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Bihar Teacher News: नए शिक्षकों की पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, विभाग के निदेशक ने जारी किया नया आदेश

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 8:19pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने सभी नवपदस्थापित होने वाले प्रधान शिक्षक पद के अभ्यर्थियों को आवंटित जिला का अनुपालन करना अनिवार्य कर दिया है। शुक्रवार को विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निर्देश जारी कर कहा कि जिला आवंटन की कार्रवाई का अनुपालन सुनिश्चित करें।

बिना तथ्यों की जानकारी के शिक्षा विभाग द्वारा जिला आवंटन हेतु की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाएं। 93 प्रतिशत सफल अभ्यर्थियों को उनके द्वारा समर्पित विकल्प (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय) के अनुरूप जिला आवंटित हुआ है।

विभागीय आदेश में कहा गया है कि प्रधान शिक्षक पद के सफल कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह जिज्ञासा व्यक्त की जा रही है कि मेधा क्रम में ऊपर रहने के बावजूद उन्हें विकल्प का लाभ नहीं मिला, जबकि मेधा क्रम में नीचे वाले को विकल्प के अनुरूप जिला आवंटित किया गया है।

विभागीय स्तर पर की समीक्षा

इसकी गहन समीक्षा विभागीय स्तर पर की गई जिसमें पाया गया कि यह जिला स्तरीय संवर्ग है, इसलिए जिला में कोटिवार स्वीकृत पद के अनुरूप ही पदस्थापन की कार्रवाई की जानी है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जिस सफल अभ्यर्थी की अनुशंसा जिस कोटि में की गयी है, उस कोटि की वरीयता (मेधा क्रम) के अनुरूप उनके विकल्प को दृष्टिपथ में रखते हुए जिला आवंटन की कार्रवाई की गई है।

वस्तुस्थिति यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा सामान्य कोटि में अनुशंसित अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम में, आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम, पिछड़ा वर्ग के उनके मेधा क्रम में, अतिपिछड़ा वर्ग को उनके मेधा क्रम में, अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति को उनके मेधा क्रम के अनुरूप विकल्प के आधार पर जिला आवंटन की कार्रवाई की गयी है।

समेकित रूप से देखने पर यह स्पष्ट होगा कि किसी सामान्य कोटि के वरीय मेधा क्रम वाले को छोड़ कर सामान्य कोटि वाले कम मेधा क्रम (दिव्यांग को छोड़) के अभ्यर्थी को विकल्प का लाभ नहीं दिया गया है।

अन्य सभी कोटि में भी इसी तरह का अनुपालन किया गया है। इस नीति का पालन नहीं किया जाता, तो बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा कोटिवार की गयी अनुशंसा की संख्या-क्रम को भंग करना पड़ता, जो नियमानुकूल नहीं है।

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19 स्टेशन, 1267 KM रेल नेटवर्क विस्तार और 18 हजार करोड़ का बजट... इन राज्यों में परियोजना मंजूर

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 8:12pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Railway News: केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे की चार बड़ी रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये होगी। इससे रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में लगभग 1247 किलोमीटर की वृद्धि होगी।

महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाओं से उत्तर भारत की रेल सेवाओं में सहजता आएगी। क्षेत्र का व्यापक विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी।

2030 तक पूरी होंगी परियोजनाएं
  • परियोजनाओं को 2030-31 के पहले तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इन्हें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद शुक्रवार को रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि सभी परियोजनाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं।
  • उन्होंने बताया कि सभी योजनाएं मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन बढ़ाने वाली हैं। इससे यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, माल ढुलाई की लागत और पेट्रोलियम आयात में कमी आएगी। लगभग 379 लाख मानव-दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
  • अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रूटों पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं का परिवहन ज्यादा होता है। परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद रेल लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिवर्ष 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करने के साथ विकास को भी गति मिलेगी।
नई परियोजनाओं के पूरा होने से होंगे कई फायदे

महत्वपूर्ण मौकों पर सवारियों की भीड़ में भी कमी आएगी। चारों लाइनें रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों में से एक हैं। इनके साथ 19 नए स्टेशनों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों गढ़चिरौली और राजनांदगांव में संपर्कता बढ़ेगी। इससे लगभग 3350 गांवों और 47.25 लाख आबादी को आसानी होगी। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।

