22 मार्च तक चला। उसमें संदेह के दायरे में आने वाले नियोजित शिक्षक जांच कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए।

ऐसे नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई के पहले शिक्षा विभाग ने उन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया, लेकिन ऐसे शिक्षक दुबारा भी जांच कमेटी के सामने नहीं आए। इसके बाद ही शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों को सेवा से हटाने का फैसला लिया है।

बता दें कि इससे पहले भी 420 नियोजित शिक्षकों की सेवा उनके जाली एसटीईटी व सीटीईटी प्रमाण पत्रों के मामले में समाप्त की जा चुकी है।

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Bihar Politics : नेताजी घर में हारे.. संसद पहुंचे बिहार के सहारे, बुद्ध की धरती पर अपने-पराये का भेद नहीं

April 23, 2024 - 5:17pm

व्यास चंद्र, पटना। रग-रग में राजनीति बसाने वाली बिहार की धरती ने कभी अपने और बाहरी में भेद नहीं किया। इसी का नतीजा है कि देश के कई कद्दावर नेताओं की सियासत यहीं सिंचित और प्रफुल्लित हुई। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के नेताओं को बिहार ने संसद पहुंचाया।

आचार्य जेबी कृपलानी, मधु लिमये, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, मीनू मसानी, जार्ज फर्नांडिस, शरद यादव ऐसे प्रमुख नाम हैं, जिन्होंने बिहार में विजयश्री की माला पहनी। इनके अलावा भी कई ऐसे नेता रहे जो बिहार से जीते।

प्रख्यात गांधीवादी नेता आचार्य जेबी कृपलानी का हैदराबाद के सिंध (वर्तमान पाकिस्तान) में जन्म हुआ था। बाद में वे गुजरात में रहे। गांधीवादी विचारधारा के प्रतिपादक कृपलानी की पत्नी सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं।

आचार्य कृपलानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे, लेकिन बाद में कांग्रेस छोड़ दी। यूपी के फैजाबाद में चुनाव हार गए, लेकिन प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर वे भागलपुर से उपचुनाव जीते। बाद में सीतामढ़ी से भी 1957 में सांसद निर्वाचित हुए।

अनुभव और ज्ञान से मिला सम्मान

महाराष्ट्र के पुणे निवासी कद्दावर समाजवादी नेता, डा. राममनोहर लोहिया के अनुयायी मधु लिमये को भी बिहार ने खूब सम्मान दिया। वे चार-चार बार यहां से सांसद निर्वाचित हुए। मुंगेर और बांका से उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

खास बात यह कि उन्होंने दो बार अपने राज्य के बंबई (अब मुंबई) से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। जब वे बिहार की धरती पर आए, तो मुंगेर और बांका से जीत दर्ज की। गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त कराने में उनकी अहम भूमिका रही। उन्हें चलता-फिरता संसद की उपाधि दी गई थी।

बिहार से चरम पर पहुंची शरद की राजनीति

समाजवादी नेता और देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर चुके चंद्रशेखर भी बिहार के महराजगंज से 1989 में लोकसभा सदस्य चुने गए थे। उत्तर प्रदेश के बलिया में जन्में चंद्रशेखर प्रखर वक्ता और मजबूत व्यक्तित्व के स्वामी थे।

मध्य प्रदेश के रहने वाले शरद यादव की राजनीति भी बिहार से चरम पर पहुंची। वे मधेपुरा से चार बार लोकसभा चुनाव जीते। मधेपुरा में उनके और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का मुकाबला खूब सुर्खियां बटोरता था।

अशोक और जार्ज बिहार से पहुंचे दिल्ली

मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट ऐसी है, जिससे जार्ज फर्नांडिस का नाम प्रमुखता से जुड़ा है। कर्नाटक के मंगलुरू निवासी फर्नांडिस के अलावा अशोक मेहता भी यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे। अशोक मेहता भावनगर गुजरात के रहने वाले थे। वे 1957 में मुजफ्फरपुर से सांसद चुने गए थे।

