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Bihar Politics: बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से एक्टिव, क्या नई रणनीति से RJD पर बन पाएगा दबाव?

Dainik Jagran - April 13, 2025 - 6:58pm

सुनील राज, पटना। वैसे तो बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा में अभी वक्त है। लेकिन, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने सहयोगी राजद पर दबाव की रणनीति के तहत पार्टी में केंद्रीय टीम के दिग्गजों को मोर्चा संभालने के लिए मैदान में उतार दिया है।

यूं तो पार्टी चार्जशीट कार्यक्रम के नाम पर बिहार में अपराध और विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर एनडीए सरकार पर हमलावर है। लेकिन उसकी इस कवायद को सहयोगी दल खास कर राष्ट्रीय जनता दल दबाव से जोड़ा जा रहा है।

पिछले दो दशकों से राजद से गठजोड़ कर चुनाव मैदान में उतरने वाली कांग्रेस वैसे तो अपने दम पर अकेले मैदान में तो नहीं उतरेगी लेकिन, सीटों को लेकर दबाव में भी नहीं आएगी।

यही कारण है कि एक ओर जहां प्रदेश नेतृत्व में बदलाव किए गए, वहीं अभी से राजद पर दबाव की कोशिशें भी शुरू हो गई है।

दबाव बनाने का जिम्मा केंद्रीय स्तर के नेताओं को दिया गया है। केंद्रीय नेता यहां आकर जहां चुनाव की जमीन तैयार कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री फेस के मुद्दे पर भी खुलकर अपना पक्ष रख रहे हैं।

सूत्र बता रहे हैं कि राहुल गांधी के अलावा पार्टी के करीब दिग्गज 40 नेताओं को बिहार में उतारा जा रहा है। जो नाम सामने आए हैं।

उनमें रणदीप सुरजेवाला, मीरा कुमार, दिग्विजय सिंह, सचिन पायलट, अलका लांबा, सुप्रिया श्रीनेत्र, कन्हैया कुमार, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, इमरान प्रतापगढ़ी, पवन खेड़ा, जयराम रमेश, जिग्नेश मेवाणी और कुमारी शैलेजा के नाम प्रमुख हैं।

इनमें से राहुल गांधी के तीन महीने में तीन दौरे हो चुके हैं। राहुल के अलावा सचिन पायलट, अलका लांबा, सुप्रिया श्रीनेत्र, कन्हैया, पवन खेड़ा और जिग्नेशन मेवाणी का दौरा हो भी चुका है। आने वाले महीनों में कई और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिहार का रुख करेंगे और कांग्रेस को मजबूत दिशा देंगे।

20 को बिहार आ सकते हैं कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 20 अप्रैल को बिहार आ सकते है। जानकारी के अनुसार मल्लिकार्जुन 20 को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी के अध्यक्ष, प्रभारी की मौजूदगी में प्रदेश नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

पार्टी के सूत्रों की माने तो 19 को बक्सर में पार्टी की एक रैली प्रस्तावित है। इसमें भी खरगे शामिल हो सकते हैं परंतु यह कार्यक्रम अब तक तय नहीं हुआ है परंतु 20 का उनका दौरा करीब-करीब तय हो चुका है।

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New Toll Policy: टोल पर आम आदमी को राहत, 3 हजार का वार्षिक पास; FASTag को लेकर होगी ये शर्त

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 6:45pm

मनीष तिवारी, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे में टोल संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रस्तावित नई टोल नीति शुल्क में औसतन 50 प्रतिशत तक राहत देने के साथ ही लोगों को तीन हजार रुपये एकमुश्त खर्च में वार्षिक पास की सुविधा भी प्रदान करेगी। ये पास राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस वे के साथ ही राज्यों के एक्सप्रेस वे पर भी मान्य होंगे।

इसके लिए अलग से पास लेने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि शुल्क फास्टैग अकाउंट के जरिये ही अदा किया जा सकता है। नई टोल नीति लगभग तैयार है और इसकी घोषणा कभी भी की जा सकती है। इसमें टोल गेटों को समयसीमा के भीतर समाप्त करने का संकल्प भी है।

तीन हजार के पास में साल भर दौड़ेगी कार

नई टोल नीति टोल प्लाजाओं की व्यवस्थाओं के बजाय प्रति किलोमीटर निर्धारित शुल्क पर आधारित होगी। मोटे तौर पर सौ किलोमीटर के लिए एक कार को पचास रुपये का टोल शुल्क देना होगा। नई टोल नीति के निर्माण से जुड़े सूत्र के अनुसार, अभी मासिक पास ही जारी किए जाते हैं, जो स्थानीय लोगों को एक टोल प्लाजा पार करने में राहत देते हैं, लेकिन नई नीति में तीन हजार रुपये का वार्षिक पास हासिल कर कोई कार पूरे साल असीमित किलोमीटर की यात्रा कर सकती है और उसे किसी एक्सप्रेस वे अथवा हाइवे पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।

