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बालू, गिट्टी और मिट्टी के लिए जारी होंगे 5 तरह के चालान; अवैध खनन को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 1:08pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बालू के साथ ही गिट्टी और मिट्टी के अवैध कारोबार पर रोक के लिए सरकार अब पांच प्रकार के ई-चालान जारी करने की तैयारी में है।

ये ई-चालान किलोमीटर के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में बांटकर जारी होंगे। इससे जहां बालू-गिट्टी और मिट्टी के अवैध कारोबार पर रोक लगा सकेगी। वहीं, सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

ई-चालान को पांच श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव

खान एवं भू-तत्व विभाग की बड़ी परेशानी लघु खनिजों का अवैध कारोबार है। जिस पर रोक के लिए विभाग के स्तर पर कई प्रकार के उपाय किए गए हैं।

विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए विभाग ने ई-चालान को पांच श्रेणियों में बांटने का प्रस्ताव तैयार किया है।

प्रस्ताव के अनुसार ई-चालान शून्य से पांच किमी, पांच से 10 किमी, 10 से 50 किमी, 50 से सौ किमी और सौ से पांच सौ किमी के लिए जारी होंगे। ई-चालान को श्रेणी में बांटने से बालू, गिट्टी और मिट्टी पहुंचाने में जहां गाडिय़ों की कमी नहीं होगी। वहीं, गंतव्य तक इन लघु खनिजों को पहुंचाने में भी काफी कम वक्त लगेगा।

पोर्टल के माध्यम से जारी होते हैं ई-चालान

बता दें कि बंदोबस्तधारी के लिए बालू, गिट्टी और मिट्टी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए ई-चालान अनिवार्य है। ई-चालान विभाग द्वारा तैयार किए गए खनन सॉफ्ट पोर्टल के माध्यम से जारी होते हैं।

अभी जो व्यवस्था है उसके अनुसार एक वाहन का ई-चालान जारी होने पर उसके चार घंटे बाद ही उस गाड़ी के लिए दोबारा चालान जारी करना पड़ता है। यदि गाड़ी को पांच किमी तक जाकर बालू, गिट्टी या मिट्टी पहुंचाना हो तब भी उस गाड़ी को दूसरी जगह की ढुलाई के लिए चार घंटे बाद ही ई-चालान जारी होता है।

नई व्यवस्था प्रभावी होने से वाहनों को नए चालान के लिए बेवजह का इंतजार नहीं करना होगा। लघु खनिज ढोने के लिए वाहनों की कमी भी नहीं होगी।

साथ ही कम से कम समय में लघु खनिज को गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। जिससे राजस्व वृद्धि बढऩा तय है ऐसा सरकार ने माना है। इस व्यवस्था को इसी वित्तीय वर्ष से प्रभावी करने की विभाग की तैयारी है।

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Sharda Sinha Final Rites Live: पटना पहुंच रहा शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर, बेटे ने कही भावुक करने वाली बात

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 9:01am

डिजिटल डेस्क, पटना। 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात करीब 9.20 बजे निधन हो गया। बुधवार सुबह उनका पार्थिव शरीर इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर पहुंचा। जहां से उन्हें पटना ला जा रहा है। उनका अंतिम संस्कार पटना में ही किया जाएगा।

शारदा सिन्हा एक गंभीर ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं। जिसका नाम मल्टीपल मायलोमा बताया जा रहा है। इसका निदान 2018 में हुआ था। सोमवार को उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वेंट पर रखा गया था।

शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने उनके अंतिम संस्कार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनका पार्थिव शरीर सुबह करीब 9.40 बजे पटना पहुंचेगा।

शारदा सिन्हा के बेटे ने क्या कहा? 

अंशुमान सिन्हा ने कहा, 'हमने तय किया है कि मेरी मां (शारदा सिन्हा) का अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होगा, जहां मेरे पिता का अंतिम संस्कार हुआ था... इसलिए हम उनका पार्थिव शरीर पटना ले जाएंगे...'

अंशुमान सिन्हा ने बुधवार को कहा कि यह परिवार और उनके चाहने वालों के लिए दुख की घड़ी है, क्योंकि उन्होंने छठ पूजा के पहले ही दिन अंतिम सांस ली। अपनी मां को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी।

उन्होंने आगे कहा कि यह सभी के लिए सदमे से भरी बात है। मुझे यकीन है कि उनके चाहने वाले भी मेरी तरह दुखी होंगे। उनका मातृत्व उनके गीतों के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व में भी साफ झलकता था। वह छठ पूजा के पहले दिन हमें छोड़कर चली गईं... वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगी...

मनोज तिवारी ने बिहार सरकार से की बात

दूसरी ओर, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया जाएगा।उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा का निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार ने तय किया है कि उनका अंतिम संस्कार बिहार में ही होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर दुख जताया है।

मनोज तिवारी ने आगे कहा कि मैंने बिहार सरकार से भी बात की है, उनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ होगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।

उन्होंने कहा था कि वह मेरे घर आएंगी, लेकिन अब यह वादा अधूरा रह जाएगा। वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। भगवान उनके परिवार और उनसे प्यार करने वाले सभी लोगों को शक्ति प्रदान करें।

छठ पूजा उत्सव की शुरुआत 5 नवंबर को 'नहाय-खाए' की रस्म के साथ हुई थी। शारदा सिन्हा विशेष रूप से मधुर 'छठ महापर्व' गीतों के लिए जानी जाती हैं।

सभी नेताओं ने व्यक्त किया शोक

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और अन्य नेताओं सहित विभिन्न राजनीतिक बिरादरियों ने शोक व्यक्त किया है।

72 वर्षीय सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में बहुत योगदान दिया है और लोक संगीत की अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियों के लिए जानी जाती हैं।

बिहार के पारंपरिक लोक संगीत और अपने प्रतिष्ठित छठ गीत में अपने योगदान के लिए जानी जाने वाली शारदा सिन्हा को इस क्षेत्र की सांस्कृतिक राजदूत माना जाता है।

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Sharda Sinha News: सहेलियों संग गा रही थीं शारदा सिन्हा, प्रधानाचार्य ने बुलाकर रिकॉर्ड कर लिया था गीत

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 8:18am

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार की लोकप्रिय गायिका के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली शारदा सिन्हा खास तहजीब, अनुशासन की पक्की व आर्दश बहू, बेटी होने के साथ एक अच्छे कलाकार के रूप में लोगों के दिलों में जगह बनाए रहीं।

सुपौल जिले के हुलास गांव में जन्मीं शारदा आठ भाइयों की इकलौती बहन थीं। बचपन से ही उन्हें संगीत व नृत्य में रूचि थी। मैथिली लोक गीत से उनका प्रेम प्रगाढ़ था। बेगूसराय के सिंहमा में ससुराल थी। वे समस्तीपुर महिला कालेज में संगीत की प्रोफेसर और एचओडी के रूप में कुछ वर्षों तक सेवारत रहीं।

संगीत में उनके योगदान के लिए 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण से अलंकृत किया गया था। 2016 में सुपवो ना मिले माई.. और पहिले पहल छठी मैया.. जैसे छठ गीत के साथ उनकी लोकप्रियता में चार-चांद लगा।

पांच दशकों से बिहार की लोक गायन परंपरा की सशक्त हस्ताक्षर रहीं शारदा सिन्हा के गाए गीत आज भी लोगों के दिल-ओ-दिमाग में रचे बसे हैं।

परिवार का मिलता रहा सहयोग

उन्हें बचपन से ही संगीत, नृत्य में रूचि थी। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे। संगीत के प्रति उनके लगन को देख कर पिता ने भारतीय नृत्य कला मंदिर में प्रवेश दिलाया था। स्कूल के दिनों में जब वे अपनी सहेलियों के साथ गीत गा रही थीं, वहीं चुपके से हरि उप्पल (उनके शिक्षक) उनका गीत सुन रहे थे।

शारदा को प्रधानाचार्य कार्यालय में बुला कर उस गीत को टेप रिकॉर्डर में रिकॉर्ड कर लिया था। वे कई बार कार्यक्रम के दौरान कहा करती थीं कि गायन के क्षेत्र में करियर को सक्रिय बनाने में उनके परिवार का सहयोग मिलता रहा। शास्त्रीय संगीत की शिक्षा के साथ मणिपुरी नृत्य को भी जानने का अवसर मिला।

उनका विवाह बेगूसराय के दियारा क्षेत्र सिहमा निवासी ब्रजकिशोर सिन्हा से हुआ था। सास को पसंद नहीं था मेरा गाना, पति देते थे हिम्मतशारदा सिन्हा कई बार बातचीत के दौरान बताती थीं कि भैया की शादी के बाद मेरी भी शादी की तैयारी होने लगी।

पिताजी ने शादी के पहले ही लड़के वालों को बता दिया था कि मुझे संगीत और नृत्य से खास लगाव है। किस्मत से मेरी तरह मेरे पति बृजकिशोर सिन्हा को भी गीतों से खास लगाव था। 1970 में जब शादी हुई और मैं अपने ससुराल बेगूसराय गई तो वहां का माहौल बिल्कुल अलग था।

वहां का रहन-सहन, तौर-तरीका के अलावा मैथिली भी अलग ढंग से बोली जाती थी। मेरा गाना सास को पसंद नहीं था। बाद के दिनों में स्थितियां बदलने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया।

ससुराल में रहने के दौरान पहली बार तुलसीदास की रचना मोहे रघुवर की सुधि आई... गाकर सभी को सुनाया था। गाने के बाद सभी का आशीष मिला था। इसके बाद गीत गाने का सिलसिला आगे बढ़ता गया।

छठ गीतों के प्रति बढ़ता रहा आकर्षण

शारदा सिन्हा का छठ गीतों के प्रति आकर्षण छठ घाट से हुआ था। वे बताती थीं कि बचपन से ही उनके घर में नानी पटना आकर छठ करती थीं। गंगा नदी में अर्घ्य देने जाते थे। छठ गीतों के स्वर कानों में पड़ते तो एक अलग खिंचाव होता था। इस दौरान गांव घर में गाए जाने वाले छठ गीत लिखे और रिकॉर्ड करते गए।

