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Monsoon Update 2024: कब आएगा मानसून? मौसम विभाग ने बता दी तारीख, इस बार सामान्य से अधिक वर्षा के आसार

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 6:59pm

जागरण संवाददाता, पटना। Monsoon Update 2024 देश में समय से पूर्व मानसून के सक्रिय होने से प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा के आसार हैं। प्रदेश में दो दशक बाद इस बार मानसून की वर्षा रिकॉर्ड तोड़ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष ला-नीना के प्रभाव होने और अंडमान-निकोबार में समय से पूर्व मानसून के दस्तक देने के कारण प्रदेश में अच्छी वर्षा की संभावना है।

मौसम विज्ञानी एसके पटेल ने बताया कि प्रदेश में पांच से सात दिनों के दौरान पूर्णिया के रास्ते प्रदेश में मानसून दस्तक देगा। 31 मई से मानसून बंगाल की खाड़ी इस्माइलपुर में ठिठका पड़ा है।

जैसे ही कम दबाव का क्षेत्र विकसित होगा या चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बनेगा वैसे मानसून आगे की ओर बढ़ेगा। ऐसे में 10-15 जून के दौरान मानसून का प्रभाव प्रदेश में देखने को मिलेगा।

प्रदेश में बीते दो वर्ष से मानसून की वर्षा सामान्य से लगभग 23 फीसद कम हुई है। इस कारण सूबे के अधिक भाग सूखे की चपेट में रहे। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 61 फीसद अधिक वर्षा की संभावना है। मानसून अवधि में 96-104 फीसद वर्षा सामान्य मानी जाती है। प्रदेश में 992.2 मिमी वर्षा होने की संभावना है।

2006 में समय से पूर्व आया था मानसून

2006 में समय से पूर्व प्रदेश में मानसून ने प्रवेश किया था। 2006 में छह जून को मानसून का प्रवेश में प्रदेश में हुआ था वहीं नौ अक्टूबर को मानसून वापस लौट गया था। इस दौरान प्रदेश में 913 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। वहीं, 2018 में मानसून देर से आया था।

प्रदेश में 25 जून को मानसून प्रवेश किया था और पांच अक्टूबर को प्रस्थान किया था। इस दौरान प्रदेश में 771 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। जो सामान्य से 25 फीसद कम रही थी। 2020 से 2022 के दौरान मानसून 13 जून को प्रदेश में आया था। 2022-23 में प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा प्रदेश में दर्ज की गई थी।

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Bihar Jamabandi Portal: नीतीश सरकार ने लॉन्च किया 'परिमार्जन प्लस' पोर्टल, जमाबंदी में आसानी से कर पाएंगे सुधार

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 6:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जमाबंदी में हुई त्रुटियों को दूर करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने परिमार्जन प्लस के नाम से एक नया पोर्टल शुरू किया है। इसमें रैयत को अपने नाम, पिता के नाम, जाति के साथ पता में हुई त्रुटि, डिजिटाइज्ड जमाबंदी में दर्ज खाता, खेसरा, रकवा एवं चौहद्दी या प्रविष्टि में त्रुटि लगान संबंधी विवरणी में सुधार करवाने का मौका मिलेगा।

यह प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गुरुवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त मामलों का विशेष अभियान चलाकर निष्पादित करने का निदेश दिया गया है।

पत्र के अनुसार, रैयत का नाम/पिता का नाम मूल जमाबंदी से भिन्न होने पर त्रुटि सुधार मूल जमाबंदी के अनुसार किया जाएगा। पता एवं जाति में सुधार अंचल अधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के आधार पर किया जाएगा। अगर पिता का नाम मूल जमाबंदी में अंकित नहीं है तो साक्ष्य के आधार पर यह दर्ज होगा।

अगर मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकवा अंकित है तो त्रुटि निवारण उसके आधार पर होगा। परंतु मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकवा अंकित नहीं होने की स्थिति में अंचल अधिकारी रैयत द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर छूटी हुई विवरणी दर्ज करेंगे।

पहले परिमार्जन में सिर्फ मूल जमाबंदी में दर्ज विवरणी के आधार पर ही डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार किया जाता था। -कैसे होगा आवेदन सबसे पहले रैयत स्वयं को बिहार भूमि पोर्टल (biharbhumi.bihar.gov.in) पर रजिस्टर कर लागिन करेगा एवं परिमार्जन मेनू पर क्लिक करेगा। फिर डिजिटाइज्ड जमाबंदी पर क्लिक कर पुरानी जमाबंदी में सुधार के विकल्प को चुनेगा।

इसके बाद रैयत को अपने नाम, पिता का नाम, पता, खाता, खेसरा, चौहद्दी एवं लगान में सुधार से संबंधित विकल्प मिलेगा। उन्हें सेलेक्ट करने पर वर्तमान विवरणी स्क्रीन पर नजर आएगी। पूर्ण रूप से भरे हुए विवरण को अंचल अधिकारी को प्रेषित किया जाएगा। इसकी जांच राजस्व कर्मचारी करेंगे।

अगर आवेदन अधूरा पाया गया तो उसे अंचल अधिकारी के माध्यम से रैयत को लौटा दिया जाएगा। दुबारा सुधार के बाद जमा किए गए आवेदन को फिर आवेदक को लौटाने का विकल्प अंचल अधिकारी के पास नहीं होगा।

मंत्री बोले, जमाबंदी को ऑनलाइन करते समय कई गलतियां हो गई थीं। इसमें रैयतों की कोई गलती नहीं थी। इसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। परिमार्जन प्लस से इन गड़बड़ियों को दूर करने में मदद मिलेगी। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों/अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई होगी। डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग।

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Upendra Kushwaha: काराकाट में हार के बाद सामने आए उपेंद्र कुशवाहा, पवन सिंह को लेकर कह दी बड़ी बात

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 6:24pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Upendra Kushwaha On Pawan Singh काराकाट लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रत्याशी और NDA के पार्टनर उपेंद्र कुशवाहा की बुरी हार हुई। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस सीट पर भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह के आने से कुशवाहा का खेल खराब हुआ। ना तो कुशवाहा जीते और ना ही पवन, बाजी महागठबंधन के राजा राम सिंह मार गए।

उपेंद्र कुशवाहा ने अब अपनी हार पर पहली प्रतिक्रिया दी है। कुशवाहा ने जो बयान दिया है उससे बिहार में सियासी पारा हाई हो गया है। आनेवाले दिनों में NDA में भी खटपट दिख सकती है।

दरअसल, गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बात की। मीडिया ने पवन सिंह को लेकर उनसे सवाल पूछा, जिसपर वो झल्ला गए।

'सबको मालूम है, सारी चीजें...'

कुशवाहा ने कहा, हमको इस पर क्या कहना है...? सबको सब मालूम है, सारी चीजें सब लोग जानते हैं। अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है। चूक हुई या नहीं यह सभी को पता है।

पवन सिंह फैक्टर रहे?

