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Early summer means supply prob for Rasna

Business News - March 22, 2025 - 10:03am
As temperatures soar earlier than expected, India's demand for instant beverages is witnessing a sharp rise, boosting consumption patterns across urban and rural markets. Rasna International, one of India's major soft drink brands, is seeing increased demand but struggling to keep pace with deliveries, according to Rasna Chairman Piruz Khambatta."Summer came early this year. This is good for an industry like us. This also brings logistics challenges. We are facing delivery issues. Our challenge is how fast we can deliver our products to our outlets," Khambatta told ANI.While the overall beverage market is benefiting from the prolonged heat, rural demand remains a mixed picture. Khambatta pointed out that despite higher consumption potential, purchasing power in these regions has not risen as expected."The growth we were expecting in rural demand is still missing. Disposable income of the rural population has not increased as expected," he said.To strengthen its supply chain, Rasna is expanding its retail network to 1,00,000 outlets by 2026 and investing in a new manufacturing plant in Patna, which will produce litchi concentrates with an annual capacity of 2 million cases. The global fruit concentrate market, valued at $2.46 billion in 2023 and is projected to reach USD 7.27 billion by 2031, is growing at a CAGR of 14.50 per cent from 2024 to 2031.Despite logistical hurdles, Rasna remains confident in its competitive pricing due to large-scale production. "We are the cheapest not because our quality is not good but our volumes are very high. Because of the higher volume, we are able to give better price," Khambatta added.With a new plant in Patna producing litchi concentrates and a strong push for exports, the brand is positioning itself to tap into a growing global market, amid rising tariff tensions.Khambatta said that despite these challenges, the brand remains competitive due to its localized supply chain and cost-efficient operations. "Generally, the products of China are the cheapest in the world. But when it comes to companies like Rasna, we are the cheapest products of the world in the powder drink segment," he said.He attributed this to the company's strong domestic sourcing strategy. "We are using Indian raw material, Indian fruit, sugar, and due to this, we are very price competitive in the world market. So we are able to fight tariff better than the other countries," he said.(With ANI inputs)
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Bihar Diwas: 113 साल का हुआ बिहार, गांधी मैदान में होगा शानदार कार्यक्रम, 3 फेमस सिंगर बिखेरेंगे जलवा

Dainik Jagran - March 22, 2025 - 9:57am

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Diwas: बिहार राज्य के बने 113 साल पूरे हो गए। इस बार बिहार दिवस को यादगार बनाने को लेकर गांधी मैदान दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार है। शिक्षा विभाग इसका आयोजन कर रहा है। गांधी मैदान में भव्य मंच पर देश के नामचीन कलाकारों की प्रस्तुति होगी तो परिसर में एक से बढ़कर एक शिल्प कलाकृतियां लोगों को आकर्षित करेगी।

समृद्ध कला, संस्कृति, परंपरागत उद्योगों और आत्म निर्भर बिहार की झलक दिखेगी। गांधी मैदान के अलावा रवींद्र भवन व श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों के लिए खास होगा।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से पुस्तक मेला में साहित्य का संगम होगा। काव्य रचनाएं व साहित्य सेवियों के साथ संवाद होगा। 

पीएम मोदी ने दी बिहार दिवस की बधाई

पीएम मोदी ने बिहार दिवस के मौके पर बधाई दी है। पीएम मोदी अपने एक्स हैंडल पर बधाई देते हुए लिखा कि वीरों और महान विभूतियों की पावन धरती बिहार के अपने सभी भाई-बहनों को बिहार दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।

भारतीय इतिहास को गौरवान्वित करने वाला हमारा यह प्रदेश आज अपनी विकास यात्रा के जिस महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, उसमें यहां के परिश्रमी और प्रतिभाशाली बिहारवासियों की अहम भागीदारी है।

हमारी संस्कृति और परंपरा के केंद्र-बिंदु रहे अपने इस राज्य के चौतरफा विकास के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।

गायक अभिजीत भट्टाचार्य समेत 3 सिंगर बिखेरेंगे जलवा

22 मार्च की शाम सात बजे से साढ़े नौ बजे तक पार्श्व गायक अभिजीत भट्टाचार्य अपने गीतों से लोगों को मंत्रमुग्ध करेंगे। 23 मार्च को शाम छह बजे से साढ़े सात बजे तक गायिका रितिका राज अपने दमदार प्रस्तुतियों से दिवस को यादगार बनाएंगी।

