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Waqf Bill: वक्फ विधेयक पर संसद की मुहर, दोनों सदनों में आसानी से हुआ पास; कानून बनने से अब एक कदम दूर

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 7:01am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ विधेयक पर संसद ने अपनी मुहर लगा दी है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को 12 घंटे से अधिक चली मैराथन बहस के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।

विधेयक पर विपक्ष की ओर से कई संशोधन पेश किए गए

विधेयक पर विपक्ष की ओर से कई संशोधन पेश किए गए, जिसे सदन ने खारिज कर दिया। दोनों सदनों से पारित होने के बाद इसे तुरंत ही राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा। विधेयक पारित करने के लिए लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी आधी रात के बाद तक कार्यवाही चली।

राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और इसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। फिर भी हमने इसमें गैर-मुस्लिमों की संख्या सीमित कर दी है। वक्फ विधेयक से मुसलमानों को हम नहीं डरा रहे, बल्कि विपक्षी पार्टियां डरा रही हैं।

वक्फ बोर्ड असंवैधानिक नहीं है

उन्होंने पूछा कि मुसलमानों में गरीबी ज्यादा है, तो उन्हें गरीब किसने बनाया? आपने बनाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो सबका साथ, सबका विकास की बात की है, वही तो संविधान की भावना है। वक्फ बोर्ड असंवैधानिक नहीं है।

राज्यसभा में विधेयक को लेकर वैसे तो भारी हंगामा और विपक्ष के कड़े विरोध की उम्मीद थी, लेकिन लोकसभा में विधेयक पारित होने और सरकार की ओर से विधेयक को मुस्लिमों के हित में होने को लेकर जिस तरह के तर्क दिए गए, उससे शायद विपक्ष के हौसले थोड़े पस्त थे। यही वजह थी कि सदन में विधेयक पेश होने के दौरान विपक्ष ने किसी तरह की टोकाटाकी या शोरशराबे से भी परहेज किया।

विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष की अधिकांश सीटें खाली दिखीं

इतना ही नहीं, विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष की अधिकांश सीटें खाली दिखीं, जबकि सत्ता पक्ष की सीटें खचाखच भरी हुई थीं। इस दौरान लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह मोर्चा संभाले दिखे।

चर्चा के दौरान उन्होंने कई बार खड़े होकर न सिर्फ हस्तक्षेप किया, बल्कि विपक्ष को आईना भी दिखाया। ट्रिब्यूनल पर बोल रहे कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन को उन्होंने बीच में टोका और कहा कि अब तक ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती थी। नए विधेयक में हम इसे लेकर आए हैं।

जेपी नड्डा ने विपक्ष पर बोला हमला

भाजपा अध्यक्ष और सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में मुस्लिम महिलाओं को दोयम दर्जे की नागरिक बना दिया था। मिस्त्र, सूडान, बांग्लादेश और सीरिया जैसे मुस्लिम देशों में कई साल पहले तत्काल तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक दशक तक सत्ता में रहने के दौरान मुस्लिम महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। इससे पहले राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए रिजीजू ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि मुस्लिमों के अधिकार छीने जा रहे हैं।

रिजीजू ने विधेयक की खूबियां गिनाईं

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कानून का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाना और सभी मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना है। कहा कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ बिल्कुल नहीं है, बल्कि उनका उत्थान करने वाला है। रिजीजू ने जहां विधेयक की खूबियां गिनाईं, वहीं विपक्ष की ओर से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का भी जवाब दिया।

यह विधेयक गरीब व पिछड़े मुस्लिमों के लिए

कहा कि यह विधेयक गरीब व पिछड़े मुस्लिमों और उनके परिवारों के विकास का रास्ता खोलने वाला है। इसलिए इसका नाम उम्मीद रखा गया है। उन्होंने उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) का पूरा नाम भी पढ़कर बताया। कहा कि वैसे भी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को विकसित बनाने की बात करते हैं, तो उससे मुस्लिम अलग नहीं हैं।