जब मीडिया ने पूछा कि क्या आपकी हार में पवन सिंह फैक्टर थे? इस पर कुशवाहा ने कहा कि वो फैक्टर बना या फैक्टर बनाया गया, यह सभी जानते हैं। सब लोग ये बात जानते हैं, तो कुछ रखने की जरूरत नहीं है।

पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप ये बातें ऊपर ऊठाएंगे। इस पर कुशवाहा ने कहा कि कहीं कोई बात कहने-करने की जरूरत नहीं है। सारी चीजों की जानकारी आजकल सोशल मीडिया पर है... हाई टेक्नोलॉजी है, इसमें कुछ बताने की जरूरत पड़ती है?

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Bihar Politics: 'इस बार मोदी जी की सरकार...', लालू के जिगरी दोस्त के बयान से सियासी भूचाल; दे दिया ये संदेश

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 5:44pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लालू यादव के जिगरी दोस्त शिवानंद तिवारी ने पीएम मोदी को लेकर बेहद तीखे अंदाज में कटाक्ष किया है। शिवानंद तिवारी के बयान से बिहार की सियासत में भूचाल आ सकता है। शिवानंद तिवारी ने पीएम मोदी पर चुन-चुनकर कटाक्ष किया है।

शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने कहा है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार बैसाखी पर आ गई है। आलम यह है कि एक ओर विपक्ष का गठबंधन बढ़ा है तो एनडीए गठबंधन घटा है। खुद प्रधानमंत्री का वोट अप्रत्याशित ढंग से नीचे आया है।

शिवानंद तिवारी ने कहा कि 2019 के चुनाव में मोदी जी ने अपने क्षेत्र वाराणसी से लगभग 4.80 लाख मतों से जीत हासिल की थी। इस चुनाव में महज 1.52 लाख वोट से जीत पाए।

लखनऊ में बुलडोजर बाबा के बावजूद बुरा हाल हो गया

शिवानंद तिवारी ने कहा कि गिनती के शुरुआती दौर में वे कुछ घंटे तक पीछे भी रहे। जबकि उस क्षेत्र की सभी सीटों पर भाजपा के ही विधायक हैं मेयर भी उन्हीं का है। लखनऊ में बुलडोजर बाबा हैं ही। इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री जी के मतों में इतनी भारी गिरावट क्या दर्शाता है !

राम जी भी भाजपा की चाल समझ गए

शिवानंद तिवारी ने कहा कि सबसे चकित करने वाली बात यह है कि अयोध्या में दो बार के भाजपा सांसद लल्लू सिंह भी चुनाव हार गए। जबकि, अयोध्या में प्रधानमंत्री के रोड शो में वे उनके बगल में ही खड़े होकर हाथ हिला रहे थे। शायद रामजी को भी मालूम हो चुका है कि इनकी भक्ति दिखावा भर है।

इनकी असली भक्ति तो वोट में है। इसलिए अयोध्या में इनको हराकर वहां से एक दलित प्रत्याशी को जीत दिला कर राम जी ने जता दिया कि वे किसके साथ हैं।

बिहार, यूपी समेत कई राज्यों के घटे भाजपा के वोट

शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में लोकसभा के पिछले चुनाव में भाजपा गठबंधन को 40 में 39सीट मिली थी। इस बार उनकी आठ सीट घट गई। बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक आदि में भी भाजपा घट गई। दूसरी तरफ विपक्ष का गठबंधन लगभग दोगुना हो गया।

इस बार मोदी जी की सरकार बैसाखी के सहारे खड़ी होगी। इसलिए सर्वशक्तिमान जैसी जो आजादी मोदी जी को पहले थी, वह तो अब सपने में भी मुमकिन नहीं है। लोकतंत्र के लिए यह शुभ है।

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'नीतीश कुमार और नायडू कभी भी मोदी को...', मनोज झा का सबसे चौंकाने वाला दावा; I.N.D.I.A का मैसेज क्लियर!

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 4:22pm

डिजिटल डेस्क, पटना। दिल्ली में मोदी 3.0 की तैयारी चल रही है, लेकिन अभी तक विपक्षी नेता नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर डोरे डाल रहे हैं। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और नायडू (Chandrababu Naidu) दोनों ही नेता मोदी को अपना समर्थन भी दे चुके हैं। मगर राजद नेता इसी आस में बैठे हैं कि नीतीश-नायडू कोई बड़ा फैसला ले लें। अब राजद के बयान ने सियासी खलबली मचा दी है।

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा है कि अब बीजेपी (BJP) का अहंकार काम नहीं करेगा। उनके मंत्रियों के चिल्लाने से भी कुछ नहीं होगा। राजद सांसद ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की पृष्ठभूमि उन्हें हर समय 'मोदी तेरी जय' बोलने की इजाजत नहीं देती है।

#WATCH | RJD leader Manoj Jha says, "Now their (BJP) arrogance will not work, shouting by their ministers will not work...Chandrababu Naidu's and Nitish Kumar's backgrounds don't allow them to say 'Modi teri jai' all the time. The truth is that there is something non-negotiable… pic.twitter.com/IrHg44B2YK

— ANI (@ANI) June 6, 2024 'नीतीश और नायडू कभी भी मोदी को...'

मनोज झा ने दावा किया कि सच तो यह है कि उनकी (नीतीश-नायडू) राजनीति में कुछ ऐसा है जिससे समझौता नहीं किया जा सकता। वे प्रधानमंत्री और उनकी टीम को झूठ नहीं बोलने देंगे और धार्मिक ध्रुवीकरण भी नहीं होने देंगे।

'JDU क्या करेगी, इसे जनता देखेगी'

वहीं, राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "इस सरकार में JDU की अहम भूमिका होने जा रही है। नीतीश कुमार महात्मा गांधी के विचारों को मानने वाले हैं। जो मुद्दें हैं उस पर JDU क्या करेगी इसे जनता देखेगी"।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, जातीय जनगणना यह मुद्दे हैं। जनता देख रही है कि बिहार को क्या मिलेगा और बिहार की जनता का इससे क्या फायदा होगा।

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Modi 3.0 में बिहार CM की कितनी चलेगी? नीतीश कुमार के करीबी ने बता दी अंदर की बात; मंत्रालयों पर भी दिया जवाब

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 4:04pm

डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब देश की राजनीति में 'किंग मेकर' के रूप में उभरे हैं। बिहार में 12 सीट जीतकर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने सबको चौंका दिया है। अब वह एनडीए के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि 'मोदी 3.0' में JDU की भूमिका क्या होगी? इस सवाल का जवाब खुद पार्टी नेता ने दिया है।

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता हर्षवर्द्धन सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद हर्षवर्द्धन सिंह ने कहा कि पार्टी की ओर से मंत्रालयों की मांग सहित सभी महत्वपूर्ण निर्णय जदयू प्रमुख नीतीश कुमार लेंगे।

'बिहार में बहार थी, हम देश में बहार है...'

