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Bihar Politics: इधर राजद का जोरदार हंगामा; रिपोर्टर टेबल पलटने की कोशिश, उधर नीरज ने दिखाई तेजस्वी की तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के आधार पर बिहार में आरक्षण के बढ़े दायरे को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर राजद के विधायकों ने विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान खूब हंगामा किया। उधर, विधान परिषद में जदयू सदस्य की ओर से तेजस्वी यादव की तस्वीर दिखाए जाने को लेकर हंगामा हो गया।
आरक्षण के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के नेतृत्व में राजद पार्षदों ने विधान परिषद का बहिष्कार कर मुख्य द्वार पर दिया धरना। फोटो- जागरण
विधानसभा में हरी टी-शर्ट पहनकर आए राजद विधायकहरे रंग की टी शर्ट पहनकर आए राजद विधायक इस मसले पर विशेष चर्चा की मांग कर रहे थे। अनुमति नहीं मिलने पर अध्यक्ष के आसन के सामने (वेल में) पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। उस समय शून्यकाल शुरू हुआ था।
रिपोर्टर टेबल पलटने की भी कोशिश की गयी। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया। इस वजह से ध्यानाकर्षण के तहत ली जाने वाली सूचनाएं नहीं ली जा सकीं।
राजद के लोग सब्जबाग दिखा रहेइस हंगामे के बीच जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी अपनी सीट से उठे और कहा राजद के लोग हरे रंग की टी शर्ट पहन जनता को सब्जबाग दिखा रहे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल कर जाति आधारित गणना करायी। इसके बात आरक्षण के दायरे को उस रिपोर्ट के आधार पर बढ़ाया गया। यह फैसला भी नीतीश कुमार का था।
बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार पर आरक्षण के मुद्दे पर राजद विधायकों के प्रदर्शन के बीच सदन पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। फोटो- जागरण
जिस समय यह निर्णय हुआ उस समय एनडीए की ही सरकार थी। राजद की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग तो कुछ ही समय के लिए आए थे।
अभी स्थिति यह है कि जो कानून अस्तित्व में नहीं है उसे नौवीं अनुसूची में कैसे शामिल किया जा सकता है। पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट में गयी है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार में है।
बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार पर आरक्षण के मुद्दे पर विपक्षी विधायकों के प्रदर्शन में फंसे उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया मजाक। फोटो- जागरण
नीरज ने सदन में दिखाई तेजस्वी की इफ्तार पार्टी की तस्वीर, हंगामाविधान परिषद की दूसरी पाली में जदयू सदस्य नीरज कुमार ने पूर्णिया में आयोजित इफ्तार पार्टी में तेजस्वी यादव की तस्वीर सदन में दिखाते हुए विपक्ष से जवाब मांगा।
नीरज ने कहा कि इस पार्टी में राजद के विधानपार्षद कारी सोहैब भी थे। तेजस्वी यादव जिस पार्टी में थे, वहां कट्टा रखा हुआ था, जिसे पुलिस वाला तौलिया रख ढक देता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता अपराध प्रायोजित कराते हैं। इस पर राजद के सुनिल कुमार सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पिचकारी को पिस्तौल बताया जा रहा है।
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Bihar Politics: 50 लाख रोजगार देगी नीतीश सरकार, बिहार में प्रमंडल स्तर पर होने जा रहा नया काम
