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Updated: 1 hour 26 min ago

Ramkripal Yadav: रामकृपाल यादव का खेल किसने किया खराब? राज से हट गया पर्दा; सियासी हलचल हुई तेज

June 6, 2024 - 9:49pm

जितेंद्र कुमार,पटना। Bihar News: बिहार की पाटलिपुत्र सीट इस बार खूब चर्चा में रही। बीजेपी के दिग्गज नेता रामकृपाल यादव की हार के बाद यह सीट सुर्खियों में आ गई। रामकृपाल यादव (Ramkripal Yadav) की हार ने बीजेपी समर्थकों को चौंकाकर रख दिया। कार्यकर्ताओं को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इतनी मेहनत के बाद कहां चूक हो गई।

वाम दल ने दो जगह बिगाड़ा रामकृपाल का खेल

पटना जिले की राजनीति में 'लाल सलाम' का साथ मिलने से महागठबंधन का हाथ मजबूत हुआ है। 2020 विधानसभा चुनाव के समय नया राजनीतिक गठबंधन ने भाजपा और जदयू के परंपरागत सीटों पर कब्जा जमा लिया था।

चार साल में भाजपा और जदयू इसका तोड़ नहीं निकाल सका। पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का नतीजा पूरी तरह से विधानसभा चुनाव 2020 की तरह सामने आया है। इसके साथ एनडीए के परंपरागत वोट में महागठबंधन ने सेंध लगाकर चकित कर दिया।

पाटलिपुत्र के छह विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ दानापुर से भाजपा के रामकृपाल यादव पुराने प्रतिद्वंदी राजद की मीसा भारती से आगे रहे। 2019 के चुनाव में भाजपा को यहां से 29000 की बढ़त मिली थी। इस बार रामकृपाल को 2 हजार लेकिन मीसा भारती को 20 हजार अधिक वोट मिले। नतीजा भाजपा की बढ़त मात्र 12 हजार पर सिमट गई।

पालीगंज और मसौढ़ी में 'लाल सलाम' की पुरानी जमीन --

इंडियन पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) अब भाकपा माले का पालीगंज और मसौढ़ी पुरानी जमीन रही है। मसौढ़ी से आइपीएफ के टिकट पर सबसे पहला विधायक योगेश्वर गोप 1990 में चुने गए थे। ''''लाल सलाम'''' की पुरानी जमीन पालीगंज में 2005 के दोनों विधानसभा चुनाव भाकपा माले के नंद कुमार नंदा चुने गए थे। भाजपा की उषा विद्यार्थी और जदयू के जयवर्द्धन यादव को मौका दिया है।

महागठबंधन के सहयोगी भाकपा माले 2020 में इस सीट पर कब्जा जमा लिया। मसौढ़ी सीट राजद के खाते में गया। पालीगंज में भाजपा बीते लोकसभा चुनाव से तीन हजार अधिक वोट मिला लेकिन मीसा को 19 हजार अधिक वोट मिले। नतीजा बीते चुनाव की तुलना तीन हजार की बढ़त 19 हजार पहुंच गया।

 मनेर और मसौढ़ी ने मीसा का भर दिया खोइंछा --

लगातार दो चुनाव में हार का सामना कर रही राजद की मीसा भारती का खोइंछा मनेर ने भर दिया। यहां भाजपा के रामकृपाल यादव को बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में एक हजार अधिक वोट मिले लेकिन मीसा के खोइंछा में 17 हजार से अधिक वोटों की बढ़त दे दी।

मसौढ़ी में भाजपा के वोट में तीन हजार अधिक वोट मिले लेकिन मीसा को 25 हजार से बढ़त देकर जीत पक्का करने में मददगार बना। फुलवारीशरीफ में बीते चुनाव में रामकृपाल ने राजद को 15 हजार से शिकस्त दिया था इस बार आठ हजार अधिक वोट लाकर भी मीसा से पांच हजार पीछे रह गए। फुलवारीशरीफ में महागठबंधन का सहयोगी भाकपा माले विधायक बड़ा फैक्टर रहा।

बिक्रम में 5 हजार से पीछे रही भाजपा  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिक्रम में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सभा की थी। बिक्रम से 2019 के चुनाव में भाजपा की बढ़त 14 हजार थी। इसबार भाजपा को तीन हजार अधिक वोट मिले लेकिन राजद उम्मीदवार को पिछले चुनाव से 22 हजार अधिक वोट हासिल हुआ।

नतीजा रामकृपाल यादव पांच हजार वोट से पीछे हो गए। यह विधानसभा 2005 से भाजपा के कब्जे था जहां से महागठबंधन का सहयोगी कांग्रेस ने खाता खोला था। भाकपा माले ने यहां भी महागठबंधन के सहयोगी राजद को बढ़त दिलाने में कामयाब रहा

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Nitish Kumar: नीतीश कुमार तो बन गए 'किंग मेकर', अब चिराग पासवान और मांझी को क्या देंगे मोदी?

June 6, 2024 - 9:47pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Nitish Kumar News दिल्ली की सत्ता में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'किंग मेकर' के रूप में उभरे हैं। नीतीश कुमार ने मोदी को समर्थन भी दे दिया है। 9 जून को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड की मोदी 3.0 में अहम भूमिका होगी। मोदी 3.0 कैबिनेट में जदयू कोटे से तीन मंत्री हो सकते हैं।

अब नीतीश कुमार तो मोदी की नई सरकार में सेट हो जाएंगे, लेकिन 5 सांसदों वाले चिराग और हम के संरक्षण जीतन राम मांझी का क्या होगा? क्योंकि चिराग के पांच सांसद और मांझी भी एनडीए के पार्टनर हैं।

चिराग-मांझी बन सकते हैं मंत्री

चिराग पासवान (Chirag Paswan) और मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी अपनी डील लगभग फाइनल कर ली है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि चिराग और मांझी को भी केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। चिराग के पास तो पांच सांसद हैं और मौजूदा स्थिति को देखा जाए तो उनका दावा भी काफी मजबूत है। मांझी भी केंद्र में मिनिस्टर बनाए सकते हैं।

कल दिल्ली में जदयू की बैठक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे अपने दिल्ली स्थित आवास पर जदयू (JDU) संसदीय दल की बैठक बुलायी है। जदयू के सभी नव निर्वाचित सांसद बैठक में मौजूद रहेंगे। इसके अतिरिक्त जदयू के राज्यसभा सदस्यों व वरिष्ठ पदाधिकारियों की भी मौजूदगी रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नयी सरकार में जदयू की सहभागिता पर इस बैठक में निर्णय संभावित है। इस बैठक के दो घंटे बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल होंगे।

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Upendra Kushwaha: 'मेरी हार में पवन सिंह...', कुशवाहा का छलका दर्द; इशारों ही इशारों में दे गए बड़ा संकेत

June 6, 2024 - 8:58pm

राज्य ब्यूरो, पटना। काराकाट में त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा चुनाव नहीं जीत पाए। काराकाट लोकसभा के मुकाबले में पवन सिंह तो हारे ही उनके साथ उपेंद्र कुशवाहा की भी हार हो गई। उन्हें काराकाट की जनता ने तीसरे पायादान पर रखा।

चुनाव हारने के बाद पहली बार उन्होंने अपनी हार के कारण बताए। उन्होंने इशारों में भीतरघात की बात कही और कहा कि पवन सिंह फैक्टर बने या बनाए गए सबको मालूम है।

'सबको सब पता होता है...'

