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कर्नाटक हाईकोर्ट ने की समान नागरिक संहिता की वकालत, केंद्र और राज्यों से कहा- कानून बनाएं

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:21pm

पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने संसद और राज्य विधानसभाओं से देशभर में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। हाई कोर्ट ने सभी नागरिकों, विशेषकर महिलाओं के लिए समानता, पंथनिरपेक्षता और न्याय के संवैधानिक ²ष्टिकोण को कायम रखने में इसके महत्व पर जोर दिया।

जस्टिस हंचेट संजीव कुमार की एकल पीठ ने मृतक मुस्लिम महिला शहनाज बेगम के पति और भाई-बहन के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित एक सिविल अपील पर फैसला सुनाते हुए यह अपील की। इस मामले ने धर्म के अनुसार पर्सनल ला द्वारा शासित उत्तराधिकार कानूनों और लैंगिक न्याय पर उनके प्रभाव के बारे में व्यापक प्रश्न उठाया है।

देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोर्ट ने की वकालत

जस्टिस कुमार ने शुक्रवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता लागू किए जाने से प्रस्तावना में निहित आदर्शों अर्थात न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता को पूरा किया जा सकेगा। देश को व्यक्तिगत कानूनों और धर्म के संबंध में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। तभी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उद्देश्य प्राप्त होगा।

धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों से महिलाओं के साथ होती है असमानता

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि भारत भर में महिलाएं संविधान के तहत समान नागरिक हैं। लेकिन धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों के कारण उनके साथ असमान व्यवहार किया जाता है। पीठ ने इस असमानता को स्पष्ट करने के लिए हिंदू और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विरासत के अधिकारों की तुलना की। जहां हिंदू कानून बेटियों को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार देता है, वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ भाइयों और बहनों के बीच भेद करता है। यह भाइयों को हिस्सेदार का दर्जा देता है।

वहीं, दूसरी तरफ बहन को अवशिष्ट के रूप में हिस्सा पाने का अधिकार है, लेकिन हिस्सेदार के रूप में नहीं। यह देखते हुए कि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने पहले ही समान नागरिक संहिता लागू कर दिया है, न्यायालय ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह निर्णय की एक प्रति केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार के प्रधान विधि सचिवों को भेजें, ताकि ऐसी संहिता लागू करने की दिशा में विधायी प्रयास शुरू किए जा सकें।

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Bihar Police: बिहार का मोस्ट वांटेड लुटेरा दिल्ली से गिरफ्तार, सिर पर था 2 लाख का इनाम

Dainik Jagran - April 5, 2025 - 10:19pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने दिल्ली पुलिस की मदद से नई दिल्ली के पहाड़गंज थाना क्षेत्र में छापेमारी कर दो लाख के इनामी अपराधी विकास कुमार उर्फ जान राइट को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार अपराधी अंतरराज्यीय सोना लुटेरा सुबोध सिंह गैंग का सक्रिय सदस्य भी है, जिसकी पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। उसके पास से एक पिस्टल, ओडिशा लूट कांड की पांच सोने की अंगूठी, दो सोने की चेन, दो मोबाइल और एक डोंगल बरामद किया गया है।

इसी साल जनवरी में ओडिशा के अईठापल्ली थाना क्षेत्र के मन्नापुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में लगभग 28 किलो सोना लूटकांड, वर्ष 2022 में राजस्थान के उदयपुर में 24 किलो सोना लूटकांड और मध्यप्रदेश के कटनी में लगभग 17 किलो सोना लूट कांड की घटना में गिरफ्तार अपराधी वांछित था।

विकास पर दिल्ली, राजस्थान, ओडिशा, मध्यप्रदेश के साथ पटना और वैशाली के थानों में लूट, डकैती एवं आर्म्स एक्ट में कई कांड दर्ज हैं।

तनिष्क लूटकांड में पांचवां लुटेरा भी गिरफ्तार

वहीं, दूसरी ओर आरा के टाउन थाना क्षेत्र के शीश महल चाैक स्थित तनिष्क शोरूम में घटित करीब दस करोड़ रुपये मूल्य के जेवरात लूटे जाने के मामले में पांचवां लुटेरा भी पकड़ा गया।

