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PM Kisan Yojana: किसानों को बांटे गए 3.68 लाख करोड़ रुपये, शिवराज सिंह चौहान बोले- 'कृषि मशीनीकरण पर सरकार का जोर'

Dainik Jagran - National - March 25, 2025 - 8:48pm

पीटीआई, नई दिल्ली। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि सरकार ने 2019 में लांच की गई महत्वाकांक्षी योजना पीएम-किसान के तहत अपात्र किसानों से 416 करोड़ रुपये वसूले हैं। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने योजना की शुरुआत से अब तक 19 किस्तों में किसानों को 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।

चौहान ने यह भी कहा कि सरकार ने भारत में कृषि मशीनरी की स्थिति पर अध्ययन करने का जिम्मा भोपाल स्थित केंद्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान (सीआइएई) को सौंपा है।

कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देना सरकार का जोर

उन्होंने कहा कि सरकार का जोर कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने और छोटे एवं सीमांत किसानों और उन क्षेत्रों तक इसकी पहुंच बढ़ाने पर है जहां बिजली की उपलब्धता कम है।

गौरतलब है कि पीएम-किसान योजना फरवरी, 2019 में शुरू की गई थी। इसके तहत किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मोड के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।

बहरहाल, चौहान ने कहा, ''देश भर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है।''

उन्होंने बताया कि पीएम-किसान योजना शुरू में एक विश्वास-आधारित प्रणाली पर शुरू हुई थी, जहां लाभार्थियों को राज्यों द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर पंजीकृत किया गया था। शुरुआत में कुछ राज्यों के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता में भी ढील दी गई थी।

बाद में इस समस्या से निपटने के लिए पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम), यूआइडीएआइ और आयकर विभाग के साथ एकीकरण सहित कई तकनीकी हस्तक्षेप शुरू किए गए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि लाभ केवल पात्र लाभार्थियों को ही जारी किया जाए, भूमि सीडिंग, आधार-आधारित भुगतान और ईकेवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है।

चौहान ने कहा कि जो किसान इन अनिवार्य मानदंडों को पूरा नहीं करते थे, उनका लाभ रोक दिया गया। उन्होंने कहा, ''जब ये किसान अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा कर लेंगे तो उन्हें योजना का लाभ और उनकी देय किस्तें, यदि कोई होंगी, तो मिल जाएंगी।''

काश्तकार/पट्टाधारक किसान और राज्य सरकारें : कृषि राज्य मंत्री

रामनाथ ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकारें यह फैसला कर सकती हैं कि काश्तकार और पट्टेधारक किसानों को अपने किसान रजिस्ट्री में शामिल किया जाए या नहीं। डिजिटल कृषि मिशन के तहत राज्य किसान रजिस्ट्री, किसानों को सरकारी लाभों तक पहुंचने के लिए एक विशिष्ट किसान आइडी प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। अपने लिखित उत्तर में ठाकुर ने कहा कि राज्य किसान रजिस्ट्री में महिला किसानों सहित सभी भूमिधारक किसान शामिल हैं। सरकार ने 2,817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है।

भारत-अमेरिका और गैर-टैरिफ बाधाओं पर ध्यान : वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री

जितिन प्रसाद ने एक लिखित उत्तर में कहा कि भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते में बाजार पहुंच बढ़ाने, आयात शुल्क और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर अब तक पारस्परिक शुल्क लागू नहीं किया गया है। सरकार पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष तरीके से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखे हुए है।

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Kunal Kamra Controversy: 'कामरा माफी नहीं मांगेंगे, हमारा DNA एक जैसा', स्टैंड-अप कॉमेडियन को मिला संजय राउत का सपोर्ट

Dainik Jagran - National - March 25, 2025 - 8:21pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बचाव में शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत उतर चुके हैं। संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि कॉमेडियन कुणाल कामरा किसी के सामने नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि कामरा और उनका डीएनए एक जैसा है।

मीडिया से बातचीत करते हुए संजय राउत ने कहा, मैं कामरा को जानता हूं। हमारा डीएनए एक जैसा है। वह लड़ाकू है। वह माफी नहीं मांगेगा। अगर आपको उसके खिलाफ कार्रवाई करनी है, तो आपको कानूनी कदम उठाने होंगे।"

संजय राउत के इस बयान पर महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा,"कामरा और राउत का डीएनए एक जैसा हो सकता है। वह (कामरा) पागल है और यह व्यक्ति (संजय राउत) भी पागल है। वहीं, भाजपा एमएलसी परिणय फुके संजय राउत के बयान पर कहा कि दोनों का डीएनए एक जैसा होना चाहिए क्योंकि बदमाशों का डीएनए जैसा ही होता है।

कुणाल कामरा ने क्या कहा था?

