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न्यायिक कामकाज से हटाए गए जस्टिस वर्मा, सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट वेबसाइट पर डाली; जले नोटों की तस्वीरें भी जारी

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 3:25am

जेएनएन, नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के मामले में कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।

रिपोर्ट मिलने के बाद आंतरिक जांच का आदेश

सीजेआइ ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय से रिपोर्ट मिलने के बाद आंतरिक जांच का आदेश दिया और उनसे जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने के लिए कहा। यानी जस्टिस वर्मा के खिलाफ न सिर्फ तीन न्यायाधीशों की कमेटी जांच करेगी, बल्कि उनसे न्यायिक कार्य भी वापस ले लिया जाएगा।

#WATCH | The Supreme Court released the inquiry report filed by Delhi High Court Chief Justice Devendra Kumar Upadhyaya into the controversy relating to High Court Justice Yashwant Varma. In his report, the Delhi High Court Chief Justice said that he is of the prima facie opinion… pic.twitter.com/1xgMh8xWNW

— ANI (@ANI) March 22, 2025

जले नोटों की तस्वीरें भी जारी

शीर्ष अदालत ने जस्टिस उपाध्याय की जांच रिपोर्ट वेबसाइट पर डाल दी है, जिसमें जले नोटों की तस्वीरें देखी जा सकती हैं। दूसरी तरफ जस्टिस वर्मा ने कहा है कि घर के स्टोररूम में न तो मैंने और न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य ने कभी नकदी रखी थी।

जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया अपनाते हुए सीजेआइ ने जो तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, उसमें पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।

एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर रात अपनी वेबसाइट पर जस्टिस वर्मा के आवास पर कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी मिलने की पूरी जांच रिपोर्ट अपलोड कर दी। जांच रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के आवास पर होली की रात को आग बुझाने के अभियान के वीडियो और फोटो भी शामिल हैं, जिस दौरान नकदी मिली थी।

भारतीय मुद्रा के चार से पांच अधजले ढेर पाए गए थे

जस्टिस उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत 25 पन्नों की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मुद्रा के चार से पांच अधजले ढेर पाए गए थे।

घटना की रिपोर्ट, उपलब्ध सामग्री और जस्टिस वर्मा के जवाब की जांच करने पर मुझे पता चला कि पुलिस आयुक्त ने 16 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात गार्ड का हवाला देते हुए कहा गया कि जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से मलबा और अन्य आंशिक रूप से जली हुई वस्तुएं 15 मार्च की सुबह हटा दी गई थीं।

पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता

जस्टिस उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मेरे द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया बंगले में रहने वाले लोगों, नौकरों, माली और सीपीडब्ल्यूडी कर्मियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कमरे में प्रवेश की संभावना नहीं दिखती है। इसे देखते हुए मैं प्रथम दृष्टया इस राय पर हूं कि पूरे मामले की गहन जांच की आवश्यकता है। जस्टिस उपाध्याय ने घटना के संबंध में साक्ष्य और जानकारी एकत्र करने के लिए आंतरिक जांच की थी।

जले हुए नोट अगले दिन किसने हटाए- सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल

जस्टिस उपाध्याय की ओर से जस्टिस वर्मा को लिखे पत्र में कहा गया कि वह पूरे प्रकरण के चलते न तो अपने मोबाइल से डाटा डिलीट करें और न ही मोबाइल नष्ट करें। 21 मार्च को लिखे गए इस पत्र में जस्टिस वर्मा से धन के स्त्रोत के बारे में जानकारी मांगी गई थी। साथ ही पूछा गया था कि जले हुए नोट अगले दिन किसने हटाए?

