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बिहार में मेट्रो के काम में आएगी तेजी, 397 जेई को मिली पोस्टिंग; 1 हफ्ते में ज्वाइन करेंगे ऑफिस
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के नगर निकायों में चल रही शहरी योजनाओं में अब तेजी आएगी। इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 397 जूनियर इंजीनियरों को विभिन्न नगर निकायों, बुडको, बिहार आवास बोर्ड, पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में पदस्थापित किया है।
इन अभियंताओं को शहरी इलाकों में चल रही विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को ससमय गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू करने का निर्देश दिया गया है।
पटना मेट्रो के कार्यों को गति देने के लिए भी विभाग ने 11 सिविल, जबकि चार-चार इलेक्ट्रिकल एवं मेकेनिकल इंजीनियरों की तैनाती है। पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर को इसी साल 15 अगस्त तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने कहा कि 397 अभियंताओं के पदस्थापन से सम्राट अशोक भवन, प्रशासनिक भवन, जल जीवन हरियाली मिशन जैसी योजनाओं के काम में और तेजी आएगी।
बिहार सरकार के इस बड़े कदम से जल निकासी, सड़क, नाला, पेयजल आपूर्ति, भवन निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में सुधार होगा। शहरी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकेंगी।
इन इंजीनियरों की बहाली बिहार तकनीक सेवा आयोग द्वारा की गई है। अधिसूचना के मुताबिक इलेक्ट्रिकल शाखा से 12 जेई और मैकेनिकल शाखा से 35 जेई का पदस्थापन किया गया है। साथ ही सिविल शाखा से 350 कनीय अभियंताओं को पदस्थापित किया गया है।
सभी अभियंताओं को एक सप्ताह के अंदर नव पदस्थापित कार्यालय में शैक्षणिक योग्यता एवं आवासीय समेत अन्य जरूरी प्रमाण पत्रों के साथ योगदान करने का आदेश दिया गया है।
आयोजना क्षेत्र प्राधिकार गठित, 1350 नए पद सृजितवहीं, दूसरी ओर राज्य के सभी 38 जिला मुख्यालय वाले शहरों के सुनियोजित विकास के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने आयोजना क्षेत्र प्राधिकार (प्लानिंग एरिया अथारिटी) का गठन किया है।
इन आयोजना क्षेत्र प्राधिकार में 1350 नए पद सृजित किए हैं। इसमें मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, नगर निवेशक, सांख्यिकी पदाधिकारी जैसे पद शामिल हैं।
विभाग के अनुसार, अगले बीस सालों की संभावित आबादी को देखते हुए शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें विभिन्न भूमि उपयोग (आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक इत्यादि) मूलभूत सुविधाओं एवं सड़क निर्माण की योजना का विस्तृत वर्णन होगा।
राज्य के प्रमुख शहरों में टाउनशिप परियोजना लाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में प्रमण्डलीय जिला मुख्यालय एवं अन्य जिला मुख्यालय के आधार पर वर्गीकृत करते हुए पदों की स्वीकृति दी गई है।
प्रमण्डलीय स्तर के नौ जिला मुख्यालय वाले आयोजना प्राधिकार में प्रति आयोजना प्राधिकार के लिए 39 पद, जबकि अन्य 29 जिला मुख्यालय वाले आयोजना प्राधिकार में प्रति आयोजना प्राधिकार के लिए 34 पद स्वीकृत किए गए हैं।
पटना महानगर क्षेत्र प्राधिकार के लिए सहायक नगर योजना पर्यवेक्षक के नौ पदों और उप नगर योजना पर्यवेक्षक के चार पदों की स्वीकृति दी गई है। इस तरह कुल 1350 पद सृजित किए गए हैं।
प्रशासनिक, योजना, वास्तु, इंजीनियरिंग, रियल एस्टेट, लेखा आदि कार्यों के आधार पर किया गया है। विभागीय मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि नए पद सृजन के बाद आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के कार्यों में तेजी आएगी।
विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार शहरी आयोजना तथा विकास नियमावली 2014 के तहत इन पदों का सृजन किया गया है। इसके अलावा जीआईएस विशेषज्ञ, आईटी मैनेजर, डाटा इंट्री ऑपरेटर, मल्टी टास्किंग स्टाफ की सेवा बेल्ट्रान या विभाग की ओर से निर्धारित एजेंसी के जरिए ली जाएगी।
जिला के अधीन सभी आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के कार्यों का निपटारा संबंधित जिला आयोजना क्षेत्र के जरिए ही होगा।
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CBI ने हासिल की बड़ी सफलता, UAE से लाए गए तीन वांटेड आरोपी; जारी हुआ था रेड नोटिस
पीटीआई, नई दिल्ली। तीन भगोड़ों को सीबीआई द्वारा संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से वापस लाने में सफलता मिली है। ये इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे थे और अलग-अलग मामलों में वांछित थे।
