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Pahalgam Attack: पहलगाम में आतंकी हमले पर तेजस्वी ने सरकार को घेरा, पूछा- हाई सिक्युरिटी जोन में कैसे हुआ हमला?
डिजिटल डेस्क, पटना। पहलगाम में आतंकी हमले को राजद ने देश के लिए आघात बताया है और हमलावरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
लालू प्रसाद ने एक्स पर लिखा है कि पहलगाम में निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों पर बर्बर आतंकी कार्रवाई से पूरा देश आहत है। ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना है कि दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को संबल दे।
केंद्र सरकार से आग्रह करूंगा कि त्वरित कारवाई करते हुए एक सख्त संदेश दे, ताकि भविष्य में किसी भी भारतीय नागरिक की जान बर्बर हिंसा की भेंट न चढ़े।
#WATCH | Patna, Bihar: #PahalgamTerroristAttack | former Bihar Deputy CM and RJD leader Tejashwi Yadav says, "The incident that happened yesterday in Pahalgam, the way terrorists shot and killed many people. We are hurt by this incident. Before today, tourists had never been… pic.twitter.com/lTLAeYNLbb
— ANI (@ANI) April 23, 2025 पूरा देश एकसाथ- तेजस्वीतेजस्वी यादव ने इसे दर्दनाक व निंदनीय घटना बताया है। बुधवार को उन्होंने कहा कि इस घटना में जान गंवाने वालों को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है। पूरा देश मर्माहत है और सभी लोग एकजुट हैं। सरकार से न्याय की गुहार है।
इस घटना के पीछे जो लोग हैं, उन्हें कतई न बख्शा जाए। हमले की जांच निष्पक्षता से हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसी के साथ उन्होंने पूछा कि 2019 में पुलवामा कांड की जांच केंद्र सरकार करा रही थी।
जांच का क्या निष्कर्ष निकला, इसका पता नहीं चल पाया है। पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि पाकिस्तान की हरकत ही रहती है कि बहुत सारे आतंकी संगठनों को पाल कर रखें।
यह अत्यंत घृणित और कायराना हरकत है। बुजदिल ही ऐसा कर सकते हैं। कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाके में केंद्र सरकार ने जासूस और फोर्स लगाकर रखा है। इसके बाद भी आतंकियों ने निर्दोषों की हत्या कर दी।
यह घटना केंद्र के साथ जम्मू-कश्मीर सरकार की भी विफलता का भी प्रमाण है। जिन आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया, उनको चुन-चुनकर ठोस कार्रवाई हो।
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ओजोन का बढ़ता प्रदूषण पैदा कर सकता है खाद्यान्न संकट, फसलों को पहुंचाता है भारी नुकसान
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में हवा में ओजोन का प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगा है। ओजोन का ये बढ़ता प्रदूषण आने वाले समय में खाद्यान्न संकट की स्थिति पैदा कर सकता है। आईआईटी खड़गपुर से जुड़े शोधकर्ताओं की ओर से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ओजोन के प्रदूषण के चलते भारत में गेहूं, धान और मक्का की पैदावार में गिरावट देखी जा सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर ओजोन के प्रदूषण को नियंत्रित नहीं किया गया तो 2050 तक गेहूं की पैदावार में 20 फीसदी और धान और मक्के की फसल में सात फीसदी तक की कमी दर्ज की जा सकती है।
आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने जलवायु मॉडल (सीएमआइपी6) से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल कर ये अध्ययन किया है। साथ ही इस अध्ययन में उन्होंने ये जानने का प्रयास किया है कि अगर ओजोन का प्रदूषण बढ़ता है तो इसका भारत में प्रमुख खाद्यान फसलों पर कितना असर पड़ेगा। वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के वैज्ञानिका विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि ओजोन एक ऑक्सीडेंट है। ये पौधों की पत्तियों और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है। इसके प्रभाव के चलते हरे पत्ते पीले पड़ जाते हैं। पौधे की पत्तियों को दो चरणों में नुकसान पहुंचता है पहला चरण है क्लोरोसिस जिसमें पत्ते पीले पड़ जाते हैं। वहीं दूसरा चरण है मैक्रोसिस जिसमें पत्तों की सेल डैमेज हो जाती है। वहीं पत्ते की निचली सहत जिसे स्टोमेटा कहते हैं और पत्ते जिसके जरिए गैसों का आदान प्रदान करते हैं उसको भी ओजोन नुकसान पहुंचाता है। गर्मियों के मौसम में गाड़ियों और पावर प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण धुआं जिसमें नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड रहता है ये सूरज की गर्मी की वजह से क्रिया कर ऑक्सीजन बनाता है।
