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Bihar Politics:अशोक चौधरी ने अल्पसंख्यकों पर खेला दांव, उधर कांग्रेस ने पूछ लिए चुभने वाले सवाल; सियासत तेज
राज्य ब्यूरो, पटना। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए कई दूरगामी व प्रभावशाली कदम उठाए हैं।
इन प्रयासों से न केवल अल्पसंख्यक समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद की है, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास और सामाजिक समरसता को भी मजबूत किया है।ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्रों में प्रभावशाली कार्य किए हैं।
शिक्षा के क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत मैट्रिक पास करने वाले दो लाख छात्रों को दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। स्नातक व परास्नातक स्तर के 1.5 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में 500 से अधिक स्कूलों का उन्नयन किया गया है।
ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि रोजगार और कौशल विकास के लिए सरकार ने 30 नए आइटीआइ स्थापित किए हैं। इसके माध्यम से 50 हजार से अधिक युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण मिला।
मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना के तहत 2023-24 में 200 करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण वितरित किए गए। वहीं 50 हजार महिलाओं को स्वरोजगार व प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी गई।
कांग्रेस ने बोला हमलादूसरी ओर, बिहार कांग्रेस ने कहा है कि जदयू नेता जो दावा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के हितों में काम किया है वह दावा सरासर झूठा है।
कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट और पूर्व विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि मंत्री अशोक चौधरी, संजय झा पहले यह बताएं कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कौन कौन से काम भाजपा-जदयू सरकार ने किए।
कांग्रेस ने पूछा सवाल- उन्होंने पूछा कि क्या यह सच नहीं कि किशनगंज में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ब्रांच खोलने का निर्णय लिया, लेकिन 11 साल गुजरने के बावजूद अभी तक सरकार की शिथिलता के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
- उन्होंने अशोक चौधरी और पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष संजय झा के अल्पसंख्यकों के कल्याण संबंधी दावों को निराधार बताया और कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण का बजट घटा कर मात्र 700 करोड़ कर दिया है, जबकि इसकी तुलना में कांग्रेस शासित छोटे राज्य तेलंगाना का इस मद में 4200 करोड़ का बजट है।
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बिहार में 60 हजार से अधिक शिक्षकों को चाहिए ट्रांसफर, शिक्षा विभाग तक पहुंचा आवेदन; सामने आई बड़ी वजह
राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष समस्या के कारण स्थानातंरण के लिए इच्छुक 60,205 शिक्षकों ने दस दिनों में आवेदन किया है। इनमें सर्वाधिक 50,293 ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने घर से दूरी होने के कारण स्थानातंरण हेतु आवेदन किया है।
5,500 शिक्षकों ने पति या पत्नी के पदस्थापन को आधार बनाकर आवेदन दिया है ताकि दंपत्ति शिक्षकों की नई पोस्टिंग समीप में हो सके।
शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी विद्यालयों (प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक) में कार्यरत ऐसे शिक्षक/शिक्षिका, जो विशेष समस्या के कारण स्थानांतरण के लिए इच्छुक हैं, उनके ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 15 दिसंबर मांगा है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक दस दिसंबर तक गंभीर बीमारी से ग्रसित 290 शिक्षक, कैंसर से ग्रसित 271 शिक्षक, दिव्यांगता, आटिज्म और मानसिक बीमारी 481 शिक्षक, 416 विधवा और परित्यक्ता शिक्षक के आवेदन स्थानातंरण के लिए प्राप्त हुए हैं।
बीपीएससी प्रधान शिक्षकों के लिए प्रमाण पत्रों की हुई जांच- समस्तीपुर में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रधान शिक्षक परीक्षा में सफल शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया सोमवार से राम निरीक्षण आत्मा राम महाविद्यालय में शुरू हो गई।
- काउंसिलिंग सुबह 9 बजे से शुरू हुई। महाविद्यालय में सुबह 8 बजे से ही शिक्षकों के पहुंचने का सिलसिला जारी हो गया।
- महाविद्यालय के हाल में पांच काउंटर बनाए गए थे। इस पर शिक्षकों को लाइन में लगाकर काउंसलिंग कराई गई। पहले दिन 350 में 326 शिक्षकों की काउंसिलिंग हुई। जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता स्वयं मानिटरिंग कर रहे थे।
- काउंसिलिंग कार्य के सफल संचालन के लिए नोडल पदाधिकारी के रूप में तैनात जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) कुमार सत्यम मुस्तैद रहे। डीईओ ने बताया कि सोमवार से काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू हुई।
- काउंटर पर पहुंचने से पहले बायोमिट्रिक के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति बनाई गई। शिक्षकों को निर्धारित स्लाट के आधार पर काउंटर पर भेजा जा रहा था।
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियुक्ति में सफल हुए अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग के लिए प्रमाण पत्रों की जांच की गई।
इससे पहले शिक्षकों की थंब इंप्रेशन हुई। शिक्षकों की पहचान उनके आधार कार्ड, थंब इंप्रेशन और फोटो से की गई। इसके बाद स्लाट के अनुसार काउंटर पर आनलाइन उपस्थिति ली गई। प्रमाण पत्र की जांच के उपरांत मोबाइल पर ओटीपी भेजा गया। इससे अभ्यर्थी की पहचान कर काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हुई।
सुबह से मौजूद रहे अधिकारी, दोपहर बाद दिखी अव्यवस्थाकाउंसिलिंग स्थल पर प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन कराने पहुंचे शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। शिक्षा विभाग के अधिकारी सुबह से ही काउंसिलिंग प्रक्रिया में मौजूद रहे। नाम नहीं छापने की शर्त पर महिला शिक्षिका ने बताया कि आधार वेरीफिकेशन में काफी समय लगाया गया। ऑपरेटर बार-बार जगह बदल रहा था। इसको लेकर काफी देर तक लाइन में लगे रहना पड़ा।
काउंसलिंग में इन प्रमाण पत्रों की हुई जांचअभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान बीपीएससी की प्रधान शिक्षक नियुक्ति परीक्षा 2024 के एडमिट कार्ड की ओरिजनल और सेल्फ अटेस्टेड कापी, आधार कार्ड की ओरिजनल और कापी, सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों और आयोग के वेबसाइट पर अपलोड प्रमाण पत्रों की कापी होना आवश्यक है।
वेबसाइट से अपलोड प्रमाण पत्र जिसमें बीपीएससी का वाटरमार्क लगा हो यह भी लाना जरूरी है। दूसरी तरफ, जिला शिक्षा अधिकारी की तरफ से जारी आठ सालों का शिक्षण अनुभव का प्रमाण पत्र, परीक्षा के समय दी गई तस्वीर की तीन पासपोर्ट साइज कापी, पैन कार्ड की सेल्फ अटेस्टेड कापी लेकर आना है।
बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए तैनात रहे कर्मीप्रधान शिक्षक पद की काउंसलिंग हेतु उपस्थिति दर्ज करने के लिए डाटा इंट्री आपरेटर शिव कुमार, सत्यापन कार्य हेतु प्रखंड साधनसेवी (मध्याह्न भोजन योजना) सरायरंजन गांधी राय एवं नोडल पर्यवेक्षक के रूप में उजियारपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नागेंद्र कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है।
बायोमेट्रिक और आधार सत्यापन के लिए सरायरंजन डाटा इंट्री आपरेटर आदित्य कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना कार्यक्रम सहायक मो. शफीक और नोडल पर्यवेक्षक जिला परियोजना प्रबंधक नीलमणि कुमार को तैनात किया गया है।
प्रत्येक काउंटर के स्लाट में 14 शिक्षक थे आवंटित- काउंसिलिंग स्थल पर पांच काउंटर बनाया गया था।
- प्रत्येक काउंटर पर पांच टाइम स्लाट निर्धारित किया गया था।
- इसमें प्रत्येक स्लाट में 14 शिक्षक की उपस्थिति के लिए सूची जारी की गई थी।
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BPSC 70th Exam: किस सेट से होगी 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा? आयोग ने निकाली गजब की स्कीम
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (BPSC 70th Exam) 13 दिसंबर को होगी। इसके लिए लगभग सभी जिलों में 912 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर परीक्षा के लिए चार लाख 80 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं। चार सेट में प्रश्न पत्र प्रकाशित किए गए हैं। यह प्रश्न पत्र भी अलग-अलग राज्यों से प्रिंट होकर आते हैं। ऐसे में किसी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश भी नहीं है। इसमें किस सेट से परीक्षा आयोजित होंगे।
यह परीक्षा आरंभ होने के तीन घंटे पूर्व आयोग में लॉटरी कर सभी डीएम को बताया जाएगा। ये बातें सोमवार को बीपीएससी चेयरमैन परमार रवि मनुभाई ने कहीं। वह संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।
सुरक्षा दृष्टिकोणउन्होंने कहा कि आयोग सुरक्षा दृष्टिकोण से यह फॉर्मूला बीते कई परीक्षाओं से उपयोग कर रहा है। हर परीक्षा में कई प्रश्न पत्र सेट का उपयोग होता रहा है। इसमें एक सेट अंतिम समय में तीन घंटे पूर्व बताया जाता है। ढाई घंटे पूर्व से अभ्यर्थियों का प्रवेश भी परीक्षा केंद्रों में होने लगती है।
उन्होंने बताया कि कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर तीन स्तर की जांच व्यवस्था जारी रहेगी। इसके तहत 25 हजार सीसीटीवी का उपयोग किया जा रहा है। सभी केंद्रों पर जैमर लगे रहेंगे। इसके अतिरिक्त सभी अभ्यर्थियों के बायोमीट्रिक व आइरिस की भी जांच होगी। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थी अपना फोटोयुक्त पहचान पत्र लेकर भी आएंगे। इससे भी उनकी जांच होगी।
अफवाह फैलाने वाले इंटरनेट मीडिया की हुई पहचानआयोग के चेयरमैन (BPSC Chairman) ने बताया कि बीते कुछ दिनों में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से परीक्षा के संदर्भ में कुछ अफवाह फैलाने की कोशिश हुई। इन सभी की पहचान कर आयोग आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि अफवाह के कारण काफी अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है, इसे आयोग ने गंभीरता से लिया है।
आज से विभिन्न चरणों में आएंगे शिक्षक परिणामचेयरमैन ने बताया कि मंगलवार से विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम आने है। इसमें मंगलवार को कृषि विभाग के परिणाम आने के साथ शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के परिणाम संभावित है। यह परिणाम कई चरण में आएंगे। इसकी शुरुआत मंगलवार से होगी।
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Nitish Government: जिन ईंट-भट्ठों के पास सीटीई-सीटीओ नहीं वे होंगे बंद, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की सीमा में संचालित ईंट-भट्ठों की अनियमितता को देखते हुए सरकार सख्त हो गई है। समीक्षा बैठक में सरकार के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि सैकड़ों ईंट-भट्ठे ऐसे हैं जो समय पर टैक्स नहीं देते। अनेक ऐसे भी हैं, जिनके पास इन्हें स्थापित करने और संचालित करने की अनुमति भी नहीं।
बावजूद प्रदेश की सीमा में चल रहे हैं। जिसे देखते हुए सरकार ने भट्ठों को चिह्नित करते हुए उन्हें बंद करने के निर्देश दिए हैं।
समीक्षा बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चाखान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में पिछले दिनों विभाग की समीक्षा बैठक में ईंट भट्ठों की समीक्षा के क्रम में नीलाम वाद से लेकर, भट्ठों पर बकाया राशि, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से जारी होने वाले सीटीई (कंसेंट टू स्टैब्लिस्ट) और सीटीओ (कंसेंट टू आपरेट) समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई।
जिसके बाद खनिज विकास पदाधिकारियों को नियमित ईंट-भट्ठों के निरीक्षण के साथ ही बकाया राशि का आकलन और वसूली, राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए गए।
ऐसे ईंट-भट्टों को किया जाएगा बंदइसी क्रम में यह निर्देश भी दिए गए हैं कि जिन ईंट-भट्ठों के पास सीटीई (कंसेंट टू स्टैब्लिस्ट) और सीटीओ (कंसेंट टू ऑपरेट) अनुमति नहीं वैसे भट्ठों को चिह्नित करते हुए उन्हें बंद किया जाए और इसकी रिपोर्ट मासिक रूप से सरकार को मुहैया कराई जाए। बता दें कि प्रदेश में साढ़े छह हजार से अधिक भट्ठे संचालित हैं। जिनमें से सैकड़ों पर अनियमितता कर संचालित करने के आरोप हैं।
खान एवं भू-तत्व विभाग का पटना अंचल राजस्व संग्रह में अग्रणीखान एवं भू-तत्व विभाग ने नवंबर के लिए वित्त विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 175 करोड़ के विरूद्ध 134.85 करोड़ का अधिक राजस्व संग्रह करते हुए कुल 309.85 करोड़ का राजस्व संग्रह किया है। इस मामले में पटना अंचल टाप पर रहा। पटना अंचल ने इस अवधि में 186.74 करोड़ का राजस्व संग्रह किया। भवन निर्माण विभाग ने सोमवार को राजस्व संग्रह की मासिक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार पटना अंचल के बाद दूसरे नंबर पर मगध अंचल रहा। मगध से 64.07 करोड़, मुंगेर से 15.30 करोड़, तिरहुत अंचल से 14.63 करोड़, दरभंगा से 7.74 करोड़, पूर्णिया से 7.53 करोड़, सारण से 5.42 करोड़ और जबकि कोसी से 4.28 करोड़ और भागलपुर अंचल से 4.11 करोड़ का राजस्व संग्रह प्राप्त किया गया।
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बिहार में महाजाम: 10 KM आने में लगे 24 घंटे, पुलिस-प्रशासन बीते 48 घंटे से नहीं दिला पाया राहत, तस्वीरें दे रहीं गवाही
संवाद सूत्र, बिहटा (पटना)। बिहटा-शाहाबाद से लेकर उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली लाइफलाइन बिहटा इन दिनों जाम के लिए काफी चर्चित हो गई है।
असल में हाल ऐसा है कि बीते 48 घंटे से लग रहे इस महाजाम से राहत दिलाने में खुद पुलिस-प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है।
कहां और कब लगा महाजाममहाजाम कोईलवर-बिहटा मार्ग पर लगा है। सोमवार को दोपहर 12 बजे कोईलवर व बिहटा थाना की पुलिस के सहयोग से छोटे वाहनों को लेखनटोला, मोदही के रास्ते बिहटा भेजा गया। जबकि ट्रक, देर शाम तक जहां थे, वहीं रुके रहे।
बिहटा में लगातार हो रहे जाम के कारण नित्यदिन आमजन परेशान हो रहे हैं। मार्ग से गुजरने वालों के अनुसार, पटना की दूरी तय करने में दस मिनट लगते हैं।
