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Bihar News: राजद-कांग्रेस शासन में पैदा होते थे माफिया, लेकिन हमने...; डिप्टी CM ने विपक्ष पर साधा निशाना

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 2:37pm

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश के डिप्टी सीएम और खनन एवं भूतत्व मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस शासन काल में बिहार में माफिया पैदा होते थे। आज एनडीए की सरकार में उन्हीं माफियाओं को व्यापार करने का मौका दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बिहार में आज गोली नहीं कानून का डंडा चल रहा है। मंत्री सिन्हा शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे।

3569 करोड़ की राजस्व वसूली

उन्होंने कहा कि जिस माफिया को लेकर बिहार और खान एवं भूतत्व विभाग बदनाम था, आज उसी विभाग ने वर्ष 2024-25 में राजस्व प्रति में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। विभाग ने 3500 करोड़ के विरुद्ध 3569 करोड़ की राजस्व वसूली की है।

लक्ष्य के विरुद्ध 114 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति

यह स्थिति तब है जब राज्य में नई खनन नीति प्रभावित होने के करीब 25% घाटा विभाग को वापस कर दिया गया है। बावजूद इसके विभाग ने लक्ष्य के विरुद्ध 114 प्रतिशत राजस्व प्राप्त किया है।

बालू खनन के बाद उसे गंतव्य तक पहुंचाने में जाम, नो एंट्री जैसी समस्याओं को विभाग ने दूर किया है। पर्यावरण स्वीकृति कानून में जो जटिलताएं थी उन्हें भी दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं।

बिना गोली और नरसंहार के मिली सफलता

मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 21-22 की अपेक्षाकृत 24-25 में विभाग ने दोगुना राजस्व वसूला है। वह भी बिना गोली चले, बिना नरसंहार के यह सफलता प्राप्त की गई है।

नई खनन नीति प्रभावित होने के बाद ओवरलोडिंग के मामले काफी कम हो गए हैं। इसके साथ ही अवैध खनन की सूचना देने वालों को पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई है, जिसकी वजह से राजस्व संग्रहण में काफी सुधार आया है।

मंत्री ने इस दौरान सभी कार्य विभागों को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अवैध लघु खनिजों का प्रयोग बंद कर दें नहीं तो पकड़े जाने पर 25 गुना जुर्माना लगाया जाएगा।

आगे आने वाले दिनों में कार्य विभाग के चालानों की जांच भी शुरू की जाएगी डिप्टी सीएम ने इस बात की भी घोषणा की। विभागों को लघु खनिज के इस्तेमाल के विरुद्ध वैध चालान सरकार को देने होंगे। प्रेस कांफ्रेंस में विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल समेत दूसरे अन्य अधिकारी उपस्थित रहे

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रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, अब आसानी से मिल जाएगा खोया या चोरी हुआ मोबाइल फोन! पढ़ें पूरी डिटेल

Dainik Jagran - April 4, 2025 - 2:14pm

जागरण संवाददाता, पटना। रेल यात्रियों के खो गए या गायब मोबाइल फोन को ढूंढ़ निकालने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दूरसंचार विभाग से हाथ मिलाया है। इसके तहत आरपीएफ ने दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल के साथ सफल साझेदारी की है। नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) में एक पायलट प्रोग्राम की सफलता के बाद यह पहल की गई है।

भारतीय रेल द्वारा इस पहल को पूरे भारत में लागू किए जाने के बाद करोड़ों रेल यात्रियों को फायदा मिलेगा। अपना गुम मोबाइल फोन प्राप्त करने के लिए यात्री इसकी रिपोर्टिंग रेल मदद या 139 डायल के जरिए कर सकते हैं। यदि यात्री एफआईआर दर्ज नहीं कराना चाहते, तो उन्हें सीईआईआर पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराने का भी विकल्प मिलेगा।

सीईआईआर पंजीकरण का विकल्प चुनने पर आरपीएफ की जोनल साइबर सेल शिकायत को सीईआईआर पोर्टल पर दर्ज करेगी और आवश्यक विवरण दर्ज करने के बाद डिवाइस को ब्लाक करेगी।

अगर नई सिम के साथ खोए हुए फोन का पता चलता है, तो डिवाइस के उपयोगकर्ता को निकटतम आरपीएफ पोस्ट पर लौटाने की सलाह दी जाएगी। इसके बाद मोबाइल का असली उपयोगकर्ता आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करके अपना फोन वापस पा सकता है।

गायब हुए फोन का ब्लॉक किया जा सकेगा आईएमईआई नंबर

सीईआइआर पोर्टल के ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत के मौके पर रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि "दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर सीईआईआर पोर्टल को संचालित करने की आरपीएफ की साझेदारी रेलवे सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सीईआईआर पोर्टल, दूरसंचार विभाग द्वारा शुरू किया गया है।

यह मोबाइल फोन को पुनर्प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो खोए या चोरी हुए उपकरणों को ब्लॉक करने, ट्रैक करने और प्रबंधित करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसके जरिए आरपीएफ अब खोए/गायब हुए मोबाइल फोन को उनके आईएमईआई नंबर को ब्लाक करके बेकार कर सकेगा, जिससे इन उपकरणों के अवैध कब्जे और पुनर्विक्रय को रोकने में मदद मिलेगी। यह पहल उन्नत ट्रैकिंग क्षमताओं के माध्यम से खोए हुए फोन की तेजी से रिकवरी को भी सुगम बनाएगी।

जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक 84.03 करोड़ के मोबाइल हुए रिकवर

आरपीएफ ने इसके लिए "ऑपरेशन अमानत" चला रखा है, जिसका एकमात्र उद्देश्य कीमती सामानों को उनके असली मालिकों तक पहुंचाना है। जनवरी 2024 से फरवरी 2025 के बीच आरपीएफ ने 84.03 करोड़ रुपये मूल्य की खोई या छूटी हुई वस्तुओं को पुनर्प्राप्त कर 1.15 लाख से अधिक यात्रियों को वापस किया।

सीईआईआर को रेलवे सुरक्षा संचालन में शामिल करने से आरपीएफ के प्रयासों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है, जिससे खोए हुए मोबाइल फोन अपने असली मालिकों तक पहुंच सकें।

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