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Batting through bear mkt : 6 lessons from India’s Champions Trophy win

Business News - March 15, 2025 - 1:00pm
The stock market has witnessed a rare phenomenon - declining for five consecutive months, testing the patience and resilience of investors. However, history has shown that those who adopt the right mindset and strategy during downturns emerge stronger. A similar approach was demonstrated by the Indian cricket team in their triumphant Champions Trophy 2025 campaign, where they remained unbeaten despite challenges. Investors can draw valuable lessons from India’s championship-winning mindset to navigate this bearish phase effectively.1. Belief in Large Caps – Experience PrevailsIn every aspect of life, experience holds immense value. The Indian cricket team placed its trust in seasoned players like Rohit Sharma and Virat Kohli, who delivered under pressure despite a poor run leading up to the tournament. Similarly, large-cap stocks, known for their resilience and stability, act as anchors in a bear market. These companies, backed by strong fundamentals and market leadership, help investors weather prolonged downturns.2. All-Round Stocks for a Challenging MarketIndia’s triumph was driven by a team of all-rounders, allowing them to maintain a deep batting lineup and a versatile bowling attack. Likewise, investors should focus on stocks with “all-round” characteristics - companies with strong earnings, reinvestment for growth, a solid balance sheet with low leverage, and robust cash flow generation. These qualities enable businesses to sustain themselves during market downturns and capitalize on future growth opportunities.3. Revisiting the Investment RationaleShreyas Iyer, India’s highest run-scorer in the tournament, refined his technique after being dropped from the team, leveraging his strengths and addressing weaknesses. Investors must take a similar approach - periodically reassessing their portfolios. If the original investment thesis remains intact, they should stay committed despite market fluctuations. However, if the fundamental reasons for investing have changed, it may be prudent to exit and reallocate capital to stronger opportunities.4. Proper Planning & PatienceIndia’s success was a result of meticulous planning, including selecting the right spinners for conditions that favored turn. Similarly, investors should conduct thorough research before investing, avoid impulsive decisions based on market noise, and maintain patience. Holding cash and waiting for the right buying opportunity can be a game-changer, as stocks have now reached valuations seen five or ten years ago. Timing, as in cricket, is crucial - just as India strategically utilized Varun Chakravarthy to great effect.5. Blocking Out NoiseThroughout the tournament, critics and rival teams doubted India’s dominance, attributing it to favorable conditions rather than skill. However, India remained focused and did not let external negativity affect their performance. Investors should adopt a similar mindset - bear markets are often accompanied by excessive pessimism and negative news. Historically, when the market is saturated with bad news, it often marks the beginning of a recovery. Staying focused on long-term fundamentals rather than short-term fears is key.6. Controlling the ControllablesIndia won every match despite not winning a single toss. Instead of worrying about factors beyond their control, they focused on their efforts and execution. In investing, predicting the exact market bottom is impossible. Rather than attempting to time the market, investors should stay disciplined with their investment strategies, such as continuing systematic investment plans (SIPs). As the saying goes, “When the time is not good to collect returns, it’s time to collect units.”ConclusionJust as India’s Champions Trophy victory was built on experience, strategy, patience, and focus, investors must adopt a similar approach in navigating bear markets. Trusting large caps, selecting fundamentally strong stocks, reassessing investment rationales, maintaining discipline, and tuning out noise are essential to surviving and thriving in volatile times. A bear market is not just a test of financial strategy but also of mental resilience - the ones who stay the course with the right mindset will ultimately emerge victorious.
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Hola Mohalla History: जानिए होला मोहल्ला का 324 साल पुराना इतिहास, सिख समुदाय क्यों मनाता है इसे?

Dainik Jagran - March 15, 2025 - 11:35am

जागरण संवाददाता,पटना सिटी। Patna News: सिखों के दूसरे तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब में सिखों ने शौर्य व वीरता का प्रदर्शन करते हुए शनिवार को उमंग और उत्साह के साथ होला-मोहल्ला पर्व मनाया। सिखों ने परंपरागत ढंग से पंच-प्यारों की अगुवाई में दिन में लगभग 10:30 बजे तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब से नगर-कीर्तन निकाला।

इससे पहले दरबार साहिब में जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह द्वारा अरदास व शस्त्र दर्शन कराने के बाद तख्त परिसर में परिक्रमा के दौरान फूलों की वर्षा के बीच नगर-कीर्तन निकला। होला-मोहल्ला में कनाडा, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, यूपी, मुंबई व अन्य स्थानों से आए सिख जत्था भी शामिल हुए।

होला-मोहल्ला का इतिहास (Hola Mohalla History)

तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही ने बताया कि वर्ष 1701 को आनंदपुर साहेब में दशमेश गुरु गोविंद सिंह ने आदेश दिया था कि अब से सिख होली नहीं होला मनाएंगे। दशमेश गुरु ने रंग-अबीर की जगह इसे वीर सैनिकों का त्योहार बना दिया।

वहीं, थॉम्पसन (2000) के अनुसार, गुरु गोविंद सिंह ने 1701 के वसंत में होला मोहल्ला की स्थापना की। इसी तरह, कोल (1994) ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने अनुयायियों को होली के दिन आनंदपुर में आने के लिए बुलाया था।

जब उन्होंने 1680 में होली खेलने की जगह एक नई रैली शुरू की थी, जहां उनके अनुयायी युद्धाभ्यास और युद्ध की ट्रेनिंग का अभ्यास कर सकते थे। यह तीन दिन तक धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाएं और पुरुष गुरुद्वारा से किर्तन निकालते हैं।

कंगन घाट व बाललीला गुरुद्वारा में कीर्तन से संगत हुई निहाल

पंच-प्यारे की अगुवाई और बैंड-बाजे के साथ तलवार, भाला व ढाल लिए सिख संगत श्री गोविंद सिंह घाट गई। उसके बाद झाऊगंज गली मार्ग होते अशोक राजपथ से चौक होते मंगल तालाब भ्रमण करते नगर-कीर्तन बाल लीला गुरुद्वारा मैनी संगत पहुंची। बाललीला गुरुद्वारा में कीर्तन से संगत निहाल हुई।

कथावाचक ने होला-मोहल्ला की महत्ता पर प्रकाश डाला। बाल-लीला गुरुद्वारा में विशेष लंगर में संगत ने पंगत में बैठ प्रसाद छके। बाद में नगर-कीर्तन दोपहर दो बजे तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब पहुंचेगा। नगर कीर्तन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे।

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Karnataka: अब सरकारी टेंडर्स में मुस्लिम ठेकेदारों को मिलेगा चार फीसद आरक्षण, सिद्दरमैया मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 11:25am

पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक मंत्रिमंडल ने निविदाओं में मुस्लिम ठेकेदारों को 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने ये जानकारी दी है।

और किस विधेयक के मिली मंजूरी?

मंत्रिमंडल ने कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज (संशोधन) विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में करीब 90 लाख ग्रामीण संपत्तियों को शामिल किए जाने की उम्मीद है, जिनके पास खाता नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल ने हेब्बल में कृषि विभाग की 4.24 एकड़ जमीन को दो साल के लिए किराया-मुक्त आधार पर अंतर्राष्ट्रीय फूल नीलामी बैंगलोर (आईएफएबी) के लिए देने के प्रस्ताव पर चर्चा की।

मंत्रिमंडल ने किन बातों पर की चर्चा?

जनवरी में आग की घटना के बाद बैंगलोर बायोइनोवेशन सेंटर में उपकरणों के पुनर्निर्माण और प्रतिस्थापन के लिए 96.77 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी देने पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) में सुधार के उपायों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि केपीएससी में सुधार के उपाय सुझाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने और केपीएससी सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक खोज समिति गठित करने का निर्णय लिया गया।

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टाइम मैगजीन ने की 'World's Greatest Places' की लिस्ट जारी, भारत के इन दो होटलों को सूची में मिली जगह

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 11:23am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टाइम मैगजीन (Time Magazine) ने साल 2025 की अपनी 'दुनिया के सबसे महान स्थानों' की सूची जारी की है। इस सूची में 'दुनिया भर के अनोखे स्खानों और अनुभवों' पर प्रकाश डाला गया है। इस लिस्ट में होटल, क्रूज, रेस्टोरेंट, आकर्षण, संग्रहालय, पार्क आदि शामिल हो सकते हैं।

इस साल भारत से दो होटलों और एक रेस्टोरेंट को सूची में जगह मिली है। रैफ्लस जयपुर और बांधवगढ़ में ओबरॉय विंध्यविलास वन्यजीव रिसॉर्ट को 'रहने के लिए स्थान' श्रेणी में शामिल किया गया है। मुंबई के पापाज रेस्टोरेंट को 'घूमने के लिए स्थान' में से एक नामित किया गया है।

रैफ्लस जयपुर में क्या है खास?

