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Bihar Teacher Transfer: लंबी दूरी पर पदस्थापित 1.62 लाख शिक्षकों ने मांगा स्थानांतरण, शिक्षा विभाग करेगा जांच
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पांच लाख 45 हजार 270 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से एक लाख 62 हजार 167 शिक्षकों ने घर से लंबी दूरी पर पदस्थापित होने का कारण बताते हुए शिक्षा विभाग को स्थानातरंण के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है।
हालांकि, विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर कुल एक लाख 90 हजार 332 शिक्षकों ने विशेष समस्या का हवाला देते हुए स्थानातंरण के लिएआवेदन किया है। सोमवार को शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों से स्थानातंरण के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या जारी की गई।
अब शिक्षा विभाग करेगा पड़तालविभाग एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि शिक्षा विभाग प्राप्त आवेदनों में शिक्षकों द्वारा स्थानातंरण की इच्छा में बताए गए कारणों की पड़ताल कर रहा है। साथ ही, आवेदनों की सही जांच-पड़ताल करने के बाद शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के नजदीक के विद्यालयों में उनका स्थानातंरण करने को प्राथमिकता दी जाएगी। एक से 15 दिसंबर तक शिक्षकों से ई-शिक्षा कोष पर आवेदन लिए गए हैं।
शिक्षा विभाग की रिपोर्टशिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पति-पत्नी के पदस्थापन के आधार पर 16,356 शिक्षकों के स्थानातंरण हेतु आवेदन आए हैं। कैंसर ग्रसित 760 शिक्षकों और गंभीर बीमारी वाले 2579 शिक्षकों ने आवेदन दिया है। दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त 5575 शिक्षकों, आटिज्म-मानसिक दिव्यांगता के आधार पर 1557 शिक्षकों तथा विधवा-परितक्यता वाले 1338 शिक्षकों ने आवेदन किया है।
बता दें कि विशेष समस्या को लेकर स्थानातंरण की इच्छा रखने वाले शिक्षकों से शिक्षा विभाग ने आनलाइन आवेदन एक से 15 दिसंबर तक मांका था। आवेदन में शिक्षकों को 10 विकल्प भी मांगे गए थे। इनमें तीन विकल्प देना अनिवार्य किया गया था।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षण-प्रशिक्षण की होगी क्वालिटी मॉनिटरिंगराज्य में संचालित सभी 149 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में छात्र-छात्राओं के शिक्षण की गुणवत्ता की निगरानी हेतु श्रम संसाधन विभाग एक पोर्टल तैयार कर रहा है जिस पर प्रत्येक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान को शिक्षण-प्रशिक्षण की पूरी रिपोर्ट को अपलोड करना होगा। श्रम संसाधन विभाग द्वारा यह पोर्टल जनवरी के पहले सप्ताह में लांच किया जाएगा। मुख्यालय स्तर हर माह रिपोर्ट का असेसमेंट किया जाएगा। साथ ही विभाग की टीम हर माह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भी शिक्षण-प्रशिक्षण की प्रगति और उसकी गुणवत्ता की जांच करने जाएगी।
हाल में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षुओं को तकनीकी प्रशिक्षण का मूल्यांकन करने हेतु विभाग को पत्र लिखा है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में जल्द युवाओं के साथ-साथ 30 साल से ऊपर की उम्र के लोग भी कोर्स कर सकेंगे। राज्य के कई आइटीआइ में शार्ट टर्म कोर्स शुरू करने की योजना है, जो अगले साल से लागू होगी। जल्द ही कई आइटीआइ में सोलर टेक्नीशियन एवं प्लंबर कोर्स सहित अन्य कोर्स शुरू होने वाले हैं। यहां कम अवधि के लिए प्लंबर कोर्स भी कराया जा चुका है।
विभाग के एक पदाधिकारी ने बताया कि योजना के तहत कम अवधि वाले कोर्स शुरू करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और कार्य कौशल प्रदान करना है। ये कोर्स करने के बाद युवा व प्रौढ़ स्वरोजगार स्थापित किया जा सकेगा। वहीं, ज्यादा लोग कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन कर पाएंगे। कोर्स में अभ्यर्थियों को पूर्ण प्रशिक्षण व तकनीक की जानकारी दी जाएगी। आइटीआइ की ओर से अभ्यर्थियों को कोर्स पूरा करने पर प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
IGNOU Admission 2025 Last Date: इग्नू जनवरी सत्र के लिए नामांकन शुरू, 31 जनवरी तक करें आवेदन
जागरण संवाददाता, पटना। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU January 2025 Session Admission) ने जनवरी 2025 सत्र में नामांकन के लिए तिथि जारी कर दी है। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई। अभ्यर्थी 31 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।
ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) कार्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक पोर्टल ignouadmission.samarth.edu.in या ignouiop.samarth.edu.in पर जाकर ऑनलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय विभिन्न मास्टर, स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, डिप्लोमा, स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र और प्रमाणपत्र कार्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रदान करता है।
इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मो सफदरे आजम ने बताया कि कला, वाणिज्य, विज्ञान, शिक्षा, प्रबंधन, सामाजिक कार्य, नर्सिंग, कानून, कृषि आदि जैसे विभिन्न विषयों में 31 जून तक नामांकन ले सकते हैं। वहीं, ऑनलाइन कोर्स में नामांकन लेने वाले अभ्यर्थी https://ignouiop.samarth.edu.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। पुन: पंजीकरण के लिए बी 31 जनवरी 2025 तक का मौका है।
पटना सेंटर पर एडमिशन से पहले क्षेत्रीय केंद्र के वेबसाइट का करें अवलोकन:इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मो सफदरे आजम ने बताया कि पटना सेंटर पर 300 से अधिक कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। वहीं, 43 ऑनलाइन कोर्स भी उपलब्ध हैं। इसके अधिकार क्षेत्र में 54 अध्ययन केंद्र हैं। केंद्र पूरे वर्ष विभिन्न शैक्षणिक, प्रशासनिक और छात्र सहायता गतिविधियां भी आयोजित करता है। पाठ्यक्रमों के विवरण के लिए क्षेत्रीय केंद्र के वेबसाइट http://rcpatna.ignou.ac.in का अवलोकन कर सकते हैं।
20 को जेईई और 23 दिसंबर को नीट का मॉक टेस्टसरकारी स्कूलों में पढ़ रहे (विज्ञान संकाय) कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए दिसंबर में होने वाली माक टेस्ट तिथि घोषित कर दी गई है। मॉक टेस्ट में जेईई और नीट परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 20 और 21 दिसंबर को जेईई और 23 और 24 दिसंबर को नीट मॉक टेस्ट आयोजित करेगा। इसका आयोजन सरकारी स्कूल के आइसीटी लैब में होगा।
मॉक टेस्ट तीन पाली में आयोजित की जाएगी। पहली पाली सुबह नौ से 11 बजे, दूसरी पाली 11.30 से दोपहर 1.30 बजे और तीसरी पाली दोपहर दो से शाम चार बजे तक आयोजित होगी। विभाग की ओर से सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को मॉक टेस्ट आयोजित कराने का निर्देश दिया गया है। मॉक टेस्ट में कक्षा 12 वीं के विज्ञान संकाय के सभी विद्यार्थियों को टेस्ट में भाग लेना अनिवार्य है।
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Khan Sir: क्या खान सर लड़ेंगे चुनाव? खुद दे दिया फाइनल जवाब, बोले- 2025 का इलेक्शन...
डिजिटल डेस्क, पटना। शिक्षक और यूट्यूबर खान सर क्या चुनाव लड़ेंगे? काफी समय से यह सस्पेंस बना है। अब उन्होंने खुद इस बात को क्लियर कर दिया है। खान सर ने मीडिया से बात करते हुए यह साफ कर दिया है वह आगे चलकर चुनाव में हिस्सा लेंगे या नहीं।
खान सर ने कहा कि मुझे चुनाव नहीं लड़ना है, मैं इसे क्लियर कर देना चाहता हूं। साल 2024 में भी मुझसे बार बार यह पूछा जा रहा था। मैं तब भी मना कर रहा था। मुझे पढ़ाने से फुर्सत नहीं है। अब यह लगता है कि बिहार में 2025 का चुनाव जल्द ही खत्म हो, मैं चुनाव को लेकर जवाब देते-देते थक गया हूं।
#WATCH | Patna, Bihar: Educator and YouTuber, Khan Sir says, " I don't want to contest the election, I want to clear it...I don't get enough rest after teaching...I am tired of answering..." pic.twitter.com/vcWzNPsqtC
— ANI (@ANI) December 16, 2024 इस वजह से तेज हुई थी चर्चाबता दें कि सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार तब गर्म हो गया, जब खान सर हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गए थे। यह मुलाकात पटना के सीएम हाउस में हुई थी, जिसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि खान सर आने वाले समय में राजनीति में कदम रखेंगे।
इतना ही नहीं, यह तक अनुमान लगाया गया कि वह जदयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि, तब भी उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि वह छात्रों की समस्या और किसी परीक्षा को लेकर सीएम से मिलने पहुंचे थे।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने में विशेषज्ञ- खान सर एक प्रसिद्ध शिक्षक और यूट्यूबर हैं, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने में विशेषज्ञता रखते हैं।
- वह अपने यूट्यूब चैनल "खान सर पैटर्न" के माध्यम से विभिन्न विषयों पर वीडियो लेक्चर प्रदान करते हैं, जो छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
- खान सर की शिक्षण शैली बहुत ही सरल और समझने योग्य है, जिससे छात्रों को जटिल विषयों को भी आसानी से समझने में मदद मिलती है।
- वह अपने वीडियो लेक्चर में विभिन्न उदाहरणों और प्रश्नों का उपयोग करते हैं, जिससे छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।
- खान सर के यूट्यूब चैनल पर लाखों सब्सक्राइबर हैं, और उनके वीडियो लेक्चर को लाखों बार देखा जा चुका है।
- वह अपने काम के लिए बहुत प्रशंसा और सम्मान प्राप्त करते हैं, और छात्रों के बीच एक प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखे जाते हैं।
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विधानसभा चुनाव से पहले PK का नया दांव, एक और बड़ा कार्यक्रम करने जा रही जसुपा; RJD और NDA की बढ़ सकती है टेंशन!
