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Patna Metro: पटना मेट्रो को लेकर CM नीतीश ने दे दिया नया आदेश, जल्द शहरवासियों को मिलेगा भीड़भाड़ से छुटकारा

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 8:55pm

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना मेट्रो के निर्माणाधीन कार्यों का जायजा लिया और काम में तेजी के निर्देश दिए। संबंधित अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को मेट्रो स्टेशन के निर्माण से जुड़े अपडेट दिए।

मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान, पीएमसीएच और पटना विश्वविद्यालय. के समीप पटना मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में पटना मेट्रो रेल परियोजना की अद्यतन प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री को राजेंद्र नगर, मोइनुलहक स्टेडियम, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, पहाड़ी व जीरो माइल मेट्रो स्टेशन के साथ आइएसबीटी में निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशन के बारे में जानकारी दी गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्ययोजना के अनुरूप पटना मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करें। मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा हो जाने से लोगों को आवगमन में काफी सहूलियत होगी। उन्हें भीड़भाड़ से छुटकारा मिलेगा।

मेट्रो के लिए कुल 24 स्टेशन प्रस्तावित 
  • मालूम हो कि पटना मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृति 27 फरवरी 2019 को दी गयी थी। इस परियोजना के अंतर्गत कुल 31.9 किमी मेट्रो रेललाईन का निर्माण होना है। इसके तहत कुल 24 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
  • इस परियोजना का क्रियान्वयन दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा किया जा रहा। इसके पर्यवेक्षण का जिम्मा नगर विकास एवं आवास विभाग के पास है।
  • मलाही पकड़ी से खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरोमाइल, पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक मेट्रो लाइन को प्राथमिकता के आघार पर बनाया जा रहा। इस लाइन को इसी वर्ष 15 अगस्त तक चालू करने का लक्ष्य निर्धारित है।
  • निरीक्षण के दौरान मु्ख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डॉ. एस सिद्धार्थ, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि व पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह भी मौजूद थे।
भूमि अधिग्रहण मामले में राज्य सरकार को राहत

बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो डिपो से जुड़े कानूनी विवाद पर अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।

न्यायालय ने रानीपुर और पहाड़ी मौजे के भू-स्वामियों की ओर से दायर की गई दर्जनों अपीलों को खारिज कर दिया, जिससे अब मेट्रो परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है।

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया कि पटना मेट्रो डिपो और टर्मिनल का निर्माण अपनी निर्धारित जगह पर ही होगा।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार अब अधिग्रहित भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होगी।

खंडपीठ ने एकलपीठ के उस पूर्व आदेश को संशोधित कर दिया, जिसमें सरकार को अधिग्रहित जमीन के बदले भू-स्वामियों को 2014 में तय न्यूनतम सर्किल रेट को अद्यतन कर बढ़ी हुई मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया गया था

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Ontario hikes US electricity exports by 25%

Business News - March 10, 2025 - 8:52pm
Ontario's premier, the leader of Canada’s most populous province, announced that effective Monday his province is charging 25% more for electricity to 1.5 million Americans in response to U.S. President Donald Trump's trade war.Ontario provides electricity to Minnesota, New York and Michigan.“President Trump’s tariffs are a disaster for the U.S. economy. They’re making life more expensive for American families and businesses," Ontario Premier Doug Ford said in a statement. “Until the threat of tariffs is gone for good, Ontario won’t back down. We’ll stand strong, use every tool in our toolkit and do whatever it takes to protect Ontario.”Ford has said Ontario’s tariff would remain in place despite the one-month reprieve from Trump, noting a one month pause means nothing but more uncertainty.Ford's office said the new market rules require any generator selling electricity to the U.S. to add a 25% surcharge to the U.S. Ontario's government expects it to generate revenue of $300,000 Canadian (US$208,000) to $400,000 Canadian (US$277,000) per day, “which will be used to support Ontario workers, families and businesses.”The new surcharge is in addition to the federal government's initial $30 billion Canadian (US$21 billion) worth of retaliatory tariffs have been applied on items like American orange juice, peanut butter, coffee, appliances, footwear, cosmetics, motorcycles and certain pulp and paper products.Trump launched a new trade war last week by imposing tariffs against Washington’s three biggest trading partners, drawing immediate retaliation from Mexico, Canada and China and sending financial markets into a tailspin.Trump later said he has postponed 25% tariffs on many goods from Canada and Mexico for a month, amid widespread fears of a broader trade war.
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Tamil-Hindi Row: 'छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही DMK', संसद से स्टालिन पर बरसे प्रधान; NEP पर हंगामा

