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Patna News: सीएम नीतीश कुमार ने किया PMCH के 1117 बेड के अस्पताल का शुभारंभ, मिलेंगी खास सुविधाएं
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: विश्व के दूसरे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में बन रहे पुनर्विकास परियोजना के तहत फेज वन के टावर वन तथा टावर टू में 1117 बेड के अस्पताल का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए 22 फीट की प्रतीक स्वरूप निर्मित मूर्ति का भी अनावरण किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित अस्पताल भवन का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अस्पताल भवन के ऊपरी तल पर जाकर पीएमसीएच के आसपास के इलाकों का मुआयना किया।
इस दौरान एयर एंबुलेंस के उतरने की व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अस्पताल भवन के 9वें तल पर जाकर नर्स स्टेशन, स्वच्छ वस्त्र भंडार, विशिष्ठ कमरा, अति विशिष्ट कमरा, नर्स कक्ष आदि का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अस्पताल भवन के तीसरे तल का निरीक्षण कर परामर्श कक्ष, कैंसर जांच कक्ष, बांझपन क्लीनिक, कोल्पोस्कोपी क्रियाविधि कक्ष, मलिन वस्त्र भंडार को भी देखा।
पहले तल पर मुख्यमंत्री ने यहां उपलब्ध कराई गई आपातकालीन सेवाओं एवं सुविधाओं को लेकर जानकारी प्राप्त किया। इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय उपस्थित थे।
इसके पहले पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, सांसद रविशंकर प्रसाद, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, प्रमंडलीय आयुक्त मयंक बरबड़े, डीएम चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी अवकाश कुमार, पीएमसीएच प्राचार्य डा. विद्यापति चौधरी, अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर भी थे।
एयर एंबुलेंस वाला पहला अस्पताल बना पीएमसीएचमुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि पीएमसीएच बिहार का पहला अस्पताल है जिसके ऊपरी छत पर सीरियस मरीजों को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एयर एंबुलेंस के उतरने की व्यवस्था की गई है। पीएमसीएच तक एंबुलेंस एवं वाहनों के सुचारू रूप से परिचालन के लिए जेपी गंगा पथ से जोड़ा जा चुका है। इसके अतिरिक्त अशोक राजपथ में निर्माणाधीन डबल डेकर रोड से भी पीएमसीएच को जोड़ा जाएगा, ताकि मरीजों को ससमय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा सके।
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अविलंब पूरा कराएं निर्माण कार्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में तेजी लाकर पीएमसीएच के पुनर्विकास परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण कराएं। जब यह काम पूरा हो जाएगा तो पीएमसीएच में मरीजों के लिए 5462 बेड की सुविधा होगी। इसके बन जाने के बाद इलाज के लिए मरीजों को मजबूरी में बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
2018 में तैयार हुआ था पुनर्विकास परियोजनाराज्य सरकार की ओर से पीएमसीएच को 5462 बेड के अस्पताल एवं 250 नामांकन क्षमता वाले चिकित्सा महाविद्यालय के रूप में उन्नयन के लिए कुल पांच हजार 540 करोड़ रुपये की लागत से छह दिसंबर 2018 को पुनर्विकास परियोजना की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री की ओर से पीएमसीएच के पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास आठ फरवरी 2021 को किया गया है। मुख्यमंत्री ने कई बार परियोजना कार्य का निरीक्षण करते हुए मार्गदर्शन भी दिया है।
पहले चरण में 550 बेड का छात्रावास का हुआ था शुभारंभ27 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री के द्वारा प्रथम चरण के तहत 550 बेड का छात्रावास, 175 वाहनों का मल्टीलेवल कार पार्किंग एवं बाह्य रोगी विभाग ओपीडी एवं ब्लड सेंटर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मार्च 2027 तक पीएमसीएच के सभी निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है, इसके बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जाएगा।
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Bihar News: कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल डेढ़ हजार से अधिक चालक सिपाहियों की हो गई बल्ले-बल्ले, DGP ने जारी किया नया ऑर्डर
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस में संविदा पर बहाल करीब डेढ़ हजार से अधिक चालक सिपाही स्थायी रूप से नियुक्त किए जाएंगे।
डीजीपी विनय कुमार ने हाईकोर्ट के निर्णय के आलोक में इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है। इसमें ऐसे चालक सिपाही जो 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण हैं, उन्हें 15 मई 2025 तक संबंधित जिला व इकाई में स्थायी रूप से नियुक्त किए जाने का आदेश दिया गया है।
डीजीपी ने जारी आदेश में कहा है कि वैसे संविदा चालक जो वर्तमान में केवल 10वीं उत्तीर्ण हैं, उन्हें फिलहाल 60 वर्ष की सेवानिवृति आयु तक संविदा नियुक्ति दी जाएगी।
ऐसे चालक सिपाहियों के योगदान करने के पांच वर्ष के भीतर 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पर उनको भी नियमित कर दिया जाएगा।
आदेश के अनुसार, पांच वर्ष के अंदर परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाने वाले 10वीं पास संविदा चालक भी हटाए नहीं जाएंगे बल्कि सेवानिवृत्ति तक संविदा चालक सिपाही के रूप में काम करेंगे।
डीजीपी ने सभी नियुक्ति प्राधिकार को आदेश का अनुपालन करने से पहले सभी दस्तावेजों के सत्यापन का निर्देश भी दिया है।
मालूम हो कि संविदा चालक सिपाहियों की 2010 से अब तक हर साल 11 महीने की संविदा पर बहाली होती आयी है।
पीटीसी पास 990 सिपाही बने एएसआईबिहार पुलिस के पीटीसी (प्रमोशनल ट्रेनिंग कोर्स) पास 990 सिपाहियों को एएसआई (सहायक अवर निरीक्षक) बनाया गया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय के कार्मिक एवं कल्याण प्रभाग ने इससे संबंधित कार्यकारी प्रोन्नति आदेश जारी कर दिया है।
इन प्रोन्नत पुलिसकर्मियों को पदभार ग्रहण करने की तिथि से एएसआई पद का कार्यकारी उच्चतर प्रभार और आर्थिक लाभ मिलेगा।
किसी भी पदाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही, निलंबन, सजा या निगरानी, फौजदारी, आपराधिक मामला लंबित होने पर उनको कार्यकारी प्रभार देय नहीं होगा।
ऐसे में एएसआइ में प्रोन्नत सभी पुलिसकर्मियों को न्यायिक शपथ पत्र देना होगा कि उनके विरुद्ध किसी प्रकार की विभागीय कार्यवाही संचालित या लंबित नहीं है।
इधर, पुलिस मुख्यालय ने बिहार पुलिस सेवा के 731 पदाधिकारियों की औपबंधिक वरीयता सूची जारी कर दी है। यह औपबंधिक वरीयता सूची एक अप्रैल 2025 के आधार पर बनाई गई है।
आइजी मुख्यालय ने शुक्रवार को सभी आइजी, डीआइजी, एसएसपी, एसपी व बी-सैप कमांडेंटों को पत्र भेज कर वरीयता सूची के प्रकाशन की तिथि से एक हफ्ते के भीतर साक्ष्य सहित दावा - आपत्ति पेश करने का निर्देश दिया है।
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सीएम नीतीश कुमार ने 1117 बेड के अस्पताल का किया उद्घाटन, निरीक्षण कर मरीजों के लिए सुविधाओं का लिया जायजा
डिजिटल डेस्क, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पुनर्विकास परियोजना ( फेज - 1 ) के अंतर्गत अस्पताल भवन के टावर ( 1 ) एवं (II) में 1117 शैय्या के अस्पताल का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पी०एम०सी०एच० के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिए 22 फीट की प्रतीक स्वरूप निर्मित मूर्ति का भी अनावरण किया ।
उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित अस्पताल भवन का निरीक्षण कर मरीजों के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अस्पताल भवन के ऊपरी तल पर जाकर पी०एम०सी०एच० के आसपास के इलाकों का मुआयना किया एवं एयर एंबुलेंस के उतरने की व्यवस्था की जानकारी ली। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने अस्पताल भवन के 9वें तल जाकर नर्स स्टेशन, स्वच्छ वस्त्र भंडार, विशिष्ट कमरा, अति विशिष्ट कमरा, नर्स कक्ष आदि का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अस्पताल भवन के तीसरे तल का निरीक्षण कर परामर्श कक्ष, कैंसर जांच कक्ष, बांझपन क्लिनिक, कोल्पोस्कोपी क्रियाविधि कक्ष, मलिन वस्त्र भंडार आदि का मुआयना किया। लोकार्पित अस्पताल भवन के प्रथम तल पर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने उपलब्ध कराई गई आपातकालीन सेवाओं एवं सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पी०एम०सी०एच० बिहार का पहला अस्पताल है जिसके ऊपरी छत पर सीरियस मरीजों को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु एयर एंबुलेंस के उतरने की व्यवस्था की गई है। पी०एम०सी०एच० तक एंबुलेंस एवं वाहनों के सुचारू परिचालन हेतु इसे जे०पी० गंगा पथ से जोड़ा जा चुका है। इसके अलावा अशोक राजपथ में निर्माणाधीन डबल डेकर रोड से भी पी०एम०सी०एच० को जोड़ा जाएगा ताकि मरीजों को ससमय चिकित्सा सेवा उपल्बध कराई जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में तेजी लाकर पी०एम०सी०एच० के पुनर्विकास परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण कराएं। जब यह काम पूरा हो जाएगा तो पी०एम०सी०एच० में मरीजों के लिए 5462 बेड की सुविधा होगी। इसके बन जाने से इलाज हेतु किसी मरीज को मजबूरी में बाहर नहीं जाना पड़ेगा ।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को 5462 बेड के अस्पताल एवं 250 नामांकन की क्षमता वाले चिकित्सा महाविद्यालय के रूप में उन्नयन हेतु कुल 5 हजार 540 करोड़ रूपये की लागत राशि पर 06 दिसंबर 2018 को पुनर्विकास परियोजना की स्वीकृति दी गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा पी०एम०सी०एच के पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास 08 फरवरी 2021 को किया गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा शुरू से ही कई बार परियोजना कार्य का निरीक्षण कार्य करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
27 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री के द्वारा प्रथम चरण के अंतर्गत 550 बेड का छात्रावास, 175 वाहन का मल्टीलेवल कार पार्किंग एवं बाह्य रोगी विभाग (ओ०पी०डी०) एवं ब्लड सेंटर का निर्माण कार्य का उद्घाटन किया गया था ।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार काफी तेजी से कार्य हो रहा है और इसे मार्च, 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत यह भारत का सबसे बड़ा एवं विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बन जायेगा ।
इसके अलावा अन्य 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को भी 2500 बेड का किया जा रहा है। इस क्रम में दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पूर्व से उपलब्ध 1030 बेड के अलावा 330 नये बेड यानी कुल 1360 बेड, अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, गया में पूर्व से उपलब्ध 444 बेड के अलावा 623 नये बेड यानी कुल 1067 बेड, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, भागलपुर में पूर्व से उपलब्ध 400 बेड के अलावा 810 नये बेड यानी कुल 1210 बेड, कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, मुजफ्फरपुर में पूर्व से उपलब्ध 500 बेड के अलावा 705 नये बेड यानी कुल 1205 बेड तथा नालन्दा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पटना में पूर्व से उपलब्ध 400 बेड के अलावा 470 नये बेड यानी कुल 870 बेड की उपलब्धता हो गयी है। शेष बेड के लिए भी कार्य तेजी से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आई०जी०आई०एम०एस०, पटना में अलग से 3000 बेड का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जो इसी साल अगस्त में पूरा हो जायेगा। राज्य सरकार द्वारा निर्णय लेकर इस अस्पताल में रोगियों के लिए मुफ्त दवा की व्यवस्था की गयी है तथा विकास के कई काम किये गये हैं ।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत किया ।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, सांसद रविशंकर प्रसाद, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार, पी०एम०सी०एच० के अधीक्षक आई०एस० ठाकुर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, पी०एम०सी०एच० के चिकित्सकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
Patna News: बिहटा में समधी मिलन के दौरान हर्ष फायरिंग, मच गई चीख-पुकार; जान बचाकर भागे लोग
संवाद सूत्र, बिहटा (पटना)। Patna News: पटना के नेउरा थाना क्षेत्र के सुभाव टोला गांव में शादी समारोह में समधी मिलन के रस्म के दौरान हर्ष फायरिंग में एक व्यक्ति को गोली लग गई। गोली लगते ही अफरातफरी मच गई। लोगों ने आनन फानन में जख्मी को उठाकर निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां चिकित्सको ने प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया।
गोली लगने से घायल व्यक्ति की पहचान फुलवारीशरीफ के ईसोपुर गांव निवासी स्व गुलाब राय के 50 वर्षीय पुत्र बच्चू राय के रूप में हुई। घटना की जानकारी मिलने के बाद नेउरा थाने की पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन की।
जानिए पूरा मामलाजानकारी के अनुसार, नेउरा थाना क्षेत्र के सुभाव टोला में अशोक राय की बेटी की बारात आयी थी। दरवाजा लगने के दौरान समधी मिलन का कार्यक्रम चल रहा था। लोगों ने पटाखे के साथ साथ हर्ष फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के दौरान बच्चू राय के पैर में गोली लग गई और वह जमीन पर गिर गए। गोली चलने के बाद अफरातफरी मच गई।
घटना को लेकर बच्चू राय के दामाद विकास कुमार के द्वारा नेउरा थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। इस संबंध में थाना प्रभारी राजेश कुमार पांडेय ने हर्ष फायरिंग में गोली लगने की पुष्टि करते हुए बताया कि छानबीन की जा रही है।
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बिहारः शिक्षक की चिट्टी पढ़ भावुक हुए ACS, अब टीचर को 'तुम' कहना पड़ेगा भारी, सैलरी पर भी अहम फैसला
राज्य ब्यूरो, पटना। जिला शिक्षा कार्यालयों और क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक कार्यालयों में शिक्षकों से चढ़ावा मांगने और अमर्यादित व्यवहार (जैसे तुम से संबोधन कर अपमानित करना) की शिकायतों पर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख दिखाया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ ने गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया है कि ऐसे व्यवहार करने वाले पदाधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई किया जाएगा।
ग्रुप डी के कर्मचारियों को रखा गया मुक्तशिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक अब शिक्षकों के वेतन भुगतान के बाद ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं उनके कार्यालयों के अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन मिलेगा। इस आदेश से सिर्फ ग्रुप डी के कर्मचारियों को मुक्त रखा गया है।