जिला पुलिस एवं पटना एसटीएफ टीम ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार करने करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार पांचवां रॉकी उर्फ राजा मूल रूप से बांका जिले के बौंसी का बताया जा रहा है।

हालांकि, वर्तमान में वह पूर्णिया में रहता था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिह्नित कर उसे गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों की मानें तो पांचवें लुटेरे ने ही सोना के साथ गार्ड मनोज का लाइसेंसी बंदूक लूटा था। बाद में कायमनगर पुल के पास से लूटे गए गार्ड के बंदूक को लावारिस हालत में बरामद किया गया था।

बता दें कि इस केस में पूर्व में चार लुटेरों, अररिया के सूरज मंडल, वैशाली के सुमित उर्फ प्रिंस, अमित कुमार तथा अभिमन्यू उर्फ खेदू उर्फ पगला के अलावा, लाइनर विशाल सिंह, रिसीवर कुणाल,विशाल गुप्ता एवं प्रश्रय देने सूरज सिंह समेत 15 की गिरफ्तारी हो चुकी है।

जबकि, लूटकांड में संलिप्त अररिया का चुनमुन झा 22 मार्च को मुठभेड़ में मारा जा चुका है। 

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दो-तीन दिनों में इन महिला टीचरों का होगा ट्रांसफर, पुरुषों शिक्षकों को लेकर भी शिक्षा विभाग ने दी नई जानकारी

Dainik Jagran - April 5, 2025 - 10:16pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में सक्षमता परीक्षा पास महिला शिक्षकों का स्थानातंरणदो-तीन दिनों में होगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित महिला शिक्षकों के स्थानातंरण की सूची जारी की जाएगी।

इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों का स्थानातंरण होगा। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने शिक्षा की बात हर शनिवार कार्यक्रम के दौरान इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि एक लाख 90 हजार शिक्षकों ने स्थानातंरण के लिए आवेदन किया है। अंतिम में पुरुष शिक्षकों का स्थानातंरण किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया इस माह तक पूरा करने की कोशिश है।

उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में छात्रों के गणित, विज्ञान और हिंदी विषय की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि अप्रैल महीने में विद्यार्थियों के पिछली कक्षा के पाठ का पुनर्भ्यास करायें। गणित पर मुख्य फोकस किया गया है।

प्रतिदिन गृह कार्य की समीक्षा करेंगे वर्ग शिक्षक

सरकारी स्कूलों का सात अप्रैल से समय बदल जाएगा। जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों प्रधानाध्यापकों और प्रखंडों शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि नई समय -सारिणी के अनुसार कक्षा का संचालन सुबह 6.30 बजे से दोपहर 12.20 बजे तक होगा। इस दौरान स्कूलों में कुल सात घंटी पढ़ाई होगी।

सुबह 6.30 बजे से सात बजे प्रार्थना होगी। इसके बाद वर्ग का संचालन शुरू हो जाएगा। प्रत्येक घंटी 40 मिनट की होगी। पहली घंटी सुबह सात से 7.40 बजे तक, दूसरी घंटी 7.40 से 8.20, तीसरी घंटी 8.20 से नौ बजे तक चलेगी।

बीच में सुबह नौ से 9.40 बजे तक प्रारंभिक स्कूलों के बच्चे मध्याह्न भोजन करेंगे। फिर चौथी घंटी सुबह 9.40 से 10.20 बजे तक चलेगी। इसी तरह पांचवीं घंटी 10.20 से 11 बजे, छठी घंटी 11 से 11.40 तक और सातवीं और अंतिम घंटी सुबह 11.40 से 12.20 बजे तक संचालित होगी।

इसके बाद बच्चों को छुट्टी दे दी जाएगी। जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि दोपहर 12.20 से 12.30 बजे तक प्रधानाध्यापक स्तर से शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विषय की समीक्षा की जाएगी।

अगले दिन के लिए कार्य योजना एवं बच्चों को दिए गए गृह कार्य की समीक्षा एवं जांच करेंगे जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों को बच्चों को दी जाने वाली गृह कार्य पर विशेष ध्यान देना होगा।