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष कुशवाहा ने कहा कि काराकाट में उनकी हार कैसे हुई यह बात आज किसी से छिपी नहीं है। आज इंटरनेट मीडिया का युग है। टेक्नोलॉजी काफी आगे पहुंच चुकी है। किसी भी विषय के बारे में किसी को बताने की जरूरत कहां पड़ती है। सबको सब पता होता है।

'जैसा की मैंने पहले ही कहा...'

उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि इस बात को ऊपर किसे बताने की जरूरत है। जैसा की मैंने पहले ही कहा कि इंटरनेट मीडिया का युग है और सबको सब पता होता है ऐसी स्थिति में किसे बताने की जरूरत है।

पवन सिंह ने किया त्रिकोणीय किया मुकाबला

बता दें कि काराकाट में पहले लड़ाई आमने-सामने की थी, लेकिन भाजपा के आसनसोल के प्रस्ताव को ठुकरा कर पवन सिंह काराकाट में निर्दलीय मैदान में उतर गए। जिसके बाद यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया।

इस चुनाव में पवन सिंह की एंट्री के बाद यहां चुनावी नतीजों में उपेंद्र कुशवाहा तीसरे पायदान पर पहुंच गए थे।

काराकाट में किसे मिले कितने वोट?
  • सीपीआई-एमएल के राजा राम सिंह - 3,80,581
  • निर्दलीय पवन सिंह - 2,74,723
  • राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा - 2,53,876

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Nitish Kumar: नीतीश कुमार को मनाना अब विपक्षी गठबंधन के लिए मुश्किल, JDU के दिग्गज नेता के जवाब ने तोड़ी उम्मीद

June 6, 2024 - 8:34pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News in Hindi Today: बिहार से लेकर पूरे देश में सीएम नीतीश कुमार की चर्चा जोरों पर है। विपक्षी दल जहां नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पलटने का इतजार कर रही है, तो वहीं भाजपा अब उन्हें किसी भी तरह से खोना नहीं चाहती है। लेकिन इस बीच अब जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सब कुछ क्लियर कर दिया।

क्या कहा जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा

जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि देश की जनता द्वारा नकार दिए जाने के बाद भी सत्ता में आने को ले विपक्ष व्याकुल है। देश व बिहार की जनता ने एनडीए के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिया है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आइएनडीआइए बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है, फिर भी विपक्ष जनादेश के विरुद्ध जाकर पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल करने के असफल प्रयास में जुटा है।

आइएनडीआइए के नेता लाख कोशिश कर लें लेकिन...

आइएनडीआइए के नेता लाख कोशिश कर लें, लेकिन केंद्र में सरकार बनाने का उनका सपना पूरा नहीं होगा। इस आम चुनाव में देश एवं बिहार की जनता ने विपक्ष के नकारात्मक राजनीति को सिरे से नकार दिया। चुनाव परिणाम से विपक्ष को सबक लेने की जरूरत है। जनता सच और झूठ के अंतर को बखूबी जानती है।

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Bihar Election 2024: बागियों ने किया NDA प्रत्याशियों का बेड़ा गर्क, समझें आरा-बक्सर समेत 7 सीटों का गुणा-भाग

June 6, 2024 - 8:28pm

रमण शुक्ला, पटना। अंतिम दौर में मगध व शाहाबाद की सात सीटों पर राजग की हार के पीछे भाजपा-जदयू के बागियों एवं भितरघातियों का हाथ रहा। उन्हीं सबने राजग प्रत्याशियों का बेड़ा गर्क किया। लगभग हर सीट पर बागियों ने जितने वोट काट लिए, करीब-करीब उतने ही मतों से राजग प्रत्याशियों की हार हुई है।

इसमें एक पहले चरण वाली औरंगाबाद सीट छोड़ छह सीटें पाटलिपुत्र, जहानाबाद, काराकाट, सासाराम, आरा एवं बक्सर में हुई जीत-हार की पटकथा भी कभी राजग के साथ रहे बागियों ने लिखी। यह बात दीगर है कि पार्टी ने उन जयचंदों से किनारा भी किया, लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी।

भाजपा संगठन से लेकर राजग के मतदाताओं के बीच संभवत: इसकी भरपाई नहीं हुई। वहीं, आरा में सांसद की उपेक्षा के कारण संगठन का मनोबल ही टूट गया था। सांसद का मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं से दूरी भी भाजपा के पक्ष कम मतदान के पीछे बड़ी वजह रही।

औरंगाबाद में भितरघात की मार

औरंगाबाद में कुशवाहा मतदाता के एकजुटता के साथ ही भाजपा के भितरघातियों ने भाजपा सांसद सुशील सिंह की हार की पटकथा लिखी। इसमें पूर्व विधायक रामाधार सिंह का खुलकर सांसद का विरोध करना सबसे अहम रहा। इसके अलावा जिले में संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का विरोध भी सांसद के लिए घातक रहा।

भाजपा सूत्रों के अनुसार अंदरखाने भाजपा के सांसद प्रत्याशी रहे कृष्ण बल्लभ प्रसाद सिंह ऊर्फ बबूआ जी और पूर्व जिलाध्यक्ष विनय शर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी सांसद के लिए नुकसान साबित हुआ। अति पिछड़े में कहार मतदाताओं भी सांसद विमुख होना हार का एक मुख्य कारण रहा। ऐसी कई वजहों से 79, 111 मतों से सांसद की हार हुई।

पाटलिपुत्र में थ्री-के फैक्टर

रामकृपाल यादव की हार के सारण के अगड़ा-पिछड़ा और जदयू के कोर वोटर की बेरुखी महंगी पड़ी। इसके अलावा थ्री के फैक्टर ने ज्यादा चोट किया। राजद के कोर वोटर की तुलना में राजग थ्री-के (कोईरी-कुशवाहा, कुर्मी एवं कहार) तीन वर्ग के मतदाताओं का उत्साह ठंडा रहना भी पाटलिपुत्र से भाजपा सांसद के हार के पीछे अहम कारण रहा।

हालांकि, यह एक अहम तथ्य है कि 2019 की तुलना में अबकी बार रामकृपाल को लगभग 20 हजार मत ज्यादा फिर भी भाजपा सांसद हार गए। 2019 में रामकृपाल को 500900 मत मिल थे। वहीं, 2024 में 5,02800 मत मिले हैं। इसके बावजूद भाजपा प्रत्याशी की 85,174 मतों भाजपा प्रत्याशी की हार हुई।

आरा में संगठन की उपेक्षा

पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की हैटट्रिक की नाव कार्यकर्ताओं और जिला संगठन की उपेक्षा के भंवर में डूब गई। भाजपा के जिला पदाधिकारियों का आरोप है कि सांसद से चुनाव में भाजपा का कार्यकर्ता और कुछ नहीं, लेकिन थोड़ा सम्मान चाह थी। पर, कार्यकर्ता को वह भी नहीं मिला तो वह क्यों तपती धूप में पार्टी के लिए जान देता? भाजपा संगठन के लिए जानी जाती है और चुनाव में खासतौर पर आरएसएस के स्वंयसेवक रणनीति में अहम भूमिका निभाते थे।

