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NEET UG Paper Leak: पेपर लीक में 3 अरब के वारे-न्यारे करते माफिया, नीतीश कुमार ने खोल दिए कई राज...

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 4:40pm

जागरण संवाददाता, पटना। NEET UG Paper Leak 2024 नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) यूजी (अंडर ग्रेजुएट) पेपर लीक कर माफिया पटना से केवल तीन अरब का कारोबार करने वाले थे। हालांकि, एक साथ बिहार और झारखंड में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया।

अभियुक्तों को जेल भेजने के बाद पटना पुलिस अब लेन-देन का ब्योरा निकाल रही है। माना जा रहा है कि माफिया अभ्यर्थियों से सौदे की पूरी रकम नहीं वसूल पाए होंगे, लेकिन मोटी रकम की उगाही किए जाने से भी इनकार नहीं कर रहे।

आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने भी शास्त्री नगर थाने में अभियुक्तों से पूछताछ की थी। फिलहाल, पुलिस इस मामले में अधिक जानकारी नहीं दे रही है। एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है। अनुसंधान पूरा होने तक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।

बताया गया कि गिरफ्तार गया जिले के सरवदहा निवासी नीतीश कुमार (32) इसी वर्ष बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में जेल गया था। उसे आर्थिक अपराध की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

नीतीश कुमार ने खोल दिए राज

सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक पूछताछ में नीतीश ने बताया था कि वह फरार रॉकी का कारिंदा है। उसका काम अभ्यर्थियों तक प्रश्नपत्र और उत्तर पहुंचाना एवं उन्हें सुरक्षित स्थान पर रटवाना था। खेमनीचक के अलावा राजधानी पटना में 30-35 स्थानों पर अभ्यर्थियों को रख कर प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए जा रहे थे। सभी अवैध सेंटरों पर उसके जैसे दूसरे प्यादों को रॉकी ने रखा था। दूसरे अवैध सेंटरों का पता और वहां के संचालकों के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है।

रॉकी, नालंदा के नगरनौसा निवासी संजीव सिंह का दाहिना हाथ बताया जाता है। इधर, गिरफ्तार अभ्यर्थी आयुष राज ने बताया था कि खेमनीचक ब्वायज हास्टल में उसकी तरह 20-25 अभ्यर्थी प्रश्नपत्र और उत्तर रट रहे थे। अभ्यर्थियों के माता-पिता और दानापुर नगर परिषद के कनीय अभियंता सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने गिरफ्तारी उपरांत बताया था कि प्रति अभ्यर्थी 40 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था।

तीन अरब का कारोबार

ऐसे में माना जा रहा है कि औसतन तीन अरब का अवैध कारोबार करने वाले थे। गिरोह की अपराध शैली के बारे में पुलिस को पता चला कि प्रश्नपत्र शत-प्रतिशत मिलने के बाद ही सौदे की रकम ली जाती थी। इससे पहले कुछ रुपये लिए जाते थे। कई अभ्यर्थियों से अग्रिम राशि भी नहीं ली गई थी। इसके एवज में उनके मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र और पोस्ट डेटेड चेक लिए जाते थे।

पुलिस की कार्रवाई शुरू होते ही संजीव सिंह और राकी भूमिगत हो गए। साथ ही कई अभ्यर्थी भी पकड़े गए। इस कारण पुलिस मान रही है कि पूरी रकम की वसूली नहीं हो पाई थी। अभ्यर्थियों के गिरफ्तार अभिभावकों एवं माफिया से जब्त मोबाइल का सूक्ष्म विश्लेषण किया जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि एक चेक भी पुलिस को मिला था, जिस पर तिथि अंकित नहीं थी। उस पर हस्ताक्षर किया हुआ था और 40 लाख रुपये वर्णित थे। हालांकि, इस चेक का शास्त्री नगर कांड संख्या 358/24 में जिक्र नहीं है।

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CBSE Result 2024: सीबीएसई रिजल्ट के चौथे दिन बाद से होगा स्क्रूटनी के लिए आवेदन, एक क्लिक में पढ़ें सारी डिटेल

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 4:29pm

जागरण संवाददाता, पटना। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने रिजल्ट के बाद अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में सूचना जारी कर दी है। सीबीएसई द्वारा जारी सूचना के अनुसार, रिजल्ट के बाद चौथे दिन से आठवें दिन तक स्क्रूटनी के लिए परीक्षार्थी आवेदन कर सकते हैं।

स्क्रूटनी के लिए पांच दिनों तक आवेदन लिए जाएंगे। निर्धारित अवधि के बाद दिए जाने वाले आवेदनों पर बोर्ड विचार नहीं करेगा।

मांग पर मिलेगी उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी

सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के वरिष्ठ अधिकारी एके नाग ने बताया कि सीबीएसई की ओर से विद्यार्थियों की मांग पर उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी भी मुहैया जाएगी। इसके लिए परीक्षार्थियों को रिजल्ट जारी होने के 19वें एवं 20वें दिन बाद आवेदन करना होगा।

उन्होंने कहा, यह सुविधा मात्र दो दिनों तक ही विद्यार्थियों को मुहैया कराई जाएगी। वहीं, केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि सीबीएसई की ओर से विद्यार्थियों की मांग पर किसी प्रश्न के उत्तर को दोबारा जांच कराई जाएगी।

प्रश्नों के उत्तर को दोबारा जांच के लिए रिजल्ट के 24वें एवं 25 वें दिन आवेदन किए जाएंगे। प्रश्नों के उत्तर जांच के लिए मात्र दो दिनों तक आवेदन किए जाएंगे। सीबीएसई के सभी निर्देश दसवीं एवं बारहवीं दोनों पर लागू किए जाएंगे।

