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Bihar Politics : अचानक क्यों खफा हो गए नीतीश कुमार के ये खास मंत्री? आनन-फानन में बुलाई बैठक; फिर दे डाली चेतावनी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi राज्य में किसानों को केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) देने में अभी तक की प्रगति संतोषजनक नहीं है। किसान बहुत उम्मीद के साथ ऋण के लिए बैंकों में आवेदन करते हैं और बिना उचित कारण के उसे अस्वीकृत कर दिया जाता है। यह स्थिति अशोभनीय है।
उक्त बातें कृषि मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने गुरुवार को मीठापुर स्थित कृषि भवन सभागार में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की कृषि एवं उससे संबद्ध विषयों की उप समिति की बैठक में कही। कृषि मंत्री ने बैठक में आवेदन पत्र का प्रारूप हिंदी में एवं सरल बनाने की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया।
बैंक भी अपने स्तर से आवेदन भरने में किसानों की मदद करें- मंगल पांडेयउन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आवेदक किसान को आवेदन करने में कोई कठिनाई नहीं हो। इसके साथ ही, बैंक भी अपने स्तर से आवेदन भरने में किसानों की मदद करें।
उन्होंने कहा कि सभी बैंक अधिक-से-अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराएं। केसीसी देने के बाद किसानों से लगातार संपर्क स्थापित कर उन्हें राशि ससमय वापस करने के लिए प्रोत्साहित भी करें, ताकि किसानों को कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान का लाभ प्राप्त हो सके।
बैंकों को किसानों के हित में कार्य करना पड़ेगा- मंगल पांडेयBihar News उन्होंने कहा कि किसान जानकारी के अभाव में समय पर राशि वापस नहीं कर पाते हैं, जिससे वे ब्याज पर अनुदान के लाभ से वंचित हो जाते हैं। बैंकों को किसानों के हित में कार्य करना पड़ेगा एवं इसका परिणाम सामने आना चाहिए।
दूसरे राज्यों के किसानों को बैंकों से काफी लाभ मिलता है। इसकी तुलना में बिहार के किसानों को बैंकों से समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
इस दौरान कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बैंकों को नए केसीसी लाभार्थी किसानों की सूची उपलब्ध कराने का निदेश दिया। बैठक में नाबार्ड के उप महाप्रबंधक प्रकाश कुमार मिश्रा, आरबीआई, बिहार राज्य सहकारिता बैंक लिमिटेड, विभिन्न वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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Samrat Chaudhary : अब आर-पार के मूड में सम्राट चौधरी, RJD और तेजस्वी यादव को दे दिया बड़ा संकेत; नए बयान से मची खलबली
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने कहा है कि भाजपा वंशवादी, परिवारवादी राजनीति और राजनीति के अपराधीकरण का हमेशा से विरोधी रही है।
भाजपा केवल चुनाव और वोट की नहीं बल्कि देश बनाने, देश को आगे बढ़ाने और विकास की राजनीति करती है। भाजपा का मूल मंत्र ''सबका साथ और सबका विकास''है।
चौधरी ने कहा कि अपराधियों को संरक्षण देना व भ्रष्टाचार करना राजद की राजनीति की बुनियाद रही है। जिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही सजायाफ्ता भ्रष्टाचारी है, जिसके आधे दर्जन से ज्यादा विधायकों व मंत्रियों को चारा और अलकतरा घोटाले में जेल जाना पड़ा था, उस दल से आज भी सदाचार की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
आज अपराध पर बोलने का कोई नैतिक हक नहीं- सम्राट चौधरीउन्होंने राजद (RJD) द्वारा अपराध को लेकर उठाए गए सवाल पर कहा कि जिसके शासनकाल में नरसंहारों व फिरौती के लिए अपहरण का अंतहीन सिलसिला रहा हो, अपराधियों को संरक्षण देकर जिसने पूरे बिहार में डेढ़ दशक तक भय व दहशत का माहौल बना कर रखा, उसे आज अपराध पर बोलने का कोई नैतिक हक नहीं है।
चौधरी ने कहा कि अपराधी कोई भी हो, सरकार उसे बख्शने वाली नहीं है। सरकार तत्पर है, अपराध की हर घटना के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई हो रही है। बालू, दारू व जमीन माफियाओं की कुंडली तैयार हो रही है, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।
तीन राज्यों में नई सरकार के गठन पर तारकिशोर प्रसाद ने दी शुभकामनाएंBihar News पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने आंध्र प्रदेश में एन चंद्राबाबू नायडू, ओडिशा में मोहन चरण माझी एवं अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने सहित उनके मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
प्रसाद ने कहा कि नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी को प्रचंड जनादेश मिला है। इसी प्रकार, ओडिशा में मोहन चरण माझी और अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ है।
इन तीनों राज्यों में गठित नई सरकारें जन आकांक्षाओं और विकास के प्रत्येक मापदंड पर सशक्त रूप से खड़ी उतरेंगी। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार विकास एवं स्थायित्व की सरकार है।
आंध्र प्रदेश में नायडू के नेतृत्व में राज्य गौरव और विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा तथा इन तीनों राज्यों की नवगठित सरकारें सबका साथ-सबका विकास की मूल अवधारणा पर काम करते हुए युवा आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगी।
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Pashupati Paras: चिराग पासवान के चाचा को मिला सबसे बड़ा दर्द! अपने ही कार्यालय से हुए बेदखल; 18 साल पहले...