प्रधानाध्यापक और वर्ग शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिदिन बच्चों को गृह कार्य मिले और प्रतिदिन उसकी जांच हो।

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'भारत की मदद को नहीं भूलना चाहिए', पीएम मोदी के दौरे पर क्या-क्या कह रही है श्रीलंकाई मीडिया

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:11pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं। पीएम मोदी को श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने 'मित्र विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, भारत और श्रीलंका के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर नरेन्द्र मोदी के स्वागत में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति सचिवालय गये। वहां भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद पीएम मोदी का पहला दौरा है।

A productive day in Colombo, which includes talks with President Dissanayake, different meetings and tributes at the IPKF Memorial. Here are the highlights…@anuradisanayake pic.twitter.com/f2aUy9lixR

— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025

भारत-श्रीलंका के बीच क्या-क्या हुआ समझौता?
  • भारत और श्रीलंका के बीच ऊर्जा आयात और निर्यात पर समझौता ज्ञापन।

  • भारत और श्रीलंका के बीच डिजिटल प्रौद्योगिकी पर समझौता ज्ञापन।

  • भारत-श्रीलंका-संयुक्त अरब अमीरात तीन देशों के बीच त्रिंकोमाली ऊर्जा पर समझौता ज्ञापन।
  • श्रीलंका और भारत के बीच सुरक्षा पर समझौता ज्ञापन।
  • पूर्वी प्रांत के संबंध में समझौता ज्ञापन
  • श्रीलंका और भारत के बीच स्वास्थ्य पर समझौता ज्ञापन।
  • फार्मास्यूटिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और नेशनल फार्मास्यूटिकल कॉरपोरेशन ऑफ श्रीलंका के बीच समझौता ज्ञापन।
श्रीलंकाई मीडिया में पीएम मोदी के दौरे की कैसी है कवरेज?

पीएम मोदी के दौरे को लेकर श्रीलंकाई मीडिया काफी उत्साहित दिखा। देश के प्रमुख मीडिया संस्थानों ने पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका समझौते को प्रमुखता से जगह दी है। श्रीलंका की ज्यादातर समाचार चैनल और वेबसाइटों ने पीएम मोदी के दौरे को दोनों देशों के रिश्ते के लिए अहम बताया है।

श्रीलंकाई सरकार की ओर से वित्तपोषित अखबार डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बताया है। अखबार लिखता है, "प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मकसद श्रीलंका और भारत के बीच दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करना है।"

डेली न्यूज़ ने पीएम मोदी के दौरे पर स्पेशल सप्लीमेंट प्रकाशित किया।

'भारत-श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध'

अखबार ने अपने एक संपादकीय में पीएम मोदी के दौरे और भारत-श्रीलंका के साथ अतीत के रिश्ते पर रोशनी डाली है। 'Premier Modi’s Lankan visit' सुर्खी से प्रकाशित संपादकीय में लिखा गया, "भारत और श्रीलंका के बीच संबंध हमेशा सहज नहीं रहे हैं। भू-राजनीतिक हितों ने दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़े भाई के तौर पर, ऐसे समय भी आए जब भारत ने अपने छोटे पड़ोसी के खिलाफ सख्त रवैया भी अपनाया। बेशक, ये सब अतीत की बात है। तब से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है, आज भारत और श्रीलंका के घनिष्ठ संबंध हैं और भारत अपनी उदार सहायता भी दे रहा है। हमें श्रीलंका में तीन दशक से चल रहे युद्ध को समाप्त करने में भारत द्वारा दी गई सहायता को नहीं भूलना चाहिए।"

अखबार आगे लिखता है, "यह दोनों पक्षों के बीच अब मौजूद मज़बूत रिश्तों का सार है, जो रास्ते में आई कई रुकावटों के बाद भी कायम है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस बंधन को और मज़बूत बनाती है। भारत आज व्यावहारिक रूप से दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों में से एक है और श्रीलंका को इसका लाभ तभी मिल सकता है जब वह अपने विशाल पड़ोसी के साथ सभी मामलों में घनिष्ठता बिठा कर रखें।"

