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Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा का 6 साल से चल रहा था इलाज, 'बिहार रत्न' ने नहाय-खाय के दिन ली अंतिम सांस
जासं, पटना। संगीत की देवी और बिहार की स्वर कोकिला के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन दिल्ली के एम्स अस्पताल में मंगलवार की रात हो गया।
छठ गीतों को घर-घर तक पहुंचाने वाली 72 वर्षीय शारदा सिन्हा छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय के दिन ही छठी मैया की गोद में निर्वाण को प्राप्त हुए। वे 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं।
वे बीते छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं। बीते दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था।
मंगलवार की देर रात उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर मां शारदा सिन्हा के निधन की जानकारी दी। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर है। एक अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलसा गांव में हुआ था।
हिंदी, मैथली, भोजपुरी, बज्जिका समेत अन्य भाषाओं में कई सदाबहार गीत गाने वाले लोक गायिका को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
अस्पताल से व्रतियों के लिए जारी किया था गीतमहापर्व छठ के आरंभ होने से चार दिन पूर्व उन्होंने छठ गीत दुखवा मिटाई छठी मैया, रऊए आसरा हमार.. जारी किया था।
एम्स अस्पताल से ही उनके बेटे ने गीत को इंटरनेट मीडिया पर जारी कर लोगों को छठ की शुभकामना दी थी। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
शारदा सिन्हा द्वारा छठ पूजा पर आधारित गीत हो दीनानाथ.. को लोगों ने खूब पसंद किया था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मैथिली विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं।
शारदा सिन्हा की बिगड़ते तबीयत को देखते हुए पीएम मोदी ने अंशुमन सिन्हा से कहा था कि वे बिल्कुल मजबूती से अपनी मां का इलाज कराएं।
पति के निधन से लगा था सदमाइसी वर्ष 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का 80 वर्ष की उम्र में ब्रेन हेम्ब्रेज के कारण निधन हो गया था। पति के निधन के बाद शारदा सिन्हा धीरे-धीरे कमजोर होते चली गईं थीं।
तबीयत बिगड़ने के बाद शारदा सिन्हा को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अक्टूबर में जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उनकी खाने-पीने की आदतों में भी समस्या आने लगी थी।
हिंदी सिनेमा में भी गूंजे शारदा के गीतलोक गायकी के अलावा, शारदा सिन्हा ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी आवाज से जादू बिखेरा। उन्होंने 1989 में फिल्म मैंने प्यार किया के गीत 'काहे तोसे सजना' गाकर सबका दिल जीत लिया।
इसके अलावा गैंग्स आफ वासेपुर में उनके गाए 'तार बिजली' और हम आपके हैं कौन का 'बाबुल जो तुमने सिखाया' जैसे गीत उनकी मधुर आवाज का प्रमाण हैं। इन गीतों ने उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए।
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Patna AIIMS Director: हटाए गए एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके पाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की कार्रवाई
जागरण संवाददाता, पटना। गोरखपुर एम्स के प्रभारी निदेशक रहते हुए नॉन क्रीमी लेयर के फर्जी प्रमाणपत्र पर पुत्र डॉ. औरो प्रकाश का परास्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन कराने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पटना एम्स (Patna AIIMS) के निदेशक सह सीईओ डॉ. गोपाल कृष्ण पाल (Dr. Gopal Krishna Pal) को पद से हटा दिया है। उन्हें तुरंत मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
गोरखपुर के प्रभारी निदेशक पद से उन्हें कार्यकाल पूरा होने के चार दिन पूर्व ही हटाया जा चुका है। नए निदेशक की नियुक्ति या तीन माह तक के लिए देवघर एम्स के निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय को पटना एम्स का प्रभारी निदेशक बनाया गया है। बताते चलें कि डॉ. सौरभ वार्ष्णेय पूर्व में दिसंबर 2021 से जुलाई 2022 तक यहां के प्रभारी निदेशक रह चुके हैं। पूर्णकालिक निदेशक के नहीं होने से तमाम विकास कार्य रुक जाने पर डॉ. जीके पाल की नियुक्ति की गई थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय का पत्र जारी होने के बाद से डॉ. जीके पाल से फोन पर बात नहीं हो सकी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अवर सचिव अरुण कुमार बिश्वास द्वारा सोमवार को जारी पत्र में कहा गया कि जब डा. गोपाल कृष्ण पाल एम्स गोरखपुर के अतिरिक्त प्रभार में थे, तब उन्होंने पुत्र डॉ. औरो प्रकाश पाल का दाखिला माइक्रोबायोलाजी विभाग में पीजी पाठ्यक्रम में नामांकन कराया था।
दानापुर अनुमंडल से अगस्त माह में जारी नॉन क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र पर उनका नामांकन हुआ था, जबकि डॉ. पाल इसके पात्र नहीं थे। चार सितंबर को गोरखपुर एम्स में सर्जरी के विभागाध्यक्ष ने इसकी शिकायत की थी। हालांकि, इस बीच उनके पुत्र ने जुर्माने की राशि भरते हुए अपना नामांकन रद करा लिया था, लेकिन अनियमितता की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन सदस्यीय जांच टीम बना सात दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा था। 27 सितंबर को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी।
7 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने डा. जीके पाल से शोकाज कर रिपोर्ट में दोषी साबित होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए की बाबत तीन दिन में जवाब मांगा। 10 अक्टूबर को डॉ. जीके पाल ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए अपना गोपनीय जवाब मंत्रालय को भेज दिया। इसके बाद से ही उन्हें पटना एम्स के निदेशक पद से हटाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिरकार 5 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्री की सहमति से मंत्रालय ने उन्हें हटाने का आदेश जारी कर दिया।
एम्स पटना के निदेशक के बाद डीन के पुत्र पर गाज तयएम्स पटना का निदेशक बने डॉ. जीके पाल को अभी दो वर्ष तीन माह ही हुए थे, लेकिन इस बीच हुई नियुक्तियों में कई अनियमितताओं की शिकायत मंत्रालय पहुंच चुकी है। गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र पर अपने पुत्र के पीजी नामांकन मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद उन्होंने इसी आधार पर फिजियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बने अपने एक डीन के पुत्र के खिलाफ सात सदस्यीय आंतरिक समिति गठित की थी।
रिपोर्ट सौंपने की निर्धारित तिथि दो बार बढ़ाने के बाद आखिर सामुदायिक एंव पारिवारिक चिकित्सा के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय पांडेय की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट निदेशक को सौंप दी। इसमें सहायक प्रोफेसर डॉ. कुमार सिद्धार्थ को नियुक्ति के लिए अनिधकृत रूप से गैर-क्रीमी लेयर (एनसीएल) ओबीसी प्रमाणपत्र प्रयोग करने का दोषी पाया गया है। गत वर्ष दिसंबर में जब इस प्रमाणपत्र का प्रयोग किया गया तब वे इसके लाभार्थी नहीं थे।
हालांकि, अब जब निदेशक डॉ. जीके पाल खुद पद से हटा दिए गए हैं तो वे इस पर कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। एम्स पटना के वरिष्ठ डाक्टरों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज मंगवाए हैं। आगे की कार्रवाई स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर से होगी।
इस्तीफा देने पर भी नहीं मिली मुसीबत से मुक्ति:एम्स पटना में गत वर्ष हुई नियुक्तियों गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र का कई लोगों ने दुरुपयोग किया, लेकिन निदेशक व एक डीन के पुत्र का मामला सबसे अधिक चर्चा में रहा। निदेशक के पुत्र की तर्ज पर जांच समिति गठित होने के बाद डॉ. कुमार सिद्धार्थ ने भी 24 अक्टूबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, 7 अक्टूबर को गठित आंतरिक जांच समिति के निर्धारित समय 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट नहीं देने के कारण एम्स पटना के अध्यक्ष डा. सुब्रत सिन्हा जो नियुक्ति व अनुशासनात्मक पदाधिकारी होते हैं ने इसे स्वीकार नहीं किया।
