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'सभी कानूनी सेवा समितियां अपना काम करेंगी', सुप्रीम कोर्ट जज दीपंकर दत्ता का पहलगाम हमले को लेकर बयान
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपंकर दत्ता ने शोक व्यक्त किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि सभी कानूनी सेवा समितियां अपना काम करेंगी।
ANI से बातचीत करते हुए, जस्टिस दत्ता ने कहा, "हम उन सभी परिवारों के साथ हैं जो इस हमले में शिकार हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव लिया है। हम पीड़ितों के साथ हैं, जो भी NALSA या किसी अन्य कानूनी सेवा समिति के तहत किया जा सकता है, वे समितियां अपना काम करेंगी। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ऐसा घटना फिर से न हो।"
"अच्छे दिन की उम्मीद"दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस सौरभ बनर्जी ने उम्मीद जताई कि जल्दी ही अच्छे दिन आएंगे। उन्होंने कहा, "जो हुआ वह दुखद है। मुझे लगता है कि जल्द ही हम एक अच्छे दिन की शुरुआत देखेंगे, और हम देखेंगे कि हमारे कश्मीर के भाई-बहन वही विश्वास साझा करेंगे जो हम भारतीयों का है।"
हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार की मांगइस बीच, हमले के शिकार शुभम द्विवेदी के परिवार ने सरकार से उसे शहीद का दर्जा देने की अपील की। हमले की भयावहता को याद करते हुए द्विवेदी की पत्नी एशनाय ने दुख और चिंता व्यक्त की और कहा कि पीड़ितों के परिवारों को अक्सर भुला दिया जाता है, इसलिये उन्होंने शहीद का दर्जा देने की मांग की।
"लोग अक्सर पीड़ितों के परिवारों को भूल जाते हैं, जैसे पुलवामा हमले के पीड़ितों, 26/11 के हमले के पीड़ितों को... हम नहीं चाहते कि शुभम को भुला दिया जाए, और इसलिये मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि उसे शहीद का दर्जा दिया जाए।" शुभम द्विवेदी की पत्नी
आतंकी हमले का ब्योरा22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से घाटी में हुआ सबसे घातक हमला था।
'बंटवारे के अनसुलझे सवालों का नतीजा', मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें? BJP ने लगाया 'पाकिस्तान प्रेम' का आरोप
पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा ने पहलगाम हमले पर वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है और उस पर 'आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र' को बचाने और 'पाकिस्तान के प्रति प्रेम' दिखाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान आश्चर्य जताते हुए कहा था कि क्या 22 अप्रैल को बैसरन के हरे-भरे पर्यटक स्थल पर हुआ आतंकवादी हमला 'विभाजन के अनसुलझे सवालों' का नतीजा था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
कांग्रेस की नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
भाजपा ने इसे कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों द्वारा की गई निंदनीय और अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी में शामिल किया है। भाजपा की तीखी टिप्पणियों पर कांग्रेस की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। अय्यर की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अच्छा पुलिसवाला, बुरा पुलिसवाला, कांग्रेस का तुष्टिकरण पहलगाम आतंकी हमले पर भी जारी है!"
उन्होंने कहा, "रॉबर्ट वाड्रा और सिद्धारमैया के बाद अब मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को दोषी ठहराने से इनकार कर दिया है!" उन्होंने आगे कहा, "26/11 के बाद से कांग्रेस में कुछ भी नहीं बदला है, अभी भी आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा कर रही है, अभी भी पाकिस्तान के लिए प्यार दिखा रही है।
प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस नेताओं पर साधा निशाना
प्रदीप भंडारी ने लिखा, "सिद्धारमैया का 'युद्ध के पक्ष में नहीं' और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा का यह सुझाव कि पहलगाम में गैर-मुसलमानों पर हमला किया गया क्योंकि आतंकवादियों को लगता है कि देश में मुसलमानों के साथ 'बुरा व्यवहार'किया जा रहा है, जिसकी हर तरफ से आलोचना हो रही है। भाजपा ने वाड्रा पर तीखा हमला करते हुए उन पर आतंकवादियों की भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और उनसे माफी की मांग की।
अपनी हालिया टिप्पणी में अय्यर ने कहा था कि देश के सामने पहले जो सवाल था और आज भी वही सवाल है कि क्या भारत में मुसलमान स्वीकार किए जाते हैं, उनका सम्मान किया जाता है।
उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा, "लेकिन सच्चाई यह है कि बंटवारा हुआ और आज तक हम उस बंटवारे के परिणामों के साथ जी रहे हैं। क्या हमें ऐसे ही जीना चाहिए? क्या बंटवारे के अनसुलझे सवाल ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी में झलकते हैं।"
प्रदीप भंडारी ने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से की मुलाकात
बता दें, प्रदीप भंडारी ने शुक्रवार को हरियाणा का दौरा किया था और लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से मुलाकात की। परिवार से मिलने के बाद, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने के लिए पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैंने शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिवार से मुलाकात की, जो पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा मारे गए एक बहादुर व्यक्ति थे। कोई भी शब्द उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल और उनके शोकाकुल परिवार के दर्द को कम नहीं कर सकता, लेकिन यह बता दूं भारत माफ नहीं करेगा!"