गौरतलब है कि ओजोन बेहद घातक प्रदूषक गैस है। ये एक ग्रीनहाउस गैस भी है जो क्लाइमेट चेंज को बढ़ावा देती है। ओजोन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें गाड़ियों और पावर प्लांट से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगानी होगी। इसके साथ ही पेट्रोल पम्प पर पेट्रोल डालते समय हवा में उड़ने वाले पेट्रोल के वाष्प को रोकने के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। भारत ही नहीं आज दुनिया के कई देशों में ओजोन का प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन रहा है।
ओजोन के प्रदूषण से फसलों के उत्पादन पर कितना असर होगा इसके कई अध्ययन चल रहे हैं। भारत सरकार की संस्था इंडियन काउंसिल फॅार एग्रीकल्चर रिसर्च के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेश कुमार कहते हैं कि हवा में ओजोन का स्तर 40ppb से ज्यादा होने पर पौधों को नुकसान पहुंचता है। ओजोन पौधे की फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया को बाधित कर देता है। इससे पौधा कमजोर होता है और उत्पादन पर असर पड़ता है। खेतों में डाली जाने वाली यूरिया और अन्य खाद भी तेज गर्मी में ओजोन बनने का कारण होती हैं। लेकिन ओजोन से फसल को कितना नुकसान होता है इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ओजोन के अलावा जलवायु परिवर्तन सहित कई अन्य कारण भी हैं जिनसे पौधों की सेहत और उत्पादकता पर असर पड़ता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के कई शहरों में ओजोन के प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक तौर पर वृद्धि हुई है। सीएसई में वायु प्रदूषण पर लम्बे समय से काम कर रहे डॉक्टर विवेक चटोपाध्याय कहते हैं कि हमने अपने अध्ययन में पाया कि पहले जहां ओजोन के प्रदूषण की समस सिर्फ गर्मियों में होती थी वहीं अब ये पूरे साल की समस्या बन गई है। खास तौर पर दक्षिण और पश्चिमी तटीय महानगरीय इलाकों में ये समस्या काफी बढ़ चुकी है। सामान्य तौर पर जब सूरज की रौशनी हो, गर्मी ज्यादा हो और गाड़ियों के धुएं का प्रदूषण हवा में मौजूद हो तो ही ओजोन के प्रदूषण में वृद्धि देखी जाती है। लेकिन हमने अध्ययन में पाया कि महानगरों में सूर्यास्त के बाद भी हवा में ओजोन का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। ओजोन के प्रदूषण की खास बात ये है कि ये गैस के रूप में होती है। ऐसे में दिल्ली का ओजोन प्रदूषण हवा के साथ आसपास के ऐसे इलाके में पहुंच सकता है जहां प्रदूषण का कोई स्रोत न हो। ऐसे में इसके प्रदूषण की चपेट में काफी बड़े इलाके के लोग आ जाते हैं।
हमारी सांसों को जहरीला बना रहा ओजोन
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हवा में ओजोन के स्तर का बढ़ना काफी खतरनाक है। ये सीधे हमारे फेफड़ों पर असर डालता है। हवा में ओजोन बढ़ने से सांस लेते समय छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन और सांस की नली में सूजन जैसी दिक्कत हो सकती है। फेफड़ों के काम करने में कमी आ सकती है। ओजोन ब्रोंकाइटिस, अस्थमा इत्यादि को और खराब कर सकता है। ओजोन के कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारी हो सकती है जो कि दिल को प्रभावित कर सकती है। बहुत लम्बे समय तक ओजोन के सांस के जरिए शरीर में जाने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी हो सकता है।
ओजोन बढ़ने से मक्के के उत्पादन पर असर
ओजोन की परत को को नुकसान पहुंचने से दुनिया में मक्के के उत्पादन में कमी आ रही है। ये खुलासा यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की रिसर्च यूनिट USDA ARS Global Change and Photosynthesis Research Unit की ओर से किए गए अध्ययन में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन के निचले स्तर को नुकसान पहुंचने मक्के की फसल के उत्पादन में कमी आई है। ओजोन की निचली परत को नुकसान पहुंचने से सूरज की ऐसी किरणें नीचे आ रही हैं जो मक्के की पत्तियों में कैमिकल संतुलन को बिगाड़ रही हैं। शिकागो स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता 20 सालों से फसलों पर ओजोन प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन एक खास तरह के फॉर्म पर कर रहे हैं जहां ओजोन के अलग अलग स्तर का फसलों पर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने मक्के की तीन प्रजातियों पर अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि ओजोन के प्रभाव के कारण हाइब्रिड फसलों की उपज में 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। वहीं पारंपरिक प्रजातियों के उत्पादन पर कुछ खास असर नहीं हुआ। वहीं हाइब्रिड मक्के के पौधे ओजोन के प्रभाव के चलते जल्दी बूढे होने लगे।