डोमिनी बेटी सुप लेले ठार छे... अंगना में पोखरी खनाइब, छठी मैया अइथिन आज.. मोरा भैया गैला मुंगेर... गीत को 1978 में रिकॉर्ड किया गया था। पहली बार उगो हो सूरज देव भइल अरघ केर बेर.. को लोगों का खूब प्यार मिला था।

केलवा के पात पर उगे ला सुरूज देव... हो दीनानाथ... सोना साठ कुनिया हो दीनानाथ.. आदि गीत नानी व सासु मां से सुनी थीं। इसके बाद पहली पहल हम कईनी छठी मैया व्रत त्योहार.. आदि गीत गाए।

शारदा सिन्हा के लिए हृदय नारायण ने लिखे गीत

शहर के गीतकार हृदय नारायण झा ने बताया कि शारदा सिन्हा से 20-25 वर्षों से संबंध रहा। गीत के सिलसिले में उनसे मिलना होता था। उनके लिए चार भोजपुरी, पांच मैथिली, तीन विवाह गीत, तीन सावन भजन कुल मिला कर 15 गीत लिखे थे।

इसमें छठ गीत महिमा अपार छठी मैया.. सकल जगतारिणी हे छठी मैया... नदिया के तीरे-तीरे.. कार्तिक मास इंजोरिया... पहले पहल कइलि छठ मैया वरत तोहार.. आदि गीत लिखे गए थे।

इन गीतों को आवाज शारदा सिन्हा ने दी थी। मृत्यु से कुछ दिन पहले एम्स अस्तपाल से दुखवा मिटाई छठी मैया, रउए आसरा हमार... इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया था। उन्होंने उनके गीतों को आवाज देकर अमर कर दिया।

गले को ठंडा रखने के लिए खाती थीं पान

शारदा सिन्हा मृदुभाषी होने के साथ-साथ सामान्य जीवन व्यतीत करना पसंद करती थीं। उनके करीबी रहे हृदय नारायण ने बताया कि वे भोजन भी सामान्य रूप से करती थीं। बहुत कुछ खाने-पीने का शौक नहीं था। उन्हें जो भी मिलता था बड़े शौक से खाती थीं।

वे कार्यक्रम में जाने से पूर्व गले को ठंडा रखने के लिए पान खाती थीं। ऐसा नहीं था कि वे पान की आदी थीं। वैसे भी मिथिलांचल में पान मां भगवती को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। इस कारण भी उन्हें थोड़ा बहुत पान के प्रति लगाव रहता था।

वे साथ में पान की डिब्बिया लेकर जाती थीं। हृदय नारायण झा भरे शब्दों में कहते हैं कि शारदा सिन्हा की तबीयत कोरोना के बाद से खराब बनी रही। छठ गीत को लेकर जब उनके घर गया तो वे कहती थीं कि तबीयत पूरी तरह से ठीक हो जाए तो बहुत कुछ काम करना है।

आप इंतजार करें कि हम जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद आपके साथ मिलकर कार्य करें। उन्होंने 1974 में पहली बार भोजपुरी गीत गाना शुरू किया था। भोजपुरी के गायक भिखारी ठाकुर और महेंद्र मिश्र के लिखे गीत 1979 में जगदंबा घर में दियरा बार अइनी हो.. रिकॉर्ड किया गया था।

इसके लिए एचएमवी से आर्टिस्ट आफ द इयर का पुरस्कार मिला था। उन दिनों भोजपुरी में बड़ा सम्मान माना जाता था।

आंगन से आरंभ हुआ लोक गीतों का सफर

विभिन्न भाषाओं के गीतों को आवाज देने वाली शारदा सिन्हा ने अपने गीतों की शुरूआत भाई की शादी में गीत गा कर की थी।

उन्होंने स्वयं कहा था, पहली बार मैंने अपने भाई की शादी में गीत गाए थे। शादी में भाई से नेग मांगने को लेकर उन्होंने चुकैओ, हे दुलरुआ भैया, तब जहिया कोहबर आपन.. गीत गाए थे। इनके गीत को घर में खूब सम्मान मिला था।

फिल्मों में गाने का मिला था मौका

शारदा सिन्हा ने राजश्री प्रोडक्शन की सुपरहिट फिल्म हम आपके हैं कौन का गाना बाबुल जो तुमने सिखाया... ,मैंने प्यार किया का गाना कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां... जैसे गानों को अपनी आवाज दी थीं।

उन्होंने पहली बार बालीवुड अभिनेता सलमान खान की सुपरहिट फिल्म मैंने प्यार किया के लिए गीत गाया था। इनकी आवाज को लोगों ने खूब सराहा था। इसके अलावा गैंग्स आफ वासेपुर पार्ट टू और चार फुटिया छोकरे जैसी फिल्मों में अपनी आवाज दी।

अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स आफ वासेपुर में तार बिजली से पतले हमार पिया, ओ री सासु बता तूने ये क्या किया... गीत काफी लोकप्रिय हुआ। शारदा सिन्हा 2009 में बिहार विधान सभा चुनाव की ब्रांड अंबेसडर भी रहीं। 1988 में मारीशस के 20वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने गायन की प्रस्तुति से सभी का दिल जीती थीं।

शारदा सिन्हा के चर्चित गीत
  • रामजी से पूछे जनकपुर के नारी
  • केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव
  • कांचहि बांस के बहंगिया
  • आन दिन उगइ छ हो दीनानाथ
  • कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया
  • बाबुल जो तूने सिखाया जो तुमसे पाया
  • तार बिजली से पतले हमारे पिया
  • पनिया के जहाज से पलटनिया बनि अइह पिया
  • पिरितिया काहे ना लगवले
  • पटना से बैदा बोलाइ द
  • बताव चांद केकरा से कहां मिले जाला
कई पुरस्कार से हुईं थी सम्मानित
  • 1991 : पद्मश्री सम्मानित
  • 2001 : संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
  • 2006 : राष्ट्रीय अहिल्या देवी पुरस्कार
  • 2015 : बिहार सरकार की ओर से सम्मानित
  • 2018 : पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित

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Chhath Puja 2024: छठ महापर्व का दूसरा दिन आज, जानें खरना पूजा और अर्घ्य देने का समय

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 7:56am

जागरण संवाददाता, पटना। नहाय-खाय के साथ शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन व्रतियों ने गंगा घाटों पर स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर महाव्रत का संकल्प लिया। इसके बाद व्रतियों ने अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी और आंवले की चटनी समेत कई अन्य व्यंजन तैयार किए। इनका भोग लगाने के बाद व्रती समेत स्वजनों व इष्टमित्रों ने प्रसाद ग्रहण किया।

नहाय-खाय को लेकर राजधानी के गंगा घाटों समेत अन्य नदी घाटों पर सुबह से व्रतियों का जमावड़ा लगा रहा। वहीं बुधवार को खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल चतुर्थी में ज्येष्ठा नक्षत्र व जयद योग में पहले दिन व्रतियों ने नहाय-खाय के साथ व्रत का शुभारंभ किया। बुधवार को व्रती कार्तिक शुक्ल पंचमी के सुकर्मा योग में खरना करेंगे।

गंगा घाटों पर व्रतियों की भीड़

सुबह से ही पटना के दीघा घाट, कृष्णा घाट समेत विभिन्न गंगा घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। गंगास्नान के बाद नहाय-खाय और खरना प्रसाद के लिए पीतल समेत अन्य धातुओं के बर्तन में जल लेकर सभी घर लौटे। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बताया कि चार दिवसीय महाअनुष्ठान में भगवान भास्कर और उनकी मानस बहन षष्ठी देवी (छठी मैया) की असीम कृपा श्रद्धालुओं को प्राप्त होती है। छठ व्रत करने से लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। संतान प्राप्ति, स्वास्थ्य, सुख, शांति और समृद्धि के लिए श्रद्धालु नियम धर्म के साथ व्रत करते हैं।

गंगा घाटों पर गेहूं धोते व सुखाते दिखीं व्रती

मंगलवार को गंगा घाटों पर कई व्रती गेहूं धोते और सुखाते नजर आईं। अधिकतर श्रद्धालुओं ने घरों में गेहूं धोकर सुखाए, लेकिन कुछ लोग गंगा घाटों पर भी गेंहू सुखाते नजर आए। गंगा घाटों से लेकर घरों में छठ गीतों से माहौल भक्तिमय बना रहा। सुबह से ही गेहूं पिसवाने के लिए आटा मिलों पर लोगों का तांता लगा रहा। आटा चक्की वालों ने भी पवित्रता का पूरा ध्यान रखा है। मशीनों को धोया गया है। कई आटा चक्की वाले छठ प्रसाद का गेहूं निशुल्क पीसा है।

खरना प्रसाद ग्रहण कर व्रत का लेंगे संकल्प
  • कार्तिक शुक्ल पंचमी (छह नवंबर) बुधवार को पूर्वाषाढ़ नक्षत्र व सुकर्मा योग में छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रती खरना करेंगी। खरना में ईख के कच्चे रस या गुड़, दूध और अरवा चावल से महाप्रसाद खीर बनाया जाएगा।
  • पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी सात नवंबर गुरुवार को धृति योग, रवियोग व जयद योग में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। मान्यता है कि अर्घ्य देने से मानसिक शांति, उन्नति व प्रगति होती है।
  • आठ नवंबर शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल सप्तमी उत्तराषाढ़ नक्षत्र के साथ आनंद योग, सर्वार्थ सिद्धि योग व रवियोग के सुयोग में व्रती गंगा घाट, तालाब, पार्क व घरों की छत पर बने कृत्रिम घाटों पर उदीयमान सूर्य को दूध तथा जल से अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगे। इसके साथ ही 36 घंटे से जारी निर्जला उपवास का पारण हो जाएगा।

