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RSS के 100 वर्ष: राष्ट्र निर्माण की नई रणनीति, नए संकल्प; क्या क्या बोले सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक के अंतिम दिन मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को किया और समाज से उनके बलिदान से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी के लिए दिए गए उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता और हर नागरिक को उनके संघर्ष से सीख लेनी चाहिए।
महारानी अब्बक्का को किया यादहोसबोले ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में रानी अब्बक्का को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि यह भारत की महान महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक) के छोटे से राज्य उल्लाल की बहादुरी से रक्षा की और विदेशी ताकतों को चुनौती दी। भारत सरकार ने 2003 में उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया और 2009 में एक गश्ती पोत का नाम उनके नाम पर रखा। उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए उनके साहस और नेतृत्व से प्रेरणा लेने की अपील की।
संघ के 100 वर्षों का सफर और आगे की योजनाएंदत्तात्रेय होसबोले ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ 100 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ इस उपलब्धि को केवल जश्न के रूप में नहीं देखता, बल्कि इसे आत्मचिंतन और पुनःसमर्पण का अवसर मानता है। संघ तीन प्रमुख बातों पर केंद्रित रहेगा
1. आत्मविश्लेषण और सुधार
2. समाज के समर्थन को स्वीकार करना
3. राष्ट्र सेवा के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना
संघ के शताब्दी वर्ष में होंगी विशेष गतिविधियांसंघ ने अपनी शताब्दी के अवसर पर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की योजना बनाई है:
विजयादशमी 2025 से होगी शुरुआत
विजयादशमी 2025 को संघ के गणवेश में स्वयंसेवकों के नगर और खंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जहां सरसंघचालक स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।
घर-घर संपर्क अभियान
नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक संघ का साहित्य वितरित किया जाएगा और "हर गांव, हर बस्ती-घर-घर" अभियान के तहत व्यापक जनसंपर्क किया जाएगा।
हिंदू सम्मेलन और सामाजिक सद्भाव बैठकें
हर मंडल या बस्ती में हिंदू सम्मेलन आयोजित होंगे, जिनमें समाज में एकता और समरसता का संदेश दिया जाएगा। इसके अलावा, शहर स्तर पर सामाजिक सद्भावना बैठकों का आयोजन किया जाएगा, जहां भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत बनाए रखने और आधुनिक जीवन के संतुलन पर चर्चा होगी।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका
संघ युवाओं को विशेष रूप से जोड़ने के लिए 15-30 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कार्यक्रम तैयार करेगा। इन कार्यक्रमों का फोकस राष्ट्र निर्माण, सेवा कार्य और समाज में सकारात्मक बदलाव पर होगा।
राष्ट्रीय मुद्दों पर संघ का दृष्टिकोणवक्फ कानून को निरस्त करने की हिंदू संगठनों की मांग पर दत्तात्रेय होसबोले जी ने कहा कि वक्फ द्वारा जमीन के अतिक्रमण से कई किसान प्रभावित हैं। सरकार इस समस्या के समाधान पर काम कर रही है और इसमें जो भी त्रुटियां हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए।
औरंगज़ेब पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज की बेहतरी के लिए जो लोग प्रेरणास्रोत हैं, उन्हें ही आदर्श माना जाना चाहिए, न कि वे जो असहिष्णुता के प्रतीक रहे हैं। उन्होंने मानसिक उपनिवेशवाद के खतरे को रेखांकित करते हुए कहा कि 1947 में राजनीतिक आज़ादी मिली, लेकिन मानसिक उपनिवेशवाद अब भी एक वास्तविकता है, जिसे खत्म करना ज़रूरी है।
मणिपुर की स्थिति और हिंदू समाज का नवजागरणमणिपुर की स्थिति पर होसबोले जी ने कहा कि सरकार अपने आकलन के आधार पर कदम उठा रही है और संघ का मत यही है कि हर संभव प्रयास किए जाएं ताकि वहां स्थिति सामान्य हो सके और लोग शांति से रह सकें।
संघ के पिछले 100 वर्षों के एजेंडे पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संघ का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज का नवजागरण रहा है। उन्होंने माना कि अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों के कारण यह कार्य चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन संघ की शाखाएं और गतिविधियां इसे दूर करने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
