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Ram Navami 2025: उपद्रवियों की खैर नहीं, रामनवमी जुलूस को स्कॉट करेगी पुलिस; मुख्यालय से रखी जाएगी नजर

Dainik Jagran - April 5, 2025 - 6:45pm

राज्य ब्यूरो, पटना। रामनवमी को लेकर राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और दंडाधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।

सभी जिलों को प्रमुख मंदिरों के साथ रामनवमी पर निकलने वाले जुलूस के दौरान विशेष निगरानी रखने का निर्देश देते हुए अलर्ट किया गया है।

इसके लिए जुलूस का रूट तय करते हुए पहले ही संवेदनशील स्थलों को चिह्नित कर अतिरिक्त बलों की तैनाती कर दी गई है। विगत वर्षों में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई घटनाओं को देखते हुए सभी जिलों को पुलिस स्कॉट के साथ जुलूस निकालने का निर्देश दिया गया है।

जुलूस की होगी वीडियोग्राफी

पुलिस मुख्यालय के स्तर से थानेदार, डीएसपी से लेकर एसपी तक को लगातार गश्ती करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही जुलूस की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि उपद्रवी तत्वों की पहचान की जा सके।

जुलूस में तेज आवाज में डीजे बजाने और भावनाएं भड़काने वाले गाने बजाने पर प्रतिबंध है। सभी थाना पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाए।

पुलिस मुख्यालय के स्तर से जिलों में 50 कंपनी बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और 12 कंपनी केंद्रीय बल जिलों में भेजा गया है। इसके अलावा करीब सात हजार पुलिस प्रशिक्षु और होमगार्ड की भी तैनाती की गई है।

खासकर पटना, गया, नालंदा, दरभंगा, समस्तीपुर, नवादा, मुंगेर, खगड़िया, रोहतास, सिवान जैसे जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। त्वरित कार्रवाई के लिए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) भी बनाई गई है, जो माइक, लाठी-डंडे, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर आदि से लैस रहेंगे।

कंट्रोल रूम 24 घंटे रहेगा सक्रिय 

रामनवमी को लेकर शनिवार से ही जिला मुख्यालय से लेकर पुलिस मुख्यालय तक का कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया है। रामनवमी को लेकर कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेंगे, इसके लिए पालीवार ड्यूटी लगाई गई है। इस दौरान रामनवमी जुलूस आदि की पल-पल की जानकारी ली जाएगी।

कंट्रोल रूम में सोशल मीडिया मॉनिटरिंंग यूनिट फेसबुक, एक्स, यूट्यूब, व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्म की डिजिटल निगरानी भी करेगी। इस दौरान आपत्तिजनक, भड़काऊ या भ्रामक पोस्ट करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।

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'जून तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा अयोध्या में राम मंदिर', आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को लेकर क्या कहा?

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 6:33pm

किशन प्रजापति, अहमदाबाद। 6 अप्रैल के दिन रामनवमी का उत्सव देश-विदेश के राम मंदिरों में मनाया जाएगा। अयोध्या राम मंदिर का पूरा काम सिर्फ 5% बचा है। मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने रामनवमी के अवसर पर गुजराती जागरण से विशेष बातचीत की। 

चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा कि राम मंदिर के मुख्य शिखर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। हमारे अनुमान के अनुसार, ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।

अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि पिछले साल मंदिर के उद्घाटन तक ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो चुका था। उसके बाद डेढ़ साल में दूसरी मंजिल, तीसरी मंजिल, गुंबद और पूरे मंदिर का काम पूरा हो चुका है और मुख्य शिखर का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है, जो अगले डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा।

  • इस तरह जून में मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा ट्रस्ट द्वारा सम्पूर्ण मंदिर का कार्य कराया जाएगा।
  • इस मंदिर को विष्णु पंचायत मंदिर के रूप में तैयार किया गया है।
  • कॉरिडोर में शिव, गणेश और अंबाजी के मंदिर भी होंगे।
  • मुख्य मंदिर के भूतल पर भगवान श्री राम की बाल रूप की मूर्ति स्थापित की गई है।
  • जून के पहले सप्ताह में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।  ट्रस्ट जून में सम्पूर्ण मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय कर सकता है।
मंदिर की दूसरी मंजिल में कितनी मूर्तियां होंगी?

आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि दूसरी मंजिल पर राम दरबार बनाया गया है। जिसमें भगवान श्रीराम, जानकी माता, लक्ष्मणजी, भरतजी, शत्रुघ्नजी और हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इस प्रतिमा का निर्माण फिलहाल जयपुर में किया जा रहा है।

"यह मूर्ति 15 अप्रैल तक अयोध्या पहुंच जाएगी। मूर्ति सफेद मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्ति ऐसी होगी कि हर लोगो को ऐसा लगेगा कि यह साक्षात भगवान श्री राम का दरबार है। यहां स्थापित है पूर्ण आकार की मूर्ति इसका मतलब यह है कि भगवान सचमुच वहां बैठे होंगे ऐसा लगेगा। प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 4 से 5 फीट के बीच है।" आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा, राम मंदिर, अयोध्या

मंदिर की दूसरी मंजिल पर 450 स्तंभों पर 16 मूर्तियां हैं स्थापित

चंद्रकांत ने बताया कि राम दरबार में बंसीपहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। फर्श में मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है। प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 16-16 मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। ऐसे लगभग 450 स्तंभ हैं। यहां प्रत्येक दिशा के देवताओं की मूर्तियां भी उकेरी गई हैं। इसीलिए जैसा शिव शास्त्र में लिखा है ठीक वैसे ही निर्माण किया गया है ।

राम दरबार तक कैसे पहुंचेंगे भक्त ?

उन्होंने बताया कि गर्भगृह में रामजी के बाल रूप के दर्शन के बाद मंदिर के राम दरबार में दर्शन के लिए जाने के लिए प्रथम तल से ऊपर-नीचे जाने के लिए 14 से 16 फुट चौड़ी सीढ़ी तैयार की गई है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए पीछे की तरफ लिफ्ट भी लगाई गई है। इस समय तीसरी मंजिल पर कोई मूर्ति नहीं रखी जाएगी। सोमनाथ मंदिर की तरह इस मंदिर में भी अंतिम मंजिल हैं, जहां श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे।

तीसरी मंजिल पर स्थापित नहीं की जाएगी मूर्ति
  • तीसरी मंजिल का डिज़ाइन निचली दो मंजिलों के समान है।
  • गर्भगृह भी उसी आकार का है। यह फर्श ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • वहां कोई मूर्ति स्थापित नहीं की जाएगी।
  • यह पहला मंदिर होगा जिसमें ढाई साल में 10 लाख क्यूबिक फीट से अधिक पत्थर तराश कर स्थापित किया जाएगा।

वर्तमान में 8 से 10 सुपरवाइजर और 2,500 हजार से अधिक कारीगर काम करते हैं। यह विश्व का पहला मंदिर होगा जहां नींव से लेकर कलश तक पूरे मंदिर में 10 लाख घन फीट से अधिक पत्थर का उपयोग किया जाएगा। यह पहला मंदिर होगा जहां इस पत्थर को महज ढाई साल में खनन कर, आकार देकर मंदिर में स्थापित किया गया है।

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दुनिया भी मान रही पीएम मोदी का लोहा, श्रीलंका और अमेरिका समेत अबतक 22 देशों से मिल चुका है सम्मान; देखें लिस्ट

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 5:53pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री इस समय श्रीलंका के दौरे पर हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी थाईलैंड से सीधे कोलंबो पहुंचे। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में पीएम मोदी का ग्रैंड तरीके से स्वागत किया गया। वहीं, शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी को श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ प्रदान किया गया। यह सम्मान श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने एक भव्य समारोह में उन्हें सौंपा।

दरअसल, यह सम्मान केवल उन राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाता है जिन्होंने श्रीलंका के साथ मित्रता और सहयोग को विशेष रूप से आगे बढ़ाया हो। श्रीलंका के राष्ट्रपति राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मान के वास्तविक हकदार हैं।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया और कहा कि यह दोनों देशों की साझी विरासत और साझा भविष्य का प्रतीक है। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी देश से मिला 22वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले कुछ सालों में कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं। आइए उनमें से कुछ महत्वपूर्ण सम्मान के बारे जानते हैं...

