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Updated: 1 hour 39 min ago

सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम खोलेगा किसानों की आय का रास्ता, महज 375 रुपये में हो जाएगा ये काम

November 11, 2024 - 5:06pm

जागरण संवाददाता, पटना। फसल का उत्पादन तो लगभग सभी किसान करते हैं। उत्पादित फसलों को बेचकर किसान अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन बीज का उत्पादन कर किसान अपनी आय और बढ़ा सकते हैं। प्रदेश के किसान बिहार राज्य बीज निगम के सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम (बीज उत्पादन योजना) से जुड़कर बीज उत्पादक बनकर आर्थिक रूप से और भी समृद्ध हो सकते हैं।

सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से कैसे जुड़ें किसान:

सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से जुड़ने के लिए किसानों को बिहार राज्य बीज निगम के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद किसानों को बिहार राज्य बिज निगम के क्षेत्रीय कार्यालय कुदरा (कैमुर), शेरघाटी (गया), हाजीपुर (वैशलाी), बेगूसराय और भागलपुर के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रबंधक से संपर्क कर आधार बीज ले सकते हैं।

किसानों को मिलेगा आधार बीज:

बीज उत्पादक बनने के लिए किसानों को आधार बीज दिया जाएगा। गेहूं के बीज के साथ-साथ किसान अरहर, मरुआ, बाजरा, ज्वार, कोदो, चीना, सावा, कउनी का बीज उत्पादक बन सकते हैं। 2833 किसान बीज बिहार राज्य बीज निगम के सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम से जुड़कर बीज का उत्पादन कर रहे हैं। मोटे अनाज के बीज उत्पादन पर किसानों को तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल अनुदान भी दिया जा रहा है।

375 रुपये लगेगा क्षेत्र निरीक्षण शुल्क:

प्रति हेक्टेयर किसानों को 375 रुपये निरीक्षण शुल्क देना होगा। 25 रुपये निबंधन शुल्क देना होगा। सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम के लिए कम से कम एक गांव में 10 हेक्टेयर खेती में सीड प्रोडक्शन प्रोग्राम की शुरुआत करनी होगी। उपज होने के बाद बीज के अंकुरण की जांच राजकीय बीज विश्लेषण प्रयोगशाला में की जाएगी। यहां से पास होने के बाद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर पहला भुगतना किया जाएगा।

प्रोसेसिंग में होगी बीज की साफ-सफाई:

बीज के जांच के बाद बीज की प्रोसेसिंग बसोका (बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी) के देखरेख में की जाएगी। जहां बीज की साफ-सफाई होगी और एक साइज के बीज को अलग किया जाएगा। प्रासेस किए गए बीज पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 20 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। प्रोसेस के बाद अंडर साइज बीज किसानों को वापस दे दिए जाएंगे। एक साइज वाले बीज को निगम अपने पास रख लेगा।

फसल लगाने से लेकर कटने तक निरीक्षण:

फसल लगने से लेकर कटने तक बसोका (बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी) के इंस्पेक्टर विभिन्न अवस्थाओं में फसल के निरीक्षण के लिए आएंगे। बीज की प्रति बोरी के लिए किसानों को 25 रुपये दिए जाएंगे। किसानों को अपने खेत से संग्रहण केंद्र तक बीज पहुंचाना होगा।

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Bihar By Election: क्या टल जाएगा बिहार का उपचुनाव? आ गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला; PK की पार्टी ने डाली थी याचिका

November 11, 2024 - 4:15pm

पीटीआई, दिल्ली/पटना। Bihar Upchunav 2024: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को बड़ा झटका देते हुए उपचुनाव को टालने वाली याचिका को खारिज कर दी। बता दें कि बिहार में 13 नवंबर को चार सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। बता दें कि बिहार की रामगढ़, इमामगंज, बेलागंज और तरारी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

क्या थी जनसुराज पार्टी की मांग

जन सुराज पार्टी की ओर से दाखिल की गई याचिका में बिहार में छठ पूजा का हवाला देते हुए बिहार में भी उपचुनाव की तारीख को 13 से बढ़कर 20 नवंबर किए जाने की मांग की थी। जन सुराज पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में उपचुनावों की तारीख आगे नहीं बढ़ाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की थी।

याचिका पर जजों और वकीलों के बीच हुई बहस

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि निर्धारित उपचुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए बहुत देरी हो चुकी है। शीर्ष अदालत ने इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और कहा कि बिहार उपचुनाव के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को कोई समस्या नहीं है। केवल आपको समस्या है। आप एक नए राजनीतिक दल हैं, आपको इन जिग-जैग को जानने की जरूरत है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा जितना महत्वपूर्ण कोई अन्य त्योहार नहीं है।

पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में चुनाव की तारीखें धार्मिक आयोजनों के आधार पर चुनाव आयोग द्वारा आगे बढ़ा दी गईं, जबकि बिहार चुनावों में छठ पूजा त्योहार के बावजूद इसी तरह का व्यवहार नहीं देखा गया।

आज शाम इन सीटों पर थम जाएगा चुनाव प्रचार

बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में उपचुनाव प्रचार का शोर आज यानी सोमवार की शाम थम जाएगा। इससे पहले विभिन्न दलों के दिग्गजों ने अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। नेता हर तरह से समीकरण बनाने में जुट गए हैं।  गौर हो कि लगभग एक वर्ष बाद संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इन चार सीटों पर उपचुनाव की नौबत विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण बनी है। इस बार इन सीटों पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।

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JEE Advanced 2025: साल 2023 में 12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए एक और मौका, पात्रता में किया गया बड़ा बदलाव

November 11, 2024 - 3:35pm

जागरण संवाददाता, पटना। जेईई मेन 2025 (JEE Main 2025) के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। जेईई एडवांस्ड 2025 (JEE Advanced 2025) की पात्रता में परिवर्तन होने से परीक्षा में वर्ष 2023 में 12वीं किए अभ्यर्थियों को एक और मौका मिल गया है। इस कारण इस बार आवेदन की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

गत वर्ष भी रिकॉर्ड 11.79 लाख आवेदन आए थे। इस बार यह आंकड़ा 14 लाख से ज्यादा होने के अनुमान है। अब तक जेईई एडवांस्ड में शामिल होने की अधिकतम संख्या दो थी, लेकिन 2025 से यह संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गयी है। इस कारण 2023 में इंटर सफल अभ्यर्थी जेईई मेन में शामिल होंगे। आवेदन की अंतिम तिथि 22 नवंबर है। अब तक 3.50 लाख से अधिक आवेदन आ चुके है।

बिहार में बढ़ा एक केंद्र, अब बिहारशरीफ में भी केंद्र

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस बार परीक्षा के शहरों की संख्या कम कर दी है। बीते साल 2024 में जहां भारत के 300 शहरों में परीक्षा आयोजित की गयी थी, वहीं 2025 में 284 शहरों में ही ये परीक्षा आयोजित की जाएगी। 2024 में भारत के बाहर 23 देशों के 24 शहरों में परीक्षा आयोजित की गयी थी, जबकि इस बार 13 देश के 15 शहरों में ही परीक्षा आयोजित की जाएगी।

इस बार बिहार के 11 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाये जाएंगे। पिछले साथ 10 शहरों में परीक्षा आयोजित की गयी थी। इस बार 11 शहरों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इनमें पटना, औरंगाबाद, भागलपुर, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, आरा, समस्तीपुर, बिहारशरीफ व रोहतास शामिल है। पिछले साल 2024 में बिहारशरीफ में परीक्षा केंद्र नहीं थे, लेकिन 2025 में जेईई मेन के पहले चरण की परीक्षा बिहारशरीफ में होगी।

विदेश में भी बदलाव, म्युनिख व अबुधाबी में केंद्र

एनटीए ने विदेशी परीक्षा केंद्रों में भी बदलाव किया है। साल 2025 में भारत के अलावा 13 देश के 15 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाये जा रहे हैं। बीते साल से 10 देश और नौ शहर इसमें कम हैं। इस साल बहरीन के मनामा, इंडोनेशिया के वेस्ट जावा, कुवैत के कुवैत सिटी, मलेशिया के कुआलालंपुर, जर्मनी के म्यूनिख, नेपाल के काठमांडू, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, नाइजीरिया के लागोस, कतर के दोहा, सऊदी अरब के रियाद, सिंगापुर के सिंगापुरसिटी, अबूधाबी, ओमान के मस्कट, व शारजाह और युएसए के वाशिंगटन डीसी शहरों में परीक्षा केंद्र बनाया गया है।