पूर्व मुख्य तकनीकी सलाहकार एवं परियोजना प्रबंधक, विश्व खाद्य संगठन, (संयुक्त राष्ट्र संघ) डा. राम चेत चौधरी कहते हैं कि क्लाइमेट चेंज के साथ ही ओजोन की परत को नुकसान पहुंचने का सीधा असर फसलों पर पड़ता है। ओजोन के प्रभाव के चलते पौधे की पत्तियों में बनने वाली बहुत सी ऊर्जा नष्ट हो जाती है। साथ ही पत्तों में टिशूज को भी नुकसान पहुंचता है। हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के साथ ही आने वाले समय के लिए ज्यादा रजिस्टेंस वाली प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है।
क्या है समाधान
सीएसई ने ओजोन प्रदूषण पर किए गए अपने अध्ययन में कुछ सुझाव दिए हैं। इसके तहत कहा गया है कि, ओजोन की जटिल रासायनिक संरचना के कारण इसे ट्रैक और नियंत्रित करना मुश्किल है। इसे ट्रैक और नियंत्रित करने के लिए एक व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है।
वैश्विक अनुभवों के मुताबिक जैसे जैसे हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों का स्तर गिरता है नाइट्रोजन ऑक्साइड और ग्राउंड लेवल ओजोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में ओजोन को नियंत्रित करने के लिए उद्योगों, वाहनों, घरों और खुले में जलने से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए सख्त नियम होने चाहिए।
ओजोन शहरों से दूर दूर तक फैल कर प्रदूषण में इजाफा करता है। इसके लिए स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी की जरूरत है।
Rajnath Singh: 'पर्दे के पीछे छिपे मास्टरमाइंड को नहीं छोड़ेंगे' पहलगाम अटैक पर बोले रक्षा मंत्री- ऐसा जवाब मिलेगा कि दुनिया देखेगी
एएनआई, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दो विदेशी नागरिक सहित 26 लोगों की जान चली गई। श्रीनगर से लेकर दिल्ली तक, हाईलेवल मीटिंग चल रही है।
इसी बीच राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, "कल पहलगाम में एक धर्म विशेष को निशाना बनाकर आतंकवादियों ने कायराना हरकत की, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई।"
आतंकियों को मिलेगा करारा जवाब: राजनाथ सिंहराजनाथ सिंह ने आगे कहा,"मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। हम न सिर्फ इस कृत्य के दोषियों तक पहुंचेंगे बल्कि पर्दे के पीछे के किरदारों तक भी पहुंचेंगे। आरोपियों को जल्द ही जोरदार और स्पष्ट जवाब मिलेगा, यह मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं।"
#WATCH | #PahalgamTerrorAttack | Delhi: Raksha Mantri Rajnath Singh says, "Yesterday, in Pahalgam, targeting a particular religion, terrorists executed a cowardly act, in which we lost many innocent lives... I want to assure the countrymen that the government will take every… pic.twitter.com/VhNHD0kO2E
— ANI (@ANI) April 23, 2025 तीनों सेना प्रमुख के साथ दिल्ली में रक्षा मंत्री की हाईलेवल मीटिंगबता दें कि देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक अहम बैठक की।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रक्षा मंत्री को पहलगाम और पूरे जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है और आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान जारी है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: अमित शाहवहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,"भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकवादी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
आतंकी हमले पर पीएम मोदी ने क्या कहा?आतंकी हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था," इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने आगे कहा था कि "मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।'
तीन आतंकियों की हुई पहचानबता दें कि इस वीभत्स हत्याकांड में शामिल 3 आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए हैं। इस वीभत्स आतंकवादी हमले में आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के शामिल होने का संदेह है।
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Pahalgam Attack: 'भारत बेहतर तरीके से जवाब देना जानता है', बदला लेने के लिए इजरायल ने किया खुले समर्थन का एलान
एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले की दुनिया भर में निंदा के बीच भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि ऐसे अपराधी हमेशा दूसरों को डराने की कोशिश करते हैं। एएनआई से बात करते हुए अजार ने कहा कि भारत जवाबी कार्रवाई करने के लिए और अधिक दृढ़ संकल्पित होगा।