बता दें कि हाल ही में स्टैंड-अप कॉमेडी करते हुए कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच गया।

कुणाल कामरा ने मुंबई के खार स्थित यूनीकांटीनेटल होटल के हैबिटेट स्टूडियो में पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहते हुए उनपर हिंदी फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की पैरोडी बनाकर गाई थी। इस कविता के वायरल होने के बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने उक्त स्टूडियो में जाकर जमकर तोड़फोड़ की।

शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने भी हैबिटेट स्टूडियो में तोड़-फोड़ की थी। वहीं, बीएमसी ने भी हैबिटेट स्टूडियो का एक हिस्सा तोड़ दिया।

हैबिटेट स्टूडियो में हुई तोड़फोड़ पर क्या बोले कुणाल कामरा?

सोमवार देर रात कुणाल कामरा ने तोड़फोड़ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। कुणाल कामरा ने पोस्ट करते हुए लिखा, उस भीड़ के लिए जिसने यह तय किया कि हैबिटेट पर हमला किया

मनोरंजन स्थल केवल एक मंच है। सभी प्रकार के शो के लिए यह एक स्थान है। हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है, न ही उसके पास इस बात पर कोई शक्ति या नियंत्रण है कि मैं क्या कहता हूं या करता हूं। न ही कोई राजनीतिक दल ये तय कर सकता है कि मैं क्या बोल रहा हूं।

एक कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है जितना कि आप टमाटर ले जा रहे ट्रक को सिर्फ इसलिए पलट दें क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया।

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Sebi puts WeWork IPO on abeyance; Indira IVF Hospital withdraws DRHP

Business News - March 25, 2025 - 8:20pm
Capital markets regulator Sebi has put WeWork India's IPO in abeyance, while returning the offer document of Star AgriwareHousing. According to another update, Indira IVF Hospital withdrew its draft IPO documents.Fertility clinic chain Indira IVF Hospital's IPO papers were filed through the confidential route. A confidential pre-filing route allows the company to withhold public disclosure of details under the DRHP. Further, pre-filing DRHP does not guarantee the company will go ahead with the IPO.WeWork, which filed DRHP in February, planned to offer 3.3 crore shares under the OFS route. As per the DRHP, Embassy Buildcon offered to sell up to 3.3 crore shares, while Ariel Way Tenant, through which WeWork Inc holds stake in the Indian company, is seeking to offer about 1 crore shares.Founded in 2017, the Embassy Group holds a 72.4% stake in WeWork India, while Ariel Way Tenant holds 22.28%.The company benefits from being part of WeWork Global, a flexible office space provider with about 600 wholly owned and licensed locations in 35 countries.As of March 2024, WeWork India recorded the highest EBITDA among benchmarked operators, the company said in the DRHP. In fiscal 2024, its operating income rose 26% to Rs 1,661.6 crore from Rs 1,314 crore the previous year. Operating profit before depreciation, interest and tax improved to 63.1% in FY24 from 60.7%, it said.As of the first half of the calendar year 2024, WeWork India achieved an average revenue-to-rent multiple of 2.7, surpassing the industry average, as per the DRHP. Currently, 93% of its portfolio (by area) consists of Grade-A developments, with over 85% of its stock located in 23 key clusters identified for flexible workspaces across the country, the document said.On the other hand, Sebi returned the draft IPO papers of Agriwarehousing and Collateral Management Ltd, a tech-driven agricultural services firm, on March 19.The company's proposed IPO comprises a fresh issue of equity shares aggregating up to Rs 450 crore and an Offer-For-Sale (OFS) component of 2.69 crore equity shares by promoters and an investor, according to the draft papers filed in December.
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Bihar: DEO और DPO पर लटक रही कार्रवाई की तलवार! शिक्षा विभाग ने मार्च खत्म होने से पहले दे दी अंतिम चेतावनी

Dainik Jagran - March 25, 2025 - 8:06pm

राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने एसी-डीसी बिल जमा नहीं करने वाले जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

31 मार्च से पहले एसी-डीसी बिल विपत्र जमा करना अनिवार्य है। साथ ही, शिक्षा विभाग ने विभिन्न योजनाओं की राशि के वाउचर या चालान जमा करने का निर्देश दिया है।

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को स्पष्ट तौर से कहा है कि विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय प्रबंधन को प्राथमिकता देनी होगी।

साथ ही, खर्च राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र समय से देना होगा। इसमें देरी होने का मतलब है कि एसी-डीसी बिल को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।

बता दें कि राज्य में स्कूली शिक्षा व्यवस्था पर खर्च 737.44 करोड़ का हिसाब नहीं मिल रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को सप्ताह भर के अंदर एसी-डीसी बिल देने को कहा है।

अवकाश के दिन भी शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश
  • सभी हाइस्कूलों के प्रधानाध्यापक एवं अन्य संबंधित कर्मचारियों को 31 मार्च तक रविवार एवं अन्य विभागीय अवकाश के दिन भी विद्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
  • इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया। विदित हो कि इन स्कूलों में एफटीटीएच ब्राडबैंड कनेक्टिविटी बीएसएनएल के माध्यम से दी जाएगी।
  • इसके लिए सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को अवकाश के दिन भी विद्यालय खुला रखने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश 31 मार्च तक प्रभावी होगा।
शिक्षा विभाग ने गलत जीएसटी वाली एजेंसी को किया 25 लाख का भुगतान