मॉरीशस के सर्वोच्च सम्मान से पीएम मोदी को सम्मानित किया गया

इसी साल मार्च के महीने में पीएम मोदी मॉरीशस की यात्रा पर गए। जहां पर उनको मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार, द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन से सम्मानित किया गया।

'मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस'

नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बारबाडोस के मानद ऑर्डर ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करने की घोषणा की गई। इस सम्मान के मिलने के बाद पीएम मोदी में वैश्विक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को मान्यता देने के लिए राष्ट्र को धन्यवाद दिया।

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल-कबीर'

साल 2024 में कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया। बता दें कि द गार्ड ऑफ मुबारत अल कबीर कुवैत का एक नाइटहुड ऑर्डर है।

'द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस'

साल 2024 में पीएम मोदी को गयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली नेस्टेट हाउस में आयोजित एक समारोह में देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया था। पुरस्कार ग्रहण करते हुए प्रधानमंत्री ने इस सम्मान को भारत के नागरिकों तथा दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।

'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर'

साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाइजिरिया के दूसरे सबसे बड़े सम्मान, ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ नाइजर से सम्मानित किया गया। बता दें कि यह सम्मान भारत-नाइजीरिया संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।

'डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर'

साल 2024 में ही डोमिनिका के राष्ट्रमंडल की राष्ट्रपति महामहिम सिल्वेनी बर्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान भारत के लोगों और भारत तथा डोमिनिका के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को समर्पित किया था।

'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर'

अगस्त 2023 में ग्रीस की राष्ट्रपति, कैटरीना साकेलारोपोलू द्वारा पीएम मोदी को को द ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया था। ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ ऑनर ग्रीस के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्रियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपने विशिष्ट पद के कारण ग्रीस के कद को बढ़ाने में योगदान दिया है।

'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर'

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2023 में फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की ओर से इस अद्वितीय सम्मान के लिए राष्ट्रपति मैक्रोन को धन्यवाद दिया।

'ऑर्डर ऑफ द नाइल'

जून 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने पीएम मोदी को काहिरा की प्रेसीडेंसी में आयोजित एक विशेष समारोह में मिस्र के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया था। सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लोगों की ओर से राष्ट्रपति सिसी को धन्यवाद दिया। जानकारी दें कि यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय हैं।

'एबाकल अवॉर्ड'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2023 में ही पलाऊ के एबाकल अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

'कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी'

साल 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिजी के सर्वोच्च सम्मान ‘कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान फिजी के पीएम सितिवेनी राबुका की ओर से वैश्विक नेतृत्व को देखते हुए पीएम मोदी को दिया गया। फिजी का यह सर्वोच्च सम्मान अब तक कुछ ही गैर-फिजी लोगों को मिला है।

'ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू'

पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) के गवर्नर-जनरल महामहिम सर बॉब दादा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रैंड कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू (जीसीएल) से सम्मानित किया था। मई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था।

'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो'

साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की यात्रा की थी। इस दौरान थिम्पू में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में पीएम मोदी को भूटान के राजा द्वारा भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी पहले विदेशी नेता रहे जिन्हें ये प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया।

'लीजन ऑफ मेरिट' पुरस्कार से पीएम मोदी का सम्मान

साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति ने सर्वोच्च सम्मान, द लीजन ऑफ मेरिट, डिग्री चीफ कमांडर से सम्मानित किया। चीफ कमांडर की सर्वोच्च डिग्री में लीजन ऑफ मेरिट, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो आमतौर पर अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों को दिया जाता है।

'किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां'

भारत और बहरीन के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए बहरीन ने 2019 में पीएम मोदी को किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां से सम्मानित किया।

'ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साल 2019 में ही मालदीव की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन' से सम्मानित किया गया।

'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ग्रैंड हॉल ऑफ द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार उन्हें 2019 में दिया गया था।

'ऑर्डर ऑफ जायद'

साल 2019 में द्विपक्षीय संबंधों में उनके असाधारण योगदान को स्वीकार करते हुए पीएम मोदी को यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया गया।

'फिलिस्तीन राज्य का ग्रैंड कॉलर'

भारत-फिलिस्तीन संबंधों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए पीएम मोदी को 2018 में राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा फिलिस्तीन के ग्रैंड कॉलर से सम्मानित किया गया था।

'स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान'

भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूत करने के उनके प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री को 2016 में अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

'ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद'

साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, किंग अब्दुलअजीज सैश से सम्मानित किया गया था।

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Tariff shock turns FIIs to sellers in April. Analysts flag global risk but back India’s fundamentals

