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Sitamarhi Lok Sabha Seat: जदयू से देवेश चंद्र ठाकुर और राजद से अर्जुन राय, कौन होगा सीतामढ़ी का 'सिकंदर'?
राज्य ब्यूरो, पटना। Sitamarhi Lok Sabha Seat सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में विगत दो आम चुनावों के आंकड़े यह रहे हैं कि वहां हार-जीत बड़े अंतर से होती रही है। वोटर अगर किसी के पक्ष में वोट कर रहे तो खुलकर करते हैं।
विगत दो आम चुनावों का आंकड़ा यह भी रहा कि वहां मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी दर्ज होती रही है। वर्ष 2014 के आम चुनाव में सीतामढ़ी में 57.18 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि 2019 में वहां 59,30 प्रतिशत मतदान हुआ।
2019 के आम चुनाव में हार-जीत का अंतर 24.12 प्रतिशतवर्ष 2019 के आम चुनाव में सीतामढ़ी में हार-जीत का अंतर 24.12 प्रतिशत दर्ज किया गया। जदयू के टिकट पर मैदान में रहे सुनील कुमार पिंटू को तब 54.65 प्रतिशत वोट आए थे। उन्हें 5,67,745 वोट मिले थे। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजद के अर्जुन राय को 30.53 प्रतिशत वोट आए थे। उन्हें 3, 17,206 वोट मिले थे।
दिलचस्प यह था कि 2019 में चार निर्दलीय प्रत्याशियों ने 66,557 हजार वोट अपने नाम कर लिए थे। एक निर्दलीय प्रत्याशी को 20,487 तथा दो निर्दलीय प्रत्याशी को क्रमश: 17,224 तथा 17,270 वोट मिले थे।
2014 के आम चुनाव में हार-जीत का मार्जिन 16.43 प्रतिशत रहावर्ष 2014 के आम चुनाव में सीतामढ़ी में हार-जीत का मार्जिन 16.43 प्रतिशत दर्ज किया गया था। उस वर्ष रालोसपा के प्रत्याशी रामकुमार शर्मा को यहां से जीत मिली थी। उन्हें 45.67 प्रतिशत वोट आए थे। उन्हें मिले वोटों की संख्या 4,11,265 थी। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजद के सीताराम यादव को 29.24 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्हें मिले वोटों की संख्या 2, 63,900 थी।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में सीतामढ़ी से जदयू ने भी चुनाव लड़ा था। तब अर्जुन राय जदयू के टिकट पर मैदान में थे। उन्हें दस प्रतिशत वोट आए थे। उन्हें मिले वोटों की संख्या 97,188 थी। तब सीतामढ़ी से लड़ रहे अन्य प्रत्याशियों ने 49, 906 वोट हासिल किए थे। उक्त चुनाव में आप ने भी सीतामढ़ी से अपना प्रत्याशी दिया था और उन्हें 18,043 वोट मिले थे। एक निर्दलीय प्रत्याशी को 20,613 वोट आया था।
दो चुनाव से बदल रहे दलीय प्रत्याशीविगत दो आम चुनाव से सीतामढ़ी से दलीय प्रत्याशी बदल जा रहे। वर्ष 2014 में इस सीट से रालोसपा ने लड़ा था और तब जदयू ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था। वर्ष 2019 के आम चुनाव में जदयू ने भाजपा के साथ मिलकर यहां से चुनाव लड़ा और सुनील कुमार पिंटू को जदयू ने यहां से अपना प्रत्याशी बनाया।
इस बार जदयू ने यहां से अपना प्रत्याशी बदल दिया है। देवेश चंद्र ठाकुर यहां से एनडीए के प्रत्याशी है। वैसे राजद के टिकट पर मैदान मे डटे अर्जुन राय पुन: इस बार राजद के टिकट पर मैदान में है। वर्ष 2019 में वह राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में थे। वर्ष 2014 में उन्होंने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
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Nitish Kumar: ...तो इस वजह से PM मोदी के नामांकन में नहीं जा सके CM नीतीश कुमार, सामने आई ये वजह
राज्य ब्यूरो, पटना। Nitish Kumar Health News मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को अस्वस्थ हो गए। इस वजह से उनके सारे कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। मुख्यमंत्री को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होना था।
अस्वस्थता की वजह से उनका यह कार्यक्रम टल गया। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी मंजू सिन्हा की पुण्यतिथि भी 14 मई को है। वह उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने प्रति वर्ष पटना के कंकड़बाग स्थित मंजू सिन्हा स्मृति पार्क जाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री को हुआ फीवरवहां से वह अपने पैतृक गांव कल्याणबिगहा जाकर मंजू सिन्हा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते थे। मगर अस्वस्थता की वजह से वह कार्यक्रम स्थगित हो गया। बताया गया कि मुख्यमंत्री ज्वर से पीड़ित हो गए हैं।
नोट- खबर को जल्द अपडेट किया जाएगा
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Bihar News: चर्चित BJP नेता हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, RJD के बाहुबली विधायक रितलाल यादव को किया बरी
जागरण संवाददाता, पटना। चर्चित भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड मामले में एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश सारिका बहालिया की अदालत ने मामले के आरोपित दानापुर के विधायक रीतलाल यादव सहित चारों आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। मामले के अन्य आरोपित रंजन, श्रवण और सुनील हैं।
खबर पर अपडेट जारी है...