परंतु महाजाम के कारण दो घंटे से अधिक समय लग रहा है। स्कूल वैन, एम्बुलेंस और शव वाहन भी जाम में फंसे नजर आ रहे हैं। कई बरातियों और दूल्हे की गाड़ी भी घंटों फंसी रहीं।
क्यों लग रहा जामबताते चलें कि सुबह होते ही पटना, भोजपुर और अरवल समेत विभिन्न इलाकों से गाड़ियां बिहटा में आना शुरू हो जाती हैं। जहां दिन की शुरुआत से लेकर देर शाम होते-होते बिहटा के मुख्य सड़क हो या लिंक रोड के साथ सभी सड़कें जाम से कराहने लगती हैं।
बीते रविवार से ही बिहटा-कनपा, बिहटा-बिक्रम, बिहटा-दानापुर, बिहटा-मनेर, बिहटा-सरमेरा रोड में करीब 20 किलोमीटर ऊपर तक बालू लदे ट्रक, हाइवा, ट्रैक्टर के अलावा चार और तीन पहिया वाहन खड़े रहे।
कई वाहन चालकों ने बताया कि छपरा जाने वाली सड़क पर परिचालन नहीं हो रहा है, इस वजह से जाम से फंसे हैं।
कनपा के जनपरा बालू घाट से आ रहे ट्रक चालकों ने बताया कि रविवार सुबह पांच बजे से चले हैं, 10 किलोमीटर आने में 24 घंटे लग गया।
स्कूल के बच्चों को परेशानीवहीं, एक स्कूल के वाहन चालक ने बताया कि बच्चों को लेकर जैसे ही सड़क पर पहुंचे, घंटाभर बीतने के बाद बच्चों को लेकर वापस आ गये। कोईलवर-आरा और बबुरा का ट्रैफिक जाम बढ़ते-बढ़ते सोमवार की सुबह होते ही परेव से लेकर शिवाला मोड़ तक पहुंच गया।
वहीं, पतूत रोड, बिक्रम रोड, मनेर रोड समेत बिहटा के तमाम लिंक रोड पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी। इसके बाद बिहटा थाना के सभी पुलिसकर्मी सड़क पर उतरकर घंटों जाम में फंसे वाहनों की दिशा परिवर्तित कराने के बाद भी महाजाम से निजात नहीं दिला पाए हैं।
क्या है महाजाम का ताजा हालमहाजाम की कई तस्वीरें सामने आई हैं। इनको देखकर जाम के हालात के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। कोईलवर पुल पर एक के पीछे एक खड़े ट्रकों की लंबी कतार को दूर से देखा जा सकता है।
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Bihar Politics: ' नीतीश आंख सेंकने जा रहे हैं...', महिला संवाद यात्रा पर बोले लालू यादव, BJP-JDU हुई हमलावर
एएनआई, पटना। Bihar Political News Hindi: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार वहां आंख सेंकने जा रहे हैं। वे वहां सिर्फ आंख सेकेंगे, जाने दीजिए उनको।
जब पत्रकारों ने लालू से पूछा कि नीतीश कुमार 2025 के विधानसभा चुनाव में 225 सीटें लाने का दावा कर रहे हैं तो इसपर उन्होंने कहा कि पहले उनको आंख सेंकने बोलिए फिर सरकार बनाने के बारे में सोचेंगे। वहीं लालू के इस बयान पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। जेडीयू और बीजेपी हमलावर हो गई है।
लालू की 7 बेटियां फिर भी...: अशोक चौधरीवहीं इस मामले पर बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लालू यादव जैसे व्यक्ति द्वारा ऐसी भाषा का इस्तेमाल बिहार की गरिमा पर हमला है। इससे पता चलता है कि उनमें कितनी ईर्ष्या भरी पड़ी है। लालू यादव की खुद 7 बेटियां हैं, राजद में इतनी महिला नेता हैं, क्या उन्हें ऐसी मानसिकता शोभा देती है?
आधी आबादी के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना राजनीतिक दिवालियापन का संकेत है। उन्हें देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर बोला हमलावहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी लालू यादव पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पहले तो लगता था कि लालू जी शारीरिक रूप से ही सिर्फ बीमार हैं, लेकिन अब वो मानसिक रूप से भी बीमार हो गए हैं। उन्हें कोइलवर में इलाज की आवश्यकता है। नीतीश कुमार जी के खिलाफ उनका बयान अत्यंत ही घृणित और शर्मनाक है।
बीजेपी नेता प्रभाकर मिश्रा ने नाराजगी जताईबीजेपी नेता प्रभाकर मिश्रा ने भी लालू के इस बयान पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने ओछी टिप्पणी की है। उनके पार्टी के लोग आंख सेंकने कहां-कहां जाते थे? अगर राज खुल जाए तो बहुत लोग नंगे हो जाएंगे। महिलाओं के साथ भद्दा मजाक किया है लालू ने। अपने उम्र का ख्याल रखें लालू यादव।
नीतीश कुमार निकाल रहे महिला संवाद यात्राबता दें कि सीएम नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा पर 226 करोड़ रुपये खर्च होने जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के लिए किए गए काम को गिनवाना है। सीएम नीतीश कुमार राज्यभर की महिलाओं से संवाद करेंगे। बता दें कि नीतीश कुमार की महिला वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है।
Lalu Yadav: 'कांग्रेस के बोलने का कोई मतलब नहीं है', लालू ने I.N.D.I.A के नेता के लिए ममता का किया समर्थन
एएनआई, पटना। Bihar Political News Today: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आईएनडीआईए के नेतृत्व के लिए ममता बनर्जी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। हम ममता बनर्जी का समर्थन करेंगे। ममता बनर्जी को (आईएनडीआईए ब्लॉक) का नेतृत्व दिया जाना चाहिए। हम 2025 में फिर से सरकार बनाएंगे।
नीतीश आंख सेंकने जा रहे हैं: लालू यादवलालू यादव से जब पूछा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर जा रहे हैं तो इसपर जवाब देते हुए लालू यादव ने कहा कि वह यात्रा पर नहीं जा रहे हैं। वह आंक सेकने जा रहे हैं। वहीं लालू यादव ने 2025 में चुनाव जीतने का दावा भी कर दिया।
#WATCH | Patna: Former Bihar CM and RJD chief Lalu Yadav says, "... Congress's objection means nothing. We will support Mamata... Mamata Banerjee should be given the leadership (of the INDIA Bloc)... We will form the government again in 2025..." pic.twitter.com/lFjXGkKrPm
— ANI (@ANI) December 10, 2024शरद पवार ने भी किया था ममता बनर्जी का समर्थनबता दें कि शरद पवार ने भी ममता बनर्जी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि हां, निश्चित रूप से (वह गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं), वह इस देश की एक प्रमुख नेता हैं। उनमें वह क्षमता है। संसद में उनके द्वारा चुने गए नेता जिम्मेदार, कर्तव्यनिष्ठ और जागरूक लोग हैं। इसलिए उन्हें ऐसा कहने का अधिकार है।
ममता ने आईएनडीआईए गठबंधन के प्रबंधन पर जताई थी आपत्तिशुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने गठबंधन के नेतृत्व और समन्वय को लेकर निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसका प्रबंधन करना उन लोगों पर निर्भर है जो इसका नेतृत्व कर रहे हैं। अगर वे इसे नहीं चला सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस यही कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
आईएनडीआईए गठबंधन की प्रमुख बातें- आईएनडीआईए गठबंधन का गठन लोकसभा चुनाव से पहले किया गया था
- आईएनडीआईए गठबंधन का अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बनाय गया था
- इस गठबंधन को बनाने के लिए बिहार से बैठक शुरू हुई थी
- इसका सुझाव तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दिया था
- इस गठबंधन की रूप रेखा तय करने के लिए चार बैठकें की गई थी
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Bihar News: बिहार के 10 शहरों में एयरपोर्ट को लेकर नया अपडेट आया सामने, नागर विमानन मंत्रालय ने बताया प्लान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: राज्यसभा सदस्य डा. भीम सिंह के प्रश्न पर नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि राज्य के दस शहरों में उड़ान 5.2 योजना के तहत हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव है। बिहार के वीरपुर, महरमा, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबनी एवं छपरा में हवाई अड्डों पर छोटे विमान प्रचालन का प्रस्ताव है।