'पीएम मोदी का दौरा एक बड़ा इवेंट'

डेली मिरर नाम की मशहूर अखबार ने अपनी वेबसाइट के प्रमुख पन्ने पर पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी कम से कम दस खबरें लगाई हैं। पीएम मोदी के दौरे को लेकर अखबार ने लिखा है कि ये दौरा अपने आप में एक बड़ा इवेंट है।

अखबार ने एक रिपोर्ट में रक्षा सचिव संपत थुयाकोंथा के हवाले से लिखा, "भारत-श्रीलंका रक्षा साझेदारी श्रीलंका के लिए एक अमूल्य संपत्ति रही है और आगे भी रहेगी। भारत श्रीलंका समझौता के तहत की जाने वाली कोई भी सहयोगात्मक गतिविधियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं के मुताबिक होंगी और इनका श्रीलंका या भारत के घरेलू कानूनों और राष्ट्रीय नीतियों के साथ कोई टकराव नहीं होगा।"

'जब देश दिवालिया हो गया था, तब भारत ने...'

प्रतिष्ठित अखबार लंकादीपा ने पीएम मोदी और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा को रिपोर्ट किया है। अखबार लिखता है, भारतीय पीएम ने श्रीलंका के विपक्ष के नेता से मुलाकात की और राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों व्यापक चर्चा की।"

अखबार ने साजिथ प्रेमदासा के हवाले से लिखा, "जब हमारा देश दिवालिया हो गया था, तब भारत इकलौता ऐसा देश था जिसने हमारे देश की सहायता की थी। इस रिश्ते को संजो कर रखना चाहिए। दोनों देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करना चाहिए और अपनी एकता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।"

अखबार वीरकेसरी ने पीएम मोदी की तमिल मूल के लोगों के साथ मुलाकात की प्रमुखता से छापा है। अखबार ने पीएम मोदी के भाषण के अंश को छापते हुए लिखा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहाड़ी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में कहा कि भारत उन तमिल लोगों के लिए 10,000 घरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का समर्थन करेगा, जिन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि के रूप में अपनाया है।

இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுடன் சுமூகமான சந்திப்பு இடம்பெற்றிருந்தது. இச்சமூகத்தினர் 200 ஆண்டுகளுக்கும் மேலாக இரு நாடுகளுக்குமான ஒரு வாழும் உறவுப் பாலமாக திகழ்கின்றனர். இலங்கை அரசாங்கத்துடனான ஒத்துழைப்புடன் இந்தியாவை பூர்வீகமாக கொண்ட தமிழ் மக்களுக்காக 10000 வீடுகள்,… pic.twitter.com/F9FzmtWuho

— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025

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वोटर लिस्ट की खामियों का होगा परमानेंट इलाज, चुनाव आयोग ने बनाया खास प्लान; जानिए कैसे बंद होगी धांधली

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:03pm

अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की मुहिम में जुटे चुनाव आयोग ने इसे तैयार करने की प्रक्रिया में कई अहम सुधार किए है। इसमें मतदाता सूची में नामों के जोड़ने या हटाने पर पैनी नजर रखने के साथ यदि एक ही पते पर दस से अधिक मतदाताओं के नाम दर्ज है, तो मौके पर टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।

प्रत्येक जिले में मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक पर्यवेक्षक की भी तैनाती दी जाएगी। जो मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने व सुधार से जुड़े ढाई सौ फॉर्मों की औचक जांच भी करेगा। इनमें सौ-सौ फॉर्म जोड़ने व हटाने वाले होंगे जबकि पचास फॉर्म मतदाता सूची में सुधार से जुड़े होंगे।

उपचुनाव से पहले तैयारी शुरू

मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार को लेकर उठाए गए इन कदमों पर आयोग ने अमल भी शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब व जम्मू- कश्मीर सहित छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों के होने वाले उपचुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण से की है।