इस बार धरातल पर उनकी सक्रियता नहीं दिखी। जनता तो दूर सांसद तक कार्यकर्ताओं की पहुंच भी सुलभ नहीं थी। रही सही कसर पवन सिंह के कारण पिछड़े मतदाताओं का सांसद के विरोध में मत करना हार का अहम कारण रहा। आरके सिंह 59808 मत से चुनाव हार गए।

बक्सर में क्षत्रिय हुए सुधाकर के साथ

बक्सर में भाजपा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के हार के पीछे क्षत्रिय मतदाताओं का एक मुश्त राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह के पक्ष मत करना सबसे बड़ी वजह रही। वहीं, पूर्व नौकरशाह आनंद मिश्रा ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जितना मत कटा लिया उससे कहीं कम मत से मिथिलेश की हार हुई।

पूर्व नौकरशाह को 47409 मत मिले जबकि मिथिलेश की हार 30091 मतों से हुई। वहीं, मिथिलेश के प्रति जिला संगठन की भी वैसी सक्रियता नहीं दिखी। बाहरी व्यक्ति का प्रत्याशी होना भी अंदरखाने विरोध चरम पर रहा।

काराकाट से चली पिछड़ा विरोधी लहर

पवन सिंह का काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ना और क्षत्रिय समुदाय के युवा वर्ग का उपेंद्र कुशवाहा के विरुद्ध मुखर होना रालोमो प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा की हार की बड़ी वजह रही। हालांकि इसका नुकसान भाजपा-जदयू प्रत्याशियों की अंतिम चरण वाले कई सीटों झेलनी पड़ी।

यही नहीं, काराकाट में भाजपा के संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी कुशवाहा का साथ नहीं दिया। इसके अलावा बार-बार गठबंधन बदलना भी कुशवाहा के लिए घातक साबित हुआ। ऐसे में उपेंद्र तीसरे पायदान पर चले गए।

सासाराम में छेदी-ललन का नहीं मिला साथ

भाजपा प्रत्याशी शिवेश राम को पिता की विरासत मिलने की उम्मीद पर पार्टी के भितरघातियों ने ही पानी फेर दिया। पूर्व सांसद छेदी पासवान और सांसद बनने का सपना संजोकर भाजपा से जुड़े ललन पासवान का भितरघात ने शिवेश का बेड़ा गर्ग कर दिया। दोनों की पूरे चुनाव में सक्रिता पार्टी प्रत्याशी के प्रति नहीं दिखी। इसके अलावा कुशवाहा मतदाताओं भी मीरा कुमार और राजद के कारण प्रभाव में ज्यादा मतदान कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष किया।

जहानाबाद में कुशवाहा हुए विमुख जदयू के बागी और औरंगाबाद से राजद के सांसद चुने गए अभय कुशवाहा के अलावा राजद से जुड़े पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के नेताओं की किलेबंदी राजग प्रत्याशी की स्थित लचर होती चली गई। हार का कारण भी यही रहा।

इसके अलावा पवन के पक्ष में क्षत्रिय मदाताओं की लामबंदी से कुशवाहा मतदाता राजद की ओर हो लिए। राजद की ओर से छह-छह कुशवाहा समाज के नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने का संदेश जदयू प्रत्याशी चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के लिए घातक साबित हुआ।

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Bihar School Timing: बिहार में फिर बदला स्कूलों का समय, 10 से 13 जून तक लागू होगा नया टाइमटेबल

June 6, 2024 - 8:11pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar School Timing Changed राज्य में सभी सरकारी स्कूलों का समय बदल गया है। 10 जून से 30 जून तक सभी सरकारी स्कूल सबेरे 6.30 से 12.10 बजे दिन तक चलेंगे। सबेरे 6.30 बजे प्रार्थना की घंटी बजेगी। उसके 10 मिनट पहले शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

इससे संबंधित आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक सन्नी सिन्हा के हस्ताक्षर से गुरुवार को जारी हुआ है। यह आदेश सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसों के लिए लागू किया गया है।

ये है नया टाइमटेबल

इसके मुताबिक स्कूलों में सबेरे 6.30 से 6.45 तक प्रार्थना होगी। 6.45 से 7.20 तक पहली घंटी, 7.20 से 7.55 तक दूसरी घंटी, 7.55 से 8.30 तक तीसरी घंटी, 8.30 से 9.05 तक चौथी घंटी, 9.05 से 9.40 तक पांचवीं घंटी, 9.40 से 10.15 तक छठी घंटी एवं 10.15 से 10.50 बजे तक सातवीं घंटी चलेगी। 10.50 से 11.30 बजे तक 3री से 8वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए ''मिशन दक्ष'' के अंतर्गत कक्षा चलेगी।

इस अवधि में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं के लिए नियमित कक्षा चलेगी। जो बच्चे ''मिशन दक्ष'' से आच्छादित नहीं हैं, उनके लिए 10.50 से 11.30 की अवधि में खेलकूद, पेंटिंग एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधि चलेगी।

11.30 से 12.10 बजे तक 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन चलेगा, जबकि 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए विशेष कक्षाएं चलेंगी।

जो बच्चे विशेष कक्षा से आच्छादित नहीं हैं, उनके लिए 11.30 से 12.10 की अवधि में खेलकूद, पेंटिंग एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधि चलेगी।

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पटना के लिए रांची, टाटा, रक्सौल, कटिहार और गया से चलेगी परीक्षा स्पेशल; जानें टाइमिंग और रूट

June 6, 2024 - 8:00pm

जागरण संवाददाता, पटना। नौ जून को आईटीआई में नामांकन के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा के लिए भारतीय रेलवे ने परीक्षार्थियों की सुविधा के परीक्षा स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे ने पटना आने वाले विद्यार्थियों के लिए रांची, टाटा, रक्सौल, कटिहार एवं गया से परीक्षा स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।

वहीं, मुजफ्फरपुर से छपरा के लिए परीक्षा स्पेशल ट्रेन चलाया जाएगा। रेलवे की ओर से आठ जून को रांची से पटना के लिए परीक्षा स्पेशल ट्रेन का संचालन किया जाएगा। यह ट्रेन रांची से 14.10 बजे खुलेगी, उसी दिन 23 बजे पटना जंक्शन पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन अगले दिन 21 बजे पटना जंक्शन से खुलेगी जो 5.30 बजे रांची पहुंचेगी।

टाटा से पटना के लिए स्पेशल ट्रेन

वहीं, टाटा से पटना के लिए आठ जून को 16.15 बजे परीक्षा स्पेशल ट्रेन खुलेगी। रक्सौल से पटना के लिए परीक्षा स्पेशल ट्रेन का परिचालन आठ जून को किया जाएगा, उस दिन 13.15 बजे ट्रेन रक्सौल से खुलेगी और उसी दिन 22.30 बजे पटना जंक्शन पहुंचेगी। अगले दिन यह ट्रेन पटना जंक्शन से 19.10 बजे खुलेगी और 5 बजे रक्सौल पहुंचेगी।

