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Weather: ठंड की वापसी! दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, जानें अन्य राज्यों के मौसम का ताजा अपडेट

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 6:03am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर भी हवा के साथ यहां तक पहुंच रहा है। बृहस्पतिवार को भी कमोबेश ऐसा ही मौसम बना रहेगा।शुक्रवार से तापमान में वृद्धि होने की संभावना है।

यूपी के कई जिलों में चलेगी ठंडी हवा

बुधवार को दिन भर आसमान साफ रहा। धूप भी निकली, लेकिन 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के कारण उसकी तपन थोड़ी हल्की रही। अधिकतम तापमान सामान्य से 2.4 डिग्री कम 25.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.6 डिग्री कम 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 70 से 24 प्रतिशत रहा। इसके साथ ही यूपी के अलीगढ़, आगरा, मेरठ और मथुरा आदि जिलों में ठंडी हवा चलेगी। 

शुक्रवार से हवाओं का दौर थम जाएगा

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बुधवार को आसमान साफ रहेगा। 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 29 और 13 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। शुक्रवार से हवाओं का दौर थम जाएगा। फिर तापमान में वृद्धि होने लगेगी।

कश्मीर और हिमाचल के उच्च इलाकों में रुक- रुककर बर्फबारी हो रही

वहीं, पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर दिख रहा है। कश्मीर और हिमाचल के उच्च इलाकों में रुक- रुककर बर्फबारी हो रही है। वहीं, राजस्थान में तेज उत्तरी हवाओं से तापमान में गिरावट आई है और तमिलनाडु में अगले दिनों में भीषण गर्मी की संभावना जताई गई है।

दिल्ली की हवा साफ, एक्यूआइ रहा 119 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक बुधवार को दिल्ली की हवा साफ रही। एक्यूआइ 119 या मध्यम श्रेणी में रिकार्ड किया गया। एनसीआर के शहरों में भी यह संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में ही रहा। हाल-फिलहाल इसमें वृद्धि के आसार नहीं हैं।

उत्तराखंड के चकराता में शीतलहर, ठिठुरे लोग

मार्च माह में भी चकराता क्षेत्र में ठंड कम होने का नाम नहीं ले रही है। लोखंडी में शीत लहर इस कदर चल रही है कि कान सुन्न हो रहे हैं। चकराता में लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बीते दिनों हुई वर्षा के बाद में तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की गई है।

सर्दी बढ़ने से क्षेत्र का व्यापार भी ठंडा

सर्दी बढ़ने से क्षेत्र का व्यापार भी ठंडा है। स्थानीय व्यापारी अरविंद कुकरेजा, रविंद्र चौहान, चमन भंडारी, अशोक कुमार गोयल, प्रताप चौहान आदि का कहना है कि सर्दी बढ़ने के चलते बाजार सूने नजर आ रहे हैं। दिन में चटक धूप से थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन सुबह शाम जबरदस्त ठंड हो रही है।

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कामाख्या-आनंद विहार, नारंगी-गोरखपुर और कटिहार-अमृतसर के बीच चलेंगी स्पेशल ट्रेनें; जानें रूट और टाइमिंग

Dainik Jagran - March 6, 2025 - 6:00am

जागरण संवाददाता, पटना। होली के अवसर पर यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर रेलवे द्वारा कई स्पेशल ट्रेनों (Holi Special Trains List) का परिचालन किया जा रहा है।

इसी क्रम में नारंगी-गोरखपुर, कटिहार-अमृतसर, कामाख्या-आनंद विहार के मध्य एक-एक जोड़ी तथा गोमतीनगर से भागलपुर एवं मालदा टाउन, गोरखपुर से हावड़ा एवं आसनसोल तथा गाजीपुर सिटी से सियालादह के मध्य एक-एक वन-वे होली स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा।

गाड़ी सं. 02525/02526 कामाख्या-आनंद विहार-कामाख्या होली स्पेशल का परिचालन कामाख्या से सात से 28 मार्च तक प्रत्येक शुक्रवार को तथा आनंद विहार से नौ मार्च से 30 मार्च तक प्रत्येक रविवार को किया जाएगा।