वर्मा को 22 मार्च को दोपहर 12 बजे तक यह जानकारी देने के लिए कहा गया था। बताते चलें, गत 14 मार्च को रात करीब साढ़े 11 बजे जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आग लगने के बाद अग्निशमन विभाग आग बुझाने पहुंचा। तभी कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने की खबर सामने आई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी तस्वीरों में बड़ी मात्रा में जले नोटों को देखा जा सकता है।

जस्टिस वर्मा ने कहा, नकदी से मेरा या मेरे परिवार का कोई संबंध नहीं

जस्टिस वर्मा ने कहा है कि घर के स्टोररूम से बरामद नकदी से उनका या परिवार का कोई संबंध नहीं है। स्टोररूम में न तो मैंने और न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य ने कोई नकदी रखी थी। मैं इस बात का खंडन करता हूं कि नकदी हमारी थी। यह विचार या सुझाव कि यह नकदी हमारे द्वारा रखी गई होगी यह पूरी तरह से बेतुका है।

प्रेस में बदनाम करने से पहले कुछ जांच की होती

आगे कहा कि यह सुझाव कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास एक खुले, इजी-एक्सेसबल और आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में या आउट हाउस में नकदी स्टोर कर सकता है, अविश्वसनीय है। यह एक ऐसा कमरा है, जो मेरे रहने के क्षेत्र से पूरी तरह से अलग है। एक चारदीवारी मेरे रहने वाले हिस्से को उस आउट हाउस से अलग करती है। मैं केवल यही कहना चाहता हूं कि मीडिया ने मुझ पर आरोप लगाने और प्रेस में बदनाम करने से पहले कुछ जांच की होती।

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नौसेना का स्वदेशी फ्रिगेट 'तवस्या' गोवा शिपयार्ड में लॉन्च, अत्याधुनिक हथियार प्रणाली से लैस

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 3:00am

 पीटीआई, पणजी। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट 1135.6 श्रेणी दूसरे युद्धपोत (फ्रिगेट) 'तवस्या' को शनिवार को लांच किया गया। इस कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, नौसेना कमांडर वाइस एडमिरल संजय जे सिंह और अन्य वरिष्ठ नौसैनिक व सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे।

युद्धपोत का शुभारंभ नीता सेठ द्वारा किया गया

युद्धपोत का शुभारंभ नीता सेठ द्वारा किया गया। 'तवस्या' नाम महाभारत के महान योद्धा भीम की गदा से प्रेरित है, जो भारतीय नौसेना की अटूट शक्ति और बढ़ती ताकत का प्रतीक है। इस युद्धपोत का निर्माण भारत में ही किया गया है।

इससे 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को मजबूती मिलेगी। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और रक्षा मंत्रालय के बीच 25 जनवरी 2019 को दो प्रोजेक्ट 1135.6 फालो आन युद्धपोतों के निर्माण का अनुबंध हुआ था।

तवस्या का लॉन्च भारतीय नौसेना के लिए बड़ी छलांग

सेठ ने लॉन्च के अवसर पर कहा कि यह लॉन्च भारत के नौसेना इतिहास में एक निर्णायक क्षण है, जो हमारी तकनीकी क्षमताओं और आत्मनिर्भरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" उन्होंने जहाज पर विभिन्न प्रणालियों के सफल स्थानीयकरण का जिक्र करते हुए कहा कि तवस्या का लॉन्च भारतीय नौसेना के लिए न केवल एक कदम आगे है, बल्कि भारत की रणनीतिक रक्षा महत्वाकांक्षाओं के लिए एक बड़ी छलांग है।

पहले युद्धपोत 'त्रिपुत' को 23 जुलाई 2024 को लांच किया गया

पहले युद्धपोत 'त्रिपुत' को 23 जुलाई 2024 को लांच किया गया था। ये युद्धपोत सतह, पानी के नीचे और हवाई हमलों से निपटने के लिए डिजाइन किए गए हैं। 'तवस्या' और 'त्रिपुत' की लंबाई लगभग 125 मीटर है। इनका कुल भार लगभग 3600 टन है और अधिकतम गति 28 नाट्स तक जा सकती है।