राज्य ब्यूरो, पटना। Pashupati Paras राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का पटना स्थित पार्टी कार्यालय उनसे छिन गया है। उन्हें अब अपनी पार्टी के कामकाज संचालन के लिए नए कार्यालय की खोज करनी होगी।
आज से तकरीबन 18 वर्ष पहले रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय उपयोग के लिए आवास संख्या - एक, व्हीलर रोड, पटना आवंटित किया गया था। जिस पर उनके देहांत के बाद उनके छोटे भाई पशुपति पारस अपनी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय संचालित कर रहे थे, उसका आवंटन भवन निर्माण विभाग ने रद्द कर दिया गया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान आवास संख्या - एक, व्हीलर रोड से पार्टी गतिविधियों को अंजाम देते थे।
चिराग और पशुपति के बीच छिड़ा था 'महासंग्राम'रामविलास पासवान के देहांत के बाद भाई पशुपति पारस और पुत्र चिराग पासवान के बीच पार्टी पर कब्जे का द्वंद्व शुरू हुआ। जिसमें पशुपति पारस की जीत हुई और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ ही मंत्री पद और पटना स्थित कार्यालय उनके पास आ गए, लेकिन लोकसभा चुनाव के ऐन पहले उनका मंत्री पद गया, इसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं ने उनका साथ छोड़ा और अब पटना में आवंटित लोजपा कार्यालय का आवंटन भी भवन निर्माण विभाग ने रद्द कर दिया है।
भवन निर्माण विभाग का आदेशभवन निर्माण विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, 30 मई 2006 को सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय उपयोग के लिए आवास संख्या - 01 व्हीलर रोड, पटना आवंटित किया था। जिसका नवीकरण 2019 से लंबित था।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पार्टी कार्यालय के लिए भवन का आवंटन दो वर्ष के लिए किया जाएगा।
इसके बाद उसका नवीकरण करना होगा। आवेदन नवीकृत नहीं होने पर आवंटन रद्द माना जाएगा। इस वजह से लोजपा को पटना में कार्यालय उपयोग के लिए दिया गया आवंटन आदेश रद्द किया जाता है।
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Patna News : ऑपरेशन होते ही महिला ने गंवा दी जान, अब झोलाछाप डॉक्टर को देने होंगे 11 लाख; कार्रवाई से मचा हड़कंप
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News In Hindi मामला 14 वर्ष पुराना है, लेकिन पीड़ित परिवार को अब जाकर राहत मिली है। राहत आर्थिक है, जो जिला उपभोक्ता आयोग के निर्देश पर मिली है। पटना में मनेर की महिला का बंध्याकरण एक निजी नर्सिंग होम में हुआ था।
ऑपरेशन के दिन ही उसने दम तोड़ दिया। ऑपरेशन करने वाले कथित डॉक्टर के पास कोई डिग्री व रजिस्ट्रेशन आदि नहीं था। मेडिकल टीम ने उसे अवैध बताते हुए दोषी ठहराया था।
झोलाछाप चिकित्सक हर्जाने के रूप में 11 लाख रुपये देगामहिला के पति व छह बच्चों ने गुहार लगाई थी। आयोग ने कहा कि इस क्षति की भरपाई नहीं हो सकती, फिर भी पीड़ित परिवार को झोलाछाप चिकित्सक हर्जाने के रूप में 11 लाख रुपये देगा।
वर्ष 2007 में पांच जनवरी को कलावती देवी की मृत्यु हुई थी। अपने नाम के आगे डाक्टर लिखकर मनेर के सीमा सेवा सदन में प्रैक्टिस करने वाले धर्मेंद्र कुमार यादव ने उनका आपरेशन किया था। भरपाई के दिलासे पर 15 जनवरी, 2007 से 19 जून, 2009 तक कलावती के पति संगम राय को धर्मेेंद्र टहलाता रहा।
उसे कानूनी नोटिस देने के साथ संगम ने प्राथमिकी दर्ज कराई और उसकी प्रति लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंचे। सिविल सर्जन की अध्यक्षता में मेडिकल बोर्ड ने जांच कर रिपोर्ट सौंपी। लिखा कि धर्मेंद्र द्वारा किए गए आपरेशन के कारण कलावती की मृत्यु हुई।
इस राय के विरुद्ध धर्मेंद्र ने अपनी आपत्ति भी दर्ज नहीं कराईधर्मेंद्र के पास न तो मेडिकल की कोई डिग्री है और न ही बतौर चिकित्सक प्रैक्टिस के लिए रजिस्ट्रेशन आदि। इस मामले में वे पूर्णतया दोषी हैं। इस राय के विरुद्ध धर्मेंद्र ने अपनी आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई। उन्होंने कानूनी नोटिस का जवाब तक नहीं दिया।
आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा और सदस्य रजनीश कुमार ने इसे सेवा में कमी-कोताही का मामला माना। निर्णय दिया कि संगम को धर्मेंद्र बतौर हर्जाना दस लाख रुपये देंगे।
इसके अलावा कानूनी प्रक्रियाओं में खर्च और 14 वर्ष तक मामले के खिंचने के एवज में एक लाख रुपये अतिरिक्त देंगे। कुल 11 लाख रुपये नहीं देने पर उनके विरुद्ध न्यायिक कार्रवाई होगी।
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राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि तेजस्वी यादव यह बताएं कि नौकरी के नाम पर जो जमीन हड़पी गयी थी उसे वह कब लौटाएंगे? जमीन लौटाने के सवाल पर वह एक शब्द भी क्यों नहीं बोलते? यह दिखाता है कि जमीन के लोभ में उन्होंने नैतिकता और ईमानदारी को ताक पर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि अपने भाषण में वह बिहारियों का हमदर्द बनने का सिर्फ दिखावा करते हैं। मौका मिलने पर वह भ्रष्टाचार व घोटाले में लालू प्रसाद को भी पीछे छोड़ने में बाज नही आएंगे।
राजीव रंजन ने कहा कि राजद और का्ंग्रेस जैसे वंशवादी दलों का आधार ही भ्रष्टाचार पर टिका हुआ है। इनके लिए पैसा ही सब कुछ है। जनता को लूटना-खसोटना ही इनके लिए राजनीति है। यहां राजनीति के आरंभ में ही भ्रष्टाचार व घोटालों की ट्रेनिंग मिलती है।
जंगलराज के युवराज कानून व्यवस्था पर नीतीश सरकार को उपदेश न दें : उमेशजदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि जंगलराज के युवराज कानून व्यवस्था के मामले में नीतीश कुमार की सरकार को नसीहत न दें। अपराधियों का तांडव समझने के लिए तेजस्वी यादव को अपने माता-पिता के शासनकाल का काला इतिहास पलटना चाहिए।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जंगलराज की उत्पत्ति लालू-राबड़ी सरकार की देन है। इस वजह से एक लंबे कालखंड तक बिहार को पूरे देश-दुनिया में भारी फजीहत झेलनी पड़ी। राजद की सरकार में सत्ता संरक्षित अपराधियों का बोलबाला था।