सीबीआई के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा कई आपराधिक मामलों में वांछित आदित्य जैन को शुक्रवार को राज्य पुलिस की एक टीम की सुरक्षा में संयुक्त अरब अमीरात से वापस लाया गया। इन मामलों में व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए काल करने का मामला भी शामिल है।
पहले भी दो आरोपियों को लाया गया था वापसआरोप है कि जैन ने वसूली के लिए कॉल की थी और पैसे न मिलने पर उस शख्स पर गोलीबारी की थी। इससे पहले बुधवार को दो और आरोपियों को संयुक्त अरब अमीरात से कोचीन हवाई अड्डे पर लाया गया।
एक नाबालिग से कथित दुष्कर्म मामले में सुहैल बशीर केरल पुलिस द्वारा वांछित था और तोफिक नजीर खान जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए आपराधिक साजिश के एक मामले में गुजरात पुलिस द्वारा वांछित था।
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वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दूसरे चरण को मंजूरी, सीमावर्ती गांवों को मिलेंगी कई सुविधाएं; जानिए क्या है इसका महत्व
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमावर्ती गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ पलायन रोकने और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किए गए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण को कैबिनेट ने मंजूर किया है।
इस योजना के तहत बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा रणनीतिक गांवों में बारहमासी सड़क संपर्क, दूरसंचार संपर्क, टेलीविजन संपर्क और विद्युतीकरण का काम किया जाएगा।
सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना2024-25 से 2028-29 के बीच इस योजना पर 6839 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार से सटे सभी सीमावर्ती गांवों के कवर की योजना है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूसरे चरण के लिए रणनीतिक रूप से अहम गांवों की पहचान की जाएगी और उसके बाद 100 फीसदी केंद्रीय सहायता से योजनाओं को लागू किया जाएगा।
कई सुविधाओं का होगा विकास- इसके तहत गांव या गांवों के समूह में बुनियादी ढांचे के विकास, सहकारी समितियों व सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से आजीविका के अवसर सृजित करने, सीमा के अनुरूप विशिष्ट गतिविधियां शुरू करने, स्मार्ट कक्षाओं से लैस स्कूलों के निर्माण, पर्यटन सुविधाओं के विकास के काम किये जाएंगे।
- सरकार ने 2023 में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें चीन की सीमा से सटे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के 663 गांवों में पलायन रोकने के लिए विकास योजनाएं शुरू की गई थी। पहले चरण की सफलता के बाद सरकार ने अब दूसरे चरण को हरी झंडी दी है।
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Bihar Teacher News: नए शिक्षकों की पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, विभाग के निदेशक ने जारी किया नया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने सभी नवपदस्थापित होने वाले प्रधान शिक्षक पद के अभ्यर्थियों को आवंटित जिला का अनुपालन करना अनिवार्य कर दिया है। शुक्रवार को विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निर्देश जारी कर कहा कि जिला आवंटन की कार्रवाई का अनुपालन सुनिश्चित करें।
बिना तथ्यों की जानकारी के शिक्षा विभाग द्वारा जिला आवंटन हेतु की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाएं। 93 प्रतिशत सफल अभ्यर्थियों को उनके द्वारा समर्पित विकल्प (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय) के अनुरूप जिला आवंटित हुआ है।
विभागीय आदेश में कहा गया है कि प्रधान शिक्षक पद के सफल कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह जिज्ञासा व्यक्त की जा रही है कि मेधा क्रम में ऊपर रहने के बावजूद उन्हें विकल्प का लाभ नहीं मिला, जबकि मेधा क्रम में नीचे वाले को विकल्प के अनुरूप जिला आवंटित किया गया है।
विभागीय स्तर पर की समीक्षाइसकी गहन समीक्षा विभागीय स्तर पर की गई जिसमें पाया गया कि यह जिला स्तरीय संवर्ग है, इसलिए जिला में कोटिवार स्वीकृत पद के अनुरूप ही पदस्थापन की कार्रवाई की जानी है। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जिस सफल अभ्यर्थी की अनुशंसा जिस कोटि में की गयी है, उस कोटि की वरीयता (मेधा क्रम) के अनुरूप उनके विकल्प को दृष्टिपथ में रखते हुए जिला आवंटन की कार्रवाई की गई है।