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Covid Vaccine: कोविड वैक्सीन ढुलाई के नाम पर 4.15 करोड़ की ठगी, दिल्ली पुलिस ने आरोपी को पकड़ा

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 4:22pm

जागरण संवाददाता, पटना। त्रिपुरा में कोल्ड स्टोर कंस्ट्रक्शन और कोविड 19 वैक्सीन ढुलाई का काम दिलवाने के नाम पर नोएडा में रहने वाले आरोपितों कुमार अंकित, हरमन सबरवाल, उसकी पत्नी सिमरन सबरवाल, मुकेश कुमार झा, गोविंद तुल्स्थान और कुमार अंकित पर कंकड़बाग थाने में प्राथमिकी करवाई है।

प्राथमिकी के मुताबिक, पीड़ित की मुलाकात कुमार अंकित नाम के व्यक्ति से नोएडा में हुई थी। उसने बहनोई हरमन सबरवाल से अविनाश को नोएडा में मिलवाया। हरमन ने दावा किया कि वह उन्हें त्रिपुरा में कोल्ड स्टोर कंस्ट्रक्शन का काम दिलवा देगा। इसके एवज में उसने रुपये की मांग की।

सबसे पहले 1.67 करोड़ ठगे

पीड़ित ने आरटीजीएस से हरमन के खाते में रुपये ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। लंबा समय बीतने के बाद भी उन्हें काम नहीं मिला तो उन्होंने हरमन से रुपये लौटाने को कहा। उसने कोविड 19 वैक्सीन की ढुलाई करने का काम दिलवाने का वायदा किया। इसके नाम पर भी उसने 1.67 करोड़ रुपये ठग लिए।

पीड़ित ने जुलाई, 2022 में कंकड़बाग स्थित घर में आरोपितों को 2.48 करोड़ रुपये दिए। इसके बाद भी जब उन्हें बड़ा काम नहीं मिला तो उन्होंने हरमन से संपर्क करने की कोशिश की। उन्हें पता चला कि वह कोविड-19 की ढुलाई के नाम पर हुए फर्जीवाड़े के मामले में दिल्ली में गिरफ्तार हो गया है।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने उसे पकड़कर जेल भेज दिया। पीड़ित ने पटना पुलिस को बताया कि हरमन पर चेन्नई व दिल्ली में ठगी के कई मामले दर्ज हैं। कंकड़बाग थानेदार नीरज कुमार ठाकुर के मुताबिक, इस मामले की जांच की जा रही है।

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Interview: 'यह क्यों नहीं कहते कि गुरु गोलवलकर भी आ जाएं तो...', संविधान और आरक्षण पर दीपांकर भट्टाचार्या की खरी-खरी

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 4:00pm

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या कहते हैं कि भाजपा संविधान बदलने व आरक्षण को खत्म करने की बात कर रही पर इस बहस को खुद भाजपा ने शुरू किया है। आजादी के 75 वर्ष पूरा हाेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार ने एक साक्षात्कार में स्वयं यह कहा कि संविधान पुराना हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कह कह रहे कि आंबेडकर भी आ जाएं तो संविधान नहीं बदल सकते। आखिर वह यह क्यों नहीं कहते कि गुरु गोलवलकर भी आ जाएं तो संविधान नहीं बदल सकता।

दीपांकर भट्टाचार्या से इस बार के आम चुनाव के अन्य मुद्दों पर विस्तार से बात हुई। उनसे बात की विशेष संवाददाता भुवनेश्वर वात्स्यायन ने।

आपके दल का यह नारा था कि लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ पर अब तो एनडीए के लोग यह कह रहे कि आप परिवार बचाओ व भ्रष्टाचार को पोषित करने वाले लोगों के साथ हैं?

उनके दल ने लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ का जो नारा दिया था, वह आज पूरे देश का नारा बन चुका है। भाजपा भ्रष्टाचार की बात किस मुंह से करती है? उसने तो भ्रष्टाचार संस्थागत स्वरूप प्रदान कर दिया है।

इलेक्ट्राेरल बॉन्ड को आप क्या कहेंगे? इसका जब खुलासा हुआ तो यह बात स्पष्ट रूप से सामने आयी कि भ्रष्टाचार किसने किया।

भाजपा की हिप्पोक्रेसी समझ में आती है लोगों को। भाजपा तो इस विषय पर पीट चुकी है। वाशिंग मशीन व वाशिंग पाउडर के स्लोगन चल रहे।

कहा जा रहा कि महागठबंधन के लोग अल्पसंख्यकों के वोट के लिए तुष्टीकरण कर रहे?

बहुत बड़ा झूठ है यह। अब सोच लीजिए कि भाजपा के लोगों द्वारा अल्पसंख्यक समाज के लोगों को घुसपैठिया कहा जा रहा। तथ्य यह है कि मुस्लिमों को जो आरक्षण है वह उन्हें धर्म के नाम नहीं मिल रहा।

बिहार इस मामले में पायोनियर राज्य है। जो मुस्लिम ओबीसी की श्रेणी में हैं, उन्हें उस फार्मूले के तहत आरक्षण मिलता है।

भाजपा ने आरक्षण के मुद्दे को सांप्रदायिक स्वरूप दे दिया है। भाजपा के लोगों का डर दिख रहा है। वहीं विपक्ष के लोगों का डर खत्म हो चुका है। एक कोल्ड ड्रिंक्स का टैग लाइन है-डर के आगे जीत है।

आप यह कैसे कह रहे कि भाजपा आरक्षण को खत्म करने की बात कह रही?