कामाख्या-आनंद विहार-कामख्या ट्रेन का रूट

कामाख्या से रात 10.45 बजे प्रस्थान करेगी तथा हाजीपुर से 4.20 बजे, पाटलिपुत्र से शाम 5.20 बजे, दानापुर से शाम 5.42 बजे, आरा से 6.20 बजे, बक्सर से शाम 7.12 बजे होते हुए आनंद विहार पहुंचेगी।

वापसी में गाड़ी आनंद विहार से शाम 5.20 बजे चलेगी। इस गाड़ी में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी का एक, वातानुकूलित तृतीय इकोनॉमी श्रेणी के 13, शयनयान श्रेणी के चार, साधारण द्वितीय श्रेणी के दो कोच लगाए जाएंगे।

नारंगी-गोरखपुर-नारंगी ट्रेन का रूट

गाड़ी सं. 05633/05634 नारंगी-गोरखपुर-नारंगी होली स्पेशल का परिचालन नारंगी से छह मार्च से 27 मार्च तक प्रत्येक गुरुवार को तथा गोरखपुर से सात मार्च से 28 मार्च तक प्रत्येक शुक्रवार को परिचालित की जाएगी।

नारंगी से दिन के 1.20 बजे तथा गोरखपुर से रात 8.55 बजे खुलेगी। इस स्पेशल में शयनयान श्रेणी के 18, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का एक, सामान्य द्वितीय श्रेणी के दो तथा एसएलआरडी के दो कोचों सहित कुल 23 कोच लगाए जाएंगे।

कटिहार-अमृतसर-कटिहार ट्रेन का रूट

गाड़ी संख्या 05734/05733 कटिहार-अमृतसर-कटिहार होली स्पेशल का परिचालन कटिहार से छह मार्च से से 27 मार्च तक प्रत्येक गुरुवार को तथा अमृतसर से आठ से 29 मार्च तक प्रत्येक शनिवार को किया जाएगा।

कटिहार से दिन के 11.40 बजे तथा अमृतसर से सुबह 4.20 बजे चलेगी। इस गाड़ी में वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के तीन, शयनयान श्रेणी के पांच, साधारण द्वितीय श्रेणी के चार तथा वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी के एक कोच लगाए जाएंगे।

चलेंगी पांच वन-वे होली स्पेशल

  • छह मार्च को गाड़ी संख्या 05084 गोमतीनगर-मालदा टाउन वन-वे स्पेशल दोपहर 2.20 बजे चलेगी
  • छह मार्च को गाड़ी संख्या 05092 गाजीपुर सिटी-सियालदह वन-वे स्पेशल दिन के 1.55 में चलेगी।
  • सात मार्च को गाड़ी संख्या 05086 गोमतीनगर-भागलपुर वन-वे स्पेशल दिन के 2.20 बजे चलेगी
  • सात मार्च को गाड़ी संख्या 05088 गोरखपुर-आसनसोल वन-वे स्पेशल गाड़ी रात 8.50 बजे चलेगी
  • नौ मार्च को गाड़ी संख्या 05090 गोरखपुर-हावड़ा वन-वे स्पेशल रात 11.15 बजे चलेगी

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ET Awards to honor Ratan Tata's legacy

Business News - March 6, 2025 - 6:00am
Ratan Tata's legacy will be celebrated with a special Jewel of India award to be conferred posthumously on the Tata Group patriarch at the 25th edition of the ET Awards for Corporate Excellence.The award is a recognition of the clarity of Tata's vision, sharpness of execution, breadth of impact, and the radiance of his personality, all of which has left an indelible mark on the country and its economy. In a first, the ET Awards jury headed by Reliance Industries chairman Mukesh Ambani unanimously called for a special award to be bestowed on him posthumously in recognition of his contribution to the cause of Indian business. 118743081 The jury members had suggested the name of the award, noting that there was no better way to describe him other than as the Jewel of India. Tata passed away in October last year, aged 86. His key role in helping to nurture and develop India's industry, preparing it for the challenges and opportunities of the 21st century, and taking it global through marquee acquisitions and investments were all noted by the jury.
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IIT मद्रास की बड़ी कामयाबी, बैलिस्टिक मिसाइलों से इमारतों को बचाने वाला सिस्टम किया विकसित; ऐसे करेगा काम