उन्होंने कहा, 'अपराधी हमें डराने के लिए हमेशा नए तरीके खोजने की कोशिश करते हैं। हमें निश्चित रूप से इस पर ध्यान देना होगा। हमें यह देखना होगा कि वे कैसे सोचते हैं, कैसे काम करते हैं और मुझे यकीन है कि वे ऐसा करना जारी रखेंगे। लेकिन मुझे यह भी यकीन है कि हम और अधिक दृढ़ संकल्पित होंगे और जवाबी कार्रवाई करेंगे।'
भारत के समर्थन का एलानअजार ने कहा, 'यह पूरी तरह से भारतीय सरकार पर निर्भर है। मुझे यकीन है कि उन्हें पता है कि कैसे काम करना है। हमने देखा है कि सरकार के प्रयासों की बदौलत अतीत में स्थिति कैसे स्थिर हुई है।'
उन्होंने कहा कि हम व्यापक आधार पर एक साथ सहयोग करने का प्रयास करते हैं ताकि यह देखा जा सके कि आम तौर पर खतरों से कैसे निपटा जाए, आतंकवाद से लड़ने के साधनों को कैसे बेहतर बनाया जाए, चाहे वह खुफिया जानकारी के लिहाज से हो, तकनीक के लिहाज से हो या फिर कार्यप्रणाली के लिहाज से हो।
सीमा पार की स्थिति पर दिया बयान- उन्होंने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा, इजरायल किसी भी मामले पर देशों यह नहीं बताएगा कि क्या करना चाहिए। मुझे यकीन है कि भारतीय सरकार और यहां के अधिकारियों के पास सीमा पार क्षेत्र की स्थिति और इस मुद्दे से निपटने के तरीके के बारे में कहीं बेहतर जानकारी है।'
- उन्होंने कहा, 'हम सामान्य रूप से कार्यप्रणाली, तकनीक और खुफिया जानकारी के मामले में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं और यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है जिसे हम जारी रखेंगे।'
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Pahalgam Attack: लश्कर का मुखौटा और ISI की ढाल... कौन है आतंकी संगठन TRF, कहां छिपा है इसका सरगना?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Attack) से करीब 6 किलोमीटर दूर बैसरन की घाटी मंगलवार दोपहर लहूलहान हो गई। करीब 6 पाकिस्तान परस्त आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली।
सभी आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में, मास्क लगाए घाटी में दाखिल हुए थे। इनका निशाना सिर्फ पुरुष थे, खासकर हिंदू। आतंकियों ने लोगों को कलमा पढ़ने पर मजबूर किया, और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंसवफ्रंट' (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है।
पाकिस्तान में बैठा है TRF का सरगनाTRF का सरगना शेख सज्जाद गुल पाकिस्तान में बैठकर संगठन को ऑपरेट करता है। इसकी शुरुआत 2019 के पुलवामा हमले के आसपास हुई। अनुच्छेद 370 हटने के बाद TRF ने घाटी में अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। इस संगठन से जुड़े लोग कश्मीर में ड्रग्स, हथियारों की तस्करी भी करते हैं।
वहीं, पाकिस्तान में बैठे इस आतंकी संगठन का सरगना, कश्मीर के युवाओं को अपने नाकाम मंसूबों को अंजाम देने के लिए उकसाता है।
शेख सज्जाद गुल को 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UPA) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। यह अधिनियम सरकार को अदालत में जाए बिना किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने की अनुमति देता है।
TRF को फंडिंग करती है पाकिस्तान सरकारटीआरएफ ने जम्मू-कश्मीर में नागरिकों, सुरक्षा बलों के सदस्यों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ कई हमले किए हैं। ऐसा माना जाता है कि इस आतंकवादी संगठन को पाकिस्तान सरकार, खास तौर पर आईएसआई (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) द्वारा पोषित किया जाता है।
क्यों पाक सेना से जुड़ रहा आतंकी हमले का कनेक्शन?दुनिया जानती है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। लेकिन इसकी अगुवाई कौन कर रहा है? पाकिस्तान आर्मी के जनरल आसीम मुनीर।"
कुछ दिन पहले उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगला था। उनके शब्द थे,"'हम हर एंगल में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म, हमारी सोच, सब अलग है। कश्मीर को कोई ताकत पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकती।"
2019 में पुलवामा हमले के समय जनरल मुनीर ISI के प्रमुख थे। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद उन्हें हटा दिया गया था। हालांकि अब, सेनाध्यक्ष के रूप में, उनके पुराने मंसूबे फिर सामने हैं।
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भारत के एक्शन के डर से टेंशन में पाकिस्तान, रातभर जागे रहे सेना के अधिकारी; बॉर्डर और आसमान पर रही नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद से पूरा देश आक्रोशित है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इसके हमले को अंजाम देने वाले किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा। उधर पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सेना में दहशत फैल गई है।