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:52pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फार्मूले और परिसीमन के मुद्दे पर तमिलनाडु की स्टालिन सरकार के साथ केंद्र सरकार की पहले से चल रही तनातनी सोमवार को तब और बढ़ गई, जब संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनईपी पर स्टालिन सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की और यूटर्न लेने का आरोप लगाया।

उन्होंने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को 'बेईमान' और 'असभ्य' भी बताया। हालांकि बाद में डीएमके सांसदों की आपत्ति के बाद प्रधान ने अपने इस शब्दों को वापस भी ले लिया।

डीएमके सांसदों ने सदन में किया हंगामा

इस बीच डीएमके सांसदों ने लोकसभा में वेल में आकर पहले जमकर हंगामा किया और बाद में सदन का बहिर्गमन कर गए। राज्यसभा में भी डीएमके के सांसदों ने इस मुद्दे पर जमकर नारेबाजी और हंगामा किया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सांसदों के रवैए की कड़ी आलोचना की।

लोकसभा अध्यक्ष ने दी चेतावनी

उन्होंने कहा यदि ऐसा ही रवैया रहा तो उन्हें सवाल पूछने का मौका नहीं मिलेगा। लोकसभा में यह हंगामा तब हुआ, जब पीएम-श्री स्कीम से जुड़े सवाल पर तमिलनाडु को राशि नहीं दिए जाने को लेकर डीएमके सांसद ने पूरक सवाल पूछे। इस पर शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि पीएम श्री की राशि किसी भी राज्य को तभी मिलती है, जब वह एनईपी को लागू करने को लेकर वह करार करते है।

तमिलनाडु भी इसे लेकर तैयार हो गया था। जिसमें उसे भी कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश व पंजाब जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों की तरह यह छूट दी गई थी कि उन्हें कौन सी भाषा पढ़ानी है यह फैसला उन्हें करना है। केंद्र किसी पर कुछ थोपेगा नहीं। बाद में करार के समय तमिलनाडु सरकार इससे पलट गई।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने लगाए आरोप

प्रधान ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन व राज्य के शिक्षा मंत्री इसे लेकर तैयार थे। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय के उनकी सहमति भी बन गई थी, लेकिन राज्य के 'सुपर सीएम' के दबाव में सीएम को अपने फैसले को बदलना पड़ा। इस बीच प्रधान ने कहा कि जिनके पास कोई तथ्य नहीं है वह केवल हल्ला करके विषय को भ्रमित करना चाहते है। हम किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोप रहे है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार शिक्षा जैसे मुद्दे पर ओछी राजनीति और राज्य के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस बीच सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने प्रधान के असभ्य शब्द पर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि यह राज्य के लोगों का अपमान है।

धर्मेंद्र प्रधान ने अपने शब्दों को लिया वापस

प्रधान ने कहा कि यदि उन्हें किसी शब्द से तकलीफ हुई है, तो मैं उसे वापस लेता हूं। राज्यसभा में भी डीएमके सांसदों ने जमकर हंगामा किया व एनईपी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को तमिल भाषा के साथ भेदभाव को आरोप लगाया। गौरतलब है कि तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए स्टालिन सरकार इन दिनों भाषा और परिसीमन के मुद्दे को गरमाए हुए है।

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Maharashtra Budget 2025: मुंबई और आसपास के शहरों की बदलेगी सूरत, ग्रोथ हब के तौर पर होंगे विकसित; बजट में एलान

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:28pm

जागरण, राज्य ब्यूरो, मुंबई। प्रचंड बहुमत के साथ नई पारी शुरू करने के तीन महीने बाद महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति (राजग) सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) को एक बड़े विकास केंद्र (ग्रोथ हब) के रूप में विकसित करने और मुंबई-पुणे-नासिक के बीच के स्वर्णिम त्रिभुज में विकास को बढ़ावा देने की अपनी योजना का अनावरण किया है। 

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि मुंबई में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सात व्यावसायिक केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इससे शहर की अर्थव्यवस्था को मौजूदा 140 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