महापर्व के विशेष मुहूर्त

  • खरना पूजा- शाम 5 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 48 मिनट तक
  • अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय- शाम 5 बजकर 5 मिनट तक
  • उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने का समय- 6 बजकर 2 मिनट से पहले
पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
  • छठ महापर्व के दौरान राजधानी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बिहार पुलिस मुख्यालय के स्तर से पटना, औरंगाबाद समेत कई जिलों में अतिरिक्त पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसमें बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल (बीसैप) और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को भी लगाया गया है।
  • इसके अलावा प्रशिक्षु दारोगा और सिपाहियों की भी तैनाती की गई है। पुलिस मुख्यालय के स्टेट पुलिस कमांड सेंटर से केंद्रीयकृत मानीटरिंग की जा रही है।
  • पुलिस मुख्यालय के अनुसार, छठ पर पूरे राज्य में 35 कंपनी बीसैप और तीन कंपनी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके साथ एसपी से डीएसपी स्तर के कुल 20 अफसरों को पटना जिले में लगाया गया है। वहीं डीएसपी स्तर के चार पदाधिकारियों को औरंगाबाद जिले में प्रतिनियुक्त किया गया है।
  • इसके अलावा बिहार पुलिस अकादमी से प्रशिक्षणरत 1275 दारोगा को अपने पैतृक जिलों में प्रतिनियुक्त किया गया है। पटना समेत अन्य महत्वपूर्ण जिलों में 2450 पीटीसी प्रशिक्षु सिपाहियों को लगाया गया है।
  • आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए गोताखोर, एसडीआरएफ, क्विक रिस्पांस टीम, चिकित्सा शिविर, नर्सिंग स्टाफ, एंबुलेंस और अग्निशमन वाहन की व्यवस्था की गई है। अराजक और असमाजिक तत्वों की गतिविधियों पर निगरानी के लिए जिला पुलिस बल को लगातार गश्ती तथा चेकिंग करने का निर्देश दिया गया है। होटल, धर्मशाला तथा सार्वजनिक स्थलों की भी पुलिस निगरानी कर रही है।
  • पुलिस मुख्यालय ने लोगों से अपील की है कि वह किसी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें। फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग न करें। इनका दुरुपयोग रोकने के लिए मीडिया सेंटर के जरिए 24 घंटे निगरानी की जा रही है। 

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Bihar Weather: खरना के दिन कैसा रहेगा बिहार का मौसम? पटना में लोगों से सावधान रहने की अपील, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 7:20am

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश का मौसम छठ के दौरान शुष्क बना रहेगा। उत्तरी भागों में सुबह के समय दक्षिणी भागों की तुलना में कोहरे का प्रभाव अधिक रहेगा। पटना सहित अधिसंख्य भागों में हल्की धुंध का प्रभाव बना रहेगा। तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।

बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त पुरवा हवा के चलने से उत्तरी भागों के कुछ स्थानों पर बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। जबकि पटना सहित शेष जिलों का मौसम शुष्क बना रहेगा। मंगलवार को पटना सहित 24 जिलों के अधिकतम तापमान में थोड़ी वृद्धि दर्ज की गई।

पटना का अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 33.7 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी (पुपरी) में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, पटना समेत नौ जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

19.0 डिग्री सेल्सियस के साथ किशनगंज में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। पटना व आसपास इलाकों में पुरवा के कारण मौसम सामान्य बने होने के साथ शाम में आंशिक बादल छाए रहे। 

चार दिनों तक आसमान में छाए रहेंगे हल्के बादल

डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिक डा. ए. सत्तार ने बताया कि आगामी चार दिनों तक उत्तर बिहार के जिलों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। हालांकि हल्के बादल छाए रह सकते हैं। मौसम शुष्क रहेगा।

पूर्वानुमान की अवधि में अधिकतम तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से करीब 3 डिग्री अधिक है।

अगले चार दिनों में पूर्वी हवाएं 4-5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है। मौसम को देखते हुए उन्होंने किसानों को कुछ सुझाव दिए। गेहूं और चना की बुआई की तैयारी के लिए खेतों के आसपास के मेड़, नालियों और रास्तों की सफाई करने को कहा गया है।

गोबर की सड़ी खाद 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से खेतों में फैलाकर अच्छी तरह मिला देने की सलाह दी गई है। रबी मक्का की बुआई के लिए संकर किस्में जैसे शक्तिमान-1 सफेद, शक्तिमान-2 सफेद, शक्तिमान-3 पीला, शक्तिमान-4 पीला, शक्तिमान-5 पीला, गंगा-11 नारंगी पीला, राजेंद्र संकर मक्का-1 और राजेंद्र संकर मक्का-2 को अनुशंसित किया गया है।

खेतों की जुताई में 100-150 क्विंटल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 75 किलोग्राम फॉस्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालने की सलाह दी गई है।

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Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा के निधन से संगीत के एक युग का अंत, अश्विनी चौबे समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 6:49am

जागरण संवाददाता, पटना। सुप्रसिद्ध लोक गायिका 72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स में अपनी आखिरी सांस ली। इस खबर ने देशभर में उनके शुभचिंतकों को झकझोर कर रख दिया। शारदा सिन्हा के गाये छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं और इस महापर्व के बीच में उनकी निधन की खबर से प्रशंसकों में मायूसी छायी है। पीएम मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव प्रशांत भवेश कुमार कन्हैया ने अपनी गहरी दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के निधन का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है। उन्होंने अपनी मधुर आवाज और लोक संगीत के माध्यम से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया। उनके गीतों में जो आत्मीयता और संस्कृति की झलक मिलती थी, वह अमूल्य थी।

उनके बिना संगीत जगत में एक अपूरणीय रिक्तता उत्पन्न हो गई है। उनके जाने से बिहार की लोक संस्कृति ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया है। उनके निधन पर भाजपा के नेता मुकेश राणा, आलोक सिंह, चंपा देवी, प्रियांशु कुमार, मुस्कान आदि ने गहरा दुख व्यक्त किया। इस मौके पर इनके निधन पर कहा कि अंगिका एवं छठ गीत की अपनी छाप छोड़ गई।

शोक संवेदना व्यक्त

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने स्वर कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा के लंबे समय से चल रहे इलाज उपरांत उनके निधन पर गहरी शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया है। उनके साथ ही भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रहे डॉ. अर्जित शाश्वत चौबे ने भी शारदा सिन्हा की मृत्यु होने पर शोक संवेदना व्यक्त किया है।

शारदा अब बौकुंठवासी

अश्विनि चौबे ने कहा की शारदा जी से पिछले 40 वर्षों का मेरा पारिवारिक संबंध रहा और एक पारिवारिक व्यक्ति के चले जाने का अपार कष्ट मुझे है। साथ ही बिहार सहित देशवासियों के लिए यह काफी दुःख का विषय है कि बिहार की आन, बान और शान अब बौकुंठवासी हो गई हैं। उनका जाना एक युग के अंत जैसा प्रतीत हो रहा है। पिछले पांच दशकों से लोक गीत का अलख संपूर्ण विश्व में जगाने वाली साक्षात सरस्वती स्वरूपा अब हमसे विदा हो गई।

बाबा केदार ने बुलाया अपनी शरण

चौबे ने कहा कि उनका इन्फेक्शन बढ़ जाने के कारण थोड़ी कठिनाई बढ़ी थी और उन्हें ऐम्स दिल्ली में वेंटीलेटर पर डालना पड़ा था। मैं लगातार उनके मुख्य चिकित्सकों एवं निदेशक एम्स दिल्ली से संपर्क में था और शारदा जी के पुत्र अंशुमान से भी जरूरी बिंदुओं पर बात हो रही थी। बाबा केदारनाथ ने शारदा जी को इस शारीरिक कष्ट से निजात दिलाकर अपने पास बुला लिया है।

लोक संगीत और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति

भाजपा ने जताया शोक, बताया अपूरणीय क्षति राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि शारदा सिन्हा का जाना बिहार के लोक संगीत और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी अद्वितीय आवाज़ से बिहार की लोक परंपराओं को संजोए रखा और उसे देश-विदेश में ख्याति दिलाई। उनके परिवार और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए नेता द्वय ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।

शोकाकुल राजद परिवार ने बताया अपूरणीय क्षति

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन और एजाज अहमद ने शारदा सिन्हा के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की है। कहा है कि उनके निधन से बिहार और लोक गायकी के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। इन्होंने छठ गीत के माध्यम से एक अलग पहचान बनाई थी। नेताओं ने कहा कि निकट भविष्य में इनकी भरपाई संभव नहीं। बिहार के लिए यह शोक का विषय है और राजद परिवार उनके प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। भगवान से प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। साथ ही उनके स्वजनों सहित प्रशंसकों को इस दुःख को सहने की शक्ति दें।

संवेदना प्रकट करते जसुपा ने बताया बिहार कोकिला

जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर व कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा का निधन पूरे देश और खासकर बिहार वासियों के लिए एक अपार दुख है। उनके गाए लोक गीतों ने बिहार की संस्कृति को एक अलग पहचान दी है। उनके गीतों से ही छठ महापर्व पूरा होता है। देश ने उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से भी नवाजा है। हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके स्वजनों और प्रशंसकों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें।

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JEE Advanced 2025: खुशखबरी! जेईई एडवांस में अब तीन अटेम्पट, आयु सीमा की गई निर्धारित

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 6:47am

जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस 2025 की वेबसाइट मंगलवार को जारी कर दी गई। अगले साल परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को दी गई है। वेबसाइट www.jeeadvance.com पर जारी सूचना में अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी गई है। 

अटेंप्ट बढ़ाने की वर्षों पुरानी मांग स्वीकार कर ली गई है। अब एक विद्यार्थी तीन वर्ष में तीन बार जेईई एडवांस में शामिल हो सकेंगे। अब तक जेईई एडवांस में अवसरों की संख्या अधिकतम दो प्रयास हुआ करती थी। अब हर वर्ष दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को आईआईटी में प्रवेश के लिए एक और प्रयास करने का अवसर मिलेगा।2018 में इसके आयोजन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को ही मिली थी।

छह वर्ष बाद मिलती है जिम्मेवारी

14 वर्षों के आंकड़ों के आधार पर हर छह वर्ष बाद रोटेशन में पुराने आईआईटी को एडवांस आयोजन की जिम्मेदारी दी जाती है। 2018 में इसके आयोजन की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर को ही मिली थी। दिल्ली, बाम्बे, खडगपुर, कानपुर, मद्रास, रूडकी व गुवाहाटी ने अब तक जेईई-एडवांस आयोजित करवाई है।

2.5 लाख अभ्यर्थियों को शामिल होने का मिलेगा अवसर 

जेईई मेन की रैंक के आधार पर श्रेष्ठ 2.50 लाख अभ्यर्थियों को एडवांस में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इसमें 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस, 27 प्रतिशत ओबीसी-एनसीएल, 15 प्रतिशत एससी, 7.5 प्रतिशत एसटी और 40.5 प्रतिशत ओपन कैटेगिरी की सीटें होंगी।