राज्य ब्यूरो, पटना। विधान परिषद में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार का अगला लक्ष्य 50 लाख लोगों को रोजगार देना है। राजद सरकार में 1990 से 2005 के बीच महज 94 हजार रोजगार दिए गए।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने वर्ष 2005 से 2020 तक साढ़े सात लाख और 2020 से अब तक दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी है।
विनियोग विधेयक बजट पर सरकार का पक्ष रखते हुए सम्राट ने बताया कि राज्य में प्रमंडल स्तर पर खेल गांव का निर्माण किया जाएगा। सात हजार पंचायतों में मैदान का निर्माण किया जा रहा है।
पंचायतों में स्पोर्ट्स क्लब का गठन किया और खेल सामग्री भी दी जाएगी। इसके साथ ही प्रखंडों में 350 डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। सरकारी डेटा और वेबसाइट की सुरक्षा के लिए डेटा डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनाया जाएगा।
बिहार को मिला 7.80 लाख पीएम आवासउपमुख्यमंत्री सम्राट ने कहा कि एनडीए सरकार में हर क्षेत्र में काम हुआ है। वर्ष 2005 में राज्य की 54.4 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी मगर अब महज 33 प्रतिशत लोग ही गरीबी रेखा के नीचे हैं।
उस समय स्कूलों में ड्राप आउट का प्रतिशत 60 था जो अब घटकर 20 प्रतिशत के आसपास रह गया है। यूपीए सरकार में बिहार को केंद्र से दो लाख 79 हजार करोड़ की मदद मिली थी।
वहीं वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने साढ़े 13 लाख करोड़ की मदद की है। पहले राज्य को दो लाख 45 हजार प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली थी मगर मुख्यमंत्री के आग्रह के बाद अब सात लाख 80 हजार पीएम आवास बिहार को मिलेगा।
लालू ने कभी नहीं पूछा- क्या काम हो रहा हैसम्राट चौधरी ने कहा कि उन्होंने लालू प्रसाद के साथ भी काम किया है। वह मंत्री से कभी नहीं पूछते थे कि क्या काम हो रहा है, मगर नीतीश कुमार के राज में रोज पूछा जाता है कि क्या काम किए हैं, कौन सा काम हो रहा है।
2005 में एनडीए को खटारा बिहार मिला था मगर आज गली-गली में मर्सडीज घूमने वाला बिहार बन गया है। विपक्ष की टीका-टिप्पणी का जवाब देते हुए सम्राट ने कहा कि कीचड़ फेकेंगे तभी तो कमल खिलेगा।
जिस पार्टी के नेता नौकरी और विधायक का टिकट देने के लिए जमीन लिखवाते हैं, उनके बारे में क्या कहा जाए। उन्होंने बताया कि बिहार में आजादी के पहले और उसके बाद भी मेडिकल कॉलेज खुले मगर 1980 से 2005 तक एक भी मेडिकल कालेज नहीं खुला।
वर्ष 2008 के बाद बेतिया, पावापुरी, पूर्णिया, मधेपुरा, समस्तीपुर, छपरा समेत कई जिलों में मेडिकल कालेज खोला गया है।
विपक्ष से बोले सीएम, आपलोगों ने कोई काम नहीं किया- विधान परिषद में सम्राट चौधरी के बयान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए विपक्षी सदस्यों की टीका-टिप्पणी का जवाब दिया।
- सीएम ने सवालिया लहजे में पूछा- आपलोग कोई काम किए हैं? आपलोग के जाने के बाद से ही तो काम हो रहा है। पहले शाम में कोई घर से बाहर नहीं निकलता था। रास्ता नहीं था आने-जाने का।
- उन्होंने सम्राट चौधरी से कहा कि पूरी बात ठीक से बताइए। सम्राट चौधरी के भाषण के अंतिम चरण में विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गए। इसके बाद सदन ने सर्वसम्मति से विनियोग विधेयक को स्वीकृति दे दी।
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Saugat-e-Modi: ईद पर मुस्लिमों को बीजेपी देगी गिफ्ट, 32 लाख लोगों को मिलेगी 'सौगात-ए-मोदी' किट