कटिहार से पटना के लिए स्पेशल ट्रेन

कटिहार से पटना के लिए परीक्षा स्पेशल गाड़ी आठ जून को संचालित की जाएगी। पटना से कटिहार के लिए परीक्षा स्पेशल गाड़ी पटना जंक्शन से आठ जून को 13 बजे खुलेगी और उसी दिन कटिहार 21 बजे खुलेगी। उसी दिन यह गाड़ी 22 बजे कटिहार से खुलेगी, जो अगले दिन पांच बजे पटना जंक्शन खुलेगी।

वहीं, गया से पटना के लिए स्पेशल ट्रेन आठ जून को चलाई जाएगी। गया से यह ट्रेन 20 बजे खुलेगी, जो तीन घंटे में पटना जंक्शन पहुंचेगी। मुजफ्फरपुर से छपरा के लिए आठ जून को परीक्षा स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। यह ट्रेन मुजफ्फरपुर से 15 बजे खुलेगी, जो उसी दिन 18.30 बजे छपरा पहुंचेगी।

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बिहार STF को बड़ी कामयाबी, यूपी में पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुआ बेगूसराय का इनामी अपराधी निलेश राय

June 6, 2024 - 7:41pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए पुलिस मुठभेड़ में बेगूसराय का दो लाख का इनामी कुख्यात निलेश राय मारा गया। बिहार एसटीएफ, यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार को निलेश राय के विरुद्ध कार्रवाई की। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में बिहार एसटीएफ का एक जवान एवं यूपी एसटीएफ का एक जवान घायल हो गया है, जिसका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है।

निलेश के गैंग के अन्य साथी भागने में सफल रहे। निलेश राय, पिता-गोपाल राय, गांव-बारो रामपुर टोला, थाना-गड़हरा, जिला-बेगूसराय का रहने वाला था। उस पर बेगूसराय, बरौनी रेल पुलिस एवं जसीडीह (झारखंड) के थानों में 16 से अधिक गंभीर कांड दर्ज हैं, जिनमें हत्या, डकैती, रंगदारी, लूट, आर्म्स एक्ट एवं पुलिस पर हमला जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

बिहार पुलिस मुख्यालय ने उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने निलेश के पास से नौ एमएम की नौ एमएम की रेगुलर पिस्टल, .315 एवं .32 बोर की दो पिस्टल, 19 कारतूस और एक बाइक बरामद किया है।

एक सप्ताह से यूपी में कैंप कर रही थी बिहार एसटीएफ

गुप्त सूचना के आधार पर बिहार एसटीएफ की टीम निलेश राय की गिरफ्तारी को लेकर पिछले एक सप्ताह से पश्चिमी यूपी में कैंप कर रही थी। पुलिस के पास इनपुट था कि उक्त अपराधी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। इसकी सूचना यूपी एसटीएफ को दी गई।

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र में बिहार एसटीएफ, यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस के द्वारा संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। पुलिस को देखकर निलेश राय एवं उसके गैंग ने पुलिस पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अपराधी निलेश राय को गोली लगी जिससे वह घायल हो गया। इलाज के क्रम में स्थानीय अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

निलेश राय साल 2006 से अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। उस पर वर्ष 2014 में बेगूसराय जिला के गढ़हरा थाना अंतर्गत प्रमोद सिंह, वर्ष 2015 में तेघड़ा के कन्हैया सिंह और वर्ष 2016 में कन्हैया सिंह की पत्नी की गोली मारकर हत्या का आरोप था। बेगूसराय के फुलवरिया में डकैती के दौरान हत्या मामले में भी निलेश की भूमिका सामने आई थी।

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Monsoon Update 2024: कब आएगा मानसून? मौसम विभाग ने बता दी तारीख, इस बार सामान्य से अधिक वर्षा के आसार

June 6, 2024 - 6:59pm

जागरण संवाददाता, पटना। Monsoon Update 2024 देश में समय से पूर्व मानसून के सक्रिय होने से प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा के आसार हैं। प्रदेश में दो दशक बाद इस बार मानसून की वर्षा रिकॉर्ड तोड़ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष ला-नीना के प्रभाव होने और अंडमान-निकोबार में समय से पूर्व मानसून के दस्तक देने के कारण प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना है।

मौसम विज्ञानी एसके पटेल ने बताया कि प्रदेश में पांच से सात दिनों के दौरान पूर्णिया के रास्ते प्रदेश में मानसून दस्तक देगा। 31 मई से मानसून बंगाल की खाड़ी इस्माइलपुर में ठिठका पड़ा है।

जैसे ही कम दबाव का क्षेत्र विकसित होगा या चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बनेगा वैसे मानसून आगे की ओर बढ़ेगा। ऐसे में 10-15 जून के दौरान मानसून का प्रभाव प्रदेश में देखने को मिलेगा।

प्रदेश में बीते दो वर्ष से मानसून की वर्षा सामान्य से लगभग 23 फीसद कम हुई है। इस कारण सूबे के अधिक भाग सूखे की चपेट में रहे। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 61 फीसद अधिक वर्षा की संभावना है। मानसून अवधि में 96-104 फीसद वर्षा सामान्य मानी जाती है। प्रदेश में 992.2 मिमी वर्षा होने की संभावना है।

2006 में समय से पूर्व आया था मानसून

2006 में समय से पूर्व प्रदेश में मानसून ने प्रवेश किया था। 2006 में छह जून को मानसून का प्रवेश में प्रदेश में हुआ था वहीं नौ अक्टूबर को मानसून वापस लौट गया था। इस दौरान प्रदेश में 913 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। वहीं, 2018 में मानसून देर से आया था।

प्रदेश में 25 जून को मानसून प्रवेश किया था और पांच अक्टूबर को प्रस्थान किया था। इस दौरान प्रदेश में 771 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। जो सामान्य से 25 फीसद कम रही थी। 2020 से 2022 के दौरान मानसून 13 जून को प्रदेश में आया था। 2022-23 में प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा प्रदेश में दर्ज की गई थी।

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Bihar Jamabandi Portal: नीतीश सरकार ने लॉन्च किया 'परिमार्जन प्लस' पोर्टल, जमाबंदी में आसानी से कर पाएंगे सुधार

June 6, 2024 - 6:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जमाबंदी में हुई त्रुटियों को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने परिमार्जन प्लस के नाम से एक नया पोर्टल शुरू किया है। इसमें रैयत को अपने नाम, पिता के नाम, जाति के साथ पता में हुई त्रुटि, डिजिटाइज्ड जमाबंदी में दर्ज खाता, खेसरा, रकवा एवं चौहद्दी या प्रविष्टि में त्रुटि लगान संबंधी विवरणी में सुधार करवाने का मौका मिलेगा।

यह प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गुरुवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त मामलों का विशेष अभियान चलाकर निष्पादित करने का निदेश दिया गया है।

पत्र के अनुसार, रैयत का नाम/पिता का नाम मूल जमाबंदी से भिन्न होने पर त्रुटि सुधार मूल जमाबंदी के अनुसार किया जाएगा। पता एवं जाति में सुधार अंचल अधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के आधार पर किया जाएगा। अगर पिता का नाम मूल जमाबंदी में अंकित नहीं है तो साक्ष्य के आधार पर यह दर्ज होगा।

अगर मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकवा अंकित है तो त्रुटि निवारण उसके आधार पर होगा। परंतु मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकवा अंकित नहीं होने की स्थिति में अंचल अधिकारी रैयत द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर छूटी हुई विवरणी दर्ज करेंगे।

