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बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अधिकारियों का तबादला, अनन्या सिंह बनीं औरंगाबाद उप विकास आयुक्त

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 7:28pm

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार प्रशासनिक सेवा के दस अधिकारियों को नई जिम्मेवारी दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की। गया के वरीय उप समाहर्ता मनीष कुमार को स्वास्थ्य विभाग में विशेष कार्य अधिकारी बनाया गया है।

शाहपुर पटोरी की भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रियंका कुमारी को नई दिल्ली स्थित बिहार के स्थानिक आयुक्त कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी बनाया गया है। शिवहर के वरीय उप समाहर्ता अनिल कुमार को स्वास्थ्य विभाग में विशेष कार्य अधिकारी बनाया गया है।

सारण के जिला भू अर्जन पदाधिकारी सुमन कुमार को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में उप सचिव बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग में विशेष कार्य पदाधिकारी के रूप में तैनात आनंद प्रकाश को वरीय उप समाहर्ता, गया में तैनात किया गया है।

निदेशक, लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, पूर्णिया, नीरज नारायण को पथ निर्माण विभाग में उप सचिव बनाया गया है। निदेशक, लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन, जिली ग्रामीण लिकास अभिकरण, सारण कयूम अंसारी को बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार में संयुक्त सचिव के रूप में पदस्थापित किया गया है।

पदस्थापना की प्रतीक्षा में चल रहे मंजूर आलम को अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण बेगूसराय, शहनवाज अहमद को उप सचि्व सूचना एवं प्रावैधिकी के रूप में तैनात किया गया है। वही औरंगाबाद में उप विकास आयुक्त के रूप में तैनात अभ्येंद्र मोहन सिंह को बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग का सचिव बनाया गया है।

अनन्या सिंह बनीं औरंगाबाद की उप विकास आयुक्त

भारतीय प्रशासनिक सेवा के दाे अधिकारियों काे भी सोमवार को स्थानांतरित किया गया। पश्चिम बंगाल संवर्ग से बिहार संवर्ग मे योगदान देने के बाद पदस्थापना की प्रतीक्षा कर रहीं अनन्या सिंह को औरंगाबाद मे उप विकास आयुक्त के रूप में पदस्थापित किया गया है।

वहीं, वाणिज्य कर विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में पदस्थापित कृष्ण कुमार काे पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया है।

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Bihar Politics: प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार को दे दी साफ चेतावनी, अब ये है जसुपा के सूत्रधार का अगला प्लान

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 7:25pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पार्टी के पाटलिपुत्र स्थित कैंप कार्यालय में प्रेसवार्ता कर सरकार एवं विपक्ष की कार्यप्रणाली तीखा कटाक्ष किया।

उन्होंने बिहार की राजनीति को विपक्ष विहीन बताते हुए भाजपा एवं राजद के साथ अन्य दलों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़े किए।

उन्होंने कहा कि मानूसन सत्र से पहले सरकार उनकी मांगों पर स्थिति स्पष्ट नहीं करती है तो सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे। इससे पहले प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे।

पीके ने बोला हमला

पीके ने जाति आधारित गणना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी दल का जाति गणना करने का उद्देश्य समाज का विकास करना नहीं बल्कि सिर्फ अपनी राजनीति के लिए जातिगत उन्माद पैदा करना है।

जन सुराज का पहला प्रश्न है कि आरक्षण की सीमा बढ़ाने की घोषणा का क्या हुआ। नीतीश कुमार बताएं कि केंद्र और राज्य में उनकी सरकार है तो आरक्षण की सीमा क्यों नहीं बढ़ाई गई?

दूसरा प्रश्न यह है कि 22 नवंबर को की गई घोषणा का क्या हुआ कि 94 लाख परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी?