साल 2023 में बने 23 देश के 24 शहरों में से श्रीलंका के कोलंबो, आस्ट्रेलिया के कैनबरा, आस्ट्रिया के वियना, ब्राज़ील के ब्रासीलिया, कनाडा के ओटावा, हांगकांग, मारीशस के पोर्ट लुइस, रूस के मास्को, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन, थाईलैंड के बैंकॉक, वियतनाम के हनोई शहरों में परीक्षा केंद्र बने थे, जिन्हें हटा दिया गया है। अब 2025 में इंडोनेशिया के जकार्ता की जगह वेस्ट जावा में परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, यूएई के अबूधाबी और जर्मनी के म्युनिख को नया जोड़ा गया है।

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Bihar Weather: 4 दिन बाद बिगड़ने वाला है मौसम, IMD ने ठंड को लेकर जारी किया नया अपडेट; लोगों से सावधान रहने की अपील

November 11, 2024 - 8:09am

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश के मौसम में तीन से चार दिनों के बाद यानी 14 नवंबर से बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान पछुआ के प्रवाह से न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से ठंड में वृद्धि की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस वर्ष ला नीना के प्रभाव से ठंड में वृद्धि की संभावना है।

हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने के मौसम समान्य बना हुआ है। तीन से चार दिनों के दौरान प्रदेश की हवा में बदलाव आने के साथ सुबह के समय धुंध से राहत मिलने के आसार हैं।

इन दिनों बंगाल की खाड़ी से नम पुरवा हवा के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक होने के साथ मौसम में कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार बीते पांच वर्षों के दौरान इस वर्ष नवंबर में मौसम सामान्य है। जबकि बीते वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह से ही ठंड का अहसास लोगों को होने लगा था।

खगड़िया में दर्ज हुआ सबसे अधिक तापमान

न्यूनतम तापमान भी 10-15 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ था। जबकि इस बार नवंबर में न्यूनतम तापमान 19-23 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री सेल्सियस व 33.5 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस व 17.5 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। रविवार को पटना सहित आसपास इलाकों का मौसम दिन में धूप निकलने से सामान्य बना रहा।

बदलते मौसम में शिशुओं को निमोनिया का खतरा अधिक

सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया का अधिक खतरा होता है। इसलिए इस मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाव पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों में होने वाली मौतों में निमोनिया एक प्रमुख कारण है।

सरकार ने निमोनिया से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी टीके को शामिल किया है। यह टीका निमोनिया से बचाव में काफी असरदार है। सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र प्रसाद ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कहा कि बदलते मौसम में शिशुओं की बेहतर देखभाल जरूरी है।

इस मौसम में शिशुओं में निमोनिया होने का खतरा अधिक हो जाता है। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो एक या दोनों फेफड़ों के वायु के थैलों को द्रव या मवाद से भरकर उसमें सूजन पैदा करता है। इससे बलगम वाली खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

निमोनिया साधारण से जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए इस मौसम में शिशुओं को ठंड से बचाना चाहिए। इससे बचाव के लिए पीसीवी का टीका बच्चे को जरूर लगवाना चाहिए।

शिशुओं व 65 वर्ष उम्र से अधिक व्यक्तियों को खतरा

आमतौर पर निमोनिया से शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को अधिक खतरा होता है। यह एक संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फैल सकता है। सर्दी के मौसम के शुरुआत से ही बच्चों में निमोनिया एवं ठंड से जुडी अन्य बीमारियों में बढ़ोतरी होने लगती है।

सीएस ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। इसे सरकार की ओर से नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है।

इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करता है। सीएस ने बताया धुम्रपान से परहेज, स्वस्थ एवं संतुलित जीवन शैली तथा साफ सफाई का ध्यान रख निमोनिया से बचा जा सकता है। बस इसके लिए सतर्कता की जरूरत है।

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बिहार में सरकारी स्कूल से कट जाएंगे साढ़े 3 लाख से ज्यादा बच्चों के नाम, नहीं मिलेगा किसी योजना का लाभ; पढ़ लें कारण

November 10, 2024 - 8:04pm

जागरण संवाददाता, पटना। पटना जिले में एक साथ सरकारी एवं निजी दोनों ही विद्यालयों में नामांकन कराने वाले बच्चों की पहचान कर ली गई है।

जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार अब तक नौ हजार, 310 बच्चों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में नामांकन कराया है। जबकि वे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।

विभागीय स्तर पर आधार कार्ड के माध्यम ऐसे और बच्चों की पहचान की जा रही है। अब इन बच्चों का सरकारी स्कूल से नामांकन रद्द होगा। प्राप्त आकड़े के अनुसार पूरे राज्य में अब तक तीन लाख, 55 हजार, 700 बच्चों के दोहरे नामांकन पाए गए हैं।

इन योजनाओं से बच्चे होते लाभान्वित

जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है। बिहार बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को 10-10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति, इंटर उत्तीर्ण छात्राओं को मुख्यमंत्री कन्या योजना के तहत 25 -25 हजार रुपये छात्रवृति, इसके अलावा साइकिल और पोशाक योजना आदि शामिल है।

इन सभी योजनाओं की राशि विद्यार्थियों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिशयल ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से की जाती है।

आधार कार्ड से होती है दोहरा नामांकन कराने वाले की पहचान

जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी निजी स्कूलों को नामांकित बच्चों के आधार कार्ड के साथ ई-शिक्षा पोर्टल पर पूरी जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि ऐसे बच्चों की पहचान की जा सके, जिन्होंने सरकारी एवं निजी दोनों ही स्कूलों में नामांकन लिया है।

होता यह है कि अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में करा लेते हैं और पढ़ाई निजी स्कूलों में कराते हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि आधार कार्ड के माध्यम से दोहरा नामांकन लेने वाले बच्चों की पहचान आसानी से की जा सकती है।

इसलिए सरकारी एवं निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। जिन्होंने दोहरा नामांकन लिया है, उनका नाम सरकारी स्कूल से काटा जाएगा।

सोमवार से शहर के स्कूल में बजेगी घंटी

छठ पूजा के अवकाश के बाद राजधानी के सरकारी एवं निजी स्कूलों में सोमवार से कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी। निजी स्कूलों में 10 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों की प्री-बोर्ड परीक्षा की तैयारी पर फोकस किया जाएगा। प्री-बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए नवंबर माह तक पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाएगा।

सीबीएसई बोर्ड के अनुसार निजी स्कूलों में 10 वीं और 12 वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा दिसंबर के दूसरे सप्ताह से आयोजित की जाएगी। वहीं, कक्षा एक से नौ वीं के विद्यार्थियों का सेंकेंड यूनिट टेस्ट भी दिसंबर में आयोजित होगा। स्कूली बच्चों के सेकेंड यूनिट टेस्ट के लिए सिलेबस पूरा करने पर शिक्षकों का जोर रहेगा।

निजी स्कूलों के संचालकों के अनुसार सेकेंड यूनिट टेस्ट का सिलेबस पूरा होने के बाद रीविजन क्लास शुरू कर दिया जाएगा। ईधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि जिले के सभी सरकारी स्कूल सोमवार से पूर्व निर्धारित समय पर खुल जाएंगे। स्कूल निरीक्षक निरीक्षण करेंगे और जिला शिक्षा कार्यालय को रिपोर्ट करेंगे।

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सुधाकर सिंह बोले- 'लाठी से पिटवाएंगे', BJP नेता ने भी दे डाली चेतावनी; उपचुनाव के अंतिम दौर में माहौल गर्म

November 10, 2024 - 7:25pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में विधानसभा की चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर होने वाले उपचुनाव प्रचार के आखिरी दौर पहुंचते ही नेताओं के बोल बिगड़ने लगे हैं। सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी नेताओं की जुबान फिसलने लगी है।

दरअसल, राजद के बक्सर से सांसद सुधाकर सिंह की रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चुनावी जनसभा में जुबान फिसल गई। सुधाकर ने गड़बड़ी करने वाले विरोधियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि पिछली बार की तरह इसबार विरोधियों ने कोई गुंडई की तो छोड़ेंगे नहीं। तीन सौ बूथों पर हमारे लोग तैयार रहेंगे और गुंडई करने वालों को लाठी से पिटवाएंगे।