पहले परिमार्जन में सिर्फ मूल जमाबंदी में दर्ज विवरणी के आधार पर ही डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार किया जाता था। -कैसे होगा आवेदन सबसे पहले रैयत स्वयं को बिहार भूमि पोर्टल (biharbhumi.bihar.gov.in) पर रजिस्टर कर लागिन करेगा एवं परिमार्जन मेनू पर क्लिक करेगा। फिर डिजिटाइज्ड जमाबंदी पर क्लिक कर पुरानी जमाबंदी में सुधार के विकल्प को चुनेगा।

इसके बाद रैयत को अपने नाम, पिता का नाम, पता, खाता, खेसरा, चौहद्दी एवं लगान में सुधार से संबंधित विकल्प मिलेगा। उन्हें सेलेक्ट करने पर वर्तमान विवरणी स्क्रीन पर नजर आएगी। पूर्ण रूप से भरे हुए विवरण को अंचल अधिकारी को प्रेषित किया जाएगा। इसकी जांच राजस्व कर्मचारी करेंगे।

अगर आवेदन अधूरा पाया गया तो उसे अंचल अधिकारी के माध्यम से रैयत को लौटा दिया जाएगा। दुबारा सुधार के बाद जमा किए गए आवेदन को फिर आवेदक को लौटाने का विकल्प अंचल अधिकारी के पास नहीं होगा।

मंत्री बोले, जमाबंदी को ऑनलाइन करते समय कई गलतियां हो गई थीं। इसमें रैयतों की कोई गलती नहीं थी। इसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। परिमार्जन प्लस से इन गड़बड़ियों को दूर करने में मदद मिलेगी। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों/अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई होगी। डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग।

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Upendra Kushwaha: काराकाट में हार के बाद सामने आए उपेंद्र कुशवाहा, पवन सिंह को लेकर कह दी बड़ी बात

June 6, 2024 - 6:24pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Upendra Kushwaha On Pawan Singh काराकाट लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रत्याशी और NDA के पार्टनर उपेंद्र कुशवाहा की बुरी हार हुई। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस सीट पर भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह के आने से कुशवाहा का खेल खराब हुआ। ना तो कुशवाहा जीते और ना ही पवन, बाजी महागठबंधन के राजा राम सिंह मार गए।

उपेंद्र कुशवाहा ने अब अपनी हार पर पहली प्रतिक्रिया दी है। कुशवाहा ने जो बयान दिया है उससे बिहार में सियासी पारा हाई हो गया है। आनेवाले दिनों में NDA में भी खटपट दिख सकती है।

दरअसल, गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बात की। मीडिया ने पवन सिंह को लेकर उनसे सवाल पूछा, जिसपर वो झल्ला गए।

'सबको मालूम है, सारी चीजें...'

कुशवाहा ने कहा, हमको इस पर क्या कहना है...? सबको सब मालूम है, सारी चीजें सब लोग जानते हैं। अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है। चूक हुई या नहीं यह सभी को पता है।

पवन सिंह फैक्टर रहे?

जब मीडिया ने पूछा कि क्या आपकी हार में पवन सिंह फैक्टर थे? इस पर कुशवाहा ने कहा कि वो फैक्टर बना या फैक्टर बनाया गया, यह सभी जानते हैं। सब लोग ये बात जानते हैं, तो कुछ रखने की जरूरत नहीं है।

पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप ये बातें ऊपर ऊठाएंगे। इस पर कुशवाहा ने कहा कि कहीं कोई बात कहने-करने की जरूरत नहीं है। सारी चीजों की जानकारी आजकल सोशल मीडिया पर है... हाई टेक्नोलॉजी है, इसमें कुछ बताने की जरूरत पड़ती है?

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Bihar Politics: 'इस बार मोदी जी की सरकार...', लालू के जिगरी दोस्त के बयान से सियासी भूचाल; दे दिया ये संदेश

June 6, 2024 - 5:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लालू यादव के जिगरी दोस्त शिवानंद तिवारी ने पीएम मोदी को लेकर बेहद तीखे अंदाज में कटाक्ष किया है। शिवानंद तिवारी के बयान से बिहार की सियासत में भूचाल आ सकता है। शिवानंद तिवारी ने पीएम मोदी पर चुन-चुनकर कटाक्ष किया है।

शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने कहा है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार बैसाखी पर आ गई है। आलम यह है कि एक ओर विपक्ष का गठबंधन बढ़ा है तो एनडीए गठबंधन घटा है। खुद प्रधानमंत्री का वोट अप्रत्याशित ढंग से नीचे आया है।

शिवानंद तिवारी ने कहा कि 2019 के चुनाव में मोदी जी ने अपने क्षेत्र वाराणसी से लगभग 4.80 लाख मतों से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में महज 1.52 लाख वोट से जीत पाए।

लखनऊ में बुलडोजर बाबा के बावजूद बुरा हाल हो गया

शिवानंद तिवारी ने कहा कि गिनती के शुरुआती दौर में वे कुछ घंटे तक पीछे भी रहे। जबकि उस क्षेत्र की सभी सीटों पर भाजपा के ही विधायक हैं मेयर भी उन्हीं का है। लखनऊ में बुलडोजर बाबा हैं ही। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री जी के मतों में इतनी भारी गिरावट क्या दर्शाता है !

राम जी भी भाजपा की चाल समझ गए

शिवानंद तिवारी ने कहा कि सबसे चकित करने वाली बात यह है कि अयोध्या में दो बार के भाजपा सांसद लल्लू सिंह भी चुनाव हार गए। जबकि, अयोध्या में प्रधानमंत्री के रोड शो में वे उनके बगल में ही खड़े होकर हाथ हिला रहे थे। शायद रामजी को भी मालूम हो चुका है कि इनकी भक्ति दिखावा भर है।

इनकी असली भक्ति तो वोट में है। इसलिए अयोध्या में इनको हराकर वहां से एक दलित प्रत्याशी को जीत दिला कर राम जी ने जता दिया कि वे किसके साथ हैं।

बिहार, यूपी समेत कई राज्यों के घटे भाजपा के वोट

शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में लोकसभा के पिछले चुनाव में भाजपा गठबंधन को 40 में 39सीट मिली थी। इस बार उनकी आठ सीट घट गई। बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक आदि में भी भाजपा घट गई। दूसरी तरफ विपक्ष का गठबंधन लगभग दोगुना हो गया।

इस बार मोदी जी की सरकार बैसाखी के सहारे खड़ी होगी। इसलिए सर्वशक्तिमान जैसी जो आजादी मोदी जी को पहले थी, वह तो अब सपने में भी मुमकिन नहीं है। लोकतंत्र के लिए यह शुभ है।

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'नीतीश कुमार और नायडू कभी भी मोदी को...', मनोज झा का सबसे चौंकाने वाला दावा; I.N.D.I.A का मैसेज क्लियर!