इन लाइनों की खासियत बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने इनके पूरा होने पर प्रतिवर्ष लगभग 95 करोड़ पेट्रोलियम का आयात कम हो जाएगा। इसी तरह 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।

इन चार परियोजनाओं को मिली हरी झंडी
  • संबलपुर – जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन
  • झारसुगुड़ा – सासोन तीसरी और चौथी लाइन
  • खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा पांचवीं और छठी लाइन
  • गोंदिया – बल्हारशाह डबलिंग

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BIMSTEC देशों में मचेगी UPI की धूम! पीएम मोदी ने बैंकॉक शिखर सम्मेलन में दिया UPI लिंक का प्रस्ताव

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 8:03pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच दक्षिण एशियाई देशों और दो दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन बिम्सेटक (BIMSTEC) के बीच बेहतर कनेक्टिविटी, आर्थिक और डिजिटल संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने 21 सूत्री फार्मूला का सुझाव दिया है।

यह सुझाव उन्होंने बिम्सटेक की बैंकॉक शिखर सम्मेलन के दौरान शुक्रवार दिया। इसमें भारत की तरफ से बिम्सटेक के सभी देशों की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को भारत की UPI से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल है।

वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का पीएम ने रखा प्रस्ताव

बिम्सटेक देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पीएम मोदी ने वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। भारत बिम्सटेक को सार्क संगठन के विकल्प के तौर पर स्थापित करने की मंशा रखता है। बांग्लादेश बिम्सटेक का नया अध्यक्ष बना है। भारत और बांग्लादेश के अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड इसके अन्य सदस्य हैं। इन देशों ने बिम्सेटक 2030 का दृष्टिपत्र तैयार किया है जो इनके बीच संबंधों को दिशा देने का काम करेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक सेतु है, यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि की नई राहें खोलने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। बिम्सटेक को और सशक्त बनाने के लिए हमें इसके कार्यक्षेत्र और क्षमता का निरंतर विस्तार करते रहना होगा।

साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?

सदस्य देशों के गृह मंत्रियों के बीच विमर्श का एक ढांचा तैयार करने पर खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने सदस्यों के बीच साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी के खिलाफ यह फोरम अहम भूमिका निभा सकता है। इसकी पहली बैठक भारत में कराने का प्रस्ताव है। बिम्सटेक के देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की राह निकालने के लिए बंगलुरू में एक ऊर्जा केंद्र स्थापित किया गया है। इसके तहत पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि सदस्य देशों के ग्रिड को आपस में जोड़ने का काम तेज हो।

“व्यापार और व्यवसायिक कनेक्टिविटी भी हमारी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए मैं बिम्सेटक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूं। साथ ही, हर साल सदस्य देशों के बीच एक कारोबार सम्मेलन भी आयोजित की जाएगी। मेरा सुझाव है कि बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर एक संभाव्यता अध्ययन भी की जानी चाहिए।'' नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने हिंद महासागर को खुला, सुरक्षित व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया। सनद रहे कि शुक्रवार को सदस्य देशों के बीच समुद्री यातायात सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ है। इससे सदस्य देशों के बीच आवागमन व कारोबार में काफी सहूलियत मिलेगी।

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मोदी सरकार के चार फैसले जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ले गया विपक्ष, जानें अदालत ने क्या आदेश दिया

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 7:53pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पर देर रात तक चर्चा की गई। हालांकि विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद बिल पारित हो गया और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। अब असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ बिल की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

अदालत में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार केंद्र सरकार के किसी फैसले के खिलाफ विपक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हो। इसके पहले अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक समेत कई मु्द्दों पर अदालत का दरवाजा खटखटाया गया।

आइए आपको बताते हैं कि केंद्र के कौन-कौन से विषय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन पर क्या फैसला आया…

