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Weather News: दिल्ली में प्रचंड गर्मी की एंट्री, यूपी-राजस्थान में भी बढ़ेगा तापमान; मानसून में होगी देरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धीरे धीरे दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में गर्मी पड़ने लगी है। यूपी से लेकर दिल्ली तक कई जगहों पर तापमान 30 डिग्री पहुंच गया है। पूरे दिन धूप निकलने के कारण तापमान काफी तेजी से बढ़ा है। दिल्ली में मंगलवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 37 डिग्री से ऊपर चला गया। मौसम विभाग के अनुसार, भीषण गर्मी के बीच बुधवार को यह 38 से 40 डिग्री तक पहुंच सकता है।
बिहार, राजस्थान, यूपी, हरियाणा में बढ़ेगी गर्मीआने वाले सप्ताह में बिहार, राजस्थान, यूपी, हरियाणा-पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत दक्षिण भारत में लगातार तापमान बढ़ रहा है, जिससे भीषण गर्मी की एंट्री होने वाली है। हालांकि, सप्ताह के अंत तक पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से बादलों की आवाजाही के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
पहाड़ी राज्यों में बदलेगा मौसममौसम विभाग के मुताबिक, पहाड़ी राज्यों में मौसम तेजी से बदलेगा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 26 मार्च को हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। वहीं, तमिलनाडु केरल में भारी की संभावना जताई गई है।
दिल्ली में आज साफ रहेगा मौसममौसम विभाग ने दिल्ली में बुधवार को आसमान साफ रहने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है, जबकि न्यूनतम तापमान 18 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। इस बीच, दिल्ली की वायु गुणवत्ता "खराब" श्रेणी में बनी रही।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को शाम 4 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 234 था। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने सुधार की भविष्यवाणी की है। शहर की वायु गुणवत्ता बुधवार से "मध्यम" श्रेणी में जाने का अनुमान है, जहाँ अगले दो दिनों तक इसके बने रहने की संभावना है।
लू करेगी परेशानकाउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) का दावा है कि इस बार की गर्मियों के दौरान दिल्ली एनसीआर सहित देशभर में लू वाले दिनों की संख्या 15 से 20 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। मौसम विभाग से मिले इनपुट के आधार पर सीईईडब्ल्यू ने एक विश्लेषण जारी कर यह भी कहा कि वर्षा में बहुत ज्यादा अनिश्चितता दिखाई दे रही है, जैसे मानसून में भी देरी हो रही है। इसीलिए लू का प्रभाव बढ़ रहा है, प्रभावित हीट आइलैंड भी बढ़ रहे हैं। यहां तक कि लू का ओवरऑल सीजन बढ़ रहा है।
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Bihar Police: अब पुलिसकर्मियों के आश्रितों को 25 साल तक मिलेगा अनुदान, हो गई बड़ी घोषणा
राज्य ब्यूरो, पटना। सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर अब पुलिसकर्मियों के आश्रितों को 25 साल तक अनुदान योजना का लाभ मिलेगा।
पहले आश्रितों को 20 वर्षों तक के लिए अनुदान राशि दी जाती थी। डीजीपी विनय कुमार की अध्यक्षता में गठित बिहार पुलिस की केंद्रीय प्रशासी समिति ने इस निर्णय पर मुहर लगा दी है।
समिति ने निर्णय लिया है कि अनुदान की राशि अब कुल राशि के आधार पर तय की जायेगी। कोर्स की राशि 10 हजार रुपये होने तक प्रति सेमेस्टर 100 प्रतिशत राशि का भुगतान होगा।
नये पाठ्यक्रम लेने पर भी अनुदान का मिलेगा लाभमगर कोर्स फी 10 हजार से एक लाख रुपये होने पर कुल राशि का 50 प्रतिशत, कोर्स फी एक लाख से दो लाख रुपये होने पर कुल राशि का 40 प्रतिशत, दो लाख रुपये से तीन लाख रुपये होने पर कुल राशि का 30 प्रतिशत और तीन लाख रुपये से अधिक होने पर प्रति कोर्स फी का प्रति सेमेस्टर 20 प्रतिशत अनुदान राशि का भुगतान किया जायेगा।
पहले विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए निर्धारित शुल्क के आधार पर अनुदान राशि दी जाती थी। नई व्यवस्था में पुलिसकर्मियों के आश्रितों को नये पाठ्यक्रम लेने पर भी अनुदान का लाभ मिलेगा।
लापरवाही पर होंगे निलंबित : डीजीपीडीजीपी विनय कुमार ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) के मामलों की जांच में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलों के अनुसूचित जाति-जनजाति थानों के साथ ही सामान्य थानों में इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का अनुसंधान 60 दिनों में पूर्ण किया जाए।