संघ का लक्ष्य-एक संगठित और सशक्त राष्ट्रदत्तात्रेय होसबोले जी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि संघ केवल संगठन नहीं, बल्कि एक विचारधारा है जो समाज को जोड़ने और सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ अपनी गतिविधियों को और व्यापक बनाने का संकल्प लेता है ताकि राष्ट्र के पुनर्निर्माण में हर नागरिक की भूमिका सुनिश्चित हो।
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‘Aurangzeb not Muslims’ hero’: AIMIM leader Imtiaz Jaleel says cops taking one-sided action after Nagpur violence - The Indian Express
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असम में कक्षा 11वीं की परीक्षाएं रद, पेपर लीक की खबर के बाद बोर्ड ने लिए लिया फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वोत्तर राज्य असम में राज्य बोर्ड की कक्षा 11वीं की 24 मार्च से 29 मार्च तक होने वाली सभी परीक्षाओं को रद कर दिया गया है। इस बात की जानकारी शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने दी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के कई स्थानों से परीक्षा पेपर लीक होने की खबरें सामने आई हैं।
इन खबरों का संज्ञान लेते हुए कक्षा 11वीं की 24 मार्च से 29 मार्च तक होने वाली सभी परीक्षाओं को रद करने का फैसला लिया गया है। आने वाले दिनों में अधिकारी नई तारीखों का एलान करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने दी जानकारीसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि गणित का पेपर लीक हो गया क्योंकि राज्य भर में तीन सरकारी संस्थानों सहित 18 स्कूलों ने निर्धारित परीक्षा से एक दिन पहले सुरक्षा सील तोड़ दी। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने और प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबरों के कारण, एचएस प्रथम वर्ष की परीक्षा 2025 (24-29 मार्च से निर्धारित) के शेष विषयों को रद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसी तरह से नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन अन्य स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी।
21 मार्च को गणित का पेपर हुआ लीक
- जानकारी दें कि इससे पहले असम राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एएसएसईबी) का 21 मार्च को होने वाला उच्चतर माध्यमिक प्रथम वर्ष का गणित का पेपर भी लीक हो गया था।
- इस पेपर लीक के बाद अधिकारियों ने सभी परीक्षाओं रद करने का फैसला लिया था। अब कक्षा 11वीं की 24 मार्च से होने वाली सभी परीक्षाओं को रद कर दिया गया।
- बता दें कि कक्षा 11वीं की सभी विषयों की परीक्षाएं छह मार्च से शुरू हुईं और 29 मार्च तक होने वाली थीं।
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Surbhi Raj Murder: सुरभि की किससे थी दुश्मनी, 7 गोलियां क्यों मारीं? कातिलों पर कैसे कसेगा शिकंजा, उलझन में पुलिस
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार स्थित धनुकी मोड़ के समीप शनिवार की दोपहर एशिया अस्पताल की संचालिका सुरभि राज (30) के कार्यालय कक्ष में घुस कर गोलियों से भून डाला।
मौके पर ही उनकी मौत हो गई। काफी देर बाद जब एक महिला स्वास्थ्यकर्मी संचालिका के चैंबर में गई तो सुरभि को फर्श पर खून से लथपथ देखा। इसके बाद उन्हें अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां से सहकर्मी सुरभि को एम्स, पटना लेकर गए।
वहां डाक्टरों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की। एम्स में ही सुरभि का पोस्टमार्टम कराया गया। उनके शरीर से सात गोलियां निकलने की जानकारी मिली है।
हैरत की बात है कि वारदात के समय दर्जन भर से अधिक मरीज, उनके तीमारदार और कर्मचारी अस्पताल में मौजूद थे, लेकिन किसी ने हत्यारों को अंदर आते नहीं देखा और हत्या की भनक भी नहीं लगी। ऐसे में हत्यारों द्वारा साइलेंसर पिस्टल का उपयोग किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
दोपहर करीब ढाई बजे हुई वारदातअब तक की जांच में मालूम हुआ है कि अस्पताल में सवा दो बजे एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग आए थे। वे तीन बजे निकल गए। संचालिका का चैंबर काफी छोटा है। घटना के वक्त उनके पति राकेश रौशन अस्पताल में नहीं थे।