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अरुण अशेष, पटना। Bihar Politics In Hindi चार जून को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम निकलेंगे तो उसमें अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम की भी झलक मिलेगी। लोकसभा चुनाव के प्रचार के समय ही लोगों को अगले चुनाव के लिए सतर्क किया जा रहा है।
राजग (NDA) के डबल इंजन सरकार के प्रचार में विधानसभा चुनाव में गठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील अंतरनिहित है। महागबंधन के प्रचार में भी अगली बार, तेजस्वी सरकार (Tejashwi Yadav) की मांग साफ सुनाई देती है।
महागठबंधन युवाओं को आश्वासन दे रहा है कि केंद्र और राज्य में महागठबंधन यानी आईएनडीआईए की सरकार बनती है तो उनके लिए सरकारी नौकरियों का इतना बड़ा दरवाजा खुलेगा, जिसमें सभी बेरोजगार प्रवेश कर जाएंगे।
सोशल इंजीनियरिंग के आधार पर लड़ा जाता है राज्य का चुनावराज्य का चुनाव हमेशा सामाजिक समीकरण यानी सोशल इंजीनियरिंग के आधार पर लड़ा जाता है। विभिन्न जाति समूहों को किसी गठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए सहमत कर लेना ही यहां सोशल इंजीनियरिंग है। कभी कांग्रेस की जीत सवर्ण, मुसलमान और वंचितों (अनुसूचित जातियों)की एकमुश्त गोलबंदी के आधार पर बनती थी।
Bihar News भागलपुर का कुख्यात सांप्रदायिक दंगा और मंडल के प्रादुर्भाव के बाद तत्कालीन जनता दल ने मुसलमानों को उस समीकरण से बाहर कर अपने साथ जोड़ लिया। कांग्रेस के पास वंचित और सवर्ण रह गए। मंडल आंदोलन में तेजी आई और उसके मुकाबले मंदिर आन्दोलन शुरू हुआ तो सवर्ण भाजपा से जुड़ गए।
वंचितों के वोट कई हिस्से में विभाजित हुए। लेकिन, 1995 के विधानसभा चुनाव के साथ एक बड़ी सामाजिक गोलबंदी सामने आई, जिसने उस समय के जनता दल और उसके नेता लालू प्रसाद को अपराजेय बना दिया। यही वह समय था, जब मंडल और मंदिर से इतर लालू प्रसाद (Lalu Yadav) के पक्ष और विपक्ष में गोलबंदी होने लगी।
2005 में लालू प्रसाद बिहार की सत्ता से बाहर हो गएइसका परिणाम ठीक 10 साल बाद आया, जब 2005 में लालू प्रसाद बिहार की सत्ता से बाहर हो गए। उनके पास सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर माय समीकरण बचा रह गया था। बिहार में इस समय लोकसभा चुनाव की रणनीति और प्रचार-प्रसार पर ध्यान दें तो साफ लगेगा कि यह वर्तमान से अधिक अतीत पर आश्रित है।
लालू प्रसाद महागठबंधन को 1995 के जनाधार के स्तर पर लाना चाह रहे हैं। उधर राजग की रणनीति का मूल पाठ यह है कि कैसे लालू प्रसाद और उनके गठजोड़ को 2005 की तरह किनारे कर दिया जाए।
यही कारण है कि राजग के नेता केंद्र में दस साल और राज्य में 19 साल की सरकार की उपलब्धियों के साथ लालू प्रसाद के शासन का डर दिखा रहे हैं। क्योंकि विकास की भौतिक उपलब्धियों के बाद भी लालू प्रसाद का डर विरोधी वोटों की गोलबंदी का अबतक सबसे बड़ा सूत्र रहा है।
यही वह डर है, जिसने अगड़े-पिछड़े के भेद को मिटाकर बड़ी आबादी को राजग के पक्ष में गोलबंद कर दिया था। राजग की रणनीति से लालू प्रसाद परिचित हैं। लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में महागठबंधन ने चतुराई का परिचय दिया। 2005 से लेकर उसके बाद तक कई जातियां लालू प्रसाद से छिटक कर राजग के पाले में चली गई।
किस समाज को नहीं इस बार नहीं मिली टिकटइनमें पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के अलावा सवर्ण और वंचित हैं। महागठबंधन ने लोकसभा की 40 में से 20 टिकट उन जातियों के बीच बांट दिए, जिन्हें 2005 और उसके बाद राजग के घटक दलों से जोड़ कर देखा जाता था।
कुशवाहा, वैश्य और भूमिहार के अलावा वंचितों में पासवान को राजग के कट्टर समर्थक के रूप में देखा जाता था। महागठबंधन के 20 उम्मीदवार इन्हीं जातियों के हैं। हां, 36 प्रतिशत की आबादी वाली अति पिछड़ी जातियों को उनकी संख्या के अनुपात में उम्मीदवारी नही दी गई। इनके दो उम्मीदवार बनाए गए।
इन्हें अब भी राजग के खाते में माना जाता है। लोकसभा चुनाव परिणाम से यह भी पता चलेगा कि लालू प्रसाद अपनी सोशल इंजीनियरिंग में किस हद तक सफल हुए। अगर उन्हें सफलता मिल जाती है तो विधानसभा चुनाव में भी इसी पैटर्न पर टिकट का वितरण कर वे 20 साल बाद 2025 में फिर से सत्ता में आने का सपना देेख सकते हैं।
तब वे 1995 के अपने आधार को छूने के बारे में सोच सकते हैं। यही कारण है कि राजग पुराने शासन की याद दिला रहा है। इधर राजद (RJD) खुल कर मंडल के दौर की वापसी का प्रयास कर रहा है।
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Patna News : पहली शादी के बाद मांगा 10 लाख, नहीं मिले तो रचाया दूसरा विवाह; अब कोर्ट के आदेश से उड़े होश
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने दो दशक पहले सार्वजनिक क्षेत्र के एक संगठन में साथ काम करते हुए प्रेम विवाह करने वाले एक जोड़े की वैवाहिक स्थिति को बरकरार रखते हुए, अपनी कानूनी रूप से विवाहित पहली पत्नी को छोड़ने के लिए पति पर एक लाख रुपये का मुकदमा खर्च लगाया।
न्यायाधीश पीबी बजनथ्री एवं न्यायाधीश अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने भागलपुर के तिलकामांझी निवासी नीरज कुमार सिंह की अपील को खारिज करते हुए भागलपुर के परिवार न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा, जिसने अपीलकर्ता (पति) को पहली पत्नी टेसू कुमारी के साथ अपने वैवाहिक संबंध को बहाल करने का निर्देश दिया था, जिसे उसने शादी के दो वर्ष बाद ही छोड़ दिया था।
खंडपीठ ने कहा कि नीरज ने बिना किसी उचित कारण के टेसू को छोड़ दिया और इसलिए वह इस निर्णय की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमे की लागत की राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।
क्या है मामलाएलआईसी की भागलपुर स्थित एक शाखा में अपीलकर्ता ने 9 नवंबर, 2003 को बगैर पारिवारिक सहमति से भागलपुर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार प्रतिवादी टेसू कुमारी के साथ विवाह किया।
अपीलार्थी एवं प्रतिवादी लगभग दो वर्षों तक शांतिपूर्वक वैवाहिक जीवन व्यतीत करता रहा, लेकिन जब यह तथ्य अपीलार्थी के माता-पिता को ज्ञात हुआ, उन्होंने अपीलार्थी पर समान जाति की दूसरी महिला के साथ अच्छा दहेज लेकर विवाह करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
धन के लालच में पहली पत्नी से बनाई दूरीधन के लालच में और अपनी मां के उकसावे में आकर अपीलार्थी ने प्रतिवादी से 10 लाख रुपये की मांग की और मांग पूरी न होने पर अपीलार्थी ने प्रतिवादी से दूरी बनानी शुरू कर दी और बाद में दहेज लेकर दूसरी महिला के साथ विवाह कर लिया।
अपीलार्थी की दूसरी शादी के बारे में पता चलने पर प्रतिवादी अपीलार्थी के पैतृक निवास पर गई, लेकिन अपीलार्थी के परिवार के सदस्यों ने प्रतिवादी के साथ दुर्व्यवहार किया और उसे धमकाया।
लगातार दहेज की मांग के कारण प्रतिवादी ने अपीलार्थी और उसकी मां के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत अपराध के लिए एफआईआर दर्ज कराई। प्रतिवादी ने वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए परिवार न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की।
तथ्यों के मद्देनजर परिवार न्यायालय ने शादी को वैध ठहराते हुए पहली पत्नी के साथ वैवाहिक अधिकारों की बहाली का आदेश दिया था। अपीलकर्ता पति ने परिवार न्यायालय के इसी निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
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Bihar Politics : मुकेश सहनी और कांग्रेस के साथ हो गया घात, 2 कद्दावर नेता BJP में शामिल; क्या बोले सम्राट चौधरी?