इस फार्मूले के तहत होगी क्षति की भरपाई

इसमें सबसे बड़ी अड़चन कंसेसनरों और कांट्रैक्टरों के मौजूदा अनुबंध थे, जिनमें इस तरह की सुविधा का कोई प्रविधान नहीं है। सूत्रों के अनुसार, उनकी आपत्तियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय क्षति की भरपाई करने पर सहमत हो गया है। यानी कंसेसनायर अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों का डिजिटल रिकार्ड रखेंगे और उनके दावे और वास्तविक वसूली में जो अंतर होगा, उसकी भरपाई एक फार्मूले के अनुसार सरकार की ओर से की जाएगी।

पहले इस सुविधा पर किया गया विचार

सूत्रों के अनुसार कंसेसनरों की आपत्ति, राज्यों में वाहनों की आयु सीमा के अलग-अलग नियमों और बैंकों की हिचक के कारण सरकार ने अब आजीवन पास जारी करने का विचार छोड़ दिया है। पहले लाइफटाइम पास के रूप में तीस हजार रुपये में 15 वर्ष तक वैध रहने वाला पास जारी करने के बारे में सोचा गया था, लेकिन इस पर सभी पक्षों की सहमति नहीं बनी। इसके लिए उपभोक्ताओं के आगे आने के आसार भी कम थे।

बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग की व्यवस्था

नई टोल नीति बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग को बढ़ावा देने वाली है। सूत्रों के अनुसार इससे संबंधित तीन पायलट प्रोजेक्टों के सकारात्मक नतीजे मिले हैं। सटीकता का स्तर 98 प्रतिशत के आसपास पहुंच रहा है। बैंकों के साथ इस चिंता का भी समाधान कर लिया गया है कि अगर कोई वाहन टोल अदा किए बिना सड़क नेटवर्क से निकल जाता है, तो टोल की वसूली कैसे होगी। इसके लिए बैंकों को और अधिकार दिए जाएंगे। वे फास्टैग समेत पेमेंट के अन्य माध्यमों में न्यूनतम बैलेंस की शर्त लगा सकते हैं और अधिक पेनाल्टी थोप सकते हैं।

कहां से की जाएगी नई सुविधा की शुरुआत?

नई टोल नीति निर्माण में सलाहकारों ने मंत्रालयों को बैंकों को वे साइड एमेनिटीज के स्वामित्व में हिस्सेदारी की सलाह भी दी है। इसकी शुरुआत दिल्ली-जयपुर हाईवे से किए जाने के आसार हैं। मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी के अनुसार बैरियर फ्री इलेक्ट्रानिक टोलिंग के लिए आटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉगनिशन सिस्टम (एएनपीआर) पूरे देश में इसी साल के अंत तक लागू हो जाएगा।

शुरुआत भारी वाहनों और खतरनाक सामग्री ले जाने वाले ट्रकों से की जाएगी। पूरे नेटवर्क की मैपिंग हो चुकी है, नई तकनीक-सेंसर और कैमरे सभी क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं। फास्टैग और एएनपीआर मिलकर नए जमाने की टोल प्रणाली की जरूरत को पूरा करेंगे।

टोल प्लाजा पर आगे-पीछे नहीं करनी पड़ेगी कार
  • केंद्र सरकार राज्यों से भी बात कर रही है कि वे इस प्रणाली में शामिल हों ताकि सभी तरह की सड़कों को इसमें कवर किया जा सके। अवैध-अक्रिय फास्टैग बड़ी समस्यासरकार के दावों के विपरीत टोल प्लाजा में भीड़भाड़ बनी रहने और लोगों को होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए हाईवे प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने पिछले 15 दिन में दो बार अपनी एजेंसियों, कंसेसनायरों और परियोजना निदेशकों के साथ बैठक की है।
  • लोगों की यह सामान्य शिकायत रहती है कि गेट के करीब पहुंचने के बाद भी स्कैनर सही तरह काम नहीं करते हैं और उन्हें अपनी गाड़ीं आगे-पीछे करनी पड़ती है। यह समस्या उन टोल प्लाजा में भी आ रही है, जिनका स्वामित्व ग्लोबल एजेंसियों के पास है। उनका कहना है कि समस्या स्थानीय टेक्नोलॉजी की है। फास्टैग सही जगह न लगे या अनधिकृत हो जाने के कारण सेंसर को री-सेट होने में समय लगता है।
  • सरकार ने पिछले साल एक वाहन, एक फास्टैग की नीति लागू की थी। इसके बाद एक करोड़ फास्टैग रद किए गए थे, लेकिन अभी इतने ही फास्टैग हैं जो अवैध या अक्रिय हो चुके हैं, लेकिन उन्हें या तो गाड़ियों से हटाया नहीं गया है या वे वाहन से लिंक बने हुए हैं। अधिकारियों ने टोल आपरेटरों से ऐसे वाहनों को चिह्नित करने के लिए कहा है।