एस सिद्धार्थ को डाक से मिला पत्रदरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग की पहली अध्यापक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-वन) से नियुक्त होकर कार्य कर रहे एक शिक्षक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ को पत्र लिखा है। यह पत्र उन्हें शुक्रवार की डाक में मिला। पत्र लिखने वाले शिक्षक ने अपना नाम तो नहीं लिखा है, लेकिन उसे पढ़ कर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव भावुक होकर उसमें उठाए गए सवालों पर सोचने के लिए विवश हो गए।
अधीनस्थ क्लर्क उन्हें ''तुम'' कहते हैंशिक्षक ने अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव से कहा है कि आप शिक्षकों को ''आप'' कह कर संबोधित करते हैं, उन्हें पूरा सम्मान देते हैं, लेकिन डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी), डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) और उनके कार्यालयों के अधीनस्थ क्लर्क उन्हें ''तुम'' कहते हैं, अपमानित करते हैं। चढ़ावा चढ़ाने के लिए विवश करते हैं।
कार्यालय में जाना शिक्षकों की विवशताडीईओ और डीपीओ के कार्यालय में जाना शिक्षकों की विवशता है। उन्हें वेतन, बकायों और सेवा संबंधी दूसरे कार्यों के लिए उन कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसी व्यवस्था की जाए कि शिक्षकों को डीईओ और डीपीओ के कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े।
रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठायेअध्यापक की भावना एवं उनके द्वारा पत्र में उठाए गए सवालों से अपर मुख्य सचिव उसे शिक्षा की बातः हर शनिवार कार्यक्रम में रखने के लिए विवश हो गए। इस कार्यक्रम में पत्र को भी पढ़ा गया, ताकि शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारी अपनी छवि उस आईने में देख सकें। पत्र में वेतन में देरी, डीईओ-डीपीओ का दुव्यर्वहार, रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठाये गए हैं।
एसीएस ने समझी शिक्षकों की वेदनाअपर मुख्य सचिव ने कहा कि मैंने इस पत्र को कई बार पढ़ा है और शिक्षकों की वेदना को पूरी तरह समझा है। उन्होंने ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा, तब तक शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों (ग्रुप-डी को छोड़कर) को वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों को तंग करने या वेतन रोकने की शिकायत आयी, तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Bihar Bank Merger: दो ग्रामीण बैंकों का हुआ विलय, 78 हजार करोड़ रुपये का हुआ कारोबार; जानिए और क्या बदलेगा
जागरण संवाददाता, पटना। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय में समावेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार एक मई से राज्य के दो बैंक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक एवं दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक एक हो गए यह अब बिहार ग्रामीण बैंक के रूप में कार्य करेंगा। इसका प्रधान कार्यालय पटना होगा।
समावेशन के अवसर पर हुआ कार्यक्रम का आयोजनसमावेशन के अवसर पर बिहार ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष आशुतोष कुमार झा, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा, नामिणी निदेशक प्रकाश मिश्रा, महाप्रबंधक संतोष सिन्हा, सहायक महाप्रबंधक सुयेश जायसवाल, बिकास कुमार भगत ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
बिहार का सबसे बड़ा बैंकअध्यक्ष आशुतोष कुमार झा ने कहा कि अब हमारा बैंक बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन गया है। आज से 21 सौ से अधिक शाखा, 65 सौ से अधिक ग्राहक सेवा केंद्र, साढ़े तीन करोड़ से अधिक ग्राहक, आठ हजार से अधिक कर्मचारी बिहार ग्रामीण बैंक के हिस्सा हो गए हैं।
दोनों बैंकों के समावेशन होने के बाद 78 हजार करोड़ का कारोबार हो गया है। उन्होंने कहा कि अब हम सभी नए जोश के साथ छोटे किसान, उद्यमियों, जीविका दीदियों, युवाओं, महिला आदि के ऋण सहित सभी कार्यों का प्राथमिकता के साथ कार्य होगा।
उन्होंने कहा कि हमारे एनपीए में कमी आई है, मुनाफे में भी आ चुके हैं। अब केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं को तेजी से क्रियान्वयन कराया जाएगा।
नाबार्ड सीजीएम विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकिंग सुविधा आसानी से पहुंच सकेगी। गांव में भी अब सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। इसमें राज्य के साथ-साथ केंद्र का भी ओनरशिप है। बिहार ग्रामीण बैंक का ग्रामीण क्षेत्रों में 28-30 प्रतिशत कारोबार हो रहा है, इसमें अब ग्रोथ मिलेगा।
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Caste Census: 'प्रधानमंत्री जी जाति जनगणना...', तेजस्वी यादव का PM को ओपन लेटर, बिहार में बढ़ाएगा सियासी टेंशन
डिजिटल डेस्क, पटना। देश में जाति जनगणना कराने के केंद्र सरकार फैसले के बाद श्रेय लेने की होड़ और बयानबाजी का दौर जारी है। इसी अब बिहार में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओपन लेटर लिखा है।
बता दें कि 30 अप्रैल को मोदी कैबिनेट की बैठक में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया गया था। इसके बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसका श्रेय लालू यादव को दिया था।
इससे सभी दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी और श्रेय लेने की होड़ मच गई थी। ज्ञात हो कि बिहार में सबसे पहले जाति गणना के लिए सर्वे कराया गया है। कई दल पूरे देश में इसे कराने की मांग करते रहे हैं।
तेजस्वी ने ट्वीट कर साझा किया पत्रतेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को लिखे गए पत्र को साझा किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जाति जनगणना कराने का निर्णय देश को समानता के अधिकारों की ओर ले जाने वाला और परिवर्तनकारी क्षण हो सकता है।
उन्होंने आगे लिखा कि जाति जनगणना के लिए संघर्ष करने वाले लाखों लोग सिर्फ डेटा के लिए इसे कराना नहीं चाहते। तेजस्वी ने कहा कि इससे वह सम्मान मिलने और फिर से सशक्त होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव का पत्रतेजस्वी यादव ने अपने पत्र में पीएम मोदी को लिखा कि हाल ही में आपकी सरकार द्वारा देश में जाति जनगणना कराने की घोषणा ने नई आशा का संचार किया है। इसी आशा के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं। बीते कई वर्षों से आपकी सरकार और एनडीए गठबंधन के दल जाति जनगणना को गैरजरूरी और विभाजनकारी बताकर नकारते रहे हैं।
बिहार की जाति जनगणना का किया जिक्रतेजस्वी यादव ने अपने पत्र में बिहार की जाति जनगणना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार जाति सर्वेक्षण से पता चला कि ओबीसी और ईबीसी हमारे राज्य की आबादी का लगभग 63% हिस्सा हैं। देश में होने वाली जनगणना में भी ऐसे ही पैटर्न सामने आने की संभावना है।
तेजस्वी ने कहा कि आपकी सरकार अब एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है। जाति जनगणना कराने का निर्णय हमारे देश की समानता की यात्रा में एक परिवर्तनकारी क्षण हो सकता है।
इस दौरान उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए कि जनगणना के डेटा का उपयोग सुधार के लिए किया जाएगा या फिर यह कई पिछली आयोग रिपोर्टों की तरह धूल भरे अभिलेखागार तक ही सीमित रहेगा?
My letter to PM Sh. @narendramodi Ji.