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को आयोजित मिलन समारोह में विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. राजीव मिश्रा एवं कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा सहित कई नेताओं ने भाजपा (BJP) की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने इन सभी नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई और उनका स्वागत किया। चौधरी ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि आज भाजपा लोगों की पसंद बन गई है।
क्या बोले विजय सिन्हाउन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस चुनाव में एनडीए 400 का आंकड़ा पार करेगी। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है।
उन्होंने कहा कि यह पार्टी किसी परिवार की पार्टी नहीं, बल्कि भाजपा ही एक परिवार है। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वालों में राजीव मिश्रा, विनोद शर्मा व अशोक कुमार चौहान के अलावा जाप के नेता रघुपति सिंह सहित कई प्रमुख नेता शामिल थे।
मुकेश सहनी के विरुद्ध भाजपा नेता की शिकायतभाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ तस्वीर लगाकर फेसबुक और एक्स इंटरनेट मीडिया पर विकाशील इंसान पार्टी (वीआइपी) की सदस्यता ग्रहण करने की बात पोस्ट करने पर बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी अरविंद शर्मा ने कोतवाली थाने में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के विरुद्ध शिकायत की है।
तस्वीर में मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को पुष्पगुच्छ देते दिख रहे हैं। आरोप है कि वीआइपी भ्रम पैदा करने के लिए ऐसा किया है। थानेदार राजन कुमार ने बताया कि लिखित शिकायत मिली है। जांच की जा रही है।
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Sushil Modi : सुशील-नीतीश की जोड़ी रहेगी याद... बिहार में बदलाव के क्रेडिट का कभी नहीं किया दावा, भीड़ से रहे अलग
जागरण संवददाता, पटना। Sushil Modi : भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की पहचान जुझारू नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी रही। भ्रष्टाचार के विरोध में सबसे बुलंद आवाज। जिस दौर में बिहार हत्या लूट और अपहरण के लिए कुख्यात था, उस समय सुशील कुमार मोदी सदन से सड़क तक विपक्ष की निडर आवाज रहे।
बदलाव के लिए कभी नहीं किया क्रेडिट का दावास्कूटर पर घूमते सुशील मोदी के कई किस्से उस दौर के नेता- पत्रकार जानते हैं। वह सचमुच बिहार भाजपा के शांत सियासी योद्धा थे। बिहार में क्रेडिट लेने वाले नेताओं की भीड़ से सुशील कुमार मोदी अलग थे।
उन्होंने बदलाव के लिए काम तो किया मगर क्रेडिट पर दावा कभी नहीं किया। बिहार में बदलाव लाने के लिए हमेशा नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी को याद किया जाएगा।
साइलेंट वॉरियर थे सुशील मोदीसुशील इस बदलाव के साइलेंट वाॅरियर थे। नीतीश कुमार की राजग में दोबारा वापसी में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उस समय महागठबंधन की सरकार में लालू परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कई मामले उजागर किए थे। इसको लेकर लगातार प्रेस वार्ता भी की थी। नतीजा, सरकार अस्थिर हुई और राजद से नाता तोड़ नीतीश वापस भाजपा के साथ आ गए।
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। वह कैंसर से जूझ रहे थे और दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। वह 72 साल के थे। उनके निधन की खबर मिलने के बाद से सियासी गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Mukesh Sahani : विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) दिवंगत नेता रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि रामविलास पासवान की मूर्ति किसने तोड़वाई, परिवार के सदस्यों को आवास से किसने भगाया, परिवार में लड़ाई किसने लगवाई।
पीएम मोदी हमदर्दी का कर रहे नाटक: मुकेश सहनीउन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिस तरह से हमदर्दी का नाटक कर रहे, उनके अभिनय के सामने सफल अभिनेता भी फेल हो जाएंगे। सहनी सोमवार को गोपालगंज, सिवान, महाराजगंज और हाजीपुर में चुनाव प्रचार रहे थे।
उन्होंने कहा कि जनता लोकतंत्र में मालिक है, लेकिन आज केंद्र की सरकार जनता द्वारा चुने विधायकों को खरीद लेती है और चुनी गई सरकार को गिरा देती है। उन्होंने ऐसी सरकार को हटाने की अपील की।
भाजपा आरक्षण को खत्म करना चाहती है: मुकेशउन्होंने कहा कि भाजपा (BJP) को बाबा साहब के संविधान पर भरोसा नहीं, इसलिए वह इसे बदलना चाहती है। आरक्षण को समाप्त करना चाहती है।
इसी संविधान के कारण आज हमलोग सिर उठाकर जीते है और आज इसे ही समाप्त करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पांच साल में चुनाव इसलिए आता है कि जो नेता अपने वादों को पूरा नहीं करे, उसे जनता बदल सके। उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशियों की जीत की अपील की।
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डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi Death) के निधन की सूचना मिलते ही देश भर में सोमवार की देर शाम शोक की लहर दौड़ गई। पक्ष और विपक्ष के लगभग सभी नेताओं ने शोक प्रकट किया। उन्होंने लिखा उनका निधन बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।
बता दें कि सुशील मोदी (Sushil Modi Last Rites) का अंतिम संस्कार पटना में होगा। दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर पटना के लिए रवाना हो गया है। सुशील मोदी का पार्थिव शरीर दोपहर 12 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचेगा, वहां से उनके आवास ले जाया जाएगा जहां लोग श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। 2:00 बजे विधानसभा ले जाने की बात कही जा रही है।
#WATCH | Delhi: Mortal remains of former Bihar Deputy CM Sushil Kumar Modi being taken from AIIMS.