स्वतंत्रता सेनानी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के पहले अध्यक्ष, केंद्र में मंत्री रह चुके मेहता, योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे। कद्दावर श्रमिक नेता के रूप में प्रतिष्ठित जार्ज फर्नाडिस को भी मुजफ्फरपुर ने चार बार सांसद बनाया। हालांकि, वे बिहार से कुल छह बार विजयी हुए। मुजफ्फरपुर के अलावा बांका और नालंदा से भी वे सांसद चुने गए।

मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के समर्थक मसानी भी बिहार से जीते

मिनोचर रुस्तम उर्फ मीनू मसानी मूल रूप से महाराष्ट्र के थे। बंबई नगरपालिका से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले मसानी तत्कालीन बिहार के रांची पूर्वी सीट से 1957 से लेाकसभा चुनाव जीते। कभी समाजवादी रहे मसानी बाद में मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के समर्थक बन गए थे। वे स्वतंत्रता संग्राम में भी शामिल रहे।

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Bihar Politics: चिराग पासवान को झटका! BSP में शामिल हुए पूर्व सांसद, इस सीट से लड़ेंगे चुनाव

April 23, 2024 - 5:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Ex MP Arun Kumar Joins BSP लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी को लेकर चिराग पासवान से अलग होने वाले पूर्व सांसद अरुण कुमार बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए हैं। अरुण कुमार के साथ ही पूर्व विधान परिषद अजय अलमस्त ने भी बसपा की सदस्यता ले ली है।

चर्चा है यह दोनों बहुजन समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी के पटना कार्यालय में बसपा के केन्द्रीय व प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य रामजी गौतम एवं डॉ. लाल जी मेधंकर के समक्ष इन दोनों नेताओं ने बसपा की सदस्यता ग्रहण की।

बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए पूर्व सांसद अरुण कुमार। (फोटो- जागरण)

'बिहार में बसपा मजबूत होगी'

अरुण कुमार व अजय अलमस्त ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की नीतियों से प्रभावित होकर वे बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो रहे हैं। रामजी गौतम ने कहा कि दोनों का बसपा परिवार में स्वागत है। इनके आने से बिहार में बसपा काफी मजबूत होगी।

'मुझे इमोशनल ब्लैकमेल किया...'

वहीं, अरुण कुमार ने कहा की टिकट वितरण में चिराग पासवान ने भारी गलती की है। मुझे इमोशनल ब्लैकमेल किया गया और मैं धोखे में आ गया। मुझे पितातुल्य समेत क्या-क्या नहीं कहा गया। इन कारणों से मैं इमोशनल रूप से जुड़ गया, लेकिन उनके नेतृत्व में ये संभव नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि हमारी जमात जरूर बहुजन समाज पार्टी को नई ऊंचाई देगी। जहाबानाद सीट से मैं चुनाव लड़ूंगा। पार्टी का निर्देश है और नामांकन की तारीख भी जल्द तय हो जाएगी। अरुण ने कहा कि मैं धारा के विपरीत लड़ता रहता हूं। अब धारा बन जाएगी। सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में श्रीकान्त, सुरेश राव, प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष सकलदेव दास व दूसरे कई नेता उपस्थित रहे।

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RK Singh के कोटे से खर्च हुई सबसे कम राशि, पारस सहित इन सांसदों ने इतना किया फंड का इस्तेमाल; ये रहा ब्योरा

April 23, 2024 - 2:24pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar Political News In Hindi सांसदों की अनुशंसा पर केंद्रीय विद्यालयों में नामांकन की व्यवस्था कुछ वर्ष पहले निरस्त कर दी गई थी। कारण यह कि कक्षाओं में रिक्तियों की सीमित संख्या के कारण अधिसंख्य अभिभावकों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाती थीं। इससे जन-प्रतिनिधियों के प्रति व्यक्ति विशेष में क्षोभ पैदा होता था।

उसके दरकिनार यहां तो स्थिति ही नहीं, परिस्थिति भी अलग है, जबकि क्षोभ यथावत है और वह पूरे जन-समूह में है। यह सांसद निधि के समुचित उपयोग का प्रसंग है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी इस निधि के सदुपयोग में अधिसंख्य सांसद या तो उदासीन रहे या फिर सांसद निधि अव्यवहारिक तरीके से खर्च हुई।