श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने क्या दिया जवाब

सांसद के बोल पर भाजपा नेताओं में जवाब देने की होड़ मच गई। विपक्षी दल के सांसद की चेतावनी को आड़े हाथों लेते हुए राज्य सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने दो कदम आगे बढ़कर चुनौती दे दी।

दोनों नेता स्थानीय होने के साथ एक ही समुदाय के जनप्रतिनिधि हैं। ऐसे में समर्थकों के बीच सांसद और मंत्री के वार-पलटवार के बाद कड़वाहट बढ़ गई है।

ललन सिंह ने भी दिया था ये बयान 

उधर, इससे पहले बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ललन सिंह ने बिना नाम लिए जहानाबाद सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव को दानव बताया था।

कहा था कि बहुत दिनों तक आपलोगों ने बेलागंज में गुलामी सही है। अब दानव से बेलागंज को मुक्त कराना है। बेलागंज के बाबा कोटेश्वर स्थान में माथा टेककर इस दानव से मुक्ति दिलाएंगे।

उन्होंने कहा था कि बेलागंज को दानव से मुक्त कराने की जरूरत है। नीतीश कुमार के राज्य में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। सीना ठोककर कहिए कि तुमको वोट नहीं देंगे, जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो।

वहीं, जेडीयू प्रवक्ता व पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बेलागंज की जनता पहले बाप का झोला ढोया है। अब बेटा का भी झोला ढोएगा क्या? इस बार ऐसा तीर चलाइए कि लालटेन चकनाचूर हो जाए। तभी लंपट राजनीत खत्म होगी।

उपचुनाव में सभी चार सीटों पर एनडीए जीत की ओर अग्रसर : राजीव रंजन

उधर, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने रविवार को यह दावा किया कि बिहार में जिन चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहा उनमें सभी पर एनडीए जीत की ओर अग्रसर है। एनडीए प्रत्याशियों को ऐतिहासिक विजय मिलेगी।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राजद सहित आईएनडीआईए के घटक दलों के झूठे वायदे को नकार कर लोग विकास, स्थायित्व, निरंतरता और सामाजिक सौैहार्द्र को केंद्र में रखने के साथ-साथ नीतीश सरकार की अनगिनत उपलब्धियों के आधार पर वोट करने जा रहे।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में सड़कों, पुल, फ्लाईओवर के साथ-साथ राज्य में अन्य आधारभूत संरचनाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वहीं हर घर बिजली, पीने का पानी एवं शौैचालय जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को भी सरकार ने पूरा किया है।

नौकरियों व रोजगार देने के सवाल पर नीतीश कुमार की सरकार ने अपने वायदे को अमलीजामा पहनाया। न्याय के साथ विकास का बिहार मॉडल सर्वश्रेष्ठ है।

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विवि में काम करने वाले शिक्षकों और कर्मियों की सैलरी को लेकर आया नया अपडेट, शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला

November 10, 2024 - 4:16pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए नई व्यवस्था लागू कर रहा है। इसके तहत शिक्षा विभाग के पे-रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डाटा अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।

जिन शिक्षकों तथा कर्मियों का डाटा अभी तक विश्वविद्यालयों द्वारा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है उनके डाटा को सप्ताहभर में पोर्टल पर अपलोड करना है, ताकि अक्टूबर-नवंबर का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।

इन शिक्षकों का बंद हो जाएगा वेतन

डाटा अपलोड नहीं रहने पर संबंधित शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान की राशि जारी नहीं की जाएगी। यानी, उन शिक्षकों का वेतन बंद हो जाएगा। 

शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के 15 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया गया है कि पोर्टल पर शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा अपलोड करने के साथ ही उन शिक्षकों का वेतन सत्यापन भी आवश्यक है, जिनका वेतन सत्यापन नहीं हुआ है।

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

वित्तीय नियमों का अनुपालन करना जरूरी

वित्तीय नियमों का अनुपालन करना जरूरी है। साथ ही जिन मदों में राशि उपलब्ध कराई गई है, उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र सप्ताहभर में उपलब्ध करा दें।

जनवरी से शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर प्रस्तावित बजट को अपलोड करना होगा। ऑनलाइन बजट पर ही विभाग स्वीकार करेगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय नोडल पदाधिकारी की तैनाती करें, जिन्हें आनलाइन बजट संबंधी प्रशिक्षण दिया जा सके।

स्थानांतरण नीति को लेकर शिक्षकों में आक्रोश

उधर, गया में शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण और पदस्थापना नीति को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश है। टीईटी एवं एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि तमाम पुरुष शिक्षकों के साथ सरकार लिंग के आधार पर भेदभाव कर रही है।

सरकार ने पूर्व में निकाले गए अपने ही आदेश की अवहेलना कर रही है। सरकार ने राज्यकर्मी का दर्जा के लिए शिक्षकों के सामने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त रखी थी।

परीक्षा के समय सरकार ने तीन जिलों का विकल्प मांगा था। जिसमें से एक जिला का आवंटन विभाग की तरफ से किया जाना था, लेकिन अब विभाग ने ही स्थानांतरण नीति में पुरुष शिक्षकों से 10 अनुमंडल देने का विकल्प मांगा गया है। जबकि बिहार में कोई भी ऐसा जिला नहीं है जिसमें 10 अनुमंडल हों।

ऐसी स्थिति में जिले से बाहर पदस्थापन करने की तैयारी विभाग के तरफ से की जा रही है। इस मौके पर संघ के जिला वरीय उपाध्यक्ष कृष्ण प्रकाश नंद, जिला संयोजक प्रमोद कुमार, जिला सचिव अबुल कलाम आजाद, मोहमद अली, जिला कोषाध्यक्ष मनीष कुमार, जिला संगठन मंत्री मुकेश कुमार यादव आदि उपस्थित थे।

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Bihar By-Election: उप चुनाव में दलों से ज्यादा दिग्गजों की साख दांव पर, चार सीटों का कुछ ऐसा है हाल

November 10, 2024 - 3:11pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में जिन चार विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव हो रहा, वहां दलों और गठबंधन से अधिक राजनीतिक दिग्गजों की साख दांव पर है। विरासत को संभाल कर रखने की चुनौती प्राय: सभी चार सीटों पर है।

दिग्गजों का परिवारवाद कसौटी पर

उप चुनाव में राजनीतिक दिग्गजों की साख के साथ परिवारवाद भी कसौटी पर है। बात अलग-अलग सीटों की करें तो रामगढ़ विधानसभा में हो रहा उप चुनाव राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद की साख से जुड़ा है। वहां राजद से अधिक जगदानंद महत्वपूर्ण है। उनके पुत्र सुधाकर सिंह वहां से विधायक थे।

उनके सांसद बन जाने के बाद अब उनके छोटे पुत्र अजीत सिंह वहां से चुनाव लड़ रहे। इसलिए यहां मामला यह है कि जगदानंद फिर से रामगढ़ की सीट अपने पुत्र के लिए ले जाते हैं या नहीं। इसी तरह बेलागंज विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव का दृश्य है। कई दशकों से यह सीट राजद के सुरेंद्र यादव की रही।

उनके सांसद बन जाने के बाद उनके पुत्र इस सीट से राजद की टिकट पर चुनाव मैदान में है। यहां सुरेंद्र यादव की साख कसौटी पर है। वह यह सीट बरकरार रख पाने में कामयाब रहते हैं या नहीं यह बेलागंज के चुनाव के केंद्र में है।

इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उप चुनाव में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के साख की परीक्षा है। वहां से उनकी बहू दीपा मांझी एनडीए प्रत्याशी के रूप में हम की टिकट पर लड़ रहीं। इस सीट से जीतनराम मांझी को पूर्व में जीत हासिल हुई थी। उनके सांसद बन जाने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा।

इसी तरह तरारी सीट पर सुनील पांडेय की साख लगी है। उनके पुत्र यहां से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे। सुनील पांडेय इस इलाके में पकड़ के लिए जाने जाते रहे हैं। विधायक भी रहे हैं।

पीके के लिए भी साख से जुड़ा है यह चुनाव

जिन चार सीटों पर उप चुनाव हो रहा उनमें सभी चार सीटों पर पीके यानी प्रशांत किशोर की साख की भी चर्चा हो रही। उनके दल जन सुराज को इस चुनाव में क्या हासिल होगा यह आगे का विषय है। पर अगर वह कहीं भी परिवार की साख खत्म करने में सफल हुए तो यह उनकी उपलब्धि होगी।