उन्होंने कहा, महिलाओं व बहन-बेटियों को खुले में सांस लेने की आजादी नहीं थी। फिरौती और लूट के भय से व्यवसाय से जुड़े लोगों को पलायन पर मजबूर कर दिया था। अगर तेजस्वी यादव 1990 से 2005 तक के दौर से अनजान हैं तो उन्हें अपने माता-पिता से इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए।
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Jitan Ram Manjhi: दामाद, बेटा या बहू... धर्मसंकट में मांझी, खुद चले गए दिल्ली अब यहां छिड़ सकती है 'महाभारत'
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi लोकसभा के लिए चुने गए चार में से तीन विधायकों की विधानसभा सीटों पर परिवारवाद का ही जोर चलेगा। सिर्फ एक तरारी पर सांसद के परिवार का दावा नहीं है। माले में अपवाद के रूप में ही किसी विधायक के स्वजन को उम्मीदवार बनाया गया है। बाकी तीन पर सांसदों के स्वजन अगली कतार में हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) गया से सांसद चुने गए हैं। 2020 में वे इमामगंज से विधायक चुने गए थे। अबतक सिर्फ यह तय हो पाया है कि इमामगंज से मांझी परिवार का ही काेई सदस्य मोर्चा का उम्मीदवार होगा। मुश्किल, उम्मीदवार चयन को लेकर इसलिए हो रही है, क्योंकि परिवार के ही तीन सदस्यों की दावेदारी सामने आई है।
मजबूत दावेदारी दीपा मांझी की हैं। वह जीतनराम मांझी के पुत्र एवं राज्य सरकार के मंत्री संतोष मांझी की धर्मपत्नी हैं। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहती हैं। संतोष के छोटे भाई प्रवीण मांझी का भी दावा है।
एक अन्य दावेदार हैं देवेंद्र मांझी। ये जीतनराम मांझी के दामाद हैं। परिवार के तीनों सदस्य मोर्चा की गतिविधियों में सक्रिय हैं। मांझी की समधिन ज्योती देवी भी मोर्चा की विधायक हैं।
सुधाकर सिंह की सीट पर भी दावेदारी मजबूततरारी के भाकपा माले विधायक सुदामा प्रसाद आरा से सांसद चुने गए हैं। इस सीट पर माले के किसी कार्यकर्ता को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। रामगढ़ के राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद चुन लिए गए हैं। उनके अनुज अजित कुमार सिंह की दावेदारी सबसे ऊपर है।
जदयू छोड़कर राजद में आए जगदानंद सिंह के बेटेBihar News अजित पहले जदयू में थे। एक महीना पहले उन्होंने जदयू छोड़ा। वे मंगलवार को राजद में शामिल हो गए।रामगढ़ विस क्षेत्र से जगदानंद सिंह छह बार चुनाव जीते हैं। उनके पुत्र सुधाकर सिंह 2020 में पहली बार विधायक बने। जहानाबाद के राजद सांसद डॉ. सुरेंद्र यादव बेलागंज से राजद के विधायक हैं।
वह भी परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। सुरेंद्र यादव बेलागंज से आठ बार चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन, वहां के लिए एक पूर्व विधायक की भी मजबूत दावेदारी है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Cabinet Meeting लोकसभा चुनाव समाप्त होने और केंद्र में नए सिरे से सरकार के गठन के बाद बिहार सरकार के विकास संबंधी कार्य एक बार फिर पटरी पर आने लगे हैं। विभागों में कामकाज गति पकड़ने लगे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को राज्य सरकार ने नीतीश मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है।
मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से बैठक की सूचना सभी मंत्रियों और संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को प्रेषित की जा चुकी है। नीतीश मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक 15 मार्च को संपन्न हुई थी। चुनाव की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के पूर्व बुलाई गई उक्त बैठक में एक सौ आठ प्रस्ताव पर मुहर लगी थी।
क्यों खास है ये कैबिनेट बैठक?तीन महीने बाद शुक्रवार को होने वाली बैठक में नौकरियों का पिटारा खुलने की चर्चा है। पंचायती राज, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के साथ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में व्यापक पद रिक्त हैं जिन्हें भरने की कवायद शुरू होगी।
सूत्रों की मानें तो कल की बैठक में नौकरियों और रोजगार का पिटारा खुलेगा। इसके अलावा, किसानों के डीजल अुनदान, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यक्रमों के लिए राशि जारी करने करने के साथ ही विकास से जुड़ी अन्य योजनाओं के संबंध में निर्णय लिए जाने की संभावना है।
मंत्रिमंडल की बैठक शाम साढ़े चार बजे से मुख्य सचिवालय में बुलाई गई है।
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Upendra Kushwaha: उपेंद्र कुशवाहा की NDA नेताओं को नसीहत, बोले- आग में घी डालने के लिए...
डिजिटल डेस्क, पटना। Upendra Kushwaha On NDA इस बार के लोकसभा चुनाव में पिछली बार की तुलना में एनडीए को बिहार में कुल 9 सीटों का नुकसान हुआ है। धीरे-धीरे एनडीए की हार की वजह भी सामने आ रही हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से की गई समीक्षा बैठक में एक बड़ी बात विस्तारकों की ओर से कही गई।
विस्तारकों ने एक सुर में राजग प्रत्याशियों की हार का कारण गठबंधन दलों का वोट ट्रांसफर नहीं होना बताया है। इसी पर अब कुशवाहा का बयान आ गया है।
कुशवाहा की NDA नेताओं को नसीहतउपेंद्र कुशवाहा ने दैनिक जागरण की खबर को एक्स पर शेयर करते हुए एनडीए नेताओं को नसीहत दी। उन्होंने 13 मई दोपहर 2.14 बजे एक्स पर लिखा- एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं से करबद्ध निवेदन है कि ऐसी खबरों को पब्लिक डोमेन में जाने से रोकें-बचें, क्योंकि इस तरह की खबरें हमारे आपस में कटुता बना-बढ़ा सकती है।
काराकाट संसदीय क्षेत्र से हार का सामने करने वाले कुशवाहा ने आगे लिखा, ऐसी खबरें आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति को जन्म दे सकती है। चुनाव परिणाम की समीक्षा अतिआवश्यक है। परन्तु यह हमारा (एनडीए का) आंतरिक मामला है। इसका मकसद हमारी कमियां ढूंढ कर मिलजुलकर उसको दूर करना है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव की फुलप्रूफ रणनीति बनायी जा सके।
एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं से करबद्ध निवेदन है कि ऐसी खबरों को पब्लिक डोमेन में जाने से रोकें - बचें। क्योंकि इस तरह की ख़बरें हमारे आपस में कटुता बना - बढ़ा सकती है। आरोप - प्रत्यारोप की स्थिति को जन्म दे सकती है। चुनाव परिणाम की समीक्षा अतिआवश्यक है। परन्तु यह हमारा (एनडीए… pic.twitter.com/r7pW5Qv9kI
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLM) June 13, 2024 'विरोधी आग में घी डालने के लिए तो बैठा ही है'उन्होंने यह भी लिखा कि सार्वजनिक मंच पर चर्चा हमारे मूल मकसद को ध्वस्त कर सकती है। उधर, विरोधी आग में घी डालने के लिए तो बैठा है ही। अतः हम सबको गंभीर होकर अर्जुन की तरह बिहार को फिर से 2005 के पहले वाली स्थिति में ले जाने से रोकने के लिए पुनः एनडीए सरकार की स्थापना के अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
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Pappu Yadav: '...तो जेल जाएंगे पप्पू यादव', बेल मिलने के बाद नीतीश के मंत्री का क्लियर कट जवाब
राज्य ब्यूरो, पटना। Pappu Yadav Extortion Case लोक स्वास्थ अभियंत्रण मंत्री नीरज कुमार बब्लू ने कहा है कि अगर यह प्रमाणित हो जाता है कि पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने रंगदारी मांगी है तो वे जेल भी जाएंगे। उनपर रंगदारी मांगने का आरोप नया नहीं है।
नीरज कुमार बब्लू ने आगे कहा कि अगर पप्पू यादव की जांच हो तो ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आएंगे। बब्लू ने बुधवार को यहां कहा कि पप्पू यादव को वोट देकर पूर्णिया की जनता रो रही है। पैर पकड़ कर वोट मांगने वाले पप्पू यादव चुनाव जीतने के बाद धमकी देकर नोट मांग रहे हैं।
'सांसद हो या कोई और...'मंत्री ने कहा कि राज्य में कानून का शासन है। सांसद हो या कोई और, अपराध करके बच नहीं सकता है।
'पप्पू का दावा झूठा है'मंत्री ने यह भी कहा कि पप्पू यादव स्वयं को हजार बिगहा जमीन का मालिक बता रहे हैं। उनका यह दावा झूठ है। बिहार में बहुत पहले से हदबंदी कानून लागू है। किसी के पास इतनी जमीन हो ही नहीं सकती है।
पप्पू यादव को मिली बेल, सांसद ने क्या कहा?गौरतलब है कि रंगदारी के मामले में पप्पू यादव को बेल मिल चुकी है। गुरुवार को पूर्णिया व्यवहार न्यायालय से बाहर आने के बाद उनका दर्द छलका। पप्पू यादव ने कहा कि इतना हर्ट हुआ हूं, आज तक 57 साल की उम्र में इतना हर्ट कभी नहीं हुआ था। इतना मेंटल टॉर्चर कभी नहीं हुआ। जिस व्यक्ति से कभी मिला नहीं उसके एक आवेदन पर थाना प्रभारी की मिलीभगत से मुझपर केस किया गया। यह सारा मामला वरीय अधिकारियों के आदेश पर हुआ है। सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले में लड़ेंगे, लेकिन भ्रष्टाचार खत्म करके रहेंगे।
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जूते-चप्पल खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान, दुकानदार भी रहें अलर्ट; वरना होगी 1 साल की जेल
जागरण संवाददाता, पटना। जूता, चप्पल और सैंडल खरीदते समय इनकी गुणवत्ता परखने के लिए आइएसआइ चिह्न जरूर देंखे। केंद्र सरकार के नियम के मुताबिक, इन उद्योगों से जुड़ी कंपनियों को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) के मानकों को पूरा करना होगा।
व्यापारियों को कई बार राहत देने के बाद एक अगस्त 2024 से नया आदेश लागू होगा। बिहार में पटना सिटी की मात्र एक निर्माण एजेंसी (बाटा) ने लाइसेंस प्राप्त किया है। लेदर और स्पोर्ट्स जूता, रबर चप्पल, सैंडल, कैनवास जूता, लेदर सेफ्टी बूट्स और एंटी रायट शूज आदि पर आइएसआइ चिह्न होना चाहिए।
आइएसआइ मार्क नहीं होने पर सामग्री की गुणवत्ता निम्न मानी जाएगी। नियम उल्लंघन पर दो लाख रुपये जुर्माना या एक साल की सजा का प्रविधान है।
जागरूकता कार्यक्रम चला किया सचेतपटना बीआइएस के निदेशक व प्रमुख एसके गुप्ता ने बताया कि 15 मार्च 2024 को जारी फुटवियर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में एक अगस्त से आइएसआइ चिह्न वाले जूते-चप्पल की बिक्री का आदेश है।
ग्राहकों और व्यापारियों को जागरूक करने के लिए राज्य के कई जिलों में विभाग द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अपील की गई कि बिना आइएसआइ चिह्न देखे जूता-चप्पल न खरीदें।
सूक्ष्म या लघु उद्योगों को अभी राहतभारत से निर्यात होने वाली सामग्री पर यह नियम लागू नहीं होगा। सूक्ष्म उद्योग या छोटे पैमाने पर सामग्री बना रहे व्यापारियों को राहत दी गई है, मगर मध्यम और बड़े स्तर पर निर्माण करने वाली कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा।
एसके गुप्ता ने बताया कि आवेदन देने के बाद लाइसेंस प्राप्त करने में करीब एक महीने का समय लग जाता है।
इधर, राजधानी की दुकानों पर आदेश पूरी तरह से लागू तो नहीं है, पर पहले की अपेक्षा अब आइएसआइ चिह्न वाले जूते और चप्पल की बिक्री हो रही है। हालांकि, कुछ व्यापारी नियम से अनभिज्ञता भी जता रहे हैं।
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Nitish Kumar: नीतीश कुमार ने घुमाया TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू को फोन, आखिर दोनों के बीच क्या बात हुई?
राज्य ब्यूरो, पटना। Nitish Kumar मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर दूरभाष पर वार्ता कर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश के विकास को और गति मिलेगी।
बता दें कि पहले ऐसी चर्चा थी कि नीतीश कुमार नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसके बाद सियासी गलियारों में अटकलबाजी तेज हो गई। सोशल मीडिया पर भी इस बात की चर्चा रही कि आखिर नीतीश कुमार नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं पहुंचे?