Sushil Modi passed away at Delhi's AIIMS yesterday. The 72-year-old was battling cancer and was admitted to the intensive care unit of AIIMS. pic.twitter.com/1Q7oYQquPR
— ANI (@ANI) May 14, 2024 सुशील मोदी नहीं कर सकेंगे देहदानइस बीच, यह भी खबर सामने आ रही है कि दधिचि देहदान समिति और मां वैष्णो देवी सेवा समिति के संरक्षक रहे सुशील कुमार मोदी अपना देहदान नहीं कर सकेंगे। कैंसर के कारण मेडिकल छात्रों की पढ़ाई या मरीजों के लिए उनके अंग नहीं लिए जा सकेंगे।
बताते चलें कि प्रदेश में अंगदान व देहदान को बढ़ावा देने के लिए सुशील मोदी ने अथक प्रयास किये थे, उप मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ लेने के बाद उनकी सक्रियता से नेत्रदान देहदान बढ़ा था। इस क्रम में उन्होंने अपने शरीर को भी दान करने का संकल्प लिया था।
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Lok Sabha Election : पांचवें चरण की 5 सीटों से अब तक कोई महिला नहीं पहुंच सकी संसद, सिर्फ एक बार मिला प्रत्याशी बनने का मौका
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। पांचवें चरण के तहत बिहार के जिन पांच लोकसभा क्षेत्रों क्रमश: सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, हाजीपुर व मुजफ्फरपुर में मतदान होना है। वहां आधी आबादी को लेकर राजनीतिक दलों में किस तरह की गंभीरता है।
इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 1957 से अब तक इन क्षेत्रों से कोई महिला संसद में नहीं पहुंची। एक बार राबड़ी देवी ने सारण से चुनाव जरूर लड़ा, पर उन्हें जीत हासिल नहीं हुई।
मां जानकी से पहचान रखने वाले सीतामढ़ी में वोटरों के बीच नहीं रहीं महिला प्रत्याशीसीतामढ़ी की पहचान मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम से है। पर 1957 से अगर हम यहां के लोकसभा चुनाव को देखते हैं तो अब तक एक भी महिला यहां से सांसद नहीं हुई। बिहार के बाहर से आकर जेबी कृपलानी ने वहां 1957 का लोकसभा चुनाव जीता।
बाद के चुनावों में कांग्रेस, जनता पार्टी, कांग्रेस (यू), जदयू, राजद व रालोसपा के प्रत्याशी को यहां से जीत मिली। इनमें किसी भी दल ने महिला को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया।
सृजनशीलता के लिए चर्चित मधुबनी से अब तक किसी भी महिला को नहीं बनाया दलीय प्रत्याशीमधुबनी का जिक्र जब भी होता है तो वहां की महिलाओं की सृजनशीलता की बात आगे आती है। अब तक वहां की आठ महिलाओं को मधुबनी पेंटिंग्स में उत्कृष्टता के लिए पद्म पुरस्कार मिल चुका है। दुनिया भर में अपनी इस सृजनशीलता के लिए मधुबनी की महिलाएं चर्चा में रही हैं।
वर्ष 1975 मे जगदंबा देवी को पहली बार मधुबनी पेंटिंग्स के लिए पद्मश्री मिला था। इसके बाद सीता देवी को 1981, गंगा देवी को 1984, महासुंदरी देवी को 2011, बौआ देवी को 2017, गोदावरी देवी को 2019, दुलारी देवी को 2021 तथा 2023 में पेपरमेशी कला के लिए सुभद्रा देवी को पद्म पुरस्कार मिला।
मधुबनी में 1957 से अब तक कांग्रेस, भाकपा, जनता पार्टी व भाजपा को जीत मिली है। पर इन दलों ने किसी भी महिला को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया।
सारण से एक बार राबड़ी देवी को मौका जरूर मिला, पर वह जीत नहीं सकींसारण से 2014 में राबड़ी देवी राजद के टिकट पर उम्मीदवार बनीं, पर वह जीत नहीं पाईं। उन्हें 36.38 प्रतिशत वोट आए थे, पर भाजपा के राजीव प्रताप रूडी 41.12 प्रतिशत वोट हासिल कर चुनाव जीत गए थे। वैसे इस बार राबड़ी देवी की पुत्री रोहिणी आचार्य सारण से राजद की उम्मीदवार हैं।
मुजफ्फरपुर में बड़े दिग्गजों की मौजूदगी में महिला उम्मीदवार पर सोचा ही नहीं गयामुजफ्फरपुर में भी 1957 से अब तक एक भी महिला को संसद में पहुंचने का मौका नहीं मिला। वहां इतने अधिक दिग्गज चुनाव में रहे कि किसी भी दल ने महिला प्रत्याशी के बारे में सोचा तक नहीं।
हाजीपुर की प्रवृत्ति भी मुजफ्फपुर की तरहहाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की प्रवृत्ति भी मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र की रही। दिग्गजों की मौजूदगी में महिला प्रत्याशी हो, इसपर विमर्श ही नहीं हो पाया।
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Bihar Weather : बिहार में आज भी वर्षा के आसार, आंधी-पानी को लेकर इन सात जिलों में अलर्ट जारी; पटना में ऐसा रहेगा मौसम
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather Today राजधानी समेत आसपास इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौसम में नरमी बना हुआ है। प्रदेश में अगले हफ्ते तक मौसम में विशेष बदलाव के आसार नहीं हैं। हीट वेव (लू) व भीषण गर्मी पर विराम लगा रहेगा।
हालांकि, अगले तीन से चार दिनों के दौरान प्रदेश के अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के आसार हैं।
Bihar IMD Alert मंगलवार को पटना व आसपास इलाकों में बादलों की आवाजाही बने होने के साथ उत्तरी भागों के सात जिलों के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार में गरज-तड़क के साथ आंधी-पानी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
काल वैशाखी का प्रभाव बने रहने की संभावनामौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, प्रदेश में प्री मानसून सीजन के दौरान इस प्रकार गतिविधियां बने होने के कारण काल वैशाखी का प्रभाव बने रहने की संभावना है। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तरी भागों के अधिसंख्य भागों में वर्षा दर्ज की गई। सुपौल (राघोपुर) में सर्वाधिक वर्षा 52.1 मिमी दर्ज किया गया।
राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री गिरावट के साथ 35.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 39.6 डिग्री सेल्सियस के साथ बक्सर में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। डेहरी व शेखपुरा को छोड़कर पटना सहित शेष जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई।
इन जगहों पर दर्ज हुई वर्षाBihar News सुपौल के बीरपुर में 44.0 मिमी, अररिया के नरपतगंज में 42.2 मिमी, पूर्वी चंपारण के ढाका में 24.2 मिमी, अररिया के सिकटी में 20.4 मिमी, फारबिसगंज में 20.4 मिमी, दरभंगा के बेनीबाद में 20.0 मिमी, किशनगंज के ठाकुरगंज में 18.4 मिमी, रोहतास के दिनारा में 18.2 मिमी, किशनगंज के टेढागाछ में 14.8 मिमी, मधुबनी के झंझारपुर में 14.6 मिमी एवं पूर्णिया में 12.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। प्री मानसून के दौरान प्रदेश में अभी सामान्य से 21 फीसद अधिक वर्षा हुई है।
प्रमुख शहरों का तापमानशहर अधिकतम न्यूनतमपटना 35.9 25.8
गया 37.6 25.2
भागलपुर 36.6 23.2
मुजफ्फरपुर 33.4 24.7