पाकिस्तान को डर सता रहा है कि भारत हमले का बदला लेने के लिए एयरस्ट्राइक कर सकता है। पाकिस्तानी सेना में सीमा पार अलर्ट जारी किया हुआ है और पाक सेना के अधिकारी इसी आशंका के चलते रात भर जगे रहे।
पाकिस्तानी सेना में बढ़ी हलचलफ्लाइट डाटा दिखा रहा है कि भारत से डरकर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के पास स्थित अपने बेस पर मिलिट्री विमानों को डिप्लॉय कर रहा है। डेटा के मुताबिक, पाकिस्तानी एयरफोर्स का हरकुलिस एयरक्राफ्ट PAF189 कराची एयरकमांड से लाहौर लाया गया है।
(फोटो: स्क्रीनग्रैब)
वहीं पाकिस्तान में वीआईपी ट्रांसपोर्ट या इंटेलीजेंस ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एम्ब्रेयर फेनोम 100 PAF101 कराची बेस से रावलपिंडी बेस पर भेजा गया है। इसके अलावा लॉकहीड C-130E हरकुलिस एयरक्राफ्ट PAF177 भी रावलपिंडी एयरबेस पर भेजा गया है।
दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग- पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दौरा छोड़कर स्वदेश लौट आए हैं। गृह मंत्री अमित शाह घटना के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पहुंच गए थे। बुधवार की सुबह दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग भी हुई है।
- भारत ने इसके पहले पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक की थी। अब पाकिस्तान को डर है कि भारत फिर ऐसा कर सकता है। दावा ये भी किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने सऊदी अरब से लौटते वक्त पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल नहीं किया।
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'देश में मुस्लिमों के प्रति बढ़ रहा भेदभाव', पहलगाम आतंकी हमले पर ये क्या बोल गए रॉबर्ट वाड्रा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में हिन्दू-मुस्लिम हो रहा है और मुसलमान असहज महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि आतंकियों ने आईडी देखकर हत्याएं की हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। किसी भी मुद्दे को उठाने का यह तरीका नहीं हो सकता कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाए।"
'धर्म और राजनीति को रखना चाहिए अलग'
वाड्रा ने कहा कि धर्म और सियासत को अलग-अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा, "आतंकियों ने आईडी देखकर लोगों की जान ली, क्योंकि उन्हें लगता था मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है। यह तरीका बिल्कुल गलत है। मैं इसका पूरी तरह से विरोध करता हूं।"
VIDEO | Pahalgam terror attack: Businessman Robert Vadra (@irobertvadra) says, "I am deeply saddened by what has happened, Any group can not highlight their causes by killing innocent people. Terrorism knows no religion, it targets humanity. There’s division, communal issues, and… pic.twitter.com/YDKk03N2Xk
— Press Trust of India (@PTI_News) April 23, 2025रॉबर्ट वाड्रा ने एकजुटता पर दिया बल
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि जब तक हम एकजुट और धर्मनिरपेक्ष नहीं होंगे, तब तक हमारी कमजोरियां और अंदरूनी समस्याएं हमारे दुश्मनों को साफ नजर आएगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मकसद देश को तोड़ना है और इससे लड़ने के लिए समाज का एकजुट होना जरूरी है।
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "कोई भी संगठन अपने मुद्दे निर्दोषों की हत्या करके नहीं उठा सकता है। आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है, यह सीधा इंसानियत पर हमला है।" साथ ही उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि देश में अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव बढ़ रहा है और यह हालात देश को अंदर से कमजोर कर सकते हैं।
अल्पसंख्यकों की स्थिति और बेरोजगारी पर जताई चिंता
वाड्रा ने कहा, अल्पसंख्यकों को दरकिनार किया जा रहा है और यहां तक की उन्हें अपने घरों की छत पर नमाज पढ़ने की भी इजाजत नहीं मिलती है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि इस हमले के बाद घाटी में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आएगी, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाएं जल्द लागू करे।
पहलगाम हमले का हिसाब होगा, राजनाथ सिंह की दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग; तीनों सेनाओं के चीफ रहे मौजूद
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