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का लक्ष्य लेकर चल रही जन सुराज पार्टी (जसुपा) को अपनी सफलता के लिए हर समाज-वर्ग का सहयोग चाहिए। इसी आस में वह पूरे बिहार में जन सुराज संवाद के 2500 से अधिक कार्यक्रम करेगी।
यह संवाद अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, महिला, युवा आदि के बीच अलग-अलग होगा, इसलिए इसका नाम भी अलग-अलग रखा गया है। बहरहाल आयोजन के लिए उसी समाज-वर्ग के लोगों के दायित्व का निर्धारण भी किया जा रहा है।
कई पहलुओं पर चर्चा हुईजन सुराज संवाद सूत्रधार प्रशांत किशोर की पदयात्रा के बाद दूसरा बड़ा आयोजन होगा। दरअसल, राजनीतिक दल के रूप में परिवर्तित हो चुके जन सुराज के लिए चुनाव का पहला अनुभव अच्छा नहीं रहा है।
विधानसभा की चार सीटों के उप चुनाव में मिली हार के कारणों का अभी वह विश्लेषण कर ही रही थी कि विधान परिषद की एक सीट के लिए हुए उप चुनाव में भी हार से सामना हो गया। रविवार को पटना में हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में हार की इस पुनरावृत्ति से बचने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा हुई।
समवेत राय यह बनी कि जन-जन को जोड़े बिना चुनावी सफलता संभव नहीं। उप चुनाव का परिणाम बता रहा कि जनता के बीच जसुपा की पहचान बन गई है।
अब इस पहचान के साथ अगर जन-विश्वास जुड़ जाए तो विधानसभा के अगले चुनाव में उपलब्धि उल्लेखनीय हो सकती है। यह संगठन में दखल रखने वाले एक नेता की राय है, जो यह मानकर चल रहे कि विश्वास की बुनियाद रखने में एक कारगर पहल जन सुराज संवाद होगा।
समाज के सभी वर्गों के बीच होगा आयोजन- जन सुराज संवाद के अंतर्गत प्रखंड स्तर पर 2500 से अधिक आयोजन होने हैं।
- यह आयोजन समाज के सभी वर्गों के बीच होगा।
- महिलाओं के बीच होने वाले आयोजन को शक्ति संवाद नाम दिया गया है।
- वैसे ही छात्रों व युवाओं के बीच होने वाला संवाद क्रमश: छात्र संवाद व युवा संवाद के नाम से जाना जाएगा।
- अनुसूचित जाति से जो संवाद होगा, उसे आंबेडकर संवाद की संज्ञा दी गई है।
- जसुपा का प्रयास इस संवाद से उस वर्ग-समाज की इच्छा-अपेक्षा को जानना है, ताकि उसी अनुरूप चुनावी रणनीति बनाई जा सके।
उल्लेखनीय है कि सूत्रधार प्रशांत किशोर पहले ही जसुपा के विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। प्रत्याशियों के चयन में भी क्षेत्रीय व सामाजिक समीकरण के साथ जनसंख्या में जातिगत हिस्सेदारी के अनुपात का पूर्णतया ध्यान रखा जाएगा।
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'मनी लॉन्ड्रिंग में फंसोगे..', WhatsApp पर वीडियो कॉल में दिखाई वर्दी की धौंस, युवक को घर में 'कैदी' बनाकर की ठगी
जागरण संवाददाता, पटना। कुम्हार निवासी 30 वर्षीय युवक सुबह तैयार होकर घर से निकल रहा था तभी उसके मोबाइल पर अंजान नंबर से फोन आया। खुद का नाम बताते हुए बोला कि आपके नंबर से एक बैंक खाता लिंक है।
मनी लॉन्ड्रिंग में इस खाते और नंबर का इस्तेमाल हो रहा था और मुंबई में केस दर्ज किया गया है। यह सुनकर युवक दंग रह गया।
केस दर्ज करने के बाद उनके सभी मोबाइल नंबर बंद होने की बात कही और फिर सार्वजनिक अपमान, आपराधिक कार्रवाई का डर दिखाकर दबाव बनाया।
फोन पर पीड़ित की आवाज बदलते ही ठग समझ चुका था कि 'शिकार' अब जाल में फंस गया है। कुछ देर बाद युवक के मोबाइल पर वीडियो कॉल आया और खुद को पुलिसकर्मी बताकर ठग ने उन्हें दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा।
फिर उनसे यूपीआई के माध्यम से 40 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाने की पुलिस केस दर्ज कर छानबीन में जुटी है।
बैंक खाता और एटीएम कार्ड का हवाला देकर डराया- वीडियो कॉल पर ठग ने पुलिस की वर्दी पहनकर बात की। कहा कि वह एसपी के पास हैं और आपको गिरफ्तार किया जाएगा।
- क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस की जांच की जा रही है, इससे जुड़े आरोपित ने बताया है कि वह जो भी ट्रांजेक्शन करता है उसमें आपको मुनाफा देता है। उस आदमी ने आपका नाम बताया है।
- साथ ही कैनरा बैंक का आपके नाम का बैंक खाता और एटीएम कार्ड है, जो जब्त है। पीड़ित के परिवार में कौन-कौन हैं? कौन क्या करता है और कौन लोग घर में मौजूद हैं?
- इसके बारे में पूछा। बोला, पुलिस स्टेशन से बात हो रही है। कोई आदमी या आवाज नहीं आनी चाहिए। बातचीत के दौरान एक जगह रहें।
इतना सुनकर पीड़ित युवक डर गया। फिर ठग फोन अपने दूसरे साथी के पास ले गया, बोला वही केस होने पर अरेस्ट या निष्कासित करते हैं। अच्छे से बात करिएगा। जैसे ही दूसरे ठग के पास फोन गया, वह भी वर्दी पहने हुए था।
इस दूसरे शख्स ने भी कहा कि आपको मुंबई थाना नहीं आना पड़े इसके लिए हम कोर्ट से मेल पर अप्रूवल ले रहे हैं।
फिर दस मिनट बाद बोला कि कोर्ट से बताया गया है कि जो अकाउंट नंबर दिया जा रहा है, उसमें कम से कम 40 हजार रखना है। नहीं तो गिरफ्तार किया जाएगा।
व्हाट्सएप पर कुछ पेपर भेजे। साथ में एक यूपीआई नंबर भेजते हुए बताया कि पैसे भेजने पर आसानी से बच जाएंगे।
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BPSC 70th Exam: पटना में बीपीएससी ने रद किया बापू परीक्षा केंद्र का एग्जाम, सामने आई बड़ी वजह
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 13 दिसंबर को पटना के बापू परीक्षा भवन में हुई 70वीं एकीकृत प्रारंभिक परीक्षा को रद कर दिया है। शेष अन्य 911 परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा के परिणाम के साथ ही इनके भी परिणाम जारी किए जाएंगे। करीब 12 हजार अभ्यर्थियों की परीक्षा अन्य केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इसके लिए तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
इस बाबत जानकारी बीपीएससी के चेयरमैन परमार रवि मनुभाई ने दी। वह आयोग सभागार में बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा में बापू परीक्षा भवन में अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था। हंगामे के कई वीडियो भी सामने आए थे। ॉ
इसके बाद पटना के जिलाधिकारी ने रविवार को आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी। सोमवार को बीपीएससी कार्यालय में जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि पटना एसएसपी के नेतृत्व में जांच के लिए दो टीम बनी है। अबतक 30 लोगों की पहचान हुई है। परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया नहीं अपनाई जाएगी। सभी का परिणाम एक साथ आएगा।
करीब 10 हजार परीक्षार्थी हुए थे शामिलचेयरमैन ने बताया कि बापू परीक्षा केंद्र पर 12 हजार अभ्यर्थियों के एक साथ परीक्षा देने की व्यवस्था थी। इसमें नौ हजार 969 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि उस केंद्र पर हुए हंगामा की कई वीडियो मिले है, उनकी आइटी सेल जांच कर रही है। जांच के लिए सरकार के स्तर भी कई एजेंसियां लगी हुई है।
इस परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थी के रूप में कुछ असामाजिक तत्व शामिल थे। उनकी जांच चल रही है। जिन्होंने कानून हाथ में लिया है, ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है। सभी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, इसके बाद डिबार करने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाई होगी।
Patna News: मल्टी मॉडल हब से हाजीपुर और राजगीर के लिए चलेंगी बसें, ऊपर बनेगा ऑटो स्टैंड; लोगों को मिलेगी राहत
मृत्युंजय मानी, पटना। पटना जंक्शन पर बकरी बाजार में जीपीओ गोलंबर के पास 68 करोड़ की लागत से 'मल्टी मॉडल हब' बनकर तैयार हो गया है। नीचे नगर बस सेवा और ऊपर में ऑटो स्टैंड रहेगा। पटना जंक्शन के आसपास सुगम यातायात व्यवस्था बनाने के लिए नागर आयुक्त सह पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने यह फैसला समीक्षा बैठक में लिया है।