रैफल्स जयपुर के पास कुकस शहर में स्थित एक आलीशान होटल है। 2024 में ये होटल खुला था। टाइम मैगजीन ने इस होटल के बारे में बताया, एक जनाना (रानी के महल) से प्रेरित, यह प्रॉपर्टी एक डिजाइन मास्टरपीस है। हाथ से नक्काशीदार मार्बल, मुगल-शैली के मेहराब, जालीदार स्क्रीन और ठीकरी कला, इस क्षेत्र के लिए अद्वितीय पांपरिक कांच और दर्पण मोजेक हैं।

आउटडोर सोकिंग टब या प्लंज पूल, इलेक्ट्रॉनिक पर्दे और नेस्प्रेसो मशीनें इस इमारत को 21वीं सदी से जोड़ती है। अरावली पहाड़ियों के नजारे वाला एक छत पर अनंत पूल भी शामिल है। मिनरल पूल और हम्माम वाला एक स्पा और चार भोजन स्थल यहां मौजूद हैं।

ओबरॉय विंध्यविलास वन्यजीव रिसॉर्ट में क्या है खास?

21 एकड़ में फैले ओबरॉय विंध्यविलास वन्यजीव रिसॉर्ट मध्य प्रदेश के मशहूर बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित है। यह रिजर्व अपने सफारी के लिए फेमस है, जहां आप अपने प्राकृतिक आवास में बेहद लोकप्रिय रॉयल बंगाल टाइगर्स को देख सकते हैं। ओबरॉय होटल मेहमानों को वन्यजीव से जुड़े कई अनुभवों को प्रदान करता है।

टाइम मैगजीन ने लिखा, मार्च के महीने में खोला गया यह आलीशान होटल 19 विशाल, वातानुकूलित टेंटों से बना हुआ है, जिसमें सभी का अपना बगीचा है और दोनिजी पूल विला भी है। यहां एक स्पा, लाइब्रेरी, स्विमिंग पूल और फिटनेस सेंटर, झील और पैदल चलने के रास्तों के नजारे वाले हरे-भरे बगीचे हैं।

पापाज रेस्टोरेंट को क्यों मिली सूची में जगह?

इसके साथ ही, इस होटल में आठ सीटों वाली बुश किचन और एक ओपन-एयर रेस्टोरेंट है, जहां कोदो बाजरा और महुआ के फूलों जैसी स्थानीय सामग्री से तैयार भेजन परोसा जाता है। टाइम मैगजीन की इस लिस्ट में मुंबई में स्थित पापाज रेस्टोरेंट भी शामिल हैं।

12 सीटों वाले इस शेफ काउंटर डाइनिंग अनुभव का संचालन मशहबर शेफ हुसैन शहजाद करते हैं। साल 2024 में भोजन से संबंधित दो भारतीय प्रतिष्ठानों को दुनिया के सबसे महान स्थानों में शामिल किया गया था। हैदराबाद में मनम चॉकलेट और कसौली में नार (एक रेस्टोरेंट) को सूची में जगह दी थी।

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Bihar News: बिहार के इन जिलों में केमिकल वाला पानी पी रहे हैं लोग, बढ़ा कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा

Dainik Jagran - March 15, 2025 - 10:49am

पीटीआई, पटना। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, बिहार गंभीर भूजल प्रदूषण से जूझ रहा है। प्रदेश के 30,207 ग्रामीण वार्ड में उपलब्ध पानी पीने योग्य नहीं है। इस पानी के इस्तेमाल से लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं, जिसमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं।

विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट

हाल ही में बिहार आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) के हिस्से के रूप में विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में 4,709 वार्डों के भूजल में आर्सेनिक, 3,789 वार्डों में फ्लोराइड और 21,709 वार्डों में आयरन मौजूद है, जो लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।

31 जिलों की भूजल प्रदूषित

राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) ने अध्ययन में कहा कि कुल 38 में से 31 जिलों के लगभग 26 प्रतिशत ग्रामीण वार्डों में भूजल आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन अनुमानित सीमा से ज्यादा है।

इन जिलों में सबसे ज्यादा प्रदूषित है पानी

बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, लखीसराय, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़ा, मुंगेर, कटिहार, भागलपुर, सीतामढी, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, जमुई, बांका, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया और किशनगंज जिलों में भूजल प्रदूषित है।

पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण बिहार को 'हैंडपंप मुक्त' बनाने और 'हर घर नल का जल' योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।'

सरकार राज्य में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए बहु-ग्राम योजनाओं (एमवीएस) को भी लागू कर रही है। 'हर घर नल का जल' योजना के तहत पीएचईडी ग्रामीण क्षेत्रों में 83.76 लाख परिवारों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करा रहा है। 30,207 ग्रामीण वार्डों में परिवारों को पीने योग्य पानी भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जहां प्रदूषण अधिक है।

नीरज कुमार सिंह, पीएचईडी मंत्री

राज्य सरकार पहले से ही नदी के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद, डेहरी और सासाराम शहरों में आवश्यक उपचार के बाद पीने के लिए सोन नदी से पानी की आपूर्ति के लिए 1,347 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी थी।

इस योजना में सोन नदी के पानी का उपयोग किया जाएगा, जिससे इन शहरों की भूजल पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। परियोजना के दो साल में पूरा होने की संभावना है।