भंडारी ने कहा, "पाकिस्तान आंसू की हर बूंद, खून की हर बूंद, हर निर्दोष जीवन की कीमत चुकाएगा, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था 'मिट्टी में मिला देंगे'।"
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ऑफिस आने-जाने में कितना वक्त लगाते हैं प्रोफेशनल्स? इस दिन सबसे ज्यादा दफ्तर जाते हैं लोग; रिपोर्ट में खुलासा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु, हैदराबाद और नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) में काम करने वाले हजारों प्रोफेशनल्स रोजाना दफ्तर पहुंचने में एक तरफ का सफर औसतन 45 से 55 मिनट का तय करते हैं। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मतलब है कि कोई भी कर्मचारी अपनी जिंदगी का लगभग 5 प्रतिशत वक्त सिर्फ सफर में गुजार देता है।
सेक्टर और शहर के हिसाब से बदलता है सफर का समयMoveInSync की पहली तिमाही (Q1 2025) की रिपोर्ट बताती है कि बेंगलुरु में प्रोफेशनल्स औसतन 15 किलोमीटर का सफर 50 मिनट में तय करते हैं। खुदरा (Retail) क्षेत्र के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा यानी लगभग 54 मिनट का समय लगता है, वहीं IT सेक्टर में काम करने वालों का सफर कुछ कम, करीब 46 मिनट में पूरा हो जाता है।
हैदराबाद में कर्मचारी औसतन 16 किलोमीटर का रास्ता 45 मिनट में तय करते हैं। यहां भी रिटेल सेक्टर के लोग सबसे ज्यादा वक्त तकरीबन 54 मिनट सफर में बिताते हैं।
एनसीआर में सफर और भी लंबा, हेल्थ केयर वर्कर को सबसे ज्यादा दिक्कतदिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद समेत एनसीआर में सफर का औसत वक़्त 55 मिनट है, जिसमें कर्मचारी लगभग 22 किलोमीटर का फासला तय करते हैं। हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेशनल्स को सफर में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है, कई बार उन्हें ऑफिस पहुंचने में एक घंटे से भी ज्यादा वक्त लग जाता है।
भले ही हाइब्रिड वर्क मॉडल के चलते दफ्तर आने-जाने के दिन घटे हैं, लेकिन सफर का समय अब भी पेशेवरों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
कितने दिन ऑफिस आते हैं कर्मचारी?बेंगलुरु और हैदराबाद में प्रोफेशनल्स आमतौर पर हफ़्ते में दो से तीन दिन ऑफिस आते हैं, जबकि एनसीआर में थोड़ा ज़्यादा तीन से चार दिन हाज़िरी दी जाती है। सेक्टर के हिसाब से इसमें भी फर्फ है, इंडस्ट्रियल और एनर्जी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी एनसीआर में हफ़्ते में चार से पांच दिन दफ्तर जाते हैं, जबकि रिटेल सेक्टर के कर्मचारी सिर्फ एक या दो दिन ही दफ्तर का रुख करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार अब सबसे लोकप्रिय दिन बन गया है जब तीनों शहरों में सबसे ज़्यादा कर्मचारी ऑफिस में मौजूद रहते हैं। इसके मुकाबले सोमवार और शुक्रवार को ऑफिस में कम भीड़ देखने को मिलती है।
भारत में GCCs का बढ़ता दायरा, बेंगलुरु, हैदराबाद और एनसीआर सबसे आगेपिछले पांच सालों में भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की संख्या में 32% का इजाफा हुआ है। बेंगलुरु, हैदराबाद और एनसीआर इस विकास में सबसे आगे हैं, जो भारत को इस क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र बना रहे हैं।