भाजपा के नेताओं के दिल में क्या बात है यह तो उनके संबोधनों से साफ है। वह कह रहे अबकी बार, चार सौ पार। चार सौ पार सीट हासिल कर आप क्या करना चाहते हैं जो 2019 में मिले बहुमत से नहीं कर सके ?

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार तो यह कह ही चुके हैं कि संविधान पुराना हाे गया है। लगातार इनके एक के बाद दूसरे नेता संविधान पर बोलते रहते हैं। कॉरपोरेट का हाथ मजबूत हो रहा। अब आरक्षण का क्या फायदा है जब आप बड़े स्तर पर सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रहे।

आरक्षण रहते हुए भी उसका कोई फायदा नहीं मिल रहा। इसे समझने की जरूरत है। अब बात बदल गयी है- आरक्षण के साथ-साथ हमलोग भागीदारी की बात कर रहे। भागीदारी कैसे मिले इस पर बहस हो।

भ्रष्टाचार की बात भी खूब हो रही इस चुनाव में, प्रधानमंत्री भी बोल रहे?

केजरीवाल और हेमंत सोरेन के बहाने भ्रष्टाचार पर बात कर रहे? इसमें कोई दो राय नहीं कि अगर रुपए किसी के यहां से बरामद हो रहे तो निश्चय ही कार्रवाई होनी चाहिए। पर जब भ्रष्टाचारी भाजपा के साथ चला जाए तो क्या होता है?

सत्ता जब निरंकुश हो जाएगा तो भ्रष्टाचार आएगा ही। भाजपा में तो भ्रष्टाचार की अधिक चर्चा है। भाजपा के बारे में कहा जाता था कि पार्टी विद डिफरेंस पर अब वह बात नहीं है।

महागठबंधन की इस आम चुनाव में किस तरह की उम्मीद है और वामपंथ कहां है?

भाजपा ने जब नीतीश कुमार को हाईजैक कर लिया तो यह अवधारणा बनायी गयी कि आईएनडीआईए खत्म हो गया है। पर यह परसेप्शन बन नहीं सका। वर्ष 2019 का चुनाव अलग था। पुलवामा बार-बार नही होता।

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में ही यह दिख गया था कि वामदलों की जमीन खत्म नहीं हुई है। इस बार हम और आगे जाएंगे। आज जब लोकतंत्र संकट में है तो उसे बचाने के लिए वामपंथ की जरूरत है।

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बेगूसराय की माटी से आए सांसदों का रहा है दबदबा, इन प्रधानमंत्रियों ने दी अपनी कैबिनेट में जगह

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Begusarai News: बेगूसराय की माटी से आए सांसदों का रहा है दबदबा, इन प्रधानमंत्रियों ने दी अपनी कैबिनेट में जगह

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 3:16pm

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। Bihar Politics News Hindi: चौथे चरण के तहत बिहार के जिन पांच लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है उनमें बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र की खासियत इस मायने में है कि वहां के लोगों ने जिन्हें सांसद चुना उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक के मंत्रिमंडल में जगह मिली।

चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी व पीवी नरसिंह राव ने भी अपने मंत्रिमंडल में बेगूसराय को जगह दी। इसके अलावा बेगूसराय के लोगों ने ऐसे लोगों को भी अपना सांसद चुना है, जो अपने जमाने में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य तो रहे ही साथ में प्रदेश की राजनीति में उनकी दमदार उपस्थिति रही।

दो बार बेगूसराय से चुने गए श्यामनंदन मिश्र विदेश मंत्री भी रहे

बेगूसराय से दो बार सांसद चुने गए श्यानंदन मिश्र जुलाई 1979 से 1980 तक केंद्र में विदेश मंत्री रहे। तब चरण सिंह प्रधानमंत्री थे। उसके पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने श्यामनंदन मिश्र को 1951-52 में अपना संसदीय सचिव बनाया था। वर्ष 1957 में उन्होंने केंद्र में योजना विभाग के उप मंत्री का काम भी संभाला।

श्यामनंदन मिश्र के बाद सांसद बनीं कृष्णा शाही भी केंद्र में मंत्री बनीं

श्यामनंदन मिश्र के बाद कांग्रेस के टिकट पर कृष्णा शाही बेगूसराय की सांसद बनी थीं। वर्ष 1991 में भी वह जीतीं थीं। राजीव गांधी जिस समय प्रधानमंत्री थे उस समय वह केंद्र में मानव संसाधन विकास तथा जल संसाधन मंत्री थीं। इसके बाद पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल में वह उद्योग, भारी उद्योग व सिविल सप्लाई व कंज्यूमर्स अफेयर्स विभाग की मंत्री रहीं।

कृष्णा शाही के बाद सांसद बने ललित विजय सिंह भी केंद्र में मंत्री बने

कृष्णा शाही के बाद जनता दल के टिकट पर ललित विजय सिंह बेगूसराय के सांसद बने। वह प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कैबिनेट में रक्षा राज्य मंत्री थे।

रमेंद्र कुमार एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे

वर्ष 1991 में कांग्रेस की कृष्णा शाही के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 1996 में रमेंद्र कुमार बेगूसराय के सांसद बने। वह सीपीआइ के नेता थे और श्रमिक आंदोलन के बड़े नेता के रूप में शुमार थे। वह एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।

राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य रहे बड़े चेहरे भी लगातार जीतते रहे

राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य रहे बड़े चेहरे भी बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से लगातार जीतते रहे। बिहार की राजनीति में बड़ी हैसियत रखने वाले राजो सिंह यहां से रमेंद्र कुमार के बाद कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। राजो सिंह के बाद जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को बेगूसराय का सांसद बनने का मौका मिला।

उनके बाद राज्य मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री मोनाजिर हसन यहां से जदयू के टिकट पर सांसद चुने गए। बाद में नगर विकास मंत्री रहे भोला सिंह ने यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता।

नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री रहे गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्रिमंडल में बेगूसराय का प्रतिनिधित्व यहां से 2019 में चुने गए गिरिराज सिंह के माध्यम से भी हुआ। इस बार भी भाजपा ने उन्हें बेगूसराय से मैदान में उतारा है।

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Bihar Election 2024: बिहार में छठे चरण में बच गए केवल इतने इतने उम्मीदवार, 55 के पर्चे हो गए रद्द; पढ़ें लिस्ट

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 2:57pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: लोकसभा चुनाव के छठे चरण के प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच मंगलवार को की गई। इसमें कुल 89 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध पाए गए। जबकि, विभिन्न कारणों से 55 अभ्यर्थियों के नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए। छठे चरण में वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सिवान एवं महाराजगंज लोकसभा क्षेत्रों में कुल 144 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था।

यहां पढ़ें किस लोकसभा क्षेत्र में कितने नामांकन वैध

नामांकन पत्रों की जांच के बाद सर्वाधिक 15 प्रत्याशी वैशाली लोकसभा क्षेत्र में रह गए हैं। इसके अलावा वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में 10, पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र में आठ, पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में 13, शिवहर लोकसभा क्षेत्र में 13, गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में 11, सिवान लोकसभा क्षेत्र में 13 और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में छह प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध पाए गए हैं। इस चरण में प्रत्याशियों की नाम वापसी की अंतिम तिथि नौ मई (गुरुवार) निर्धारित की गई है, जबकि मतदान 25 मई को कराया जाएगा।

अंतिम व सातवें चरण के लिए पहले दिन 15 ने किया नामांकन सातवें चरण वाले लोकसभा क्षेत्रों नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार से नामांकन काम शुरू हो गया। पहले दिन कुल 15 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया।

इसमें नालंदा लोकसभा क्षेत्र में दो, पाटलिपुत्र में एक, आरा लोकसभा क्षेत्र में तीन, बक्सर लोकसभा क्षेत्र में तीन, काराकाट में एक और जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में पांच प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। पटना साहिब और सासाराम लोकसभा क्षेत्र में पहले दिन एक भी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया।

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Ara Lok Sabha Seat: आरा में इस बार आर-पार की लड़ाई, जातीय समीकरण की मुख्य भूमिका

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 2:35pm

दीनानाथ साहनी, पटना। आरा लोकसभा क्षेत्र में एनडीए व महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में जातीय समीकरण को साधने के लिए दोनों गठबंधन के उम्मीदवारों को खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को तीसरी बार उम्मीदवार बनाकर भाजपा यहां से जीत की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने की तैयारी में है। वहीं भाकपा माले के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद भी जीत हासिल कर इतिहास दोहराने की पुरजोर कोशिश में हैं।

1989 में आरा से रामेश्वर प्रसाद जो इंडियन पीपुल्स फ्रंट (अब भाकपा माले) के उम्मीदवार थे, जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के आरके सिंह को 5,66,480 वोट मिले थे और उनके प्रतिद्वंदी भाकपा माले के राजू यादव को 4,19,195 वोट मिले थे। तब जीत का अंतर 13.6 प्रतिशत का था।

हालांकि तब मोदी लहर थी, लेकिन इस बार भीषण गर्मी में हवा का रुख अलहदा है। इसलिए आरा हॉट सीट बन गया है। लगातार दो जीत से चर्चा में आए केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और माले के तरारी विधानसभा विधायक सुदामा प्रसाद के बीच इस बार यहां की चुनावी जंग आर-पार के मोड में दिख रही है, जिसमें जातीय समीकरण की मुख्य भूमिका होगी।

यदि आरके सिंह यहां से जीते तो वे लगातार तीसरी जीत का रिकॉर्ड बनाएंगे, क्योंकि आरा ने किसी को लगातार तीसरी बार चुनकर संसद नहीं भेजा है। चंद्रदेव प्रसाद वर्मा यहां से एकमात्र सांसद हुए, जो 1977 और 1980 में लगातार दो बार जीते। इसके बाद 1996 में उन्हें जीत मिली।

हर जगह रोजगार अहम मुद्दा

आरा के चुनावी रण में जातीय समीकरण अपनी जगह है। रुचिकर यह है कि इस जंग में रोजगार अहम मुद्दा बनकर उभरा है। इसे यूं समझें कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रो.एसएन सिन्हा कहते हैं- मोदी सरकार के दस वर्षों में रोजगार पर काम नहीं हुआ। पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है, युवा हताश भी हैं।

रोजगार के सवाल पर उदवंतनगर निवासी समाजसेवी डा.राजेन्द्र सिंह भी मुखर होकर कहते हैं- यदि बच्चों को पढ़ा रहे हैं तो नौकरियां भी चाहिए। सरकार धीरे-धीरे नौकरियां खत्म करती जा रही हैं। ऐसे में पढ़े-लिखे युवा क्या करेंगे?