आयोग ने इसके साथ ही मतदाता सूची से जुड़ी जांच की व्यवस्था को और सख्त किया है। जिसमें बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के काम-काज को जिन अन्य आधारों पर जांच जाएगा, उनमें लिंगानुपात में बदलाव सहित ऐसे 20 मतदान केंद्र की मतदाता सूची को भी जांचा जाएगा, जहां सबसे अधिक नाम हटाए व जोड़े गए है।

ईआरओ व एईआरओ करेंगे निरीक्षण
  • इस नई व्यवस्था के तहत बीएलओ के किए गए एक प्रतिशत कामों को एईआरओ जांचेगा। एईआरओ की ओर से निस्तारित किए गए फार्मों में दस प्रतिशत फार्मों को औचक रूप से जांच ईआरओ (मतदाता पंजीयन अधिकारी) करेगा। जो प्रत्येक विधानसभा स्तर पर तैनात होता है। वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) भी औचक रूप से पचास फॉर्मों को जांचेगा। इनमें 20- 20 फॉर्म नामों को जोड़ने व हटाने वाले होंगे, जबकि दस फॉर्म नामों में सुधार से जुड़े होंगे।
  • इसके बाद राज्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के स्तर पर भी 250 फॉर्मों को औचक रूप से जांचा जाएगा। इनमें सौ-सौ जोड़ने, हटाने व पचास सुधार से जुड़े फॉर्म होंगे। आयोग ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर उस पर विपक्ष की ओर से गंभीर आरोप लगाए जा रहे है। यह बात अलग है कि मतदाता सूची तैयार होने के दौरान राजनीतिक दलों की ओर से कोई शिकायतें नहीं आती है। पिछले आम चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान देश भर से मतदाता सूची में गडबड़ी से जुड़े कुल 89 मामले सामने आए थे और ये सभी अकेले महाराष्ट्र से थे।

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समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल... भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन कल; जानिए क्यों खास है पंबन पुल

Dainik Jagran - National - April 5, 2025 - 10:00pm

एएनआई, चेन्नई। रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।

(फोटो: एएनआई)

यह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।

2.5 किलोमीटर से भी लंबा ब्रिज

वैष्णव ने नवंबर, 2024 में एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था, '1914 में निर्मित, पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा। दिसंबर, 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया। इसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया जो कनेक्टिविटी के एक नए युग को चिह्नित करता है।'

(फोटो: पीटीआई)

यह पुल 2.5 किमी से अधिक लंबा है और इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया गया। इसे तेज ट्रेनों और बढ़े हुए ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धिरामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला नया पंबन पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है।

कम मेंटेनेंस की होगी जरूरत
  • इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है। वर्टिकल लिफ्ट स्पैन का वजन 660 मीट्रिक टन है। इससे निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करते हुए जहाजों की सुचारू आवाजाही की सुविधा मिलती है। स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है।
  • इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है। विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह पुल भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के प्रतीक के रूप में खड़ा है और यह रामेश्वरम के पवित्र द्वीप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी।

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Bihar: 'मस्जिद एवं चर्च को सरकार अपने नियंत्रण में ले', VHP ने कहा- मंदिरों के साथ हो रहा भेदभाव

Dainik Jagran - April 5, 2025 - 9:29pm

राज्य ब्यूरो, पटना। रामनवमी से पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का एक शिष्टमंडल शनिवार को केंद्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा से मिला।

केंद्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने उपमुख्यमंत्री से आग्रह पूर्वक कुछ बिंदु पर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि वर्तमान में केवल हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी प्रशासनिक नियंत्रण है, जबकि मस्जिदें एवं चर्च स्वतंत्र रूप से उनके धार्मिक संगठनों द्वारा संचालित किए जाते हैं।

उन्होंने उपमुख्यमंत्री से कहा कि यह एक असमान और अन्यायपूर्ण व्यवस्था है, जिसे जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए।

विहिप ने कहा- मंदिरों के साथ भेदभाव क्यों?

केंद्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने यह भी कहा कि संविधान के अनुसार, सभी धर्मों को समान अधिकार प्राप्त हैं। यदि मस्जिदें एवं चर्च सरकारी नियंत्रण से मुक्त रह सकते हैं, तो मंदिरों के साथ भेदभाव क्यों?