June 6, 2024 - 4:22pm

डिजिटल डेस्क, पटना। दिल्ली में मोदी 3.0 की तैयारी चल रही है, लेकिन अभी तक विपक्षी नेता नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर डोरे डाल रहे हैं। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और नायडू (Chandrababu Naidu) दोनों ही नेता मोदी को अपना समर्थन भी दे चुके हैं। मगर राजद नेता इसी आस में बैठे हैं कि नीतीश-नायडू कोई बड़ा फैसला ले लें। अब राजद के बयान ने सियासी खलबली मचा दी है।

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा है कि अब बीजेपी (BJP) का अहंकार काम नहीं करेगा। उनके मंत्रियों के चिल्लाने से भी कुछ नहीं होगा। राजद सांसद ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की पृष्ठभूमि उन्हें हर समय 'मोदी तेरी जय' बोलने की इजाजत नहीं देती है।

#WATCH | RJD leader Manoj Jha says, "Now their (BJP) arrogance will not work, shouting by their ministers will not work...Chandrababu Naidu's and Nitish Kumar's backgrounds don't allow them to say 'Modi teri jai' all the time. The truth is that there is something non-negotiable… pic.twitter.com/IrHg44B2YK

— ANI (@ANI) June 6, 2024 'नीतीश और नायडू कभी भी मोदी को...'

मनोज झा ने दावा किया कि सच तो यह है कि उनकी (नीतीश-नायडू) राजनीति में कुछ ऐसा है जिससे समझौता नहीं किया जा सकता। वे प्रधानमंत्री और उनकी टीम को झूठ नहीं बोलने देंगे और धार्मिक ध्रुवीकरण भी नहीं होने देंगे।

'JDU क्या करेगी, इसे जनता देखेगी'

वहीं, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "इस सरकार में JDU की अहम भूमिका होने जा रही है। नीतीश कुमार महात्मा गांधी के विचारों को मानने वाले हैं। जो मुद्दें हैं उस पर JDU क्या करेगी इसे जनता देखेगी"।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, जातीय जनगणना यह मुद्दे हैं। जनता देख रही है कि बिहार को क्या मिलेगा और बिहार की जनता का इससे क्या फायदा होगा।

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Modi 3.0 में बिहार CM की कितनी चलेगी? नीतीश कुमार के करीबी ने बता दी अंदर की बात; मंत्रालयों पर भी दिया जवाब

June 6, 2024 - 4:04pm

डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब देश की राजनीति में 'किंग मेकर' के रूप में उभरे हैं। बिहार में 12 सीट जीतकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने सबको चौंका दिया है। अब वह एनडीए के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि 'मोदी 3.0' में JDU की भूमिका क्या होगी? इस सवाल का जवाब खुद पार्टी नेता ने दिया है।

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता हर्षवर्द्धन सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद हर्षवर्द्धन सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से मंत्रालयों की मांग सहित सभी महत्वपूर्ण निर्णय जदयू प्रमुख नीतीश कुमार लेंगे।

'बिहार में बहार थी, हम देश में बहार है...'

उन्होंने कहा, "हम पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं, इसलिए उनसे मिलने आए हैं। माहौल बहुत अच्छा है। बिहार में बहार थी, अब देश में बहार है, नीतीशे कुमार हैं। मंत्रालय और अन्य चीजें नीतीश कुमार तय करते हैं"।

उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह अच्छा लग रहा है कि हमें सम्मानित किया जा रहा है और हम मोदी जी को धन्यवाद देते हैं।

विजय सिन्हा बोले- नीतीश NDA का हिस्सा हैं

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में हमेशा प्रमुख भूमिका में रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे NDA का हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। जनादेश NDA के पक्ष में मिला है इसलिए जो चोर दरवाजे से ताक-झांक करते रहते हैं वे सफल नहीं होंगे, उनकी मंशा कभी पूरी नहीं होगी।

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Nitish Kumar: पहले दिल्ली में दिखा नीतीश का दम, अब बिहार में हो गया गेम; सम्राट को भी माननी पड़ी ये बात

June 6, 2024 - 3:41pm

एएनआई, पटना। नीतीश कुमार की किंगमेकर की स्थित ने भाजपा व राजद नेताओं के सुर बदल दिए हैं। कभी नीतीश कुमार सीएम पद से हटाने का प्रण लेने वाले सम्राट चौधरी के सुर भी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। 2025 में बिहार में भाजपा का सीएम बनाने का दावा करने वाले सम्राट ने 2025 के लिए नीतीश कुमार को नेता मान लिया है।

लोकसभा चुनाव के परिणाम पर सम्राट चौधरी ने कहा है कि देश की जनता ने 292 सीट देकर मोदी को फिर से पीएम बनने का मौका दिया है। यह इतिहास में पहली बार होगा, जब कोई व्यक्ति लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में हमने 75 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए हैं। हमारा अगला लक्ष्य 2025 के विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीट हासिल करना है।

नीतीश कुमार बिहार के नेता

इस दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल पूछे जाने पर सम्राट ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं। नीतीश कुमार के संबंध में सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के नेता हैं...इसमें कोई दो राय नहीं है। सम्राट ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों दलों का गठबंधन भी सिर्फ बिहार के विकास के बेस पर हुआ है।

#WATCH पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "देश की जनता ने 292 सीट देकर नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने का मौका दिया है और यह इतिहास में पहली बार है जब लगातार तीसरी बार कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री बन रहा है...हमने समीक्षा की है...नीतीश कुमार बिहार के नेता… pic.twitter.com/ZB1cQprilq

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2024

किंगमेकर नीतीश कुमार

नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भाजपा को खुद को बड़े भाई के रूप में देख रही थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव ने उसे तगड़ा झटका दिया है। बिहार में भाजपा और जदयू दोनों को 12-12 सीटें मिली हैं। भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थित में नीतीश कुमार जहां किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं।

नीतीश ने हासिल की खोई हुई प्रतिष्ठा

नीतीश कुमार के किंग मेकर की स्थिति में आने के बाद बिहार में हवा बदली-बदली सी नजर आ रही है। 2024 में जदयू का अस्तित्व खत्म होने की बात करने वाली राजद और अकेले 2025 में दम पर बिहार में सरकार बनाने का दावा करने वाले भाजपा नेताओं के सुर बदल गए हैं। नीतीश कुमार न सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने में सफल रहे हैं बल्कि जदयू को एक बार फिर बिहार की राजनीति के केंद्र में ला दिया है।

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'I.N.D.I.A की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार...', Modi 3.0 की तैयारी के बीच Pappu Yadav ने खोल दिए पत्ते

June 6, 2024 - 3:29pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Pappu Yadav On Nitish Kumar बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के अलावा एक और नाम है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। वो नाम है पप्पू यादव का। पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाले पप्पू यादव ने नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है।

पप्पू यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू हमेशा गांधी और अंबेडकर के विचारों पर चले हैं। दोनों ही नेता गांधीवादी हैं। इन्होंने हमेशा सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) की बात की है। सामाजिक न्याय की बात करते आए हैं।

'मैं उम्मीद करता हूं...'

पप्पू यादव ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं की देश में आइएनडीआइए की सरकार बनेगी"। नवनिर्वाचित सांसद ने यह भी कहा कि अगर नीतीश कुमार आईएनडीआईए का समर्थन करते हैं तो देश को उनपर गर्व होगा।

'नीतीश कुमार जी पर देश को गर्व होगा...'