उन्होंने कहा, "हम पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं, इसलिए उनसे मिलने आए हैं। माहौल बहुत अच्छा है। बिहार में बहार थी, अब देश में बहार है, नीतीशे कुमार हैं। मंत्रालय और अन्य चीजें नीतीश कुमार तय करते हैं"।

उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह अच्छा लग रहा है कि हमें सम्मानित किया जा रहा है और हम मोदी जी को धन्यवाद देते हैं।

विजय सिन्हा बोले- नीतीश NDA का हिस्सा हैं

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में हमेशा प्रमुख भूमिका में रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे NDA का हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। जनादेश NDA के पक्ष में मिला है इसलिए जो चोर दरवाजे से ताक-झांक करते रहते हैं वे सफल नहीं होंगे, उनकी मंशा कभी पूरी नहीं होगी।

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Nitish Kumar: पहले दिल्ली में दिखा नीतीश का दम, अब बिहार में हो गया गेम; सम्राट को भी माननी पड़ी ये बात

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 3:41pm

एएनआई, पटना। नीतीश कुमार की किंगमेकर की स्थित ने भाजपा व राजद नेताओं के सुर बदल दिए हैं। कभी नीतीश कुमार सीएम पद से हटाने का प्रण लेने वाले सम्राट चौधरी के सुर भी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। 2025 में बिहार में भाजपा का सीएम बनाने का दावा करने वाले सम्राट ने 2025 के लिए नीतीश कुमार को नेता मान लिया है।

लोकसभा चुनाव के परिणाम पर सम्राट चौधरी ने कहा है कि देश की जनता ने 292 सीट देकर मोदी को फिर से पीएम बनने का मौका दिया है। यह इतिहास में पहली बार होगा, जब कोई व्यक्ति लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में हमने 75 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए हैं। हमारा अगला लक्ष्य 2025 के विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीट हासिल करना है।

नीतीश कुमार बिहार के नेता

इस दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल पूछे जाने पर सम्राट ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं। नीतीश कुमार के संबंध में सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के नेता हैं...इसमें कोई दो राय नहीं है। सम्राट ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों दलों का गठबंधन भी सिर्फ बिहार के विकास के बेस पर हुआ है।

#WATCH पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, "देश की जनता ने 292 सीट देकर नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने का मौका दिया है और यह इतिहास में पहली बार है जब लगातार तीसरी बार कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री बन रहा है...हमने समीक्षा की है...नीतीश कुमार बिहार के नेता… pic.twitter.com/ZB1cQprilq

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2024

किंगमेकर नीतीश कुमार

नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भाजपा को खुद को बड़े भाई के रूप में देख रही थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव ने उसे तगड़ा झटका दिया है। बिहार में भाजपा और जदयू दोनों को 12-12 सीटें मिली हैं। भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थित में नीतीश कुमार जहां किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रहे हैं।

नीतीश ने हासिल की खोई हुई प्रतिष्ठा

नीतीश कुमार के किंग मेकर की स्थिति में आने के बाद बिहार में हवा बदली-बदली सी नजर आ रही है। 2024 में जदयू का अस्तित्व खत्म होने की बात करने वाली राजद और अकेले 2025 में दम पर बिहार में सरकार बनाने का दावा करने वाले भाजपा नेताओं के सुर बदल गए हैं। नीतीश कुमार न सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने में सफल रहे हैं बल्कि जदयू को एक बार फिर बिहार की राजनीति के केंद्र में ला दिया है।

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'I.N.D.I.A की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार...', Modi 3.0 की तैयारी के बीच Pappu Yadav ने खोल दिए पत्ते

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 3:29pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Pappu Yadav On Nitish Kumar बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के अलावा एक और नाम है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। वो नाम है पप्पू यादव का। पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल करने वाले पप्पू यादव ने नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है।

पप्पू यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू हमेशा गांधी और अंबेडकर के विचारों पर चले हैं। दोनों ही नेता गांधीवादी हैं। इन्होंने हमेशा सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) की बात की है। सामाजिक न्याय की बात करते आए हैं।

'मैं उम्मीद करता हूं...'

पप्पू यादव ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं की देश में आइएनडीआइए की सरकार बनेगी"। नवनिर्वाचित सांसद ने यह भी कहा कि अगर नीतीश कुमार आईएनडीआईए का समर्थन करते हैं तो देश को उनपर गर्व होगा।

'नीतीश कुमार जी पर देश को गर्व होगा...'

पप्पू यादव ने कहा, "नीतीश कुमार जी पर देश को गर्व होगा जब वो आज देश के भरोसे पर खरे उतरेंगे"। उन्होंने कहा कि यही एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई तो नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो नहीं बनेंगे।

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IIT NIT Admission 2024: इस दिन आएगा JEE Advanced का परिणाम, पहली बार ऑनलाइन होगी काउंसलिंग

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 3:06pm

जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास की ओर से आयोजित जेईई एडवांस का परिणाम नौ जून की सुबह 10 बजे जारी कर दिया जाएगा। परिणाम जारी होने के अगले दिन 10 जून से आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपलआइटी व जीएफटीआइ में प्रवेश के लिए जोसा काउंसलिंग प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

इस वर्ष जोसा काउंसलिंग की ओर से 23 आइआइटी, 32 एनआइटी, 26 ट्रिपलआइटी एवं 40 जीएफटीआइ में प्रवेश दिया जाएगा। जोसा काउंसलिंग का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया है। काउंसेलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

पांच राउंड में होगी काउंसिलिंग आइआइटी, एनआइटी व ट्रिपलआइटी में प्रवेश के लिए होने वाली जोसा काउंसिलिंग प्रक्रिया 10 जून से 26 जुलाई के बीच पांच राउंड में होगी। अब तक यह छह राउंड में होती थी।

पहली बार काउंसलिंग ऑनलाइन होगी। अभ्यर्थी 10 जून शाम पांच बजे से जोसा काउंसलिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन एवं कालेज च्वाइस फिलिंग कर सकेंगे, इसकी अंतिम तिथि 18 जून को शाम पांच बजे तक है।

20 जून को पहले राउंड का सीट आवंटन होगा। जिनका पहले राउंड में सीट का आवंटन होगा, उन्हें आनलाइन रिपोर्टिंग के दौरान सीट एक्ससेप्टेंस फीस जमा कर कागजात अपलोड कर अपनी सीट 24 जून तक कन्फर्म करनी होगी।

दूसरे राउंड का सीट आवंटन 27 जून, तीसरे का चार जुलाई, चौथे का 10 जुलाई को होगा। अंतिम यानी पाचवें राउंड का सीट आवंटन 17 जुलाई को होगा। फाइनल रिपोर्टिंग 22 जुलाई तक करनी होगी।

ऐसे फिल करें कॉलेज व ब्रांच च्वाइस

विद्यार्थियों को जोसा काउंसलिंग में 121 संस्थानों की 600 से अधिक प्रोग्रामों की च्वाइस फिलिंग का अवसर एक बार ही दिया गया है, अतः विद्यार्थी ज्यादा-से-ज्यादा कालेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें।