एमएमआर में ये जिले शामिल

सोमवार को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने 2025-26 का बजट पेश करते हुए कई नई पहलों की घोषणा की। फडणवीस ने कहा कि बजट महाराष्ट्र के विकास को बढ़ावा देनेवाला है। उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार भी थे। पवार राज्य के वित्त और योजना मंत्री भी हैं। एमएमआर में मुंबई शहर और मुंबई उपनगरीय जिले और समीपवर्ती ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिले शामिल हैं।

1.5 ट्रिलियन डॉलर लक्ष्य

आज प्रस्तुत बजट में कहा गया है कि एमएमआर को अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक विकास केंद्र (ग्रोथ हब) के रूप में विकसित किया जाएगा। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, कुर्ला-वर्ली, वडाला, गोरेगांव, नवी मुंबई, खारघर और विरार-बोइसर जैसे सात स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यावसायिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य मुंबई महानगर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के आकार को मौजूदा 140 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचाना है।

नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम पूरा

1,160 हेक्टेयर में फैले नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वहां से अप्रैल 2025 में घरेलू उड़ानें संचालित होंगी। इस बीच मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ने के लिए जल्द ही मेट्रो का काम भी शुरू किया जाएगा। एमएमआर के लिए तीसरा हवाई अड्डा पालघर जिले में वधावन बंदरगाह के पास बनाने की सहमति भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे चुके हैं।

वधावन में बनेगा बुलेट ट्रेन का स्टेशन

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मार्ग पर वधावन बंदरगाह के पास एक स्टेशन स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा वधावन बंदरगाह को मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग से भी जोड़ा जाएगा। रायगढ़ जिले के काशिद में फ्लोटिंग जेटी का काम जल्द ही शुरू होगा।

फडणवीस के अनुसार मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से मांडवा और एलीफेंटा तक सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक, सुसज्जित नौकाओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु एक नीति की घोषणा की जाएगी। ठाणे से नई मुंबई तक एक एलिवेटेड मार्ग भी बनाया जाएगा। स्वातंत्र्यवीर सावरकर वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक परियोजना, बांद्रा और वर्सोवा के बीच 14 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसकी अनुमानित लागत 18,120 करोड़ रुपए है। इसे मई 2028 तक पूरा किया जाना है।

यहां शुरू होंगी नई मेट्रो लाइन

पुणे से शिरूर तक 564 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 7,515 करोड़ रुपये की लागत से काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा मुंबई-नासिक-पुणे त्रिकोण पर स्थित तलेगांव से चाकन तक 25 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 4 एलिवेटेड सड़कें शामिल हैं। इस योजना पर 6,499 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मुंबई, नागपुर और पुणे महानगरों की कई मेट्रो लाइनें अगले पांच वर्षों में चालू हो जाएगी।

कुंभ मेले की योजना भी बनी

2027 के सिंहस्थ कुंभ मेले की मेजबानी करने वाले नासिक जिले में भी बड़े पैमाने पर विकास की योजना बनाई गई है। रामकाल पथ विकास परियोजना के तहत नासिक में रामकुंड, कालाराम मंदिर और गोदावरी नदी तट के विकास के लिए 146.10 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। कुंभ मेले से पहले नमामि गोदावरी अभियान की रूपरेखा तैयार की गई है। कुंभ मेले के व्यवस्थित आयोजन के लिए एक विशेष प्राधिकरण की स्थापना भी की जाएगी।

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बिहार के सुभाष शर्मा को तेलंगाना में मिली मौत की सजा, गुनाह जानकार कांप उठेगा कलेजा

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 8:03pm

आईएएनएस, हैदराबाद। तेलंगाना के नलगोंडा की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 2018 के ऑनर किलिंग मामले में एक भाड़े के हत्यारे को मौत की सजा और छह अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एससी/एसटी अदालत ने छह साल पहले अनुसूचित जाति के युवक पी. प्रणय की हत्या के लिए बिहार के मूल निवासी सुभाष कुमार शर्मा को मौत की सजा सुनाई।