हालांकि प्रो.केसी तिवारी स्वीकार करते हैं- हां, रोजगार अहम मुद्दा है। बीते दस सालों में देश में नौकरियों की अपेक्षा रोजगार सृजन में तेजी जरूर आई है, लेकिन चुनाव में तो जातीय समीकरण का रंग ही हर जगह चढ़ रहा है। इसने इलाके के लोगों को भी बांट दिया है।

जाहिर है, अगड़ी जाति के ज्यादातर मतदाता जहां आरा सीट पर एनडीए के आरके सिंह की जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं महागठबंधन पिछड़ी, अतिपिछड़े और दलित जातियों के पक्ष में गोलबंदी में जुटा है। वैसे समाज के वंचित तबकों से ताल्लुक रखने वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा नीतीश कुमार का भी समर्थन करता नजर आ रहा है।

आरा से हर रोज पटना आकर मेडिकल स्टोर में काम करने वाले विज्ञान में स्नातक उत्तीर्ण योगेश कुमार सिंह नाराजगी से कहते हैं- मुझको एक अदद नौकरी की जरूरत है, जो उन्हें बीते 10 बरसों से नहीं मिली है। पहले ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजर-बसर करता था। अब ब्याह हो गया तो परिवार चलाने के लिए मेडिकल स्टोर में काम करता हूं।

योगेश अपनी बेरोजगारी का ठीकरा नीतीश सरकार पर फोड़ते हैं। कहते हैं-इस सरकार ने पिछड़ी जातियों के लिए रोजगार तो दे दिया, लेकिन हमारा क्या? हम भी गरीब हैं लेकिन हमारी बात कोई नहीं सुन रहा। चुनाव में नेता सब तो जातियों को ही रिझाने में जुटे हुए हैं।

वोटों का समीकरण

आरा में वोटों का समीकरण जातीय गोलंबदी में उलझा हुआ है। यदि जाति की बात की जाए तो यहां यादव से लेकर राजपूत-भूमिहार, मुस्लिम से लेकर ब्राह्मण और अत्यंत पिछड़ी जातियों की संख्या ज्यादा है। दलित वर्ग भी खासा है। हर जाति का अपना-अपना महत्व है। जिन्हें कोई भी पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकती है। इसमें अत्यंत पिछड़ी एवं दलित जातियों का वोट चुनाव में निर्णायक साबित होने वाला है।

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Bihar Politics: वाम दल के नए दावे से खुश हो जाएंगे लालू यादव, इंडी गठबंधन को भी मिलेगी एनर्जी; सियासत तेज

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 2:34pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi:  बिहार में चौथे चरण के मतदान के पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के दावे से लालू यादव और इंडी गठबंधन की पार्टियां खुश हो सकती हैं। दरअसल, भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने भाजपा को लेकप एक ऐसा दावा किया है, जिसे सुनते ही आरजेडी और इंडी गठबंधन को एनर्जी मिल सकती है।

वाम दल ने किया भाजपा के हारने का दावा

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही मालिक है। लोकसभा चुनाव में जनता ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जाकर मतदान किया है। यही वजह है कि तीसरे चरण के चुनाव के बाद भाजपा ने अपनी हार मान ली है।

इस हार को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को अब हिंदू और मुस्लिम के नाम पर लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे इसमें नाकाम हो चुके हैं।

जनता ने केंद्र की सत्ता से भाजपा की विदाई तय कर दी

भाकपा नेता ने कहा कि तीसरे चरण का चुनाव समाप्त होते ही 284 लोकसभा सीटों पर देश में चुनाव संपन्न हो गया है। जिसमें बिहार की 14 सीटें भी शामिल हैं। जनता ने केंद्र की सत्ता से भाजपा की विदाई तय कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी हार को देखते हुए हिन्दू-मुस्लिम, पाकिस्तान, मंगलसूत्र और आरक्षण पर आ गए हैं। जबकि, जनता केंद्र से मोदी सरकार को हटाने का फैसला कर चुकी है।

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Bihar Sand Mining: 5 जिलों के बालू घाटों से अब तक शुरू नहीं हुआ खनन, सरकार ने दिया 1 हफ्ते का अल्टीमेटम

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 2:19pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में लगातार हो रहे सरकारी गैर-सरकारी निर्माण कार्यों को लेकर बालू की मांग लगातार बढ़ रही है। बावजूद जिलों में नदियों से बालू खनन को लेकर लगातार सुस्ती की शिकायतें सामने आ रही हैं।

हाल ही में खान एवं भू-तत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि बार-बार निर्देश के बाद भी नालंदा, बक्सर, मुंगेर, बेगूसराय और खगड़िया जेसे जिलों में एक भी बालू घाट से खनन नहीं हो रहा है।

अपर मुख्य सचिव ने दिया निर्देश

जिलों में इस प्रकार की सुस्ती की बात सामने आने के बाद अपर मुख्य सचिव ने इन पांच जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के अंदर बालू घाटों का संचालन स्वीकृत करें।

उन्होंने दोटूक शब्दों में कहा यदि एक सप्ताह के अंदर उपरोक्त बालू घाटों का सफल संचालन नहीं होता है तो वैसी स्थिति में सबंधित खनन पदाधिकारी एवं दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि बिहार के 624 बालू कलस्टर घाटों में से अब तक 114 से बालू खनन प्रारंभ हो पाया है। करीब 160 बालू घाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। विभाग और जिलों के संयुक्त प्रयास से 624 घाटों के विरूद्ध 290 बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। जहां नीलामी की प्रक्रिया चल रही है उन जिलों को प्राथमिकता में यह कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

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Tejashwi Yadav: 'धर्म के साथ कर्म भी करें नरेन्द्र मोदी', तेजस्वी यादव की प्रधानमंत्री को नसीहत