आईएनडीआईए की साख सीटों को बरकरार रखने की

आईएनडीआईए की बात करें तो इस उप चुनाव में तीन सीटें उनके पास रही है। तरारी से भाकपा (माले) के प्रत्याशी ने पिछले चुनाव में जीत हासिल की थी, बेलागंज से राजद जीतती रही, रामगढ़ सीट भी काफी समय से राजद के खाते में रही है। इसलिए इस चुनाव में उनकी चुनौती अपनी पुरानी साख को बरकरार रखने की भी है।

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गिट्टी कारोबारियों के लिए आ गया नीतीश सरकार का नया फरमान, अब इस बात का देना होगा हिसाब; पढ़ लें ताजा निर्देश

November 10, 2024 - 2:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के बाद अब गिट्टी के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग पुरानी व्यवस्था में कई बदलाव कर रहा है।

खान एवं भू-तत्व विभाग ने निर्णय लिया है कि अन्य राज्यों से गिट्टी मंगाने के पूर्व कारोबारी को इसकी पूर्व सूचना जिले के खनिज विकास पदाधिकारी को देनी होगी। इसके बाद भी अन्य राज्य से गिट्टी आयात की जाएगी और इसी के आधार पर जिले में इसे गंतव्य तक पहुंचाने के लिए चालान जारी किया जाएगा।

अभी केवल गया और शेखपुरा से हो रहा गिट्टी का खनन 

प्रदेश में निर्माण कार्यो में प्रयुक्त होने वाले लघु खनिजों में शामिल गिट्टी की करीब 90 प्रतिशत आपूर्ति अन्य राज्य करते हैं। इसमें सर्वाधिक आपूर्ति झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल से होती है। जबकि राज्य में गिट्टी खनन केवल दो जिलों में ही हो रहा है। ये जिले हैं गया और शेखपुरा।

इन दोनों जिलों में खान एवं भूतत्व विभाग ने 104.5 एकड़ में खनन योजना की मंजूरी आठ अलग-अलग बंदोबस्तधारियों के बीच की है। विभाग के अनुसार इसमें से पांच की मंजूरी 2020 में पांच वर्षो के लिए दी गई थी। जिसकी मियाद 2025 में खत्म हो जाएगी। तीन की मंजूरी 2021 में दी गई जिसकी मियाद 2026 में समाप्त होगी।

जानकारी के अनुसार, 2017 के बाद गिट्टी खनन योजना को मंजूरी नहीं दी जा सकी है। कुल् आठ गिट्टी खनन फील्ड से राज्य सरकार को 2022-23 में 73.48 करोड़ और 2023-24 में 71.48 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था।

अब सरकार ने इस राजस्व में वृद्धि के उपायों के साथ गिट्टी के अवैध खनन को नियंत्रित करने की दिशा में कवायद शुरू की है।

बिहार पहुंचते ही गिट्टी का किया जाएगा निरीक्षण

नई व्यवस्था में खनिज विकास पदाधिकारी की अनुमति के बाद अन्य राज्यों से आने वाले गिट्टी के बिहार पहुंचते ही उसी दिन स्थल निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही जहां इसे भंडार किया जाएगा उसकी जियो टैगिंग फोटो कारोबारी को विभागीय पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

यह मात्रा कारोबारी की पहचान में शामिल हो जाएगी और इसी के आधार पर उसे उस गिट्टी को आगे तक पहुंचाने के लिए चालान जारी हो सकेंगे। कारोबारी को भंडारण स्थल पर सीसीटीवी कैमरा और धर्मकांटा अनिवार्य रूप से लगाना होगा।

सरकार का मानना है कि ऐसी व्यवस्था करने से लोगों को सहज ही गिट्टी मिल सकेगी। इसका अवैध कारोबार नियंत्रित होगा और राजस्व में भी वृद्धि होगी।

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Patna News: तबादले के बाद भी नहीं बदलेगा IO का लैपटॉप और स्मार्टफोन

November 10, 2024 - 10:23am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस के सभी अनुसंधान पदाधिकारियों (आइओ) को लैपटॉप और स्मार्टफोन स्थाई रूप से मिलेगा। यानी तबादले के बाद भी लैपटॉप और स्मार्टफोन आइओ के पास ही रहेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि स्थानांतरण के बाद भी स्मार्टफोन और लैपटाप में एकत्रित किए गए साक्ष्यों और ट्रॉयल के दौरान गवाही आदि के काम में आवश्यकतानुसार इसका इस्तेमाल किया जा सके।

डिजिटल साक्ष्यों की बढ़ी महत्ता

  • तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद डिजिटल साक्ष्यों की महत्ता बढ़ गई है।
  • पुलिस जांच के साथ ही ट्रायल के दौरान भी आडियो-वीडियो साक्ष्य जरूरी हो गए हैं।
  • पुलिस को छापेमारी या अपराध के बाद घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान वीडियो बनाना है।
  • इसके साथ ही अपराधियों और गवाहों के बयान भी आडियो-वीडियो रूप में रिकार्ड करने हैं।
190 करोड़ के बजट को स्वीकृति

इन सारी जरूरतों को देखते हुए ही राज्य सरकार ने पुलिस कांडों की जांच करने वाले सभी आइओ को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिया जाना है। इसके लिए 190 करोड़ 63 लाख 20 हजार की राशि खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार, आइओ को दिए जाने वाले लैपटॉप और स्मार्टफोन की खरीद पुलिस मुख्यालय के स्तर से नहीं होगी। सभी आइओ अपने स्तर से लैपटॉप और स्मार्टफोन खरीदेंगे।

1 जुलाई से लागू हुए नए आपराधिक कानून

1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता,1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ली है।

बिल के आधार पर होगा भुगतान

उपकरणों के खरीद बिल के आधार पर प्रतिपूर्ति राशि उन्हें मुख्यालय स्तर से उपलब्ध कराई जाएगी। लैपटॉप और स्मार्टफाने की विशिष्टियों व मानकों का निर्धारण पुलिस मुख्यालय के स्तर से किया जाएगा। लैपटॉप के लिए करीब 60 हजार, जबकि मोबाइल के लिए करीब 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।

विभाग के अनुसार, यह सुविधा ऐसे आइओ को ही दी जाएगी जिनकी सेवा संपुष्ट हो गई हो या जिनकी अधिकतम आयु 55 वर्ष से अधिक न हो। इसके अलावा खरीदे जाने वाले लैपटॉप और स्मार्टफोन के रखरखाव एवं मेंटनेंस की जिम्मेदारी भी संबंधित आइओ की ही होगी। एक साल के बाद इस प्रणाली के कार्यान्वयन की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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Bihar Govt School: बिहार में बेहतर होंगी सरकारी स्कूलें, 12वीं के बाद अब 8वीं से 11वीं तक की कक्षाओं में भी लगेंगे CCTV कैमरे

November 10, 2024 - 9:26am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में स्कूली शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार में जुटी सरकार अब प्रत्येक विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रही है। उच्च माध्यमिक विद्यालयों की बारहवीं कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे का प्रयोग सफल होने के बाद शिक्षा विभाग ने तय किया है कि इस साल आठवीं, नौवीं, दसवीं और ग्यारहवीं वर्ग कक्षाओं में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों की कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य पूरा किया जाएगा।

शनिवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ शिक्षा की बात-हर शनिवार लाइव कार्यक्रम में शिक्षकों के प्रश्नों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार 8वीं से 11वीं तक की कक्षाओं में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी में है। चरणबद्ध तरीके से 81,223 विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य पूरा होगा।

80 हजार से ज्यादा स्कूलों में लगेंगे CCTV कैमरे

राज्य में 81 हजार 223 सरकारी विद्यालय हैं। इनमें से 9 हजार 360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। 40 हजार 566 प्राथमिक विद्यालय हैं और मध्य विद्यालयों की संख्या 31 हजार 297 है। इन सभी विद्यालयों की वर्ग कक्षाओं में चरणबद्ध तरीके से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जैसा कि अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि सीसीटीवी कैमरे लगाना खर्चीला है। इसलिए निचली कक्षाओं में धीरे-धीरे सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम पूरा किया जाएगा।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए मध्याह्न भोजन योजना से प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को दूर रखने संबंधी एक शिक्षक के पूछे गए सवाल पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों में मध्याह्न भोजन योजना में प्रधानाध्यापक की सहभागिता नहीं है, उनके कार्य तो विद्यालय व्यवस्था और शैक्षणिक सुधार आदि है।