वह पति का इंतजार कर रही थीं। लगभग तीन बजे महिला स्वास्थ्यकर्मी चैंबर में गई तो उसने अचेत अवस्था में सुरभि को देखा। उसके शोर मचाने पर बाकी कर्मचारी आए और आईसीयू में लेकर गए।
हालांकि, नब्ज नहीं मिल रही थी। इस बीच उनके पति को सूचना दी गई। एंबुलेंस से सुरभि के साथ राकेश भी एम्स पहुंचे थे।
अभी तक नहीं मिला कोई सुरागघटना की सूचना मिलते ही अगमकुआं थानेदार नीरज कुमार पांडेय दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। एफएसएल और डॉग स्क्वायड ने भी घटनास्थल का मुआयना किया, लेकिन कोई सुराग अब तक नहीं मिल पाया।
थानेदार कर्मियों और स्वजन से जानकारी हासिल कर रहे हैं। सुरभि के काल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो संचालिका के चैंबर में सीसी कैमरे नहीं लगे थे।
पुलिस ने अस्पताल में लगे कैमरों के फुटेज देखे, मगर कोई संदिग्ध नहीं मिला। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हत्यारा अस्पताल के कोने-कोने से वाकिफ है। उसने चैंबर में घुसते ही फायरिंग की और वारदात को अंजाम देकर उस रास्ते से फरार हुआ, जहां कैमरे नहीं लगे थे।
चैंबर में नहीं लगे थे सीसी कैमरेसुरभि हत्याकांड में संदेह की सुई करीबी के आसपास ही घूम रही है। पुलिस को वारदात की जानकारी लगभग दो घंटे बाद मिली। वहीं, अस्पताल के सफाईकर्मी ने चैंबर में पसरा खून भी साफ कर दिया था। कुछ महीने पहले अस्पताल का विस्तार हुआ था।
नए स्थान पर ही सुरभि का चैंबर है। वहां निर्माण कार्य चल रहा था। इस कारण सीसी कैमरे नहीं लगे थे। चैंबर में जाने से पहले सुरभि ने निर्माण कार्य का जायजा लिया था और आवश्यक निर्देश दिए थे। सुरभि और राकेश दोनों इस अस्पताल के निदेशक बताए जाते हैं। उनके दो पुत्र सुग्गू और डुग्गू हैं।
रंगदारी और भूमि विवाद पर भी पड़तालफिलहाल, पुलिस तीन बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है, जिसमें आपसी रंजिश, रंगदारी और भूमि विवाद शामिल है। सूत्रों की मानें तो हाल में राकेश और सुरभि ने अस्पताल का विस्तार किया था। अस्पताल के पीछे भी भूखंड लिया था।
ऐसे में भूमि विवाद और रंगदारी की बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है। वहीं, आपसी रंजिश के बारे में पता लगाने के लिए अस्पताल के कर्मियों और परिवारजनों से गहन पूछताछ जारी है। पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया है।
निजी अस्पताल की निदेशक की हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। कई बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है। तकनीकी जांच और मानवीय सूचनाओं से आरोपित की पहचान करने का प्रयास जारी है। - अतुलेश झा, एएसपी, पटना सिटी
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'भ्रष्ट हो चुकी न्यायपालिका, दबाव में...', दिल्ली HC जज मामले को लेकर संजय राउत ने BJP पर साधा निशाना
एएनआई, नई दिल्ली। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से मिली भारी नकदी को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं उन्हीं के शासन में हो रही हैं।
जज के घर से मिला 15-20 करोड़ कैश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा के घर से 15 से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है। राउत ने इसे देश की न्यायपालिका पर गहरा धब्बा बताते हुए कहा कि यह न्याय व्यवस्था के भीतर मौजूद भ्रष्टाचार और दबाव की पोल खोलता है।
रविवार को एक प्रेस वार्ता में राउत ने कहा, "सीजेआई ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा जस्टिस वर्मा के घर से कैश जलाने का वीडियो भी जारी किया गया है।"
"यह घटना किसके शासन में हो रही है? प्रधानमंत्री मोदी, जो कहते थे 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' उनके शासन में!" संजय राउत, शिवसेना (यूबीटी)
"इतनी नकदी तो एक दिन की कमाई लगती है"
संजय राउत ने दावा किया कि जस्टिस वर्मा के आवास से मिली नकदी किसी एक दिन की कमाई जैसी प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, "मैं दिल्ली में था जब इस खबर का खुलासा हुआ। यह एक गंभीर मामला है, खासकर जब यह राष्ट्रीय राजधानी की न्यायपालिका से जुड़ा हो।"
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने इस मुद्दे पर न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायपालिका दबाव में काम कर रही है और इसी कारण सुप्रीम कोर्ट में उनकी पार्टी को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा, "यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने 40 बागी विधायकों को सुरक्षा दी, जो असंवैधानिक सरकार का समर्थन कर रहे थे।"