मल्टी मॉडल हब के प्रथम और द्वितीय फ्लोर पर 225 कार पार्किंग की व्यवस्था की गई है, नगर आयुक्त इस व्यवस्था में बदलाव लाने जा रहे हैं। पटना जंक्शन के आसपास ऑटो समस्या बना हुआ है। नगर आयुक्त ने सुगम यातायात व्यवस्था बनाने पर अधिकारियों से मंतव्य मांगा तो मल्टी मोडल हब में कार पार्किंग के स्थान पर ऑटो स्टैंड स्थापित करने का विचार आया है।
पटना जंक्शन से शहर के सभी भागों के लिए ऑटो का परिचालन होता है। सड़कों पर खड़े रहते हैं। पटना नगर निगम आटो को व्यवस्थित करना चाह रहा है। मल्टी मॉडल हब को आटो स्टैंड में तब्दील करने का फैसला लिया गया है। कार पार्किंग के लिए उसके बगल में स्थल निकालने की तैयारी चल रही है। इसके साथ बाइक के लिए भी अलग जगह रखने पर मंथन चल रहा है।
मल्टी मॉडल हब से शहर के सभी रूटों के लिए नगर बस सेवा की शुरुआत होने वाली है। यहां पटना शहर एवं आसपास के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम बसों का परिचालन कराने का प्रस्ताव दिया है। पटना जंक्शन से यात्री सब-वे के माध्यम से सीधे मल्टी मॉडल हब में आ जाएंगे। यहां बस और ऑटो दोनों मिलेंगे। एक साथ 32 बसों को खोलने के लिए प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया है। यहां बसों के ठहराव की भी व्यवस्था रहेगी। कार पार्किंग के लिए रैंप भी बनकर तैयार हो गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे अपने वाहन से मल्टी मॉडल हब के ऊपरी तल तक गए थे। मल्टी मॉडल हब को का फ्लोर बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। इसके लिए अभियंताओं की जांच के बाद रिपोर्ट आने के बाद अनुमति मिलेगी। यहां कैंटिन और यात्रियों को बैठने सहित कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। सब-वे के निर्माण कार्य पूर्ण होते ही यहां से नगर बस सेवा की शुरुआत हो जाएगी।
यहां से हाजीपुर व राजगीर के लिए भी चलेंगी बसेंमल्टी मॉडल हब से पटना शहर के विभिन्न रूटों के साथ ही बिहटा, खगौल, दानापुर, हाजीपुर, राजगीर सहित आसपास के क्षेत्र के लिए बसों का परिचालन होगा। बिहार राजपथ परिवहन निगम मल्टी मॉडल हब के निर्माण कार्य पूर्ण होने का इंतजार कर रहा है। यहां से बिहार राजपथ परिवहन निगम बसों का संचालन करेगा। मल्टी मॉडल हब के दोनों तरफ रैंप बनाई गई है। एक तरफ से वाहन ऊपर जाएंगे और दूसरी ओर से उतरेंगे।
मल्टी लेवल वाहन पार्किंग को वेंडिंग जाेन बनाने का है फैसलापटना नगर निगम की बोर्ड पटना जंक्शन पर स्थित मल्टी लेवल वाहन पार्किंग को वेंडिंग जोन में तब्दील करने का फैसला काफी पहले ले चुका है। निगम की तरफ से राज्य सरकार को इस कार्य के लिए अनुमति का प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य सरकार से प्रस्ताव की मंजूरी के बाद पटना जंक्शन और आसपास के वेंडरों को मल्टी लेवल वाहन पार्किंग में व्यवस्थित करना है। फिलहाल इसके नीचले भाग में ऑटो लगते हैं तथा ऊपरी भाग में निगम के वाहन खड़े रहते हैं।
मल्टी मॉडल हब के चालू हो जाने के बाद यातायात व्यवस्था में बड़े पैमाने पर बदलाव आ जाएगा। ऑटो समस्या बने हुए हैं। मल्टी मॉडल हब के कार पार्किंग को ऑटो स्टैंड में तब्दील करने का फैसला लिया गया है। राज्य सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद अंतिम फैसला होगा। नीचे में बस और ऊपर में आटो की व्यवस्था रहने से काफी राहत मिलेंगी। पटना जंक्शन के आसपास आटो के कारण जाम भी नहीं लेगा। अलग से कार पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी। - अनिमेष कुमार पराशर, आयुक्त, पटना नगर निगम।
Cyber Crime: अनपढ़ से CA तक.. साइबर ठगों का नेटवर्क, प्राइवेट कंपनी की आड़ में ट्रांसफर करा रहे ठगी की रकम
आशीष शुक्ल, पटना। साइबर ठगों के नेटवर्क को तोड़ना तो दूर ठगी की रकम किस गिरोह तक पहुंच रही है, इसकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया है। पुलिस भी मोबाइल का आइएमईआइ और सिमकार्ड को बंद कराने के साथ एक बैंक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर धनराशि को ब्लॉक कराने में उलझी होती है। जैसे ही पता चलता है ठगी में म्यूल खाते का इस्तेमाल हुआ है, जांच वहीं उलझ जा रही है।
ठगों के गिरोह में अनपढ़ से चार्टेड अकाउंटेंट तकठगों के चेन में तकनीकी जानकार से लेकर कम पढ़े लिखे, चार्टेड अकाउंटेंट से लेकर फर्जी कंपनी तैयार कर खाता खोलने वाले लोगों की भी संलिप्तता उजागर हो चुकी है। कंपनी के नाम से खुले खातों में मोटी रकम ट्रांसफर कराई जा रही है।
पुलिस ऐसे खातों की पहचान कर संबंधित खाता धारक का सत्यापन करती है, लेकिन वह उस पते पर मिलते ही नहीं।
नौकरी की लालच में फंसते लोग- पुलिस गिरफ्त में वे आते है जो नौकरी के झांसे में आकर साइबर ठगी के लिए खोले गए काल सेंटर में काम करते है।
- लालच में आकर अपने खाते को किराए पर देते हैं या फिर ठगी की रकम निकालने के लिए एटीएम पर पहुंचने वाले ठग होते है।
- इन सब के बीच की कड़ी और मास्टरमाइंड कौन है? पुलिस उसके करीब भी नहीं पहुंच पा रही है।
- साइबर थाना, इओयू की विशेष टीम और अन्य थानों की पुलिस बीते जनवरी से दस दिसंबर के बीच 590 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
- इसमें तेलंगना, आंध्र प्रदेश, गुजरात के साथ ही दूसरे राज्य के भी ठग शामिल हैं।
- कई गिरोह के अपराधी इसमें शामिल हैं, लेकिन इनकी गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस सरगना तक नहीं पहुंच पाती है।
- इसमें अधिक आरोपित सरगना से मिले ही नहीं या फिर वह किसी और के संपर्क में थे।
सितंबर में आर्थिक अपराध इकाई की साइबर सेल की टीम टेलीग्राम और वाट्सएप पर ग्रुप बनाकर वर्क फ्रॉम होम जॉब के नाम पर लोगों को मुनाफा का झांसा देकर मोटी रकम अलग अलग खातों में मंगा रहे। रकम भी 50 लाख से अधिक है। लोगों से ठगे गए पैसों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के अकाउंट में ट्रांसफर कराया जा रहा था।
- जांच में पता चला कि साइबर ठगों द्वारा दो चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ मिलकर आठ कंपनियां नवंबर 11 नृवंबर 2022 से 22 नवंबर 2022 तक खोली गई थी।
- इस गिरोह को कोलकाता से संचालित किया जा रहा था। जबकि गिरोह के अन्य सदस्य कंपनी के खाते में आने वाले पैसों की पटना सहित अन्य जिलों से निकासी कर लेते थे।
- एटीएम के साथ चेक का भी इस्तेमाल किया जा रहा था।
एनसीआरपी पर ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतें मिलने पर पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर के साथ अन्य जानकारी जुटाती है। जिन नंबरों से फोन कर ठगी की शिकायतें आ रही थी, उसमें से 3842 मोबाइल नंबर को ब्लॉक कराया गया।
इसके साथ ही तकनीकी अनुसंधान में सिम कार्ड जिस मोबाइल में इस्तेमाल हो रहा था, उसका डिटेल निकालने पर मिले आइएमईआई नंबर को ब्लॉक कराया गया। ऐसे 13 सौ नंबर सामने आ चुके थे।
दो साल पूर्व ही सामने आ चुका है अकाउंट का राजवर्ष 2022 में पत्रकारनगर पुलिस की गिरफ्त में आया कुंदन पटना में ही रह रहा था। गिरोह को पहले से बताया गया कि कोई भी सदस्य पुलिस की गिरफ्त में आए तो उसी समय बाकी सदस्य अपना मोबाइल व सिम कार्ड बदलते है।
ठगी के लिए सिमकार्ड, मोबाइल, सिम बाक्स, एप और सॉफ्टवेयर से लेकर लैपटॉप उन्हें कहीं से मिल जा रहे थे, लेकिन ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए खाता नंबर के साथ एटीएम कार्ड और उससे लिंक मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ रही थी।
तब गिरोह ने कमीशन पर कई लोगों को सक्रिय किया, जिनका काम सिर्फ दूर दराज गांव के लोगों को झांसा देकर उनसे हर महीने पांच हजार रुपये देने वादा कर उनका एटीएम व पॉसबुक जमाकर गिरोह तक पहुंचाना था।
इस गैंग ने पांच सौ से अधिक बैंक खाते खोलवा रखे थे। दो साल पूर्व यह राज उजागर हुआ, इसके बाद भी पुलिस, बैंक और अन्य जांच एजेंसी ऐसे खाता धारकों पर नकेल नहीं कस सकी और अब यहीं खाता पुलिस के लिए गले की हड्डी बनी हुई है।
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Khan Sir News: 'पैर में चप्पल नहीं है; कोई बात नहीं', खान सर ने अब क्यों कही ये बात?