The decision to conduct the caste census can be a transformative moment in our nation's journey towards equality. The millions who have struggled for this census await not just data but dignity, not just enumeration but empowerment.… pic.twitter.com/t2uszNfjOH
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 3, 2025ये भी पढ़ें
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NEET UG Exam 2025: नीट यूजी परीक्षा से पहले NTA का एक्शन, बिहार के 15 से अधिक टेलीग्राम चैनल किए गए बंद
जागरण संवाददाता, पटना। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने चार मई को आयोजित नीट यूजी के लिए राज्य के 35 जिलों में 125 से अधिक केंद्र बनाया है। राज्य से 1.19 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। पटना में 75 से अधिक केंद्र बनाए गए हैं।
प्रवेश पत्र को अच्छी तरह पढ़ें परीक्षार्थीएनटीए ने परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र में दिए गए निर्देश का अच्छी तरह से अध्ययन कर लेने की सलाह दी है। परीक्षार्थी को प्रवेश पत्र में फोटो (जैसा आवेदन पत्र में अपलोड किया गया) चिपकाना है। एक पोस्टकार्ड साइज फोटो प्रवेश पत्र के साथ संलग्न निर्धारित प्रारूप में चिपका कर परीक्षा केंद्र पर साथ लेकर आएंगे।
इसके अतिरिक्त एक और पासपोर्ट साइज फोटो भी लेकर आएंगे, इसे अटेंडेंस शीट पर चिपकाना होगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों को पेन भी सेंटर पर ही दिया जाएगा।
फोटोयुक्त पहचान पत्र में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, 12वीं कक्षा का फोटोयुक्त प्रवेश पत्र आदि में से किसी एक को लाना होगा। फोटो कॉपी मान्य नहीं होगा। पारदर्शी वॉटर बोतल और यदि कोई दिव्यांग है तो उससे संबंधित प्रमाण पत्र ले जाने होंगे।
राज्य के 15 से अधिक टेलीग्राम चैनल को बंद करने का आदेशनीट यूजी की परीक्षा को लेकर झूठी अफवाह व जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ एनटीए बड़ी कार्रवाई करेगा। एनटीए ने गलत सूचना देने वाले टेलीग्राम और इंस्टाग्राम चैनलों को साइबर अपराध समन्वय केंद्र को ब्लॉक कर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है।
पोर्टल पर मिली शिकायतें में कई टेलीग्राम चैनल का प्रश्नपत्र पहुंचाने का दावा किया गया है। झूठे दावे वाले सोशल नेटवर्किंग चैनल पर कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है। पोर्टल पर 1600 से अधिक शिकायतें मिली हैं।
इसमें नीट यूजी के फर्जी प्रश्न पत्र वायरल करने को लेकर 126 से अधिक टेलीग्राम चैनल व 25 से अधिक इंस्टाग्राम चैनल के खिलाफ एनटीए ने कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसमें बिहार से 15 अधिक टेलीग्राम चैनल शामिल हैं।
एनटीए ने शिकायत के लिए लिंक किया है जारीनेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट-यूजी 2025 के संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट के लिए एक नया प्लेटफार्म लॉन्च किया है। यह पहल पिछले वर्ष हुई परीक्षा में अनियमितताओं के बाद उठाया गया है, ताकि इस बार ऐसे मामलों को रोका जा सके।
नीट यूजी के संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट करने के लिए पोर्टलhttp://neetclaim.centralindia.cloudapp.azure.com/ का इस्तेमाल कर सकते हैं। एनटीए ने अभ्यर्थियों को यह भी सलाह दी है कि अनैतिक तत्वों के बहकावे में नहीं आएं।
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Bihar Weather Today: बिहार में नहीं थम रहा मौसम का कहर, आंधी-बारिश ने बढ़ाई आफत; बिजली गिरने का भी अलर्ट
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today: प्रदेश में अभी मौसम में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। कहीं बादल देखे जा रहे हैं तो कहीं गरज-तड़क के साथ वर्षा हो रही है। वहीं, कई जिलों में तेज धूप निकल रही है। दोपहर में तपिश इतनी ज्यादा है कि दो मिनट भी धूप बर्दाश्त नहीं हो रही है। अभी कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बने रहने के आसार हैं।
हालांकि, मई में पूर्वी भागों के अधिसंख्य भागों के अधिकतम तापमान सामान्य से कम, उत्तर मध्य भागों में सामान्य व पटना सहित शेष भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है।
इस दौरान तापमान 36-38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। पश्चिम भागों में दो से तीन दिन हीट वेव एवं पश्चिम भागों में सामान्य से अधिक लू चलने की संभावना है। बाकी इलाकों में गर्म हवाएं चलेंगी।
राजधानी समेत 23 जिलों में गरज-तड़क के आसारमौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित 23 जिलों के अलग-अलग भागों में झोंके के साथ 30-40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ वज्रपात, मेघ गर्जन को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
सात मई तक प्रदेश के अलग-अलग भागों में तेज हवा के साथ गरज-तड़क को लेकर पूर्वानुमान है। इस दौरान मौसम सामान्य बने रहने की संभावना है।
इन इलाकों में हुई बारिशबीते 24 घंटों के दौरान पटना के मनेर, मसौढ़ी समेत बेगूसराय, जहानाबाद, बांका, जमुई, नवादा, गया, भागलपुर, मुंगेर के अलग-अलग भागों में वर्षा दर्ज की गई। बेगूसराय के मटियानी में 42.6 मिमी सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। पटना के मनेर में 38.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस, जबकि 37.1 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
अप्रैल में डेहरी व गया रहा सबसे गर्मअप्रैल में डेहरी व गया 44.6 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश में सबसे गर्म स्थान रहा। 26 अप्रैल को डेहरी व गया में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था। वहीं, राजधानी में 43.0 डिग्री सेल्सियस सर्वाधिक अधिकतम तापमान 26 अप्रैल को दर्ज किया गया था।
पटना में सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस 11 अप्रैल को दर्ज किया गया था। अप्रैल में सामान्य से 170 फीसद अधिक वर्षा प्रदेश में हुई। माह में आठ दिन ठनका गिरा।
इन स्थानों पर दर्ज हुई वर्षा- जहानाबाद के मोदनगंज- 31.6 मिमी
- मुंगेर के संग्रामपुर -30.2 मिमी
- बांका के कटोरिया -25.2 मिमी
- बांका -24.4 मिमी
- जमुई के चकाई -18.4 मिमी
- पटना के मसौढ़ी -16.4 मिमी
- गया के मोहनपुर -12.2 मिमी
- भागलपुर के नाथनगर -11.2 मिमी
- नवादा के रजौली -10.6 मिमी
न्यूनतम (तापमान डिग्री सेल्सियस में) पटना 34.0 22.2 गया 35.7 18.4 भागलपुर 34.0 21.9 मुजफ्फरपुर 33.2 23.5
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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्टिव हुआ निर्वाचन आयोग, 13 जिलों में होने लगी EVM और VVPAT की जांच शुरू
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव को लेकर 13 जिलों में वेबकास्टिंग के साथ ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) शुरू हो गई।
चुनाव आयोग ने 30 जून तक एफएलसी का काम पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस काम 200 से अधिक इंजीनियरों और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैनात दर्जनों अधिकारियों लगाया गया है। जांच का काम सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जा रहा है।