बीजेपी नेता नलिन कोहली की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता नलिन कोहली ने इस घटना पर पारदर्शिता की मांग की। उन्होंने कहा कि इस एक मामले को लेकर पूरी न्यायपालिका की साख पर सवाल उठाना सही नहीं है।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि शुरुआती बरामदगी के बाद नकदी का क्या हुआ, इस पर स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा, "रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जब घर का दौरा किया तो वहां से नकदी गायब थी।"
सुप्रीम कोर्ट ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला गहराई से जांच का विषय है।
जस्टिस यशवंत वर्मा ने इन आरोपों को साजिश करार दिया और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का इस नकदी से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस कमरे में आग लगी थी और जहां यह कैश मिला, वह मुख्य इमारत का हिस्सा नहीं था, बल्कि एक बाहरी स्टोररूम था।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा को निर्देश दिया है कि वे अपने फोन की सभी संचार सामग्री को सुरक्षित रखें, ताकि जांच में कोई बाधा न आए।
आग लगने के बाद सामने आया मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर आग लगने की घटना के दौरान फायर ब्रिगेड को यह नकदी मिली। जब दमकल कर्मियों ने आग बुझाई, तो उन्हें वहां भारी मात्रा में नकदी दिखाई दी। उस समय जस्टिस वर्मा अपने घर पर मौजूद नहीं थे।
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JEEVIKA: जीविका समूहों में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, नीतीश सरकार ने लिया एक्शन; 22 कर्मचारी बर्खास्त
रमण शुक्ला, पटना। सरकार ने प्रखंड एवं जिले स्तर पर विभिन्न जीविका समूहों की आंतरिक आडिट में वित्तीय गड़बड़ियां सामने आने के बाद अनियमितता पर अंकुश लगाने को लेकर मॉनीटरिंग सख्त कर दी है।
ग्रामीण विकास विभाग के आंतरिक जांच में अभी तक 35 से अधिक जिलों में हेराफेरी की पुष्टि हुई है। ऐसे प्रकरण को लेकर शासन ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
सभी प्रकरण वित्तीय अनियमितता संबंधित हैं। इसमें 22 कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। शासन की कार्रवाई में जिन कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है उनमें अलग-अलग जिले एवं प्रंखड से संबंधित प्रकरण सम्मिलित है।
सेवा समाप्त किए गए कर्मियों में जिला परियोजना प्रबंधक से लेकर प्रखंड परियोजना प्रबंधक, वित्त प्रबंधक, क्षेत्री समन्वयक, लेखापाल एवं प्रशिक्षण अधिकारी तक नप गए हैं।
वहीं, 30 अलग-अलग वित्तीय अनियमितता के मामले में एफआइआर की कार्रवाई की गई है। 35 प्रकरण में जांच चल रही है। सर्वाधिक प्रकरण वित्तीय गड़बड़ी से संबंधित हैं।
कहां-कहां हुई एफआइआरऔरंगाबाद जिले में दो (रफीगंज एवं राघोपुर प्रखंड), कटिहार में एक, कैमूर में दो, खगड़िया में दो, गया में दो, नालंदा में दो अलग-अलग मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है।
इसी तरह पटना में एक, पूर्णिया में एक, पूर्वी चंपारण में एक, बेगूसराय में एक, मधेपुरा में एक, मुंगेर में एक, मुजफ्फरपुर में एक, वैशाली में एक, समस्तीपुर में एक, सहरसा में एक, सिवान में तीन, सीतामढ़ी में तीन एवं सुपौल जिले में एक प्रकरण को लेकर प्राथमिकी की कार्रवाई की गई है।
जीविका परियोजना में गड़बड़ी करने वालों की खैर नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार जीरो टालरेंस की नीति से किसी सूरत में समझौता नहीं करेगी। सरकार के लिए वित्तीय अनुशासन एवं कार्य में पारदर्शिता सर्वोपरि है। इसी नीति के तहत जीविका परियोजना में गड़बड़ी करने वाले 22 कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। यही नहीं, 20 कर्मियों पर विभिन्न प्रकार के आर्थिक दंड लगाने के साथ कड़ी चेतावनी भी दी गई है। वित्तीय विचलन की स्थिति में राशि की वसूली के साथ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करवा रहे हैं।-श्रवण कुमार, मंत्री ग्रामीण विकास विभाग
अब महादलित टोलों में जीविका बनवाएंगी शौचालय- उधर, जहानाबाद जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। अब जिले में छूटे हुए महादलित परिवारों को शौचालय निर्माण कराने को लेकर जीविका पहल करेगी।
