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'पसंद हो या ना हो, ये हकीकत है', टैरिफ वॉर पर जयशंकर का बड़ा बयान
एएनआई, नई दिल्ली। विश्व के विभिन्न देशों द्वारा व्यापार में टैरिफ बढ़ाया जा रहा है और कई प्रकार के प्रतिबंध देखने को मिल रहे हैं। इस प्रवृत्ति को विदेश मंत्री एस जयशंकर न सच्चाई बताया है और इसको स्वीकार करने की बात कही है।
विदेश मंत्री ने कहा कि कई देश अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए इसको हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि चाहें हमें पसंद हो या न हो, टैरिफ और प्रतिबंध आज की एक हकीकत है।
जानिए क्या बोले एस जयशंकर?दरअसल, आज नई दिल्ली में आयोजित रायसीना संवाद के दौरान पैनल चर्चा "कमिसार और पूंजीपति: राजनीति, व्यापार और नई विश्व व्यवस्था" कार्यक्रम में बोलते हुए ये टिप्पणी की। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने भारत सहित विभिन्न देशों से आयातित वस्तुओं पर विभिन्न टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
आप रोजगार के लिए लड़ रहे हैं: जयशंकरइस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह दुनिया की सच्चाई है। आप अपने कारोबार के लिए लड़ते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आप अपने रोजगार के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प अपनी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति के लिए लड़ रहे हैं, जिसमें कारोबार का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
इसी के साथ दुनिया भर के विकसित हो रहे वैश्विक संबंधों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि झे लगता है कि आज, विभिन्न क्षेत्रों को विभाजित करने वाली रेखाएं मिट गई हैं। यदि आप अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को देखें, तो मुझे लगता है कि आज की संस्कृति एक दशक पहले की तुलना में कम संयमित है।
अमेरिका ने क्या कहा था?ध्यान देने वाली बात है कि गत 13 मार्च को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविक्ट ने संयुक्त राज्य संयुक्त राज्य अमेरिका पर विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ पर दुख जताया था। इसके साथ ही उन्होंने भारत द्वारा अमेरिकी शराब और कृषि उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ का उल्लेख किया था।
पारस्परिकता पर विश्वास करते हैं ट्रंपकैरोलिन लेविक्ट ने कहा कि मेरे पास एक आसान चार्ट है जो न केवल कनाडा बल्कि पूरे बोर्ड में टैरिफ की दर को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इस चार्ट में देखा जा सकता है कि कनाडा ने अमेरिकी पनीर और मक्खन पर लगभग 300 प्रतिशत टैरिफ है। एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पारस्परिकता में विश्वास करते हैं और निष्पक्ष और संतुलित व्यापार प्रथाओं को अपनाना चाहते हैं।
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अब QR कोड से खुलेगी मुर्गियों की कुंडली, उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया ये खास मोबाइल ऐप
पिंटू कुमार, पटना। चिकेन के दुकानों पर बिकने वाली मुर्गियों की कुंडली अब बड़ी ही आसानी से खुल जाएगी। अगर आप भी चिकेन की दुकान से मुर्गी खरीदने जा रहे हैं और उस मुर्गी के बारे में जानना चाहते हैं कि यह मुर्गी किस पोल्ट्री फार्म की है, इसका ब्रीड कौन सा है, इसे खिलाने के लिए किस तरह के दाने का इस्तेमाल किया गया है, इस मुर्गी को पहले कोई बीमारी थी या नहीं।
इसे किसी तरह का कोई केमिकल देकर तो बड़ा नहीं किया गया है, जैसे तमाम राज अब बस एक क्यूआर कोड के स्कैन करते ही सामने आ जाएंगे।
दरअसल, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और आहार सेतु प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त प्रयास से ‘आहार सेतु’ और आहार फ्रेश ऐप विकसित की गई है। आहार सेतु ऐप पोल्ट्री फार्म संचालक और आहार फ्रेश ऐप उपभोक्ताओं के लिए बनाया गया है। आहार सेतु ऐप के माध्यम से पोल्ट्री फार्म संचालक मुर्गी के गले में टंगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सारी जानकारी हासिल कर सकेंगे। ऐप का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने किया।
यह ऐप पोल्ट्री सेक्टर से जुड़ा है जो फार्म से उपभोक्ता तक की प्रक्रिया को जोड़ने वाला एक आधुनिक ट्रेसेबिलिटी ऐप है। जो उत्पादन से उपभोग तक के सभी चरणों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराता है।
कौन-कौन मौजूद रहा?इस मौके पर बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन सह निदेशक अनुसंधान डॉ. जे.के. प्रसाद, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव कुमार, छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ. ए.के. शर्मा, संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान के डीन डॉ. उमेश सिंह, डॉ. सहदेव डे, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. निर्भय कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. अजीत कुमार आदि मौजूद रहे।
‘आहार सेतु’ ऐप के फाउंडर अमित प्रकाश और को-फाउंडर मोहम्मद अजहरूद्दीन ने ऐप की विशेषताओं और इसके लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।
ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारितयह ऐप ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जिससे खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी गतिविधियों, जांच, रखरखाव और परिवहन से जुड़ी सूचनाएं उपभोक्ताओं तक पारदर्शी रूप से पहुंचेंगी। वर्तमान समय में अधिकांश बीमारियां पशुओं से मानव में फैल रही हैं। ऐसे में इस ऐप के माध्यम से शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
'आहार सेतु' ऐप का मुख्य उद्देश्य पोल्ट्री सेक्टर में उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक के बीच पारदर्शिता बनाए रखना है। ऐप के माध्यम से मुर्गी पालक, उत्पाद की गुणवत्ता, बाजार की स्थिति, बिचौलियों से बचाव, परिवहन और लाजिस्टिक्स की स्थिति का डाटा जनरेट करेगा। इसके विश्लेषण से किसानों को मार्गदर्शन मिलेगा और उपभोक्ता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध होगा।
ऐप में जियो लोकेशन टैगिंगऐप में जियो लोकेशन टैगिंग की सुविधा भी दी गई है। जिससे उत्पाद को स्कैन करने पर यह जानकारी मिलेगी कि किसने इसे कब बेचा, उपभोक्ता तक कब पहुंचा और इस दौरान यह किन चरणों से होकर गुजरा।
कुलपति डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा, आज के दौर में खाद्य उत्पाद की ट्रेसेबिलिटी बेहद जरूरी हो गई है। इस ऐप से उपभोक्ताओं को भरोसा मिलेगा कि वे जो उत्पाद खा रहे हैं, वह स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त है। पोल्ट्री सेक्टर को इससे बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि यह क्षेत्र अक्सर अफवाहों और गलत सूचनाओं से प्रभावित होता है।
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