2023 में 12वीं करने वाले भी करेंगे आवेदन 

2025 के जेईई-एडवांस में वर्ष 2023, 2024 और 2025 में कक्षा 12वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे। 2022 या इससे पहले 12वीं या इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षा में शामिल होने योग्य नहीं होंगे। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने पूर्व में आईआईटी में जोसा काउंसिलिंग के दौरान प्रवेश ले रखा है, वे जेईई-एडवांस में शामिल नहीं हो सकेंगे, जबकि जेईई-मेन क्वालीफाई कर एनआइटी में प्रवेश ले चुके हैं, वह जेईई-एडवांस दे सकेंगे। जेईई-एडवांस 26 मई या दो जून, 2025 को संभावित है।

आवेदन के लिए एक अक्टूबर, 2000 के बाद जन्म तिथि होना अनिवार्य

इस वर्ष जेईई-एडवांस के लिए आयु सीमा भी तय की गई है। ऐसे विद्यार्थी जिनका जन्म एक अक्टूबर, 2000 के बाद का है। वह आवेदन कर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच वर्ष की रियायत दी गई है। इस श्रेणी के विद्यार्थी एक अक्टूबर, 1995 के बाद जन्म लिए हैं तो आवेदन कर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

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Sharda Sinha Death: छठ में अनुपस्थिति का अहसास और गाढ़ा कर गईं स्वर कोकिला, कई फिल्मों में भी भरा संगीत

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 1:29am

प्रमोद कुमार सिंह, पटना। संगीत की दुनिया में शोकगीत। उग हे सुरुजदेव, आपकी उपासिका नहीं रहीं। गाते-गाते रुला गईं। स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के जाते ही सुर, ताल, लय और राग सब जैसे रो रहे हैं। छठ गीतों की पर्याय रहीं शारदा जी नहाय-खाय के दिन ही क्या गईं, चहुंओर पहले से सुने-सुनाए जा रहे उनके गीत उनकी अनुपस्थिति का अहसास और गाढ़ा करने लगे। वे लोक में इस तरह रच बस गई हैं, नेपथ्य में उनके गीतों के बिना सूर्यदेव को अर्घ्य कभी पूरा नहीं होगा।

भक्ति रस उनके पोर-पोर में बसा

शारदा सिन्हा के व्यक्तित्व में कई भाषाओं का समाहार था। मैथिली, भोजपुरी, मगही तीनों भाषाओं को उन्होंने साधा और गाया। यही कारण है कि भौगोलिक सीमाओं को लांघ व्यापक क्षेत्र में उनकी व्याप्ति हुई। विद्यापति के गीत-जय-जय भैरवी असुर भयावनि हो या जगदंबा घर में दीयरा बार अइनीं हो या केलवा के पात पर उग हे सुरुजदेव...दशार्ते हैं कि भक्ति रस उनके पोर-पोर में बसा था। सरस्वती उनके कंठ में वास करती थी।

हारमोनियम पर थिरकतीं अंगुलियां

मैथिल संस्कृति में पगी शारदा जी जब भोजपुरी में गाती थीं तो नहीं लगता, वह भोजपुरी भाषी नहीं हैं। मुंह में पान की लाली, सामने हारमोनियम पर थिरकतीं अंगुलियां और कंठ से गूंजते गीत उनके संपूर्ण व्यक्तित्व को दिव्य आभा प्रदान करते थे। एक साक्षात्कार के दौरान इस दिव्य देवी के दर्शन की वह छवि आज पुन: साकार हो उठी। माथे पर पल्लू डाले साक्षात सरस्वती लग रही थीं। वाणी में माधुर्य ऐसा, जैसे शहद टपकता हो।

कई फिल्मों में उन्होंने गीत गाए

उनकी ख्याति ऐसी फैली की लोक से लेकर फिल्मी दुनिया तक छा गईं। मैंने प्यार किया के गीत-कहे तो से सजना...काफी लोकप्रिय हुआ था। इसके अलावा गैंग आफ वासेपुर का गीत-तार बिजली से पतले हमार पिया, चारफुटिया छोकरे जैसे कई फिल्मों में उन्होंने गीत गाए। एक से बढ़कर एक। जैसी सादगीपूर्ण जिंदगी, वैसे ही उनके गीत। कहीं भी अश्लीलता नहीं। गाईं तो बस गाती ही चली गईं।

छठी मईया ने बेटी को गोद में ले लिया

भोजपुरी गायक भरत शर्मा व्यास ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि शारदा जी संगीत की दुनिया की साक्षात सरस्वती थीं। उन्होंने जो भी गाया, काफी साफ-सुथरा गाया। उनका जाना संगीत की दुनिया में एक बड़ी रिक्तता छोड़ गया। वह हमेशा गीतों में जिंदा रहेंगी। भोजपुरी गीतकार मनोज भावुक ने उनके प्रति श्रद्धंजलि अर्पित करते हुए कहा कि केवल जगदंबा घर में ही नहीं, भोजपुरी के हरेक घर में लोक राग और लोक रंग का दीया बारने में शारदा सिन्हा सफल रही हैं। छठ पूजा के अवसर पर उनका विदा होना ऐसा लग रहा है जैसे छठी मईया ने अपनी इस बेटी को अपनी गोद में ले लिया है।

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Sharda Sinha: शारदा सिन्हा ने 7 साल पहले ससुराल में गाया था ये गीत, अब सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 1:04am

विद्या सागर, पटना। सात वर्ष पूर्व अपने ससुराल में स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने अपने गीत से लोगों को भाव विभोर किया था। मौका था बेगूसराय जिले के मंझौली में 18 मई 2017 को आयोजित जय मंगला काबर महोत्सव का।

ससुराल में अतिथि के रूप में पहुंची शारदा सिन्हा ने मंच पर मौजूद तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद के सम्मान में मैथिली के प्रसिद्ध कवि विद्यापति की जय जय भैरव असुर-भयाउनि गीत से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

मंच से उन्होंने पांच मिनट की प्रस्तुति दी थी। अपने सुरीले स्वर में जब उन्होंने जय-जय भैरव असुर-भयाउनि, पसुपति-भामिनि माया, सहज सुमति बर दिअहे गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया, बासर-रैनि सबासन सोभित चरन, चंद्रमनि चूड़ा, कतओक दैत्य मारि मुंह मेलल, कतन उगिलि करु कूड़ा गाया था।

कार्यक्रम में उन्हें सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। मंलगवार को उनके निधन की सूचना के बाद उनके इस गीत का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है।

बता दें कि शरदा सिन्हा की शादी बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड के सिहमा गांव में वर्ष 1965 में ब्रजकिशोर सिन्हा से हुई थी।

इंटरनेट मीडिया पर याद कर रहे लोग
  • एम्स में अंतिम सांस लेने की सूचना के बाद से ही पद्म भूषण से सम्मानित शरदा सिन्हा से जुड़ी स्मृतियां लोग इंटरनेट मीडिया पर साझा कर रहे हैं।
  • उनके पैतृक गांव से लेकर ससुराल तक के लोग अपनी संवेदना के साथ उनके गीतों को शेयर कर ही रहे हैं, जहां कार्यक्रम में उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी, वहां के लोग भी उनसे जुड़ी स्मृतियों को साझा कर शब्दांजलि दे रहे हैं।
छठ का स्वर अनंत में विलीन हो गया...

लाल दमकती बिंदिया, सिंदूर भरी मांग, चश्मे के पीछे चमकती मुस्कुराती बड़ी बड़ी अंखियां, माटी की खनक, मिजाज की ठसक, गरिमा और मातृत्व से लबालब आत्मीय मुस्कान.. फोन पर "कहो मालिनी, कैसी हो" आह.. अब कभी यह छलकता स्वर सुनने को नहीं मिलेगा। जिस युग में स्त्रियों का बाहर निकलना भी एक बड़ी बात थी, आपने कला जगत में स्त्रियों की उपस्थिति को सम्मान दिलाया, सबको सिखाया कि कलाकार यदि चाहे, तो अपनी कला के दम पर अपनी माटी अपनी बोली अपने अंचल अपनी संस्कृति का पर्याय बन सकता है। भारतीय संस्कृति, और भोजपुरी को शारदा सिन्हा दीदी ने जो उत्कर्ष और गरिमा प्रदान की उसका आकलन कर पाना असम्भव है। आप जहां रहेंगी, शारदा सी सबकी प्रार्थनाओं में रहेगी। अनंत की यात्रा के लिए आपका प्रस्थान शांतिमय हो। विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। - मालिनी अवस्थी

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Sharda Sinha: नहीं रहीं 'बिहार कोकिला', भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा को 6 साल पहले मिला था पद्म सम्मान

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 12:48am

जागरण संवाददाता, पटना। Sharda Sinha Passes Away संगीत की देवी और 'बिहार की स्वर कोकिला' के रूप में अपनी पहचान बनाने वालीं पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन दिल्ली के एम्स अस्पताल में मंगलवार की रात निधन हो गया। छठ गीतों को घर-घर तक पहुंचाने वाली 72 वर्षीय शारदा सिन्हा छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय पर ही छठी मंईयां की गोद में निर्वाण को प्राप्त हुईं। वे 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं। वे बीते छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं।

बीते दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की देर रात उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर मां शारदा सिन्हा के निधन की जानकारी दी। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर है।

एक अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलसा गांव में शारदा सिन्हा का जन्म हुआ था। हिंदी, मैथली, भोजपुरी, बज्जिका समेत अन्य भाषाओं में कई सदाबहार गीत गाने वाले लोक गायिका को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

अस्पताल से व्रतियों के लिए जारी किया था गीत

महापर्व छठ के आरंभ होने से चार दिन पूर्व उन्होंने छठ गीत दुखवा मिटाई छठी मैया, रऊए आसरा हमार.. जारी किया था। एम्स अस्पताल से ही उनके बेटे ने गीत को इंटरनेट मीडिया पर जारी कर लोगों को छठ की शुभकामना दी थी। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

शारदा सिन्हा द्वारा छठ पूजा पर आधारित गीत हो दीनानाथ.. को लोगों ने खूब पसंद किया था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मैथिली विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा की बिगड़ते तबीयत को देखते हुए पीएम मोदी ने अंशुमन सिन्हा से कहा था कि वे बिल्कुल मजबूती से अपनी मां का इलाज कराएं।