जागरण संवाददाता, पटना। पैर में चप्पल नहीं है कोई बात नहीं, परंतु हर छात्र के हाथ में कोई न कोई किताब होनी चाहिए। अच्छी किताबों को जीवन में विशेष महत्व है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए किताबों को पढ़ाना बहुत जरूरी है। किताबों को पढ़े बिना आपका जीवन अधूरा रह जाएगा।
किताबें जीवन को दिशा दिखाती हैं और आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती हैं। किताबों से ही व्यक्ति के अन्दर पढ़ने-लिखने एवं सोचने की क्षमता विकसित होती है। ये बातें रविवार को पटना पुस्तक मेला के मंच पर दैनिक जागरण द्वारा आयोजित सान्निध्य कार्यक्रम में खान सर (Khan Sir) ने कहीं।
'यह बेहद चिंता का विषय है...'उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंता का विषय है कि युवा पीढ़ी किताबों की दुनिया से दूर होती जा रही है। युवा पीढ़ी हर समस्या का समाधान शॉर्टकट में चाहती है, परंतु यह ठीक नहीं है। हर चीज शॉर्टकट में नहीं हो सकती है।
'महिलाओं की शिक्षा पर जोर देने की जरूरत'उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है। अगर आप अपनी लड़की को पढ़ाना नहीं चाहते हैं तो फिर अपनी पत्नी को किसी महिला चिकित्सक से कैसे दिखा सकते हैं, इसलिए लड़कियों की शिक्षा पर सभी को जोर देने की जरूरत है।
'शिक्षा एक ऐसा बिजनेस है...'उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा बिजनेस है, जिससे कम पैसा में अच्छा किया जा सकता है। इसका दूसरा कोई विकल्प नहीं हो सकता है। इस अवसर पर खान सर ने महान लोक गायिका शारदा सिन्हा को याद किया।
'छठ के दौरान उनके गीतों से पूरा वातावरण गूंज उठता'उन्होंने कहा कि छठ के दौरान उनके गीतों से पूरा वातावरण गूंज उठता है। छठ के दौरान ही उनका निधन हुआ। मौके पर उन्होंने महान लेखिका उषा किरण खान को भी याद किया। पुस्तक मेला के मंच पर जैसे ही घोषणा की गई कि दैनिक जागरण के कार्यक्रम में खान सर आ रहे हैं। मंच के आसपास युवाओं की काफी भीड़ जमा हो गई। हर युवा उनकी एक झलक पाने के लिए काफी उत्सुक था।
खान सर का BPSC के खिलाफ प्रोटेस्टबता दें कि बीते दिनों अभ्यर्थियों के सास खान सर ने बीपीएससी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन बीपीएससी नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ था। खान सर ने कहा था कि वह नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध करते हैं। प्रदर्शन के दौरान उनकी तबियत भी खराब हो गई थी। उन्हें दो दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। वहीं, अब उनकी तबियत ठीक है। जब उनकी तबियत खराब हुई थी, उस समय उनकी गिरफ्तारी को लेकर अफवाह उड़ी थी।
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जागरण सान्निध्य: माता, मातृभूमि और मातृभाषा के सम्मान से खुलेंगे समृद्धि के द्वार
जागरण संवाददाता, पटना। देश को समृद्धि के द्वार तक पहुंचाने की सामर्थ्य माता, मातृभूमि व मातृभाषा में ही है। इसके सम्मान से ही भारत दोबारा विश्वगुरु और 2047 में विकसित राष्ट्र का लक्ष्य पूरा कर पाएगा। हमारी गहरी जड़ें बयां कर रही हैं कि भविष्य हमारा है।
यह सार पटना पुस्तक मेले में दैनिक जागरण सान्निध्य में विविध ज्वलंत मुद्दों पर आधारित आठ सत्रों में शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ, रचनाकार, विचारक, विशेषज्ञ आदि के विचार मंथन से निकला। पीपल के पौधे को जल अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति और भारतीय भाषाएं विषय से तो समापन देर शाम काव्य संध्या में लोटपोट के साथ हुआ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पश्चिम के चिंतन से समाधान ढूंढने का प्रयास करते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें अपनी गर्भनाल से निकले चिंतन से समाधान खोजने के लिए रास्ता प्रस्तुत करता है।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके सिंह और स्थानीय संपादक आलोक मिश्रा ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध आयाम पर चर्चा की। ‘साहित्य, राजनीति और बिहार’ विषय पर दूसरे सत्र में विधान परिषद के उपसभापति व आलोचक प्रो. रामवचन राय ने कहा कि देश-दुनिया को संकरी गलियों से वैचारिक चकाचक चौड़ी सड़कों से रूबरू कराने में बिहार की महती भूमिका रही है।
पूर्व पत्रकार व एमएलसी देवेश कुमार ने कहा कि विचारधारा जरूर अलग-अलग है, लेकिन सभी का लक्ष्य एक है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि साहित्यकार न डरे, न खामोश रहें। राजनीति जब लड़खड़ाती है तो साहित्य ही सहारा प्रदान करता है।
तीसरे सत्र में ‘सृजनात्मकता और विचारधारा’ के अंतर पर लेखक सर्वेश तिवारी, संस्कृतिकर्मी अनीश अंकुर और साहित्यकार कासिम खुर्शीद ने कहा कि विचारधारा की रस्सी से साहित्य का गला नहीं घोटा जाना चाहिए। सृजन पहले है, फिर विचारधारा।
चौथे सत्र में बिहार और नारी शक्ति पर सेवानिवृत्त आइएएस व प्रख्यात नृत्यांगना नीलम चौधरी, राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी अनुभा सिंह और निशि सिंह ने अपने जीवन संघर्ष की कहानी से श्रोताओं को विभोर किया।
तीनों ने कहा, पिता और पति के सहयोग से इस मुकाम तक पहुंची। महिलाओं को आगे बढ़ने में पुरुष का भी सहयोग आवश्यक है। कविता संग्रह बिना कलिंग विजय के विमोचन के अवसर पर साहित्यकार व फिल्म समीक्षक यतीन्द्र मिश्र ने कहा कि गीतों में काव्य रूप अब भी जिंदा है।
न कवि मरा है, न गीतकार। समाज जैसे बदलेगा, वैसे गाने भी बदलेंगे। छठे सत्र ताऊ की चौपाल में वरिष्ठ पत्रकार कमलेश सिंह ने चुटीले अंदाज में तंत्र की बखिया उधेड़ी। जीवन को चिंता का चौराहा नहीं बनाने की दी सलाह दी।
सातवें सत्र में रेणु और शैलेंद्र की भूमि विषय पर जयदेव एवं अनंत ने कहा कि दोनों ने बिहार की लोकसंस्कृति को रूपहले पर्दे तक पहुंचाया। वहीं आठवें सत्र में खान सर की क्लास का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने स्वाध्याय पर जोर दिया।
Kharmas Kab Khatam Hoga: खरमास खत्म होते ही शहनाइयां गूंजेंगी, जनवरी में इस तारीख से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
जागरण संवाददाता, पटना। सनातन धर्मावलंबियों के खास महीना खरमास (Kharmas 2024 and 2025) पौष कृष्ण प्रतिपदा सोमवार से आरंभ हो गया। खरमास के आरंभ होते ही मांगलिक कार्य शादी-ब्याह जैसे कार्यक्रमों पर विराम लग गया।
ज्योतिष आचार्यों के अनुसार, सूर्य के गुरु की राशि धनु में आने से खरमास का आरंभ, जबकि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास का समापन होता है। खरमास 14 जनवरी 2025 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद समाप्त होगा। सूर्य के उत्तरायण होने के बाद मांगलिक कार्य 16 जनवरी से आरंभ होगा।
सोमवार की सुबह 7.17 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर गए। इसके कारण खरमास आरंभ हो गया। नव वर्ष 14 जनवरी मंगलवार माघ कृष्ण प्रतिपदा को दोपहर 2.55 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन संक्रांति का पुण्यकाल पूरे दिन रहेगा। सूर्य ही संक्रांत और लग्न के राजा माने जाते हैं।
खरमास भगवत पूजन व सेवा करने का मासखरमास में भगवान नारायण की पूजा विशेष फलदायी होता है। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि मास में विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त, सत्यनारायण कथा, भागवत पाठ, आदित्य हृदयस्त्रोत्र का पाठ, भास्कर को अर्घ्य तथा गरीब, असहाय को अन्न, वस्त्र का दान, गौ सेवा, बड़े-बुजुर्गों की सेवा, ब्राह्मण को अन्न, फल, गर्म वस्त्र का दान करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है। खरमास में पितृ पिंडदान का खास महत्व है।
खरमास में भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा,पाठ करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जातक यहां सब प्रकार के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक धाम को वास करता है। खरमास में धार्मिक अनुष्ठान करने से अतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है।
वर्ष में दो बार लगता है खरमासवर्षभर में दो बार खरमास लगता है। जिसमे पहला खरमास धनुर्मास और दूसरा मीन मास में लगता है यानि सूर्य जब गुरु की राशि धनु व मीन में प्रवेश करता है तो खरमास होता है। सूर्य के कारण गुरु निस्तेज हो जाते है। इसीलिए सूर्य के गुरु की राशि में प्रवेश करने से विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी-विवाह के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है।
नव वर्ष में विवाह के मुर्हूतबनारसी पंचांग के अनुसार:
- जनवरी: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 26, 27
- फरवरी: 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16,17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
- मार्च: 1, 2, 3, 6, 7, 11, 12, 13
मिथिला पंचांग के मुताबिक:
- जनवरी: 16, 19, 20, 23, 24, 29, 30
- फरवरी: 2, 3, 6, 7, 16, 19, 20, 21, 24, 26
- मार्च: 2, 3, 6, 7
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Bihar Politics: चुनाव से पहले कांग्रेस एक्टिव, डिप्टी CM पोस्ट को लेकर रखा पक्ष; 70 सीटों की डिमांड!