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 2:09pm

राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कमर के बढ़े हुए दर्द के बीच ही लगातार चुनाव प्रचार में जी-जान लगा रहे हैं। बुधवार को चुनावी रैली के लिए झारखंड रवाना हुए। इससे पहले, उन्होंने एक बार फिर पीएम नरेन्द्र मोदी पर आक्रामक तेवर दिखाए और कहा कि पीएम मोदी धर्म के साथ साथ कर्म की भी बात करें।

तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को भी पता है कि इस बार उनका जाना तय है। बिहार और देश की जनता इस बार तानाशाही सरकार को हटाना चाहती है।

उन्होंने तीसरे चरण के चुनाव को लेकर कहा कि तीसरे चरण के चुनाव में महागठबंधन अच्छी स्थिति में हैं। वो पूरी तरह से आत्मविश्वास में हैं कि चार जून को केंद्र में हमारे गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।

'पीएम मोदी तो लालू जी का हमेशा विरोध करते हैं'

आरक्षण को लेकर लालू प्रसाद के बयान और मोदी के विरोध को लेकर तेजस्वी ने कहा पीएम मोदी तो लालू जी का हमेशा विरोध करते हैं। उनके परिवार पर भी लगातार हमलावार हैं। दिन रात हम लोगों को बोलते रहते हैं। दूसरे राज्य में जाकर भी हमको गाली दे रहे हैं। हम तो बोले ही वो पीरजादे हैं, कुछ भी कह सकते हैं। प्रधानमंत्री खाली झूठ झूठ बोलते रहते हैं।

'धर्म के साथ-साथ कर्म की भी बात करनी चाहिए'

तेजस्वी ने पीएम मोदी को सलाह देते हुए कहा कि हमारा धर्मशास्त्र सिखाता है कि धर्म के साथ साथ कर्म की भी बातें करनी चाहिए। तो पीएम मोदी भी धर्म के साथ थोड़ा कर्म की भी बात कर लें कि उन्होंने पिछले 10 सालों में क्या किया है।

वहीं, आरक्षण को लेकर पीएम से सवाल पूछा कि हमने जो आरक्षण को बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया उसे 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाल रहे। 12 मई को पीएम पटना में पहली बार रोड शो करेंगे जिसको लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि नौकरी के एजेंडे ने पीएम मोदी को सड़क पर ला दिया। अब जब आ रहे हैं तो उनसे पूछिएगा कि पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा क्यों नहीं दे रहे हैं?

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Patna Museum Fire: पटना म्यूजियम में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी; डराने वाली तस्वीरें आईं सामने

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 1:34pm

जागरण संवाददाता, पटना। Patna News: पटना म्यूजियम में बुधवार को करीब 12.15 बजे आंतरिक हिस्से में आग लग गई। छज्जू बाग स्थित प्राचीन म्यूजियम में आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई है। आज की लपका और धुएं से बचाव राहत कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।

पटना पुलिस में एहतियात के तौर पर कोतवाली थाना क्षेत्र और पटना म्यूजियम के आसपास की यातायात व्यवस्था  में बदलाव कर दिया है। दमकल की गाड़ियों को आवागमन में कोई बाधा नहीं उत्पन्न हो, इसलिए ट्रैफिक में बदलाव कर दिया है। अब तक नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। 

आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

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— Yogesh Sahu (@ysaha951) May 8, 2024

पटना म्यूजियम में आग बुझाने में दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।

पटना पुलिस की टीम भी आग बुझाने में काफी मदद कर रही है। दमकल की कई गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं।

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Bihar Politics : लालू यादव को कभी हराया था, आज RJD से जुड़ेंगे ये कद्दावर नेता; क्या रामकृपाल की बढ़ेगी टेंशन?

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 1:28pm

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi पाटलिपुत्र संसदीय सीट से कभी लालू प्रसाद (Lalu Yadav) को पटखनी देने वाले जदयू (JDU) नेता रंजन यादव एक बार फिर राजद (RJD) में शामिल होंगे। बुधवार यानी 8 मई की शाम वे 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पहुंच राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद की मौजूदगी में राजद की सदस्यता लेंगे।

रंजन यादव किसी दौर में लालू प्रसाद के मित्रों की श्रेणी में शामिल थे। लालू प्रसाद के अधिकांश फैसलों में रंजन यादव उनके साथ रहे। रंजन यादव दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे।

दोनों बार जनता दल ने उन्हें यह मौका दिया। पहली बार 1990 से 1996 और इसके बाद 1996 से 2002 तक, लेकिन इसके बाद वे राजद छोड़ जदयू में शामिल हो गए।

कुछ दिनों के लिए भाजपा के साथ भी जुड़े

Bihar News जदयू ने उन्हें 2009 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया। उनका मुकाबला राजद नेता और पुराने मित्र लालू प्रसाद से होना था। इस चुनाव लालू प्रसाद अपने मित्र रंजन यादव से पराजित रहे। बाद में उनका जदयू से भी मोहभंग हुआ और वे कुछ दिनों के लिए भाजपा में आए।

इसके पूर्व उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राष्ट्रवादी) भी बनाई, लेकिन समय के साथ वे राजनीति के हाशिये पर चले गए। अब रंजन यादव एक बार फिर राजनीति में वापसी कर रहे हैं। वे अपने पुराने मित्र लालू प्रसाद और पार्टी राजद की सदस्यता ले रहे हैं।

जानकारी के अनुसार रंजन यादव बुधवार की शाम पटना स्थित राबड़ी आवास पहुंच लालू प्रसाद की उपस्थिति में राजद की सदस्यता लेंगे। बता दें कि इस बार पाटलीपुत्र सीट से लालू की बड़ी बेटी राजद के टिकट पर मैदान में हैं। रंजन यादव के राजद में शामिल होने से उन्हें काफी फायदा मिलेगा।  