आयोग के अधिकारियों के अनुसार ईवीएम मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच एक ऐसी जटिल प्रक्रिया है जिसके कारण इसको मिनी इलेक्शन भी कहा जाता है।
मिटाया जाता है पुराना रिकॉर्डप्रथम स्तरीय जांच में सभी पुराने सभी रिकॉर्ड को मिटाया जाता है। ईवीएम पर लगे स्लिप को हटाया जाता है, बैलेट पेपर जिस पर नाम पता और चुनाव चिह्न अंकित रहता है उसको हटाया जाता है। साथ ही ग्रीन स्टिकर और टैग को भी हटा दिया जाता है।
इसके बाद कंट्रोल यूनिट के आंकड़ों को मिटाने के पहले एक और प्रक्रिया की जाती है। यह जांच किया जाता है कि किसी बूथ के ईवीएम को लेकर मतदान और मतगणना में कोर्ट केस तो नहीं किया गया है।
अगर किसी चुनाव परिणाम में कोर्ट केस किया गया है, उसके पहले आयोग की ओर से अपील करके यह निर्धारित करा लिया जाता है कि इवीएम को लेकर कोई केस नहीं है। इसके साथ ही प्री-एफएलसी किया जाता है जिसमें ईवीएम मशीन के अंदर के सभी सर्किट, बैट्री सहित उसके फंक्शन की जांच की जाती है।
इसके अलावा वीवीपैट के अंदर के सभी पुराने स्लिप को हटा कर डमी पेपर डाल दिया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं को करने के बाद शुरू होती है अंतिम जांच की प्रक्रिया।
इसमें ईवीएम जांच के बाद पांच प्रतिशत ईवीएम को राजनीतिक दलों की उपस्थिति में जांच की जाती है। कुल जिले की मशीनों में से पांच प्रतिशत मशीनों को रैंडम तरीके से अलग करके उसमें वोटिंग करके जांच की जाती है। जिससे यह पता चल सके की मशीन फूलप्रूव हो चुकी है।
डाले जाते हैं वोटइसके लिए पांच प्रतिशत मशीनों में से एक प्रतिशत ईवीएम में 1200 वोट डालकर जांच किया जाता है, जबकि शेष चार प्रतिशत ईवीएम में दो प्रतिशत ईवीएम में 1000 वोट और दो प्रतिशत में 500 वोट का मतदान कर जांच किया जाता है।
इसके बाद एक और जांच की जाती है, जिसमें एक कंट्रोल यूनिट में चार बैलेट यूनिट को जोड़कर मतदान किया जाता है। यह प्रक्रिया राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पूरी की जाती है। साथ ही जांच की गई मशीनों की लिस्ट राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को सौंपी जाती है।
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Bihar Postal Service: दिल्ली के लिए रेल, हवाई के बाद अब सड़क मार्ग से भी जुड़ा बिहार डाक सेवा
जागरण संवाददाता, पटना। नई दिल्ली के लिए बिहार डाक सर्किल ट्रेन, हवाई संपर्क के साथ-साथ सड़क मार्ग से भी सीधे रजिस्ट्रर्ड पार्सल को तय समय में सस्ते दर पर डिलेवर करेगा। इसके लिए अब बिहार डाक सर्किल ने नई दिल्ली के लिए वाया प्रयागराज, लखनऊ, बरेली के रास्ते सामग्री भेजे जाएंगे।
शुक्रवार को बिहार डाक सर्किल के मुख्य डाक महाध्यक्ष एमयू अबदाली ने पटना-नई दिल्ली आरटीएन सेवा को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया।
कौन-कौन मौजूद रहा?इस मौके पर सीजीएम पार्सल निदेशालय अदनान अहमद, निदेशक डाक सेवाएं पवन कुमार, वरीय अधीक्षक पीटी प्रमंडल राजदेव प्रसाद, मुख्य डाकपाल जीपीओ रंजय कुमार सिंह, वरीय अधीक्षक मनीष कुमार, सहायक निदेशक (मेल्स) सर्किल कार्यालय अशोक प्रसाद, सहायक निदेशक (बीडी) सर्किल कार्यालय पटना नवीन कुमार, अधीक्षक पटना साहिब प्रमंडल अनिल कुमार भी थे।
वरीय अधीक्षक पीटी प्रमंडल राजदेव प्रसाद ने बताया कि पटना से दिल्ली वाया प्रयागराज, लखनऊ, बरेली सामग्री भेजे जाएंगे। हर दिन 10 टन कैपिसिटी माल जा सकेंगे।
इसमें रजिस्टर्ड पार्सल व बिजनेस पार्सल भेजने की सुविधा होगी। ग्राहकाें के बल्क सामानों के बुकिंग के 72 घंटे में नई दिल्ली में पार्सल को डिलेवर किया जा सकेगा। यह स्पीड पोस्ट से सस्ता होगा।
इस सेवा के शुरू होने से पटना से दिल्ली के बीच आने वाले सभी प्रमुख शहरों तक डाक विभाग की पहुंच सुगम बनाएगा। यह आरटीएन सेवा ग्राहकों द्वारा प्रयागराज, लखनऊ एवं बरेली को भेजे जाने वाले पार्सल को बहुत ही कम समय में पहुंचाने का काम करेगा।
इस सेवा के तहत हम डाक को अपने गंतव्य शहर तक अपेक्षाकृत कम समय में पहुंचा सकेंगे। इस सेवा के शुरू होने पर बिहार डाक परिमंडल और पार्सल हब पटना के कर्मचारियों ने हर्ष जताया।
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बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच आयोग ने बताया तैयारी का समय, तीन साल वालों की मांगी लिस्ट
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अंतर-विभागीय बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया कि चुनाव से जुड़ी सभी तैयारियां जुलाई तक पूरी कर ली जाए, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारु, शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराई जा सके। बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत पुलिस महानिदेशक, सभी प्रमुख सचिव, विभागीय निदेशक और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
की गई कार्ययोजना की समीक्षाबैठक में चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और कार्ययोजना की समीक्षा की गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रिटर्निंग आफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए गए हैं।
संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहेंगे जवानइसके अलावा, ऐसे अधिकारियों की पहचान की जा रही है जिन्होंने किसी एक जिले में तीन साल से अधिक सेवा पूरी कर ली है, ताकि स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू की जा सके। बैठक में बताया गया कि राज्य के 2106 संवेदनशील स्थानों पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए पहले से तैयारी की जा रही है।
सैटेलाइट फोन जैसे विकल्प पर विचारउन्होंने शैडो जोन में संपर्क साधने के लिए सैटेलाइट फोन जैसे वैकल्पिक संचार माध्यमों पर भी काम किया जाना चाहिए। दिव्यांग मतदाताओं और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों के लिए चिकित्सा सुविधा, आपातकालीन इलाज और व्हील चेयर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सभी सुविधाओं का रखा जाए ध्यानसभी मतदान केंद्रों पर पेयजल, शौचालय और छाया जैसी आवश्यक सुविधाएं जुलाई तक हर हाल में उपलब्ध कराने के निर्देश दिया गया। लाजिस्टिक और परिवहन के लिए वाहनों की व्यवस्था, ईंधन भुगतान, सामग्री का सुरक्षित भंडारण और जलमार्ग विकल्पों पर कार्य किया जाना है।
इंटीग्रेटेड चेकिंग टीमें रहेंगे तैनातइसके अलावा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन, नकद वितरण और शराब के उपयोग जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड चेकिंग टीमों की तैनाती की जाएगी। दिव्यांग मतदाताओं के लिए फोल्डेबल व्हील चेयर, वाहन सुविधा और विशेष व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। स्वीप कार्यक्रम के तहत सोशल मीडिया, लोक संवाद, रेडियो और मोबाइल वैन के माध्यम से व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
संजीव मुखिया की डील में शामिल था एक छात्र और कनसल्टेंट, राजस्थान, हरियाणा और यूपी से जुड़ा कनेक्शन
राज्य ब्यूरो, पटना। नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार संजीव मुखिया से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पेपर लीक के मास्टर माइंड संजीव मुखिया का नेटवर्क अकेले बिहार में नहीं था। उसका कनेक्शन गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों तक फैला हुआ था। कोर्ट से चार दिनों की रिमांड मिलने के बाद सीबीआइ ने संजीव मुखिया से पूछताछ शुरू कर दी है।