इस बीच सात सदस्यीय जांच समिति में दोफाड़ हो गए, एक का कहना था कि डॉ. सिद्धार्थ का तर्क कि 40 वर्ष की उम्र तक उनके पिता जो आइजीआइएमएस थे वह क्लास वन पदाधिकारी नहीं थे, इसलिए वे गैर क्रीमीलेयर ओबीसी का लाभ पाने के हकदार हैं को स्वीकार कर लिया जाए। वहीं कुछ सदस्य इसके विरोध में थे। ऐसे में पहली बार 25 तो दूसरी बार 4 नवंबर तक जांच की समयावधि बढ़ाई गई थी। जांच टीम के रिपोर्ट सौंपने के दिन ही मंत्रालय ने एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके पाल को हटाते हुए डॉ. कुमार सिद्धार्थ के मामले की दोनो जांच रिपोर्ट मंगवाई हैं।
नए निदेशक के लिए मुसीबत बनेंगी आरटीआई:एम्स पटना के अधिकारियों के अनुसार डॉ. जीके पाल के समय में हुई डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियों के बारे में कई लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है। इन जानकारियों के सामने आने के बाद नियुक्तियों में हुईं कई अनियमितताएं सामने आ सकती हैं, जिनसे निपटना प्रभारी निदेशक के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। आप यदि बिहार के किसी शहर या गांव में रहते हैं और फिल्मों की शूटिंग देखने के शौकीन हैं तो जल्द ही आपको शूटिंग देखने का मौका मिल सकता है। असल में बिहार सरकार बिहार के रमणीक स्थलों के साथ ही पुराने फार्म हाउस, डाकबंगला, अतिथि गृह, पार्क, तालाब, स्कूल, अस्पताल के साथ ही थानों को सूचीबद्ध कर रही है ताकि यहां फिल्मों की शूटिंग हो सके।
प्रदेश सरकार ने कुछ महीने पूर्व ही बिहार फिल्म नीति 2024 स्वीकृत की है। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में बड़ी संख्या में फिल्मों की शूटिंग शुरू हो सकती है। जिसे देखते हुए फिल्म एवं वित्त निगम के एक आग्रह के बाद भवन निर्माण विभाग ने पुराने फार्म हाउस, डाकबंगला, अतिथि गृह, पार्क, तालाब, स्कूल, अस्पताल वगैरह को सूचीबद्ध करने का काम शुरू किया है।
कार्यपालक अभियंताओं को दिशा निर्देश जारीइसके लिए सभी कार्यपालक अभियंताओं को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि संबंधित संपत्ति के पूरे विवरण के साथ सकी स्पष्ट फोटो, संपत्ति सरकारी है अथवा गैर सरकारी, इसके उपयोग की अनुमति किसके स्तर पर मिलेगी। संपत्ति उपयोग के लिए शुल्क देय है अथवा उसका उपयोग मुफ्त किया जा सकता है। विभाग ने संबंधित जानकारी देने के लिए तीन दिनों की मोहलत दी है।
बता दें कि फिल्म एवं वित्त निगम के आग्रह के बाद कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव को पहले इस संबंध में पत्र लिखा गया था।
जिसमें कहा गया था कि फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल स्थानों की सूची की जरूरत फिल्म निगम को होगी, ताकि विभागों से मिली जानकारी को राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किया जा सके। ताकि इच्छुक फिल्मकार अपनी फिल्मों की मांग के अनुरूप संबंधित स्थानों का चयन शूटिंग के लिए कर सकें।
क्या है बिहार फिल्म नीति 2024?फिल्म प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य को फिल्म निर्माण के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित करना, राज्य के ऐतिहासिक एवं मनमोहक पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। साथ ही फिल्म निर्माण के लिए आधारभूत संरचना और रोजगार के अवसरों का विकास करना, फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देना है।
इस नीति के तहत फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्मों के अधिकारिक फिल्मांकन हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषा में किए जाने पर कई प्रकार की वित्तीय सहायता, अनुदान दिया जायेगा। अनुदान के रूप में दो करोड़ से चार करोड़ तक की राशि दी जाएगी जो पूरे देश में सर्वाधिक है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। कभी राजद के तरफदार रहे और बाद में लोजपा-जदयू की टिकट पर बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में मात खा चुके मो. अमजद इस बार उपचुनाव में वहां जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रत्याशी हैं। राजद के सुरेंद्र यादव के सांसद चुन लिए जाने के कारण वहां उपचुनाव हो रहा है। सुरेंद्र के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह को राजद ने प्रत्याशी बनाया है। चुनाव प्रचार के क्रम में विश्वनाथ और अमजद की मुलाकात हुई तो आमने-सामने बैठकर बातचीत होने लगी। उसके बाद राजनीति में होनी-अनहोनी की चर्चा चल पड़ी है।
इन दिनों बेलागंज में एक वीडियो खूब प्रसारित हो रहा है। उसमें धनावा गांव में फूल-माला पहने विश्वनाथ सिंह बैठे हुए दिख रहे। उनके साथ बैठे लोगों में अमजद भी हैं। यह वीडियो 27 अक्टूबर का बताया जा रहा। विश्वनाथ कुछ कह रहे और अमजद सुन रहे। अब इस वीडियो के जरिये जदयू का प्रयास दोनों दलों में साठगांठ की बात फैलाकर माहौल अपने पक्ष में बनाने का है। जदयू से पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी प्रत्याशी हैं।
त्रिकोणीय हो चुके संघर्ष में एक-दूसरे के वोटों में सेंधमारी से ही जीत की राह निकलती है। ऐसे में पंख लगाकर सामान्य बातों को भी उड़ा देने में कोई नहीं चूक रहा।
याद आ गया 2015 का वो किस्साऐसी ही एक बात 2015 के चुनाव की है। सुरेंद्र राजद के टिकट पर मैदान में थे। प्रचार के दौरान अचानक अमजद टकरा गए। सुरेंद्र ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठा लिया। हालांकि, तब अमजद जदयू में थे और महागठबंधन मेंं राजद-कांग्रेस के साथ जदयू भी था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी रहे शारिम अली चुनाव हार गए थे।
बहरहाल, अमजद का कहना है कि अचानक भेंट होने पर विश्वनाथ ने उनका पैर छू लिया। किसी से मिलना-जुलना कोई गुनाह नहीं। हमारी चुनौती किसी से नहीं। जीत तो जसुपा की ही होनी है। सुरेंद्र कह रहे कि अमजद भाई जैसे हैं। उनके कारण दो बार वे चुनाव जीते हैं। सुख-दुख में आज भी दोनों साथ हैं और ऐसा आजीवन रहेगा। अमजद तो विश्वनाथ के लिए दूसरे अब्बा जैसे हैं। पिता-पुत्र की मुलाकात सामान्य बात है।
राजनीति में नहीं होती स्थायी मित्रता या दुश्मनीराजनीति में वैसे भी स्थायी मित्रता या दुश्मनी नहीं होती। सारा संबंध संभावना और समीकरण पर आधारित होता है। बेलागंज में इस समीकरण को बदलने के लिए अब तक कई दांव चले गए हैं। हालांकि, हर बार केंद्र में सुरेंद्र और अमजद ही रहे हैं। उनकी घनिष्ठता के किस्से जिस चटखारे के साथ सुनाए जाते हैं, उसी अंदाज में प्रतिद्वंद्विता की चर्चा भी होती है।
अमजद तीन चुनावों में जीत के लिए सुरेंद्र को तगड़ी चुनौती दे चुके हैं। संभवत: इसी कारण जसुपा ने अपने पूर्व घोषित प्रत्याशी शराफत हुसैन को बदलते हुए अमजद को मैदान में उतारा। अमजद अब सुरेंद्र की लगातार आठ जीत का आधार रहे माय (मुसलमान-यादव) समीकरण में सेंधमारी की जुगत में हैं। सुरेंद्र अपने राजनीतिक किले को बचाए रखने के लिए जूझ रहे। इन दोनों के दांव-पेच के बीच से मनोरमा सीधे निकल जाने के उपाय में हैं।
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Bihar News: बिहार के पोस्ट मैट्रिक छात्र-छात्राओं की बल्ले-बल्ले, छात्रवृत्ति को लेकर आई बड़ी खुशखबरी
राज्य ब्यूरो, पटना। Post Matric Scholarship Scheme: राज्य सरकार द्वारा पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना के तहत करीब सवा लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान इसी माह होगा। आवेदनों का सत्यापन पूरा हो गया है और डीबीटी के माध्यम से लाभुकों के खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह राशि शैक्षणिक सत्र वर्ष 2023-24 की है। पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से छात्रवृत्ति भुगतान की तैयारी पूरी कर ली गई है।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना में कुल 4,21,263 छात्र-छात्राओं से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसके विरुद्ध स्वीकृत आवेदन 1,24,342 की जांच पूरी कर ली गई है। इनमें से 1,17,331 लाभुकों को छात्रवृत्ति भुगतान करने का निर्देश दिया जा चुका है।
शेष करीब तीन लाख आवेदनों की जांच जारी है। आवेदनों पर अग्रेतर कार्रवाई करने का आदेश सभी जिलों को दिया गया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना के समीक्षा में पाया गया कि 2024-25 में कुल 1,13,305 आवेदन आए हैं। इसके विरुद्ध एक लाख 502 छात्रों को मेधावृत्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2024-25 में इस योजना में 134 करोड़ 50 लाख रुपये स्वीकृत है। यह राशि जिलों को जल्द जारी की जाएगी।