सरेआम की गई थी प्रणय की हत्या

प्रणय की सार्वजनिक रूप से उस समय हत्या कर दी गई, जब वह गर्भवती पत्नी अमृता और मां के साथ 14 सितंबर 2018 को मिर्यालगुडा के एक निजी अस्पताल से बाहर आ रहा था। यह हत्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। प्रणय ने ऊंची जाति की अमृता से विवाह किया था। वे बचपन के दोस्त थे। उनकी शादी 30 जनवरी 2018 को हैदराबाद के आर्य समाज मंदिर में हुई थी।

अमृता के पिता ने की आत्महत्या

प्रणय की हत्या के लिए भाड़े पर हत्यारे बुलाने वाले अमृता के पिता मामले में पहले आरोपित थे। वह जब जमानत पर थे तो सात मार्च 2020 को आत्महत्या कर ली। मारुति राव पर अन्य आरोपित के माध्यम से भाड़े के हत्यारे सुभाष शर्मा को एक करोड़ रुपये देकर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। छह साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने शर्मा को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।

बाकी दोषियों को हुई आजीवन कारावास की सजा

अन्य दोषियों में असगर अली, अब्दुल बारी, एमए करीम, मारुति राव के भाई श्रवण कुमार, ऑटो चालक निजाम और मारुति राव के कार चालक शिवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। असगर अली 2003 में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पंड्या की हत्या का भी आरोपित है।

प्रणय के पिता पी बालास्वामी की शिकायत पर पुलिस ने आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। 12 जून 2019 को पुलिस ने ट्रायल कोर्ट में 1,600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। सुभाष शर्मा को छोड़कर सभी आरोपितों को 2019 में जमानत मिल गई थी।

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Tejashwi Yadav: 'जरूरत पड़ी तो 5-6 हिंदू सामने आएंगे'; तेजस्वी यादव का दावा, BJP के MLA बचौल पर निकाली भड़ास

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 8:03pm

राज्य ब्यूरो, पटना। हिंदुओं का प्रमुख पर्व होली को महज चार रोज रह गए हैं। होली शुक्रवार को मनाई जानी है, उसी दिन जुमे की नमाज भी पढ़ी जानी है। अब इसको लेकर यूपी के बाद बिहार में भी राजनीति शुरु हो गई है।  

भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जुमे की नमाज साल में 52 दिन होती है और होली साल में एक बार आती है। इसलिए बेहतर होगा कि मुस्लिम समाज घर से बाहर नहीं निकले। वरना कोई रंग लगा देगा तो वे इसका गलत अर्थ लगाएंगे। माहौल भी खराब हो सकता है।

अब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा विधायक के बयान का पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि घृणा फैलाने के आरोप में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल की गिरफ्तारी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि वे बचौल को बुलाकर डांटे।

तेजस्वी ने कहा कि सत्ता मिले न मिले, जब तक राजद है, लालू प्रसाद की विचारधारा है, वे किसी को गंगा-जमुनी संस्कृति के विरुद्ध काम करने की अनुमति नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो एक मुस्लिम की सुरक्षा के लिए पांच-छह हिन्दू सामने आएंगे।

तेजस्वी ने सोमवार को बचौल पर तीखी टिप्पणी की। तेजस्वी ने पूछा कि ये राज्य बचौल के पिताजी के बाप का है क्या? बचौल है कौन? बचौल को क्या पता है? मंत्री नहीं बनाया, इसलिए उल्टा-पुल्टा बोल रहे हैं।

उन्होंने इस प्रकरण में जदयू की चुप्पी पर भी प्रश्न किया। उन्होंने कहा कि जदयू आज पूरी तरह भाजपा और आरएसएस के रंग में रंग गया है।

भाजपा पहले पिछड़े, अति पिछड़े और महिलाओं पर हमला बोलती थी। अब मुसलमानों पर हमला कर रही है। लेकिन, यह बिहार है। यहां भाजपा कुछ नहीं कर पाएगी।

JDU प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- RJD ने अल्पसंख्यकों को ठगा, नीतीश कुमार ने दिलाया वाजिब हक

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि राजद ने अल्पसंख्यकों को वोट बैंक बनाया और नीतीश कुमार ने उन्हें वाजिब हक दिलाया। अल्पसंख्यक समाज के वास्तविक हितों की रक्षा को लेकर नीतीश सरकार प्रतिबद्ध है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा खुद को अल्पसंख्यक समाज का हितैषी कहना ढोंग है। राजद ने केवल अल्पसंख्यकों को गुमराह कर उनके वोट बटोरने की राजनीति की।