पेपर लीक के समय गुजरात में थासूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान संजीव मुखिया ने यह जानकारी दी कि पिछले वर्ष पांच मई को जिन दिन नीट यूजी पेपर लीक हुआ था उस दिन वह बिहार नहीं, बल्कि गुजरात में था। उसने बताया कि गोधरा के जिस समय जलाराम स्कूल के परीक्षा केंद्र पर नीट पेपर लीक हुआ था वह उस केंद्र से महज डेढ़ से दो किमी की दूरी पर मौजूद था।
अधिकारी के एक रिश्तेदार का आया नामसंजीव मुखिया ने कबूल किया है कि परीक्षा में एक पुलिस अधिकारी के एक रिश्तेदार ने परीक्षार्थियों से पेपर की डील कराई थी। मामले के प्रकाश में आने के बाद ही गुजरात पुलिस की एसआइटी ने संबंधित परीक्षा केंद्र के प्राचार्य पुरूषोत्तम शर्मा, शिक्षक तुषार भट्ट, वडोदरा के शिक्षा परामर्शी परशुराम, उसके सहयोगी विभोर आनंद और दलाल आरिफ वोहरा को गिरफ्तार किया था।
लखीसराय का रहने वाला है विभोरविभोर आनंद मूल रूप से लखीसराय का रहने वाला है। गुजरात पुलिस ने उसे उसके दरभंगा स्थित ससुराल से गिरफ्तार किया था। संजीव मुखिया ने जांच एजेंसी को बताया कि विभोर के एक रिश्तेदार डीआइजी रैंक के पुलिस अफसर हैं।
परीक्षा को लेकर सीधे करता था डीलसूत्र बताते हैं कि संजीव मुखिया ने कबूला है कि विभोर आनंद छात्रों और अभिभावकों से सीधे डील करता था और उन्हें शिक्षा सलाहकार परशुराम से मिलाता था। उसके अनुसार परशुराम दूसरे देशों में पढ़ाई के लिए सलाह देने के साथ वीजा फर्म चलाता है।
बात बनने पर मिलता था कमीशनजब उसकी डील अभ्यर्थी से हो जाती थी तब विभोर आनंद को कमीशन मिलता था। पूछताछ के दौरान संजीव मुखिया ने अपने गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के साथ ही उत्तर प्रदेश के नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में अधिक साक्ष्य जुटाने के लिए सीबीआइ टीम मुखिया को गुजरात भी ले जा सकती है।
Patna News: बिहार का पहला अंडरग्राउंड सब-वे बनकर तैयार, रेल यात्रियों को मिलेगी जाम से मुक्ति
जागरण संवाददाता, पटना। 84.83 करोड़ की लागत से बिहार का पहला अंडरग्राउंड सब-वे बनकर तैयार हो गया है। यह जानकारी पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन शुक्रवार को सब-वे को निरीक्षण करने के दौरान दी। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री से लोकार्पण के लिए समय मांगेंगे। मुख्यंत्री का समय मिलते ही लोकार्पण कराकर आम जन को सौंप दिया जाएगा।
इसके निर्माण से रेल यात्री सीधे पटना जंक्शन से मल्टी मोडल हब में आकर शहर के विभिन्न हिस्सों के लिए वाहन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। अपना वाहन लगाकर पटना जंक्शन जा सकते हैं। पटना जंक्शन गोलंबर के पास जाम नहीं लगेगा।
440 मीटर है सब-वे की लंबाईपथ निर्माण मंत्री ने बताया कि पटना शहर स्थित स्मार्ट सिटी के जीपीओ गोलंबर के नजदीक मल्टी मोडल हब को पटना जंक्शन से जोड़ने के लिए 440 तीटर लंबा सब-वे का निर्माण किया गया है। पटना जंक्शन पर वाहनों की पार्किंग से ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होना बंद हो जाएगा।
यात्रियों को मिलेगी सुविधावाहनों को मल्टी मोडल हब में पार्किंग कराई जाएगी तथा वाहनों से उतरकर पैदल यात्री इस सब-वे के द्वारा पटना जंक्शन के समीप महावीर मंदिर के पूर्वी छोर से सीधे स्टेशन में प्रवेश कर पाएंगे। मल्टी मोडल हब में सिटी बस की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे पटना शहर के विभिन्न जगहों पर आने जाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
सब-वे में होंगे 3 ट्रैवलेटरमंत्री ने बताया कि इस सब-वे के अंदर ट्रैवलेटर की कुल चार संख्या होगी, जो सब-वे की कुल लंबाई 440 मीटर के अंदर लगभग 148 मीटर की होगी। पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए दो एक्सीलेरेटेर की भी सुविधा प्रदान की गई है। महावीर मंदिर के निकास के पास और मल्टी लेवल पार्किंग के पास एक-एक लिफ्ट की भी सुविधा दी गई है।
यह सुविधा भूमिगत है, इसलिय हीट वेंटिलेशन एयर कंडीशनिंग की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी। बिहार का पहला अंडरग्राउंड सब-वे व्यवस्थित पटना की नई पहचान बनेगा। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कुछ शेष बचे कार्यों को भी जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया।
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IAS Sanjeev Hans: मैनेज होता था सरकारी टेंडर, आईएएस संजीव हंस समेत 6 के खिलाफ SUV ने दर्ज किया केस
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सरकारी विभागों में आठ से 10 प्रतिशत कमीशन पर टेंडर मैनेज का खेल हो रहा था। इस खेल की अहम कड़ी रिशुश्री था। रिशश्री सरकारी अफसरों की मिली भगत से यह रैकेट चला रहा था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह खेल पकड़ा गया है। जिसके बाद ईडी की अनुशंसा पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने चार नामजद समेत छह पर प्राथमिकी दर्ज की है।
इस प्राथमिकी में आईएएस अधिकारी संजीव हंस का भी नाम है। हंस के अलावा रिलायबल इंफ्रा सर्विस प्रा. लि. के रिशुश्री, कंपनी के कर्मी संतोष कुमार, मैत्रिस्वा इंफ्रा प्रा. लि. के निदेशक पवन कुमार, अन्य सरकारी पदाधिकारी व अज्ञात को शामिल किया गया है।
ईडी ने दी थी टेंडर में चल रहे खेल की जानकारीप्रवर्तन निदेशालय पटना संयुक्त निदेशक सत्यकाम दत्ता ने विशेष निगरानी को सरकारी टेंडर के मैनेज होने की जानकारी मुहैया कराई थी। ईडी के अनुसार, रिशुश्री संजीव हंस की मदद से सरकारी टेंडर के मैनेज कर रहा था। जिस विभाग का टेंडर निकाला जाता था रिशुश्री उस विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की मदद से पहले ही उससे जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल कर लेता था।
इसके बाद उस जानकारी के आधार पर वह खुद अपनी कंपनी या अपने नेटवर्क से जुड़ी कंपनी को वह टेंडर दिलवा देता था। इस काम में बड़ी अधिकारी उसकी मदद करते थे।
आठ से दस प्रतिशत के कमीशन पर होता था खेलसूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टेंडर के इस खेल में रिशुश्री को आठ से दस प्रतिशत का कमीशन मिल रहा था। जिसका बड़ा हिस्सा संबंधित विभाग के सीनियर अधिकारियों को जा रहा था।
ईडी की रिपोर्ट में आरोप लगाए गए हैं कि पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी दिखाने के लिए, रिशुश्री अपनी संस्थाओं को निविदा प्रदान की गई संस्थाओं के लिए उपठेकेदार के रूप में नियुक्त करता था और उन्हें समय-समय पर बढ़ा-चढ़ाकर बिल देता है, ताकि कमीशन और रिश्वत का पैसा नियमित व्यापारिक लेन-देन में मिल जाए।
दस पन्नों की रिपोर्ट पर महाधिवक्ता से मांगी थी रायईडी की करीब दस पन्नों की रिपोर्ट मिलने के बाद विशेष निगरानी इकाई ने हंस व रिशुश्री समेत अन्य पर केस दर्ज करने के पूर्व महाधिवक्ता और गृह विभाग से राय मांगी थी।
महाधिवक्ता और गृह विभाग की अनुशंसा के बाद विशेष निगरानी इकाई ने संजीव हंस, रिशुश्र श्री समेत रिशुश्री की कंपनियों के कर्मी, निदेशक, अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच विशेष निगरानी के डीएसपी राजेश रंजन को सौंपी गई है।