बिहार में अपेक्षाकृत कम पहुंच-पहचान वालों की तुलना में बड़े नाम वाले सांसद इस निधि के उपयोग में अधिक संकोची निकले। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के कोटे से सबसे कम राशि खर्च हुई है। रामकृपाल यादव, चिराग पासवान, डॉ. संजय जायसवाल, रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह आदि इसी कड़ी में हैं।

जिन सांसदों के हिस्से की राशि ठीक-ठाक खर्च हुई, उन्हें इस बार बेटिकट हो जाना पड़ा है। छेदी पासवान, महबूब अली कैसर, अजय निषाद, महबूब अली कैसर, पशुपति कुमार पारस, रमा देवी आदि उदाहरण हैं। यह हिसाब-किताब 17वीं लोकसभा का है।

सुनील कुमार को पिता के खाते की निधि भी मिली

पुनः निर्वाचित कुछ सांसदों के हिस्से में उनके पिछले कार्यकाल की भी राशि आई और उन्होंने जनहित में खर्च भी खूब किया। सारण के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी का नाम ले सकते हैं। पिता वैद्यनाथ प्रसाद के देहांत के बाद वाल्मीकिनगर के सांसद बने सुनील कुमार को पिता के खाते की निधि भी मिली।

आज से 30 वर्ष पहले (23 दिसंबर, 1993) तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजना की शुरुआत की थी। शुरुआती वर्षों में निधि के सदुपयोग को लेकर उत्साह रहा, जो कालांतर में कम हो गया। इस कारण सांसद निधि से अपेक्षा के अनुरूप स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण नहीं हो पा रहा।

नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट भी बताती है कि अनुशंसित परियोजनाओं में से 78 प्रतिशत वर्तमान परिसंपत्तियों में सुधार के लिए थीं। काम के प्रकार और उनकी संख्या के आधार पर बिहार में इस योजना की वस्तुस्थिति का सहज आकलन किया जा सकता है।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाले क्षेत्रों में परिसंपत्ति निर्माण पर क्रमश: 15 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत राशि खर्च करने की बाध्यता है। इसका शत प्रतिशत अनुपालन प्राय: कम ही होता है।

कुछ जरूरी फैक्ट्स
  • 05 लाख से बढ़ाकर प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये हुई सांसद निधि 1998-99 में। अब यह पांच करोड़ रुपये हो गई है। दो किस्तों में इस राशि का भुगतान होता है।
  • 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने सांसद निधि योजना को बरकरार रखने का निर्णय दिया। वर्ष 2000 से 2005 तक चार बार इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी।
  • 2020 से 2022 तक कोरोना के कारण दो वर्ष सांसद निधि स्थगित रही। इसके जरिये स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 79000 करोड़ रुपये जुटाए गए।
  • 93.55 प्रतिशत सांसद आवंटित राशि का पूर्णतया उपयोग नहीं किए 16वीं लोकसभा के दौरान। 15वीं लोकसभा में भी पांच हजार करोड़ रुपये पड़े रहे।
सांसद ब्याज-बकाया सहित कुल राशि व्यय राशि (लाख रुपये) राजीव प्रताप रूड़ी 3411.92 2512.68 कौशलेंद्र कुमार 2005.61 1797.42 महाबली सिंह 2357.38 1650.05 दिलेश्वर कामत 1722.93 1548.69 अशोक यादव 1714.58 1460.69 रामप्रीत मंडल 2043.93 1426.28 महबूब अली कैसर 1769.07 1422.55 छेदी पासवान 1879.29 1375.66 अजय मंडल 1728.44 853.51 दुलाल चंद गोस्वामी 1728.57 1338.68 वीणा देवी 1720.09 1293.94 पशुपति कु पारस 1859.91 1253.28 नित्यानंद राय 1910.80 1179.67 रमा देवी 1719.20 1130.60 ललन सिंह 1720.86 1083.35 संतोष कुमार 1721.51 1029.74 मो. जावेद 1726.25 907.39 प्रिंस राज 1725.65 981.68 प्रदीप कु. सिंह 1731.90 897.98 राधामोहन सिंह 2005.41 882.38 गिरधारी यादव 1715.69 875.09 अश्विनी चौबे 1722.89 861.15 आलोक कु. सुमन 1729.02 826.56 दिनेश चंद्र यादव 1730.12 822.60 कविता सिंह 1729.04 791.07 विजय मांझी 1728.82 790.39 सुनील कुमार 1727.05 756.17 रविशंकर प्रसाद 1708.56 726.07 सुनील कुमार पिंटू 1717.57 715.99 गिरिराज सिंह 1732.20 679.03 संजय जायसवाल 1723.49 615.31 चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी 1733.11 580.90 जनार्दन सिंह सिग्रिवाल 1720.69 508.92 चिराग पासवान 1720.29 474.02 सुशील कुमार सिंह 1730.66 423.82 गोपालजी ठाकुर 1736.35 374.54 रामकृपाल यादव 1719.63 221.22 चंदन सिंह 1719.76 185.94 राज कुमार सिंह 1731.98 95.64