इन शहरों के लिए बोलियां प्राप्त हुई हैं। डा. सिंह के सोमवार को राज्यसभा में पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में विभागीय मंत्री ने बताया कि इन हवाई अड्डों पर 20 से कम सीटों वाले विमानों के बोलियां प्राप्त हुई हैं। बिहार सरकार से इन हवाईअड्डों के विकास के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में सहमति और पुष्टि प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया है कि 'उड़े देश का आम नागरिक योजना' के तहत बोली प्रक्रिया के दूसरे चरण में दरभंगा हवाई अड्डे के विकास के लिए पहचान की गई थी। ''उड़ान'' योजना के तहत आठ नवंबर 2020 को हवाईअड्डे को प्रचालनरत कर दिया गया है।
पैसेंजर टर्मिनल भवन समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी- बिहार में 10 एयरपोर्ट निर्माण का खाका तैयार कर लिया गया है। इसके तहत पैसेंजर टर्मिनल भवन समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- इसे लेकर पूर्व में नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मुख्य सचिव, बिहार सरकार को पत्र भेजकर अवगत कराया गया था।
- मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने हवाई अड्डा के भूमि से संबंधित अपडेट रिपोर्ट देने का अनुरोध किया था, ताकि छोटे-छोटे विमानों की उड़ान (टूबी और थ्री सी कैटेगरी) को लेकर हवाई अड्डे को विकसित किया जा सके।
- इसे लेकर नि:शुल्क भूमि की उपलब्धता से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई थी। कहा गया था कि हवाई अड्डों के उन्नयन और विकास को लेकर सभी तरह के बोझ से मुक्त हो, जिसमें सुरक्षा, अग्निशमन सेवाएं, मेट्रोलॉजिकल सेवाएं और संचालन एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी शामिल है।
- गया एयरपोर्ट: यह बिहार का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो गया शहर में स्थित है। यह एयरपोर्ट विश्व धरोहर स्थल बोधगया के निकट है ।
- जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: यह पटना में स्थित है और बिहार का एक प्रमुख घरेलू एयरपोर्ट है।
- दरभंगा एयरपोर्ट: यह दरभंगा में स्थित है और एक घरेलू एयरपोर्ट है । यहां से मिथिलांचल के लोगों को सुविधा मिलती है।
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जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: प्रदेश का मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। राजधानी पटना में सोमवार को दिनभर बादल छाए रहे। गया, गोपालगंज में हल्की फूहारें भी पड़ीं। गया में 2.2, गोपालगंज के कुचायकोट में 1.6, सिवान के हुसैनगंज में एक मिलीमीटर वर्षा हुई। राज्य के शेष भाग में कोहरे का प्रभाव रहा।
11 दिसंबर में बदलेगा मौसम का मिजाज11 दिसंबर से राज्य में मौसम में फिर बदलाव के संकेत हैं। न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है। बक्सर एवं जीरादेई राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। वहां पर अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं, सहरसा के अगवानपुर राज्य का सबसे ठंडा स्थान रिकार्ड किया गया, वहां पर न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
वहीं, राजधानी में अधिकतम तापमान 25.8 एवं न्यूनतम तापमान 16.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बादल छाने के कारण ही न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। आकाश साफ होने के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट आने की उम्मीद की जा रही है। राजधानी की हवा में 71 प्रतिशत आर्द्रता रिकार्ड किया गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि राजधानी के मौसम में उतार-चढ़ाव अभी जारी रहेगा।
गया में मौसम का मिजाज- सोमवार की सुबह गया में आसमान बादल से ढका था। तेज हवा चलने से जिले में ठंड बढ़ गई है। पटना स्थित मौसम विभाग के पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार पटेल ने कहा कि पश्चिम विक्षोभ के कारण जिले में हल्की वर्षा हुई है।
- लेकिन दस बजे के बाद बादल से ढके आसमान साफ हो गया। उसके बाद सूर्यदेव का दर्शन हुआ। धूप निकलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि वर्षा होने से न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी। इससे जिले में ठंड बढ़ेगी।
- रोहतास में सुबह में तेज पछुआ हवा बहने के कारण जिले में ठंड का प्रभाव बढ़ गया है। अगले एक सप्ताह तक तापमान में लगातार गिरावट आने की संभावना जताई जा रही है।
- इस दौरान आसमान में बादल छाए रहने व हल्की बारिश होने की भी संभावना है। सोमवार को जिले का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस आंका गया, लेकिन मंगलवार से तापमान में लगातार कमी आने की बात बताई जा रही है।
- नवादा में मौसम के मिजाज बिगड़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सोमवार को सुबह से ही घने कोहरे आसमान में छाए रहे। ऐसे में राह चलने में परेशानी हुई। सड़कों पर वाहन की रफ्तार धीमी रही।
- सुबह के आठ बजने के बाद धीरे धीरे कोहरे ने अपनी चादरें को सिमटना शुरू कर दिया,लेकिन भगवान भास्कर भी लुकाछिपी का खेल जारी रखें। ऐसे में तापमान में नमी बनी रही।
BPSC Counselling: प्रधानाध्यापक काउंसलिंग की तारीख बदली, विभाग ने जारी किया संशोधित शेड्यूल
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से उत्तीर्ण एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु अनुशंसित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की तिथि बदल गई है। अब इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 20-21 दिसंबर को होगी। काउंसलिंग के लिए सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक समय निर्धारित की गई है। पहले इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 12-13 दिसंबर को निर्धारित थी। इससे संबंधित संशोधित शिड्यूल शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी किया गया।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेन्द्र सिंह के आदेश के मुताबिक, बीपीएससी द्वारा प्रधानाध्यापक पद हेतु अनुशंसित राज्य के अन्दर के विद्यालयों में कार्यरत अभ्यर्थियों की काउंसलिंग यानी प्रमाण पत्रों का सत्यापन के लिए अपने वर्तमान पदस्थापन वाले जिले के प्रमंडलीय मुख्यालय के डीआरसीसी अथवा क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक/जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा चयनित स्थल पर किया जाएगा।
राज्य के बाहर सीबीएसई/आइसीएसई बोर्ड से संबद्धता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सत्यापन के लिए पटना प्रमंडल के मुख्यालय जिला पटना के डीआरसीसी अथवा क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक पटना/जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा चयनित स्थल पर किया जाएगा। सत्यापन के लिए तिथि एवं समय का निर्धारण मुख्यालय स्तर पर किया जाएगा।