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Sushil Modi Death: Sushil Modi Death: लालू यादव और CM नीतीश सहित इन दिग्गज नेताओं ने जताया सुशील मोदी के निधन पर दुख
जागरण टीम, पटना। Sushil Modi Death News जेपी आंदोलन के सहयोगी और अपने पुराने मित्र भाजपा नेता सुशील मोदी के निधन पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गहरा शोक व्यक्त किया है। राजद के दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने भी शोक जताया है।
सुशील मोदी के निधन की सूचना मिलने के बाद लालू प्रसाद ने कहा कि सुशील मोदी 1974 के छात्र आंदोलन के उनके सहयोगी थे। हमने एक संघर्ष और आंदोलन का अपना एक साथी को खो दिया है। उनकी कमी हमेशा महसूस होती रहेगी।
सन 74 के आंदोलन में हम दोनों ने साथ में किया संघर्ष- लालूलालू प्रसाद ने कहा कि सन 74 के आंदोलन में हम दोनों ने साथ में संघर्ष और आंदोलन किया और अपनी पहचान बनाई थी। वे साथ हमारे साथ छात्र आंदोलन में हमारी टीम के सदस्य थे। लालू प्राद ने कहा उनका यूं चला जाना बिहार और देश की राजनीति की एक बड़ी क्षति है।
तेजस्वी यादव ने ये कहादूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री, हमारे अभिभावक, संघर्षशील एवं कर्मठ नेता सुशील कुमार मोदी जी के असामयिक निधन की खबर सुन अत्यंत व्यथित हूं। ईश्वर दिवगंत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों व शुभचिंतकों को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करे।
इन नेताओं ने भी जताया दुखलालू प्रसाद और तेजस्वी के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेज प्रताप यादव, मीसा भारती, जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, प्रो मनोज कुमार झा, संजय यादव, भोला यादव, श्याम रजक, शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद, चितरंजन गगन सहित राजद के अन्य नेताओं ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इनके निधन से राज्य अपूर्णीय क्षति हुई है ।
सच्चा दोस्त और कर्मठ राजनेता खो दिया- नीतीशपूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन से मर्माहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि उन्होंने सच्चा दोस्त और कर्मठ राजनेता को खो दिया। उनके निधन से राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशील मोदी जेपी आंदोलन के सच्चे सिपाही थे।उप मुख्यमंत्री के तौर पर भी उन्होंने हमारे साथ काम किया। मेरा उनके साथ व व्यक्तिगत संबंध था।
काजल की कोठरी से सुशील बेदाग निकले- शिवानंदराष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सुशील मोदी के छात्र आंदोलन के मित्र शिवानंद तिवारी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।
उन्होंने कहा सुशील मोदी के असमय जाने से बिहार की राजनीति का एक कोना खाली हो गया। छात्र राजनीति से लेकर अब तक लगभग पचास वर्षों तक सुशील बिहार की राजनीति में एक स्तंभ की तरह खड़े रहे। इतनी लंबी पारी में सुशील जी पर कोई दाग नहीं लगा।
पुराने दिनों को किया यादपुराने दिनों को याद करते हुए शिवानंद कहते हैं कि छात्र राजनीति से लेकर अब तक हमलोगों के बीच तीखा मतभेद रहा। लेकिन हमारे संबंध कभी कटुता नहीं रही। सुशील मोदी से अपनी हालिया मुलाकात का हवाला देकर वे कहते हैं कि बीमारी के बाद सुशील जी पटना आए उस दिन रात में उनका फोन आया।
आवाज में दम नहीं था। मैंने स्वयं बात करने मना किया।अगले दिन उनसे मिलने मैं उनके घर गया। मेरे साथ आलोक भी था। दो तीन मिनट ही उनके सिरहाने बैठ पाया। सुशील जी बेहद कमजोर हो गये थे। बीमारी ने उन्हें घुन की उनको खोखला कर दिया था। उनकी पत्नी से मिलकर चला आया।
'सुशील पर नहीं था कोई दाग'पुराने दिनों को याद करते हुए शिवानंद कहते हैं कि जयप्रकाश आंदोलन में सुशील और मैं लगभग तीन महीना बांकीपुर जेल में रहे। राजनीति में हमलोगों के बीच तीव्र वैचारिक मतभेद रहा। लेकिन आपसी संबंध उतने ही स्नेहिल रहे।
लंबे राजनीतिक जीवन में सुशील पर कोई दाग नहीं लगा। कह सकते हैं कि काजल की कोठरी से सुशील बेदाग निकले। मैं उनके प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं।
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रमण शुक्ला, पटना। Sushil Kumar Modi Death बिहार की राजनीति में उप मुख्यमंत्री के रूप में सर्वाधिक चर्चित रहे सुशील कुमार मोदी ने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव पद से लेकर चारों सदन का सदस्य बनने का गौरव प्राप्त किया। लालू प्रसाद यादव एवं नागमणि के बाद सुशील मोदी ऐसी तीसरी राजनीतिक हस्ती थे।
वे विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्य रहे। छात्र राजनीति के समय से ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद से उनका अलग किस्म का ही लगाव था।
लालू लीला नाम से लिखी किताबलालू पर उन्होंने ''लालू लीला'' नाम से किताब भी लिखी है। लालू और उनके बेटों पर उन्होंने बड़ा शोध किया था। सुशील मोदी 1990 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए। वह विधानसभा क्षेत्र पटना सेंट्रल था, जिसे अब कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र कहा जाता है।
साल 2004 में भागलपुर से चुने गए थे सांसदवर्ष 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। जब उन्हें 2005 में बिहार में भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुना गया तो उन्होंने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया और तभी बिहार विधान परिषद् के लिए चुने गए।
दूसरी बार वे 2012 में बिहार विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए। आठ दिसंबर, 2020 को लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई सीट को भरने के लिए उन्हें बिहार से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था।
राम-लक्षमण की जोड़ी के रूप में जानी जाती थी सुशील और नीतीश की जोड़ीसुशील मोदी लगभग 11 वर्षों तक नीतीश कुमार की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे और इस जोड़ी को अक्सर बिहार के राजनीतिक हलकों में राम- लक्ष्मण की जोड़ी के रूप में जाना जाता था।
लालू यादव 1977 में लोकसभा, 1980 में विधानसभा, 1990 में विधान परिषद् और 2002 में राज्यसभा गए। उसी तरह पूर्व मंत्री नागमणि 1977 में विधानसभा, 2006 में विधान परिषद, 1995 में राज्यसभा और 1999 में लोकसभा के सदस्य बने।
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जागरण टीम, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को बिहार की चुनावी सभाओं में आइएनडीआइए और कांग्रेस नेताओं को उनके पाकिस्तान समर्थित बयान के लिए जमकर हमला बोला। पीएम ने कहा कि वे कहते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। अरे भाई, नहीं पहनी हैं तो हम पहना देंगे। पाकिस्तान को आटा चाहिए, बिजली चाहिए। हमें क्या पता उनके पास चूड़ियां भी नहीं हैं।