वक्फ बोर्डों पर मनमाने व्यवहार का आरोप

रिजीजू ने वक्फ बोर्डों पर मनमाने व्यवहार का आरोप लगाया और कहा कि दिल्ली के भीतर मौजूद शहरी विकास मंत्रालय व दिल्ली विकास प्राधिकरण की 123 संपत्तियों पर वक्फ अपना दावा कर रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कल वक्फ संसद भवन पर भी दावा पेश कर दे। उन्होंने केरल और तमिलनाडु के कुछ और उदाहरण भी गिनाए।

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D-Street has worries, but losses stay limited

Business News - April 4, 2025 - 5:40am
Mumbai: India's equity indices weakened on Thursday in response to the reciprocal tariffs by the US, but losses were limited as investors judged that the impact of the move on the economy would be mixed. Auto and IT shares were the laggards, while power, pharma and consumption stocks remained steady. NSE's Nifty fell 82.25 points, or 0.35%, to close at 23,250.1. BSE's Sensex declined 322.08 points, or 0.4%, to end at 76,295.36. Both had fallen as much as almost 1% earlier in the day. Elsewhere in Asia, Japan tumbled 2.8%, China declined 0.2%, Hong Kong fell 1.5%, South Korea declined 0.8%, and Taiwan rose 0.1%. The pan-Europe index Stoxx 600 was down 2.3% at the time of going to print. Foreign portfolio investors extended their selling streak for the third straight day, offloading shares worth ₹2,806 crore on Thursday. Domestic institutions were buyers worth ₹221.5 crore.The broader markets remained steadier, with the Nifty Midcap 150 gaining 0.2% and Nifty Small-cap 250 advancing 0.7% on Thursday.Out of the total 4,123 stocks traded on BSE, 2,788 advanced and 1,212 declined at close.The Nifty Volatility Index, or VIX, fell 0.9% to 13.6 levels, indicating some relief among traders in the near term.
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IT stocks tumble as outlook turns hazy

Business News - April 4, 2025 - 5:36am
Mumbai: Information Technology stocks slumped by as much as 10% on Thursday amid renewed inflation concerns in the US, following President Donald Trump's announcement of long-anticipated reciprocal tariffs.The Nifty IT index tumbled 4.2% - the biggest loser among sector indices. Shares of Persistent Systems plunged 10%, while Coforge dropped nearly 8%. TCS, Infosys, Wipro, Mphasis, LTIMindtree, and HCL Technologies declined between 3% and 4%.As part of a sweeping overhaul of global trade policies, the US has imposed a 26% tariff on Indian goods, replacing a system that had been in place for over 75 years. Although these tariffs do not directly impact the IT sector, they are expected to fuel inflationary pressures in the US and higher inflation could prompt American businesses to scale back spending, including cuts to technology and IT budgets."While Indian IT is not directly impacted by the tariff order, three factors will likely influence IT spending - higher US inflation, US GDP growth cuts, and crimping of corporate profits. This, combined with uncertainty, is negative for client decision-making and could result in a slower start to FY26, making a moderate improvement also challenging," said Ashwin Mehta, Head of Equity Research at Ambit Capital. Indian IT companies account for 50-70% of their revenues from the US.Given that Indian IT firms generate a significant portion of their revenue from US clients, any reduction in tech expenditures could weigh heavily on their growth prospects.Devarsh Vakil, Head of Prime Research, HDFC Securities, does not expect immediate downgrades in IT sector, however, believes that a cautious commentary and potential downgrades can be expected in the coming months. He suggests investors to not make drastic moves as the single-digit growth in IT companies is already factored into their valuations. The brokerage house is maintaining a cautious stance and is underweight on the sector.
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Waqf Amendment Bill: राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन विधेयक, पक्ष में पड़े 128 वोट विपक्ष में 95

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 3:02am

 पीटीआई, नई दिल्ली। वक्फ बिल लोकसभा से आसानी से पारित होने के बाद राज्यसभा से भी आसानी से पारित हो गया। बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। इस दौरान, इसने बिल का विरोध करने वाले दलों की कमजोरी को उजागर कर दिया।

बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली

राज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। अब विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाना आवश्यक होगा।

जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।

जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर बोला हमला

गुरुवार को उच्च सदन में बोलते हुए जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का जोरदार बचाव किया और राष्ट्रीय हितों की रक्षा और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सुधार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, जिससे गरीब मुसलमानों का कल्याण होना चाहिए।

