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'इस संस्था पर तो हर दिन हमला हो रहा, लेकिन...', SC को लेकर टिप्पणी पर क्या बोले जस्टिस सूर्यकांत?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लेकर हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की थी। इसी बीच आज (मंगलवार) उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि संसद ही सुप्रीम है। उसके ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं है।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) पर हर दिन हमले होते रहते हैं। हमें इसकी चिंता नहीं है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधेयकों को मंजूरी देने की समयसीमा तय करने के सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू हुए कटाक्षों के मामले पर कहा है। कर्नाटक में न्यायालय की अवमानना के एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने ऐसा कहा।
उपराष्ट्रपति ने SC को लेकर क्या कहा था?हाल ही में धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 142 से मिली शक्ति को 'न्यूक्लियर मिसाइल' करार दिया था। धनखड़ ने कोर्ट को लेकर कहा था, हम ऐसी स्थिति नहीं ला सकते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिया जाए। संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट का अधिकार केवल अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है।
भाजपा सांसद ने की थी CJI पर टिप्पणीवहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के ख़िलाफ़ चल रही सुनवाई के दौरान, कानून के कई अहम प्रावधानों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी, जिस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चिंता जाहिर करते हुए टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है।
सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है- इन्हें बंद कर देना चाहिए।"
यह भी पढ़ें: 'संसद ही सर्वोच्च, इससे ऊपर कोई नहीं...', निशिकांत दुबे विवाद के बीच जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान
असम: 'बम से उड़ा देंगे', गुवाहाटी हाईकोर्ट को आया धमकी भरा ईमेल; मची अफरा-तफरी
एएनआई, गुवाहाटी। असम के गुवाहाटी हाई कोर्ट को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक अफवाह थी। गुवाहाटी शहर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह धमकी एक गुमनाम अकाउंट से ई-मेल के जरिए मिली थी।
धमकी के बाद सुरक्षाकर्मी हाई कोर्ट पहुंचे और तलाशी अभियान चलाया। पुलिस अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए आगे कहा, यह बम की अफवाह है। धमकी ई-मेल के जरिए मिली थी।
इस शहर के एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकीअधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। इससे पहले 18 अप्रैल को कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर दोपहर में बम की धमकी वाली कॉल आई थी, जो फर्जी निकली और कॉल करने वाले को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया गया, पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी सुमित सुधाकर रामटेके ने बताया, दोपहर करीब 12:30 बजे सीआईएसएफ से एक अज्ञात कॉलर ने संपर्क किया और बताया कि 72 सीटों वाले विमान (चकेरी एयरपोर्ट पर) में बम रखा गया है। सीआईएसएफ ने चकेरी पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी।
पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपीअलर्ट के बाद चकेरी पुलिस स्टेशन और निगरानी टीम ने तुरंत जांच शुरू कर दी। एसीपी ने बताया, चकेरी पुलिस स्टेशन और निगरानी टीम ने तुरंत इस मामले पर काम करना शुरू कर दिया और कॉल करने वाले को दोपहर करीब 3 बजे पकड़ लिया।
जांच में पता चला है कि कॉल एक शरारत के तौर पर की गई झूठी चेतावनी थी।
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'मां अक्सर धमकी देती थी... बहन को है अवसाद', कर्नाटक के पूर्व डीजीपी हत्याकांड में बेटे ने किए कई खुलासे
एजेंसी, बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश की हत्या मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मर्डर केस में पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की पत्नी पल्लवी ने चाकू मारने से पहले उनके चेहरे पर लाल मिर्ची पाउडर फेंका था।
जलन से बेचैन होने पर पल्लवी ने उन पर धारदार चाकू से कई वार किए।
पूर्व डीजीपी की मौके पर ही मौत हो गई थीइससे लहूलुहान पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के आरोप में उनकी 64 वर्षीय पत्नी पल्लवी ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मजिस्ट्रेटी अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में आगे की जांच अब बेंगलुरु के सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को सौंप दी गई है।