पीएम ने आगे कहा कि देश कांग्रेस नेतृत्व वाली अस्थिर व कमजोर सरकार नहीं चाहता। देश का प्रधानमंत्री डरपोक नहीं चाहिए। ये लोग इतने डरे हैं कि इन्हें सपने में भी पाकिस्तान का परमाणु बम दिखाई देता है। कांग्रेस और आइएनडीआइए में शामिल नेताओं के इस तरह के बयान आ रहे।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को हाजीपुर में एनडीए से लोजपा (आर) के प्रत्याशी चिराग पासवान, मुजफ्फरपुर के पताही में भाजपा प्रत्याशी डा. राजभूषण चौधरी, वैशाली से लोजपा (आर) प्रत्याशी वीणा देवी व छपरा (सारण) में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया।
इसलिए किया पाकिस्तान का जिक्रबता दें, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने पिछले सोमवार को कहा था कि पाकिस्तान के पास भी एटम बम है और उसने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का भी शुक्रवार को एक वीडियो प्रसारित हुआ था, जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए चर्चा बहुत जरूरी है। वरना पाकिस्तान सोचेगा कि भारत अहंकार के साथ हमें दुनिया में छोटा दिखा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान में कोई भी पागल इन बम का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, कांग्रेस ने अय्यर के इस बयान के खुद को अलग कर लिया था।
'लगता है भारत के खिलाफ ली है सुपारी'मोदी ने कहा कि मुंबई हमले में कोई पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है। कोई सर्जिकल व एयर स्ट्राइक पर सवाल उठा रहा है। लेफ्ट वाले तो भारत के परमाणु हथियारों को खत्म करना चाहते हैं। ऐसा लगता है जैसे आइएनडीआइए ने भारत के खिलाफ किसी से सुपारी ले ली है। ऐसे स्वार्थी राष्ट्र रक्षा के लिए कड़े फैसले नहीं ले सकते। ऐसे दल देश को मजबूत नहीं, मजबूर बनाकर छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि चार चरण के चुनाव में चारों खाने चित हो चुका आइएनडीआइए भारत को बांटने में जुटा है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने रातों-रात सभी मुस्लिम को ओबीसी बना दिया। ओबीसी के आरक्षण में डाका डाला।
'आरक्षण की लूट नहीं होने दूंगा'लालू का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा, बिहार में जो चारा वाले हैं, वह दलित, महादलित, आदिवासी के आरक्षण को उनसे लेकर मुसलमानों को देना चाहते हैं। यह देश ऐसी हरकत नहीं चलने देगा। मोदी जान की बाजी लगा देगा, संविधान में हाथ लगाने देगा ना आरक्षण छीनने देगा। धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने दूंगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत जिसमें बिहार, झारखंड, बंगाल व ओडिशा हैं। देश ऐसे राज्यों को विकसित भारत के ग्रोथ का इंजन मानता है। इसलिए विकसित बिहार और विकसित भारत पर काम कर रहा हूं। उन्होंने बिहार में जंगलराज की याद दिलाते हुए कहा कि तब उद्योग चौपट हो गए थे। शाम होते ही घर में छुपना पड़ता था। राज्य कई दशक पीछे चला गया था। एनडीए सरकार बिहार में कानून को पटरी पर लाई। इससे निवेश आ रहा। उद्योग आ रहे। रोजगार विकसित होता है।
'नौकरी के लिए जमीन छीनने वाले बच नहीं पाएंगे'मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों ने जितने लोगों की जमीन छीनी है, वो बच नहीं पाएगा। नौकरी के बदले जो संपत्ति बनाई है, उसे ईडी जब्त कर रही है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक यूपीए के दस साल में भ्रष्टाचारियों के यहां छापे में सिर्फ 35 लाख रुपये जब्त हुए थे। यानी वो पैसा एक स्कूल बैग में भर जाए। चोरी करने वाले तो चोरी कर ही रहे थे। मोदी ने जब सर्च किया तो दस वर्ष में 2200 करोड़ रुपये जब्त किए गए।
चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने जो रुपये जब्त किए थे वे स्कूल बैग में आ जाए और मोदी सरकार ने जो रुपये जब्त किए वे 70 ट्रकों में आए। इससे चोरों की नींद उड़ गई है। इसलिए भ्रष्टाचारी मोदी को गाली दे रहे हैं।
'विकसित भारत सौंप कर जाना है'प्रधानमंत्री ने लोगों से संवाद करते हुए पूछा कि मोदी का वारिस कौन हैं, कोई नाम आपके पास? आपके पास कोई नाम नहीं है। मोदी के वारिस आप हैं। आपका परिवार है। आपके बच्चे हैं, मुझे आपको सब कुछ देकर जाना है, सुख-चैन देकर जाना है। विकसित भारत आपके हाथ में सौंप कर जाना है, इसलिए मैं हर कोशिश कर रहा हूं। आपका एक-एक वोट केंद्र में मोदी की मजबूत सरकार बनाएगा। राजद-कांग्रेस या आइएनडीआइए का किसी ने गलती से भी बटन दबा दिया तो उसका वोट बेकार जाना तय है।
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Misa Bharti Property: मीसा भारती इतनी चल-अचल संपत्ति की हैं मालकिन, 5 सालों में हुआ इजाफा
जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से आईएनडीआईए प्रत्याशी व राज्यसभा सदस्य डॉ. मीसा भारती की चल और अचल संपत्ति पांच सालों में बढ़ी है। उनके पति और एक बेटी की चल संपत्ति में भी इजाफा हुआ है।
हालांकि एक बेटी की चल संपत्ति घटी है। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय मीसा भारती के पास 1,18,34,736 रुपये की चल संपत्ति थी जो 2024 में बढ़कर 1,46,48,028 करोड़ रुपये हो गई।
इसी तरह उनकी अचल संपत्ति पांच साल पहले 1.10 करोड़ की थी जो वर्तमान में 1.79 करोड़ हो गई है। उनके पति के पास 2019 में 3.50 करोड़ की चल संपत्ति थी जो 2024 में करीब 4.69 करोड़ हो गई है।
मीसा की एक बेटी की बढ़ी चल संपत्तिमीसा भारती की दो पुत्रियों में से एक की चल संपत्ति 2019 की अपेक्षा 22 लाख से 5.82 लाख पर आ गई है जबकि दूसरी बेटी की 10.96 लाख से 17.43 लाख हो गई है। इनकी अचल संपत्ति क्रमश: 60 से 25 लाख बढ़कर 85 लाख और 41 लाख से बढ़कर 65 लाख हो गई है।
एमबीबीएस की शिक्षा ले चुकीं डॉ. भारती ने हलफनामा में अपना पेशा समाजसेवा और कृषि बताया है। करीब डेढ़ किलो सोना, चार किलो चांदी के अलावा इनके पास बेशकीमती रत्न भी हैं। इन्होंने शेयर मार्केट में भी निवेश कर रखा है। इन्होंने अपने पुत्र के पास कोई संपत्ति नहीं बताई है।
मीसा भारती समेत 13 ने किया नामांकनअंतिम चरण में एक जून को पटना साहिब एवं पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में होनेवाले चुनाव के लिए सोमवार को आईएनडीआईए प्रत्याशी सह राज्यसभा सांसद डॉ. मीसा भारती समेत 13 प्रत्याशियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया।