अनुच्छेद 370:
  • सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा।
  • अदालत ने निर्देश दिया कि चुनाव आयोग को सितंबर 2024 तक जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाने चाहिए।
  • अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सरकार को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।
इलेक्टोरल बॉन्ड:
  • सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक चंदा जुटाने पर तत्काल रोक लगा दी थी। अदालत ने इसे असंवैधानिक करार दिया था।
  • कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखनासूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए):
  • सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
  • अदालत ने 4-1 के फैसले से सिटिजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता को भी बरकरार रखा था।
  • यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है।
तीन तलाक:
  • मुस्लिम महिलाओं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है।
  • अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कानून लागू होने के बाद अब तक कितने मामले दर्ज किए गए हैं।
  • चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि कानून में केवल तलाक देने को ही अपराध घोषित कर दिया गया है, जो एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।

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'Panicked' & 'played it wrong': Trump on China

Business News - April 4, 2025 - 7:52pm
Following China's announcement of 34% tariffs on all US imports, US President Donald Trump said on Friday that China had 'panicked' over the escalating trade tensions. His post suggested that Beijing had overreacted to the initial American tariffs.In a post written entirely in capital letters, he stated, "CHINA PLAYED IT WRONG, THEY PANICKED -- THE ONE THING THEY CANNOT AFFORD TO DO!" China's move comes after the US, on April 2nd, implemented its own 34% tariffs on all goods entering the country from China, a move framed as part of his "reciprocal tariffs" plan. Beijing had promptly called on the US to immediately cancel the newly imposed tariffs.The tit-for-tat imposition of significant tariffs by both economic powerhouses signals a further deepening of the global trade war that began during President Trump's first term in the White House from 2017 to 2021.Meanwhile, China has also imposed new export controls on key rare earth elements, an area where it holds a dominant position. This move could severely limit the US access to vital minerals used in everything from smartphones and electric vehicle batteries to defense technologies, reported Reuters.Beijing also filed a formal complaint with the World Trade Organization on Friday over the new US tariffs, claiming the measures violate WTO rules and requesting consultations.In a statement, the Permanent Mission of China to the WTO stated, "China has filed the WTO complaint regarding the United States' measures," adding that the new tariffs clearly violate WTO regulations.According to the Reuters report, the escalation has sparked fears of a recession and triggered a global stock market sell-off.
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Bihar Land Survey: अब तेजी से होगा भूमि सर्वे का काम, 1000 से अधिक पदों पर होने जा रही भर्ती

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 7:26pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में एक हजार से अधिक पदों पर जल्द नियुक्ति होगी। विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो एवं अमीन के अलावा कुछ अन्य पदों पर भी नियुक्ति होने जा रही है।

मालूम हो कि पिछले साल विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए 10 हजार लोगों की नियुक्ति हुई थी। यह संविदा पर थी। इनमें से करीब एक हजार लोगों को पक्की सरकारी नौकरी मिल गई तो इस विभाग से त्याग पत्र देकर चले गए।

नियुक्ति के लिए अलग से नहीं शुरू होगी प्रक्रिया

सूत्रों ने बताया कि इन नियुक्तियों के लिए अलग से प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। पहले के पैनल के सफल अभ्यर्थियों के बीच से ही इनका चयन किया जाएगा। सबसे अधिक रिक्ति अमीन की है। बड़ी संख्या जूनियर इंजीनियर अमीन के पद पर नियुक्ति हुए थे। ये स्थायी सेवा में चले गए।

BPSC परीक्षा पास करते ही छोड़ दी नौकरी

इसके अलावा, बीटेक डिग्रीधारी भी कानूनगो एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर नियुक्त हुए थे। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होने के बाद इस श्रेणी के कुछ अधिकारी भी नौकरी छोड़कर चले गए हैं। भूमि सर्वेक्षण की गति प्रभावित न हो, इसके लिए रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने का प्रयास किया जा रहा है।

नियुक्ति प्रक्रिया
  • राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 1000 से अधिक पदों पर नियुक्ति होगी।
  • पूर्व पैनल के अभ्यर्थियों से चयन किया जाएगा, नई प्रक्रिया शुरू नहीं होगी।
पदों की रिक्तता
  • सबसे अधिक रिक्तियां अमीन पद पर हैं।
  • जूनियर इंजीनियर अमीन स्थायी सेवा में समायोजित हो चुके हैं।
नौकरी छोड़ने का कारण
  • बीटेक डिग्रीधारी कानूनगो एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी बीपीएससी परीक्षा पास करने के बाद नौकरी छोड़ चुके हैं।
  • रिक्त पदों को जल्दी भरने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भूमि संरक्षण की पांच वर्ष से लंबित योजनाओं की समीक्षा करें पूर्ण कराएं : विजय सिन्हा

दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जलछाजन विकास घटक-2.0 के तहत भूमि संरक्षण निदेशालय की ओर से चलाई जा रही 35 परियोजनाओं की समीक्षा की। यह केंद्र सरकार प्रायोजित योजना है।

440 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वीकृत परियोजनाओं को पांच वर्षो में पूरा करना था लेकिन अभी तक लंबित है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को 18 जिलों के 326 पंचायतों में क्रियान्वित योजनाओं को मुखिया से सहयोग लेकर त्वरित गति से पूर्ण कराने का निर्देश दिया है।

इन योजनाओं में मुख्य रूप से आहर एवं तालाबों का जीर्णोद्धार आदि कार्य संचालित किए जाते है। उन्होंने कहा कि योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।

विजय सिन्हा ने अधिकारियों से कहा कि वर्षा जल न केवल सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्त्ति सुनिश्चित करता है, बल्कि मिट्टी की नमी को संरक्षित रखने में भी सहायक होता है। भूमिगत जल स्तर में गिरावट गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसे वर्षा जल के संचयन और पुनर्भरण तकनीकों द्वारा सुधारा जा सकता है। भू-क्षरण को नियत्रिंत करने में भी वर्षा जल संचयन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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Bihar School News: गर्मी में बिहार के स्कूलों का समय बदला, अब सुबह इतने बजे लगेगी क्लास, देखें नया टाइम-टेबल

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 6:56pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar School New Timings: भीषण गर्मी के मद्देनजर राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों की कक्षाएं 7 अप्रैल यानी सोमवार से सुबह साढ़े छह बजे (मार्निंग) से संचालित होगी।

इसमें 71,863 प्रारंभिक और 9,360 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। मार्निंग में विद्यालयों के संचालन की व्यवस्था एक जून यानी गर्मी की छुट्टी होने के पूर्व तक बनी रहेगी। बच्चों की छुट्टी अपराह्न 12.20 बजे होगी, लेकिन शिक्षक दोपहर 12.30 बजे जाएंगे।

इससे संबंधित आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से शुक्रवार को जारी किया गया। मार्निंग शिफ्ट में विद्यालयों के संचालन के लिए समय-सारणी भी जारी की गई है।

शिक्षा विभाग के मुताबिक समय-सारणी के तहत सभी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित होंगे। साथ ही पहली कक्षा में बच्चों का नामांकन अभियान भी चलेगा। विद्यालयों के पोषक क्षेत्र में बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने का आदेश सभी प्रधानाध्यापकों को दिया गया है।

वहीं, दूसरी ओर सभी जिलों में विद्यालयों में निरीक्षण हेतु तैनात किए गए अफसरों का भ्रमण होगा। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर सभी विद्यालयों के प्रदर्शन का मूल्यांकन होगा।

इस प्रकार है समय-सारणी
  • सुबह 6.30 बजे से विद्यालय शुरू होगा
  • 6.30 से 7.00 बजे तक प्रार्थना आदि होगी
  • 7.00 से 7.40 बजे तक पहली घंटी
  • 7.40 से 8.20 बजे तक दूसरी घंटी
  • 8.20 से 9.00 बजे तक तीसरी घंटी
  • 9.00 से 9.40 बजे तक टिफिन रहेगी और प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसे जाएंगे
  • 9.40 से 10 बजे तक चौथी घंटी
  • 10.20 से 11.00 बजे तक पांचवीं घंटी
  • 11.00 से 11.40 बजे तक छठी घंटी
  • 11.40 से 12.20 बजे तक सातवीं घंटी। उसके बाद छात्र-छात्राओं की छुट्टी।

दोपहर 12.20 से 12.30 बजे तक प्रधानाध्यापक के स्तर से शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विषयों की समीक्षा। अगले दिन के लिए कार्य योजना एवं छात्रों को दिए गए गृह कार्य की समीक्षा एवं जांच होगी।

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Annamalai: 'नए अध्यक्ष की रेस में नहीं...' क्या अन्नामलाई छोड़ेंगे तमिलनाडु BJP अध्यक्ष का पद?