बेटे कार्तिकेश ने की शिकायतपुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई उनके बेटे कार्तिकेश द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई है।
ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने बताया कि रविवार की घटना के बाद उन्होंने पुलिस में अपनी मां और बहन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि मेरी मां पल्लवी और मेरी बहन कृति अक्सर मेरे पिता के साथ झगड़ती थीं।
मां के बारे में खोले राज- बेटे कार्तिकेश ने आगे कहा कि मां पल्लवी पिता को कुछ समय से जान से मारने की धमकी दे रही थी। इसकी वजह से उनके पिता अपनी बहन सरिता कुमारी यानी मेरी बुआ के घर रहने चले गए थे।
- बहन कृति दो दिन पहले ही पिता पर दबाव बनाकर उन्हें वापस घर ले आई थी।
- बेटे ने ये भी बताया कि मां सीजोफ्रेनिया की मरीज हैं और दवाएं लेती है जबकि बहन कृति अवसाद की शिकार है।
- कार्तिकेश ने बताया कि उन्हें उनके पिता की हत्या के बारे में 20 अप्रैल को शाम पांच बजे पड़ोसी श्रीधरन के फोन काल से पता चला जब वह डोमलुर क्षेत्र में स्थित कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे।
- जब वह शाम पौने छह बजे घर पहुंचे तो उनके पिता का शव जमीन पर खून में सना पड़ा था। उनके पास एक चाकू और टूटी हुई बोतल भी पड़े हुए थे। तब तक पुलिस और दूसरे लोग भी वहां आ गए थे।
कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वरा ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही ओमप्रकाश डीजीपी रहे और वह बहुत अच्छे व्यक्ति व अफसर थे।
ओम प्रकाश के शव का पोस्टमार्टम सोमवार को होने के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ बेंगलुरु के विल्सन गार्डन क्रिमिनेशन ग्राउंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे कार्तिकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी।
India won't be held back, says JD Vance
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19-year-old Pravasthi Aaradhya gets bullied after she alleges harassment from singer Sunitha on TV show Padutha Theeyaga - Hindustan Times
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New warning for H-1B visa holders: USCIS’ request for evidence linked to ‘lawful’ deportations? - The Financial Express
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न बिजली कटौती का डर और न ज्यादा बिल की टेंशन, पढ़ें उन तीन गांव की कहानी जो सौर ऊर्जा से ला रहे बदलाव
टीम जागरण, नई दिल्ली। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों ने पूरा परिदृश्य ही बदल दिया। कभी बिजली कटौती बड़ी समस्या रहती थी, लेकिन सौर ऊर्जा ने इससे भी मुक्ति दिला दी। इससे ऊर्जा की आवश्यकता तो पूरी हो ही रही है, आय का जरिया भी बना है। छोटे बड़े हर स्तर पर भी लोग सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं। शहर के साथ ही सुदूर गांवों में भी इससे घर रोशन हो रहे हैं। विश्व पृथ्वी दिवस पर आइए पढ़ें सौर ऊर्जा से आ रहे सकारात्मक बदलावों की कहानी...
कहानी नंबर-1
रूफटॉप सोलर प्लांट से बन रही बिजली, परिसर भी हो रहा ठंडाअमृतसर: पर्यावरण संरक्षण के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए अमृतसर जिले में राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में लगाया गया विशाल रूफटॉप सोलर पावर प्लांट एक मिसाल बन गया है।
इस संयंत्र की क्षमता 11.5 मेगावाट है और यह हर साल लगभग 1.50 करोड़ यूनिट जीरो कार्बन से बनी बिजली का उत्पादन कर रहा है। 42 एकड़ के परिसर में आठ अलग-अलग स्थानों पर यह संयंत्र फैला हुआ है। करीब 46,000 से अधिक सोलर मॉड्यूल इसकी छत पर लगे हैं।
इस विशाल परियोजना को टाटा पावर सोलर ने डिजाइन और निर्माण किया है। इसमें टियर-1 मल्टी- क्रिस्टलाइन मॉड्यूल्स का उपयोग किया गया है, जो 25 वर्षों तक उच्च दक्षता के साथ काम करने की गारंटी देते हैं।
छत की ऊंचाई लगभग सात मीटर है। छतों की संरचना, तापमान के उतार- चढ़ाव, तेज हवा और रखरखाव को ध्यान में रखते हुए विशेष वेंटिलेशन गैप तैयार किया गया है, जिससे तापमान में 12 डिग्री की कमी आती है।
इसके अतिरिक्त अंडर डेक इंसुलेटेड जे-शीट रूफिंग का उपयोग करके गर्मी को रोका गया है, जिससे सत्संग भवन का भीतरी वातावरण ठंडा रहता है। इस प्लांट से पूरे परिसर के लिए पर्याप्त बिजली का उत्पादन होता है।
अमृतसर में राधा स्वामी सत्संग परिसर में बना सोलर रूफटॉप प्लांट। जागरण
इस पहल से क्या बदला?सालाना 1.50 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन का सीधा अर्थ है कि यह संयंत्र प्रतिवर्ष हजारो टन कार्बन उत्सर्जन को रोकता है। साथ ही यह नजदीकी क्षेत्रों को हरित ऊर्जा की आपूर्ति में भी मदद करता है। साल 2016 में बने इस संयंत्र की लागत 1983 करोड़ रुपये है।
कहानी नंबर-2