सुनील राज, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में अभी देर है। बावजूद तमाम दल मैदान में अपनी ताकत आजमाने उतर चुके हैं। एक ओर भाजपा (BJP) बूथ स्तर पर संगठन की मजबूती के लिए अभियान चला रही है तो दूसरी ओर जदयू (JDU) अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ बिहार के दौरे की तैयारी में है।
वहीं, मुख्य विपक्षी दल राजद (RJD) के नेता और प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) जिलास्तरीय यात्रा पर हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने भी जिलों की यात्रा का कार्यक्रम बनाया है। हालांकि, पार्टी ने अब तक कार्यक्रम की घोषणा तो नहीं की है, परंतु चर्चा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह 15 जनवरी के बाद बिहार यात्रा पर निकल सकते हैं।
हालांकि, बिहार यात्रा प्रारंभ करने के पूर्व कांग्रेस ने चुनाव में सहयोगी दलों के साथ सीटों के तालमेल को लेकर प्रमुख सहयोगी राजद पर दबाव की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
इतिहास को देखते हुए कांग्रेस ने लिया फैसलादरअसल, कांग्रेस ने चुनावी इतिहास को देखते हुए यह कदम उठाया है। इस बहाने कांग्रेस राजद को यह संदेश देना चाहती है कि चुनावों में उसे कमतर न आंका जाए। राजनीति के पुराने पन्ने इस बात की तस्दीक करते हैं कि चुनाव के वक्त सीटों के तालमेल में राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस को कम करके आंका। यह अलग बात है कि सीटें मिलने के बाद भी कांग्रेस प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी।
दबाव बनाने की रणनीति बना रही कांग्रेस2015 के विधानसभा में कांग्रेस को 40 सीटें मिली जिसमें से उसने 27 पर जीत दर्ज की। इसी प्रकार 2020 में पार्टी 70 सीटों पर लड़ी जरूर पर जीत सकी महज 19 सीटें। बावजूद कांग्रेस का मानना है कि भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस ही कर सकती है। चाहे प्रदेश हो या देश का चुनाव भाजपा को सीधी चुनौती कांग्रेस से ही मिलती रही है। लिहाजा उसे उसी अनुपात में सीटें भी मिलनी चाहिए। यह वह वजह है कि पार्टी दबाव की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रही है।
70 से ज्यादा सीटों की डिमांड!अभी रविवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने बयान दिया कि कांग्रेस 2020 में जितनी सीटों पर चुनाव लड़ी थी उससे कम सीटों पर 2025 में भी नहीं लड़ेगी। जाहिर है कांग्रेस की इस मांग से अन्य सहयोगी जैसे वामपंथी दल और विकासशील इंसान पार्टी के साथ ही राजद जैसे प्रमुख सहयोगियों की परेशानी बढ़ी है। 70 से ज्यादा सीटों की मांग के साथ ही पार्टी उप मुख्यमंत्री पद को लेकर भी दबाव की रणनीति बना रही है।
पार्टी के बिहार के प्रभारी सचिव शाहनवाज आलम ने हाल ही में मांग उठाई कि 2025 में महागठबंधन की सरकार बनने की स्थिति में यदि राजद का मुख्यमंत्री होता है तो वैसी स्थिति में उस सरकार में दो उपमुख्यमंत्री भी होने चाहिए। जिनमें एक अल्पसंख्यक समाज से हो, जबकि दूसरा सवर्ण समाज से।
सीटों के बंटवारे में लालू की मर्जी जरूरी!दरअसल, कांग्रेस भी जानती है कि यदि उसने अभी से सहयोगियों पर दबाव बनाना शुरू नहीं किया तो वैसी स्थिति में उसे चुनाव के वक्त परेशानी उठानी पड़ सकती है। पार्टी जानती है कि सीटों के तालमेल में सबसे ज्यादा राजद प्रमुख लालू प्रसाद की चलती रही है।
वहीं, हाल के दिनों में लालू प्रसाद ने जिस प्रकार आईएनडीआईए की कमान ममता बनर्ती को सौंपने की मांग की उसने कांग्रेस को परेशान कर दिया है। लालू की इस मांग का कांग्रेस ने जमकर विरोध भी किया, लेकिन बात यहीं नहीं समाप्त हुई। अब उसने इसी बहाने राजद और लालू प्रसाद के साथ ही अन्य सहयोगियों के सामने अभी से कांग्रेस मुखर होने लगी है ताकि चुनाव के वक्त सीटों के लिए उसे अधिक पापड़ न बेलने पड़े।
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बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए प्रदेश में होगा 59 विद्युत उप केंद्रों का निर्माण, इन उपभोक्ताओं को मिलेगा ज्यादा फायदा
राज्य ब्यूरो, पटना। बिजली कंपनी निकट भविष्य में 59 विद्युत उप केंद्र के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाएगा। इस मामले में उच्च स्तर पर सहमति बन गई है। इसके तहत दक्षिण बिहार बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) के अधीन आने वाले जिलों में 29 तथा उत्तर बिहार बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) के जिलों में 30 नए विद्युत उप केंद्र स्थापित होंगे।
इस आशय का प्रस्ताव डीपीआर के साथ केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को भेजा गया था जिस पर सहमति बन गई है।
नए विद्युत उपकेंद्र में 70 प्रतिशत आम उपभोक्ता और 30 प्रतिशत कृषि कनेक्शनबिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार जो नए विद्युत उप केंद्र बनाए जा रहे उसमें 70 प्रतिशत हिस्सा आम बिजली उपभोक्ताओं का होगा। इसके अलावा बचा 30 प्रतिशत हिस्सा कृषि कनेक्शन के उपभोक्ताओं का होगा। बिजली कंपनी ने यह तय किया हुआ है कि किन क्षेत्रों में कृषि फीडर के लिए विद्युत उप केंद्र बनाए जाएंगे।
20 से 25 किमी के दायरे में एक विद्युत उप केंद्र का मानक- आम तौर पर यह मानक है कि एक विद्युत उप केंद्र का दायरा 20 से 25 किमी का होना चाहिए।
- हालांकि, कई जगहों पर स्थिति ऐसी है कि यह दायरा 40 किमी के करीब हो जाता है।
- इस लिए ऐसे क्षेत्रों का विशेष रूप से ख्याल रखा जा रहा जहां विद्युत उप केंद्र का दायरा मानक से अधिक हो जा रहा।
- उन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर विद्युत उप केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- जिन क्षेत्रों में नए इलाके आबाद हुए हैं वहां भी नए विद्युत उप केंद्र स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है।
विद्युत उपकेंद्र के निर्माण के काम में न्यूनतम नौ महीने का समय लगता है। इसके लिए जमीन की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी है। वहीं निर्माण का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार को और 40 प्रतिशत राज्य सरकार को करना है।
उत्तर बिहार में 42 नए शक्ति उपकेंद्रों का होगा निर्माणबिहार सरकार द्वारा लगातार सेवाएं बेहतर करने के लिए काम किया जा रहा है। हाल ही में उत्तर बिहार के लिए तीन बिजली परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत 42 नए शक्ति उपकेंद्रों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही 33 केवी के 74 फीडरों के नवीकरण का काम भी किया जाएगा।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, केवल 42 नए शक्ति केंद्रों के निर्माण पर लगभग 454.53 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
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Bihar Politics: कार्यकारिणी परिषद का गठन, विधानसभा चुनाव सहित जसुपा की कोर कमेटी बैठक में लगी इन 10 अहम प्रस्तावों पर मुहर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य कोर कमेटी की पहली बैठक में शनिवार को जन सुराज पार्टी (जसुपा) के संविधान, झंडा और प्रचार समिति के संदर्भ में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इस दौरान महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर के चित्र वाले पार्टी का लोगो को भी सार्वजनिक कर दिया गया।
सर्वसम्मति से कुल 10 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। इसी के साथ जमीनी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए संगठन विस्तार का निर्णय हुआ।
कोर कमेटी में होंगे 151 सदस्य15 जनवरी से पहले जिला इकाइयों का गठन कर लिया जाएगा। कोर कमेटी में अब 125 की जगह 151 सदस्य होंगे। नीतिगत निर्णय के लिए 25 सदस्यीय कार्यकारिणी परिषद का गठन होगा, जो कोर कमेटी से लिए जाएंगे।
प्रदेश स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों की संख्या निर्धारित हुई और विधानसभा प्रभारियों के साथ जिला पर्यवेक्षकों के चयन पर सहमति बनी।
पटना में हुई बैठक में जसुपा के सूत्रधार प्रशांत किशोर, पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती, कोर कमेटी के सभी सदस्य, सभी जिलाध्यक्ष और जिला महासचिव सम्मिलित हुए।
सभी ने एक स्वर में कहा कि जन सुराज के माध्यम से अगले 10 वर्षों में बिहार को देश के दस अग्रणी राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित कराने के लिए वे दृढ़ प्रतिज्ञ हैं।