वहीं, साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे तक पार्श्व गायिका प्रतिभा सिंह बघेल के सुरों की सरिता बहेगी। इस क्रम में 24 मार्च को पार्श्व गायक सलमान अली अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध करेंगे। शाम रवींद्र भवन ध्रुपद गायन से गुलजार होगा।

ध्रुपद गायक पंडित जगत नारायण भी देंगे प्रस्तुति

शाम छह बजे से आयोजित कार्यक्रम में ध्रुपद गायक पंडित जगत नारायण पाठक की प्रस्तुति होगी। कथक नृत्यांगना प्राची पल्लवी व इसके बाद भिखारी ठाकुर रंगमंडल की ओर से नाटक का मंचन किया जाएगा। अगले दिन 23 मार्च की शाम मुशायरा व कवि सम्मेलन के नाम होगा।

सुरक्षा व्यवस्था ऐसी कि परिंदे भी नहीं मार सकेंगे पर

बिहार दिवस के लिए गांधी मैदान को  4 सेक्टर में बांटकर 65 दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने शुक्रवार शाम दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की संयुक्त ब्रीफिंग की।

उन्हें आपस में सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद कायम रखने को कहा। इससे पूर्व अधिकारीद्वय ने गांधी मैदान का निरीक्षण किया। बताया कि कि तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जाएगी।

कुल 128 कैमरे हैं। इसमें गांधी मैदान के चारों तरफ 49 तथा मैदान के अंदर 79 कैमरा क्रियाशील है जिलाधिकारी ने कहा कि इस आयोजन में बिहार सरकार की विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का वृहत स्तर पर प्रदर्शन होगा। साथ ही कला, संस्कृति एवं खान-पान का प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सूफी गायन, हास्य कवि सम्मेलन, लोक गीतों की प्रस्तुति सहित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

गांधी मैदान को 4 सेक्टर में बांटा गया

डीएम-एसएसपी ने अधिकारियों से कहा कि आगंतुकों से विनम्रता का व्यवहार रखेंगे, लेकन अपनी जिम्मेदारी के प्रति पूरी तरह दृढ़ रहेंगे। गांधी मैदान को चार सेक्टर में बांटा गया है। अपर जिला दंडाधिकारी एवं डीएसपी स्तर के पदाधिकारी इसके वरीय प्रभार में हैं। सभी सेक्टर में एंबुलेंस, फायर यूनिट एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। कुल 55 स्थानों पर दो पालियों में 65 दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। गांधी मैदान स्थित प्रशासनिक भवन-सह-नियंत्रण कक्ष में 12 दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

पांच गश्ती दलों को भी तैनात किया गया

इसके अलावा गांधी मैदान एवं आसपास पांच गश्ती दलों को भी तैनात किया गया है। गांधी मैदान में आने वाले आमजन की सहायता के लिए गेट नंबर पांच, सात एवं 10 के पास हेल्प डेस्क है। आमजन का प्रवेश गेट नंबर एक, दो, तीन, चार एवं 13 को छोड़कर अन्य गेटों से होगा। सभी वाहन गेट नंबर 10, सात एवं पांच से प्रवेश करेंगे।

गांधी मैदान में बिहार दिवस के आयोजन के िलए तैयार मंच और लगी कुिर्सयां l जागरण

गांधी मैदान में तैयारियों का मुआयना करते अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ, साथ में डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी अवकाश कुमार l 

इस बार के विशेष आकर्षणों में देश भर से आने वाले मशहूर कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुस्तक मेला, व्यंजन मेला एवं शिक्षा विभाग के कार्यक्रम के अंतर्गत पापुलर लेक्चर का आयोजन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कक्षा छह से आठ एवं नौवीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए गणितीय ग्रुप ओलंपियाड का भी आयोजन किया जाएगा।

बिहार राज्य टेक्सट बुक पब्लिशिंग कारपोरेशन लिमिटेड की लघु फिल्म किताबें कैसे बनती है भी दिखाई जाएगी। कार्यक्रम के सुगम संचालन के लिए गांधी मैदान, श्री कृष्ण मेमोरियल हाल तथा रवींद्र भवन में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है।