लालू-राबड़ी के 15 वर्षों के शासनकाल में अल्पसंख्यक समुदाय को केवल ठगा गया। अल्पसंख्यक समाज के वास्तविक हितों की रक्षा हेतु नीतीश सरकार पूरी तरह से कृत संकल्पित है।

नीतीश कुमार ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी, उर्दू शिक्षकों की बहाली, मदरसा शिक्षकों के वेतनमान, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना, तालिमी मरकज और मदरसों के आधुनिकीकरण की योजनाओं को धरातल पर उतारा।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लालू-राबड़ी राज में अल्पसंख्यकों के नाम पर केवल खोखली राजनीति की गई। उनके शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की चिंता कभी नहीं की। बिहार की जनता समझ चुकी है कि राजद का असली मकसद केवल सत्ता हासिल करना है।

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बिहार में NH-31 की बढ़ेगी चौड़ाई, 22 KM लंबे RCC नाले का भी होगा निर्माण; 249 करोड़ रुपये मंजूर

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 8:00pm

राज्य ब्यूरो, पटना। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने सोमवार को बताया कि एनएच-31 के अथमगोला से बाढ़ होते हुए मोकामा तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। इसके लिए कुल 249.88 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुई है।

उन्होंने बताया कि इसमें कुल 40 किमी के पथांश में 22 किमी लंबाई में आरसीसी नाले का भी निर्माण कराए जाने का प्रविधान है। वह विधानपरिषद में नीरज कुमार के ध्यानाकर्षण का उत्तर दे रहे थे।

जदयू MLC ने उठाया मुद्दा

जदयू विधानपार्षद भीसम सहनी ने पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत बगहा रेलवे ढाला पर हो रहे आरओबी निर्माण के एप्रोच कार्य में दरार होने को लेकर ध्यानाकर्षण लाया।

इसपर मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इंजीनियरों के साथ एनआइटी पटना की टीम से इसकी जांच कराई गई है, जिसमें निर्माण को सुरक्षित बताया गया है। सदस्य की आपत्ति पर वह एनआईटी की तकनीकी टीम से दोबारा इसकी जांच करा लेंगे।

पीएम आवास योजना में अनियमितता

भोजपुर के जगदीशपुर नगर पंचायत में पीएम आवास योजना में अनियमितता के प्रश्न पर नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने सदन को आश्वासन दिया कि 15 दिनों के अंदर मामले की जांच पूरी कर इसी सत्र में कार्रवाई की जानकारी दी जाएगी। वह भगवान सिंह कुशवाहा के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे।

कंगन घाट से दीदारगंज के बीच बन रहे पुल का निर्माण जल्द पूरा करें : नीतीश

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को जेपी गंगा पथ के तहत कंगन घाट से दीदारगंज के बीच निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि पुल का निर्माण कार्य जल्द पूरा करें। इस मौके पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह जानकारी दी कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा।

इस महीने के अंत तक निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। साइट मैप के माध्यम से अधिकारियों ने जेपी गंगा पथ परियोजना के तहत रेलवे से हस्तांतरित जमीन पर पटना साहिब से पटना घाट पथ के निर्माण कार्य के बारे में भी जानकारी दी। दीदारगंज- बख्तियारपुर-मोकामा पथ के चौड़ीकरण योजना के बारे में भी मुख्यमंत्री को बताया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपी गंगा पथ का निर्माण दीदारगंज तक हो जाने से बिहारशरीफ, मोकामा और बेगूसराय तक जाने में समय की बचत होगी। लोगों को पटना शहर और पटना के बाहर कहीं भी आने-जाने में सहूलियत होगी। गंगा पथ परियोजना अपने आप में अद्भुत है। इससे यातायात में गतिशीलता आएगी और सहूलियत होगी।

निरीक्षण में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कुमार रवि, विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह, पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह, व बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक भी मौजूद थे।

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'न काम के घंटे तय, न साप्ताहिक अवकाश', 29 साल से हो रही मांग; आखिर पुलिस सुधारों पर कब लगेगी मुहर?