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Bihar Politics: अनंत सिंह को छोटे सरकार क्यों कहा जाता है? ललन सिंह ने खोल दिया राज; याद दिलाई पुरानी बात

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 1:00pm

डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics News Hindi: बिहार के बाहुबली नेता और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत के जेल से बाहर निकलने पर राज्य की सियासत तेज हो गई है। अनंत सिंह (Anant Singh) के बाहर निकलते ही मुंगेर लोकसभा सीट अब और अधिक चर्चा में आ गई है। ललन सिंह इस सीट पर फिर कब्जा जमाने के लिए हर सियासी चाल का उपयोग कर रहे हैं।

इसी क्रम में ललन सिंह ने इस बार अनंत सिंह की सियासी धाक का जमकर इस्तेमाल किया। ललन सिंह ने बीच सभा में अनंत सिंह की जमकर तारीफ की और लालू-रबड़ी परिवार पर खूब बरसे।

अनंत सिंह को छोटे सरकार क्यों कहते हैं? ललन सिंह ने खोले राज

ललन सिंह ने मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह पूरा इलाका तो अनंत बाबू का है। यहां अनंत बाबू ने खूब काम किया। यहां कम अन्याय नहीं होता था लेकिन अनंत बाबू यहां न्याय करते थे। ललन सिंह ने कहा कि अनंत सिंह इस इलाके में हर लोगों के साथ न्याय करते थे। इसलिए उन्हें छोटे सरकार कहा जाता है।

अनंत सिंह हमेशा अपने इलाके में हर वर्ग के लोगों के लिए काम करते थे, किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे। अनंत सिंह इस दौरान अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मौजूद रहीं। बता दें कि अनंत सिंह ने जेल से निकलने के साथ ही कहा था कि ललन सिंह 5 लाख से अधिक वोटों से जीतेंगे।

ललन सिंह ने लालू- रबड़ी परिवार पर साधा निशाना

ललन सिंह ने कहा कि आज के नौजवानों को लालू का शासन याद नहीं होगा, क्योंकि ये लोग उस समय 5 से 6 साल के रहे होंगे। लेकिन जो भी बुजुर्ग हैं, उनसे पूछिए कि कैसा माहौल था उस समय। आतंक का साया था, लोग डक के मारे घर से बाहर नहीं निकलते थे।

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Dainik Jagran - May 8, 2024 - 10:52am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के दौरान गड़बड़ी फैलाने और संविधान को पलट कर इस्लामी कानून स्थापित कर देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का षड्यंत्र रचने वाले पांच आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिका को पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय से अब इन दोनों संगठनों की मुश्किलें बिहार में बढ़ने वाली है।

जज विपुल एम. पंचोली एवं न्यायाधीश रमेश चंद मालवीय की खंडपीठ ने मंजर आलम एवं चार अन्य आरोपितों की आपराधिक अपीलों को खारिज कर दिया। वे सभी प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (PFI) और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (SIMI) के सदस्य हैं।

आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य: पटना हाईकोर्ट

खंडपीठ ने पाया कि आरोपितों के विरुद्ध राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को इस षड्यंत्र में पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। एजेंसी ने कई संवेदनशील साक्ष्यों का हवाला देते हुए उस षड्यंत्र के दो मुख्य आरोपितों मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था। हाई कोर्ट ने यह भी पाया कि आरोपितों द्वारा उक्त षड्यंत्रों को अंजाम देने के लिए उपयोग किए गए मोबाइल फोन व डिजिटल उपकरणों की जांच एजेंसी ने बरामदगी के बाद सरकारी तकनीकी लैब में की थी। अनुसंधान के दौरान संवेदनशील डेटा प्राप्त किया गया, जिसमें हजारों वीडियो मिले हैं।

सभी आरोपियों की संलिप्तता के मिले सबूत

उनमें षड्यंत्र के बारे में बताया गया है और इन सभी आरोपितों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के भावी दौरे में गड़बड़ी के षड्यंत्र की सूचना मिलने के बाद 11 जुलाई, 2022 को पटना पुलिस ने फुलवारीशरीफ में मो. जलालुद्दीन के घर पर छापेमारी कर उसके किरायेदार ताहिर परवेज से कई संवेदनशील दस्तावेज और उपकरण बरामद किए थे। देश में सांप्रदायिक तनाव और देश की अखंडता के विरुद्ध षड्यंत्र की घटना पुलिस में दर्ज की गई थी।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने 22 जुलाई, 2022 को जांच कराने का निर्णय लिया था। गिरफ्तार जलालुद्दीन और अतहर ने अपनी स्वीकारोक्ति रिपोर्ट में षड्यंत्र में सम्मिलित अपने दूसरे साथियों का भी नाम लिया था। इस पूरे मामले में केंद्र सरकार के वकील केएन सिंह ने अग्रिम जमानत का कड़ा विरोध किया।

चार चरणों में रची गई थी साजिश

 इस षड्यंत्र के तहत प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) से जुड़े लोगों को संगठित कर चार चरणों में पूरे देश में धार्मिक उन्माद फैलाया जाना था, ताकि भारतीय संविधान को पलट कर इस्लामिक राज स्थापित किया जा सके।

षड्यंत्र के चारों चरणों को पूरा करते ही बाहरी देशों की शक्ति का सहारा लेकर पीएफआइ अखिल भारतीय इस्लामिक कानून को लागू करना चाहता था। इन चारों षड्यंत्रों को पूरा करने के बाद विदेशी शक्तियों का सहारा लेकर पीएफआइ संविधान की जगह आल इंडिया इस्लामिक ला लागू करना चाहता था।