कौन-कौन उठा सकता है इस योजना का फायदा?यह योजना सिर्फ बिहार के रहने वाले लड़के और लड़कियों के लिए है। आवदेक का 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिविजन में पास होना जरूरी है। तभी वह इस योजना के लिए आवेदन फॉर्म भर सकता है। आवदेक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा यह योजना चलाई जाती है। छात्रवृत्ति की रकम विद्यार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर कर दी जाती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:1. आवदेक की 10वीं की मार्क्सशीट
2. आवेदक का जाति प्रमाण पत्र
3. आवेदक का आधार कार्ड
4. आवदेक का निवास प्रमाण पत्र
5. बैंक अकाउंट की जानकारी
छात्रवृत्ति के कई फायदे हैं- आर्थिक सहायता: छात्रवृत्ति छात्रों को आर्थिक रूप से मदद करती है, जिससे वे अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
- शिक्षा की पहुंच: छात्रवृत्ति उन छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है जो आर्थिक कारणों से शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
- प्रेरणा: छात्रवृत्ति छात्रों को अपनी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है।
- समाजिक समानता: छात्रवृत्ति समाज के विभिन्न वर्गों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करती है।
Chhath Puja 2024: छठ पर्व पर बाजारों में नकली घी की भरमार, इन तरीकों से घर पर करें शुद्धता की जांच
जागरण संवाददाता, पटना । छठ महापर्व का प्रसाद बनाने के लिए देशी घी की मांग बढ़ जाती है। दूध, घी, गेहूं के आटे से लेकर हर सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रसाद सभी व्रती करते हैं। हालांकि, देशी घी के मामले में ज्यादातर लोगों का प्रयास निष्फल हो जाता है। इसका कारण यह है कि बाजार में 650 से लेकर 2800 सौ रुपये किलोग्राम तक का देशी घी उपलब्ध है।
गाय की नस्ल व इसके पुराना होने के आधार पर बाजार में देशी घी की कीमत निर्धारित की जाती है। हर व्रती सिर्फ ब्रांड या दुकानदार के विश्वास पर इसकी खरीदारी करता है। इसे देखते हुए खाद्य संरक्षा विभाग ने अपने स्तर से प्रयास किए हैं।
राजधानी में बिक रहे ब्रांडेड व खुले देशी घी के करीब 20 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। पूरी कोशिश की जा रही है कि मंगलवार तक इसकी रिपोर्ट आ जाए ताकि व्रतियों को शुद्ध घी की जानकारी देने के साथ मिलावटी घी की बिक्री रोकने के उपाय किए जा सकें।
पटना व भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि प्रयोगशाला के पदाधिकारियों से बात की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मंगलवार को सभी 20 नमूनों की जांच रिपोर्ट दे दी जाएगी।
बहुत से व्यापारी घी की मांग बढ़ने से घटिया गुणवत्ता के वेजिटेबल ऑयल, बटर, डालडा, हाइड्रोजेनेटेड तेल व सुगंध मिलाकर इसे बनाते हैं। कई व्यापारी इसमें आलू व शकरकंद भी मसल कर मिलाते हैं। बहुत कम लागत पर तैयार होने वाला ये मिलावटी घी सुगंध व देखने में असली जैसा लगता है।
ऐसे कर सकते हैं शुद्धता की जांचखाद्य संरक्षा पदाधिकारी के अनुसार जो लोग घी की खरीदारी कर चुके हैं वे घर पर कुछ आसान उपाय से इसकी जांच कर सकते हैं।
हथेली में लेकर खूब गर्म होने तक रगड़ें- थोड़ा सा देशी घी हथेली पर लेकर दोनों हाथों से 10-15 मिनट या तबतक रगड़े जबतक की गर्मी के कारण जलन न महसूस होने लगे।
- इसके बाद घी को सूंघें, यदि सुगंध पहले की तरह ही हो तो यह शुद्ध हो सकता है। यदि सुगंध पहले से कम हो जाए तो यह 100 प्रतिशत मिलावटी या नकली है।
- कांच या किसी पारदर्शी गिलास में हल्का गुनगुना पानी लें। उसमें घी की कुछ बूंदे गिराएं।
- यदि घी की बूंद बिखरे नहीं तो यह शुद्ध है जबकि बिखरने वाला घी मिलावटी है।
- सामान्य पानी में शुद्ध घी तैरता है जबकि मिलावटी डूब जाता है।
- कोरोना के बाद अब सभी घरों में बीटाडीन साल्यूशन रहता है। एक चम्मच घी लेकर उसमें एक बूंद बीटाडीन या आयोडीन घोल डालें। यदि यह नीला या काले रंग का हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
- नमक व बाथरूम साफ करने वाले तेजाब से जांच
- बहुत से घरों में बाथरूम साफ करने वाला नमक का तेजाब यानी हाइड्रोक्लोरिक एसिड रहता है। घी की जांच करने के लिए पहले आधा चम्मच नमक में दो-तीन बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला दें।
- इसमें दो चम्मच घी के डालकर उसे अच्छे से मिला दें।
- 15 से 20 मिनट में यदि यह गुलाबी या लाल रंग का हो जाए तो घी मिलावटी है।
- चार-पांच चम्मच देशी घी को कढ़ाही में लेकर वैसे ही पकाएं जैसे की दही से निकाले मक्खन को उबाल कर घी बनाते हैं।
- 10 मिनट पकाने के बाद उसे ठंडा होने दें। ठंडा होने पर कटोरी में छान लें।
- यदि घी का रंग तब भी पीला है, पूरी तरह जमा नहीं है और सुगंध पहले जैसी है तो घी शुद्ध है।
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Bihar News: बिहार सरकार ने खरीदी 44 नई डीलक्स बस, कई शहरों को पटना से जोड़ेंगी; पढ़ें रूट चार्ट
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने 44 नई डीलस्क बसों का खरीद किया। सभी बसें पटना आ गई। निबंधन भी करा दिया गया। अब परमिट की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है।
निगम के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि नवंबर माह में बसों का परिचान शुरू हो जाएगा। सभी डीलक्स बसें ननएसी है। प्रत्येक बस में 40 सीट है। बस के परिचालन शुरू होने के बाद यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।नई बसों को बस प्रमंडलों के बीच आवंटित कर दिया गया है।
पटना बस प्रमंडल को आठ, मुजफ्फरपुर बस प्रमंडल को आठ, पूर्णिया बस प्रमंडल को आठ, दरभंगा बस प्रमंडल को आठ, गया बस प्रमंडल को छह और भागलपुर बस प्रमंडल को छह बसें उपलब्ध कराई गई हैं। परमिट बनाने का कार्य शुरू हो गया है। एक दिन सभी बसाें का परिचालन शुरू कराया जाएगा।
परिवहन निगम ने 1.98 करोड़ की लागत से बसों का खरीद किया है। परिवहन निगम पटना से देवघर, वाल्मीकी नगर, किशनगंज, खगड़िया, वैशाली हाेते गोपालगंज, पुरौनाधाम सहित कई स्थानों के लिए बस के परिचालन कराने की तैयारी में है।
परिवहन निगम का राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए बसों का परिचालन कराता है। सभी बसें फुलवारीशरीफ यार्ड में खड़ी की गई हैं। परमिट बनने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि कहां से कहां तक नई डीलक्स बसें चलेंगी।
पुरानी बसें 11 प्रतिशत, नई के लिए निविदाबिहार राज्य पथ परिवहन निगम पूर्व से पीपीपी मोड में चल रही बसों के लिए 11 प्रतिशत कमिशन तय दिया है। 78 बसों का अनुबंध समाप्त हो रहा था। सबका विस्तार कर दिया है। 11 प्रतिशत कमिशन देना होगा। पीपीपी मोड में नये बस मालिकों को प्रवेश का मौका दिया है। रूट स्तर पर निविदा निकाल दी गई है।
निविदा में आने वाली राशि के आधार पर एकरनामा होगा। न्यूनतम 11 प्रतिशत कमिशन रखा गया है। पुराने अनुबंध वाले 86 बसों में से अब तक 30 बस निगम के साथ एकरनाका हो गया है। एकरनामा में सबसे पहले परमिट और फीटनेश देखा जा रहा है।
दानापुर में बंद घर का ताला तोड़ नगद समेत लाखों का सामान चोरीदानापुर में चित्रकूट नगर रोड नम्बर दो मे बंद घर का ताला तोड़ चोरो ने दो लाख नगद समेत लाखों के जेवरात ले भागे। घटना कि जानकारी मिलते ही देर शाम पहुंचे गृहस्वामी भुनेश्वर प्रसाद ने घर का हाल देख परेशान हो गए। इस संबंध मे गृहस्वामी ने लिखित शिकायत किया। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन मे जुटी है।
बताया जाता है कि चित्रकूटनगर निवासी भुवनेश्वर प्रसाद 2 नवंबर को पूजा पाठ करने के लिए परिवार के साथ अपने गांव गए थे। जिसका फायदा उठा चोरो ने घटना का अंजाम दिया। चोरों ने घर का ताला तोड़कर सभी कमरे को खंगालते हुए चोरो ने दो लाख नगद समेत लाखो रूपए के जेवरात चोरी कर ले भागे।
सोमवार को पड़ोसी के सूचना पर पहुंचे गृहस्वामी ने देखा तो ताला टूटा मिला। घर मे सारा सामान बिखरा था। घर मे रखा सारा सामान गायब था। सूचना पाकर पहुंची पुलिस छानबीन मे जुटी है।
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Chhath Puja 2024: छठ पूजा के लिए पूर्व मध्य रेलवे चलाएगा 21 स्पेशल ट्रेन, यहां देखें पूरा शेड्यूल
जागरण संवाददाता, पटना। छठ पूजा के दौरान यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने विशेष इंतजाम किया है. लोगों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने विशेष गाड़ियों का परिचालन शुरू किया है। त्योहारों को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा 7435 विशेष गाड़ियां चलाई जा रही हैं। वहीं पूर्व मध्य रेलवे द्वारा 21 स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं.