नीतीश कुमार के पास 12 सांसद, नायडू के पास 16 MPगौरतलब है कि केंद्र की नई एनडीए सरकार में नीतीश कुमार दूसरे सबसे बड़े घटक दल के नेता हैं। एनडीए की सरकार में 16 सांसदों के साथ चंद्रबाबू नायडू का टीडीपी सबसे बड़ा घटक दल है। नीतीश कुमार के पास 12 सांसद हैं। केंद्र की नई सरकार में उनकी अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी को बधाई दीमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोहन चरण माझी को ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि माझी जी के नेतृत्व में ओडिशा के विकास को और गति मिलेगी।
KK Pathak: केके पाठक से एक कदम आगे निकले एस. सिद्धार्थ, पहली बार सरकारी स्कूल में होने जा रहा यह बदलाव
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ तो केके पाठक से भी एक कदम आगे निकल गए हैं। इस बार उन्होंने सरकारी स्कूलों में नामांकन को आसान बनाने के लिए अलग ही तरकीब लगा दी।
सरकारी स्कूल में नामांकन में ली जाएगी इन लोगों की मददराज्य के सरकारी विद्यालयों से बाहर के बच्चों के नामांकन में जीविका दीदी से लेकर मुखिया, सरपंच और पंच से मदद ली जाएगी। बच्चों के नामांकन में पोषक क्षेत्र में अवस्थित आंगनबाड़ी की सेविका, शिक्षा सेवक (टोला सेवक), शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज), विकास मित्र और वार्ड सदस्य का भी सहयोग लिया जाएगा। बच्चों के नामांकन एवं उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जून-जुलाई तक जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विद्यालय स्तर पर अभियान चलाया जाए।
डा.एस. सिद्धार्थ ने अधिकारियों को दिए निर्देशइस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा.एस. सिद्धार्थ ने बुधवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र के जरिये निर्देश दिया है। इस निर्देश में कहा गया है कि नामांकन के क्रम में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे। सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय के प्रधान शिक्षक की होगी। प्रत्येक नामांकित बच्चे की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय से संबद्ध शिक्षा सेवक (टोला सेवक), शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) की होगी। इसके लिए विद्यालय के प्रधान शिक्षक शिक्षा सेवक से समन्वय स्थापित करेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक विद्यालय से कोई न कोई शिक्षा सेवक अवश्य संबद्ध रहे। यदि किसी कारणवश बच्चा नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सके तो भी उनका नाम नामांकन पंजी से हटाया न जाए।
तीन दिन स्कूल में अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के घर जाना होगाऐसी स्थिति में यह ध्यान रखा जाए कि यदि तीन दिन तक कोई बच्चा विद्यालय नहीं आता है तो संबंधित प्रधान शिक्षक, वर्ग शिक्षक एवं शिक्षा सेवक बच्चे के अभिभावक से संपर्क कर बच्चे के विद्यालय नहीं आने का कारण पता करेंगे एवं बच्चे को पुनः विद्यालय भेजने के लिए अभिभावक को प्रेरित करेंगे।
विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों के आवासन में परिवर्तन होने की स्थिति में ही अभिभावक के अनुरोध पर नामांकन पंजी से बच्चे का नाम हटाया जाए। अन्य कारण से नामांकन पंजी से बच्चे का नाम हटाने से पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक होगा। आवश्यकतानुसार विद्यालय स्तर पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में विशेष प्रशिक्षण (ब्रिज कोर्स) का संचालन किया आए।
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रामगढ़ विधानसभा सीट से कौन होगा RJD उम्मीदवार? सुधाकर सिंह ने बताई अंदर की बात, इस्तीफे पर भी दिया जवाब
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics In Hindi राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह(Jagada Nand Singh) के बेटे व बक्सर लोकसभा सीट से सांसद सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने पटना में मीडिया से बात की। इस दौरान, उनहोंने तमाम सवालों का जवाब दिया।
यहां तक कि उन्होंने यह भी क्लियर कर दिया कि रामगढ़ विधानसभा सीट से अब कौन चुनाव लड़ेगा? प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने किसानों के बारे में भी खुलकर बात की।
सुधाकर सिंह ने कहा कि सांसद बनने के बाद कई मुद्दों को लेकर अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई भी बात नहीं सुनी, सारी बातों को उन्होंने अनदेखा कर दिया।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से भाजपा (BJP) पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के उस इलाके में जहां किसानों की संख्या ज्यादा है, चुनाव हारी है।
जब तक इनसे लड़ेंगे नहीं, तब तक किसानों का भलाई नहीं होने वाला- सुधाकर सिंहBihar News सुधाकर सिंह ने कहा कि कई यह इंडी गठबंधन के मुद्दे की जीत है। राज्य और केंद्र में जो सरकार अभी बैठी है, वह किसान विरोधी है। जब तक इनसे लड़ेंगे नहीं, तब तक किसानों का भलाई नहीं होने वाला है। सुधाकर सिंह ने यह भी यह भी कहा कि वह लोकसभा में भी किसानों के मुद्दे को सबसे ऊपर रखेंगे।
वहीं, यह पूछे जाने पर कि क्या रामगढ़ विधानसभा सीट से उनके भाई चुनाव लड़ेंगे? इसका जवाब देते हुए बक्सर सांसद ने कहा कि अभी वह सीट खाली नहीं हुई है, जब मैं इस्तीफा दूंगा तब यह सीट खाली होगी। वहीं, पार्टी (राजद) यह फैसला लेगी कि वहां से किसको चुनाव लड़ाना है।
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Bihar Election Result: बिहार में कांग्रेस 6 सीटों पर कैसे हार गई? राज से हटा पर्दा; इन नेताओं पर लग रहे आरोप