पांच स्लॉट में होगी काउंसलिंगअभ्यर्थियों की सुविधा के लिए प्रत्येक दिन समयावधि को पांच स्लॉट में रखा गया है। पहला स्लॉट सुबह नौ बजे से 10:30 बजे तक, दूसरा स्लॉट 10:30 बजे से 12 बजे तक, तीसरा स्लॉट 12 बजे से 1:30 बजे तक, चौथा स्लॉट दो बजे से 3:30 बजे तक और पांचवां स्लॉट 3:30 बजे से पांच बजे तक का है।
किस अभ्यर्थी को किस स्लॉट/तिथि को सत्यापन हेतु उपस्थित होना है, इसका निर्धारण मुख्यालय स्तर से किया जाएगा तथा यह शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। साथ ही, इसकी सूचना संबंधित अभ्यर्थी को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। काउंसलिंग की तिथि का अनुशंसित अभ्यर्थियों की वरीयता से कोई संबंध नहीं है।
मोबाइल पर मिलेगी टाइम स्लॉट की सूचनासंबंधित अभ्यर्थी सत्यापन स्थल पर निर्धारित समय अनुसार पहुंच कर सत्यापन कराएंगे। सत्यापन के समय वही अभ्यर्थी उपस्थित होंगे, जिनका स्लॉट निर्धारित है। समय स्लॉट के अनुसार, काउंटर पर अभ्यर्थी का नाम खुलेगा। अभ्यर्थी अपने आधार कार्ड एवं इसके साथ रजिस्टर्ड मोबाइल के साथ आएंगे। जिस पर एसएमएस के माध्यम से टाइम स्लॉट की सूचना दी जाएगी। सत्यापन स्थल में प्रवेश का आधार यही होगा।
शिक्षक अभ्यर्थी एक दिन के लिए ऑफिशियल ड्यूटी पर माने जाएंगे। निर्धारित तिथि एवं समय के स्लॉट में स्थानीय स्तर पर कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
ये कागजात साथ लाना आवश्यक- बीपीएससी की प्रधानाध्यापक नियुक्ति परीक्षा, 2024 का मूल प्रवेश-पत्र एवं उसकी एक स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति-मूल आधार प्रमाण पत्र एवं उसकी स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति।
- सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की मूल एवं बीपीएससी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए प्रमाण पत्रों की डाऊनलोड प्रति, जिसमें बीपीएससी के वाटरमार्क परिलक्षित हो, की एक-एक स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति।
- दक्षता उत्तीर्णता प्रमाण-पत्र मूल एवं बीपीएससी से डाउनलोड वाटरमार्क प्रति की स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति।
- न्यूनतम शिक्षण अनुभव प्रमाण-पत्र जो बीपीएससी की वेबसाइट से डाऊनलोड वाटरमार्क प्रति की स्वअभिप्रमाणित छायाप्रति के साथ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से प्रतिहस्ताक्षरित मल अनुभव प्रमाण पत्र साथ लाएंगे।
- अनुमंडल पदाधिकारी/कार्यपालक दण्डाधिकारी द्वारा निर्गत प्रपत्र में इस आशय का शपथ पत्र कि सभी प्रमाण पत्र सही है तथा आपके विरूद्ध थाना में अथवा न्यायालय में कोई केस दर्ज नहीं है एवं आपका आचरण प्रतिकूल नहीं है।
Khan Sir News: खान ग्लोबल स्टडीज के X अकाउंट की जांच कर ही पुलिस, हेल्थ पर भी आया अपडेट
जागरण संवाददाता, पटना। खान ग्लोबल स्टडीज (Khan Global Studies) नामक एक्स हैंडल पर खान सर (Khan Sir News) की रिहाई की मांग करते हुए भड़काऊ पोस्ट करने वाले हैंडलर (पोस्ट लिखने वाले) के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच की जा रही है। तकनीकी अनुसंधान कर इस पोस्ट के पीछे मंशा क्या थी? कहां से पोस्ट किया गया था? पता किया जा रहा है।
इस मामले में सचिवालय थाने में पुलिस ने अपने बयान पर प्राथमिकी की है। सचिवालय एसडीपीओ (प्रथम) डा. अनु कुमारी ने बताया कि मामले में कई बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। इसके पूर्व पटना पुलिस पहले ही सफाई दे चुकी है कि खान सर को गिरफ्तार ही नहीं किया गया था। उनकी गिरफ्तारी का खंडन भी कर चुकी है।
आज डिस्चार्ज हो जाएंगे खान सर: डॉ. सतीश कुमारडॉ. प्रभात मेमोरियल हिरामती हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि खान सर के स्वास्थ्य में अब काफी सुधार है। सोमवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
शनिवार को सर्दी-खांसी व डिहाइड्रेशन के कारण उन्हें भर्ती किया गया था। पुलिस प्रशासन दो दिन में एक बार भी नहीं आया और न ही उन्हें पुलिस ने यहां भर्ती कराया था। वह खुद अस्पताल आए थे।
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BPSC की एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की तिथि बदलेगी? आयोग ने दिया अपडेट
जागरण टीम, पटना/आरा। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 13 दिसंबर (BPSC 70th Exam Date 13th December) को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित होगी।
आयोग ने कहा कि 23 सितंबर को विज्ञापन जारी हुआ और 28 सितंबर से ऑनलाइन आरंभ होकर 18 अक्टूबर तक आवेदन की मांग की गई थी, लेकिन अभ्यर्थियों के हित में इसे चार नवंबर तक विस्तारित किया गया था। इस अवधि में चार लाख 80 हजार आवेदन आए। इसमें अंतिम चार दिनों में एक लाख 30 हजार आवेदन आए।
बीपीएससी ने यह स्पष्टीकरण विभिन्न स्रोतों से सर्वर में खामी के कारण काफी संख्या में ऑनलाइन आवेदन होने की स्थिति में निर्धारित परीक्षा आयोजन की तिथि को विस्तार की मांग को लेकर दिया है।
'सर्वर में खामी की शिकायतें आधारहीन'परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि सर्वर में खामी संबंधित शिकायतें आधारहीन हैं। यूपीएससी व राज्य लोक सेवा आयोगों एवं अन्य परीक्षा संस्थानों द्वारा पूर्व निर्धारित परीक्षा तिथियों को ध्यान में रखते हुए तिथि निर्धारित की गई है। यह परीक्षा 13 दिसंबर को एकल पाली में दोपहर 12 से दो बजे तक होगी।
उन्होंने बताया, इसके लिए ई-एडमिट कार्ड में आवंटित परीक्षा केंद्र पर ससमय उपस्थित होकर परीक्षा में शामिल हों। इधर, कुछ अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर छूटे लोगों के लिए मौका देने तथा लाठीचार्ज में जख्मी लोगों के लिए अलग से मौका देने की मांग की।
आरा: बीपीएससी के फॉर्म भरने की तिथि घोषित करने की मांगपिछले दिनों पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ छात्र राजद वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय इकाई ने परिसर में प्रदर्शन किया। इस दरम्यान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन भी किया। जिला पार्षद सह युवा राजद प्रदेश महासचिव भीम यादव ने 70वीं बीपीएससी की तिथि को दोबारा घोषित करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि बीपीएससी परीक्षा के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की प्रथम तिथि 18 अक्टूबर तक निर्धारित की गई। बाद में इसकी तिथि चार नवम्बर तक बढ़ाई गई। जिसमें करीब 90 हजार छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरने के लिए पंजीयन कराया था, लेकिन आयोग द्वारा निर्धारित तिथि से पहले ही परीक्षा फॉर्म की साइट बंद कर दी गई।
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Patna News: छोटे शहरों का नहीं बनेगा क्लस्टर, निकाय अपने स्तर पर करेंगे कूड़ा उठाव की व्यवस्था
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के बड़े और छोटे शहरों-निकायों में कचरा प्रबंधन की अलग-अलग व्यवस्था होगी। अब सिर्फ पटना, मुजफ्फरपुर, गया जैसे कुछ बड़े शहरों में ही आसपास के छोटे निकायों को जोड़कर क्लस्टर बनाते हुए कचरा उठाव और प्रसंस्करण की व्यवस्था की जाएगी। बाकी अन्य सभी छोटे शहरी निकाय स्वतंत्र रूप से अपने स्तर से कूड़ा उठाव की व्यवस्था करेंगे।