रेलवे द्वारा चलाई जा रहीं ये स्पेशल ट्रेन- रेलवे की ओर से चलाई जा रही आसनसोल-पटना पूजा स्पेशल ट्रेन सोमवार को आसनसोल से 18.30 बजे चलकर जसीडीह, मोकामा के रास्ते अगले दिन 01.30 बजे पटना पहुंची।
- पटना-आसनसोल पूजा स्पेशल पांच नवंबर को पटना से 03.15 बजे चलकर मोकामा, जसीडीह के रास्ते अगले दिन 10.40 बजे आसनसोल पहुंचेगी।
- भागलपुर-आनंद विहार पूजा स्पेशल सोमवार को भागलपुर से 15.00 बजे चलकर किऊल, मोकामा, पटना, दानापुर के रास्ते अगले दिन 16.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी।
- कटिहार-अंबाला अनारक्षित स्पेशल पांच नवंबर को कटिहार से 07.00 बजे चलकर समस्तीपुर, हाजीपुर के रास्ते अगले दिन 13.40 बजे अंबाला पहुंचेगी।
- सरहिंद-सहरसा अनारक्षित स्पेशल ट्रेन पांच नवंबर को सरहिंद से 11.25 बजे चलकर हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के रास्ते अगले दिन 17.00 बजे सहरसा पहुंचेगी।
- सहरसा-अंबाला अनारक्षित स्पेशल छह नवंबर को सहरसा से 19.15 बजे चलकर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर के रास्ते अगले दिन 22.20 बजे अंबाला पहुंचेगी।
- हाजीपुर-नई दिल्ली सुपर फास्ट स्पेशल पांच नवंबर को हाजीपुर से 08.45 बजे चलकर पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 03.10 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी ।
- दानापुर-एसएमवीटी बेंगलुरू स्पेशल आठ नवंबर को दानापुर से 20.50 बजे चलकर आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 17.40 बजे एसएमवीटी बेंगलुरू पहुंचेगी।
- पटना-साबरमती बीजी पूजा स्पेशल पांच नवंबर को पटना से 13.00 बजे चलकर दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दूसरे दिन 05.30 बजे साबरमती बीजी पहुंचेगी।
- जयनगर-उज्जैन अनारक्षित पूजा स्पेशल पांच नवंबर को जयनगर से 05.30 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 16.00 बजे उज्जैन पहुंचेगी ।
- जयनगर से उज्जैन के लिए छह नवंबर को अनारक्षित पूजा स्पेशल जयनगर से 11.30 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 18.15 बजे उज्जैन पहुंचेगी।
- जयनगर-रतलाम अनारक्षित पूजा स्पेशल पांच नवंबर को जयनगर से 14.30 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दूसरे दिन 00.30 बजे रतलाम पहुंचेगी।
- भागलपुर-उज्जैन अनारक्षित पूजा स्पेशल भागलपुर से छह नवंबर को 10.00 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 20.30 बजे उज्जैन पहुंचेगी ।
- मुजफ्फरपुर-कटिहार पूजा स्पेशल मुजफ्फरपुर से छह को 07.15 बजे चलकर समस्तीपुर, बरौनी जंक्शन, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया के रास्ते 13.40 बजे कटिहार पहुंचेगी।
- कटिहार-मुजफ्फरपुर पूजा स्पेशल कटिहार से नौ नवंबर को 21.40 बजे चलकर नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, बरौनी जंक्शन, समस्तीपुर के रास्ते अगले दिन 04.00 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।
- मुजफ्फरपुर-डिबूगढ़ पूजा स्पेशल मुजफ्फरपुर से दस नवंबर को 07.15 बजे चलकर समस्तीपुर, बरौनी जंक्शन, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया, कटिहार, किशनगंज के रास्ते अगले दिन 15.00 बजे डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।
- विशाखापत्तनम-दानापुर पूजा स्पेशल विशाखापत्तनम से आठ नवंबर को 09.10 बजे चलकर जसीडीह, झाझा, किऊल के रास्ते अगले दिन 11.00 बजे दानापुर पहुंचेगी।
- दानापुर-विशाखापत्तनम पूजा स्पेशल दानापुर से 9 नवंबर को 12.30 बजे चलकर किऊल, झाझा, जसीडीह के रास्ते अगले दिन 15.45 बजे विशाखापत्तनम पहुंचेगी।
- पुरी-जयनगर पूजा स्पेशल पुरी से आठ नवंबर को 13.30 बजे चलकर झाझा, किऊल, बरौनी के रास्ते अगले दिन 13.00 बजे जयनगर पहुंचेगी।
- दानापुर-एसएमवीटी बेंगलुरू पूजा स्पेशल दानापुर से आठ नवंबर को 20.50 बजे चलकर आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 18.15 बजे एसएमवीटी बेंगलुरू पहुंचेगी।
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Lalu Yadav: छठ के नहाय-खाय पर कहां चले लालू यादव? खुद दी जानकारी; CM नीतीश के पैर छूने पर भी दिया जवाब
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव छठ के मौके पर अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ उलार सूर्य मंदिर का दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उनका सामना मीडिया से हुआ तो उन्होंने 2 लाइन में सभी सवालों का जवाब दे दिया।
मीडिया ने पूछा कि लालू जी छठ के नहाय-खाय पर कहां जा रहे हैं तो लालू यादव ने कहा कि हमलोग उलार सूर्य मंदिर जा रहे हैं। फिर मीडिया ने उनसे पूछा कि नीतीश कुमार हर जगह पैर छूते नजर आ रहे हैं। तो इसपर लालू यादव ने कहा कि यह उसकी पुरानी आदत है। इसके बाद लालू यादव ने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। लालू यादव ने अपने ड्राइवर को गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कह दिया।
आज बक्सर में तेजस्वी ने भाजपा के खिलाफ भरी हुंकारवहीं तेजस्वी यादव आज कैमूर के रामगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार अजीत सिंह के लिए प्रचार किया। उन्होंने कहा कि अब गांव-गांव व प्रत्येक चौक-चौराहे पर हर कोई बोल रहा है कि 20 वर्षों की नीतीश-भाजपा सरकार को तथ्य, तर्क और सत्य से कोई मतलब नहीं रह गया है। आमजन थाना-ब्लॉक में व्याप्त बेकाबू भ्रष्टाचार, खाद की कमी, बेलगाम महंगाई, बेतहाशा गरीबी, रिकॉर्डतोड़ बेरोजगारी तथा अनियंत्रित पलायन से त्रस्त है।
तेजस्वी यादव ने बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम पर बोला हमलातेजस्वी यादव ने उपचुनाव के प्रचार के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पर जमकर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने 17 महीने में 5 लाख छात्रों को नौकरी दी लेकिन ये भाजपा के दोनों उपमुख्यमंत्री ने कुछ भी काम नहीं किया है। ये लोग सिर्फ समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
बिहार में जिन चार सीटों पर उपचुनाव है उनमें कैमूर के रामगढ़, भोजपुर के तरारी और गया जिले के दो विधानसभा सीटें इमामगंज और बेलागंज शामिल है। महागठबंधन उम्मीदवार अजीत कुमार सिंह जिन्हें रामगढ़ विधानसभा सीट मिली है, वो आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र हैं।
जबकि विश्वनाथ कुमार बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं जो कि सुरेंद्र यादव के बेटे हैं। दोनों ही आरजेडी से ताल्लुक रखते हैं। भोजपुर के तरारी से राजू यादव तो इमामगंज से रौशन कुमार मांझी उर्फ राजेश मांझी हैं।
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JEE Main 2025 के आवेदन में EWS और OBC श्रेणी के अभ्यर्थियों की बढ़ी परेशानी, NTA पर निकली भड़ास
जागरण संवाददाता, पटना। JEE Main 2025 Registration राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) जेईई मेन जनवरी, 2025 सत्र के लिए आवेदन स्वीकार कर रहा है। अबतक एक लाख 25 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा कर दिया है। जनवरी सत्र के लिए 22 नवंबर तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इस बार ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस श्रेणी का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को संबंधित श्रेणी का आरक्षण प्रमाण पत्र के साथ उसकी आईडी, जारी होने की तिथि के साथ प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम भी अंकित करने को कहा है।
उक्त जानकारी आवेदन में सबमिट नहीं करने पर संबंधित अभ्यर्थी आरक्षण के लाभ से वंचित हो जाएगा। आरक्षण का लाभ लेने के लिए उक्त जानकारी सबमिट करना अनिवार्य है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एनटीए द्वारा पूर्व में सूचना जारी नहीं करने के कारण परेशानी बढ़ गई है। आवेदन प्रक्रिया के पूर्व प्रमाण पत्र बनाने वाले अभ्यर्थी उक्त जानकारी प्राप्त नहीं कर सके।
एनटीए अधिकारियों का कहना है कि सूचना बुलेटिन में विस्तृत जानकारी दी गई है। आवेदन के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। यदि किसी तरह की शंका हो तो अभ्यर्थी एनटीए की हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आइडी से संपर्क कर सकते हैं।