यह नीति संविधान की धर्मनिरपेक्षता की भावना के विपरीत प्रतीत होती है। अन्य धर्मस्थलों को इस प्रकार की किसी बाध्यता का सामना नहीं करना पड़ता। यह समानता के आर्थिक अधिकारों का हनन है।

उन्होंने कहा कि विहिप मांग करती है कि मस्जिदों एवं चर्चों सरकारी नियंत्रण में लेने की दिशा में आवश्यक कानून बनाए जाएं। शिष्टमंडल में विहिप के केंद्रीय मंत्री अम्बरीष, क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल, क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद ,प्रान्त मंत्री संतोष आदि सम्मिलित थे।

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Sitharaman denies 'One Nation One Poll' claim

Business News - April 5, 2025 - 8:52pm
Union Finance and Corporate Affairs Minister Nirmala Sitharaman on Saturday dismissed the false propaganda surrounding the 'One Nation, One Election' concept, clarifying that it will not be implemented in the upcoming elections. Speaking at an event near here, she noted that around Rs 1 lakh crore was spent during the 2024 Lok Sabha elections, and such a massive expenditure could be saved through simultaneous elections. "If simultaneous elections are held for electing the members of Parliament and Assembly, about 1.5 per cent growth will be added to the country's GDP. In value terms, Rs 4.50 lakh crore will get added to the economy. This is a black and white example of One Nation One Election' concept", she said. Sitharaman accused certain parties of "spreading a false campaign" on the 'One Nation One Election' initiative, blindly opposing it. She clarified that simultaneous polls are planned to take place only after 2034 and the groundwork is being laid now for the then President to give his assent. "This concept was widely discussed on several occasions. It was not something introduced by the Prime Minister Narendra Modi. This' One Nation One Election' was in existence till the 1960s. Instead of blindly opposing it, if it has been supported considering its benefit, the 'One Nation One Election' concept will make the country move forward," the union minister remarked. Sitharaman claimed that the late DMK Patriarch M Karunanidhi had supported the 'One Nation One Election' concept, but his son and the current Chief Minister (M K Stalin) is not following in his father's footsteps and instead opposing it. Sitharaman reiterated that the 'One Nation One Election' concept was not someone's "pet" project, but has been planned considering the welfare of the country. In her about 30 minute speech, the Union Minister clarified that simultaneous polls refers to conduct of Parliamentary and Assembly polls and not local body elections. "There has been talk that simultaneous polls referring to elections will be conducted even at that Municipality level. It is not. It only pertains to the conduct of Parliamentary and Assembly polls together" she said. She recalled that in the 1961-1970s three elections were conducted within 10 years in five states, including Kerala, Uttar Pradesh, Punjab, Bihar and West Bengal. Again, in the 1971 to 1980s, four elections were conducted in more than 14 States within 10 years. Drumming up support for ONOE, Sitharaman said frequent conduct of Parliamentary and Assembly polls disrupts public welfare administration and affects developmental activities when the Model Code of Conduct is enforced. "For example, even if an ambulance has to pass through a vital road, if the road has been laid but was not inaugurated due to implementation of model code of conduct, in view of elections, it gets affected," she said. She clarified that she was not opposed to the implementation of Model Code of Conduct (MCC) but at the same time, a project gets stalled and one has to wait until the MCC is lifted. Another important aspect of holding simultaneous polls is that nearly Rs 12,000 crore would be saved to the exchequer, she said and added that such a huge sum can be used for various people welfare schemes instead of spending in elections. "A Parliamentary Standing Committee comprising MPs from all the parties participated in a discussion on simultaneous polls and recommended it and again in 2018, Niti Ayog suggested conducting One Nation, One Election concept," she said. In 2019, another all party meeting was convened on holding One Nation, One Election in which out of 19 political parties, 16 of them approved it while CPM, RSP and AIMIM from Hyderabad opposed it. Sitharaman also referred to deployment of para-military forces as in the 2019 elections, several lakhs of personnel were involved in poll related activities instead of carrying out their regular work while 25 lakh election administrative officials participated in the conduct of the polls in 12 lakh booths. With the implementation of One Nation, One Election, voter percentage would also increase in states, she added.
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