विशेषज्ञों के अनुसार विद्यार्थी अपनी रैंक के अनुसार गत वर्षों की क्लोजिंग रैंक से नीचे की रैंक वाले कालेज ब्रांचों को भी अपनी रुचि अनुसार कालेज प्राथमिकता सूची के क्रम में शामिल करे। जोसा काउंसेलिंग में कालेजों को भरने से पूर्व अपनी प्राथमिकता के कालेजों की सूची कागज पर बनाकर उसका आंकलन कर ही ऑनलाइन भरें ताकि गलती होने की संभावना न रहे। विद्यार्थी कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पूर्व अवश्य चेक करें क्योंकि लाक करने के उपरान्त उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे।

ऑनलाइन रिपोर्टिंग में आवश्यक दस्तावेज:

विशेषज्ञों के अनुसार, जोसा काउंसलिंग में सीट आवंटन के बाद विद्यार्थियों को आनलाइन रिपोर्टिंग में 10वीं, 12वीं की अंकतालिका, कैटेगिरी सर्टिफिकेट, कैंसिल चैक की फोटोकापी, मेडिकल सर्टिफिकेट आदि स्कैन कर अपलोड करने होंगे। ईडब्ल्यूएस एवं ओबीसी के विद्यार्थियों को एक अप्रैल 2024 के बाद का कैटेगिरी सर्टिफिकेट देना होगा। अन्यथा उनकी कैटेगिरी निरस्त कर ओपन रैंक से सीट आवंटित की जाएगी।

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Bihar Election Result 2024: बिहार में भाजपा-जदयू के साथ कैसे हो गया खेला? यहां समझिए पूरा हिसाब-किताब

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 2:59pm

कुमार रजत, पटना। Bihar News: बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सामने आ गया हैं। इस बार के परिणाम में जहां आरजेडी और कांग्रेस को फायदा हुआ तो वहीं भाजपा-जदयू को नुकसान झेलना पड़ा है। अब लोगों के मन में यह चल रहा है कि आखिर बीजेपी और जेडीयू के वोट बैंक में कहां सेंधमारी हो गई। आरजेडी-कांग्रेस वालों ने कहां फायदा उठाया।

तो आइए आपलोगों को बताते हैं कि आखिर कहां-कहां एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी हो गई और आरजेडी-कांग्रेस को कैसे फायदा हो गया।

भाजपा, जदयू और लोजपा के वोट बैंक में कुल 8.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज

बिहार में राजग को 30 सीटें जरूर मिली हैं, मगर भाजपा, जदयू और लोजपा के वोट बैंक में कुल 8.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं महागठबंधन के प्रमुख दलों राजद-कांग्रेस के वोट प्रतिशत में पिछली बार की तुलना में 8.50 प्रतिशत की ही वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह लगभग 8.50 प्रतिशत वोटों की सेंधमारी ने राजग को नौ सीटों का नुकसान करा दिया है।

बिहार में किस गठबंधन को कितने फीसदी वोट

इस बार के लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो बिहार में राजग को करीब 45.51% वोट मिले हैं। वहीं महागठबंधन करीब 36.50% वोट हासिल करने में सफल रहा है। इस इस तरह गठबंधन के स्तर पर करीब नौ प्रतिशत अधिक मत राजग के खाते में आये हैं। पिछले लोकसभा में यह अंतर करीब 22 प्रतिशत था। इस तरह यहां भी राजग को नुकसान उठाना पड़ा है।

राजद को 7 प्रतिशत अधिक वोट मिले 

पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को कुल 15.7 प्रतिशत वोट मिले थे। हालांकि वह एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस बार राजद का कुल वोट सात प्रतिशत बढ़कर 22.14 प्रतिशत हो गया है। महागठबंधन के साथी कांग्रेस का वोट शेयर भी करीब डेढ़ प्रतिशत बढ़ा है। पिछले लोकसभा चुनाव में उसे 7.9% वोट हिस्सेदारी मिली थी जो इस बार बढ़कर 9.20 प्रतिशत हो गई है।

राजग के प्रमुख दलों की बात करें तो भाजपा को पिछले लोकसभा चुनाव में 24.01% कुल मत मिला था, जो इस बार घटकर 20.52% रह गया है। इस तरह उसे करीब 3.50 प्रतिशत कम वोट मिले। जदयू को भी पिछले लोकसभा चुनाव में 22.3% वोट मिला था, जो इस बार करीब चार प्रतिशत घटकर 18.52 रह गया है। लोजपा को 7.86% मत मिले थे जबकि इस बार पार्टी 6.47 प्रतिशत कुल मत हासिल कर सकी है।

प्रमुख दलों को मिले वोट

दल - 2019 - 2024

भाजपा - 24.1 - 20.52

जदयू - 22.3 - 18.52

राजद - 15.7 - 22.14

कांग्रेस - 7.9 - 9.20

लोजपा - 7.8 - 6.47

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Chirag Paswan: 'जरा-सी भी चूक हो जाए तो...', मोदी को 'N फैक्टर' का साथ मिलने के बाद चिराग का बड़ा बयान

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 2:37pm

डिजिटल डेस्क, पटना/नई दिल्ली। Chirag Paswan  दिल्ली में कल देर शाम एनडीए की बैठक हुई। बैठक में एनडीए के तमाम नेताओं ने नरेंद्र मोदी के समर्थन में प्रस्ताव पास किया। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने भी नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन दे दिया है। साफ है कि अब जल्द ही नई सरकार का गठन होगा। इस सबके LJPR नेता चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया।

एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, "...मेरे पीएम तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कल एनडीए के सभी नेताओं की बैठक हुई... हमारी जीत से कोई इनकार नहीं कर सकता। एनडीए को ये प्रचंड बहुमत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में मिली है"।

#WATCH दिल्ली: LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, "नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कल NDA के नेताओं की बैठक थी...प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही NDA को प्रचंड बहुमत मिली है...कल NDA के घटक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को स्वीकारा है..." pic.twitter.com/awsEPPSKW7

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2024

'जरा-सी भी चूक हो जाए तो...'

चिराग पासवान ने यह भी कहा कि कभी-कभी हम अपने लिए इतना बड़ा लक्ष्य तय कर लेते हैं कि जरा-सी भी चूक हो जाए तो सवाल उठने लगते हैं।

'यह कोई सामान्य बात नहीं है...'

उन्होंने कहा, "यह कोई सामान्य बात नहीं है कि एनडीए को तीसरी बार जनादेश मिला है। कल की बैठक में एनडीए के सभी सहयोगियों ने बिना किसी शर्त के एक बार फिर उनका (मोदी) नेतृत्व स्वीकार कर लिया है"।

चिराग पासवान ने केंद्र में क्या मांगा?

NDA सरकार में अपनी पार्टी द्वारा 2-3 कैबिनेट पदों की मांग की खबरों पर चिराग पासवान ने कहा, "मैं ऐसी सभी बातों का खंडन करता हूं। कोई मांग नहीं है। कोई मांग हो ही नहीं सकती, क्योंकि हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री को फिर से प्रधानमंत्री बनाना था... यह विशेषाधिकार प्रधानमंत्री के पास ही है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको जगह देते हैं और किसको नहीं देते हैं..."