पप्पू यादव ने कहा, "नीतीश कुमार जी पर देश को गर्व होगा जब वो आज देश के भरोसे पर खरे उतरेंगे"। उन्होंने कहा कि यही एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो नहीं बनेंगे।

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IIT NIT Admission 2024: इस दिन आएगा JEE Advanced का परिणाम, पहली बार ऑनलाइन होगी काउंसलिंग

June 6, 2024 - 3:06pm

जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास की ओर से आयोजित जेईई एडवांस का परिणाम नौ जून की सुबह 10 बजे जारी कर दिया जाएगा। परिणाम जारी होने के अगले दिन 10 जून से आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपलआइटी व जीएफटीआइ में प्रवेश के लिए जोसा काउंसलिंग प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

इस वर्ष जोसा काउंसलिंग की ओर से 23 आइआइटी, 32 एनआइटी, 26 ट्रिपलआइटी एवं 40 जीएफटीआइ में प्रवेश दिया जाएगा। जोसा काउंसलिंग का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। काउंसेलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

पांच राउंड में होगी काउंसिलिंग आइआइटी, एनआइटी व ट्रिपलआइटी में प्रवेश के लिए होने वाली जोसा काउंसिलिंग प्रक्रिया 10 जून से 26 जुलाई के बीच पांच राउंड में होगी। अब तक यह छह राउंड में होती थी।

पहली बार काउंसलिंग ऑनलाइन होगी। अभ्यर्थी 10 जून शाम पांच बजे से जोसा काउंसलिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन एवं कालेज च्वाइस फिलिंग कर सकेंगे, इसकी अंतिम तिथि 18 जून को शाम पांच बजे तक है।

20 जून को पहले राउंड का सीट आवंटन होगा। जिनका पहले राउंड में सीट का आवंटन होगा, उन्हें आनलाइन रिपोर्टिंग के दौरान सीट एक्ससेप्टेंस फीस जमा कर कागजात अपलोड कर अपनी सीट 24 जून तक कन्फर्म करनी होगी।

दूसरे राउंड का सीट आवंटन 27 जून, तीसरे का चार जुलाई, चौथे का 10 जुलाई को होगा। अंतिम यानी पाचवें राउंड का सीट आवंटन 17 जुलाई को होगा। फाइनल रिपोर्टिंग 22 जुलाई तक करनी होगी।

ऐसे फिल करें कॉलेज व ब्रांच च्वाइस

विद्यार्थियों को जोसा काउंसलिंग में 121 संस्थानों की 600 से अधिक प्रोग्रामों की च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, अतः विद्यार्थी ज्यादा-से-ज्यादा कालेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें।

विशेषज्ञों के अनुसार विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कालेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कालेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करे। जोसा काउंसेलिंग में कालेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कालेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइन भरें ताकि गलती होने की संभावना न रहे। विद्यार्थी कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य चेक करें क्योंकि लाक करने के उपरान्त उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे।

ऑनलाइन रिपोर्टिंग में आवश्यक दस्तावेज:

विशेषज्ञों के अनुसार, जोसा काउंसलिंग में सीट आवंटन के बाद विद्यार्थियों को आनलाइन रिपोर्टिंग में 10वीं, 12वीं की अंकतालिका, कैटेगिरी सर्टिफिकेट, कैंसिल चैक की फोटोकापी, मेडिकल सर्टिफिकेट आदि स्कैन कर अपलोड करने होंगे। ईडब्ल्यूएस एवं ओबीसी के विद्यार्थियों को एक अप्रैल 2024 के बाद का कैटेगिरी सर्टिफिकेट देना होगा। अन्यथा उनकी कैटेगिरी निरस्त कर ओपन रैंक से सीट आवंटित की जाएगी।

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Bihar Election Result 2024: बिहार में भाजपा-जदयू के साथ कैसे हो गया खेला? यहां समझिए पूरा हिसाब-किताब

June 6, 2024 - 2:59pm

कुमार रजत, पटना। Bihar News: बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सामने आ गया हैं। इस बार के परिणाम में जहां आरजेडी और कांग्रेस को फायदा हुआ तो वहीं भाजपा-जदयू को नुकसान झेलना पड़ा है। अब लोगों के मन में यह चल रहा है कि आखिर बीजेपी और जेडीयू के वोट बैंक में कहां सेंधमारी हो गई। आरजेडी-कांग्रेस वालों ने कहां फायदा उठाया।

तो आइए आपलोगों को बताते हैं कि आखिर कहां-कहां एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी हो गई और आरजेडी-कांग्रेस को कैसे फायदा हो गया।

भाजपा, जदयू और लोजपा के वोट बैंक में कुल 8.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज

बिहार में राजग को 30 सीटें जरूर मिली हैं, मगर भाजपा, जदयू और लोजपा के वोट बैंक में कुल 8.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं महागठबंधन के प्रमुख दलों राजद-कांग्रेस के वोट प्रतिशत में पिछली बार की तुलना में 8.50 प्रतिशत की ही वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह लगभग 8.50 प्रतिशत वोटों की सेंधमारी ने राजग को नौ सीटों का नुकसान करा दिया है।

बिहार में किस गठबंधन को कितने फीसदी वोट

इस बार के लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो बिहार में राजग को करीब 45.51% वोट मिले हैं। वहीं महागठबंधन करीब 36.50% वोट हासिल करने में सफल रहा है। इस इस तरह गठबंधन के स्तर पर करीब नौ प्रतिशत अधिक मत राजग के खाते में आये हैं। पिछले लोकसभा में यह अंतर करीब 22 प्रतिशत था। इस तरह यहां भी राजग को नुकसान उठाना पड़ा है।

राजद को 7 प्रतिशत अधिक वोट मिले 

पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को कुल 15.7 प्रतिशत वोट मिले थे। हालांकि वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस बार राजद का कुल वोट सात प्रतिशत बढ़कर 22.14 प्रतिशत हो गया है। महागठबंधन के साथी कांग्रेस का वोट शेयर भी करीब डेढ़ प्रतिशत बढ़ा है। पिछले लोकसभा चुनाव में उसे 7.9% वोट हिस्सेदारी मिली थी जो इस बार बढ़कर 9.20 प्रतिशत हो गई है।

राजग के प्रमुख दलों की बात करें तो भाजपा को पिछले लोकसभा चुनाव में 24.01% कुल मत मिला था, जो इस बार घटकर 20.52% रह गया है। इस तरह उसे करीब 3.50 प्रतिशत कम वोट मिले। जदयू को भी पिछले लोकसभा चुनाव में 22.3% वोट मिला था, जो इस बार करीब चार प्रतिशत घटकर 18.52 रह गया है। लोजपा को 7.86% मत मिले थे जबकि इस बार पार्टी 6.47 प्रतिशत कुल मत हासिल कर सकी है।

प्रमुख दलों को मिले वोट

दल - 2019 - 2024

भाजपा - 24.1 - 20.52

जदयू - 22.3 - 18.52

राजद - 15.7 - 22.14

कांग्रेस - 7.9 - 9.20

लोजपा - 7.8 - 6.47

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Chirag Paswan: 'जरा-सी भी चूक हो जाए तो...', मोदी को 'N फैक्टर' का साथ मिलने के बाद चिराग का बड़ा बयान

June 6, 2024 - 2:37pm

डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। Chirag Paswan  दिल्ली में कल देर शाम एनडीए की बैठक हुई। बैठक में एनडीए के तमाम नेताओं ने नरेंद्र मोदी के समर्थन में प्रस्ताव पास किया। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने भी नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन दे दिया है। साफ है कि अब जल्द ही नई सरकार का गठन होगा। इस सबके LJPR नेता चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया।

एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, "...मेरे पीएम तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कल एनडीए के सभी नेताओं की बैठक हुई... हमारी जीत से कोई इनकार नहीं कर सकता। एनडीए को ये प्रचंड बहुमत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में मिली है"।

#WATCH दिल्ली: LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, "नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कल NDA के नेताओं की बैठक थी...प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही NDA को प्रचंड बहुमत मिली है...कल NDA के घटक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को स्वीकारा है..." pic.twitter.com/awsEPPSKW7

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2024

'जरा-सी भी चूक हो जाए तो...'