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: सरकारी योजनाओं में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति का दावा करने वाली भाजपा अब संगठन के माध्यम से भी इस संदेश को मजबूत करना चाहती है। समाज के सभी वर्गों में अपनी पहुंच बढ़ाने की रणनीति के तहत ही भाजपा ने अपने अल्पसंख्यक मोर्चा के सहारे 32 लाख अल्पसंख्यक परिवारों से सीधे जुड़ाव का प्रयास किया है।
इसके लिए ईद, बैसाखी, गुड फ्राइडे और ईस्टर पर्व पर गरीब अल्पसंख्यक परिवारों तक 'सौगात-ए-मोदी' के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेम-संदेश भाजपा की ओर से पहुंचाया जा रहा है।
मुस्लिम वर्ग को साधने में लगी बीजेपीभाजपा और मुस्लिम वर्ग के बीच असहज संबंधों की सियासी धारणा के बीच अल्पसंख्यक मोर्चा के माध्यम से भाजपा लगातार इस वर्ग से भी जुड़ाव के जतन करती दिखाई देती है। लोकसभा चुनाव के दौरान सूफी सम्मेलन भी इसी प्रयास में बताए जाते हैं। सरकार की ओर से यह दावा भी किया जाता है कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं है। योजनाओं के लाभार्थी वर्ग में बड़ी हिस्सेदारी मुस्लिमों की है।
त्योहारों पर अल्पसंख परिवारों से जुड़ाव की कोशिश
इसी क्रम में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने त्योहारों पर अल्पसंख्यक परिवारों से जुड़ाव मजबूत करने का कार्यक्रम शुरू किया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि 31 मार्च को ईद, 14 अप्रैल को बैसाखी, 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे और 20 अप्रैल को ईस्टर का पर्व है।
पार्टी ने तय किया है कि जिस तरह से परिवार के मुखिया त्योहारों पर अपने परिवार को तोहफा देते हैं, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इन त्योहारों पर गरीब अल्पसंख्यक परिवारों को तोहफे पहुंचाए जाएंगे, क्योंकि वे 140 करोड़ देशवासियों के मुखिया हैं।
जरूरतमंद परिवारों को मिलेगी किट- उन्होंने बताया कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के 32 हजार सक्रिय पदाधिकारी हैं। उन सभी को अल्पसंख्यक वर्गों से कुल 100-100 जरूरतमंद परिवारों को चिह्नित करने के लिए कहा है। ऐसे परिवारों को चिह्नित करने के लिए मोर्चा पदाधिकारी मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघरों में जा रहे हैं। इस तरह सभी त्योहारों को मिलाकर कुल 32 लाख परिवारों तक सौगात-ए-मोदी किट पहुंचाने का लक्ष्य है।
- इस किट में त्योहार मनाने के लिए आवश्यक सामग्री भेंट की जाएगी। यह पदाधिकारियों को परिस्थिति अनुसार तय करना है कि वह घर-घर जाकर किट देते हैं या कोई सामूहिक आयोजन करते हैं। मोर्चा अध्यक्ष ने बताया कि सौगात ए मोदी किट पहुंचाने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है।
- मंगलवार को नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित गालिब अकादमी में भी सौगात-ए-मोदी किट का वितरण किया गया, जिसमें मोर्चा प्रभारी एवं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम भी शामिल हुए।
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Patna News: पटना वीमेंस कॉलेज के बाहर फायरिंग, अफरातफरी में एक युवक घायल
जागरण संवाददाता, पटना। नेहरू पथ पर स्थित पटना वीमेंस कॉलेज के सामने मंगलवार हवाई फायरिंग से अफरातफरी मच गई।
भागने के दौरान एक युवक घायल हो गया। फायरिंग की सूचना मिलते ही कोतवाली थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। वहीं घायल को पीएमसीएच भेजा गया है।