मामलों को लटकाए रखने वाले जांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा। वह मंगलवार को पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में इस विषय पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-संवेदीकरण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यशाला का आयोजन सीआइडी (कमजोर वर्ग) और बिहार सरकार के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग ने संयुक्त रूप से किया था।
बिहार में हर साल अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत औसतन छह से सात हजार केस दर्ज किए जाते हैं, लेकिन इन मामलों के अभियुक्तों को सजा दिलाने की रफ्तार कम है।
वर्ष 2023-24 में दर्ज मामलों में सजा दिलाने का औसत 10 प्रतिशत से भी कम रहा है। डीजीपी ने निर्देश दिया कि एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में दोषियों को सजा दिलाने की गति में तेजी लाएं।
दर्ज कराए जाते हैं कई फर्जी मामले- उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां सभी 40 पुलिस जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति थाने कार्यरत हैं, जबकि देश के विभिन्न राज्यों के महज 140 जिलों में ही अनुसूचित जाति-जनजाति थाने कार्यरत हैं।
- बिहार के सभी जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति थानों के कार्यरत रहने के कारण यहां अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून के तहत दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या भी देश के अन्य राज्यों से अधिक है।
- इसमें कई फर्जी मामले भी दर्ज कराए जाते हैं। उन्होंने मुकदमों की जांच से जुड़े अधिकारियों को ऐसे फर्जी मामलों की जांच कर उनका तत्काल निपटारा करने का भी निर्देश दिया।
- मौके पर सीआइडी के एडीजी पारसनाथ, कमजोर वर्ग के एडीजी अमित कुमार जैन, एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव देवेश सेहरा समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
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TMC सांसद ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को कहा 'दलाल', भाजपा ने कहा- माफी मांगो
पीटीआई, नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कैलाश बनर्जी ने मंगलवार को कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर अमीरों के लिए 'दलाल' के रूप में काम करने का आरोप लगाया और बंगाल के लिए लंबित केंद्रीय धनराशि को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। भाजपा ने तुरंत पलटवार किया। कृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी ने बंगाल के सांसद से चौहान के खिलाफ अपमानजनक भाषा के लिए माफी की मांग की।
भाजपा पर लगाया भेदभाव का आरोपसंसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने आरोप लगाया कि मनरेगा और पीएमएवाईजी जैसी योजनाओं के तहत बंगाल के लिए केंद्रीय धनराशि पिछले तीन वर्षों से लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य के साथ भेदभाव कर रहा है क्योंकि भाजपा वहां सरकार बनाने में विफल रही है।
बंगाल के सेरामपुर से सांसद बनर्जी ने आरोप लगाया कि शिवराज चौहान अमीरों के लिए 'दलाल' हैं। वह गरीबों के लिए काम नहीं करते और इसी कारण उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। उन्होंने कई बार अपने 'दलाल' वाले बयान को दोहराया।
स्पीकर को कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित करना पड़ाइससे पूर्व मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा के लिए कुछ राज्यों को भुगतान में कथित देरी के खिलाफ विरोध किया, जिससे स्पीकर को कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने पिछले तीन वर्षों से बंगाल को धनराशि नहीं दी हैबनर्जी ने कहा कि केंद्र ने पिछले तीन वर्षों से धनराशि नहीं दी है और 25 लाख फर्जी जाब कार्ड का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की 2021 के विधानसभा चुनावों में हार के कारण बंगाल को धनराशि नहीं मिली।
बनर्जी को असंसदीय भाषा के लिए माफी मांगनी चाहिएकृषि राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बनर्जी को असंसदीय भाषा के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। सरकार ने लोकसभा में कहा कि मनरेगा धनराशि जारी करने में किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्द ही लंबित बकाया जारी की जाएगी।
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आसमान से दुश्मन पर होगा तगड़ा वार, सेना को मिलेंगे 156 लड़ाकू हेलीकॉप्टर; 45 हजार करोड़ का है सौदा