चुनाव में फोकसविधानसभा चुनाव फोकस में है। विधानसभा की चार और विधान परिषद की एक सीट के उप चुनाव में मिली हार से तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जन सुराज संवाद और राज्य-स्तरीय बाइक यात्रा से उसके लिए माहौल बनाया जाएगा। 20 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने वाली बाइक यात्रा का नेतृत्व आइपीएस अधिकारी रहे आनंद मिश्रा करेंगे।
कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर 24 जनवरी को पटना में मिलर हाई स्कूल परिसर में राज्य-स्तरीय समारोह का आयोजन होगा। उसकी पहली पांत में पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के नेता रहेंगे।
बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव1. 125 सदस्यीय कोर कमेटी से 25 सदस्यीय कार्यकारिणी परिषद का गठन
2. संगठनात्मक चुनाव, नामांकन और उसकी प्रक्रिया का निर्धारण
3. प्रदेश स्तर पर 10 उपाध्यक्ष, 10 महासचिव, 10 प्रवक्ता और 05 सचिव का चयन
4. जन सुराज के झंडा और लोगो पर सहमति
5. जन सुराज के संविधान पर चर्चा और संवाद
6. 11 सदस्यीय प्रचार समिति, विधानसभा प्रभारियों और जिला पर्यवेक्षकों का चयन
7. जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर कार्यक्रम की परियोजना
8. प्रखंड स्तर पर समाज के सभी वर्गों के बीच 2500 से अधिक जन सुराज संवाद का आयोजन
9. युवाओं के नेतृत्व में राज्यव्यापी बाइक यात्रा
10. विधानसभा चुनाव हेतु प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पर चर्चा
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विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लगभग सभी प्रमुख दलों में महिलाओं को साधने की होड़-सी लगी है। इसकी शुरुआत जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर के सस्ता ऋण और पर्याप्त प्रतिनिधित्व के वादे से हुई, जिसे चरम पर लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव पहुंच गए हैं।
माई-बहिन मान योजना का ऐलानतेजस्वी हर आय-वर्ग की महिलाओं को मासिक ढाई हजार रुपये देने के लिए माई-बहिन मान योजना (Mai Bahin Maan Yojana) लाने का वादा किया है। मतदाता के रूप में महिलाएं अब तक नीतीश कुमार के लिए प्रतिबद्ध रही हैं।
नीतीश की अगली यात्रा (महिला संवाद यात्रा) का उद्देश्य भी वस्तुत: आधी आबादी का मन टटोलने का उपक्रम ही है। इस पृष्ठभूमि में जदयू की ओर से महिलाओं के उत्थान व कल्याण की योजनाओं का बारंबार उल्लेख हो रहा।
4 राज्यों में दिखा असरइन वादों और दावों का कारण बीते दिनों कई राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड) का चुनाव परिणाम है, जहां बाजी महिलाओं के हित में अधिकाधिक लुभावनी घोषणाएं करने वाले दलों के हाथ लगी है।
नीतीश बने महिलाओं के बीच लोकप्रिय नेता- साइकिल-पोशाक, छात्रवृत्ति-मेधा सम्मान के साथ पंचायत चुनाव व सरकारी नौकरी में आरक्षण की व्यवस्था ने नीतीश को महिलाओं के बीच लोकप्रिय बनाया।
- शराबबंदी से यह लोकप्रियता कुछ और बढ़ी। नीतीश के बूते जदयू और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन महिलाओं के अधिकाधिक मतों का अधिकारी बन गया।
इसकी काट में महागठबंधन के नेतृत्वकर्ता राजद ने अपने माय (मुसलमान-यादव) समीकरण को विस्तारित करने के उपक्रम में बाप (बहुजन, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग) की बात चलाई। राजद को इसका लाभ अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिला।
CM नीतीश कुमार भी कर सकते हैं ऐलानराष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के लुभावने वादों ने लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को बिहार में नौ सीटें तो दिला दीं, लेकिन उप चुनाव में विधानसभा की चार सीटों पर हार ने तेजस्वी को विवश किया कि वे झारखंड की मंइयां सम्मान योजना की तरह बिहार में भी महिलाओं के लिए नकदी लाभ के वादे करें।
वहीं अब ये भी संभव है कि ‘महिला संवाद यात्रा’ के बाद नीतीश सरकार की ओर से आधी आबादी के लिए आर्थिक लाभ की घोषणाएं हों।
इन राज्यों में महिलाओं के लिए योजना- छत्तीसगढ़- महतारी बंदन योजना
- मध्य प्रदेश- लाडली बहना योजना
- महाराष्ट्र- माझी लड़की-बहिन योजना
- झारखंड- मंइयां सम्मान योजना
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से इन योजनाओं ने चुनावी जीत-हार का निर्णय किया, उसे देखते हुए इसकी संभावना है कि अब सीएम नीतीश भी महिलाओं के लिए कोई बड़ा ऐलान करें।
महिलाओं को कारोबार के लिए चार प्रतिशत वार्षिक की दर से ऋण और 40 टिकट देने का वादा कर प्रशांत किशोर वादों की होड़ को पहले ही हवा दे चुके हैं।
पिछले तीन चुनावों से निर्णायक रहीं महिला मतदाताबिहार में लगभग 7.5 करोड़ मतदाताओं में महिलाओं की संख्या 3.5 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है। ये पिछले तीन चुनावों से वे निर्णायक भूमिका में हैं।
- 2020 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.7 रहा, जबकि पुरुषों का 54.7 प्रतिशत।
- 2015 में यह संख्या क्रमश: 60.5 और 53.3 प्रतिशत रही।
- 2010 में 59.6 प्रतिशत महिलाओं की तुलना में मात्र 54.9 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान किया था।
मतदान के प्रति महिलाओं के इस रुझान का कारण सरकारी योजनाओं से मिलने वाला लाभ ही रहा। 2015 में जब नीतीश ने शराबबंदी का वादा किया तो महिलाओं ने वोट से उनकी झोली भर दी।
परिणामस्वरूप नीतीश की अगुवाई वाले महागठबंधन को 243 में 178 सीटें मिल गईं। इसी लालसा में भी दल अपने-अपने तरीके से महिलाओं को लुभाने का प्रयास कर रहे।
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राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष समस्या के कारण स्थानातंरण के लिए इच्छुक एक लाख 75 हजार शिक्षकों ने रविवार तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर आवेदन किया। शिक्षकों द्वारा स्थानातंरण के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर थी। स्थानातंरण के इच्छुक शिक्षकों में घर से दूरी, पति-पत्नी की पदस्थापन का आधार सहित कई कारण शामिल हैं। स्थानातंरण के इच्छुक शिक्षकों के लिए ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर 10 विकल्प दिए गए थे।
सबसे ज्यादा घर से दूरी वाले शिक्षकों ने किया आवेदन- स्थानातंरण के इच्छुक शिक्षकों में सर्वाधिक 50,293 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने घर से दूरी होने के कारण स्थानातंरण के लिए आवेदन किया है।
- 5,500 शिक्षकों ने पति या पत्नी के पदस्थापन को आधार बनाकर आवेदन दिया है, ताकि दंपती शिक्षकों का पदस्थापन समीप में हो सके।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार पहले ही कह चुके हैं कि विशेष समस्या के कारण स्थानातंरण के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों का जनवरी में पदस्थापन किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने सात कारणो को लेकर शिक्षकों से आवेदन की मांग की थी और दस विकल्प भी उनसे मांगे थे।
इन कारणों में असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, विधवा एवं परित्यक्ता, पति-पत्नी का पदस्थापन और लंबी दूरी के आधार पर आवेदन मांगा था।
विश्वविद्यालय शिक्षकों को वेतन सत्यापन के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदनराज्य के विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन सत्यापन कराना होगा। जिन शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन सत्यापन हो चुका है, उन्हें इससे छूट रहेगी। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से जिन शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है, उनके बारे में कुलसचिवों से जानकारी मांगी है।
शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों और कर्मचारियों ने वेतन सत्यापित नहीं कराया है, उन्हें वेतन सत्यापन कोषांग से वेतन सत्यापित करा लें।
इसके लिए आवेदन आवश्यक अभिलेखों के साथ जमा करें। अन्यथा उनके वेतन भुगतान पर जनवरी में रोक लगायी जाएगी। साथ ही विश्वविद्यालयों से यह जानकारी मांगी गई कि अभी तक कितने शिक्षकों और कर्मचारियों ने वेतन सत्यापन कराया है, इसका सूचीवार ब्योरा उपलब्ध कराएं।
शिक्षा विभाग ने अपने पूर्व के दिशा-निर्देश का स्मरण कराते हुए कुलसचिवों से कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग के अधीन राज्य स्तर पर वेतन सत्यापन कोषांग है।
विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के नये वेतनमान में किये जाने वाले वेतन निर्धारण पर वेतन सत्यापन कोषांग की सहमति जरूरी है।