देश की सामरिक क्षमता में वृद्धि होगी

ये युद्धपोत स्टील्थ फीचर्स, अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और आधुनिक प्लेटफार्म प्रबंधन प्रणालियों से लैस हैं। इस परियोजना के तहत स्वदेशी उपकरण, हथियार और सेंसर लगाए जा रहे हैं, जिससे रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार सृजन होगा और देश की सामरिक क्षमता में वृद्धि होगी।

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Manipur: सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों का दल पहुंचा मणिपुर, हिंसा पीड़ितों से की मुलाकात

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 3:00am

 पीटीआई, चूड़चंदपुर। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने उम्मीद जताई है कि जातीय संघर्ष से त्रस्त मणिपुर में ''मौजूदा मुश्किल दौर'' कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की सहायता से जल्द खत्म हो जाएगा और राज्य देश के बाकी हिस्सों की तरह समृद्ध होगा।

जस्टिस बीआर गवई ने सभी समुदायों से शांति की अपील की

शनिवार को जस्टिस गवई ने मणिपुर का दौरा करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।

मई, 2023 से इंफाल घाटी स्थित मैतेई और आसपास के पहाड़ों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के पांच दिन बाद 13 फरवरी को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।

चूड़चंदपुर जिले में एक राहत शिविर का दौरा किया

अधिकारियों ने बताया कि जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट के जज विक्रम नाथ, एमएम सुंदरेश और केवी विश्वनाथन के साथ चूड़चंदपुर जिले में एक राहत शिविर का दौरा किया और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से मुलाकात की।

बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के जजों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल और मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह कुकी बहुल चूड़चंदपुर नहीं गए क्योंकि वहां वकीलों के एक संगठन ने इस पर आपत्ति जताई थी। जस्टिस सिंह ने अपनी यात्रा का समापन बिष्णुपुर जिले में किया।

एक कानूनी सहायता क्लिनिक का भी वर्चुअल उद्घाटन किया

जजों के प्रतिनिधिमंडल ने चूड़चंदपुर जिलान्तर्गत लामका इलाके में स्थित मिनी सचिवालय से एक कानूनी सेवा शिविर, एक चिकित्सा शिविर और एक कानूनी सहायता क्लिनिक का भी वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलू भी मौजूद थे।

सभा को संबोधित करते हुए जस्टिस गवई ने कहा, ''हमारा देश विविधता में एकता का सच्चा उदाहरण है। भारत हम सभी का घर है। हम जानते हैं कि आप सभी एक कठिन दौर से गुजेर रहे हैं। लेकिन, कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका - सभी के सहयोग से यह दौर थोड़े समय में ही समाप्त हो जाएगा।''

हमारा संविधान एक महान दस्तावेज है- जस्टिस गवई

उन्होंने कहा, ''हमारा संविधान एक महान दस्तावेज है। जब हम अपने देश की तुलना अपने पड़ोसी देशों से करेंगे तो हमें एहसास होगा कि हमारे संविधान ने हमें मजबूत और एकजुट रखा है। संविधान पर विश्वास रखें..एक दिन मणिपुर में पूरी तरह शांति लौट आएगी और राज्य पूरे देश की तरह समृद्ध होगा।''

जस्टिस गवई ने राज्य के लोगों से शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।

सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पहले दी गई 1.5 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त 2.5 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने कहा, ''लोगों को सशक्त करने के उद्देश्य से एक न्यायपूर्ण समाज के लिए न्याय, स्वास्थ्य सेवा और अवसरों तक पहुंच के सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।''

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कतर में हिरासत में लिया गया भारतीय नागरिक, विदेश मंत्रालय ने कहा- हम संपर्क में हैं

Dainik Jagran - National - March 23, 2025 - 1:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। कतर में एक भारतीय नागरिक को हिरासत में लिया गया है। भारतीय तकनीकी कंपनी में काम करने वाले भारतीय नागरिक अमित गुप्ता के खिलाफ आरोपों का अभी पता नहीं चल पाया है।