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से थलसेना और वायु सेना के लिए 45,000 करोड़ रुपये के 145 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे को मंजूरी दे सकता है।
सीमाओं पर ऑपरेशन के लिए इन हेलीकॉप्टरों का होगा उपयोगसूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर ऑपरेशन के लिए इन हेलीकॉप्टरों को खरीदने के मामले को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है। यह देश में रोजगार सृजन और एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
सूत्रों ने बताया कि एचएएल को पिछले साल जून में 156 हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर के लिए निविदा मिली थी। विचार-विमर्श के बाद यह परियोजना अब अंतिम मंजूरी के लिए तैयार है। 156 हेलीकॉप्टरों में से 90 थलसेना के लिए होंगे, जबकि 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे। इस संयुक्त खरीद के लिए भारतीय वायुसेना प्रमुख एजेंसी है।
हेलीकॉप्टर को प्रचंड के नाम से भी जाना जाता हैहल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को प्रचंड के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया का एकमात्र अटैक हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर सकता है और उड़ान भर सकता है। इसकी यही खासियत इसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए आदर्श बनाता है।
प्रचंड हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है और दुश्मन के हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट कर सकता है। सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के माध्यम से रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के इरादे पर जोर दे रही है।
स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के लिए सबसे बड़ा ऑर्डरसरकार ने 83 हल्के लड़ाकू विमान सहित स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर दिया है। साथ ही 97 और विमानों का आर्डर करने की प्रक्रिया में है और इसके लिए बातचीत पूरी हो चुकी है।
65 प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में हो रहे निर्मितसरकार ने घोषणा की है कि अब 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में निर्मित होते हैं जबकि पूर्व में 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे। यह भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। 'मेक इन इंडिया' पहल के बाद से भारत का रक्षा उत्पादन बहुत तेज गति से बढ़ा है।
2023-24 में यह 1.27 लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा मंगलवार को साझा की गई फैक्ट शीट में बताया गया है कि भारत के विविध निर्यात पोर्टफोलियो में बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर (डीओ-228) एयरक्राफ्ट, चेतक हेलीकॉप्टर, फास्ट इंटरसेप्टर बोट्स और हल्के टारपीडो शामिल हैं।
विशेष रूप से बिहार में बने जूतों का इस्तेमाल अब रूसी सेना द्वारा किया जा रहा है। यह तमाम चीजें भारत की उच्च निर्माण क्षमताओं को दर्शाती हैं
तमिलनाडु में भाषा विवाद के बीच अमित शाह से मिले पलानीस्वामी, भाजपा-अन्नाद्रमुक में गठबंधन की चर्चा तेज
पीटीआई, नई दिल्ली। अन्नाद्रमुक महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। ऐसा कहा जा रहा है कि अन्नाद्रमुक राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। यह जानकारी सूत्रों ने दी।
तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुईसूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक के नेता ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया। तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने भाजपा के राज्य नेतृत्व के साथ कुछ मतभेदों के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले सितंबर 2023 में नाता तोड़ लिया था।
इससे पहले अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई की आक्रामक राजनीतिक शैली से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। अन्नाद्रमुक नेताओं ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर की गई टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें हटाने की मांग की थी।
अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक की आलोचना कम कर दी हैअन्नामलाई ने पिछले कुछ समय से अन्नाद्रमुक की आलोचना कम कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि अन्नाद्रमुक और भाजपा में फिर से गठबंधन होता है तो वे राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक नीत आइएनडीआइए गठबंधन को कड़ी चुनौती देंगे। विगत कुछ वर्षों में राज्य में अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में गिरावट आई है।