आंकड़े मार्च 2024 तक

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Bihar Cyber Crime : साइबर ठगी में नंबर 1 है ये जिला, बिहार में चार साल में 399 करोड़ का लगा चूना

April 23, 2024 - 1:52pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cyber Fraud : बिहार में वर्ष 2020 से मार्च 2024 तक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी (साइबर ठगी) की 70 हजार 166 शिकायतें दर्ज की गई हैं।

इस दौरान करीब 399.18 करोड़ रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं, जिसमें 42.12 करोड़ की राशि को होल्ड कराया गया है।

यानी ठगी की 10.55 प्रतिशत राशि साइबर अपराधियों के पास जाने से पहले ही बैंकों से संपर्क कर खाते में ही रोक दी गई है।

साइबर अपराध के विरुद्ध कार्रवाई की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कार्रवाई के मामले में नालंदा जिला सबसे आगे हैं।

वहीं, पटना दूसरे, सहरसा तीसरे, औरंगाबाद चौथे और गोपालगंज पांचवें स्थान पर है। ईओयू ने साइबर अपराध के विरुद्ध कार्रवाई की गति बढ़ाने को लेकर इस साल जनवरी से मार्च तक नेशनल साइबर क्राइम रिकार्डिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की है। इसके आधार पर जिलों की रैंकिंग तय की गई है।

ठगी की राशि लौटाने में औरंगाबाद सबसे आगे

साइबर ठगों से बचाकर होल्ड कराई गई राशि को वापस पीड़ितों को लौटाने के मामले में औरंगाबाद सबसे आगे है। इसके बाद नालंदा दूसरे, लखीसराय तीसरे, जहानाबाद चौथे और अररिया पांचवें स्थान पर है।

प्राथमिकी दर्ज करने के मानक पर सारण पहले स्थान पर है। इसके बाद क्रमश: नालंदा, शेखपुरा, गोपालगंज और गया का प्रदर्शन बेहतर है।

वहीं, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के मामले में नालंदा का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। इसके बाद क्रमश: सीतामढ़ी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और औरंगाबाद का स्थान है।

जून में शुरू हुए थे 44 साइबर थाने

राज्य में साइबर अपराध की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिछले साल जून में सभी 40 पुलिस जिलों और चार रेल जिलाें में 44 साइबर पुलिस थानों की शुरुआत की गई थी।

साइबर अपराध से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सामान्य पुलिस थानों के साथ ही इन साइबर थानों में भी प्राथमिकी दर्ज करा सकता है।

इसके साथ ही पीड़ित महिलाओं और बच्चों को डाक एवं ई-मेल से भी प्राथमिकी दर्ज कराने की सुविधा दी गई है। साइबर अपराध से जुड़े कांडों पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी मासिक समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

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KK Pathak : इन विश्वविद्यालयों ने बढ़ाई केके पाठक की टेंशन, शिक्षा विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा; हाईकोर्ट तक पहुंची बात

April 23, 2024 - 1:39pm

दीनानाथ साहनी, पटना। चालीस दिनों से पैसे-पैसे के मोहताज हो चुके राज्य के विश्वविद्यालयों ने एकसाथ मिलकर शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिक्षा विभाग की मनमानी के विरुद्ध विश्वविद्यालयों ने संयुक्त रूप से आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