पुलिस मामले की जांच में जुटी है। दरअसल पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव होना है। इसके लिए वीमेंस कॉलेज के बाहर भी चुनाव का माहौल दिखने लगा है। छात्र अपने कैंडिडेट के लिए चुनाव प्रचार में भी जुट गए है।
इसी बीच मंगलवार की दोपहर कॉलेज के पास खड़ी कार के पास कुछ छात्र आपस में भिड़ गए। कार के पास ही अचानक फायरिंग हो गई। हालांकि थाना पुलिस इस संबंध में किसी प्रकार का बयान देने से बचते रही।
नोट- इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
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एक्ट्रेस Ranya Rao ने कबूला- हवाला के पैसे से खरीदा था सोना, DRI की पूछताछ में और खुलेंगे राज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोल्ड स्मगलिंग मामले में गिरफ्तार हुई कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव (Ranya Rao) से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। इसी बीच रान्या राव ने मंगलवार को अपनी जमानती याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात को कबूल किया कि उसने सोना खरीदने के लिए हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर किए थे।
राजस्व खुफिया निदेशालय ने कोर्ट में क्या कहा?डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की वकील मधु राव ने कोर्ट को बताया कि रान्या ने सोना की खरीद में हवाला का पैसा इस्तेमाल करने की बात कबूल की है।
इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियों ने मामले को और गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। मामले में DRI ने धारा 108 के तहत नोटिस जारी किया है, जो कि न्यायिक जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं और संभावित कानून उल्लंघनों का पता लगाया जाएगा।
अदालत ने जमानत का आदेश सुरक्षित रखाजांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि हवाला नेटवर्क का उपयोग किस स्तर तक हुआ और इसमें कौन-कौन शामिल था। मामले में और लोगों की संलिप्तता पाई जाती है, तो आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
रान्या राव की जमानत याचिका पर आज बेंगलुरु के सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत आदेश सुरक्षित रख लिया है। रान्या राव की जमानत पर 27 मार्च को फैसला आएगा।
14 किलो सोना के साथ पकड़ी गई थी रान्याबता दें कि 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 14 किलो सोने (करीब 12.56 करोड़ रुपये मूल्य) के साथ रान्या की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद अधिकारियों ने उसके घर पर भी तलाशी ली थी, जहां अधिकारियों ने 2.06 करोड़ रुपये मूल्य के गोल्ड की ज्वेलरी और 2.67 करोड़ रुपये बरामद किए थे। रान्या ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वो 2023 से 2025 के बीच 52 बार दुबई गई थी।
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Nitish Kumar: 'ई बेचारी को कुछ आता है', राबड़ी पर भड़के नीतीश और सदन में हरी टी-शर्ट बन गई मुद्दा
राज्य ब्यूरो, पटना। विधान परिषद में मंगलवार को आरक्षण का मुद्दा तो अब्दुल बारी सिद्दीकी ने उठाया, लेकिन उनकी एक-दो पंक्तियों के बाद सबसे आक्रामक आवाज सुनिल कुमार सिंह की हो गई।
हरे रंग की टी-शर्ट पहन सदन पहुंचे राजद के सदस्यों की मांग विधान मंडल द्वारा पारित 65 प्रतिशत आरक्षण को प्रभावी बनाने और उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने की थी। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी विपक्ष का नेतृत्व कर रही थीं।