सूत्रों ने बताया कि भारतीय दूतावास को अमित गुप्ता को कतर के अधिकारियों की ओर से हिरासत में लिए जाने की जानकारी है। यह मामला कतर की सरकार की तरफ से चल रही एक जांच से जुड़ा हुआ है।

अधिकारियों के संपर्क में भारतीय दूतावास

वहीं विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कतर में भारतीय दूतावास अमित गुप्ता के परिवार, उनके वकील और कतर के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। भारतीय दूतावास इस मामले में पूरी तरह नजर बनाए हुए है।

इस मामले में सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले को नजदीकी से देखा जा रहा है और अमित गुप्ता को न्याय दिलाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुप्ता कतर में आईटी फर्म के साथ करीब 10 साल से काम कर रहा था और कतर के अधिकारियों ने उसे जनवरी की शुरुआत में हिरासत में लिया था।

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48 हजार करोड़ की धोखाधड़ी मामले में ED का एक्शन, प‌र्ल्स ग्रुप के पूर्व प्रमुख का दामाद गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - March 22, 2025 - 11:59pm

एएनआई, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 48,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में प‌र्ल्स समूह के पूर्व प्रमुख दिवंगत निर्मल सिंह भंगू के दामाद हरसतिंदर पाल सिंह को गिरफ्तार किया है। ईडी ने शनिवार को एक बयान में इस आशय की जानकारी दी।

ईडी के दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय ने 21 मार्च को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रविधानों के तहत हरसतिंदर को पीएसीएल लिमिटेड के मामले में गिरफ्तार किया।

1996 में हुई पीएसीएल लिमिटेड की स्थापना

पीएसीएल लिमिटेड को ''प‌र्ल्स'' के नाम से भी जाना जाता है। यह एक रियल एस्टेट कंपनी है जिसकी स्थापना 1996 में हुई थी और निवेशकों से कथित रूप से अवैध रूप से धन एकत्र करने के लिए इसे जांच का सामना करना पड़ा था। इसके कारण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उस पर प्रतिबंध लगा दिया था।बहरहाल, हरसतिंदर पाल सिंह को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

48 हजार करोड़ का चूना लगाया?

ईडी ने पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, पीजीएफ लिमिटेड, निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 120-बी और 420 के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआइआर) के आधार पर जांच शुरू की।

ईडी ने एक बयान में कहा, ''वे निवेशकों को धोखा देने के लिए फर्जी निवेश योजनाओं के संचालन में शामिल थे। इन योजनाओं के माध्यम से पीएसीएल और उसके निदेशकों ने निवेशकों को लगभग 48,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया।''

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निखारे जाएंगे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक करोड़ से अधिक अधिकारी-कर्मचारी, बूथ स्तर से शुरू होगा अभियान

Dainik Jagran - National - March 22, 2025 - 11:45pm

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने को लेकर पूरी ताकत से जुटे चुनाव आयोग ने कुछ और नए कदम उठाए है। जिसमें चुनाव से किसी न किसी रूप में जुड़े देश भर के एक करोड़ से अधिकारियों और कर्मचारियों को निखारने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।

एक विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा

इन सभी को अपने काम-काज को बेहतर तरीके से करने के लिए क्षमता निर्माण से जुड़ा एक विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि वह चुनाव से जुड़े कामों को त्रुटिरहित तरीके से और तय समय में पूरा कर सकें।

चुनाव आयोग की जिम्मेदारी संभालने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर इस दिशा में पहल तेज हुई है। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। आयोग का मानना है कि चुनाव को त्रुटिरहित बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि देशभर में चुनाव की जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों को उनकी भूमिका और दायित्वों को लेकर ठीक ढंग से प्रशिक्षित किया जाए।