  • अतिथियों के लिए स्टार कार्ड, वीवीआइपी एवं वीआइपी कार्ड की भी व्यवस्था है।
  • सेक्टर में गांधी मैदान को बांट अिधकािरयों की प्रतििनयुक्ति 65 दंडाधिकारी हुए तैनात।
  • पेट्रोिलंग दल नियमित रूप से करेगा गश्ती, सीसीटीवी से रहेगी विशेष नजर
  • जीवंत होंगी शिल्प कलाएं गांधी मैदान में हस्तकरघा, वस्त्र उद्योग समेत अन्य उद्योगों की झलकियां दिखेगी।  उद्योग विभाग की ओर से भागलपुरी सिल्क, तसर, कोसा, सूती वस्त्रों की प्रदर्शनी लगेगी।
  • वहीं, उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की ओर से प्रदेश के शिल्प मिथिला पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, टेराकोटा, बांस, सुजनी, एप्लिक-कशिदा, मंजूषा कला समेत पारंपरिक कलाएं देखने को मिलेगी
  • उन्नत बिहार, विकसित बिहार की थीम पर आधारित बिहार दिवस समारोह में जीविका की ओर से 12 स्टाल लगाए जाएंगे वहीं, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के स्टाल पर लोगों को विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी मिलेगी।लोक कलाकारों द्वार परिसर में अलग-अलग विषयों पर नुक्कड़ नाटक लोगों को मंत्रमुग्ध करेगा।

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PM Modi to visit Sri Lanka on April 5

Business News - March 22, 2025 - 9:52am
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Bank Strike: 24 और 25 मार्च को खुले रहेंगे बैंक, कर्मचारियों ने हड़ताल को लेकर किया ये फैसला

Dainik Jagran - March 22, 2025 - 9:24am

जागरण संवाददाता, पटना। बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख सभी नौ यूनियनों के साझा संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने 24 और 25 मार्च को प्रस्तावित बैंक हड़ताल को स्थगित कर दिया है। अब अप्रैल के तीसरे सप्ताह में बैठक बुलाई जाएगी। इसकी निगरानी मुख्य श्रमायुक्त दिल्ली निगरानी करेंगे।

बैठक का हुआ आयोजन

यूएफबीयू बिहार के संयोजक राजू कुमार सिंह एवं सचिव एआइबीओसी अमरेश विक्रमादित्य ने बताया कि शुक्रवार को मुंबई में मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी) के समक्ष सुलह बैठक आयोजित की गई। इसमें यूनियन के प्रमुख मांगों पर गंभीर चर्चा हुई।

  • इसमें यूएफबीयू के साथ भारतीय बैंक संघ (आइबीए) और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक के दौरान डीएफएस के संयुक्त सचिव वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
  • उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय बैंकिंग के मुद्दे पर वित्त मंत्री और डीएफएस सचिव के बीच हाल ही में हुई चर्चा सकारात्मक रही।
  • वे इस मांग के महत्व को समझते हुए सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमत हुए। मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी) ने आश्वासन दिया है कि वे व्यक्तिगत रूप से इसके कार्यान्वयन की निगरानी करेंगे।
आगे की चर्चा का रखा प्रस्ताव

इसके अतिरिक्त, आइबीए ने भर्ती, पीएलआइ और अन्य लंबित मुद्दों सहित अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर आगे की चर्चा का प्रस्ताव रखा। इस स्पष्ट संकेत के साथ कि पांच दिवसीय बैंकिंग कार्यान्वयन की ओर बढ़ रही है।

इसमें सभी हितधारकों से रचनात्मक जुड़ाव को देखते हुए 24 और 25 तारीख को होने वाली हमारी हड़ताल को स्थगित करना आवश्यक समझा गया है। तदनुसार, हमारी हड़ताल को एक या दो महीने के लिए स्थगित किया जाता है ताकि प्रक्रिया आगे बढ़ सके।

