Feed aggregator

मणिपुर के लिलोंग में तनाव के बाद लगा कर्फ्यू, इंफाल घाटी के कई हिस्सों में प्रदर्शन; भारी बल तैनात

Dainik Jagran - National - April 7, 2025 - 9:30pm

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असकर अली के घर में आगजनी के बाद थौबल जिला प्रशासन ने सोमवार को पूरे लिलोंग विधानसभा क्षेत्र में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने तथा हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक ने रविवार रात को रिपोर्ट दी कि लाठियों और पत्थरों से लैस लगभग सात से आठ हजार लोगों ने लिलोंग सम्ब्रुखोंग मामेई क्षेत्र में असकर अली के घर पर धावा बोल दिया और उसे आग लगा दी।

बीजेपी नेता ने किया था वक्फ कानून का समर्थन

असकर अली ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन किया था, हालांकि घटना के बाद अली ने अपने पिछले बयान के लिए माफी मांग ली। इस बीच रविवार को इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संशोधन कानून को लेकर प्रदर्शन हुए। रैली में पांच हजार लोग शामिल हुए।

सुरक्षा बलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प

प्रदर्शन के कारण लिलोंग में एनएच 102 पर यातायात बाधित हो गया। थौबल में इरोंग चेसाबा सहित कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारे लगाए और इस कानून की निंदा की। घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। संसद से पारित वक्फ संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंजूरी दे दी है।

यह भी पढ़ें: Munambam Waqf Land Dispute: 'वक्फ को मिली जमीन की होगी जांच', केरल HC ने न्यायिक आयोग के गठन करने का दिया आदेश

यह भी पढ़ें: Waqf Law 2025: 'समावेशी शासन हो प्राथमिकता', नए वक्फ कानून का विरोध करने वालों से एक्‍सपर्ट ने पूछे कौन-से दो सवाल?

Categories: Hindi News, National News

LPG गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा, पेट्रोल-डीजल का उत्पाद शुल्क 2 रुपये बढ़ा; जानिए उज्ज्वला योजना का हाल

Dainik Jagran - National - April 7, 2025 - 9:30pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार से देश में रसोई गैस सिलेंडर 50 रुपये महंगा हो जाएगा। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से सोमवार (सात अप्रैल) को यह जानकारी दी गई। 8 अप्रैल से उज्ज्वला योजना के तहत 14.2 किलोग्राम के गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये से बढ़ा कर 550 रुपये और गैर-उज्ज्वला कनेक्शन के तहत गैस सिलेंडर की कीमत 803 रुपये से बढ़ा कर 853 रुपये होगी।

इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी भी कर दी है। लेकिन इससे इनकी खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी क्योंकि तेल कंपनियों ने इसका समायोजन अपनी लागत में करने का फैसला किया है। बहरहाल, इस फैसले से साफ है कि अब जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बरल के करीब पहुंच चुकी हैं तो उसका तत्काल फायदा आम जनता को नहीं मिलेगा।

सरकार ने क्यों लिया ऐसा फैसला?

जब कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट है तब सरकार ऐसा फैसला क्यों कर रही है? पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) काफी लंबे समय से लागत से कम कीमत पर रसोई गैस की की बिक्री कर रही हैं। सरकार की नीति रही है कि लागत से कम कीमत पर आम जनता को जब रसोई गैस सिलेंडर दी जाती है तो उसकी भरपाई की जाती है।

वर्ष 2023-24 में तेल कंपनियों को 28 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ था तो उसके लिए 22 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बजट से किया गया था। वर्ष 2024-25 में तेल कंपनियों को इस मद में 48 हजार करोड़ रुपये का घाटा संभावित है। अब जो पैसा बढ़े हुए उत्पाद शुल्क से वसूला जाएगा, उससे तेल कंपनियों को उक्त घाटे के एक हिस्से की भरपाई की जा सकेगी।

पिछले साल गैस की कीमतों में हुई थी कटौती

दो-दो रुपये का उत्पाद शुल्क पेट्रोल व डीजल पर लगाने से एक साल में तकरीबन 32 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व सरकार वसूलेगी। राजस्व संग्रह की यह राशि पहले सरकार के खजाने में जमा की जाएगी, उसके बाद उससे ओएमसी का आवंटन होगा। सनद रहे कि मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने सामान्य एलपीजी ग्राहकों केलिए गैस सिलेंडर की कीमत में सौ रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की थी।