ओम बिरला ने कही ये बात

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि विधायी प्रारूपण किसी भी कानून की आत्मा है और उन्होंने कानून में स्पष्टता और सरलता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कानून समाज और लोगों को लंबे समय तक प्रभावित करते हैं; उन्हें आम लोगों के लिए समझने में स्पष्ट और सरल होना चाहिए।

यह भी पढ़ें- वक्फ बिल से मुस्लिमों के धार्मिक कार्यों पर असर नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने किया विधेयक का समर्थन

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वक्फ बिल से मुस्लिमों के धार्मिक कार्यों पर असर नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने किया विधेयक का समर्थन

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 2:30am

 एएनआइ, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने लोकसभा में नए वक्फ संशोधन बिल, 2025 की सराहना करते हुए कहा कि इससे मुस्लिम धार्मिक रीति-रिवाजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

देवगौड़ा ने खुलकर नए वक्फ बिल का पूरा समर्थन किया

एक आधिकारिक बयान के अनुसार राज्यसभा में वयोवृद्ध नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने खुलकर नए वक्फ बिल का पूरा समर्थन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुसलमानों के धार्मिक कार्यों में किसी भी तरह से दखल नहीं देता है। लेकिन संशोधन बिल राजस्व और प्रशासनिक मामलों से कड़ाई से निपटता है। यह बात याद रखना जरूरी है।

बोर्ड फिलहाल 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करता है

उन्होंने विधेयक को स्पष्ट करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियों को प्रशासनिक रूप से नियमित करने का उद्देश्य है। बोर्ड फिलहाल 8.7 लाख संपत्तियों को नियंत्रित करता है जबकि देश भर में ऐसी कुल 9.4 लाख संपत्तियां हैं। कुप्रबंधन के चलते ऐसी संपत्तियों की कुल कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित संपत्ति हो गई है।

विधेयक से गरीब मुसलमानों की रक्षा होगी

उन्होंने कहा कि इस विधेयक से गरीब मुसलमानों की रक्षा उनके ही तबके के अमीरों से की जाती है। उनके साथ न्याय हो इसके लिए संशोधन बिल को संविधान की मूल भावना के अनुरूप ढाला गया है। देवगौड़ा ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह मुसलमानों समेत सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे। मुसलमान नागरिक भी इस देश के अन्य नागरिकों जैसे ही हैं।

देवगौड़ा ने बिल की पारदर्शिता की सराहना की

उन्होंने वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सरासर संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है। 'एक बार वक्फ तो हमेशा के लिए वक्फ' इससे मेल नहीं खाता है। देवगौड़ा ने बिल की पारदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियां अब सामुदायिक सेवा के लिए काम आएंगी।

श की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े सरकार- खरगे

खरगे ने अपील के रूप में सरकार को चेताया भी कि वह देश की शांति और सौहार्द को न बिगाड़े। बिल पर उच्च सदन में चर्चा में देर शाम भाग लेते हुए खरगे ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक और भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ है। इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने के बजाय सरकार को बिल वापस ले लेना चाहिए।

खरगे ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार इसके बहाने वक्फ की जमीनें हथियाने की कोशिश कर रही है। ये जमीनें कारपोरेट समूहों को दी जाएंगी। खरगे ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली कुछ योजनाओं को बंद कर दिया गया है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कर दी भविष्यवाणी

चर्चा के दौरान कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने तो यह भविष्यवाणी कर दी कि अगर यह विधेयक पारित होकर कानून बनता है तो अगले कुछ वर्षों में न्यायपालिका से खारिज हो जाएगा। सिंघवी की इस बात से गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह दावा करना संसद की सर्वोच्चता और संप्रभुता पर सवाल खड़े करना है और एक संसद सदस्य को ऐसा नहीं करना चाहिए।

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Telangana: तेलंगाना में रैगिंग के आरोप में मेडिकल के तीन छात्र निलंबित, पीड़ित से मांगा UPI पिन

Dainik Jagran - National - April 4, 2025 - 2:30am

पीटीआई, हैदराबाद। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज के तीन छात्रों को एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक छात्र की रैगिंग करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू