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Dainik Jagran - June 6, 2024 - 1:52pm

अरुण अशेष, पटना। Bihar Politics In Hindi 2020 के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार की राजनीतिक क्षमता पर कई बार प्रश्न खड़े हुए। राजद के गठबंधन के समय नीतीश (Nitish Kumar) ने इतना तक कह दिया कि अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

उनके फिर से एनडीए में आने के बाद यह अनुमान लगाया गया कि 2025 में भाजपा की अगुआई में विस चुनाव लड़ा जाएगा।

नीतीश और उनके लोग भी इस मुद्दे पर मौन थे। लेकिन, लोकसभा चुनाव का परिणाम आते ही जदयू की ओर से घोषणा कर दी गई कि अगला विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

यह 13 दिसंबर 2022 की बात है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन महागठबंधन विधान मंडल दल की बैठक चल रही थी। उस समय के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा था-अगले विधानसभा चुनाव में इन्हीं को आगे बढ़ाना है।

नालंदा में नीतीश ने क्या कहा था?

इससे पहले, नालंदा के रहुई में मुख्यमंत्री ने कहा था-हमारे तेजस्वी जी हैं। इनको आगे बढ़ा रहे हैं। इनको और आगे काम करना है।दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश के जदयू की हैसियत तीसरे नम्बर के दल की हो गई थी। जदयू की सिर्फ 43 सीटों पर जीत हुई थी। इससे क्षुब्ध नीतीश मुख्यमंत्री नहीं बन रहे थे।

भाजपा के मनुहार पर मुख्यमंत्री बने। लेकिन, जल्द ही भाजपा के कुछ नेता उन पर अपमानजक टिप्पणी करने लगे। नीतीश जो एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में थे, भाजपा के कई नेता उन्हें छोटा भाई बताने लगे। परिणति नीतीश के महागठबंधन के साथ जुड़ने से हुई।लोग नीतीश में सत्ता के प्रति वैराग्य का भाव देखने लगे।

उन्होंने कहा था-मुझे किसी पद की ख्वाहिश नहीं है। इस घोषणा के बाद वह एक बार फिर एनडीए से जुड़े। मुख्यमंत्री बने। तब कहा जाने लगा कि यह नीतीश की आखिरी राजनीतिक पारी है। लेकिन, लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें हासिल करने के बाद एक बार नीतीश फिर किंग मेकर की भूमिका में हैं।

उनका और जदयू का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। जदयू के वरिष्ठ नेता और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कह दिया कि 2025 का विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

अपरिहार्य बन गए नीतीश

लोकसभा चुनाव में 12 सीट जीतकर जदयू उत्साह से भरा हुआ है। इसलिए कि केंद्र में नई सरकार के गठन के लिए यह संख्या अपरिहार्य है। हालांकि, जदयू को 2019 की तुलना में उतनी ही सीटें लड़ने पर 3.74 और भाजपा को 3.53 प्रतिशत कम वोट आया। हार-जीत का अंतर भी कम हुआ है।

इसके बावजूद जदयूू ने अपने आधार वोटों को बचा कर रखा। कुछ क्षेत्रों में उसे मुसलमानों का वोट भी मिला। जदयू के प्रति अत्यंत पिछड़ों और महिलाओं का समर्थन भी बना रहा।

कई बार क्षुब्ध हुए नीतीश

नीतीश कुमार की दिली इच्छा थी कि सुशील कुमार मोदी (अब दिवंगत)उनके कैबिनेट में रहें। केंद्रीय नेतृत्व ने इसकी अनुमति नहीं दी। 2019 की जीत के बाद भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने कैबिनेट में जदयू को एक से अधिक सीट देने से भी मना कर दिया।

नीतीश जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह को भी मंत्री बनाना चाहते थे। उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई। राज्य कैबिनेट में भी भाजपा ने कई ऐसे चेहरे को रखने के लिए दबाव बनाया, जिसे नीतीश पसंद नहीं करते थे।

बिहार के लिए क्यों है जरूरी

लोकसभा चुनाव में बिहार के भाजपा नेता सक्रिय थे। उनकी खूब सभाएं हुईं। उम्मीदवारों ने और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगा। दूसरी तरफ जदयू राज्य सरकार की उपलब्धियों के आधार पर वोट मांगता रहा।

औरंगाबाद, जमुई और नवादा की सभाओं को छोड़ दें तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र की अधिसंख्या सभाओं में मंच पर नजर नहीं आए। कारण यह बताया गया कि साझा मंच पर नीतीश राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करने में अधिक समय ले लेते हैं। प्रधानमंत्री के लिए समय कम पड़ जाता था।

दूसरी परेशानी मुसलमानों को लेकर थी। प्रधानमंत्री के मंच पर भाजपा के नेता हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर ध्रुवीकरण के लायक भाषण करते थे।उसी मंच से नीतीश कहते थे कि आपस में लड़ना नहीं है। वह मुसलमानों के लिए किए गए राज्य सरकार के कार्यों की लंबी सूची रख देते थे।

लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर महागठबंधन की ओर से अगड़ा-पिछड़ा कार्ड खेला गया। विधानसभा चुनाव में यह कार्ड अधिक प्रभावी न हो पाए, इसके लिए भी एनडीए में नीतीश का महत्वपूर्ण बनाए रखना भाजपा के लिए जरूरी हो गया है।

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Dainik Jagran - June 6, 2024 - 8:51am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा (Vijay Sinha) ने कहा कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनने जा रही है। यही नहीं, 1962 के बाद पहली बार कोई दल या गठबंधन लगातार तीसरी बार सत्तासीन होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राजग के घटक केवल सत्ता के लोभ में एकसाथ जुटे हुए दल नहीं हैं, बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त विकसित भारत की सोच रखने वाले एक-दूसरे के स्वाभाविक सहयोगी हैं।

सत्ता के स्वार्थ से भरे मंसूबे कभी सफल नहीं होने वाले- विजय सिन्हा

Bihar News विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए सिन्हा ने कहा कि तुक्के से पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा सीटें जीत लेने वाले आईएनडीआईए के नेता अपने लिए मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखते हुए मीटिंग-मीटिंग खेलने में लग गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भ्रामक बयानबाजी के जरिए सरकार को लेकर संशय पैदा करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। उनके सत्ता के स्वार्थ से भरे मंसूबे कभी सफल नहीं होने वाले हैं।

भाजपा कार्यालय में किया गया पौधारोपण

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बाढ़ के मलाही स्थित भाजपा कार्यालय में बुधवार को वृक्षारोपण का कार्य किया गया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष राजेश सिंह राजू भाजपा कार्यालय के प्रांगण में वृक्षारोपण किया।

मौके पर बख्तियारपुर के पूर्व विधायक रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया, युवा भाजपा नेता ललन सिंह उर्फ लल्ला सहित कई कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।

पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजेश सिंह राजू ने पर्यावरण को बचाने तथा लोगों को भविष्य में हीट वेव्स की चपेट से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को समय समय पर एक एक वृक्ष लगाने की बात कही।

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Bihar Weather Today : बिहार के इन छह जिलों में चलेगी भयंकर 'लू', जारी हुआ अलर्ट; बारिश को लेकर ये है लेटेस्ट अपडेट

Dainik Jagran - June 6, 2024 - 7:47am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today पूर्व पश्चिम ट्रफ रेखा पूर्वी उत्तरप्रदेश से बांग्लादेश तक बना हुआ है। इनके प्रभाव से प्रदेश के तराई वाले इलाकों में गरज-तड़क के साथ आंधी-पानी की चेतावनी है। जबकि, पटना सहित दक्षिणी व उत्तरी भागों के कुछ स्थानों पर उमस भरी गर्मी का प्रभाव बना रहेगा।

बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद व अरवल में उष्ण लहर चलने का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पटना सहित दक्षिण भागों में शुष्क पछुआ हवा का प्रवाह जारी है। इनके कारण दिन व रात में उमस वाली गर्मी परेशान करेगी। पटना व आसपास इलाकों में दोपहर बाद बादलों की आवाजाही बनी रहेगी।

दक्षिणी भागों के कुछ हिस्सों में हवा का कम दवाब बनने के कारण धूल भरी आंधी चलने का पूर्वानुमान है। बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 43.1 डिग्री सेल्सियस के साथ औरंगाबाद सबसे गर्म रहा।

इन इलाकों में हुई इतनी बारिश

Bihar News वहीं, बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिम चंपारण के त्रिवेणी में 26.2 मिमी, बांका के बौसी में 24.6 मिमी, पश्चिम चंपारण के गौनाहा में 23.3 मिमी, बांका के कटोरिया में 14.4 मिमी, सीतामढ़ी के सुरसंड में 6.8 मिमी, बांका के अमरपुर में 4.4 मिमी, पूर्वी चंपारण के चटिया में 3.5 मिमी एवं मधुबनी के सौलीघाट में 2.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

पटना व आसपास इलाकों में दिन में सूर्य के तल्ख तेवर बने रहे। शाम होते ही आंशिक बादल छाए रहने से उमस भरी गर्मी का प्रभाव बना रहा।

40 के ऊपर प्रमुख जिलों का तापमान

गया का अधिकतम तापमान 41.9 डिग्री सेल्सियस, बक्सर में 42.8 डिग्री, भोजपुर में 41.7 डिग्री, नवादा में 41.3 डिग्री, राजगीर 40.1 डिग्री, अरवल 42.1 डिग्री, बिक्रमगंज 42.0 डिग्री, गोपालगंज 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

प्रमुख शहरों का तापमान शहर अधिकतम न्यूनतम

पटना 38.4 28.0

गया 41.9 27.0

भागलपुर 37.4 27.2

मुजफ्फरपुर 34.8 27.6

(तापमान डिग्री सेल्सियस में)

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Lok Sabha Election 2024 Result: गिरिराज से लेकर राजीव प्रताप रूडी तक... चुनाव जीतने में NDA के धुंरधंरों के छूटे पसीने

Dainik Jagran - June 5, 2024 - 11:45pm

रमण शुक्ला, पटना। Bihar Lok Sabha Election 2024 Result बिहार में पिछले दो चुनावों की तुलना में इस बार जीत के लिए राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को विशेष परिश्रम करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अधिकाधिक जनसभाएं करनी पड़ीं, फिर भी जीत का अंतर इस बार अपेक्षाकृत कम ही रहा।

2019 में बिहार में जहां मोदी की 11 जनसभा हुई थीं। इस बार उनकी संख्या बढ़कर 15 हो गई। फिर भी भाजपा, जदयू व लोजपा के कई दिग्गजों के लिए कांटे की टक्कर रही है। आखिरी क्षण में जाकर संभलने तक चढ़ने-गिरने का क्रम चलता रहा।

संभवत: ऐसा सत्ता विरोधी प्रभाव के कारण हुआ हो, लेकिन 2019 की तरह इस बार की जीत सहज नहीं रही है। तीन सीटों (सारण, शिवहर और अररिया) पर राजग प्रत्याशी 30 हजार से कम मतों के अंतर चुनाव में विजयी हुए।

इसमें सारण से भाजपा के राजीव प्रताप रूडी को 13,661 मतों के अंतर से मिली जीत भी है। 2019 में रूडी 1, 38, 429 मतों से विजयी रहे थे। उससे पहले 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 40,948 मतों से हराया था।

वहीं, मोदी सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रहे गिरिराज सिंह की जीत का अंतर घट गया। 2019 में गिरिराज 4,22,217 मतों से जीते थे। 2024 में वह अंतर 81,450 का रहा गया।

मुजफ्फरपुर में भाजपा का एक और रिकार्ड

बिहार में मुजफ्फरपुर की जीत सबसे बड़ी रही है। भाजपा के राजभूषण चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय निषाद को 2,34,927 मतों से हराकर रिकार्ड बनाया है। हालांकि, इस सीट पर भी 2019 की तुलना में जीत का अंतर घट गया। पिछली बार भाजपा के टिकट पर अजय निषाद ने राजभूषण को 4,09,988 मतों से शिकस्त दी थी। इस बार बदला बराबर हुआ है।

समस्तीपुर में लोजपा की बड़ी जीत

सर्वाधिक मतों से जीत की सूची में समस्तीपुर दूसरे स्थान पर है। यह रिकार्ड लोजपा की शांभवी चौधरी के नाम पर दर्ज है। उन्होंने कांग्रेस के सन्नी हजारी को 1,87,251 मतों से हराया है। शांभवी मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री और पूर्व आइपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की पुत्रवधू हैं।

रामप्रीत की रिकॉर्ड जीत

झंझारपुर से जदयू सांसद रामप्रीत मंडल ने 1,84,169 मतों से वीआइपी के प्रत्याशी सुमन महासेठ को हराया है। सर्वाधिक मतों से जीत दर्ज कराने वाले वे तीसरे प्रत्याशी रहे। रामप्रीत की जीत के पीछे इस बार पूर्व मंत्री एवं जदयू के राज्यसभा सदस्य संजय झा की साख भी जुड़ी हुई थी।

30 हजार से कम मतों से जीते दिग्गज

जदयू की लवली आनंद शिवहर से (29,143), भाजपा के प्रदीप सिंह अररिया से (20,094), कांग्रेस के मनोज राम सासाराम (19157) से 30 हजार से कम मतों से जीतने वाले सांसद हैं। इसमें लवली चर्चित चेहरा रही हैं।

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Nitish Kumar: इधर नीतीश कुमार दिल्ली गए, उधर विजय सिन्हा ने दे दिया बड़ा बयान; सियासी हलचल तेज

Dainik Jagran - June 5, 2024 - 10:27pm

राज्य ब्यूरो, पटना। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनने जा रही है। यही नहीं, 1962 के बाद पहली बार कोई दल या गठबंधन लगातार तीसरी बार सत्तासीन होने जा रही है।