पुरी ने यह भी कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 60-65 डॉलर प्रति बैरल बनी रहती है तो तेल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कटौती करने को सोच सकती हैं। सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 61.88 डॉलर प्रति बैरल रही है। वैश्विक मंदी की वजह से इसमें कमी होने की संभावना जताई जा रही है।

पेट्रोल और डीजल पर कितना हुआ उत्पादन शुल्क?
  • उत्पाद शुल्क को लेकर केंद्र सरकार का जो फैसला है उसके मुताबिक पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 11 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 13 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। डीजल पर यह शुल्क आठ रुपये से बढ़ा कर 10 रुपये प्रति लीटर की गई है। यह टैक्स संग्रह सरकार राज्यों के साथ साझा नहीं करती।
  • इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर केंद्र सरकार की तरफ से आयद टैक्स की कुल दर 21.9 रुपये हो जाती है। इसमें विशेष उत्पाद शुल्क के अलावा 1.40 रुपये प्रति लीटर की बेसिक उत्पाद शुल्क, 2.50 रुपये कृषि अधिभार और पांच रुपये ढ़ांचागत क्षेत्र के लिए वसूला गया अधिभार शामिल है।
  • पेट्रोलियम मंत्री पुरी का यह भी कहना है कि भारत में उज्ज्वला ग्राहकों के लिए एक दिन एलपीजी पर खाना बनाने की लागत सिर्फ 6.18 रुपये का है जबकि सामान्य एलपीजी ग्राहकों के लिए यह कीमत 14.18 रुपये प्रति दिन का है।

यह भी पढ़ें: Petrol-Diesel Price: सरकार ने दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी, क्या पेट्रोल-डीजल होगा महंगा?

यह भी पढ़ें: LPG Price Hike: घरेलू रसोई गैस हुई महंगी; उज्ज्वला योजना वाले सिलेंडर के भी दाम बढ़े

Categories: Hindi News, National News

Bihar: बीटीएससी ने अगले आदेश तक रोकी लैब टेक्नीशियन बहाली की प्रक्रिया, प्रभारी सचिव ने लिखा लेटर

Dainik Jagran - April 7, 2025 - 9:08pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने सोमवार को लैब तकनीशियन की नियुक्ति संबंधी कार्रवाई अगले आदेश तक स्थगति करने का पत्र जारी किया है। प्रभारी सचिव ने पत्र में लिखा है कि पटना हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत प्रयोगशाला प्रावैधिक पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए 10 अप्रैल तक जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है।

कोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव शैलेश कुमार ने 2 अप्रैल को आयोग को पत्र लिखकर 2969 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित करने को कहा था। आयोग ने गत 3 मार्च को 2969 लैब तकनीशियन की बहाली के लिए विज्ञापन संख्या 2/25 प्रकाशित किया था व आवेदन की अंतिम तिथि एक अप्रैल थी।

उपसचिव ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जिन 610 पदों पर नियुक्ति में रोक लगाई है, उन्हें जोड़ते हुए ही स्वास्थ्य विभाग ने 2969 पदों के लिए रोस्टर आदि की प्रक्रिया की थी।

न्यायालय के आदेश के आलोक में इन पदों को हटा कर दोबारा शेष 2369 पदों के लिए नियमानुसार रोस्टर की गणना करनी होगी। ऐसे में अब शेष 2359 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी और इसमें लंबा समय लग सकता है।

कोरोना महामारी के बाद हटाए गए कर्मी मायूस:

वैश्विक महामारी के समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य स्वास्थ्य समिति ने 810 लैब तकनीशियनों की संविदा पर नियुक्ति की थी। अगस्त 2020 से 810 लैब तकनीशियन जान को खतरे में डाल कर जांच करते रहे। जून 2024 में सभी को हटा दिया गया जबकि उस समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पहले से स्वीकृत 982 पद खाली थे।

उस समय राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने नियमित नियुक्ति में उन्हें वरीयता दे नियुक्त करने का आश्वासन दिया था। ऐसे में हटाए गए लैब तकनीशियनों का संघ एनएचएम के पूर्व के 982 पदों पर हटाए गए कर्मियों की नियुक्ति करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मिलेगा।