Business News - April 5, 2025 - 5:21pm
After a brief return of optimism in March, foreign institutional investors (FIIs) reversed course and turned net sellers in early April, rattled by a sudden escalation in global trade tensions. The trigger came on April 2, when U.S. President Donald Trump announced steep reciprocal tariffs, prompting a sharp correction in global equity markets and reigniting fears of inflation and stagflation in the United States. This shift in sentiment led to massive selling across key indices, with spillover effects reaching emerging markets like India.The impact was swiftly reflected in FPI flows, which saw net outflows of over Rs 10,000 crore from Indian markets by April 5. While this marks a sharp contrast from the buying trend seen just weeks earlier, analysts remain divided on the outlook. While global uncertainty has put FPIs in a wait-and-watch mode, India’s robust macroeconomic fundamentals and supportive policy environment continue to offer long-term investment appeal, especially in comparison to other Asian peers.Dr. VK Vijayakumar, Chief Investment Strategist at Geojit Financial Services, directly highlighted this shift, saying, "The trend of FPIs turning buyers in March changed in early April when FPIs turned sellers again." The trigger came on April 2, when President Trump announced reciprocal tariffs, leading to a major trend reversal in global stock markets.The scale of the tariffs exceeded expectations. "The 10% base line tariff on all imports, the 25% tariff on all automobile imports and steep reciprocal tariffs on most countries" are, as Vijayakumar noted, expected to raise inflation in the US. He warned of broader economic risks, stating, "There are concerns that the US economy might even slip into stagflation."This led to massive selling in the US markets where S&P 500 and Nasdaq lost above 10% in two days.The fallout was not limited to the West. China’s swift response has escalated tensions further. "The Chinese retaliation to US tariffs has been quick," he observed, adding that "a full blown trade war will impact global trade and global economic growth." For now, he believes foreign investors are hesitant: "FPIs are likely to be in a wait and watch mode before turning buyers." As of April 5, "the total FPI selling in India stood at Rs 10,354 crores."Despite this cautious global backdrop, Manoj Purohit, Partner & Leader, FS Tax, Tax & Regulatory Services at BDO India, remains optimistic about India’s ability to attract foreign capital over the longer term. He pointed out that, "With the beginning of the new financial year, optimism is high for both India and FPIs on the reviving market."India, he noted, continues to hold strong appeal for global investors, thanks to its economic resilience and policy consistency. "India remains an attractive destination for attracting global capital," he said, adding that the recent US tariffs on Indian goods are relatively modest as compared to other Asian countries, providing India a strong proposition to offer viable export opportunities.Purohit highlighted India’s position as one of the fastest-growing economies supported by a vast consumer market, skilled workforce, and business-friendly reforms.The RBI’s decision to maintain bond and G-sec limits for FPIs is also seen as a positive signal. "The recent move by RBI... is a testimony of the government’s intent to keep gateway open for offshore participants," he added.While near-term volatility persists due to global developments, both analysts suggest that India's economic fundamentals, infrastructure push, and diversifying trade strategy offer a compelling case for long-term investment. Purohit summarized this by saying, "The Indian economy currently seems well insulated to survive temporary headwinds on account of macro changes and domestic triggers of high valuation, tight earnings, and rising inflation costs."As the markets now look to the RBI’s upcoming policy stance and the evolving tariff landscape, investor sentiment remains delicately balanced between caution and long-term confidence.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of The Economic Times)
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Adilabad Airport: तेलंगाना में एक और एयरपोर्ट को मंजूरी, राजनाथ सिंह ने जी. किशन रेड्डी को लिखा पत्र

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 4:51pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तेलंगाना में एक और हवाई अड्डे पर नागरिक विमान परिचालन की मंजूरी दे दी है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह दूसरा हवाई अड्डा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आदिलाबाद में भारतीय वायुसेना की एयरफील्ड है और वायुसेना भविष्य में उस स्थान पर एक प्रशिक्षण प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही है। हालांकि उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि रक्षा मंत्रालय जॉइंट एयर फील्ड को मंजूरी प्रदान कर रहा है।

वायुसेना से मिली मंजूरी

बता दें कि इसके पहले जी. किशन रेड्डी ने तेलंगाना में एक पूर्ण विकसित वायुसेना स्टेशन की स्थापना के संबंध में राजनाथ सिंह को पत्र लिखा था। रेड्डी ने मांग की थी कि एयरपोर्ट पर नागरिक विमानों के संचालन की मंजूरी दी जाए।

तेलंगाना सरकार ने भी इसके लिए प्रस्ताव दिया था। भारतीय वायुसेना ने तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। इसके पहले फरवरी में वारंगल में ममनूर हवाई अड्डे के लिए इसी प्रकार की मंजूरी दी गई थी।

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