हंगामा बढ़ा तो प्रतिक्रिया के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उठ खड़े हुए। राबड़ी से थोड़ी नोकझोंक हुई और उसके बाद कार्यवाही का बहिष्कार कर राजद के सदस्य सदन से बाहर चले गए।
सभापति का कहना था कि विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले, लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं होगी। चूंकि यह मुद्दा नियमत: नहीं उठाया गया, इसलिए कार्यवाही में सम्मिलित नहीं होगा।
आरक्षण पर नारेबाजी, पूछा- आगे की क्या योजना है?राजद के सारे सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर आरक्षण के पक्ष और सरकार के विरोध में नारे लगाने लगे। प्रतिक्रिया में सत्ता पक्ष से भी आवाज मुखर हुई। अनिल कुमार, संजय सिंह आदि उठ खड़े हुए।
इसी बीच सदन में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मुसलमानों को दिया जा रहा उपहार भी जुमला और हवा-हवाई है। सिद्दीकी ने कहा कि आरक्षण कानून बनाने वाले नेताओं को गाली सुननी पड़ रही है, क्योंकि यह प्रभावी नहीं हुआ।
आरक्षण का जो हमारा अधिकार है, उसे हम छोड़ेंगे नहीं। सुनिल का आरोप था कि सरकार उच्चतम न्यायालय में पक्ष रख पाने में असफल है। मुख्यमंत्री से विपक्ष जानना चाहता है कि आगे की योजना क्या है।
सदन में रहना है तो शांत रहिए : स्पीकर- प्रश्न-काल का हवाला देते सभापति ने कहा कि आपका मुद्दा नियमानुकूल नहीं। सदन में रहना चाहते हैं तो शांत रहिए, अन्यथा जाइए।
- इस पर काफी हंगामा हुआ फिर मुख्यमंत्री उठे और बोले कि विपक्ष के हर प्रश्न का उत्तर मिलेगा।
- वे राजद सदस्यों की टी-शर्ट पर लिखे वाक्यों को पढ़ने लगे। उसमें तेजस्वी सरकार और आरक्षण चोर आदि वाक्यांश थे।
मुख्यमंत्री ने उन शब्दों पर आपत्ति जताई। सीएम ने कहा कि राजद की यही संस्कृति है। तब तक राबड़ी देवी उठ खड़ी हुईं, तो नीतीश बोले, तोरा कौन चीज है, जो है, सब हसबैंड का है। तू बैठ जा।
ई बेचारी को कुछ आता है, इसको तो ऐसे ही मुख्यमंत्री बना दिया, जब रिप्लेस हो रहे थे तो इसे ऐसे ही बना दिया। ई लोग जो कर रहे हैं, क्या मतलब है।
हम तो आप ही से पूछ रहे कि काहे के लिए ये पहनकर आए हैं। सब फालतू की चीज है। इस पर राबड़ी बोलीं कि इन लोगों की पार्टी के लोग टोपी-गमछा डाले दोनों सदनों में पहुंचे थे। सब लोगों ने देखा है।
कहासुनी बढ़ी तो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मोर्चा संभाला। बोले कि 65 प्रतिशत आरक्षण सर्वसम्मति से पारित हुआ है और सरकार उसके लिए कृत संकल्पित है। मामला न्यायालय में है, लिहाजा न्यायालय को ही तय करने दिया जाए।
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भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। बात 2008 के आखिरी महीने की है। मुख्यमंत्री अपने आवासीय कार्यालय परिसर में बने हाल में बिजली से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन के क्रम में बिजली से जुड़े एक रोचक किस्से को सुनाया था। दैनिक जागरण के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यादों के झरोखे से आपके लिए यहां पेश हैं उसके अंश।
उन्होंने बताया कि वह जहानाबाद के एक इलाके में जा रहे थे। ग्रामीणों ने बिजली के मसले पर उन्हें रोक लिया। मुख्यमंत्री को बात में समझ में नहीं आई। एक ग्रामीण को उन्होंने अपनी कार के पास बुलवाया और बिजली के लिए समझाने की कोशिश शुरू की।