Dainik Jagran - National - March 10, 2025 - 7:57pm

जागरण टीम, नई दिल्‍ली। देश में सभी नागरिक भयमुक्त और सुरक्षित जीवन जी सकें, इसमें पुलिस व्यवस्था की अहम भूमिका है। तमाम कमियों के बावजूद पुलिस 365 दिन और चौबीसों घंटे कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करती है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में ऐसा लगता है कि पुलिसकर्मी इंसान नहीं, मशीन हैं। वे दिन रात काम करते हैं। उनके काम के घंटे तय नहीं हैं। उनको अवकाश मिलना भी उच्च अधिकारियों के विवेक पर निर्भर करता है।

अब सर्वोच्च न्यायालय उनके काम के घंटे तय करने और साप्ताहिक अवकाश सुनिश्चित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ है। सवाल उठता है कि जब पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए राजनीतिक दल और समाज हमेशा मुखर रहता है तो एक कर्मचारी के तौर पर उनको न्यूनतम मानवीय अधिकारों से वंचित रखे जाने के खिलाफ कहीं से कोई आवाज क्यों नहीं उठती है।

आजादी के बाद से ही पुलिस सुधारों की बात हो रही है। 1996 में प्रकाश सिंह पुलिस सुधारों की मांग लेकर सर्वोच्च अदालत पहुंचे थे, लेकिन आज भी जमीन पर हालात बदले नहीं हैं। पुलिसकर्मियों को जरूरी मानवीय सुविधाओं से वंचित रखने और पुलिस सुधार लागू न हो पाने के कारणों की पड़ताल ही आज का मुद्दा है?

पुलिस क्‍या काम करती है?  

पुलिस को अपराध की जांच, कानून व्यवस्था से जुड़ी ड्यूटी, सूचनाएं जुटाने के साथ पेट्रोलिंग भी करनी पड़ती है। पुलिसकर्मियों को वीआइपी ड्यूटी और त्योहारों व विशेष आयोजनों के दौरान व्यवस्था की देखरेख में भी लगाया जाता है। इन कामों के साथ पुलिसकर्मियों को अदालत से जुड़े जटिल काम भी करने होते हैं।

धर्मवीर आयोग (राष्ट्रीय पुलिस आयोग) ने क्‍या सिफारिश की थी?

पुलिस सुधारों को लेकर सबसे पहले 1977 में धर्मवीर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया। इसे राष्ट्रीय पुलिस आयोग कहा जाता है। चार वर्षों में इस आयोग ने केंद्र सरकार को आठ रिपोर्ट सौंपी थीं, लेकिन इसकी सिफारिशों पर अमल नहीं किया गया।

धर्मवीर आयोग की प्रमुख सिफारिशें 
  • हर राज्य में एक प्रदेश सुरक्षा आयोग का गठन किया जाए
  • जांच कार्यों को शांति व्यवस्था संबंधी कामकाज से अलग किया जाए
  • पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाए
  • पुलिस प्रमुख का कार्यकाल तय किया जाए
  • -एक नया पुलिस अधिनियम बनाया जाए
समितियां बनीं, पर क्‍या कार्रवाई हुई?

गृह मंत्रालय के स्टेटस नोट के अनुसार, पुलिस सुधारों के लिए पिछले कई वर्षों में विभिन्न समितियों/आयोगों का गठन किया गया।  पुलिस के पुनर्गठन पर पद्मनाभैया समिति (2000) और आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधारों पर मलीमठ समिति (2002-03) के सुझाव उल्लेखनीय हैं।

साल 1998 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जूलियो रिबेरो की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का गठन किया गया था। इसका काम केंद्र सरकार/राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करने और आयोग की लंबित सिफारिशों को लागू करने के तरीके सुझाना था।

पुलिस सुधारों पर 2006 में सुप्रीम कोर्ट के सात निर्देश
  • स्टेट सिक्योरिटी कमीशन का गठन किया जाए, ताकि पुलिसकर्मी बिना दवाब के काम कर सकें।
  • पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी बनाई जाए, जो पुलिस के खिलाफ आने वाली गंभीर शिकायतों की जांच कर सके।
  • थाना प्रभारी से लेकर पुलिस प्रमुख तक का एक स्थान पर दो वर्ष का ही कार्यकाल हो।
  • नया पुलिस अधिनियम लागू किया जाए।
  • अपराध की विवेचना और कानून व्यवस्था के लिए अलग पुलिस की व्यवस्था की जाए।
  • पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे के अधिकारियों के स्थानांतरण, पोस्टिंग, पदोन्नति और सेवा से संबंधित अन्य मामलों को तय करने के लिए राज्य स्तर पर पुलिस स्थापना बोर्ड बनाया जाए।
  • केंद्र सरकार को सुझाव दिया गया कि वह केंद्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग बनाए। इसका काम केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों के चयन और नियुक्ति के लिए एक पैनल तैयार करना था, जिनका न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष का हो।
अभी क्‍या स्थिति है?

सर्वोच्च न्यायालय में मामला अंतिम बार 16 अक्टूबर, 2012 को सुनवाई के लिए आया था। सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और भारत संघ को निर्देश दिया गया था कि वे 2006 में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों के संदर्भ में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

गृह मंत्रालय ने 26 फरवरी, 2013 को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे के माध्यम से एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी और मामला फिलहाल विचाराधीन है।

दूसरे देशों में पुलिस के काम के घंटेब्रिटेन
  • 40 घंटे प्रति सप्ताह काम करते हैं पुलिस वाले ब्रिटेन में
  • 22 दिन की न्यूनतम सालाना छुट्टी मिलती है
  •  सप्ताह में एक दिन की छुट्टी का है प्रावधान
  •  सैलरी के साथ मिलती है सिक लीव
अमेरिका
  • 40 घंटे प्रति सप्ताह का वर्क शेड्यूल लागू
  • 8 घंटे 35 मिनट की शिफ्ट में काम करती है न्यूयॉर्क पुलिस
  • 5 दिन काम के बाद दो दिन  मिलता है आफ
  • 9 घंटे की शिफ्ट में काम करती है सिएटल पुलिस
कनाडा
  • 10 घंटे की शिफ्ट होती है दिन व शाम की। रात में 8.30 घंटे की शिफ्ट
  • 3 शिफ्ट में संचालित होते हैं पुलिस स्टेशन
  • लंबी शिफ्ट के बाद पुलिसकर्मियों को मिलता है रेस्ट डे
आस्ट्रेलिया
  • 12 घंटे की शिफ्ट का सिस्टम 2009 तक लागू था
  • अब 8 घंटे की शिफ्ट में काम करती है स्थानीय पुलिस

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NCLAT upholds ICICI Securities delisting, dismisses minority shareholder objections

Business News - March 10, 2025 - 7:56pm
The National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) on Monday upheld the lower tribunal’s orders to approve the scheme of arrangement for delisting of broking firm ICICI Securities Ltd from the bourses. Last year in August and October, Mumbai and Ahemadabad benches of the National Company Law Tribunal (NCLT) approved applications filed by the ICICI Securities Ltd and ICICI Bank to delist the private sector lender’s securities company from the bourses. The appellate tribunal ruled this in separate applications filed by the Quantum Mufutal Fund and individual shareholder Manu Rishi Guptha challenging the NCLT orders, that approved the delisting. “Appellant has purchased shares of ICICI Securities even after the scheme was announced and the swap ratio was in the public domain it makes it obvious the appellant is not acting bona fide in raising objections to the Scheme but is indulging in speculative litigation,” observed the division bench of Justice Yogesh Khanna and a technical member Ajai Das Mehrotra in an appeal filed by Manu Rishi Guptha. “Thus the contentions raised does not inspire us to set aside a reasoned order, hence all appeals are dismissed,” said NCLAT in its 12-page order. ICICI Bank and ICICI Securities argued that the two applications filed against the brokerage house’s proposed delisting are opposed to the established principle of shareholder democracy and sought to dismiss the same. The bank and the brokerage house also argued that under Section 230 (4) of the Companies Act, only shareholders holding a minimum of 10% of the total shareholding of the company are eligible to object to a scheme of arrangement. The respondents further argued that two objectors Quantum Mutual Fund and an investor Manu Rishi Guptha hold 7,41,488 shares (0.010%) and 200 shares (0.0000% negligible shareholding) respectively in the bank. In two separate applications, Quantum Mutual Fund and an investor Manu Rishi Guptha have objected to the proposed delisting of ICICI Securities with the arguments that the swap adversely affects minority shareholders. Quantum Mutual Fund and Manu Rishi Guptha hold 0.08% and 0.002% of the paid-up equity share capital of ICICI Securities respectively.Before the tribunal’s approval in August, the delisting proposal was approved by 93.82% in value of the equity shareholders of ICICI Securities. Further, 71.89% in value of the public shareholders also approved it which is well above the requisite threshold under applicable law.In this case, Senior Counsels Arun Kathpalia and Krishnendu Datta appeared for ICICI Securities and ICICI Bank respectively, while advocate Viraj Parekh appeared for Quantum Mutual Fund and counsel Kausik Chatterjee argued for Manu Rishi Guptha.
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Bihar News: जीविका दीदियों का बढ़ गया काम, बिहार में मनरेगा मजदूरों को भी होली से पहले मिल गई बड़ी खुशखबरी