मध्याह्न भोजन के संचालन से प्रधानाध्यपक रहेंगे दूर

पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिहार के दस जिलों की दो-दो पंचायतों में मध्याह्न भोजन योजना के संचालन से प्रधानाध्यापकों को दूर रखने का कार्य शुरू किया जा रहा है। ये जिले मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय और औरंगाबाद हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में मध्याह्न भोजन तैयार कराने एवं बच्चों के खिलाने में अधिकतर समय व्यर्थ जाता है। इसके कारण बच्चों एवं शिक्षकों का बहुमूल्य समय नष्ट होता है।

इसलिए बच्चों को पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संबंधित जिलों में चयनित दो-दो पंचायत के लिए मध्याह्न भोजन व्यवस्थापक एवं सहायक व्यवस्थापक चयनित कर तैनात किए जाएंगे, जिसके ऊपर इस योजना के संचालन की पूर्ण जवाबदेही होगी। इसमें खाद्य सामग्री क्रय करना, भोजन बनवाना, बच्चों को भोजन खिलाना व रसोईघर की साफ-सफाई समेत अन्य कार्य शामिल हैं।

प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चों को भी कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा

अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों की कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं में भी कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा लागू की जाएगी, ताकि इन कक्षाओं के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा का लाभ मिल सके। इसकी तैयारी की जा रही है और नए सत्र में लागू की जाएगी। यह ब्रिज कोर्स होगा। इसके बाद निचली कक्षाओं में बच्चों को कंप्यूटर विज्ञान की जानकारी देने की व्यवस्था होगी।

अभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर विज्ञान का पाठ्यक्रम लागू है। इसके लिए कंप्यूटर विज्ञान की किताब भी प्रकाशित कर विद्यालयों को उपलब्ध कराई गई है। सरकार की प्राथमिकता में है कि सरकारी विद्यालयों के बच्चे भी कंप्यूटर शिक्षा में पीछे नहीं रहें।

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Bihar bypoll:बिहार उपचुनाव में दिग्गजों में झोंकी ताकत, 11 नवंबर को थम जाएगा चुनाव प्रचार का शोर

November 10, 2024 - 9:00am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा की चार सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में उपचुनाव प्रचार का शोर सोमवार की शाम थम जाएगा। इससे पहले शनिवार को विभिन्न दलों के दिग्गजों ने अंतिम चरण के चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है। सत्तापक्ष जहां उपचुनाव को अगले वर्ष यानी 2025 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइनल मानकर विपक्ष की तीन सीटों (तरारी, रामगढ़ एवं बेलागंज) को झटकने की कोशिश में जुटा है। वहीं, विपक्ष अपनी जीती हुई सीटों को बचाने के साथ ही सत्तापक्ष की जीती हुई एक सीट (इमामगंज) पर नजर गड़ाए हुए है।

सभी पार्टियों के दिग्गज नेता इन सभी सीटों पर धुआंधार प्रचार के लिए चारों विधानसभा क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं। उधर, चारों सीटों पर स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान कराने की चुनाव आयोग की तैयारी अंतिम चरण में है। आयोग ने किसी तरह की गड़बड़ी रोकने तथा सुरक्षा के दृष्टिकोण से संपूर्ण व्यवस्था की है।

आयोग द्वारा पोस्टर बैलेट से मतदान की प्रक्रिया भी जारी है। मतदान के दिन सुबह साढ़े पांच बजे से मॉक पोल की प्रक्रिया शुरू होगी। चुनाव आयोग ने सभी पोलिंग एजेंट से अपेक्षा की है कि वे मॉक पोल के समय निश्चित रूप से अपने-अपने मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहें। इसके बाद इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के 29 बूथों को छोड़कर सभी मतदान केंद्र के साथ तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में सुबह सात से शाम छह बजे मतदान संपन्न कराया जाएगा।

तरारी, रामगढ़, इमामगंज एवं बेलागंज में 13 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। गौर हो कि लगभग एक वर्ष बाद संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इन चार सीटों पर उपचुनाव की नौबत विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण बनी है। हालांकि, चुनाव परिणाम से विधानसभा में पक्ष व विपक्ष की संख्या भले ही प्रभावित हो, लेकिन सत्ता के समीकरण में कोई अंतर नहीं आने वाला। इनमें से तीन सीटें महागठबंधन की हैं और एक सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हिस्से की है।

चारों विधानसभा सीट के विधायक बनें सांसद

तरारी विधानसभा सीट

वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तरारी विधानसभा सीट से भाकपा-माले के सुदामा प्रसाद ने जीत हासिल की थी। वहीं लोकसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद ने आरा लोकसभा सीट से हासिल की, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

रामगढ़ विधानसा सीट

साल 2020 के चुनाव में रामगढ़ विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने जीत हासिल की। वहीं लोकसभा चुनाव में उन्होंने बक्सर लोकसभा सीट से जीत हासिल की, जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होने हैं।

बेलागंज विधानसभा सीट

बेलागांज विधानसभा सीट से वर्ष 2020 के चुनाव में आरजेडी के सुरेंद्र यादव ने जीत हासिल की। वहीं लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव ने जहानाबाद से सांसद चुने गए।

इमामगंज विधानसभा सीट

इमामगंज विधानसभा सीट से वर्ष 2020 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जीत हासिल की थी। वहीं इस साल के लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी ने गया लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।

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Patna News: स्कूली बच्चों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य, नवंबर-दिसंबर तक बनाने के निर्देश जारी

November 10, 2024 - 8:23am

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी स्कूली बच्चों के लिए आधार कार्ड बनाना अनिवार्य हो गया है। शिक्षा विभाग ने नंवबर-दिसंबर तक सभी बच्चों के आधार कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को छूटे हुए स्कूली बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में तेजी लाने को कहा गया है।

आधार कार्ड अनिवार्य

स्कूल में प्रवेश लेने वाले सभी बच्चों के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य है। इसके लिए जरूरी है कि जिन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं, उनके जन्म प्रमाण पत्र भी बनें। बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र जल्दी बने, इसके बारे में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

शिक्षा की बात-हर शनिवार कार्यक्रम में बोले अपर मुख्य सचिव

शिक्षा की बात-हर शनिवार लाइव कार्यक्रम में रूबरू होने के दौरान शनिवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने इसकी जानकारी दी कि नंवबर-दिसंबर तक सभी स्कूली बच्चों के आधार कार्ड बन जाने चाहिए। होमवर्क व डायरी की जांच और अभिभावकों को जानकारी देना आवश्यक है।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कक्षाओं में बच्चों को जो होमवर्क दिया जाता है, उसकी जांच शिक्षक द्वारा होनी चाहिए। बच्चों की डायरी की भी जांच होनी चाहिए कि उसमें जो सुझाव दिए गए उसे बच्चे के अभिभावक ने देखा या नहीं। अभिभावकों की बैठक में भी बच्चों के होमवर्क और डायरी के बारे में जानकारी देनी चाहिए। यह बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार के लिए भी जरूरी है।

प्रधानाध्यापक तय करेंगें कि विद्यालय में संगीत कक्षा कब और किस दिन हो

अपर मुख्य सचिव ने एक संगीत शिक्षक के सवाल पर कहा कि प्रत्येक विद्यालय में संगीत की कक्षा लगनी चाहिए। इससे बच्चों के व्यक्तित्व का भी विकास होता है। यह प्रधानाध्यापकों को तय करना चाहिए कि विद्यालय में सप्ताह के कौन-सा दिन और किस समय संगीत कक्षा संचालित हो। जिस विद्यालय में संगीत शिक्षक नहीं हैं तो वहां स्थानीय स्तर पर संगीत शिक्षक की व्यवस्था कर कक्षाएं संचालित करा सकते हैं।

अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि बच्चों के पास प्रत्येक विषय के लिए एक-एक कॉपी होनी चाहिए। अगले साल से शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को दिए जाने वाले किट में प्रत्येक विषय का स्टीकर लगाकर कापियां दी जाएंगी। अभिभावकों को भी चाहिए कि बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि से बच्चों को कॉपियां उपलब्ध कराएं।