वस्तुस्थिति यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा सामान्य कोटि में अनुशंसित अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम में, आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को उनके मेधा क्रम, पिछड़ा वर्ग के उनके मेधा क्रम में, अतिपिछड़ा वर्ग को उनके मेधा क्रम में, अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति को उनके मेधा क्रम के अनुरूप विकल्प के आधार पर जिला आवंटन की कार्रवाई की गयी है।
समेकित रूप से देखने पर यह स्पष्ट होगा कि किसी सामान्य कोटि के वरीय मेधा क्रम वाले को छोड़ कर सामान्य कोटि वाले कम मेधा क्रम (दिव्यांग को छोड़) के अभ्यर्थी को विकल्प का लाभ नहीं दिया गया है।
अन्य सभी कोटि में भी इसी तरह का अनुपालन किया गया है। इस नीति का पालन नहीं किया जाता, तो बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा कोटिवार की गयी अनुशंसा की संख्या-क्रम को भंग करना पड़ता, जो नियमानुकूल नहीं है।
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19 स्टेशन, 1267 KM रेल नेटवर्क विस्तार और 18 हजार करोड़ का बजट... इन राज्यों में परियोजना मंजूर
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। Railway News: केंद्रीय कैबिनेट ने रेलवे की चार बड़ी रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत 18,658 करोड़ रुपये होगी। इससे रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में लगभग 1247 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाओं से उत्तर भारत की रेल सेवाओं में सहजता आएगी। क्षेत्र का व्यापक विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे लोगों में आत्मनिर्भरता आएगी।
2030 तक पूरी होंगी परियोजनाएं- परियोजनाओं को 2030-31 के पहले तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इन्हें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में शामिल किया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद शुक्रवार को रेल एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि सभी परियोजनाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं।
- उन्होंने बताया कि सभी योजनाएं मल्टीट्रैकिंग के साथ लाइन बढ़ाने वाली हैं। इससे यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, माल ढुलाई की लागत और पेट्रोलियम आयात में कमी आएगी। लगभग 379 लाख मानव-दिवस के लिए प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
- अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन रूटों पर कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर जैसी वस्तुओं का परिवहन ज्यादा होता है। परियोजनाओं के पूरा हो जाने के बाद रेल लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी, जिससे प्रतिवर्ष 887.7 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करने के साथ विकास को भी गति मिलेगी।
महत्वपूर्ण मौकों पर सवारियों की भीड़ में भी कमी आएगी। चारों लाइनें रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों में से एक हैं। इनके साथ 19 नए स्टेशनों का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों गढ़चिरौली और राजनांदगांव में संपर्कता बढ़ेगी। इससे लगभग 3350 गांवों और 47.25 लाख आबादी को आसानी होगी। खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा मार्ग से बलौदा बाजार को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्र में सीमेंट संयंत्रों सहित नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में मदद मिलेगी।
इन लाइनों की खासियत बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने इनके पूरा होने पर प्रतिवर्ष लगभग 95 करोड़ पेट्रोलियम का आयात कम हो जाएगा। इसी तरह 477 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने में मदद मिलेगी, जो 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।
इन चार परियोजनाओं को मिली हरी झंडी- संबलपुर – जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन
- झारसुगुड़ा – सासोन तीसरी और चौथी लाइन
- खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा पांचवीं और छठी लाइन
- गोंदिया – बल्हारशाह डबलिंग