मुजफ्फरपुर जिले के विभिन्न स्कूलों में सबमर्सिबल, बेंच डेस्क व प्रीफैब स्ट्रक्चर में गड़बड़ी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने गलत जीएसटी वाली एजेंसी को लाखों रुपये का भुगतान किया है। ऑडिट टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के इस अनियमितता को पकड़ा है।

टीम ने ऐसी एजेंसी को कार्य आवंटित किए जाने पर भी सवाल खड़ा किया है। सरकारी स्कूलों में बच्चों की बैठने की समस्या पर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ने तत्काल प्री फैब स्ट्रक्चर के निर्माण का आदेश दिया था।

इस पर जिले के विभिन्न स्कूलों में इसका निर्माण कराया गया। विभाग ने एजेंसी को कार्य आवंटन कर दिया। बिना गुणवत्ता जांच किए भुगतान भी किया गया है।

इसी कड़ी में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने 18 मार्च 2024 को बच्चों को बैठने के लिए प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में प्री फैब के लिए अशोक कुमार एजेंसी का 25 लाख का बिल पारित किया गया।

ऑडिट टीम ने कार्यालय के कागजात की जांच की। इसमें पाया कि अशोक कुमार एजेंसी के अभिश्रव में जो जीएसटी संख्या का उल्लेख है वह गलत है।

गलत जीएसटी संख्या वर्णित होने के बाद भी इस एजेंसी का प्री फैब स्ट्रक्चर निर्माण के लिए क्यों चयन किया गया? आडिटर ने पूछा कि बिना उचित जीएसटी पंजीकरण के प्री फैब स्ट्रक्चर के लिए कार्य क्यों दिया गया?

इस संबंध में लेखापरीक्षा को अवगत कराया जाए। आडिट आपत्ति का जवाब देने में शिक्षा अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि हर स्तर पर गड़बड़ी हुई है।

ऑडिटर रिपोर्ट आने के बाद से जिलाधिकारी के स्तर से गठित जांच टीम की रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई शिक्षकों ने कहा अधिकारियों को बचाने का काम किया जा रहा है।

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Business News - March 25, 2025 - 8:05pm
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EPFO Rules: अब UPI और ATM से निकल जाएगा PF का पैसा, जानिए कब से शुरू होगी सुविधा

Dainik Jagran - National - March 25, 2025 - 8:05pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर के EPFO के करोड़ों मेंबरों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जून से अब आप पीएफ का पैसा आसानी से एटीएम और यूपीआई से निकाल पाएंगे। इसको लेकर लगभग तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

दरअसल, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि PF सदस्य इस साल मई या जून के अंत तक UPI और ATM के माध्यम से पीएफ का पैसा निकालने में सक्षम होंगे।

1 लाख रुपये की तुरंत होगी निकासी

दरअसल, सुमिता डावरा ने बताया कि मई के अंत या जून तक EPFO के सदस्य अपने पीएफ के पैसों को आसानी से निकाल सकने में सक्षम होंगे। वे सीधे UPI पर अपने PF खाते की शेष राशि देख पाएंगे। वहीं, पात्र होने की स्थिति में तुरंत 1 लाख रुपये तक निकाल पाएंगे और स्थानांतरण के लिए अपना पसंदीदा बैंक खाता चुन पाएंगे।

उन्होंने बताया कि संगठन ने नियमों को आसान किया है और निकासी विकल्पों का काफी विस्तार किया है। EPFO के सदस्य अब मौजूदा बीमारी प्रावधानों के अलावा आवास, शिक्षा और विवाह के लिए भी धनराशि निकाल सकते हैं।

नियमों के आसान होने से मिला लाभ

सुमिता डावरा ने यह भी बताया कि EPFO ने अपनी सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि पीएफ से पैसा निकासी प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने के लिए 120 डाटाबेस को एकत्र करने का काम किया गया है। इसके साथ ही दावा प्रक्रिया का समय अब घटकर 3 दिन रह गया है। उन्होंने बताया कि 95% दावे स्वचालित हैं और इस प्रक्रिया को और सरल बनाने की योजना है।

पेंशनभोगियों को मिला ये लाभ
  • हाल के सुधारों के बाद से पेंशनभोगियों को भी काफी सुविधाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर से अब तक 78 लाख पेंशनभोगियों को किसी भी बैंक शाखा से धनराशि निकालने में सफलता हासिल हुई है। पहले की कई बाधाओं को अब हटा दिया गया है, जिसका सीधा लाभ पेंशनभोगियों को मिला है।
  • उन्होंने बताया कि इन सुधारों पर काम करना आसान नहीं था। EPFO पूरे देश में फैले अपने 147 क्षेत्रीय कार्यालयों में हर महीने 10-12 लाख नए सदस्य जोड़ रहा है। वर्तमान में 7.5 करोड़ से अधिक एक्टिव मेंबर हैं।
  • उन्होंने बताया कि जल्द ही होने वाले UPI और एटीएम आधारित पीएफ निकासी भारत के डिजिटल वित्तीय परिर्वतन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इससे लाखों लोगों को सीधा फायदा होगा और उनके लिए चीजें आसान होंगी।

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