आवेदन के साथ आधार नंबर भी होगा लिंक:अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व में आरक्षण प्रमाण पत्र की जरूरत नामांकन काउंसलिंग के दौरान होती थी। इस कारण अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन सामान्य तौर पर परीक्षा के बाद कराते थे। इस बार आवेदन के साथ ही इसकी मांग की गई है। बिहार में दीपावाली से छह के दौरान कई छुट्टी होने के कारण प्रमाण पत्र जारी होने में देरी की संभावना है। इस कारण अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है।
इस बार पहचान पत्र में अभ्यर्थियों को आधार नंबर भी अंकित करना है। आवेदन आधार से लिंक होगा। 10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट में अंकित जन्म तिथि ही आवेदन में सबमिट करना है।
सात विषयों की पुनर्परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, परीक्षा 13 नवंबर कोबिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा (सीटीटी) 2024 (द्वितीय) के अंतर्गत सात विषयों की रद परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है। रद की गई सातों विषयों की परीक्षा 26 अगस्त 2024 को आनलाइन मोड में आयोजित की गयी थी। नए तिथि के अनुसार सातों विषयों की पुनर्परीक्षा 13 नवंबर को आयोजित की जाएगी।
परीक्षा समिति ने कहा है कि कक्षा नौवीं से 10 वीं के संगीत, हिंदी, गृहविज्ञान, नृत्य, फारसी एवं कक्षा 11 वीं से 12 वीं के गृह विज्ञान व इतिहास के विषय के परीक्षा को कुछ विसंगति के कारण रद्द की गई थी। इन सभी सातों विषयों की पुनर्परीक्षा 13 नवंबर को पुन:र्निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। पुनर्परीक्षा में शामिल होने के लिए दूसरा एडमिट कार्ड सोमवार को जारी कर दिया गया है। एडमिट कार्ड https://www.bsebsakshamta.com पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।
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Bihar Teacher News: ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आया बड़ा अपडेट, शिक्षक इन बातों का रखें विशेष ध्यान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Teacher Transfer Posting यदि जिन शिक्षकों द्वारा दिए गए दस विकल्प के आधार पर उन्हें खाली पद की अनुपलब्धता के कारण विद्यालय आवंटन नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में पंचायत और नगर निकाय के ऊपर की इकाई यानी प्रखंड के दिए गए क्रम के आधार पर विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया की पूरी की जाएगी।
यह प्रक्रिया स्थानांतरण एवं पदस्थापन हेतु आवेदन करने वाले सभी शिक्षकों के विद्यालय आवंटन तक जारी रहेगी। इसका प्रविधान शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों के स्थानातंरण और पदस्थापन संबंधी मार्गदर्शिका में किया गया है।
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्थानातंरण-पदस्थापन के ऑनलाइन आवेदन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि निर्धारित प्रविधान सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियमित शिक्षकों, बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर नियुक्त शिक्षकों और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों पर एकसमान रूप से लागू होगा।
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापन हेतु ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन का ट्रायल का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस पोर्टल पर गुरुवार से शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे।
आवेदन करते समय में शिक्षकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि यदि किसी शिक्षक के प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन इत्यादि के विवरण में चूकवश त्रुटिपूर्ण दर्ज होता है, तो अविलंब संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से संपर्क कर सुधार करा लेंगे क्योंकि इसी डाटा के आधार पर स्थानांतरण और पदस्थापन किया जाएगा।
असाध्य बीमारी संबंधी सिविल सर्जन से निर्गत प्रमाण पत्र ही स्वीकार्यशिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि सिविल सर्जन से असाध्य रोग या गंभीर बीमारी और दिव्यांगता संबंधी निर्गत प्रमाण पत्र ही संबंधित शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन में अपलोड करना अनिवार्य है। दंपत्ति शिक्षकों को गृह जिला से संबंधित सूचना को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण यह कि स्थानांतरण हेतु शिक्षकों को दस विकल्प देने का अवसर दिया गया है, जिसमें कम-से-कम तीन विकल्प तो अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन में देने होंगे।
वैसे शिक्षक अधिकतम दस विकल्प दे सकते हैं। हालांकि, अन्य सात विकल्प अनिवार्य नहीं होगा। यदि शिक्षक केवल तीन विकल्प देते हैं तो दिए गए तीन विकल्प में पद खाली नहीं रहने की स्थिति में सॉफ्टवेयर द्वारा उन्हें उसी जिला या निकटतम जिला में पदस्थापन कर दिया जाएगा।
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Bihar Politics: इधर तेजस्वी उपचुनाव में बिजी, उधर मुकेश सहनी ने कर दिया बड़ा एलान, RJD के लिए खतरे की घंटी?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने पार्टी के छठे स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को शुभकामना दी है। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा उपचुनाव से पहले एक ऐसा टारगेट सेट कर दिया है जिससे बिहार की सियासत में खलबली मच सकती है। आरजेडी की टेंशन भी बढ़ सकती है।
वीआईपी को 4 नहीं 40 विधायकों की पार्टी बनाया जाएगा: मुकेश सहनीउधर तेजस्वी यादव उपचुनाव में व्यस्त हैं इधर मुकेश सहनी ने एक बड़ा टारगेट सेट करते हुए कहा कि वीआईपी को चार नहीं 40 विधायकों की पार्टी बनाया जाएगा। मुकेश सहनी के इस एलान से आरजेडी जरूर असहज हो सकती है।
उन्होंने इन कार्यकर्ताओं को पार्टी की रीढ़ बताया और कहा कि उनकी मेहनत और परिश्रम का परिणाम है कि पार्टी आगे बढ़ रही है।
मुकेश सहनी ने कहा कि पार्टी निरंतर आगे बढ़ रही है। पार्टी अपने मकसद को लेकर संघर्षरत है। हमने तय किया है कि हम गरीबों, पिछड़ों, दलितों का अधिकार लेकर ही दम लेंगे। कम संसाधनों के बाद भी पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। आज हम लोग उस स्थान पर पहुंच गए हैं जहां से समाज के सभी वर्गों का साथ मिल रहा है। इसलिए अब चार नही 40 विधायकों को जीत दिलाने तक पहुंचना है।
मुकेश सहनी ने कार्यकर्ताओं को दिया बड़ा संदेशमुकेश सहनी ने कार्यकर्ताओं से अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया और कहा एकजुटता बनाएं रखें। पार्टी के स्थापना दिवस पर वीआइपी प्रमुख अपने समर्थकों के साथ तालाब में उतरे और मछली पकड़ी। इस दौरान उन्होंने कई अन्य मछलियों के साथ 40 किलोग्राम की मछली भी पकड़ी।
मुकेश सहनी ने 40 किलो की मछली पकड़ी
कौन हैं मुकेश सहनीबता दें मुकेश सहनी विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। मुकेश सहनी का जन्म 31 मार्च 1981 को दरभंगा जिले के अफजाला गांव में हुआ था। वह निषाद (मल्लाह) समुदाय से आते हैं, जो बिहार में एक प्रमुख पिछड़े वर्ग है।
सहनी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ की थी, लेकिन बाद में उन्होंने विकासशील इनसान पार्टी की स्थापना की। वह 2019 के आम चुनाव में खागड़िया से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। हालांकि, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 4 सीटें जीतकर लोगों को चौंका दिया था।
मुकेश सहनी पहले मुंबई में भी काफी संघर्ष कर चुके हैं। बाद में उन्हें जबरदस्त सफलता मिली। उन्होंने मुंबई में फिल्म सेट बनाने का काम शुरू किया था।
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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियमित शिक्षकों, बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों तथा सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों के स्थानातंरण व पदस्थापन की घंटी बज गई है। 7 से 22 नवंबर तक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे। आवेदन शिक्षा विभाग के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर करना होगा।
इसके बाद शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर दिसंबर के तीसरे/चौथे सप्ताह में स्थानांतरण व पदस्थापन किया जाएगा। इसमें वरीयता के आधार को प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को सभी जिलों को मार्गदर्शिका जारी की गई।