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कितने पकिस्तानियों ने छोड़ा भारत? अब तक 600 से ज्यादा भारतीय आए वापस; आज अंतिम दिन
पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले दो दिनों में अटारी-वाघा बॉर्डर के माध्यम से करीब 272 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़कर जा चुके हैं। एक अधिकारी ने बतया कि रविवार को 100 और लोग इसी रास्ते से पाकिस्तान जा सकते हैं।
तो वहीं, पंजाब में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से पाकिस्तान से अभी तक 13 राजनयिकों और अधिकारियों सहित 629 भारतीय नागरिक वापस आ चुके हैं।
बता दें, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 'भारत छोड़ों' नोटिस जारी किया था और भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल थी। मेडिकल वीजा में भारत आए लोगों के लिए अंतिम तिथि 29 अप्रैल है।
किन 12 श्रेणियों के वीजा धारकों को रविवार तक छोड़ना है भारत?
- आगमन पर वीजा
- व्यापार
- फिल्म
- पत्रकार
- पारगमन
- सम्मेलन
- पर्वतारोहण
- छात्र
- आगंतुक
- समूह पर्यटक
- तीर्थयात्री
हालांकि, दीर्घकालिक और राजनयिक या आधिकारिक वीजा रखने वालों को 'भारत छोड़ो' आदेश से छूट दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, 25 अप्रैल को 191 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से भारत से चले गए थे और 26 अप्रैल को 81 और बाहर निकल गए।
कुछ पाकिस्तानी विमानों के जरिए भी चले गए
अधिकारियों ने बताया कि 25 अप्रैल को 287 भारतीय पाकिस्तान से भारत आए और 26 अप्रैल को 13 राजनयिकों और अधिकारियों समेत कुल 342 भारतीय अटारी-वाघा सीमा के जरिए पाकिस्तान से लौटे। उन्होंने बताया कि कुछ पाकिस्तानी हवाईअड्डों के जरिए भी भारत से चले गए होंगे। उन्होंने बताया कि चूंकि भारत का पाकिस्तान के साथ सीधा हवाई संपर्क नहीं है, इसलिए वे अन्य देशों से होते हुए चले गए होंगे।
महाराष्ट्र में कितने पाकिस्तानी थे?
- अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संख्या में पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनके पास अल्पकालिक वीजा है।
- इनकी संख्या करीब 1,000 है। राज्य के मंत्री योगेश कदम ने शनिवार को बताया कि अल्पकालिक वीजा वाले 1,000 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
- महाराष्ट्र में करीब 5,050 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं और उनमें से ज्यादातर लंबी अवधि के वीजा पर हैं।
- अधिकारियों ने बताया कि इनमें से करीब 2,450 नागपुर में, 1,100 ठाणे में, 390 जलगांव में, 290 नवी मुंबई में, 290 पिंपरी चिंचवाड़ में, 120 अमरावती में और 15 मुंबई में हैं।
दिलचस्प बात यह है कि अधिकारियों के अनुसार महाराष्ट्र में रह रहे 107 पाकिस्तानी नागरिकों का पता नहीं चल पाया है। तेलंगाना में पुलिस प्रमुख जितेन्द्र ने आधिकारिक रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में 208 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से ज़्यादातर हैदराबाद में हैं। इनमें से 156 के पास लंबी अवधि का वीज़ा है, 13 के पास कम अवधि का वीज़ा है और 39 के पास मेडिकल और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यात्रा दस्तावेज़ हैं।
कहां कितने पाकिस्तानी नागरिक थे?