एजेंसी के चयन के लिए होंगे स्वतंत्रइसके लिए शहरी निकाय कचरा प्रबंधन की एजेंसी चयन के लिए भी स्वतंत्र होंगे। नगर विकास एवं आवास विभाग जल्द ही इस संबंध में मार्गदर्शिका जारी करेगा।
विभागीय जानकारी के अनुसार, पहले एकीकृत ठोस कचरा प्रबंधन योजना के तहत बड़े शहरों के साथ आसपास के छोटे शहरों को मिलाकर क्लस्टर बनाया जाना था।
योजना में बदलाव- यहां कई शहरी निकायों का कचरा एक जगह जमाकर ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन एवं निस्तारण किया जाना था।
- इसके लिए अक्टूबर में राज्य में 24 क्लस्टर बनाकर 161 निकायों को इससे जोड़ने की योजना थी। शेष बच गए 100 निकायों को ही स्थानीय स्तर पर कचरा प्रबंधन करना था मगर अब इसमें बदलाव कर दिया गया है।
- छोटे शहरों में कम मात्रा में कचरा उत्पादन होने के चलते अब कुछ बड़े शहरी निकायों तक ही क्लस्टर योजना को सीमित कर दिया गया है।
विभागीय जानकारी के अनुसार, बड़े शहरी निकायों में क्लस्टर योजना के तहत जल्द एग्रीमेंट के साथ एमओयू होगा। योजना के तहत प्रसंस्करण में सूखे कचरे के प्रबंधन के लिए मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) अपनाया जाना है।
गीले कचरे के प्रबंधन के लिए बायोमिथेनेशन संयंत्र और कंपोस्ट प्लांट लगाए जाएंगे। इसके बाद भी जो कचरा बचेगा उसका वैज्ञानिक लैंडफिल विधि में इस्तेमाल होगा। पटना में कचरे की रिसाइक्लिंग के लिए 450 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
कचरा संग्रहण केंद्र के लिए मिलेंगे पांच करोड़वर्तमान में कई शहरी निकायों में कचरा संग्रहण के लिए जगह की कमी है। अभी कूड़ा सड़क किनारे ही फेंक दिया जाता है। अब इन शहरों में कचरे को एक जगह इकट्ठा किया जाएगा।
इसके लिए वहां कचरा संग्रहण केंद्र बनाए जाएंगे। नगर विकास विभाग इसके लिए जमीन खरीदने में मदद करेगा। शहरी निकायों को जमीन खरीदने के लिए आवश्यकतानुसार पांच करोड़ रुपये तक की राशि दी जाएगी।
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सिगरेट का धुआं उड़ाने वालों की मौज, दो दशक में ही 'कोटपा' की फूली सांस
दिल्ली-बिहार और हैदराबाद की 7 अहम ट्रेनें अगले कुछ दिनों तक कैंसिल, कुछ का रूट भी बदला; पढ़ें डिटेल
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जागरण संवाददाता, भागलपुर। सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट अधिनियम कोटपा 2003 की धारा चार के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को निषेध भले कर दिया गया, लेकिन इस कानून को अमल में लाने में घोर लापरवाही बरती जा रही है।
जबकि कोटपा कानून के तहत होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मॉल समेत अन्य सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करना, या तंबाकू उत्पाद बेचना दोनों अपराध की श्रेणी में लाए गए थे। उक्त कानून के अनुपालन की दिशा में पुलिस की कार्रवाई यदा-कदा ही आरंभ काल में दिखी।
2011 के बाद तो बंदी के कगार पर आ पहुंची। अब तो कोटपा अधिनियम की चर्चा मात्र से कई थानेदार मुंह बना भन्ना जाते। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि शराबियों को पकडूं या सिगरेट पीने वालों को ढूंढूं। 2011 के बाद से कोटपा अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने वालों के विरुद्ध होने वाली जुर्माना की कार्रवाई शहरी थानाक्षेत्र में भी बंद के कगार पर पहुंच गई।
जगह-जगह दिख रही सिगरेट पीने वालों की बेशर्मीअब जगह-जगह सिगरेट पीने वाले बेशर्मी से सिगरेट के धुएं का गुबार दूसरे पर भी उड़ाते निकल जाते हैं। टोबैको उत्पाद से नाता नहीं रखने वाले कुढ़ कर रह जाते हैं।
अभियान टांय-टांय फिस्सतंबाकू उत्पादों से नाता तोड़ने को बीते साल डीएम सुब्रत कुमार सेन, सिविल सर्जन डॉ. अंजना कुमारी, डीएसपी आदि की मौजूदगी में 21 अगस्त 2023 को कोटपा अधिनियम को लेकर जागरूकता के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी। जिला स्वास्थ्य समिति की तरफ से कोटपा अधिनियम को लेकर प्रशिक्षण भी दिया गया था।
उस दौरान धूम्रपान करने से टीबी रोग होने और टीबी से होने वाली मौत का आंकड़ा भी पेश किया गया था, लेकिन कोटपा अधिनियम के अनुपालन की दिशा में जिलाधिकारी और एसएसपी स्तर से सख्ती करने वाली कोई बात सामने अबतक नहीं आ सकी है।
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जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय रेलवे की ओर से प्रयागराज रामबाग रेल खण्ड के मध्य नॉन इंटरलॉकिंग कार्य करने के कारण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से कुछ ट्रेनों के परिचालन को रद कर दिया गया है। साथ ही कुछ ट्रेनों के मार्ग बदलकर चलाने का निर्णय लिया गया है।
- रेलवे की ओर से आनन्द विहार टर्मिनस से नौ से 11 दिसम्बर तक चलने वाली आनन्द विहार टर्मिनस-सीतामढ़ी एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।
- जयनगर से 10 दिसम्बर तक चलने वाली जयनगर-नई दिल्ली एक्सप्रेस रद रहेगी।
- नई दिल्ली से नौ एवं 11 दिसम्बर को चलने वाली नई दिल्ली-जयनगर एक्सप्रेस रद रहेगी।
- सिकन्दराबाद से 10 दिसम्बर तक चलने वाली सिकन्दराबाद-दानापुर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।
- दानापुर से 11 दिसम्बर तक चलने वाली दानापुर-सिकन्दराबाद एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।
- उधना से 10 दिसम्बर को चलाई जाने वाली उधना-दानापुर एक्सप्रेस को भी रद कर दिया गया है।
- दानापुर से 11 दिसम्बर को चलने वाली दानापुर-उधना एक्सप्रेस को भी रद कर दिया गया है।
पटना जं. से 10 दिसम्बर को चलने वाली पटना जं.-अहमदाबाद एक्सप्रेस बदले हुए मार्ग पं. दीनदयाल उपाध्याय जं-मिर्जापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। इस गाड़ी का ठहराव काशी, वाराणसी, ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रहेगा।
पटना जं. से 10 दिसम्बर को चलने वाली पटना जं.-एर्नाकूलम एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग पं. दीनदयाल उपाध्याय जं-मिर्जापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। इस गाड़ी का ठहराव वाराणसी, ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रहेगा।
लोकमान्य -जयनगर एक्सप्रेस के मार्ग में किया गया परिवर्तनलोकमान्य तिलक टर्मिनल से नौ एवं 10 दिसम्बर को चलने वाली लोकमान्य तिलक टर्मिनल-जयनगर एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-बनारस-औंड़िहार के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्जापुर-वाराणसी-जौनपुर-औंड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी।
इस गाड़ी का ठहराव नैनी जं., प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग, ज्ञानपुर रोड, वाराणसी, वाराणसी सिटी, सारनाथ स्टेशनों पर नहीं होगा। जयनगर से सोमवार को खुलने वाली जयनगर-लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग औंड़िहार-वाराणसी-बनारस-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-जौनपुर-वाराणसी-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
इस गाड़ी का ठहराव सारनाथ, वाराणसी सिटी, वाराणसी, ज्ञानपुर, प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग एवं नैनी जं.स्टेशनों पर नहीं होगा।