संघ के शशि प्रकाश, दीपक झा व राजीव कुमार ने कहा कि आपातकाल में जान हथेली पर सेवा करने के बावजूद अब नियुक्ति में देरी से उनका जीवनयापन मुश्किल हो गया है। वे स्वास्थ्य मंत्री से मांग करेंगे कि 2359 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया विलंबित होने पर उन्हें पूर्व के रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाए।

ये भी पढ़ें- ITI Admission 2025: आईटीआई में दाखिला लेने के लिए अब 17 अप्रैल तक करें आवेदन, परीक्षा तिथि में भी हुआ बदलाव

ये भी पढ़ें- पॉलिटेक्निक, जीएनएम, एएनएम और फार्मेसी में नामांकन के आवेदन शुरू, BCECEB ने जारी किया नोटिफिकेशन

Categories: Bihar News

Bihar News: चुनावी साल में केंद्र से बिहार को मिल गया एक और बड़ा तोहफा, नए फैसले से गांव के लोग हो जाएंगे खुश!

Dainik Jagran - April 7, 2025 - 9:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में ग्रामीण सड़क संपर्क को सुदृढ़ करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-III) के तहत 367.94 करोड़ की नई योजनाओं को मंजूरी दी है।

इन योजनाओं के अंतर्गत राज्य में पांच नई सड़कों के साथ 103 पुलों का निर्माण किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत और टिकाऊ सड़क नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा।

इसके अतिरिक्त बिहार सरकार को वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 138 करोड़ की प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त हुई है।

इस राशि के साथ राज्य सरकार 92 करोड़ का अंशदान देगी, जिससे कुल 230 करोड़ की राशि सड़कों के अनुरक्षण पर खर्च की जाएगी। ये रखरखाव कार्य उन सड़कों पर किए जाएंगे, जिनकी पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि पूरी हो चुकी है।

जल्द ही शुरू होगा निर्माण कार्य

ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के हर गांव को सुदृढ़, सुरक्षित और हर मौसम में उपयोगी सड़कों से जोड़ना है। विभाग ने बताया कि योजनाओं के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही निर्माण कार्य भी प्रारंभ होगा।

जर्जर सड़क पर वाहन चालकों की मनमानी से लोग परेशान

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रखंड में कई सड़कें बनी हैं, लेकिन वर्षों से उपेक्षित केसठ सोनवर्षा मुख्य सड़क की स्थिति दयनीय हो चुकी है।

लोगों को इस पथ पर आवाजाही करने में काफी परेशानी होती है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इसकी वजह से इस सड़क से गुजरने वाले लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

क्षेत्र के लोगो ने सड़क निर्माण के लिए कई बार गुहार लगाई। आश्वासन तो मिला, लेकिन हुआ कुछ नहीं। ग्रामीणों के पास इंतजार करने के अलावा दूसरा विकल्प ही नहीं है।

लोगों ने जनप्रतिनिधियों की अनदेखी को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। इस सड़क से जमुआ टोला, दंगौली, पोखरा टोला, महादेवगंज, डिहरा, राजापुर, धेनुआडीह सहित अन्य गांवों के लोग प्रत्येक दिन इस मार्ग से सोनवर्षा व राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाते है।

यह मार्ग केसठ से सोनवर्षा एनएच 319 को जोड़ता है। वाहन चालक सड़क खराब होने की दुहाई दे मनमाने भाड़े वसूलते हैं। वहीं यात्री तब तक भगवान का नाम जपते हैं, जब तक अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते।

काफी दिनों से जर्जर हालत में पड़ा यह मार्ग इस बार चुनावी मुद्दा बन सकता है। इसका खामियाजा चुनाव में आने वाले नेताओं को भुगतना पड़ सकता है।

यह भी पढ़ें-

Bihar Politics: 'अगर हम अलग-अलग चुनाव लड़े तो...', राहुल गांधी के बयान से बिहार में आएगा सियासी भूचाल

Categories: Bihar News

Bihar Politics: 'अगर हम अलग-अलग चुनाव लड़े तो...', राहुल गांधी के बयान से बिहार में आएगा सियासी भूचाल

Dainik Jagran - April 7, 2025 - 8:52pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कांग्रेसियों को दो टूक कह दिया है कि अलग-अलग चुनाव लड़कर बिहार में एनडीए को परास्त नहीं कर सकते हैं। एनडीए को परास्त करना है तो महागठबंधन के सभी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा।

सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी के जिलाध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि बिहार विधानसभा का चुनाव इस राज्य के लिए ही नहीं, देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। बदलाव का रास्ता बिहार से ही निकलता है।