चिराग पासवान ने यह भी कहा कि कभी-कभी हम अपने लिए इतना बड़ा लक्ष्य तय कर लेते हैं कि जरा-सी भी चूक हो जाए तो सवाल उठने लगते हैं।

'यह कोई सामान्य बात नहीं है...'

उन्होंने कहा, "यह कोई सामान्य बात नहीं है कि एनडीए को तीसरी बार जनादेश मिला है। कल की बैठक में एनडीए के सभी सहयोगियों ने बिना किसी शर्त के एक बार फिर उनका (मोदी) नेतृत्व स्वीकार कर लिया है"।

चिराग पासवान ने केंद्र में क्या मांगा?

NDA सरकार में अपनी पार्टी द्वारा 2-3 कैबिनेट पदों की मांग की खबरों पर चिराग पासवान ने कहा, "मैं ऐसी सभी बातों का खंडन करता हूं। कोई मांग नहीं है। कोई मांग हो ही नहीं सकती, क्योंकि हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री को फिर से प्रधानमंत्री बनाना था... यह विशेषाधिकार प्रधानमंत्री के पास ही है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको जगह देते हैं और किसको नहीं देते हैं..."

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BJP के लिए नीतीश क्यों हो गए हैं जरूरी, विधानसभा को लेकर JDU का अब ये है प्लान; नई रणनीति से हलचल बढ़ने की उम्मीद

June 6, 2024 - 1:52pm

अरुण अशेष, पटना। Bihar Politics In Hindi 2020 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार की राजनीतिक क्षमता पर कई बार प्रश्न खड़े हुए। राजद के गठबंधन के समय नीतीश (Nitish Kumar) ने इतना तक कह दिया कि अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

उनके फिर से एनडीए में आने के बाद यह अनुमान लगाया गया कि 2025 में भाजपा की अगुआई में विस चुनाव लड़ा जाएगा।

नीतीश और उनके लोग भी इस मुद्दे पर मौन थे। लेकिन, लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही जदयू की ओर से घोषणा कर दी गई कि अगला विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

यह 13 दिसंबर 2022 की बात है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन महागठबंधन विधान मंडल दल की बैठक चल रही थी। उस समय के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा था-अगले विधानसभा चुनाव में इन्हीं को आगे बढ़ाना है।

नालंदा में नीतीश ने क्या कहा था?

इससे पहले, नालंदा के रहुई में मुख्यमंत्री ने कहा था-हमारे तेजस्वी जी हैं। इनको आगे बढ़ा रहे हैं। इनको और आगे काम करना है।दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश के जदयू की हैसियत तीसरे नम्बर के दल की हो गई थी। जदयू की सिर्फ 43 सीटों पर जीत हुई थी। इससे क्षुब्ध नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बन रहे थे।

भाजपा के मनुहार पर मुख्यमंत्री बने। लेकिन, जल्द ही भाजपा के कुछ नेता उन पर अपमानजक टिप्पणी करने लगे। नीतीश जो एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में थे, भाजपा के कई नेता उन्हें छोटा भाई बताने लगे। परिणति नीतीश के महागठबंधन के साथ जुड़ने से हुई।लोग नीतीश में सत्ता के प्रति वैराग्य का भाव देखने लगे।

उन्होंने कहा था-मुझे किसी पद की ख्वाहिश नहीं है। इस घोषणा के बाद वह एक बार फिर एनडीए से जुड़े। मुख्यमंत्री बने। तब कहा जाने लगा कि यह नीतीश की आखिरी राजनीतिक पारी है। लेकिन, लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें हासिल करने के बाद एक बार नीतीश फिर किंग मेकर की भूमिका में हैं।

उनका और जदयू का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। जदयू के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कह दिया कि 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

अपरिहार्य बन गए नीतीश

लोकसभा चुनाव में 12 सीट जीतकर जदयू उत्साह से भरा हुआ है। इसलिए कि केंद्र में नई सरकार के गठन के लिए यह संख्या अपरिहार्य है। हालांकि, जदयू को 2019 की तुलना में उतनी ही सीटें लड़ने पर 3.74 और भाजपा को 3.53 प्रतिशत कम वोट आया। हार-जीत का अंतर भी कम हुआ है।

इसके बावजूद जदयूू ने अपने आधार वोटों को बचा कर रखा। कुछ क्षेत्रों में उसे मुसलमानों का वोट भी मिला। जदयू के प्रति अत्यंत पिछड़ों और महिलाओं का समर्थन भी बना रहा।

कई बार क्षुब्ध हुए नीतीश

नीतीश कुमार की दिली इच्छा थी कि सुशील कुमार मोदी (अब दिवंगत)उनके कैबिनेट में रहें। केंद्रीय नेतृत्व ने इसकी अनुमति नहीं दी। 2019 की जीत के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने कैबिनेट में जदयू को एक से अधिक सीट देने से भी मना कर दिया।

नीतीश जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह को भी मंत्री बनाना चाहते थे। उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। राज्य कैबिनेट में भी भाजपा ने कई ऐसे चेहरे को रखने के लिए दबाव बनाया, जिसे नीतीश पसंद नहीं करते थे।

बिहार के लिए क्यों है जरूरी

लोकसभा चुनाव में बिहार के भाजपा नेता सक्रिय थे। उनकी खूब सभाएं हुईं। उम्मीदवारों ने और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगा। दूसरी तरफ जदयू राज्य सरकार की उपलब्धियों के आधार पर वोट मांगता रहा।

औरंगाबाद, जमुई और नवादा की सभाओं को छोड़ दें तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र की अधिसंख्या सभाओं में मंच पर नजर नहीं आए। कारण यह बताया गया कि साझा मंच पर नीतीश राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करने में अधिक समय ले लेते हैं। प्रधानमंत्री के लिए समय कम पड़ जाता था।

दूसरी परेशानी मुसलमानों को लेकर थी। प्रधानमंत्री के मंच पर भाजपा के नेता हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर ध्रुवीकरण के लायक भाषण करते थे।उसी मंच से नीतीश कहते थे कि आपस में लड़ना नहीं है। वह मुसलमानों के लिए किए गए राज्य सरकार के कार्यों की लंबी सूची रख देते थे।

लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर महागठबंधन की ओर से अगड़ा-पिछड़ा कार्ड खेला गया। विधानसभा चुनाव में यह कार्ड अधिक प्रभावी न हो पाए, इसके लिए भी एनडीए में नीतीश का महत्वपूर्ण बनाए रखना भाजपा के लिए जरूरी हो गया है।

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