कॉलेज की प्रिंसिपल ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को एंटी रैगिंग समिति की बैठक के बाद तीन छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई। आरोपितों में तृतीय वर्ष के एक और द्वितीय वर्ष के दो छात्र शामिल हैं।

छात्रावास से निष्कासित आरोपी

कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि एंटी रैगिंग कमेटी ने तीनों छात्रों पर जुर्माना भी लगाया है। उन्हें कॉलेज में शैक्षणिक गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया है तथा एक से तीन महीने के लिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया है। पुलिस ने तीनों छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जूनियर छात्र ने इन सीनियर छात्रों पर 25 मार्च को संस्थान के छात्रावास के कमरे में रैगिंग करने का आरोप लगाया था। पुलिस को दी गई शिकायत में प्रथम वर्ष के एमबीबीएस छात्र ने दावा किया कि सीनियरों ने उसे अपमानित किया। एक सीनियर ने उसे बेल्ट से पीटा और थप्पड़ मारे।

सीनियरों ने उसका यूपीआइ पिन भी मांगा

सीनियरों ने उसका यूपीआइ पिन भी मांगा और जब उसने मना कर दिया तो उन्होंने उसे फिर से पीटा। तीनों छात्रों ने उसे एयर चेयर के लिए भी मजबूर किया। एयर चेयर में इस प्रकार बैठना होता है मानो किसी अदृश्य कुर्सी पर बैठना

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Bihar: पुलों के रखरखाव के लिए बिहार सरकार ला रही नई नीति, तकनीकी सर्वेक्षण के बाद होगी मरम्मत

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 12:08am

राज्य ब्यूरो, पटना। पुल मेंटेनेंस पॉलिसी को अब जल्द ही राज्य कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा। इस पॉलिसी के तहत पुलाें की मरम्मत पर अभी तुरंत काम आरंभ नहीं होगा।

इसके लिए वृहत स्तर पर पुलों का तकनीकी सर्वे होगा। तकनीकी सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें नंबर दिया जाएगा। उस नंबर के आधार पर यह तय होगा कि कौन से पुल पर तुरंत काम करने की जरूरत है।

किस पुल की मरम्मत के लिए अभी ठहरा जा सकता है। सर्वे के काम में कम से कम छह माह का समय लगेगा। आरंभिक स्तर पर सर्वे का काम पूरा हो चुका है।

पुलों के इन हिस्सों पर होगा तकनीकी सर्वे

पुलों के तकनीकी सर्वे के क्रम में उसके एक्सपेंशन ज्वाइंट, फांउडेशन, रेलिंग, स्ट्रक्चर, सुपर स्ट्रक्चर और बियरिंग आदि की मुख्य रूप से जांच होगी। संबंधित विशेषज्ञ इसकी रैंकिंग करेंगे।

एक से दस नंबर देकर यह तय होगा कि कौन से पुल के किस हिस्से की मरम्मत कब तक करनी है। एक साथ सभी पुलों की मरम्मत पर काम आरंभ नहीं होना है।

ओपीआरएमसी के तहत एक लेबल में लाकर आरंभ होगा रख रखाव

सड़कों के रख रखाव काम जिस ओपीआरएमसी पॉलिसी के तहत हो रहा, उसमें यह प्रविधान है कि उसे एक लेबल पर लाया जाता है। उसके बाद उसे रखाव के लिए बने पैकेज में शामिल किया जाता है।

पुलों के लिए बनी मेंटेनेंस पॉलिसी में भी इस बात का जिक्र है। पुलों की गड़बड़ी को एक लेबल पर लाकर उसके रख रखाव पर काम आरंभ होना है।

एक क्लिक मिल जाएगी पुलों की संपूर्ण कुंडली

पुलों का संपूर्ण तकनीकी सर्वे इसके लिए बने पोर्टल पर अपलोड रहेगा। एक क्लिक पर यह जानकारी मिल सकेगी कि किस पुल के कौन से हिस्से मे गड़बड़ी है। सर्वे के साथ ही यह डाटा तस्वीर के साथ अपलोड होता जाएगा।

सभी डिवीजनों में बने पुल के लिए अलग-अलग शीर्ष से जानकारी मिलेगी। इसी के आधार पर पुलों के रख रखाव का काम आगे बढ़ाया जाएगा।