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November 10, 2024 - 7:54am

जागरण टीम, पटना। नवंबर महीने के 9 दिन बीत चुके हैं, महीने की 10 तारीख तक तापमान अभी सामान्य बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक पटना सहित प्रदेश का मौसम सामान्य बना रहेगा। विशेष ठंड का प्रभाव माह के अंत तक होने लगेगा। पटना सहित अधिसंख्य भागों का मौसम शुष्क होने के साथ कुछ स्थानों पर धुंध व कोहरे का प्रभाव बना रहेगा।

दिन में धूप निकलने के साथ आसमान साफ होने से मौसम सामान्य रहेगा। वहीं तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। दिन की तुलना में रात में हल्की ठंड होगी, लेकिन तापमान में विशेष गिरावट की संभावना नहीं है।

डेहरी में गिरा पारा

शनिवार को पटना सहित 24 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस के गिरावट के साथ 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पटना का न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा। मोतिहारी में 33.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया। वहीं 17.5 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

मौसम विज्ञानी एसके पटेल के अनुसार प्रदेश में पश्विमी विक्षोभ की सक्रियता नहीं होने के कारण विशेष रूप से ठंड का प्रभाव नहीं पड़ रहा है। ऐसे में मानसून की तरह ठंड की शुरूआत में थोड़ी देर हो सकती है

प्रमुख शहरों का तापमान

1. पटना- अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस

2. गया- अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान19.9 डिग्री सेल्सियस

3. भागलपुर- अधिकतम तापमान 30 .8 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान 21.9 डिग्री सेल्सियस

4. मुजफ्फरपुर- अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस

मौसम में बदलाव से बढ़े मरीज

मौसम में हो रहे बदलाव के कारण बीमारियों का कहर सिर चढ़कर बोलने लगा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कुछ इलाकों में शायद ही कोई ऐसा घर बचा हो, जिसके यहां सर्दी, बुखार, खांसी और सिरदर्द की समस्या से ग्रसित मरीज नहीं हों।

ग्रामीणों का कहना है कि दिन में गर्मी और रात में ठंड के चलते मौसम जनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। ऐसे में चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले सप्ताह की अपेक्षा सर्दी, खांसी, बुखार और सरदर्द के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 150 मरीजों की जांच होती है, जिसमें अधिकांश संख्या वायरल वालों की है। वहीं समुचित इलाज होने के बाद इन मरीजों के ठीक होने में लगभग चार-पांच दिन लग रहे हैं।

इस मामले में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संतोष कुमार से संपर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने कहा कि वायरल फीवर का मौसम चल रहा है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। प्रदूषित पानी और बासी खाना खाने से परहेज करना होगा। बावजूद इसके यदि लोग पूरी तरह सावधानी नही बरतेंगे तो इसके और अधिक भयावह स्वरूप देखने को मिलेंगे।

प्रदूषण में भी इजाफा

राजधानी में छठ पर छूटे पटाखों से बढ़ा वायु प्रदूषण भी लोगों को बीमार कर रहा है। शुक्रवार और शनिवार की सुबह कोहरे के साथ 250 से अधिक AQI दर्ज किया गया। वायु के सूक्ष्म कण पीएम 2.5 से फेफड़े व उससे जुड़े हृदय समेत मधुमेह, मनोविकार, चर्म व नेत्र रोगों का खतराबढ़ जाता है।

प्रदूषण की वजह से लंबी खांसी अभी से लोगों को परेशान करने लगी है। फेफड़े के कैंसर से लेकर गर्भस्थ शिशु तक के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ता

हर चार में से एक मृत्यु का कारण है वायु प्रदूषण

प्रदूषण से होने वाली मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में 6.7 मिलियन मौतें हुईं। इसमें 44 प्रतिशत मिस्त्र, 42 प्रतिशत फिलिपींस के बाद 20 प्रतिशत के साथ भारत मौतों के मामले में तीसरे नंबर पर।

34 लाख बुजुर्ग हुए शिकार

प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों पर देखने को मिला। 34 लाख बुजुर्गों की मौत प्रदूषण की वजह से हुई। वहीं 7 लाख की उम्र 15 वर्ष से थी कम थी। 4 लाख 75 हजार नवजात थे, जिनकी मृत्यु जन्म के पहले माह में हुई।

(ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की रिपोर्ट के अनुसार)

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Bihar Politics: बक्सर सांसद के बिगड़े बोल से गरमाई राजनीति, BJP के साथ प्रशांत किशोर ने दी चेतावनी

November 9, 2024 - 9:26pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बक्सर सांसद सुधारकर सिंह द्वारा रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव प्रचार के दौरान मंच से अशोभनीय टिप्पणी करने के कारण बिहार की राजनीति गरमा गई है। भाजपा के साथ ही अन्य पार्टियों ने सुधाकर के बिगड़े बोल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बक्सर के सांसद के भाषण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सांसद जनता के प्रतिनिधि होते हैं। उनका काम जनता की सेवा करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और उनकी आवाज उठाना होता है, किसी को डराना नहीं।

'सांसद नहीं बाहुबली हैं'

उन्होंने आगे कहा, अगर कोई व्यक्ति किसी को धमकाता है तो यह उसके चरित्र को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि वह सांसद नहीं बल्कि बाहुबली हैं। यदि सांसद जनता या किसी भी नेता को धमकी देते हैं, तो यह उनके संस्कार को दिखाता है।

'अब जनता को तीसरा विकल्प मिला है'

कैमूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक जनता के पास कोई तीसरा विकल्प नहीं था। अब पहली बार जनता को एक तीसरा विकल्प मिल गया है। कहा कि बिहार आज भी देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। घर-घर से लोग पलायन कर बाहर गए हैं। किसी के पास पढ़ने की व्यवस्था नहीं है। किसी के पास खाने की व्यवस्था नहीं है। यहां कहीं रोजगार नहीं है, अस्पताल नहीं है, और अगर कोई बीमार पड़ जाए तो डाक्टर नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक बिहार के नेताओं ने लोगों को बस गुमराह किया है, लेकिन अब जनता जाग गई है।

बीजेपी ने साधा निशाना

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा है कि बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के भड़काऊ बयान के बाद अगर कहीं कोई गुंडागर्दी राजद के गुंडों ने की तो इस बार ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। बिहार में अब राजद का जंगलराज और गुंडाराज नहीं हैं। भाजपा और नीतीश कुमार की सरकार है। राजद के गुंडे अपने पैरों पर चलकर जेल नहीं जाएंगे। टूटी हड्डियों में राजद के गुंडे जेल जाएंगे। रामगढ़ में अगर कोई भी अप्रिय घटना घटी तो इसकी जिम्मेदारी राजद की होगी।

राजद का सुधाकर सिंह के बयान से किनारा

उधर, राजद ने सुधाकर सिंह के बयान से किनारा कर लिया है। राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि हम लोग लोकतंत्र के प्रहरी हैं। हम कभी भी लाठी, गोली की भाषा को स्वीकार नहीं कर सकते। लेकिन सुधाकर सिंह ने किस संदर्भ में ऐसा कहा है इसे देखा नहीं है।

गौर हो कि बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र एक चुनावी सभा में कहा था कि पिछली बार की तरह इसबार विरोधियों ने कोई गुंडई की तो छोड़ेंगे नहीं। तीन सौ बूथों पर हमारे लोग तैयार रहेंगे और गुंडई करने वालों को लाठी से मारेंगे।

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Tejashwi Yadav Birthday: 'कभी-कभार सोचता हूं...', लालू का तेजस्वी को खास तोहफा; बर्थडे पर लिखा भावुक पत्र

November 9, 2024 - 7:36pm

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की जन्मतिथि पर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उनके पिता लालू यादव (Lalu Yadav) ने पत्र लिखकर आशीर्वाद प्रेषित किया है। लालू ने लिखा है, तुम्हारे जन्मतिथि पर परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि परम पिता आपको हिम्मत, हौसला, ताकत, सेहत, ऊर्जा, आत्मबल और अटूट इच्छा शक्ति प्रदान करें। जनसेवा के जिस पथ पर तुम चल रहे हो उस पर बिना थके, बिना झुके जनता की निरंतर सेवा करते हुए आगे बढ़ते रहो। समाजवाद की मशाल को अपने खून पसीने से रोशन करते रहें।

संविधान, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र की रक्षा और गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए सदैव तैयार रहें। आपके सारे वचन और सारी कसमें पूर्ण हों, फिर चाहे वह नौजवानों को नौकरी रोजगार दिलाने की बात हो, स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा की बात हो, किसान और मज़दूर के हक की बात हो, माताओं, बहनों और दीदियों के सम्मान की बात हो। आप अपने सभी संकल्पों को हर हाल में पूरा कर पाएं यही आशा, प्रार्थना करता हूं।

'जब कभी भी तुम्हें लगे कि तुम...'