बिजली का खर्च नहीं, गांव के सभी घर सौर ऊर्जा से रोशनमुरादाबाद: बिजली का खर्च कम करने के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए सोलर गांव के रूप में मुरादाबाद के हिमायूंपुर गांव की अपनी अलग पहचान बन गई है।
युवा प्रधान अभिषेक चौधरी की पहल से गांव के सभी 270 घर सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं। 50 सोलर पंप के साथ तीन आटा चक्की भी सौर ऊर्जा से संचालित की जा रही हैं।
हिमायूंपुर गांव के पंचायत घर में 30 किलोवाट का सोलर पैनल लगा रखा है, जिससे पंचायत घर के साथ 26 घरों को भी बिजली की सप्लाई दी जा रही है सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करके ग्राम पंचायत करीब सवा लाख रुपये प्रति वर्ष आय भी कर रही है। सोलर गांव के रूप से चयन के लिए प्रदेश सरकार ने गांव केंद्र सरकार के लिए नामित किया है।
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित हिमायूंपुर ग्राम पंचायत की आबादी करीब 2200 है। यह पंचायत ऊर्जा आत्मनिर्भरता का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी हैं। गांव में 83 प्रतिशत घर और सभी सार्वजनिक व निजी संस्थान सौर ऊर्जा से संचालित हैं।
मुरादाबाद के हिमायूपुर गांव के पंचायत भवन पर लगा सोलर सिस्टम। जागरण
कैसे हुई शुरुआत?ग्राम प्रधान अभिषेक चौधरी के मुताबिक, गांव में ज्यादातर लोगों का बिजली का बिल अधिक आता था। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जा संरक्षण अभियान से प्रेरित होकर गांव को सोलर गांव बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया। ग्रामीणों ने खुद भी सोलर पैनल लगवाए।
कहानी नंबर- 3
सीतापुर की वृंदावन कॉलोनी का हर घर बनाता है अपनी बिजलीसीतापुर: सीतापुर पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना कारगर साबित हो रही है। सीतापुर की वृंदावन कॉलोनी इसकी नजीर बनी हुई है, जहां सभी 46 घरों में सोलर प्लांट लगा है।
यह कॉलोनी विद्युत ऊर्जा के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। पूरी कॉलोनी का बिजली का बिल शून्य है, कुछ घर तो बड़े प्लांट लगाकर कमाई भी कर रहे हैं।
करीब पांच वर्ष पहले कॉलोनी में अभय मिश्र ने नेडा के सहयोग से अपने घर पर पहला सोलर प्लांट लगवाया था। अब कॉलोनी के कुछ लोगों ने घर की जरूरत से ज्यादा क्षमता के सौर ऊर्जा प्लांट लगा रखे हैं। वह इससे आमदनी भी कर रहे हैं।
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राजीव मेहरोत्रा ने बताया कि उनके घर में तीन किलोवाट से ही काम चल जाता है, जबकि सोलर प्लांट पांच किलोवाट का लगा है। ऐसे में उन्हें बिजली विभाग से पैसा मिलता ही है।
आशुतोष बाजपेयी ने बताया कि जब से प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का लाभ लिया है, तबसे बिजली बिल का झंझट ही खत्म हो गया है। नेडा के परियोजना अधिकारी कमलेश मिश्रा बताते हैं कि वृंदावन कॉलोनी में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया था। इसके बाद छह महीने में ही पूरी कॉलोनी योजना से संतृप्त हो गई है।
सीतापुर की वृंदावन कॉलोनी में लगाए गए सौर ऊर्जा प्लांट। जागरण
बिजली बचाने के भी पूरे इंतजामवृंदावन कॉलोनी के लोग विद्युत उत्पादन के साथ उसकी बचत करने में भी आगे है। सभी घरों में कम ऊर्जा की खपत वाले विद्युत उपकरण लगे है। रोशनी के लिए लोगो ने एलईडी बल्ब लगे हैं। वहीं, टीवी, फ्रिज, एसी आदि उपकरण भी अच्छी रेटिंग के लगे हैं।
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(इनपुट- राजिंदर रिखी/मोहसिन पाशा/दुर्गेश द्विवेदी)
'संसद ही सर्वोच्च, इससे ऊपर कोई नहीं...', निशिकांत दुबे विवाद के बीच जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान
एजेंसी, नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान सामने आया है। उपराष्ट्रपति ने संविधान में निर्धारित भारतीय सरकार के ढांचे के भीतर न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र पर एक बार फिर सवाल उठाया है।
सांसद ही संविधान के अंतिम मालिकजगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सर्वोच्च है और सांसद ही संविधान के अंतिम मालिक है। उनसे ऊपर कोई प्राधिकारी नहीं हो सकता।
दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक प्रधानमंत्री जिसने आपातकाल लगाया था, उसे 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान लोगों के लिए है और यह इसकी सुरक्षा का भंडार है।
VIDEO | Speaking at an event in Delhi University, Vice-President Jagdeep Dhankhar (@VPIndia) said, "A prime minister, who imposed Emergency, was held accountable in 1977. Therefore, let there be no doubt about it - Constitution is for the people and it's a repository of… pic.twitter.com/mjXt84tLcS