जनसुराज ने किया कटाक्ष

क्या यह घोषणा भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर खाते में 15 लाख के जुमले की तरह एक जुमला था। तीसरा प्रश्न यह है कि 22 नवंबर को 40 लाख बेघर लोगों को घर के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई थी।

सरकार को उत्तर देना चाहिए कि अब तक किसको कितनी सहायता दी गई है। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि वे जातीय जनगणना पर श्वेत पत्र पेश करें। तीसरा प्रश्न यह है कि कब भूमि सर्वे के नाम अफसर जनता का शोषण करते रहेंगे।

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Bihar News: बिहार के 41 बड़े शहरों में होने जा रहा नया काम, आ गया ऊपर से ऑर्डर; खर्च होंगे 248 करोड़

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 7:02pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 41 बड़े शहरों में 248 करोड़ की लागत से विद्युत शवदाह गृह का निर्माण किया जाएगा।

इनमें जिला मुख्यालय वाले सभी 38 शहरों के साथ तीन अन्य महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ा गया है। आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के तहत सभी विद्युत शवदाह गृह नदी के घाटों पर बनाए जाएंगे।

विभागीय जानकारी के अनुसा, 41 योजनाओं में से तीन सुपौल, जहानाबाद और अरवल में निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है, जबकि 36 शहरों में योजना प्रगति पर है।

बाढ़ और झंझारपुर नगर परिषद् में नई योजनाओं को स्वीकृति मिली है, जिसके लिए निविदा का प्रकाशन कर दिया गया है।

क्या बोले मंत्री?

नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि शवदाह गृह निर्माण योजना की स्वीकृति से दाह संस्कार की प्रक्रिया बेहतर हो सकेगी।

योजना का निर्माण होने से नदियों को स्वच्छ रखने, उन्हें प्रदूषण मुक्त बनाने एवं वायु प्रदूषण को रोकने में भी मदद मिलेगी, साथ ही स्वच्छता की समस्या से निपटने में भी सहूलियत होगी।

विभागीय सचिव समेत अन्य वरीय अधिकारियों को योजना की लगातार मानीटरिंग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ससमय योजना पूरी की जा सके।

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Bihar Government: नीतीश सरकार के निशाने पर ये अधिकारी, सीधे ऊपर से आया 'ऑर्डर'; विभागों में हड़कंप

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 7:01pm

राज्य ब्यूरो, पटना। सरकारी महकमों में अफसरों की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि सरकार के संज्ञान में आया कि अधिकारी के स्तर पर खराब कार्य किया गया है तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी, ताकि अधिकारियों में खौफ बना रहे और वे गलत कार्य करने से परहेज करें।

यही नहीं, किसी अधिकारी का वीडियो वायरल होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई को अब एसओपी (मानक संचालन नियमावली) भी बनेगी। इस कार्य का जिम्मा सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा है।

प्रदेश के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सोमवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और इस दौरान कई आवश्यक निर्देश दिए।

'अगर अफसर लापरवाही करते हैं...'

उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी भी विभाग में सरकारी कार्यों को लेकर अफसर लापरवाही करते हैं या भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं तो उनकी पहचान कर विभागीय कार्रवाई करें, ताकि उनमें खौफ बना रहे। उन्होंने कहा, गलत कार्य करने वालों पर किसी प्रकार की नरमी नहीं होनी चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा यदि किसी अधिकारी का कोई वीडियो वायरल होता है तो उन पर ठोस कार्रवाई करने के लिए मानक संचालन नियमावली बनाई जाए।

उन्होंने सभी विभागों से लंबित मुकदमों का निपटारा जल्द करने के लिए कहा। मुकदमें किस कारण से लंबित हैं इसकी पड़ताल करें और उनका निष्पादन जल्द से जल्द कैसे हो सकता है इस पर फोकस होकर काम करें। मीणा ने विभागों को यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय योजना मद में आवंटित राशि का पूरा व्यय करें।

विभागों को उर्जा खपत ऑडिट कराने का निर्देश

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी विभागों से उर्जा खपत का आडिट कराने को कहा है। आडिट से उर्जा की बेवजह खपत पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में उर्जा की खपत कम करने के लिए एलईडी का उपयोग बढ़ाया जाए।

सामान्य बल्ब के मुकाबले इनके उपयोग से उर्जा खपत में 80 प्रतिशत तक की कमी आएगी। हीटिंग और कूलिंग मशीनों का उपयोग प्रभावी तरीके से करने के आदेश भी विभागों को दिए गए। साथ ही सरकारी अस्पतालों और स्कूलों में भी उर्जा ऑडिट कराकर बिजली खपत कम करने की पहल के लिए अधिकारियों से कहा गया है।