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BIMSTEC देशों में मचेगी UPI की धूम! पीएम मोदी ने बैंकॉक शिखर सम्मेलन में दिया UPI लिंक का प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच दक्षिण एशियाई देशों और दो दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन बिम्सेटक (BIMSTEC) के बीच बेहतर कनेक्टिविटी, आर्थिक और डिजिटल संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने 21 सूत्री फार्मूला का सुझाव दिया है।
यह सुझाव उन्होंने बिम्सटेक की बैंकॉक शिखर सम्मेलन के दौरान शुक्रवार दिया। इसमें भारत की तरफ से बिम्सटेक के सभी देशों की डिजिटल भुगतान व्यवस्था को भारत की UPI से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल है।
वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का पीएम ने रखा प्रस्तावबिम्सटेक देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए पीएम मोदी ने वाणिज्यिक चैंबर स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा है। भारत बिम्सटेक को सार्क संगठन के विकल्प के तौर पर स्थापित करने की मंशा रखता है। बांग्लादेश बिम्सटेक का नया अध्यक्ष बना है। भारत और बांग्लादेश के अलावा भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड इसके अन्य सदस्य हैं। इन देशों ने बिम्सेटक 2030 का दृष्टिपत्र तैयार किया है जो इनके बीच संबंधों को दिशा देने का काम करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक सेतु है, यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि की नई राहें खोलने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है। बिम्सटेक को और सशक्त बनाने के लिए हमें इसके कार्यक्षेत्र और क्षमता का निरंतर विस्तार करते रहना होगा।
साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?सदस्य देशों के गृह मंत्रियों के बीच विमर्श का एक ढांचा तैयार करने पर खुशी व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने सदस्यों के बीच साइबर अपराध, आतंकवाद और मानवतस्करी के खिलाफ यह फोरम अहम भूमिका निभा सकता है। इसकी पहली बैठक भारत में कराने का प्रस्ताव है। बिम्सटेक के देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की राह निकालने के लिए बंगलुरू में एक ऊर्जा केंद्र स्थापित किया गया है। इसके तहत पीएम मोदी ने सुझाव दिया है कि सदस्य देशों के ग्रिड को आपस में जोड़ने का काम तेज हो।
“व्यापार और व्यवसायिक कनेक्टिविटी भी हमारी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए मैं बिम्सेटक चैंबर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव रखता हूं। साथ ही, हर साल सदस्य देशों के बीच एक कारोबार सम्मेलन भी आयोजित की जाएगी। मेरा सुझाव है कि बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं पर एक संभाव्यता अध्ययन भी की जानी चाहिए।'' नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने हिंद महासागर को खुला, सुरक्षित व सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया। सनद रहे कि शुक्रवार को सदस्य देशों के बीच समुद्री यातायात सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ है। इससे सदस्य देशों के बीच आवागमन व कारोबार में काफी सहूलियत मिलेगी।
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मोदी सरकार के चार फैसले जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ले गया विपक्ष, जानें अदालत ने क्या आदेश दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पर देर रात तक चर्चा की गई। हालांकि विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद बिल पारित हो गया और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। अब असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ बिल की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अदालत में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार केंद्र सरकार के किसी फैसले के खिलाफ विपक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हो। इसके पहले अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक समेत कई मु्द्दों पर अदालत का दरवाजा खटखटाया गया।
आइए आपको बताते हैं कि केंद्र के कौन-कौन से विषय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन पर क्या फैसला आया…
अनुच्छेद 370:- सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा।
- अदालत ने निर्देश दिया कि चुनाव आयोग को सितंबर 2024 तक जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सरकार को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।
- सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक चंदा जुटाने पर तत्काल रोक लगा दी थी। अदालत ने इसे असंवैधानिक करार दिया था।
- कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड को अज्ञात रखनासूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन है।
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
- अदालत ने 4-1 के फैसले से सिटिजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता को भी बरकरार रखा था।
- यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है।
- मुस्लिम महिलाओं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी जारी है।
- अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कानून लागू होने के बाद अब तक कितने मामले दर्ज किए गए हैं।
- चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि कानून में केवल तलाक देने को ही अपराध घोषित कर दिया गया है, जो एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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Tech, bank stocks tumble as Chinas retaliation stokes fears of widening trade war - Mint
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'Panicked' & 'played it wrong': Trump on China
Bihar Land Survey: अब तेजी से होगा भूमि सर्वे का काम, 1000 से अधिक पदों पर होने जा रही भर्ती
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में एक हजार से अधिक पदों पर जल्द नियुक्ति होगी। विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो एवं अमीन के अलावा कुछ अन्य पदों पर भी नियुक्ति होने जा रही है।
मालूम हो कि पिछले साल विशेष भूमि सर्वेक्षण के लिए 10 हजार लोगों की नियुक्ति हुई थी। यह संविदा पर थी। इनमें से करीब एक हजार लोगों को पक्की सरकारी नौकरी मिल गई तो इस विभाग से त्याग पत्र देकर चले गए।
नियुक्ति के लिए अलग से नहीं शुरू होगी प्रक्रियासूत्रों ने बताया कि इन नियुक्तियों के लिए अलग से प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। पहले के पैनल के सफल अभ्यर्थियों के बीच से ही इनका चयन किया जाएगा। सबसे अधिक रिक्ति अमीन की है। बड़ी संख्या जूनियर इंजीनियर अमीन के पद पर नियुक्ति हुए थे। ये स्थायी सेवा में चले गए।
BPSC परीक्षा पास करते ही छोड़ दी नौकरीइसके अलावा, बीटेक डिग्रीधारी भी कानूनगो एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर नियुक्त हुए थे। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होने के बाद इस श्रेणी के कुछ अधिकारी भी नौकरी छोड़कर चले गए हैं। भूमि सर्वेक्षण की गति प्रभावित न हो, इसके लिए रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने का प्रयास किया जा रहा है।
नियुक्ति प्रक्रिया- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 1000 से अधिक पदों पर नियुक्ति होगी।
- पूर्व पैनल के अभ्यर्थियों से चयन किया जाएगा, नई प्रक्रिया शुरू नहीं होगी।
- सबसे अधिक रिक्तियां अमीन पद पर हैं।
- जूनियर इंजीनियर अमीन स्थायी सेवा में समायोजित हो चुके हैं।
- बीटेक डिग्रीधारी कानूनगो एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी बीपीएससी परीक्षा पास करने के बाद नौकरी छोड़ चुके हैं।
- रिक्त पदों को जल्दी भरने के प्रयास किए जा रहे हैं।
दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जलछाजन विकास घटक-2.0 के तहत भूमि संरक्षण निदेशालय की ओर से चलाई जा रही 35 परियोजनाओं की समीक्षा की। यह केंद्र सरकार प्रायोजित योजना है।
440 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वीकृत परियोजनाओं को पांच वर्षो में पूरा करना था लेकिन अभी तक लंबित है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को 18 जिलों के 326 पंचायतों में क्रियान्वित योजनाओं को मुखिया से सहयोग लेकर त्वरित गति से पूर्ण कराने का निर्देश दिया है।
इन योजनाओं में मुख्य रूप से आहर एवं तालाबों का जीर्णोद्धार आदि कार्य संचालित किए जाते है। उन्होंने कहा कि योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
विजय सिन्हा ने अधिकारियों से कहा कि वर्षा जल न केवल सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्त्ति सुनिश्चित करता है, बल्कि मिट्टी की नमी को संरक्षित रखने में भी सहायक होता है। भूमिगत जल स्तर में गिरावट गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसे वर्षा जल के संचयन और पुनर्भरण तकनीकों द्वारा सुधारा जा सकता है। भू-क्षरण को नियत्रिंत करने में भी वर्षा जल संचयन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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