— Press Trust of India (@PTI_News) April 22, 2025 सुप्रीम कोर्ट पर उठाए थे सवालबता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहले भी सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े किए थे। दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा से पारित कई विधेयकों के राज्यपाल के पास लंबित होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सवाल खड़े किए थे।
धनखड़ ने कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट देश के राष्ट्रपति को आदेश दे रहा है, इससे बुरा क्या होगा। उन्होंने कहा था कि अदालत ने फैसला सुनाया है कि अगर बिल पर राष्ट्रपति ने तय समयसीमा में फैसला नहीं लिया तो विधेयकों को अपने आप लागू माना जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि संसद को अदालत ही चलाना चाहती है।
वहीं, उपराष्ट्रपति ने संविधान के आर्टिकल 142 का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके तहत अदालत के हाथ परमाणु लग गया है। दरअसल, इस आर्टिकल के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट जनहित में कोई भी फैसला ले सकता है, जो पूरे देश पर लागू होता है।
संसद ही सुप्रीमधनखड़ ने आगे कहा कि निर्वाचित सांसद ही संविधान को लेकर अंतिम स्वामी हैं। संविधान में संसद से ऊपर किसी प्राधिकारी की कल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है और ऐसी स्थिति में यह देश के प्रत्येक व्यक्ति जितना ही सुप्रीम है।
बता दें कि हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ कानून को लेकर टिप्पणी की आलोचना की थी और कहा था कि अगर ऐसा ही है तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जब सुप्रीम पावर कोर्ट के पास ही है तो संसद की क्या जरूरत है।
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'मेरे बेटे को न्याय दो' IAF ऑफिसर पर हमला करने वाले शख्स की मां ने लगाई गुहार, क्यों दर्ज करवाई FIR?
बेंगलुरु, पीटीआई। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक IAF ऑफिसर का वीडियो वायरल हो रहा था। इस वीडियो में IAF अफसर ने कुछ लोगों पर गंभीर मारपीट का आरोप लगाया था। वीडियो के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, अब उसी आरोपी ने IAF ऑफिसर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है।
IAF ऑफिसर ने लगाया था आरोपभारतीय वायु सेना (IAF) के विंग कमांडर शिलादित्य बोस ने बेंगलुरु से सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि वो अपनी पत्नी के साथ एयरपोर्ट जा रहे थे। तभी बाइक पर सवार अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को जबरन रुकवाया। आरोपी कन्नड़ में बात कर रहे थे। उन्होंने शिलादित्य पर हमला किया और लगातार गालियां देते रहे। शिलादित्य के बयान पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी।
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विकास ने क्या कहा?मामले पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी विकास कुमार को हिरासत में ले लिया। विकास कुमार बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी के कॉल सेंटर में टीम हेड हैं। विकास का कहना है कि दोनों ने एक-दूसरे पर हमला किया था। हालांकि, वीडियो में खुद को बेगुनाह दिखाने के लिए IAF ऑफिसर ने सिर्फ एक तरफा पक्ष रखा। विकास के अनुसार, उसकी शिलादित्य से किसी बात पर बहस हो गई थी। ऐसे में शिलादित्य ने विकास को मारना शुरू कर दिया। शिलादित्य की पत्नी ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
विकास की मां ने लगाई न्याय की गुहारअब विकास ने बेंगलुरु के भारतीय न्याय संहिता के तहत बैयापन्नाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिलादित्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। विकास की मां ज्योति ने भी वीडियो जारी करते हुए बेटे के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा कि सारा दोष मेरे बेटे पर डाल देना पूरी तरह से गलत है। सेना में अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने मेरे बेटे को डराया धमकाया, मारा और उसकी बाइक भी डैमेज कर दी।
विकास की मां का बयानविकास की मां ने कहा कि इतना सबकुछ होने के बाद अगर हम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते तो मामला बढ़ सकता था। इसलिए हमने सोचा जाने दो। मगर अब उन्होंने ही इसे इतना बड़ा मामला बना दिया है। वो मेरे बेटे को परेशान कर रहे हैं। मैं अपने बेटे के लिए न्याय की मांग करती हूं।
क्या था पूरा मामला?विकास के अनुसार, वो रास्ते से गुजर रहा था। तभी कार में बैठी IAF ऑफिसर की पत्नी ने विकास पर टिप्पणी की। विकास उनसे पूछ बैठा कि मैडम क्या कह रही हैं? इसी बात पर दोनों की कहासुनी हुई और मामला यहां तक पहुंच गया। पुलिस का कहना है कि हम CCTV फुटेज खंगाल रहे हैं। इस मामले में पुलिस के पास कई वीडियो हैं और हम मामले की जांच कर रहे हैं।
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