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 5:30am

पीटीआई, नई दिल्ली। देश में बुनियादी ढांचे को मिसाइलों के हमले से बचाया जा सकेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), मद्रास के शोधकर्ताओं ने ऐसा फ्रेमवर्क विकसित किया है जो बैलिस्टिक मिसाइलों के खतरे का सामना करने के लिए देश में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा मजबूत कर सकता है।

शोधकर्ताओं की योजना है कि इसी फ्रेमवर्क की मदद से ऐसा हल्का, कम खर्च वाला और टिकाऊ बैलिस्टिक-प्रूफ मटेरियल बनाया जाए, जिसे सेना सीमा पर बंकर बनाने में इस्तेमाल कर सके।

इमारतों को बचाने वाला सिस्टम

अक्सर बैलिस्टिक मिसाइलों से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचता है। यह फ्रेमवर्क या ढांचा डिजाइनरों को मजबूत कंक्रीट (आरसी) के पैनलों के बैलिस्टिक प्रतिरोध को बेहतर बनाने के लिए नया समाधान विकसित करने में मदद करेगा। अनुसंधान के निष्कर्ष प्रतिष्ठित पत्रिका 'रिलाइएबिलिटी इंजीनियरिंग एंड सिस्टम सेफ्टी' में प्रकाशित हुए हैं।

कंक्रीट संरचनाओं के लिए बैलिस्टिक डिजाइन महत्वपूर्ण है

'कम्प्यूटेशनल सिमुलेशन' तकनीक का उपयोग करते हुए अनुसंधानकर्ताओं ने आरसी पर मिसाइलों के प्रभाव का अध्ययन किया, जो सैन्य बंकरों, परमाणु ऊर्जा भवनों और पुलों से लेकर रनवे तक महत्वपूर्ण संरचनाओं के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य सामग्री है।

आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर अलागप्पन पोन्नालगु ने कहा, इन संरचनाओं के रणनीतिक महत्व के कारण इन्हें बचाना आवश्यक है। कंक्रीट संरचनाओं के लिए बैलिस्टिक डिजाइन महत्वपूर्ण है।

सिमुलेशन कम्प्यूटिंग तकनीक का उपयोग किया

बैलिस्टिक्स इंजीनियरिंग का क्षेत्र है जो गोलियों, बमों और राकेटों के प्रक्षेपण, उड़ान और प्रभावों से संबंधित है। इस विज्ञान का उपयोग न केवल बंकरों को डिजाइन करने के लिए किया जाता है, बल्कि परमाणु ऊर्जा भवनों, पुलों और अन्य सुरक्षात्मक संरचनाओं की दीवारों को डिजाइन करने के लिए भी किया जाता है।

शोधकर्ताओं ने फाइनाइट एलीमेंट (एफई) सिमुलेशन कम्प्यूटिंग तकनीक का उपयोग किया जिससे यह पता लगाया कि मिसाइलों का कंक्रीट पर क्या असर पड़ता है। सिमुलेशन ऐसी तकनीक है, जिससे असर का अनुमान लगाया जाता है और फिर उस पर कैसे काबू पाया जा सकता है, इसका डिजाइन तैयार किया जाता है।

शोधकर्ताओं ने एक फार्मूला भी तैयार किया, ऐसे करेगा काम

नया सिस्टम दो मानकों पर आधारित है। इनमें डेप्थ आफ पेनिट्रेशन (डीओपी) यानी मिसाइल कितनी गहराई तक कंक्रीट में घुसती है और क्रेटर डैमेज एरिया यानी टकराने से बनने वाले गड्ढे का आकार शामिल है। शोधकर्ताओं ने एक फार्मूला भी तैयार किया है, जिससे कंक्रीट पर मिसाइल हमले के बाद बनने वाले गड्ढे का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। यह अध्ययन आरसी पैनलों के बैलिस्टिक व्यवहार को समझने में भी सहायक है। इस नए फ्रेमवर्क से डिजाइनर्स को ज्यादा भरोसेमंद और सटीक डाटा मिलेगा, जिससे वे ऐसी संरचनाएं बना सकेंगे, जो मिसाइल हमलों का बेहतर सामना कर सकें।