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar Political News Today: महागठबंधन के बैनर तले बिहार में लोकसभा की 9 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस केवल 3 सीटों पर सफल रही है। पिछली बार की तुलना में उसका प्रदर्शन बेहतर तो रहा है, लेकिन बदली राजनीतिक परिस्थितियों में लक्ष्य के अनुरूप नहीं। प्रदेश स्तर पर आकलन है कि संभावना वाली कुछ सीटों पर कांग्रेस के पराजय का असली कारण भितरघात रहा। भितरघातियों को चिह्नित कर कार्रवाई की अनुशंसा शुरू होते ही जिला इकाइयों में अंदरखाने ठन गई है। सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
भीतरघात से हुई हारउल्लेखनीय है कि चुनाव परिणाम के बाद अपनी पहली प्रेस-वार्ता में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि भितरघात के कारण कांग्रेस अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई। बताते हैं कि प्रदेश नेतृत्व को चुनाव प्रचार के दौरान ही विभिन्न क्षेत्रों से भितरघात की शिकायतें मिलने लगी थीं। तात्कालिक रूप से कोई कार्रवाई संभव नहीं थी, लेकिन अब जिला इकाइयों द्वारा भितरघाती चिह्नित होने लगे हैं। उसके बाद खलबली मची है। लपेटे की आशंका भांप दूसरा पक्ष मुखर होने लगा है। उसकी शिकायत है कि प्रत्याशियों के चयन से लेकर प्रचार अभियान तक में जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई।
अजित शर्मा ने जिलाध्यक्ष पर साथ नहीं देने का लगाया आरोपभागलपुर में विधायक अजीत शर्मा लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। बैठक में जिला इकाई उन्हें अक्खड़ व मनमर्जी का मालिक बता चुकी है। शिकायत है कि शर्मा ने कार्यकर्ताओं की अवहेलना की, जिससे संभावना प्रभावित हुई। प्रतिकार में अजीत शर्मा ने जिलाध्यक्ष परवेज पर साथ नहीं देने का आरोप मढ़ दिया है।
पश्चिमी चंपारण में भी हुआ खेलापिछड़ा-अति पिछड़ा विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके डा. गौतम कुमार पश्चिम चंपारण से कांग्रेस के टिकट के दावेदार थे। वहां पूर्व विधायक मदन मोहन तिवारी पर पार्टी ने दांव लगाया, जो चुनाव हार गए। पश्चिम चंपारण जिलाध्यक्ष भारत भूषण दूबे ने गौतम को कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।
पड़ोसी पूर्वी चंपारण के जिलाध्यक्ष शशिभूषण राय उर्फ गप्पू राय की भी इसमें सहमति रही। दोनों जिला के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों से पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र की संरचना है। गौतम पर आरोप है कि उन्होंने विजेता रहे भाजपा के डा. संजय जायसवाल की सहायता की। गौतम इसका प्रमाण मांग रहे। वे पूछ रहे कि प्रदेश संगठन से जुड़े व्यक्ति पर कार्रवाई का अधिकार जिला इकाई को कैसे मिल गया, वह भी बिना अनुशासन समिति के संज्ञान में दिए हुए।
दरअसल, आनुशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशासन समिति की अनुशंसा आवश्यक होती है। पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक इसके अध्यक्ष हैं। उनका कहना है कि जांच और कार्रवाई के लिए लिखित आग्रह-आवेदन की अपेक्षा होती है। मौखिक चर्चाएं तो हैं, लेकिन उन्हें अभी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली। जिला इकाई या प्रत्याशी आदि के द्वारा शिकायत मिलने पर अनुशासन समिति मामले की जांच कर प्रदेश अध्यक्ष को कार्रवाई की अनुशंसा करती है।
भितरघात नहीं, यह अंतर्कलहबहरहाल इस पचड़े से दूर रहने की इच्छा के साथ प्रदेश इकाई में श्रेष्ठ पदों पर रह चुके कुछ लोगों का कहना है कि यह भितरघात नहीं, कांग्रेस का अंतर्कलह है। अभी प्रदर्शन-परिणाम के सही आकलन के बजाय अपनी-अपनी मनमानियों पर पर्दा डालने का उपक्रम हो रहा है। पार्टी के हित में ऐसे लोग चाहते हैं कि मिल-बैठकर आगे की रणनीति तय की जाए, क्योंकि अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव कांग्रेस की कठिन परीक्षा लेने वाला है।
विधानसभा के पिछले चुनाव में कमतर प्रत्याशियों के कारण कांग्रेस की संभावना प्रभावित हुई थी। उसके लिए महागठबंधन में काफी फजीहत हुई थी। कमतर संभावना वाले प्रत्याशी तो लोकसभा चुनाव में भी उतारे गए। भाजपा-जदयू से छंटे-कटे लोगों को टिकट देने के साथ घर का भी ख्याल रखा गया। उनका इशारा मुजफ्फरपुर में डा. अजय निषाद, समस्तीपुर में सन्नी हजारी और महराजगंज में प्रत्याशी बनाए गए आकाश सिंह की ओर है। आकाश प्रदेश अध्यक्ष के पुत्र हैं।
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Prashant Kishor: 'मैं नीतीश का साथ दूंगा, अगर वो...'; प्रशांत किशोर ने Nitish Kumar के सामने रख दी अपनी शर्त!
डिजिटल डेस्क, पटना। Prashant Kishor On Nitish Kumar जन सुराज के सूत्रधार और देश के जाने-माने विश्लेषक प्रशांत किशोर इन दिनों अपने बयानों को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। पहले उन्होंने चुनाव को लेकर भविष्यवाणी की थी, वहीं अब पीके ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने एक शर्त रख दी है।
पटना के ज्ञान भवन में आयोजित जन सुराज (Jan Suraaj) के कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बिहार के हर जिले में एक-एक फैक्ट्री लगाएंगे तो हम उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
मंत्रालय की जगह बिहार के लिए फैक्ट्रियां क्यों नहीं मांगते नीतीश कुमार ? pic.twitter.com/BNRpS53d8s
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) June 12, 2024 नीतीश कुमार पर PK का निशानाप्रशांत किशोर ने कार्यक्रम में नीतीश कुमार पर निशाना भी साधा। किशोर ने कहा कि अभी दो दिन पहले आप सब लोगों ने टीवी पर देखा होगा प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के बगल में कौन बैठा था, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
पीके ने कहा, "आप जान लीजिए बिना हम लोगों की ताकत के दिल्ली में सरकार नहीं बन सकती, लेकिन नीतीश बाबू तो मंत्रालय की बातें कर रहे हैं। नीतीश बाबू यह नहीं बता रहे हैं कि भैया ऐसी व्यवस्था बनाओ कि गुजरात में फैक्ट्री लगे या नहीं, पहले मोतिहारी या छपरा में कंपनी लगे।