उन्होंने कांग्रेसियों से आग्रह किया कि वे कथनी और करनी में बिल्कुल अंतर न रखें। कहें कुछ और करें कुछ और इस प्रवृति को छोड़ दें। ईमानदारी से काम करें तो सफलता जरूर मिलेगी।

'कांग्रेस के लोग गांवों में जाएं'

गांधी ने कहा कि कांग्रेस के लोग राज्य के गांवों में जाएं। चौपाल लगाएं। आम लोगों की समस्याओं को सुनें। आन्दोलन के माध्यम से उसका समाधान करें। आप उन लोगों के बीच भी जाकर काम करें, जिनकी प्रतिबद्धता अन्य दलों के प्रति है। दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और वंचितों के अलावा गरीब सवर्णों को भी संगठन से जोड़ें। उन्हें जाति आधारित गणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लाभ के बारे में भी बताएं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि राज्य इकाई एआइसीसी के निर्देशों के अनुरूप काम कर रही है। कांग्रेसी अपने वाहन और घर पर पार्टी का झंडा लगा रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य कांग्रेस के लोग ईमानदारी और मेहनत से काम कर रहे हैं।

कार्यक्रम को बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लाबारू ने भी संबोधित किया। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, डॉ. मदनमोहन झा, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान सहित कई वरिष्ठ नेता कार्यक्रम में शामिल हुए। मंच पर राहुल गांधी के अलावा राजेश कुमार, कृष्णा अल्लाबारू, डॉ. मदन मोहन झा और शकील अहमद खान बैठे थे।

टिकट चाहिए तो बनाइए 50 हजार से अधिक फॉलोअर्स

मंच पर राहुल गांधी के आने से पहले पार्टी की आईटी टीम के सदस्य बता रहे थे कि आज इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच अपनी पहुंच बनाना कितना आसान हो गया है।

टीम के एक सदस्य ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनना चाहते हैं तो इंटरनेट मीडिया पर अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाएं। यह 50 हजार से अधिक हो तो टिकट मिलने में सुविधा होगी।

ये भी पढ़ें- राहुल की यात्रा के बीच आपस में भिड़े कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक ने कार्यकर्ता को दौड़ाकर पीटा; देखते रहे अखिलेश

ये भी पढ़ें- Bihar: 'अभी नहीं बोलेंगे, बात बराबरी में करनी है'; क्या राहुल की यात्रा के बीच RJD को भी मिल गया साफ संदेश?

Categories: Bihar News

Munambam Waqf Land Dispute: 'वक्फ को मिली जमीन की होगी जांच', केरल HC ने न्यायिक आयोग के गठन करने का दिया आदेश

Dainik Jagran - National - April 7, 2025 - 8:43pm

पीटीआई, कोच्चि। केरल के मुनंबम जमीन विवाद के मामले में सोमवार को केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सुनवाई की। हाई कोर्ट ने इस दौरान एक जज की पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन को रद कर दिया गया था। इस मामले में न्यायिक आयोग के गठन का एलान केरल सरकार ने किया था।

हालांकि, हाई कोर्ट की एकल जज की पीठ ने 17 मार्च को इस न्यायिक आयोग की नियुक्ति को रद कर दिया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और जस्टिस एस मनु की खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश पारित किया और एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी।

सरकार जरूरी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ेगी: कानून मंत्री पी राजीव

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि न्यायिक आयोग अगले आदेश तक अस्थायी तौर पर काम करता रहेगा। अपील पर आगे की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद जून में होगी। अदालत के आदेश को लेकर केरल के कानून मंत्री पी राजीव ने कहा कि अब आयोग अपना कार्य कर सकता है और सरकार जरूरी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने साफ किया कि मुनंबम से किसी को भी नहीं निकाला जाएगा।

गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में राज्य सरकार ने एक न्यायिक आयोग के गठन का एलान किया था। इसकी अध्यक्षता केरल हाई कोर्ट के पूर्व कार्यकारी चीफ जस्टिस सीएन रामचंद्रन नायर को सौंपी गई थी।

गौरतलब है कि केरल के एर्नाकुलम जिले में चेराई और मुनंबम गांव के रहने वालों का आरोप है कि वहां के वक्फ बोर्ड ने अवैध तरीके से उनकी जमीनों और संपत्तियों पर दावा कर दिया है। जबकि गांव वालों के पास रजिस्टर्ड बैनामे और जमीन पर टैक्स देने से जुड़ी रसीदें मौजूद हैं।

यह भी पढ़ें: Waqf Law 2025: 'समावेशी शासन हो प्राथमिकता', नए वक्फ कानून का विरोध करने वालों से एक्‍सपर्ट ने पूछे कौन-से दो सवाल?