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Bihar News: बिहार के स्कूलों में नैतिक शिक्षा पर दिया जाएगा विशेष ध्यान, जल्द जारी होगी गाइडलाइन

Dainik Jagran - April 13, 2025 - 6:23pm

राज्य ब्यूरो, पटना। चालू शैक्षणिक सत्र में सरकार स्कूली बच्चों में नैतिक शिक्षा पर जोर देने जा रही है। सभी सरकारी प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रार्थना सत्र के दौरान बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जाएगी।

इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही सभी सरकारी विद्यालयों को गाइडलाइन जारी किया जाएगा। बच्चों को नैतिक शिक्षा के बारे में क्या-क्या बताया जाएगा, इसके बारे में पुस्तिका प्रकाशित की जा रही है। शिक्षा विभाग का कहना है कि विद्यालयों के प्रार्थना सत्र में नैतिक शिक्षा को सबसे ऊपर रखा जाएगा।

शिक्षा विभाग द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों को नैतिक शिक्षा देने के साथ-साथ सामुदायिक सहभागिता काे बढ़ावा देने का भी निर्णय लिया गया है।

शिक्षा विभाग का मानना है कि नैतिक शिक्षा सामाजिक विज्ञान का हिस्सा है। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और उन्हें एक बेहतर समाज का निर्माण करने में मदद करता है।

सरकारी विद्यालयों में सामुदायिक सहभागिता किस प्रकार बढ़ाई जाए, इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा गाइडलाइन तैयार किया जा रहा है।

बच्चों में नैतिक मूल्यों के विकास को प्राथमिकता

गाइडलाइन में बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास पर जोर दिया जा रहा है। मसलन, नैतिक शिक्षा बच्चों को ईमानदारी, सम्मान, सहानुभूति, न्याय, और जिम्मेदारी जैसे नैतिक मूल्यों को समझने और अपनाने में मदद करती है। यह बच्चों के चरित्र निर्माण में मदद करती है और उन्हें सही और गलत के बीच अंतर करने में सक्षम बनाती है।

बच्चों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और उसे निभाने में मदद करती है। बच्चों में अनुशासन, धैर्य और बेहतर व्यवहार को बढ़ावा दिया जाएगा।

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Bihar News: बिहार के राजगीर में पहली बार होने जा रहा महिला कबड्डी विश्व कप, दर्शक मुफ्त में देखेंगे मैच

Dainik Jagran - April 13, 2025 - 5:26pm

जागरण संवाददाता, पटना। Women Kabaddi World Cup: बिहार में पहली बार आयोजित होने वाली महिला कबड्डी विश्व कप 2025 के समझौता ज्ञापन पर आज हस्ताक्षर हुआ।

एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से फेडरेशन के महासचिव जितेन्द्र प्राण सिंह ठाकुर और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने हस्ताक्षर किए।

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक रविंद्र नाथ चौधरी, क्रीड़ा कार्यपालक आनंदी कुमार, खेल विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार, इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन के डायरेक्टर तेजस्वी सिंह गहलोत तथा बिहार कबड्डी एसोसिएशन के चेयरमैन कुमार विजय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

भारतीय महिला कबड्डी टीम की कप्तान रहीं उपस्थित

भारतीय महिला कबड्डी टीम की कप्तान सोनाली विष्णु तथा उप कप्तान पुष्पा राणा भी इस ऐतिहासिक अवसर पर शामिल रहीं। खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र भेंट कर सभी का अभिनंदन किया ।

उपस्थिति लोगों का अभिनंदन करते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि बिहार में पहली बार महिला कबड्डी विश्व कप का 1 से 10 जून तक राजगीर में आयोजन बिहार के लिए बहुत खुशी और गर्व की बात है।

खेल के क्षेत्र में विकास की सरकार की प्रतिबद्धता के साथ सहयोग और प्रयास के कारण बिहार को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को आयोजित करने का गौरव प्राप्त हो रहा है।