स्टालिन के हिंदी थोपने के बयान से उनका गुप्त एजेंडा आया सामने : अन्नामलाईतमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के आरोपों को खारिज करते हुए राज्य भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लेखित तीन भाषा नीति का उद्देश्य छात्रों को कई भाषाएं सीखने का अवसर प्रदान करना है। यह ¨हदी थोपने का प्रयास नहीं है।
एक्स पर अन्नामलाई ने कहा कि नीति को हिंदी थोपने के प्रयास के रूप में गलत तरीके से पेश कर मुख्यमंत्री ने डीएमके के छिपे हुए एजेंडे को सामने ला दिया है। उनकी बातों से लगता है कि केवल वे लोग ही कई भाषाएं सीख सकते हैं जिनके पास पैसा है।
अन्नामलाई ने कही ये बातस्कूल शिक्षा विभाग के नीति नोट का हवाला देते हुए अन्नामलाई ने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने स्वयं संस्कृत और अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण धन आवंटित किया था।
एक देश-एक चुनाव बिल संविधान की किसी विशेषता को प्रभावित नहीं करता, अटार्नी जनरल ने संसदीय समिति के सामने रखे विचार
पीटीआई, नई दिल्ली। अटार्नी जनरल (एजी) आर. वेंकटरमणी ने मंगलवार को एक संसदीय समिति को बताया कि एक देश-एक चुनाव के विधेयक संविधान की किसी भी विशेषता को प्रभावित नहीं करते और कानून की दृष्टि से सही हैं।
प्रस्तावित कानूनों में किसी संशोधन की आवश्यकता नहींसूत्रों ने बताया, संसद की संयुक्त समिति के समक्ष पेश हुए कुछ विधि विशेषज्ञों ने संविधान संशोधन विधेयक के कुछ पहलुओं पर कुछ सदस्यों की चिंताओं को साझा किया, लेकिन वेंकटरमणी ने कहा कि प्रस्तावित कानूनों में किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है।
विपक्षी दलों ने विधेयकों की आलोचना करते हुए उन्हें संविधान का उल्लंघन करने वाला बताया है। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान में दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष डीएन पटेल ने अपने प्रस्तुतीकरण में ''एक देश-एक चुनाव'' प्रस्ताव के सकारात्मक पहलुओं के साथ-साथ चुनौतियों पर भी चर्चा की।
यह अवधारणा राष्ट्र के लिए अच्छी हैउन्होंने कहा कि यह अवधारणा राष्ट्र के लिए अच्छी है, लेकिन किसी भी प्रस्तावित कानून में हमेशा सुधार किया जा सकता है। पटेल ने नीतिगत निरंतरता, दीर्घकालिक नीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बेहतर शासन, राजनीतिक दलों के प्रदर्शन का बेहतर आकलन करने की स्थिति में लोगों का जानकारी के साथ मतदान और लागत में कमी को सकारात्मक पहलू बताया।
हालांकि उन्होंने चुनौतियों में राज्य की स्वायत्तता पर संभावित प्रभाव के साथ संघवाद की चिंताओं व क्षेत्रीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दों के हावी होने के जोखिम को शामिल किया। उन्होंने कहा कि राज्यों के चुनावों को लोकसभा चुनावों के साथ कराने के लिए कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह विचार मौजूदा विधेयकों का हिस्सा नहीं है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया सवालजब पटेल ने एक साथ चुनाव के वैश्विक चलन का उल्लेख किया तो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल किया कि क्या स्वीडन और बेल्जियम जैसे देशों की तुलना भारत से की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लाभों के बारे में सभी दावे ज्यादातर अनुमान हैं, क्योंकि कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
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पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को मिली अहम जिम्मेदारी, नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त
पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को मंगलवार को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी।
झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारीझारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी गौबा ने 2019 से अगस्त 2024 तक पांच साल तक देश के शीर्ष नौकरशाह के रूप में कार्य किया।
अधिसूचना में कही ये बातअधिसूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने राजीव गौबा, आईएएस (जेएच:1982) सेवानिवृत्त को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्यों के लिए लागू समान नियमों और शर्तों पर नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी है।