रैंडमाइजेशन के आधार पर विद्यालय का आवंटनशिक्षा विभाग के मुताबिक शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के इकाई अंतर्गत विद्यालयों में रिक्ति के आधार पर साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन से विद्यालय का आवंटन होगा।
प्रथम विकल्प की इकाई के विद्यालयों में रिक्ति नहीं रहने की स्थिति में शिक्षकों द्वारा दिए गए क्रमश अन्य विकल्पों के इकाईयों के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्ति के आधार पर विद्यालय आवंटन किया जाएगा। इसलिए शिक्षकों को दस विकल्प आवेदन में देने को कहा गया है।
जनवरी के पहले सप्ताह (एक से सात तारीख तक) में शिक्षकों को अपने आवंटित विद्यालय में योगदान करना सुनिश्चित किया जाएगा।
योगदान की तिथि से सक्षमता पास शिक्षक बन जाएंगे विशिष्ट अध्यापकआवंटित विद्यालय में योगदान की तिथि से सक्षमता पास शिक्षक विशिष्ट अध्यापक का दर्जा प्राप्त करेंगे और उन्हें विद्यालय में योगदान की तिथि से विशिष्ट शिक्षक का वेतन प्राप्त होगा।
बता दें कि सक्षमता पास एक लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षक हैं। इनमें से एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षक ही काउंसिलिंग में उपस्थित हुए थे। शेष 3366 नियोजित शिक्षक अनुपस्थित रहे।
उपस्थित एक लाख 84 हजार 452 नियोजित शिक्षकों में से एक लाख 73 हजार 527 नियोजित शिक्षकों की ही काउंसलिंग पूरी हुई है। शेष 10 हजार 925 नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग विभिन्न कारणों से नहीं हो पायी है। ऐसे शिक्षकों को काउंसलिंग में शामिल होने का जल्द मौका दिया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रियाशिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर आवेदन एवं दस विद्यालय संबंधी विकल्प देने की प्रक्रिया की जानकारी भी मार्गदर्शिका में दी गई है। इसके मुताबिक शिक्षकों को स्वयं के टीचर आइडी से पोर्टल (https://eshikshakosh.bihar.gov.in) पर लॉगिन कर आवेदन करना है।
लॉगिन के बाद शिक्षकों को डैशबोर्ड पर अंकित "टीचर ट्रांसफर" बटन को क्लिक करना होगा। इसके बाद पोर्टल के स्क्रीन पर बांयी तरफ तीन मेनू प्रदर्शित होगा।
शिक्षक द्वारा "ट्रांसफर एप्लीकेशन फार्म" मेनू को क्लिक करने के बाद संबंधित शिक्षक के पंजीकृत मोबाइल पर एक ओटीपी जाएगा, जिसे पोर्टल पर यथास्थान अंकित करने के बाद "वेरीफाइ ओटीपी" बटन को क्लिक किया जाएगा।
तत्पश्चात संबंधित शिक्षक का ई-शिक्षाकोष पर उपलब्ध प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन का विवरण स्क्रीन पर स्वत प्रदर्शित हो जाएगा। बता दें कि शिक्षक बिना ओटीपी के आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसलिए आवेदन भरते समय अपना ओटीपी वाला मोबाइल साथ रखेंगे।
यदि किसी शिक्षक/ शिक्षिका के प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन इत्यादि के विवरण में त्रुटिपूर्ण प्रतिष्टि है, तो अविलंब संबंधित जिला शिक्षा
पदाधिकारी/जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से संपर्क कर सुधार कराएंगे। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इसी डाटा के आधार पर स्थानांतरण/पदस्थापन किया जाएगा।
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Chhath Puja 2024: छठ पर ग्रह-गोचरों का बन रहा शुभ संयोग, नहाय-खाय के साथ आज से चार दिवसीय महापर्व शुरू
जागरण संवाददाता, पटना। उग हो सुरुजेदव अरघ के बेर... लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को नहाय-खाय से आरंभ हो जाएगा। चार दिवसीय अनुष्ठान के पहले दिन मंगलवार को व्रती गंगास्नान करने के साथ सूर्यदेव को जल से अर्घ्य देंगी।
कई पुरुष भी व्रत रखते हैं, हालांकि अधिसंख्य महिलाएं ही होती हैं। पूजन के बाद पूरी पवित्रता के साथ मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी और आंवले की चटनी आदि का भोग लगाकर प्रसाद तैयार करती हैं।
बुधवार को लोहंडा खरना के दिन व्रती पूरे दिन उपवास कर शाम में सूर्यदेव को नमन कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास का संकल्प लेंगी।
गुरुवार की शाम अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन हो जाएगा।
ग्रह-गोचरों का बन रहा शुभ संयोगचार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान ग्रह-गोचरों का शुभ संयोग बना रहेगा। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने पंचांगों के आधार पर बताया कि नहाय खाय के दिन ज्येष्ठा नक्षत्र में जयद योग का संयोग बना रहेगा।
व्रती मंगलवार को गंगा स्नान करने के बाद चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगी। व्रती इस दिन गेहूं को जल से धोकर, उन्हें सुखाकर घर में सुरक्षित स्थान पर रखती हैं।
बुधवार को कार्तिक शुक्ल पंचमी के दिन सुकर्मा योग में व्रती खरना लोहंडा का प्रसाद ग्रहण करेंगी। इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास करने के साथ भगवान भास्कर की पूजा कर गुड़, दूध से बने खीर, घी लगा रोटी प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगी।
सात नवंबर को पहला अर्घ्यछठ व्रती सात नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। इस दिन षष्ठी तिथि को छठी मैया का पूजन विधि-विधान के साथ होगा। सात नवंबर को धृति व रवियोग का संयोग बना रहेगा।
व्रती जल में खड़े होकर पवित्रता के साथ फल, मिष्ठान, नारियल, पान-सुपारी, फूल, अरिपन से भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना करेंगी।
आठ नवंबर शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग में व्रती उदीयमान सूर्य उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय पर्व को संपन्न करेंगी।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत भी पूरा होगा। अर्घ्य व पूजन करने के बाद व्रती घाट पर पारण कर पर्व का समापन करेंगी।
- मंगलवार : नहाय-खाय
- बुधवार : खरना
- गुरुवार : संध्याकालीन अर्घ्य
- शुक्रवार : उगते सूर्य को अर्घ्य
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Bihar Weather: छठ को लेकर जारी हुआ बुलेटिन, 13 जिलों में रहेगा धुंध का प्रभाव; लोगों से सावधान रहने की अपील
जागरण संवाददाता, पटना। लोक आस्था के महापर्व छठ पर सात व आठ नवंबर को पटना सहित अन्य जिलों में सुबह के समय धुंध रहेगी। मौसम शुष्क बना रहेगा। जबकि, प्रदेश के 13 जिलों में सुबह के समय कोहरे का प्रभाव रहेगा।
छठ को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने बुलेटिन जारी कर बताया है कि पूर्णिया, पूर्वी पश्चिम चंपारण, सारण, दरभंगा, सुपौल, अररिया, शिवहर, वैशाली, सीतामढ़ी, किशनगंज, सिवान व लखीसराय में सुबह हल्का कोहरा रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम पुरवा हवा के प्रभाव से पटना सहित शेष जिलों में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। आठ व नौ नवंबर को उत्तरी भागों के कुछ जिलों में घने बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।
अधिकतम तापमान में हुई वृद्धिसोमवार को पटना सहित 18 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस व 33.7 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। जबकि पटना सहित 17 जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस व 19.0 डिग्री सेल्सियस के साथ किशनगंज में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
चानन में छाया साल का पहला कोहरा, ठंड का हुआ एहसासलखीसराय के चानन प्रखंड क्षेत्र में इस साल का पहला कोहरा चार नवंबर सोमवार के अल सुबह से नौ बजे तक देखने को मिला। इस वजह से मौसम ठंडा हो गया। लोग इस कुहासे के बीच ठंडी-ठंडी हवा और शीतलहर का आनंद ले रहे थे। घने कोहरे से पेड़ पौधा नजर नहीं आ रहा था।
दौड़ती हुई ट्रेन काफी नजदीक आने पर नजर आ रही थी। घने कोहरे से पेड़ पौधा पहाड़ी इलाका की तरह नजर आ रहा था। दूर से तो पेड़ भी नजर नहीं आ रहा था।
100 मीटर के अंतराल में ही सब कुछ कोहरे में विलीन हो गया। सड़क पर चालकों को गाड़ी चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि, नजदीक की ही गाड़ी नजर नहीं आ रही थीं।
बीते रविवार तक मौसम काफी गर्म था। लेकिन, इस कुहासे के अचानक आ जाने से मौसम में बदलाव हुआ और ठंड लगने लगी। ग्रामीण रंजीत सिंह, बिरजू महतो, कृष्णदेव यादव आदि ने बताया कि इस साल का पहला कुहासा है।