पति के निधन से लगा था सदमा:

इसी वर्ष 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का 80 वर्ष की उम्र में ब्रेन हेम्ब्रेज के कारण निधन हो गया था। पति के निधन के बाद शारदा सिन्हा धीरे-धीरे कमजोर होते चली गईं थीं। तबीयत बिगड़ने के बाद शारदा सिन्हा को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अक्टूबर में जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उनकी खाने-पीने की आदतों में भी समस्या आने लगी थी।

हिंदी सिनेमा में भी गूंजे शारदा के गीत

लोक गायकी के अलावा, शारदा सिन्हा ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी आवाज से जादू बिखेरा। उन्होंने 1989 में फिल्म मैंने प्यार किया के गीत "काहे तोसे सजना" गाकर सबका दिल जीत लिया। इसके अलावा गैंग्स आफ वासेपुर में उनके गाए "तार बिजली" और हम आपके हैं कौन का "बाबुल जो तुमने सिखाया" जैसे गीत उनकी मधुर आवाज का प्रमाण हैं। इन गीतों ने उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए।

ये भी पढ़ें- लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, 11 दिनों से दिल्ली के AIIMS में चल रहा था इलाज

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Sharda Sinha Death: शारदा सिन्हा का 6 साल से चल रहा था इलाज, 'बिहार रत्न' ने नहाय-खाय के दिन ली अंतिम सांस

Dainik Jagran - November 6, 2024 - 12:03am

जासं, पटना। संगीत की देवी और बिहार की स्वर कोकिला के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन दिल्ली के एम्स अस्पताल में मंगलवार की रात हो गया।

छठ गीतों को घर-घर तक पहुंचाने वाली 72 वर्षीय शारदा सिन्हा छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय के दिन ही छठी मैया की गोद में निर्वाण को प्राप्त हुए। वे 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं।

वे बीते छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं। बीते दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था।

मंगलवार की देर रात उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर मां शारदा सिन्हा के निधन की जानकारी दी। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर है। एक अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलसा गांव में हुआ था।

हिंदी, मैथली, भोजपुरी, बज्जिका समेत अन्य भाषाओं में कई सदाबहार गीत गाने वाले लोक गायिका को भारत सरकार की ओर से पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

अस्पताल से व्रतियों के लिए जारी किया था गीत

महापर्व छठ के आरंभ होने से चार दिन पूर्व उन्होंने छठ गीत दुखवा मिटाई छठी मैया, रऊए आसरा हमार.. जारी किया था।

एम्स अस्पताल से ही उनके बेटे ने गीत को इंटरनेट मीडिया पर जारी कर लोगों को छठ की शुभकामना दी थी। गायिका शारदा सिन्हा को वर्ष 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

शारदा सिन्हा द्वारा छठ पूजा पर आधारित गीत हो दीनानाथ.. को लोगों ने खूब पसंद किया था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मैथिली विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं।

शारदा सिन्हा की बिगड़ते तबीयत को देखते हुए पीएम मोदी ने अंशुमन सिन्हा से कहा था कि वे बिल्कुल मजबूती से अपनी मां का इलाज कराएं।

पति के निधन से लगा था सदमा

इसी वर्ष 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति ब्रजकिशोर सिन्हा का 80 वर्ष की उम्र में ब्रेन हेम्ब्रेज के कारण निधन हो गया था। पति के निधन के बाद शारदा सिन्हा धीरे-धीरे कमजोर होते चली गईं थीं।

तबीयत बिगड़ने के बाद शारदा सिन्हा को दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अक्टूबर में जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो उनकी खाने-पीने की आदतों में भी समस्या आने लगी थी।

हिंदी सिनेमा में भी गूंजे शारदा के गीत

लोक गायकी के अलावा, शारदा सिन्हा ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी आवाज से जादू बिखेरा। उन्होंने 1989 में फिल्म मैंने प्यार किया के गीत 'काहे तोसे सजना' गाकर सबका दिल जीत लिया।

इसके अलावा गैंग्स आफ वासेपुर में उनके गाए 'तार बिजली' और हम आपके हैं कौन का 'बाबुल जो तुमने सिखाया' जैसे गीत उनकी मधुर आवाज का प्रमाण हैं। इन गीतों ने उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए।

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Patna AIIMS Director: हटाए गए एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके पाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की कार्रवाई

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 8:49pm

जागरण संवाददाता, पटना। गोरखपुर एम्स के प्रभारी निदेशक रहते हुए नॉन क्रीमी लेयर के फर्जी प्रमाणपत्र पर पुत्र डॉ. औरो प्रकाश का परास्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन कराने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पटना एम्स (Patna AIIMS) के निदेशक सह सीईओ डॉ. गोपाल कृष्ण पाल (Dr. Gopal Krishna Pal) को पद से हटा दिया है। उन्हें तुरंत मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है।

गोरखपुर के प्रभारी निदेशक पद से उन्हें कार्यकाल पूरा होने के चार दिन पूर्व ही हटाया जा चुका है। नए निदेशक की नियुक्ति या तीन माह तक के लिए देवघर एम्स के निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय को पटना एम्स का प्रभारी निदेशक बनाया गया है। बताते चलें कि डॉ. सौरभ वार्ष्णेय पूर्व में दिसंबर 2021 से जुलाई 2022 तक यहां के प्रभारी निदेशक रह चुके हैं। पूर्णकालिक निदेशक के नहीं होने से तमाम विकास कार्य रुक जाने पर डॉ. जीके पाल की नियुक्ति की गई थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय का पत्र जारी होने के बाद से डॉ. जीके पाल से फोन पर बात नहीं हो सकी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अवर सचिव अरुण कुमार बिश्वास द्वारा सोमवार को जारी पत्र में कहा गया कि जब डा. गोपाल कृष्ण पाल एम्स गोरखपुर के अतिरिक्त प्रभार में थे, तब उन्होंने पुत्र डॉ. औरो प्रकाश पाल का दाखिला माइक्रोबायोलाजी विभाग में पीजी पाठ्यक्रम में नामांकन कराया था।

दानापुर अनुमंडल से अगस्त माह में जारी नॉन क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र पर उनका नामांकन हुआ था, जबकि डॉ. पाल इसके पात्र नहीं थे। चार सितंबर को गोरखपुर एम्स में सर्जरी के विभागाध्यक्ष ने इसकी शिकायत की थी। हालांकि, इस बीच उनके पुत्र ने जुर्माने की राशि भरते हुए अपना नामांकन रद करा लिया था, लेकिन अनियमितता की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन सदस्यीय जांच टीम बना सात दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा था। 27 सितंबर को जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी।

7 अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने डा. जीके पाल से शोकाज कर रिपोर्ट में दोषी साबित होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए की बाबत तीन दिन में जवाब मांगा। 10 अक्टूबर को डॉ. जीके पाल ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए अपना गोपनीय जवाब मंत्रालय को भेज दिया। इसके बाद से ही उन्हें पटना एम्स के निदेशक पद से हटाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। आखिरकार 5 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्री की सहमति से मंत्रालय ने उन्हें हटाने का आदेश जारी कर दिया।

एम्स पटना के निदेशक के बाद डीन के पुत्र पर गाज तय

एम्स पटना का निदेशक बने डॉ. जीके पाल को अभी दो वर्ष तीन माह ही हुए थे, लेकिन इस बीच हुई नियुक्तियों में कई अनियमितताओं की शिकायत मंत्रालय पहुंच चुकी है। गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र पर अपने पुत्र के पीजी नामांकन मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद उन्होंने इसी आधार पर फिजियोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बने अपने एक डीन के पुत्र के खिलाफ सात सदस्यीय आंतरिक समिति गठित की थी।

रिपोर्ट सौंपने की निर्धारित तिथि दो बार बढ़ाने के बाद आखिर सामुदायिक एंव पारिवारिक चिकित्सा के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय पांडेय की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट निदेशक को सौंप दी। इसमें सहायक प्रोफेसर डॉ. कुमार सिद्धार्थ को नियुक्ति के लिए अनिधकृत रूप से गैर-क्रीमी लेयर (एनसीएल) ओबीसी प्रमाणपत्र प्रयोग करने का दोषी पाया गया है। गत वर्ष दिसंबर में जब इस प्रमाणपत्र का प्रयोग किया गया तब वे इसके लाभार्थी नहीं थे।

हालांकि, अब जब निदेशक डॉ. जीके पाल खुद पद से हटा दिए गए हैं तो वे इस पर कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। एम्स पटना के वरिष्ठ डाक्टरों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जांच रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज मंगवाए हैं। आगे की कार्रवाई स्वास्थ्य मंत्रालय के स्तर से होगी।

इस्तीफा देने पर भी नहीं मिली मुसीबत से मुक्ति:

एम्स पटना में गत वर्ष हुई नियुक्तियों गैर क्रीमी लेयर ओबीसी प्रमाणपत्र का कई लोगों ने दुरुपयोग किया, लेकिन निदेशक व एक डीन के पुत्र का मामला सबसे अधिक चर्चा में रहा। निदेशक के पुत्र की तर्ज पर जांच समिति गठित होने के बाद डॉ. कुमार सिद्धार्थ ने भी 24 अक्टूबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, 7 अक्टूबर को गठित आंतरिक जांच समिति के निर्धारित समय 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट नहीं देने के कारण एम्स पटना के अध्यक्ष डा. सुब्रत सिन्हा जो नियुक्ति व अनुशासनात्मक पदाधिकारी होते हैं ने इसे स्वीकार नहीं किया।

इस बीच सात सदस्यीय जांच समिति में दोफाड़ हो गए, एक का कहना था कि डॉ. सिद्धार्थ का तर्क कि 40 वर्ष की उम्र तक उनके पिता जो आइजीआइएमएस थे वह क्लास वन पदाधिकारी नहीं थे, इसलिए वे गैर क्रीमीलेयर ओबीसी का लाभ पाने के हकदार हैं को स्वीकार कर लिया जाए। वहीं कुछ सदस्य इसके विरोध में थे। ऐसे में पहली बार 25 तो दूसरी बार 4 नवंबर तक जांच की समयावधि बढ़ाई गई थी। जांच टीम के रिपोर्ट सौंपने के दिन ही मंत्रालय ने एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके पाल को हटाते हुए डॉ. कुमार सिद्धार्थ के मामले की दोनो जांच रिपोर्ट मंगवाई हैं।