'नीतीश बाबू कह रहे हैं...'प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आप बताइए किसी भी समाचार पत्र में ये खबर आयी कि नीतीश बाबू कह रहे हैं बिहार के हर जिले में एक फैक्ट्री लगेगा। अगर नीतीश कुमार ऐसा कहेंगे तो हम उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश बाबू तो यह बता रहे हैं कि कौन-सा मंत्रालय मिलेगा, तो इस बार जान लीजिए जनता उनको ऐसा नीचे उतारेगी कि कुछ बताने लायक नहीं रहेंगे।
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Patna News: इलाका बांटकर ट्रेनों में करते थे लूटपाट, पटना साहिब से 8 बदमाश गिरफ्तार; ऐसे देते थे घटना को अंजाम
जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: फतुहां रेलवे स्टेशन से पटना जंक्शन के बीच ट्रेनों और फ्लेटफार्म पर मौजूद यात्रियों से चेन, पर्स और मोबाइल झपटने वाले गिरेाह के आठ बदमाशों काे रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 23 हजार नकद, आठ मोबाइल, चाकू, पेचकस और ब्लेड का टुकड़ा बरामद हुआ है। सभी ऑटो से एक साथ पटना साहिब स्टेशन तक आते थे। वहां से गिरोह इलाक बांटकर घटना को अंजाम देता था।
इनकी पहचान बाइपास थाना क्षेत्र के गुट्टू कुमार, लखीसराय के किउल निवासी सोनू उर्फ नेपाली, नदी थाना क्षेत्र के राजेश कुमार, चौक निवासी मनोज कुमार और दीपक कुमार, जहानाबाद के घोसी निवासी विनोद कुमार, नालंदा के रहुई निवासी शशिभूषण पांडेय उर्फ बबलू और मालसलामी निवासी चंदन कुमार के रूप में हुई।
इन सभी को पटना साहिब स्टेशन के पश्चिम छोर से गिरफ्तार किया गया, जो घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। गुट्टू, सोनू, मनोज, विनोद, चंदन, शशिभूषण पूर्व में रेल जिला पटना के विभिन्न थानों से चोरी और छिनतई के मामले में जेल जा चुके हैं।
गुलजारबाग से फतुहा के बीच चेन झपटमारीपूछताछ में पता चला कि गुट्टू और मनोज गुलजारबाग से फतुहा के बीच चेन, मोबाइल और अन्य सामानों की छिनतई करते थे। सोनू उर्फ नेपाली, राजेश और विनोद ये तीनों पटना जंक्शन से पटना साहिब रेलवे स्टेशन के बीच छिनतई करते थे।
आने जाने के लिए रखे थे दो चालकपकड़े गए चंदन और विनोद दोनों आटो चालक हैं। ये दोनों गिरोह के सदस्यों को घर से स्टेशन तक लाते थे और घटना के बाद फिर उन्हें वापस घर तक छोड़ते थे। आटो चालकों ने यह भी बताया कि जिस दिन ट्रेन या प्लेटफार्म पर घटना को अंजाम नहीं दे पाते थे, उस रात गिरोह आटो में सवार यात्रियों से लूटपाट करता था।
दीपक को बेचते आभूषण, पुलिस पर रखते थे नजरसभी लूट का सामान और आभूषण शशिभूषण को बेचते थे। वह आभूषण को दीपक कुमार उर्फ टिप्पू को बेच देता था। दीपक आभूषण का सामान लेने के तुरंत बाद उसे गलाकर दूसरा आभूषण बना देता था। गिरोह के सदस्यों को किश्तों में पैसे देता था। वहीं मनोज का घर पटना साहिब स्टेशन के सटे हुए है। इस कारण वह पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखता था और गिरोह को इसकी सूचना देता था।
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Bihar Heat Wave Alert: बिहार में भीषण गर्मी का कहर जारी, इन 3 जिलों में सरपंच समेत 6 लोगों की मौत
जागरण टीम, पटना। बिहार में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। दक्षिण बिहार में अधिकतम तापमान 45 डिग्री के आसपास बना हुआ है। भीषण गर्मी व उष्ण लहर से बेगूसराय में तीन, बक्सर में दो व औरंगाबाद में एक सरपंच की मौत की सूचना है।
तीनों जिलों के चिकित्सकों ने मौतों का कारण ताप का कुप्रभाव माना है। इनमें पांच शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है, इसके बाद मृत्यु के कारण की आधिकारिक पुष्टि होगी।
मृतकों में बेगूसराय के एक लापता विक्षिप्त, बक्सर की एएनएम व औरंगाबाद की महिला सरपंच शामिल हैं। बेगूसराय में मंगलवार की देर शाम रिफाइनरी थाना क्षेत्र के तिलरथ के समीप आइसक्रीम विक्रेता जैमरा निवासी संजीत गुप्ता की मौत हो गई।
बुधवार को जिले के परिहारा थाना क्षेत्र के मलकुआं गांव में पटवन कर रहे किसान रामनरेश महतो की मौत हो गई। जिले के लाखो थाना क्षेत्र के शिखा पेट्रोल पंप के पीछे एक पेड़ के नीचे पुलिस ने 60 वर्षीय विक्षिप्त का शव बरामद किया। उसकी पहचान गढ़हरा थाना क्षेत्र के ठकुरी चौक निवासी गोपाल महतो के रूप में हुई। वह दो सप्ताह से लापता थे। थाने में गुमशुदगी का सनहा अंकित था।
बक्सर में लू की चपेट में आई एएनएम की मौतवहीं, लू लगने से बीमार बक्सर के नुआंव उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त एएनएम मंजूला कुमारी का सदर अस्पताल में मंगलवार की रात निधन हो गया। जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के देवकुली गांव के पास मंगलवार की देर रात बक्सर-पटना फोरलेन सड़क के किनारे 55 वर्षीय अज्ञात का शव पुलिस ने बरामद किया। पुलिस ने लू से ही मौत की आशंका जताई है।
औरंगाबाद में सरपंच की मौतऔरंगाबाद में लू लगने से बीमार ओबरा प्रखंड के चंदा पंचायत की सरपंच बिशनपुर गांव निवासी 40 वर्षीय नीलम देवी की बुधवार दोपहर सदर अस्पताल में मौत हो गई। स्वजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले गए।
शेखपुरा में 3 छात्राएं बेहोशशेखपुरा में भीषण गर्मी के कारण कस्तूरबा गांधी विद्यालय, बेलछी के छात्रावास की तीन छात्राएं बेहोश हो गईं। तीनों का उपचार सदर अस्पताल में कराया गया। गया के चंदौती में गर्मी से एक वृद्ध राह में बेहोश होकर गिर पड़े गए। मगध मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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Upendra Kushwaha: क्या उपेंद्र कुशवाहा छोड़ेंगे NDA का साथ? इस एक बयान से अटकलें तेज; बिहार में होगा खेला!