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Gold creates history, hits Rs 1 lakh mark for the first time riding on dollar weakness

Business News - April 21, 2025 - 6:51pm
Gold created history on Monday in the evening trade hitting the Rs 1 lakh milestone in the physical market with the last recorded price of 24 karat (999) at Rs 97,200 per 10 grams. A 3% Goods and Services Tax (GST) takes the prices to Rs 1,00,116.The yellow metal prices continued their winning ways on Monday, as the MCX June gold contracts hit a fresh lifetime of Rs 97,288 gram. Around 6:45 pm today, MCX gold rate for 10 grams stood at Rs 97,200, a surge of Rs 1,946 or 2.04% over the last trading price on Thursday. Markets were closed on Friday on account of Good Friday. Gold prices have surged over 26% or by Rs 20,800 per 10 gram in 2025, so far.Anuj Gupta, Head Commodity & Currency at HDFC Securities also corroborated the development about the yellow metal's feat, saying that the price in Delhi-NCR is now around Rs 1,00,120 per 10 gram inclusing the 3% GST. The domestic prices tracked gains in the international market as the COMEX gold hovered near $3,407.30, per troy ounce, jumping by $78.90 or 2.37%. Gold bulls have been unleashed owing to weakness in the dollar index (DXY) which has now slipped the 99 mark against a basket of six top currencies. DXY has fallen nearly 6% in the past one month, extending declines to more than 10% over a 3-month period. Gold prices remain inversely related to the movement of the dollar index and are used as hedges in times of uncertainties just like the dollar. Investors and global Central Banks have preferred gold over greenback amid President Donald Trump’s tariff policies as he has been at war with the world, antagonising even its traditional allies.While reciprocal tariffs have been deferred by three months for the rest of the world, China still remains under the hammer. The dragon nation has retaliated with its own set of tariffs and measures, stoking fear of a global slowdown. This has raised safe haven appeal in the yellow metal."Concerns over global economic growth as a result of the escalating Sino-US trade war are driving the rise, with a weaker dollar adding to the momentum," Renisha Chainani, Head - Research at Augmont said.“Fundamentally, markets are pricing in increased geopolitical risks, fueled by U.S. trade tensions and stagflation concerns, while persistent central bank demand adds to price pressures. On April 2, US President Donald Trump imposed reciprocal tariffs on dozens of countries, and while his administration has suspended duties for some, it has escalated its trade war with China,” he said.
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Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज में देरी पर प्रशासन सख्त, 2 DCLR से मांगा जवाब; 7 CO को चेतावनी

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 6:49pm

जागरण संवाददाता, पटना। दाखिल-खारिज के अपीलीय वादों के निष्पादन में शिथिलता को लेकर जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सदर और पटना सिटी के भूमि सुधार उपसमाहर्ता से स्पष्टीकरण किया है। दोनों अधिकारियों को अविलंब स्थिति में सुधार की हिदायत दी गई है।

इसके अलावा सात अंचलाधिकारियों को 75 दिनों से अधिक समय के लंबित मामलों को निपटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद इनपर कार्रवाई की चेतावनी जिलाधिकारी ने दी है। वे सोमवार को समाहरणालय में राजस्व मामलों की समीक्षा कर रहे थे।

दाखिल-खारिज के निष्पादन में आई तेजी:

दाखिल-खारिज, परिमार्जन, अभियान बसेरा, भूमि नापी, भूमि विवाद निराकरण, आधार सीडिंग, अतिक्रमण उन्मूलन, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भू-अर्जन, भूमि उपलब्धता एवं हस्तानांतरण सहित विभिन्न मामलों में अंचलवार अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज के मामले में ओवरआल प्रगति काफी अच्छी है।

एक अप्रैल 2024 को 80,592 आवेदन लंबित थे जो 20 अप्रैल को 16,534 रह गए हैं। इनमें लगभग 40 हजार आवेदन एक्सपायर की श्रेणी में थे, उनकी संख्या अब 3,3380 रह गई है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि है।

19 सीओ को दिया जाएगा प्रशस्ति पत्र:

अब 75 दिनों से अधिक अवधि के आवेदन मुख्य रूप से छह अंचलों संपतचक, बिहटा, दीदारगंज, दानापुर, नौबतपुर एवं धनरुआ में ही ज्यादा हैं। फुलवारीशरीफ में 80 मामले लंबित हैंं। इन अंचलों के सीओ को एक सप्ताह में सारे मामले निपटाने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के 26 में से 19 अंचलाधिकारियों के प्रयास की वे सराहना करते हैं। इन सभी को अगली बैठक में प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। इन अधिकारियों ने पूरे अभियान में शुरू से ही काफी मेहनत किया है। फलस्वरूप दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या में काफी कमी आई है।

कार्य में तेजी लाएं भूमि सुधार उपसमाहर्ता:

जिलाधिकारी ने कहा कि सदर डीसीएलआर शिथिलता बरत रहे हैं। उनके न्यायालय में दो सप्ताह में दाखिल-खारिज अपील के 63 वाद प्राप्त हुए, लेकिन केवल 39 को निष्पादित किया गया है।

दो-तीन महीने में अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही। सबसे पुराना वाद 12 अप्रैल, 2023 का है जिसका निष्पादन अभी तक नहीं किया गया है।

पटना सिटी डीसीएलआर ने दो सप्ताह में एक भी वाद को निष्पादित नहीं किया है। दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया।

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Chirag Paswan: चिराग को विधानसभा में चाहिए 40 सीटें, जन सुराज से गठबंधन का भी विकल्प खुला!

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 6:29pm

अरुण अशेष, पटना। लोजपा (रा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एनडीए में अधिक हिस्सेदारी के लिए सक्रियता बढ़ा रहे हैं। उन्हें विधानसभा की कम से कम 40 सीटें चाहिए। एनडीए ने सीटों के बंटवारे का जो हिसाब बनाया है, उसमें चिराग के लिए 20-22 सीटें रखी गई हैं। यह उन्हें मंजूर नहीं है।

एनडीए में बात बन जाती है तो ठीक है। उनके पास प्लान 'बी' भी है। यह प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से गठबंधन है। चिराग के लिए वैशाली जिले की राजापाकर विधानसभा सीट को उपयुक्त माना जा रहा है। सीटों को लेकर चिराग अकारण परेशान नहीं हैं।

भाजपा, जदयू, लोजपा(रा), हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा अभी एनडीए के घटक हैं। भाजपा और जदयू के बीच न्यूनतम सौ-सौ सीटों का भी बंटवारा होता है तो तीन सहयोगी दलों के लिए 43 सीटें बचेंगी। ये सभी सीटें लोजपा (रा) को दे दी जाए, यह संभव नहीं है।

लोजपा के लिए अधिकतम 20 से 23 सीटों की गुंजाइश बनती है। यह चिराग के लक्ष्य से काफी कम है। एनडीए ने इसबार 225 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

इसके साथ यह भी जोड़ा जा रहा है कि एनडीए 2010 के अपने ही रिकार्ड को तोड़ेगा। 2010 के विस चुनाव में एनडीए के सिर्फ दो घटक थे-भाजपा और जदयू। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए को 206 सीटें मिली थीं। दावे का यह पक्ष भी लोजपा(रा) को डरा रहा है।

कब कितनी सीटें मिली थीं?

2015 में अविभाजित लोजपा को एनडीए की ओर से चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा की 42 सीटें दी गईं थीं। उस समय जदयू बाहर था।लोजपा को सिर्फ दो सीटों पर सफलता मिली। 4.8 प्रतिशत वोट मिला।

2020 में वह अकेले 134 सीटों पर लड़ी। सिर्फ एक उम्मीदवार की जीत हुई।अधिक सीटों पर लड़ने के कारण उसका वोट 5.66 प्रतिशत हो गया था।

अलग है प्रतिबद्धता

गठबंधन के प्रति प्रतिबद्धता के मामले में लोजपा का अतीत अन्य दलों से अलग है। 2009 और 2014 के लोकसभा और 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें तो यह पार्टी लगातार दो चुनाव किसी गठबंधन के साथ नहीं लड़ी है, इसलिए केंद्र में मंत्री रहने के बावजूद चिराग अगर एनडीए से अलग चुनाव लड़ें तो यह आश्चर्यजनक घटना नहीं होगी।