बेगूसराय: बीडीओ की पहल पर सफाई कर्मियों की हड़ताल वापस जागरण गढ़पुरा

गढ़़पुरा पंचायत के स्वच्छता कर्मी 11 महीने से मानदेय भुगतान नहीं होने को लेकर सफाई कार्य बंद कर हड़ताल पर चले गए थे। इस पर संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को बीडीओ विकास कुमार ने स्वच्छता पर्यवेक्षक प्रेमचंद्र झा एवं स्वच्छता कर्मियों से बातचीत कर मानदेय भुगतान कराए जाने का आश्वासन दिया।

इसके बाद फिर से सफाई कार्य शुरू हो गया। बिहार दिवस को लेकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर की साफ-सफाई की गई। इस संबंध में स्वच्छता कर्मियों का कहना है कि इससे पहले तत्कालीन बीडीओ को दो बार मानदेय भुगतान के संबंध में आवेदन दिया गया था।

इसके बाद भी वे सफाई कर्मी की बातों को अनदेखा करते रहे। इसके बाद नव पदस्थापित बीडीओ की अनुपस्थिति में कार्यालय में आवेदन देकर सफाई कर्मियों ने काम बंद कर दिया। अब मामले में बीडीओ की पहल से सफाई कर्मियों का उत्साह बढ़ा है।

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Bihar News: आवास परियोजना के आवेदकों के लिए जरूरी खबर, रेरा ने रजिस्ट्रेशन को लेकर दी राहत

Bihar: रिटायर्ड IAS अफसर शिवशंकर वर्मा को पटना HC से झटका, CM नीतीश से जुड़ा है मामला

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बिहार में घर खरीदने वालों के लिए जरूरी खबर, रेरा 31 मार्च तक निपटा देगा रजिस्ट्रेशन से जुड़े सभी केस

Dainik Jagran - March 22, 2025 - 8:55am

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार रेरा इसी माह 31 मार्च तक निबंधन अवधि विस्तार के लिए जमा किए गए सभी अवादेनों के मामलों का निपटारा कर देगा। ऐसी परियोजनाएं जिनका 80 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है, जरूरी शुल्क के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं और रेरा न्यायालय का कोई विशेष आदेश पारित नहीं हुआ है, उनका निपटारा किया जाएगा।

कार्यशाला का हुआ आयोजन

रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने प्रमोटरों की लिए आयोजित कार्यशाला में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण चाहता है कि सभी निबंधित परियोजनाएं तय समय में पूरी हों, लेकिन विशेष परिस्थितियों में अवधि विस्तार भी दिया जा सकता है। इससे परियोजना पूरी हो सके और जिन लोगों ने परियोजना में पैसा लगाया है उन्हें उनका घर मिल सके।

प्रमोटरों को जागरूक करने के उद्देश्य से हुआ आयोजन

कार्यशाला का उद्देश्य ऐसे प्रमोटरों को जागरूक करना था, जिनकी परियोजनाओं का निबंधन एक अप्रैल से 30 जून के बीच खत्म होने वाला है। ऐसी दो कार्यशालाएं पहले भी आयोजित की जा चुकी हैं।

कार्यशाला में ऐसी 40 परियोजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। इनमें 17 परियोजनाएं समय पर चल रही हैं, नौ में काम की गति धीमी है तथा शेष 14 में ऐसा प्रतीत होता है की काम समय से पूरा नहीं हो सकेगा।

कार्यशाला में रेरा जांच आयुक्त ने कहा कि प्रोजेक्ट समय पर पूरा होने से न सिर्फ घर खरीदारों के हितो की रक्षा होती है बल्कि प्रमोटरों की भी साख बनती है तथा उनकी रैंकिंग में भी सुधार होता है।

संजय कुमार सिंह, रेरा जांच आयुक्त

रेरा बिहार के सचिव आलोक कुमार ने प्रतिभागियों को कार्यशाला के उद्देश्य से परिचित कराया तथा विशेष कार्य पदाधिकारी राजेश थदानी ने उन्हें जरूरी दस्तावेजों की जानकारी दी।

बक्सर : राजस्व वसूली में पिछड़े अधिकारियों से मांगा गया स्पष्टीकरण

समाहरणालय सभाकक्ष में शुक्रवार को प्रभारी जिला पदाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह की अध्यक्षता में आंतरिक संसाधन की समीक्षा की गई। इस दौरान विभिन्न निर्देश दिए गए। बैठक में यह जानकारी प्राप्त हुई कि सोन नहर प्रमंडल बक्सर, सोन नहर प्रमंडल आरा एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वसूली नहीं की गई है।