2023 में, सीएम ने गया, राजगीर और नवादा के लोगों को महत्वाकांक्षी गंगा जल आपूर्ति योजना (जीडब्ल्यूएसएस) या 'गंगा जल आपूर्ति योजना' समर्पित की थी। इस योजना के तहत इन जिलों के लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की निर्बाध आपूर्ति की जाती है।

भूजल में रासायनिक प्रदूषण का उच्च स्तर निश्चित रूप से चिंता का विषय है। अधिकारियों को प्रदूषण के स्रोत की पहचान करनी चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, प्रभावित वार्डों में नियमित आधार पर शिविर भी आयोजित किए जाने चाहिए ताकि लोगों को दूषित भूजल के सेवन के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके।

डॉ. मनोज कुमार, प्रमुख गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट

गुणवत्ता का मानकीकरण जरूरी

अधिकारियों को पीने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता का मानकीकरण और वर्गीकरण करना चाहिए। मनोज कुमार ने कहा कि पेयजल गुणवत्ता मानकों में गुणवत्ता मापदंडों का वर्णन होना चाहिए।

उन्होंने कहा, पानी में कई हानिकारक तत्व हो सकते हैं, फिर भी देश में पीने के पानी के लिए कोई मान्यता प्राप्त और स्वीकृत मानक नहीं हैं। प्रदूषण का प्रकार और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव जल स्रोत के आधार पर अलग-अलग होते हैं।

कुमार ने कहा कि जल प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पेट के संक्रमण से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों तक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि शुद्धिकरण के तरीके व्यक्ति के जल स्रोत में मौजूद विशिष्ट संदूषकों पर निर्भर करते हैं। इसलिए संबंधित अधिकारियों द्वारा विस्तृत जल गुणवत्ता मानक पेश किए जाने चाहिए।

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'जो पाकिस्तान गए वो कायर, हम भागेंगे नहीं...', होली पर मस्जिदों को ढकने पर भड़के ओवैसी

Dainik Jagran - National - March 15, 2025 - 10:48am

एएनआई, हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने होली के दौरान मुस्लिमों को घर में रहने की हिदायत देने पर आपत्ति जाहिर की है। ओवैसी ने कहा कि 'हम कायर नहीं हैं। हम भागेंगे नहीं।'

ओवैसी की प्रतिक्रिया उन बयानों के विरोध में थी, जिसमें कहा गया था कि अगर मुस्लिम नहीं चाहते कि होली के दौरान उन्हें कोई रंग लगाए, तो उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए। बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल में सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी ने 6 मार्च को सुझाव दिया था कि जो लोग रंगों से असहज हैं, उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए।

सीएम योगी पर भी बोला हमला

सीओ अनुज चौधरी के बयान का यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी समर्थन किया था। ओवैसी ने कहा, 'कुछ लोग कहते हैं कि आपको नमाज़ नहीं पढ़नी चाहिए और घर के अंदर ही रहना चाहिए। उनका कहना है कि जैसे हमने अपनी मस्जिदों को ढक रखा है, वैसे ही हमें खुद को भी ढकना चाहिए, नहीं तो घर के अंदर ही रहना चाहिए।'

ओवैसी ने कहा, 'जो लोग पाकिस्तान चले गए, वे कायर थे। हम भागेंगे नहीं, हम कायर नहीं हैं। एक मुख्यमंत्री ने कहा कि जुमा की नमाज घर पर भी अदा की जा सकती है। वह कौन होते हैं हमें यह बताने वाले कि हम क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?'

कड़ी सुरक्षा के बीच मनाई गई होली
  • बता दें कि इस साल होली 14 मार्च को रमजान के दूसरे जुमे नमाज (शुक्रवार की नमाज) के साथ पड़ी। सुरक्षा बलों ने कई राज्यों में शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने के लिए फ्लैग मार्च किया और चौकियां स्थापित कीं।
  • होली के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन के आदेश पर उत्तर प्रदेश में कई मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया था। संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने समुदायों के बीच सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से मनाए गए होली के त्यौहार ने सद्भाव का एक मजबूत संदेश दिया।
संभल में काफी रही सख्ती

संभल में कानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी ने अन्य पुलिस कर्मियों के साथ फ्लैग मार्च किया। सर्किल ऑफिसर चौधरी ने कहा कि पुलिस ने पैदल गश्त और ड्रोन निगरानी के जरिए स्थिति पर नजर रखी।

इससे पहले, संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने सभी समुदायों के लोगों से जुम्मा और होली समारोह से पहले शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया था। डीएम राजेंद्र पेंसिया ने भी संभल में लोगों के सहयोग की प्रशंसा की।

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