प्रशिक्षण जल्द ही बूथ स्तर से शुरू होगा

आयोग के मुताबिक प्रशिक्षण जल्द ही बूथ स्तर से शुरू होगा। जो जिला व राज्य स्तर पर अलग चरणों में आयोजित होगा। पिछले महीने भर में चुनाव आयोग ने चुनाव सुधार को लेकर कई और कदम उठाए है। इनमें मतदाता सूची की गड़बड़ियों व दोहराव को खत्म करने के लिए मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने और यूनिक ईपिक नंबर प्रदान करने जैसी अहम पहल शामिल है।

गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में साढ़े दस लाख से अधिक मतदान केंद्र है। चुनाव के दौरान प्रत्येक केंद्र पर औसतन छह से सात कर्मचारियों की तैनाती दी जाती है। वहीं सभी मतदान केंद्र पर एक-एक बूथ लेवल आफीसर (बीएलओ) होता है, जो पूरे समय वह मतदाता सूची को संशोधित करने का काम करता है।

चुनाव आयोग के निर्देश पर 31 मार्च तक ईआरओ, डीईओ और सीईओ को बुलानी है बैठक

चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ संवाद को भी आगे बढ़ाया है। इस दिशा में शनिवार को ही देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचन पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) ने राजनीतिक दलों के साथ चार हजार से अधिक बैठकें की है।

जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और बूथ लेवल एजेंट आदि मौजूद थे। इस दौरान राजनीतिक दलों की मतदाता सूची सहित चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी शिकायतों और सुझावों को सुना गया।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर 31 मार्च 2015 तक देश भर की सभी विधानसभाओं, जिला और राज्य स्तर पर राजनीतिक दलों के साथ बैठकें आयोजित की जानी है। इस दिशा में संवाद शुरू कर दिया गया है।

राजनीतिक दलों के साथ होगी आयोग की बैठक

आयोग के मुताबिक राजनीतिक दलों के साथ विधानसभा जैसी 788 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) के साथ और 36 बैठकें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में राज्य निर्वाचन अधिकारी ( सीईओ) के साथ होनी है। बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए है।

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Iftar Party: नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में नहीं शामिल होगा बिहार का यह प्रमुख मुस्लिम संगठन, कर दी घोषणा

Dainik Jagran - March 22, 2025 - 11:37pm

पीटीआई, पटना। बिहार में एक प्रमुख मुस्लिम संगठन ने शनिवार को घोषणा की है कि वह वक्फ विधेयक के प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन के विरोध में उनके इफ्तार के निमंत्रण को ठुकरा रहे हैं।

इमारत शरिया, जिसका दावा है कि उसके अनुयायी बिहार, झारखंड और ओडिशा में हैं, उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित होने वाले इफ्तार के निमंत्रण के जवाब में पत्र की एक प्रति साझा की है।

पत्र में कहा गया है कि 23 मार्च को सरकारी इफ्तार में शामिल न होने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय वक्फ विधेयक के प्रति आपके (नीतीश कुमार) के समर्थन को देखते हुए लिया गया है, जिससे मुसलमानों का आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ापन बढ़ने का खतरा है।

राजद जिला कार्यालय परिसर में आयोजित हुई दावत-ए-इफ्तार

वहीं, दूसरी ओर हाजीपुर शहर के चौरसिया चौक स्थित राजद कार्यालय परिसर में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन प्रदेश महासचिव एवं पूर्व प्रत्याशी देव कुमार चौरसिया के नेतृत्व में की गई।

इस दौरान जुमे के मगरीब की नमाज अदा की गई। मौलाना आसिफ जमील ने नमाज पढ़ाई। इफ्तार में लगभग 500 रोजेदार शामिल थे। देव कुमार चौरसिया ने कहा कि आज जुमे का दिन काफी महत्वपूर्ण है।

राजद जिला कार्यालय परिसर में आयोजित इफ्तार पार्टी।

रमजान के तीसरे चरण की शुरुआत आज मगरीब की नवाज के बाद शुरू की जाती है। इफ्तार में अनवरपुर जमा मस्जिद सचिव मो. नसर इमाम, मो. मासूम रजा, शमीम अख्तर, जसीम अहमद, मुश्ताक अहमद, नौशाद आलम, मो. शमीम आदि शामिल थे।