लग्न के मौसम में ट्रेनों में बढ़ी भीड़, टिकट के लिए हो रही मारामारीत्योहारों का दौर समाप्त होने के साथ मांगलिक कार्यक्रमों का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में दूसरी जगह रहने वाले रिश्तेदारों का घरों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू है। ट्रेनों में लोगों की इन दिनों खूब भीड़ चल रही है। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई सहित तमाम लंबी दूरी से सिवान जंक्शन पर आने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ देखने को मिल रही है।
इस कारण लोगों को समय पर ट्रेनों में टिकट नहीं मिल रह है और वे यात्रा को लेकर परेशान भी दिख रहे हैं। आलम यह है कि यात्री कई दिनों के प्रयास के बाद भी कंफर्म टिकट नहीं पा रहे हैं। ऐसे में मजबूरन उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं आरक्षण टिकट लगभग सभी ट्रेनों में फुल है। कुल मिलाकर यात्री ऐन-केन-प्रकारेण अपना कर कार्यक्रमों में शामिल होने की फिराक में लगे हुए हैं। इस कारण ट्रेनों में थर्ड ऐसी हो या सेकंड सभी कोच में यात्रियों की भीड़ दिख रही है।
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CLAT 2025 Result OUT: सीएनएलयू में नामांकन के लिए क्लैट का जारी हुआ परिणाम, नमन ने बिहार में किया टॉप
जागरण संवाददाता, पटना। कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (सीएनएलयू) ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2025 का रिजल्ट (CLAT 2025 Result) जारी कर दिया है। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी रिजल्ट वेबसाइट consortiumofnlus.ac.in पर जाकर देख सकते हैं। यहां वह अपना स्कोरकार्ड भी चेक कर सकते हैं। परीक्षा एक दिसंबर को आयोजित हुई थी। इसके लिए बिहार में मुजफ्फरपुर व पटना में छह केंद्र बनाएं गए थे।
जानकारी के अनुसार, क्लैट में पटना के नमन ने ऑल इंडिया रैंक 60 प्राप्त कर बिहार टॉप किया है। उन्हें 96.50 अंक मिले हैं। दूसरा स्थान संस्थान के प्रियांक सिन्हा को प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त राज्य के अन्य अभ्यर्थियों में अनंता, प्रियांक, तुषित त्रिजल, अहाना, सुभ्रांशु, सर्वज्ञ, सारा, स्वराज, अंकित, उत्सव आकर्ष, रुद्रवीर, आयुषी, प्रकाश, तन्वी, सृष्टि आदि शामिल है।
बिहार से 70 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने हासिल की सफलता:क्लैट में शामिल होने के लिए बिहार से 4414 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, इसमें 4288 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। आंकड़ों के अनुसार इसमें से 70 प्रतिशत से अधिक अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है। यूजी (एलएलबी) के लिए 4026 परीक्षार्थियों को शामिल होना था, लेकिन परीक्षा में 3927 परीक्षार्थी शामिल हुए।
यूजी में सफलता का प्रतिशत 65 प्रतिशत रहा। वहीं, पीजी (एलएलएम) के लिए 388 परीक्षार्थियों को शामिल होना था, लेकिन परीक्षा में 361 परीक्षार्थी ही शामिल हुए। पीजी में सफलता का प्रतिशत लगभग 70 रहा। इस बार बिहार का रिजल्ट काफी बेहतर रहा है।
11 दिसंबर से रजिस्ट्रेशन:जो भी परीक्षार्थी इस परीक्षा में सफल हुए हैं वे काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 11 से 20 दिसंबर तक किया जाएगा। इस बार दो और नए एनएलयू शामिल हुए जो कि एनएलयू गोवा व प्रयागराज है।
देश में क्लैट के माध्यम से प्रवेश मिलने वाले एनएलयू कि संख्या इस बार 24 से बढ़कर 26 हो गयी हैं। इस बार 26 एनएलयूज के यूजी कोर्स में उपलब्ध लगभग 3650 सीटों पर नामांकन होगा।
महत्वपूर्ण तिथि:- क्लैट रिजल्ट: 10 दिसंबर
- नामांकन के लिए रजिस्ट्रेशन: 11 से 20 दिसंबर तक
- प्रथम मेरिट सूची का प्रकाशन: 26 दिसंबर
- फ्रीज और फ्लोट विकल्प के लिए पुष्टि शुल्क का भुगतान: 26 दिसंबर से चार जनवरी तक
- सेकेंड आवंटन लिस्ट जारी: 10 जनवरी
- फ्रीज और फ्लोट विकल्प के लिए पुष्टिशुल्क का भुगतान: 10 से 16 जनवरी
- थर्ड आवंटन लिस्ट जारी: 24 जनवरी
- फ्रीज और फ्लोट विकल्प के लिए पुष्टि शुल्क का भुगतान : 24 से 30 जनवरी
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Bihar Weather: पछुआ हवाओं से बढ़ी कनकनी, कोहरा भी करेगा परेशान; IMD ने जारी किया अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News: राज्य में पश्चिमोत्तर से आने वाली हवाओं का प्रभाव दिखाई देने लगा है। सुबह के समय प्रदेश में घने कोहरे की चादर नजर आती है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार, आज कई इलाकों में बारिश होने के आसार हैं, वहीं आने वाले 3-4 दिनों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी। बदलते मौसम की वजह से बीमारियों में भी इजाफा हो रहा है। अस्पतालों में सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं।
प्रदेश के प्रमुख शहरों के मौसम का हाल- पटना- राजधानी पटना में आज का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस बने रहने का अनुमान है।
- भागलपुर- भागलपुर में आज का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस बने रहने का अनुमान है।
- मुजफ्फरपुर- मुजफ्फरपुर में आज का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस बने रहने का अनुमान है।
पश्चिमी विक्षोभ के असर की वजह से आज प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के आसार हैं। इसके साथ ही कुछ जगहों पर बादल छाए रहेंगे। वहीं सुबह के समय घने कोहरे की चादर नजर आएगी।
डेहरी रहा सबसे ठंडाप्रदेश में ठंड में तेजी से इजाफा हो रहा है। रविवार को रोहतास का डेहरी सबसे ठंडा रहा। डेहरी का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री के करीब दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है।
ठंड के कारण बुखार के मरीजों में इजाफाठंड ने धीरे-धीरे पांव पसारना प्रारंभ कर दिया है। जहानाबाद जिले के तापमान में भी लगातार गिरावट देखी जा रही है। रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 26 डिग्री व न्यूनतम 15 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, सूर्य भगवान के दर्शन होने से लोगों को काफी राहत मिल रही है।
सुबह-शाम के समय सर्द हवा से कनकनी बढ़ जा रही है। वहीं इसकी वजह से बुखार से अधिक लोग ग्रसित हो रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक दिख रही है। अधिकांश बुखार, कोल्ड डायरिया, फ्लू, वायरल फीवर, सर्दी-खांसी आदि के मरीज आ रहे हैं। ठंड के कारण लोगों की दिनचर्या में बदलाव करना पड़ रहा है।
तड़के चार बजे सुबह घूमने वाले लोग भी अब छह बजे के बाद घूमने निकल रहे हैं। बुजुर्गों ने तो भ्रमण करना ही छोड़ दिया हैं। वे लोग दोपहर में घर से बाहर निकल रहे हैं। कड़ाके की ठंड की वजह से सुबह के समय घर से निकलने से बच रहे हैं।
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Bihar Politics: 'बिहार सरकार का विकास का दावा किताबी', नीतीश कुमार की यात्रा से पहले कांग्रेस का कड़ा प्रहार
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: बिहार कांग्रेस (Bihar Congress) ने राज्य सरकार के विकास के दावों को किताबी बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह (Dr. Akhilesh Prasad Singh) ने कहा कि बिहार में 20 वर्षों से नीतीश सरकार विकास के दावे कर रही है, लेकिन यह दावे खोखले हैं।
हकीकत कुछ और है। डा. सिंह रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में मीडिया से बात कर रहे थे।