ग्रामीण बोला- असली बिजली चाहिएग्रामीण ने कहा कि बिजली मिली है पर वह नकली बिजली है, उन्हें असली बिजली चाहिए। मुख्यमंत्री हैरत में पड़े गए। नकली बिजली की बात तो उन्होंने कभी सुनी भी नहीं थी। तुरंत पूछा नकली बिजली? दरअसल, जिस गांव के लोगों ने उन्हें रोका था उस गांव में सोलर सिस्टम के माध्यम से बिजली गई थी।
ग्रामीण उसे नकली बिजली बता रहे थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाया कि यही असली बिजली है। आज स्थिति यह है कि बिहार में सोलर एनर्जी से जुड़े प्लांट तेजी से अस्तित्व में आ रहे हैं। असली बिजली के रूप में यह स्थापित हो रहा है। बिजली की मांग की यह कहानी एक प्रतीक के रूप में रही है बिहार में।
किस तरह से लोग बिजली के नहीं रहने से परेशान रहा करते थे और इसकी मांग को लेकर उन्हें मुख्यमंत्री को रोकने में भी गुरेज नहीं था। दैनिक जागरण जब बिहार में आया तब समाचार पत्र ने लोगों की इस महत्वपूर्ण मांग को स्वर दिया।
बिजली पानी के लिए सड़क जाम तब रूटीन आंदोलनों में शुमार था- वर्ष 2007-08 तक बिहार में बिजली-पानी के लिए सड़क जाम एक रूटीन आंदोलनों के रूप में शुमार था। बिजली की मांग को लेकर आम लोगों का यह आंदोलन पटना में भी खूब था।
- जागरण ने लोगों की इस बड़ी समस्या को अपने सामाजिक सरोकार के साथ जोड़ा और उसे तस्वीर के साथ प्रकाशित की। यह पूरे प्रदेश का बिना किसी राजनीतिक दल के सहारे चलने वाला आंदोलन था।
- बिहार ने वह दृश्य भी देखा है, जब शहरी और कस्बाई इलाके में देर शाम तक केरोसिन वाले जेनरेटर एक व्यवसाय के रूप में था। बिजली रहती नहीं थी, इसलिए जेनरेटर वाले प्वाइंट के हिसाब से बिजली देते थे।
- एक बल्ब जलाना है तो चार से पांच घंटे का दस रुपये तक लगते थे। इस जेनरेटर की वजह से वायु और ध्वनि प्रदूषण में बड़े स्तर तक बढ़ोत्तरी हो गई थी। इस समस्या को भी जागरण ने स्वर दिया। बिना बिजली वाले तार का इस्तेमाल कपड़ा सुखाने में होता था।
- बिहार में आज बिजली की कहानी यह है कि यहां 8000 मेगावाट तक की आपूर्ति हो रही है। वर्ष 2005 में विद्युत विभाग का आंकड़ा यह था कि प्रदेश में बिजली की खपत मात्र 700 मेगावाट थी।
- आज यह आंकड़ा ग्यारह गुना से अधिक बढ़ गया है। वर्ष 2005 में प्रदेश में ग्रिड उप केंद्रों की संख्या 45 थी जो अब 170 हो गई है। अब बिहार की क्षमता यह है कि वह 15000 मेगावाट तक बिजली उठा सकते हैं।
बिहार में हाल के दिनों में बिजली की खपत का जो आंकड़ा बढ़ा है, वह घरेलू उपभोक्ताओं के बूते है। कुल खपत का 41 फीसद हिस्सा घरेलू उपभोक्ताओं के खाते में है। वहीं, 13 फीसद बिजली की खपत कृषि उपभोक्ताओं द्वारा की जाती है।
जब हम गए हर घर बिजली को लगे कैंप को देखनेबिहार में हर घर बिजली की योजना ने यहां की तस्वीर को बदल दी। ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर बिजली कनेक्शन दिए जाने का काम आरंभ हुआ। हमने पटना के नौबतपुर और वैशाली के एक गांव में इस अभियान को जाकर देखा।
इस कैंप का असर इस आंकड़े से समझा जा सकता है। वर्ष 2006 में बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 17.3 लाख थी जो 2023 में बढ़कर 189.56 लाख हो गई है।
जब मुख्यमंत्री ने उपलब्धियों की तस्वीर खुद देखीमुख्यमंत्री कुछ वर्ष पहले हेलीकाप्टर से गया से पटना लौट रहे थे। लौटने में शाम हो गई थी, तब उनके साथ कई अधिकारी थे। हेलीकाप्टर से उन्होंने नीचे देखा तो पूरा इलाका रोशनी से जगमग था। मुख्यमंत्री ने एक अधिकारी से मोबाइल पर तस्वीर लेने को कहा। जगमग बिहार की वह तस्वीर खूब चर्चा में आई थी।
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