नए निदेशक के लिए मुसीबत बनेंगी आरटीआई:

एम्स पटना के अधिकारियों के अनुसार डॉ. जीके पाल के समय में हुई डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियों के बारे में कई लोगों ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है। इन जानकारियों के सामने आने के बाद नियुक्तियों में हुईं कई अनियमितताएं सामने आ सकती हैं, जिनसे निपटना प्रभारी निदेशक के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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नीतीश सरकार खोज रही लोकेशन, अब आपके गांव-शहर में भी होगी फिल्मों की शूटिंग; पढ़ें पूरी डिटेल

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 8:00pm

राज्य ब्यूरो, पटना। आप यदि बिहार के किसी शहर या गांव में रहते हैं और फिल्मों की शूटिंग देखने के शौकीन हैं तो जल्द ही आपको शूटिंग देखने का मौका मिल सकता है। असल में बिहार सरकार बिहार के रमणीक स्थलों के साथ ही पुराने फार्म हाउस, डाकबंगला, अतिथि गृह, पार्क, तालाब, स्कूल, अस्पताल के साथ ही थानों को सूचीबद्ध कर रही है ताकि यहां फिल्मों की शूटिंग हो सके।

प्रदेश सरकार ने कुछ महीने पूर्व ही बिहार फिल्म नीति 2024 स्वीकृत की है। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में बिहार में बड़ी संख्या में फिल्मों की शूटिंग शुरू हो सकती है। जिसे देखते हुए फिल्म एवं वित्त निगम के एक आग्रह के बाद भवन निर्माण विभाग ने पुराने फार्म हाउस, डाकबंगला, अतिथि गृह, पार्क, तालाब, स्कूल, अस्पताल वगैरह को सूचीबद्ध करने का काम शुरू किया है।

कार्यपालक अभियंताओं को दिशा निर्देश जारी

इसके लिए सभी कार्यपालक अभियंताओं को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि संबंधित संपत्ति के पूरे विवरण के साथ सकी स्पष्ट फोटो, संपत्ति सरकारी है अथवा गैर सरकारी, इसके उपयोग की अनुमति किसके स्तर पर मिलेगी। संपत्ति उपयोग के लिए शुल्क देय है अथवा उसका उपयोग मुफ्त किया जा सकता है। विभाग ने संबंधित जानकारी देने के लिए तीन दिनों की मोहलत दी है।

बता दें कि फिल्म एवं वित्त निगम के आग्रह के बाद कला संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव को पहले इस संबंध में पत्र लिखा गया था।

जिसमें कहा गया था कि फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल स्थानों की सूची की जरूरत फिल्म निगम को होगी, ताकि विभागों से मिली जानकारी को राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किया जा सके। ताकि इच्छुक फिल्मकार अपनी फिल्मों की मांग के अनुरूप संबंधित स्थानों का चयन शूटिंग के लिए कर सकें।

क्या है बिहार फिल्म नीति 2024?

फिल्म प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य को फिल्म निर्माण के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित करना, राज्य के ऐतिहासिक एवं मनमोहक पर्यटन स्थलों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। साथ ही फिल्म निर्माण के लिए आधारभूत संरचना और रोजगार के अवसरों का विकास करना, फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देना है।

इस नीति के तहत फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्मों के अधिकारिक फिल्मांकन हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषा में किए जाने पर कई प्रकार की वित्तीय सहायता, अनुदान दिया जायेगा। अनुदान के रूप में दो करोड़ से चार करोड़ तक की राशि दी जाएगी जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

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बेलागंज में अचानक हो गई तेजस्वी और PK के प्रत्याशी की मुलाकात, क्या JDU को मिलेगा फायदा?

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 7:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। कभी राजद के तरफदार रहे और बाद में लोजपा-जदयू की टिकट पर बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में मात खा चुके मो. अमजद इस बार उपचुनाव में वहां जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रत्याशी हैं। राजद के सुरेंद्र यादव के सांसद चुन लिए जाने के कारण वहां उपचुनाव हो रहा है। सुरेंद्र के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह को राजद ने प्रत्याशी बनाया है। चुनाव प्रचार के क्रम में विश्वनाथ और अमजद की मुलाकात हुई तो आमने-सामने बैठकर बातचीत होने लगी। उसके बाद राजनीति में होनी-अनहोनी की चर्चा चल पड़ी है।

इन दिनों बेलागंज में एक वीडियो खूब प्रसारित हो रहा है। उसमें धनावा गांव में फूल-माला पहने विश्वनाथ सिंह बैठे हुए दिख रहे। उनके साथ बैठे लोगों में अमजद भी हैं। यह वीडियो 27 अक्टूबर का बताया जा रहा। विश्वनाथ कुछ कह रहे और अमजद सुन रहे। अब इस वीडियो के जरिये जदयू का प्रयास दोनों दलों में साठगांठ की बात फैलाकर माहौल अपने पक्ष में बनाने का है। जदयू से पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी प्रत्याशी हैं।

त्रिकोणीय हो चुके संघर्ष में एक-दूसरे के वोटों में सेंधमारी से ही जीत की राह निकलती है। ऐसे में पंख लगाकर सामान्य बातों को भी उड़ा देने में कोई नहीं चूक रहा।

याद आ गया 2015 का वो किस्सा

ऐसी ही एक बात 2015 के चुनाव की है। सुरेंद्र राजद के टिकट पर मैदान में थे। प्रचार के दौरान अचानक अमजद टकरा गए। सुरेंद्र ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठा लिया। हालांकि, तब अमजद जदयू में थे और महागठबंधन मेंं राजद-कांग्रेस के साथ जदयू भी था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी रहे शारिम अली चुनाव हार गए थे।

बहरहाल, अमजद का कहना है कि अचानक भेंट होने पर विश्वनाथ ने उनका पैर छू लिया। किसी से मिलना-जुलना कोई गुनाह नहीं। हमारी चुनौती किसी से नहीं। जीत तो जसुपा की ही होनी है। सुरेंद्र कह रहे कि अमजद भाई जैसे हैं। उनके कारण दो बार वे चुनाव जीते हैं। सुख-दुख में आज भी दोनों साथ हैं और ऐसा आजीवन रहेगा। अमजद तो विश्वनाथ के लिए दूसरे अब्बा जैसे हैं। पिता-पुत्र की मुलाकात सामान्य बात है।

राजनीति में नहीं होती स्थायी मित्रता या दुश्मनी

राजनीति में वैसे भी स्थायी मित्रता या दुश्मनी नहीं होती। सारा संबंध संभावना और समीकरण पर आधारित होता है। बेलागंज में इस समीकरण को बदलने के लिए अब तक कई दांव चले गए हैं। हालांकि, हर बार केंद्र में सुरेंद्र और अमजद ही रहे हैं। उनकी घनिष्ठता के किस्से जिस चटखारे के साथ सुनाए जाते हैं, उसी अंदाज में प्रतिद्वंद्विता की चर्चा भी होती है।

अमजद तीन चुनावों में जीत के लिए सुरेंद्र को तगड़ी चुनौती दे चुके हैं। संभवत: इसी कारण जसुपा ने अपने पूर्व घोषित प्रत्याशी शराफत हुसैन को बदलते हुए अमजद को मैदान में उतारा। अमजद अब सुरेंद्र की लगातार आठ जीत का आधार रहे माय (मुसलमान-यादव) समीकरण में सेंधमारी की जुगत में हैं। सुरेंद्र अपने राजनीतिक किले को बचाए रखने के लिए जूझ रहे। इन दोनों के दांव-पेच के बीच से मनोरमा सीधे निकल जाने के उपाय में हैं।

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Bihar News: बिहार के पोस्ट मैट्रिक छात्र-छात्राओं की बल्ले-बल्ले, छात्रवृत्ति को लेकर आई बड़ी खुशखबरी

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 6:37pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Post Matric Scholarship Scheme: राज्य सरकार द्वारा पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना के तहत करीब सवा लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान इसी माह होगा। आवेदनों का सत्यापन पूरा हो गया है और डीबीटी के माध्यम से लाभुकों के खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह राशि शैक्षणिक सत्र वर्ष 2023-24 की है। पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से छात्रवृत्ति भुगतान की तैयारी पूरी कर ली गई है।

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना में कुल 4,21,263 छात्र-छात्राओं से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसके विरुद्ध स्वीकृत आवेदन 1,24,342 की जांच पूरी कर ली गई है। इनमें से 1,17,331 लाभुकों को छात्रवृत्ति भुगतान करने का निर्देश दिया जा चुका है।

शेष करीब तीन लाख आवेदनों की जांच जारी है। आवेदनों पर अग्रेतर कार्रवाई करने का आदेश सभी जिलों को दिया गया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना के समीक्षा में पाया गया कि 2024-25 में कुल 1,13,305 आवेदन आए हैं। इसके विरुद्ध एक लाख 502 छात्रों को मेधावृत्ति का भुगतान किया गया। वर्ष 2024-25 में इस योजना में 134 करोड़ 50 लाख रुपये स्वीकृत है। यह राशि जिलों को जल्द जारी की जाएगी।

कौन-कौन उठा सकता है इस योजना का फायदा?