इसकी शुरूआत करते हुए विश्वविद्यालयों ने सभी बैंक खातों के संचालन पर शिक्षा विभाग की ओर से लगायी गयी रोक को हटाने के लिए पटना उच्च न्यायालय में अलग-अलग रिट याचिका दायर करना शुरू कर दिया है।

सबसे पहले मगध विश्वविद्यालय, बोधगया ने याचिका दायर कर राज्य के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, निदेशक और उपनिदेशक काे वादी बनाया है।साथ ही, सभी खातों के संचालन पर लगी रोक को हटाने की गुहार न्यायालय से लगायी है।

सैकड़ों पेंधनधारी अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे

इस संबंध में मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. समीर कुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा बैंक खातों पर लगायी गई रोक से शिक्षकों और कर्मचारियों को न वेतन दे रहे हैं और न ही पेंशनधारकों को राशि भुगतान कर पा रहे हैं। सैकड़ों पेंधनधारी अपनी गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं।

उन लोगों के लगातार फोन आ रहे हैं, लेकिन हम लाचार हैं। पैसे की निकासी नहीं होने से विश्वविद्यालयों में सभी वित्तीय कामकाज ठप पड़ गया है। तमाम प्रशासनिक, शैक्षणिक और परीक्षा से संबंधित अन्य कार्य नहीं हो रहे हैं।

यहां तक कि बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में विश्वविद्यालयों द्वारा न जीएसटी सरकार को चुकाया गया है और न ही आयकर रिटर्न भरा गया है। इसके कारण सभी विश्वविद्यालयों पर पेनाल्टी लगना तय है।

ऐसे में बाध्य होकर हमें पटना उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल करनी पड़ी है। हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि शिक्षकों, कर्मियों और पेंशनधारियों के हित में जल्द न्याय मिलेगा।

जेपी विश्वविद्यालय ने शिक्षा विभाग को किया आगाह

सभी खातों पर लगी रोक को हटाने को लेकर जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलसचिव प्रो.(डा.) रणजीत कुमार ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर आगाह किया है।

उन्होंने उच्च शिक्षा निदेशक डा.रेखा कुमारी को लिखे पत्र में विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन, कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक एवं वित्त अधिकारी के वेतन निकासी पर लगी रोक संबंधी आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

कुलसचिव ने कहा है कि राज्यपाल व कुलाधिपति के निर्देश पर बैठक में सम्मिलित नहीं होने पर वेतन स्थगित करने, अंकेक्षक दल भेजकर डराना-धमकाना व प्राथमिकी दर्ज कराने का एकपक्षीय आदेश निर्गत करना पूरी तरह से अवैध है।

विश्वविद्यालय अधिनियम व परिनियम की मनमानी व्याख्या कर पद व शक्ति के दुरूपयोग का भी मामला है। इसलिए शिक्षा विभाग द्वारा वेतन रोकने व खाताें के संचालन पर रोक संबंधी आदेश पूर्णतः अस्वीकार्य है। खाता संचालन पर रोक की वजह से परीक्षा व शैक्षणिक संबंधी कार्य बाधित हो गया है।

शिक्षकों, कर्मचारियों व पेंशनधारियों को होली और ईद जैसे पर्व पर भी वेतन नहीं दिया गया है। आयकर की कटौती नहीं होने से आयकर विभाग द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन पर अर्थदंड अधिरोपित किया जाना तय है। काम कराकर वेतन नहीं देना जीवन यापन के मूलभूत अधिकार का भी उल्लंघन है।

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BPSC Paper Leak: बीपीएससी पेपर लीक मामले के आरोपित उज्जैन से लाए गए पटना, EOU कल कोर्ट में करेगी पेश

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BPSC Paper Leak Case : उज्जैन से गिरफ्तार पांच आरोपित भेजे गए जेल, रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अपील करेगी EOU