इसके लिए वेतन सत्यापन कोषांग में वैसे शिक्षक और कर्मचारी आवेदन करें जिन्होंने अभी तक वेतन सत्यापन नहीं कराया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में ऐसे शिक्षकों की संख्या मांगी गई जिन शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का छठा एवं सातवां दोनों वेतनमान में वेतन निर्धारण का सत्यापन नहीं हुआ है।
जिन शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन निर्धारण पर वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा आपत्ति जतायी गयी है, उन आपत्तियों का निराकरण विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा।
इससे पहले भी कुलसचिवों की बैठक में वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा कहा गया कि गैर शिक्षकों के मामले में वेतन निर्धारण में ज्यादा परेशानी होती है। वेतन सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय से विहित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं। उस पर संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर भी नहीं होते।
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जागरण संवाददाता, पटना। जिला प्रशासन द्वारा बीपीएससी को सौंपी रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि परीक्षार्थी के रूप में कुछ असामाजिक तत्व परीक्षा में शामिल थे। उनका एक ग्रुप परीक्षा भवन के बाहर भी मौजूद था। वह बाहर हंगामा करने पर आतुर थे।
परीक्षा निरस्त करने का दबाव- कुछ अभ्यर्थियों ने अतिरिक्त केंद्राधीक्षक को घेरकर परीक्षा निरस्त होने की घोषणा करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
- कुछ परीक्षार्थी तोड़फोड़ एवं अन्य प्रकार से व्यवधान उत्पन्न करने की ठान चुके थे ताकि किसी तरह परीक्षा निरस्त हो जाए।
- रिपोर्ट में जिम्मेदार परीक्षार्थियों एवं उपद्रवी तत्वों के विरुद्ध सख्त अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई के साथ हत्या का मुकदमा भी दर्ज करने की अनुशंसा की गई है।
- बापू परीक्षा केंद्र के अतिरिक्त केंद्राधीक्षक रहे अरवल जिले के गोदानी कालेज के 58 वर्षीय प्रो. रामइकबाल सिंह की हंगामे के दौरान हृदयाघात से मौत हो गई थी।
- इस प्रकरण में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच की आवश्यकता बताई गई है।
- बापू परीक्षा परिसर में 12 हजार अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। इनमें से पांच हजार 671 प्रश्नपत्रों के ओएमआर शीट जमा कराए गए हैं।
- परीक्षा के दौरान कुछ अभ्यर्थियों के इधर-उधर घूमते हुए भी वीडियो प्रसारित हुए हैं। उनकी भी जांच की जा रही है।
जांच रिपोर्ट में बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा संचालन से संबंधित सुझाव भी दिए गए हैं। बापू परीक्षा परिसर में हजारों परीक्षार्थी शामिल होते हैं। कुशल प्रबंधन के लिए प्रत्येक तल को परीक्षा केंद्र के रूप में निर्धारित करते हुए अलग-अलग केंद्राधीक्षक, दंडाधिकारी आदि प्रतिनियुक्ति की जानी चाहिए।
जिला प्रशासन की अनुशंसा पर ही बापू परीक्षा परिसर अथवा अन्य केंद्रों को परीक्षा के लिए चयनित किया जाए। केंद्राधीक्षक तथा वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी जिला प्रशासन की देखरेख में हो, ताकि बेहतर समन्वय एवं अनुश्रवण से परीक्षा संपन्न कराई जा सके।
बापू परीक्षा परिसर के ध्वनि विस्तारक यंत्र की गुणवत्ता बढ़ाने की भी अनुशंसा की गई है। हंगामे के दौरान उत्तम गुणवत्ता के ध्वनि विस्तारक यंत्र के अभाव में परीक्षार्थियों को संबोधित करने तथा भीड़ प्रबंधन में समस्या का सामना करना पड़ा था।
वीडियो फुटेज हुए सार्वनिकबीपीएससी की एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान बापू परीक्षा परिसर, कुम्हरार में प्रश्नपत्र का पैकेट लेकर भागते और दूसरे की ओएमआर शीट छीनते हुए अभ्यर्थियों को जिला प्रशासन ने चिह्नित कर लिया है।
इससे संबंधित वीडियो फुटेज रविवार को सार्वजनिक किए गए हैं। इसमें कई अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष के टेबल पर रखे प्रश्नपत्र के पैकेट साथ लेकर जाते दिखे हैं।
मुख्य द्वार पर भी प्रश्नपत्र के पैकेट लहराते हुए अभ्यर्थी दिख रहे हैं। वहीं, एक वीडियो फुटेज में शांतिपूर्ण प्रश्नों को हल कर रहे अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट और प्रश्नपत्र छीन रहे हैं। इस दौरान बीच-बचाव के लिए आगे आए वीक्षकों को भी उनके गुस्से का शिकार होना पड़ा है।
जिला प्रशासन ने बापू परीक्षा परिसर से संबंधित जांच रिपोर्ट रविवार को बीपीएससी को सौंप दी है। आयोग के सचिव सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि 13 दिसंबर की परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा अवधि में हंगामा किया गया एवं परीक्षा को बाधित करने की कोशिश की गई।
पटना के जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट रविवार को प्राप्त हो गई है। जिस पर निर्णय के लिए सोमवार को आयोग कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक होनी है।
संभावना है कि हंगामा करने वालों की हत्या की प्राथमिकी की अनुशंसा की जाए, क्योंकि परीक्षा केंद्र के अतिरिक्त केंद्राधीक्षक की हंगामे के दौरान ही हृदयाघात से मौत हो गई थी।
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2 वजहों से मणिपुर में काम करने गए थे बिहार के सोनालाल और दशरथ, अब CM नीतीश ने परिवार के लिए कर दी बड़ी घोषणा
रजत कुमार, गोपालगंज/पटना। मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। जातीय हिंसा से झुलस रहे मणिपुर के काकचिंग जिले में शनिवार की शाम को हमलावरों ने गोपालगंज जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र के राजवाही बीन टोली निवासी दो कामगारों की गोली मारकर हत्या कर दी।
मरने वाले सोनालाल कुमार कर्ज चुकाने, जबकि दशरथ कुमार घर बनवाने का सपना लेकर मणिपुर कार्य करने के लिए गए थे। हत्या की घटना की सूचना मिलने के बाद स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल है। स्वजन ने जिला प्रशासन से दोनों कामगारों का शव घर तक लाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, जादोपुर थाना क्षेत्र के राजवाही बीन टोली निवासी मोहन सहनी के पुत्र दशरथ कुमार व उनके पड़ोसी विरेंद्र मुखिया के पुत्र सोनालाल कुमार, दोनों ने घर की स्थिति को देखकर मणिपुर जाने का फैसला किया और दीपावली बीतने के बाद घर से रवाना हो गए। मणिपुर के काकचिंग जिले में पहुंच गए।
वहां दशरथ कुमार के बड़ा भाई संतोष कुमार एवं सोनालाल कुमार के पिता विरेंद्र मुखिया पहले से ही एक भवन में निर्माण कार्य करते थे। वहां दशरथ व संतोष भी कार्य करने लगे। इस दौरान शनिवार को काम खत्म करने के बाद सोनालाल कुमार व दशरथ कुमार साइकिल पर सवार होकर अपने किराये के मकान की तरफ जाने लगे।
इसी बीच अपराधियों ने गोली मारकर दोनों कामगार की हत्या कर दी। हत्या की घटना की सूचना मिलने के बाद पैतृक गांव में कोहराम मच गया।
रविवार को रामपुर टेंगराही पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अजीत राय ने बताया कि स्वजन ने शव को राजवाही गांव में मांगवाने की मांग की है। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।
साथ ही मृतक दशरथ कुमार के पिता मोहन सहनी ने बताया कि घर बनवाने के लिए दशरथ अपने भाई के पास गया था। दोनों भाई कार्य भी कर रहे थे, ताकि घर बनाया जा सके।
वहीं सोनालाल कुमार की मां राधिका देवी ने बताया कि बेटी की शादी में दो लाख से अधिक कर्ज हो जाने के कारण सोनालाल अपने पिता के पास मणिपुर चला गया।
वहां पिता के साथ ही कार्य करने लगा, ताकि दोनों मिलकर जल्द से जल्द कर्ज को चुकाने का कार्य का सके। हिंसा में दोनों कामगारों की हत्या के बाद उनका सपना धरा का धरा ही रह गया।
13 दिसंबर को फोन कर दोनों कामगारों ने मां से की थी बातमणिपुर में अपराधियों की गोली का शिकार बने दशरथ कुमार व सोनालाल कुमार के स्वजन ने बताया कि दोनों कामगारों ने शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे फोन कर अपनी-अपनी मां से वीडियो काल बात की। साथ ही मणिपुर के हालत को सामान्य बताते हुए पैसा नए साल के पहले भेजने की बात कही।
शनिवार की रात को बात करने का वादा करने के बाद दोनों ने फोन को काट दिया शनिवार की रात फोन आने की जगह दोनों की मौत की खबर घर तक पहुंची। इसके बाद दोनों के स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल है।
स्वजन बोले, रंगदारी नहीं देने पर की गई हत्या- जादोपुर थाना क्षेत्र के राजवाही बीन टोली निवासी सोनालाल कुमार व दशरथ कुमार की मणिपुर में गोली मारकर हुई हत्या की घटना के बाद गांव के लोगाें की भीड़ मृतकों के दरवाजे पर उमड़ी थी।