1 से 10 जून तक राजगीर के राज्य खेल अकादमी में आयोजित होने वाली महिला कबड्डी विश्व कप 2025 में भारत, ईरान, बांग्लादेश, नेपाल , थाईलैंड, हॉलैंड ,जापान, पोलैंड, अर्जेंटीना, हंगरी, जर्मनी, केन्या, युगांडा सहित 14 देश की टीमों के शामिल होने की संभावना है।

दर्शक मुफ्त में देखेंगे मैच

दर्शकों के लिए मैच निःशुल्क होंगे मगर टिकट पास के लिए ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन कराकर प्राप्त करने होंगे। जिन्हें पास उपलब्ध नहीं हो पाएगा, उनके लिए बाहर बड़े स्क्रीन पर मैच देखने की व्यवस्था की जाएगी।

रवीन्द्रण शंकरण ने कहा कि महिला कबड्डी विश्व कप में शामिल होने वाली खिलाडियों के आने-जाने, भोजन आवासन सहित हर प्रकार की सुविधाओं की सुचारु व्यवस्था बिहार सरकार कर रही है।

बिहार के खिलाड़ियों को सीखने का मौका

एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव जितेन्द्र प्राणसिंह से अनुरोध किया कि 15 दिन तक भारतीय टीम का प्रशिक्षण कैंप राजगीर में ही आयोजित की जाए, जिससे भारतीय टीम को यहां के माहौल में ढलने में आसानी होगी तथा बिहार के खिलाड़ियों को भी उनके साथ प्रैक्टिस करने और सीखने का मौका मिलेगा।

बिहार के लिए अच्छे प्रशिक्षक और रेफरी के लिए भी आग्रह किया, ताकि बिहार के खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर कर सकें।

एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव जितेन्द्र प्राणसिंह तथा इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन के डायरेक्टर तेजस्वी सिंह गहलोत ने खेल के क्षेत्र में बिहार की निरंतर बढ़ती उपलब्धियों पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए भविष्य में बिहार की कबड्डी को हर संभव सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया।

उन्होंने कहा कि बिहार की कबड्डी टीम जूनियर लेवल पर काफी अच्छा कर रहा है और बेहतर प्रशिक्षण के साथ सीनियर लेवल पर भी काफी अच्छा करेगी।

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अंतरिक्ष से ऐसा दिखता है भारत, तस्वीर देख आपको खुद नहीं होगा यकीन; इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की पोस्ट वायरल

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 4:41pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अप्रैल 1984 का वो दिन याद कीजिए, जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा स्पेस की यात्रा पर गए थे। तब स्पेस से उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बात की थी। जब इंदिरा ने उनसे पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो राकेश शर्मा का जवाब था- सारे जहां से अच्छा।

अंतरिक्ष से भारत को देख पाने का ख्वाब हर किसी का भले ही न पूरा हो, लेकिन राकेश शर्मा की ये बात आज भी भारतीयों के मन-मस्तिष्क में बसी हुई है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने अंतरिक्ष से कुछ तस्वीरें जारी की हैं। इसमें भारत की भी तस्वीर है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने जारी की तस्वीर

दरअसल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया, जिसका कैप्शन था- 'जब आप ऊपर तारे, नीचे शहर की रोशनी और पृथ्वी के क्षितिज पर छाई वायुमंडलीय चमक देख सकते हैं।' इसके साथ आईएसएस ने चार तस्वीरें भी पोस्ट कीं।

When you can see the stars above, the city lights below, and the atmospheric glow blanketing Earth's horizon.

Pic 1) Midwest United States

Pic 2) India

Pic 3) Southeast Asia

Pic 4) Canada pic.twitter.com/nRa56Ov3cm

— International Space Station (@Space_Station) April 12, 2025

इन तस्वीरों में मिडवेस्ट यूनाइटेड स्टेट्स, भारत, साउथ ईस्ट एशिया और कनाडा की तस्वीर है। इसमें भारत की तस्वीर देख राकेश शर्मा की तरह आप भी कह उठेंगे कि अंतरिक्ष से भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है।

इस तस्वीर में अंतरिक्ष के अंधेरे में भारत के शहरों से आ रही रोशनी किसी चमकते हीरे जैसी दिखलाई पड़ती है। भारत के विशाल क्षेत्रफल और घनी आबादी का आभास होता है। तस्वीर को देखकर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है।

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आंध्र प्रदेश की पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका, 8 लोगों की मौत; कई घायल