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ट्रेड वार में देश के लिए बड़ी संभावनाएं देख रहा संघ, मेक इन इंडिया फॉर ग्लोबल के लिए नीति पर दे रहे जोर

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 5:30am

नेमिष हेमंत, जागरण, नई दिल्ली। अमेरिका से शुरू वैश्विक ट्रेड वार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके समवैचारिक संगठनों ने भारत के लिए नई संभावनाओं के तौर पर चिह्नित कर सक्रियता बढ़ा दी है। यह इसलिए कि देश की 140 करोड़ की आबादी, सरकार के प्रयासों से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम व बड़ा श्रमबल मेक इन इंडिया फॉर ग्लोबल के लिए मुफीद है, माहौल अनुकूल है।

वैश्विक मंच पर भारतीय उत्पादों की धाक बढ़ाई जा सकती है

ऐसे में ट्रेड वार के मामूली झटकों से निकलकर अपनी क्षमता बढ़ाते हुए वैश्विक मंच पर भारतीय उत्पादों की धाक बढ़ाई जा सकती है। संघ संगठनों के अनुसार, इसके लिए गुणवत्ता, तकनीक, कौशल के साथ अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर तेजी से काम करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार की जो कार्य योजना 10 वर्ष बाद के लिए थी, उसे अभी से प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

लाभ-हानि पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे

जानकारों के अनुसार संघ की 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में विमर्श में ट्रेड वार का विषय भी रहेगा। समवैचारिक संगठन इसके लाभ-हानि पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे।

लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ व स्वदेशी जागरण मंच जैसे संघ के कई समवैचारिक संगठन विनिर्माण, कृषि, श्रम व उपभोक्ता समाज से जुड़े हुए हैं, जो देश की आर्थिकी में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

ये संगठन अमेरिका द्वारा शुरू ट्रेड वार में देश के लिए नई संभावनाएं टटोलते हुए आगे की नीति को लेकर सरकार से संपर्क में हैं। इस बीच लघु उद्योग भारती ने अमेरिका से सीधे व्यापार करते देश के उद्यमियों को अन्य देशों का विकल्प देखने की सलाह दी है।

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा के अनुसार, आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। हमें खुद को मजबूत करते हुए नया बाजार देखना होगा। आयात-निर्यात के लिए केवल अमेरिका ही नहीं है। निश्चित ही शुरू में दिक्कतें आएंगी, लेकिन संभावनाओं के नए द्वार भी खुलेंगे।

मौजूदा वैश्विक आर्थिक माहौल का देश पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर जारी विमर्श के मद्देनजर दिल्ली में 27 मार्च को संघ के सह सरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल के नेतृत्व में लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ व भारतीय मजदूर संघ की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित है, जिसमें अमेरिका द्वारा आयात शुल्क में बढ़ोतरी का मुद्दा प्रमुखता से रहेगा।

वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है

इसी तरह, 11 से 13 अप्रैल को लघु उद्योग भारती की मुंबई में अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की बैठक में भी इसपर चर्चा कर रोडमैप तैयार किया जाएगा। संगठन के महासचिव ओम प्रकाश गुप्ता के अनुसार, यह बड़ा मुद्दा है। वैश्विक परिदृश्य बदल रहा है। लघु उद्योग की क्षमता बढ़ाकर हम इस प्रतिस्पर्धा का लाभ उठा सकते हैं।

स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद की बैठक नौ व 10 मार्च को रायपुर में है, जिसके विचार के केंद्र में वैश्विक ट्रेड वार को स्वदेशी को बढ़ावा देने के मौके तलाशे जाएंगे।

देशों के लिए अधिक भरोसेमंद बनकर उभर रहा भारत

मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन के अनुसार, जिस तरह से वैश्विक माहौल बन रहा है। उसमें भारत, बाकि देशों के लिए अधिक भरोसेमंद बनकर उभर रहा है। इसमें निवेश के साथ नई तकनीकी व प्रतिबंधित रहे कच्चे उत्पाद के आयात के रास्ते बनेंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान से हमने विनिर्माण के क्षेत्र में काफी क्षमता भी हासिल की है।