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Chaiti Chhath Puja 2025: उदयगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होगा छठ महापर्व, बन रहा ये खास संयोग

Dainik Jagran - April 3, 2025 - 11:30pm

जागरण संवाददाता, पटना। गुरुवार की शाम लाखों व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। दोपहर तीन बजे से छठ व्रती व उनके परिजन शहर स्थित गंगा घाटों पर अर्घ्य देने के लिए पहुंचने लगे थे।

परिजन, पड़ोसी, मित्र आदि माथे पर दउरा, केला, ईख, नारियल लेकर चलते रहे। गांधी मैदान, बांस घाट , कलेक्ट्रेट घाट, दीघा घाट समेत शहर के 41 घाटों सात तालाबों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ परिवार की कुशलता के लिए सूर्य देव से प्रार्थना की।

घरों से लेकर घाटों तक आस्था, उत्साह और उल्लास का माहौल दिखा। व्रतियों व उनके परिजनों ने शाम 6.10 बजे से अर्घ्य देना शुरू कर दिया और फिर देर शाम तक लोग अपने घरों को लौटते रहे। शुक्रवार की सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे और पारण के साथ महापर्व संपन्न होगा।

ग्रह-गोचरों का बना रहा संयोग

लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने गुरुवार की रोहिणी नक्षत्र और आयुष्मान योग में घरों से लेकर घाटों तक, पार्कों से लेकर कृत्रिम तालाब और जलाशय में भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की।

चैत्र शुक्ल सप्तमी को मृगशिरा नक्षत्र, शोभन याेग और रवियोग के सुयोग में छठ व्रती प्रत्यक्ष देव भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर चार दिवसीय महापर्व संपन्न करेंगे।

व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास का शुक्रवार को समापन होगा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती एक दूसरे को मंगल टीका लगा कर शरबत, चाय, दूध पीने के बाद व्रत का पारण करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ की परंपरा ऋग्वैदिक काल से चली आ रही है।

सूर्य को अर्घ्य देने से यश, बल और बुद्धि में वृद्धि 

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य जल में रक्त चंदन, लाल फूल, इत्र के साथ ताम्रपात्र में आरोग्य के देवता सूर्य को अर्घ्य देने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है। महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सूर्य को दूध का अर्घ्य देना चाहिए।

प्रत्यक्ष देवता सूर्य को जल में गुड़ मिलाकर अर्घ्य देने से पुत्र और सौभाग्य का वरदान व कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं।

सूर्य देव की मानस बहन हैं षष्ठी देवी

षष्ठी देवी (छठी मैया) भगवान सूर्य की मानस बहन हैं । प्रकृति के षष्टम अंश से षष्ठी माता उत्पन्न हुई हैं। उन्हें बालकों की रक्षा करने वाले भगवान विष्णु द्वारा रची माया भी माना जाता है।

बालक के जन्म के छठे दिन भी षष्ठी मईया की पूजा की जाती है, ताकि बच्चे दीर्घायु और निरोग रहें। एक अन्य आख्यान के अनुसार कार्तिकेय की शक्ति हैं षष्ठी देवी। षष्ठी देवी को देवसेना भी कहा गया है। सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्यता, सौभाग्य व संतान के लिए किया जाता है।

स्कंद पुराण के मुताबिक राजा प्रियव्रत ने भी यह व्रत रखा था। उन्हें कुष्ठ रोग हो गया था। भगवान भास्कर से इस रोग की मुक्ति के लिए उन्होंने छठ व्रत किया था। स्कंद पुराण में प्रतिहार षष्ठी के तौर पर इस व्रत की चर्चा है।

दूरी पर भारी पड़ी आस्था

शहर के कई घाटों पर गंगा किनारे से दो तीन किलोमीटर दूर चले जाने से व्रतियों को पैदल ही घाट तक जाना पड़ा। इन दूरी पर आस्था भारी पड़ी।

महेंद्रु, कलेक्ट्रेट, बांसघाट, कुर्जीघाट और दीघा घाट पर व्रतियों को डेढ़ से दो किमी तक अंदर जाना पड़ा। कई घाटों पर वाहन जाने और उनके पार्किंग की भी व्यवस्था की गई थी। व्रतियों की सुविधा के लिए कई घाटों पर बैरिकेडिंग की गई थी।

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