यह योजना सिर्फ बिहार के रहने वाले लड़के और लड़कियों के लिए है। आवदेक का 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिविजन में पास होना जरूरी है। तभी वह इस योजना के लिए आवेदन फॉर्म भर सकता है। आवदेक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है।

बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा यह योजना चलाई जाती है। छात्रवृत्ति की रकम विद्यार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर कर दी जाती है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:

1. आवदेक की 10वीं की मार्क्सशीट

2. आवेदक का जाति प्रमाण पत्र

3. आवेदक का आधार कार्ड

4. आवदेक का निवास प्रमाण पत्र

5. बैंक अकाउंट की जानकारी

छात्रवृत्ति के कई फायदे हैं
  • आर्थिक सहायता: छात्रवृत्ति छात्रों को आर्थिक रूप से मदद करती है, जिससे वे अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
  • शिक्षा की पहुंच: छात्रवृत्ति उन छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है जो आर्थिक कारणों से शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
  •  प्रेरणा: छात्रवृत्ति छात्रों को अपनी शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है।
  •  समाजिक समानता: छात्रवृत्ति समाज के विभिन्न वर्गों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करती है।

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Chhath Puja 2024: छठ पर्व पर बाजारों में नकली घी की भरमार, इन तरीकों से घर पर करें शुद्धता की जांच

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 4:12pm

जागरण संवाददाता, पटना । छठ महापर्व का प्रसाद बनाने के लिए देशी घी की मांग बढ़ जाती है। दूध, घी, गेहूं के आटे से लेकर हर सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रसाद सभी व्रती करते हैं। हालांकि, देशी घी के मामले में ज्यादातर लोगों का प्रयास निष्फल हो जाता है। इसका कारण यह है कि बाजार में 650 से लेकर 2800 सौ रुपये किलोग्राम तक का देशी घी उपलब्ध है।

गाय की नस्ल व इसके पुराना होने के आधार पर बाजार में देशी घी की कीमत निर्धारित की जाती है। हर व्रती सिर्फ ब्रांड या दुकानदार के विश्वास पर इसकी खरीदारी करता है। इसे देखते हुए खाद्य संरक्षा विभाग ने अपने स्तर से प्रयास किए हैं।

राजधानी में बिक रहे ब्रांडेड व खुले देशी घी के करीब 20 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। पूरी कोशिश की जा रही है कि मंगलवार तक इसकी रिपोर्ट आ जाए ताकि व्रतियों को शुद्ध घी की जानकारी देने के साथ मिलावटी घी की बिक्री रोकने के उपाय किए जा सकें।

पटना व भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि प्रयोगशाला के पदाधिकारियों से बात की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मंगलवार को सभी 20 नमूनों की जांच रिपोर्ट दे दी जाएगी।

बहुत से व्यापारी घी की मांग बढ़ने से घटिया गुणवत्ता के वेजिटेबल ऑयल, बटर, डालडा, हाइड्रोजेनेटेड तेल व सुगंध मिलाकर इसे बनाते हैं। कई व्यापारी इसमें आलू व शकरकंद भी मसल कर मिलाते हैं। बहुत कम लागत पर तैयार होने वाला ये मिलावटी घी सुगंध व देखने में असली जैसा लगता है।

ऐसे कर सकते हैं शुद्धता की जांच

खाद्य संरक्षा पदाधिकारी के अनुसार जो लोग घी की खरीदारी कर चुके हैं वे घर पर कुछ आसान उपाय से इसकी जांच कर सकते हैं।

हथेली में लेकर खूब गर्म होने तक रगड़ें
  • थोड़ा सा देशी घी हथेली पर लेकर दोनों हाथों से 10-15 मिनट या तबतक रगड़े जबतक की गर्मी के कारण जलन न महसूस होने लगे।
  • इसके बाद घी को सूंघें, यदि सुगंध पहले की तरह ही हो तो यह शुद्ध हो सकता है। यदि सुगंध पहले से कम हो जाए तो यह 100 प्रतिशत मिलावटी या नकली है।
गुनगुने पानी में कुछ बूंद गिराकर करें जांच
  • कांच या किसी पारदर्शी गिलास में हल्का गुनगुना पानी लें। उसमें घी की कुछ बूंदे गिराएं।
  • यदि घी की बूंद बिखरे नहीं तो यह शुद्ध है जबकि बिखरने वाला घी मिलावटी है।
  • सामान्य पानी में शुद्ध घी तैरता है जबकि मिलावटी डूब जाता है।
बीटाडीन या आयोडीन से जांच
  • कोरोना के बाद अब सभी घरों में बीटाडीन साल्यूशन रहता है। एक चम्मच घी लेकर उसमें एक बूंद बीटाडीन या आयोडीन घोल डालें। यदि यह नीला या काले रंग का हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
  • नमक व बाथरूम साफ करने वाले तेजाब से जांच
  • बहुत से घरों में बाथरूम साफ करने वाला नमक का तेजाब यानी हाइड्रोक्लोरिक एसिड रहता है। घी की जांच करने के लिए पहले आधा चम्मच नमक में दो-तीन बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला दें।
  • इसमें दो चम्मच घी के डालकर उसे अच्छे से मिला दें।
  • 15 से 20 मिनट में यदि यह गुलाबी या लाल रंग का हो जाए तो घी मिलावटी है।
घी को दोबारा पकाकर करें पहचान
  • चार-पांच चम्मच देशी घी को कढ़ाही में लेकर वैसे ही पकाएं जैसे की दही से निकाले मक्खन को उबाल कर घी बनाते हैं।
  • 10 मिनट पकाने के बाद उसे ठंडा होने दें। ठंडा होने पर कटोरी में छान लें।
  • यदि घी का रंग तब भी पीला है, पूरी तरह जमा नहीं है और सुगंध पहले जैसी है तो घी शुद्ध है।

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Bihar News: बिहार सरकार ने खरीदी 44 नई डीलक्स बस, कई शहरों को पटना से जोड़ेंगी; पढ़ें रूट चार्ट

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 4:12pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने 44 नई डीलस्क बसों का खरीद किया। सभी बसें पटना आ गई। निबंधन भी करा दिया गया। अब परमिट की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है।

निगम के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि नवंबर माह में बसों का परिचान शुरू हो जाएगा। सभी डीलक्स बसें ननएसी है। प्रत्येक बस में 40 सीट है। बस के परिचालन शुरू होने के बाद यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।नई बसों को बस प्रमंडलों के बीच आवंटित कर दिया गया है।

पटना बस प्रमंडल को आठ, मुजफ्फरपुर बस प्रमंडल को आठ, पूर्णिया बस प्रमंडल को आठ, दरभंगा बस प्रमंडल को आठ, गया बस प्रमंडल को छह और भागलपुर बस प्रमंडल को छह बसें उपलब्ध कराई गई हैं। परमिट बनाने का कार्य शुरू हो गया है। एक दिन सभी बसाें का परिचालन शुरू कराया जाएगा।

परिवहन निगम ने 1.98 करोड़ की लागत से बसों का खरीद किया है। परिवहन निगम पटना से देवघर, वाल्मीकी नगर, किशनगंज, खगड़िया, वैशाली हाेते गोपालगंज, पुरौनाधाम सहित कई स्थानों के लिए बस के परिचालन कराने की तैयारी में है।

परिवहन निगम का राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए बसों का परिचालन कराता है। सभी बसें फुलवारीशरीफ यार्ड में खड़ी की गई हैं। परमिट बनने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि कहां से कहां तक नई डीलक्स बसें चलेंगी।

पुरानी बसें 11 प्रतिशत, नई के लिए निविदा

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम पूर्व से पीपीपी मोड में चल रही बसों के लिए 11 प्रतिशत कमिशन तय दिया है। 78 बसों का अनुबंध समाप्त हो रहा था। सबका विस्तार कर दिया है। 11 प्रतिशत कमिशन देना होगा। पीपीपी मोड में नये बस मालिकों को प्रवेश का मौका दिया है। रूट स्तर पर निविदा निकाल दी गई है।

निविदा में आने वाली राशि के आधार पर एकरनामा होगा। न्यूनतम 11 प्रतिशत कमिशन रखा गया है। पुराने अनुबंध वाले 86 बसों में से अब तक 30 बस निगम के साथ एकरनाका हो गया है। एकरनामा में सबसे पहले परमिट और फीटनेश देखा जा रहा है।

दानापुर में बंद घर का ताला तोड़ नगद समेत लाखों का सामान चोरी

दानापुर में चित्रकूट नगर रोड नम्बर दो मे बंद घर का ताला तोड़ चोरो ने दो लाख नगद समेत लाखों के जेवरात ले भागे। घटना कि जानकारी मिलते ही देर शाम पहुंचे गृहस्वामी भुनेश्वर प्रसाद ने घर का हाल देख परेशान हो गए। इस संबंध मे गृहस्वामी ने लिखित शिकायत किया। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन मे जुटी है।

बताया जाता है कि चित्रकूटनगर निवासी भुवनेश्वर प्रसाद 2 नवंबर को पूजा पाठ करने के लिए परिवार के साथ अपने गांव गए थे। जिसका फायदा उठा चोरो ने घटना का अंजाम दिया। चोरों ने घर का ताला तोड़कर सभी कमरे को खंगालते हुए चोरो ने दो लाख नगद समेत लाखो रूपए के जेवरात चोरी कर ले भागे।

सोमवार को पड़ोसी के सूचना पर पहुंचे गृहस्वामी ने देखा तो ताला टूटा मिला। घर मे सारा सामान बिखरा था। घर मे रखा सारा सामान गायब था। सूचना पाकर पहुंची पुलिस छानबीन मे जुटी है।

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Chhath Puja 2024: छठ पूजा के लिए पूर्व मध्य रेलवे चलाएगा 21 स्पेशल ट्रेन, यहां देखें पूरा शेड्यूल

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 3:48pm

जागरण संवाददाता, पटना। छठ पूजा के दौरान यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने विशेष इंतजाम किया है. लोगों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने विशेष गाड़ियों का परिचालन शुरू किया है। त्योहारों को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा 7435 विशेष गाड़ियां चलाई जा रही हैं। वहीं पूर्व मध्य रेलवे द्वारा 21 स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं.