इन धाराओं में हुआ केसपीसी एक्ट 1988, आफिशियल सीकेट्र एक्ट, अधिनियम बीएनएस 2023, धाराएं 7ए, डब्लू 8,9, आरडब्लू 10 व 12, आरडब्यू 3 (2) आरडब्लू 6(2) आरडब्लू 15, निविदा में लोक सेवक एवं अन्य द्वारा भ्रष्टाचार
ईडी की रिपोर्ट में कई अन्य विभाग के वरीय अफसर निशाने पर- आइएएस संजीव हंस, रिशुश्री के अलावा अन्य कई विभागों के अधिकारी भी अब जांच एजेंसी के निशाने पर हैं। ईडी की रिपोर्ट की माने तो टेंडर का खेल कई सरकारी महकमों में चल रहा था।
- इन विभागों में जल संसाधन विभाग, उर्जा विभाग, भवन निर्माण विभाग और नगर विकास विभाग समेत कई अन्य विभाग शामिल हैं।
- सूत्रों की माने तो इन विभागों के अधिकारियों के खिलाफ भी आने वाले समय में कार्रवाई संभव है। इसके पहले जांच एजेंसी साक्ष्य जुटाने में लगी है।
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Bihar: लड़की को कॉलेज में नहीं दिया एडमिशन, छात्रा की कंडीशन समझ जज ने सभी को कोर्ट में बुलाया
विधि संवाददाता, पटना। नीट यूजी 2024 में विकलांगता व अनुसूचित जाति कोटे से चयनित छात्रा अवंतिका को वेटरनरी कॉलेज में एडमिशन नहीं देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा बोर्ड और बिहार वेटरनरी कॉलेज से जवाब तलब किया है।
छह मई को होना होगा पेशमामले में न्यायाधीश अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि सभी पक्ष छह मई 2025 को समस्त दस्तावेजों व तथ्यों के साथ उपस्थित हों। अब सभी को मंगलवार को कोर्ट में सफाई देने के लिए पेश होंगे। इस दौरान दोनों पक्ष कोर्ट के सामने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे।
विकलांग कोटे से हुआ था चयनयाचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि अवंतिका का चयन नीट यूजी के माध्यम से विकलांगता कोटे से हुआ था और उसे सीट भी आवंटित की गई थी। बावजूद इसके कॉलेज ने बिना किसी चिकित्सकीय परीक्षण के उसका दाखिला नकार दिया।
तीन सदस्यीय दल ने की जांचपटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने अवंतिका को वेटरनरी कोर्स के लिए उपयुक्त माना है। उन्होंने जांच के बाद अपना निर्णय छात्रा के लिए सुनाया। डाक्टरों की टीम ने कहा कि छात्रा वेटरनरी कोर्स कर सकती है। उसमें ऐसी कोई समस्या नहीं है कि कोर्स करने में उसे किसी तरह की परेशानी हो।
देखें कि अभ्यर्थी सक्षम है या नहींअधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि विकलांगता का प्रतिशत नहीं, बल्कि यह देखा जाना चाहिए कि अभ्यर्थी कोर्स करने में सक्षम है या नहीं। कोर्ट को बताया गया कि अवंतिका बचपन से एक रोग से ग्रसित जरूर है, लेकिन वह पूरी तरह से अध्ययन में सक्षम है।
कोर्ट ने गंभीरता से लिया मामलाकोर्ट ने वेटरनरी कॉलेज के मामले को गंभीर मानते हुए अगली सुनवाई की तिथि छह मई तय की है। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। यह निर्देश कोर्ट ने अधिवक्ता द्वारा चिकित्सक की जांच के बाद लिए गए निर्णय पर दिया। अब छात्रा के मामले में सभी मंगलवार को कोर्ट में पेश होंगे।
Bihar Teacher Transfer: बिहार में 261 शिक्षकों का ट्रांसफर, 5 से 10 मई के बीच मिलेगी पोस्टिंग
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में सरकारी विद्यालयों के 261 और शिक्षकों का अंतरजिला स्थानातंरण किया गया है। यह शिक्षकों का ऐच्छिक तबादला है। इन शिक्षकों के अंतरजिला स्थानातंरण का फैसला शिक्षा विभाग की कमेटी ने अपनी बैठक में लिया।
बैठक के बाद संबंधित शिक्षकों के अंतरजिला स्थानातंरण आदेश प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला के हस्ताक्षर से जारी किया गया है। साथ ही अंतरजिला स्थानांतरित शिक्षकों की सूची भी जारी कर दी गई है।
कब होगा स्कूलों का आवंटन?शिक्षा विभाग के मुताबिक अंतरजिला स्थानांतरित संबंधित शिक्षकों का विद्यालय आवंटन पांच मई से 10 मई के बीच होगा। इन शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दो शपथ पत्र देने होंगे। पहला यह कि उनके द्वारा दी गयी सूचना गलत पाए जाने पर उन पर कार्रवाई की जा सकेगी।
दूसरा यह कि उन्हें आवंटित जिला स्वीकार है तथा प्राथमिकता के अनुरूप रिक्ति उपलब्ध नहीं होने पर निकटतम स्थान या विद्यालय में उन्हें पदस्थापन स्वीकार होगा।
शिक्षकों की वरीयता का निर्धारण उस कोटि के शिक्षकों के संबंध में पूर्व से निर्गत प्रविधानों के अनुरूप नए जिले में योगदान के बाद निर्धारित होगा। भविष्य में छात्र-शिक्षक अनुपात के असंतुलन की स्थिति में स्थानांतरित शिक्षकों को अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सकता है।
बता दें कि अब तक 47 नियमित शिक्षक, 260 असाध्य रोगों से पीड़ित शिक्षक, 10225 महिला शिक्षक एवं 2151 पुरुष शिक्षकों का अंतरजिला तबादला हो चुका है।
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Bihar: निजी डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को मिलेगी सैलरी और पेंशन, सरकार को 3 महीने में जारी करनी होगी ग्रांट
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने बिहार सरकार (Bihar Government) की दो अपीलों को खारिज करते हुए बिहार के निजी मान्यता प्राप्त डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि 19 अप्रैल 2007 से पूर्व नियुक्त सभी योग्य शिक्षकों को वेतन, भत्ते एवं सेवानिवृत्ति लाभ (यूजीसी वेतनमान अनुसार) प्रदान किए जाएं।
राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है कि वह तीन माह की अवधि में संबंधित विश्वविद्यालयों को आवश्यक ग्रांट जारी करे। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश अशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपीलों को खारिज करते हुए उक्त निर्णय दिया।
अदालत ने स्पष्ट किया कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 की धारा 57-A में वर्ष 2015 में किए गए संशोधन का लाभ उन सभी शिक्षकों को मिलेगा जो मान्यता प्राप्त निजी डिग्री कॉलेजों में नियुक्त हुए हैं, भले ही उनके कॉलेज ‘डिफिसिट ग्रांट’ के अंतर्गत आते हों या ‘परफॉर्मेंस ग्रांट’ के।
राज्य सरकार ने यह तर्क दिया कि यह संशोधन केवल उन संस्थानों पर लागू होता है जो छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर ग्रांट प्राप्त करते हैं। अदालत ने इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि ऐसा भेदभावपूर्ण रवैया विभाग की “संकीर्ण सोच” को दर्शाता है, जो शिक्षा नीति के व्यापक उद्देश्य के विरुद्ध है।
उल्लेखनीय है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी द्वारा की गई थी, परंतु बिहार कॉलेज सेवा आयोग की स्वीकृति नहीं ली गई थी। आयोग के विघटन के पश्चात कॉलेज स्तर पर चयन समिति गठित की गई, जिसे नियमित नियुक्तियों के लिए अधिकृत किया गया। इसके बावजूद अनेक शिक्षकों को वेतन व सेवा लाभ नहीं मिल रहे थे।
कोर्ट ने यह भी माना कि निजी संस्थानों की स्थापना राज्य सरकार द्वारा नए कॉलेजों की स्थापना में रुचि न लेने के कारण हुई थी। इन संस्थानों के पास संसाधन व योग्य संकाय सदस्य उपलब्ध हैं, जिन्हें शिक्षा व्यवस्था में सम्मिलित करना आवश्यक है।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वे शिक्षक जो सेवा से निवृत्त हो चुके हैं, उन्हें भी पेंशन व अन्य लाभ उपलब्ध कराए जाएं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक माह की समय-सीमा अपर्याप्त होगी, अतः सरकार को तीन माह का समय दिया गया है, ताकि वह ग्रांट जारी कर विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षकों को भुगतान सुनिश्चित करे।