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मुंबई के बीकेसी कॉम्प्लेक्स में खुलेगा टेस्ला का भारत में पहला शोरूम, कंपनी ने 4000 वर्ग फुट जगह किराए पर ली

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 3:26am

 पीटीआई, मुंबई। अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला का भारत में पहला शोरूम मुंबई में खुलेगा। इसके लिए कंपनी बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स (बीकेसी) में 4,000 वर्ग फुट जगह किराए पर ली है। कंपनी इसके लिए तगड़ा किराया भी चुकाने वाली है।

सीआरई मैट्रिक्स द्वारा साझा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, अरबपति एलन मस्क की कंपनी इस स्थान के लिए प्रति माह 35 लाख रुपये से अधिक का किराया देगी, जिसमें कुछ पार्किंग स्थल भी शामिल हैं।

भारत में टेस्ला के आने का इंतजार लंबे समय से

दस्तावेजों के अनुसार, मेकर मैक्सिटी में जगह का पट्टा पांच साल की अवधि के लिए है और मासिक किराया प्रति माह लगभग 43 लाख रुपये तक हो जाएगा, जिसमें प्रति वर्ष पांच प्रतिशत किराया वृद्धि होगी। भारत में टेस्ला के आने का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है। खुद एलन मस्क 2022 से ही इसके लिए प्रयासरत हैं, लेकिन हर बार मामला भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर अटक जाता था।

देश में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू

सरकार ने हाल में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की है। इसके हिसाब से अगर कोई विदेशी कंपनी भारत में कम से कम 50 करोड़ डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताती है और यहां तीन साल के अंदर अपना असेंबलिंग प्लांट लगाती है, तो वह 15 प्रतिशत की इंपोर्ट ड्यूटी पर ईवी का आयात कर सकती हैं। पहले टैक्स की ये दर 70 से 110 प्रतिशत तक थी।

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पुलिसकर्मियों के काम के घंटों पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र और राज्य सरकारों पर भी समाधान का दबाव

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 3:02am

 जेएनएन, नई दिल्ली। पुलिसकर्मियों के काम के घंटों को तय करने का मामला सुप्रीम कोर्ट के एजेंडे में आ गया है। पुलिस सुधार से जुड़े इस अहम मुद्दे को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को हालांकि सुनवाई नहीं हो सकी। अब शीर्ष अदालत बाद में इस याचिका की सुनवाई की तारीख तय करेगी।

साप्ताहिक अवकाश की मांग पर याचिका दाखिल

पुलिसकर्मियों के काम के घंटे तय करने और साप्ताहिक अवकाश की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों को अभी रोजाना 14 घंटे से लेकर 18 घंटे तक काम करना पड़ता है।

उन्हें साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में पुलिसकर्मियों को सप्ताह में सिर्फ 40 घंटे काम करना होता है। शीर्ष अदालत इस याचिका पर सभी राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुकी है।

पुलिसकर्मियों के काम के घंटे के लिए नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट से गुहार

ध्यान देने की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में पुलिस सुधारों को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनमें अपराध की जांच और कानून-व्यवस्था संभालने के लिए अलग-अलग पुलिसकर्मियों की व्यवस्था, पुलिस को राजनीति से मुक्त रखने के लिए डीजीपी के दो साल के सुनिश्चित कार्यकाल से लेकर राज्यों में पुलिसकर्मियों की पर्याप्त भर्ती जैसे मुद्दे थे। लेकिन, 18 साल बाद भी इन दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से क्रियान्वयन नहीं हो सका है। यही कारण है कि पुलिसकर्मियों के काम के घंटे के लिए नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगानी पड़ी है।

संविधान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय

समस्या यह है कि संविधान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय होने के कारण केंद्र सरकार इसमें दखल नहीं दे सकती। उम्मीद है कि अगली तारीख में सुप्रीम कोर्ट पुलिस सुधारों को प्राथमिकता पर लेकर सुनवाई सुनिश्चित करेगा और राज्य सरकारों को पर्याप्त पुलिस कर्मियों की भर्ती और उनके काम के घंटे सुनिश्चित करने का स्पष्ट निर्देश देगा।

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