Dainik Jagran - March 10, 2025 - 7:52pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के छोटे-बड़े सभी किसानों को ड्रोन के माध्यम से फसलों में किटनाशक-उवर्रक आदि के छिड़काव की सुविधा मिलेगी।

इसके लिए जीविका दीदियों को भी इस योजना से जोड़ा गया है। जीविका दीदियां ड्रोन भी उड़ाएंगी। विधानपरिषद में डॉ. संजीव कुमार सिंह और नीरज कुमार के प्रश्न के उत्तर में सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राज्य में 53 हजार 400 एकड़ खेतों में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरुद्ध 16 हजार एकड़ से अधिक में छिड़काव किया जा चुका है।

इसी प्रश्न के दौरान राजद के सुनिल कुमार सिंह ने अब तक इस कार्य के लिए हुई ड्रोन खरीद के आंकड़े मांगे, इसको लेकर कुछ देर तक पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामे जैसी स्थिति भी रही।

इस पर मंत्री ने बताया कि 201 ड्रोन का वितरण अभी तक किया गया है। मंत्री ने बताया कि राज्य के 101 अनुमंडल में 2026 तक 202 कृषि क्लिनिक खोलने का लक्ष्य रखा गया है, जहां फल समेत अन्य फसलों में लगने वाले रोगों का उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 39 कृषि क्लिनिक की स्थापना की जा चुकी है।

सौरभ कुमार के तारांकित प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मनरेगा की मजदूरी बढ़कर 245 रुपये हुई है। केंद्र सरकार से भी मजदूरी बढ़ाने का आग्रह किया गया है।

कृषि से जुड़े स्वरोजगार से 35.89 लाख जीविका दीदियां बनी आत्मनिर्भर

जीविका बिहार में महिला सशक्तीकरण की मिशाल बन चुकी है। बिहार में सर्वाधिक कृषि से जुड़े स्वरोजगार से 35 लाख 89 हजार जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी है।

कृषि विभाग से समन्वय कर अबतक 515 कस्टम हायरिंग केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। कृषि क्षेत्र में 5 हजार 178 कृषि उद्यम की स्थापना की गई है।

वहीं, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सहयोग से समेकित मुर्गी विकास के अलावा समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 8.09 लाख परिवारों को मुर्गीपालन एवं बकरीपालन से जोड़ा गया है।

1.42 लाख परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हुए हैं। करीब एक हजार जीविका दीदियां मत्स्य पालन से जुडी हैं। अबतक 5,987 पशु सखियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो बकरीपालन करने वाली 5.97 लाख परिवारों को सेवा प्रदान कर रही हैं।

सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी की गई स्थापित
  • अररिया में सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी स्थापित की गयी है, जिससे अबतक 19 हजार 956 परिवारों को जोड़ा गया है।
  • राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की सहायता से कोशी प्रमंडल में स्थापित कौशिकी दुग्ध उत्पादक कंपनी के अंतर्गत अबतक 829 दुग्ध संग्रहण केंद्र खोले गए हैं।
  • अबतक 26,280 पशुपालक दूध की बिक्री इन दुग्ध संग्रहण केंद्रों में कर रहे हैं एवं प्रतिदिन औसतन 70 हजार लीटर दूध का संग्रहण इन केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
  • मधुमक्खी पालन कार्य के लिए अबतक 490 उत्पादक समूहों का गठन किया गया है। आइआइएम कोलकाता के सहयोग से महिला उद्यमिता के क्षेत्र में अबतक 150 दीदियों का उद्यम विकास किया गया है।

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