बता दें कि कांग्रेस की ओर से यह प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के प्रदेश की यात्रा पर निकलने से पहले आई है। ऐसे में सियासी हलचल तेज हो गई है।
बिहार का प्रदर्शन देश में सबसे खराब: कांग्रेस- उन्होंने कहा कि कैग से आई स्वास्थ्य सेवाओं की वर्तमान रिपोर्ट और नीति आयोग की जुलाई में आई रिपोर्ट को आधार बनाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नीति आयोग के टिकाऊ विकास सूचकांक में बिहार का प्रदर्शन देश में सबसे खराब आंका गया।
- शिक्षा के मामले में बिहार सबसे निचले पायदान अर्थात् 36वें स्थान पर है। ग्रामीण साक्षरता दर और भी खराब है जो महज 43 प्रतिशत ही है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि कुल भेजी गई राशि का 31 प्रतिशत रकम बिहार ने खर्च ही नहीं किया।
- डब्ल्यूएचओ के तय मानकों के अनुसार यहां प्रति हजार की संख्या पर एक डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार करने की सुविधा में भी बिहार 26वें स्थान पर है और प्रति व्यक्ति आय में भी राष्ट्रीय औसत आय से बेहद कम है।
- चीनी उत्पादन के मामले में बिहार पहले 27 प्रतिशत योगदान देता था जो अब दो प्रतिशत रह गया है। साइबर मामले में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
बीपीएससी (BPSC) छात्रों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि नार्मलाइजेशन और सर्वर की समस्या से अभ्यर्थियों में ऊहापोह की स्थिति बना दी गई।
बता दें कि बीपीएससी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज का मुद्दा इस समय प्रदेश में गर्माया हुआ है। इसे लेकर विपक्षी दल लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनते हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का काम करेंगे।
संवाददाता सम्मेलन में राजेश राठौड़, ब्रजेश प्रसाद मुनन, निर्मल वर्मा, बंटी चौधरी, लालबाबू लाल, ज्ञान रंजन सहित अन्य नेतागण मौजूद रहे।
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Bihar Land Survey: बिहार में 'खास महाल' जमीन पर सरकार की नजर, सभी DM को दी 'एक्शन' की पावर
राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी और गैर-सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने के सरकारी अभियान में अब खास महाल की वैसी जमीन भी शामिल होगी, जिन पर अवैध कब्जा है।
खास महाल की जमीन के साथ आम शिकायत यह है कि लीज की शर्तों का पालन नहीं हो रहा है। इस जमीन के स्वामित्व परिवर्तन की शिकायतें भी आने लगी हैं। विभाग ऐसी शिकायतों की समीक्षा कर रहा है।
क्या कहते हैं नीतीश के मंत्री- राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने रविवार को बताया कि सरकार प्रयास करेगी कि खास महाल के वैद्य स्वामित्व वालों को कोई परेशानी नहीं हो।
- उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ यह भी देखा जाएगा कि इस पर किसी तरह का अवैध कब्जा न हो। आवास के लिए आवंटित जमीन के व्यवसायिक उपयोग पर भी सरकार गौर करेगी।
- राज्य सरकार ने फरवरी 2022 में खास महाल की जमीन के सर्वेक्षण का निर्णय किया था। खास महाल जमीन वाले 12 जिलों के डीएम को जवाबदेही दी गई थी कि वह लीज और स्वामित्व विवाद की जांच करें।
- अगर लीज के अनुसार स्वामित्व है तो उसका नवीकरण कर दें। अगर गड़बड़ी पकड़ में आती है तो लीज रद कर उसका अधिग्रहण कर लें। लेकिन, इस प्रयास का ठोस परिणाम नहीं आया।
प्रदेश के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायवाल ने यह भी कहा कि खास महाल की जमीन की उपयोगिता और बाजार मूल्य की तुलना में सरकार को बहुत कम राजस्व की प्राप्ति होती है।
ऐसे में सरकार देखेगी कि बिना वैध स्वामित्व के साथ छेड़छाड़ किए कैसे अधिक राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। 2011 खास महाल नीति में इस जमीन की पूरी जवाबदेही डीएम को दे दी गई है।
करीब 4200 एकड़ है खास महाल की जमीनराज्य में खास महाल जमीन का रकबा करीब 42 सौ एकड़ है। यह जमीन शहरों के मध्य में हैं और इसकी कीमत भी बहुत बढ़ गई है। पटना के अलावा सासाराम, मुंगेर, पूर्णिया में अधिक जमीन है।
अकेले पटना में खास महाल की जमीन का रकबा 137 एकड़ है। शिकायत यह भी है कि मूल लीज धारकों के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने जमीन बेच दी। इस प्रक्रिया से खास महाल की जमीन की खरीद-बिक्री लीज की शर्तों का उल्लंघन है।
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Bihar Jobs: नीतीश सरकार ने खोला नौकरियों का पिटारा, 2 लाख से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार दो लाख 34 हजार नए पदों पर नियुक्ति की तैयारी में जुट गई है। विभिन्न विभागों में होने वाली इन नियुक्तियों के लिए जल्द ही विभिन्न आयोगों को अधियाचना भेजी जाएगी।
ये नियुक्तियां अगर चालू वित्तीय वर्ष (मार्च 2025) में हो जाती हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का न सिर्फ वादा पूरा होगा, बल्कि यह लक्ष्य को पार कर जाएगा।
इस समय प्रदेश में दो लाख 11 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। यह सरकार के विभिन्न आयोगों में प्रक्रियाधीन हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रक्रिया को तेज कर इन पदों का जल्द से जल्द भरने के लिए कहा गया है।
72 हजार पद होंगे रिक्त- नौकरी पाने की आस लगाए बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर यह भी है कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में सरकारी सेवकों के अवकाश ग्रहण करने के कारण विभिन्न विभागों में 72 हजार पद रिक्त हो रही हैं।
- तैयारी यह है कि रिक्तियों के तुरंत बाद इन्हें भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। सुशासन के कार्यक्रम में सात निश्चय के तहत 2020-25 के बीच 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था।
- अब तक सात लाख 17 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।
- रिक्तियों को भरने की वर्तमान प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाए तो चालू वित्तीय वर्ष में 10 के बदले 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां मिल जाएंगी।
- इनमें से अधिसंख्य नौकरियां शिक्षा, गृह, राजस्व एवं भूमि सुधार, जल संसाधन, खेल सहित अन्य विभागों में दी गई हैं।
- आंकड़ों के अनुसार, सात निश्चय के तहत अब तक 24 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध करा दिए गए हैं।
- करीब 10 लाख और लोगों को रोजगार देने की योजना पर काम चल रहा है। यह पूरी हुआ तो 10 के बदले 34 लाख लोग स्वरोजगार प्राप्त कर लेंगे।
विधान परिषद सदस्य और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि एक विज्ञापन से एक ही दिन में एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर राज्य सरकार ने पूरे देश में रिकॉर्ड बनाया है।
12 फीसदी दूसरे राज्य के लोगबड़ी बात यह है कि नियुक्त हुए शिक्षकों में 14 हजार से अधिक दूसरे राज्यों के हैं। हाल के दिनों में शिक्षकों की जितनी नियुक्तियां हुई हैं, उनमें करीब 12 प्रतिशत दूसरे राज्यों के हैं।
पड़ोसी उत्तर प्रदेश और झारखंड के ही नहीं, दिल्ली और हरियाणा के युवा भी राज्य में सरकारी नौकरी कर रहे हैं।
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