गौबा ने केंद्रीय गृह सचिव, शहरी विकास मंत्रालय में सचिव और झारखंड के मुख्य सचिव के रूप में भी कार्य किया है।
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सामाजिक सुरक्षा कवच कमजोर होने के विकसित देशों की धौंस को जल्द बंद करेगा भारत, मोदी सरकार ने बनाया मास्टर प्लान
संजय मिश्र, नई दिल्ली। सामाजिक सुरक्षा के वैश्विक मानकों पर भारत के खरा न उतरने की दलील देकर विदेश में नौकरी करने वाले भारतीयों के भविष्य निधि फंड न देने से लेकर मुक्त व्यापार समझौते में सामाजिक सुरक्षा का प्रविधान हटा देने की विकसित देशों की धौंसगिरी अब ज्यादा लंबी नहीं चल पाएगी। भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज बीते कुछ वर्षों में दोगुनी बढ़त के साथ 48.8 प्रतिशत हो गया है।
इसके बाद केंद्र सरकार ने देशभर में जारी सामाजिक सुरक्षा की तमाम योजनाओं का डाटा अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आइएलओ) के मानकों के अनुरूप एकत्र करने का अभियान शुरू किया है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने आइएलओ के साथ मिलकर सामाजिक सुरक्षा के आंकड़े जुटाने के इस अभियान में अब तमाम राज्यों में लागू सामाजिक सुरक्षा तथा कल्याण योजनाओं के डाटा को भी इसमें शामिल करने की पहल शुरू करने का फैसला किया है।
संगठित आंकड़ों के अभाव का फायदा उठे रहे अमेरिका जैसे देशसरकार का मानना है कि भारत की सामाजिक सुरक्षा का कवरेज वर्तमान में 65 प्रतिशत है लेकिन संगठित आंकड़ों के अभाव में अमेरिका तथा अन्य विकसित देश इसका फायदा उठाने का प्रयास करते हैं। केंद्र सरकार की स्कीमों के अलावा राज्यों में महिलाओं, वृद्धों, विधवाओं को पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। लेकिन राज्यों की ऐसी पहल देश के सामाजिक सुरक्षा कवरेज के आंकड़ों का हिस्सा नहीं है।
इसके मद्देनजर ही श्रम मंत्राल ने आइएलओ के साथ मिलकर एक व्यापक डाटा-पुलिंग-एक्सरसाइज शुरू किया है। इसमें आधार को 34 प्रमुख केंद्रीय योजनाओं जैसे मनरेगा, ईपीएफओ, ईएसआइसी, अटल पेंशन योजना और पीएम-पोषण आदि में लाभार्थियों की पहचान के लिए इस्तेमाल किया गया। कुल 200 करोड़ रिकार्ड का विश्लेषण कर इसके विशिष्ट लाभार्थियों की पहचान की गई। श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस अध्ययन के अनुसार भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में है। इनमें से 48.8 प्रतिशत लोगों को नकद लाभ मिल रहे हैं।
आइएलओ के मानक आंकड़ों के हिसाब से 2021 के 24.4 प्रतिशत के मुकाबले भारत का सामाजिक सुरक्षा कवच 2024 में 48.8 प्रतिशत हो गया। यह वृद्धि इसलिए हुई क्योंकि अब उन सभी केंद्रीय योजनाओं को भी शामिल किया गया है, जिन्हें पहले नहीं गिना गया था। सुरक्षा मानकों की कसौटी पर खरा न उतरने को आधार बनाकर मुक्त व्यापार समझौते से सामाजिक सुरक्षा कवच के प्रविधान हटाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर मंडाविया ने कहा कि अमेरिका जैसे देशों में भी वहां नौकरी करने वाले भारतीयों के भविष्य निधि के फंड यहां आने के बाद नहीं दिए जाते।
इसलिए मंत्रालय ने राज्यों में चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का आंकड़ा आइएलओ के मानकों के अनुरूप जुटाने को लेकर चर्चा शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में महिलाओं, विधवाओं, वृद्धों को नकद राशि हर महीने देने की योजनाएं चल रही हैं। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना से इतर 16 राज्यों में संपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू है। 12 करोड़ लोगों को आवास दिया जा चुका है और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं के लाभ भी इसमें शामिल नहीं किए गए हैं।
राज्यों के साथ आंकड़े जुटाने को लेकर हुई बैठकमंडाविया ने कहा कि यदि इन पहलुओं को जोड़ा जाए तो भारत की वास्तविक सामाजिक सुरक्षा कवरेज 65 प्रतिशत से अधिक होगी। जबकि, विकसित देशों में सामाजिक सुरक्षा 60 से लेकर 90 प्रतिशत तक है।
राज्यों के साथ आंकड़े जुटाने की इस पहल के तहत पहले चरण में 19 मार्च को एक हाइब्रिड बैठक हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों का चयन किया गया है।
इन राज्यों से केंद्र स्तर पर डाटा एकत्र कर सत्यापन और मिलान किया जाएगा। श्रम मंत्री ने कहा कि जेनेवा में आइएलओ की अगली बैठक में सामाजिक सुरक्षा के भारत के आंकड़ों को शामिल करने का मुद्दा वे स्वयं उठाएंगे।
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