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सीएम नीतीश कुमार ने राजगीर खेल अकादमी में नई स्पोर्ट्स सुविधाओं का किया लोकार्पण, यूथ गेम्स की तैयारियों का लिया जायजा
डिजिटल डेस्क, पटना। मुख्यंमत्री नीतीश कुमार ने आज नालंदा जिला के राजगीर में खेल अकादमी-सह-खेल विश्वविद्यालय में नवनिर्मित खेल सुविधाओं का लोकार्पण किया। इसके तहत मुख्यमंत्री ने राजगीर खेल अकादमी-सह-खेल विश्वविद्यालय में निर्मित इंडोर हॉल संख्या-2, बास्केटबॉल कोर्ट, हँडबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट एवं हॉकी प्रैक्टिस टर्फ का शिलापट्ट अनावरण एवं फीता काटकर लोकार्पण किया।
लोकार्पण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने इंडोर हॉल संख्या-2, बास्केटबॉल कोर्ट, हैंडबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट एवं हॉकी प्रैक्टिस टर्फ का जायजा लिया और इस अवसर पर गुब्बारा भी उड़ाया। निरीक्षण के दौरान वहां उपस्थित खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री का ताली बजाकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से बातचीत कर उनका उत्साहवर्द्धन किया और कहा कि खूब बढ़िया से प्रैक्टिस करें और आगे बढ़ें। उन्होंने वहां संचालित ब्वॉयज और गर्ल्स हॉस्टल में दी जा रही सुविधाओं की भी जानकारी ली। साथ ही राज्य खेल अकादमी में खिलाड़ियों को उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी जाना।
मुख्यमंत्री ने राजगीर में आयोजित होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने खेल मैदान एवं खेल ट्रैक को भी देखा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य खेल अकादमी में खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधा का इंतजाम किया गया है। सभी चीजों का निर्माण अच्छे ढंग से कराया गया है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2025 का बेहतर ढंग से आयोजन हो, इसका ध्यान रखें।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने बिहार पुलिस अकादमी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वीमिंग पूल, मॉडल थाना का जायजा लिया। वहां पुलिस के लिए वर्दी सिलाई करनेवाली जीविका दीदियों से भी बातचीत की। उन्होंने क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया। वहां पहले से तीन लैब कार्यरत् हैं और चौथे लैब की आज मुख्यमंत्री ने शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने बिहार पुलिस अकादमी के पासिंग आउट परेड ग्राउंड का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस अकादमी का निर्माण बेहतर ढंग से कराया गया है और सारी सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। यहां प्रशिक्षण की अच्छी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यहां पर बिहार पुलिस और बिहार पुलिस के अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्य का संचालन बेहतर ढंग से कराते रहें।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री सह नालंदा जिला के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ० सुनील कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कौशल किशोर, विधायक कृष्ण
मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, पूर्व विधायक ई० सुनील सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, बिहार खेल विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर सिन्हा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के महानिदेशक सह अध्यक्ष आलोक राज, बिहार पुलिस अकादमी की निदेशक मती आर० मल्लार विजी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरबड़े, खेल विभाग के निदेशक महेंद्र कुमार, नालंदा जिला के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक भारत सोनी सहित अन्य वरीय अधिकारी, खिलाड़ी एवं प्रशिक्षक उपस्थित थे।
Caste Census: जातिगत जनगणना का क्रेडिट लेने की मची होड़, पटना की गलियों में छिड़ा पोस्टर वॉर
पीटीआई,पटना। पटना की सड़कों पर सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के कार्यकर्ताओं के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया है, जिसमें दोनों ही आगामी जनगणना में जाति आधारित डेटा शामिल करने के केंद्र सरकार के फैसले का श्रेय ले रहे हैं।
केंद्र ने जाति जनगणना को दी मंजूरीकेंद्र सरकार ने बुधवार को जनगणना के साथ जाति गणना को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद से ही इसका श्रेय लेने की होड़ लग गई है। बिहार की राजधानी पटना में राजनीतिक दलों के कार्यालयों को पोस्टरों से सजाया गया है।
JDU ने जताया पीएम और सीएम नीतीश का आभारगुरुवार को JDU कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों का आभार व्यक्त किया गया। इसमें लिखा है कि 'नीतीश ने कर दिखाया, अब देश ने अपनाया' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। जातिगत गणना, बिहार से भारत तक।
आरजेडी और कांग्रेस ने भी लगाए पोस्टरइस बीच, विपक्षी दलों आरजेडी और कांग्रेस ने भी अपने-अपने राज्य कार्यालयों के बाहर पोस्टर लगाए, जिसमें अपने नेताओं को केंद्र पर निर्णय लेने के लिए दबाव बनाने का श्रेय दिया गया।
कांग्रेस के एक पोस्टर में लिखा गया कि 'लोग झुकते हैं, उन्हें झुकाने वाला कोई चाहिए'। वहीं, राजद ने इसका श्रेय लालू और तेजस्वी को दिया।
पोस्टर पर दूध छिड़ककर मनाया जश्नकांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी की राज्य इकाई के कार्यालय के बाहर राहुल गांधी के पोस्टर पर दूध छिड़ककर और उस पर मलाई मलकर जश्न को एक कदम और आगे बढ़ाया। एक अन्य पोस्टर में जाति जनगणना पर केंद्र की घोषणा के लिए गांधी को श्रेय दिया गया।
बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी को दिया श्रेयइन दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि आगामी जनगणना में जाति आधारित डेटा शामिल करने के फैसले का श्रेय हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही जाता है।
अगर लालू कहते हैं कि 1995-96 में जाति आधारित जनगणना पारित की गई थी तो इसे लागू क्यों नहीं किया गया? 10 साल तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार लालू के समर्थन में थी। जाति जनगणना आगे क्यों नहीं बढ़ी?
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने पहले ही देश में जाति आधारित जनगणना करवाने का मन बना लिया था।
अब, पूरे देश में जाति आधारित जनगणना की जाएगी। इससे सभी को फायदा होगा। यह फैसला ऐतिहासिक है। अब, इंडी गठबंधन के सभी नेता धीरे-धीरे प्रधानमंत्री के समर्थक बन रहे हैं, क्योंकि वे केंद्र सरकार के इस फैसले का जश्न मना रहे हैं।
तेजस्वी ने साधा निशानादूसरी ओर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर पोस्ट कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2021 में मैंने देश के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर देश में जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने का आग्रह किया था।
जाति आधारित जनगणना के लिए हमने और हमारे समाजवादी नेताओं ने कई कुर्बानियां दी हैं। हमने इस मुद्दे पर एनडीए नेताओं द्वारा बहुत अपमान, चरित्र हनन और जातिवादी टिप्पणियां सहन की हैं।
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