सिन्हा ने आगे कहा कि राजग के घटक केवल सत्ता के लोभ में एकसाथ जुटे हुए दल नहीं हैं बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त विकसित भारत की सोच रखने वाले एक-दूसरे के स्वाभाविक सहयोगी हैं।

विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए सिन्हा ने कहा कि तुक्के से पहले की अपेक्षा कुछ ज्यादा सीटें जीत लेने वाले आइएनडीआइए के नेता अपने लिए मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखते हुए मीटिंग-मीटिंग खेलने में लग गए हैं।

सिन्हा ने कहा कि विपक्ष के लोग भ्रामक बयानबाजी के जरिए सरकार को लेकर संशय पैदा करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। उनके सत्ता के स्वार्थ से भरे मंसूबे कभी सफल नहीं होने वाले।

'बिना भेदभाव के जनता की सेवा कर रहे नीतीश'

जदयू के विधान परिषद् के सदस्य प्रो. गुलाम गौस कहा कि चुनाव परिणाम नें यह साबित कर दिया है कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की सार्थकता आज भी बरकरार है। इस चुनाव में अति पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, युवाओं तथा अल्पसंख्यकों का जदयू को भरपूर समर्थन मिला।

प्रो. गौस ने पार्टी के विजयी सभी सांसदों तथा विशेष रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को बधाई दी है।

उन्होंने कहा है कि बिहार में विकास के नाम पर जनता ने मतदान किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति, धर्म तथा क्षेत्र का भेदभाव किये बिना जनता की सेवा कर रहे हैं।

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Rahul Gandhi: बिहार में राहुल गांधी ने ऐसा क्या किया? हार कर भी कमबैक कर गई कांग्रेस

Dainik Jagran - June 5, 2024 - 9:57pm

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Lok Sabha Elections Result 2024 । बिहार में घुटनों के बल रेंग रही कांग्रेस को इस चुनाव ने बड़ा संबल दिया है। पिछली बार से उसकी सीटें ही नहीं, प्राप्त मतों में भी वृद्धि हुई है।

सीटें तो उसे परंपरागत ही मिली हैं, लेकिन पूर्णिया में निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की सफलता से उन कोनों में भी उसके लिए आस जगी है, जहां पिछले चार दशक से वह एक अदद जीत के लिए तरस रही। यह आस इसलिए भी जीवंत हो सकती है, क्योंकि कांग्रेस को मिली सफलता अपने बूते की है।

इस बार कांग्रेस को पिछली बार से दो अधिक सीटें मिली हैं और 1.44 प्रतिशत अधिक वोट। यह राहुल गांधी (Rahul Gandhi) व मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) की सधी रणनीति का प्रतिफल है। हालांकि, मतों में वृद्धि इतनी अप्रत्याशित भी नहीं कि माना जाए कि उसे आइएनडीआइए (बिहार में महागठबंधन) के घटक दलों के वोट एकमुश्त हस्तांतरित ही हो गए।

दरअसल, सहयोगी दलों का अस्तित्व उसी जन-जमीन पर है, जो कभी कांग्रेस का आधार हुआ करता था। राजद के माय (मुसलमान-यादव) समीकरण के मुसलमान कांग्रेस के परंपरागत मतदाता हैं। वैसे ही वाम दलों की राजनीति को दमदार बनाने वाले गरीब व दलित भी।

इन दोनों वर्गों के साथ सवर्ण समाज ने गुजरे दौर में कांग्रेस को जनाधार की एक पुख्ता जमीन मुहैया कराई थी। बाद में लालू प्रसाद आदि ने उसमें सेंध लगाने की शुरुआत कर दी।

मजबूत विकल्प देख सवर्ण राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर आकृष्ट हो गए और छीना-झपटी में मुसलमानों व दलितों के मत बिखरते रहे। पसमांदा के मुद्दे मुसलमानों को लुभाने के लिए उछाले गए तो महादलित का वर्गीकरण कर वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने का उपक्रम हुआ।

कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान का दावा है कि इस बार इन वर्गों ने अपनी पुरानी प्रतिबद्धता का ख्याल रखा। इसका कारण वे कांग्रेस के पांच न्याय व 25 गारंटियों के साथ संविधान के संरक्षा-सुरक्षा की प्रतिबद्धता बता रहे। कपिलदेव प्रसाद यादव का कहना है कि परंपरागत जनाधार के साथ पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग को जोड़ने के प्रयास में भी कांग्रेस पीछे नहीं रहने वाली।

भागलपुर दंगे ने कांग्रेस को दिए थे गहरे जख्म

भागलपुर दंगा ने कांग्रेस को बिहार में गहरा जख्म दिया। वह प्रदेश की सत्ता से बाहर तो हुई ही, लोकसभा चुनाव में भी उसकी उपलब्धि दो-तीन सीटों तक सिमटती चली गई। उसी बीच लालू-राबड़ी का राज रहा।

लालू ने तो कांग्रेस को हाफ और वाम दलों को साफ करने तक की बात चलाई थी। समय के फेर में राजनीति ने करवट ली तो कांग्रेस की रणनीति भी बदली। कांग्रेस लालू के साथ क्या हुई कि उनकी शरण में चली गई।

2009 में अकेले लड़ा था चुनाव

2009 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने अकेले दम चुनाव लड़ने का साहस किया, लेकिन सफलता दो सीटों पर सिमट कर रह गई। अलबत्ता मत प्रतिशत में जो उछाल आया, उसे कांग्रेस बाद के चुनावों में प्राप्त नहीं कर पाई।

अनिल शर्मा कांग्रेस छोड़ भाजपा में जा चुके हैं। यह क्षोभ जताते हुए कि राजद से गठबंधन में कांग्रेस लालू-राबड़ी के जंगल-राज व भ्रष्टाचार के आरोपों में हिस्सेदारी से कैसे इनकार कर सकती है।

कांग्रेस के प्रति जन-विश्वास में गिरावट का यही मूल कारण है। इस गिरावट से उसकी चुनावी संभावनाएं प्रभावित हुईं तो संगठन की जड़ें भी कमजोर होती गईं। सत्ता और चुनावी सफलता के लिए संगठन का मजबूत होना जरूरी है।

ऐसा रहा है कांग्रेस का प्रदर्शन

पिछली बार तो किशनगंज ने लाज रख ली, अन्यथा कांग्रेस ही नहीं, महागठबंधन की भी झोली खाली रह जाती। 2019 में कांग्रेस एकमात्र सुपौल में सफल रही थी। जदयू प्रत्याशी को पराजित कर मो. जावेद विजयी हुए थे।

2014 में किशनगंज में मो. असरारूल हक और सुपौल में रंजीत रंजन को सफलता मिली थी। 2009 में भी सासाराम में मीरा कुमार और किशनगंज में मो. असरारूल हक को सफलता मिली थी।

उससे पहले 2004 में मधुबनी में शकील अहमद खान, औरंगाबाद में निखिल कुमार और सासाराम में मीरा कुमार सफल रही थीं।