 01. पहले चरण में देश के सभी मुसलमानों को संगठित कर उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देने की योजना थी।

02. दूसरे चरण में चुनिंदा जगहों पर दूसरे धर्मों के लोगों पर हमला कर दहशत फैलाई जानी थी।

03. तीसरे चरण में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के साथ एक संधि गुट बनाकर हिंदुओं को बांटने का षड्यंत्र था।

04. चौथे चरण में देश की पुलिस, सेना और न्यायपालिका पर नियंत्रण का षड्यंत्र रचा गया था।

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Tejashwi Yadav : मुसलमानों के आरक्षण पर अब तेजस्वी ने दिया बवाल मचाने वाला रिएक्शन, कहा- BJP सरकार से बार-बार...

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 10:24am

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics In Hindi मुसलमानों को आरक्षण के मामले पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद का बयान आने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आरक्षण का सबसे बड़ा विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के साथ ही भाजपा दलित, पिछड़ा, आदिवासी, गरीब एवं बहुजन विरोधी भी है।

नेता प्रतिपक्ष ने मंगलवार को कहा कि बिहार में मात्र 17 महीनों में महागठबंधन की सरकार में हमारे नेतृत्व में सरकार ने राजद (RJD) के सामाजिक न्याय, नीतियों एवं प्रतिबद्धता के चलते देश में पहली बार जाति आधारित गणना कराई और आरक्षण सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का ऐतिहासिक कार्य किया।

अभी तक इसे नौंवीं अनुसूची में नहीं शामिल किया- तेजस्वी यादव

Bihar News उन्होंने कहा कि हमारी पहल पर ही बिहार कैबिनेट ने राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों का आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने संबंधी संशोधित प्रविधानों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार से बार-बार अनुरोध किया, लेकिन आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार ने गलत मंशा के चलते अभी तक इसे नौंवीं अनुसूची में नहीं शामिल किया।

तेजस्वी ने कहा कि मोदी सरकार ने देशभर में जाति आधारित गणना कराने के हमारे प्रस्ताव को कभी भी स्वीकृति ही नहीं दी, बल्कि इसे रुकवाने के देश के सालिसिटर जनरल को भी सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया। इन बातों से स्पष्ट होता है कि भाजपा (BJP) और मोदी सरकार आरक्षण और वंचित वर्गों के उत्थान की घोर विरोधी है।

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Bihar Rain: बिहार में बारिश ने कहां-कहां मचाई तबाही, 3 की दर्दनाक मौत; 10 से अधिक लोगों के झुलसने की खबर

Dainik Jagran - May 8, 2024 - 9:35am

जागरण टीम,मुजफ्फरपुर/फतेहपुर (गया)। बिहार के कई इलाकों में मंगलवार की शाम में आंधी और पानी से फसलों को काफी नुकसान हुआ। वहीं व्रजपात की चपेट में आने से गया में दो व पूर्वी चंपारण में एक की मौत हो गई। जबकि 10 लोग झुलस गए। इसमें दो की हालत गंभीर है।

साप्ताहिक बाजार में भीड़ के दौरान हुई वज्रपात

गया जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र के गुरीसर्वे गांव के मैदान में साप्ताहिक बाजार में भीड़ थी। इसी दौरान शाम करीब पांच बजे हल्की वर्षा के साथ वज्रपात हो गया। इसमें सरोज देवी (54 वर्ष) निवासी ग्राम बारा बैजदा और विश्वनाथ यादव (45 वर्ष) निवासी ग्राम डंगरा की मौत हो गई। जबकि 10 लोग झुलस गए।

इसमें शिल्पा कुमारी एवं धीरज कुमार की हालत गंभीर है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन को सूचना दी। सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर ले जाया गया। गंभीर स्थिति वाले घायलों को विशेष चिकित्सा के लिए मगध मेडिकल कालेज गया रेफर किया गया। थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि मृतकों के स्वजन को नियमानुसार मुआवजा दिलाया जाएगा।

ये है घायलों की सूची

Bihar News: घायलों में शिवनापर गांव के 12 वर्षीय सचिन कुमार, 35 वर्षीय सावित्री देवी, 11 वर्षीय कमलेश कुमार व 16 वर्षीय शिल्पा कुमारी एवं गुरिसर्वे गांव की 13 वर्षीय लक्ष्मी कुमारी, 39 वर्षीय नागेंद्र मांझी, 12 वर्षीय मुस्कान कुमारी व 15 वर्षीय सोनम कुमारी तथा रघुनाथपुर के 30 वर्षीय विनोद कुमार व 25 वर्षीय धीरज कुमार शामिल हैं। उधर, पश्चिम चंपारण के बेतिया, मझौलिया, नौतन, बैरिया, गौनाहा में तेज हवा के कारण आम और लीची को क्षति हुई है। टहनियां भी टूटकर गिरी हैं। वर्षा से मक्के की फसल को लाभ मिला है।

फसल को भी पहुंचा नुकसान

शिवहर में सब्जी की फसल तथा खेत में लगी तथा कटाई बाद खेत में रखी गई गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। मोतिहारी जिला मुख्यालय स्थित सदर प्रखंड, घोड़ासहन, सुगौली, बंजरिया, तुरकौलिया, कोटवा आदि में तेज हवा के साथ बारिश हुई। अरेराज में ठनका गिरने से एक की मौत हो गई। तेज हवा के कारण जिले में आम व लीची की फसल को आंशिक क्षति हुई है।

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