तुम सार्वजनिक जीवन में हो, जब कभी भी तुम्हें लगे कि तुम हताश और निराश हो सीधा बिना सोचे-समझे अपने जनता मालिकों के बीच चले जाना। सदैव सकारात्मक, ऊर्जावान, प्रगतिशील, कार्यशील, अनुशासित, कर्मठ, समर्पित, चरित्रवान, सैद्धांतिक, वफदार, ईमानदार और वैचारिक लोगों को प्राथमिकता देना।

35 वर्ष की उम्र में तुमने इतने उतार-चढ़ाव देखे हैं, बहुत कुछ सीखा और सिखाया भी है। कभी-कभार सोचता हूं कि 25 से 35 वर्ष की उम्र में हम क्या थे, क्या आचार-विचार, सपने-लक्ष्य थे और अब तुम्हारा देखता हूं तो मुझे खुशी और गर्व होता है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की 35वीं जन्मतिथि राजद नेताओं ने काटा 35 पौंड का केक

राजद प्रदेश मुख्यालय के बोर्ड रूम में शनिवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की 35वीं जन्मतिथि धुमधाम से मनाई गई। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह एवं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दिकी ने नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में 35 पौंड का केक काटकर नेता प्रतिपक्ष के दीघार्यु होने की कामना की। इसके बाद प्रदेश कार्यालय के प्रांगण में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को प्रेरित किया।

जन्मतिथि कार्यक्रम में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुनिल सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष कामरान, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद के अतिरिक्त सैंकड़ों की संख्या में नेता और कार्यकर्ता ने जन्मदिन समारोह में सम्मिलित हुए। राजद नेताओं ने केक और मिठाईयां देकर लोगों का मुंह मीठा कराया गया।

प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी पार्टी और कार्यकर्ताओं के ही नहीं, बल्कि बिहार के आशा के केंद्र हैं। समाजवाद के युवा नेतृत्वकर्ता की भूमिका में इन्हें लोग सकारात्मक राजनीति और विकास की सोच वाला नायक मानते हैं। राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दिकी ने कहा कि तेजस्वी की जन्मदिन पर नफरत के खिलाफ हमें इस बात का संकल्प लेना है कि बिहार में दंगाई और उन्मादी के लिए कोई जगह नहीं है।

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NEET PG Counselling 2024: नीट पीजी पहले चरण की काउंसलिंग के लिए 17 तक रजिस्ट्रेशन, 20 नवंबर को रिजल्ट

November 9, 2024 - 7:18pm

जागरण संवाददाता, पटना। नीट पीजी काउंसलिंग-2024 की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी वेबसाइट mcc.nic.in पर अपलोड है। पहले चरण की काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 17 नवंबर तक स्वीकार किए जाएंगे। सीट आवंटन परिणाम 20 नवंबर को घोषित किया जाएगा। एमडी, एमएस, पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की कक्षाएं 20 दिसंबर से शुरू होंगी। विकल्प के लिए विंडो आठ नवंबर को सक्रिय हो जाएगा।

इसके माध्यम से देश के सरकारी, निजी और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों में एमडी, एमएस, डीएनबी और पीजी डिप्लोमा कार्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) की सीटों नामांकन होगा।

दूसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन व भुगतान चार से नौ दिसंबर तक, विकल्प पांच से नौ दिसंबर तथा नामांकन 13 से 20 दिसंबर तक होगा। तीसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन व शुल्क भुगतान 26 दिसंबर से एक जनवरी तक स्वीकार किए जाएंगे।

फार्मेसी व कृषि में दूसरे चरण का नामांकन 16 से

बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीईसीईबी) ने बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा-2024 के आधार पर दूसरे चरण की नामांकन कार्यक्रम जारी कर दिया है। फार्मेसी, कृषि के साथ एमबीए, एमसीए आदि कोर्स में 16 से 18 नवंबर तक नामांकन होगा। यह पूर्व में 11 से 13 तक होना था, जिसे बदलकर 16 से 18 नवंबर कर दिया गया है। आवंटन पत्र 15 नवंबर को जारी किया जायेगा। यह पहले पांच नवंबर निर्धारित था।

इंटर की सेंटप परीक्षा

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक व इंटर की सेंटअप परीक्षा की तिथि पहले ही जारी कर दी है। घोषित तिथि के अनुसार, इंटरमीडिएट की सेंटअप परीक्षा 11 नवंबर से शुरू हो रही है, जो 18 नवंबर तक चलेगी। इंटर की परीक्षा खत्म होने के बाद मैट्रिक की सेंटप परीक्षा 19 नवंबर से शुरू होगी, यह परीक्षा 22 नवंबर तक चलेगी। मैट्रिक में 15 लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने का अनुमान है। वहीं, इंटर में 13 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे।

परीक्षा समिति ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को दिश-निर्देश जारी कर दिया है। परीक्षा समिति पहली बार सेंटअप परीक्षा के लिए अलग एडमिट कार्ड जारी किया है। परीक्षा समिति ने कहा है कि वार्षिक परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड अलग से जारी किया जाएगा। सेंटप परीक्षा के लिए विद्यार्थी परीक्षा समिति के वेबसाइट एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

जारी कार्यक्रम के अनुसार, मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा 23 नवंबर को होगी। परीक्षा समिति ने रिजल्ट दो दिसंबर को जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करने के लिए निर्देश दिया है। वहीं, इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा 19 से 21 नवंबर तक ली जाएगी। इंटर का रिजल्ट 25 नवंबर तक जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करना है। परीक्षा समिति ने पहले ही निर्देशित किया है कि सेंटअप परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल होंगे जिनकी कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति रहेगी।

इसके अलावा, सेंटअप परीक्षा में जो विद्यार्थी शामिल नहीं होंगे या उपस्थित रहेंगे उनको वार्षिक परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि सेंटप परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड से मिले निर्देश को प्रधानाध्यापकों को अवगत करा दिया गया है। मिले गाइड लाइन के तहत ही परीक्षा संचालित की जाएगी।

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Ranji Trophy: रणजी में बिहार की लगातार तीसरी हार, मध्य प्रदेश ने एक पारी और 108 रन से हराया

November 9, 2024 - 6:33pm

जागरण संवाददाता, पटना। रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप में शनिवार को मोइनुल हक स्टेडियम में मध्य प्रदेश ने बिहार को एक पारी एवं 108 रनों से हरा दिया। हरियाणा और कर्नाटक के बाद प्रतियोगिता में बिहार को लगातार तीसरी शिकस्त मिली। मेहमान टीम ने पहली पारी में 616 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था। जवाब में बिहार की टीम पहली पारी में 347 रन पर सिमट गई, फॉलोऑन खेलने उतरे मेजबानों के 161 रन पर सभी बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। 240 रन बनाने वाले मध्य प्रदेश के कप्तान शुभम शर्मा प्लेयर आफ द मैच रहे।

चार दिवसीय मैच के अंतिम दिन बिहार ने तीसरे दिन के 8 विकेट पर 331 रन से आगे खेलना शुरू किया। चौथे दिन बिहार को पहला झटका शब्बीर खान (5) के रूप में लगा, जो सारांश जैन की गेंद पर विकेटकीपर हिमांशु मंत्री द्वारा विकेट के पीछे लपके गए। अभी टीम के स्कोर में 1 रन ही जुड़ा था कि कप्तान वीर प्रताप सिंह को सारांश जैन ने बोल्ड कर बिहार की पहली पारी को 347 रन पर समेट दिया। और मेजबान टीम को फालोआन खेलने के लिए मजबूर किया।

बिहार टीम- पहली पारी

पहली पारी में बिहार की ओर से पीयूष कुमार सिंह ने 37, वैभव सूर्यवंशी ने 5, बाबुल कुमार ने 47, शकीबुल गनी ने 3, विपिन सौरभ ने 71, आयुष लोहारिका ने 76, सरमन निगरोध ने 34, वीर प्रताप सिंह ने 14, शब्बीर खान ने 5 रन बनाए। हिमांशु सिंह शून्य पर नाबाद रहे।