- इस दौरान स्वजन ने कहा कि जिस ठेकेदार के साथ रहकर दोनों कामगार कार्य करते थे। उनसे रंगदारी की मांग की गई थी। ऐसे में रंगदारी नहीं देने पर हत्या की बात सामने आ रही है।
वहीं, मणिपुर हिंसा में बिहार के दो लोगों की हत्या पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह घटना काफी दु:खद है। वह इस घटना से मर्माहत हैं। हिंसा में मारे गए दोनों लोगों के स्वजन को मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्होंने दो-दो लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है।
मणिपुर हिंसा में गोपालगंज के रहने वाले लक्ष्मण कुमार (सोने लाल) तथा दशरथ कुमार की हत्या कर दी गई थी। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि बिहार के जिन दो लोगों की हत्या हुई है, उन्हें श्रम संसाधन व समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ भी दिलाएं जाएं।
उन्होंने दिल्ली में तैनात बिहार के स्थानिक आयुक्त को पूरी स्थिति की जानकारी लेने को भी कहा। यह निर्देश दिया मृतकों के स्वजन को हरसंभव सहायता उपलब्ध करायी जाए। उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था भी की जाए।
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बिहार में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस? पार्टी ने नई घोषणा से बढ़ाई RJD की टेंशन! PK को भी दिया खुला ऑफर
राज्य ब्यूरो, पटना। भले ही विधानसभा चुनाव अगले वर्ष संभावित हो लेकिन, इसके पूर्व बिहार में सीटों को लेकर दावे शुरू हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा और यात्रा के दौरान लगातार हो रही घोषणाओं के बीच कांग्रेस ने दावा कर दिया है कि कांग्रेस 2025 के चुनाव में 70 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में रविवार को सेवा दल के स्थापना कार्यक्रम के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने यह दावा किया।
हमारे बीच कोई मतभेद नहीं- अखिलेश- डॉ. सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने 2020 के चुनाव में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
- 2024 लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा।
- हमने नौ सीटों पर लड़कर तीन पर शानदार विजय प्राप्त की।
- लोकसभा चुनाव में भी कहा जा रहा था कि सीटों को लेकर महागठबंधन में मतभेद हैं। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं।
आइएनडीआइए के 24 घटक दल आपसी सहमति से सीटों का बंटवारा कर चुनाव मैदान में उतरेंगे। राष्ट्रीय जनता दल को इससे आपत्ति हो सकती है, इसके जवाब में कहा कि लालू प्रसाद भी चाहते हैं कि हम कम से कम 70 सीटों पर लड़े।
प्रशांत किशोर को दे दी बड़ी सलाहप्रशांत किशोर से जुड़े सवाल पर डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उन्होंने अभी नई-नई पार्टी बनाई है। उन्हें काम करने दीजिए। उन्होंने कहा मेरी सलाह है कि प्रशांत किशोर को आइएनडीआइए में शामिल हो जाना चाहिए।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की महिलाओं को 25 सौ रुपये देने की घोषणा पर कहा कि हम लोग इससे ज्यादा भी दे सकते हैं। लेकिन, हमारा ध्यान पहले सरकार बनाने की लड़ाई पर होना चाहिए। विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर अधिक से अधिक सीटें प्राप्त करनी होगी।
सेवादल कांग्रेस की रीढ़, इसकी मजबूती जरूरी : डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंहवहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के 101 वर्ष पूरा होने पर रविवार को प्रदेश कांग्रेस सेवा दल द्वारा सदाकत आश्रम में प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के मुख्य संगठक लालजी देसाई एवं विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान विशेष रूप से मौजूद रहे।
कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सेवादल कांग्रेस के आंख-कान है। किसी भी आपदा के वक्त सेवादल के कार्यकर्ता पूरी मुस्तैदी से कार्य करते रहें हैं।
उन्होंने कहा कि आप सब लोग बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जी जान से जुट जाएं। लालजी देसाई ने कहा कि सेवादल अनुशासन और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
देसाई ने कांग्रेस सेवा दल, यंग ब्रिगेड, सेवादल महिला मोर्चा, सेवादल सहित अन्य विभागों और प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों को भी मतदान केंद्रों पर कार्य करने और बूथ तक मजबूती लाने के लिए निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सेवा दल विधानसभा स्तर पर नायक और बूथ स्तर पर प्रभारी नियुक्त करेगा। सेवादल के प्रदेश और जिला पदाधिकारियों से कहा कि कमजोर मतदान केंद्रों का जिम्मा सेवादल कार्यकर्ताओं को सौंपें।
लोग मतदान केंद्रों पर मतदान संपन्न होने तक डटे रहें। कौन क्या कर रहा है, कहां गड़बड़ी हो रही या पार्टी की तैयारी में कमी है उसकी सूचना भी अवश्य दें।
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Bihar Police Recruitment 2024: पुलिस में नौकरी पाने का मौका, 17 दिसंबर से शुरू होंगे आवेदन; यहां देखें पूरी जानकारी
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Police Recruitment 2024: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSC) गृह विभाग आरक्षी शाखा में आशु सहायक अवर निरीक्षक के 305 पदों के लिए 17 दिसंबर से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक बेवसाइट www.bpssc.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए एक अगस्त 2024 तक न्यूनतम योग्यता 12वीं उत्तीर्ण या समकक्ष इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 17 जनवरी है।
आशु सहायक अवर निरीक्षक के लिए कंप्यूटर डिप्लोमा अनिवार्य- कंप्यूटर संचालन में सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान से डिप्लोमा प्रमाण पत्र धारक होना अनिवार्य है।
- अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 और अधिकतम 25 वर्ष निर्धारित है।
- आरक्षित श्रेणी, दिव्यांग व सरकारी सेवकों को अधिकतम आयु में छूट दी जाएगी।
- आयु की गणना एक अगस्त, 2024 से की जाएगी।
आयोग की वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी अपलोड कर दी गई है। लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर मेधा सूची बनाई जाएगी। बीपीएसएससी के अध्यक्ष केएस द्विवेदी ने बताया कि अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की मेधा सूची लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर आरक्षण कोटिवार तैयार की जाएगी।
माइनस मार्किंग भी होगी- लिखित परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होंगे। पहला 100 बहुविकल्पीय प्रश्नों का 100 अंकों का सामान्य हिंदी का होगा, इसमें न्यूनतम 30 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके अंक मेधा सूची में नहीं जोड़ा जाएगा।
- दूसरा प्रश्न पत्र सामान्य ज्ञान एवं समसामयिक मुद्दों से संबंधित होगा, 100 बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए 200 अंक निर्धारित हैं। दो घंटे में सभी प्रश्नों का जवाब देना होगा।
- प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.2 अंक कम कर दिया जाएगा। इसमें मिले नंबरों के आधार पर 6 गुना सफल अभ्यर्थियों का आरक्षण कोटिवार चयन किया जाएगा।
बिहार में खेल अब रोजगार का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। जोश और जुनून संग मैदान पर डटे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए बिहार सरकार द्वारा मेडल लाओ नौकरी पानो की तर्ज पर बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई गई है।
विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्त किया जा रहा है।
इसके तहत वर्ष 2023-24 में मेडल लाओ-नौकरी पाओ योजना के अंतर्गत 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को परीक्षा और साक्षात्कार के बिना विभिन्न सरकारी विभागों में क्लास वन की सरकारी नौकरी का सीधे नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। अब तक बिहार में 342 खिलाड़ियों को नौकरी दी जा चुकी है।
एसडीओ एवं डीएसपी पद पर नियुक्तिमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2010 से बिहार के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देना शुरू किया। इस नए नियम के अनुसार खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने पर एसडीओ एवं डीएसपी तक बनने का अवसर दिया जा रहा है।
इस नियमावली के तहत हाल ही में 71 खिलाडियों को नौकरी दी गई, जिसमें दो को पदाधिकारी पद पर नियुक्त किया गया।
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