दावत-ए-इफ्तार में दिखा सामाजिक एकता का प्रतिबिंब

वहीं, बक्सर में जैसे-जैसे ईद का पर्व नजदीक आ रहा है, दावत-ए-इफ्तार के जरिए आपसी सौहार्द एवं भाईचारे का संदेश देने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

शनिवार को सिमरी प्रखंड के काजीपुर में इश्क-ए-मोहम्मदिया कमेटी की जानिब से दावत-ए- इफ्तार का आयोजन किया, जिसमें अकीदतमंदों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराई।

इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोजा तोड़ने के पूर्व सामूहिक तौर पर नमाज अदा कर अल्लाह के बताए संदेश को याद किया।

बक्सर में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन।

इस मौके पर काजीपुर स्थित जामा मस्जिद के इमाम हाफिज फरीद आलम ने कहा कि इफ्तार के वक्त रोजेदारों की सभी दुआएं कबूल होती हैं।

शाम के वक्त रोजेदार अपने दस्तखान पर इफ्तार तो रखता है, पर अल्लाह के हुक्म के बिना वह इफ्तार नहीं करता।

वहीं, शिक्षाविद काजी उज्जैर आलम ने कहा कि समाज में आपसी सौहार्द और भाईचारा कायम रखने के लिए इफ्तार पार्टी किया गया था और हर साल इसकी पुनरावृत्ति होगी।

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पत्नी के साथ बेल्जियम में छिपा है मेहुल चोकसी, अब स्विटजरलैंड भागने की तैयारी; प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटा भारत

Dainik Jagran - National - March 22, 2025 - 11:29pm

पीटीआई, नई दिल्ली। भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी वर्तमान में बेल्जियम के एंटवर्प में अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा है। उसने वहां रेजिडेंसी कार्ड हासिल कर लिया है।

कैरेबियाई क्षेत्र की रिपोर्ट देने वाले मीडिया आउटलेट एसोसिएटेड टाइम्स ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने बेल्जियम के अधिकारियों से भारत में उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया है।

पहले एंटीगुआ में रह रहा था चोकसी

भारतीय अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट की तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई। 13,500 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भारत में वांछित चोकसी के बारे में माना जाता है कि वह बेल्जियम जाने से पहले एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा था।

उसकी पत्नी प्रीति बेल्जियम की नागरिक है। मीडिया आउटलेट ने बताया कि चोकसी वर्तमान में देश में 'एफ रेजीडेंसी कार्ड' हासिल करके अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम के एंटवर्प में रह रहा है।

झूठे दस्तावेज दिखाकर पाई रेजीडेंसी
  • रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चोकसी ने भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए बेल्जियम में निवास प्राप्त करने के लिए भ्रामक और मनगढ़ंत दस्तावेज दिए। रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि चोकसी ने बेल्जियम के अधिकारियों को झूठे घोषणापत्र और जाली दस्तावेज सौंपे और अपनी आवेदन प्रक्रिया में अपनी राष्ट्रीयता को गलत तरीके से प्रस्तुत किया, भारत और एंटीगुआ की अपनी मौजूदा नागरिकता के विवरण का खुलासा करने में विफल रहा।
  • इसमें कहा गया है कि वह कथित तौर पर एक प्रसिद्ध कैंसर अस्पताल में चिकित्सा उपचार के आधार पर स्विट्जरलैंड जाने की योजना बना रहा है। चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी ने कथित तौर पर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का उपयोग करके सरकारी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 13,500 करोड़ रुपये का सार्वजनिक धन निकाला।
  • लंदन की जेल में बंद नीरव मोदी अदालतों द्वारा बार-बार जमानत देने से इनकार करने के बाद भारत में अपने प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है। मई 2021 में, चोकसी एंटीगुआ से लापता हो गया था, लेकिन बाद में उसका पता चल गया था।

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