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 6:52pm

पीटीआई, कोयंबटूर। तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई के लिए कयास लगाए जा रहे हैं वह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस बीच शुक्रवार को उन्होंने कहा कि वह पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में नहीं हैं। 

अन्नामलाई ने कहा कि पार्टी में किसी तरह की प्रतिस्पर्धा की कोई गुंजाइश नहीं होती और यह पद सर्वसम्मति से तय किया जाता है।

'मैं प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में नहीं'

कोयंबटूर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब अन्नामलाई से पूछा गया कि क्या वह तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के पद के उम्मीदवार हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं नए प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं। मैं किसी भी प्रतिस्पर्धा में नहीं पड़ता।"

अन्नामलाई से यह भी पूछा गया कि क्या AIADMK 2026 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ गठबंधन करने की शर्त के रूप में उन्हें पद से हटवाना चाहती है? इस पर उन्होंने कहा कि वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि बीजेपी आने वाले दिनों में अच्छा प्रदर्शन करेगी और नए अध्यक्ष के चुनाव के वक्त इस पर बात होगी।

वक्फ विधेयक पर दिया बड़ा बयान

अन्नामलाई ने वक्फ विधेयक का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गरीब मुसलमानों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने दावा किया कि 1913 से 2013 तक देशभर में 18 लाख एकड़ जमीन वक्फ के अधीन थी, लेकिन 2013 से 2025 के बीच 21 लाख एकड़ और जुड़ गई है। यानी अब कुल 39 लाख एकड़ जमीन वक्फ के अधीन हो गई है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के तिरुचेंदुरई में पूरे शहर को वक्फ घोषित कर दिया गया था और मंदिरों की जमीन को भी वक्फ संपत्ति बताने की कोशिश की गई थी। लेकिन संशोधन विधेयक से अब इन सभी विवादित मामलों का समाधान निकल आया है।

वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण का आरोप

अन्नामलाई ने दावा किया कि कई जगहों पर वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने कहा, "पिछले साल वक्फ की 126 करोड़ रुपए की आय हुई थी। लेकिन कई जगहों पर कब्जा होने के कारण आय में गिरावट आई है। अब चार साल इंतजार करिए और देखिए कि वक्फ कितना पैसा कमाएगा और यह गरीब मुसलमानों को मिलेगा।"

टीवीके के विरोध पर तंज

वक्फ विधेयक के खिलाफ अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके के विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए अन्नामलाई ने कहा कि क्या उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष कोई आधिकारिक आपत्ति दर्ज कराई थी? उन्होंने कहा, "टीवीके आखिर विरोध किस चीज़ का कर रही है? कानून में क्या गलत है? उन्हें खुद भी नहीं पता कि वे किस चीज़ का विरोध कर रहे हैं।"

एनईईटी मुद्दे पर डीएमके को घेरा

अन्नामलाई ने डीएमके सरकार पर एनईईटी परीक्षा को लेकर "नाटक" करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब यह मामला पूरी तरह से खत्म हो चुका है। राष्ट्रपति द्वारा राज्य के विधेयक को खारिज कर दिए जाने के बाद अब डीएमके सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा है।

उन्होंने डीएमके सरकार को चुनौती देते हुए कहा, "अगर आपमें हिम्मत है तो सुप्रीम कोर्ट जाइए। लेकिन डीएमके सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी, क्योंकि एनईईटी परीक्षा को लागू करने का फैसला भी सुप्रीम कोर्ट ने ही दिया था।"

मुरुगन मंदिर के अभिषेक पर विवाद

मरुदामलाई भगवान मुरुगन मंदिर में हुए अभिषेक समारोह पर अन्नामलाई ने कहा कि जिस तरह से यह आयोजन हुआ, उससे यह संदेह पैदा हुआ कि यह 'कुंभाभिषेकम' था या "डीएमके सम्मेलन"। उन्होंने आरोप लगाया कि जबकि आम भक्तों को अनुमति नहीं दी गई, डीएमके के 750 खास लोगों को विशेष दर्शन पास दिए गए।

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