वसूली काफी कम रहने के कारण सोन नहर प्रमंडल, बक्सर एवं सोन नहर प्रमंडल आरा तथा जिला मत्स्य पदाधिकारी से स्पष्टीकरण करते हुए कार्ययोजना बनाकर वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक शत-प्रतिशत राजस्व वसूली करने का निर्देश दिया गया।

लक्ष्य से पीछे हैं अधिकारी

बताया जाता है कि फरवरी तक सोन नहर प्रमंडल बक्सर ने मात्र 14.55 प्रतिशत, सोन नहर प्रमंडल आरा ने 44.47 प्रतिशत एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी ने मात्र 50.41 प्रतिशत राजस्व की वसूली की है, जो लक्ष्य से काफी कम है।

वसूली काफी कम रहने पर प्रभारी जिला पदाधिकारी ने सोन नहर प्रमंडल, बक्सर, सोन नहर प्रमंडल आरा एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा तथा कार्ययोजना बनाकर वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक शत-प्रतिशत राजस्व वसूली करने का निर्देश दिया।

बैठक में जिला अवर निबंधक बक्सर, अवर निबंधक, डुमरांव, वाणिज्यकर, परिवहन, खनन, नगर परिषद, बक्सर एवं डुमरांव, विद्युत, निरीक्षक माप तौल, राष्ट्रीय बचत कृषि एवं वनों के क्षेत्र पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक कार्ययोजना बनाकर शत-प्रतिशत राजस्व वसूली करना सुनिश्चित करें।

समीक्षात्मक बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी, बक्सर अनुपस्थित पाए गए। उनसे स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया।

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हीटवेव से शहरों में बन रहे हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात, लगातार दो दिन की हीटवेव से 14.7% बढ़ जाती है दैनिक मृत्युदर

Dainik Jagran - National - March 22, 2025 - 8:44am

 नई दिल्ली, विवेक तिवारी। भारत में जलवायु परिवर्तन के चलते गर्मी बढ़ रही है। बढ़ती गर्मी से हीटवेव (लू) के दिनों में भी बढ़ोतरी हुई है। स्थितियां दिन-प्रति दिन गंभीर होती जा रही हैं। आज देश के कई हिस्सों में अत्यधिक गर्मी से लोगों की सेहत, अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर गहरा असर पड़ रहा है। हाल ही में प्रकाशित स्वतंत्र शोध संस्था सस्टेनेबल फ्यूचर कोलेबरेटिव की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 11 फीसदी शहरी आबादी उन शहरों में रहती है, जहां हीटवेव का खतरा सबसे अधिक है। इन इलाकों में आने वाले समय में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन सकते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हीटवेव के खतरे से निपटने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन कई तरह की योजनाओं पर काम कर रहे हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन की तीव्र गति को देखते हुए, और अधिक ठोस तथा दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है। अगर समय रहते सही कदम उठाए गए, तो लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

भारत सहित दुनिया के कई वैज्ञानिकों की ओर से 'भारत में मृत्यु दर पर हीटवेव का प्रभाव' विषय पर देश के 10 बड़े शहरों के डेटा पर अध्ययन किया गया। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलुरू, अहमदाबाद, पुणे, वाराणसी, शिमला और कोलकाता शामिल थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि किसी शहर में हीटवेव जैसी स्थितियां एक दिन दर्ज होती हैं तो दैनिक मृत्यु दर में 12.2% की वृद्धि होती। यदि हीटवेव की स्थिति लगातार दो दिन बनी रहती है तो दैनिक मृत्यु दर 14.7% तक बढ़ जाती है। तीन दिन लगातार हीटवेव रहने पर ये 17.8% तक बढ़ जाती है। लगातार पांच दिनों तक अत्यधिक गर्मी की स्थिति दर्ज की जाती है तो मृत्यु दर 33.3% तक बढ़ सकती है।

