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कहीं बारिश, तो कहीं गर्मी का अलर्ट... अगले 24 घंटे में तेजी से बदलेगा मौसम, इन राज्यों के लिए जारी हुई वॉर्निंग

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 7:20am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते 2-3 दिनों से मौसम का मिजाज थोड़ा बदला-बदला है। पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु, असम व मेघालय समेत देश के कई हिस्सों में हो रही बारिश ने मौसम में ठंडक की वापसी करा दी है। दिल्ली में भी तापमान में 2.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

हालांकि अगले 24 घंटे में उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। लेकिन इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान फिर से 2 से 4 डिग्री तक नीचे आ सकता है। मध्य भारत और महाराष्ट्र रीजन में अगले 2 दिन तापमान पहले जैसा बना रहेगा, लेकिन उसके बाद इसमें भी गिरावट देखने को मिलेगी।

जम्मू-हिमाचल में गरजेंगे बादल

मौसम विभाग के मुताबिक, जम्मू क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश में सोमवार को गरज के साथ आंधी-तूफान आने के संभावना है। इन इलाकों में अगले 24 घंटे में भयंकर बारिश हो सकती है। वहीं पंजाब में ओले गिरने की भी संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग ने जम्मू, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में भी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नगालैंड समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश का अलर्ट है।

विदर्भ में सबसे अधिक तापमान
  • बीते 24 घंटे में मध्य यूपी, पूर्वी राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ, पश्चिमी मध्य प्रदेश, असम और मेघालय में अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। मैदानी इलाकों की बात करें, तो महाराष्ट्र के विदर्भ के अकोला में अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सबसे ज्यादा था।
  • पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के कई हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी हिमालयी रीजन में 4 मार्च तक भारी बर्फबारी भी देखने को मिल सकती है। वहीं कोस्टल कर्नाटक के कुछ स्थानों पर अगले 24 घंटे में हीटवेव की स्थिति बन सकती है।
बीमार कर रहा बदलता मौसम

बीते कुछ समय में मौसम तेजी से बदल रहा है। दोपहर में धूप के कारण तापमान ज्यादा हो जा रहा है, तो वहीं सुबह और शाम को ठंडक बनी रह रही है। मौसम में इतनी तेजी से हो रहे बदलाव के कारण बीमारियां भी बढ़ने लगी हैं। अस्पतालों में हर रोज सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं।

ऐसे मौसम में शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन, सिर दर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे मौसम में तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीना चाहिए और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

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नौ दिन बाद भी नहीं निकल पाए तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे लोग, जानें कहां आ रही है समस्या

Dainik Jagran - National - March 3, 2025 - 6:17am

पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना सुरंग हादसे में पिछले नौ दिनों से फंसे आठ लोगों को अभी तक सुरक्षित निकालना संभव नहीं हो पाया है। घटनास्थल से गाद हटाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं और बचाव कर्मियों एवं उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

बचाव कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन लगातार पानी का रिसाव एक बड़ी बाधा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के सटीक स्थान की अभी तक कोई जानकारी नहीं है। सरकार बचाव अभियान में तेजी लाने के प्रयास कर रही है।

जल्द ठीक होगी कन्वेयर बेल्ट

रविवार को उन्होंने दुर्घटना स्थल का दौरा किया। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। गाद ले जाने में मदद करने वाली कन्वेयर बेल्ट के सोमवार तक ठीक हो जाने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, 'बचाव कर्मी इस बात को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि सुरंग के अंदर लोग और मशीन कहां फंसी हैं। उनके पास प्रारंभिक अनुमान है, लेकिन पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।' सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो, तो बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग करें। सरकार पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए तैयार है।

700 कर्मचारी बचाव कार्य में जुटे
  • रविवार को एक अधिकारी ने कहा कि सुरंग ढहने से क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की सोमवार तक मरम्मत होने की उम्मीद है। एक बार मरम्मत हो जाने के बाद सुरंग से कीचड़ और मलबे को हटाना आसान हो जाएगा।
  • केंद्र और राज्य सरकार की 18 एजेंसियों के करीब 700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम 120 कर्मचारी बचाव कार्य कर रहे हैं। उधर, भाजपा के कुछ विधायकों ने भी स्थिति का आकलन करने के लिए दुर्घटनास्थल का दौरा किया है।
  • पार्टी विधायक महेश्वर रेड्डी ने कहा कि यह दुर्घटना मौजूदा और पिछली राज्य सरकारों के कुप्रबंधन के कारण हुई है। उनकी लापरवाही के कारण ही यह आपदा आई है। राज्य सरकार ने कई मुद्दों की उपेक्षा की है, जिसके कारण अब आठ श्रमिकों का जीवन दांव पर लग गया है।

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