2005 के विधानसभा चुनाव में लोजपा अलग चुनाव लड़ी थी। उस समय के पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान यूपीए की केंद्र सरकार में मंत्री थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में लोजपा यूपीए के साथ लड़ी थी।

पीके ने कभी विरोध नहीं किया

बिहार की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में प्रशांत किशोर नए उभरे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव-इन सब पर पीके जुबानी हमला करते हैं।

इन दलों की ओर से भी पीके की आलोचना की जाती है, लेकिन पीके और चिराग या इन दोनों की पार्टी ने कभी एक दूसरे की आलोचना नहीं है।

पीके का चिराग के प्रति नरमी भी इन चर्चाओं को बल देता है कि चिराग अगर एनडीए से अलग हुए तो पीके के साथ गठबंधन करेंगे। पीके के पास मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है। एनडीए चिराग को इस पद के लिए प्रस्तावित नहीं करेगा।

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मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने विभागों के खाली पदों को जल्द भरने के दिए निर्देश, नोडल अधिकारियों के साथ की बैठक

Dainik Jagran - April 21, 2025 - 6:04pm

डिजिटल डेस्क, पटना। राज्य के करीब 10 विभागों में खाली पड़े करीब 49 हजार 591 पदों को भरने की कवायद जल्द शुरू होने जा रही है। इसे लेकर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सोमवार को मुख्य सचिवालय के सभागार में संबंधित विभागों के नोडल पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

विभागों के स्तर पर दी गई प्रस्तुतिकरण के माध्यम से यह बात सामने आई कि 10 विभागों खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, जल संसाधन, कृषि, लघु जल संसाधन, पशु एवं मत्स्य संसाधन, सहकारिता, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा गन्ना उद्योग विभागों में अलग-अलग पदों की 49 हजार 591 रिक्तियां मौजूद हैं।

इन्हें भरने से संबंधित प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया। इन विभागों की 14 हजार 968 पदों को भरने की रिक्तियां संबंधित आयोगों को भेज दी गई है। सात निश्चय-2 के अंतर्गत विभागों में यह बहाल की जा रही है।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को ऊर्जा खपत को लेकर ऑडिट करने का निर्देश दिया। ताकि ऊर्जा की बेवजह खपत को कम किया जा सके। इसके लिए सभी विभागों को इस पर खासतौर से ध्यान देने के लिए कहा गया है। सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए एलईडी का उपयोग बढ़ाने के लिए कहा गया है।

सामान्य बल्ब के मुकाबले इसके उपयोग से ऊर्जा की खपत में 80 फीसदी की कमी आएगी। इसके अलावा हिटिंग और कूलिंग की मशीनों का उपयोग प्रभावी तरीके से करने के लिए कहा गया है। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में भी ऊर्जा ऑडिट कराकर सभी बिजली की अधिक खपत को कम करने की पहल करने के लिए कहा गया है।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी विभागों को सख्त निर्देश दिया कि दोषी या खराब कार्य करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें। ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित करके तुरंत विभागी कार्रवाई करेंए ताकि इनमें खौफ बना रहे और गलत करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने में किसी तरह की नरमी नहीं बरती जा सके।

उन्होंने अधिकारियों के वायरल वीडियो के मामले में ठोस कार्रवाई करने के लिए एक एसओपी (मानक संचालन नियमावली) तैयार करने का निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग को दिया। मीणा ने विभागों को यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय योजना मद में आवंटित राशि का पूरा व्यय करें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों से लंबित मुकदमों का निपटारा जल्द करने के लिए कहा। मुकदमें किस कारण से लंबित हैं और इनके निपटारे के लिए एकदम फोकस तरीके से कदम उठाने को कहा है।

इन विभागों में इतनी रिक्तियां

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 4988

पंचायती राज विभाग 16496

ग्रामीण विकास विभाग 14667

जल संसाधन विभाग 6931

कृषि विभाग 7543

लघु जल संसाधन विभाग 6645

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग 3606

सहकारिता विभाग 1477

पर्यावरणए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 1466

गन्ना उद्योग विभाग 740

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