उन्होंने बताया कि शिमला की तरह ठंड हवा के साथ शीतलहर भी चल रही है, जिसकी वजह से काफी आनंद मिल रहा है। ठंड भरे इस कोहरे के बीच लोग घर से बाहर निकलकर इसका आनंद ले रहे हैं।
बताया कि कल तक काफी गर्म मौसम था। अचानक कोहारा आया है जिससे ठंड बढ़ रही है। मौसम में बदलाव किसानों के लिए फायदेमंद होगा।
कोहरे से किसान को फायदाकोहरा छाने से खेत की मिट्टी में नमी बढ़ जाती है। इस वजह से बीज का अंकुरण भी आसानी से धरती से बाहर निकल जाता है। इसलिए किसान इस तरह के मौसम को लेकर काफी खुश हैं।
बताया कि किसान आलू लगा रहे हैं, फिर गेहूं की बोआई कर रहे हैं। सब्जी भी लगा रहे हैं, तो ऐसे में किसान चाहते हैं कि ठंड गिरे और कोहरा अच्छा जाए, ताकि फसल अच्छी हो।
किसानों ने कहा की इस कुहासा से किसानों को अधिक फायदा है। जिस खेत की मिट्टी में नमी नहीं है और नमी आ जाएगी तो उन्हें पानी नहीं डालना पड़ेगा। इसको लेकर किसान काफी खुश हैं।
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IPS Kamya Mishra: एसपी काम्या मिश्रा ने अब ऐसा क्या किया? सरकार को माननी पड़ी उनकी मांग
राज्य ब्यूरो, पटना। IPS Kamya Mishra Update: बिहार कैडर की आइपीएस अधिकारी और दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा लगातार लंबी छुट्टी पर चल रही हैं। अगस्त में इस्तीफा देने के कुछ दिनों के बाद से ही वह अवकाश पर हैं। अब गृह विभाग ने उनके 180 दिनों के असाधारण अवकाश की स्वीकृति दी है। सोमवार को विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है।
काम्या मिश्रा ने काम करने में असमर्थता जताई, फिर सरकार ने मानी उनकी मांगदरअसल, 2019 बैच की आइपीएस काम्या मिश्रा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए छह अगस्त को ही अपना इस्तीफा पुलिस मुख्यालय को सौंपा था। इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं होने पर वह 27 अगस्त से अवकाश पर चली गईं। गृह विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा को अपने कर्तव्य पर योगदान देने में असमर्थता के कारण 27 अगस्त से 180 दिनों के असाधारण अवकाश की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
काम्या मिश्रा ने क्यों दिया था इस्तीफा?काम्या मिश्रा ने 5 साल के कार्यकाल में बेहतरीन पुलिसिंग कर अपना जलवा दिखाया था। बिहार में उन्हें 'लेडी सिंघम' के नाम से भी जाना जाता है। काम्या ओडिशा की रहने वाली हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए की पढ़ाई पूरी कर आईपीएस अधिकारी बनीं। पिछले कई महीने से इस्तीफा देने की बात कर रही थीं।
वह बार-बार बोलती थीं कि नौकरी में मन नहीं लग रहा है। पुलिस पदाधिकारी से लेकर कर्मियों तक त्यागपत्र देने की बात को मजाक समझ रहे थे। इस्तीफे की प्रतिलिपि एसएसपी कार्यालय में भी आई है। हालांकि, पुलिस मुख्यालय से अब तक कोई सूचना जिले को नहीं दी गई है।
एसपी काम्या मिश्रा का करियर22 वर्ष की उम्र में ही काम्या मिश्रा ने वर्ष 2019 में पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर हिमाचल प्रदेश आईपीएस कैडर प्राप्त किया था। 2021 में बिहार कैडर में स्थानांतरण करा लिया था।
काम्या मिश्रा के पति अवधेश दीक्षित 2021 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। फिलहाल मुजफ्फरपुर में सिटी एसपी के पद पर तैनात हैं। एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि इस्तीफा के संबंध में पत्र मिला है। इसे मुख्यालय को भेजा जा रहा है।
काम्या मिश्रा दरभंगा की पहली ग्रामीण एसपी बनींजिले में ग्रामीण एसपी का पद सृजित होने के बाद काम्या मिश्रा सात मार्च 2024 को दरभंगा की पहली ग्रामीण एसपी बनीं थीं। ग्रामीण एसपी से पहले पटना सचिवालय एएसपी के पद पर तैनात थीं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में काम्या ने 172वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें आईपीएस कैडर के लिए चयनित किया गया।
Bhagalpur News: बदल जाएगा सुल्तानगंज स्टेशन का नाम, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की घोषणा; लंबे समय से थी मांग
राज्य ब्यूरो, पटना। Bhagalpur News: भागलपुर जिले का सुल्तानगंज स्टेशन अब जल्द ही अजगैबीनाथ के नाम से जाना जाएगा। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को यह घोषणा रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा सुल्तानगंज नगर परिषद की ओर इससे संबंधित प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है।
इस संबंध में मैं स्वयं रेल मंत्री से शीघ्र से मिलकर सुल्तानगंज का नाम अजगैबीनाथ स्टेशन करने का अनुरोध करूंगा। सम्राट कांवरिया सेवा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गौर हो कि दैनिक जागरण सुल्तानगंज का नाम अजगैबीनाथ करने को लेकर लगातार अभियान चला रहा है। इस अभियान से प्रभावित होकर ही सुल्तानगंज नगर परिषद ने सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है।
इससे पहले सम्मान समारोह का उद्घाटन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर 10 राज्यों के 159 संस्थानों और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
अजगैबीनाथ मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर का: सम्राट चौधरीसम्राट चौधरी ने कहा कि अजगैबीनाथ मेला राज्य या राष्ट्रीय स्तर का ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज से देवघर तक की सड़क कभी खराब नहीं होती और उन्होंने प्रधानमंत्री से इसे फोर लेन बनाने की अपील की। उन्होंने नए ट्रैक बनाने का भी आश्वासन दिया।
समारोह को संबोधित करते हुए, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सेवा करने वालों को धन्यवाद देते हुए कहा कि महादेव की भक्ति और शक्ति जिनके अंदर होती है, वे महान होते हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सत्य है और हमारी संस्कृति हमें ईश्वर के करीब ले जाती है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का भी आया बयानसेवा ही शक्ति को प्रदर्शित करती है और शक्ति ही भक्ति का आधार है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने स्वयं को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि आज तक किसी सरकार या नेता ने इन सेवा करने वालों को सम्मानित करने के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज-देवघर मार्ग पर डेढ़-दो महीने तक श्रद्धालुओं की निरंतर सेवा करना आसान नहीं है। यह बहुत साहस का काम है। और यही सच्चे शिवभक्त हैं।
उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज स्टेशन का नाम बदलकर अजगैबीनाथ करने का प्रस्ताव आया है और आशा जताई कि इससे सेवा करने वालों का हौसला बढ़ेगा।
समारोह में बोल बम सेवा शिविर महासंघ के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद, महासंघ के विश्वनाथ भगत, त्रिभुवन कुमार, अनुपम अग्रवाल, सतेंद्र पांडेय तथा बोल बम सेवा समिति के सैकड़ों लोग और भाजपा के कई प्रदेश पदाधिकारी, नेता एवं कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। मंच संचालन सजल झा ने किया।
Darbhanga Aiims: इस तारीख को दरभंगा एम्स का होगा शिलान्यास, PM Modi 8 करोड़ मिथिलावासियों को देंगे सौगात
राज्य ब्यूरो, पटना। Darbhanga News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर को दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स का शिलान्यास कर आठ करोड़ से अधिक मिथिलावासियों के स्वर्णिम भविष्य और ऐतिहासिक विकास का सौगात देंगे। दरभंगा के शोभन में प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति दे दी है।
दरभंगा सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी के हाथों होने वाले एम्स शिलान्यास कार्यक्रम को सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र के लिए गौरव की बात बताते हुए कहा कि पीएम मोदी और भाजपा ने सदैव मिथिला के सर्वांगीण विकास का सपना देखा, जो कि अब शोभन में साकार होने जा रहा है।
1264 करोड़ की लागत से बनेगा एम्सबता दें कि 188 एकड़ के सवा दो लाख वर्ग मीटर में 36 महीने में एचएससीसी कंपनी के द्वारा 1264 करोड़ की लागत से 750 बेड का एम्स बनाया जाएगा।
सांसद ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विशेष पहल पर जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी की गई। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आकर हस्तांतरित जमीन का भौतिक निरीक्षण भी किया। इसके बाद शिलान्यास की तिथि तय हुई है।