मध्य प्रदेश टीम- पहली पारी

मध्य प्रदेश की ओर से पहली पारी में सारांश जैन ने 108 रन देकर 5, कुमार कार्तिकेय सिंह ने 90 रन देकर 2, आर्यन पांडेय ने 44 रन देकर 2, वेंकटेश अय्यर ने 19 रन देकर 1 विकेट चटकाए।

फॉलोऑन खेलने उतरी मेजबान टीम की शुरुआत खराब रही। 4 रन पर पीयूष कुमार सिंह (0) के रूप में पहला झटका लगा। सलामी बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी का साथ देने बाबुल कुमार आए। 9वें ओवर में वेंकटेश अय्यर ने अपनी ही गेंद पर बाबुल (5) का कैच पकड़ा और बिहार को दूसरा झटका दे डाला। वैभव सूर्यवंशी (41) भी चलते बने। इसके बाद विकेटों की झड़ी लग गई। विपिन सौरभ (3), आयुष लोहरिका (1) और सरमन निगरोध (8) सस्ते में पवेलियन लौट गए।

ढहती पारी को रोकने के लिए शकीबुल गनी को सचिन कुमार सिंह का साथ मिला। शकीबुल व सचिन के बीच 182 गेंद की साझेदारी हुई और 67 रन बने। इस जमी जोड़ी को दूसरी पारी के 53.1 ओवर में कुलवंत खेजरोलिया की गेंद पर हिमांशु मंत्री ने सचिन कुमार सिंह कैच पकड़ कर तोड़ दिया। इस समय टीम का स्कोर 138 रन था। इसी स्कोर पर कप्तान वीर प्रताप सिंह का विकेट गिर गया। शब्बीर खान ने कुछ देर तक शकीबुल का साथ दिया और इन दोनों के बीच 23 रन की साझेदारी हुई।

161 रन के टीम स्कोर बिहार का नौवां विकेट शब्बीर खान और दसवां विकेट हिमांशु सिंह के रूप गिरा और बिहार की दूसरी पारी 161 रन पर सिमट गई। शकीबुल ने 151 गेंद में 10 चौका व 3 छक्का की मदद से नाबाद 76 रन की पारी खेली। मध्य प्रदेश की ओर से कार्तिकेय सिंह ने 40 रन देकर 4, कुलवंत खेज्रोरिया ने 33 रन देकर 3, आर्यन पांडेय ने 23 रन देकर 1, सारांश जैन ने 40 रन देकर 1, वेंकटेश अय्यर ने 12 रन देकर 1 विकेट लिए।

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मैथिली सहित 17 भाषा का होगा सटीक अनुवाद, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने IIT को दिया जिम्मा

November 9, 2024 - 6:24pm

नलिनी रंजन, पटना। अंग्रेजी से हिन्दी या अन्य विदेशी भाषाओं की तरह अब 17 स्थानीय भाषाओं में भी सटीक अनुवाद हो सकेगा। अब तक इसमें कई भाषाओं में अनुवाद हो भी रहा है, लेकिन उनमें तकनीकी रूप से पूरी तहत शुद्धता नहीं है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नई पहल की गई है। इसके तहत देश के 17 स्थानीय क्षेत्रीय भाषाओं में सटीक अनुवाद सुविधा देने की कवायद की जा रही है। इसमें बिहार के मैथिली भाषा भी शामिल है।

इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) व अन्य केंद्रीय संस्थानों का कंसोर्टियम बनाया है। इसका नोडल अधिकारी आईआईटी पटना को बनाया गया है। इसके बाद सबसे पहले बिहार के प्रमुख स्थानीय भाषा मैथिली में भी ट्रांसलेट करने को लेकर टूल्स डेवलप करेंगे।

इसके बाद केंद्र सरकार के आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी ट्रांसलेट करने की सुविधा देने की कवायद होगी। इसकी निगरानी शिक्षा मंत्रालय की ओर से होगी। यह भाषिनी पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वयन होगा।

इन भाषाओं में अनुवाद की चल रही कवायद

असमिया, बांग्ला, गुजराती, कश्मीरी, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, उर्दू, सिंधी, कोंकणी, मणिपुरी, नेपाली, बोडो, डोगरी, मैथिली, और संथाली।

मीडिया संस्थानों से लिए जाएंगे हिंदी के डाटा

अनुवाद को लेकर बनाएं गए प्रारूप के तहत साफ्टवेयर को सुचारू रूप से चलाने के लिए मीडिया संस्थानों से डाटा लिए जांएगे। इसके तहत मीडिया हाउस के खबरों के हिंदी भाषा का डेटा बैंक तैयार होगी। इसमें विशेष रूप से विधि, प्रशासन, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और जलवायु क्षेत्र के डाटा होंगे। इसके तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, जलवायु, पर्यटन, न्यायपालिका से 50 प्रतिशत कंटेट रहेगा।

शिक्षा से 30 प्रतिशत एवं शासन और नीति के कंटेट 20 प्रतिशत होगा। इसके तहत साफ्टवेयर हिंदी भाषा को मुख्य भाषा मान कर कार्य करेगी। इसके तहत स्पेक्ट्रम में आसान अनुवाद की सुविधा करेगी। इसके आधार पर इसमें प्रोग्रामिंग किए जाएंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी?

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से एक विशेष परियोजना के तहत आठवीं अनुसूची में शामिल मैथिली सहित 17 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी सटीक अनुवाद को लेकर कार्य का जिम्मा दिया गया है। इसके लिए कंसोर्टियम बनाया गया है। इसके तहत विभिन्न मीडिया संस्थानों के साथ भी एमओयू किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक कवायद की जा रही है। इसके फलाफल से अगले वर्ष लोग लाभांवित हो सकेंगे। - प्रो. टीएन सिंह, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना

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Bihar Teacher Salary: शिक्षकों को इस शर्त पर मिलेगा अक्टूबर और नवंबर का वेतन, नई व्यवस्था लागू

November 9, 2024 - 2:11pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग के द्वारा विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान संबंधी नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत शिक्षा विभाग के पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डाटा अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।

जिन शिक्षकों तथा कर्मियों का डाटा अभी तक विश्वविद्यालयों द्वारा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है उनके डाटा को सप्ताह भर में पोर्टल पर अपलोड करना है, ताकि अक्टूबर-नवंबर का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। डाटा अपलोड नहीं रहने पर संबंधित शिक्षकों व कर्मियों का वेतन भुगतान की राशि जारी नहीं की जाएगी, यानी उन शिक्षकों का वेतन बंद हो जाएगा।

शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के 15 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया गया है कि पोर्टल पर शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा अपलोड करने के साथ ही उन शिक्षकों को वेतन सत्यापन भी आवश्यक है जिनका वेतन सत्यापन नहीं हुआ है। यह इसलिए आवश्यक है कि वित्तीय नियमों का अनुपालन करना जरूरी है। साथ ही जिन मदों में राशि उपलब्ध करायी गयी है उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र सप्ताह भर में उपलब्ध करा दें।

जनवरी से शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर प्रस्तावित बजट को अपलोड करना होगा। ऑनलाइन बजट पर ही विभाग स्वीकार करेगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय को नोडल पदाधिकारी की तैनाती करें जिन्हें ऑनलाइन बजट संबंधी प्रशिक्षण दिया जा सके।

नए सत्र से व्यावसायिक पाठ्यक्रम में भी च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम

नए शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके लिए राजभवन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को अभी से तैयारी करने का दिशा-निर्देश दिया गया है। इस सिस्टम से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने में एक वर्ष का कम समय लगेगा। बता दें कि राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर संकाय के सामान्य पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू है।

राजभवन सचिवालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से मई में ही राज्य के विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया गया था। इसके बाद विशेषज्ञों की मदद से प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया था। प्रस्ताव पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सहमति दी थी और फिर कुलाधिपति कार्यालय को उस प्रस्ताव को भेजा गया था।

इस प्रस्ताव पर राजभवन में आयोजित कुलपतियों की बैठक में चर्चा हुई थी। तब यह आम सहमति बनी थी कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा। बता दें कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के आदेश से सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर संकाय में पिछले साल ही सामान्य पाठ्यक्रम में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लागू किया गया है।

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