April 23, 2024 - 11:58am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-3) के प्रश्न पत्र (पेपर) लीक कांड में उज्जैन (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार सभी पांच आरोपितों को सोमवार को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से कोर्ट के निर्देश के बाद सभी को तीन मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इनमें नालंदा (बिहारशरीफ) के नगरनौसा का शिव कुमार उर्फ डा. शिव कुमार उर्फ बिट्टू, प्रदीप कुमार, बल्ली उर्फ संदीप कुमार और करायपरशुराय (बिहारशरीफ) के तेज प्रकाश शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपितों में सौम्या कुमारी राजधानी पटना के कंकड़बाग मुहल्ले की रहने वाली है।

सूत्रों के अनुसार, आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की विशेष टीम द्वारा आरोपितों से अबतक हुई पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। ईओयू मंगलवार को सभी को रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय में अपील करेगी।

ईओयू के मुताबिक नगरनौसा (नालंदा) के शिव कुमार उर्फ डॉ. शिव कुमार उर्फ बिट्टू ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-3) प्रश्न पत्र लीक कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अंतरराज्यीय गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा

वह कई अन्य सरकारी संस्थानों की प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक व फर्जीवाड़ा के कांडों को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। शिव कुमार 2017 में नीट-यूजी के परीक्षा पत्र लीक कांड का भी अभियुक्त था।

इसी वर्ष उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड से भी इस गिरोह के तार जुड़े हुए पाए गए हैं। इस अंतरराज्यीय गिरोह का नेटवर्क यूपी-बिहार के साथ ही झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओडिशा सहित अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है।

पेपर लीक की कई घटनाओं को अंजाम दिया

पटना के पत्रकार नगर थाना में दर्ज एक कांड के आरोपित खगौल के शुभम मंडल के साथ मिल कर भी शिव ने पेपर लीक की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। बता दें कि शिक्षक नियुक्ति पेपर लीक मामले में ईओयू की विशेष टीम ने झारखंड के हजारीबाग में छापेमारी कर 268 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

इस संबंध में ईओयू थाने में 16 मार्च, 2024 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपितों से पूछताछ, सूचना संकलन और तकनीकी एवं वैज्ञानिक विश्लेषण के क्रम में इन सभी के मध्य प्रदेश के उज्जैन में होने की जानकारी सामने आई थी। जिसके बाद घेराबंदी कर उनको दबोच लिया गया था।

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'वह मेरे लिए अपील कर रहे हैं...', तेजस्वी यादव के बारे में NDA के नेता ने क्यों कह दिया ऐसा? सियासी हलचल तेज

April 23, 2024 - 11:13am

डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics In Hindi दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को है। इसको लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। तमाम नेता एक दूसरे को घेरने में जुट गए हैं। इस बीच, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने लोगों से कह दिया कि अगर आपको इंडी गठबंधन के राजद प्रत्याशी बीमा भारती (Bima Bharti) स्वीकार नहीं हैं तो आप एनडीए को जीता दीजिए, मगर तीसरे यानि पप्पू को कतई वोट मत दीजिए।

अप्रत्यक्ष रुप से उन्होंने पप्पू (Pappu Yadav) की हार के लिए भाजपा-जदयू की जीत भी स्वीकार करने को तैयार हो गए। तेजस्वी का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी छा गया है। इसपर भाजपा नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि अब महागठबंधन, तेजस्वी यादव अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी बात कही। 

#WATCH बेगुसराय, बिहार: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पूर्णिया में दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री व बेगुसराय से भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने कहा, "मैंने पहले भी कहा है कि अब महागठबंधन, तेजस्वी यादव अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं..." pic.twitter.com/Bp90uxeEzI

— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2024 अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं- गिरिराज सिंह

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है, वह मेरे लिए अपील कर रहे हैं, तेजस्वी यादव अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं। बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने भी पूर्णिया के रौटा बाजार स्थित धर्म कांटा मैदान में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित किया।  

तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए ओवेसी ने कहा कि वे एम-वाई (मुस्लिम और यादव) के समर्थन की बात कर रहे हैं। लेकिन जब टिकट वितरण की बात आती है तो वे मुसलमानों को नजरअंदाज कर देते हैं। अपनी पार्टी के उम्मीदवार अख्तरुल इमान के लिए वोट मांगने के दौरान ओवैसी ने इस सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस और जदयू प्रत्याशियों को सार्वजनिक रूप से चुनौती दी।

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