- दक्षिणी तटीय राज्य केरल में 104 पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनमें से 99 दीर्घकालिक वीजा पर थे। शेष पांच, जो पर्यटक या चिकित्सा वीजा पर थे, देश छोड़ चुके हैं।
- मध्य प्रदेश में लगभग 228 पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनमें से कई पहले ही देश छोड़ चुके हैं।
- ओडिशा में लगभग 12 पाकिस्तानियों की पहचान की गई है और उन सभी को देश छोड़ने के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करने के लिए कहा गया है।
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि राज्य में अल्पकालिक वीजा पर रह रहे तीन पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाने के लिए कहा गया है।
- सात पाकिस्तानी अल्पकालिक वीजा पर गुजरात में थे। पांच अहमदाबाद में और एक-एक भरूच और वडोदरा में।
यूपी डीजीपी ने दी जानकारी
इसके अलावा, पश्चिमी राज्य में 438 पाकिस्तानी नागरिक दीर्घकालिक वीजा पर हैं और इनमें हिंदू भी शामिल हैं जिन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य में आने वाले सभी श्रेणी के पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी हो गई है, जिन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। डीजीपी ने कहा कि एक पाकिस्तानी नागरिक अभी भी राज्य में है और वह 30 अप्रैल को पाकिस्तान के लिए रवाना होगा।
गृह मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से की बात
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे।
मुख्यमंत्रियों के साथ शाह की टेलीफोन पर बातचीत के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद कर दिया गया है, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें।
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भारत के एक्शन के बाद निकली बिलावल भुट्टो की हेकड़ी, अब कहा- 'बातचीत से निकलेगा समाधान'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। पर्यटकों पर हुए आतंकी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन लिए हैं। भारत के कड़े एक्शन के बाद पाकिस्तान बिलाबिला उठा है।
इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान के बाद भारत में एक बड़ा उबाल आ गया है। भुट्टो के बयान पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है और इसकी कड़ी निंदा की है। अब भुट्टो अपने बयान को लेकर बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने दोनों देशों से विवादों के समाधान के लिए बातचीत का सहारा लेने का आग्रह किया है।
भारत के एक्शन से बैकफुट पर भुट्टोदरअसल, जियो न्यूज के अनुसार, एक निजी समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को आपस में बातचीत कर के समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसको अस्वीकार कर दिया।
भारत ने दिया सीधा जवाबजानकारी दें कि इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बयान देते हुए भारत को आंख दिखाने की कोशिश की थी। हालांकि, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी की टिप्पणी पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा - 'मैंने उनका बयान सुना। उन्हें बताएं कि वे कहीं पानी में कूद जाएं। लेकिन, जब पानी ही नहीं होगा तो वे कैसे कूदेंगे? ऐसे बयानों को महत्व न दें।'
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीपीपी नेता ने सिंध प्रांत में एक रैली के दौरान कहा था कि सिंधु हमारा है और हमेशा हमारा रहेगा या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका (भारतीयों का) खून बहेगा।
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अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी को लगाई लताड़, नागरिकता पर सवाल उठाने पर कर दी बोलती बंद
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच अदनान सामी ने पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन पर निशाना साधा है, जिन्होंने गायक-संगीतकार की नागरिकता पर सवाल उठाए थे।
इस सप्ताह की शुरूआत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा है कि भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ना होगा और 27 अप्रैल अंतिम तिथि है।
फवाद चौधरी का कमेंट
चौधरी फवाद हुसैन ने शनिवार को एक भारतीय पत्रकार द्वारा एक्स पर लिखी गई एक पोस्ट को साझा किया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए कहने के बारे में बताया गया था और इसके साथ कैप्शन में लिखा था, "अदनान सामी के बारे में क्या?"
लंदन में जन्मे सामी, जिन्हें दिसंबर 2015 में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई थी, उन्होंने हुसैन की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस अनपढ़ बेवकूफ को कौन बताएगा!!" हुसैन ने गायक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "हमारे अपने लाहौरी अदनान सामी ऐसे लग रहे हैं जैसे बालों से हवा निकल चुकी है, जल्दी ठीक हो जाओ @AdnanSamiLive (sic)"
अदनान सामी ने दिया जवाब
हुसैन की इस बात का जवाब देते हुए सिंगर ने लिखा कि उनकी जड़ें लाहौर में नहीं बल्कि पेशावर में हैं। उनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना के अनुभवी राजनयिक थे और उनकी मां मूल रूप से जम्मू-कश्मीर की थीं।
बता दें, 'कभी तो नज़र मिलाओ', 'तेरा चेहरा', 'लिफ्ट करा दे' और 'भर दो झोली' जैसे गानों के लिए मशहूर गायक-संगीतकार, पहली बार 13 मार्च 2001 को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी एक वर्ष की वैधता वाले आगंतुक वीजा पर भारत आए थे।
कैसे भारतीय नागरिक बने सामी?
सामी का वीजा समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। 27 मई, 2010 को जारी उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट 26 मई, 2015 को समाप्त हो गया और पाकिस्तान सरकार ने उनके पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं किया, जिसके कारण उन्होंने मानवीय आधार पर भारत में अपने प्रवास को वैध बनाने के अनुरोध के साथ भारत सरकार से संपर्क किया।
पहलगाम हमले पर सामी का पोस्ट
सामी ने पहलगाम हमले के बाद एक्स पर एक पोस्ट साझा की और लिखा, "आशा और वादे से भरी निर्दोष जिंदगियां निर्दयता से खत्म कर दी गईं और पीछे छोड़ गईं आंसू, टूटे सपने और असहनीय दुख। मानवता कैसे इतनी नीचता तक गिर सकती है? प्रकृति की सुंदरता को मानवता के खिलाफ ऐसे भयानक अपराध करने के लिए कैसे विकृत किया जा सकता है?"
पाकिस्तानियों के भारत छोड़ने का आज अंतिम दिन, वतन वापसी के लिए अटारी बॉर्डर पर लगी कतारें
Pahalgam Attack Updates: “Blood Of Every Indian On The Boil,” Says PM Modi - NDTV
- Pahalgam Attack Updates: “Blood Of Every Indian On The Boil,” Says PM Modi NDTV
- "Will Have Reason To Live": Pahalgam Attack Victim's Wife Seeks 'Martyr' Status For Him NDTV
- Pahalgam: PM Modi's full speech on terror attack, Pakistan, justice for victims | J&K| Mann Ki Baat Hindustan Times
- This Word Means: National Investigation Agency or NIA The Indian Express
- Women's ODI Tri-series Live News Updates: India beat Sri Lanka by nine wickets in rain-curtailed Women's ... The Economic Times
नाबालिग लड़के का किया था यौन उत्पीड़न, कोर्ट ने सुनाई 47 साल की सजा; जानिए पूरा मामला
पीटीआई, कोट्टायम। केरल की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़के के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 47 साल कैद की सजा सुनाई है और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोट्टायम विशेष फास्ट-ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश सतीश कुमार वी ने 2024 में दर्ज मामले में सिजोमोन (41) को सजा सुनाई।
पुलिस के अनुसार, पिछले साल अगस्त में यहां अयारकुन्नम पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वैकोम के चेनक्कला के मूल निवासी सिजिमोन ने लड़के का यौन उत्पीड़न किया था।
30 हजार का लगाया जुर्मानापुलिस द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और उसे 47 साल की कैद और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया। स्टेशन हाउस ऑफिसर अनूप जोस जांच अधिकारी थे, और पॉल के अब्राहम पॉक्सो मामले में सरकारी अभियोजक थे।
बता दें कि इसके पहले बेंगलुरु में सड़क पर जा रही युवती के सात यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। पुलिस ने करीब 700 सीसीटीवी खंगालने के बाद आरोपी को केरल से गिरफ्तार किया था। आरोपी संतोष की उम्र 26 साल है और वह बेंगलुरु के एक जैगुआर शोरूम में ड्राइवर के तौर पर काम करता है।
पुलिस के मुताबिक, जब उसके खिलाफ तलाशी शुरू हुई तो वह तमिलनाडु के होसुर भाग गया, फिर सलेम और वहां से केरल के कोझीकोड पहुंचा। लगभग एक हफ्ते तक तीन राज्यों में चली तलाश के बाद पुलिस ने उसे केरल के एक सुदूर गांव से दबोच लिया।
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'आतंकियों ने नहीं पूछा था धर्म', पहलगाम हमले को लेकर कर्नाटक के मंत्री का विवादित बयान; भाजपा ने किया पलटवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार में मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पहलगाम हमले को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पर्यटकों को गोली मारने से पहले उनका धर्म नहीं पूछा। मंत्री ने इस पूरे मामले को धार्मिक रूप में चित्रित करने का आरोप लगाया।
बता दें कि आरबी तिम्मापुर कर्नाटर सरकार में आबकारी मंत्री हैं। इसके पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के एक बयान को लेकर भी विवाद हो चुका है। सिद्धरमैया ने कहा था कि वह पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ युद्ध करने के पक्ष में नहीं हैं।
कर्नाटक के मंत्री ने क्या कहा?दरअसल तिम्मापुर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जब पहलगाम में हमला हुआ, तो आतंकियों ने वहां मौजूद पर्यटकों से उनके धर्म के बारे में पूछा होगा। तिम्मापुर ने कहा कि प्रैक्टिकल तौर पर सोच कर देखो।
उन्होंने कहा कि जिस आदमी को गोली चलानी होगी, क्या वह किसी की जाति या धर्म पूछेगा? वह तो केवल गोली चलाकर वहां से चला जाएगा। अब तिम्मापुर के इस बयान को भाजपा ने लपक किया है। भाजपा ने उनके बयान को बर्बर और दुष्टतापूर्ण बताया है।
भाजपा ने बोला हमला- भाजपा ने इसे शोकाकुल पीड़ितों का अपमान बताते हुए कहा कि कांग्रेस धार्मिक तुष्टिकरण के लिए वोट बैंक की राजनीति कर रही है। बता दें कि पहलगाम में हुए हमले के बाद पीड़ितों के परिवारों ने ये कहा था कि उनका धर्म पूछकर आतंकियों ने गोली मारी है।
- पहलगाम के बाद पाकिस्तान के साथ रुख को लेकर कांग्रेस में ही दो फाड़ हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का कहना है कि पीओके को अब वापस मिलाने का वक्त आ गया है, जबकि सिद्धरमैया युद्ध के पक्ष में नहीं होने की बात कर रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि विपक्ष सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है।
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क्या है सचेत ऐप? पीएम मोदी ने मन की बात में क्यों किया इसका जिक्र? गिनाए इस्तेमाल के फायदे
नई दिल्ली, एएनआई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत भी पहलगाम हमले से की, जिसके बाद उन्होंने ISRO के महान वैज्ञानिक डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि सभी अपने फोन में 'सचेत ऐप' जरूर रखें।
पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय बचाव टीम ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार और थाईलैंड में कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला। भारत में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए 'सचेत ऐप' लॉन्च किया गया है।
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मन की बात के 121वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा -
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में आपकी सतर्कता, आपका सचेत रहना आवश्यक है। इसके लिए आपको अपने फोन में एक स्पेशल ऐप की मदद मिल सकती है। इसका नाम 'सचेत ऐप' है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने इस ऐप को तैयार किया है।
आपदाओं से करेगा सावधानमन की बात कार्यक्रम के दौरान 'सचेत ऐप' के फायदे गिनाते हुए पीएम मोदी ने बताया कि "बाढ़, चक्रवात, सुनामी, जंगलों में आग, हिमस्खलन, आंधी, तूफान और बिजली गिरने जैसी आपदाओं से पहले 'सचेत' ऐप आपको सूचित कर देगा। यह ऐप क्षेत्रीय भाषाओं में भी जानकारी देता है।"
मौसम से जुड़ी जानकारीपीएम मोदी ने कहा कि "'सचेत ऐप' के माध्यम से मौसम से जुड़ी जानकारी भी ली जा सकती है। मौसम विभाग के सभी बड़े अपडेट इस ऐप में देखने को मिल जाएंगे। पीएम मोदी ने सभी देशवासियों से अपील की है कि इस ऐप का इस्तेमाल करें और जो भी अनुभव हो उसे हमारे साथ जरूर साझा करें।"
SACHET App for disaster preparedness. #MannKiBaat pic.twitter.com/ntWYM8N44R
— PMO India (@PMOIndia) April 27, 2025 क्या है 'सचेत ऐप'?बता दें कि सचेत ऐप को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने लॉन्च किया था। इस ऐप पर यूजर की करंट लोकेशन के हिसाब से अलर्ट मिलता है। यह ऐप आपके राज्य और जिले में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के बारे में यूजर्स को सूचित करता है। साथ ही इस पर भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा मौसम अपडेट भी मौजूद रहती है।
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