रेलवे द्वारा चलाई जा रहीं ये स्पेशल ट्रेन
  • रेलवे की ओर से चलाई जा रही आसनसोल-पटना पूजा स्पेशल ट्रेन सोमवार को आसनसोल से 18.30 बजे चलकर जसीडीह, मोकामा के रास्ते अगले दिन 01.30 बजे पटना पहुंची।
  • पटना-आसनसोल पूजा स्पेशल पांच नवंबर को पटना से 03.15 बजे चलकर मोकामा, जसीडीह के रास्ते अगले दिन 10.40 बजे आसनसोल पहुंचेगी।
  • भागलपुर-आनंद विहार पूजा स्पेशल सोमवार को भागलपुर से 15.00 बजे चलकर किऊल, मोकामा, पटना, दानापुर के रास्ते अगले दिन 16.00 बजे आनंद विहार पहुंचेगी।
  • कटिहार-अंबाला अनारक्षित स्पेशल पांच नवंबर को कटिहार से 07.00 बजे चलकर समस्तीपुर, हाजीपुर के रास्ते अगले दिन 13.40 बजे अंबाला पहुंचेगी।
  • सरहिंद-सहरसा अनारक्षित स्पेशल ट्रेन पांच नवंबर को सरहिंद से 11.25 बजे चलकर हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के रास्ते अगले दिन 17.00 बजे सहरसा पहुंचेगी।
  • सहरसा-अंबाला अनारक्षित स्पेशल छह नवंबर को सहरसा से 19.15 बजे चलकर समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर के रास्ते अगले दिन 22.20 बजे अंबाला पहुंचेगी।
  • हाजीपुर-नई दिल्ली सुपर फास्ट स्पेशल पांच नवंबर को हाजीपुर से 08.45 बजे चलकर पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 03.10 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी ।
  • दानापुर-एसएमवीटी बेंगलुरू स्पेशल आठ नवंबर को दानापुर से 20.50 बजे चलकर आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 17.40 बजे एसएमवीटी बेंगलुरू पहुंचेगी।
  • पटना-साबरमती बीजी पूजा स्पेशल पांच नवंबर को पटना से 13.00 बजे चलकर दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दूसरे दिन 05.30 बजे साबरमती बीजी पहुंचेगी।
  • जयनगर-उज्जैन अनारक्षित पूजा स्पेशल पांच नवंबर को जयनगर से 05.30 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 16.00 बजे उज्जैन पहुंचेगी ।
  • जयनगर से उज्जैन के लिए छह नवंबर को अनारक्षित पूजा स्पेशल जयनगर से 11.30 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 18.15 बजे उज्जैन पहुंचेगी।
  • जयनगर-रतलाम अनारक्षित पूजा स्पेशल पांच नवंबर को जयनगर से 14.30 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दूसरे दिन 00.30 बजे रतलाम पहुंचेगी।
  • भागलपुर-उज्जैन अनारक्षित पूजा स्पेशल भागलपुर से छह नवंबर को 10.00 बजे चलकर हाजीपुर, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 20.30 बजे उज्जैन पहुंचेगी ।
  • मुजफ्फरपुर-कटिहार पूजा स्पेशल मुजफ्फरपुर से छह को 07.15 बजे चलकर समस्तीपुर, बरौनी जंक्शन, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया के रास्ते 13.40 बजे कटिहार पहुंचेगी।
  • कटिहार-मुजफ्फरपुर पूजा स्पेशल कटिहार से नौ नवंबर को 21.40 बजे चलकर नवगछिया, खगड़िया, बेगूसराय, बरौनी जंक्शन, समस्तीपुर के रास्ते अगले दिन 04.00 बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।
  • मुजफ्फरपुर-डिबूगढ़ पूजा स्पेशल मुजफ्फरपुर से दस नवंबर को 07.15 बजे चलकर समस्तीपुर, बरौनी जंक्शन, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया, कटिहार, किशनगंज के रास्ते अगले दिन 15.00 बजे डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।
  • विशाखापत्तनम-दानापुर पूजा स्पेशल विशाखापत्तनम से आठ नवंबर को 09.10 बजे चलकर जसीडीह, झाझा, किऊल के रास्ते अगले दिन 11.00 बजे दानापुर पहुंचेगी।
  • दानापुर-विशाखापत्तनम पूजा स्पेशल दानापुर से 9 नवंबर को 12.30 बजे चलकर किऊल, झाझा, जसीडीह के रास्ते अगले दिन 15.45 बजे विशाखापत्तनम पहुंचेगी।
  • पुरी-जयनगर पूजा स्पेशल पुरी से आठ नवंबर को 13.30 बजे चलकर झाझा, किऊल, बरौनी के रास्ते अगले दिन 13.00 बजे जयनगर पहुंचेगी।
  • दानापुर-एसएमवीटी बेंगलुरू पूजा स्पेशल दानापुर से आठ नवंबर को 20.50 बजे चलकर आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते अगले दिन 18.15 बजे एसएमवीटी बेंगलुरू पहुंचेगी।

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Lalu Yadav: छठ के नहाय-खाय पर कहां चले लालू यादव? खुद दी जानकारी; CM नीतीश के पैर छूने पर भी दिया जवाब

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 2:42pm

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव छठ के मौके पर अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ उलार सूर्य मंदिर का दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उनका सामना मीडिया से हुआ तो उन्होंने 2 लाइन में सभी सवालों का जवाब दे दिया।

मीडिया ने पूछा कि लालू जी छठ के नहाय-खाय पर कहां जा रहे हैं तो लालू यादव ने कहा कि हमलोग उलार सूर्य मंदिर जा रहे हैं। फिर मीडिया ने उनसे पूछा कि नीतीश कुमार हर जगह पैर छूते नजर आ रहे हैं। तो इसपर लालू यादव ने कहा कि यह उसकी पुरानी आदत है। इसके बाद लालू यादव ने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। लालू यादव ने अपने ड्राइवर को गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कह दिया।

आज बक्सर में तेजस्वी ने भाजपा के खिलाफ भरी हुंकार

वहीं तेजस्वी यादव आज कैमूर के रामगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार अजीत सिंह के लिए प्रचार किया। उन्होंने कहा कि अब गांव-गांव व प्रत्येक चौक-चौराहे पर हर कोई बोल रहा है कि 20 वर्षों की नीतीश-भाजपा सरकार को तथ्य, तर्क और सत्य से कोई मतलब नहीं रह गया है। आमजन थाना-ब्लॉक में व्याप्त बेकाबू भ्रष्टाचार, खाद की कमी, बेलगाम महंगाई, बेतहाशा गरीबी, रिकॉर्डतोड़ बेरोजगारी तथा अनियंत्रित पलायन से त्रस्त है।

तेजस्वी यादव ने बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम पर बोला हमला

तेजस्वी यादव ने उपचुनाव के प्रचार के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पर जमकर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने 17 महीने में 5 लाख छात्रों को नौकरी दी लेकिन ये भाजपा के दोनों उपमुख्यमंत्री ने कुछ भी काम नहीं किया है। ये लोग सिर्फ समाज को तोड़ने का काम कर रहे हैं।

बिहार में जिन चार सीटों पर उपचुनाव है उनमें कैमूर के रामगढ़, भोजपुर के तरारी और गया जिले के दो विधानसभा सीटें इमामगंज और बेलागंज शामिल है। महागठबंधन उम्मीदवार अजीत कुमार सिंह जिन्हें रामगढ़ विधानसभा सीट मिली है, वो आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र हैं।

जबकि विश्वनाथ कुमार बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं जो कि सुरेंद्र यादव के बेटे हैं। दोनों ही आरजेडी से ताल्लुक रखते हैं। भोजपुर के तरारी से राजू यादव तो इमामगंज से रौशन कुमार मांझी उर्फ राजेश मांझी हैं।

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JEE Main 2025 के आवेदन में EWS और OBC श्रेणी के अभ्यर्थियों की बढ़ी परेशानी, NTA पर निकली भड़ास

Dainik Jagran - November 5, 2024 - 2:28pm

जागरण संवाददाता, पटना। JEE Main 2025 Registration राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) जेईई मेन जनवरी, 2025 सत्र के लिए आवेदन स्वीकार कर रहा है। अबतक एक लाख 25 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा कर दिया है। जनवरी सत्र के लिए 22 नवंबर तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इस बार ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस श्रेणी का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को संबंधित श्रेणी का आरक्षण प्रमाण पत्र के साथ उसकी आईडी, जारी होने की तिथि के साथ प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी का नाम भी अंकित करने को कहा है।

उक्त जानकारी आवेदन में सबमिट नहीं करने पर संबंधित अभ्यर्थी आरक्षण के लाभ से वंचित हो जाएगा। आरक्षण का लाभ लेने के लिए उक्त जानकारी सबमिट करना अनिवार्य है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एनटीए द्वारा पूर्व में सूचना जारी नहीं करने के कारण परेशानी बढ़ गई है। आवेदन प्रक्रिया के पूर्व प्रमाण पत्र बनाने वाले अभ्यर्थी उक्त जानकारी प्राप्त नहीं कर सके।

एनटीए अधिकारियों का कहना है कि सूचना बुलेटिन में विस्तृत जानकारी दी गई है। आवेदन के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। यदि किसी तरह की शंका हो तो अभ्यर्थी एनटीए की हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आइडी से संपर्क कर सकते हैं।

आवेदन के साथ आधार नंबर भी होगा लिंक:

अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व में आरक्षण प्रमाण पत्र की जरूरत नामांकन काउंसलिंग के दौरान होती थी। इस कारण अभ्यर्थी इसके लिए आवेदन सामान्य तौर पर परीक्षा के बाद कराते थे। इस बार आवेदन के साथ ही इसकी मांग की गई है। बिहार में दीपावाली से छह के दौरान कई छुट्टी होने के कारण प्रमाण पत्र जारी होने में देरी की संभावना है। इस कारण अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है।

इस बार पहचान पत्र में अभ्यर्थियों को आधार नंबर भी अंकित करना है। आवेदन आधार से लिंक होगा। 10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट में अंकित जन्म तिथि ही आवेदन में सबमिट करना है।

सात विषयों की पुनर्परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, परीक्षा 13 नवंबर को

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा (सीटीटी) 2024 (द्वितीय) के अंतर्गत सात विषयों की रद परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है। रद की गई सातों विषयों की परीक्षा 26 अगस्त 2024 को आनलाइन मोड में आयोजित की गयी थी। नए तिथि के अनुसार सातों विषयों की पुनर्परीक्षा 13 नवंबर को आयोजित की जाएगी।

परीक्षा समिति ने कहा है कि कक्षा नौवीं से 10 वीं के संगीत, हिंदी, गृहविज्ञान, नृत्य, फारसी एवं कक्षा 11 वीं से 12 वीं के गृह विज्ञान व इतिहास के विषय के परीक्षा को कुछ विसंगति के कारण रद्द की गई थी। इन सभी सातों विषयों की पुनर्परीक्षा 13 नवंबर को पुन:र्निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। पुनर्परीक्षा में शामिल होने के लिए दूसरा एडमिट कार्ड सोमवार को जारी कर दिया गया है। एडमिट कार्ड https://www.bsebsakshamta.com पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

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