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 3:43pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में एक पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक लोगों ने इसे सुना। इस विस्फोट में फैक्ट्री में काम करने वाले 8 मजदूरों की मौत हो गई।

अनाकापल्ली के पुलिस अधीक्षक तुहिन सिन्हा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए घटना की पुष्टि की। मामले में अभी और जानकारी की प्रतीक्षा है।

सीएम ने घटना पर जताया दुख

आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने अनकापल्ली जिले के कोटावुराटला में एक पटाखा निर्माण इकाई में हुए विस्फोट में 8 श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने घटना के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और राज्य की गृह मंत्री अनिता से फोन पर बात की।

सीएम ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सुविधा मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ितों के परिवारों का समर्थन करेगी और उनसे मजबूत बने रहने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों को घटना की गहन जांच करने और उन्हें एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि घायल श्रमिकों में से दो की हालत गंभीर है।

इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।

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'कैंसर का शक, किडनी भी नहीं सही...' तहव्वुर राणा ने बनाया था 33 बीमारियों का बहाना

Dainik Jagran - National - April 13, 2025 - 3:26pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकी तहव्वुर राणा किसी भी तरह से भारत नहीं आना चाहता था। उसने हर हथकंडा अपनाया। मगर काम नहीं आया। बस उसे इतना ही हासिल हो सका कि प्रत्यर्पण में भारत को देरी का सामना करना पड़ा। मगर अब तहव्वुर राणा भारतीय एजेंसियों के शिंकजे में है। तहव्वुर राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने की खातिर हर कानूनी दांव पेंच को अपनाया।

प्रत्यर्पण के खिलाफ पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट

फरवरी में पीएम मोदी के सामने डोनाल्ड ट्रंप ने राणा को भारत भेजने का एलान किया था। इसके बाद उसने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के सामने भारत न भेजने की अपील की थी। उसने दावा किया था कि वह पाकिस्तान मूल का है। इस वजह से उसे वहां प्रताड़ित किया जा सकता है। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया।

वकील ने लिखा पत्र- 33 बीमारियों का दिया हवाला

तहव्वुर राणा के वकील जॉन डी क्लाइन ने 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश की। इसके पीछे 33 से अधिक स्वास्थ्य कारणों और भारत में मिलने वाली यातनाओं का हवाला दिया। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। क्लाइन ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत की जेलों में प्रताड़ित किया जा सकता है। वहां की जेलों की स्थिति अमानवीय है। मुकदमे के इंतजार में राणा स्वास्थ्य कारणों से भारत में ही मर सकता है।

कैंसर का भी जताया शक... मगर नहीं बनी बात

वकील ने तर्क दिया कि भारत भेजने पर राणा को यातना झेलनी पड़ेगी, क्योंकि वह पाकिस्तान मूल का मुसलमान है। अपने पत्र में आगे लिखा कि लॉस एजिल्स की जेल में पांच साल की कैद के बाद राणा की सेहत और खराब हो चुकी है। राणा को पार्किंसंस रोग है। उसकी सोचने-समझने की क्षमता भी कम हुई है। इसके अलावा वह बार-बार पेशाब आने और याददाश्त की समस्या से जूझ रहा है। वकील ने कहा कि राणा के मूत्राशय में एक गांठ है। संदेह है कि ये कैंसर हो सकता है।

दावा: इन बीमारियों से जूझ रहा तहव्वुर राणा
  • स्टेज 3 क्रोनिक किडनी रोग
  • कोरोनरी धमनी रोग
  • सुप्त तपेदिक
  • ब्रोंकाइटिस
  • क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग
  • अस्थमा
  • क्रोनिक साइनस रोग
  • ब्रोंकाइटिस
  • सोरायसिस
  • बढ़े हुए प्रोस्टेट
  • सुनने की क्षमता में कमी
  • हाइपोथायरायडिज्म
  • अपक्षयी संयुक्त रोग
विदेश मंत्रालय की दो टूक, भारत भेजा जाएगा

वकील जॉन डी क्लाइन ने कहा कि राणा को स्ट्रोक, शुगर, टीबी और दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा है। उसे डायलिसिस की भी जरूरत पड़ेगी। वह कैंसर का इलाज करवा रहा है। अगर मूत्राशय के कैंसर का खुलासा होता है तो उसे सर्जरी और कीमोथेरेपी से भी गुजरना पड़ेगा।

वकील की इस लंबी चौड़ी पटकथा को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तत्काल खारिज कर दिया। 11 फरवरी को लिखे जवाबी पत्र में उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत भेजा जाएगा। यह भी कहा गया कि प्रत्यर्पण में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया गया है।

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