पाटलिपुत्र से नामांकन करने पहुंची मीसा भारती के साथ उनके पिता व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, माता पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, भाई तेजप्रताप यादव भी मौजूद रहे। बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पहुंचीं मीसा भारती ने नामांकन के बाद श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में सभा को संबोधित किया।
पीएम मोदी पर जमकर हमला बोलाइससे पूर्व नामांकन के बाद समाहरणालय के गेट पर माता-पिता के साथ मीसा भारती ने विजयी चिह्न दिखाते हुए जीत का दावा किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि उन्हें दो बार देश की जनता ने मौका दिया। अगर उन्होंने जनता के लिए काम किया होता तो उन्हें रोड शो की जरूरत ही नहीं पड़ती। रोड शो से जनता को काफी परेशानी हुई।
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Sushil Modi News: छात्र राजनीति से शुरुआत, जेपी आंदोलन में निभाई अहम भूमिका; ऐसा रहा पॉलिटिकल करियर
जागरण टीम, पटना। Sushil Modi Death News बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व सांसद सुशील कुमार मोदी का सोमवार देर रात दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वे लंबे समय से कैंस कीर बीमारी से पीड़ित थे। सुशील कुमार मोदी राजनीति में एक बड़ा नाम थे और भाजपा के बड़े नेताओं में शामिल थे।
सुशील मोदी राज्यसभा सांसद भी रहे थे और इससे पहले वे बिहार कैबिनेट में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी रह चुके थे। साल 1974 में जेपी आंदोलन के दौरान सुशील मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी और उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में की एंट्री की थी।
सुशील मोदी का कब हुआ जन्मसुशील कुमार मोदी का जन्म पटना जिले के एक मारवाड़ी (वैश्य बनिया) परिवार में 5 जनवरी 1952 को हुआ था। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन सदस्य भी थे और इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी थी। विद्यार्थी नेता के रूप में उभरे सुशील मोदी ने राजनीति में करीब पांच दशकों का एक लंबा सफर तय किया।
पटना विश्वविद्यालय से की पढ़ाईसुशील कुमार मोदी ने पटना स्थित राम मोहन राय सेमिनरी से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई की थी और फिर पटना विश्वविद्यालय के पटना साइंस कॉलेज से वनस्पति विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी।
इसके बाद उन्होंने इसी विषय में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के लिए पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया था। फिर वे जेपी आंदोलन में शामिल होना चाहते थे और इस कारण से कुछ महीने बाद ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी।
छात्र जीवन से राजनीति में हुए थे सक्रियसुशील मोदी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे और साल 1971 में सुशील मोदी छात्र संघ के 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य भी निर्वाचित हुए थे। इसके बाद साल 1973 से 1977 के बीच पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री के रूप में हुआ।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी इसी छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष चुने गए और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद संयुक्त सचिव नियुक्त हुए।
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Sushil Modi Death: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का निधन, कैंसर से पीड़ित थे BJP नेता
जागरण टीम, पटना। Sushil Modi Passes Away बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुशील कुमार मोदी का सोमवार देर रात निधन हो गया है। सुशील मोदी ने दिल्ली एम्स में 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
बता दें कि सुशील मोदी काफी लंब समय से कैंसर से पीड़ित थे। बीते दिनों उन्होंने पटना के एम्स में अपना चेकअप भी करवाया था। वहीं, सोमवार देर रात पटना एम्स में ही उन्होंने अंतिम सांस ली। एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि सुशील मोदी प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे।
Former Bihar Deputy CM Sushil Kumar Modi was battling cancer for the last 7 months https://t.co/yOBQFWM3ro pic.twitter.com/bpaF5Aa2cU
— ANI (@ANI) May 13, 2024 डिप्टी सीएम ने एक्स पर दी जानकारीबिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने एक्स पर सुशील मोदी के निधन की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे। पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है"।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे । पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है । अपने संगठन कौशल,प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी… pic.twitter.com/s50hqX2Vdc
— Vijay Kumar Sinha (मोदी का परिवार) (@VijayKrSinhaBih) May 13, 2024उन्होंने आगे लिखा कि अपने संगठन कौशल, प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करें।
अमित शाह ने एक्स पर लिखा- हमने राजनीति के महान पुरोधा को खो दियासुशील कुमार मोदी के निधन पर अमित शाह ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "हमारे वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी जी के निधन की सूचना से आहत हूं। आज बिहार ने राजनीति के एक महान पुरोधा को हमेशा के लिए खो दिया। ABVP से भाजपा तक सुशील जी ने संगठन व सरकार में कई महत्त्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया। उनकी राजनीति गरीबों व पिछड़ों के हितों के लिए समर्पित रही। उनके निधन से बिहार की राजनीति में जो शून्यता उभरी है, उसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता। दुःख की इस घड़ी में पूरी भाजपा उनके शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति शांति"
तेज प्रताप यादव ने दी श्रद्धांजलितेज प्रताप यादव ने एक्स पर लिखा, "बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे, ईश्वर दिवगंत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करे।
बिहार बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने लिखा, बिहार और भाजपा के कद्दावर नेता, पूर्व उपमुख्यमंत्री और मेरे स्नेहिल बड़े भाई सुशील मोदी जी का निधन बहुत ही दु:खद है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और भाजपा के विस्तार में उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी। उनका असमय निधन से मैं बहुत मर्माहत हूं। यह उनके जाने का समय नहीं था। मेरी बहुत विनम्र श्रद्धांजलि!