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तेजस्वी के साथ फ्लाइट में ऐसा क्या हुआ? नीतीश को PM आवास में करने पड़ गए 'साइन', मच गई खलबली

Dainik Jagran - June 5, 2024 - 9:29pm

राज्य ब्यूरो, पटना। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से कम सीटें पाने के कारण छोटे भाई करार दिए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 'किंग मेकर' की भूमिका में हैं। बुधवार को राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ एक ही विमान से दिल्ली क्या गए, राजनीतिक हलके में खलबली मच गई।

यह महज संयोग था कि विमान में आगे की सीट नीतीश की थी। पीछे की सीट पर तेजस्वी बैठे थे। तेजस्वी ने उठकर उनका अभिवादन किया। कुछ देर बाद इंटरनेट मीडिया पर एक तस्वीर तैरने लगी, जिसमें नीतीश और तेजस्वी अगल-बगल में बैठे नजर आ रहे थे।

इस प्रस्ताव पर नीतीश ने किए हस्ताक्षर

नीतीश ने इस मुलाकात के बारे में मीडिया के सामने कोई टिप्पणी नहीं की। बाद में वे राजग की बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में पारित प्रस्ताव पर उन्होंने हस्ताक्षर किया। कहा भी कि वह राजग के साथ हैं। जदयू के 12 सांसद हैं। किसी एक दल को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण केंद्र में सरकार बनाने के लिए नीतीश का समर्थन अपरिहार्य माना जा रहा है।

नीतीश के साथ टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू के 16 सांसदों को जोड़ कर दावा किया जा रहा है इन दोनों की मदद के बिना केंद्र में राजग की सरकार नहीं बन सकती है। अपने-अपने राज्यों को लेकर नीतीश और नायडू की मांग एक जैसी है। दोनों क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं।

JDU सूत्रों ने क्या कहा?

जदयू से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष दर्जा या विशेष पैकेज के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित गणना कराने की मांग कर सकते हैं। जदयू के सूत्र नीतीश कुमार के आइएनडीआइए से जुड़ने की संभावना से साफ इनकार करते हैं। इस सच के बावजूद कि भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है।

उन्होंने ही भाजपा के एक के मुकाबले विपक्ष का एक उम्मीदवार देने का फॉर्मूला दिया था। लेकिन, बाद के दिनों में उन्हें उपेक्षा का अहसास होने लगा। नीतीश कुमार ने स्वयं स्वीकार किया कि आएनडीआइए के नाम पर उनकी आपत्ति थी। भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने का श्रेय नीतीश कुमार को दिया गया।

समर्थकों की अपेक्षा थी कि उन्हें संयोजक का पद दिया जाए। आइएनडीआइए में रहते हुए ही नीतीश ने कांग्रेस की भूमिका की आलोचना की थी। इसलिए राजग से अलग होकर आइएनडीआइए को सरकार बनाने में मदद करने की चर्चाएं जदयू की ओर से निर्मूल बताई जा रही हैं।

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Modi 3.0 बनने से पहले ही Chirag Paswan का बड़ा बयान, क्या दिल्ली से मिल गया ऑफर?

Dainik Jagran - June 5, 2024 - 9:27pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए को जीत दिलाने के लिए जनता को धन्यवाद दिया है। बुधवार को चिराग ने पत्रकारों से कहा कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है और उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी। बिहार की जनता ने हमारी पार्टी के सभी पांच उम्मीदवारों को जीत दिलायी है। इसके लिए हम जनता के प्रति आभार प्रकट करते हैं।

एक प्रश्न के उत्तर में चिराग पासवान ने कहा कि किसी को कोई ऑफर नहीं मिला है। हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती से सरकार बनाएंगे। शपथ लेने की तैयारी है। ये सरकार पांच साल तक चलेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को सही दिशा और नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं और देश हर क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। वहीं, चिराग पासवान दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जाकर अपने सांसदों के साथ मुलाकात की।

क्यों बढ़ी भाजपा की टेंशन?

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा अपने दम पर बहुमत पाने में नाकामयाब रही है। भाजपा को इस बार सिर्फ 240 सीटों पर भी संतोष करना पड़ा है।

बिहार की बात करें तो यहां भाजपा और जदयू दोनों को ही 12-12 सीटें मिली है, वहीं चिराग पासवान की रालोसपा सभी 5 सीटें जीतने में कामयाब हैं।

किंगमेकर बने नीतीश और नायडू

नई सरकार के गठन में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और आंध्रप्रदेश के चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी की अहम भूमिका रहने वाली है। पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर भाजपा की इन दोनों दलों पर निर्भरता बढ़ सकती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा भाजपा इन दोनों दिग्गज नेताओं के साथ कैसे सामंजस्य बना कर रखती है।

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दिल्ली में Modi 3.0 की तैयारी, इधर 'चाचा' को साथ लाने पर तेजस्वी का ऐसा रिएक्शन; आखिर क्या है माजरा?

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दिल्ली में Modi 3.0 की तैयारी, इधर 'चाचा' को साथ लाने पर तेजस्वी का ऐसा रिएक्शन; आखिर क्या है माजरा?

Dainik Jagran - June 5, 2024 - 8:52pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्व उप मुख्यमंत्री और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार किंग मेकर बनकर उभर रहा है, इसलिए जिसकी भी सरकार बनने जा रही है उस सरकार से बिहार को बेरोजगारी हटाने, पलायन रोकने और उद्योग-धंधे लगाने समेत कई शर्तो पर समर्थन मिलना चाहिए।

तेजस्वी बुधवार को पटना से दिल्ली रवाना होने के पूर्व एयरपोर्ट से स्थानीय प्रेस से बात कर रहे थे। तेजस्वी यादव ने बिना नीतीश कुमार का नाम लिए कहा कि जो नई सरकार के गठन में किंग मेकर की भूमिका में हैं उन्हें कम से कम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना चाहिए।

चाचा को साथ लाएंगे? 

हालांकि, इस दौरान तेजस्वी यादव 'चाचा को साथ लाएंगे' का जवाब वे टाल गए और बिना वहां से कुछ कहे ही आगे बढ़ गए।

इससे पहले, उन्होंने जाति आधारित गणना के बाद बढ़ाई गई आरक्षण की सीमा को लेकर कहा कि जाति आधारित गणना करने के बाद हम लोगों ने आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है। हमारी मांग थी कि आरक्षण का जो दायरा बढ़ाया गया है उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

जाति गणना की मांग उठाई

साथ ही उन्होंने केंद्र में गठित होने वाली नई सरकार से पूरे देश में जाति गणना कराने की मांग भी उठाई। नेता प्रतिपक्ष ने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमले किए और कहा हम अयोध्या जीत गए। प्रधानमंत्री जो नफरत की बातें कहते थे। मुसलमान भाइयों के बार में सदैव जहर बोलते थे आज देखिए रामजी ने भी उन्हें सबक सिखा दिया।

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