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today: बिहार की काराकाट सीट पर उपेंद्र कुशवाहा की हार के बाद अब सियासी भूचाल आ गया है। उपेंद्र कुशवाहा के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। चुनाव से पहले जहां उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) लालू परिवार के खिलाफ जमकर हमला बोल रहे थे, वहीं अब उनके द्वारा लालू यादव को भेजे एक संदेश ने सियासी अटकलें तेज कर दी है।
लालू के संदेश ही नहीं, उनके द्वारा मीडिया में दिए एक बयान ने भी सियासी हलचल बढ़ा दी है। दरअसल,उपेंद्र कुशवाहा काराकाट सीट पर जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे और लालू परिवार के खिलाफ खूब बयानबाजी कर रहे थे। लेकिन अब लालू के जन्मदिन पर दिए संदेश ने सियासी हलचल तेज कर दी है।
उपेंद्र कुशवाहा ने लालू के जन्मदिन पर भेजा संदेश,फिर चढ़ा सियासी पाराउपेंद्र कुशवाहा ने लालू यादव के जन्मदिन पर एक संदेश भेजा जिसमें वह काफी नरम नजर आ रहे थे। उन्होंने लालू को भेजे संदेश में लिखा कि अपने समय में सामाजिक न्याय के बड़े योद्धा रहे लालू प्रसाद जी को जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु होने की कामना करता हूं।
उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने भी बढ़ाई सियासी अटकलेंउपेंद्र कुशवाहा से जब मीडिया ने पूछा कि आप चुनाव कैसे हार गए हैं, तो इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने जवाब देते हुए कहा कि मैं चुनाव हारा नहीं, मुझे साजिश के तहत हरवाया गया। हालांकि, उन्होंने खुलकर किसी का नाम नहीं लिया। बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा इससे पहले भी कई बार पाला बदलते रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि उन्हें NDA की तरफ से कोई पद दिया जाता है कि वे अपना रास्ता बदलेंगे।
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Shambhavi Choudhary: तेजस्वी यादव के चौके पर शांभवी चौधरी ने लगाया छक्का, मंत्रालय को लेकर दिया करारा जवाब
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Today: मोदी सरकार की नई कैबिनेट में विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। विभागों के बंटवारे के बाद सबसे अधिक कोई राज्य चर्चा में रहा वह है बिहार। यहां मंत्रालय को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है। इसी क्रम में अब अशोक चौधरी की बेटी और LJPR की नवनिर्वाचित सांसद शांभवी चौधरी (Shambhavi Chaudhary) ने तेजस्वी यादव के बयान पर करारा पलटवार किया है।
दरअसल, तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि मंत्रालय आवंटन में बिहार को कहीं न कहीं से झुनझुना थमा दिया गया है। बिहार ने इतने सांसद दिए लेकिन क्या मिला? वहीं, अब शांभवी चौधरी ने इसपर काफी सधे अंदाज में जवाब दिया है।
क्या कहा शांभवी चौधरी नेशांभवी चौधरी ने कहा कि कोई विभाग बड़ा-छोटा नहीं होता है। काम करने से मतलब है। बिहार को मिले सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण हैं और काम करने वाला है। इन मंत्रालयों में काम से बिहार के गरीब जनता का भला होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है बोलना तो वे बोलेंगे ही। हमलोगों को प्रधानमंत्री के काम को आगे बढ़ाना है।
शांभवी चौधरी ने कहा कि हमने एकजुट होकर सरकार बनाई है और यह सरकार पांच साल चलेगी। तेजस्वी यादव का काम है बोलना, वे बोलेंगे ही। उनका लोकसभा का दावा याद नहीं है, वे क्या सब दावा कर रहे थे। अब रिजल्ट आने के बाद सबकुछ क्लियर हो गया।
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Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव ने परिवारवाद को लेकर मोदी कैबिनेट पर किया डायरेक्ट अटैक, गिना डाली लंबी चौड़ी लिस्ट
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्व यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स (ट्वीटर) पर पोस्ट करते हुए परिवारवाद को लेकर भाजपा पर हमला बोला है।
तेजस्वी यादव लिखा कि राजनीति में परिवारवाद के सबसे बड़े संरक्षणकर्ता, पालनकर्ता और पोषणकर्ता हमें परिवारवाद पर लंबा-चौड़ा प्रवचन देते हैं।
तेजस्वी ने आगे लिखा कि कथित विरासत वाले राजनीतिक दलों की वजह से ही आज उनकी (पीएम मोदी की) सरकार और सियासत सांस ले पा रही है।
तेजस्वी ने कहा कि उनकी कथनी और करनी के इस अंतर को हमारे देश की महान जनता खूब समझती है।
तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट के साथ 'मोदी का परिवार' शीर्षक से एक लिस्ट भी शेयर की है। इस लिस्ट में ऐसे मंत्रियों के नाम दिए गए हैं, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है।
शेयर की इन मंत्रियों की लिस्टइस लिस्ट में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के बेटे एचडी देवगौड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुणाचल प्रदेश के नेता रिनचिन खारू के बेटे किरन रिजिजू, महराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे एकनाथ खडसे की बहू रक्षा खडसे का नाम शामिल है।
इसके अलावा, तेजस्वी ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान, पूर्व मंत्री जयश्री बनर्जी के दामाद जेपी नड्डा, यूपी ने दिग्गज नेता रहे ओमप्रकाश पासवान के बेटे कमलेश पासवान, कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री येरन नायडू के बेटे राम मोहन नायडू, पूर्व सांसद जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद व ऐसे कई अन्य मंत्रियों के नाम भी शेयर किए हैं, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है।
राजनीति में परिवारवाद के सबसे बड़े संरक्षणकर्ता, पालनकर्ता और पोषणकर्ता ही परिवारवाद पर लंबा-चौड़ा प्रवचन देते है।
कथित विरासत वाली पार्टियों की बदौलत ही आज उनकी सरकार और सियासत सांस ले पा रही है।
उनके कथनी और करनी के इस अंतर को हमारे महान देश की महान जनता बखूबी समझती है।#india pic.twitter.com/EDZrQ2T55j
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा व एनडीए के नेता राजद, कांग्रेस व आईएनडीआईए के अन्य नेताओं पर परिवारवाद का आरोप लगाया था। खुद प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद को लेकर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। चुनाव के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस्वी, राहुल और अखिलेश को शहजादा कहकर तंज भी कसा था।
लोकसभा चुनाव परिणामो में भाजपा अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई। ऐसे में भाजपा को कैबिनेट में सहयोगियों को भी बड़ी संख्या में मंत्रीपद देने पड़े। इनमें ऐसे नेताओं की भी लंबी लिस्ट है, जिन्हें राजनीति विरासत के रूप में मिली है। इस लिस्ट में भाजपा के भी कई मंत्रियों के नाम हैं।
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