WHO के मुताबिक हीटवेव के चलते हीटस्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये एक चिकित्सा आपातकाल जैसी स्थिति है। इसमें मृत्यु दर बहुत अधिक होती है। दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के कारण भीषण गर्मी के चलते होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2000-2004 और 2017-2021 के बीच 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए गर्मी से संबंधित मृत्यु दर में लगभग 85% की वृद्धि हुई है । WHO के मुताबिक 2000-2019 के बीच हर साल गर्मी से लगभग 489 000 मौतें हुईं हैं, इनमें से 45% एशिया में और 36% यूरोप में दर्ज की गई हैं। अकेले यूरोप में 2022 में, गर्मी से लगभग 61 672 अतिरिक्त मौतें हुईं।

हीटवेव लंबे समय तक अत्यधिक गर्मी की स्थिति को बना कर रखती है। यहां तक कि कम और मध्यम तीव्रता वाली हीटवेव भी कमजोर आबादी के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में शामिल विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण 21वीं सदी में अत्यधिक गर्मी और गर्म हवाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि जारी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में दिन के साथ ही रात में भी उच्च तापमान बने रहना एक बड़ी मुश्किल बन रही है। इससे हमारे शरीर पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में गर्मी से बीमारी और मौत का खतरा बढ़ जाता है।

हीटवेव है जानलेवा

दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हीट वेव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे आपकी जान भी जा सकती है। हमारे शरीर के ज्यादातर अंग 37 डिग्री सेल्सियस पर बेहतर तरीके से काम करते हैं। जैसे जैसे तापमान बढ़ेगा इनके काम करने की क्षमता प्रभावित होगी। बेहद गर्मी में निकलने से शरीर का तापमान बढ़ जाएगा जिससे ऑर्गन फेल होने लगेंगे। शरीर जलने लगेगा, शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ने से दिमाग, दिल सहित अन्य अंगों की काम करने की क्षमता कम हो जाएगी। यदि किसी को गर्मी लग गई है तो उसे तुरंत किसी छाया वाले स्थान पर ले जाएं। उसके पूरे शरीर पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें। अगर व्यक्ति होश में है तो उसे पानी में इलेक्ट्रॉल या चीनी और नमक मिला कर दें। अगर आसपास अस्तपाल है तो तुरंत उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं।

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, भारत के कुल हिस्से का 90 फीसदी हीटवेव को लेकर बेहद खतरनाक जोन है। वहीं दिल्ली में रहने वाले सभी लोग हीटवेव के इस डेंजर जोन में रह रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में हीटवेव की वजह से देश में लोगों की कार्यक्षमता 15 फीसदी तक घट सकती है। वहीं 480 मिलियन लोगों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकती है। वहीं 2050 तक हीटवेव से निपटने के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 2.8 प्रतिशत खर्च करना पड़ सकता है।

इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट और कनाडा की संस्था इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर की ओर से दिल्ली और राजकोट के शहरों के लिए हीटवेव दिनों की संख्या में वृद्धि का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में दिल्ली में 49 दिनों तक हीट वेव दर्ज की गई जो 2019 में बढ़ कर 66 दिनों तक पहुंच गई जो एक साल में लगभग 35% की वृद्धि को दर्शाता है। वहीं 2001 से 2010 के आंकड़ों पर नजर डालें तो हीट वेव के दिनों में 51% की वृद्धि दर्ज हुई। वहीं राजकोट की बात करें तो 2001-10 के बीच कुल 39 दिन हीट वेव दर्ज की गई। वहीं ये संख्या 2011 से 21 के बीच बढ़ कर 66 दिनों तक पहुंच गई।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले अगले पांच सालों में हालात और भी मुश्किल होने की आशंका है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 80 प्रतिशत संभावना है कि अगले पांच वर्षों में से किसी एक साल औद्योगिक युग की शुरुआत की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान दर्ज किया जाएगा। वहीं नासा की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मई महीने में गर्मी ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। ये अब तक का सबसे गर्म मई का महीना रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 1.5°C से अधिक तापमान बढ़ने से जलवायु परिवर्तन के कहीं अधिक गंभीर प्रभाव और एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट्स जोखिम पैदा होंगे। तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी से भी मौसम में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। गौरतलब है कि पेरिस समझौते के तहत, देशों ने दीर्घकालिक वैश्विक औसत सतही तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2°C से नीचे रखने और इस सदी के अंत तक इसे 1.5°C तक सीमित रखने के प्रयासों पर सहमति जताई है।