लालू यादव ने सुशील मोदी के निधन पर दुख प्रकट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के समय यानि विगत 51-52 वर्षों से हमारे मित्र भाई सुशील मोदी के निधन का अति दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। वे एक जुझारू, समर्पित सामाजिक राजनीतिक व्यक्ति थे। ईश्वर दिवगंत आत्मा को चिरशांति तथा परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
सुशील मोदी के बारे में जानिएसुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी, 1952 को पटना जिले में एक मारवाड़ी (वैश्य बनिया) परिवार में हुआ। बहुत कम लोग जानते हैं कि सुशील मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन सदस्य हैं। जेपी आंदोलन में विद्यार्थी नेता के रूप में उभरे सुशील मोदी ने राजनीति में करीब पांच दशक का एक लंबा सफर तय किया है।
सुशील मोदी का प्रोफाइल- जन्म तिथि- 5 जनवरी, 1952
- जन्म स्थान- पटना, बिहार
- माता का नाम- स्व. रतना देवी
- पिता का नाम- स्व. मोतीलाल मोदी
- पत्नी का नाम- प्रो. डॉ जेसी सुशील मोदी
- संतान- उत्कर्ष तथागत, अक्षय अमृतांक्षु
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Bihar B.Ed College News: शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, बीएड कॉलेजों में बंद होगी इन पांच विषयों की पढ़ाई
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar B.Ed College News चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) लागू होने के बाद अब राज्य के बीएड कॉलेजों में पांच विषयों की पढ़ाई बंद होगी। वे पांच विषय फाउंडेशन, समावेशी शिक्षा, शैक्षिक प्रौद्योगिकी, योजना एवं शोध तथा सामाजिक विज्ञान हैं।
शिक्षा विभाग ने संबंधित कॉलेजों को निर्देश दिया है कि बंद होने वाले विषयों के व्याख्याताओं का समायोजन किया जाएगा। व्याख्याताओं से सप्ताह भर में विकल्प मांगा गया है।
हालांकि, यदि कोई व्याख्याता अपने मूल नियुक्ति के विषय में ही रहना चाहते हैं, तो वे स्वतंत्र हैं। बता दें कि चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) के निर्धारित विषयों में संबंधित पांचों विषय नहीं हैं।
शिक्षा विभाग के निर्देश में कहा गया है कि चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम के निर्धारित विषयों में संबंधित पांच विषय शामिल नहीं हैं।
संबंधित पांच विषयों के पदों के विरुद्ध नियुक्त होकर कार्यरत व्याख्याता, प्रभारी प्राचार्य एवं प्राचार्य को उनके स्नातकोत्तर विषय (शिक्षा में स्नातकोत्तर को छोड़ कर) के विषय के आधार पर चार वर्षीय एकीकृत अध्यायक शिक्षा कार्यक्रम के मुख्य धारा के विषय को यथा-गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान अथवा जीवन विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, संस्कृत, मैथिली, बंगला, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अकाउंटेंसी, व्यापार अध्ययन, सूचना विज्ञान अभ्यास-गणित तथा शैक्षिक अध्ययन के विषय के पद में से एक पद के विरुद्ध समांजनकरने की योजना है, ताकि संबंधित पांचों विषयों के व्याख्याताओं को अन्यत्र समांजन करने पर विचार नहीं करना पड़े।
इस संबंध शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सज्जन आर. द्वारा राज्य के सभी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालयों, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों तथा प्रखंड अध्यापक शिक्षा संस्थानों के प्राचार्यों एवं प्रभारी प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है।
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Bihar Lok Sabha Election: बिहार में 5 सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से हुआ मतदान, इतने प्रतिशत लोगों ने डाला वोट
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Voting Percentage: बिहार में लोकसभा की पांच सीटों पर सोमवार को चौथे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।
दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय एवं मुंगेर लोकसभा क्षेत्रों में कुल 57 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान शुरू होने के पहले एक कर्मी की मौत हो गई।
मतदान में वृद्धि का संभावनामतदान के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने प्रेसवार्ता में बताया कि यह अनुमानित मतदान आंकड़ा है और इसमें वृद्धि की संभावना है। उन्होंने बताया कि मुंगेर सीट के मुंगेर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 210 पर मतदान कर्मी ओंकार कुमार चौधरी की मॉकपोल के पूर्व ही आकस्मिक मृत्यु हो गई।
चौथे चरण का मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चौथे चरण के मतदान के लिए आकपोल के दौरान 49 कंट्रोल यूनिट, 45 बैलेट युनिट एवं 57 वीवीपैट बदली गई, जबकि मतदान के दौरान 18 कंट्रोल यूनिट, 18 बैलेट यूनिट और 114 वीवीपैट बदली गईं।
ये तैयारियां की गईंचौथे चरण के चुनाव में किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए एक एयर एंबुलेंस की तैनाती की गई थी। इस चरण में पांच सामान्य, पांच निर्वाचन व्यय एवं तीन पुलिस प्रेक्षक लगाए गए थे। इसके अलावा 1271 माइक्रों प्रेक्षकों की तैनाती की गई थी। चौथे चरण में 4810 बूथों से लाइव वेबकास्टिंग किया गया।
230 बूथों पर बढ़ाया गया समयमतदान के दौरान राजनैतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ विमर्श के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त प्रस्ताव के बाद सूर्यगढ़ा विधानसभा के 349 बूथों में से 230 बूथों का समय दो घंटा बढ़ाकर छह बजे तक कर दिया गया, जबकि इस विधानसभा के सिर्फ 119 बूथों पर शाम चार बजे तक मतदान कराया गया।
इस प्रकार चौथे चरण के पांच लोकसभा क्षेत्रों के कुल 9447 बूथों में से 119 बूथों पर मतदान शाम चार बजे तक कराया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को मतदान के दौरान कुल 62 शिकायत प्राप्त हुई जिसकी जांच करा कर निष्पादित कर दिया गया।
तीन चुनाव में सीटवार मत प्रतिशत सीट2014
2019
2024 दरभंगा 56.63 55.45 58.19
उजियारपुर
60.22 60.07 56.00समस्तीपुर
57.38 60.63 58.10बेगूसराय
60.61 62.29 58.40मुंगेर
53.17 54.84 55.00कुल
57.36 59.20 56.85ये भी पढे़ं-
Bihar New School Timing: शिक्षा विभाग ने बदला स्कूलों का समय, अब सिर्फ 6 घंटे लगेगी क्लास; आदेश जारी
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी सरकारी विद्यालय 16 मई से सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक संचालित होंगे। यह समय 30 जून तक प्रभावी रहेगा। मिशन दक्ष कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं चलायी जा रही हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग के निदेशक (माध्यमिक) कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है।
निर्देश के मुताबिक, विशेष कक्षाओं के दौरान छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन दस से साढ़े दस बजे के बीच दिया जाएगा। गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल असर नहीं पड़े, इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में विशेष कक्षाओं के संचालन के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
15 मई तक छुट्टी हैबता दें कि गर्मी की छुट्टी के पहले पूर्वाह्न दस से अपराह्न चार बजे तक विद्यालयों में शिक्षण कार्य संचालित हो रहे थे। सरकारी विद्यालयों में 15 अप्रैल से 15 मई तक गर्मी की छुट्टी है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सोमवार को अपने आदेश में कहा है कि 16 मई से सुबह छह से 12 बजे तक शिक्षक कार्य चलेंगे। 12 बजे के बाद शिक्षक स्कूल के कमजोर बच्चों को मिशन दक्ष के तर्ज पर पढ़ाएंगे। साथ ही बच्चों की कापियों की जांच आदि कार्य करेंगे। शिक्षक डेढ़ बजे स्कूल से प्रस्थान करेंगे।
विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस दौरान स्कूलों में बच्चों की 90 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। इस संबंध में प्रधानाध्यापकों को भी आदेश जारी करें।
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