दरभंगा एम्स को सम्पूर्ण उत्तर बिहार खासकर मिथिला क्षेत्र के लिए आने वाले समय के लिए वरदान होगा। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्राभावित रहा है।
लंबे समय तक यूपीए सरकार रहने के बावजूद बाबजूद यहां के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया जबकि भाजपा और एनडीए सरकार ने यहां के विकास को देश स्तर पर स्थापित किया।
एनबीसीसी लिमिटेड को मिली है दरभंगा एम्स बनाने की जिम्मेदारीकेंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स निर्माण का जिम्मा एनबीसीसी लि. की सहायक कंपनी एचएससीसी इंडिया लिमिटेड को सौंप दिया है।
इस परियोजना के लिए 1261 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें वृद्धि की संभावना है। बिहार सरकार ने एम्स के लिए 188 एकड़ जमीन दी है, जिसमें से 2.25 लाख वर्ग मीटर में एम्स के भवन बनाए जाएंगे।
यह परियोजना तीन साल में पूरी होगी और इसका लक्ष्य कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और देखभाल सेवाएं प्रदान करना है।
एम्स दरभंगा को अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान बनाया जाएगा। इस एम्स के बनने से पूरे बिहार के मरीजों के इलाज में आसानी होगी।
दरभंगा एम्स पर एक नजर- परियोजना के लिए बजट : 1261 करोड़ रुपये (बढ़ सकती है लागत)
- बिहार सरकार ने दी जमीन : एम्स के लिए 188 एकड़ जमीन मिली
- दरभंगा एम्स का भवन : 2.25 लाख वर्ग मीटर में अस्पताल के भवन बनेंगे
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बिहार में अब बढ़ेगा गिट्टी का कारोबार, नीतीश सरकार ने कर दिया बड़ा एलान; पढ़ें डिटेल
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार प्रदेश में बालू के बाद गिट्टी के कारोबार में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए उन्हें लाइसेंस जारी करेगी। बालू की तर्ज पर गिट्टी कारोबार करने वालों को भी के-लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
सरकार ने यह निर्णय गिट्टी कारोबार से नए लोगों को जोडऩे और सरकारी राजस्व में वृद्धि के इरादे से लिया है।हाल में सरकार ने गिट्टी का कारोबार करने वाले व्यापारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में उन्हें होने वाली समस्याओं पर विचार विमर्श किया।
व्यापारियों की ओर से की गई थी मांगइसमें व्यापारियों की ओर से नए कारोबारियों को लाइसेंस देने की मांग उठाई गई। गिट्टी का बड़ा कारोबार करने वाले कुछ व्यापारियों की यह मांग भी थी वे एक ही शहर में अपने छोटे-छोटे आउटलेट खोलना चाहते हैं। ताकि गिट्टी के कारोबार को और विस्तारित कर सकें।
इसके बाद बैठक में शामिल अधिकारियों के स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि कारोबार को विस्तार देने के लिए विभाग की ओर से नए सिरे से के-लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
इसमें नए व्यापारियों को तो लाइसेंस दिए ही जाएंगे पूर्व से कारोबार करने वाले जो व्यापारी अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए अतिरिक्त लाइसेंस चाहते हैं उन्हें भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
धर्मकांटा पर्ची दिखाने पर ही निर्गत होगा ई-चालानविभाग ने नए लाइसेंस के लिए शर्त निर्धारित की है कि नया के-लाइसेंस लेने पर कारोबारी को अनिवार्य रूप से धर्मकांटा लगाना होगा। धर्मकांटा पर्ची दिखाने पर ही ई-चालान निर्गत होगा।
वहीं पुराने लाइसेंस धारियों को धर्मकांटा लगाने की अनिवार्यता से 31 दिसंबर तक थोड़ी छूट दी गई है। ऐसे लाइसेंसधारी सार्वजनिक धर्मकांटा से संबद्ध होकर ई-चालान निर्गत करवा सकेंगे।
बता दें कि राज्य में बिना लाइसेंस और ई-चालान के बालू, गिट्टी या व्यावसायिक कार्य के लिए मिट्टी की कटाई खनन और ढुलाई अवैध है। पकड़े जाने पर जुर्माना और सजा का प्रविधान भी नियमावली में किया गया है।
पटना के बच्चे 25 देशों के बच्चों से कर सकेंगे दास्तीराजधानी के स्कूली बच्चे 25 देशों के बच्चों से दोस्ती कर सकते हैं। विदेश में बैठे दोस्त के साथ अपना सुख-दुख साझा करेंगे। भारतीय पोस्ट आफिस के पोस्ट क्रासिंग सेवा के माध्यम यह सुविधा मिलेगी। पोस्ट कार्ड से कोई भी संदेश विदेश में भेजने और दूसरे देश के बच्चों का संदेश प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
28 से 30 नवंबर तक बिहार डाक प्रदर्शनी के पोस्ट क्रासिंग सुविधा के लांचिंग होगी। प्रदर्शनी में पोस्ट क्रासिंग सेवा को लांच किया जाएगा। बिहार डाक सर्किल की ओर से अब तक जर्मनी, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके सहित 17 देशों की सहमति मिल चुकी है। देशों की संख्या 25 होने की संभावना है।
स्कूली बच्चों को दूसरे देशों के दोस्त बनने की चाह रखने वाले की सूची दी जाएगी। इसके लिए पहली बार फ्री में पोस्ट कार्ड भी दिए जाएंगे। इसके बाद पोस्ट कार्ड खरीद कर अपनी बात-चीत को आगे बढ़ा सकते है।
डिजिटल डाक टिकट की भी होगी प्रदर्शनीडाक मुख्य महाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी में डाक टिकटों के अतिरिक्त डिजिटल डाक टिकट प्रदर्शनी का आयोजन होगा। इसमें टू-डी, थ्री डी एवं स्मार्ट सरफेस प्रदर्शनी का होगा।
इसके अतिरिक्त क्यूआर बेस्ड प्रदर्शनी होगा। इसके तहत क्यूआर कोड स्कैन कर डाक टिकट के बारे में जानकारी हासिल किया जा सकेगा। यह प्रदर्शनी डाक टिकट प्रेमियों को नई जानकारियां देने वाला होगा।
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बिहार में डेंगू का कहर, पटना-गया के बाद दो और जिले सबसे ज्यादा प्रभावित; अब तक सामने आए 7600 से अधिक मामले
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी राज्य में डेंगू का प्रकोप कम होता नहीं दिखता। प्रदेश की राजधानी पटना सर्वाधिक डेंगू प्रभावित है। जबकि दूसरे पायदान पर गया जिला है।
पटना में इस वर्ष अब तक डेंगू के 3782 केस सामने आ चुके हैं। जबकि गया में 414 केस मिल चुके हैं। राज्य में इस वर्ष अब तक डेंगू के कुल 7641 मामले मिल चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन नवंबर को जारी रिपोर्ट बताती है कि पटना और गया जिले के साथ ही वैशाली, मुजफ्फरपुर, नालंदा, बेगूसराय, औरंगाबाद, सारण में सर्वाधिक मामले मिल चुके हैं। विभाग के अनुसार, पटना में इस वर्ष अब तक डेंगू के 3782 केस सामने आए हैं।
आबादी बताई जा रही है डेंगू बढ़ने की मुख्य वजहपटना की आबादी का ज्यादा होना इसकी वजह बताई जा रही है। गया में भी विभाग आबादी और साफ-सफाई को डेंगू की बड़ी वजह मानता है। रिपोर्ट के अनुसार, पटना और गया के बाद वैशाली जिले में इस वर्ष डेंगू के 161 मामले सामने आए हैं।
मुजफ्फरपुर में 254, नालंदा में 242, बेगूसराय में 208, सहरसा में 206, सारण में 169 केस मिल चुके हैं। अगर बीते वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में प्रदेश में डेंगू के 6712 केस मिले थे। जबकि 2020 में महज 493 और 2021 में 633 केस मिले थे। जबकि 2022 में डेंगू मरीजों की संख्या 13,972 पर पहुंच गई थी।
इसके बाद 2023 में केस की संख्या बढ़कर 20,224 तक पहुंच गई। इस वर्ष डेंगू के मामले बेकाबू ना हो और 2022, 23 की स्थिति न बने इसके लिए सरकार के कई महकमों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं बावजूद डेंगू के मामले कम होने की बजाय प्रतिदिन बढ़ रहे हैं।
हर हफ्ते मरीज व बीमारी की देनी होगी जानकारीउधर, सिवान जिले के सभी निजी अस्पतालों को हर हफ्ते अपने यहां आने वाले मरीजों और उनकी बीमारी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। विभाग अपने आइडीएसपी कार्यक्रम में निजी अस्पतालों को भी जोड़ने जा रहा है। निजी अस्पतालों को भी सरकारी की तर्ज पर बीमारियों की जानकारी फार्म भरकर देनी होगी।
इससे पता चलेगा कि जिले में किस बीमारी का प्रकोप है। इससे बीमारियों की रोकथाम में सहूलियत होगी। मामले में सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि आइडीएसपी कार्यक्रम में निजी अस्पतालों को भी जोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है।
इसमें हर हफ्ते अपने यहां आने वाले मरीजों और उनकी बीमारी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। हालांकि अभी अधिकांश निजी अस्पताल इसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं।
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