डब्ल्यूएमओ की इस रिपोर्ट के मुताबिक 2024 और 2028 के बीच हर साल के लिए वैश्विक औसत सतही तापमान 1850-1900 की आधार रेखा से 1.1 डिग्री सेल्सियस और 1.9 डिग्री सेल्सियस तक अधिक होने का अनुमान है। यूनाइटेड नेशन इनवायरमेंट प्रोग्राम के पूर्व निदेशक राजेंद्र माधवराव शेंडे कहते हैं नासा की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से मई 2024 के बीच हर महीने औसत अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा बना रहा। वहीं इस साल मई का महीने अब तक के सबसे गर्म महीने के तौर पर दर्ज किया गया है। ये रिपोट्स बताती हैं कि आने वाले दिनों में हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बाढ़, सूखा, पीने के पानी की किल्लत, चक्रवात और हीटवेव जैसी घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। ग्लेशियर के तेजी से गलने से एक तरफ जहां बाढ़ जैसी स्थितियां बनेंगी वहीं समुद्र के स्तर में भी वृद्धि देखी जाएगी। इन सब हालातों के बीच सबसे बड़ी चुनौती खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा। क्योंकि मौसम में बदलाव से फसल चक्र पर भी असर होगा। वहीं अचानक तेज बारिश जा सूखे जैसे हालात से भी फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ेगी।

बढ़ती गर्मी साफ संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में हमारे लिए मुश्किल बढ़ेगी। इन हालातों को देखते हुए हमें अभी से तैयारियां तेज करनी होंगी हमें फसलों के ऐसे बीज तैयार करने होंगे जो गर्मी को बर्दाश्त कर सकें। वहीं हमें ऐसी फसलें विकसित करनी होंगी जो बेहद कम पानी में बेहतर उत्पादन कर सकें। वहीं हमें विकास के मॉडल भी पर्यावरण को ध्यान में रख कर बनाने होंगे। हमें इस तरह के घर बनाने होंगे जिनमें कम गर्मी हो, हमें हरियाली को बढ़ाना होगा, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन पर भी लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

एनआरडीसी इंडिया के लीड, क्लाइमेट रेजिलिएंस एंड हेल्थ अभियंत तिवारी कहते हैं कि डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट से साफ हो जाता है कि आने वाले सालों में मुश्किल काफी बढ़ने वाली है। क्लाइमेट चेंज के चलते गर्मी के साथ ही आर्द्रता का स्तर भी बढ़ रहा है। इसके चलते हीट स्ट्रेस की स्थिति तेजी से बढ़ी है। सामान्य तौर पर 35 डिग्री से ज्यादा तापमान और हवा में उच्च आर्द्रता होने पर लोगों को सामान्य से ज्यादा गर्मी महसूस होती है। ऐसी स्थिति में हीट स्ट्रेस की स्थिति बनती है। बढ़ती हीटवेव जैसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से अर्ली वॉर्निंग सिस्टम भी तैयार किया गया है। जिसके आधार पर सरकार उचित कदम उठाने के लिए अलर्ट जारी करती है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि ये सूचनाएं समय रहने सभी जिम्मेदार व्यक्ति तक पहुंच सकें और वो उचित कदम उठाएं। वहीं दूसरी सबसे बड़ी चिंता क्लाइमेट चेंज के चलते तापमान में आ रहे बदलाव के चलते बढ़ता बीमारियों का खतरा है। उदाहरण के तौर पर पहाड़ों के ठंडे मौसम के चलते वहां पहले मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां नहीं होती थीं। लेकिन वहां जलवायु परितर्वन के चलते तापमान बढ़ा और अब ये स्थिति हो रही है कि मच्छरों को पनपने के लिए वहां बेहतर पर्यावरण मिल रहा है। इससे वहां मच्छरों से होने वाली बीमारियां बढ़ी हैं। इस तरह की मुश्किलों को देखते हुए हमें अपने हेल्थ केयर सिस्टम को भी और मजबूत करना होगा। हमें कुछ ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि आपात स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाए जा सकें।

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