- इसको लेकर 18000 महादलित परिवारों का शौचालय निर्माण कराने के लिए सर्वे कराया गया है। इन लोगों को अब जीविका बिना ब्याज का अनुदान के रूप में 12000 रुपये उपलब्ध कराएगी।
- शौचालय के निर्माण हो जाने पर पोर्टल पर अपलोड होने के उपरांत जीविका द्वारा खर्च किए गए पैसे का वहन सरकार करेगी। इसके लिए फिलहाल जिले को डेढ़ करोड़ रुपये उपलब्ध हो गए हैं।
- शौचालय का निर्माण बरसात प्रारंभ होने के पूर्व कर लेना है। जीविका को इस कार्य की जिम्मेदारी मिलने से लाभुक शौचालय बनाने में लापरवाही नहीं बरतेंगे।
- सर्वे में शामिल महादलित परिवारों को जीविका से जुड़ना अनिवार्य होगा। बिना जीविका के समूह से जुड़े उन्हें पैसा शौचालय निर्माण के लिए नहीं मिल सकता है।
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Bihar News: सरकार ने घटाया राजस्व संग्रह लक्ष्य, 1219 करोड़ की कर दी कमी; अब अफसरों को करनी है इतनी वसूली
राज्य ब्यूरो, पटना। खान एवं भू-तत्व विभाग ने वर्ष 2024-25 के राजस्व संग्रहण के लक्ष्य में 1219.80 करोड़ रुपये की कमी कर दी है।
वर्ष के प्रारंभ में विभाग ने 5489.03 करोड़ राजस्व वसूलने का लक्ष्य रखा था, जिसे अब घटाकर नया लक्ष्य 4269.23 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
खान एवं भू-तत्व विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई महीनों से हो रही नियमित विभागीय समीक्षा बैठक में कई जिलों से राजस्व संग्रहण की गति बहुत धीमी की जानकारी सामने आ रही थी।
जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों ने इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को कई कारण बताए जिसके तहत राजस्व संग्रहण का तय लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं था।
राजस्व संग्रहण के लक्ष्य में संशोधन का निर्णयविभाग ने उच्चस्तरीय समीक्षा और खनिज विकास पदाधिकारियों की सलाह तथा सरकार की सहमति के बाद राजस्व संग्रहण के लक्ष्य में संशोधन का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि खान एवं भूतत्व विभाग के राजस्व संग्रहण का बड़ा हिस्सा बालू खनन और बिक्री से आता है। विभाग ने सभी तथ्यों के आकलन के बाद 2024-25 में बालू खनन और बिक्री से राजस्व संग्रहण का लक्ष्य 3500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था।
फरवरी 2025 तक विभाग के द्वारा कुल 2605.99 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण किया गया। विभाग ने बची हुई राशि का तेजी से शत-प्रतिशत संग्रहण के लिए सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। इसमें पिछड़ने वाले खनिज विकास पदाधिकारियों पर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
राजस्व सेवा के अधिकारियों की प्रोन्नति के लिए अधिक पद सृजित किए जाएं
वहीं, दूसरी ओर बिहार राजस्व सेवा संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि इस संवर्ग के अधिकारियों से राजस्व के अलावा दूसरा काम न लिया जाए। सभी अंचलों में अंचलाधिकारियों को आवास, गाड़ी एवं अंगरक्षक की सुविधा दी जाए।
रविवार को संघ की वार्षिक आमसभा में सदस्यों ने कहा कि बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों को उनके लिए निर्धारित पदों पर तैनात किया जाए। संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार ने आमसभा की अध्यक्षता की और महासचिव सौरभ कुमार ने संचालन किया।
इस दौरान यह मांग की गई कि पदोन्नति के अवसरों को बढ़ाने के लिए नए पदों का सृजन किया जाए। कई अंचलाधिकारियों ने कहा कि उन्हें जर्जर गाड़ियों से क्षेत्र का भ्रमण करना पड़ रहा है। आमसभा में संघ की ओर से नौ सूत्री मांग पर सहमति बनी और इसे राज्य सरकार को सौंपने का निर्णय लिया गया।
मांग की गई कि दो साल की परीक्ष्यमान अवधि समाप्त होने के बाद बिहार राजस्व सेवा के अधिकारियों को सीधे अंचलाधिकारी के पद पर तैनात किया जाए। उनकी नियुक्ति लेवल नौ के वेतनमान में हो।
आमसभा में तीन सौ से अधिक अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी, अपर जिला भूअर्जन पदाधिकारी सहित इस संवर्ग के अन्य अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में राजस्व प्रशासन को बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा हुई।
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