Categories: Hindi News, National News

ट्रंप के टैरिफ से भारत डरेगा नहीं, निर्यातकों की मदद के लिए सरकार ने बनाया मास्टर प्लान

Dainik Jagran - National - April 7, 2025 - 8:24pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ट्रंप सरकार के पारस्परिक शुल्क की घोषणा से निर्यात पर होने वाले असर को रोकने के लिए सरकार जल्द ही वित्तीय पैकेज की घोषणा कर सकती है। निर्यातकों को नए बाजार की तलाश के साथ लागत को कम करने के लिए वित्तीय मदद दी जा सकती है। हालांकि निर्यातक ब्याज दरों में छूट के साथ कई अन्य मदद की भी मांग कर रहे हैं।

आगामी बुधवार को वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के साथ विभिन्न सेक्टर के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की बैठक भी बुलाई है। पारस्परिक शुल्क की घोषणा के बाद से ही सरकार के स्तर पर निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन शुरू हो चुका है।

'भारत सरकार को अमेरिका की सरकार से बातचीत करनी चाहिए'

निर्यातकों के मुताबिक वे चाहते हैं कि अमेरिका व भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) के पहले चरण को पूरा होने तक पारस्परिक शुल्क को टाल दिया जाए। इस संबंध में भारत सरकार को अमेरिका की सरकार से बातचीत करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो भारत को अगले दो-तीन माह में बीटीए के पहले चरण का समझौता कर लेना चाहिए। अभी दोनों देश आगामी सितंबर-अक्टूबर तक बीटीए के पहले चरण पर समझौते की उम्मीद जता रहे हैं।

निर्यातकों का कहना है कि तब तक बहुत देर हो जाएगी और उनका भारी नुकसान हो जाएगा।पारस्परिक शुल्क की घोषणा के बाद दुनिया के कई देशों ने ट्रंप सरकार से शुल्क में कमी को लेकर बातचीत की शुरुआत कर दी है और इनमें अमेरिका के बाजार में भारत को प्रतिस्पर्धा देने वाले देश भी शामिल हैं।

वियतनाम ने अमेरिकी वस्तु पर लगने वाले शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दिया

इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में भारत को कड़ा मुकाबला देने वाले वियतनाम ने अमेरिकी वस्तु पर लगने वाले शुल्क को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है और अब वियतनाम अमेरिका से अपने ऊपर लगाए गए 46 प्रतिशत के शुल्क को समाप्त करने की गुजारिश कर रहा है।

निर्यातकों का कहना है कि भारत को जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि अनिश्चितता की वजह से अमेरिका से नए आर्डर ठप है और अमेरिकी खरीदारी पुराने आर्डर की डिलिवरी भी फिलहाल लेने से मना कर रहे हैं। खरीदार कीमत में छूट की भी मांग कर रहे हैं।

ट्रंप के फैसले से छोटे निर्यातक अधिक प्रभावित होंगे

निर्यातकों का कहना है कि खरीदार को छूट देने की स्थिति में उसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के मुताबिक ट्रंप के फैसले से छोटे निर्यातक अधिक प्रभावित होंगे। वे अपने खरीदार को कीमत में छूट भी नहीं दे सकते हैं। नए बाजार की तलाश के लिए के साथ ब्याज में छूट की भी मांग की जा रही है।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआई) के मुताबिक अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए 26 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क से वर्ष 2025 में 5.7 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित हो सकता है। इनमें मुख्य रूप से मछली व अन्य समुद्री उत्पाद, जेम्स व ज्वैलरी, स्टील के सामान, कार्पेट मुख्य रूप से शामिल है। भारत के लघु निर्यातक अमेरिका में पेपर, पेपरबोर्ड व संबंधित आइटम, टूल्स, कटलेरी व किचन का सामान का निर्यात करते हैं।

यह भी पढ़ें: ट्रंप के टैरिफ से तबाह हो जाएगा चीन! एक्सपर्ट का दावा- 2 फीसदी तक गिर जा सकती है GDP

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar