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Bihar News: केंद्र सरकार से इस काम के लिए नहीं मिली राशि, बिहार पर 3500 करोड़ रुपये हुआ उधार; निर्माण कार्य ठप

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 10:17pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार का केंद्र सरकार पर मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम) के सामग्री मद का 3500 करोड़ रुपये से अधिक उधार हो गया है।

राशि के अभाव में अब कहीं काम प्रभावित होने लगा है तो कहीं कार्य ठप हो गया है। राशि समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024-2025 की है।

इसे लेकर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गत दिनों केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था। मंत्री ने राशि के अभाव में मनरेगा का काम ठप होने की ओर भी केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था।

साथ ही मनरेगा में बिहार की उपलब्धियां भी गिनाई थी। उल्लेखनीय है कि मनरेगा के माध्यम से पक्का काम के लिए सामग्री में मद केंद्र सरकार टिकाऊ संपत्तियां (जैसे कि सड़कें, पुल, बांध आदि) बनाने की स्वीकृति देती है।

इस योजना के तहत, विभिन्न प्रकार के काम किए जाते हैं, जैसे कि तालाब किनारे सीढि़यों का निर्माण आदि भी सम्मिलित है। मनरेगा में पिछले वर्ष सितंबर से ही भुगतान बंद है।

रिकॉर्ड 25 करोड़ मानव दिवस हुआ सृजित

राज्यभर में बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकार्ड 25 करोड़ दिवस का सृृजन हुआ है। इसकी डाटा भी इंट्री हो चुकी है।

मनरेगा से काम देने में गया जिला सबसे आगे है। वहीं, पूर्वी, चंपारण, रोहतास और समस्तीपुर में एक करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन हुआ है। बीते वित्तीय वर्ष राज्य में 17 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य था।

सारण व शिवहर में कम मिला काम

अरवल में 19 लाख से अधिक, बेगूसराय में 39 लाख भोजपुर में 42 लाख, गोपालगंज में 35 लाख, जहानाबाद में 33 लाख, सारण में 17 लाख, शिवहर में 17 लाख से अधिक काम मिला है। इन जिलों में भी लक्ष्य से अधिक काम मिला है।

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Trump cabinet divided over China tariff talks

Business News - April 27, 2025 - 8:56pm
Members of Donald Trump's cabinet gave conflicting messages on Sunday about whether negotiations with China over tariffs are taking place, as the Republican president has asserted. The Trump administration signaled openness last week to de-escalating a trade war between the world's two largest economies that has raised fears of recession. Trump said talks were under way with China on tariffs and that he and Chinese President Xi Jinping have spoken. Yet Beijing has denied that any trade talks are occurring. Treasury Secretary Scott Bessent, a key player in U.S. trade talks with multiple countries, said on Sunday that he had interactions with his Chinese counterparts last week during International Monetary Fund meetings in Washington, but did not discuss the tariff standoff. In a separate television interview, Agriculture Secretary Brooke Rollins said the United States was holding daily conversations with China over tariffs. "Every day we are in conversation with China, along with those other 99, 100 countries that have come to the table," Rollins said on CNN's "State of the Union." Asked on ABC's "This Week" whether the United States and China were holding talks on tariffs, Bessent did not address the question. "I had interaction with my Chinese counterpart, but it was more on the traditional things like financial stability, global economic early warnings. I don't know if President Trump has spoken with President Xi (Jinping)," he said. Bessent, who said last week that tariff negotiations with Beijing would be a "slog," did not give a timetable for any potential agreement with China. He said a trade deal can take months, but a de-escalation and an agreement in principle can be achieved sooner and would keep tariffs from ratcheting back to the maximum level. Trump's erratic, and often confusing, rollout of tariffs has hit countries ranging from the largest US trading partners, like Canada, Mexico and China. The result has been almost unprecedented market volatility and serious damage to investor trust in US assets.
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RBI pitches India story in Washington

Business News - April 27, 2025 - 8:47pm
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NEET Paper Leak: संजीव मुखिया ने पूछताछ में खोले कई अहम राज, पेपर लीक मामले में कुछ बड़े लोगों की उड़ेगी नींद!

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 8:36pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लंबी लुक्का-छिपी के बाद गिरफ्त में आए पेपर लीक कांड के मास्टर माइंड संजीव मुखिया से पूछताछ में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को कई ऐसी जानकारियां मिली हैं, जिससे आने वाले दिनों में कई बड़े लोगों की नींद उड़ने वाली है।

संजीव मुखिया ने अपराध का रास्ता क्यों चुना, किन परीक्षाओं में उसकी सेटिंग थी ऐसी तमाम जानकारियां उसने ईओयू को पूछताछ में दी है।

दरअसल, मुखिया अपनी पत्नी को राजनीतिक मुकाम दिलाकर बड़ी शख्सियत बनाना चाहता था इसकी वजह से उसने पेपर लीक जैसे आपराधिक रास्ते को चुना।

जनकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान सीबीआइ और झारखंड पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। पूछताछ के क्रम में रिमांड अवधि पूरी होने के बाद संजीव मुखिया को रविवार की रात ही वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

सूत्रों ने बताया की संजीव मुखिया से और जानकारी मिलने की उम्मीद जांच एजेंसी को है इसलिए सोमवार को उसे वापस रिमांड पर लेने के प्रयास होंगे।

लगातार पूछताछ कर रहे हैं ईओयू के अधिकारी

संजीव मुखिया को गिरफ्तार करने के बाद ईओयू के अधिकारी उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि संजीव मुखिया ने पूछताछ में दावा किया कि उनसे अपनी राजनीतिक पहुंच और सेंटिंग की बदौलत कई सफेदपोश और उनके स्वजनों को लाभ पहुंचाया।

कई लोगों के बच्चों को मेडिकल तक की परीक्षा भी पास कराई। संजीव मुखिया ने रेलवे भर्ती बोर्ड, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में सेंटिग का दावा भी किया।

इस रास्ते को चुनने की वजह पूछने पर उसने स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया कि वह अपनी पत्नी को राजनीतिक रूप से स्थापित करना चाहता था।

जिसके लिए उसे पैसों की दरकार थी और उसने पैसों के लिए पेपर लीक और सेंटिग के अवैध कारोबार का सहारा लिया और इसे विस्तार भी दिया।

तीन राज्यों में थी संजीव मुखिया की धमक

उसने बताया कि बिहार, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक की प्रतियोगी परीक्षाओं में उसकी धमक थी। उसने बिहार में सिपाही बहाली, शिक्षक भर्ती और नीट यूजी परीक्षाओं के पेपर लीक से संबंधित मामलों में कई नामों का उद्भेदन भी किया।

उसने यह जानकारी भी ईओयू टीम को दी कि फरारी के दौरान वह लाभार्थियों के घरों को अपना ठिकाना बनाता था। सीबीआइ ने जिस वक्त उसके ठिकाने पर छापा मारा उस वक्त वह बिहारशरीफ में ही रुका हुआ था। छिपने के लिए संजीव मुखिया ने पटना के पीरबहोर, अगमकुआं और बाढ़ इलाके में भी अपना ठिकाना बनाया था।

यहां बता दें कि मई 2024 में मेडिकल की प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित नीट (यूजी) के प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। प्रश्न पत्र लीक की घटना झारखंड के हजारीबाग स्थित एक स्कूल से हुई थी, इसलिए झारखंड पुलिस की टीम भी पूछताछ में शामिल हुई।

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बिहार में 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है हेमंत की पार्टी! महागठबंधन के सामने रख दी लिस्ट, RJD की बढ़ी टेंशन

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 8:17pm

जागरण संवाददाता, पटना। महागठबंधन के भीतर सीटों की गुत्थी ऐसी उलझी है कि किसी दूसरे सहयोगी के लिए शायद ही गुंजाइश बने।

इस बीच झारखंड के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्रों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपनी संभावना का आकलन करने लगा है।

इससे राजद की चिंता बढ़ी हुई है, क्योंकि उन क्षेत्रों से उसे इस बार बड़ी आशा है। ऐसे में प्रयास यह है कि झामुमो को किसी तरह बिहार से दूर रहने के लिए मना लिया जाए।

हालांकि, झारखंड के चुनाव में सहयोगी राजद ने जिस तरह दावेदारी की थी, उसे लेकर इसकी संभावना कम है कि झामुमो अपने कदम पीछे खींच ले।

राजद झारखंड में झामुमो का पुराना सहयोगी है। झामुमो को भी बिहार में ऐसी ही भूमिका की अपेक्षा रही है। उसके लिए वह एक दशक से प्रयासरत है, लेकिन बात कभी बनी नहीं।

विधानसभा के पिछले चुनाव में तो कटुता इस स्तर तक बढ़ी कि झामुमो ने राजनीतिक मक्कारी का आरोप लगाते हुए राजद से राजनीतिक रिश्ते की समीक्षा तक की चेतावनी दी थी।

तब उसका कहना था कि झारखंड सरकार में राजद के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता को श्रम मंत्री बनाया गया, लेकिन राजद राजनीतिक शिष्टाचार भूल गया है।

तेजस्वी यादव का नेतृत्व पुराने दिनों को याद रखना नहीं चाहता। शिकायत लालू प्रसाद से भी हुई। यह कहते हुए कि झामुमो उनका आदर करता है, लेकिन प्रश्न यह कि लालू सामाजिक न्याय के अंतर्गत राजनीतिक भागीदारी की बात करते हैं, तो उनका यह सिद्धांत झामुमो के संदर्भ में क्यों गुम हो गया?

इस क्षोभ के साथ झामुमो ने सात सीटों (झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती, नाथनगर) पर प्रत्याशी उतार दिए। कोई सफलता तो नहीं मिली, लेकिन चकाई और कटोरिया में उसने राजद का खेल बिगाड़ दिया।

झामुमो ने बिगाड़ दिया था खेल

एक राजनीतिक दल के रूप में झामुमो ने 1980 के चुनाव से दांव आजमाना शुरू किया। झारखंड के गठन से पहले भी उसके हिस्से की सीटें दक्षिणी बिहार वाली ही हुआ करती थीं।

विभाजन के बाद उसे बिहार में एक बार चकाई में सफलता तो मिली, लेकिन उसे वह अगले चुनाव में दोहरा नहीं पाया। 2010 में यह सफलता सुमित कुमार सिंह के सहारे मिली थी, जो 2020 में वहां निर्दलीय विजयी रहे।

हालांकि, उनकी जीत मेंं झामुमो को मिले 16985 मतों की बड़ी भूमिका रही है। राजद की सावित्री देवी वहां मात्र 581 मतों से मात खाई थीं।

राजद से बलिदान की अपेक्षा

2019 में राजद को झारखंड में सात सीटें मिली थीं। एकमात्र चतरा में सत्यानंद भोक्ता सफल रहे थे। 2024 में भी उसे सात सीटें मिलीं। वोट प्रतिशत में वृद्धि के साथ उनमें से चार में वह सफल रहा।

झारखंड सरकार में संजय यादव के रूप में हिस्सेदारी भी है। अब झामुमो इसका प्रतिदान झारखंड के सीमावर्ती एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों (तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई) के रूप में चाहता है। महागठबंधन में इनमें से अधिसंख्य पर अभी राजद की दावेदारी है।

झामुमो की पसंदीदा सीटें

तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, बांका, पीरपैंती, रामपुर, ठाकुरगंज, रूपौली, बनमनखी, जमालपुर, झाझा, चकाई

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Bihar Politics: 4 मई को होने जा रही बिहार महागठबंधन की बड़ी बैठक, अब इन मुद्दों पर होगा RJD-Congress का फोकस

Dainik Jagran - April 27, 2025 - 6:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दिन धीरे-धीरे नजदीक आ रहे हैं। इसके साथ ही तमाम दल अपनी तैयारियों को मुकम्मल रूप देने में जुट गए हैं।

आइएनडीआइए गठबंधन भी आगे बढ़ते हुए अपनी तैयारियों को चुनाव घोषणा के पूर्व अंतिम रूप देने में जुटा है। इस गठबंधन की अब तक तीन बैठकें हुई हैं।

जिसमें कई मुद्दों पर गठबंधन के सहयोगी दलों ने अपनी सहमति बना ली है। परंतु संयुक्त चुनावी घोषणा पत्र और मुद्दे जिन पर चुनाव लड़ा जाना है वे अब तक तय नहीं हैं।

जिसे देखते हुए आइएनडीआए के सहयोगी दलों ने आपसी सहमति से चार मई को एक बैठक बुलाई है। प्रस्तावित बैठक में राजद-कांग्रेस के साथ ही तीनों वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी के तमाम जिलाध्यक्ष, महासचिव के साथ ही इनके विधायक, विधान पार्षद व सांसदों को आमंत्रित किया गया है।

24 अप्रैल को हुई थी बैठक

बैठक की अध्यक्षता महागठबंधन कार्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव स्वयं करेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक में कार्डिनेशन कमेटी के सहयोग के लिए चार अन्य उप कमेटियों का गठन भी होगा।

जिस पर 24 अप्रैल की बैठक में करीब-करीब सहमति बनाई जा चुकी है। कांग्रेस ने तो उप कमेटियों में सदस्य पद के लिए नेताओं के नाम भी कार्डिनेशन कमेटी अध्यक्ष को सौंप दिए हैं।

कांग्रेस से मिली जानकारी के अनुसार आगामी बैठक में सबसे पहले चुनावी घोषणा पत्र पर सहयोगी दलों के साथ संवाद होगा।

जिन मुद्दों को घोषणा में शामिल किए जाने की संभावना दलों की ओर से जताई जा रही है उनमें सरकारी महकमों में नौकरी, रोजगार के साधन, गरीबों के लिए पक्का घर, महिला वर्ग के लिए माई-बहन मान योजना, सरकार गठन पर नागरिकों को दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली, विधि-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण, खेतों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त बिजली आपूर्ति, खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति जैसे अनेक मुद्दे हैं।

इंटरनेट मीडिया पर भी सरकार की घेराबंदी की योजना बनेगी

इसके अलावा बैठक में चुनाव मैदान के साथ इंटरनेट मीडिया पर भी सरकार की घेराबंदी की योजना बनेगी।

प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही वेब पोर्टल मीडिया पर सरकार को घेरने के लिए सरकार की नीतियों को आधार बनाया जाएगा।

सूत्रों की माने तो जिन योजनाओं की घोषणा एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुई उनका आकलन कर जनता को उनकी असलियत से भी अवगत कराने की योजना है।

विधि-व्यवस्था, बढ़ती महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य में गिरावट के साथ ही विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर भी सरकार की घेराबंदी की योजना पर बैठक में मुहर लगाई जाएगी।

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